UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 32 लाल बहादुर शास्त्री (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 32 लाल बहादुर शास्त्री (महान व्यक्तिव)

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पाठ का सारांश

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, सन् 1904 को मुगलसराय (तत्कालीन वाराणसी वर्तमान चंदौली) के एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम । शारदा प्रसाद तथा माता का नाम राजदुलारी देवी था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर लालबहादुर वाराणसी आ गए। पढ़ने-लिखने में इनकी विशेष रुचि थी। वे बहुत ही सीधे, साधे शांत और सरल स्वभाव के विद्यार्थी थे। जब लाल बहादुर बनारस के हरिश्चन्द्र हाई स्कूल में पढ़ रहे थे उस समय लोकमान्य बालगंगाधर तिलक का (UPBoardSolutions.com) नारा “स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है” पूरे देश में गूंज रहा था। इससे उन्हें देश प्रेम की प्रेरणा मिली। कुछ दिनों बाद बनारस में उन्हें गांधी जी को पहली बार देखने का अवसर मिला। उनके भाषण से वे बहुत प्रभावित हुए। अब वे पढ़ाई के साथ-साथ स्वराज आन्दोलन में भी भाग लेने लगे। गांधी जी का असहयोग आंदोलन आरंभ हुआ। लाल बहादुर भी पढ़ाई छोड़कर आन्दोलन में कूद पड़े।

आजादी की लड़ाई में उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। बाद में लाल बहादुर काशी विद्यापीठ में शिक्षा ग्रहण करने लगे। सन 1926 में उन्होंने शास्त्री की परीक्षा पास की। अब वे लाल बहादुर से लाल बहादुर शास्त्री बन गए। अध्ययन समाप्त कर शास्त्री जी देश सेवा में सक्रिय हो गए। उनकी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा एवं परिश्रम से प्रभावित होकर पंडित नेहरू ने उन्हें आनंद भवन में बुला लिया। देश स्वतंत्र हुआ। प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में रेल मंत्री बनाया। फिर बाद में उन्हें उद्योग मंत्री तथा स्वराष्ट्र मंत्री का दायित्व दिया गया। उन्होंने सभी पदों पर बड़ी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य किया।

पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद शास्त्री जी सर्वसम्मति से भारत के प्रधानमंत्री बने। इनके प्रधानमंत्री बनने के कुछ समय बाद ही भारत पर पाकिस्तान ने आक्रमण कर दिया। इनके कुशल नेतृत्व (UPBoardSolutions.com) में युद्ध में भारत की जीत हुई। इस जीत ने भारत का मस्तक ऊँचा कर दिया। युद्ध समाप्त होने के बाद रूस में भारत-पाकिस्तान के बीच ताशकंद समझौता हुआ। 10 जनवरी, सन 1966 की रात को हृदय गति रुक जाने से ताशकंद में ही उनका निधन हो गया। भारत ने अपने इस लोकप्रिय नेता को सदा-सदा के लिए खो दिया।

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अभ्यास

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

प्रश्न 1.
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर :
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म मुगलसराय (तत्कालीन वाराणसी वर्तमान चन्दौली) में। हुआ था।

प्रश्न 2.
शास्त्री जी ने रेल मंत्री का पद क्यों छोड़ा?
उत्तर :
उनके रेल मंत्री रहते एक भीषण रेल दुर्घटना हुई। शास्त्री जी ने दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री का पद छोड़ दिया तथा अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

प्रश्न 3.
देश में खाद्यान्न की समस्या होने पर शास्त्री जी ने क्या किया?
उत्तर :
देश में खाद्यान्न की समस्या को देखते हुए शास्त्री जी ने “जय-जवान, जय-किसान” का नारा देकर देश वासियों के स्वाभिमान को जगाया और देश में हरित क्रांति प्रारंभ हुई जिसके परिणाम स्वरूप भारत-खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बना।

प्रश्न 4.
शास्त्री जी के स्वभाव की क्या-क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर :
शास्त्री जी स्वभाव से सीधे-सादे, सच्चे, सरल हृदय, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ एवं परिश्रमी व्यक्ति थे।

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प्रश्न 5.
लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर दस वाक्य लिखिए।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 6.
इन महापुरुषों के लोकप्रिय नारे कौन से थे ?
जैसे :- पं० जवाहर लाल नेहरू – आराम हराम है।
महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाष चंद्र बोस
उत्तर :
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प्रश्न 7.
वर्षों को घटनाओं से जोड़िए –
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UP Board Solutions for Class 6 Hindi निबन्ध रचना

UP Board Solutions for Class 6 Hindi निबन्ध रचना

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गाय

गाय एक चौपाया पशु है। पशुओं में गाय को सबसे अधिक उपयोगी माना जाता है। यह अनेक रंगों की होती है परन्तु विशेष रूप से सफेद, भूरी काली व चितकबरी होती है। नस्ल की दृष्टि से भी गाय हरियाणा, पंजाब तथा उत्तर प्रदेश की अलग-अलग होती हैं। हरियाणा व पंजाब की गाय की अपेक्षा उत्तर प्रदेश की गाय शरीर में बड़ी होती हैं परन्तु उत्तर प्रदेश की गाय की अपेक्षा हरियाणा की गाय अधिक दूध देती है। संसार भर में रूस, अमेरिका, स्विटजरलैंड तथा डेनमार्क की गायें सबसे अधिक दूध देती है। गाय का मुख्य भोजन भूसा व घास है। खली के साथ भूसे को गाय बड़े चाव से खाती है। यह हरे चारे को भी पसन्द करती है। (UPBoardSolutions.com)समय पर चारा न मिलने पर भी यह धैर्य के साथ अपने स्थान पर बैठी रहती है। गाय से हमें अनेक लाभ हैं। सबसे मुख्य बात तो यह है कि यह हमें स्वास्थ्यवर्धक एवं बुधिवर्धक अमृत जैसा दूध देती है। इसका दूध छोटे बच्चों एवं रोगियों के लिए बहुत ही उपयोगी है। गाय के बछड़े बड़े होकर हमारी खेती के काम आते हैं। गाय का गोबर खाद बनाने व ईंधन के काम भी आता है। अब तो गोबर से गैस भी बनाई जाने लगी है। गाय का मूत्र अनेक दवाइयों में काम आता है। गाय हमारे लिए सभी प्रकार से उपयोगी है।

सार रूप में कहा जा सकता है कि गाय एक उदार स्वभाव वाली, उपयोगी व लाभकारी पशु है। भारत में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में इसका महत्त्व एवं उपयोग है।

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विजयादशमी (दशहरा)

दशहरा हिन्दुओं का प्रसिद्ध व पवित्र त्योहार है। यह त्योहार क्वार के महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। यह त्योहार हर गाँव अथवा शहर में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। बच्चे-बूढ़े और जवान सभी इस त्योहार की प्रतीक्षा किया करते हैं। इस दिन विजया देवी की पूजा की जाती है।

इस त्योहार के विषय में एक कथा प्रचलित है कि लंका का राजा रावण बहुत ही अत्याचारी था। उसके शासन में साधु-सन्तों, ऋषि-मुनियों को धर्म-पालन करना कठिन हो गया था। पाप बहुत बढ़ गया था। जब रामचन्द्र जी, सीता जी और लक्ष्मण के साथ वन में थे तो रावण ने छल करके सीता का हरण कर लिया। पाप के विनाश के लिए और धर्म की स्थापना के लिए श्रीराम ने रावण का वध किया और लंका का राज्य रावण के भाई विभीषण को सौंप दिया था। भगवान श्रीराम की गौरव गाथा (UPBoardSolutions.com) की याद दिलाने के लिए जगह-जगह पर राम-रावण का युद्ध दिखाया जाता है। बहुत स्थानों पर तो सुन्दर-सुन्दर आकर्षक झाँकियाँ निकाली जाती हैं। दशहरे के दिन रावण का पुतला जला देने के साथ ही रामलीला समाप्त हो जाती है। यह अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है।

दीपावली

यह त्योह्मर कार्तिक महीने की अमावस्या को होता है। इस त्योहार पर रात में विशेष रूप से दीपक जलाकर प्रकाश किया जाता है। इसलिए इसे दीपावली या दीपमालिका के नाम से पुकारते हैं।

दीपावली का त्योहार किस कारण से मनाया जाता है? इस विषय में अनेक मत प्रचलित हैं। कुछ लोग मानते हैं कि श्रीरामचन्द्र जी रावण का विनाश करके, सीता जी तथा लक्ष्मण जी के साथ 14 वर्ष के बाद अयोध्या लौटे तो अयोध्यावासियों ने अपनी खुशी प्रकट करने के लिए अयोध्या को दीपकों से सजाया था। बस तभी से दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा। लोगों का एक अन्य मत है। , कि इस दिन धन की देवी लक्ष्मी जी \ भूमि पर यह देखने के लिए आती हैं कि मेरी मान्यता कहाँ, (UPBoardSolutions.com) किसके यहाँ, कैसी है। कौन मेरा सम्मान व पूजा करता है। इसीलिए हर एक आदमी अपने घर को . लक्ष्मी जी के आगमन की सम्भावना से सजाता है और लक्ष्मी जी की कृपा की आशा करता हैं।

इस त्योहार की तैयारी कई दिन पूर्व से ही की जाने लगती है। प्रत्येक व्यक्ति मकान, दुकान आदि को अच्छी तरह से सजाता है। दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस होती है। इस दिन बाजार से नए बर्तन खरीदकर लाने का प्रचलन है। अगले दिन छोटी दीपावली होती है, इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इसके अगले दिन दीपावली का मुख्य त्योहार होता है इस दिन नर-नारी, बालक-बच्चे सभी प्रसन्न व व्यस्त दिखाई पड़ते हैं। सायंकाल होने पर श्रीगणेश, लक्ष्मी जी का पूजन . दीप जलाकर चावल, खील-बतासे, मिठाई व फल-फूलों से किया जाता है। इसके बाद मनुष्य अपने घरों, दुकानों को व अन्य भवनों को दीप, मोमबत्तियों व (UPBoardSolutions.com) बिजली के बल्बों से सजाते हैं। बाजारों में भी बहुत अधिक रोशनी एवं सजावट की जाती है। दीपावली से अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है तथा उससे अगले दिन भैया दूज का पर्व मनाया जाता है।

इस त्योहार की प्रतीक्षा सभी नर-नारी किया करते हैं। बच्चों के लिए तो यह मिठाई का त्योहार माना जाता है। यह त्योहार खुशी व उमंग का त्योहार है। इस पर्व के बहाने घरों की सफाई हो जाती है। वर्षा के दिनों में जो गंदगी सीलन हो जाती है, वह सब लिपाई-पुताई के कारण दूर हो जाती है। कुछ लोग इस अवसर पर जुआ भी खेलते हैं। जुआ खेलना पर्व की पवित्रता एवं समाज के सुखद वातावरण को दूषित कर देता है। इस अवसर पर हमें बुरे काम नहीं करने चाहिए। दीपावली वास्तव में एक अद्वितीय पर्व है।

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जन्माष्टमी

हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार में जन्माष्टमी का प्रमुख स्थान है। यह वर्षा ऋतु का प्रधान त्योहार है। भ्राद्रपद की अष्टमी, श्रीकृष्ण की स्मृति में मनायी जाती है। श्रीकृष्ण के जीवन की झाँकियाँ सजाई जाती हैं, मन्दिर (UPBoardSolutions.com) और घर सजाए जाते हैं, व्रत रखते हैं, कीर्तन करते हैं।

श्रीकृष्ण के जीवन से तपस्या, त्याग, परोपकार, कठिन परिश्रम, न्याय और सत्यपालन की शिक्षा मिलती है। श्री कृष्ण के आदर्श चरित्र का अधिक प्रचार होना चाहिए। हमें इस त्योहार को बड़े उत्साह से मनाना चाहिए।

होली

होली हमारे देश का प्रसिद्ध त्योहार है। यह प्रत्येक वर्ष फाल्गुन के महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। प्रत्येक हिन्दू इस त्योहार के आने की प्रतीक्षा करता है।

पुराणों में एक कथा है कि इस दिन भक्त प्रहलाद की बुआ होलिका अपने भाई के आदेशानुसार प्रहलाद को गोदी में लेकर आग में बैठ गई। भगवान की कृपा से भक्त प्रहलाद बच गया और होलिका जलकर राख हो गई। इसी खुशी में हिन्दू लोग इस दिन को होली के रूप में मनाते हैं।

फाल्गुन आने से पूर्व माघ मास की बसन्त पंचमी से ही इस त्योहार का श्रीगणेश हो जाता है। बसन्त पंचमी के दिन किसी सार्वजनिक स्थल, चौराहे पर होली के लिए बच्चे ईंधन, लकड़ी, उपले आदि एकत्र (UPBoardSolutions.com) करना शुरू कर देते हैं। होली के दिन तक यह बहुत बड़े ढेर (होली) के रूप में बदल जाता है। कुछ प्रमुख व्यक्ति शुभ मुहूर्त में होली को आग लगाते हैं। सभी व्यक्ति आनन्द से जौ की बालियाँ भुनकर अपने मित्रों, संबधियों में बाँट-बाँटकर खाते हैं और गले मिलते हैं।

अगले दिन प्रातः से ही मस्ती का वातावरण बन जाता है। छोटे-बड़े बच्चे, जवान, बूढे, नर-नारी सभी में रंग-गुलाल, पिचकारी के लिए एक-दूसरे को रंग में रंग देने की होड़ लग जाती है इस त्योहार पर कोई छोटा-बड़ा नहीं रहता। सभी गले मिलते हैं और प्रेम का व्यवहार करते हैं।

इस त्योहार पर बहुत से व्यक्ति रंग-गुलाल की जगह गंदगी फेंक देते हैं, जो कि अच्छा नहीं है। हमें इन बुराइयों को दूर करना चाहिए। दोपहर बाद सभी नहा-धोकर एक स्थान पर या एक-दूसरे । के घर (UPBoardSolutions.com) जाकर मिलते हैं और आपस में मिल-बैठकर खाते-पीते हैं। वास्तव में होली मित्रता, प्रेम मिलन एवं सद्भावना का त्योहार है।

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रक्षाबंधन

रक्षाबंधन भारत का बहुत की प्राचीन और महत्त्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन भाई अपनी बहनों की रक्षा के लिए प्रतिज्ञा करते हैं।

रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्योहार को श्रावणी, सलूनो आदि नामों से भी पुकारा जाता है।

प्राचीनकाल से इस त्योहार के बारे में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। इनमें से एक कहानी तो बहुत प्रसिद्ध है- कहते हैं कि एक बार देवताओं और राक्षसों में भयंकर युद्ध छिड़ गया। धीरे-धीरे देवताओं का बल घटने लगा और ऐसा लगने लगा जैसे देवता हार जाएँगे। देवताओं के राजा इन्द्र को इससे बड़ी चिन्ता हुई। इन्द्र के गुरु ने विजय के लिए श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन इन्द्र के हाथ में रक्षा कवच बाँधा। इसके प्रभाव से राक्षस हार गए। कहा जाता है कि तभी से रक्षाबंधन का यह त्योहार आज तक मनाया जाता है।

रक्षाबंधन को मनाने के विषय में एक दूसरी कथा भी प्रचलित है। एक समय चितौड़ की रानी कर्मवती पर गुजरात के राजा ने आक्रमण कर दिया। कर्मवती ने सम्राट हुमायूँ के पास राखी भेजी थी। हुमायूँ ने (UPBoardSolutions.com) कर्मवती को अपनी धर्म की बहन मानकर रक्षा का प्रयास किया। वास्तव में रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के पावन प्रेम को प्रकट करता है।

रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए कई दिन पूर्व से तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। बाजार से सुन्दर-सुन्दर राखियाँ खरीदी जाती हैं। जो भाई बाहर रहते हैं, उनके लिए बहनें राखियाँ डाक द्वारा भेजती हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन प्रात:काल से ही एक निराली प्रसन्नता-सी छाई रहती है। सफाई आदि के बाद दीवारों पर चित्र बनाए जाते हैं। इस दिन घरों में खीर, सेवई आदि बनाई जाती हैं। राखी की पूजा होती है। बहन-भाई नए-नए वस्त्र धारण करते हैं। बहनें अपने भाइयों के हाथ में राखी बाँधती हैं तथा मिठाई देती हैं। भाई अपनी बहनों की रक्षा की प्रतिज्ञा करते हैं तथा दक्षिणा में रुपए भी देते हैं। इस दिन घरों में भी बहनें राखी बाँधने के लिए आती हैं तथा दक्षिणा पाती हैं। वास्तव में यह त्योहार भाई-बहन के असीम स्नेह का प्रतीक है। संध्या के समय मेले में जाते हैं। इस प्रकार पूरे दिन प्रसन्नता का वातावरण रहता है।

रक्षाबंधन भारत का एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार से (UPBoardSolutions.com) व्यक्तियों में स्नेह एवं कर्तव्य पालन की भावना जाग्रत होती है। हम सभी को इस त्योहार की पवित्रता एवं शुद्धता बनाए रखनी चाहिए।

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वर्षा ऋतु

प्रायः ऋतुएँ तीन प्रकार की होती हैं- (1) ग्रीष्म ऋतु (2) वर्षा ऋतु तथा (3) शरद ऋतु।। इन सब ऋतुओं में वर्षा ऋतु का विशेष महत्त्व है। ग्रीष्म ऋतु की तेज गर्मी से पृथ्वी के सभी मनुष्य, जीव-जन्तु व्याकुल हो जाते हैं। सभी जीव पानी एवं छाया की तलाश में बेचैन हो जाते हैं। सभी व्यक्ति आकुल होकर ईश्वर से वर्षा के लिए प्रार्थना करने लगते हैं, तब जाकरे कहीं वर्षा का आगमन होता है।

प्रायः वर्षा ऋतु का समय जुलाई मास से लेकर अक्टूबर मास तक होता है। जुलाई में भगवान इन्द्र की कृपा से आकाश में काले-काले बादल दिखाई पड़ने लगते हैं। बिजली चमकती है और पानी बरसने लगता है। ग्रीष्म ऋतु की गर्मी से तपती हुई धरती की प्यास शांत हो जाती है।

वर्षा ऋतु के आरम्भ होते ही ग्रीष्म ऋतु की गर्म हवाएँ, जिन्हें लू भी कहा जाता है, ठंडी, मन को लुभाने वाली हवाओं में बदल जाती हैं। आकाश में काले एवं सफेद बादल छा जाते हैं। बिजली चमकने लगती है, तेज वर्षा होने लगती है। वर्षा से सब जगह जल ही जल दिखाई देने लगता है। सरोवर आदि जल से भर जाते हैं। पशु-पक्षी चैन का अनुभव करते हैं। मेंढक बोलने लगते हैं। कोयल पंचम स्वर में गाना आरम्भ कर देती है। अनेक प्रकार के कीड़े पृथ्वी पर रेंगते दिखाई देते हैं। किसान हल लेकर (UPBoardSolutions.com) खेतों की ओर चल पड़ते हैं। आम, जामुन, अमरूद आदि फल आने लगते हैं। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दृष्टिगोचर होती है। चारों तरफ एक अनोखी सुगन्ध छा जाती है। वास्तव में वर्षा ऋतु का समय बड़ा सुहावना होता है। ऐसे समय में आनंदित होकर लोग श्रावण (सावन) के गीत गाने लगते हैं।

वर्षा के अनेक लाभ हैं। वर्षा प्रत्येक जीव का प्राण है। इसके द्वारा ही मनुष्यों को अनाज प्राप्त, होता है तथा पशुओं को हरा चारा मिलता है। यदि वर्षा न हो, तो पृथ्वी के सभी जीव तड़पने लगेंगे। अतः वर्षा का मानव जीवन में अत्यन्त महत्त्व है।

लाभ के साथ-साथ वर्षा से कुछ हानियाँ भी हैं। इससे कच्चे स्थानों पर कीचड़ जमा हो जाती है। गड्ढों में जल भर जाने से मच्छर पैदा हो जाते हैं। बहुत से मकान वर्षा से गिर जाते हैं। कई बार अधिक वर्षा के कारण फसलों का विनाश हो जाता है। अधिक वर्षा से बाढ़ भी आ जाती है, जिससे जान व माल दोनों का विनाश होता है।

उपर्युक्त हानियों के साथ-साथ वर्षा ऋतु का मानव जीवन में विशेष महत्त्व है। इस ऋतु से होने वाली हानियों से बचाव के प्रयास करने चाहिए। वर्षा ऋतु मानव जीवन के लिए बड़ी उपयोगी, लाभदायक एवं सुहावनी होती है। ग्रीष्म से परेशान व्यक्ति वर्षा ऋतु में एक विशेष प्रसन्नता का अनुभव करता है।

मेले का वर्णन

हमारे देश में मेलों का विशेष महत्त्व है। मेलों के द्वारा मनुष्य अपने मन में प्रसन्नता का अनुभव करता है। उत्तर प्रदेश में भी अनेक मेले लगते हैं, जैसे- बूढ़े बाबू का मेला, गंगा मेला और नौचंदी का मेला आदि। इनमें गंगा स्नान का मेला सबसे महंत्त्वपूर्ण है। गढ़मुक्तेश्वर का मेला उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध मेला है, जो गाजियाबाद जिले में लगता है।

यह मेला कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन लगता है। कार्तिक (UPBoardSolutions.com) पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने का विशेष महत्त्व है। लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के लिए आते हैं। गढ़ में गंगा के किनारे एक नया नगर-सा बस जाता है। चारों तरफ तंबू-डेरा दिखाई देते हैं।

इस मेले का प्रबन्ध जिला परिषद द्वारा किया जाता है। मेले में पुलिस के जवान व्यवस्था करते हैं। पूरे मेले को अनेक भागों में बाँट दिया जाता है, जिससे प्रबन्ध में कोई परेशानी न हो।

हम लोग भी मेले के दृश्य देखने और गंगा स्नान करने के लिए गए। वहाँ देखा कि गाड़ियों की कतार लगी हुई है। यात्रियों के ठहरने के लिए तंबू लगे हुए हैं। सड़कों के दोनों ओर दुकानें लगी हुई हैं। सड़कों पर पैदल चलने वालों की भारी भीड़ थी, जिससे चलना भी मुश्किल हो रहा था।

लोग सड़कों और मार्गों के सुहावने दृश्य देखते हुए ‘गंगा मैया की जय’ बोलते हुए मेले के मुख्य द्वार पर पहुँचते हैं। स्त्रियाँ गीत गाती हैं। मेले में पहुँचकर सबसे पहले लोग गंगा स्नान करते है। गंगा का दृश्य बड़ा सुन्दर (UPBoardSolutions.com) होता है। कोई गंगा में नहाता है, कोई तैरता है, कोई फूल चढ़ाता है। और कोई गंगा में दीपक जलाता है। कहीं पर कथा होती है, कहीं पर पंडे बैठे रहते हैं, कहीं पर स्नान करने वाले को चंदन घिसकर लगाया जाता है।

मेले का बाजार भी बड़ा लम्बा-चौडा लगा हुआ था। हलवाइयों, चाय वालों, चाट वालों और होटलों की भी काफी अधिक संख्या थी। मेले में कंबल, दरी, लिहाफ, चादर आदि भी बिक रहे थे। मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध थे। रेडियो, लाउडस्पीकर की ध्वनि भी मेले की रौनक बढ़ा रही थी। सभी ओर खुशी ही खुशी नजर आ रही थी।

गढ़मुक्तेश्वर का मेला एक धार्मिक मेला है। गंगा का जल ठंडा होता है फिर भी हिन्दू लोग श्रद्धा भाव से इस जल में स्नान करते हैं क्योंकि गंगा में स्नान करना पुण्य समझा जाता है। इससे लोगों में प्रेम और एकता का भाव उत्पन्न होता है। यह मेला हमारी प्राचीन सभ्यता की याद दिलाता है। इस प्रकार गंगा स्नान के मेले का अपना विशेष महत्त्व है।

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हमारा विद्यालय

हमारे विद्यालय का नाम डी०ए०वी० इन्टर कॉलेज है। हमारे विद्यालय में लगभग 54 कमरे हैं। सभी कमरे पक्के और साफ हैं। विद्यालय में बैठने के लिए कुर्सी और मेज हैं। प्रत्येक कक्षा में श्याम-पट भी है।

हमारे विद्यालय में खेल-कूद का मैदान भी है। हमारे (UPBoardSolutions.com) विद्यालय में बगीचा भी है, जिसमें रंग-बिरंगे फूल खिले रहते हैं। हमारे विद्यालय के पास फसल हेतु भूमि भी है।

हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य बड़े महान हैं। वे एक योग्य प्रशासक एवं कर्मठ व्यक्ति हैं। हमारे विद्यालय में 65 अध्यापक हैं। सभी अध्यापक योग्य एवं अनुभवी हैं। हमारे विद्यालय में लगभग दो हजार छात्र पढ़ते हैं। सभी छात्र आज्ञाकारी एवं परिश्रमी हैं। हमारे विद्यालय में एक पुस्तकालय है, जहाँ छात्र बैठकर पुस्तक पढ़ते हैं हमारे विद्यालय में कृषि एवं विज्ञान आदि विषयों की शिक्षा दी जाती है। हमारे विद्यालय में विज्ञान की प्रयोगशालाएँ हैं, जिनमें छात्रों को प्रयोगात्मक कार्य कराया जाता है। हमारे विद्यालय में खेल-कूद का भी उत्तम प्रबन्ध है विद्यालय की छुट्टी के बाद शाम को, खेल-कूद आरम्भ होते हैं। लगभग 100 छात्र प्रतिदिन खेल के मैदान में अनेक प्रकार के खेल (जैसे- कबड्डी, फुटबॉल, क्रिकेट, दौड़, खो-खो आदि) खेलते हैं।

हमारे विद्यालय का परीक्षाफल भी बहुत अच्छा रहता है। यहाँ के छात्रों ने आगे चलकर बड़े पदों को ग्रहण किया है। हमारे विद्यालय में ईश्वर की पूजा के लिए प्रार्थना की जाती है तथा नैतिक शिक्षा भी दी जाती है, (UPBoardSolutions.com) जिससे छात्रों में धर्म के प्रति आस्था बनी रहे। इसके अतिरिक्त हमारे यहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। इस प्रकार हमारे विद्यालय में छात्रों का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है।

हमारे विद्यालय में गुरु एवं छात्रों का सम्बन्ध बड़ा मधुर है। सभी छात्र अपने गुरुओं की आज्ञा का पालन करते हैं। इस प्रकार हमारा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हैं कि हमारा विद्यालय उन्नति के पथ पर और अधिक अग्रसर हो।

रेलयात्रा का वर्णन

एक दिन मेरे पिता जी ने मुझे बताया कि मेरी मौसी की शादी 27 जनवरी की है। उन्होंने कहा कि हमें 25 तारीख की सुबह ही मेरठ चलना है। रेलगाड़ी ठीक सात बजे अलीगढ़ से मेरठ के लिए चल देती है। मैं तो बहुत ही प्रसन्न हुआ। 25 तारीख की सुबह साढ़े छह बजे हम रेलवे स्टेशन की ओर चल दिए और रिक्शा पर सवार होकर स्टेशन पर जा पहुंचे।

जिसे समय हम स्टेशन पर पहुँचे, वहाँ काफी चहल-पहल थी। पिता जी उस समय टिकट खरीदने चले गए। लोगों की भीड़ इधर से उधर आ-जा रही थी। ट्रेन अभी तक स्टेशन पर नहीं आई थी। इतने में पिता जी टिकट लेकर आ गए और हम लोग भी प्लेटफार्म पर जा पहुँचे। यहाँ काफी लोग इधर से उधर घूम रहे थे। इतने में ही गाड़ी धड़-धड़ाती हुई आ पहुँची। सैकड़ों यात्री गाड़ी में से उतरने और चढ़ने लगे। हम लोग भी ठीक प्रकार से बैठ गए। थोड़ी ही देर में गाड़ी ने सीटी बजाई और गार्ड ने हरी झंडी हवा में हिला दी। गाड़ी धीरे-धीरे आगे को खिसकने लगी।

इस समय काफी ठंड पड़ रही थी। सूर्य निकल आया था। गाड़ी भी पूरी गति से भाग रही थी। दूर तक हरे-भरे खेत सुहावने लग रहे थे। गाड़ी की तेज गति के कारण पेड़-पौधे तथा खंभे आदि सभी पीछे को भागते हुए से लग रहे थे। यद्यपि हवा बड़ी तेजी से चल रही थी किंतु मैं तो खिड़की के पास ही बैठा रहा। छोटे-छोटे स्टेशनों को पार करती हुई गाड़ी खुर्जा (UPBoardSolutions.com) आकर ठहरी। यहाँ हमें दूसरी ट्रेन में बैठना था। मैं अपने पिता जी के साथ डिब्बे से नीचे उतरा। यहाँ स्टेशन पर अधिक भीड़ नहीं थी। पिता जी ने एक प्याला चाय पी। इतने में ही गाड़ी ने सीटी दी और हम तुरन्त डिब्बे में जा बैठे। यहाँ से चलकर हमारी गाड़ी बुलन्दशहर, गुलावटी तथा हापुड़ आदि स्टेशनों पर रुकी।

जहाँ-जहाँ गाड़ी रुकती थी, वहाँ-वहाँ अनेक यात्री उस पर सवार होते थे तथा बहुत से उतर भी जाते थे। हापुड़ के प्लेटफार्म पर तो बड़ी भीड़ थी। हमारे डिब्बे में तो एकदम तीस-पैंतीस यात्री चढ़ गए। बड़ी धक्का-मुक्की हुई। हापुड़ में एक टिकट चैकर महोदय ने हमारे डिब्बे में सबके टिकट देखे। एक यात्री ऐसा था, जिसके पास टिकट नहीं थी। (UPBoardSolutions.com) उन्होंने उसे तुरन्त पुलिस के हवाले कर दिया। यहाँ से हमारी गाड़ी ठीक 11 बजे चल दी। इस समय चारों ओर धूप ही धूप दिखाई पड़ रही थी। गाड़ी छुक-छुक की ध्वनि करती हुई चली जा रही थी। लगभग 12 बजे हमारी गाड़ी मेरठ जा पहुँची।

स्टेशन पर काफी भीड़ थी। पिता जी ने तुरन्त ही एक कुली को बुलाया और सामान ले चलने को कहा। मैं भी डिब्बे से नीचे उतर आया। जैसे ही हम लोग प्लेटफार्म के मुख्य द्वार पर पहुँचे, वहाँ पर खड़े हुए एक व्यक्ति ने हमारे टिकट ले लिए और हम सबको बाहर जाने दिया। बाहर आकर हमने शांतिनगर मोहल्ले के लिए ताँगा लिया और घर की ओर चल दिए।

यह मेरी पहली रेलयात्रा थी। मैं अपनी इस रेलयात्रा को कभी नहीं भूल सकता।

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फुटबॉल मैच

हमारे विद्यालय में कक्षा 6 की टीम ने कक्षा 7 की टीम के साथ फुटबॉल को मैच खेलने का निश्चय किया। मैच शाम को साढ़े चार बजे आरम्भ होना था।

उस दिन फुटबॉल का मैदान पूर्ण रूप से स्वच्छ किया गया था। मैदान के चारों ओर सफेद रेखा खिची हुई थी और दोनों किनारों पर दो-दो गोल खंबे खड़े हुए थे। मैदान के चारों ओर अनेक छात्र एकत्र थे। ठीक सा1ढ़े चार बजे रेफरी महोदय ने सीटी बजाई और दोनों टीमें मैदान में उतर पड़ीं। फुटबॉल को मैदान के बीच में रखा गया और रेफरी के संकेत देते ही खेल आरम्भ हो गया। गेंद खिलाड़ियों के पैरों की चोट से इधर-उधर दौड़ने लगी। कभी वह आकाश में ऊपर जाती तो कभी मैदान में सरपट दौड़ लगाती थी। जब कहीं नियम भंग होता था तो रेफरी सीटी बजाकर खेल , को रोक देते थे और खेल फिर वहीं से शुरू करना पड़ता था। (UPBoardSolutions.com) लगभग 15 मिनट तक बेचारी गेंद ठोकर खाती रही और एक भी गोल नहीं हुआ। कक्षा 6 की टीम का कप्तान मोहन बड़ा फुर्तीला था। उसने विपक्षी टीम से गेंद छीन ली। गोल-रक्षक अब्दुल ने गेंद को तुंरत रोककर वापस फेंक दिया और गोल होते-होते बच गया। इसी समय रेफरी महोदय ने मध्यावकाश की घोषणा कर दी। खेल रुक गया और खिलाड़ी थोड़ी देर के लिए विश्राम करने को चल दिए।

ठीक दस मिनट बाद खेल फिर शुरू होने की सीटी बजी। दोनों टीमों ने खेल शुरू कर दिया। दोनों टीमें एक-दूसरे को गेंद देते हुए उसे लेकर आगे बढ़ीं किंतु मोहन ने जोर से किक मारी, गेंद गोल के जाल से जा टकराई। चारों ओर से ‘गोल-गोल’ की आवाजें आने लगीं तथा जोर से तालियाँ बज उठीं। गेंद को फिर बीच में रखा गया और खेल फिर शुरू हुआ। खेल बड़े उत्साह से खेला जाने लगा। खेल समाप्त होने में केवल चार मिनटे शेष थे। थोड़ी देर बाद ही लम्बी सीटी बजी और खेल समाप्त हो गया।

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Gulliver in Lilliput Class 6 English Chapter 8 Question Answer UP Board Solutions

UP Board Class 6th English Chapter 8 Gulliver in Lilliput Questions and Answers

कक्षा 6 अंग्रेजी पाठ 8 के प्रश्न उत्तर

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput.

Gulliver in Lilliput

TRANSLATION OF THE LESSON (पाठ का हिन्दी अनुवाद)

Once, there……………………………with them.
हिन्दी अनुवाद – एक नाविक था जिसका नाम गुलीवर था। वह अपने साथियों के थ एक लम्बी समुद्री यात्रा पर निकला। एक दिन समुद्र में भयानक तूफान आया।

उसका जहाज डूब गया परन्तु गुलीवर तैरकर पास ही एक द्वीप पर पहुँच गया। वह लिलिपुट द्वीप था। जब वह वहाँ पहुँचा, वह बहुत थक गया था। जल्दी ही वह गहरी नींद में सो गया। (UPBoardSolutions.com) जब वह सोया हुआ था, तब सैकड़ों छोटे-छोटे लोग वहाँ आए और उन्होंने उसे रस्सियों से बाँध दिया। जब वह उठा तब इतने छोटे-छोटे लोगों को देखकर आश्चर्यचकित हुआ। जल्दी ही वह उनका मित्र बन गया।

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They untied………………………………..’Good Bye’.
हिन्दी अनुवाद – उन्होंने रस्सियाँ खोल दी और उसे भोजन दिया। उनकी रोटियाँ इतनी छोटी थीं कि वह एक साथ दस रोटियाँ खो गया। दोपहर के भोजन में उसने हज़ार रोटियाँ, सौ फूलगोमियाँ और सौ भेड़ें खाईं।

छोटे लोग उसे अपने राजा और रानी के पास ले गए। राजा का हाथ इतना छोटा था कि गुलीवर ने हाथ मिलाने के लिए अपनी केवल एक उँगली का प्रयोग किया। प्रत्येक वस्तु वहाँ इतनी छोटी थी कि वह लिलिपुट के ओटे-छोटे लोगों के बीच एक विशाल राक्षस की भाँति प्रतीत होता था। वे छोटे लोग बहुत दयालु और सहायक थे। उन्होंने उसके लिए एक नांव बनाई। गुलीवर के घर जाने का समय आ गया।

वह अपने प्रिय मित्रों से दूर जाने से बहुत उदास था। वह अपनी नाव में बैठा और यात्रा पर निकल पड़ा और छोटे-छोटे लोगों ने हाथ हिलाकर उसे ‘अलविदा’ कहा।

EXERCISE (अभ्यास)

Comprehension Questions

Question 1.
Answer the following questions :
Answer:
Question a.
What was the name of the sailor?
Answer:
The sailor’s name was Gulliver.

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Question b.
Name the island Gulliver reached after the storm.
Answer:
Lilliput.

Question c.
What were the people of Lilliput like?
Answer:
The people of Lilliput were very tiny but they proved out to be very kind and helpful.

Question d.
What did Gulliver eat for lunch?
Answer:
Gulliver ate a thousand loaves of bread, a hundred cauliflowers and a hundred sheep for lunch.

Question e.
According to you, what was the funniest thing about the people of Lilliput?
Answer:
The Lilliputians were so tiny as compared to the giant-sized Gulliver, yet they thought that their thread-like ropes could hold Gulliver for long. If was the funniest thing about them.

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Question 2.
Correct the following sentences and rewrite them :
Answer:
Question a.
Gulliver was a pilot.
Answer:
Gulliver was a sailor.

Question b.
Gulliver tied the tiny people.
Answer:
The tiny people tied Gulliver.

Question c.
The tiny people were not helpful.
Answer:
The tiny people were helpful.

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Question d.
The king made a boat for Gulliver.
Answer:
The tiny people made a boat for Gulliver.

Word Power

Question 1.
Words having the same pronunciation but different meanings are called homophones. Use the following homophones in sentences of your own to bring out the difference in meaning :
Answer:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput img-1
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput img-2

Language Practice

Question 1.
Frame questions for the statements using what, when, why and where. One is done for you:
Answer:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput img-3

Question 2.
Read the following passage and answer the given questions :
There was a parrot named Mitthu. Mitthu loved to eat green chillies. It loved to fly. It had beautiful green feathers and a red beak.

Question 1.
What was the name of the parrot?
Answer:
Its name was Mitthu.

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Question 2.
What did it love to eat?
Answer:
It loved to eat green chillies.

Question 3.
What was the colour of its beak?
Answer:
Red colour.

Activity

“Making a Cup of Tea”

Complete the composition with the help of the words given in the box:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 8 Gulliver in Lilliput img-4
Pour water in a kettle. Place the kettle on the stove. When the water boils, add tea-leaves to it. Now add milk and let it boil. Add sugar and boil for few more minutes. Now the tea is ready to serve. Take a strainer and pour the tea into the cup. Now enjoy the sip.

You get one extra zero toward the left to make it as fifteen thousandths. … .0001=ten thousandths place … it should be read as fifteen thousandth.

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The Honest Woodcutter Class 6 English Chapter 7 Question Answer UP Board Solutions

UP Board Class 6th English Chapter 7 The Honest Woodcutter Questions and Answers

कक्षा 6 अंग्रेजी पाठ 7 के प्रश्न उत्तर

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 7 The Honest Woodcutter.

The Honest Woodcutter

TRANSLATION OF THE LESSON (पाठ का हिन्दी अनुवाद)

Once there………………………………. started crying.
हिन्दी अनुवाद – एक बार एक लकड़हारा था जो गाँव में रहता था। वह बहुत ईमानदार आदमी था। एक बार वह अपनी कुल्हाड़ी से लकड़ी काट रहा था। उस दिन बहुत गर्मी थी। उसे (UPBoardSolutions.com) प्यास लगी और वह नदी पर पानी पीने गया। उसके हाथ से कुल्हाड़ी फिसल गयी और नदी में गिर गयी। लकड़हारा रोने लगा।

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The river……………………………………. made of iron.
हिन्दी अनुवाद – (नदी की देवी ने उसका रोना सुना और उस पर दया आ गई। वो पानी से बाहर आ गईं।)
देवी : तुम क्यों रो रहे हो?
लकड़हारा : मेरी कुल्हाड़ी नदी में गिर गयी है। अब मैं क्या करूँगा? मैं अपने परिवार के लिए कैसे कमाऊँगा? (नदी की देवी पानी में गईं और सोने की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आईं।)
देवी : क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?
लकड़हारा : नहीं! नहीं! यह सोने (UPBoardSolutions.com) की कुल्हाड़ी है परन्तु मेरी कुल्हाड़ी तो लोहे की है। (नदी की देवी दोबारा पानी में गई और वह एक चाँदी की कुल्हाड़ी लेकर आईं।)
देवी : क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?
लकड़हारा : नहीं! नहीं! यह चाँदी की कुल्हाड़ी है परन्तु मेरी कुल्हाड़ी तो लोहे की है।

The river ………………………my family.
हिन्दी अनुवाद – (नदी की देवी पानी में फिर से गईं और एक लोहे की कुल्हाड़ी लेकर आईं।)
देवी : क्या यह तुम्हारी है?
लकड़हारा : हाँ! हाँ! यही मेरी कुल्हाड़ी है।
देवी : तुम बहुत ईमानदार इंसान हो। मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ। तुम्हारी ईमानदारी के लिए मैं तुम्हें इनाम देंगी। (उन्होंने सोने, चाँदी और लोहे की (तीनों) कुल्हाड़ियाँ लकड़हारे को दे दीं।
लकड़हारा : धन्यवाद देवी! आपने मुझे और मेरे परिवार को बचाया है।

EXERCISE (अभ्यास)

Comprehension Questions

Question 1.
Answer the following questions :
Answer:
Question a.
What was the woodcutter doing?
Answer:
The woodcutter was cutting wood with his axe, on a very hot day.

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Question b.
How did his axe fall into the river?
Answer:
While he was drinking water from the river, his axe accidently slipped from his hand and fell into the river.

Question c.
Why did the woodcutter stat crying?
Answer:
The woodcutter was worried to think how he would earn for his family. So, he sarted crying

Question d.
Who came out of the water?
Answer:
The River Goddess came out of water.

Question e.
Why was the River Goddess pleased?
Answer:
The River Goddess was pleased to see the honesty of the woodcutter.

Question f.
How did the River Goddess reward the woodcutter?
Answer:
The River Goddess rewarded the woodcutter by giving him all the three axes.

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Question g.
Honesty is the best policy. Discuss.
Answer:
Honesty is one of the most desirable character traits in us. If we are honest and truthful God will always reward us in one way or the other. Therefore, honesty is the best policy.

Question h.
The woodcutter’s axe was made of ——————————-
Answer:

  1. gold
  2. iron (TM) (✓)
  3. silver

Question i.
————————-came out of the river.
Answer:

  1. River God
  2. River Witch
  3. River Goddess (✓)

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Word Power

Question 1.
Write the opposites of the following words:
Answer:
a. dishonest honest
b. come go
c. cold hot
d. laugh cry
e. punish reward
f. sad happy

Language Practice

Question 1.
Material noun is the name of a substance with which things are made.
Example – cotton, plastic, milk, cement, silver
Choose the material noun from the box and fill in the blanks :
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 7 The Honest Woodcutter img-1
Answer:
a. The chair is made of wood.
b. The ring is made of gold.
c. The red bucket is made of plastic.
d. The Taj Mahal is made of marble .
e.The jacket is made of leather.
f. The window is made of glass.

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Question 2.
Answer the following questions in ‘Yes’ or ‘No’. One is done for you :
Will you come to school tomorrow?
No, I will not come to school tomorrow.
Answer:
a. Do you love to play outdoor games?
Yes, I love to play outdoor games.
b. Is Aruna a good dancer?
No, Aruna is not a good dancer.
c. Are the children going to watch a movie?
Yes, the children are going to watch a movie.
d. Were the boys playing football yesterday?
No, the boys were not playing football yesterday.

Activity
Do you think that the woodcutter was right? Give reasons for your answer.
Answer:
Yes, the woodcutter was right because he was truthful in saying that he had lost his iron axe. One time’s greed would not have ensured his (UPBoardSolutions.com) survival for the lifetime. He needed. only iron axe which could strongly cut the wood and help him earn some income regularly.

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What would you do if you find a pencil box in the playground?
Answer:
I would give it to my class teacher or school’s reception so that the student who had lost it could be able to get it.

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The Magic Show Class 6 English Chapter 3 Question Answer UP Board Solutions

UP Board Class 6th English Chapter 3 The Magic Show Questions and Answers

कक्षा 6 अंग्रेजी पाठ 3 के प्रश्न उत्तर

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 3 The Magic Show.

The Magic Show

TRANSLATION OF THE LESSON (पाठ का हिन्दी अनुवाद)

Karishma is a………………………………………………………………………….. magic tricks.
हिन्दी अनुवाद – करिश्मा एक छोटी, सुंदर गाँव की लड़की है। वह अपने दादा-दादी के साथ ढोलकपुर नाम के गाँव में रहती है। वह अपनी दादी से बहुत प्यार करती है। एक बार, उसकी प्यारी दादी उसे पास के शहर गाज़ीपुर ले जाती है, जादू का शो देखने।।

(वे हॉल में घुसते हैं।)

करिश्मा : वाह, कितना रंगीन हॉल है ये!
दादी : हाँ, हॉल बहुत बड़ा है और चटकीले रंगों से सजा हुआ है।
करिश्मा : मैं जादू देखने के लिए बहुत उत्साहित हूँ।
दादी : मैं भी।
कृरिश्मा : हे भगवान! उन्होंने बत्तियाँ बन्द कर दीं। मैं देख नहीं पा रही। चारों तरफ अंधेरा है।
दादी : चुप रहो और मंच पर देखो। एक धीमी रोशनी है वहाँ (गणेश वंदना से शो शुरू होता है।)
करिश्मा : दादी देखो, कितने सुंदर कपड़ों में हैं वो।
दादी : हाँ प्रिय। (UPBoardSolutions.com)
करिश्मा : वह बीच में मोटा आदमी कौन है?
दादी : (आदमी की ओर इशारा करते) वो आदमी जो नीली पोशाक पहने है और हाथ में जादू की छड़ी लिए है?
करिश्मा : हाँ दादी ।। दादी : वह जादूगर है। वह जादू के करतब करता है।

(The magician ……………………………………………………….is a magician.)
(हिन्दी अनुवाद – (जादूगर जादू का एक खाली बॉक्स दर्शकों को दिखाता है और कुछ मंत्र बोलता है। लाल, गुलाबी, हरे, पीले, नारंगी रंग के साटन के रिबन और विभिन्न फूलों की पंखुड़ियाँ उसमें से निकलने लगती है।)
करिश्मा : कितना अद्भुत है ये।
दादी : हाँ है तो

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(जादूगर करिश्मा को मंच पर बुलाता है और उससे दस रुपये का सिक्का लेता है। वो अपना हाथ बंद करता है, और कुछ मंत्र कहता है। सिक्का गायब हो जाता है।)
करिश्मा : मेरा सिक्का कहाँ है|
जादूगर : (हँसते हुए) कौनसा सिक्का|
करिश्मा : जो मैंने आपको दिया था।
जादूगर : नहीं, तुमने मुझे कोई सिक्का नहीं दिया है। अपनी जेब में ढूंढो।

(आश्चर्यजनक रूप से, उसे सिक्का अपनी जेब (UPBoardSolutions.com) में मिल जाता है। सभी तालिया बजाते हैं। एक के बाद एक, जादूगर कई करतब दिखाता है। लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।)
करिश्मा : दादी, कितने अच्छे से वह ये करता है!
दादी : हाँ, तबी तो वो जादूगर है!

EXERCISE (अभ्यास)

Comprehension Questions

Question 1.
Answer the following questions :
Answer:
Question a.
Why did Karishma’s granny take her to the city?
Answer:
Krishma’s granny took her to the city Ghazipur to show her a magic show.

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Question b.
How was the magician dressed up?
Answer:
The magician was wearing a blue dress and had a magic stick in his hand.

Question c.
What came out of the empty magic box?
Answer:
Red, pink, green, yellow and orange coloured satin ribbons and petals of different flowers came out of the empty magic box.

Question d.
Who did the magician call to the stage?
Answer:
The magician called Karishma to the stage.

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Question e.
Which trick did you like the most and why?
Answer:
The trick I like the most was when the magician made the coin disappear and it turned out to be back in Karishma’s pocket. I liked it the most because it was an unbelievable and hair-raising magic trick.

Word Power

Question 1.
Fill in the blanks with the words given in the box:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 3 The Magic Show img-1
Answer:

  1. The children left the audience spellbound with their outstanding performance.
  2. My grandmother lives in a village.
  3. There was a magician in my friend’s birthday party.
  4. There are many colourful flowers in the garden.

Language Practice

Question 1.
Underline the adjectives in the given sentences and frame sentences of your own with the same adjective in the space given below :
Answer:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 3 The Magic Show img-2

Activity

UP Board Solutions

Question 1.
Magic Trick
STEP-1 : Think of a number
STEP-2 : Multiply it by 3
STEP-3 : Add 6
STEP-4 : Divide it by3
STEP-5 : Subtract the number chosen in STEP-1 from your answer in STEP-4
Answer:
2

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