UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 4 वैदिक काल

UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 4 वैदिक काल (1500 ई०पू० से 600 ई०पू०)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 History. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 4 वैदिक काल (1500 ई०पू० से 600 ई०पू०)

अभ्यास

प्रश्न 1.
आर्यों के बारे में आप क्या जानते हैं ? लिखिए।
उत्तर :
आर्य का अर्थ होता है- श्रेष्ठ। प्रारंभ में आर्य इधर-उधर घूमते रहते थे। वे कबीलों में रहते थे। वे गाय, घोड़ा, बैल आदि पालते थे। चारा, पानी तथा उपजाऊ भूमि की तलाश में वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते थे। जहाँ चारा तथा उपजाऊ भूमि मिलती थी, वहीं बस जाते थे। इस प्रकार (UPBoardSolutions.com) आर्य समूह में आए और नए-नए स्थानों पर बसते गए। लगभग 1200 ई०पू० से. 1000 ई०पू० तक आर्य: सिंधु, सतलज, व्यास और सरस्वती नदी के किनारे बस गए।

UP Board Solutions 

प्रश्न 2.
वैदिक सभ्यता को आर्य सभ्यता क्यों कहते हैं ?
उत्तर :
वैदिक सभ्यता के निर्माता, आर्य ही थे, इसलिए वैदिक सभ्यता को आर्य सभ्यता कहा जाता है।

प्रश्न 3.
खेती का विकास हो जाने के बाद आयों के जीवन में क्या परिवर्तन हुआ ?
उत्तर :
खेती का विकास हो जाने के बाद आर्यों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। अब आर्य जौ के साथ गेहूँ, धान, दाल आदि उगाने लगे और कृषि उनका मुख्य व्यवसाय बन गया।

प्रश्न 4.
आयों की सामाजिक व्यवस्था कैसी थी ?
उत्तर :
आर्यों की सामाजिक व्यवस्था में समाज का आधार परिवार था। परिवार का वरिष्ठ सदस्य इसका मुखिया होता था, जिसको कुलप या गृहपति कह जाता था। आरंभ में आर्य तीन वर्षों में विभाजित थे। राजा, पुरोहित तथा अन्य जन। यह विभाजन उनके व्यवसाय पर आधारित था। धीरे-धीरे यज्ञ करवाने वाला ब्राह्मण, युद्ध करनेवाला क्षत्रिय, व्यापार करनेवाला वैश्य कहलाने लगा। साथ ही चौथा वर्ण शूद्र भी आया जो युद्ध (UPBoardSolutions.com) में हारे हुए लोग थे। यह व्यवस्था धीरे-धीरे कठोर होती गई। कार्य का स्वरूप वंशानुगत होता गया। महिलाओं को समाज में उच्च स्थान प्राप्त था, वे पुरूषों के समान ही शिक्षा प्राप्त करती थीं। आर्यों का घर घास-फूस तथा मिट्टी के बने होते थे। आर्य दूध एवं उससे बने पदार्थ का प्रयोग करते थे। अनाज में वे जौ, गेहूँ, चावल का प्रयोग करते थे।

UP Board Solutions

प्रश्न 5.
वैदिक कालीन शिक्षा व्यवस्था का वर्णन कीजिए ?
उत्तर :
विद्यार्थी गुरूकुल में रहकर शिक्षा प्राप्त करते थे। वेदों के साथ गणित, ज्यामिती, ज्योतिष, भूगोल, सैन्य विज्ञान तथा शिल्प आदि की शिक्षा दी जाती थी।

प्रश्न 6.
संक्षिप्त उत्तर लिखिए –

(क) आश्रम व्यवस्था
(ख) सभा एवं समिति
(ग) आर्यावर्त
(घ) राजा के कर्तव्य

उत्तर :

(क) आश्रम व्यवस्था – प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को व्यवस्थित करने के लिए आर्यों ने जीवन को चार अवस्थाओं में बाँट दिया था – ब्रह्मचर्य,गृहस्थ,वानप्रस्थ,संन्यास
(ख) सभा एवं समिति – राजा पर नियंत्रण रखने के लिए सभा और समिति नामक संस्थाएं थीं। जिसमें 70-80 लोग मिलकर समस्याओं को सुलझाते थे।
(ग) आर्यावर्त – हिमालय से विन्ध्याचल पर्वत तक का क्षेत्र आर्यावर्त कहलाता है।
(घ) राजा के कर्तव्य – राजा का प्रमुख कार्य लोगों की रक्षा करना तथा युद्ध में सेना का नेतृत्व करना था।

प्रश्न 7.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –

(क) प्रसिद्ध गायत्री मंत्र ऋग्वेद में है।
(ख) सप्तस्वर स, रे, ग, म का उल्लेख सामवेद में मिलता है।
(ग) आर्यों की भाषा संस्कृत थी।
(घ) महाभारत की रचना महर्षि वेदव्यास ने की है।

UP Board Solutions

प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्यों में सही (✓) और गलत (✗) का निशान लगाइए।

(क) ब्रह्मचर्य आश्रम में बालक शिक्षा ग्रहण करता था। (✓)
(ख) लोहे की खोज उत्तर वैदिक काल में हुई। (✓)
(ग) अथर्ववेद सबसे प्राचीन वेद है। (✗)
(घ) आर्यों की भाषा वैदिक संस्कृत थी। (✓)

प्रोजेक्ट वर्क –

  • आधुनिक समय के विद्यालय तथा वैदिक कालीन विद्यालय (गुरूकुल) में क्या समानताएँ तथा असमानताएँ हैं? शिक्षक की सहायता से सूची बनाइए।
  • निम्नलिखित वस्तुओं से दैनिक उपयोग की क्या-क्या समान बनाए जाते हैं।

UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 4 वैदिक काल 1

We hope the UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 4 वैदिक काल (1500 ई०पू० से 600 ई०पू०) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 4 वैदिक काल (1500 ई०पू० से 600 ई०पू०), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 आल्हा-ऊदल (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 आल्हा-ऊदल (महान व्यक्तिव)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 आल्हा-ऊदल (महान व्यक्तिव)

पाठ का सारांश

आल्हा और ऊदल सगे भाई थे। इनके पिता का नाम देशराज सिंह एवं माता का नाम देवल था। देशराज के एक और सगे भाई वत्सराज थे। माड़वगढ़ की लड़ाई में माड़वगढ़ के राजा कलिंगराय ने धोखे से रात्रि में दोनों भाइयों देशराज और वत्सराज को बंदी बना लिया और दोनों की नृशंस हत्या कर दी। उस समय आल्हा और ऊदले दोनों बहुत (UPBoardSolutions.com) छोटे थे। पिता की युद्ध में मृत्यु के बाद आल्हा और ऊदल का पालन-पोषण महोबा के चंदेल शासक परमाल के महल में उनकी रानी मल्हना द्वारा किया गया। किशोरावस्था में आते-आते दोनों भाई बरछी, बाण, कृपाल एवं घुड़सवारी की कला में दक्ष हो गए।

एक दिन अचानक ऊदल को अपने पिता की मृत्यु के बारे में पता चला कि उनकी हत्या की गई थी। आक्रोशित ऊदल ने माता देवल से सच्चाई जाननी चाही। माता ने अपने पुत्रों को युद्ध से बचाने के लिए पिता की बीमारी से मृत्यु होने की बात बताई थी। ऊदल के बार-बार पूछने पर विवश होकर माता ने पिता की हत्या का सारा वृतांत सुनाया। अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए ऊदल ने अपने बड़े भाई आल्ही के साथ महोबा की सेना लेकर माड़वगढ़ पर चढ़ाई कर दी। दोनों भाइयों ने युद्ध में पिता के हत्यारे और माड़वगढ़ के राजा । कलिंगराय को पराजित कर दिया। कलिंगराय द्वारा क्षमा माँगने पर दोनों भाइयों ने उसे जिंदा छोड़ दिया लेकिन अपनी अधीनता स्वीकार कराई।

दोनो भाइयों की वीरता पर लिखी गई पुस्तक आल्हखण्ड में इन दोनों वीर भाइयों की 52 लड़ाइयों की गाथा वर्णित है। दोनों भाई एक से बढ़कर एक बहादुर थे। आल्हा धीर-वीर एवं ओजस्वी थे। ऊदल उग्र एवं दृढ़ निश्चयी वीर योद्धा थे। पृथ्वीराज चौहान द्वारा महोबा पर आक्रमण के समय हुए भयानक एवं विध्वंसकारी युद्ध में ऊदल वीरगति को प्राप्त हो गए। (UPBoardSolutions.com) अब आल्हा का मन निराशा से भर गया। युद्ध के बाद आल्हा का हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने आदि शक्ति की भक्ति में स्वयं को समर्पित कर दिया।

UP Board Solutions

अभ्यास

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

प्रश्न 1.
आल्हा-ऊदल के पिता देशराज की हत्या किसने की?
उत्तर :
आल्हा-ऊदल के पिता देशराज की हत्या माड़वगढ़ के राजा कलिंगराय ने की।

प्रश्न 2.
ऊदल और अभय सिंह में द्वंद्व युद्ध क्यों हुआ?
उत्तर :
ऊदल द्वारा राजा माहिल के राज्य की सीमा के भीतर घुसकर हिरण का शिकार करने के कारण राजा माहिल के पुत्र अभय सिंह के साथ ऊदल का द्वंद्व युद्ध हुआ।

प्रश्न 3.
ऊदले को कैसे पता चला कि उनके पिता की हत्या हुई है?
उत्तर :
राजा माहिल के पुत्र अभय सिंह के द्वंद्व युद्ध में ऊदल द्वारा पराजित होने के बाद राजा माहिल आग बबूला हो गए। उन्होंने ऊदल के संरक्षक महोबा के शासक परमाल से ऊदल की धृष्ठता की शिकायत (UPBoardSolutions.com) करते हुए व्यंग किया कि यदि ऊदल इतना बड़ा योद्धा है तो अपने पिता के हत्यारे से बदला क्यों नहीं लेता? तब ऊदल को पता चला कि उसके पिता की हत्या हुई थी।

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
माड़वगढ़ की लड़ाई का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर :
माड़वगढ़ की लड़ाई में आल्हा और ऊदल ने माड़गढ़ के राजा कलिंगराय को पराजित कर अपनी अधीनता स्वीकार कराई।

प्रश्न 5.
हृदय परिवर्तन के बाद आल्हा ने क्या किया?
उत्तर :
हृदय परिवर्तन के बाद आल्हा ने आदि शक्ति की भक्ति में स्वयं को समर्पित कर दिया।

प्रश्न 6.
आल्हा ऊदल की वीरता को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
आल्हा और ऊदल दोनों भाई एक से बढ़कर एक बहादुर थे। आल्हा धीर-वीर एवं ओजस्वी थे। ऊदल उग्र एवं दृढ़ निश्चयी वीर योद्धा थे। ‘आल्हखंड’ में इन दोनों वीर भाइयों की 52 लड़ाइयों की गाथा वर्णित है। दोनों ही बहादुर और वीर योद्धा थे।

UP Board Solutions

We hope the UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 आल्हा-ऊदल (महान व्यक्तिव) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 आल्हा-ऊदल (महान व्यक्तिव), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 24 महाराजा रणजीत सिंह (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 24 महाराजा रणजीत सिंह (महान व्यक्तिव)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 24 महाराजा रणजीत सिंह (महान व्यक्तिव)

पाठ का सारांश

पंजाब के लोक जीवन में प्रचलित लोक कथाओं से महाराजा रणजीत सिंह की उदारता, न्यायप्रियता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान प्रदर्शित होता है।

राणजीत सिंह का जन्म सुकरचक्या जागीरदार महासिंह के घर हुआ। पिता की मृत्यु के बाद सन 1797 ई० में रणजीत सिंह ने जागीर का भार सँभाल लिया। सन 1801 ई० में बैशाखी के दिन लाहौर में ये एक स्वतंत्र भारतीय शासक के रूप में प्रतिष्ठित हुए। सन 1839 ई० तक राज्य की सीमाओं को बढ़ाया और उसे शक्तिशाली बनाया। ये महाराजा की उपाधि से विभूषित हुए। कालान्तर , में, शेर-ए-पंजाब के नाम से विख्यात हुए।

महाराजा रणजीत सिंह अनोखे शासक थे। इन्होंने खालसा पंथ के नाम से शासन चलाया। इन्होंने अँग्रेजों की तरह सुशिक्षित सेना रखी और पंजाब को एक शक्तिशाली राज्य के रूप में परिवर्तित कर दिया। (UPBoardSolutions.com) इन्होंने विरोधियों के प्रति भी उदारता और दया का दृष्टिकोण रखा। इस भावना के कारण इन्हें लाखबख्श कहा जाता है।

27 जून, 1839 ई० में इनका देहावसान हो गया। दुर्भाग्यवश, इन्हें कोई योग्य उत्तराधिकारी नहीं मिला।

UP Board Solutions

अभ्यास

प्रश्न 1.
महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिरों और मस्जिदों के उत्थान के लिए क्या उल्लेखनीय कार्य किया?
उत्तर :
महाराजा राणजीत सिंह ने मन्दिरों को सोना आदि दान में दिए और अनेक मसजिदों की मरम्मत कराई।

प्रश्न 2.
विभिन्न धर्मों के प्रति महाराजा रणजीत सिंह के क्या विचार थे?
उत्तर :
विभिन्न धर्मों के प्रति महाराजा रणजीत सिंह के विचार सहिष्णुता, समानता व आदरभाव के थे।

प्रश्न 3.
किन गुणों के कारण महाराजा रणजीत सिंह को लोक गाथाओं में स्थान मिला?
उत्तर :
उदारता, न्यायप्रियता, सभी धर्मों के प्रति सम्मान की भावना आदि गुणों के कारण महाराजा रणजीत सिंह को लोक गाथाओं में स्थान मिला।

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
किसने और क्यों कहा –

(क) ईश्वर की इच्छा है कि मैं सभी धर्मों को एक नजर से देखें।
उत्तर :
रणजीत सिंह ने फकीर से कहा, क्योंकि फकीर ने उनसे कहा कि कुरान तो आपके किसी काम का नहीं है।

(ख) उनके चेहरे पर इतना तेज था कि मैंने कभी सीधा उनके चेहरे की ओर देखा ही नहीं।
उत्तर :
फकीर अजीमुद्दीन ने लॉर्ड विलियम बेंटिक से कहा, क्योंकि उससे बेंटिक ने पूछा था कि महाराजा की कौन-सी आँख खराब है।

प्रश्न 5.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर) –

(क) महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल में किसी को मृत्युदण्ड नहीं दिया गया। (✓)
(ख) इक्कीस वर्ष की उम्र में महाराजा रणजीत सिंह को शेर-ए-पंजाब की उपाधि दी गई। (✗)
(ग) अपने जीवनकाल में महाराजा रणजीत सिंह जनश्रुतियों के केन्द्र बन गए। (✓)
(घ) प्रतिशासक परिषद् में महाराजा रणजीत सिंह और उनकी माँ को सम्मिलित किया गया। (✗)

प्रश्न 6.
उचित शब्द का चयन करके रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –

(क) ईश्वर की इच्छा है कि मैं सभी धर्मों को एक ही नजर से देखें। (आँख, विचार, नजर)
(ख) अपने जीवनकाल में ही वे जनश्रुतियों के केन्द्र बन गए थे। (विषय, केन्द्र, क्षेत्र)
(ग) महाराजा रणजीत सिंह को दरबारियों के साथ मसनद के सहारे जमीन पर बैठना अच्छा लगता था। (सोना, खेलना, बैठना)
(घ) महाराजा रणजीत सिंह ने अपनी सैन्य पद्धति को अँग्रेजी सेना के अनुसार संगठित करने का निश्चय किया। (विचार, निश्चय, काम)

UP Board Solutions

नोट – प्रश्न 7.
एवं 8 विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

We hope the UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 24 महाराजा रणजीत सिंह (महान व्यक्तिव) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 24 महाराजा रणजीत सिंह (महान व्यक्तिव), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 23 अहिल्याबाई (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 23 अहिल्याबाई (महान व्यक्तिव)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 23 अहिल्याबाई (महान व्यक्तिव)

पाठ का सारांश

अहिल्याबाई का जन्म सन 1725 ई० में औरंगाबाद जिले के चौड़ी ग्राम में हुआ। इनके पिता मानकाजी शिंदे सरल स्वभाव के थे। माता सुशीलाबाई धार्मिक प्रवृति की थीं; जिन्होंने अहिल्याबाई को धार्मिक संस्कार दिए। इनकी एकाग्रता व भक्ति से प्रभावित होकर मल्हार राव होल्कर ने इन्हें अपनी पुत्रवधू बनाया। इनके पति खाण्डेराव राजकाज में रुचि नहीं लेते थे। अहिल्याबाई राजकाज में दक्ष थी। इनकी प्रेरणा से खांडेराव अस्त्र-शस्त्र चलाना सीख गए और राजकाज में रुचि लेने लगे; (UPBoardSolutions.com) लेकिन एक युद्ध में उनकी मृत्यु हो गई। अहिल्याबाई ने प्रजा की देखभाल शुरू कर दी। श्वसुर की मृत्यु के बाद इनका पुत्र मालेराव गद्दी पर बैठा; परन्तु उसकी भी मृत्यु हो गई। अहिल्याबाई ने राज्य की बागडोर अपने हाथ में ले ली।

राज्य में चोरों व डाकुओं ने आतंक मचाना शुरू कर दिया। उनका सफाया करने वाले एक वीर युवक यशवंत राव के साथ अहिल्याबाई ने अपनी पुत्री मुक्ताबाई का विवाह कर दिया, लेकिन यशवंत राव की भी मृत्यु हो गई। फिर भी उन्होंने धैर्य नहीं छोड़ा।

अहिल्याबाई कुशल प्रशासिका थीं। इनकी उदारता और स्नेहपूर्ण व्यवहार के कारण प्रजा इन्हें ‘माँ साहब’ कहती थी। इन्होंने अनेक तीर्थ स्थानों पर मन्दिर, घाट और धर्मशालाएँ बनवाईं; गरीबों और (UPBoardSolutions.com) अनाथों के लिए भोजन का प्रबन्ध किया। नाना फड़नवीस के अनुसार, अहिल्याबाई पुरुषार्थ, दूरदर्शिता और महानता में अद्वितीय थीं।

UP Board Solutions

अभ्यास

प्रश्न 1.
अहिल्याबाई का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर :
अहिल्याबाई का जन्म सन 1725 ई० में (वर्तमान महाराष्ट्र के) औरंगाबाद जिले के चौड़ी ग्राम में हुआ था।

प्रश्न 2.
अहिल्याबाई में धार्मिक संस्कार कैसे पड़े?
उत्तर :
अहिल्याबाई की माता सुशीलाबाई अपनी बेटी को नित्य मन्दिर ले जाती, पूजा-अर्चना कराती और भागवत कथा तथा पुराण सुनाती थीं। इन्हीं क्रियाकलापों से अहिल्याबाई में धार्मिक संस्कार पड़े।

प्रश्न 3.
अहिल्याबाई को प्रजा ‘माँ साहब’ क्यों कहती थी? उत्तर- अहिल्याबाई की उदारता और स्नेहपूर्ण व्यवहार के कारण प्रजा उन्हें ‘माँ साहब’ कहती थी।

प्रश्न 4.
प्रजाहित के लिए अहिल्याबाई ने क्या-क्या कार्य किए?
उत्तर :
अहिल्याबाई ने प्रजाहित के लिए अनेक कार्य किए। उन्होंने तीर्थस्थानों पर मन्दिर, घाट और धर्मशालाएँ बनवाई। प्रजा की सुरक्षा के लिए चोरों एवं डाकुओं का दमन किया। वे स्वयं प्रजा से उनकी कुशलता पूछती थीं। उन्होंने गरीबों के लिए भोजन का प्रबन्ध किया।

UP Board Solutions

प्रश्न 5.
अहिल्याबाई को किन-किन द:खद परिस्थितियों का सामना करना पड़ा?
उत्तर :
अहिल्याबाई को अपने जीवन काल में कई दुखद परिस्थितियों को सामना करना पड़ा। शादी के कुछ दिनों बाद उनके पति खांडेराव युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गए। इसके कुछ दिनों बाद उनके ससुर (UPBoardSolutions.com) मल्हारराव की मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके पुत्र मालेराव होल्कर की मृत्यु हो गई। और फिर कुछ दिनों के बाद उनके दामाद यशवंत राव की भी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 6.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का निशान लगाइए (निशान लगाकर) –

(अ) अहिल्याबाई ने अपनी पुत्री का विवाह यशवन्त राव के साथ किया।
(ब) अहिल्याबाई ने महिलाओं की सेना तैयार की।
(स) अहिल्याबाई सदैव प्रजा के हित में तत्पर रहीं।
(द) अहिल्याबाई कुशल शासक ने थीं।

प्रश्न 7.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

(क) अहिल्याबाई की सेना की जोरदार तैयारी देखकर राघोवा के हौसले पस्त हो गए।
(ख) अहिल्याबाई ने पुत्र को समझाते हुए कहा – राजा प्रजा का पालक होता है। वह प्रजा के दुख तथा कठिनाइयों को दूर करता है।
(ग) मल्हारराव की मृत्यु के बाद मालेराव होल्कर गद्दी पर बैठा।
(घ) अहिल्याबाई ने अनेक तीर्थ स्थानों पर मंदिरों, घाटों और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया।

प्रश्न 8.
नीचे लिखे प्रश्न के दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखिए –
अहिल्याबाई ने अपनी पुत्री का विवाह यशवन्त राव के साथ इसलिए किया –

(क) क्योंकि वह बहुत सुंदर था।
(ख) क्योंकि वह कुशल प्रशासक था।
(ग) क्योंकि वह राजकुमार था।
(घ) क्योंकि वह वीर था।

उत्तर :
(घ) क्योंकि वह वीर था।

UP Board Solutions

योग्यता विस्तार –
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

We hope the UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 23 अहिल्याबाई (महान व्यक्तिव) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 23 अहिल्याबाई (महान व्यक्तिव), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 22 महाराणा प्रताप (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 22 महाराणा प्रताप (महान व्यक्तिव)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 22 महाराणा प्रताप (महान व्यक्तिव)

पाठ का सारांश

त्याग, बलिदान, निरन्तर संघर्ष और स्वाधीनता के रक्षक के रूप में देशवासी महाराणा प्रताप को याद करते हैं। इनका जन्म उदयपुर नगर में हुआ। ये राणा सांगा के पुत्र महाराणा उदयसिंह के सुपुत्र थे। गौरव, सम्मान, स्वाभिमान व स्वतंत्रता के संस्कार इन्हें विरासत में मिले थे। सन 1572 ई० में प्रताप के शासक बनने के समय संकट की स्थिति थी। प्रताप को अकबर की सम्पन्न मुगल सेना व मानसिंह की राजपूत सेना से लोहा लेना पड़ा। अकबर की कूटनीति के कारण प्रताप का भाई शक्तिसिंह भी मुगल सेना के साथ था; फिर भी, अपनी छोटी-सी सेना से प्रताप ने हल्दी घाटी में मोर्चा जमाया और मुगल सेना को नाकों चने चबाने पड़े। मुगल सेना की भारी क्षति हुई, परन्तु विशाल सैन्य शक्ति के दबाव को देखकर राणा प्रताप को युद्ध से हटना पड़ा। इस घटना में सरदार झाला, राणा के घोड़े चेतक और अनुज शक्ति को प्रसिद्धि मिली। झाला ने ताज पहनकर अपने आत्मबलिदान से प्रताप को बचाया, चेतक ने प्रताप को युद्ध-भूमि से निकालकर प्राण त्यागे और अनुज शक्तिसिंह ने भी पश्चात्ताप करके क्षमा माँगी।

महाराणा प्रताप ने छापामार युद्धनीति अपनाकर बीस वर्ष तक मुगलों से संघर्ष किया। इन्हें परिवार सहित जंगलों में भटककर घास की रोटी तक खानी पड़ी। इन्होंने प्रतिज्ञा की कि जब तक : चितौड़ पर अधिकार नहीं हो जाएगा; तब तक मैं जमीन पर सोऊंगा और पत्तलों पर भोजन करूंगा। इसका जनता पर व्यापक प्रभाव पड़ा। इनके मंत्री भामाशाह ने सारी (UPBoardSolutions.com) सम्पत्ति राणा को सौंप दी। मेवाड़ की प्रभुसत्ता की रक्षा और स्वाधीनता के लिए राणा प्रताप जिए और मरे। इनके अदम्य साहस और शौर्य की सराहना करते हुए कर्नल टाड ने लिखा है, “अरावली की पर्वतमाला में एक भी घाटी ऐसी नहीं, जो प्रताप के पुण्य से पवित्र न हुई हो, चाहे वहाँ उनकी विजय हुई या यशस्वी पराजय!”

UP Board Solutions

अभ्यास

प्रश्न 1.
महाराणा प्रताप का जन्म कहाँ हुआ था तथा इनके पिता का क्या नाम था?
उत्तर :
महाराणा प्रताप का जन्म उदयपुर में हुआ था। इनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह था।

प्रश्न 2.
छापामार युद्ध नीति किसने और क्यों अपनाई?
उत्तर :
छापामार युद्ध नीति महाराणा प्रताप ने अपनाई। परिस्थितियों के अनुसार मुगल सेना को पछाड़ने के लिए यह नीति अपनाई गई, जिसके कारण मेवाड़ का बड़ा भाग मुगलों से छीना गया।

प्रश्न 3.
राणा प्रताप ने कौन-सी प्रतिज्ञा की थी?
उत्तर :
राणा प्रताप ने प्रतिज्ञा की थी कि “मैं मुगलों की अधीनता कदापि स्वीकार नहीं करूंगा। जब तब चित्तौड़ पर अधिकार न कर लूंगा, पत्तलों पर भोजन करूंगा और जमीन पर सोऊँगा!

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
राणा प्रताप को किन गुणों के कारण लोग श्रद्धा से याद करते हैं?
उत्तर :
प्रताप को लोग उनके त्याग, बलिदान, निरन्तर संघर्ष, (UPBoardSolutions.com) अपराजेय पौरुष, अदम्य साहस, स्वाधीनता-प्रेम और स्वदेशानुराग के कारण याद करते हैं।

प्रश्न 5.
मेवाड़ की स्वतंत्रता के लिए महाराणा प्रताप ने कौन-कौन से कष्ट सहे?
उत्तर :
मेवाड़ की स्वतंत्रता के लिए बीस वर्षों से भी अधिक समय तक राजा प्रताप ने मुगलों से संघर्ष किया। इस अवधि में उन्हें अनेक कठिनाइयों तथा विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़। सारे किले उनके हाथ से निकल गए थे। उन्हें परिवार के साथ एक पहाड़ी से दूसरी पहाड़ी पर भटकना पड़ा। कई बार उनके परिवार को जंगली फलों तथा घास की रोटी से भूख शांत करनी पड़ी, फिर भी राजा प्रताप का दृढ़ संकल्प हिमालय के समान अडिग रहा।

प्रश्न 6.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का निशान लगाइए (निशान लगाकर) –

(क) महाराणा प्रताप का संघर्ष आर्यों से हुआ। (✗)
(ख) राणा प्रताप के जीवन का आदर्श मेवाड़ की सत्ता को बनाए रखना था। (✓)
(ग) राणा प्रताप का नाम हमारे इतिहास में स्वतंत्रता सेनानी के रूप में अमर है। (✓)
(घ) हल्दी घाटी का युद्ध हल्दी के लिए हुआ। (✗)

प्रश्न 7.
नीचे लिखे प्रश्न के दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर छाँटकर लिखिए (सही उत्तर लिखकर) –
सरदार झाला ने स्वयं राणा का मुकुट पहन लिया; क्योंकि –
उत्तर :
(ग) वह शत्रु को भ्रमित करना चाहता था।

UP Board Solutions

प्रश्न 8.
उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –

(क) राणा प्रताप ने आदर्शों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व दाँव पर लगा दिया।
(ख) सरदार झाला ने राणा को बचाने के लिए स्वयं का बलिदान कर दिया।
(ग) राणा प्रताप का संकल्प हिमालय के समान अडिग था।
(घ) जन्मभूमि की रक्षा के लिए राणा प्रताप मृत्युपर्यंत संघर्ष करते रहे।

प्रश्न 9.
महाराणा प्रताप के जीवन की किस घटना ने आपको सबसे अधिक प्रभावित किया और क्यों? साथियों के साथ चर्चा कीजिए और अपनी कॉपी में लिखिए।
नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/ शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 10.
आपकी नजर में महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व के कुछ खास गुण कौन-कौन से हैं ?

UP Board Solutions

नोट विद्यार्थी इस प्रश्न के उत्तर हेतु प्रश्न 4 का उत्तर देखें।

We hope the UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 22 महाराणा प्रताप (महान व्यक्तिव) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 22 महाराणा प्रताप (महान व्यक्तिव), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.