UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 7 मेरी शिक्षा

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 7 मेरी शिक्षा

मेरी शिक्षा  शब्दार्थ

बेखौफ = निडर
अक्षरारम्भ = लिखने की शुरुआत
सबक = सीख, पाठ
बिसमिल्लाह = शुभारंभ
दरख्त = पेड़
सुपुर्द = सौंपना
जिम्मेदारी में देना
कबूल = स्वीकार
तरतर = तेजी-से

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मेरी शिक्षा पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी की ‘आत्मकथा’ से लिया गया है। इन्हें पाँचवें या छठे वर्ष में मौलवी द्वारा फारसी पढ़वाना शुरू किया था। इनके दो और चचेरे भाई थे। इनमें यमुना प्रसाद लीडर थे, जो तमाम खेलों और शैतानी में आगे थे। इनके चचा बलदेव प्रसाद बहुत मजाकिया थे। वे घुड़सवारी, बन्दूक व गुलेल चलाना अपने पिता जी की तरह ही जानते थे। मौलवी साहब विचित्र आदमी थे। वे बलदेव चाचा द्वारा अपना मजाक उड़वाते रहते थे। अपने दावे के अनुसार उन्हें शतरंज खेलना आता था, परन्तु खेल में वे जीतते कभी नहीं थे। उन्हें गुलेल चलाना भी आता था, परन्तु जब एक बन्दर मारने के लिए उन्होंने गुलेल चलाई; तब अपने हाथ पर ही चोट मार ली। एक दिन शाम को वे टहल रहे थे कि एक साँड़ आ गया। बलदेव चचा के इशारे पर मौलवी साहब बेखौफ आगे बढ़े कि साँड़ ने उन्हें पटक दिया। पेड़ पर गिद्ध मारने को मौलवी साहब ने बन्दूक का घोड़ा दबा दिया। गिद्ध के बजाय वे स्वयं ही गिर पड़े।

इस प्रकार के मजाकिया माहौल में फारसी की पढ़ाई चली। इन मौलवी साहब के जाने पर दूसरे गम्भीर मौलवी साहब आए। वे हफ्ते में साढ़े पाँच दिन फारसी पढ़ाते थे। वे एक कोठरी में रहते थे। सवेरे आकर पहला पाठ दोहराकर तब दूसरा पाठ पढ़ाते। सूरज निकलने पर नाश्ते के लिए आधे घंटे की छुट्टी मिलती। दोपहर में नहाने व खाने के लिए डेढ़ घंटे की छुट्टी मिलती और तख्तपोश पर सोना पड़ता था। मौलवी साहब चारपाई पर सोते थे। दोपहर बाद सबक याद कर सुनाने पर ही खेलने की छुट्टी मिलती।

संध्या को जल्दी नींद आती। जमनाभाई जल्दी छुट्टी का उपाय करते। वे रेत की पोटली दीये में छिपाकर रख देते। तेल जल्दी सूखने पर दीया बुझ जाता। मौलवी साहब मजबूर होकर किताब बन्द करने का हुक्म देते। .

इस प्रकार, फारसी का ज्ञान पाकर, फिर अंग्रेजी पढ़ने के लिए घर छोड़कर छपरा जाना पड़ा। घर छोड़ने से मौलवी साहब और अन्य को बहुत दुख हुआ।

मेरी शिक्षा अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
(क) छोटे-बड़े, इधर-उधरः यहाँ विलोम अर्थ देनेवाले शब्दों की जोड़ी बनी है। इसी प्रकार के शब्दों के जोड़े (शब्द युग्म) पुस्तक से ढूँढ़कर लिखो।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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(ख) धीरे-धीरे, तरह-तरहः यहाँ एक ही शब्द की आवृत्ति (बार-बार आना) हुई है, इसी प्रकार के पाँच शब्दों के जोड़े ढूँढकर लिखो।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों के तत्सम रूप लिखो- (तत्सम रूप लिखकर)
बरस – वर्ष
दीया – दीप
धरम – धर्म
करम – कर्म

प्रश्न ३.
नीचे दिए शब्दों के समानार्थी शब्द लिखो- (समानार्थी शब्द लिखकर)
किताब – पुस्तक
परिवार – कुटुम्ब
खून – रुधिर
हफ्ता – सप्ताह
घोड़ा – खटका
संध्या – शाम 

प्रश्न ४.
‘बेखौफ’ शब्द में ‘बे’ उर्दू का उपसर्ग जुड़ा है। यह उपसर्ग शब्द जुड़कर उसका अर्थ उलटा कर देता है। खौफ का अर्थ होता है- भय, परन्तु बेखौफ का अर्थ निर्भय हो जाता है। इसी प्रकार इन शब्दों के अर्थ लिखो- (लिखकर)
बेदाग – बिना दाग, दागरहित
बेकसूर – बिना कसूर, निर्दोष
बेघर – बिना घरवाला
बेवजह – बिना कारण, अकारण
बेहिसाब – बिना गिनती
बेहया – बिना शर्म, बेशरम, निर्लज्ज

भाव बोध

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) बालक राजेन्द्र प्रसाद की शिक्षा कब व कहाँ हुई?
उत्तर:
बालक राजेन्द्र प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा पाँचवें या छठे वर्ष में, घर पर ही, मौलवी साहब द्वारा हुई।

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(ख) उनके साथ कौन-कौन पढ़ता था?
उत्तर:
उनके साथ कुटुम्ब के ही दो चचेरे भाई पढ़ते थे।

(ग) पहले मौलवी साहब किस आदत के कारण मजाक का पात्र बनते थे?
उत्तर:
पहले मौलवी साहब न जानते हुए भी सब कुछ जानने व करने का दावा करते थे; जबकि दूसरे मौलवी साहब गम्भीर थे और अच्छा पढ़ाते थे। वे रही अर्थ में शिक्षक थे।

(घ) पहले मौलवी साहब व दूसरे मौलवी साहब में क्या अन्तर था?
उत्तर:
पहले मौलवी साहब कुछ न जानते हुए भी सब कुछ जानने व करने दावा करते थे; जबकि दूसरे मौलवी साहब गम्भीर थे और अच्छा पढ़ाते थे। वे सही अर्थ अर्थ में शिक्षक थे।

(ङ) देर तक न पढ़ना पड़े, इसके लिए जमनाभाई क्या चाल चलते थे?
उत्तर:
देर तक न पढ़ना पड़े, इसके लिए जमनाभाई दीये में रेत की पोटली डालकर तेल समाप्त कर देते थे। मजबूर होकर मौलवी साहब किताब बन्द करने का हुक्म देते थे।

प्रश्न २.
उन घटनाओं का वर्णन करो(क) पहली घटना-जब मौलवी साहब को बन्दूक से चोट लगी।
उत्तर:
बलदेव चाचा ने मौलवी साहब को बन्दूक चलाना सिखाना चाहा। कोई काम न जानने की बात कबूल करना मौलवी साहब की शान के खिलाफ था। उन्होंने कह दिया कि मैं अच्छा निशाना लगाना जानता हूँ। पेड़ पर बैठे हुए गिद्ध को मारने के लिए खड़ी बन्दूक चलाने की आवश्यकता थी। मौलवी साहब बन्दूक चलाना जानते तो थे नहीं, लिहाजा घोड़ा दबाते ही वे खुद गिर पड़े।

(ख) दूसरी घटना- जब मौलवी साहब के अंगूठे से खून टपकने लगा।
उत्तर:
बलदेव चाचा ने बाग में बन्दर आने की बात कही, जिन्हें गुलेल से भगाया जा सकता था। गुलेल का नाम सुनते ही मौलवी साहब बोल उठे कि मुझे गुलेल चलाना खूब आता है। चाचा ने मौलवी साहब से गुलेल से एक बन्दर मारने के लिए कहा। मौलवी साहब ने गुलेल को खूब खींचकर बन्दर को गोली मारी और देखना चाहा कि उसे चोट कैसे लगती है। इतने में उनके बाएँ अँगूठे से तर-तर खून टपकने लगा और चोट के दर्द से वे सहमकर बैठ गए। गोली बन्दर को मारने के बजाय वे खुद को ही मार बैठे थे।

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अब करने की बारी
नोट – उपप्रश्न १ व ३ के उत्तर विद्यार्थी स्वयं करें।

२. स्वाधीन भारत के राष्ट्रपति

१. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
२. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
३. डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन
४. डॉ० जाकिर हुसैन

  • स्व० वी०वी० गिरी (कार्यवाहक)
  • स्व० मुहम्मद हिदायतुल्ला (कार्यवाहक)

५. स्व० वी०वी० गिरी
६. स्व० फखरुद्दीन अली अहमद

  • स्व० बी०डी० जत्ती (कार्यवाहक)

७. स्व० नीलम संजीव रेड्डी
८. स्व० ज्ञानी जैल सिंह
६. स्व० रामास्वामी वेंकटरमन
१०. डॉ० शंकरदयाल शर्मा
११. के०आर० नारायणन
१२. डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम
१३. श्रीमती प्रतिभा पाटिल
१४. श्री प्रणब मुखर्जी

इसे भी जानो
नोट
– छात्र स्वयं लिखे।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 6 हरियाली

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 6 हरियाली

हरियाली शब्दार्थ

सरस = रस से पूर्ण
हास = हँसी
मलय समीर = दक्षिण से आनेवाली हवा
रवि = सूर्य
बिखेरा = फैलाया
मधुदिन = वसन्त ऋतु
नभ = आकाश
किसलय = कोंपल

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 6 हरियाली

हरियाली

आई मन ……….………………… मनभाई हरियाली॥

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘हरियाली’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी रचयिता ‘महादेवी वर्मा’ हैं।

प्रसंग – इस कविता में हरियाली, मलय समीर एवं फूल के संबंध में वर्णन किया गया है।

भावार्थ – वसन्त ऋतु में मन को अच्छी लगनेवाली हरियाली चारों तरफ फैल गई है। ऐसे हरे-भरे वातावरण में हरियाली देखकर चिड़ियाँ चहकने लगी हैं। फूलों की कलियाँ चटकने लगी हैं। पृथ्वी पर मधुर क्रियाकलाप आरंभ हो गया है। नई कोपलों में लालिमा फूट निकली है। चारों तरफ मन लुभानेवाली हरियाली आ गई है।

मलय समीर

मैं मलय …………….…………… समीर निराला॥

भावार्थ – दक्षिण से आनेवाली हवा कह रही है कि मैं अनोखी हूँ और सर-सर, मर-मर, सर-सर, मर-मर करते आकाश, जल, पृथ्वी पर फेरी लगाते हुए सूर्य को बता रही हूँ। मेरी इस गति से वसन्त ऋतु आनेवाली है। दक्षिण से चलनेवाली ‘मैं’ हवा अनोखी हूँ।

फूल

फूल हैं हम ………………………… सरस कोमल॥

भावार्थ – हम रसदार कोमल फूल हैं। हम दुख के क्षणों और कठिनाइयों में प्रसन्न रहकर ओस और काँटों में भी खिल रहे हैं। संसार में चाँदी के समान निर्मल मुसकान हमने ही फैलाई है। हम रस-युक्त कोमल फूल हैं।

हरियाली  अभ्यास – प्रश्न

भाव बोध

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) फूल ने अपनी क्या विशेषताएँ बताई हैं?
उत्तर:
फूल ने रसयुक्त कोमलता के साथ ओस व काँटों में भी खिलते रहने को अपना गुण (विशेषता) बताया है।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 6 हरियाली

(ख) समीर फेरी देकर क्या कहता है?
उत्तर:
समीर (हवा) फेरी देकर कहता है कि मैं अनोखा हूँ और मेरी गति से वसन्त ऋतु आने वाली है।

(ग) सर-सर, मर-मर, सर-सर, मर-मर से समीर का कौन-सा गुण प्रकट हो रहा है?
उत्तर:
सर-सर, मर-मर की आवाज से बगैर एक पल भी रुके तेज गति में समीर के चलने का गुण प्रकट हो रहा है।

(घ) हरियाली आने पर प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर:
हरियाली आने पर चिड़ियाँ चहकती हैं, कलियाँ फूल बनने लगती हैं; नई कोपलें फूटने लगती हैं।

प्रश्न २.
फूल से हमें क्या सीख मिलती है? सही पर निशान (✓) लगाओ- (निशान लगाकर)
(क) हमें ओस और काँटों के बीच भी खिलना चाहिए।
(ख) हमें सर्दी, बरसात की परवाह नहीं करनी चाहिए।
(ग) हमें दुख के क्षणों और कठिनाइयों में भी प्रसन्न रहना चाहिए।   (✓)

प्रश्न ३.
नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
नोट – विद्यार्थी इन वाक्यांशों के भाव स्पष्ट हेतु ‘भावार्थ’ पढ़ें।

प्रश्न ४.
कविता की पंक्तियों के अंत में आए समान तुकवाले शब्दों को छाँटकर लिखो(लिखकर )
निर्मल – कोमल
कलियाँ – रंगरलियाँ
फेरी – मेरी
लाली – हरियाली

प्रश्न ५.
नीचे लिखे शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो- (लिखकर)
फूल – सुमन, कुसुम।
नभ – आकाश, गगन
समीर – वायु, हवा
रवि – भानु, सूर्य

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 6 हरियाली

प्रश्न ६.
उदाहरण के अनुसार नीचे लिखे शब्दों को वर्णमाला के क्रम में लिखो- उदाहरण- मलय, कोमल, चाँदनी,समीर,धरती का वर्णमाला के अनुसार क्रम होगा- कोमल, चाँदनी,धरती, मलय,समीर अब तुम करो – फूल, बिखेरा, किसलय, मनभाई, दिन, जल, थल, गति, सरस
उत्तर:
किसलय, गति, जल, थल, फूल, बिखेरा, मनभायी, सरस।

तुम्हारी कलम से
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

अब करने की बारी
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 5 अब्राहम लिंकन

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 5 अब्राहम लिंकन

अब्राहम लिंकन शब्दार्थ

संयुक्त = संगठित
समृद्ध = सम्पन्न
लालसा = इच्छा
आजीविका = रोजी
दृष्टान्त = उदाहरण
शक्तिशाली = बलवान
समूल = जड़ सहित
संकल्प = दृढ़, निश्चय
सांसद = संसद का सदस्य
लोकप्रियता = प्रसिद्धि

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 5 अब्राहम लिंकन

अब्राहम लिंकन पाठ का सारांश

संयुक्त राज्य अमेरिका के महापुरुषों में अब्राहम लिंकन का नाम विशेष आदर के साथ लिया जाता है। लिंकन का जन्म १२ फरवरी, १८०९ को केंटकी में एक निर्धन लकड़हारे के घर में हुआ। जब ये नौ वर्ष के थे, तभी इनकी माता का देहांत हो गया। सौतेली माँ ने लिंकन की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया। लिंकन दिन में खेतों में काम करते थे। रात में माँ इन्हें मन्द प्रकाश में पढ़ातीं, जिससे लिंकन की पढ़ने-लिखने की लालसा तीव्र हो उठी। लिंकन महापुरुषों की जीवनी बहुत रुचि से पढ़ते थे। अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन का जीवनचरित् पढ़कर लिंकन को बहुत प्रेरणा मिली।

१५ अप्रैल, १८६५ को अपनी पत्नी के साथ वाशिंगटन में नाटक देखते समय किसी व्यक्ति द्वारा गोली मार देने से इनकी मृत्यु हो गई।

अब्राहम लिंकन ने यह साबित कर दिया कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने चरित्र, ईमानदारी और प्रतिभा के बल पर राष्ट्र का सर्वोच्च पद प्राप्त कर सकता है।

अब्राहम लिंकन अभ्यास प्रश्न 

शब्दों का खेल- “निर्धन’ शब्द में ‘निर’ उपसर्ग लगा है। यह उपसर्ग के पहले जुड़कर शब्द का अर्थ उलटा कर देता है। उदाहरण समझकर अन्य शब्द बनाओ
प्रश्न १.
बिना धन का – निर्धन ।
बिना भय का – निर्भय
बिना ममता का – निर्मम
बिना गुण का – निर्गुण

प्रश्न २.
उदाहरण समझकर बहुवचन बनाओ- (बहुवचन बनाकर)
लकड़ी – लकड़ियाँ
आकांक्षा – आकांक्षाएँ
झोंपड़ी – झोंपड़ियाँ
प्रेरणा – प्रेरणाएँ
अँगीठी – अँगीठियाँ
प्रतिभा – प्रतिभाएँ
सहेली – सहेलियाँ
सफलता – सफलताएँ
लड़की – लड़कियाँ
प्रथा – प्रथाएँ
रोटी – रोटियाँ
बालिका – बालिकाएँ

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 5 अब्राहम लिंकन

प्रश्न ३.
विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाओ – (संज्ञा बनाकर)
सफल – सफलता।
लोकप्रिय – लोकप्रियता
स्वतन्त्र – स्वतन्त्रता
सरल – सरलता
समान – समानता
एक – एकता

प्रश्न ४.
प्रत्येक वाक्यांश के लिए एक-एक शब्द लिखो- (एक शब्द लिखकर )
जो लकड़ी काटने और बेचनेवाला हो – लकड़हारा
जो सब गुणों से सम्पन्न हो 
– सर्वगुणसम्पन्न
जो संसद का सदस्य हो 
– सांसद
जो सभी लोगों को प्रिय हो 
– सर्वजनप्रिय
जो भली प्रकार शिक्षित हो 
– सुशिक्षित

प्रश्न ५.
अपने वाक्यों में प्रयोग करो- (प्रयोग करके)
ठान लेना – लिंकन ने अमेरिका से दास-प्रथा समाप्त करने की ठान ली। हँसी
उड़ाना – मेरी सहेलियाँ उसकी हँसी उड़ाया करती थीं; क्योंकि वह राष्ट्रपति से 
शादी करना चाहती थी।
दशा बदल देना – लिंकन ने अमेरिका की दशा बदल दी और उसे एक सूत्र में बाँध दिया।
द्रवित होना – दासों की बुरी हालत देखकर लिंकन का हृदय द्रवित हो उठता था।

बोध प्रश्न 

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) अब्राहम लिंकन का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर:
लिंकन का जन्म केंटकी में हुआ था।

(ख) लिंकन की सौतेली माँ ने उनकी क्या सहायता की?
उत्तर:
लिंकन की सौतेली माँ ने लिंकन की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने लिंकन को लिखना-पढ़ना सिखाया।

(ग) जॉर्ज वाशिंगटन की जीवनी से लिंकन को क्या प्रेरणा मिली?
उत्तर:
जॉर्ज वाशिंगटन की जीवनी से लिंकन को अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की प्रेरणा मिली।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 5 अब्राहम लिंकन

(घ) लिंकन की वकालत शीघ्र ही क्यों चल पड़ी?
उत्तर:
लिंकन की वकालत शीघ्र ही इसलिए चल पड़ी; क्योंकि वे योग्य होने के साथ ही-ईमानदार और सत्यवादी भी थे। वे झूठे मुकदमे नहीं लेते थे।

(ङ) मेरी ने लिंकन से विवाह करने का निश्चय क्यों किया?
उत्तर:
मेरी लिंकन के सरल स्वभाव एवं मानवीय गुणों पर मुग्ध हो गई; इसलिए उसने लिंकन से विवाह करने का निश्चय किया।

(च) किन विचारों के कारण लिंकन का नाम अमेरिका भर में फैल गया?
उत्तर:
दासप्रथा का विरोध करने और समानता तथा स्वतंत्रता का प्रचार करने के कारण लिंकन की ख्याति बढ़ गई। उनका नाम अमेरिका भर में फैल गया।

(छ) दासप्रथा से तुम क्या समझते हो?
उत्तर:
दूसरे देश के लोगों से जबरदस्ती अपने देश में गुलामी कराना, दास प्रथा है। अमेरिका में नीग्रो लोगों को पशुओं की तरह बेचा और खरीदा जाता था।

(ज) लिंकन के जीवन से तम्हें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
लिंकन के जीवन से यह प्रेरणा मिलती है कि गरीब व्यक्ति भी अपने गुणों से देश का सर्वोच्च पद प्राप्त कर सकता है।

तुम्हारी कलम से
नोट
– विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

अब करने की बारी
नोट 
-विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 सरिता

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 सरिता

सरिता शब्दार्थ

विमल = स्वच्छ, साफ
निनाद = ध्वनि
विह्वल = व्याकुल
वसुधा = पृथ्वी
रजनी = रात
अन्तस्तल = हृदय
अविरल = निरन्तर, लगातार

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 सरिता

यह लघु सरिता, ………………………………..… का बहता जल॥

संदर्भ – ‘यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘सरिता’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता गोपाल सिंह ‘नेपाली’ हैं।

प्रसंग – इस कविता में कवि ने नदी की विशेषताओं का वर्णन किया है।

भावार्थ – कवि कहता है कि इस छोटी नदी का बहता हुआ जल बहुत अधिक ठंडा और स्वच्छ है। हिमालय से बहकर आनेवाला यह पानी दूध जैसा स्वच्छ, निर्मल है। यह जल कल-कल की ध्वनि में गान करते हुए, मानो शरीर की चंचलता और मन की लगन प्रदर्शित करता हो। ऐसा है इस छोटी नदी का प्रवाहित होता हुआ जल।

ऊँचे शिखरों से ………………………………… का बहता जल॥

भावार्थ – यह जल पर्वत की ऊँची चोटियों से नीचे उतरकर पहाड़ की चट्टानों पर गिरता रहता है। दिन-रात और जीवनपर्यंत यह जल कंकड़-पत्थर में प्रवाहित होते हुए पृथ्वी का तल (हृदय) धोता रहता है। ऐसा है इस छोटी नदी का बहता हुआ जल।

हिम के पत्थर, ….…………………………… का बहता जल॥

भावार्थ – पर्वत के कठोर हिम से यह जल पिघल-पिघलकर पृथ्वी का सुन्दर जल बन गया। इस जल को थोड़ा पीकर रास्ता चलनेवाला पथिक (राहगीर) तृप्त हुआ (सुखी हुआ)। छोटी नदी का बहता हुआ पानी नित्य ताप सहकर भी अत्यंत शीतल है।

कितना कोमल …………………..……….. का बहता जल॥

भावार्थ – भारत माता का धरातल (हृदय) बहुत कोमल, जीवन रक्षक और पुत्रवत् स्नेह करनेवाला है। इसका यह शीतल जल तृप्त करनेवाला है। गंगा, यमुना, सरयू का यह स्वच्छ जल युग-युगांतर से लगातार प्रवाहित होता चला आ रहा है। यह छोटी सरिता का प्रवाहित जल है।

सरिता  अभ्यास प्रश्न

भाव-बोध

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) सरिता का जल कहाँ से आता है?
उत्तर:
सरिता का जल पर्वत की ऊँची बर्फीली चोटियों से आता है।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 सरिता

(ख) सरिता का जल रात-दिन बहते हुए कौन-सा कार्य करता है?
उत्तर:
सरिता का जल रात-दिन बहते हुए पृथ्वी के धरातल को धोता रहता है।

(ग) पथिक सरिता के जल से किस प्रकार सुख पाता है?
उत्तर:
पथिक सरिता का थोड़ा-सा शीतल जल पीकर ही तृप्ति पा जाता है। (सुखी होता है)।

(घ) कवि ने जननी के अन्तस्तल को कोमल क्यों कहा है?
उत्तर:
धरती के भीतरी भाग (हृदय) में जल के अजस्र स्रोत बहते हैं; अतः कवि ने जननी (धरती) को कोमल कहा है।

प्रश्न २.
सरिता के जल को ‘तन का चंचल’ क्यों कहा गया है? सही उत्तर पर (✓) निशान लगाओ- (सही का निशान लगाकर)
(क) वह ऊँचे शिखरों से उतरकर चल रहा है।
(ख) वह कल-कल, छल-छल की आवाज कर रहा है।
(ग) उसमें चंचलता है।           (✓)

प्रश्न ३.
कल-कल, छल-छल समान ध्वनि के शब्द हैं, जिनका एक साथ दोहरा प्रयोग हुआ है। कविता में आए इस प्रकार के अन्य शब्द लिखो।
उत्तर:
पिघल – पिघल
निकल – निकल
कर – कर
कंकड़ – कंकड़
युग – युग
उतर – उतर
गिर – गिर।

प्रश्न ४.
कविता की पंक्तियों के अंत में समान तुकवाले शब्द प्रयुक्त हैं; जैसेविकल-निकल, जल-छल। इसी प्रकार समान तुकवाले शब्दों के जोड़े बनाओ।
उत्तर:
उतर – चट्टानों पर
चलकर – जीवन भर
अन्तस्तल – बहता जल
पिघल – विमल
विह्वल – जल
वत्सल – अन्तस्तल
करुणा जल – अविरल
निर्मल – बहता जल।

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प्रश्न ५.
कविता में सरिता के जल के लिए अनेक विशेषण शब्दों का प्रयोग हुआ है, जैसे- शीतल, निर्मल आदि। ऐसे ही पाँच और विशेषण शब्दों को कविता से ढूँढकर लिखो।
उत्तर:
विमल
करुण
मृदु
कोमल
वत्सल।

प्रश्न ६.
दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो- (पर्यायवाची शब्द लिखकर )
उत्तर:
सरिता – नदी, तरंगिणी।
पर्वत – पहाड़, शैल।
जल – वारि, सलिल।
वसुधा – धरा, भूमि।

प्रश्न ७.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो- (भाव स्पष्ट करके)
(क) ‘तन का चंचल मन का विह्वल, यह लघु सरिता का बहता जल’
भावार्थ:
लंगातार आगे बढ़ते रहने के कारण नदी के जल को ‘तन का चंचल, मन का विह्वल’ कहा गया है।

(ख) “दिन भर, रजनी भर, जीवन भर, धोता वसुधा का अन्तस्तल’
भावार्थ:
दिन-रात सारा जीवन धरती माता का हृदय धोता रहता है।

(ग) “नित जलकर भी कितना शीतल’
भावार्थ:
पृथ्वी और सूर्य का ताप (गर्मी) सहन कर भी नदी का जल ठंडा रहता है।

(घ) ‘बहता रहता युग-युग अविरल’
भावार्थ:
युगों-युगों तक लगातार बहता रहता है। अब करने की बारी- नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

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कितना सीखा – 1

प्रश्न १.
नीचे लिखे शब्दों का शुद्ध उच्चारण करते हुए अर्थ बताओ
उत्तर:
शब्द – अर्थ
प्रसार = फैलाव
स्मित = मुसकान
निनाद = शब्द करना
चंद्रिका = चाँदनी
मनोरथ = अभिलाषा
बेसहारा = बिना आश्रय
देवयोग = अकस्मात्उ
द्गार = विचार
प्राचीर = दीवार
पुश्तैनी = पूर्वजों से प्राप्त
आन्दोलन = हलचल
आक्रमण = हमला
विमल = स्वच्छ
विह्वल = बेचैन
वसुधा = पृथ्वी
अंतस्तल = हृदय
वारि = जल
अविरल = लगातार

प्रश्न २.
इन विलोम शब्द लिखो- (विलोम शब्द लिखकर)
उत्तर:
प्रशंसा = बुराई
हँसना = रोना
मित्रता = शत्रुता
उचित = अनुचित
आनंद = कष्ट
स्वीकार = अस्वीकार
ईमानदार = बेईमान

प्रश्न ३.
समानार्थी शब्द लिखो- (समानार्थी शब्द लिखकर)
उत्तर:
जगत = संसार।
प्रकाश = उजाला।
तरंग = लहर।
हर्ष = खुशी।
शिक्षक = अध्यापक।
शीतल = ठंडा।

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प्रश्न ४.
इन वाक्यों को शुद्ध करो- (शुद्ध करके)
(क) तुम कहाँ जा रही हो?
(ख) उसने रोटी खाई।
(ग) आओ, बैठो।
(घ) जुम्मन शेख और अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी।

प्रश्न ५.
उत्तर दो
(क) चन्द्रमा की किरणें किसका प्रकाश बता रही हैं?
उत्तर:
चन्द्रमा की किरणें ईश्वर का प्रकाश बता रही हैं।

(ख) मन की इच्छा (मनोरथ) कब पूरी होती है?
उत्तर:
ईश्वर की कृपा होने पर ही मन की इच्छा पूरी होती है।

(ग) बूढी खाला क्यों परेशान थी?
उत्तर:
जुम्मन और उसकी बीबी के बुरे बरताव से बूढ़ी खाला परेशान थी।

(घ) अलगू चौधरी और जुम्मन के दिलों का मैल कैसे धुल गया?
उत्तर:
पंच बनकर ही जुम्मन ने जाना कि पद की गरिमा क्या होती है। अतः अलगू चौधरी के प्रति उसका मन साफ हो गया और उसने सही फैसला किया। इस तरह दोनों के दिलों का मैल धुल गया।

(ङ) बनारस में लाल बहादुर शास्त्री किससे प्रभावित हुए?
उत्तर:
बनारस में लाल बहादुर शास्त्री गांधी जी के भाषण से प्रभावित हुए। .

(च) लाल बहादुर शास्त्री ने रेलमंत्री के पद से इस्तीफा क्यों दिया?
उत्तर:
भीषण रेल दुर्घटना होने के कारण इन्होंने इस पद से त्याग-पत्र दे दिया।

(छ) पथिक सरिता के जल से किस प्रकार सुख पाता है?
उत्तर:
प्यासा पथिक शीतल जल पीकर सुख पाता है।

(ज) “सरिता’ से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
‘सरिता’ कविता से हमें परोपकार करने और सदा गतिमान बने रहने की शिक्षा मिलती है।

प्रश्न ६.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो।
(क) तेरी प्रशंसा का राग प्यारे, तरंगमालाएँ गा रही हैं।
भाव:
जल की उठती हुई लहरों के समूह ईश्वर की प्रशंसा के गीत गा रहे हैं।

(ख) सत्य से जौ भर टलना, मेरे लिए उचित नहीं।
भाव:
जुम्मन ने सरपंच बनकर जिम्मेदारी का एहसास किया।

(ग) “कितना कोमल कितना वत्सल, रे जननी का वह अन्तस्तल।’
भाव:
पृथ्वी का हृदय (धरातल) कोमल और स्नेह करनेवाला है। आशय यह है कि पृथ्वी पर हरियाली और जीवनदायिनी क्षमता है। पृथ्वी से ही मनुष्य और अन्य जीवधारियों को भोजन और पोषण मिलता है।

प्रश्न ७.
सोचो और संक्षेप में लिखो
(क) ‘अच्छा मित्र किसे कहते हैं’ इस विषय पर अपने विचार।
उत्तर:
अच्छा मित्र अवसरवादी न होकर निस्स्वार्थ भाव से मित्र की भलाई करता है। वह मित्र के गुणों से सुखी होता है और उसकी बुराइयों को इंगित कर उसे सुधारना चाहता है। उसमें मुँह देखी बात या चापलूसी की आदत नहीं होती। ऐसे मित्र अधिक नहीं होते, कुछ ही होते हैं। अच्छे मित्र का मिलना सौभाग्य की बात है।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 सरिता

(ख) ‘देशप्रेम’ पर अपने विचार।
उत्तर:
स्वदेश प्रेम सबसे महान गुण है। संसार के सभी महान पुरुष देशप्रेमी थे। जननी और जन्मभूमि को स्वर्ग से भी बढ़कर माना गया है। इनके ऋण से उऋण होना किसी के वश की बात नहीं। देश पर बलिदान होनेवाले देशभक्त हमेशा से समाज में विशेष सम्मान पाते रहे हैं। सरदार भगत सिंह और चन्द्रशेखर ‘आजाद’ की सड़क पर बनी हुई प्रतिमाओं को देखकर बहुत सुख की अनुभूति होती है। जो देश से प्यार नहीं करते हैं, उनके विषय में मैथिलीशरण गुप्त की ताड़ना निम्न प्रकार है

जिसको न निज गौरव तथा निज देश पर अभिमान है,
वह नर नहीं है, पशु निरा और मृतक समान है।

प्रश्न ८.
बताओ/सुनाओ
कुछ देशभक्तों के नाम।
अपनी याद की गई कविता।
अपनी याद की गई कहानी।
उत्तर:
चन्द्रशेखर आजाद’
भगत सिंह रामप्रसाद ‘बिस्मिल’
सुखदेव, राजगुरु।

नोट – शेष दोनों उपप्रश्नों के उत्तर विद्यार्थी स्वयं दें।

अपने आप – १

महर्षि वाल्मीकि

पाठ का सारांश श्रावण के महीने में जंगल, से गुजर रहे साधुओं को कुख्यात डाकू रत्नाकर ने घेर लिया। उसने उनसे सब कुछ भूमि पर रख देने को कहा। ऋषियों ने उससे पूछा कि यह लूटपाट और पापकर्म तुम क्यों करते हो? रत्नाकर ने बताया कि मैं परिवार के सदस्यों का भरण-पोषण करने हेतु यह कर्म करता हूँ। साधुओं ने पूछा कि परिवार के सदस्य तुम्हारे पापकर्म में भागीदार बनेंगे या नहीं। रत्नाकर ने घरवालों से यह बात पूछी। उन्होंने साफ नकार दिया, क्योंकि परिवार का पालन करना उसका ही काम था, वह चाहे जैसे करे। यह बात सुनकर रत्नाकर का हृदय बदल गया। उसने साधुओं से क्षमा माँगी। उसने कहा, “मैं पापी हूँ! मेरी रक्षा कीजिए!”

साधुओं ने रत्नाकर से ‘राम’ का नाम लेकर तप करने को कहा, लेकिन उसके दुष्कर्म बहुत प्रबल थे। वह राम का नाम मुँह से नहीं निकाल सका। तब ऋषियों ने उससे राम का विपरीत शब्द ‘मरा-मरा’ का उच्चारण करने को कहा। इस प्रकार वह राम शब्द का उच्चारण कर सका। 

रत्नाकर ने घोर तपस्या की। उसके हृदय में ज्ञान का प्रकाश उत्पन्न हुआ। यही रत्नाकर बाद में ऋषि वाल्मीकि कहलाया, जिन्होंने रामायण की रचना की। इसमें भगवान राम की लीला का वर्णन है।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 3 लाल बहादुर शास्त्रि

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 3 लाल बहादुर शास्त्रि

लाल बहादुर शास्त्री शब्दार्थ

प्राचीर = दीवार
प्रतिष्ठा = सम्मान
सहपाठी = साथ पढ़नेवाला
लक्ष्य = उद्देश्य
आक्रमण = हमला
पुश्तैनी = पुरखों की
आर्थिक = धन संबंधी
वाणी = आवाज
उपवास = निराहार रहना
पुनः = फिर

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लाल बहादुर शास्त्रि पाठ का सारांश

भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म २ अक्टूबर, १८०४ को मुगलसराय (वाराणसी) के एक साधारण परिवार में हुआ था। इनके पिता शारदाप्रसाद और माता रामदुलारी को समाज में अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त थी। पिता के शीघ्र देहावसान के कारण शास्त्री जी की प्रारंभिक शिक्षा माँ के संरक्षण में हुई। पढ़ने-लिखने में इनकी रुचि थी। ये शांत और मृदुल स्वभाव के थे। हरिश्चन्द्र हाईस्कूल बनारस में पढ़ते समय इन्होंने तिलक का प्रसिद्ध नारा सुना। इससे इन्हें देशभक्ति की प्रेरणा मिली। बनारस में ये गांधी जी के भाषणों से बहुत प्रभावित हुए। पढ़ाई के साथ शास्त्री जी स्वराज्य आन्दोलन में भी भाग लेने लगे। लाल बहादुर शास्त्री, गांधी जी के असयोग आन्दोलन में कूद पड़े और उन्होंने कई बार जेल की यातना सही। ये अपने सिद्धांतों पर हमेशा अडिग रहे।

देश के स्वाधीन होने पर नेहरू जी ने इन्हें रेलमंत्री बनाया। अपने कार्यकाल के दौरान एक भीषण रेल दुर्घटना होने के कारण इन्होंने इस पद से त्याग-पत्र दे दिया। फिर ये उद्योग मंत्री बने। इन्होंने सभी पदों पर निष्ठा, तत्परता और ईमानदारी से कार्य किया। नेहरू जी का निधन होने पर इन्हें भारत का द्वितीय प्रधानमंत्री बनाया गया।

पाकिस्तान का भारत पर आक्रमण, अन्न की कमी के कारण अमेरिका से गेहूँ का आयात आदि समस्याएँ परेशानी का कारण थीं। शास्त्री जी ने अद्भुत दृढ़ता का परिचय दिया। इन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देकर जनता में स्वाभिमान की भावना जगाई।

इनके प्रधानमंत्रित्व काल में भारत पाक युद्ध में भारत विजयी हुआ। युद्ध के बाद रूस में ताशकंद समझौता हुआ। १० जनवरी, १८६६ को हृदय गति रुक जाने से इनका निधन हो गया।

लाल बहादुर शास्त्रि अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
नीचे प्रत्येक पंक्ति में दो शब्द दिए गए हैं, पढ़कर सोचो कि दोनों के अर्थ एक जैसे हैं या एक-दूसरे से उलटे। यदि ये शब्द समानार्थक हों, तो ‘स’ पर घेरा खींचो, यदि विलोम (विपरीतार्थक) हों, तो “वि’ पर घेरा खींचो। (उदाहरण के अनुसार घेरा खींचकर )

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 3 लाल बहादुर शास्त्रि 1

प्रश्न २.
निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाओ-(वाक्य बनाकर)
उत्तर:
आशा का केंद्र – शास्त्री जी अपने परिवार की आशा के केंद्र थे।
कचहरी  – कचहरी में मुकदमों का फैसला होता है।
हृदयगति – हृदयगति रुकने से फौरन मृत्यु हो जाती है।
सिर ऊँचा – शास्त्री जी ने अपने अच्छे कार्यों से देश का सिर ऊँचा किया।
इज्ज़त की मौत – गुलामी की जिंदगी से इज़्ज़त की मौत अच्छी होती है।

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प्रश्न ३.
निम्नलिखित विशेषण शब्दों से वाक्य बनाएँ- (वाक्य बनाकर).
उत्तर:
दयालु – ईश्वर दयालु होता है। कोमल- कोमल हृदय होना भावुकता का लक्षण है।
चतुर – परिस्थिति के अनुसार कार्य करनेवाला ही चतुर कहलाता है।
श्रेष्ठ – गुण ही मानव को श्रेष्ठ बनाता है।

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) लाल बहादुर शास्त्री का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर:
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म मुगलसराय (वाराणसी) में हुआ था।

(ख) शास्त्री जी ने रेलमंत्री का पद क्यों छोड़ा?
उत्तर:
रेल दुर्घटना को नैतिक जिम्मेदारी मानकर शास्त्री जी ने रेलमंत्री का पद छोड़ा।

(ग) देश में खाद्यान्न की समस्या होने पर शास्त्री जी ने क्या किया?
उत्तर:
देश में खाद्यान्न की समस्या होने पर शस्त्री जी ने लोगों को सब्जियाँ आदि अधिक खाने और हफ्ते में एक दिन व्रत रखने को (निराहार रहने को) कहा।

(घ) शास्त्री जी के स्वभाव की क्या-क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर:
शास्त्री जी सादगी, सरलता और मृदुलता की साक्षात् मूर्ति थे। वे दृढ़ निश्चयी, परिश्रमी और धैर्यशील व्यक्ति थे।

तुम्हारी कलम से 

प्रश्न १.
नोट -छात्र कविता स्वयं बनाएँ। जैसे–’विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा।।

प्रश्न २.
लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर दस वाक्य लिखो।
उत्तर:
लाल बहादुर शास्त्री २ अक्टूबर, १८०४ को मुगलसराय (वाराणसी) में पैदा हुए थेये सीधे-सादे और मृदुल स्वभाव के थे। बनारस में इन्होंने पढ़ाई छोड़कर स्वाधीनता आन्दोलन में भाग लिया और ये कई बार जेल गए। भारत के स्वाधीन होने पर ये रेलमंत्री नियुक्त हुए। लेकिन भीषण रेल दुर्घटना के कारण इन्होंने पद से त्याग-पत्र दे दिया। नेहरू जी के बाद ये देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने। ये देश की कई समस्याओं के समाधान में क्रियाशील रहे। इनका प्रसिद्ध नारा था, ‘जय जवान, जय किसान!’ १० जनवरी, १६६६ को ताशकन्द में इनका निधन हो गया।

अब करने की बारी
नोट 
-विद्यार्थी प्रश्न १ व २ स्वयं करें।

प्रश्न ३.
इन महापुरुषों के लोकप्रिय नारे कौन-से थे?
उत्तर:
महात्मा गांधी – ‘भारत छोड़ो’
लोकमान्य तिलक -‘स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है’
लाल बहादुर शास्त्री – ‘जय जवान, जय-किसान’
सुभाषचन्द्र बोस – ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’।।

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प्रश्न ४.
तिथियों, वर्षों को घटनाओं से जोड़ो – (जोड़कर)
२ अक्टूबर, १०४ – लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म
१८२६ – लाल बहादुर ने ‘शास्त्री’ परीक्षा उत्तीर्ण की
१८४२ – भारत छोड़ो आन्दोलन में शास्त्री जी जेल गए
१ जनवरी, १८६६ – लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु

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