UP Board Solutions for Class 6 Environment Chapter 5 जल संचयन एवं पुनर्भरण

UP Board Solutions for Class 6 Environment Chapter 5 जल संचयन एवं पुनर्भरण

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जल संचयन एवं पुनर्भरण

अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) वर्षा जल पुनर्भरण के लाभ बताइए ?
उत्तर
वर्षा जल पुनर्भरण से निम्न लाभ हैं- आवश्यकतानुसार जल की प्राप्ति, जमीन के अन्दर जल मात्रा बढ़ना, नगर जल समस्या दूर होना, जल स्तर नीचे न गिरना, मिट्टी का कटाव कम होना व कृषि फसलों को हरा-भरा बनाया जा सकना आदि।

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(ख) भू-जल का स्तर नीचे क्यों गिरता जा रहा है ?
उत्तर
वर्षा की कमी व जल की अधिक माँग होने के कारण भू-जल का स्तर नीचे गिरता जा रहा है।

(ग) भू-जल में वृद्धि कैसे की जा सकती है ?
उत्तर
वर्षा जल संचयन एवं पुनर्भरण से भू-जल में वृद्धि की जा सकती है।

(घ) जनसंख्या वृद्धि का भू-जल पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर
जनसंख्या वृद्धि से भू-जल की माँग बढ़ती है, जिससे जल स्तर नीचे गिरता जाता है।

(ङ) वर्षा जल संचयन का अभिप्राय बताइए?
उत्तर
वर्षा जल संचयन का अभिप्राय है वर्षा के जल को एकत्र करके कुओं, तालाबों और गड्ढों आदि को फिर से भरकर पानी की समस्या दूर करना।

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(च) जल का आपके जीवन में क्या महत्त्व है ?
उत्तर
जल का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। जल पीने के लिए, सिंचाई के लिए, सफाई के लिए व उद्योग धंधों आदि कार्यों के लिए आवश्यक है।

(छ) वर्षा जल का संचयन एवं पुनर्भरण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर
वर्षा जल का संचयन एवं पुनर्भरण भू-जल आपूर्ति और भू-सतही जल द्वारा सभी कार्यों के लिए जल उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है।

(ज) अपने घर की छत के वर्षा जल का संचयन कैसे करेंगे ?
उत्तर
घर से थोड़ी दूर पर 2 से 3 मीटर गहरा गड्ढा खोदकर, गड्ढे को ईंट, कंकड़ और बजरी से भर देते हैं। फिर उसके ऊपर मोटी रेत डालते हैं। इस गड्ढे में छत पर गिरने वाले वर्षा के स्वच्छ जल को इकट्ठा करते हैं।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर
(क) समुद्र का जल खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं होता है।
(ख) भू-जल एवं भू-सतही जल प्रकृति द्वारा कम मात्रा में प्राप्त है।
(ग) तालाब, पोखर आदि जल संचयन के प्राचीन साधन रहे हैं।
(घ) भू-जल में वृद्धि जल संचयन करके कर सकते हैं।
(ङ) शहरों में पक्के मकानों के कारण वर्षा जल भूमि के अन्दर कम प्रवेश होता है।
(च) उन्नत किस्म के धान एवं गेहूं की फसल उगाने के लिए अधिक सिंचाई की। आवश्यकता होती है।
(छ) भारत की जलनीति वर्ष 1987 में बनाई गई थी।
(ज) राष्ट्रीय जलनीति में जल को दुर्लभ एवं बहुमूल्य राष्ट्रीय संसाधन के रूप में माना गया है।

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प्रश्न 3.
सही जोड़े बनाएँ-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 6 Environment Chapter 5 जल संचयन एवं पुनर्भरण img-1

 प्रोजेक्ट वर्क- विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Home Craft Chapter 9 बनाई कला

UP Board Solutions for Class 6 Home Craft Chapter 9 बनाई कला

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बनाई कला

अभ्यास

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(1) मिलान करो-
UP Board Solutions for Class 6 Home Craft Chapter 9 बनाई कला img-1

(2) रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए
(1) बार्डर बुनने के लिए 11 या 12 नंबर की सलाइयाँ प्रयोग होती हैं।
(2) बुनाई सदैव ढीली ऊन से डालें।
(3) बार्डर के फंदे सदैव दोहरी ऊन से डालें।

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(3) निम्नलिखित कथनों में सत्य के सामने (✓) तथा असत्य के सामने (✗) का चिह्न लगाइए
(क) गर्म वस्त्र गर्मी में पहने जाते हैं।                                                          (✗)
(ख) बुनाई के लिए सलाइयाँ आवश्यक हैं।                                                (✓)
(ग) घर पर बुनाई करने से समय का सदुपयोग तथा धन की बचत होती है। (✓)

प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(क) हम ऊनी वस्त्र क्यों पहनते हैं ?
उत्तर
ठंड से अपने शरीर की सुरक्षा के लिए जाड़े में ऊनी वस्त्र पहनते हैं।

(ख) ऊनी वस्त्र कितने प्रकार से बुने जाते हैं, उनके नाम लिखिए।
उत्तर
ऊनी वस्त्र दो प्रकार से बुने जाते हैं-

  1. हाथ द्वारा
  2. मशीन द्वारा

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) बुनाई कला का क्या अर्थ है ?
उत्तर
कलात्मक ढंग से ऊन के फंदे बनाकर सलाइयों के माध्यम से डिजाइनदार वस्त्र तैयार करना ही बुनाई कला है।

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(ख) स्वयं बुनाई करने के किन्हीं दो लाभों को लिखिए।
उत्तर
स्वयं बुनाई करने के दो लाभ हैं

  • अपने मनपसंद रंग व डिजाइन के वस्त्र कम दाम में बनाया जा सकता है।
  • समय का सदुपयोग होता है एवं धन कमाया जा सकता है।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) ऊनी वस्त्र बुनते समय आप कौन-कौन सी सावथानियाँ रखेंगे।
उत्तर
ऊनी वस्त्रों को बुनते समय निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए

  1. बुनाई करने लिए हमेशा अच्छी क्वालिटी की सलाइयों का प्रयोग करें।
  2. सलाइयों को बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  3. साफ हाथ से बुनाई करें।
  4. ऊन को बैग में रखें जिससे गंदी न हो पाए।
  5. बुनाई अच्छी रोशनी में करें।
  6. स्वेटर बार्डर, गले व मुडढे के बार्डर में 11 या 12 नंबर की सलाई का ही प्रयोग करें।
  7. बार्डर के फंदे दोहरी ऊन से डालें।

(ख) सीधा एवं उल्टा फंदा बुनने की विधि लिखिए।
उत्तर
(1) सीधा फंदा- सीधा फंदा बुनते समय खाली सलाई को दाहिने हाथ में तथा फंदों वाली सलाई को बाएं हाथ में पकड़े। इसके बाद दाएं हाथ की खाली सलाई को बाएं हाथ की (UPBoardSolutions.com) सलाई के फंदे में नीचे की ओर घुमाकर ऊन को एक बार बढ़ाकर फंदे के अंदर से निकालें। इसके बाद बाएं हाथ की सलाई से फंदे को गिरा देते हैं। इस प्रकार सीधा फंदा बुना गया।

(2) उल्टा फंदा- उल्टे फंदे में दाएं हाथ की सलाई को फंदे के बीच में से नीचे की ओर निकालते हुए अपनी ओर लाएं। सलाई की नोक पर ऊन को एक बार लपेटें और उसका लूप बनाते हुए इसे बाएं हाथ की सलाई के फंदे में से गिराते हुए निकाल लें। इस प्रकार ये फंदा उल्टा बुना गया।

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प्रोजेक्ट कार्य :     नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता

UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता

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अभ्यास 15

प्रश्न 1.
अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े (Capital) अक्षरों को लिखकर देखें। उनमें से जो सममित हैं। उनके सममिति अक्षों को पहचानों।
उत्तर-
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 2.
निम्नांकित आकृतियों के सभी सममित अक्षों की पहचान कर उन्हें लिखिए:
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता 2
हल:
(i) सममित अक्ष = EF
(ii) सममित अक्ष = EF तथा GH
(iii) सममित अक्ष = AD

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में कितने सममित अक्ष होंगे ?
उत्तर-
(i) समबाहु त्रिभुज में सममित अक्ष की संख्या = तीन
(ii) समद्विबाहु त्रिभुज में सममित अक्ष की संख्या = एक
(iii) वर्ग में सममित अक्ष की संख्या = चार
(iv) समचतुर्भुज में सममित अक्ष की संख्या = दो
(v) वृत्त में सममित अक्ष की संख्या = अपरमित

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प्रश्न 4.
निम्नांकित की रचना कीजिए।
हल:
(i) एक त्रिभुज जिसमें एक सममित अक्ष हो-
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता 4.1
(ii) एक त्रिभुज जिसमें तीन सममित अक्ष हों-
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता 4
(iii) एक त्रिभुज जिसमें एक भी सममित अक्ष न हो-
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता 4.2

प्रश्न 5.
एक समषट्भुज खींचकर उसकी सभी सममित रेखाओं को खींचिए।
उत्तर-
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता 5

प्रश्न 6.
अपने आस-पास के पर्यावरण का निरीक्षण करके सममित वस्तुओं की पहचान कर उनकी सूची बनाइए।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए (पूरा करके)-
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता 7

प्रश्न 8.
निम्न तालिका को पूरा कीजिए (पूरा करके)-
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता 8

प्रश्न 9.
अपने घर व विद्यालय की ऐसी दस वस्तुओं की सूची बनाइये जो समिमित हो।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 10.
दी गई सममित आकृतियों को पूरा करिए (पूरा करके)-
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता 10

प्रश्न 11.
निम्न आकृतियों में सममित रेखा खींचकर सममित रेखाओं की संख्या ज्ञात कीजिए।
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 15 सममितता 11
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 1 मृदा

UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 1 मृदा

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अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही (✓) का निशान लगायें

(i) मिट्टी है –

(क) पृथ्वी की ऊपरी सतह ✓
(ख) कच्चे मकान का फर्श
(ग) नदी का निचला भाग
(घ) कुएँ का फर्श

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(ii) फसलें खड़ी रहती हैं –

(क) हवा में
(ख) पानी में
(ग) पत्थर पर
(घ) मिट्टी में ✓

(iii) मृदा माध्यम है –

(क) मनुष्यों के रहने का
(ख) पशुओं के ठहरने का
(ग) पौधों के उगने का ✓
(घ) यंत्रों के बनने का

(iv) चट्टानों एवं खनिजों के टूटने से बनती है –

(क) बालू ✓
(ख) सिल्ट
(ग) मृत्तिका
(घ) कार्बनिक पदार्थ

(v) नालों की निचली सतह में जमा होता है

(क) चट्टानें
(ख) बालू
(ग) सिल्ट ✓
(घ) मृत्तिका

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(vi) बोलू का आकार होता है –

(क) 4.00-3.00 मिमी 0
(ख) 3.0-2.0 मिमी 0
(ग) 2.0-1.0 मिमी 0
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं ✓

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

(क) पृथ्वी के ऊपरी सतह को मृदा कहते हैं। (जल, मृदा)
(ख) आदिमानव ने मृदा की जानकारी भोजन के अभाव में कीं। (मिठाई, भोजन)
(ग) मृदा में मुख्य रूप से चार घटक पाए जाते हैं। (तीन, चार)
(घ) बलुई मृदा में बालू अधिक मात्रा में होती है। (सिल्ट, बालु)
(ङ) काली मृदा में मृतिका की मात्रा अधिक होती है। (मृतिका, बालु)
(च) कृषि के आधार पर मृदा को चार वर्गों में बाँटते हैं। दो, चार)

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) और गलत के सामने गलत (✗) का निशान लगाएँ –

(क) पशु अपना भोजन प्रायः पेड़-पौधों से लेता है। (✓)
(ख) दोमट मृदा कृषि के लिए सर्वोत्तम नहीं होती है। (✗)
(ग) चिकनी मिट्टी के सूखने पर दरारें नहीं पड़तीं। (✗)
(घ) रेतील मृदा अधिक उपजाऊ होती है। (✗)
(ङ) ऊबड़-खाबड़ मृदा कृषि के लिए अयोग्य होती है। (✓)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में स्तम्भ ‘क’ को स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए – (सुमेल करके)
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 1 मृदा 1

प्रश्न 5.

(क) मृदा की परिभाषा लिखिए।
(ख) मृदा में पाए जाने वाले घटक व उनकी प्रतिशत मात्रा लिखिए।
(ग) मृदा कणों के आकार तालिका में लिखिए।
(घ) चिकनी मृदा के प्रमुख गुण लिखिए।
(ङ) उत्तर प्रदेश की प्रमुख मृदाओं के नाम लिखिए।

उत्तर :

(क) मृदा पृथ्वी का सबसे ऊपरी भाग है, जो चट्टानों एवं खनिजों के टूटने-फूटने व स्थानांतरित होकर एकत्रित होने से बनी है।
(ख) मृदा में खनिज 45 प्रतिशत, जैविक पदार्थ 5 प्रतिशत, मृदा जल 25 प्रतिशत, मृदा वायु 25 प्रतिशत हैं।
(ग) मोटी बालू 2.0-0.2, महीन बालू 0.2-0.02, सिल्ट 0.02-0.002, मृत्तिका (क्ले) 0.002 से कम।
(घ) चिकनी मिट्टी मृत्तिका की अधिकता से बनती है। इसे धनखर मिट्टी कहते हैं। इसमें धान की फसल अच्छी होती है।
(ङ) उत्तर प्रदेश की मृदाओं को दो भागों में विभाजित किया गया है – 1. कायँ मिट्टी 2. मिश्रित लाल और काली मिट्टी।

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प्रश्न 6.

(क) मृदा घटक का वर्णन चित्र सहित कीजिए।
(ख) कणों के आधार पर मृदा का वर्गीकरण कीजिए।
(ग) मुख्य कणाकार गठन के आधार पर मृदा का वर्गीकरण कीजिए एवं उनका वर्णन कीजिए।
(घ) कृषि के दृष्टिकोण से मृदा का वर्गीकरण एवं विभिन्न मृदाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर :
(क) मृदा घटक –

  1. मृदा खनिज 45%
  2. जैविक पदार्थ 5%
  3. मृदा जल 25%
  4. मृदा वायु 25%

UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 1 मृदा 2
UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 1 मृदा 3

जिस मिट्टी में बालू की अधिकता होती है, उसे बलुई मिट्टी कहते हैं। दूसरी प्रकार की बलुई दोमट मिट्टी में बालू कुछ कम होती है। तीसरी प्रकार की दोमट मिट्टी कृषि के लिए सर्वोत्तम होती है। इसमें सिल्ट व बालू की मात्रा बराबर होती है। चौथी मिट्टी सिल्ट या गाद कही जाती है। इसकी जल धारण क्षमता अधिक होती है। पाँचवीं मिट्टी चिकनी मृत्तिका होती है। यह मिट्टी सबसे कठोर होती है। इसके कण बहुत बारीक होते हैं। सूखने पर इस प्रकार की मिट्टी में दरारें पड़ जाती हैं।

(घ) कृषि के आधार पर मृदा को चार भागों में बाँटते हैं –

  1. अधिक उपजाऊ
  2. सामान्य उपजाऊ
  3. कम उपजाऊ
  4. अनुपजाऊ

सबसे अधिक उपजाऊ मृदा काली, काली-भूरी या भूरी होती है। इसमें जल और वायु का संचार अच्छा होता है। बलुई दोमट मिट्टी सामान्य उपजाऊ होती है। बलुई, रेतीली, ऊबड़-खाबड़ मिट्टी कम उपजाऊ होती है। ऊसर, बंजर तथा जलमग्न मृदाएँ अनुपजाऊ होती हैं।

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प्रश्न 7.
मृदा में रंधावकाश की जानकारी कैसे प्राप्त करेंगे लिखिए।

(क) काली मृदा के गुण-दोष लिखिए।
उत्तर :
काली मृदा के गुण व दोष

  1. यह मृदा गहरे भूरे, काले रंग की होती है।
  2. इस मृदा में लोहा, चूना, कैल्सियम, मैग्नीशियम तथा मृत्तिका की प्रचुरता होती है।
  3. इस मृदा में नवजन, फॉस्फोरस तथा कार्बनिक पदार्थ की न्यूनता पाई जाती है।
  4. यह मृदा स्वभाव में चिपचिपी एवं सुघट्य होती है।
  5. इस मृदा में सिकुड़ने एवं फूलने का गुण पाया जाता है तथा सूखने पर दरारें पड़ जाती हैं।
  6. यह मृदा काली, कपासी मृदा एवं रेगुर के नाम से भी प्रचलिीत है।

(ख) खादर या कछारीय मृदा का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
ये नवीन जलोढ़ मृदाएँ हैं ये हल्के भूरे रंग की छिद्रयुक्त महीन कणों वाली होती हैं। चूना, पोटाश व मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

(ग) तराई मृदा के गुण-दोष लिखिए।
उत्तर :
ये मृदाएँ हिमालयी नदियों के भारी निक्षेपों से निर्मित होने के कारण इनमें कंकड़, पत्थर एवं बालू की अधिकता होती है। मृदाएँ उथली तथा इनकी जल धारण क्षमता कम होती है। गन्ना, धान, इन मृदा क्षेत्रों की प्रमुख फसलें हैं।

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प्रोजेक्ट कार्य –
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Home Craft Chapter 8 कढ़ाई कला

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कढ़ाई कला

अभ्यास

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए-
(क) कढ़ाई करने के लिए पक्के धागों का प्रयोग करना चाहिए।
(ख) फ्रेम वस्त्र तानने के काम आती है।
(ग) कार्बन पेपर से नमूना उतारा जाता है।
(घ) रुमालों पर लेजी-डेजी कढ़ाई के नमूने सुंदर लगते हैं।

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प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(क) वस्त्र पर नमूना छापने की विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर
नमूना छापने की दो विधियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. कार्बन पेपर द्वारा
  2. लकड़ी के ठप्पों द्वारा

(ख) कढ़ाई करने वाले टाँकों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. लेजी-डेजी कढ़ाई- इसे कढ़ाई से छोटे-बड़े फूल तथा पत्ती बना सकते हैं। इसका टाँका भी चेन स्टिच की तरह लेते हैं। यह कढ़ाई चादर, मेजपोश, तकिया का गिलाफ, रूमाल आदि पर कर सकते हैं।
  2. बटन होल स्टिच- इसका टॉका काज स्टिच की तरह लेते हैं। एक ही बिन्दु पर बार-बार सूई घुसाकर सूई के आगे धागा करके गोलाई से बनाते हैं। इससे छोटे-छोटे फूल और फूलों का गुच्छा बन सकता है।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) कढ़ाई कला के लाभ लिखिए।
उत्तर
कढ़ाई कला के निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. घर के विभिन्न कमरों में प्रयुक्त होने वाले वस्त्रों की सजावट कढ़ाई कला से करते हैं।
  2. पहनने वाले वस्त्रों- सलवार, सूट, साड़ी, ब्लाउज, बच्चों के वस्त्र आदि पर कढ़ाई किए। जाने से वे सुन्दर लगते हैं।
  3. खाली समय का उपयोग होता है (UPBoardSolutions.com) और आर्थिक लाभ भी होता है।
  4. मनचाहे वस्त्र पर मनचाही डिजाइन काढ़ सकते हैं।
  5. वस्त्रों को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए कढ़ाई कला उत्तम साधन है।

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(ख) कढ़ाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर
कढ़ाई करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. नमूना वस्त्र के अनुकूल हो, छोटे वस्त्र पर छोटा और बड़े पर बड़ा।
  2. धागों के रंगों का उचित चुनाव करना चाहिए।
  3. रंग पक्के और चमकदार होने चाहिए।
  4. धागे की गाँठ को कढ़ाई में छिपा देना चाहिए।
  5. टाँके मजबूत हों जिससे कढ़ाई न खुल सके।
  6. साफ हाथों से कढ़ाई करनी चाहिए।
  7. सूई में छोटा धागा डालें क्योंकि बड़ा धागा उलझ जाता है।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) कढ़ाई कला में उपयोगी उपकरणों के नाम एवं उनके प्रयोग लिखिए।
उत्तर
कढाई कला में उपयोगी उपकरणों के नाम एवं उनके प्रयोग:

  1. ट्रेसिंग पेपर- यह पतला कागज होता है। चित्र पर रखने से चित्र दिखाई देता है। इसलिए इसे नमूने के ऊपर रखकर नमूना उतारते हैं।
  2. कार्बन पेपर- इससे भी कपड़े पर नमूना छापते हैं। कार्बन पेपर कई रंग के होते हैं- लाल, नीला, काला, सफेद आदि। गहरे नीले, (UPBoardSolutions.com) काले वस्त्र पर लाल या सफेद कार्बन पेपर से छापते हैं। हल्के रंग के वस्त्र . पर काले नीले कार्बन पेपर से छापते हैं।
  3. पेंसिल- यह नमूना उतारने और छापने के काम आती है।
  4. सुई- सुई कई प्रकार की होती है- पतली, मोटी,, मैटी एवं मशीन की सुई। साधारण वस्त्र पर कढ़ाई करने के लिए पतली सुई का प्रयोग करते हैं। मैटी के लिये मैटी की सुई प्रयोग करते हैं।
  5. धागा- विभिन्न प्रकार के रंगीन धागे कढ़ाई करने के काम आते हैं।
  6. फ्रेम- यह लकड़ी या प्लास्टिक का गोलाकार होता है जिसे फ्रेम कहते हैं। इसमें लगाकर कपड़े को तान देते हैं जिससे कढ़ाई करने में सुविधा होती है।
  7. छोटी कैंची- धागा काटने के काम आती है।
  8. कढ़ाई किट- इसमें कढ़ाई का सभी सामान एकत्रित रखते हैं ताकि सामान सुरक्षित और साफ रहे।

(ख) कढ़ाई करने के किन्हीं एक टाँके बनाने की प्रक्रिया लिखिए।
उत्तर
कढ़ाई करने के लिए अनेक टाँकों या स्टिच का प्रयोग करते हैं जैसे- कच्चा टाँका, काथा स्टिच, स्टेम स्टिच (उल्टी बखिया) चेन स्टिच, बटन होल स्टिच, लेजी डेजी, (UPBoardSolutions.com) कश्मीरी स्टिच, साटन स्टिच, क्रास स्टिच आदि। इनमें से चेन स्टिच टाँका बनाने की प्रक्रिया निम्नलिखित है|

चैन स्टिच- इसे जंजीरा केढ़ाई भी कहते हैं। इससे फूल पत्ती का बाहरी किनारा (आउट लाइन) और फूल पत्ती को भरकर भी बनाते हैं। इसमें एक ही बिंदु पर दुबारा सुई घुसाकर आगे की ओर सुई को धागे के ऊपर से निकालते हैं। यही क्रिया दोहराने से चेन स्टिच बन जाएगी। यह ध्यान रहे कि टांके एक बराबर ही हों।

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