UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 9 पर्यावरणीय प्रदूषण-कारण एवं प्रभाव

UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 9 पर्यावरणीय प्रदूषण-कारण एवं प्रभाव

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UP Board Solutions

अभ्यास ।

Question 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए। |
(क) जल प्रदूषित कैसे होता है ?
(ख) वायु को प्रदूषित करने वाली गैसों का नाम लिखिए ?
(ग) ध्वनि प्रदूषण से आप क्या समझते हैं ? इसके प्रमुख कारणों को लिखिए।
(घ) मृदा प्रदूषण के नियंत्रण हेतु क्या करना चाहिए ? |
Solution:
(क)- जल प्रदूषित होने के निम्नलिखित कारण हैं-

  1. उद्योगों द्वारा विभिन्न उद्योगों एवं घरेलू उपयोगों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ नदियों, झीलों व तालाबों आदि में जाकर उसके जल को प्रदूषित कर देते हैं।
  2. मानव की दैनिक क्रियाएँ- नदी, तालाबों आदि में कपड़े धोने, (UPBoardSolutions.com) पशुओं को नहलाने, सीवेज लाइन का गंदा पानी इसमें प्रवाहित करने के कारण भी जल प्रदूषित होता है।
  3. कृषि एवं कीटनाशक दवाएँ- फसलों के अत्यधिक उत्पादन के लिए उपयोग किए जा रहे विभिन्न प्रकार की रासायनिक खादें एवं कीटनाशक दवाएँ वर्षा के जल के साथ नदियों तालाबों में पहुँचकर जल को प्रदूषित कर देते हैं।

(ख)- कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, हाईड्रोकार्बन, क्लोरीन, अमोनिया, मिथेन आदि वायु को प्रदूषित करने वाली गैसें हैं।

(ग)- जब ध्वनि का कानों व मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगे तो उसे शोर कहते हैं और यही ध्वनि प्रदूषण है। ध्वनि-प्रदूषण निम्नलिखित कारणों से होता है-

  1. यातायात के साधनों की तेज ध्वनि भी ध्वनि प्रदूषण का कारण बनती है।
  2. टी०वी०, रेडियो, डीजे आदि को तेज ध्वनि में बजाने पर भी ध्वनि प्रदूषण होता है।
  3. पटाखों की तीव्र आवाज से भी ध्वनि प्रदूषण होता है।
  4. उद्योगों में प्रयोग की जाने वाली मशीनें, (UPBoardSolutions.com) सायरन व जनरेटर आदि भी ध्वनि प्रदूषण के कारण बनते हैं।
  5. प्रकृति में घटने वाली कुछ प्राकृतिक क्रियाएँ जैसे- बिजली कड़कना, तूफानी हवाएँ व ज्वालामुखी विस्फोट से भी ध्वनि प्रदूषण होता है, किंतु ये घटनाएँ बहुत कम समय के लिए होती हैं।

(घ)- मृदा प्रदूषण के नियंत्रण हेतु निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं-

  1. फसलों पर कम से कम रासायनिक खादों व कीटनाशकों का प्रयोग किया जाए।
  2. जैविक खाद को बढ़ावा दिया जाए।
  3. गाँव तथा नगरों से निकलने वाले मल एवं गंदगी का उचित निस्तारण किया जाए।
  4. वनों के विनाश पर रोक लगाना और अधिक से अधिक पौधरोपण करना।।

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Question 2.
सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(कूड़ेदान, पीलिया, वायु, पेड़-पौधे)
(क) प्रदूषित जल पीने से ___ रोग हो जाती है।
(ख) दमा, खसरा आदि बीमारियाँ __ प्रदूषण का परिणाम हैं।
(ग) ध्वनि प्रदूषण को ___ भी कम करते हैं।
(घ) ठोस अपशिष्ट पदार्थों को ___ में फेंकना चाहिए।
Solution:
(क) प्रदूषित जल पीने से पीलिया रोग हो जाती है।
(ख) दमा, खसरा आदि बीमारियाँ वायु प्रदूषण का परिणाम हैं।
(ग) ध्वनि प्रदूषण (UPBoardSolutions.com) को पेड़-पौधे भी कम करते हैं।
(घ) ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।

Question 3.
सही कथन के सामने (✓) और गलत के सामने (✗) का चिह्न लगाइए
(क) जल प्रदूषण से पागलपन रोग होता है।
(ख) वाहनों के धुएँ से जल प्रदूषित होता है।।
(ग) मानव व अन्य जीवधारियों के भोजन तथा आवास पर मृदा प्रदूषण का दुष्प्रभाव पड़ता है।
(घ) घरों से निकलने वाले गंदे जल का उचित निस्तारण करना चाहिए।
Solution:
(क) जल प्रदूषण से पागलपन रोग होता है। (✗)
(ख) वाहनों के धुएँ से जल प्रदूषित होता है।। (✗)
(ग) मानव व अन्य जीवधारियों के भोजन तथा आवास पर मृदा प्रदूषण का दुष्प्रभाव पड़ता है। (✓)
(घ) घरों से निकलने वाले गंदे जल का उचित निस्तारण करना चाहिए। (✓)

Question 4.
मिलान कीजिए-
UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 9 पर्यावरणीय प्रदूषण-कारण एवं प्रभाव 1
Solution:
UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 9 पर्यावरणीय प्रदूषण-कारण एवं प्रभाव 2

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UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 8 पारिस्थितिकी तन्त्र

UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 8 पारिस्थितिकी तन्त्र

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अभ्यास

Question 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए|
(क) पारिस्थितिकी तंत्र किसे कहते हैं ? इसकी क्या उपयोगिता है?
(ख) पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना किन-किन घटकों से मिलकर होती है ?
(ग) आहार जाले किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित समझाइए।
(घ) अनुकूलन से आप क्या समझते हैं ? मरुस्थलीय पौधे अपने वातावरण में किस प्रकार अनुकूलित रहते हैं ? |
(ङ) प्रवासी पक्षी किसे कहते हैं?
Solution:
(क)- किसी स्थान पर पाए जाने वाले जीव-जन्तु, पेड़-पौधे तथा वहाँ के वातावरण में पाई जाने वाली विभिन्न वस्तुओं के तंत्र को पारिस्थितिकी तंत्र कहते हैं। पारिस्थितिकी तंत्र पर्यावरणीय सन्तुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

(ख)- पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना सजीव तथा निर्जीव घटकों से मिलकर होती है।

(ग)- किसी पारिस्थितिकी तंत्र में उपस्थित विभिन्न आहार श्रृंखलाएँ (UPBoardSolutions.com) एक-दूसरे से सम्बद्ध होकर एक जाल रूपी संरचना का निर्माण करती हैं, जिसे आहार-जाल कहते हैं।

(घ)- किसी विशेष वातावरण में सुगमतापूर्वक जीवन व्यतीत करने एवं वंश वृधि के लिए जीवों के शरीर में रचनात्मक एवं क्रियात्मक स्थायी परिर्वतन उत्पन्न होने की प्रक्रिया अनुकूलन कहलाती है। मरुस्थलीय क्षेत्र के पौधे अपने वातावरण में अनुकूलित रहने के लिए वाष्पोत्सर्जन द्वारा प्रानी की कमी को रोकने के लिए काँटों के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। जड़ें पानी की तलाश में गहराई तक चली जाती हैं। और तना चपटा व गूदेदार हो जाता है।

(ङ)- मौसम से अनुकूलन बनाए रखने के लिए पक्षी हिमालय (UPBoardSolutions.com) के बर्फीले क्षेत्रों साइबेरिया, ऑस्ट्रेलिया से हजारों किलोमीटर की यात्रा करके हमारे देश में आते हैं। इन पक्षियों को प्रवासी पक्षी कहते हैं।

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Question 2.
सही कथन के सामने (✓) तथा गलत कथन के सामने (✗) का चिह्न लगाइए
(क) सजीव और निर्जीव घटक एक दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं।
(ख) सभी प्राणी, पेड़-पौधे, जलवायु और पर्यावरण मिलकर पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं।
(ग) प्रथम चरण उपभोक्ता शेर, चीतां, भेड़िया आदि हैं।
(घ) मृत जीवधारियों से भोजन प्राप्त करने वाले जीव मृतोपजीवी कहलाते हैं।
(ङ) हमें पारिस्थितिकी सन्तुलन को बनाए रखना चाहिए।
(च) हमारी पृथ्वी के चारों ओर वायुमण्डल है।
(छ) मनुष्य पर्यावरण का अंग नहीं है।
Solution:
(क) सजीव और निर्जीव घटक एक दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं। (✗)
(ख) सभी प्राणी, पेड़-पौधे, जलवायु और पर्यावरण मिलकर पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं। (✓)
(ग) प्रथम चरण उपभोक्ता शेर, चीतां, भेड़िया आदि हैं। (✗)
(घ) मृत जीवधारियों से भोजन प्राप्त करने वाले जीव मृतोपजीवी कहलाते हैं। (✓)
(ङ) हमें पारिस्थितिकी सन्तुलन को बनाए रखना चाहिए। (✓)
(च) हमारी पृथ्वी के चारों (UPBoardSolutions.com) ओर वायुमण्डल है। (✓)
(छ) मनुष्य पर्यावरण का अंग नहीं है। (✗)

Question 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जल, वायु, पोषक तत्व, सौर-ऊर्जा आदि ___ घटक कहलाते हैं।
(ख) भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहने वाले जीव ___ कहलाते हैं।
(ग) उत्पादक व उपभोक्ता के बीच प्रत्येक भोजन स्तर को ___ कहते हैं।
(घ) आहार-श्रृंखला के एक सिरे पर उत्पादक तथा दूसरे सिरे पर ____ होता है।
(ङ) प्रकृति में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत ___ है।
(च) प्रकृति जल, स्थल, वायु, पेड़-पौधों एवं ___ से मिलकर बनी है।
(छ) पृथ्वी के जल वाले भाग को ____ कहते हैं।
(ज) जैविक एवं अजैविक घटक एक दूसरे से परस्पर ___ हैं।
Solution:
(क) जल, वायु, पोषक तत्व, सौर-ऊर्जा आदि निर्जीव घटक कहलाते हैं।
(ख) भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहने वाले जीव परपोषी कहलाते हैं।
(ग) उत्पादक व उपभोक्ता के बीच प्रत्येक भोजन स्तर को पोषक तल कहते हैं।
(घ) आहार-श्रृंखला के एक सिरे पर उत्पादक तथा दूसरे सिरे पर सर्वोच्च उपभोक्ता होता है।
(ङ) प्रकृति में ऊर्जा का प्रमुख (UPBoardSolutions.com) स्रोत सूर्य है।
(च) प्रकृति जल, स्थल, वायु, पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं से मिलकर बनी है।
(छ) पृथ्वी के जल वाले भाग को जल-मण्डल कहते हैं।
(ज) जैविक एवं अजैविक घटक एक दूसरे से परस्पर सम्बन्धित हैं।

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Question 4.
सही विकल्प चुनें
(क) किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सबसे आवश्यक है

  • निरन्तर ऊर्जा प्रवाह होना।
  • जल प्रवाह होना।
  • वायु प्रवाह होना।
  • पर्वत।

(ख) सूर्य से प्राप्त होने वाली अधिकांश ऊर्जा पृथ्वी पर पहुँचने से पूर्व ही नष्ट हो रही है–

  • मरुस्थलों के कारण।
  • समुद्रों के कारण।
  • पर्वतों के कारण।
  • अत्यधिक प्रदूषण के कारण।

(ग) आहार-जाल में

  • आहार-श्रृंखलाएँ एक सीध में चलती हैं।
  • आहार-श्रृंखलाएँ नहीं होती हैं।
  • कई आहार-श्रृंखलाएँ आपस में उलझ जाती हैं।
  • ऊर्जा का प्रवाह नहीं होता है। ।

(घ) पृथ्वी पर किसी निर्जीव घटक के संतुलित मात्रा से कम या ज्यादा होने पर

  • पारिस्थितिकी तंत्र बनता है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित होता है।
  • मानव सुखी जीवन व्यतीत करता है।
  • उपरोक्त में से कोई नहीं।

Solution:
(क) किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सबसे आवश्यक है

  • निरन्तर ऊर्जा प्रवाह होना। ✓
  • जल प्रवाह होना।
  • वायु प्रवाह होना।
  • पर्वत।

(ख) सूर्य से प्राप्त होने वाली अधिकांश ऊर्जा पृथ्वी पर पहुँचने से पूर्व ही नष्ट हो रही है–

  • मरुस्थलों के कारण।
  • समुद्रों के कारण।
  • पर्वतों के कारण।
  • अत्यधिक प्रदूषण के कारण। ✓

(ग) आहार-जाल में

  • आहार-श्रृंखलाएँ एक सीध में चलती हैं।
  • आहार-श्रृंखलाएँ नहीं होती हैं।
  • कई आहार-श्रृंखलाएँ आपस में उलझ जाती हैं। ✓
  • ऊर्जा का प्रवाह नहीं होता है। ।

(घ) पृथ्वी पर किसी निर्जीव घटक के संतुलित मात्रा से कम या ज्यादा होने पर

  • पारिस्थितिकी तंत्र बनता है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित होता है। ✓
  • मानव सुखी जीवन व्यतीत करता है।
  • उपरोक्त में से कोई नहीं।

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Question 5.
आपने आस-पास देखे और लिखिए –
(अ) पौधों को उचित मात्रा में धूप न मिलने से क्या होगा?
(ब) अपने आस-पास के जीव-जन्तुओं एवं पेड़-पौधों को देखकर एक खाद्य श्रृंखला का रेखांकित चित्र बनाइए।
(स) पशुओं के मृत शरीर को कौन-कौन से जीव खाते हैं?
Solution:
(अ)- पौधे सूख जाएँगे।
(ब)- विद्यार्थी स्वयं करें।
(स)- कुत्ता, बिल्ली, गिद्ध, बाज, कौआ, चील, लोमड़ी आदि।

प्रोजेक्ट वर्क– विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 7 वन एवं वन्य जीव

UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 7 वन एवं वन्य जीव

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अभ्यास ।

Question 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) वनों से प्राप्त होने वाले औषधीय पेड़-पौधों के नाम और उनका उपयोग लिखिए।
(ख) वन क्षेत्र में मिट्टी का कटाव क्यों कम होता है ?
(ग) किन्हीं चार इमारती लकड़ियों के नाम लिखिए ?
(घ) विलुप्त तथा संकटग्रस्त प्रजातियों में उदाहरण सहित अन्तर स्पष्ट कीजिए।
(ङ) उत्तर प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव अभ्यारण्य के नाम लिखिए।
(च) वनों की संख्या कम होने के क्या कारण हैं ?
(छ) राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्य जीव अभ्यारण्य क्यों बनाए गए हैं ?
(ज) वन जानवरों को किस प्रकार लाभ पहुँचाते हैं ?
Solution:
(क)- वनों से प्राप्त होने वाले औषधीय पेड़-पौधों के नाम और उनका उपयोग निम्नांकित हैं –
UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 7 वन एवं वन्य जीव 1

(ख)- वन तेज वर्षा में मिट्टी के कटाव को रोकते हैं। वन-क्षेत्र में पेड़-पौधे पानी के वेग को कम करते हैं तथा वायु की तीव्र गति को भी कम करते हैं, इससे वन-क्षेत्र में मिट्टी का कटाव कम होता है।

(ग)- चार इमारती लकड़ियों के नाम हैं- शीशम, साखू, सागौन और देवदार।।

(घ)- वन्य जीवों की अधिकाधिक माँग और उनके अवैध शिकार ने कुछ वन्य जीवों को पूरी तरह नष्ट कर दिया तो कुछ संकटग्रस्त हैं यानी विलुप्ति के कगार पर हैं। पशु-पक्षियों की जो प्रजातियाँ पूरी तरह विलुप्त (UPBoardSolutions.com) हो चुकी है, उन्हें विलुप्त प्रजातियों की श्रेणी में रखा जाता है, जैसे- डायनासौर मैमथ डोडो आदि। मनुष्य द्वारा अत्यधिक शिकार करने से जिन पशु-पक्षी की प्रजातियाँ खतरे में हैं यानी समाप्ति के कगार पर हैं उन्हें संकट ग्रस्त प्राणियों की श्रेणी में रखा गया हैं। जैसे- शेर, हाथी, बाघ, घोड़ा, चीता, मोर, आदि।

(ङ)- उत्तर प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय उद्यान- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश में स्थित वन्यजीव अभ्यारण्य- चन्द्रप्रभा अभ्यारण्य।

(च)- मनुष्य द्वारा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु, शहरीकरण और औद्योगीकरण के बढ़ते चलन के कारण वनों की अंधाधुंध कटाई की गई। जिससे वनों की संख्या कम हो गई।

(छ)- वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव अभ्यारण्य बनाए गए हैं।

(ज)- वन जानवरों को भोजन, आश्रय और जीने की अनुकूल परिस्थितियाँ देकर उन्हें लाभ पहुँचाते हैं।

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Question 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) वनों से हमें उद्योगों के लिए ___ प्राप्त होता है।
(ख) वन जीव-जन्तुओं और पक्षियों के ___ स्थान है।
(ग) वन को प्राकृतिक ___ कहते हैं।
(घ) ___ को विश्व वन दिवस मनाया जाता है।
(ङ) चन्द्रप्रभा अभ्यारण्य ___, ____ में स्थित है।
(च) कुकरैल वन ___, ____ में स्थित है।
Solution:
(क) वनों से हमें उद्योगों के लिए कच्चा माल प्राप्त होता है।
(ख) वन जीव-जन्तुओं और पक्षियों के रहने का स्थान है।
(ग) वन को प्राकृतिक संसाधन कहते हैं।
(घ) 21 मार्च को विश्व वन दिवस मनाया जाता है।
(ङ) चन्द्रप्रभा अभ्यारण्य चन्दौली, उत्तर प्रदेश में स्थित है।
(च) कुकरैल वन लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है।

Question 3.
सही कथन के सामने (✓) और गलत कथन के सामने (✗) का चिह्न लगाइए |
(क) वन केवल जन्तुओं को लाभ पहुँचाते हैं।
(ख) मनुष्य आदिकाल से ही वनों पर निर्भर था।
(ग) सिनकोना से मलेरिया की दवा प्राप्त होती है।
(घ) गिद्ध एक विलुप्त प्रजाति है।
(ङ) सागौन इमारती लकड़ी है।
(च) पशु-पक्षियों की प्रजातियाँ जो खत्म होने की कगार पर है, विलुप्त प्रजातियाँ कहलाती हैं।
(छ) पेड़-पौधे वायु की गति बढ़ाने में सहायक होते हैं।
(ज) वन पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं।
(झ) मानव के हस्तक्षेप से वनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
Solution:
(क) वन केवल जन्तुओं को लाभ पहुँचाते हैं। (✗)
(ख) मनुष्य आदिकाल से ही वनों पर निर्भर था। (✓)
(ग) सिनकोना से मलेरिया की दवा प्राप्त होती है। (✓)
(घ) गिद्ध एक विलुप्त प्रजाति है। (✗)
(ङ) सागौन इमारती (UPBoardSolutions.com) लकड़ी है। (✓)
(च) पशु-पक्षियों की प्रजातियाँ जो खत्म होने की कगार पर है, विलुप्त प्रजातियाँ कहलाती हैं। (✗)
(छ) पेड़-पौधे वायु की गति बढ़ाने में सहायक होते हैं। (✗)
(ज) वन पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं। (✓)
(झ) मानव के हस्तक्षेप से वनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। (✓)

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UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 6 मिट्टी और वायु

UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 6 मिट्टी और वायु

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अभ्यास ।

Question 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) मिट्टी किसे कहते हैं ?
(ख) मिट्टी कितने प्रकार की होती है ?
(ग) मृदा प्रदूषण किन कारणों से होता है ?
(घ) वायुमण्डल क्या है? हमारे वायुमण्डल का संतुलन कैसे बिगड़ रहा है? |
(ङ) ऑक्सीजन का जीवन में क्या महत्त्व है?
(च) गैसीय अपशिष्ट क्या है? इसका सुरक्षित निष्कासन किस प्रकार से किया जा सकता है?
Solution:
(क)- भूमि की सबसे ऊपरी परत मिट्टी (UPBoardSolutions.com) कहलाती है।

(ख)- मिट्टी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है- काली मिट्टी, लाल मिट्टी तथा लैटराइट मिट्टी।

(ग)- मृदा प्रदूषण रासायनिक खादों तथा कीटनाशक दवाओं के अत्यधिक प्रयोग, परमाणु कचरे, पेड़-पौधों की अन्धाधुंध कटाई आदि के कारण होता है।

(घ)- पृथ्वी के चारों ओर स्थित वायु की मोटी परत ही वायुमण्डल कहलाती है। हमारे वायुमण्डेल का सन्तुलन निम्नलिखित कारणों से बिगड़ रहा है-

  1. कल-कारखानों से निकलने वाले धुएँ तथा विषैली गैसों से।
  2. ईंधन जलाने पर निकलने वाले धुएँ (UPBoardSolutions.com) एवं गैसों से।
  3. अन्तरिक्ष से कृत्रिम उपग्रह में प्रयुक्त प्रक्षेपण यानों से निकलने वाले धुएँ से।
  4. कूड़े-करकट तथा मरे हुए जीव-जन्तुओं के शवों, कृषि अपशिष्ट आदि के सड़ने से उत्पन्न गैसों से।
  5. वायुयान, स्वचालित वाहनों जैसे- बस, कार, रेलगाड़ी आदि के साधनों से निकलने वाले धुएँ एवं गैसों से।
  6. प्रशीतकों में शीतलन के लिए प्रयुक्त गैसों के रिसने से।

(ङ)- ऑक्सीजन का जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है। किसी भी प्राणी को जीवित रखने के लिए, ऑक्सीजन अनिवार्य है इसलिए इसे प्राण वायु भी कहा जाता है। यह आग जलाने के लिए भी आवश्यक है।

(च)- वह गैसीय पदार्थ जो वायु में मिलकर इसे दूषित करता है, गैसीय अपशिष्ट कहलाता है। कार्बन मोनोक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, मिथेन तथा क्लोरो-फ्लोरो कार्बन आदि गैसें गैसीय अपशिष्ट हैं। गैसीय अपशिष्टों को निष्कासन निम्नलिखित विधियों द्वारा किया जा सकता है-

  1. कारखानों तथा भट्ठों आदि की चिमनियों को ऊँचा बनाकर।
  2. चिमनियों में धूम्र अवक्षेपक लगाकर।
  3. कारखानों को आबादी वाले क्षेत्रों से बहुत दूर लगाकर।
  4. कारखानों तथा बस्तियों के आस-पास अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाकर

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Question 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) भूमि की ऊपरी परत को ___ कहते हैं।
(ख) मिट्टी पेड़-पौधों को ___ प्रदान करती है जो उनकी वृद्धि में सहायक हैं।
(ग) पेड़-पौधों को स्वस्थ रखने के लिए रासायनिक उर्वरक की जगह ___ खाद का प्रयोग | करना चाहिए।
(घ) गैसों के अलावा वायुमण्डल में ___ एवं ___ आदि पाए जाते हैं।
(ङ) मानव के हस्तक्षेप से वायुमण्डल का ___ बिगड़ रहा है।
(च) पेड़-पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ___ गैस को लेकर अपना भोजन बनाते हैं।
(छ) कारखानों की चिमनियों में ___ लगाकर प्रदूषण रोका जा सकता है।
Solution:
(क) भूमि की ऊपरी परत को मिट्टी कहते हैं।
(ख) मिट्टी पेड़-पौधों को पोषक तत्व प्रदान करती है जो उनकी वृद्धि में सहायक हैं।
(ग) पेड़-पौधों को स्वस्थ रखने के लिए रासायनिक उर्वरक की जगह प्राकृतिक खाद का प्रयोग | करना चाहिए।
(घ) गैसों के अलावा वायुमण्डल में जलवाष्प एवं धूलकण आदि पाए जाते हैं।
(ङ) मानव के हस्तक्षेप से वायुमण्डल का सन्तुलन बिगड़ रहा है।
(च) पेड़-पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड गैस को लेकर अपना भोजन बनाते हैं।
(छ) कारखानों की चिमनियों में धूम्र अवक्षेप लगाकर प्रदूषण रोका जा सकता है।

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प्रोजेक्ट वर्क– विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 5 जल संचयन एवं पुनर्भरण

UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 5 जल संचयन एवं पुनर्भरण

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अभ्यास ।

Question 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए’
(क) वर्षा जल पुनर्भरण के लाभ बताइए ?।
(ख) भू-जल का स्तर नीचे क्यों गिरता जा रहा है ?
(ग) भू-जले में वृद्धि कैसे की जा सकती है ?
(घ) जनसंख्या वृद्धि का भू-जल पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
(ङ) वर्षा जल संचयन का अभिप्राय बताइए?
(च) जल को आपके जीवन में क्या महत्त्व है ?
(छ) वर्षा जल का संचयन एवं पुनर्भरण क्यों आवश्यक है ? |
(ज) अपने घर की छत के वर्षा जल का संचयन कैसे करेंगे?
Solution:
(क)- वर्षा जल पुनर्भरण से निम्न लाभ हैं- आवश्यकतानुसार जल की प्राप्ति, जमीन के अन्दर जल मात्रा बढ़ना, नगर जल समस्या दूर होना, जल स्तर नीचे न गिरना, मिट्टी का कटाव कम होना व कृषि फसलों को हरा-भरा बनाया जा सकना आदि।।

(ख)- वर्षा की कमी व जल की अधिक माँग होने के कारण (UPBoardSolutions.com) भू-जल का स्तर नीचे गिरता जा रहा है।

(ग)- वर्षा जल संचयन एवं पुनर्भरण से भू-जैल में वृद्धि की जा सकती है।

(घ) – जनसंख्या वृद्धि से भू-जल की माँग बढ़ती है, जिससे जल स्तर नीचे गिरता जाता है।

(ङ) – वर्षा जल संचयन का अभिप्राय है वर्षा के जल को एकत्र करके कुओं, तालाबों और गड्ढों । आदि को फिर से भरकर पानी की समस्या दूर करना।

(च) – जल का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। जल पीने के लिए, सिंचाई के लिए. सफाई के लिए वे उद्योग धंधों आदि कार्यों के लिए आवश्यक है।

(छ)-वर्षा जल का संचयन एवं पुनर्भरण भू-जल आपूर्ति और भू-सतही जल द्वारा सभी कार्यों के लिए जल उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है।

(ज)-घर से थोड़ी दूर पर २ से ३ मीटर गहरा गड्ढा खोदकर, गड्ढे को ईट, कंकड़ और बजरी से भर देते हैं। फिर उसके ऊपर मोटी रेत डालते हैं। इस गड्ढे में छत पर गिरने वाले वर्षा के स्वच्छ जल को इकट्ठा करते हैं।

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Question 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए|
(क) समुद्र का जल ___ होने के कारण पीने योग्य __ होता है।
(ख) भू-जल एवं भू-सतही जल प्रकृति द्वारा __ मात्रा में प्राप्त है।
(ग) तालाब, पोखर आदि जल ___ के प्राचीन साधन रहे हैं।
(घ) भू-जल में वृद्धि ___ करके कर सकते हैं।
(ङ) शहरों में __  के कारण वर्षा जल भूमि के अन्दर ___ प्रवेश होता है।
(च) उन्नत किस्म के धान एवं गेहूं की फसल उगाने के लिए ___ सिंचाई की आवश्यकता होती है।
(छ) भारत की जलनीति वर्ष ___ में बनाई गई थी।
(ज) राष्ट्रीय जलनीति में जल को ___ एवं ____ संसाधन के रूप में माना गया है।
Solution:
(क) समुद्र का जल खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं होता है।
(ख) भू-जल एवं भू-सतही जल प्रकृति द्वारा कम मात्रा में प्राप्त है।
(ग) तालाब, पोखर आदि जल संचयन के प्राचीन साधन रहे हैं।
(घ) भू-जल में वृद्धि जल संचयन करके (UPBoardSolutions.com) कर सकते हैं।
(ङ) शहरों में पक्के मकानों के कारण वर्षा जल भूमि के अन्दर कम प्रवेश होता है।
(च) उन्नत किस्म के धान एवं गेहूं की फसल उगाने के लिए अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है।
(छ) भारत की जलनीति वर्ष 1987 में बनाई गई थी।
(ज) राष्ट्रीय जलनीति में जल को दुर्लभ एवं बहुमूल्य राष्ट्रीय संसाधन के रूप में माना गया है।

Question 3.
सही जोड़े बनाएँ
UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 5 जल संचयन एवं पुनर्भरण 1
Solution:
UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 5 जल संचयन एवं पुनर्भरण 2

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