UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 16 ग्राम श्री

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 16 ग्राम श्री

ग्राम श्री शब्दार्थ

दूर तलक = दूर तक
आम्र तरु = आम के वृक्ष
रवि = सूर्य
अँवली = छोटा आँवला
रजत स्वर्ण मंजरियों से = रुपहले व सुनहले आम के बौरों से
दाडिम = अनार
मुकुलित = अधखिली

फैली ………………………………………………….. जाली।

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘ग्राम श्री’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘सुमित्रानंदन पंत’ हैं।

सरलार्थ – कवि पंत जी गाँव की शोभा का वर्णन करते हुए कहते हैं कि बहुत-बहुत दूर तक मखमल के समान कोमल हरियाली फैली हुई है। सूर्य की किरणें उस पर ऐसे चमक रही हैं, जैसे चाँदी की जाली।

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अब रजत ……………………………………………. मतवाली।

सरलार्थ – कवि पंत जी गाँव की शोभा का वर्णन करते हुए कहते हैं कि चाँदी और सोने के रंग जैसे बौर से आम के पेड़ की डालियाँ लद गई हैं। ढाक और पीपल के पत्ते झर-झर कर रहे हैं। कोयल इस मौसम में मतवाली हो उठी है।

महके कटहल ………………………………………… मूली।

सरलार्थ – कटहल ने अपनी सुगंध फैला दी है, जामुन के फल विकसित होने लगे हैं और जंगल में झरबेरी भी हरी-भरी हिलने लगी है। आड नींबू, अनार, आलू, गोभी, बैंगन और मूली सभी फूलने लगे हैं।

पीले मीठे ………………………………………………. डाल जड़ी।

सरलार्थ – पीले रंग के मीठे अमरूद के फलों में अब लाल-लाल चित्तियाँ (धारियाँ) पड़ने लगी हैं। सुनहरी रंगत वाले मीठे बेरों और आँवलों से पेड़ों की डालियाँ लद गई हैं।

लहलह पालक ………………………………………….. हरी थैली।

सरलार्थ – कवि पंत जी गाँव की शोभा का वर्णन करते हुए कहते हैं कि पालक लहलहा उठी है, धनिया भी महक रही है। लौकी और सेम की फलियाँ विकसित होने लगी हैं। मखमल जैसे चिकने टमाटर लाल होने लगे हैं। मिर्गों के पौधे हरी मिर्चों के गुच्छों से भर गए हैं।

 ग्राम श्री अभ्यास प्रश्न

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) खेतों में कैसी हरियाली फैली है?
उत्तर:
खेतों में कोमल, मखमल जैसी हरियाली फैली है।

(ख) हरियाली से लिपटी सूर्य की किरणें कैसी लगती हैं?
उत्तर:
हरियाली से लिपटी सूर्य की किरणें चाँदी की सफेद जाली जैसी दिखाई देती हैं।

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(ग) आम में बौर कब आते हैं?
उत्तर:
वसंत ऋतु में आम में बौर आने लगते हैं।

(घ) कोयल किस ऋतु में मतवाली होकर कुहुकती है?
उत्तर:
कोयल वसंत ऋतु में मतवाली होकर कुहुकती है।।

(ङ) बसंत ऋतु में प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होने लगते हैं?
उत्तर:
बसंत ऋतु में प्रकृति में अत्यधिक परिवर्तन होने लगते है। चारों तरफ हरियाली छा जाती है। आम के पेड़ पर बौर आ जाता है; पीपल, ढाक के पत्ते झर-झर करने लगते हैं; कोयल गाने लगती है; कटहल, जामुन, झरबेरी, आड़ , नींबू, अनार, आलू, गोभी, बैंगन, मूली, अमरूद, बेर, हरी मिर्च आदि हरे-भरे और विकसित होने लगते हैं।

प्रश्न २.
नीचे बाईं ओर कविता की कुछ पंक्तियाँ लिखी हुई हैं। दाईं ओर उनसे संबंधित भाव व्यक्त करने वाली पंक्तियाँ गलत क्रम में लिखी गई हैं। उन्हें सही क्रम में लिखो
उत्तर:
१. चाँदी की-सी उजली जाली → चाँद के रंग जैसी सफेद जाली।
२. लद गई आम्रतरु की डाली → आम के वृक्ष की डाल बौर से लद गई।
३. हो उठी कोकिला मतवाली → कोयल आनंद में मतवाली हो उठी।
४. अँवली से तरु की डाल जड़ी → छोटे आँवले से वृक्ष की डालियाँ लद गईं।
५. मखमल-सी कोमल हरियाली → मखमल के समान कोमल हरियाली।
६. अब रजत स्वर्ण मंजरियों से → चाँदी और सोने के रंग के आम के बौर से।
७. मुकुलित जामुन → अधखिले जामुन।

प्रश्न ३.
जाली-डाली इसी प्रकार के अन्य तुकांत शब्दों को कविता में से ढूँढ़कर लिखो।
उत्तर:
हरियाली – जाली
पड़ीं – जड़ी
डाली – मतवाली
फैलीं – थैली
झूली – मूली

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तुम्हारी कलम से

(क) किस ऋतु में क्या मिलता हैं?
उत्तर:

ग्रीष्म ऋतु वर्षा  ऋतु शीत ऋतु
फल आम कटहल अमरूद
सब्जी परवल लौकी गोभी

(ख) इनमें से जो भी फल और सब्जी तुम्हें अच्छी लगती है, उस पर छोटी-सी कविता लिखो।
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें।

अब करने की बारी

प्रश्न १.
कविता में आए फलों और सब्जियों की अलग-अलग सूची बनाओ।
उत्तर:
फल – आम, आडू, कटहल, दाडिम, जामुन, अमरूद, झरबेरी, बेर
सब्जी – नींबू, मूली, लौकी, आलू, अँवली, सेम, गोभी, पालक, टमाटर, बैंगन, धनिया, मिर्च

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प्रश्न २.
कविता को कंठस्थ करो और कक्षा में सुनाओ।
नोट – विद्यार्थी कविता स्वयं कंठस्थ करें।

इसे भी जानो

जब हम बहुत-सी चीजों को याद रखना चाहते हैं, तो उनकी एक सूची बनाते हैं। नीचे दी गई सूचियों को पढ़ो।
नोट – विद्यार्थी स्वयं सूची बनाएँ।

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 15 ओणम

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 15 ओणम

ओणम शब्दार्थ

श्रावण माह = सावन का महीना
उल्लास = खुशी
मध्याह्न काल = दोपहर का समय
चेतना = बुद्धि, ज्ञान, प्राण
पौराणिक = पुराणों से संबंधित
प्रतीक्षा = इंतजार
पराक्रमी = वीर, प्रतापी
संचार = फैलना
निकटवर्ती = समीप का
पर्यटक = सैलानी।

ओणम पाठ का सारांश

भारत त्योहारों का देश है। ये त्योहार लोगों में चेतना, उत्साह और एकता का संचार करते हैं। केरल में ओणम का त्योहार श्रावण मास में मनाया जाता है। इस त्योहार के साथ राजा महाबलि की पौराणिक कथा जुड़ी है। इस दिन स्त्रियाँ घरों के प्रवेशद्वार सजाती हैं और रात्रि में दीप जलाती हैं।

ओणम का त्योहार पाँच दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन घरों की लिपाई-पुताई होती है। घरों के आँगन फूल चक्रों से सजाए जाते हैं, विष्णु और महाबलि की मूर्तियाँ आटे और सफेद द्रोण पुष्पों से सजाई जाती हैं।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 15 ओणम

दूसरे दिन तिरुओणम होता है। दोपहर में केले के पत्तों पर भोजन करना पवित्र माना जाता है। बालिकाएँ और स्त्रियाँ तालियाँ बजाते हुए मनमोहक नृत्य करती हैं।

गाँवों और नगरों में खेलकूद प्रतियोगिताएँ होती हैं। परंपरागत पोशाकें पहनकर, नौका गीत गाते हुए लोग दूर-दूर गाँवों से सर्पाकार नौकाएँ लाते हैं और नौका दौड़ में भाग लेते हैं।

तिरुओणम के दिन आँगन में सजाई कलाकृतियाँ हटा ली जाती हैं, क्योंकि महाबलि अपने लोक लौट जाते हैं। केरलावासी बीते ओणम की याद में और अगले ओणम की प्रतीक्षा में पुनः खुशी से कार्यरत हो जाते हैं।

ओणम अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (पूर्ति करके)
(क) दक्षिण भारत में ओणम केरल का प्रमुख त्योहार है।
(ख) यह श्रावण मास में मनाया जाता है।
(ग) ओणम आनंद और उल्लास का पर्व है।
(घ) तिरुओणम के तीसरे दिन महाबलि अपने लोक लौट जाते हैं।

प्रश्न २.
उदाहरण के अनुसार नीचे लिखे शब्दों का एक ही वाक्य में प्रयोग करो (प्रयोग करके)
उदाहरण – प्रयाग
यदि, तो – यदि वर्षा नहीं होती तो मैं समय से घर पहुँच जाता।
जैसे ही, वैसे ही – जैसे ही आँधी आई, वैसे ही शीघ्र वर्षा शुरू हो गई।
जहाँ तक, वहाँ तक – जहाँ तक आप सोचते हैं, वहाँ तक सभी नहीं सोच पाते।
यद्यपि, फिर भी – यद्यपि वह धनी है, फिर भी कंजूसी दिखाता है।

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) भारत को त्योहारों का देश क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है; क्योंकि यहाँ वर्ष भर त्योहारों की धूम मची रहती है।

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(ख) ‘ओणम’ किस राज्य में मनाया जाता है?
उत्तर:
ओणम केरल राज्य में मनाया जाता है।

(ग) ‘पूक्कलम’ किसे कहते हैं?
उत्तर:
ओणम के पहले दिन घरों की लिपाई-पुताई होती है। घरों के आँगन फूलों की गोलाकार आकृतियों (फूलचक्रों) से सजाए जाते हैं, जिन्हें ‘पुक्कलम’ कहते हैं।

(घ) ‘ओणम’ के साथ कौन-सी पौराणिक घटना जुड़ी है?
उत्तर:
ओणम के साथ राजा महाबलि की पौराणिक कथा जुडी है।

(ङ) “तिरुओणम’ क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
‘तिरुओणम’ के दिन ही महाबलि अपने राज्य (केरल) आते हैं; इसीलिए यह महत्त्वपूर्ण है।

(च) नौका दौड़ प्रतियोगिता कैसे होती है?
उत्तर:
आरमुला नामक स्थान पर नौका-दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन होता है। दूर-दूर के गाँवों से सर्पाकार नौकाओं वाले प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। नौका दौड़ देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक बहुत अधिक संख्या में आते हैं। परंपरागत पोशाकें पहने नौकागीत गाते हुए लोग अपने चप्पू एक निश्चित ताल में एक साथ चलाते हैं। दौड़ में विजेता रही नौकाओं को पुरस्कृत किया जाता है।

तुम्हारी कलम से

प्रश्न १.
तुम्हारे गाँव/पड़ोस में भी त्योहार मनाए जाते होंगे। किसी त्योहार के बारे में अपने शब्दों में लिखो।
(क) उसे कब मनाया जाता है?
(ख) कैसे मनाया जाता है?
(ग) क्या-क्या तैयारियाँ की जाती हैं?
(घ) क्या-क्या पकवान बनाए जाते हैं?
(ङ) उस त्योहार को क्यों मनाते हैं?
(च) उस दिन कौन-कौन-से गीत गाए जाते हैं?
(छ) तुम्हें यह त्योहार क्यों अच्छा लगता है?
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 15 ओणम

पता करो

प्रश्न
‘ओणम’ का त्योहार फसल काटने के बाद मनाया जाता है। पता करो कि हमारे और कौन-कौन-से त्योहार फसल चक्र से जुड़े हुए हैं?
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

अब करने की बारी

(क) अपने किसी मित्र को अपने यहाँ मनाए जाने वाले त्योहार के बारे में पत्र लिखो।
(ख) दूसरे राज्यों में मनाए जाने वाले त्योहारों के विषय में जानकारी करो।
(ग)ओणम के दिनों में प्रकृति का क्या रूप होता है? इस वर्णन को चित्र का रूप दो और रंग भरो।
(घ) इस वर्ग में कुछ त्योहारों के नाम छिपे हैं। उन्हें ढूँढकर लिखो
उत्तर:
होली, लोहड़ी, क्रिसमस, रक्षाबंधन, दशहरा, वैशाखी, ईद।

(ङ) बड़ों की मदद से जानो
केरल की राजधानी
उत्तर:
त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम्)

केरल की भाषा
उत्तर:
मलयालम

केरल की प्रमख नदी
उत्तर:
पेरियार नदी

केरल का प्रसिद्ध नृत्य
उत्तर:
कैकोटिकली

केरल का कोई और त्योहार
उत्तर:
महाशिवरात्रि

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केरल का प्रसिद्ध उद्योग-धंधा
उत्तर:
काजू-नारियल उत्पादन

(च) अपने यहाँ किसी त्योहार में गाया जानेवाला कोई गीत लिखो।
नोट – विद्यार्थी कोई गीत स्वयं लिखें।

इसे भी जानो
नोट 
– विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक से स्वयं पढ़ लें।

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 14 हौसला

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 14 हौसला

हौसला शब्दार्थ

बुलंदी = ऊँचाई, उत्कर्ष
प्रतिद्वंद्वी = मुकाबला करने वाला, प्रतियोगी
दाखिला = प्रवेश
प्रतिस्पर्धा = होड़, प्रतियोगिता
प्रतिभा = बुद्धि, प्रखरता
हौसला = साहस, हिम्मत
लक्ष्य = उद्देश्य
हताशा = निराशा, ग्रहण लगा
देना – दुख देना
गर्त = गहराई, खाई
अंतराल – दूरी।

हौसला पाठ का सारांश

लेखक और माइकल एक ही कक्षा में पढ़ते थे। दोनों असीम प्रतिभा के धनी और मेधावी थे। माइकल संगीत एवं गणित में प्रखर था, तो लेखक भाषण कला और हिंदी में। एक बार दोनों मित्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने के लिए चेन्नई भेजा गया। दोनों मित्रों ने अपने विषयों में स्वर्णपदकों के संग अन्य कई पुरस्कार भी प्राप्त किए। लौटते समय दु:संयोग से माइकल बस की चपेट में आकर दोनो टाँगें गँवा बैठा। इसी बीच, उसके पिता के चंडीगढ़ स्थानांतरित हो जाने के कारण लेखक से उसका साथ भी छूट गया। एक लंबे समयांतराल के बाद एक प्रतियोगिता में ही लेखक की भेंट अपने परम मित्र माइकल से होती है, जो महान संगीतकार बन चुका होता है। लेखक, जो स्वयं भी अच्छा शिक्षक होता है, अपने छात्रों को माइकल से मिलवाता है। माइकल हौसले, लगन, परिश्रम आदि को लक्ष्य प्राप्ति का मूलमंत्र बताता है।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 14 हौसला

हौसला अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
नीचे दिए गए मुहावरों का अर्थ शिक्षक से पूछकर अपने वाक्यों में प्रयोग करो
उत्तर:
(क) आँखों का तारा होना (बहुत प्यारा, दुलारा होना)- बेटा माँ की आँखों का तारा होता है।
(ख) जी-जान से जुटना (सुध-बुध भूलकर किसी कार्य में मन से लग जाना)- किसी कार्य में जी-जान से जुटना सफलता का प्रतीक है।
(ग) खुशियों को ग्रहण लगना (सुख में ही दुख आ जाना)- खुशियों को ग्रहण लगना किसी को भी झकझोर देता है।
(घ) रंग में भंग पड़ना (किसी कार्य में बाधा पड़ना)- दुर्घटनाओं से रंग में भंग पड़ जाता है।

प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों का शुद्ध उच्चारण करो और अपनी कॉपी में लिखोव्यवहार, प्रतिद्वन्द्वी, प्रतिस्पर्धा, प्रेरणा, विभिन्न, असन्तुलित, सर्वाधिक, दृष्टि
नोट – विद्यार्थी स्वयं उच्चारण कर कॉपी में लिखें।

प्रश्न ३.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए शब्द के सही रूप से करो (पूर्ति करके)

  • दुर्घटना ने माइकल को असन्तुलित कर दिया। (असंतुलन)
  • बच्चे उत्सुकता से माइकल की बातें सुन रहे थे। (उत्सुकता)
  • रोजी दीदी ने मुझे हताशा से उबारा। (हताश)

प्रश्न ४.
इन वाक्यों को पढ़ो और समझो

भूतकाल वर्तमानकाल भविष्यत्काल
 माइकल ने गाना गाया। माइकल गाना गा रहा है। माइकल गाना गाएगा।
रोजी पुस्तक लाई। रोजी पुस्तक ला रही है। रोजी पुस्तक लाएगी।

अब इन वाक्यों के सामने उनके काल लिखो (काल लिखकर)

वाक्य काल
पिता जी ने बहुत-सी बातें बताईं। भूतकाल
कल विद्यालय की छुट्टी रहेगी। भविष्यत्काल
रजिया खाना खा रही है। वर्तमानकाल
अगले माह दीपावली है। भविष्यत्काल
राघव और श्रेय व्यायाम कर चुके हैं। भूतकाल

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बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) माइकल किस गुण के कारण सबकी आँखों का तारा हो गया था?
उत्तर:
माइकल अद्भुत प्रतिभा और व्यवहार के बल पर सबकी आँखों का तारा हो गया था।

(ख) माइकल के साथ दुर्घटना क्यों हुई?
उत्तर:
जल्दबाजी और असावधानी के कारण माइकल के साथ दुर्घटना हुई।

(ग) दुर्घटना से माइकल पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
दुर्घटना से माइकल मानसिक रूप से असंतुलित हो गया।

(घ) रोजी ने माइकल को हताशा से कैसे उबारा?
उत्तर:
रोजी ने हौसले, परिश्रम, लगन, सेवाभाव, मानसिक उत्कर्ष आदि गुणों से माइकल को हताशा से उबारा।

(ङ) माइकल अपना सपना कैसे पूरा कर पाया?
उत्तर:
माइकल रोजी दीदी की सहायता और स्वयं के हौसले, लगन, परिश्रम आदि गुणों के बल पर अपना सपना पूरा कर पाया।

प्रश्न २.
किसने किससे कहा?
(क) “देखना मैं एक दिन अच्छा संगीतकार बनूँगा।”
उत्तर:
माइकल ने लेखक से।

(ख) “तुम दोनों ने हमारे विद्यालय का सदैव गौरव बढ़ाया है।”
उत्तर:
प्रधानाध्यापक ने माइकल और लेखक से।

(ग) “माइकल का बहुत ध्यान रखना?
उत्तर:
लेखक ने माइकल के माता-पिता और बहन से।

(घ) “सभी बच्चे सड़क के नियमों का पालन करेंगे।”
उत्तर:
लेखक ने अपने विद्यार्थियों से।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 14 हौसला

(ङ) “हम दोनों बचपन के मित्र हैं।”
उत्तर:
माइकल ने लेखक के विद्यार्थियों से।

(च) “तुम एक दिन जरूर बड़े संगीतकार बनोगे।”
उत्तर:
रोजी दीदी ने माइकल से।

(छ) “अगर आपमें हिम्मत है, हौसला है, तो आपको अपना लक्ष्य प्राप्त होकर रहेगा।”
उत्तर:
माइकल ने लेखक के विद्यार्थियों से।

प्रश्न ३.
सोचो और बताओ
(क) इस पाठ का शीर्षक ‘हौसला’ क्यों रखा गया है?
उत्तर:
अपाहिज हो चुके माइकल ने हौसले के दम पर ही लक्ष्य प्राप्ति में सफलता पाई। यही कारण है कि इस पाठ का शीर्षक ‘हौसला’ रखा गया है।

(ख) इस पाठ का तुम क्या शीर्षक देना चाहोगे?
उत्तर:
हम इस पाठ का शीर्षक देंगे- ‘साहसी व्यक्ति’।

तुम्हारी कलम से

प्रश्न १.
अपने क्षेत्र के किसी ऐसे बच्चे से मिलो, जो शारीरिक रूप से समर्थ नहीं है। सोचो और लिखो, तुम उसकी मदद कैसे कर सकते हो
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

अब करने की बारी

(क) अपने बड़ों से ऐसे व्यक्तियों के बारे में पता करो, जिन्होंने शारीरिक अक्षमता पर विजय प्राप्त कर दुनिया में नाम रोशन किया। उनके बारे में अपनी कक्षा में बताओ।
(ख) पता करो, तुम्हारी कक्षा में कोई ऐसा बच्चा तो नहीं जो किसी प्रकार की शारीरिक अक्षमता से ग्रस्त है। योजना बनाओ, तुम उसके लिए क्या-क्या सहयोग दे सकते हो।
नोट – विद्यार्थी ‘क’ और ‘ख’ दोनों स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 13 भक्ति-नीति माधुरी

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 13 भक्ति-नीति माधुरी

भक्ति-नीति माधुरी शब्दार्थ

अधर = होठ
परलै = प्रलय, महाविनाश
उर = हृदय
बहरि = फिर, पुनः
हिरदै = हृदय
संचै= इकट्ठा करना
भखै = खाता है
परमारथ = दुसरों की भलाई
गोय = छिपाकर
पोहिए = थिए
सुजन = सज्जन
अठिलैहैं = उपहास करेंगे
धाम = घर
मकराकृत कुंडल = मछली के आकार का कुंडल

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 13 भक्ति-नीति माधुरी

टेरि = बुलाना
अरुन = लाल
बैन = वाणी
भाल = मस्तक
रज = धूल
मोहनि = मोह लेने वाली
खेह = धूल या मिट्टी
कटि-तट = कमर के नीचे का भाग
ऊँचाई = उठाकर
अनमोल = अमूल्य, जिसका मूल्य न आँका जा सके
ते = से
राजत = शोभित
भगत बछल = भक्त को प्यार करने वाला
सुधा-रस = अमृत-रस
बिसाल = बड़े, विशाल
छुद्रघंटिका = घुघरू या छोटी-छोटी घंटियाँ।

कबीर

साँच बराबर …………………………………………… हिरदै आप।

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘कबीरदास जी’ हैं। ___ भावार्थ-कबीरदास जी कहते हैं कि सच्चाई के समान कोई तप नहीं है और झूठ बोलने के समान कोई पाप नहीं है। जिसके हृदय में सच्चाई होती है, उसके हृदय में स्वयं ईश्वर रहते हैं।

काल्ह करे ……………………………………………. कब।

भावार्थ – कबीरदास जी कहते हैं कि हमें कल करने वाला कार्य आज और आज का काम अभी कर लेना चाहिए; क्योंकि यदि पल भर में प्रलय हो जाए; तो फिर कार्य करने को समय नहीं मिलेगा।

वृच्छ कबहुँ …………………………………………. शरीर।

संदर्भ – कबीरदास जी कहते हैं कि पेड़ अपने फल स्वयं नहीं खाता, नदी पानी को नहीं रोकती। इसी प्रकार, सज्जन भी दूसरों की भलाई करने के लिए मनुष्य जन्म धारण करते हैं।

रहीम

बिगरी बात ………………………………….. माखन होय॥

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘रहीम जी’ हैं।

संदर्भ – रहीम जी कहते हैं कि बात बिगड़ने पर फिर नहीं बनती, चाहे कोई कितना ही प्रयत्न क्यों न करे। यह ठीक उसी प्रकार होता है, जिस प्रकार, दूध फट जाने पर उसमें से मक्खन नहीं निकलता।

जो रहीम ………………………………………… रहत भुजंग॥

भावार्थ – रहीम जी कहते हैं कि उत्तम स्वभाव वाले व्यक्ति पर बुरी संगति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह ठीक उसी प्रकार होता है, जिस प्रकार, चंदन के पेड़ पर विषैले साँपों के लिपटे रहने पर भी उस पर उनके विष का कोई असर नहीं होता है।

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सूरदास

मैया कबहि ………………………………………….. जोटी॥

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘सूरदास जी’ हैं।

भावार्थ – बालक कृष्ण माता यशोदा से पूछते हैं- माँ मेरी चोटी कब बढ़ेगी। कितना समय हो गया, मुझे दूध पीते हुए, लेकिन अभी तक यह छोटी ही है। तू तो कहती थी कि बालों को झाड़ते-झाड़ते और गुहते-गुहते मेरी चोटी भी बलदाऊ की चोटी की तरह लंबी और मोटी हो जाएगी तथा नागिन की तरह जमीन को छूने लगेगी। तू मुझे कच्चा दूध पका-पकाकर पिलाती है, मक्खन, रोटी खाने को नहीं देती। सूरदास जी कहते हैं कि कृष्ण और बलदाऊ की जोड़ी दीर्घायु है।

मीरा

बसौ मोरे ………………………………………………….. गोपाल॥

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी रचयिता ‘मीरा’ हैं।

भावार्थ – हे नंद के लाल (पुत्र) कृष्ण! हमेशा के लिए मेरी आँखों में बस जाओ। जिसके सिर पर मोर का मुकुट है, मकर की आकृति के कुंडल हैं, मस्तिष्क पर लाल तिलक है, जिसकी साँवली सूरत मन को मोहने वाली है, जिसके नेत्र बहुत बड़े-बड़े हैं, जिसके अमृत भरे रसीले होठों पर बसी विराजमान है, जिसके वक्ष पर वैजयंती माला शोभित हो रही है, जिसके कमर के नीचे छोटी घंटी सुंदर लगती है, जिसके पैरों के घुघरू मधुर शब्द करते हैं, मीरा जी कहती हैं कि ऐसे भगवान श्री कृष्ण, भक्त-वत्सल, गऊओं के पालनहार और सुख देने वाले हैं।

भक्ति-नीति माधुरी अभ्यास प्रश्न

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
सज्जन व्यक्तियों की तुलना वृक्षों और नदियों से क्यों की गई है?
उत्तर:
पेड़ फल देकर और नदी पानी बहाकर सबका भला करते हैं। इसी प्रकार सज्जन भी परोपकार करते हैं; अतः पेड़ और नदी से सज्जनों की तुलना की गई है।

बुरी संगत का प्रभाव किस प्रकार के लोगों पर नहीं पड़ता है?
उत्तर:
बुरी संगत का प्रभाव अच्छे स्वभाव वाले लोगों पर नहीं पड़ता है।

श्रीकृष्ण की चोटी नागिन की तरह क्यों हो जाएगी?
उत्तर:
बार-बार बाल बनाने और गूंथने से श्रीकृष्ण की चोटी नागिन की तरह लंबी और मोटी हो जाएगी। ,

मीरा ने कृष्ण के किस रूप का वर्णन किया है?
उत्तर:
मीरा ने कृष्ण के सुंदर रूप का वर्णन किया है।

मीरा ने कृष्ण के किन गुणों का बखान किया है?
उत्तर:
मीरा ने कृष्ण के तीन गुणों का बखान किया है। वे संत लोगों को सुख देने वालों, भक्तों की रक्षा करने वाले और गऊओं को पालने वाले हैं।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 13 भक्ति-नीति माधुरी

प्रश्न २.
नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
‘परमारथ के कारने साधन धरा शरीर।’
भाव:
सज्जन परोपकार के लिए ही जन्म लेते हैं।

“सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप’
भाव:
सच्चाई के समान कोई तपस्या नहीं है और झूठ बोलने के समान कोई पाप नहीं है।

‘रहिमन बिगरे दूध को मथे न माखन होय।’
भाव:
कार्य बिगड़ जाने के बाद फिर नहीं सुधरता।

“काचो दूध पियावत पचि-पचि देत न माखन रोटी’
भाव:
बालक श्रीकृष्ण माता यशोदा से शिकायत करते हुए कहते हैं कि तू मुझे कच्चा दूध पका-पकाकर पिलाती है, मक्खन और रोटी खाने को नहीं देती।

‘मोर मुकुट मकराकृत कुण्डल अरुन तिलक दिए भाल।’
भाव:
मोर का मुकुट, मकर की आकृति के कुण्डल पहनने वाले, मस्तिक पर लाल (चंदन) तिलक लगाने वाले भगवान बालकृष्ण का अति मनोहर रूप।

प्रश्न ३.
कॉलम ‘क’ में लिखे गए अशुद्ध शब्दों का मिलान कॉलम ‘ख’ में लिखे गए शुद्ध शब्दों से करो
‘क’ – ‘ख’
सोभित – शोभित
बिसाल – विशाल
परमारथ – परमार्थ
अरुन – अरुण
संचै – संचय
भखै – भक्षण
वृच्छ – वृक्ष
मूरति – मूर्ति

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 13 भक्ति-नीति माधुरी

तुम्हारी कलम से

कबीर और रहीम के दोहों से तुमने क्या सीखा? अपनी कॉपी पर लिखो।
कबीर के दोहों से हमने सीखा कि हमें हमेशा सच बोलना चाहिए क्योंकि सच बोलने वाले के हृदय में स्वयं भगवान रहते हैं। जिस प्रकार वृक्ष फल देकर और नदी जल देकर दूसरों का भला करती है, ठीक उसी प्रकार सज्जन लोगों का जीवन भी दूसरों की भलाई के लिए होता है। रहीम के दोहों से हमने सीखा कि अच्छे स्वभाव वाले व्यक्ति पर बुरी संगति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

अब करने की बारी

प्रश्न.
मीरा और सूरदास के पद में किसका वर्णन किया गया है?
उत्तर:
मीरा और सूरदास के पदों में श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया गया है।

प्रश्न.
इस पाठ के दोहे एवं पदों को प्रतिदिन पढ़कर दुहराओ। तुम देखोगे कि ये दोहे एवं पद तुम्हें स्वतः याद हो जाएंगे।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

कितना सीखा – ३

प्रश्न १.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो
(क) माधो सिंह ने अपनी पत्नी को खेतों तक पानी लाने के लिए क्या उपाय बताया?
उत्तर:
माधो सिंह ने पहाड़ काटकर सुरंग के द्वारा नदी का पानी गाँव में लाने का उपाय बताया।

(ख) माधो सिंह के किस कथन से सिद्ध होता है कि वह एक उत्साही और दृढ़ निश्चयी व्यक्ति था?
उत्तर:
माधो सिंह ने प्रतिज्ञा की थी, “जब तक मेरे शरीर में रक्त की एक भी बूँद रहेगी, मैं अपने गाँव मलेथा तक गूल निकालकर पानी लाने का प्रयास करूंगा। मैं तब तक चैन की नींद नहीं सोऊँगा; जब तक मलेथा के एक-एक खेत तक पानी नहीं आ जाता!” इससे सिद्ध होता है कि वह एक उत्साही और दृढ निश्चयी व्यक्ति था।

(ग) कबीरदास ने सज्जन पुरुषों की तुलना वक्षों तथा नदियों से क्यों की है?
उत्तर:
सज्जन, वृक्ष और नदी तीनों बहुत परोपकारी होते हैं। इसीलिए कबीरदास ने सज्जनों की तुलना वृक्षों और नदियों से की है।

(घ) “फटे दूध से मक्खन नहीं निकलता’ इस उदाहरण से रहीम दास जी क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर:
उपर्युक्त उदाहरण से रहीम दास जी का आशय है कि यदि बात बिगड़ जाए, तो वह अनेक प्रयत्न करने पर भी नहीं सुधरती।

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(ङ) माँ यशोदा ने बालक कृष्ण को गोद में उठाकर क्या किया और क्या कहा?
उत्तर:
माँ यशोदा ने बालक कृष्ण को ऊपर उठाकर आँचल से उनकी देह पोंछी और कहा कि सारे शरीर में कहाँ से मिट्टी लगा ली है।

(च) उस घटना का वर्णन करो जब तिलक ने गणित के प्रश्नों को कक्षा में मौखिक ही हल कर दिया था।
उत्तर:
बालक कक्षा में प्रश्न हल करने में तल्लीनता से लगे थे। एक बालक बैठा था। शिक्षक ने पूछा, “क्यों बैठे हो? “बालक ने कहा, मैंने प्रश्न मौखिक रूप में हल कर लिए हैं। शिक्षक द्वारा पूछने पर बालक ने प्रश्नों के सही उत्तर दिए।

(छ) स्वतन्त्रता प्राप्ति में बाल गंगाधर तिलक का क्या योगदान रहा?
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति में तिलक का बहुत योगदान रहा। उन्होंने शिक्षा के माध्यम तथा अपने कार्यों और विचारों के प्रचार से जन-चेतना जगाई। मराठा और केसरी समाचार पत्रों से विदेशी शासन के विरुद्ध लोगों को तैयार किया। उन्होंने लोगों को जाग्रत् करने के लिए “स्वतन्त्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा,” नारा दिया। १९१४ में माँडले जेल से निकलकर वे स्वतंत्रता प्राप्ति में जी-जान से जुट गए।

प्रश्न २.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
(क) रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार।
रहिमन फिरि-फिरि पोहिए टूटे मुक्ताहार॥
उत्तर:
सौ बार रूठने पर भी सज्जनों को उसी तरह मना लेना चाहिए, जिस तरह, टूटे हुए हार के मोतियों को बार-बार पिरो लिया जाता है।

(ख) लोकमान्य बाल गंगाधर के विचार, देशभक्ति और स्वातंत्र्य-प्रेम हमारे लिए सदा ही प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे।
उत्तर:
तिलक अद्भुत विद्वान, विचारक, क्रांतिकारी, देशभक्त और स्वतंत्रता प्रेमी थे। उनके गुणों का प्रभाव हम पर चिरस्थायी रहेगा।

प्रश्न ३.
(क) इन शब्दों में ‘इत’ प्रत्यय लगाकर नवीन शब्द बनाओ
प्रकाश – प्रकाशित
प्रभाव – प्रभावित
प्रवाह – प्रवाहित
आलोक – आलोकित

(ख) मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो (वाक्यों में प्रयोग करके)-

  • भगीरथ प्रयास – माधो सिंह ने भगीरथ प्रयास करके मलेथा में नदी के पानी की गूल ला दी।
  • थोथा चना बाजे घना – बरसाती नाले अधिक शोर करते है, ठीक उसी प्रकार जैसे थोथा चना बाजे घना।
  • मन चंगा तो कठौती में गंगा – मन पवित्र हो, तो ईश्वर सब जगह है-मन चंगा तो कठौती में गंगा।
  • हाथ मलना – चोर भाग गया और सिपाही हाथ मलते रह गए।
  • ऊँट के मुँह में जीरा – आवश्यकता बहुत अधिक और पूर्ति बहुत कम को ही ‘ऊँट के मुँह में जीरा’ कहते हैं।
  • आँखों का तारा होना – रोहित तारामती की आँखों का तारा है।

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(ग) नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखो (विलोम शब्द लिखकर)
भय – अभय
राजा – रंक
रानी – दासी (चेरी)
प्रकाश – अंधकार
शिक्षा – अशिक्षा
उष्ण – शीत

प्रश्न ४.
नीचे दो-दो शब्दों के जोड़े दिए गए हैं। यदि दोनों के अर्थ समान हों, तो ‘स’ पर और विपरीत हों, तो ‘वि’ पर घेरा लगाओ (घेरा लगाकर)
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प्रश्न ५.
नीचे दिए गए शब्दों को एक साथ मिलाकर लिखो (शब्दों को मिलाकर)
किशोर + अवस्था = किशोरावस्था
वृद्ध + अवस्था = वृद्धावस्था
बाल्य + अवस्था = बाल्यावस्था
प्रौढ़ + अवस्था = प्रौढ़ावस्था

अपने आप – ३

चित्रात्मक मुहावरे

आँख का तारा होना, पैरों में बेड़ी पड़ना, मुँह में पानी आना, चिराग तले अँधेरा, अंधे की लाठी, हाथी चला जाता है और कुत्ते भौंकते रहते हैं।
नोट – विद्यार्थी चित्र देखें और समझें।

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 12 बाल गंगाधर तिलक

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 12 बाल गंगाधर तिलक

बाल गंगाधर तिलक शब्दार्थ

तल्लीन = पूरी तरह मग्न
मस्तिष्क = दिमाग
प्रतिभा = योग्यता
कुशाग्र = तीव्र
चेतना = ज्ञान, आत्मा का विकास, बुद्धि
रुष्ट = नाराज
जन्मसिद्ध = जन्म से प्राप्त
कुरीति = बुरी प्रथा
विद्वता = ज्ञान, अध्ययनशीलता
निष्ठा = विश्वास, श्रद्धा।

बाल गंगाधर तिलक पाठ का सारांश

कक्षा में जब बालक प्रश्न हल करने में लगे थे, एक बालक बैठा था। शिक्षक के पूछने पर बालक ने प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए। यह विलक्षण बालक बाल गंगाधर तिलक था।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 12 बाल गंगाधर तिलक

तिलक का जन्म २३ जुलाई, १८५६ को महाराष्ट्र के कोंकण जिले के रत्नागिरि में हुआ था। पिता का नाम गंगाधर राव और माता का नाम पार्वती बाई थी। इनके बचपन का नाम केशव था।

तिलक मेधावी छात्र थे। गणित, इतिहास और संस्कृत में इनकी विशेष रुचि थी। १८७७ ई० में बी०ए० पास करके कानून की डिग्री भी प्राप्त की। फिर ये वकालत करने लगे। .

इन्होंने सन १८८० में न्यू इंगलिश और सन १८८५ में दक्षिणी शिक्षा समाज की स्थापना की। इन्होंने देशभक्ति और राष्ट्रीय चेतना जगाने के लिए पत्र-पत्रिकाओं का प्रयोग किया, ‘केसरी’ और ‘मराठा’ समाचार पत्र निकाले। इन्होंने स्वतंत्रता के प्रति लोगों में चेतना जगाई। इनके कार्यों और विचारों के कारण लोग इन्हें लोकमान्य कहने लगे।

तिलक ने विधवा विवाह और स्त्री-शिक्षा पर बल दिया। इन्होंने स्वदेशी की भावना का प्रचार किया। इनके उग्र विचारों के कारण अंग्रेज सरकार इन्हें जेलों में डालती रही। १९०७ में कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में इन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा दिया, “स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर रहूँगा।” १९०८ ई० में राजद्रोह के मुकदमे में इन्हें छह साल के लिए मांडले जेल भेज दिया गया। इन्होंने जेल में तीन पुस्तकें लिखीं। पहली पुस्तक गीता रहस्य इनकी विद्वता का परिचय देती है। १९१४ ई० में ये जेल से बाहर आए। ये लगन और निष्ठा से स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य में जुटे रहे।

‘१ अगस्त, १९२० को इनका देहावसान हो गया।

बाल गंगाधर तिलक अभ्यास प्रश्

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
वाक्य पूरा करो
प्रत्येक वाक्य की खाली जगह में उसके दाईं ओर लिखे शब्द का सही रूप लिखो। उदाहरण के लिए पहला वाक्य देखो
तिलक नियमित रूप में व्यायाम करते थे।   (नियम)
तिलक शिक्षा को स्वतन्त्रता का आधार मानते थे। (स्वतन्त्र)
उनके लेख सबका ध्यान आकर्षित करते थे। (आकर्षण)

प्रश्न २.
नीचे दिए गए शब्दों को उदाहरण के अनुसार स्त्रीलिंग में बदलो (स्त्रीलिंग में बदलकर) जैसे
लेखक – लेखिका
बालक – बालिका
शिक्षक – शिक्षिका
नायक – नायिका

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प्रश्न ३.
शुद्ध उच्चारण के साथ पढ़ो
उत्तर:
विद्यार्थी शुद्ध उच्चारण के साथ स्वयं पढ़ें।

प्रश्न ४.
नीचे दिए गए शब्दों का अर्थ बताते हुए अपने वाक्यों में उनका प्रयोग करो (प्रयोग करके)
उत्तर:
स्वदेशी – अपने देश की
कुरीति – बुरे रीति-रिवाज
आदर – सम्मान
कुशाग्र – तीक्ष्ण, तीव्र

वाक्य प्रयोग
आदर – सुधाकर बलदेव का बहुत आदर करता था।
स्वेदशी – तिलक ने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी का प्रचार किया।
कुरीति – राजा राममोहन राय ने सती-प्रथा जैसी कुरीति का बहिष्कार किया।
कुशाग्र – तिलक कुशाग्र बुद्धि के विद्यार्थी थे।

प्रश्न ५.
समान अर्थ वाले शब्द बताओ (समान अर्थ बताकर)
उत्तर:
रुष्ट – नाराज
सम्मान – आदर
कठिन – मुश्किल
निर्धन – गरीब

प्रश्न ६.
“स्वतंत्र’ शब्द में ‘ता’ लगाने पर ‘स्वतंत्रता’ बनता है। इसी प्रकार नीचे दिए गए शब्दों में ‘ता’ जोड़कर नए शब्द बनाओ (नए शब्द बनाकर)
निर्धन – निर्धनता
मानव – मानवता
सज्जन – संज्जनता
उदार – उदारता

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
पाठ के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो
(क) बालक गंगाधर तिलक ने प्रश्नों को कैसे हल किया?
उत्तर:
बालक गंगाधर तिलक ने प्रश्नों को मौखिक रूप में हल किया।

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(ख) तिलक के नाम के साथ ‘लोकमान्य’ कैसे जुड़ा?
उत्तर:
तिलक के अच्छे कार्यों और विचारों के कारण इनके नाम के साथ लोकमान्य शब्द जुड़ा।

(ग) लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने क्या नारा दिया?
उत्तर:
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया”स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर रहूँगा।”

(घ) पाठ में लोकमान्य तिलक की किन-किन विशेषताओं का वर्णन किया गया है?
उत्तर:
पाठ में लोकमान्य तिलक की कई विशेषताओं का वर्णन किया गया है। तिलक मेधावी विद्यार्थी थे। इनकी पुस्तक ‘गीता रहस्य’ से उनकी विद्वता और अध्ययनशीलता का परिचय मिलता है। ये देशभक्त और क्रांतिकारी थे। ये समाज सुधारक थे। इन्होंने विधवा विवाह और महिला-शिक्षा पर जोर दिया और बाल विवाह की कुरीति का विरोध किया।

प्रश्न २.
नीचे लिखे प्रत्येक शीर्षक पर दो-तीन वाक्य लिखो
उत्तर:
तिलक का बचपन-बचपन में तिलक का नाम ‘केशव’ था। इनके पिता का नाम गंगाधर राव और माता का नाम पार्वतीबाई था। छोटे होने से इन्हें घर में ‘बाल’ कहकर पुकारा जाता था।

तिलक की शिक्षा – इनके पिता ने पुत्र की शिक्षा-दीक्षा पर पूरा ध्यान दिया। तिलक कुशाग्र बुद्धि के थे। ये गणित के कठिन प्रश्न मौखिक रूप में हल कर लेते थे। इनकी खेलों में रुचि नहीं थी।

स्वतन्त्रता के लिए तिलक का योगदान – तिलक ने स्वतन्त्रता के प्रति लोगों में नई चेतना जगाई। इन्होंने ‘मराठा’ और ‘केसरी’ समाचार पत्रों के माध्यम से ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष किया। १९१४ में जेल से निकलने के बाद भी स्वतन्त्रता प्राप्ति के लक्ष्य में ये जी-जान से जुटे रहे।

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अब करने की बारी

लोकमान्य तिलक के जीवन से जुड़े रोचक प्रसंगों का संकलन करो।

इसे भी जानो

नोट – ये दोनों प्रश्न विद्यार्थी स्वयं करें।

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