UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 25 पूँजी

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 25 पूँजी are the part of UP Board Solutions for Class 10 Commerce. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 25 पूँजी.

Board UP Board
Class Class 10
Subject Commerce
Chapter Chapter 25
Chapter Name पूँजी
Number of Questions Solved 28
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 25 पूँजी

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
सम्पत्ति का जो भाग उत्पादन में लगाया जाता है, उसे कहते हैं (2012)
(a) बचत
(b) संचय
(C) पूँजी
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) पूँजी

प्रश्न 2.
पूँजी उत्पत्ति का :साधन होती है।
(a) सक्रिय
(b) अनिवार्य
(C) गतिशील
(d) अनुत्पादक
उत्तर:
(c) गतिशील

प्रश्न 3.
पूँजी में शुद्ध लाभ दिखाया जाता है।
(a) जोड़कर
(b) घटाकर
(c) जोड़कर या घटाकर
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) जोड़कर

प्रश्न 4.
पूँजी संचय के लिए ……… आवश्यक है।
(a) बचत
(b) संचय बाजारे
(C) व्यय
(d) ये सभी
उत्तर:
(b) संचय बाजार

UP Board Solutions

निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक )

प्रश्न 1.
क्या समस्त धन पूँजी है? (2017)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 2.
समस्त सम्पत्ति पूँजी है/नहीं है।
उत्तर:
पूँजी नहीं है।

प्रश्न 3.
गड़ा हुआ धन पूँजी है/नहीं है।
उत्तर:
नहीं है।

प्रश्न 4.
पूँजी उत्पादन का सक्रिय/निष्क्रिय साधन है।
उत्तर:
निष्क्रिय साधन है।

UP Board Solutions

प्रश्न 5.
पूँजी सदैव उत्पादक होती है/नहीं होती है।
उत्तर:
उत्पादक होती है।

प्रश्न 6.
पूँजी नाशवान/अविनाशी होती है। (2010)
उत्तर:
नाशवान होती है।

प्रश्न 7.
पूँजी गतिशील/अगतिशील होती है।
उत्तर:
गतिशील होती है।

प्रश्न 8.
पूँजी उत्पादन का अनिवार्य/गौण साधन है।
उत्तर:
अनिवार्य साधन है।

UP Board Solutions

प्रश्न 9.
पूँजी का निर्माण व्यय/बचत पर निर्भर करता है।
उत्तर:
बचत पर निर्भर करता है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1
प्रो. टॉमस द्वारा दी गई पूँजी की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
प्रो. टॉमस के अनुसार, “पूँजी, भूमि को छोड़कर, व्यक्ति और समाज की सम्पत्ति का वह भाग है, जिसका प्रयोग और अधिक धन उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।”

प्रश्न 2.
उत्पादन के साधन के रूप में पूँजी की चार विशेषताओं का वर्णन कीजिए। (2016)
उत्तर:
उत्पादन के साधन के रूप में पूजी की चार विशेषताएँ निम्नलिखित

  1. पूँजी उत्पत्ति का निष्क्रिय साधन होती है। सम्पत्ति का वह भाग, जो उत्पादन के कार्य में सहयोग देता है, पूँजी कहलाता है।
  2. पूँजी मानव-निर्मित साधन है। यह मानव (UPBoardSolutions.com) द्वारा संचित किए गए श्रम का परिणाम होती है।
  3. पूँजी का प्रयोग करके अधिक मात्रा में उत्पादन किया जा सकता है। अत: पूँजी में उत्पादकता होती है।
  4. पूँजी को शीघ्र नष्ट नहीं किया जा सकता है। यह नाशवान प्रकृति की होती है।

UP Board Solutions

प्रश्न 3.
पूँजी की कार्यक्षमता का अर्थ बताइए। इसे प्रभावित करने वाले तीन घटक लिखिए।
उत्तर:
पूँजी की कार्यक्षमता (Efficiency of Capital) से आशय न्यूनतम पूँजी के उपयोग से अधिकतम तथा उच्च-स्तर के माल का निर्माण करना है। पूंजी की कार्यक्षमता को निम्न घटक प्रभावित करते हैं

  1. देश में शान्ति एवं सुरक्षा की स्थिति पूँजी की कार्यक्षमता को बढ़ाती है।
  2. किसी उत्पादन कार्य को करने के लिए लगाई गई पूँजी की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए।
  3. उत्पादन की अच्छी व आधुनिक व्यवस्था पूँजी की कार्यक्षमता को बढ़ाती है।

प्रश्न 4.
उत्पादन तथा उपभोग पूँजी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (2014)
उत्तर:
जिन वस्तुओं का प्रयोग उत्पादन कार्य में प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है, उन्हें उत्पादन पूँजी में सम्मिलित किया जाता है; जैसे-कच्चा माल, औजार, आदि तथा जिस पूँजी का प्रयोग मनुष्य की विभिन्न आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने के लिए किया जाता है, (UPBoardSolutions.com) उसे उपभोग पूँजी कहते हैं; जैसे-भोजन, वस्त्र, आदि पर किया गया व्यय।

UP Board Solutions

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1.
पूँजी क्या है? सम्पत्ति व पूँजी में अन्तर स्पष्ट कीजिए। (2008)
उत्तर:
पूँजी से आशय साधारण बोलचाल में, पूँजी (Capital) का अर्थ ‘रुपये-पैसे’ या ‘धन-सम्पत्ति’ से लगाया जाता है। अर्थशास्त्र में मनुष्य द्वारा उत्पादित धन के उस भाग को पूँजी कहते हैं, जो अधिक धन उत्पादन के लिए। प्रयुक्त किया जाता है।

सम्पत्ति व पूँजी में अन्तर

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 25 पूँजी

प्रश्न 2.
पूँजी की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पूँजी की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

1. पूँजी उत्पत्ति का निष्क्रिय साधन है भूमि की तरह पूँजी भी स्वयं उत्पादन करने में सक्षम नहीं होती है। पूँजी श्रम के सहयोग से ही उत्पादन क्रिया में भागीदार बनती है।

2. पूँजी मानव-निर्मित साधन है पूँजी उत्पादन का मानव-निर्मित साधन है। पूँजी का संचय बचत के साधन से होता है। बचत मनुष्यों द्वारा की जाती है। अतः यह संचित श्रम का परिणाम होती है।

3. पूँजी में उत्पादकता होती है पूँजी उत्पादक होती है। पूँजी का प्रयोग करके श्रमिक अधिक मात्रा में उत्पादन कर सकता है। उद्योगपतियों द्वारा पूँजी की उत्पादकता के कारण ही इसकी माँग की जाती है।

4. पूँजी नाशवान है भूमि के समान पूँजी भी उत्पादन का स्थायी साधन नहीं है। मशीन, औजार, इत्यादि निरन्तर प्रयोग के कारण नष्ट हो जाते हैं। अत: इसे नई पूँजी से प्रतिस्थापित किया जा सकता है।

5. पूँजी की पूर्ति में शीघ्र परिवर्तन सम्भव है पूँजी की पूर्ति में शीघ्र परिवर्तन किया जा (UPBoardSolutions.com) सकता है। व्यक्तिगत व सामाजिक बचतों में वृद्धि करके पूँजी की पूर्ति को शीघ्र बढ़ाया जा सकता है।

6. पूँजी अत्यन्त गतिशील होती है पूँजी को सरलता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाया व ले जाया जा सकता है।

7. पूँजी उत्पादन का महत्त्वपूर्ण व अनिवार्य साधन है प्रत्येक उत्पादन कार्य के लिए पूँजी की आवश्यकता होती है। जितने बड़े स्तर पर उत्पादन होता है, उतनी ही अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है।

UP Board Solutions

8. पूँजी बचत का परिणाम है मानव अपने द्वारा कमाए गए पूरे धन को व्यय नहीं करता, वरन् कुछ धन को बचाकर रखता है। इस बचत को मानव द्वारा विनियोग किया जाता है तथा इनसे पूँजी का निर्माण होता है।

9. पूँजी आय का स्रोत मानी जाती है पूँजी का संचय या बचत इसलिए की जाती है, ताकि भविष्य में उससे और अधिक आय प्राप्त हो सके।

10. पूँजी अस्थायी होती है पूँजी को समय-समय पर पुनरुत्पादित करना पड़ता है।

प्रश्न 3.
श्रम व पूँजी में अन्तर स्पष्ट कीजिए। (2008)
उत्तर:
श्रम और पूँजी में अन्तर

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 25 पूँजी

UP Board Solutions

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक)

प्रश्न 1.
पूँजी क्यों है? व्यवसाय में पूँजी के महत्त्व का वर्णन कीजिए। (2012, 10)
अथवा
उत्पादन के साधन के रूप में पूँजी के महत्त्व पर प्रकाश डालिए। (2007, 06)
अथवा
पूँजी क्या है? अन्य उत्पादन के साधनों की तुलना में पूँजी अधिक महत्त्वपूर्ण है। विवेचना कीजिए। (2006)
उत्तर:
पूँजी से आशय साधारण बोलचाल में, पूँजी का अर्थ ‘रुपये-पैसे’ या ‘धन-सम्पत्ति से लगाया जाता है। अर्थशास्त्र में मनुष्य द्वारा उत्पादित धन के उस भाग को पूँजी कहते हैं, जो अधिक धन उत्पादन के लिए प्रयुक्त किया जाता है। सामान्यतः ‘पूँजी’ शब्द का अर्थ धन, (UPBoardSolutions.com) द्रव्य या सम्पत्ति से लगाया जा सकता है। प्रो. मार्शल के अनुसार, “प्रकृति की नि:शुल्क देन के अतिरिक्त वह सब सम्पत्ति, जिससे आय प्राप्त होती है, पूँजी कहलाती है।”

प्रो. चैपमैन के अनुसार, “पूँजी वह धन है, जिससे आय प्राप्त होती है अथवा जो आय का उत्पादन करने में सहायक होती है।” प्रो. टॉमस के अनुसार, “पूँजी, भूमि को छोड़कर, व्यक्ति और समाज की सम्पत्ति का वह भाग है, जिसका प्रयोग और अधिक धन उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।” एडम स्मिथ के अनुसार, “पूँजी, किसी मनुष्य के भण्डार का वह भाग है, जिससे वह आय प्राप्त करने की आशा करता है।”

पूँजी के कार्य एवं महत्त्व वर्तमान में पूँजी का अत्यधिक महत्त्व है। इसकी सहायता से ही बड़े पैमाने पर उत्पादन यातायात व संचार के साधनों का विकास, उच्च जीवन-स्तर, देश को आर्थिक विकास, नई मशीनों व यन्त्रों का निर्माण, आदि किया जा सकता है। इससे राष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होती है।

अन्य साधनों की तुलना में पूंजी के महत्त्व को निम्नलिखित बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है

1. बिक्री की व्यवस्था करना उत्पादक को अपनी वस्तुएँ बेचने के लिए विज्ञापन के विभिन्न साधनों का सहारा लेना पड़ता है; जैसे-रेडियो, टेलीफोन, समाचार-पत्र या पत्रिकाएँ, टेलीविजन, आदि। इन सभी प्रकार के विज्ञापनों के लिए पूँजी की आवश्यकता होती है।

2. उत्पादन में निरन्तरता बनाए रखना पर्याप्त पूँजी के उपलब्ध होने पर उत्पादन लगातार चलता रहता है। अतः उत्पादन की निरन्तरता में पूँजी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

3. जीवन-निर्वाह की व्यवस्था करना पूँजी के द्वारा ही श्रमिकों को भोजन, कपड़ा व आवासीय सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। श्रमिक अपने जीवन का निर्वाह पूँजी के माध्यम से ही करता है। मजदूरी के लिए पूँजी की आवश्यकता होती है।

4. कच्चे माल की व्यवस्था करना पूँजी के द्वारा ही उद्योग को संचालित करने के लिए कच्चा माल, कोयला, लोहा, बिजली, आदि की व्यवस्था करनी पड़ती है। अतः पूँजी का कच्चे माल की व्यवस्था करने में अत्यन्त महत्त्व होता है।

UP Board Solutions

5. देश के आर्थिक विकास में सहायक पूँजी की पर्याप्त मात्रा होने से उत्पादन शक्ति (UPBoardSolutions.com) में वृद्धि होती है, जिससे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है। अतः पूँजी राष्ट्र के आर्थिक विकास में सहायक होती है।

6. मशीन, यन्त्र, आदि की व्यवस्था करना पूँजी के द्वारा ही आधुनिक मशीनों व यन्त्रों को खरीदा जा सकता है।

7. श्रम की उत्पादकता में वृद्धि करना श्रम की उत्पादकता बढ़ाने में पूँजी को महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। पूँजी के द्वारा क्रय किए गए यन्त्रों एवं औजारों के प्रयोग से श्रमिक की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।

8. साख की व्यवस्था करना वर्तमान युग साख का युग है। आजकल उद्योग व व्यापार के क्षेत्र में हर जगह उधार लेन-देन की आवश्यकता होती है। व्यापारियों में अधिकांश लेन-देन उधार ही होते हैं। पूँजी के बल पर ही सभी उधार लेन-देन किए जाते हैं। पूँजी निर्माण से ही साख निर्माण होता है।

9. प्राकृतिक संसाधनों के उचित उपयोग में सहायक पूँजी के द्वारा ही किसी राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है; जैसे–सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, खनिज उद्योग का विस्तार, आदि पूँजी के द्वारा ही सम्भव होते हैं।

10. आर्थिक ढाँचे को सुदृढ़ बनाने में सहायक पूँजी के द्वारा ही किसी देश की ऊर्जा के स्रोतों; जैसे-बिजली, पेट्रोलियम, अणु शक्ति, जल शक्ति, आदि का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है। पूँजी से परिवहन व संचार के साधनों का भी विकास किया जा सकता है। अतः पूँजी किसी राष्ट्र के आर्थिक ढाँचे को मजबूत बनाने में सहायक होती है।

प्रश्न 2.
पूँजी निर्माण से आप क्या समझते हैं? यह किन तत्त्वों पर निर्भर है? (2016)
अथवा
पूँजी संचय क्या है? पूँजी संचय के प्रमुख तत्त्वों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
अथवा
पूँजी निर्माण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
पूँजी निर्माण से आशय पूँजी संचय या निर्माण (Accumulation of Capital) बचत के द्वारा ही किया जाता है। बचत आय के उस भाग को कहा जाता है, जिसे भविष्य की आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने के लिए बचाकर रखा जाता है। बचत का वह भाग, (UPBoardSolutions.com) जिसका प्रयोग और अधिक धन-उत्पादन के लिए किया जाता है, उसे पूँजी कहा जाता है। पूँजी संचय का निर्माण बचतों को

संग्रह करके किया जाता है। पूँजी संचय के लिए निम्नलिखित दो बातें महत्त्वपूर्ण हैं

  1. धन की बचत
  2. उत्पादन कार्य में निवेश करना

पूँजी संचय को प्रभावित करने वाले तत्त्व पूँजी संचय के निम्नलिखित तीन प्रमुख तत्त्व या आधार हैं

UP Board Solutions

1. संचय करने की शक्ति मनुष्य द्वारा बचत को संचय करने की शक्ति निम्नलिखित तत्त्वों पर निर्भर करती है

  • धन का वितरण देश में धन को समान वितरण होने से पूँजी संचय किया जा सकता है।
  • प्राकृतिक साधन प्राकृतिक साधनों की पर्याप्त मात्रा होने पर आय बढ़ती है और आय बढ़ने पर बचत भी की जा सकती है।
  • आर्थिक विकास की स्थिति किसी राष्ट्र को आर्थिक विकास अधिक होने पर उसकी राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि होती है, फलस्वरूप पूँजी संचय का निर्माण होता है।
  • व्यय करने की सूझ-बूझ पूँजी संचय करने के लिए व्यय सूझ-बूझ व सोच-समझकर करना चाहिए।
  • आय की मात्रा बचत किसी व्यक्ति की आय पर निर्भर करती है। जिस व्यक्ति की जितनी अधिक आय होगी, वह उतनी ही ज्यादा बचत करेगा।

2. संचय करने की इच्छा पूँजी संचय करने की इच्छा निम्नलिखित बातों पर निर्भर करती है|

  • सामाजिक प्रतिष्ठा की इच्छा समाज में प्रतिष्ठा व सम्मान प्राप्त करने के लिए पूँजी संचय किया जाता है, इससे मनुष्य को समाज में सम्मान मिलता है।
  • दूरदर्शिता मनुष्य भविष्य में होने वाले कार्यों; जैसे-बच्चों की शिक्षा, (UPBoardSolutions.com) बीमारी, लड़कियों का विवाह, बेरोजगारी, आदि के लिए भी पूँजी संचय करता है।
  • पारिवारिक प्रेम मनुष्य अपने परिवार की सभी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए या उन्हें सुखी रखने के लिए पूँजी संचय करता है।
  • धार्मिक प्रवृत्ति मनुष्य धार्मिक प्रवृत्ति के लिए; जैसे–मन्दिर, धर्मशाला, गौशाला, आदि में दान करने के लिए पूँजी संचय करता है।
  • सामाजिक सुरक्षा पूँजी संचय से सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो जाती है।

UP Board Solutions

3. संचय करने की सुविधाएँ पूँजी संचय के लिए निम्नलिखित सुविधाएँ होना आवश्यक है

  • व्यापारियों या उद्योगपतियों की योग्यता कुशल व योग्य व्यापारियों द्वारा व्यवसाय संचालन करने पर अधिक मात्रा में पूँजी संचय किया जा सकता है।
  • शान्ति व सुरक्षा देश में शान्ति व सुरक्षा की व्यवस्था स्थापित करने के लिए पूँजी संचय करना चाहिए।
  • मूल्यों में स्थिरता देश में मुद्रा के मूल्य में स्थायित्व रखने पर भी पूँजी संचय किया जा सकता है।
  • पूँजी-विनियोग की सुविधाएँ धन जमा कराने की संस्थाएँ; जैसे-डाकखाने, बैंक या बीमा (UPBoardSolutions.com) कम्पनियों की अधिक मात्रा में स्थापना करने पर पूँजी संचय अधिक मात्रा में किया जा सकता है।

We hope the UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 25 पूँजी help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 25 पूँजी, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

Leave a Comment