UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 3 शब्द-रूप प्रकरण (व्याकरण) are the part of UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 3 शब्द-रूप प्रकरण (व्याकरण).
Board | UP Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 9 |
Subject | Sanskrit |
Chapter | Chapter 3 |
Chapter Name | शब्द-रूप प्रकरण (व्याकरण) |
Number of Questions Solved | 29 |
Category | UP Board Solutions |
UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 3 शब्द-रूप प्रकरण (व्याकरण)
संस्कृत में शब्दों को निम्नलिखित पाँच भागों में बाँटा जा सकता है-
(1) संज्ञा, (2) सर्वनाम, (3) विशेषण, (4) क्रिया, (5) अव्यये।
संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण में लिंग, कारक और वचन के अनुसार परिवर्तन होता है। क्रिया में कालें, पुरुष और वचन के अनुसार परिवर्तन होता है तथा अव्ययों में किसी भी दशा में (लिंग, कारक, वचन आदि के कारण) कोई परिवर्तन नहीं होता।
लिंग
संस्कृत में निम्नलिखित तीन लिंग होते हैं-
(1) पुंल्लिग— जिससे पुरुष जाति का बोध होता है; जैसे-नरः, कविः।
(2) स्त्रीलिंग- जिससे स्त्री जाति का बोध होता है; जैसे–माला, मतिः, धेनुः, वधू, माती आदि।
(3) नपुंसकलिंग- जिससे न पुरुष जाति का बोध होता है और न स्त्री जाति का; जैसे-फलम्, वारि, मधु, जगत् आदि।।
विशेष— संस्कृत में लिंग-निर्णय में कठिनाई होती है। इसका अभ्यास अति आवश्यक है। इसके पूर्ण ज्ञान के लिए कोश, व्याकरण तथा साहित्य का अध्ययन आवश्यक है।
वचन
संस्कृत में निम्नलिखित तीन वचन होते हैं-
(1) एकवचन- जिनसे एक वस्तु का बोध होता है; यथा—बालकः पठति।
(2) द्विवचन- जिनसे दो वस्तुओं का बोध होता है; यथा-बालकौ पठतः।।
(3) बहुवचन- जिनसे दो से अधिक वस्तुओं का बोध होता है; यथा–बालकाः पठन्ति।
कारक
क्रिया से सम्बन्ध रखने वाले पदों को कारक कहते हैं। हिन्दी में कारकों की संख्या आठ है, किन्तु संस्कृत में सम्बन्ध तथा सम्बोधन को; क्रिया से सम्बन्ध न होने के कारण; कारक नहीं माना जाता है।
सामान्य रूप से कारकों का परिचय निम्नलिखित है-
विभक्तियों के प्रत्यय
संज्ञाओं के तीनों लिंगों, तीनों वचनों तथा सातों विभक्तियों में रूप चलते हैं। शब्द-रूपों को बनाने के लिए उनसे प्रत्यय जोड़े जाते हैं। इन प्रत्ययों को ‘सुप् प्रत्यय कहते हैं और इनसे बनने वाले शब्दों को सुबन्त कहते हैं।
कुछ व्यंजनान्त (हलन्त) होते हैं। इन सभी संज्ञा शब्दों को निम्नलिखित छः वर्गों में विभाजित किया जा सकता है
(1) स्वरान्त पुंल्लिग शब्द-राम, कवि, भानु, पितृ, गो आदि।
(2) स्वरान्त नपुंसकलिंग शब्द-फल, वारि, मधु आदि।
(3) स्वरान्त स्त्रीलिंग शब्द–माला, मति, धेनु, नदी, वधू, मातृ आदि।
(4) व्यंजनान्त पुंल्लिग शब्द– करिन्, आत्मन्, राजन्, मरुत्, सुहद् आदि।।
(5) व्यंजनान्त नपुंसकलिंग शब्द- मनस्, जगत्, नाम आदि।
(6) व्यंजनान्त स्त्रीलिंग शब्द- वाच्, सरित्, विपद् आदि।
विशेष- नवीं कक्षा में पुंल्लिग-राम, हरि, गुरु; स्त्रीलिंग-रमा, मति, वाच्; नपुंसकलिंग–सर्व, तद्, युष्मद् तथा अस्मद् शब्दों के रूप निर्धारित हैं। अनुवाद में सहायक होने के कारण इनके अतिरिक्त भी कुछ रूप यहाँ दिये जा रहे हैं।
स्वरान्त (अजन्त) पुंल्लिग शब्द ।
ध्यातव्य
(1) उपर्युक्त संख्याओं में ‘अधिक’ या ‘उत्तर’ शब्द जोड़कर अन्य संख्याएँ भी बनायी । जा सकती हैं।
(2) प्रयुतम् (दस लाख), कोटिः (करोड़), दश कोटि: (दस करोड़), अर्बुदम् (अरब), दशार्बुदम् (दस अरब), खर्बम् (खरब), दशखर्बम् (दस खरब), नीलम् (नील), दसनीलम् (दस नील), पद्मम् (पद्म), दशपद्मम् (दस पद्म), शङ्खम् (शंख), दशशङ्खम् (दस शंख), महाशङ्कम् (महा शंख) आदि संख्यावाचक शब्द हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
अधोलिखित प्रश्नों में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। इनमें से एक विकल्प शुद्ध है। शुद्ध विकल्प का चयन कर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए|
1. ‘राम’ शब्द रूप कैसा है?
(क) अकारान्त
(ख) मकारान्त
(ग) आकारान्त
(घ) इकारान्त
2. ‘राम’ शब्द का तृतीया बहुवचन में रूप होता है—
(क) रामेभ्यः
(ख) रामेण
(ग) रामाभ्याम्
(घ) रामैः
3. ‘रामाय’ शब्द किस विभक्ति और किस वचन का रूप है?
(क) पञ्चमी और एकवचन :
(ख) षष्ठी और द्विवचन
(ग) चतुर्थी और बहुवचन
(घ) चतुर्थी और एकवचन
4. हरि शब्द का रूप किसकी भाँति चलेगा?
(क) दधि की
(ख) मति की।
(ग) वारि की
(घ) मुनि की
5. हरौ’ शब्द किस विभक्ति और किस वचन का रूप है?
(क) प्रथमा और द्विवचन का
(ख) सप्तमी और एकवचन का
(ग) द्वितीया और द्विवचन को ।
(घ) षष्ठी और द्विवचन का
6. ‘गुरु’ शब्द का द्वितीया द्विवचन में रूप होगा
(क) गुरौ
(ख) गुरोः ।
(ग) गुरवः
(घ) गुरू
7. ‘गुरवः’ शब्द किस विभक्ति और किस वचन का रूप है?
(क) सप्तमी और द्विवचन का ।
(ख) चतुर्थी और एकवचन का
(ग) प्रथमा और बहुवचनं का
(घ) द्वितीया और बहुवचन का
8. ‘रमा’ शब्द किस प्रकार का है?
(क) अकारान्त स्त्रीलिंग
(ख) आकारान्त स्त्रीलिंग
(ग) अकारान्त पुंल्लिग
(घ) आकारान्त पुंल्लिग
9. ‘रमाभिः’ शब्द किस विभक्ति और किस वचन का रूप है?
(क) चतुर्थी और बहुवचन का
(ख) पञ्चमी और बहुवचन का
(ग) तृतीया और बहुवचन का।
(घ) द्वितीया और बहुवचन का।
10. ‘रमा’ शब्द का षष्ठी द्विवचन का रूप होगा–
(क) रमायाः
(ख) रमयोः
(ग) रमायै
(घ) रमया
11. ‘मति’ शब्द का रूप किसके समान नहीं चलेगा
(क) सम्पत्ति के
(ख) सरित् के
(ग) नीति के
(घ) भक्ति के
12. ‘मत्योः’ शब्द रूप की विभक्ति और वचन है
(क) सप्तमी और द्विवचन
(ख) पञ्चमी और एकवचन
(ग) चतुर्थी और एकवचन ।
(घ) षष्ठी और एकवचन
13. द्वितीया विभक्ति के द्विवचन में ‘मति’ शब्द का रूप होगा
(क) मत्योः
(ख) मती
(ग) मत्यौ
घ) मत्यै
14. ‘वाच्’ शब्द कैसा है?
(क) हलन्त पुंल्लिगे ।
(ख) चकारान्त स्त्रीलिंग ।
(ग) चकारान्त पुंल्लिग
(घ) चकारान्त नपुंसकलिंग ।
15.सप्तमी बहुवचन में ‘वाच्’ शब्द का क्या रूप होगा? ।
(क) वाचशु
(ख) वाचषु
(ग) वाचसु
(घ) वाक्षु
16. ‘वाच्’ शब्द का प्रथमा विभक्ति और एकवचन का रूप होगा
(क) वाचः
(ख) वाणी
(ग) वाक्
(घ) वाचम्
17. ‘सर्व’ नपुंसकलिंग शब्द का तृतीया बहुवचन में क्या रूप होगा?
(क) सर्वैः
(ख) सर्वस्यै ।
(ग)स्वर से पहले
(घ) सर्वेभ्यः
18. ‘तद्’ नपुंसकलिंग का द्वितीया बहुवचन में क्या रूप होगा?
(क) तान्
(ख) तानि
(ग) ते ।
(घ) ताः
19. ‘नौ’ किस शब्द और वचन का रूप है?
(क) न शब्द, प्रथमा, द्विवचन ।
(ख) अस्मद् शब्द, द्वितीया, द्विवचन
(ग) नव शब्द, चतुर्थी, द्विवचन
(घ) नो शब्द, द्वितीया, द्विवचन
20. ‘अस्मद्’ शब्द का इनमें से सही रूप कौन-सा है?
(क) मयी
(ख) माम
(ग) मम
(घ) मम्
21. ‘त्वम्’ किस शब्द और वचन का रूप है?
(क) तू शब्द और प्रथमा एकवचन का
(ख) युष्मद् शब्द और प्रथमा एकवचन का
(ग) अस्मद् शब्द और प्रथमा एकवचन का
(घ) स शब्द और तृतीया एकवचन का
22. ‘युष्मद्’ का द्वितीया बहुवचन में कौन-सा रूप होगा?
(क) त्वाम्
(ख) युष्मान्
(ग) यूयम्
(घ) युवाम्
23. ‘अस्मद्’ शब्द का’अस्मत्’ रूप किस विभक्ति और वचन में बनता है?
(क) प्रथमा बहुवचन में ।
(ख) षष्ठी एकवचन में।
(ग) पञ्चमी बहुवचन में
(घ) सप्तमी एकवचन में
24. ‘तद्’ सर्वनाम नपुंसकलिंग का’ तस्मै’ रूप बनता है
(क) प्रथमा में
(ख) चतुर्थी में
(ग) पञ्चमी में
(घ) सप्तमी में
25. ‘वाग्भिः’ रूप किस विभक्ति के किस वचन का है? ।
(क) तृतीया के बहुवचन का।
(ख) चतुर्थी के द्विवचन का।
(ग) षष्ठी के द्विवचन का
(घ) सप्तमी के एकवचन का
26. ‘युष्मत्’ रूप किस विभक्ति के किस वचन का है?
(क) पञ्चमी के बहुवचन का
(ख) षष्ठी के एकवचन का
(ग) सप्तमी के द्विवचन का न का
(घ) षष्ठी के द्विवचन का ।
27. ‘अस्मद्’ शब्द कामया’ रूप बनता है
(क) द्वितीया विभक्ति में
(ख) चतुर्थी विभक्ति में
(ग) पञ्चमी विभक्ति में ।
(घ) तृतीया विभक्ति में
28. ‘ऊननवतिः’ संख्यावाची शब्द का मान है
(क) 89
(ख) 91
(ग) 99
(घ) 79
29. ‘षष्णवतिः’संख्यावाची शब्द का मान है
(क) 96
(ख) 69
(ग) 99
(घ) 59
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