UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 7 विमानयानं रचयाम

UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 7 विमानयानं रचयाम

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शब्दार्थाः –

विमानयानम् = हवाई जहाज,
रचयाम = निर्माण करते हैं।
विपुले = विस्तृत।
विमले = स्वच्छ।
वायुविहारम = वायु विहार।
करवाम = करें।
उन्नतवृक्षम् = ऊँचे पेड़।
तुङ्गम् = ऊँचा।
क्रान्त्वाकाश = आकाश को पार करके।
याम = चलें ।
कृत्वा = करके।
हिमवन्तं = हिमालय को।
सोप निमु= सीढी ।
चन्दिरलोकम् = चन्द्रलोकम को।
प्रविष्ठाम = प्रवेश करें।
शुक्रश्चन्द्रः = शुक्र और चन्द्रमा ।
सूर्योगुरिति = सूर्य और गुरू।
सुन्दरताराचित्वा = सुन्दर तारों को चुनकर ।
मौक्तिकहारं = मोती का हार ।
अम्बुदमालाम् = मेघमाला को ।
अम्बरभूषाम् = आकाश की शोभा को ।
आदाय = लेकर के।
प्रतियाम = लौटें।
दुःखित = दुःख से।
गृहेषु = घरों में।
हर्षम् = खुशी ।
जनयाम = लायें।

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राघव !………………………….करवाम।।1।। 
हिन्दी अनुवाद – हे राघव, माधव हे सीता, ललिता, हवाई जहाज बनायें। विस्तृत, स्वच्छ नील गगन में वायु विहार करें।

उन्नतवृक्षं ……………………….प्रविशाम ।।2।।
हिन्दी अनुवाद – ऊँचे वृक्षों ऊँचे भवनों, आकाश को पार करके चलें । हिमालय को सीढ़ी बनाकर चन्द्रलोक में प्रवेश करें।

शुक्रश्चन्द्रः ………………..रचयाम।।3।।
हिन्दी अनुवाद – शुक्र और चन्द्र सूर्य और गुरु सारे ग्रहों की गणना करें। अनेक प्रकार के सुन्दर तारों को चुनकर मोतियों का हार बनायें ।

अम्बुदमालाम्……………..जन्याम् ।।4।।
हिन्दी अनुवाद – मेघमाला को, आकाश की शोभा को लेकर ही लौटें। दुःख से पीड़ित किसानों के गृहों में खुशी लायें।

गच्छन् ………गच्छति ।।5।।

अभ्यासः

प्रश्न 1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न 2. एक पदेन उत्तरत
यथा – वयं किं रचयाम?
उत्तर – विमानयानम्
(क) कीदृशे गगने वायुविहारं करवाम?
उत्तर – विलमे
(ख) वयं विमानेन कुत्र प्रविशाभ?
उत्तर – चन्दिरलोक
(ग) वयं कीदृशं भवनं क्रान्त्वा आकाशं याम?
उत्तर – तुङ्ग

प्रश्न 3. पाठातू उचितपदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(क) नीले गगने विपुले मिले
उत्तर – वायु विहारं करवाम् ।।
(ख) अम्बुदमालाम् अम्बरभूषाम् ।
उत्तर – आदायैव हि प्रतियाम्

प्रश्न 4. भिन्नवर्गस्य पंद चिनुत –
यथा- शुक्रः, वृक्ष, चन्द्रः, गुरुः।।
भिन्नवर्गः – वृक्षः
(क) छात्रः, शिक्षक, भिक्षुकः, प्रायार्यः।
भिन्नवर्गः – भिक्षुकः
(ख) शुकः, कपोतः, वानरः, काकः।।
भिन्नवर्गः – वानरः
(ग) पत्रम्, पुष्पम्, मित्रम्, फलम् ।।
भिन्नवर्गः – मित्रम्
(घ) सिंहः, मयूरः, मण्डूकः गजः।।
भिन्नवर्गः – मयूरः

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प्रश्न 5. पर्यायपदानि योजयत । यथा – विमले
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 7 विमानयानं रचयाम 1

प्रश्न 6. पाठात् तुकान्त पदानि चिनुत ।
यथा –
विमले               विमले
भवनं                 सोपानं
गणयाम            एचयाम
प्रतियाम            जनयाम

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नोट – ‘शिक्षणसङ्केतः’ और ‘एतदपि जानीत’ विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 6 धरित्री रक्षत

UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 6 धरित्री रक्षत

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शब्दार्थाः –

प्रदत्तानि = प्रदान करती है,
तत्सर्वम् = ये सभी,
मातृस्वरूपा = माता के समान,
स्वगर्भ =  अपने अंदर,
क्रियमाणः = करते हुए,
विनष्टानि = समाप्त हो जाना,
छित्वा = काटकर,
अविचारितेन = बिना विचार किये हुए,
गरीयसी = बढ़कर,
पृथिव्याः = पृथिवी के,
समापतन्ति = आ जाती हैं।

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इयं धरित्री। …………………….पोषयन्ति। ।
हिन्दी अनुवाद – यह धरती है। हमारी माता के समान। (UPBoardSolutions.com) धरातल परे नदियाँ, पहाड़, वन भी है। सूर्य, चन्द्रमा, वायु, जल, प्रऔति प्रदत्त है। ये हमको पोषित करते हैं।

मनुष्यः ………………………..भवित।।
हिन्दी अनुवाद – मनुष्य स्वार्थवश प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग करता है। क्रमशः ये संसाधन समाप्त और दूषित हो जाते हैं। अब संसार की बढ़ती हुई जनसंख्या विचारणीय है। लोगों के निवास के . लिए वनों को काटकर मकान बनाये जाते हैं। पेड़ प्राणवायु देते हैं। पेड़ों के विनाश से पर्यावरण प्रदूषित होता है। प्रकृति का सौन्दर्य विलुप्त होता है। |

पर्यावरणस्य……………पृथिव्याः ।
हिन्दी अनुवाद – पंर्यावरण के विकृत हो जाने से विपत्तियाँ आती हैं। अतः विपत्तियों को दूर करने । के लिए हम सबके द्वारा पृथ्वी की रक्षा की जानी चाहिए। जब पृथ्वी सुरक्षित होती है तब मानव जीवन भी सुरक्षित हो जाता है। सत्य ही कहा गया है

‘भूमि (मेरी) माता है, मैं पृथ्वी का पुत्रा हूँ।

अभ्यासः ।

प्रश्न 1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2. एकपदेन उत्तरत
                 यथा                                                                                             उत्तर
का अस्माकम् मातृस्वरूपा?                                                                            धरित्री
(क) धरातले कानि सन्ति?                                                            नद्यः
(ख) कस्याः सौन्दर्यं विलुप्तं भवति?                                                  प्रकृतेः
(ग) शुद्धप्राणवायूं के ददति? ।                                                     वृक्षाः
(घ) विपत्तीनां निवारणाय कस्याः रक्षणम् आवश्यकम्?                              वसुधायाः

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प्रश्न 3. पूर्ण वाक्येन उत्तरत
यथा- पृथिव्याः अपरं नाम किम? – पृथिव्याः अपरं नाम धरित्री।
उत्तर- (क) प्राकृतिकसंसाधनानां दुरुपयोगं कः करोति?
प्राकृतिकसंससाधनानां दुरुपयोगं मनुष्यः करोति।
(ख) पर्यावरणस्य महती हानिः कथ भवति?
पर्यावरणस्य महती हानिः वृक्षाणां विनाशेन भवति।
(ग) का सर्वथा वन्दनीया सेवनीया च?
धरित्री सर्वथा वन्दनीया (UPBoardSolutions.com) सेवनीया च।

प्रश्न 4. मजूषातः उचितविशेषणशब्दान् चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूरा करके) –
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 6 धरित्री रक्षत 1
यथा– इयं अस्माकम् मातृस्वरूपा।।
(क) अधुना विश्वस्य वर्धमाना जनसंख्या सोचनीया। ।
(ख) अस्माभिः वसुधायाः रक्षणं कर्तव्यम् ।।
(ग) वृक्षाणां विनाशेन पर्यावरणं प्रदूषितं भवति।

प्रश्न 5. चित्रानुसारं संस्कृतपदानि रचयत (रचकर) –
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 6 धरित्री रक्षत 2
उद्याने एकः आमृवृक्षः अस्ति।
वृक्षातु पत्रं पतति ।
वृक्षात् फलं पतति ।
उद्यानं सुन्दरम् अस्ति।

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प्रश्न 6. संस्कृत भाषायाम् अनुवादं कुरुत
(क) यह पृथ्वी हमारी माता के समान है।
अनुवाद – इयं धरित्री अस्माकं मातृस्वरूपा अस्ति।
(ख) इस पृथ्वी को वसुधा भी कहते हैं।
अनुवाद – पृथिव्याः अपरं नाम वसुधा अपि अस्ति।
(ग) हम सूर्य से ऊर्जा पाते हैं।
अनुवाद – सूर्यातू अस्मभ्यम् ऊर्जा प्राप्नोति।।
(घ) माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।
अनुवाद – जननी, जन्मभूमिश्चय स्वर्गादपि गरीयसी।

प्रश्न 7. पाठात शब्दं चित्वा स्वमित्रैः सह अन्त्याक्षरीं कुरुत
यथा –
प्रथम वर्ग               द्वितीय वर्ग

पवनः                     नद्यः
यदा                        दृषितानि

उत्तर – विद्यार्थी स्वयं करें ।
शिक्षण संङ्केतः और एतदपि जानीत –

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नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 5 मम विद्यालयः (दीर्घसन्धिः गुणसन्धिश्च)

UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 5 मम विद्यालयः (दीर्घसन्धिः गुणसन्धिश्च)

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शब्दार्थाः –

कति = कितने,
समीचीनम् = बहुत अच्छा,
क्रीडाङ्गम = खेल का मैदान,
संगणककक्षः = कम्प्यूटर कक्ष,
नूतनानि = नयी,
स्यूतः = स्कूल बैग,
पादत्राणं = जूता,
पादकोशः = मोजा।
पाकशाला = रसोईघर,
आत्मानम् = अपने को,
एवं विद्याः = इस प्रकार के,
ते = तुम्हारे,
वर्धयन्ति = बढ़ाते हैं।

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उषाः- चेतने!……………………..भवन्ति।
हिंदी अनुवाद – उषा – चेतना! तुम्हारा विद्यालय कहाँ है?
चेतना – मेरा विद्यालय यहीं नगर में है। वहाँ एक सुन्दर पुस्तकालय और खेल का एक विशाल मैदान है।
उषा – अच्छा! तुम्हारे विद्यालय के पुस्तकालय में कैसी पुस्तकें हैं?
चेतनां – मेरे विद्यालय के पुस्तकालय में विविध विषयों की पुस्तकें हैं।
उषा – ठीक है! तुम्हारे विद्यालय में कितने शिक्षक हैं?
चेतना – मेरे विद्यालय में पाँच शिक्षक हैं। वे सब महर्षितुल्य, कर्तव्यपरायण और शिष्यवत्सल हैं।
उषा – क्या वहाँ विद्यालय में उद्यान भी हैं?
चेतना – मेरे विद्यालय में एक सुन्दर उद्यान है, जिसके मनोहर फूल खिलते हैं?
उषा – तुम्हारे विद्यालय में और क्या है? (UPBoardSolutions.com)
चेतना – मेरे विद्यालय में संगणक कक्ष भी है।
उषा – ठीक है! तुम्हारे वस्त्र तो नये दिख रहे हैं। कहाँ से लिये है?
चेतना – क्या तुम नहीं जानती हो कि मेरे विद्यालय में सब छात्रों को निःशुल्क पुस्तक, स्यूत, जूते, और वस्त्र दिये जाते हैं।
उषा – तो बहुत अच्छा। ऐसा सुना जाता है कि तुम्हारे विद्यालय में दोपहर का भोजन भी मिलता है? ।
चेतना – तुमने सत्य कहा है। मेरे विद्यालय में प्रतिदिन निःशुल्क भोजन मिलता है इसके लिए एक रसोई है। वहाँ धनेश्वरी, सुशीला और किशोरी-चेति तिस्त्राः भोजन निर्माण कुर्वन्ति।
उषा – बहुत बढ़िया! जो तुम्हारे विद्यालय उत्तम है।
चेतना – हाँ! निश्चित रूप से मेरा विद्यालये उत्तम है। मेरे विद्यालय का परीक्षाफल प्रतिवर्ष श्रेष्ठ होता है। वहाँ पढ़कर मैं अपने आप पर गर्व अनुभव करता हूँ।
उषा – सच! ऐसे विद्यालय ही देश का गौरव बढ़ाते हैं।

अभ्यासः ।

प्रश्न 1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत –
क्रीडाङ् गणम्, शिष्यवत्सलाश्च, कर्तव्यपरायणाः, मनोहराणि, संगणकम्, बहूत्तमम्।
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2. पूर्ण वाक्येन उत्तरत
                    यथा                                                                              उत्तर
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 5 मम विद्यालयः (दीर्घसन्धिः गुणसन्धिश्च) 1

प्रश्न 3. सन्धिं कुरुत- (करके)
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 5 मम विद्यालयः (दीर्घसन्धिः गुणसन्धिश्च) 2

प्रश्न 4. अधोलिखितानि-वाक्यानि एकवचने-परिवर्तयत- (परिवर्तन करके)
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 5 मम विद्यालयः (दीर्घसन्धिः गुणसन्धिश्च) 3

प्रश्न 5. मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूर्ति करके)
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 5 मम विद्यालयः (दीर्घसन्धिः गुणसन्धिश्च) 4
(क) विद्यालयः कुत्र अस्ति?
(ख) तत्र एकः सुन्दरः पुस्तकालयः अस्ति।
(ग) उद्याने मनोहराणि पुष्पाणि विकसन्ति ।
(घ) विद्यालये सुन्दरम् उद्यानम् अस्ति।

प्रश्न 6. संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 5 मम विद्यालयः (दीर्घसन्धिः गुणसन्धिश्च) 5

प्रश्न 7. मम् प्रिय शिक्षकः उपरि वाक्यानि लिखत। (नोटः विद्यार्थी स्वयं करें ।)
शिक्षण-सङ्केतः – नोट – विद्यार्थी शिक्षक की (UPBoardSolutions.com) सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 4 उद्बोधनम् (लोट्लकार-प्रयोगाः)

UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 4 उद्बोधनम् (लोट्लकार-प्रयोगाः)

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शब्दार्थाः –

मा = मत, नहीं,
कुरु = करो,
दर्पम् = घमण्ड (अकड़),
गर्वमू = अभिमान,
भव = हो,
मानी = अभिमान करने वाला,
मानय = सम्मान दो,
दैन्यम् = दीनता,
मुदितंमना = प्रसन्न मन,
मोदय = प्रसन्न करो,
वद = बोलो,
मिथ्या = झूठ,
व्यर्थम् = बेकार,
कुर्वनर्थम् = बुरा,
पाहि = रक्षा करो,
विपन्नम् = दुखी,
लालय = लालन-पालन करो,
विहीनम् = रहित को,
तनयम् = पुत्र को,
तनयां = पुत्री को,
पाठय = पढ़ाओ,
वारय = दूर करो,
कृत्यम् = कार्य,
चित्तविकारम् = मन के दोष को,
अपनय = हटाओ,
दुर्व्यसनम् = खराब आदत,
परिहेयम् = त्याग करने योग्य, त्याज्य।।

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मा कुरु…………………..लोकम् ।।1।।
हिंन्दी अनुवाद – घमण्ड मत करो। अभिमान मत करो। (UPBoardSolutions.com) अभिमानी मत बनो। दूसरों को सम्मान दो। दीनता से दूर रहो। शोकरहित रहो। प्रसन्न मन वाले बनो। संसार को (सबको) प्रसन्न करो।।

मा वद………………विहीनतम् ।।2।।
हिन्दी अनुवाद – झूठ मत बोलो। बेकार मत बोलो। बुरे मार्ग पर मत चलो। अनर्थ मत करो। विकलांग की रक्षा करो। गरीब का पोषण करो। अनाथ (माता-पिता रहित) का लालन-पालन करो।

तनयं…………………………चित्तविकारम् ।।3।।
हिन्दी अनुवाद – पुत्र को पढ़ाओ, पुत्री को पढ़ाओ। नीति सिखाओ। दोष दूर करो। उपकार करो। उदार कार्य करो। मन के दोषों को हटाओ।

मा पिब………………………..चिन्तनमभयम् ।।4।।
हिन्दी अनुवाद – कोई भी व्यर्थ (खराब) वस्तु मत पियो। बुरी आदत मत पालो, छोड़ दो। एक पल भी समय नष्ट मत करो। निडर होकर जगत् के स्वामी (ईश्वर) का चिंतन करो।

अभ्यासः।

प्रश्न 1. एकपदेन उत्तरत

(क) कं पालय?
उत्तर – दीनम् ।।

(ख) किं शिक्षय?
उत्तर – नीतिं ।

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(ग) किं अपनय?
उत्तर – दूरे चित्तविकारम् ।

(घ) किं मा पिब?
उत्तर – वस्तु निषिद्धम्।

प्रश्न 2. त्याज्यकार्याणां करणीयकार्याणां च सूचीं लिखत (सूची बनाकर)|
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 4 उद्बोधनम् (लोट्लकार-प्रयोगाः) 1

प्रश्न 3. चित्रानुसारं वाक्यानि रचयत (रचकर) –
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 4 उद्बोधनम् (लोट्लकार-प्रयोगाः) 2

प्रश्न 4. पाठात् क्रियापदानि चित्वा स्वपुस्तिकायां लिखत।।
यथा– कुरु, भव, वद, चल, पिब, पाहि।

प्रश्न 5. कवितां पूरयत (कविता पूरी करके)
(क) मा भज दैन्यम्, मा भज शोकम् । मुदित मंना भव, मोदय लोकम् ।। ।
(ख) मा वद व्यर्थम् । न चल कुमार्गे, न कुरु अनर्थम् ।।
(ग) तनयं पाठय, तनयां पाठय। शिक्षय नीतिं दोषं वारय कुरूपकारम् कृत्यमुदारम् ।।
(घ) मा पिब किञ्चिद् वस्तु निषिद्धम्मा भज दुर्व्यसनं परिहेयम् ।।

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प्रश्न 6. विभक्तिं वचनं च लिखत
उत्तर
लोकम् – द्वितीया विभक्ति (एकुवचन)
मार्गे – सप्तमी विभक्ति (एकवचन)
तनयाम् – द्वितीया विभक्ति (एकवचन)
जगदीशवरः – प्रथमाः विभक्ति (एकवचने)

नोट – ‘ध्यातव्य’ और ‘शिक्षण संकेत’ विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 3 अस्माकं परिवेशः

UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 3 अस्माकं परिवेशः

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शब्दार्थाः –

क्रीडाक्षेत्रम् = खेल का मैदान,
वेगेन = तेज गति से,
सहचरैः सह = मित्रों के साथ,
उत्साहेन = खुशी से,
शिक्षायै = शिक्षा के लिए,
आपणम् = बाजार,
बहिः = बाहर,
पक्वानि = पके हुए,
कोकिलाः = कोयलें
पादपान् = पौधों को,
सिञ्चति = सींचती है,
तडागः = तालाब।
अमराः = मँवरे।
गुञ्जन्ति = गूंजते हैं।
सम्प्रति = इस समय।
अश्वत्थः = पीपल का वृक्ष,
वट = बरगद,
निम्बः = नीम्।

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(क) तृतीया विभक्तिः

इदं क्रीडाक्षेत्रम्…………………कीडन्ति। |
हिन्दी अनुवाद – यह खेल का मैदान है। बालक गेंद से खेलते हैं। कुछ बालक जोर से भागते हैं। हम दोनों नेत्रों से बालकों को देखते हैं। बालक साथियों सहित खेलते हैं। यहाँ लड़कियाँ भी उत्साह से खेलती हैं।

(ख) चतुर्थी विभक्तिः

विद्यालयाः………………….गच्छति।
हिन्दी अनुवाद – विद्यालय शिक्षा के लिए होते हैं। छात्र पढ़ने के लिए विद्यालय में जाते हैं। हम भी पढ़ने के लिए विद्यालय जाते हैं। तुम भी शिक्षा के लिए वहाँ जाते हो। वे (लड़के) और (UPBoardSolutions.com) वे सब (लड़कियाँ) भी शिक्षा के लिए विद्यालय जाते हैं। वह पुस्तिका के लिए पुस्तकालय जाती है।

(ग) पञ्चमी विभक्तिः

इदम् उपवनं…………………..नयन्ति। 
हिन्दी अनुवाद – यह उपवन गाँव से बाहर है। लोग घरों से यहाँ आते हैं। माली कुएँ से जल लाता है। वह जल से पेड़ों को सींचता है। जब फल पक जाते हैं, तब वे पेड़ों से गिरते हैं। उपवन का रक्षक उपवन से फलों को बाजार में लाता है। लोग उन्हें बाजार से घर ले जाते हैं।

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(घ) षष्ठी विभक्तिः

इदम् एकम्…………सिञ्चति च।।
हिन्दी अनुवाद – यह एक सुन्दरं उद्यान है। जब सुबह सूर्य का प्रकाश होता है, तब प्रकाश से उद्यान की शोभा होती है। भंवरे फूलों पर मँडराते हैं। कोयलें वृक्षों पर कूकती हैं। संजीव की माता उद्यान की रक्षा करती हैं। और पौधों को सींचती है।

(ङ) सप्तमी विभक्तिः

प्रातःकाले………….आवश्यकम्।
हिन्दी अनुवाद – सवेरे हम उद्यान जाते हैं। उद्यान में लोग घूमते हैं। वहाँ हम वृक्षों को देखते हैं। उद्यान में बरगद, आम, नींबू, पीपल और दूसरे पेड़ भी होते हैं। पक्षी पेड़ों पर निवास करते हैं। वृक्षों पर पके फल होते हैं। बेलों पर फूल खिलते हैं। उद्यान में एक तालाब भी है। जल में कमल खिलते हैं। (UPBoardSolutions.com) कमलों पर भंवरे गूंजते हैं। तालाब में मछलियाँ भी हैं। शाम को बालक और बालिकाएँ उद्यान में खेलते हैं। आजकल वायु प्रदूषण दूर करने के लिए नगर में उद्यान आवश्यक है।

अभ्यासः

प्रश्न 1. उच्चारणं कुरुत
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न 2. एकपदेन उत्तरत
(क) बालकाः केन क्रीडन्ति? ।
उत्तर – कन्दुकेन
(ख) छात्राः किमर्थं विद्यालयं गच्छन्ति?
उत्तर – पठनाय।
(ग) फलानि केभ्यः पतन्ति।
उत्तर – वृक्षेभ्यः।।
(घ) प्रातः कस्य प्रकाशः भवति?
उत्तर – सूर्यस्य।.
(ङ) भ्रमराः कुत्र गुञ्जन्ति?
उत्तर – कमलेषु ।

प्रश्न 3. मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूर्ति करके)
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 3 अस्माकं परिवेशः 1
(क) वयं बालकान् नेत्राभ्याम् पश्यामः।
(ख) विद्यालयाः शिक्षायै भवन्ति।
(ग) उपवनरक्षकः कूपात जलम् आनयति।
(घ) भ्रमराः कुसुमानां उपरि गुजन्ति।
(ङ) खगाः वृक्षेषु निवसन्ति।

प्रश्न 4. विभक्ति वचनं च लिखत
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 3 1

प्रश्न 5. कोष्ठकातृ उचित पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत
उत्तर-
(क) वयं नेत्राभ्याम चित्राणि पश्यामः (नेत्राभ्याम्/नेत्रेण)
(ख) ते शिक्षायै विद्यालयं गच्छन्ति। (शिक्षाभ्यः/शिक्षायै)।
(ग) जनाः गृहातू आपणं आगच्छन्ति (गृहेण/गृहातू) ।
(घ) भ्रमराः पुष्पाणाम् उपरि गुन्जन्ति। (पुष्पेभ्यः/पुष्पाणाम्)
(ङ) वृक्षेषु पक्वानि फलानि सन्ति। (वृक्षेषु/वृक्षेण)

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प्रश्न 6. रेखांकितशबदानाम् विलोमं मंजूषायां लिखत
यथा– अत्र बालकाः दुःखेन धावन्ति।। सुखेन
उत्तर-
(क) बालिकाः अपि उत्साहेन क्रीडन्ति। अनुत्साहेन ।
(ख) बालकः मुन्दस्वरेण गीतं गायति। तीव्र स्वरेण
(ग) प्रातःकाले वयं उद्यानं गच्छामः। सायंकाले

प्रश्न 7. चक्रात पदानि आदाय पठ्धातोः उचित प्रयोगं कृत्वा वाक्यानि रचयत
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 3 अस्माकं परिवेशः 2
यथा – त्वं किं पठसि ?
उत्तर
(क) अहम् प्रतिदिन पठामि।
(ख) वयम् गीताम् पठामः।
(ग) जहीरः मित्रैः सह पठति।
(घ) त्वम् किम् पठसि।
(ङ) यूयं विद्यालये पठथ।
(च) ते श्लोकस्य अर्थं पठन्ति।
(छ) वयम् अध्यापकात् पठामः।।
(ज) आवाम् ज्ञानाय पठावः।

  • विशेष – नोट – विद्यार्थी ध्यान से पढ़ें।
  • शिक्षण-सङ्केतः – नौट -विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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