UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 23 सन्त गाडगे बाबा (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 23 सन्त गाडगे बाबा (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

सन्त गाडगे बाबा का पूरा नाम देव ‘डेबू जी’ झिंगराजी जाणोरकर था। इनका जन्म 23 फरवरी, सन् 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेणगाँव में हुआ था। इनके पिता का

नाम झिंगराजी जाणोरकर और माता सखूबाई थीं। ये हमेशा मिट्टी का गडुआ या मटका रखते थे, इस कारण इनको लोग गाडगे बाबा कहते थे। 8 वर्ष की आयु में इनके पिता का देहान्त हो गया। इनका पालन-पोषण बहुत गरीबी में हुआ। एका विवाह 16 वर्ष की आयु में कुन्ताबाई से हुआ। एक साहूकार की धोखाधड़ी के कारण इनके मामा का देहान्त हो गया। तब इन्होंने संकल्प लिया कि गरीब लोगों की सहायता करेंगे और उन्हें शिक्षित करेंगे ताकि गाँव वाले किसी के धोखे के शिकार न हों। इन्होंने मांस-मदिरा का सेवन करने वाले अन्धविश्वासी लोगों का अन्धविश्वास दूर किया। लोगों को अच्छे-बुरे का ज्ञान कराया।

इन्होंने 30 वर्ष की अवस्था में घर परिवार छोड़कर संन्यास ले लिया। 12 वर्ष तक उन्होंने साधना की। कबीर, तुकाराम, ज्ञानदेव, नामदेव, नानक, स्वामी विवेकानन्द, जैसे सन्तों के उदाहरणों को देकर वे अपने प्रवचन में साधारण बोल-चाल की भाषा का प्रयोग करते थे, जिस कारण लोग उनसे बहुत प्रभावित हुए। सन्त गाडगे बाबा ने मूर्ति पूजा का विरोध किया और कहा मन्दिर बनवाने से अच्छा धर्मशाला बनवाएँ, जहाँ लोग ठहर सकते हैं और भोजन प्राप्त कर सकते हैं। इन्होंने सैकड़ों स्कूल बनवाए। विद्यार्थियों को प्रभु की मूर्तियों की उपाधि दी। ये समाज की कुव्यवस्था और कुरीतियों से बहुत दुखी थे। इन्होंने दहेज प्रथा, बाल विवाह, छुआछूत जैसी बुराइयों को दूर करने के लिए संघर्ष किए। इनका कहना था “सच्चा ईश्वर दरिद्र नारायण के रूप में तुम्हारे सामने खड़ा है, उसकी सेवा करो।”

सन्त गाडगे की मुलाकात डॉ० भीमराव अम्बेडकर और गांधी जी से भी हुई। बाबा मधुमेह की बीमारी से पीड़ित थे। सन् 1955 में बाबा को अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल का खर्च उठाना मुश्किल हो गया और (UPBoardSolutions.com) वे बिना बताए ही रात को अस्पताल से निकल गए। 6 दिसम्बर, 1956 को डॉ० भीमराव अम्बेडकर की मृत्यु का समाचार पाकर वे रो पड़े और खाना-पीना छोड़ दिया। 20 दिसम्बर, 1956 को सन्त गाडगे बाबा का स्वर्गवास हो गया।

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखो
(क) सन्त गाडगे जी का नाम क्या था?
उत्तर :
सन्त गाड़गे जी का नाम देव डेबू जी झिंगराजी जाणोरकर था।

(ख)
डेबूजी के पिता ने अन्तिम समय में डेबूजी की माँ से क्या कहा?
उत्तर :
डेबू जी के पिता ने अन्तिम समय में डेबू जी की माँ से कहा कि मैं कुछ दिन का मेहमान हूँ। डेबू जी का ध्यान रखना और मांस-मदिरा से दूर रहने की सलाह देना।

(ग)
मामा की मृत्यु के बाद डेबूजी ने क्या संकल्प किया? (UPBoardSolutions.com)
उत्तर :
मामी की मृत्यु के बाद डेबू जी ने संकल्प लिया कि गरीब लोगों की सहायता करेंगे और शिक्षित करेंगे ताकि गाँव वाले किसी के धोखे के शिकार न हो सकें।

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(घ) संत गाडगे बाबा ने कौन-कौन से कार्य किए ?
उत्तर :
सन्त गाडगे बाबा ने निम्न कार्य किए- उन्होंने मूर्ति पूजा का विरोध किया, दहेज प्रथा, बाल विवाह, छुआछूत जैसी बुराइयों को दूर करने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (पूर्ति करके)
(क) डेबूजी के पिता झिंगराजी जाणोरकर और माता सखूबाई थीं।
(ख) इनका विवाह 18 वर्ष की आयु में कुन्ताबाई से हो गया।
(ग) उनके पिता की मृत्यु का मुख्य कारण मदिरा थी।
(घ) भोजन में शुद्ध शाकाहारी भोजन परोसा गया। (UPBoardSolutions.com)
(ङ) वे मन्दिर बनवाने की अपेक्षा धर्मशाला बनवाना अच्छा समझते थे।

प्रश्न 3.
सही वाक्य के सामने सही (✓) तथा गलत वाक्य के सामने गलत (✗) का निशान लगाइए (निशान लगाकर)
उत्तर :
(क) सन्त गाडगे जी के पिता का नाम झिंगराजी जाणोरकर और माता सखूबाई थीं। (✓)
(ख) 20 दिसम्बर, 1956 को सन्त गाडगे बाबा की मृत्यु हो गई। (✓)
(ग) डेबू जी आँत की बीमारी से पीड़ित थे। (✗)
(घ) सन्त गाडगे बाबा मूर्ति पूजा के विरोधी थे। (✓)

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