UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 24 बाल गंगाधर तिलक (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 24 बाल गंगाधर तिलक (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

सन् 1857 ई० की क्रान्ति भारतीय इतिहास में विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है। इस क्रान्ति के फलस्वरूप देश स्वाधीन तो नहीं हो सका; किन्तु इससे स्वाधीनता प्राप्ति के प्रयासों को बल मिला। बाल गंगाधर तिलक एक आदर्श शिक्षक और सफल पत्रकार थे। 1881 में तिलक की सामाजिक सेवा का दूसरा दौर चला। इन्होंने मराठी भाषा में ‘केसरी’ समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया। अँग्रेज़ी भाषा में ‘मराठा’ पत्र भी साथ ही निकलने लगा। ‘मराठा’ और (UPBoardSolutions.com) ‘केसरी’ समाचार पत्रों में अँग्रजों की अनुचित नीतियों और अत्याचारी का खुलकर विरोध किया जाता था।

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कलकत्ता में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन के अवसर पर एक सार्वजनिक सभा में गीता पर इनका भाषण सुनकर छात्रों ने इन्हें मानपत्र दिया तथा इनका निर्देशक प्राप्त करना चाहा। तब से वे ‘लोकमान्य’ कहे जाने लगे। इन्होंने धार्मिक  उत्सव का आधार लेकर राजनीति की जड़ें मजबूत कीं। इस प्रकार तिलक को स्वदेशी आन्दोलन का सच्चा जन्मदाता कहा जा सकता है।
तिलक में असीम सहिष्णुता थी। देश के लिए इन्होंने बहुत यातना भोगी। जेल से छूटने के बाद ये । पुनः देश सेवा में लग गए। इन्होंने जनता को स्वशासन की प्रेरणा दी और होमरूल लीग की स्थापना की। वे देश में अपना शासन और (UPBoardSolutions.com) अपनी व्यवस्था चाहते थे। कांग्रेस में तिलक को प्रभुत्व जम रहा था। तिलक पूर्ण स्वराज्य हेतु निरन्तर संघर्ष करते रहे। 1 अगस्त, 1920 को भारतीयों को पूर्ण स्वराज्य हेतु उत्प्रेरित कर भारत-माता के ये सपूते सदा के लिए सो गए। इनकी मृत्यु के अवसर पर जन समूह की बाढ़ को देखकर विट्ठलभाई पटेल ने कहा था- “राजनीति को आराम कुर्सी वाले राजनीतिज्ञों से जनता तक ले आने का श्रेय लोकमान्य तिलक को ही है।” इनकी उँगली राष्ट्र की नाड़ी पर थी। ये जानते थे कि स्वाधीनता संग्राम में त्याग और कष्ट झेलने की (UPBoardSolutions.com) क्षमता जनता में कितनी है; इसीलिए इन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन को आगे बढ़ाया। वे सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता थे।”

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
बाल गंगाधर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर:
बाल गंगाधर का जन्म 23 जुलाई, 1856 ई० को (UPBoardSolutions.com) भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर स्थित रत्नागिरि गाँव में हुआ था।

प्रश्न 2:
“बाल गंगाधर तिलक स्वराज के मन्त्रदाता थे’, इस कथन की पुष्टि करिए।
उत्तर:
जेल में तिलक ने ‘गीता-रहस्य’ नामक विश्वविख्यात (UPBoardSolutions.com) पुस्तक लिखी। इस पुस्तक ने देश की राजनीति को स्वराज्य की ओर उत्प्रेरित किया। तिलक ने जनता को बताया कि कर्म का राष्ट्रीय फल ‘स्वराज्य’ है।

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प्रश्न 3:
बाल गंगाधर तिलक ने किन पत्रों का सम्पादन किया?
उत्तर:
बाल गंगाधर तिलक ने मराठी भाषा में ‘केसरी’ समाचार पत्र तथा अँग्रेजी भाषा में ‘मराठा’ पत्र का भी सम्पादन किया।

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प्रश्न 4:
भारत की स्वाधीनता के लिए तिलक के योगदान का वर्णन करिए।
उत्तर:
राजनीति को आराम कुर्सीवाले राजनीतिज्ञों से जनता तक ले जाने का श्रेय लोकमान्य तिलक को ही है। इनकी उँगली राष्ट्र की नाड़ी पर थी; इसलिए ये जानते थे कि स्वतन्त्रता संग्राम में त्याग और कष्ट झेलने की क्षमता जनता में कितनी है; (UPBoardSolutions.com) इसलिए इन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन को आगे बढ़ाया। वे सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता थे।

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UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 6 पौधों में पोषण

UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 6 पौधों में पोषण

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर के चार विकल्प दिये हैं। सही उत्तर चुन कर लिखिए-
(क) परपोषी पौधा है-
(i) अमरबेल (✓)
(ii) नीम
(iii) गुलाब,
(iv) सहजन

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(ख) कीटभक्षी पौधे सामान्यतः उन (UPBoardSolutions.com) स्थानों पर मिलते हैं जहाँ की भूमि में कमी होती है-
(i) आक्सीजन की
(ii) जल की
(iii) नाइट्रोजन की (✓)
(iv) कार्बन की

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) हरे पौधे अपना भोजन स्वयं बनाने के कारण स्वपोषी कहलाते हैं।
(ख) सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है।
(ग) हरे पौधों द्वारा भोजन बनाने (UPBoardSolutions.com) की प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है।
(घ) ऐसे पौधे जो सड़े गले पदार्थों से भोजन प्राप्त करते हैं, मृतोपजीवी कहलाते हैं।
(ङ) ड्रॉसेरा एक कीटभक्षी पौधा है।

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प्रश्न 3.
कॉलम क के शब्दों का मिलान कॉलम ख से कीजिए-
UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 6 पौधों में पोषण 3

प्रश्न 4.
संक्षिप्त उत्तर दीजिए-
(क) पत्तियों में पाये जाने वाले हरे वर्णक को क्या कहते है ?
उत्तर-
पत्तियों में पाए जाने वाले हरे वर्णक को पर्ण हरित कहते हैं।

(ख) अपना भोजन स्वयं न बनाने वाले जीव क्या कहलाते हैं ?
उत्तर-
अपना भोजन स्वयं न बनानेवाले जीव (UPBoardSolutions.com) परपोषी कहलाते हैं।

(ग) उस सम्बन्ध को क्या कहते हैं जिसमें दो जीव आपस में एक दूसरे को सहयोग करते हैं। और दोनों लाभान्वित होते हैं ?
उत्तर-
जिसमें दो जीव आपस में एक दूसरे को सहयोग करते हैं और लाभान्वित होते हैं, उस संबंध को सहजीविता कहते हैं।

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(घ) पूर्ण परजीवी पौधे अपने किस अंग के द्वारा पोषक से जल तथा खनिज लवण प्राप्त करते हैं?
उत्तर-
पूर्ण परजीवी पौधों में चूषकांग पाए जाते हैं जिनकी (UPBoardSolutions.com) सहायता से ये पोषक से ही भोजन जल तथा खनिज लवण प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 5.
हरे पौधे में प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया का वर्णन करो।
उत्तर-
पौधों की पत्तियों में पर्णहरित नामक वर्णक पाया जाता है जो सौर ऊर्जा (सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा) को ग्रहण करता है। पर्णहरित की उपस्थिति के कारण ही पत्तियाँ हरी होती हैं। मिट्टी से जल अवशोषित होकर पत्तियों तक पहुँचता है (UPBoardSolutions.com) और इस प्रकार पत्तियों में जल उपलब्ध हो जाता है। साथ ही वायुमण्डल की कार्बन डाइऑक्साइड सूक्ष्म पर्णरन्ध्रों द्वारा पत्तियों के अन्दर पहुँचती हैं। जब सूर्य का प्रकाश पत्तियों पर पड़ता है तो पत्तियों में उपस्थित पर्णहरित इन प्रकाश रश्मियों को अवशोषित करके जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस से मिलकर ग्लूकोज (भोजन) का निर्माण करते हैं, और साथ ही प्राणदायिनी ऑक्सीजन गैस बनती है जो पर्णरन्ध्रों द्वारा वायुमण्डल में निकाल दी जाती हैं। पौधों द्वारा भोजन (ग्लूकोज) बनाने की यह प्रक्रिया प्रकाश-संश्लेषण कहलाती है। इस क्रिया को निम्नलिखित समीकरण द्वारा प्रदर्शित करते हैं-
UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 6 पौधों में पोषण 5

प्रश्न 6.
किस प्रयोग द्वारा दिखायेंगे कि प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में सूर्य का प्रकाश आवश्यक है।
उत्तर-
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में सूर्य का प्रकाश आवश्यक है, इसे नीचे दिए गए प्रयोग द्वारा दिखाया जा सकता है-

प्रयोग- दो चौडे मुंह वाला काँच का गिलास लेंगे। दोनों में पानी भर के हाइडूिला पौधे की बराबर-बराबर लंबाई की एक-एक शाखा डाल देंगे।
एक गिलास को खुला रखेंगे ताकि उसपर सूर्य का पर्याप्त प्रकाश मिले। एक गिलास को काले कागज से इस तरह ढंक देंगे कि इस पर सूर्य का प्रकाश न पड़े। दोनों गिलासों को लगभग एक घंटे के लिए खुले स्थान में रखेंगे। लगभग एक घंटे (UPBoardSolutions.com) के बाद निरीक्षण करने पर हम पाते हैं कि वह गिलास जिस पर सूर्य का पर्याप्त प्रकाश पड़ रहा है, उसमें ऑक्सीजन गैस के बुलबुले निकल रहे हैं जो हाइड्रिला की शाखा द्वारा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के फलस्वरूप बनती है। दूसरे गिलास के काले तरफ से थोड़ा हटाकर देखने पर हम पाएँगे कि इसमें गैस के बुलबुले नहीं दिखाई दे रहे। इसका कारण यह है कि दूसरा गिलास काले कागज से ढका है। इसमें रखी हाइड्रिला पौधे की शाखा को जल में घुलित कार्बन-डाइऑक्साइड तो मिल रहा है लेकिन सूर्य का प्रकाश नहीं मिल रहा है, फलस्वरूप इसमें प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं हो पा रही और इस कारण बुलबुले भी नहीं बन रहे।
अत: स्पष्ट है कि प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिए जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड के साथ-साथ सूर्य का प्रकाश भी अति आवश्यक है।

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प्रश्न 7.
किसी कीटभक्षी पौधे का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 6 पौधों में पोषण 7
घटपर्णी एक कीटभक्षी पौधा होता है। यह मुख्यतः दलदली या अधिक नम स्थानों में उगता है। पौधे तंतुओं के सहारे ऊपर चढ़ते हैं। तंतुओं के सिरेवाला भाग घड़े के आकार जैसा हो जाता है। घड़े के मुख के ऊपर एक और ढक्कन होता है। (UPBoardSolutions.com) घड़े का किनारा अंदर मुड़ा होता है और मुखद्वार पर बहुत सी मधुग्रंथियाँ होती हैं। यह पौधा अपने रंगीन चमकदार ढक्कन तथा मधुग्रंथियों द्वारा कीटों को अपनी और । आकर्षित करता है। आकर्षित कीट घड़े की चिकनी सतह से फिसलते हुए अंदर चले जाते हैं और घड़े का ढक्कन बंद हो जाता है। ये कीट अंदर पाए जाने वाले पाचक रसों द्वारा पचा लिए जाते हैं।

प्रोजेक्ट कार्य – नोट – विद्यार्थी स्वयं करें

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 23 हमारे महान वनस्पति-वैज्ञानिक (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

जगदीश चन्द्र बसु-इनका जन्म 3० नवम्बर, सन् 1858 ई० को बंगाल के मैमन सिंह जिले के फरीदपुर गाँव में हुआ। इनके पिता भगवान चन्द्र बसु डिप्टी मजिस्ट्रेट थे। उन्होंने इनका दाखिला गाँव के स्कूल में ही करवाया। बालक जगदीश घुड़सवारी (UPBoardSolutions.com) करना और साहसिक कहानियाँ पसन्द करता था।
नौ वर्ष की उम्र में घर छोड़कर पढ़ने के लिए इन्हें कोलकाता भेजा गया। वहाँ ये पेड़-पौधे तथा जीव-जन्तुओं में विशेष रुचि लेते थे। सेंट जेवियर्स कॉलेज कोलकाता से स्नातक परीक्षा पास करके ये इंग्लैंड गए। सन् 1884 ई० में भौतिकी, रसायन और वनस्पति विज्ञान की शिक्षा लेकर बी०एस०सी० की उपाधि ली। सन् 1885 ई० में कोलकाता प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्राध्यापक नियुक्त हुए।
जगदीश चन्द्र बसु ने पौधों में प्राण और संवेदनशीलता का पता लगाया। इसके लिए इन्होंने ‘क्रेस्कोग्राफ’ नामक यन्त्र बनाया। जिससे पौधों में होने वाली सूक्ष्म प्रक्रियाओं का पता लगाया जा सकता है। अँग्रेजों ने इसके लिए इन्हें ‘सर’ की उपाधि दी।
भौतिकी के क्षेत्र में भी बसु की गहरी पैठ थी। सन् 1895 ई० में मारकोनी से पहले ये बेतार का तार’ का सफल सार्वजनिक प्रदर्शन कर चुके थे। इन्होंने कोलकाता में बसु विज्ञान मन्दिर नामक प्रयोगशाला खोली। सन् 1937 ई० अर्थात् अपनी मृत्यु होने (UPBoardSolutions.com) तक ये इस संस्थान में कार्यरत रहे। प्रोफेसर बसु अपने अथक परिश्रम और अनुसंधानों के कारण विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं।

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बीरबल साहनी: इनका जन्म 14 नवम्बर, 1899 को पंजाब के भेड़ा कस्बे में हुआ। इनके पिता रुचिराम रसायन विज्ञान के अध्यापक थे। इनकी माता ईश्वरीदेवी कुशल गृहिणी थीं। बीरबल बपचन से ही पेड़-पौधे और भूगर्भ में रुचि लेने लगे थे। बीरबल स्वभाव से बहुत निर्भीक थे। सन् 1911 ई० में ये लन्दन गए। कैंब्रिज के प्रोफेसर सीवर्ड अपने होनहार शिष्ये बीरबल को अत्यन्त स्नेह देते थे। लन्दन से डी०एस०सी० उपाधि लेकर साहनी सन् 1919 ई० में भारत आ गए। ये काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर नियुक्त हुए । साहनी स्नातक कक्षाओं की पढ़ाई पर विशेष जोर देते थे। (UPBoardSolutions.com) छात्र इनकी उदारता, विद्वता और सादगी से बहुत प्रभावित थे। काशी के बाद साहनी लखनऊ आ गए।
प्रोफेसर साहनी को भारतीय पुरा-वनस्पति का जनक माना जाता है। इन्होंने बिहार की राजमहल पहाड़ियों में अत्यन्त महत्वपूर्ण फॉसिल-पेंटजाइली की खोज की। इन्होंने अपना सारा जीवन वनस्पतिजगत् के अनुसंधानों में लगा दिया। लखनऊ स्थित ‘साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोबॉटनी’ भारत का ही नहीं, विश्व का महत्त्वपूर्ण शोध संस्थान है। इस संस्थान के शिलान्यास के सात दिन बाद 9 अप्रैल, सन् 1949 ई० को बीरबल साहनी संसार छोड़ गए। इस महान वैज्ञानिक की स्मृति में भारत के सर्वश्रेष्ठ वनस्पति वैज्ञानिक को ‘बीरबल साहनी पदक’ प्रदान किया जाता है।

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
जगदीश चन्द्र बसु ने सर्वप्रथम किस बात का पता लगाया?
उत्तर:
जगदीश चन्द्र बसु ने सर्वप्रथम पौधों (UPBoardSolutions.com) में प्राण और संवेदनशीलता का पता लगाया।

प्रश्न 2:
जगदीश चन्द्र बसु ने आधा वेतन लेना स्वीकार क्यों नहीं किया?
उत्तर:
जगदीश चन्द्र बसु अपनी योग्यता और परिश्रम में अंग्रेजों से आगे थे।

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प्रश्न 3:
बीरबल साहनी को किसका जनक माना जाता है?
उत्तर:
बीरबल साहनी को भारतीय (UPBoardSolutions.com) पुरा-वनस्पति का जनक माना जाता है।

प्रश्न 4:
नीचे लिखे वाक्यों पर सही (✓) अथवा गलत (✘) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर )
(क) जगदीश चन्द्र बसु ने क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार किया।                               (✓)
(ख) जगदीश चन्द्र बसु का मन चित्रकला में अधिक लगता था।                            (✘)
(ग) बीरबल साहनी की स्मृति में ‘बीरबल साहनी पदक’ दिया जाता है।                 (✓)
(घ) बीरबल साहनी ने कोलकाता में ‘साहनी इंस्टीट्यूट’ की स्थापना की।              (✘)

प्रश्न 5:
नीचे दिए विकल्पों में सही उत्तर छाँटिए ( सही उत्तर छाँटकर)

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(क) जगदीश चन्द्र बसु ने सर्वप्रथम पता लगाया कि

  • पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है।
  • पेड-पौधो निर्जीव (UPBoardSolutions.com) होते हैं।
  • पेड़-पौधों में जीवन है, वे भी हमारी तरह सुख-दुःख का अनुभव करते हैं।

(ख) बीरबल साहनी के मन में दृढ़ इच्छा थी

  •  वनस्पति विज्ञान पर पुस्तक लिखने की।
  • घर में एक बाग लगाने की।
  •  पुरा-वनस्पति विज्ञान मंदिर की स्थापना करने की।

योग्यता विस्तार:
नोट– विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की (UPBoardSolutions.com) सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 22 तात्या टोपे (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

तात्या टोपे का जन्म महाराष्ट्र में नासिक के निकट पटौदा जिले के येवाले नामक गाँव में सन 1814 में हुआ था। इनका वास्तविक नाम रामचन्द्र पाण्डुरंग येवालकर था। इनके पिता बाजीराव पेशवा के गृह प्रबंध विभाग के प्रधान थे। बाजीराव 1818 में अंग्रेजों से युद्ध हार गए। उन्हें पूरा छोड़ना पड़ा। तात्या के पिता भी पेशवा के साथ पूना से कानपुर के पास बिठूर आ गए। यहीं पर बचपन में तात्यी पेशवा के पुत्र नाना साहब, लक्ष्मीबाई (मनु) (UPBoardSolutions.com) आदि के साथ युद्ध के खेल खेला करते थे। तात्या आजीवन अविवाहित रहे। 1851 में पेशवा की मृत्यु के बाद नाना साहब बिठूर के राजा बने। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में कानपुर छावनी में तात्या ने अंग्रेजी सेना पर हमला कर दिया। इस युद्ध में तात्या की विजय हुई और अंग्रेजी सैन्य अधिकारी व्हीलर को आत्म-समर्पण करना पड़ा। तात्या अपने कुशलता और बहादुरी के बल पर स्वाधीनता संघर्ष में सबसे लंबी अवधि 17 जुलाई, 1857 से अपने पकड़े जाने तक अर्थात 7 अप्रैल, 1859 तक अंग्रेजी फौजों से गोरिल्ला (छापामार) युद्ध करते रहे। इस कारण उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ गुरिल्ला युद्ध के सेनानायक के रूप में प्रसिधि मिली। तात्या नाना साहब के सेनाध्यक्ष थे। उन्होंने लगातार 8 महीनों तक पीछा करने वाली अंग्रेजी फौजों को छकाए रखा। स्वतंत्रता संघर्ष के वीरों में से एकमात्र बचे अंतिम और सर्वश्रेष्ठ वीर तात्या को अंग्रेजों ने धोखे से गिरफ्तार कर लिया। 14 अप्रैल 1859 को उन्हें फाँसी दे दी गई। उनका नाम सदैव एक राष्ट्रीय वीर पुरुष के रूप में सम्मान पूर्वक लिया जाता रहेगा।

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अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

प्रश्न 1:
तात्या टोपे का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर:
तात्या टोपे का जन्म महाराष्ट्र में नासिक के (UPBoardSolutions.com) निकट पटौदी जिले के येवाले नामक गाँव में सन् 1814 में हुआ था।

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प्रश्न 2:
‘तात्या टोपे एक योग्य सेनानायक थे। संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
तात्या को पहली बार सेनानायक के रूप में अपनी योग्यता के प्रदर्शन का मौका वर्ष 1857 में मिला जब उन्होंने कानपुर छावनी में अंग्रेजी फौज पर हमला बोला और अंग्रेजी सैन्य अधिकारी व्हीलर को आत्मसमर्पण करना पड़ा। वह अपनी कुशलता और बहादुरी के बल पर पहले स्वतंत्रता संग्राम में सबसे लंबी अवधि अर्थात 17 जुलाई, 1857 से 8 अप्रैल, 1859 तक डटे रहे। उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ गोरिल्ला युद्ध के सेनानायक (UPBoardSolutions.com) के रूप में प्रसिधि मिली।

प्रश्न 3:
नाना साहब ने तात्या को अपना सेनाध्यक्ष क्यों बनाया?
उत्तर:
जुलाई, 1857 में अंग्रेजी सेना ने कानपुर में धावा बोल दिया। माना की सेना और अंग्रेजी सेना में भीषण युद्ध हुआ, लेकिन अंततः विजय श्री अंग्रेजों को मिली। इस पराजय के बाद नाना साहब ने अपने पूर्व सेनाध्यक्ष को (UPBoardSolutions.com) हटाकर तात्या को अपना सेनाध्यक्ष बना दिया।

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प्रश्न 4:
झाँसी की रानी की सहायता के लिए उनके करीब पहुँचकर भी तात्या को वहाँ से क्यों हटना पड़ा?
उत्तर:
तात्या 20000 सैनिकों की विशाल फौज के साथ लक्ष्मीबाई की सहायता के लिए झाँसी के निकट पहुँच गए थे लेकिन तभी सूचना पाकर यरोज विशाल अंग्रेजी सेना के साथ वहाँ आ धमका। इस युद्ध में अंग्रेजों के अच्छे तोपखाने के कारण तात्या की सेना को पीछे हटना पड़ा।

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प्रश्न 5:
“तात्या टोपे गोरिल्ला युदधा में विश्व स्तर के सेनानायक थे। (UPBoardSolutions.com) इसके पक्ष में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में तात्या अपनी कुशलता और बहादुरी के बल पर सबसे लंबी अवधि अर्थात 17 जुलाई, 1857 से अपनी गिरफ्तारी होने तक अर्थात 8 अप्रैल, 1859 तक अंग्रेजों के नाक में दम करते रहे। इस कारण उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ गोरिल्ला युद्ध के सेनानायक के रूप में प्रसिद्धि मिली।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 21 स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगनाएँ (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

रानी लक्ष्मीबाई- बचपन में लक्ष्मीबाई का नाम मनु था। चंचलता के कारण इन्हें सब प्यार से छबीली भी कहते थे। माता की मृत्यु के समय मनु चार-पाँच साल की थी। इनका बचपन पेशवा बाजीराव के पुत्रों के साथ व्यतीत हुआ। उनके साथ मनु ने तीर-तलवार चलाना, घुड़सवारी करना, बन्दूक चलाना आदि सीख लिये। मनु का साहस और कौशल देखकर लोग दंग रह जाते थे। मनु का विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव के साथ हुआ और इन्हें रानी लक्ष्मीबाई नाम दिया गया। रानी लक्ष्मीबाई स्त्री को अबला के स्थान पर सबला के रूप में देखती थीं। इन्होंने वीर, साहसी स्त्रियों की सेना का गठन (UPBoardSolutions.com) किया और उन्हें प्रशिक्षण दिलाकर युद्धकला में निपुण बनाया।
रानी के एक पुत्र हुआ, जो कुछ महीनों के बाद गुजर गया। रानी ने पाँच वर्ष के बालक दामोदर राव को गोद ले लिया। गोद लेने के दूसरे दिन गंगाधर राव की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। अँग्रेजों ने राजा के पुत्र न होने के कारण झाँसी पर अधिकार कर लिया। रानी इससे नाराज हो गईं। इन्होंने संकल्प किया कि मैं अन्तिम साँस तक किले पर अँग्रेजों का अधिकार नहीं होने देंगी। शत्रु सेना ने झाँसी की सेना को घेर लिया। किले के रक्षक खुदाबख्श और तोपखाने के अधिकारी सरदार गुलाम गौस खाँ मारे गए। समय की गम्भीरता जानते हुए रानी ने कालपी जाने का निश्चय किया। सुरक्षित निकल जाने के लिए योजना में झलकारी ने प्रमुख भूमिका निभाई।

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झलकारी बाई- रानी की सखी और हमशक्ल झलकारी बाई रानी के सेनानायक पूरन कोरी की पत्नी थी। उसमें देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी। उसने रानी के वेश में युद्ध करने के लिए स्वयं को प्रस्तुत किया। रूप-रंग में समानता के कारण अँग्रेज भ्रमित हो गए और रानी को बच निकलने का मौका मिल गया। एक गद्दार द्वारा वास्तविकता मालूम होने पर अँग्रेज सैनिकों ने रानी का पीछा किया। झलकारी (UPBoardSolutions.com) बाई को बन्दी बनाने के एक सप्ताह बाद छोड़ दिया गया। मातृभूमि और लक्ष्मीबाई की रक्षा के लिए समर्पित झलकारी बाई शौर्य और वीरता के कारण देशवासियों के लिए आदर्श बन गई।
कालपी की तरफ घोड़ा दौड़ाते हुए रानी की जाँघ में अँग्रेजों की एक गोली लग गई। मन्दगति हो जाने । पर शत्रुओं ने इन्हें घेर लिया। दोनों से भयंकर संघर्ष हुआ। विवशतावश रानी को युद्ध क्षेत्र छोड़ना पड़ा। संघर्ष के दौरान अँग्रेज घुड़सवार ने मुन्दर को मार दिया। रानी ने क्रोधित होकर उसे मृत्यु के घाट उतार दिया।
कालपी की ओर दौड़ाते हुए रानी का घोड़ा एक नाले को पार नहीं कर सका। इसी बीच अँग्रेज घुड़सवारों ने निकट आकर रानी के हृदय पर संगीन से वार किया। गम्भीर रूप में घायल रानी वीरतापूर्वक लड़ती रहीं। अन्ततः अँग्रेजों को रानी व उसके साथियों से हार मानकर मैदान छोड़ना पड़ा। घायल अवस्था में इनके साथी; रानी को बाबा गंगादास की कुटिया में ले गए। रानी के चेहरे पर दिव्य तेज था। ये वीरगति को प्राप्त हुई। क्रान्ति की यह ज्योति सदा के लिए लुप्त हो गई।

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
मनु के बचपन के प्रिय खेल कौन-कौन से थे?
उत्तर:
घुड़सवारी, तीर-तलवार और बन्दूक (UPBoardSolutions.com) चलाना मनु के बचपन के प्रिय खेल थे।

प्रश्न 2:
अंग्रेजों ने झाँसी को किसे बहाने से हथियाना चाहा?
उत्तर:
अँग्रेजों ने झाँसी को राजा का पुत्र न होने के बहाने हथियाना चाहा।

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प्रश्न 3:
झलकारी बाई ने रानी के वेश में युद्ध करने के लिए स्वयं को क्यों प्रस्तुत किया?
उत्तर:
झलकारी बाई ने रानी के वेश में युद्ध करने के लिए स्वयं को प्रस्तुत किया ताकि रानी सकुशल निकल सकें।

प्रश्न 4:
“क्यों यह लड़की पागल हो गयी है”-यह वाक्य (UPBoardSolutions.com) अंग्रेज अधिकारी स्टुअर्ट ने क्यों कहा होगा?
उत्तर:
“क्या यह लड़की पागल हो गई है?” यह वाक्य स्टुअर्ट ने झलकारी बाई के दुस्साहस पर कहा होगा।

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प्रश्न 5:
“रानी ने अपने महल के सोने व चाँदी का सामान भी तोप के गोले बनाने के लिए दे दिया।” इससे रानी की किस विशेषता का पता चलता है?
उत्तर:
इससे रानी की दृढ़ता, वीरता, देशभक्ति, साहस, (UPBoardSolutions.com) पराक्रम, त्याग, आत्मविश्वास तथा स्वाभिमानी होने का पता चलता है।

प्रश्न 6:
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)

(क) छोटी उम्र में ही मनु शस्त्र चलाने में निपुण हो गईं।
(ख) लक्ष्मीबाई के पति का नाम गंगाधर राव था।
(ग) झलकारी बाई रानी की हमशक्ल सखी थी।
(घ) रानी झलकारी बाई की बुद्धिमता एवं कार्यक्षमता से प्रभावित हुईं।

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प्रश्न 7:
नीचे लिखे विकल्पों में से सही उत्तर (UPBoardSolutions.com) छाँटकर लिखिए (सही उत्तर छाँटकर)अँग्रेज युद्ध क्षेत्र में झलकारी बाई को देखकर भ्रम में पड़ गए क्योंकि

(क) वंह बहुत सुंदर थी।
(ख) अंग्रेज उनका चेहरा नहीं देख सके।
(ग) वह रणकौशल व रंगरूप में रानी के समान थीं।
(घ) उन्होंने पहले कभी रानी को नहीं देखा था।

प्रश्न 8:
इस पाठ में रानी लक्ष्मीबाई के किन गुणों को उभारा गया है, उन्हें लिखिए।
उत्तर:
इस पाठ में रानी की वीरता, दृढता, आत्मविश्वास, साहस, स्वदेश-प्रेम, रणकौशल आदि गुणों को उभारा गया है।

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प्रश्न 9:
पाठ में आये मुहावरों को ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:
लोहा लेना– युद्ध (UPBoardSolutions.com) करना-लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लोहा लिया।
उतार-चढ़ाव– दु:ख और सुख आना-जीवन में मनुष्य को उतार-चढ़ाव देखने पड़ते हैं।
पहाड़ टूटना– भयानक विपत्ति आना- भूचाल आ जाने पर लोगों पर कष्टों का पहाड़ टूट पड़ा।
दाँतों तले अँगुली दबाना– अधिक आश्चर्य में पड़ जाना-टीपू के राकेटों की मार देखकर अँग्रेजों ने दाँतों तले अँगुली दबा ली।
वीरगति को प्राप्त होना– युद्ध करते हुए मर जाना–वीर अभिमन्यु कौरवों को अपना युद्ध कौशल दिखाकर वीरगति को प्राप्त हुआ।

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