UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 नीति के दोहे (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 नीति के दोहे (मंजरी)

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समस्त पद्याशों की व्याख्या
(क) कबीरदास

दुर्बल को न ………………….. स्वै-जाय ।।1।।

संदर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी के “नीति के दोहे” नामक पाठ से लिया गया है। यह दोहा महान सन्त कबीरदास जी द्वारा रचित है।

प्रसंग प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने दुर्बलों को न सताने की शिक्षा दी है।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि असहाय, निर्बल व्यक्ति (UPBoardSolutions.com) को दुख नहीं देना चाहिए, क्योंकि उसकी हाय बहुत बुरी होती है। यदि मरी खाल की धौंकनी से लोहा गर्ल सकता है, तो जीवित (मनुष्यों) की आह से क्या नहीं हो सकता।

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मधुर वचन ……………….. सरीर ।।2।।

संदर्भ – पूर्ववत् ।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि मीठी वाणी सभी को प्रिय लगती है।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि मीठे (प्रिय) वचन दवाई के समान प्राणरक्षक होते हैं; जबकि तीखे (कड़वे) वचन तीर के समान होते हैं और कानों से होते हुए सारे शरीर को छेद डालते हैं। आशय यह है कि मीठी वाणी बोलनी चाहिए।

बुरा जो ……………………. न कोय ।।3।।

संदर्भ – पूर्ववत्।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि मनुष्य को दूसरों के अवगुणों को छोड़कर स्वयं के अवगुणों को देखना चाहिए।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि मैं दूसरे लोगों में बुराई देखने चला; परन्तु मुझे कोई बुरा आदमी नहीं । मिल सका। जब मैंने अपने दिल में झाँककर देखा; तब मुझे पता चला कि मैं सबसे बुरा हूँ; क्योंकि मुझमें अनेक अवगुण हैं। आशय यह है कि दूसरों की बुराई देखना ठीक नहीं । अपनी बुराई (दोष) देखकर उसे दूर करना चाहिए।

साधु ऐसा …………………… उड़ान ।।4।।

संदर्भ – पूर्ववत।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि संसार में अच्छी और बुरी दोनों (UPBoardSolutions.com) चीजें हैं लेकिन हमें सिर्फ अच्छी चीजों को ही ग्रहण करना चाहिए बुरे पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते है कि संसार में अच्छाई और बुराई दोनों विमान हैं लेकिन मनुष्य को चाहिए कि वह सिर्फ अच्छाई को ही ग्रहण करे और बुराई पर ध्यान न दे। जैसे सूप द्वारा जब अनाज को साफ किया जाता है तो सारी गंदगी बाहर निकल जाती है और सिर्फ अच्छा अनाज बच जाता है। अतः सूप से सीख लेनी चाहिए।

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धीरे-धीरे …………………….. फल होय ।।5।।

संदर्भ – पूर्ववत।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि किसी भी कार्य के नतीजे (फल) के लिए हमें धैर्य रखना चाहिए।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि संसार मे कोई भी कार्य समय पर होता है; जैसे माली पेड़ को साल भर सींचता है लेकिन फल ऋतु आने पर ही लगते हैं अर्थात हमें किसी भी काम के नतीजे (प्रतिफल) के लिए इंतजार करना चाहिए, धैर्य रखना चाहिए।

(ख) रहीम
वे रहीम ………………….. को रंग ।।1।।

संदर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘नीति के दोहे’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता रहीमदास हैं।

प्रसंग – यह रहीम जी की नीति मूलक दोहा है। इसमें जीवन मूल्यों का सरस वर्णन हुआ है।’

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि वे लोग धन्य हैं जो परोपकारियों के साथ रहते हैं। उन्हें भी परोपकार का फल मिलता है। मेंहदी बाँटने वालों के भी हाथ लाल हो जाते हैं।

रहिमन पानी …………….. मानुस चून ।।2।।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत्।

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि पानी बचाकर रखना चाहिए क्योंकि बगैर पानी सब कुछ सूना होता है। पानी के चले जाने पर मोती, मनुष्य और चूना ये तीनों महत्त्वहीन हो जाते हैं। मोती का पानी (चमक) के बिना, मनुष्य का पानी (प्रतिष्ठा) के बिना और चूने का पानी (जल) के बिना, कुछ महत्त्व नहीं होता।

रहिमन………………. कोय ।।3।।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत।

व्याख्या – रहीम जी कहते है कि मनुष्य को अपने दुखों को अपने मन में ही रखनी चाहिए, किसी और को नहीं बतानी चाहिए। क्योंकि हम अगर अपने दुखों को किसी और को बताएँगे तो वह हमारा दुख तो कम नहीं करेगा बल्कि हमारी हँसी अवश्य उड़ाएगा।

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जो बड़ेन ………….. नाहिं ।।4।।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत।

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि अगर कोई योग्य व्यक्ति की बुराई करता है तो वह अपनी हीनता को ही प्रदर्शित करता है क्योंकि जो वास्तव में अच्छा है वह किसी के कहने भर से बुरा नहीं हो जाएगी। अतः हमें किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए।

समय ………….. टूक ।।5।।

संदर्भ – पूर्ववत।

प्रसंग – रहीम जी ने इस दोहे के माध्यम से समय के महत्व को बताया है।

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि हमें समय के (UPBoardSolutions.com) महत्व को समझना चाहिए। जो मनुष्य समय के महत्त्व को नहीं समझता वह समय निकल जाने पर पछताता है और दुखी होता है तथा सोचता है कि काश हमने समय के महत्त्व को पहचाना होता।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को-

नोट- विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

पाठ से

प्रश्न 1.
नीचे कुछ वाक्य लिखे गए हैं। इनसे सम्बन्धित दोहों को उसी क्रम में लिखिए –

(क) मधुर वाणी औषधि का काम करती है तथा कठोर वाणी तीर की तरह मन को बेध देती है।
उत्तर :
मधुर बचन है औषधि, कटुक बचन है तीर। सेवन द्वार हुवै संचरे, सालै सकल सरीर।

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(ख) कोई भी कार्य समय पर ही होता है।
उत्तर :
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय।।

(ग) अपने दुख को कहीं उजागर नहीं करना चाहिए।
उत्तर :
रहिमन निज मन की व्यथा, मन ही राखो जोय।
सुनी अटिलैहें लोग सब, बॉटि न लैहें कोय।।

(घ) परोपकार करने वाले लोग प्रशंसनीय होते हैं।
उत्तर :
वें रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।
बाँटनवारे को लगे, ज्यों मेंहदी को रंग।।

(ङ) दूसरे लोगों में बुराई देखना ठीक नहीं।
उत्तर :
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिलिया कोय।।
जो दिल खोजा आपनो, मुझ-सा बुरा ना कोय ।।

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प्रश्न 2.
निम्नांकित पंक्तियों के अर्थ स्पष्ट कीजिए
नोट – विद्यार्थी सभी पंक्तियों के अर्थों के लिए सम्बन्धित व्याख्या देखें।

प्रश्न 3.
माली के दुवारा लगातार पेड़ों को सींचने पर भी फल क्यों नहीं आते हैं?
उत्तर :
क्योंकि कोई भी काम अपने समय पर होता है। घबराने से कुछ नहीं होता।

प्रश्न 4.
अपने मन की व्यथा को अपने मन में ही क्यों रखना चाहिए?
उत्तर :
क्योंकि कोई भी हमारी व्यथा (UPBoardSolutions.com) कम नहीं करता, बल्कि हमारी हँसी उड़ाता है।

भाषा की बात।

प्रश्न 1.
‘स्रवन द्वार ह्वै संचरे, सालै सकल सरीर’ पंक्ति में ‘स’ वर्ण की आवृत्ति कई बार होने से कविता की सुन्दरता बढ़ गयी है। जहाँ एक वर्ण की आवृत्ति बार-बार होती है, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण पुस्तक से ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर :

  1. धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।।
  2. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

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प्रश्न 2.
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती मानस चून।।
उपर्युक्त दोहे में ‘पानी’ शब्द के तीन अर्थ हैं –
मोती के अर्थ में – कांति (चमक)
मनुष्य के अर्थ में – प्रतिष्ठा, सम्मान
चूने के अर्थ में – जल
एक ही शब्द के कई अर्थ होने से यहाँ श्लेष अलंकार है। श्लेष अलंकार का एक और उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
मंगन को देखि ‘पट’ देत बार-बार है।

यहाँ ‘पट’शब्द के दो अर्थ हैं – कपड़ा और द्वार। (UPBoardSolutions.com) इसमें श्लेष अंलकार है। ‘श्लेष’ का अर्थ होता है। ‘चिपका होना’ अर्थात् जहाँ एक ही शब्द में कई अर्थ चिपके हों।

प्रश्न 3.
पाठ में आये निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए (रूप लिखकर) –

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प्रश्न 4.
कुछ ऐसे शब्द होते हैं, जिनके अलग-अलग अर्थ होते हैं, जैसे – ‘तीर’ का अर्थ है ‘बाण’ और ‘नदी’ का किनारा निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिए (अर्थ लिखकर) –

  • पट – कपड़ा, द्वार (दरवाजा)
  • दर – दरवाजा (चौखट), दरबार
  • कर हाथ, एक क्रिया (करना)
  • जड़ – किसी वनस्पति का वह भाग जो जमीन के अन्दर रहे, मूर्ख,
  • गोली – बन्दूक या तमंचे से निकलने वाली घातक वस्तु, कंचा
  • सारंग – सिंह, हाथी

इसे भी जानें 

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नोट – विद्यार्थी ध्यान से पढ़ें।

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UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 2 पदार्थ एवें पदार्थ के समूह

UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 2 पदार्थ एवें पदार्थ के समूह

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पदार्थ एवें पदार्थ के समूह

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए-
(क) वर्गीकरण आवश्यक होता है –
(i) वस्तुओं को व्यवस्थित रखने हेतु
(ii) वस्तुओं एवं पदार्थों के गुणों को आसानी से समझने हेतु ।
(iii) विद्यालय के पुस्तकालय हेतु
(iv) सभी हेतु (✓)

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(ख) किसी द्रव को गरम करने पर वह बदल जाता है –
(i) ठोस में
(ii) गैस में (✓)
(iii) किसी में नहीं
(iv) जलवाष्प में

(ग) गैस को किसी बर्तन में रखने पर वह –
(i) उसकी तल में बैठ जाएगी।
(ii) उसमें पूरी तरह से फैल जाएगी। (✓)
(iii) उसके केवल ऊपरी हिस्से में फैलेगी।
(iv) उसको खाली कर देगी।

(घ) पदार्थ की निर्माण इकाई है –
(i) परमाणु (✓)
(ii) इलेक्ट्रॉन
(iii) प्रोटॉन
(iv) न्यूट्रॉन

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गए सही शब्द की सहायता से कर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए –
उत्तर :

  1. ठोस का आकार निश्चित होता है।
  2. अगरबत्ती की सुगन्ध गैसीय गुण के कारण कमरे में फैल जाती है।
  3. नमक पानी में घुल जाता है।
  4. अणु पदार्थ का वह सूक्ष्मतम कण है जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है।

प्रश्न 3.
अधोलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए-
(क) पदार्थ की तीन अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर :
पदार्थ की तीन अवस्थाएँ निम्न हैं –

  1. ठोस
  2. द्रव
  3. गैस।

(ख) पदार्थ की उस अवस्था का नाम लिखिए जिसमें पदार्थ का आयतन और आकृति दोनों निश्चित होते हैं।
उत्तर :
पदार्थ की ठोस अवस्था में पदार्थ का आयतन और आकृति निश्चित रहते हैं।

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(ग) पदार्थों के वर्गीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
पदार्थों को उनके सामान्य लक्षणों के आधार पर (UPBoardSolutions.com) अलग-अलग समूह में व्यवस्थित करने की क्रिया को वर्गीकरण कहते हैं।

(घ) पारभासी किसे कहते हैं?
उत्तर :
वे पदार्थ जिनके द्वारा धुंधला या आंशिक रूप से आर-पार देखा जा सकता है, वे पारभासी कहलाते हैं। जैसे तेल लगा कागज, पेंट लगा काँच आदि।

प्रश्न 4.
कारण बताइए
(क) द्रव पदार्थों की आकृति निश्चित नहीं होती है।
उत्तर :
द्रव के अणु दूर-दूर होते हैं तथा अणुओं के बीच का आकर्षण बल कम होता है। इस कारण द्रव पदाथों की आकृति निश्चित नहीं होती है।

(ख) जल से भरा गिलास खाली गिलास की अपेक्षा भारी होता है।
उत्तर :
जल से भरा गिलास व खाली गिलास दोनों का आयतने समान होता है। जल के अणु निकट होने के कारण जल से भरे गिलास में गिलास के साथ जल का भार भी होता है, जबकि खाली गिलास में केवल (UPBoardSolutions.com) गिलास का भार होता है क्योंकि खाली गिलास में उपस्थित वायु के अणु दूर-दूर होने के कारण उनका भार नगण्य होता है। इस कारण जल से भरा गिलास खाली गिलास की अपेक्षा अधिक भारी होता है।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-
(क) एक प्रयोग बताएँ जिससे स्पष्ट होता है कि पदार्थ स्थान घेरता है।
उत्तर :
एक गुब्बारा लें, उसमें फैंक द्वारा हवा भरें। हवा भरने पर गुब्बारा फूलने लगता है और स्थान घेरता है।
अतः स्पष्ट है कि पदार्थ स्थान घेरता है।

(ख) किसी पदार्थ को ठोस अवस्था से द्रव अवस्था तथा द्रव अवस्था से ठोस अवस्था में कैसे बदला जा सकता है?
उत्तर :
किसी वस्तु के ताप में परिवर्तन करके उसकी अवस्था में परिवर्तन किया जा सकता है, जैसे – बर्फ को अधिक तापमान में रखने पर ठोस अवस्था (बर्फ) से द्रव अवस्था (पानी) में तथा पानी को 0°C तक ठंडा करने पर द्रव अवस्था (पानी) से ठोस अवस्थी (बर्फ) में परिवर्तित किया जा सकता है।

(ग) ठोस, द्रव और गैस में अन्तर उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
ठोस – ठोस पदार्थों में कण बहुत पास-पास होते हैं, इनमें आपसी आकर्षण बल बहुत अधिक होता है जो इन्हें एक साथ बाँधे रखता है। ठोस के कण स्थिर होने के कारण इनकी आकृति एवं आयतन निश्चित होते हैं।
उदाहरण- काँच।।
द्रव – द्रव के अणु एक दूसरे से दूर-दूर होते हैं, और (UPBoardSolutions.com) आपसी आकर्षण बल ठोस की तुलना में । कम होता है। इसी कारण द्रव की आकृति निश्चित नहीं होती। किन्तु इनको आयतन निश्चित होता है।
उदाहरण-जल।
गैस – गैसीय पदार्थों में कण अपेक्षाकृत बहुत-दूर-दूर होता है और इनमें आपसी आकर्षण बल नहीं के बराबर होता है।
उदाहरण- ऑक्सीजन।

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प्रश्न 6.
पारदर्शिता के आधार पर पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं, उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर :
पारदर्शिता के आधार पर पदार्थ को पारदर्शी, अपारदर्शी तथा पारभासी में वर्गीकृत किया जाता है।

प्रश्न 7.
परिवेश में पायी जाने वाली तीन-तीन कठोर व मुलायम वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर :
कठोर- लोहा, लकड़ी, काँच मुलायम- रबर की गेंद, स्पंज, ऊन

प्रश्न 8.
चुम्बक किन-किन पदार्थों से निर्मित वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
उत्तर :
चुम्बक लोहे से बनी वस्तुओं को अपनी ओर (UPBoardSolutions.com) खींच लेता है। लोहे के अतिरिक्त चुम्बक, निकेल, कोबाल्ट जैसी अल्य धातुओं से बनी वस्तुओं को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।

प्रश्न 9.
अपने आस-पास दिखायी देने वाली वस्तुओं को पारदर्शी, अपारदर्शी तथा पारभासी में चिह्नित कर उनकी सूची बनाइए।
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 2 पदार्थ एवें पदार्थ के समूह img-1

प्रश्न 10.
पदाथों का वर्गीकरण क्यों आवश्यक है। इस सम्बन्य में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
किसी वस्तु की पहचान इसके आकार, बनावट, रंग, उपयोग आदि के आधार पर की जाती है। जब हम वस्तुओं को उनके विशेष गुणों, उपयोग आदि के आधार पर अलग-अलग समूहों में रखते। हैं, तब उनकी पहचान आसानी से की जा सकती है। वस्तुओं को उनके सामान्य लक्षणों के आधार पर अलग-अलग समूह में व्यवस्थित करने की (UPBoardSolutions.com) क्रिया को वर्गीकरण कहते हैं। पदार्थ की बाह्य संरचना के आधार पर वर्गीकरण भौतिक वर्गीकरण कहलाता है तथा आन्तरिक संरचना के आधार पर वर्गीकरण रासायनिक वर्गीकरण कहलाता है।

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● नोट – प्रोजेक्ट कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 1 दैनिक जीवन में विज्ञान

UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 1 दैनिक जीवन में विज्ञान

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Class 6 Science MCQ Questions.

दैनिक जीवन में विज्ञान

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-
उत्तर
(क) गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त दिया है
(i) वोल्टा ने
(ii) न्यूटन ने (✓)
(iii) सी. वी. रमन ने
(iv) एस. एन. बोस ने

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(ख) वैज्ञानिक विधि का चरण नहीं है-
(i) जिज्ञासा (✓)
(ii) परीक्षण
(iii) सिद्धान्त
(iv) निरीक्षण

(ग) भारतीय वैज्ञानिक हैं-
(i) एडीसन
(ii) मैडम क्यूरी
(iii) गैलिलियो
(iv) हरगोविन्द खुराना (✓)

(घ) ओजोन पर्त में छिद्र का कारण है-
(i) जल प्रदूषण
(ii) ध्वनि प्रदूषण
(iii) वायु प्रदूषण (✓)
(iv) इनमें से कोई नहीं

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) दो भारतीय और दो विदेशी वैज्ञानिकों के नाम लिखिए।
उत्तर
दो भारतीय वैज्ञानिक जे० सी० बोस और डा० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम तथा दो विदेशी वैज्ञानिक एडीसन और मारकोनी हैं।

(ख) विज्ञान के दुरुपयोग से होने वाली किन्हीं दो समस्याओं को लिखिए।
उत्तर
विज्ञान हमें अपने चारों ओर की वस्तुओं तथा घटनाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त करने में। सहायता करता है। विज्ञान विकास तथा आविष्कारों में भी सहायता करता है।

विज्ञान का हमारे दैनिक जीवन में निम्नलिखित उपयोग है- गैस चूल्हा, प्रेशर कुकर आदि जिससे, भोजन आसानी से बन जाता है। ट्रैक्टर, हारवेस्टर आदि कृषि क्षेत्र में, यातायात के लिए रेल, मोटर, वायुयान, मनोरंजन के लिए रेडियो, टी०वी०, सिनेमा, संचार के क्षेत्र में टेलीफोन, मोबाइल फोन, चिकित्सा के लिए विभिन्न यंत्र व दवाएँ तथा (UPBoardSolutions.com) अन्तरिक्ष खोज के लिए चन्द्रयान् का सफल प्रक्षेपण, विज्ञान की ही देन हैं। जब इनकी कार्यप्रणाली में कोई कमी या बदलाव आ जाता है तो इसका दुष्प्रभाव देखने को मिलता है, जिसे हम विज्ञान का दुरुपयोग कहते हैं। जैसे- असन्तुलित और विज्ञान के असंयमित उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, जिससे मानव जीवन कष्टमय होता जा रहा है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में स्तम्भ (क) व स्तम्भ (ख) से मिलान कीजिए (मिलान करके) –
उत्तर
UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 1 दैनिक जीवन में विज्ञान img-1

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –
उत्तर

  1. एडूसेट एक दूरस्थ शैक्षणिक उपग्रह है।
  2. वायुयान वायु यातायात का साधन है।
  3. यूरिया के अत्यधिक उपयोग से मृदा प्रदूषण होता है।
  4. सुश्रुत प्राचीन काल में महान शल्य चिकित्सक थे।
  5. नागासाकी और हिरोशिमा परे परमाणु बम गिराया गया था।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए-
(क) दूर देशों की घटनाओं की सचित्र जानकारी देने वाला साधन का नाम लिखिए?
उत्तर
टेलीविजन।

(ख) विद्युत बल्ब के आविष्कारक?
उत्तर
एडीसन।

प्रश्न 6.
किन्हीं दो अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों के नाम लिखिए।
उत्तर
कल्पना चावला एवं राकेश शर्मा ।

प्रश्न 7.
चिकित्सा के क्षेत्र में वर्तमान में क्या प्रगति हुई हैं।
उत्तर
वर्तमान समय में चिकित्सा के क्षेत्र में अनगितंन प्रगति हुई है, जैसे- मलमूत्र तथा खून का परीक्षण, एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड, सीटीस्कैन, इन्डोस्कोपी आदि। जिसके द्वारा हम किसी भी भयंकर (UPBoardSolutions.com) से भयंकर बीमारी का तुरन्त पता चल जाता है और हम समय रहते उसका उपचार करा पाते हैं।

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प्रश्न 8.
वर्तमान समय में संचार माध्यम के साधन क्या-क्या हैं?
उत्तर
वर्तमान समय में संचार माध्यम के विभिन्न साधन हैं, जैसे- रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल फोन, इन्टरनेट, समाचारपत्र आदि हैं।

● नोट – प्रोजेक्ट कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 6 जीव जगत

UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 6 जीव जगत

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जीव जगत

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प को छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए (विकल्प चुनकर) –
(क) एक कोशिकीय जीव है –
(i) मनुष्य
(ii) केंचुआ
(iii) यूग्लीना (✓)
(iv) छिपकली

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(ख) मेरूदण्ड पायी जाती है-
(i) केंचुआ में
(ii) जोंक में
(iii) तिलचट्टा में
(iv) मछली में (✓)

(ग) अपुष्पी पौधे है –
(i) आम
(ii) फर्न (✓)
(iii) जामुन
(iv) केला

(घ) मूलरोम किसमें पाया जाता है?
(i) तना में
(ii) पत्ती में
(iii) जड़ में (✓)
(iv) पुष्प में।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथनों को पढ़कर उनके सामने सही के लिए सही का (✓) तथा गलत के लिए गलत (✗) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर) –
उत्तर:
(क) पौधों को भोजन की आवश्यकता होती है।    (✓)
(ख) जन्तुओं में वृद्धि जीवन पर्यंत होती है।          (✗)
(ग) अमीबा बहुकोशिकीय जीव है।            (✗)
(घ) पैरामीशियम एक सूक्ष्म जीव है।           (✓)
(ङ) रन्ध्र गैसों के आदान-प्रदान में सहायक होते हैं।   (✓)
(च) गेहूँ तथा धान बहुवर्षीय पौधे हैं।             (✗)
(छ) खरगोश अकशेरूकी है।                       (✗)
(ज) सूक्ष्म जीव हमें नग्न आँखों से नहीं दिखाई देते हैं।     (✗)

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –
उत्तर:
(क) भोजन से हमें कार्य करने के लिए ऊर्जा मिलती है।
(ख) सभी जन्तु तथा पौधे श्वसन की क्रिया में कार्बनडाइऑक्साइड गैस बाहर निकालता है।
(ग) कछुए का जीवनकाल लगभग 120-150 वर्ष होता है।
(घ) लाजवंती का पौधा स्पर्श के (UPBoardSolutions.com) प्रति संवेदनशील है।
(ङ) अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं।
(च) पादप मिट्टी से मूलरोम की सहायता से जल एवं खनिज लवणों का अवशोषण करते हैं।

प्रश्न 4.
स्तम्भ ‘क’ का स्तम्भ ‘ख’ से मिलान कीजिए (मिलान करके) –
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 6 जीव जगत img-1

प्रश्न 5.
मक्का, प्याज, सरसों तथा बैगन में पायी जाने वाली जड़ों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मक्का = झकड़ा जड़, प्याज = मूसला जड़, सरसों = मूसला जड़, बैगन = मूसला. जड़

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प्रश्न 6.
मूसला जड़ तंत्र का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 6 जीव जगत img-2

प्रश्न 7.
किन्हीं तीन पौधों के नाम लिखिए जिनमें जड़, तना तथा पत्ती नहीं पाई जाती है।
उत्तर:
बैक्टीरिया, कवक तथा शैवाल में जड़, तना तथा पत्ती नहीं पाई जाती है।

प्रश्न 8.
किन्हीं दो बहुवर्षीय पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर:
आम तथा गुड़हल बहुवर्षीय पौधे हैं।

प्रश्न 9.
शाक, झाड़ी तथा वृक्षों के पाँच-पाँच उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
शाक – मक्का, पालक, सरसों, मटर, बैगन।
झाड़ी – गुलाब, जंगली बेर, करौंदा, नीलकाँटा, गुड़हल।
वृक्ष – नीम, आम, बरगद, पीपल, चीड़।

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प्रश्न 10.
शाकाहारी, मांसाहारी तथा सर्वाहारी जन्तुओं के पाँच-पाँच नाम लिखिए।
उत्तर:
शाकाहारी – खरगोश, गाय, हाथी, बकरी, घोड़ा।
मांसाहारी – शेर, चीता, गीदड़, तेंदुआ, चील।
सर्वाहारी – मनुष्य, बिल्ली, कुत्ता, कौआ, गौरैया।

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UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 5 तन्तु से वस्त्र तक

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तन्तु से वस्त्र तक

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प को छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए (लिखकर) –
(क) ऊन प्राप्त नहीं होते हैं-
(i) भेड़ के बाल से
(ii) ऊँट के बाल से
(iii) याक के बाल से
(iv) लंगूर के बाल से (✓)

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(ख) कृत्रिम रेशा है-
(i) रूई
(ii) जूट
(iii) नायलॉन (✓)
(iv) फ्लैक्स

(ग) कपास द्वारा निर्मित्त सामग्री है-
(i) डलिया
(ii) कागज (✓)
(iii) रस्सी
(iv) बोरा

(घ) एकल धागे से वस्त्र निर्माण की प्रक्रिया कहलाती है-
(i) रेटिंग
(ii) कताई
(iii) बुनाई
(iv) बंधाई (✓)

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथनों में सही के सामने (✓) तथा गलत के सामने (✗) का चिहुन लगाइए-
उत्तर:
(अ) धागों की बुनाई और बंधाई से वस्त्र बनाए जाते हैं।      (✓)
(ब) तंतु धागों से मिलकर बनते हैं।        (✗)
(स) जूट प्राप्त करने के लिए पटसन की फसल को पुष्पन अवस्था में काटते हैं।      (✓)
(द) रेशम रेशम कीट के कोकूने से रेशम का धागा प्राप्त किया जाता है।       (✓)
(य) कपास की खेती के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्त होती है।      (✗)

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर:
(अ) पादप रेशे कपास और जूट हैं।
(ब) ऊन और रेशम जन्तु रेशे हैं।
(स) कपास के बीज से तेल प्राप्त किया जाता है।
(द) पटसन के तने से जूट के रेशे प्राप्त किए जाते हैं।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए-
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 5 तन्तु से वस्त्र तक img-1

प्रश्न 5.
निम्नलिखित रेशों को पादप, जन्तु तथा संश्लेषित रेशों में बाँटिए-
( नायलॉन, जूट, ऊन, खई, रेशम, फ्लैक्स, पॉलिएस्टर
उत्तर:
पादप रेशा – जूट, फ्लैक्स, रूई।
जन्तु रेशा – ऊन, रेशम ।
संश्लेषित रेशा – नायलॉन, पॉलिएस्टर

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प्रश्न 6.
रूई तथा जूट पादप के किन भागों से प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
रूई (कपास) एक पादप रेशा है जिसे कपास (UPBoardSolutions.com) पौधे के बीज (बिनौलों) से प्राप्त किया जाता है जबकि जूट एक पादप रेशा है जिसे पटसन पौधे (सनई) के तने से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 7.
पटसन के तने से जूट के रेशे को किस प्रकार पृथक किया जाता है?
उत्तर:
फसल की कटाई के पश्चात पटसन पादपों की शाखाओं व पत्तियों की सफाई करके तने को बंडलों में बाँधकर तालाब अथवा किसी स्थान पर रुके हुए जल में डुबोकर रखते हैं। 4-5 दिनों के बाद पौधों के (UPBoardSolutions.com) मुलायम भाग गल जाते हैं और रेशे स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं। यह क्रिया जल में पाये जाने वाले जीवाणुओं द्वारा होती है। यह प्रक्रिया पटसन की रेटिंग कहलाती है। गले हुए पटसन के तने को हाथों से झटका देकर पीटा जाता है। तत्पश्चातू जूट के तंतुओं को खींचकर निकाला जाता है।

प्रश्न 8.
रेशों से धागा बनाते समय इसकी कताई करना क्यों आवश्यक होता है?
उत्तर:
कताई से रेशों की मजबूती बढ़ती है और उसे रील पर लपेटना संभव हो पाता है। इसी कारण रेखों से, धागा बनाते समय इसकी कताई करना आवश्यक है।

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प्रश्न 9.
कपास से सूती वस्त्र बनाने में प्रयुक्त प्रक्रमों को क्रम में लिखिए?
उत्तर:
तंतु/रेशा  →  धागा  →  कपड़ा  →  वस्त्र
तंतु या रेशों की कताई कर धागा बनाया जाता है। धागों की बुनाई कर कपड़ा बनाया जाता है। कपड़ों को सिलकर वस्त्र तैयार होता है।

प्रश्न 10.
कपास तथा जूट के रेशों के दो-दो उपयोग लिखिए?
उत्तर:
कपास के उपयोग –

  1. कपास की रूई का उपयोग कर सूती कपड़े, चादर, पर्दे बनाने में किया जाता है।
  2. कपास से विभिन्न प्रकार के (UPBoardSolutions.com) कागज बनाए जाते हैं।

जूट के उपयोग-

  1. जूट का उपयोग रस्सी, डलिया, बोरा, टाट-पटूटी, दरी आदि बनाने में किया जाता है।
  2. आजकल जूट से बनी सजावट की अनेक सामग्री भी मिलती है।

● नोट – प्रोजेक्ट कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।

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