UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 10 स्वास्थ्य एवं स्वच्छता

UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 10 स्वास्थ्य एवं स्वच्छता

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स्वास्थ्य एवं स्वच्छता

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिएः-
(क) व्यक्तिगत स्वच्छता के अन्तर्गत है-
उत्तर:
(i) प्रतिदिन स्नान करना (✓)
(ii) कूड़े का सही जगह निस्तारण करना
(iii) विद्यालय प्रांगण की सफाई करना
(iv) वृक्षारोपण करना

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(ख) विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है
उत्तर:
(i) 11 अप्रैल
(ii) 19 जून
(iii) 19 अगस्त
(iv) 19 नवम्बर (✓)

(ग) आँखों की सफाई के लिए प्रयोग करना चाहिए|
उत्तर:
(i) ठण्डा पानी (✓)
(ii) काजल
(iii) गर्म पानी
(iv) इनमें से कोई

(घ) सामाजिक स्वच्छता से तात्पर्य है-
उत्तर:
(i) आँख की स्वच्छता
(ii) नाक की स्वच्छता
(iii) त्वचा की स्वच्छता
(iv) आस-पास की स्वच्छता (✓)

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) तथा गलत के सामने गलत (✗) चिह्न लगाइएः-
उत्तर:
(क) शौचालय की साफ-सफाई, प्रतिदिन करनी चाहिए।      (✓)
(ख) दाँतों की सफाई व्यक्तिगत स्वच्छता के अन्तर्गत आती है।     (✓)
(ग) रात में सोने से पहले दाँतों की सफाई नहीं करनी चाहिए।      (✗)
(घ) मलेरिया मच्छरों के काटने से फैलता है।              (✓)
(ङ) डेंगू चूहे के काटने से होता है।         (✗)

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिएः
उत्तर:
(क) शौच के बाद साबुन से हाथ धोना व्यक्तिगत स्वच्छता के अन्तर्गत निहित है।
(ख) कमरों की सफाई प्रतिदिन करनी चाहिए।
(ग) खेती में कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए।
(घ) सूखा कचरा हेरे कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।
(ङ) नीले कूड़ेदान में गीला कचरा फेंकना चाहिए।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) शौचालय की साफ-सफाई क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
सार्वजनिक स्वच्छता के लिए शौचालय की साफ-सफाई अत्यधिक आवश्यक है, इससे हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है। शौचालय की सफाई करने से मक्खी एवं मच्छर नहीं बैठते हैं। इस प्रकार गंदगी (UPBoardSolutions.com) का फैलाव नहीं होता है। जिससे हम कई प्रकार की बीमारियों से अपने शरीर को बचा सकते हैं।

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(ख) घर की साफ-सफाई किस प्रकार करनी चाहिए?
उत्तर:
घर की साफ-सफाई के अंतर्गत-

  1. कमरों की सफाई प्रतिदिन करनी चाहिए।
  2. घर से निकले कूड़े को कम्पोस्ट पिट में या कूड़ेदान में डालना चाहिए।

(ग) शौच हेतु शौचालय का प्रयोग न करने पर क्या-क्या हानियाँ हो सकती हैं?
उत्तर:
शौच हेतु शौचालय का प्रयोग न करने पर विभिन्न प्रकार की हानियाँ हो सकती हैं

  1. वातावरण प्रदूषित हो जाएगी।
  2. तरह-तरह की बीमारिया फैलेंगी।
  3. दूषित जल एवं गंदे वातावरण में अनेक जीव-जन्तु, जैसे- मुक्खी, मच्छर पनपते हैं। जिससे हमारे शरीर में मलेरिया, फाईलेरिया जैसी बीमारियाँ फैलती हैं।

(घ) वातावरणीय या सार्वजनिक स्वच्छता का क्या महत्व है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक स्वच्छता से तात्पर्य आस-पड़ोस की स्वच्छता से है। दूसरे शब्दों में आस-पास के वातावरण की पूर्ण सफाई ही सामाजिक या सार्वजनिक स्वच्छता है। इसके अन्तर्गत गलियों-सड़कों की (UPBoardSolutions.com) सफाई, नदियों, तालाबों व जलाशयों की साफ-सफाई, सार्वजनिक स्थल (जैसे- अस्पताल, रेलवे स्टेशन, विद्यालय, पार्क आदि) की स्वच्छता आवश्यक है।

(ङ) व्यक्तिगत स्वच्छता के अन्तर्गत आप किन-किन बातों को ध्यान में रखेंगे? |
उत्तर:
इसके अन्तर्गत दैनिक किये जाने वाले क्रियाकलापों, जैसे-नियमित शौच जाना वे शौच के बाद साबुन से हाथ धोना। प्रतिदिन दाँत, मुख, चेहरा व जीभ की सफाई करना। प्रतिदिन स्नान करना, भोजन के पहले एवं भोजन करने के बाद हाथ धोना, स्वच्छ, कपड़े पहनना । नियमित नाखून की साफ-सफाई करना आवश्यक है।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए (लिखकर)
उत्तर:
(क) सामाजिक स्वच्छता- सामाजिक स्वच्छता से तात्पर्य आस-पड़ोस की स्वच्छता से है। दूसरे शब्दों में आस-पास की पूर्ण सफाई ही सामाजिक स्वच्छता है। इसके अन्तर्गत गलियों-सड़कों की सफाई, नदियों, तालाबों व जलाशयों की साफ-सफाई, सार्वजनिक स्थल (जैसे- अस्पताल, रेलवे स्टेशन, विद्यालय, पार्क आदि) की स्वच्छता आवश्यक है। यह हमारा दायित्व है कि हम अपने परिवेश को साफ-सुथरा रखें। यदि कोई व्यक्ति वातावरण को दूषित करता है तो उसे जागरूक करना भी हमारा परम कर्तव्य है।

(ख) सूखा एवं गीला कचरा- शाक-सब्जियों व फलों का कचरा, जीवों का मल-मूत्र आदि सब गलकर संड़ते रहते हैं इन्हें गीला कचरा कहते हैं। शाक-सब्जियों के छिलके, सड़ी-गली सब्जियाँ, खराब फल, छिलके, फलों का रस निकालने के बाद शेष गूदा आदि गीले कचरे के उदाहरण हैं। पॉलीथीन, प्लास्टिक की बनी वस्तुएँ, रबर की (UPBoardSolutions.com) बनी वस्तुएँ (टायर, टूटे खिलौने) बिस्कुट, नमकीन आदि खाद्य सामग्रियों के फाइबर के डिब्बे, पैकेट आदि आसानी से नष्ट नहीं होते हैं, इन्हें सूखा कचरा कहते हैं। प्रत्येक नागरिक को यह ध्यान रखना चाहिए कि गीले कचरे को नीले रंग के कूड़ेदान और सूखे कचरे को हरे रंग के कूड़ेदान में ही डालना चाहिए।

(ग) कम्पोस्ट पिट- किसी मैदान में एक गड्ढा खोदें। इस गड्ढे में सबसे नीचे कुछ महीन कंकड़ बिछा दें। इसके बाद विद्यालय व घर से निकला कचरा इसमें डाल कर ढंक दें। इसे नम रखने के लिए सप्ताह में एक या दो बार गड्ढे में पानी डालें, इस तरह तीन से चार माह में कचरे से खाद बन कर तैयार हो जाएगी। इसका प्रयोग विद्यालय के बगीचों में किया जा सकता है।

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(घ) क्लीन सिटी ग्रीन सिटी योजना- जीवन में जितना जल और भोजन का महत्त्व है उतना ही स्वच्छता का भी है। बिना स्वच्छता के हम स्वस्थ्य नहीं रह सकते। भारत को स्वच्छ रखने के परियोजना (UPBoardSolutions.com) से हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2014 को इसे शुरू किया। जिसका उद्देश्य 20 अक्टूबर 2019 तक भारत के हर एक घर में शौचालय होना, गीले और सूखे कचरे को कम्पोस्ट करना, गाँव-गाँव में साफ पानी उपलब्ध करना है।

● नोट- प्रोजेक्ट कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 9 भोजन एवं स्वास्थ्य

UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 9 भोजन एवं स्वास्थ्य

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भोजन एवं स्वास्थ्य

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिएः-
(क) दाल से पोषक तत्व मिलता है –
(i) कार्बोहाइड्रेट
(ii) प्रोटीन (✓)
(iii) वसा
(iv) खनिज लवण

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(ख) विटामिन A की कमी से होता है-
(i) एनीमिया
(ii) रतौन्धी (✓)
(iii) गाँठ
(iv) दाँतों में सूजन

प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) तथा गलत के सामने गलत (✗) चिह्न लगाइएः-
उत्तर:
(अ) विटामिन A की कमी से रतौंधी रोग होता है। (✓)
(ब) आलू में कार्बोहाइड्रेट होता है।                  (✓)
(स) काजू तथा बादाम, सूखे मेवे नहीं हैं।             (✗)
(द) पनीर दुग्ध उत्पाद नहीं है।                         (✗)
(य) विटामिन C खट्टे फलों में पाया जाता है।          (✓)

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:-
उत्तर:
(अ) दाल में प्रोटीन नामक पोषक तत्व पाया जाता है।
(ब) कार्बोहाईड्रेट ऊर्जा देने वाले भोज्य पदार्थ है।
(स) विटामिन एवं खनिज लवण शरीर की विभिन्न रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
(द) हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
(य) तैलीय खाद्य सामग्रियाँ प्रतिदिन नहीं खानी चाहिए।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइएं (जोड़ा बनाकर)-
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 9 भोजन एवं स्वास्थ्य img-1

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीज़िए-
(अ) संतुलित आहार किसे कहते हैं?
उत्तर:
संतुलित आहार से हमारा अभिप्राय ऐसे भोजन से है जिससे समस्त आवश्यक पोषक तत्व उचित । मात्रा में विद्यमान रहते हैं तथा शरीर की समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।

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(ब) पोषण एवं पोषक तत्व का क्या अभिप्राय है? लिखिए।
उत्तर:
भोजन में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पोषक (UPBoardSolutions.com) तत्वों द्वारा शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना ही पोषण है। भोजन में पाए जाने वाले जो तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ एवं नीरोग रखते हैं, वह पोषक तत्व कहलाते हैं।

(स) प्रोटीन-एवं कार्बोहाईड्रेट के चार-चार प्रमुख स्रोतों के नाम लिखए।
उत्तर:
प्रोटीन के चार स्रोत निम्नलिखित हैं-

  1. चना
  2. उरद, मूंग, राजमा
  3. पनीर, दही,
  4. अण्डा, मांस एवं मछली

कार्बोहाईड्रेट के स्रोत निम्नलिखित हैं-

  1. गुड़, चीनी
  2. आलू, चुकन्दर
  3. केला
  4. गन्ने का रस

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(द) विटामिन्स कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
विटामिन्स छः प्रकार के होते हैं-

  1. विटामिन-A,
  2. विटामिन-B,
  3. विटामिन-C,
  4. विटामिन-D,
  5. विटामिन-E,
  6. विटामिन-K

(य) स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
स्वास्थ्य शरीर की वह स्थिति है जब शरीर के सभी अंग सामान्य रूप से कार्य कर रहे होते हैं तथा बाहरी वातावरण एवं शरीर के बीच पूर्ण संतुलन बना रहता है। शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से पूर्णतः सामान्य दशा को भी स्वास्थ्य कह सकते हैं। अतः स्वास्थ्य वह अवस्था है जिसके अन्तर्गत शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक कार्य समुचित क्षमता द्वारा उचित प्रकार से किया जा सके।

(र) भोजन एवं स्वास्थ्य में क्या सम्बन्ध है।
उत्तर:
जिस प्रकार का भोजन हम करेंगे उसी प्रकार का हमारा विचार होगा। यदि हम पौष्टिक भोजन करते हैं तो हमारा शरीर भी निरोग रहेगा, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी जिससे शरीर का पूर्ण (UPBoardSolutions.com) रूप से विकास होगा। इसके विपरीत यदि हम सिर्फ अपने स्वाद के लिए भोजन करते हैं। अर्थात् असंतुलित भोजन (चाट, पकौड़ी, बरगर, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स आदि) करते हैं तो शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो जायेगी और धीरे-धीरे हमारा शरीर तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जायेगा और हमारा विकास रुक जायेगा।

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प्रश्न 6.
निम्नांकित खाद्य पदार्थों के चित्रों को ध्यान से देखिए तथा उनके नीचे दिये गये पोषक तत्त्व के अंक लिखकर उनका वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
प्रोटीन-1, कार्बोहाइड्रेट-2, वसा-3, विटामिन और खनिज लवण-4
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● नोट- प्रोजेक्ट कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Computer Education (कम्प्यूटर शिक्षा)

UP Board Solutions for Class 6 Computer Education (कम्प्यूटर शिक्षा)

कम्प्यूटर का इतिहास

बच्चो, अभी तक आप कम्प्यूटर की उपयोगिता, प्रयोग क्षेत्र और उसके प्रमुख भागों के साथ-साथ यह तो जान ही गए हैं कि कम्प्यूटर की कक्षा में क्या-क्या सावधानियाँ रखनी (UPBoardSolutions.com) चाहिए। अब आप इस अध्याय में कम्प्यूटर के विकास तथा इसमें किन प्रमुख लोगों का योगदान रहा है, इसके बारे में जानेंगे। 

पहला कम्प्यूटर : अबाकस:

बच्चो, प्राचीन काल में लोग गणना करने के लिए कंकड़ों और पत्थरों का प्रयोग करते थे। जब इस तरह से गणना का कार्य कठिन लगने लगा तो उन्होंने अबाकस नामक एक उपकरण का आविष्कार किया। इस उपकरण को आज से लगभग दो हज़ार वर्ष पहले चीन में बनाया गया था। चित्र में आप इसे देख सकते हैं। यह उपकरण एक लकड़ी के फ्रेम का बना था, जिसमें कई छड़ें थीं। ये छड़ें एक समानान्तर छड़ से दो असमान भागों में बँटी होती थीं।
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लम्बवत छड़ों के ऊपरी भाग में दो गोलियाँ और निचले भाग में पाँच गोलियाँ होती थीं। ऊपर की एक गोली को पाँच इकाइयों के बराबर माना जाता था और नीचे की एक गोली को एक इकाई के। इन गोलियों को कुछ निश्चित नियमों के साथ प्रयोग करके गणना का कार्य किया जाता था, जिससे गणितीय समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाता था।

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कम्प्यूटर के जनक : चार्ल्स बैवेज़:
चार्ल्स बैवेज़ एक अंग्रेज गणितज्ञ थे। सबसे पहले इन्होंने कम्प्यूटर जैसी किसी मशीन की परिकल्पना की थी। इसी वजह से इन्हें कम्प्यूटर का जनक कहा जाता है। सन् 1823 में इन्होंने (UPBoardSolutions.com) एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया जो तेजी से गणना करने में सक्षम थी। इस मशीन को डिफरेन्स इंजिन का नाम दिया गया। यह मशीन वर्तमान समय के कम्प्यूटर से काफी मिलती-जुलती थी।
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कम्प्यूटर पारचया

कम्प्यूटर परिचय बच्चो, पिछले अध्याय में आपने पढ़ा कि प्राचीन काल में मनुष्य गिनने के लिए और हिसाब-किताब रखने के लिए कंकड़ों और पत्थरों का प्रयोग करता था। इसके बाद उसने अबाकस नामक एक उपकरण बनाया जो चीन में दो हजार साल पहले बना था।

सन् 1823 में एक अंग्रेज गणितज्ञ, जिनका नाम चार्ल्स बैवेज़ था, उन्होंने डिफरेन्श इंजिन नामक एक मशीन बनायी, जो हमारे आज के कम्प्यूटर से काफी मिलती-जुलती थी। इसलिए चार्ल्स बैवेज़ को कम्प्यूटर का जनक कहा गया। आइए इस अध्याय में कम्प्यूटर के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें।

कम्प्यूटर क्या है?

कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। इसके द्वारा सभी तरह की गणितीय और तार्किक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

हम कम्प्यूटर से गणित के सवाल हल कर सकते हैं, चित्र बना (UPBoardSolutions.com) सकते हैं, गेम खेल सकते हैं, पत्र लिखकर उन्हें प्रिंट कर सकते हैं, कार्ड बना सकते हैं और इसी तरह से अनेक कार्य कर सकते हैं।
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कम्प्यूटर बहुत ही तेजी व शुद्धता से कार्य करने वाली मशीन है। कम्प्यूटर की कार्य करने की गति हमसे बहुत तेज होती है। यदि हम किसी सवाल को एक मिनट में हल करते हैं तो कम्प्यूटर इस कार्य को एक सेकंड के हजारवें हिस्से में कर देगा। कम्प्यूटर की एक विशेषता यह भी है कि यह हमेशा सही उत्तर देता है।

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कम्प्यूटर और हम:
कम्प्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जिसका निर्माण मनुष्य ने किया है। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि मनुष्य का दिमाग ही कम्प्यूटर का मालिक है। कम्प्यूटर मनुष्य के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्य करता है और इसमें खुद की सोचने व समझने की शक्ति नहीं होती है।
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कम्प्यूटर का प्रयोग क्यों?

कम्प्यूटर हमारे ऊपर पूरी तरह से निर्भर होते हैं, फिर भी हम इनका प्रयोग जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में करते हैं। इसके निम्न कारण हैं –

  • कम्प्यूटर की मेमोरी बहुत बड़ी होती है।
  • कम्प्यूटर कभी भी थकते नहीं हैं।
  • कम्प्यूटर बहुत तेजी से कार्य कर सकते हैं।
  • कम्प्यूटर हमेशा सही परिणाम देते हैं।
  • कम्प्यूटर बहुत बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर कर सकते हैं।

कम्प्यूटर की सीमाएँ:

जहाँ एक ओर कम्प्यूटर के बहुत से फायदे हैं, वहीं दूसरी (UPBoardSolutions.com) ओर इसकी कार्य संबंधी कुछ सीमाएँ भी हैं। आइए जानें कि ये सीमाएँ क्या हैं –

  • कम्प्यूटर खुद कोई कार्य नहीं कर सकता है।
  • कम्प्यूटर में मेमोरी तो होती है, लेकिन सोचने वाला दिमाग नहीं होता है।
  • ‘कम्प्यूटर बुद्धिमान नहीं होता है।
  • कम्प्यूटर कारणों की व्याख्या नहीं कर सकता है।
  • कम्प्यूटर हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों का ही पालन कर सकता है।

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कम्प्यूटर के मुख्य भाग

बच्चो, पिछले अध्याय में आपने कम्प्यूटर की विशेषताओं और सीमाओं के बारे में पढ़ा। इस अध्याय में आइए अब यह जानकारी प्राप्त करते हैं कि कम्प्यूटर के मुख्य भाग कौन-कौन से होते हैं।

कम्प्यूटर में क्या-क्या?

बच्चो, जिस तरह से हमारे शरीर में अलग-अलग कार्यों को करने के लिए अलग-अलग भाग होते हैं, ठीक उसी तरह से कम्प्यूटर में भी अलग-अलग कार्यों को करने के लिए अलग-अलग भाग होते हैं।

इन भागों को हम दो वर्गों में बाँट सकते हैं। पहले वर्ग में इसके अनिवार्य भाग होते हैं।

कम्प्यूटर के अनिवार्य भाग:-
बच्चो, कम्प्यूटर के तीन अनिवार्य भाग होते हैं। ये भाग निम्न हैं –
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ये तीनों भाग जुड़कर एक कम्प्यूटर का निर्माण करते हैं।

कम्प्यूटर का की-बोर्ड
की-बोर्ड कम्प्यूटर का पहला अनिवार्य भाग है। देखने में यह टाइपराइटर की तरह ही होता है। इसके द्वारा टाइप करके डेटा और निर्देशों को कम्प्यूटर के सीपीयू में भेजते हैं, इसीलिए (UPBoardSolutions.com) इसे इनपुट डिवाइस भी कहते हैं। टाइप करने के लिए जिन बटनों को दबाया जाता है, उन्हें कीज़ कहते हैं।
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की-बोर्ड को कम्प्यूटर के सीपीयू से जोड़ा जाता है। आजकल जिस तरह के की-बोर्ड प्रयोग किए जा रहे हैं, उनमें 104 से लेकर 124 तक कीज़ हो सकते हैं।

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कम्प्यूटर का सीपीयू:
यह कम्प्यूटर का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग होता है। इसका पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है। इसे आप कम्प्यूटर का दिमाग भी कह सकते हैं। सभी तरह की गणनाओं और तार्किक कार्यों को पूरा करने का काम सीपीयू द्वारा ही सम्पन्न होता है। वर्तमान समय में इसके दो रूप हैं। इन्हें आप निम्न चित्र में देख सकते हैं –
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कम्प्यूटर का मॉनीटर:

यह एक मॉनीटर है। मॉनीटर देखने में टेलीविजन की तरह ही दिखाई देता है। मॉनीटर के जिस भाग पर हमें चित्र या अक्षर दिखाई देते हैं, उसे स्क्रीन कहते हैं। तकनीकी भाषा में इसे सीआरटी कहा जाता है। इसका पूरा नाम है केथोड रे ट्यूब। की-बोर्ड के द्वारा जो भी टाइप किया जाता है, वह (UPBoardSolutions.com) मॉनीटर पर ही दिखाई देता है। काम पूरा होने पर हमें परिणाम भी मॉनीटर पर ही दिखाई देते हैं, इसलिए इसे आउट पुट डिवाइस कहा जाता है।।
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कम्प्यूटर का माउस:
माउस भी कम्प्यूटर की इनपुट डिवाइस है। इसके ऊपर दो या तीन बटनें होती हैं और यह एक तार के द्वारा सीपीयू से जुड़ा रहता है। (आजकल बिना तार के माउस भी आ गए हैं।)
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माउस को एक चौकोर पैड पर रखा जाता है, इसे माउस पैड कहते हैं। जब आप माउस पैड पर माउस को घुमाएँगे तो एक तीर के निशान की तरह का संकेतक (प्वाइन्टर) मॉनीटर पर हिलता हुआ दिखाई देगा।

इसे आम बोलचाल की भाषा में माउस प्वाइन्टर कहा जाता है। माउस के द्वारा कम्प्यूटर को निर्देश देने का काम भी किया जाता है, इसीलिए यह भी एक इनपुट डिवाइस है।

की-बोर्ड, मॉनीटर, सीपीयू और माउस को जोड़कर सम्पूर्ण पीसी अर्थात् पर्सनल कम्प्यूटर बनता है। वर्तमान समय में माउस भी एक महत्त्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है। विंडोज (UPBoardSolutions.com) ऑपरेटिंग सिस्टम में इसके बिना काम करना बहुत ही मुश्किल है। तो यह तो थे आज के कम्प्यूटर के अनिवार्य भाग। आइए अब एक नजर कम्प्यूटर के सहायक उपकरणों पर डालें।

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प्रिंटर:
प्रिंटर कम्प्यूटर का एक प्रमुख उपकरण है। इसके द्वारा आप कम्प्यूटर में स्टोर सूचनाओं (डेटा) को कागज पर प्रिंट कर सकते हैं। इस समय कई तरह के प्रिंटर प्रयोग किए जा रहे हैं। इनमें डॉट मैट्रिक्स, इंकजेट और लेज़र प्रिंटर प्रमुख हैं। सामान्य प्रिंटर देखने में इस तरह से दिखाई देता है –
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चित्र में जो प्रिंटर दिखाई दे रहा है, वह डॉट मैट्रिक्स है। चूंकि प्रिंटर कम्प्यूटर में स्टोर सूचनाओं को कागज पर प्रिंट करता है, इसलिए इसे आउटपुट डिवाइस या आउटपुट उपकरण भी कहते हैं।

फ्लॉपी डिस्क:
फ्लॉपी डिस्क कम्प्यूटर में डेटा स्टोर करने का माध्यम है। कम्प्यूटर में स्टोर या उपलब्ध सूचनाओं को फ्लॉपी में भी कॉपी कर सकते हैं। इस समय सामान्य तौर पर जिस फ्लॉपी का प्रयोग किया जा रहा है, वह आकार में 3.5 इंच की होती है और यह वर्गाकार होती है। चित्र में आप इसे देख सकते हैं –
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आप फ्लॉपी में कम्प्यूटर का डेटा स्टोर कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर फ्लॉपी में स्टोर डेटा वापस कम्प्यूटर में ले जा सकते हैं। डेटा स्टोर करने की वजह से इसे स्टोरेज़ डिवाइस कहा जाता है।

सीडी अर्थात् कॉम्पैक्ट डिस्क:
सीडी का प्रयोग वर्तमान समय में प्रमुख स्टोरेज डिवाइस (UPBoardSolutions.com) के तौर पर किया जा रहा है। चित्र में आप इसे देख सकते हैं।
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सीडी का डेटा स्टोर करने की क्षमता फ्लापी से कई सौ गुना ज्यादा होती है। इसमें आप संगीत, फिल्म और फोटो जैसा डेटा भी स्टोर कर सकते हैं।

कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली

अभी आपने कम्प्यूटर के अनिवार्य और सहायक उपकरणों के बारे में जानकारी प्राप्त की। कम्प्यूटर के अनिवार्य अंग आपस में जुड़कर एक सम्पूर्ण पीसी अर्थात् पर्सनल कम्प्यूटर का निर्माण करते हैं। जबकि सहायक उपकरण प्रिंटिंग करने और डेटा स्टोर करने जैसे कार्यों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। आइए, अब आगे यह समझते हैं कि कम्प्यूटर काम कैसे करता है।

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कैसे काम करता है कम्प्यूटर?
कम्प्यूटर के तीन प्रमुख अंगों को इनपुट डिवाइस (की-बोर्ड), प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) और आउटपुट डिवाइस (मॉनीटर) के नाम से जाना जाता है। अर्थात् इनपुट (UPBoardSolutions.com) डिवाइस सूचनाओं को कम्प्यूटर के अन्दर भेजती है। प्रोसेसिंग यूनिट इन्हें प्रोसेस करती है जबकि आउटपुट यूनिट हमें परिणाम दर्शाती है। आइए इसे एक और उदाहरण के द्वारा समझें।
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यदि आप सन्तरे का रस (जूस) निकालना चाहते हैं तो आपको जूसर नामक उपकरण में सन्तरे डालने होंगे। इस क्रिया में सन्तरे जूसर में इनपुट हो रहे हैं।

इसके पश्चात यह जूसर-मिक्सर प्रोसेसिंग करके इनका रस निकालेगा। इसे आप ग्लास या किसी तरह के किसी दूसरे बर्तन में इकट्ठा करेंगे। यहाँ पर आउटपुट को हमने ग्लास में एकत्रित किया। अर्थात इस क्रिया में इनपुट, प्रोसेसिंग और आउटपुट जैसे तीनों कार्य सम्पन्न हुए। इस कार्य प्रणाली को आप नीचे बने रेखा चित्र से समझ सकते हैं –
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इसी तरह से जब आपको अपने घर के फ्रिज का प्रयोग करके बर्फ जमानी होती है तो आप ट्रे में पानी लेकर फ्रीज़र प्रोसेसिंग करके बर्फ जमा लेते हैं, जिसे हम ट्रे से निकालकर एक बड़ी ट्रे में स्टोर कर देते हैं। यहाँ पर भी इनपुट, प्रोसेसिंग और आउटपुट जैसे तीनों कार्य होते हैं।

इस तरह आप समझ गए होंगे कि मशीनों की कार्यप्रणाली किस तरह से इन तीन प्रक्रियाओं से संचालित होती हैं और ये तीन चरण हैं –

  • इनपुट
  • प्रोसेसिंग
  • आउटपुट

बच्चो, कम्प्यूटर इसी तरह से अपना कार्य करता है। कम्प्यूटर पर जब आप उसे किन्हीं दो संख्याओं को जोड़ने के लिए कहते हैं, उसमें सबसे पहले ये दो संख्याएँ की-बोर्ड के द्वारा टाइप करके इनपुट की जाती हैं। इनपुट होते ही ये सीपीयू में पहुँचती हैं।

सीपीयू में प्रोसेसिंग यूनिट के द्वारा गणना करने का कार्य पूरा होता है और इस प्रक्रिया में ये दोनों संख्याएँ आपस में जुड़ जाती हैं। इन्हें जोड़ने के लिए हम कम्प्यूटर को कुछ निर्देश देते हैं। इसी निर्देश के परिणामस्वरूप प्रोसेसिंग यूनिट अपना कार्य करती है।

निर्देश का पालन करते हुए प्रोसेसिंग यूनिट संख्याओं को आपस में जोड़कर उनका परिणाम आउटपुट यूनिट पर भेजती है और हमें मॉनीटर के स्क्रीन पर यह रिजल्ट दिखाई (UPBoardSolutions.com) देता है। जोड़ने की तरह ही दूसरे कार्य भी इन्हीं चरणों का पालन करते हुए सम्पन्न होते हैं। निम्न रेखा चित्र में आप इन तीनों चरणों को समझ सकते हैं –
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इनपुट उपकरण

अभी तक आप यह तो समझ ही गए हैं कि कम्प्यूटर में डेटा और निर्देशों को इनपुट किया जाता है। डेटा इनपुट करने के बाद निर्देश देकर उसे प्रोसेस करते हैं और परिणाम प्राप्त करते हैं। कम्प्यूटर डेटा और निर्देशों के बगैर कोई भी कार्य नहीं कर सकता है। जिन उपकरणों को इसके लिए प्रयोग किया जाता है, उन्हें इनपुट उपकरण कहते हैं। निम्न रेखाचित्र में आप इस प्रक्रिया को समझ सकते हैं –
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कम्प्यूटर में इनपुट करने के लिए वैसे तो आजकल कई उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। लेकिन सबसे ज्यादा की-बोर्ड और माउस को इसके लिए इस्तेमाल करते हैं। की-बोर्ड को प्राइमरी इनपुट डिवाइस भी कहा जाता है। इस अध्याय में आइए की-बोर्ड और माउस के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

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की-बोर्ड:
कम्प्यूटर का की-बोर्ड टाइपराइटर के की-बोर्ड जैसा होता है। इसके बटन टाइपराइटर के बटनों की अपेक्षा आसानी से दबते हैं। इससे कार्य करने में आसानी होती है। इसकी एक (UPBoardSolutions.com) खासियत यह है कि यदि एक बटन को लम्बे समय तक दबाए रखें तो अक्षर स्वयं को दोहराने लगता है।
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की-बोर्ड एक केबल (तार) के जरिए कंप्यूटर से जुड़ा होता है। इस तार के दूसरे सिरे पर लगा प्लग कम्प्यूटर के पीछे के बने एक सॉकेट में लग जाता है। यह केबल ही दोनों के बीच संपर्क का काम करता है।

की-बोर्ड की कीज़:
की-बोर्ड में कुछ अतिरिक्त कीज़ होती हैं, जो टाइपराइटर में नहीं होती हैं। जैसे – तीर (एरो कीज) तथा दूसरे संचालन करने वाली विशेष कीज़। आइए, इन्हें क्रम में समझें –

फंक्शन कीज़:
फंक्शन कीज़ का प्रयोग कम्प्यूटर को विशेष कमांड देने के लिए किया जाता है। वर्तमान समय में जो की-बोर्ड प्रयोग किए जाते हैं, उनमें इनकी संख्या बारह होती है। चित्र में आप इन्हें देख सकते हैं-
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बैकस्पेस की:
इस की का प्रयोग टाइप किए हुए अक्षरों को दाएँ से बाईं ओर मिटाने के लिए किया जाता है। की-बोर्ड में यह अपनी तरह की एक ही की होती है। चित्र में आप इसे देख सकते हैं-
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स्पेसबार की :
यह की-बोर्ड की सबसे लम्बी की होती है। इसका प्रयोग अक्षरों और शब्दों के बीच स्पेस देने के लिए किया जाता है। चित्र में आप इसे देख सकते हैं –
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एंटर या रिटर्न की :
इस की का प्रयोग सीपीयू में डेटा और कमांड्स को भेजने (UPBoardSolutions.com) के लिए किया कुछ की-बोर्ड में इस पर रिटर्न भी लिखा होता है। देखने में यह इस तरह से है
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कैप्स लॉक की:

इस की का प्रयोग की-बोर्ड में कैपिटल लेटर्स (बड़े अक्षर) को स्मॉल लेटर्स (छोटे अक्षर) में या फिर स्मॉल लेटर्स को कैपिटल लेटर्स में बदलने के लिए किया जाता है।
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एरो कीज़ :
इन कीज़ के द्वारा आप कर्सर को स्क्रीन पर चारों दिशाओं में ले जा सकते हैं। यह संख्या में चार होती हैं। चित्र में आप देख सकते हैं –
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कर्सर कंट्रोल कीज :
इन पर अलग-अलग दिशा के तीर के निशान बने होते हैं। कर्सर कंट्रोल की इन कीज़ को लेफ्ट, राइट, अप एंड डाउन कीज़ कहा जाता है। यह कीज़ कर्सर को ऊपर-नीचे, दाएँ, बाएँ ले जाने का काम करती हैं। कर्सर नियंत्रक चार दूसरी कीज़ होम, एंड, पेजअप, पेज डाउन हैं। इन पर (Home. End, PgUp, PgDn) लिखा होता है।

पेजअप का मतलब इस की को दबाकर पहले वाले पेज को स्क्रीन पर देखना और काम करना है। पेज डाउन से पेज के नीचले हिस्से को सामने लाकर वहाँ काम करना है। होम (UPBoardSolutions.com) कीज़ को दबाने से स्क्रीन पर लगे दस्तावेज की शुरुआत में पहुँचा या लाइन के शुरू में जाया जा सकता है। एंड वाली कीज़ को दबाने से लाइन के आखिर में जाया जा सकता है।

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न्यूमेरिक कीज़ :
ये की-बोर्ड के दायीं तरफ होती हैं। इनमें से कुछ के दोहरे काम होते हैं। जब नम लॉक ऑन होता है तो (मतलब ऊपर की हरी लाइट चालू होना) ये सभी नंबर की तरह काम करती हैं और लॉक बन्द या लाइट बन्द होने पर ये कीज कर्सर की तरह काम करती हैं। यह ० से लेकर ६ तक होती है –
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शिफ्ट कीज़ :
यदि किसी की पर दो संकेत या कैरक्टर हैं तो उसके ऊपर के अक्षर को टाइप करने के लिए शिफ्ट कीज़ को अक्षर कीज़ के साथ दबाना होता है।

एस्केप की :
इसे दबाने का मतलब, पहले दी कमांड या प्रविष्टि को रद्द करना है। देखने में यह Esed इस तरह से दिखाई देती है –
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पॉज या ब्रेक की :
यदि डॉस मोड में काम कर रहे हैं और किसी कमांड के प्रयोग से स्क्रीन पर एक के बाद एक लगातार मैटर आता जाए तो इस कीज़ को दबाने पर वह रुक जाएगा।
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टैब की:
यह ऐज में पैराग्राफ, टेक्स्ट, संख्या आदि पहले तय करने यानी कर्सर को एक लाइन के साथ नि-सेट जगह पर ले जाने वाली की है।

डिलीट को :
स्क्रीन पर जहाँ कर्सर है और उस शब्द को मिटाना है तो इसे दबाने से वह मिट जाएगा।
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टाइपिंग कीज़ :
ज्यादातर यह सफेद रंग की कीज़ होती है। इन पर अक्षर (A-Z) संख्या और विराम के संकेत होते हैं। यह टाइपराइटर के कीज़ जैसी होती है।।

माउस
यह बहुत छोटा उपकरण है, जिसे हाथ से मेज की सतह पर इधर-उधर सरकाया जाता है। इसमें दो-तीन बटन होते हैं, जिन्हें अंगुलियों से क्लिक किया जाता है अथवा दबाया जाता (UPBoardSolutions.com) यह एक इनपुट उपकरण है जो पीसी से एक केबल द्वारा जुड़ा हो है। इसके कई तार होते हैं। केबल के दूसरे सिरे पर लगा प्लग पीसी पीछे लगे सीरियल पोर्ट वाले सॉकेट में लगा दिया जाता है।
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माउस को मेज की सतह पर जब इधर-उधर सरकाया जाता है मॉनीटर के पटल पर एक तीर की आकृति का चिह्न इधर-उधर चल दिखाई पड़ता है। इस तीर के निशान को माउस का प्वाइंट कहते हैं।

माउस बहुपयोगी है। इससे अनेक कार्य सम्पन्न किए जा सकते। विशेष रूप से ग्राफिक्स के लिए तो इसका बहुत अधिक उपयोग है। जब आपका मन ग्राफिक्स के प्रोग्राम में रेखा खींचने का हो तो यह माउस प्वाइन्टर तीर की बजाए एक पेंसिल की शक्ल अख्तियार कर लेता है। यदि किसी रेखा या चित्र को मिटाना चाहें तो रबड़ और यदि रंग भरने का विचार रखेंगे तो रंग के डिब्बे की आकृति ग्रहण कर लेगा।

वैसे सामान्य स्थिति में यह अपने पूर्ववत रूप में यानी प्वाइन्टर रूप में चला आएगा। माउस के नीचे एक छोटी गेंद लगी होती है, जिससे माउस को सतह पर इधर-उधर सरकाने में आसानी होती है। इसे एक पैड पर घुमाते हैं, जिसे माउस पैड के नाम से जाना जाता है। आजकल ऐसे माउस भी (UPBoardSolutions.com) चलन में हैं, जिनमें प्रकाश परावर्तन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इन्हें ऑप्टिकल माउस कहते हैं। इसके अलावा बिना तार वाले वायरलेस माउस भी अब खूब इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

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माउस से जुड़ी शब्दावली:
जब आप माउस से कम्प्यूटर पर कार्य करेंगे तो कई शब्द आपको इस तरह के पता चलेंगे, जिन्हें आप अभी तक जानते ही नहीं हैं। माउस को सरलता से प्रयोग किया जा सके, इसलिए पहले इन शब्दों के अर्थ जानते हैं

क्लिक करना:
जब माउस के प्वाइन्टर अर्थात संकेतक को मॉनीटर की स्क्रीन पर किसी आइकन (चित्र) पर ले जाकर उसकी बाईं बटन को दबाते हैं तो यह क्रिया क्लिक करना कहलाती है। क्लिक करने से आप मॉनीटर के ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट कर सकते हैं।

डबल क्लिक करना :
जब आप किसी ऑब्जेट पर एक बार क्लिक करके उसे सिलेक्ट करते हैं तो वह केवल सिलेक्ट होता है। उस ऑब्जेक्ट या उससे जुड़े प्रोग्राम को खोलने के लिए ऑब्जेक्ट पर तेजी से दो बार लगातार क्लिक करते हैं तो इससे प्रोग्राम क्रियान्वित हो जाता है। यह क्रिया डबल क्लिकिंग कहलाती है।

ड्रैग एंड ड्रॉप करना :
मॉनीटर की स्क्रीन पर दिखाई दे रहे ऑब्जेक्ट पर माउस प्वांइटर ले जाकर जब एक बार क्लिक करके उसे सिलेक्ट करते हैं तथा आप इस बाएँ बटन को यदि दबाए रखें और माउस को पैड पर घुमाएँ तो ऑब्जेक्ट भी स्क्रीन पर स्थान बदलेगा। इस क्रिया को ड्रैग करना कहते हैं।

ड्रैग करके ऑब्जेक्ट को नए स्थान पर लाकर छोड़ना (अर्थात् नए स्थान पर आने के बाद बाएँ बटन को छोड़ देना) ड्राप करना कहलाता है।

प्रोसेसिंग उपकरण

जैसा कि आप अभी तक यह जान गए होंगे कि सभी कम्प्यूटर तीन अनिवार्य भागों में विभाजित होते है। ये भाग हैं – इनपूट यूनिट, प्रोसेसिंग यूनिट और आउटपुट यूनिट। पिछले अध्याय में आपने इनपुट यूनिट के बारे में पढ़ा। इस अध्याय में आप प्रोसेसिंग यूनिट के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट:
कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग यूनिट को सीपीयू अर्थात सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कहते हैं। इसमें कम्प्यूटर के बहुत ही जरूरी उपकरण होते हैं जो प्रोसेसिंग का कार्य सम्पन्न करते हैं। सभी तरह की गणनाएँ यहीं पूरी होती हैं, इसलिए इसे कम्प्यूटर का दिमाग भी कहते हैं।
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आजकल जिस तरह के सीपीयू का सर्वाधिक प्रयोग किया जा रहा है, उसे चित्र में दर्शाया गया है।
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट तीन मुख्य भागों में विभाजित होती हैं-

  • अर्थमेटिक एंड लॉजिक यूनिट
  • मेमोरी यूनिट क
  • कंट्रोल यूनिट

ये तीनों भाग मिलकर सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण करते हैं।
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अर्थमेटिक एंड लॉजिक यूनिट:
सीपीयू के इस भाग में ही सभी तरह की गणनाओं के कार्य सम्पन्न होते हैं। इसके अलावा कम्प्यूटर तार्किक कार्य भी इसी के द्वारा पूरा करता है। इस तरह के कार्यों में एक (UPBoardSolutions.com) कम्प्यूटर की तुलना दूसरे से कर सकते है।

उदाहरण के लिए यदि यह पता लगाना है कि १० और ४० में छोटा कौन है तो यह तुलना करने वाला काम भी अर्थमेटिक एंड लॉजिक यूनिट ही करेगा।

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मेसोरी यूनिट:
कम्प्यूटर की मेमोरी यूनिट डेटा को स्टोर करती है। इसके अलावा कम्प्यूटर को दिए जाने वाले निर्देश भी इसी में जमा रहते हैं। प्रोसेसिंग के पहले और बाद दोनों स्थितियों में डेटा और परिणाम मेमोरी यूनिट में ही रहते हैं।

कंट्रोल यूनिट:
कम्प्यूटर की यह यूनिट इसके सभी भागों पर नियन्त्रण बनाए रखती है। इसके द्वारा इनपुट डिवाइस, आउटपुट डिवाइस और अर्थमेटिक एंड लॉजिक यूनिट से प्रोसेसिंग के पश्चात परिणाम प्राप्त करने की प्रक्रिया भी नियंत्रित होती है अर्थात् कम्प्यूटर का पूरा कंट्रोल यहीं से होता है।

आउटपुट उपकरण

जैसा कि आप अभी तक यह जान गए होंगे कि सभी कम्प्यूटर तीन अनिवार्य भागों में विभाजित होते हैं। ये भाग हैं – इनपुट यूनिट, प्रोसेसिंग यूनिट और आउटपूट यूनिट। पिछले अध्याय में आपने सीपीयू के बारे में पढ़ा। इस अध्याय में आप आउटपुट यूनिट के बारे में पढ़ेंगे।

प्राइमरी तौर पर मॉनीटर मुख्य आउटपुट डिवाइस है और प्रिंटर सहायक आउटपुट डिवाइस की श्रेणी में आता है।

मॉनीटर:
मॉनीटर देखने में टेलीविज़न की तरह ही होता है। इनपुट होते समय सूचना और निर्देश तथा प्रोसेसिंग के बाद सभी परिणाम इस पर ही दिखाई देते हैं।
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हमारे देश में दो तरह के मॉनीटर प्रयोग किए जा रहे हैं। मॉनीटरों का यह वर्गीकरण रंगों के आधार पर है और ये हैं –

  • मोनोक्रोम मॉनीटर
  • कलर मॉनीटर

मोनोक्रोम मॉनीटर :
इस श्रेणी में आने वाले सभी मॉनीटर केवल एक रंग में ही सूचनाओं को दर्शाते हैं, इसीलिए इनके संदर्भ में मोनो शब्द का प्रयोग किया जाता है। अब इनका चलन लगातार कम होता जा रहा है।

कलर मॉनीटर:
इस श्रेणी में आने वाले मॉनीटर सभी रंगों में सूचनाओं को दर्शाते हैं, इसीलिए इनके संदर्भ में कलर शब्द का प्रयोग किया जाता है। हमारे देश में कीमतें कम होने से इनका चलन लगातार बढ़ रहा है।

प्रिंटर:
प्रिंटर कम्प्यूटर का एक प्रमुख सहायक उपकरण है। इसके द्वारा आप कम्प्यूटर में स्टोर सूचनाओं (डेटा) को कागज पर प्रिंट कर सकते हैं। इस समय कई तरह के प्रिंटर प्रयोग किए जा रहे हैं। इनमें प्रमुख है

  • डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर
  • इंकजेट प्रिंटर
  • लेज़र प्रिंटर

निम्न चित्रों में आप इन तीनों तरह के प्रिंटर देख सकते हैं –
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लेज़र प्रिंटर डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर :
इस तकनीक से काम करने वाले सभी प्रिंटर पिनों की सहायता से प्रिंटिंग करते हैं। ये पिनें एक रिबन पर दबाव बनाती हैं, जिससे कागज पर अक्षर छप जाता है। ये बहुत ही (UPBoardSolutions.com) साधारण क्वालिटी की प्रिंटिंग करते हैं। इन्हें बैंकों और इसी तरह के बड़े-बड़े संस्थानों में बहुत बड़ी मात्रा में डेटा प्रिंट करने के लिए प्रयोग करते हैं। इनकी छपाई की लागत भी बहुत कम होती है।

इंक जेट प्रिंटर:
इस तकनीक से काम करने वाले सभी प्रिंटर एक जेट से फुहार छोड़कर प्रिंटिंग करते हैं। यह भी कीमत में सस्ते होते हैं और ये काली तथा रंगीन दोनों तरह की प्रिंटिंग करने की क्षमता रखते हैं। इनके द्वारा आप फोटो क्वालिटी की प्रिंटिंग भी कर सकते हैं। लेकिन इनके द्वारा होने वाली छपाई बहुत महँगी होती है और ये धीमी गति से कार्य करते हैं।

लेज़र प्रिंटर :
इस तकनीक से काम करने वाले सभी प्रिंटर लेज़र किरण की सहायता से प्रिंटिंग करते हैं। इसमें लेज़र किरण टोनर नामक पाउडर जैसी स्याही को पिघलाकर कागज पर अक्षरों को प्रिंट करती है। ये कीमत में बहुत महँगे होते हैं और इनके द्वारा तीव्र गति से बेहतरीन प्रिंटिंग की जा सकती है।

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कम्प्यूटर ऑन/ऑफ करना
अभी तक आप कम्प्यूटर के प्रमुख भागों और सहायक उपकरणों के साथ-साथ उसकी कार्य-प्रणाली के बारे में जान गए होंगे। आइए अब यह सीखते हैं कि कम्प्यूटर पर काम की शुरुआत कैसे करते हैं।

कम्प्यूटर ऑन करना:

  • सबसे पहले अपनी कम्प्यूटर किताब लें।
  • कम्प्यूटर प्रयोगशाला में हमेशा टीचर के साथ जाएँ।।
  • मुख्य पॉवर स्विच को ऑन करें।
  • सीवीटी या यूपीएस को ऑन करने के बाद कम्प्यूटर को ऑन करें।
  • यदि मॉनीटर सीपीयू के विद्युत् प्रवाह से नहीं जुड़ा है तो मॉनीटर का स्विच ऑन करें।
  • इसके पश्चात् सीपीयू का स्विच ऑन करें।
  • विंडोज़ डेस्कटॉप आने का इंतजार करें।

विंडोज़ के डेस्कटॉप में आपको जो छोटे-छोटे चित्र दिखाई देते हैं, उन्हें आइकन कहते हैं। इसमें सबसे नीचे टास्क बार होता है। टास्कबार के बाएँ कोने पर स्टार्ट बटन होती है, जिस पर क्लिक करके आप अपने काम की शुरुआत कर सकते हैं।

आपको विंडोज़ के डेस्कटॉप पर माउस प्वाइन्टर भी दिखाई देगा। जब आप माउस को पैड पर घुमाएँगे तो यह भी घूमेगा।

यदि आप विंडोज़ में कोई काम करना चाहते हैं तो आपको वह प्रोग्राम शुरू करना होगा। इस कक्षा में आप पेंट जैसे प्रोग्रामों में काम कर सकते हैं। इसमें आप तरह-तरह की पिक्चर बना सकते हैं। इस सम्बन्ध में आप अपने अध्यापक से कहें।

कम्प्यूटर ऑफ करना:

काम समाप्त होने के पश्चात् कम्प्यूटर को निम्न क्रम में बन्द करें –

  • सबसे पहले विंडोज़ के स्टार्ट बटन पर क्लिक करें। आपके सामने यह इस तरह से खुलकर आ जायेगा-
  • इसमें दिए शटडाउन या टर्न ऑफ विकल्प पर क्लिक करें। आपके सामने यह विकल्प बॉक्स आ जाएगा
  • इसमें शटडाउन या टर्न ऑफ विकल्प पर क्लिक करके ओके बटन पर क्लिक करें। आपके सामने यह संदेश आएगा

It’s now safe to turn off your computer

  • इस संदेश को पढ़ने के बाद सीपीयू का स्विच बन्द करें।
  • मॉनीटर का स्विच बन्द करें।
  • सीवीटी या यूपीएस को बन्द करें।
    • मुख्य विद्युत् आपूर्ति स्विच बन्द करें।

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UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput

UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput.

Gulliver in Lilliput

TRANSLATION OF THE LESSON (पाठ का हिन्दी अनुवाद)

Once, there……………………………with them.
हिन्दी अनुवाद – एक नाविक था जिसका नाम गुलीवर था। वह अपने साथियों के थ एक लम्बी समुद्री यात्रा पर निकला। एक दिन समुद्र में भयानक तूफान आया।

उसका जहाज डूब गया परन्तु गुलीवर तैरकर पास ही एक द्वीप पर पहुँच गया। वह लिलिपुट द्वीप था। जब वह वहाँ पहुँचा, वह बहुत थक गया था। जल्दी ही वह गहरी नींद में सो गया। (UPBoardSolutions.com) जब वह सोया हुआ था, तब सैकड़ों छोटे-छोटे लोग वहाँ आए और उन्होंने उसे रस्सियों से बाँध दिया। जब वह उठा तब इतने छोटे-छोटे लोगों को देखकर आश्चर्यचकित हुआ। जल्दी ही वह उनका मित्र बन गया।

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They untied………………………………..’Good Bye’.
हिन्दी अनुवाद – उन्होंने रस्सियाँ खोल दी और उसे भोजन दिया। उनकी रोटियाँ इतनी छोटी थीं कि वह एक साथ दस रोटियाँ खो गया। दोपहर के भोजन में उसने हज़ार रोटियाँ, सौ फूलगोमियाँ और सौ भेड़ें खाईं।

छोटे लोग उसे अपने राजा और रानी के पास ले गए। राजा का हाथ इतना छोटा था कि गुलीवर ने हाथ मिलाने के लिए अपनी केवल एक उँगली का प्रयोग किया। प्रत्येक वस्तु वहाँ इतनी छोटी थी कि वह लिलिपुट के ओटे-छोटे लोगों के बीच एक विशाल राक्षस की भाँति प्रतीत होता था। वे छोटे लोग बहुत दयालु और सहायक थे। उन्होंने उसके लिए एक नांव बनाई। गुलीवर के घर जाने का समय आ गया।

वह अपने प्रिय मित्रों से दूर जाने से बहुत उदास था। वह अपनी नाव में बैठा और यात्रा पर निकल पड़ा और छोटे-छोटे लोगों ने हाथ हिलाकर उसे ‘अलविदा’ कहा।

EXERCISE (अभ्यास)

Comprehension Questions

Question 1.
Answer the following questions :
Answer:
Question a.
What was the name of the sailor?
Answer:
The sailor’s name was Gulliver.

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Question b.
Name the island Gulliver reached after the storm.
Answer:
Lilliput.

Question c.
What were the people of Lilliput like?
Answer:
The people of Lilliput were very tiny but they proved out to be very kind and helpful.

Question d.
What did Gulliver eat for lunch?
Answer:
Gulliver ate a thousand loaves of bread, a hundred cauliflowers and a hundred sheep for lunch.

Question e.
According to you, what was the funniest thing about the people of Lilliput?
Answer:
The Lilliputians were so tiny as compared to the giant-sized Gulliver, yet they thought that their thread-like ropes could hold Gulliver for long. If was the funniest thing about them.

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Question 2.
Correct the following sentences and rewrite them :
Answer:
Question a.
Gulliver was a pilot.
Answer:
Gulliver was a sailor.

Question b.
Gulliver tied the tiny people.
Answer:
The tiny people tied Gulliver.

Question c.
The tiny people were not helpful.
Answer:
The tiny people were helpful.

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Question d.
The king made a boat for Gulliver.
Answer:
The tiny people made a boat for Gulliver.

Word Power

Question 1.
Words having the same pronunciation but different meanings are called homophones. Use the following homophones in sentences of your own to bring out the difference in meaning :
Answer:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput img-1
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput img-2

Language Practice

Question 1.
Frame questions for the statements using what, when, why and where. One is done for you:
Answer:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput img-3

Question 2.
Read the following passage and answer the given questions :
There was a parrot named Mitthu. Mitthu loved to eat green chillies. It loved to fly. It had beautiful green feathers and a red beak.

Question 1.
What was the name of the parrot?
Answer:
Its name was Mitthu.

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Question 2.
What did it love to eat?
Answer:
It loved to eat green chillies.

Question 3.
What was the colour of its beak?
Answer:
Red colour.

Activity

“Making a Cup of Tea”

Complete the composition with the help of the words given in the box:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput img-4
Pour water in a kettle. Place the kettle on the stove. When the water boils, add tea-leaves to it. Now add milk and let it boil. Add sugar and boil for few more minutes. Now the tea is ready to serve. Take a strainer and pour the tea into the cup. Now enjoy the sip.

You get one extra zero toward the left to make it as fifteen thousandths. … .0001=ten thousandths place … it should be read as fifteen thousandth.

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UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 6 Celebrating Independence Day

UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 6 Celebrating Independence Day

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Celebrating Independence Day

TRANSLATION OF THE LESSON (पाठ का हिन्दी अनुवाद)

Tomorrow, it is………………………………… National Anthem.
हिन्दी अनुवाद – (कल हमारे देश का स्वतंत्रता दिवस है। रितेश एक राष्ट्रीय ध्वज बना रहा है। उसके कमरे में उसकी छोटी बहन शुभी आती है।)
शुभी : भईया, आप किसी काम मे व्यस्त हैं (UPBoardSolutions.com)
रितेश : कल 15 अगस्त, हमारा स्वतंत्रता दिवस है और मैं एक राष्ट्रीय ध्वज बना रहा हूँ।
शुभी : क्या मैं इसे बनाने में आपकी मदद करूँ?
रितेश : ओह, हाँ, क्यों नहीं! आ जाओ। हम इसे मिलकर बनाएंगे। क्या तुम जानती हो शुभी कि झंडे में तीन रंगों का क्या महत्त्व है?
शुभी : मैं नहीं जानती भईया। क्या आप मुझे बता सकते हैं?
रितेश : नारंगी बलिदान दर्शाता है, सफेद शांति और हरा खुशहाली दर्शाता है।
शुभी : सफेद पट्टी में एक नीला चक्र है। यह क्या दर्शाता है?
रितेश : सफेद पट्टी के मध्य में यह अशोक चक्र है जिसकी 24 तीलियाँ हैं। यह दिन के 24 मूल्यवान घंटों को दर्शाते हैं।
शुभी’ : आप इस झंडे का कल क्या करेंगे ?
रितेश : हमारे स्कूल में एक परेड होगी। राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और हम राष्ट्रगान गाएँगे।

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Shubhi………………………………..serve our country.
हिन्दी अनुवाद –
शुभी : इस दिन और क्या किया जाएगा?
रितेश : इस दिन हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बहादुरी के कार्यों को सलाम करते हैं। गाँधीजी, सरदार पटेल, . सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और बहुत से सेनानियों ने कई वर्षों तक लड़ाई लड़ी ताकि भारत एक स्वतंत्र देश बन सके।
शुभी : रितेश, क्या आप किसी कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं?
रितेश : हाँ, मैं एक भाषण दूंगा। (UPBoardSolutions.com)
शुभी : आप अपने भाषण में क्या कहेंगे?
रितेश : मैंने न सिर्फ स्वतंत्रता दिवस के बारे में लिखा है बल्कि हमारे अपने देश को लेकर अपने कर्तव्य के बारे में भी लिखा है।
शुभी : हमारे देश को लेकर क्या कर्तव्य है?
रितेश : समाज के लिए अच्छा करना।
शुभी : हम ऐसा कैसे कर सकते हैं?
रितेश : दूसरों की मदद करके, सफाई बनाए रख कर, पेड़ लगाकर, बड़ों का सम्मान करके, आदि।
शुभी : इसका मतलब हर एक को अपने आसपास को बेहतर बनाने के लिए कुछ न कुछ करना ही चाहिए। रितेश : हाँ शुभी, यदि हम सभी थोड़ा-थोड़ा योगदान दें, (UPBoardSolutions.com) हमारे देश को मदद मिलेगी।
शुभी : मईया, कल मैं अपने पुराने खिलौने और कपड़े गरीब बच्चों को देंगी।
रितेश : बहुत अच्छा शुभी, यह भी एक तरीका है अपने देश की सेवा करने का।

EXERCISE (अभ्यास)

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Comprehension Questions

Question 1.
Answer the following questions :
Answer:
Question a.
Why was Ritesh making the National Flag?
Answer:
Ritesh was making his own National Flag to carry it in the parade of the Independence Day.

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Question b.
What do the three colours in the flag stand for?
Answer:
Saffron stands for sacrifice, white for peace and green for prosperity.

Question c.
What is the significance of the Ashoka Chakra in our national flag?
Answer:
The 24 spokes of the Ashoka Chakra represent the precious 24 hours of the day.

Question d.
How can we do good for the society?
Answer:
We can do good for the society by (UPBoardSolutions.com) helping others, maintaining cleanliness, planting trees and respecting elders.

Question e.
Whom did Shubhi want to give her old toys and clothes to, and why?
Answer:
Shubhi wants to give her old toys and clothes to the poor children because it is one of the ways to serve our country.

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Word Power

Question 1.
Fill in the blanks from the words given in the box :
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 6 Celebrating Independence Day img-1
Answer:
a. Each member of the society should work for the prosperity of the country.
b. Tlove my country.
c. We got freedom from the British Rule on 15 August 1947.
d. We should be ready to sacrifice our lives for our country.

Language Practice

Let’s learn:
Do it yourself.

Question 1.
Change the words given in the brackets into the plural and fill in the blanks:
Answer:
a. Boil the potoes.                                 (potato)
b. Mango leaves are green.                  (leaf)
c. My mother is fond of watches.      (watch)
d. The table is four feet long.               (foot)

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Activity
Do it yourself.

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