UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 10 ओलम्पिक खेल

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 10 ओलम्पिक खेल

ओलम्पिक खेल शब्दार्थ

ओलम्पिक = सबसे बड़ी अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता
हरकुलिस = ओलम्पिक खेलों की शुरुआत करनेवाले व्यक्ति का नाम
जिम्नास्टिक = एक खेल विशेष का नाम, जिसमें विशेष व्यायाम क्रियाएँ की जाती हैं
भारोत्तोलन = एक खेल, जिसमें अधिक-से-अधिक भार उठाने की प्रतियोगिता होती है
अवरुद्ध = रुका हुआ, बन्द पड़ा हुआ
वर्चस्व = पूरा अधिकार/ दबदबा।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 10 ओलम्पिक खेल

ओलम्पिक खेल पाठ का सारांश

ओलम्पिक खेल सर्वप्रथम ग्रीस के ओलम्पिया नगर में शुरू हुए। सर्वप्रथम २०० मीटर की दौड़ प्रतियोगिता ही थी। अन्य प्रतियोगिताएँ बाद में जोड़ी गईं। पुरस्कार के स्थान पर विजेताओं को पवित्र जैतून की माला का ताज पहनाया जाता था। वह जैतून वृक्ष खेलों के संस्थापक हरकुलिस द्वारा मन्दिर के पास लगाया गया था। १८६६ में आधुनिक ओलम्पिक खेल फ्रांसीसी व्यक्ति बैरन पियरे दि कुबर्तिन ने एथेंस में आयोजित किए। ये खेल चार वर्ष के अन्तराल से अलग-अलग देशों में आयोजित किए जाते हैं। प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण १९१६, १९४० और १९४४ में ये आयोजित नहीं हो सके थे। उद्घाटन समारोह में एथेंस से धावक मशाल उठाकर ले जाते हैं, जो खेल की समाप्ति तक जलती है। विजेताओं को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक दिए जाते हैं, वर्ष २००४ में एथेंस (ग्रीस) में ओलम्पिक खेलों का आयोजन हुआ। २९ वाँ ओलम्पिक खेल वर्ष २००८ में बीजिंग (चीन) में आयोजित हुआ। ३०वें ओलम्पिक खेलों का आयोजन २०१२ में लंदन में हुआ।

भारत कई ओलम्पिक खेलों में हॉकी में स्वर्ण पदक विजेता रहा है। १९८४ में भारत की पी०टी० उषा चौथे स्थान पर रहकर कांस्य पदक से वंचित रहीं। १९९६ के अटलांटा ओलम्पिक में भारत के लिएंडर पेस कांस्य पदक विजेता रहे। वर्ष २००० में सिडनी ओलम्पिक खेलों में कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन स्पर्धा में कांस्य पदक प्राप्त किया। यह भारत के लिए चौदहवाँ पदक है। भारत की अपेक्षा थोड़ी जनसंख्यावाले कई देशों ने अधिक पदक जीते हैं।

ओलम्पिक खेलों की भाँति ही प्रत्येक महाद्वीप में विभिन्न खेल संगठन भी खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित कराते हैं। इन खेलों में एशियाड, यूरोपियन खेल, अफ्रीकन खेल, राष्ट्रकुल खेल आदि शामिल हैं। इन खेलों में इस क्षेत्र के विभिन्न राष्ट्र प्रतिभागी बनते हैं।

वर्तमान समय में खेल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

ओलम्पिक खेल अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
इन शब्दों को शुद्ध उच्चारण के साथ पढ़ो और अपनी कॉपी में लिखो।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न २.
उदाहरण के अनुसार तीन-तीन वाक्य बनाओ- (वाक्य बनाकर)
(क) जिनमें ‘जब’ तथा ‘तब’ का प्रयोग हुआ हो
उदाहरण – जब तुम आओगे, तब मैं चलूँगा।
उत्तर:
(१) जब रेलगाड़ी आई, तब यात्री उसमें बैठे।
(२) जब मकान का दरवाजा खुला, तब मैं बाहर निकला।
(३) जब कुत्ता भौंका, तब मेरी नींद खुली।

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(ख) जिनमें ‘यदि’ तथा ‘तो’ शब्दों का प्रयोग हुआ हो.
उदाहरण- यदि आँधी नहीं आई होती, तो मैं समय पर पहुँच जाता।
उत्तर:
(१) यदि चोर न आए होते, तो सामान चोरी नहीं होती।
(२) यदि बैल होते, तो किसान खेत जोत लेता।
(३) यदि राजपूतों में मेल होता, तो मुगल युद्ध नहीं जीतते।

(ग) जिनमें ‘परन्तु’ शब्द का प्रयोग हुआ हो
उदाहरण- मंदोदरी ने बहुत समझाया, परन्तु रावण ने नहीं माना।
उत्तर:
(१) युधिष्ठिर ने मना किया, परन्तु अभिमन्यु ने नहीं माना।
(२) सुदामा ने समझाया, परन्तु उसकी पत्नी ने नहीं माना।
(३) खिलाड़ियों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया, परन्तु वे पदक नहीं जीत सके।

बोध प्रश्न 

प्रश्न १.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो
(क) ओलम्पिक खेल का सर्वप्रथम आयोजन कहाँ हुआ था?
उत्तर:
ओलम्पिक खेल का सर्वप्रथम आयोजन एथेंस में हुआ था।

(ख) शुरू-शुरू में विजेताओं को किस प्रकार पुरस्कृत किया जाता था?
उत्तर:
शुरू में विजेताओं को जैतून की मालाओं के ताज पहनाए जाते थे।

(ग) ओलम्पिक खेल कितने वर्ष के अन्तराल पर होते हैं?
उत्तर:
ओलम्पिक खेल चार वर्ष के अन्तराल पर. होते हैं।

(घ) ओलम्पिक खेल कब-कब आयोजित नहीं हो सके?
उत्तर:
सन १९१६, १९४० और १९४४ में ओलम्पिक खेल आयोजित नहीं हो सके।

प्रश्न २.
ढूँढ़ो और लिखो
(क) कुछ प्रमुख ओलम्पिक खेलों के नाम
उत्तर:
दौड़, जिम्नास्टिक, साइकिल दौड़, लॉन टेनिस, निशानेबाजी, तैराकी, भारोत्तोलन, कुश्ती आदि।

(ख) अपने देश के कुछ प्रमुख पदक विजेताओं के नाम खेलों सहित
उत्तर:
प्रमुख पदक विजेता
के० डी० जाधव – कुश्ती
लिएंडर पेस – टेनिस
कर्णम मल्लेश्वरी – भारोत्तोलन, मेजर
राज्यवर्द्धन सिंह राठौर – निशानेबाजी
अभिनव बिंद्रा 10 मीटर एयर राइफल
सुशील कुमार – कुश्ती।

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तुम्हारी कलम से
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

अब करने की बारी
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 9 काँटों में राह बनाते हैं

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 9 काँटों में राह बनाते हैं

काँटों में राह बनाते हैं शब्दार्थ

विपत्ति = मुसीबत
शूल = काँटा
सूरमा = बहादुर, शूरवीर
मग = मार्ग/राह
प्रखर = तीव्र/तेज
विघ्नों = बाधाओं
वर्तिका = दीपक की बाती
विचलित = अपने मार्ग या स्थान से हटना

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 9 काँटों में राह बनाते हैं

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘काँटों में राह बनाते हैं’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।

प्रसंग – इस कविता में कवि कहता है कि जो लोग बहादुर होते हैं, वे मुसीबत और समस्याओं से नहीं घबराते।

सच है ………………………………………… राह बनाते हैं।

भावार्थ – कवि दिनकर जी कहते हैं कि मुसीबत जब आती है; तब कमजोर व्यक्ति (कायर) उससे घबरा जाते हैं, लेकिन वीर पुरुष (बहादुर लोग) अपने मार्ग से नहीं हटते। वे जरा सी देर के लिए भी अपना धैर्य नहीं छोड़ते। वे विघ्नों, परेशानियों को धैर्य से अपनाकर उनका सामना करते हुए समाधान ढूँढ़ते हैं। वे काँटों में रास्ता बना लेते हैं, अर्थात् समस्याओं को ठीक प्रकार हल कर लेते हैं। है

कौन ………………………….………….. बन जाता है।

भावार्थ – कवि कहता है कि कोई भी मुसीबत (कठिनाई) ऐसी नहीं है, जो बहादुर आदमी का रास्ता रोक सके। जब पुरुषार्थी मनुष्य उत्साह से आगे बढ़ता है; तब पहाड़ भी हिल जाता है। मनुष्य जब अपनी कार्य क्षमता प्रदर्शित करता है; तब कठिन काम आसान हो जाते हैं; जैसे- बर्फ (पत्थर) पिघलकर पानी का रूप ले लेती है।

गुण बड़े ……………………..………….. वह पाता है।

भावार्थ – कवि कहता है कि मानव में अनेक गुण ठीक उसी प्रकार छिपे हुए रहते हैं, जैसे मेंहदी में लालिमा और दीपक की बाती में प्रकाश। जो व्यक्ति यह बाती नहीं जलाता, उसे कभी प्रकाश नहीं मिलता। आशय यह है कि जो पुरुषार्थ नहीं करता, उसे कुछ भी नहीं मिलता।

काँटों में राह बनाते हैं अभ्यास प्रश्न

शब्दों का

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) विपत्ति आने पर बहादुर लोग क्या करते हैं?
उत्तर:
विपत्ति आने पर बहादुर लोग नहीं घबराते। वे विपत्ति का धैर्य से मुकाबला करते हैं। वे काँटों में रास्ता बनाते हैं और परिश्रम करके उपलब्धि प्राप्त करते हैं।

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(ख) पत्थर पानी कैसे बन जाता है?
उत्तर:
बर्फ पिघलकर पानी बन जाता है। बर्फ पत्थर की तरह कठोर होती है।

(ग) मनुष्यों में गुण किस प्रकार छिपे रहते हैं?
उत्तर:
मनुष्यों में गुण दीये में बाती और मेंहदी में लालिमा की तरह छिपे रहते हैं।

(घ) रोशनी किसे प्राप्त नहीं होती?
उत्तर:
जो दीपक नहीं जलाता, उसे रोशनी प्राप्त नहीं होती।

प्रश्न २.
स्तम्भ ‘क’ में दिए कथनों के अर्थ स्तम्भ ‘ख’ से ढूँढ़कर अभ्यास पुस्तिका में लिखो। (सही अर्थ लिखकर)
स्तम्भ ‘क’ – 
स्तम्भ ‘ख’
दहलाना – काँप उठना (कॅपाना)
धीरज खोना – 
धैर्य का नष्ट हो जाना
गले लगाना – 
अपना लेना
खम ठोंकना – 
ताल ठोंकना
पाँव उखड़ना – 
हिल जाना

प्रश्न ३.
कविता की कौन-सी पंक्तियाँ तुम्हें सबसे अच्छी लगीं और क्यों?
उत्तर:
कविता की अंतिम पंक्तियाँ सबसे अच्छी लगी; क्योंकि इनमें जीवनमूल्य, आदर्श और अनुभूत सच्चाई छिपी है। .

प्रश्न ४.
पंक्तियों को पूरा करो- (पूरा करके)
(क) सच है विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है।
(ख) गुण बड़े एक से एक प्रखर हैं छिपे मानवों के भीतर।
(ग) मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।

प्रश्न ५.
नीचे लिखे शब्दों में से समानार्थी शब्द छाँटकर अलग-अलग लिखो- (लिखकर)
विपत्ति – संकट
राह – मग
वर्तिका – बाती
पत्थर – पाषाण

काँटा – शूल ।
मानव – आदमी
प्रकाश – उजियाला 

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प्रश्न ६.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
(क) ‘विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं।
भाव:
बाधाओं का सामना करते हैं और समस्याओं का समाधान ढूँढ़ते हैं।

(ख) ‘है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके आदमी के मग में’
भाव:
कोई भी बाधा ऐसी नहीं, जो आदमी का रास्ता रोक सके। आदमी किसी भी समस्या को पुरुषार्थ से दूर कर देता है।

(ग) ‘बत्ती जो नहीं जलाता है, रोशनी नहीं वह पाता है’
भाव:
जो दीपक की बाती नहीं जलाता, उसे प्रकाश नहीं मिलता। आशय है कि जो पुरुषार्थ नहीं करता, उसे जीवन में उपलब्धि नहीं मिलती।

(घ) ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’
भाव:
जब मनुष्य पुरुषार्थ (परिश्रम) करता है। तब पत्थर भी पानी बन जाता है (कठोर बर्फ पिघल कर पानी बन जाती है) अर्थात् कठिन-से-कठिन कार्य भी आसान हो जाता है।

तुम्हारी कलम से
नोट – विद्यार्थियों की सहायता के लिए उदाहरण
सूरज के संग आती धूप, मंद-मंद मुसकाती धूप।
जाड़े में मनभाती धूप, छिपती और लजाती धूप।
सुन्दर फूल खिलाती धूप, पेड़ों को सहलाती धूप।
कपड़े रोज सुखाती धूप, सबको गले लगाती धूप।

अब करने की बारी
नोट – उपप्रश्न १ और २ विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न  ३.
कविता में प्रयुक्त मुहावरों की सूची बनाओ-(सूची बनाकर)
उत्तर:
मुहावरे- विघ्नों को गले लगाना, काँटों में राह बनाना, खम ठोंकना, पाँव उखड़ना, पत्थर का पानी बनना।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 8 मैं और मेरा देश

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 8 मैं और मेरा देश

मैं और मेरा देश शब्दार्थ

आग्रह = अनुरोध
श्रेष्ठ = बहुत ही अच्छा
मुग्ध = मोहित
आघात = चोट
दुर्लभ = कठिनाई से प्राप्त
सुरक्षित = अच्छी तरह रक्षित किया हुआ
लांछित = निंदित
संस्कृति = शुद्ध आचरण की परंपरा
गौरव = बड़प्पन
अपशब्द = गाली

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मैं और मेरा देश पाठ का सारांश

स्वामी रामतीर्थ एक बार जापान गए। वहाँ जब उन्हें अच्छे फल नहीं मिले तब उनके मुँह से निकला- “जापान में शायद अच्छे फल नहीं मिलते।”

प्लेटफॉर्म पर खड़े एक जापानी युवक ने सुन लिया। उसने फल लाकर स्वामी रामतीर्थ को भेंट किए और कहा, “लीजिए, आपको फलों की जरूरत थी।” स्वामी जी फल बेचनेवाला समझकर उसे पैसे देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिए और स्वामी जी से आग्रह किया कि “यदि आप मूल्य देना ही चाहते हैं तो अपने देश जाकर यह न कहें कि जापान में अच्छे फल नहीं मिलते।”

उस युवक के उत्तर से स्वामी जी मुग्ध हो गए। उसने अपने देश के गौरव को बढ़ाने का यत्न किया। इस गौरव की ऊँचाई का अनुमान दूसरी ऐसी घटना से भी लगाया जा सकता है

किसी देश का एक युवक जापान के एक सरकारी पुस्तकालय में किताब लेने गया। युवक ने किताब से दुर्लभ चित्र निकालकर किताब वापस कर दी। लेकिन पुस्तकालयाध्यक्ष की सतर्कता के कारण वह पकड़ा गया। अपराधी को दण्ड मिलने तक ही बात सीमित नहीं रही। उस पुस्तकालय में उस युवक का ही नहीं, बल्कि उस युवक के देशवासियों का भी प्रवेश वर्जित हो गया। 

हमें ऐसा व्यवहार करना चाहिए। जिससे न केवल हमारा; बल्कि हमारे देश का भी नाम ऊँचा हो।

मैं और मेरा देश अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
उदाहरण की तरह नया शब्द बनाओ- (नया शब्द बनाकर)
जापान – जापानी
ईरान – ईरानी
पाकिस्तान – पाकिस्तानी
तिब्बत – तिब्बती
भूटान – भूटानी
पुर्तगाल – पुर्तगाली
रूस – रूसी
हिंदुस्तान – हिंदुस्तानी
नेपाल – नेपाली
चीन – चीनी

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प्रश्न २.
वचन के अनुसार क्रिया का रूप बदलो- (रूप बदलकर)
(क) पुलिस ने एक चित्र बरामद किया। पुलिस ने कई चित्र बरामद किए
(ख) बालक ने एक खिलौना खरीदा। बालकों ने खिलौने खरीदे
(ग) बालिका ने एक पुस्तक खरीदी। बालिकाओं ने पुस्तकें खरीदीं
(घ) रमेश ने एक रोटी खाई। रमेश ने चार रोटियाँ खाईं

प्रश्न ३.
रेखा के माध्यम से (द्वारा) विलोम शब्द को मिलाओ- (मिलाकर)
ताजा → बासी
बढ़ा देना → घटा देना
दुर्लभ → सुलभ
दण्ड → पुरस्कार
श्रेष्ठ → हीन
सुरुचि → कुरुचि
सुरक्षित → असुरक्षित
अस्वीकार → स्वीकार करना

प्रश्न ४.
मुहावरों/शब्द समूहों के अर्थ समझकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो-(प्रयोग करके)

  • सिर ऊँचा करना = सम्मान बढ़ाना – अच्छे कार्य करने से देश का सिर ऊँचा होता है।
  • कलंक का टीका लगाना = बदनामी कराना – अशिष्ट व्यवहार करने से व्यक्ति के माथे पर कलंक का टीका लगता है।
  • प्रतिष्ठा का टीला लगाना = सम्मान घटना – हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे देश की प्रतिष्ठा पर आँच आए।
  • इधर की उधर लगाना = एक से दूसरे की शिकायत करना – इधर की उधर लगाना चुगलखोरी कहलाता है।

बोध प्रश्न

प्रश्न १. उत्तर दो
प्रश्न १.
स्वामी रामतीर्थ ने स्टेशन पर फलों की खोज क्यों की?
उत्तर:
उन दिनों स्वामी रामतीर्थ फलाहार ही करते थे, अतः उन्होंने स्टेशन पर फलों की खोज की।

प्रश्न २.
जापानी युवक स्वामी जी के लिए फल क्यों ले आया?
उत्तर:
जापानी युवक ने स्वामी जी को यह कहते सुन लिया, “शायद जापान में अच्छे फल नहीं मिलते।” वह युवक अपने देश के विषय में किसी विदेशी की ऐसी बात नहीं सह सकता था।

प्रश्न ३.
स्वामी जी द्वारा फलों का मूल्य दिए जाने पर युवक ने क्यों स्वीकार नहीं किया?
उत्तर:
युवक फल बेचनेवाला नहीं था। वह तो स्वामी को फल भेंट करना चाहता था; ताकि जापान का गौरव बढ़ सके।

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प्रश्न ४.
“आप अपने देश में जाकर किसी से यह न कहिएगा कि जापान में अच्छे फल नहीं मिलते।” युवक के ऐसा कहने से उसके किस गुण का पता चलता है?
उत्तर:
युवक के ऐसा कहने से उसके देशप्रेम का पता चलता है।

प्रश्न ५.
आप अपने देश के बारे में कैसे भाव रखते हैं?
उत्तर:
हम अपने देश के विषय में उच्च भाव रखते हैं। हम ऐसा कुछ नहीं करना चाहते, जिससे देश के गौरव को ठेस पहुँचे। हम अपने शिष्ट व्यवहार से देश की प्रतिष्ठा बढ़ाकर उसकी संस्कृति सुरक्षित रखना चाहते हैं।

प्रश्न २.
जापानी युवक के किस व्यवहार से उसके देश का सम्मान बढ़ा? सही उत्तर पर (✓) निशान लगाओ- (सही का निशान लगाकर)
(क) वह संत के लिए फल ले आया।
(ख) वह भूखे लोगों को खिलाना पसन्द करता था।
(ग) वह संतों का आदर करता था।
(घ) वह नहीं चाहता था कि स्वामी जी अपने देश में बताएँ कि जापान में अच्छे फल 
नहीं मिलते।   (✓) 

प्रश्न ३.
दूसरे देश के युवक के किस कार्य ने देश का सम्मान घटाया? सही उत्तर पर सही का निशान लगाओ- (सही का निशान लगाकर)
(क) उसने केला खाकर छिलका सड़क पर फेंका।
(ख) उसने पुस्तकालय की पुस्तक से दुर्लभ चित्रों को चुराया।     
(✓)
(ग) वह झूठ बोलता. था।

प्रश्न ४.
सही विकल्प पर सही (✓) का निशान लगाओ- (निशान लगाकर )
(क) अपने कार्य एवं व्यवहार से देश का सम्मान बढ़ाना चाहिए। (✓)
(ख) पास-पड़ोस को गंदा रखना चाहिए।
(ग) कहीं निमंत्रित होने पर विलंब से पहुँचना चाहिए।
(घ) दूसरों से अशिष्ट व्यवहार करना चाहिए।

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तुम्हारी कलम से
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

अब करने की बारी
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 7 मेरी शिक्षा

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 7 मेरी शिक्षा

मेरी शिक्षा  शब्दार्थ

बेखौफ = निडर
अक्षरारम्भ = लिखने की शुरुआत
सबक = सीख, पाठ
बिसमिल्लाह = शुभारंभ
दरख्त = पेड़
सुपुर्द = सौंपना
जिम्मेदारी में देना
कबूल = स्वीकार
तरतर = तेजी-से

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मेरी शिक्षा पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी की ‘आत्मकथा’ से लिया गया है। इन्हें पाँचवें या छठे वर्ष में मौलवी द्वारा फारसी पढ़वाना शुरू किया था। इनके दो और चचेरे भाई थे। इनमें यमुना प्रसाद लीडर थे, जो तमाम खेलों और शैतानी में आगे थे। इनके चचा बलदेव प्रसाद बहुत मजाकिया थे। वे घुड़सवारी, बन्दूक व गुलेल चलाना अपने पिता जी की तरह ही जानते थे। मौलवी साहब विचित्र आदमी थे। वे बलदेव चाचा द्वारा अपना मजाक उड़वाते रहते थे। अपने दावे के अनुसार उन्हें शतरंज खेलना आता था, परन्तु खेल में वे जीतते कभी नहीं थे। उन्हें गुलेल चलाना भी आता था, परन्तु जब एक बन्दर मारने के लिए उन्होंने गुलेल चलाई; तब अपने हाथ पर ही चोट मार ली। एक दिन शाम को वे टहल रहे थे कि एक साँड़ आ गया। बलदेव चचा के इशारे पर मौलवी साहब बेखौफ आगे बढ़े कि साँड़ ने उन्हें पटक दिया। पेड़ पर गिद्ध मारने को मौलवी साहब ने बन्दूक का घोड़ा दबा दिया। गिद्ध के बजाय वे स्वयं ही गिर पड़े।

इस प्रकार के मजाकिया माहौल में फारसी की पढ़ाई चली। इन मौलवी साहब के जाने पर दूसरे गम्भीर मौलवी साहब आए। वे हफ्ते में साढ़े पाँच दिन फारसी पढ़ाते थे। वे एक कोठरी में रहते थे। सवेरे आकर पहला पाठ दोहराकर तब दूसरा पाठ पढ़ाते। सूरज निकलने पर नाश्ते के लिए आधे घंटे की छुट्टी मिलती। दोपहर में नहाने व खाने के लिए डेढ़ घंटे की छुट्टी मिलती और तख्तपोश पर सोना पड़ता था। मौलवी साहब चारपाई पर सोते थे। दोपहर बाद सबक याद कर सुनाने पर ही खेलने की छुट्टी मिलती।

संध्या को जल्दी नींद आती। जमनाभाई जल्दी छुट्टी का उपाय करते। वे रेत की पोटली दीये में छिपाकर रख देते। तेल जल्दी सूखने पर दीया बुझ जाता। मौलवी साहब मजबूर होकर किताब बन्द करने का हुक्म देते। .

इस प्रकार, फारसी का ज्ञान पाकर, फिर अंग्रेजी पढ़ने के लिए घर छोड़कर छपरा जाना पड़ा। घर छोड़ने से मौलवी साहब और अन्य को बहुत दुख हुआ।

मेरी शिक्षा अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
(क) छोटे-बड़े, इधर-उधरः यहाँ विलोम अर्थ देनेवाले शब्दों की जोड़ी बनी है। इसी प्रकार के शब्दों के जोड़े (शब्द युग्म) पुस्तक से ढूँढ़कर लिखो।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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(ख) धीरे-धीरे, तरह-तरहः यहाँ एक ही शब्द की आवृत्ति (बार-बार आना) हुई है, इसी प्रकार के पाँच शब्दों के जोड़े ढूँढकर लिखो।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों के तत्सम रूप लिखो- (तत्सम रूप लिखकर)
बरस – वर्ष
दीया – दीप
धरम – धर्म
करम – कर्म

प्रश्न ३.
नीचे दिए शब्दों के समानार्थी शब्द लिखो- (समानार्थी शब्द लिखकर)
किताब – पुस्तक
परिवार – कुटुम्ब
खून – रुधिर
हफ्ता – सप्ताह
घोड़ा – खटका
संध्या – शाम 

प्रश्न ४.
‘बेखौफ’ शब्द में ‘बे’ उर्दू का उपसर्ग जुड़ा है। यह उपसर्ग शब्द जुड़कर उसका अर्थ उलटा कर देता है। खौफ का अर्थ होता है- भय, परन्तु बेखौफ का अर्थ निर्भय हो जाता है। इसी प्रकार इन शब्दों के अर्थ लिखो- (लिखकर)
बेदाग – बिना दाग, दागरहित
बेकसूर – बिना कसूर, निर्दोष
बेघर – बिना घरवाला
बेवजह – बिना कारण, अकारण
बेहिसाब – बिना गिनती
बेहया – बिना शर्म, बेशरम, निर्लज्ज

भाव बोध

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) बालक राजेन्द्र प्रसाद की शिक्षा कब व कहाँ हुई?
उत्तर:
बालक राजेन्द्र प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा पाँचवें या छठे वर्ष में, घर पर ही, मौलवी साहब द्वारा हुई।

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(ख) उनके साथ कौन-कौन पढ़ता था?
उत्तर:
उनके साथ कुटुम्ब के ही दो चचेरे भाई पढ़ते थे।

(ग) पहले मौलवी साहब किस आदत के कारण मजाक का पात्र बनते थे?
उत्तर:
पहले मौलवी साहब न जानते हुए भी सब कुछ जानने व करने का दावा करते थे; जबकि दूसरे मौलवी साहब गम्भीर थे और अच्छा पढ़ाते थे। वे रही अर्थ में शिक्षक थे।

(घ) पहले मौलवी साहब व दूसरे मौलवी साहब में क्या अन्तर था?
उत्तर:
पहले मौलवी साहब कुछ न जानते हुए भी सब कुछ जानने व करने दावा करते थे; जबकि दूसरे मौलवी साहब गम्भीर थे और अच्छा पढ़ाते थे। वे सही अर्थ अर्थ में शिक्षक थे।

(ङ) देर तक न पढ़ना पड़े, इसके लिए जमनाभाई क्या चाल चलते थे?
उत्तर:
देर तक न पढ़ना पड़े, इसके लिए जमनाभाई दीये में रेत की पोटली डालकर तेल समाप्त कर देते थे। मजबूर होकर मौलवी साहब किताब बन्द करने का हुक्म देते थे।

प्रश्न २.
उन घटनाओं का वर्णन करो(क) पहली घटना-जब मौलवी साहब को बन्दूक से चोट लगी।
उत्तर:
बलदेव चाचा ने मौलवी साहब को बन्दूक चलाना सिखाना चाहा। कोई काम न जानने की बात कबूल करना मौलवी साहब की शान के खिलाफ था। उन्होंने कह दिया कि मैं अच्छा निशाना लगाना जानता हूँ। पेड़ पर बैठे हुए गिद्ध को मारने के लिए खड़ी बन्दूक चलाने की आवश्यकता थी। मौलवी साहब बन्दूक चलाना जानते तो थे नहीं, लिहाजा घोड़ा दबाते ही वे खुद गिर पड़े।

(ख) दूसरी घटना- जब मौलवी साहब के अंगूठे से खून टपकने लगा।
उत्तर:
बलदेव चाचा ने बाग में बन्दर आने की बात कही, जिन्हें गुलेल से भगाया जा सकता था। गुलेल का नाम सुनते ही मौलवी साहब बोल उठे कि मुझे गुलेल चलाना खूब आता है। चाचा ने मौलवी साहब से गुलेल से एक बन्दर मारने के लिए कहा। मौलवी साहब ने गुलेल को खूब खींचकर बन्दर को गोली मारी और देखना चाहा कि उसे चोट कैसे लगती है। इतने में उनके बाएँ अँगूठे से तर-तर खून टपकने लगा और चोट के दर्द से वे सहमकर बैठ गए। गोली बन्दर को मारने के बजाय वे खुद को ही मार बैठे थे।

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अब करने की बारी
नोट – उपप्रश्न १ व ३ के उत्तर विद्यार्थी स्वयं करें।

२. स्वाधीन भारत के राष्ट्रपति

१. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
२. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
३. डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन
४. डॉ० जाकिर हुसैन

  • स्व० वी०वी० गिरी (कार्यवाहक)
  • स्व० मुहम्मद हिदायतुल्ला (कार्यवाहक)

५. स्व० वी०वी० गिरी
६. स्व० फखरुद्दीन अली अहमद

  • स्व० बी०डी० जत्ती (कार्यवाहक)

७. स्व० नीलम संजीव रेड्डी
८. स्व० ज्ञानी जैल सिंह
६. स्व० रामास्वामी वेंकटरमन
१०. डॉ० शंकरदयाल शर्मा
११. के०आर० नारायणन
१२. डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम
१३. श्रीमती प्रतिभा पाटिल
१४. श्री प्रणब मुखर्जी

इसे भी जानो
नोट
– छात्र स्वयं लिखे।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 6 हरियाली

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हरियाली शब्दार्थ

सरस = रस से पूर्ण
हास = हँसी
मलय समीर = दक्षिण से आनेवाली हवा
रवि = सूर्य
बिखेरा = फैलाया
मधुदिन = वसन्त ऋतु
नभ = आकाश
किसलय = कोंपल

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हरियाली

आई मन ……….………………… मनभाई हरियाली॥

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘हरियाली’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी रचयिता ‘महादेवी वर्मा’ हैं।

प्रसंग – इस कविता में हरियाली, मलय समीर एवं फूल के संबंध में वर्णन किया गया है।

भावार्थ – वसन्त ऋतु में मन को अच्छी लगनेवाली हरियाली चारों तरफ फैल गई है। ऐसे हरे-भरे वातावरण में हरियाली देखकर चिड़ियाँ चहकने लगी हैं। फूलों की कलियाँ चटकने लगी हैं। पृथ्वी पर मधुर क्रियाकलाप आरंभ हो गया है। नई कोपलों में लालिमा फूट निकली है। चारों तरफ मन लुभानेवाली हरियाली आ गई है।

मलय समीर

मैं मलय …………….…………… समीर निराला॥

भावार्थ – दक्षिण से आनेवाली हवा कह रही है कि मैं अनोखी हूँ और सर-सर, मर-मर, सर-सर, मर-मर करते आकाश, जल, पृथ्वी पर फेरी लगाते हुए सूर्य को बता रही हूँ। मेरी इस गति से वसन्त ऋतु आनेवाली है। दक्षिण से चलनेवाली ‘मैं’ हवा अनोखी हूँ।

फूल

फूल हैं हम ………………………… सरस कोमल॥

भावार्थ – हम रसदार कोमल फूल हैं। हम दुख के क्षणों और कठिनाइयों में प्रसन्न रहकर ओस और काँटों में भी खिल रहे हैं। संसार में चाँदी के समान निर्मल मुसकान हमने ही फैलाई है। हम रस-युक्त कोमल फूल हैं।

हरियाली  अभ्यास – प्रश्न

भाव बोध

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) फूल ने अपनी क्या विशेषताएँ बताई हैं?
उत्तर:
फूल ने रसयुक्त कोमलता के साथ ओस व काँटों में भी खिलते रहने को अपना गुण (विशेषता) बताया है।

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(ख) समीर फेरी देकर क्या कहता है?
उत्तर:
समीर (हवा) फेरी देकर कहता है कि मैं अनोखा हूँ और मेरी गति से वसन्त ऋतु आने वाली है।

(ग) सर-सर, मर-मर, सर-सर, मर-मर से समीर का कौन-सा गुण प्रकट हो रहा है?
उत्तर:
सर-सर, मर-मर की आवाज से बगैर एक पल भी रुके तेज गति में समीर के चलने का गुण प्रकट हो रहा है।

(घ) हरियाली आने पर प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर:
हरियाली आने पर चिड़ियाँ चहकती हैं, कलियाँ फूल बनने लगती हैं; नई कोपलें फूटने लगती हैं।

प्रश्न २.
फूल से हमें क्या सीख मिलती है? सही पर निशान (✓) लगाओ- (निशान लगाकर)
(क) हमें ओस और काँटों के बीच भी खिलना चाहिए।
(ख) हमें सर्दी, बरसात की परवाह नहीं करनी चाहिए।
(ग) हमें दुख के क्षणों और कठिनाइयों में भी प्रसन्न रहना चाहिए।   (✓)

प्रश्न ३.
नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
नोट – विद्यार्थी इन वाक्यांशों के भाव स्पष्ट हेतु ‘भावार्थ’ पढ़ें।

प्रश्न ४.
कविता की पंक्तियों के अंत में आए समान तुकवाले शब्दों को छाँटकर लिखो(लिखकर )
निर्मल – कोमल
कलियाँ – रंगरलियाँ
फेरी – मेरी
लाली – हरियाली

प्रश्न ५.
नीचे लिखे शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो- (लिखकर)
फूल – सुमन, कुसुम।
नभ – आकाश, गगन
समीर – वायु, हवा
रवि – भानु, सूर्य

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प्रश्न ६.
उदाहरण के अनुसार नीचे लिखे शब्दों को वर्णमाला के क्रम में लिखो- उदाहरण- मलय, कोमल, चाँदनी,समीर,धरती का वर्णमाला के अनुसार क्रम होगा- कोमल, चाँदनी,धरती, मलय,समीर अब तुम करो – फूल, बिखेरा, किसलय, मनभाई, दिन, जल, थल, गति, सरस
उत्तर:
किसलय, गति, जल, थल, फूल, बिखेरा, मनभायी, सरस।

तुम्हारी कलम से
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

अब करने की बारी
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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