UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 एकलव्य (महान व्यक्तिव)
These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 एकलव्य (महान व्यक्तिव)
पाठ का सारांश
एकलव्य हस्तिनापुर के निकट वन के पास बस्ती के सरदार हिरण्यधेनु का पुत्र था। तीर चलाने में हस्तिनापुर के आसपास एकलव्य की बराबरी करने वाला कोई नहीं था। एकलव्य और अधिक निपुणता प्राप्त करने के लिए गुरु द्रोणाचार्य के पास गया। द्रोणाचार्य बाण-विद्या के अद्वितीय आचार्य थे। उन्होंने तीर चलाकर किसी राजकुमार की अँगूठी को कुएँ से बाहर निकाल दिया था। हस्तिनापुर आकर रंगभूमि में दोपहर के समय एकलव्य ने राजकुमारों को अभ्यास करते और बाण चलाते देखा। अर्जुन (UPBoardSolutions.com) की धनुर्विद्या देखकर एकलव्य के मुख से वाह-वाह शब्द निकला। सब राजकुमारों का एकलव्य की तरफ ध्यान आकृष्ट हुआ। आचार्य ने उसे संकेत से बुलाया। एकलव्य ने चरण छूकर प्रणाम किया। आचार्य के आदेश से उसने तीर चलाकर और सही निशाना लगाकर सबको चकित कर दिया। आचार्य के पूछने पर उसने अपना परिचय देकर धनुर्विद्या सीखने की अभिलाषा व्यक्त की। द्रोणाचार्य की विवशता से निराश होकर एकलव्य ने कहा, “मैं तो आपको गुरु मान चुका हूँ।” द्रोण के चरण छूकर वह चले पड़ा।
जंगल में द्रोणाचार्य की मिट्टी की मूर्ति के सामने वह दिनभर बाण चलाने के अभ्यास से बाण विद्या में निपुण हो गया।
एक दिन घोड़े पर सवार होकर राजकुमार हिरण का पीछा कर रहे थे। एकलव्य ने अपने बाणों की वर्षा से घोड़े को रोक दिया। राजकुमारों ने एक जटाधारी संन्यासी को एक मूर्ति के सम्मुख बैठे देखा। पूछने पर जटाधारी एकलव्य ने द्रोणाचार्य (मूर्ति) को धनुर्विद्या सिखाने वाला अपना गुरु बताया।
लौटकर राजकुमारों ने सारी कथा आचार्य को सुनाई। अर्जुन बहुत खिन्न थे, क्योंकि वे समझते थे कि मेरे समान कोई बाण चलाने वाला नहीं है। द्रोणाचार्य राजकुमारों सहित संन्यासी से मिलने गए। संन्यासी ने द्रोणाचार्य को देखकर श्रद्धा से उनके चरण स्पर्श किए और कहा कि मैं एकलव्य हूँ। मैंने आप ही की कृपा से बाण चलाने में सफलता प्राप्त की है।
द्रोणाचार्य उसकी कला और गुरुभक्ति देखकर बहुत प्रसन्न हुए। (UPBoardSolutions.com) उन्होंने गुरु-दक्षिणा में एकलव्य से उसके दाहिने हाथ का अँगूठा माँगा। एकलव्य ने अपने दाहिने हाथ का अँगूठा काटकर उनके चरणों पर रख दिया।
सच है – श्रद्धा से ज्ञान की प्राप्ति होती है।
अभ्यास
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) एकलव्य कौन था?
उत्तर :
एकलव्य हस्तिनापुर के निकट के वन में बसे एक बस्ती के सरदार हिरण्यधेनु का पुत्र था।
(ख) पेड़ से फल गिराने के लिए एकलव्य ने बालकों को कैसे प्रोत्साहित किया?
उत्तर :
पेड़ से फल गिराने के लिए एकलव्य ने तीर चलाने की बात कहकर बालकों को प्रोत्साहित किया।
(ग) द्रोण ने एकलव्य को अपना शिष्य बनाने से इंकार क्यों कर दिया ?
उत्तर :
द्रोण ने एकलव्य को अपना शिष्य बनाने से इंकार इसलिए कर दिया क्योंकि वे राजकुमारों के अतिरिक्त किसी को बाण विद्या नहीं सिखाते थे।
(घ) एकलव्य ने बाण-विद्या सीखने का क्या उपाय किया?
उत्तर :
एकलव्य ने बाण-विद्या सीखने के लिए द्रोणाचार्य (UPBoardSolutions.com) को गुरु मानकर, मिट्टी की उनकी मूर्ति के सामने दिन भर अभ्यास करने का उपाय किया।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –
उत्तर :
(क) द्रोणाचार्य के समान बाण-विद्या में कोई दूसरा नहीं था।
(ख) द्रोणाचार्य हस्तिनापुर के राजकुमारों को बाण-विद्या सिखाते थे।
(ग) एकलव्य ने धनुर्विद्या सीखने की अभिलाषा व्यक्त की।
(घ) एकलव्य ने गुरुदक्षिणा में दाहिने हाथ का अँगूठा काटकर गुरु के चरणों पर रख दिया।
प्रश्न 3.
सही कथन के सामने (✓) का और गलत कथन के सामने (✗) का निशान लगाइए (निशान लगाकर) –
उत्तर :
(क) द्रोणाचार्य बालक के कौशल से अप्रसन्न हुए। (✗)
(ख) एकलव्य ने कहा, “मैं आपको गुरु मान चुका हूँ।” (✓)
(ग) द्रोणाचार्य को एकलव्य की गुरुभक्ति से प्रसन्नता हुई। (✓)
योग्यता विस्तार –
“गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को धनुर्विद्या की शिक्षा नहीं दी और उलटे गुरु दक्षिणा में दाहिने हाथ को अँगूठा माँग लिया।” इस घटना के संबंध में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को धनुर्विद्या की शिक्षा नहीं दी और उल्टे गुरुदक्षिणा में उससे उसके दाहिने हाथ का अँगूठा माँग लिया। गुरु द्रोणाचार्य ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे एकलव्य की (UPBoardSolutions.com) प्रतिभा को देखकर समझ गए थे कि वह अर्जुन से बड़ा धनुर्धर था और वे नहीं चाहते थे कि अर्जुन से भी बड़ा धनुर्धर कोई संसार में हो। मेरे विचार से गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य के साथ बहुत अन्याय किया। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।
We hope the UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 एकलव्य (महान व्यक्तिव) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 एकलव्य (महान व्यक्तिव), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.