UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 ईश्वरचन्द्रो विद्यासागरः (अनिवार्य संस्कृत)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 ईश्वरचन्द्रो विद्यासागरः (अनिवार्य संस्कृत)

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एकोनविंशख्रिष्ट शताब्दयां ………………………………………….. करोति स्म।

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हिन्दी अनुवाद:
उन्नीसवीं शताब्दी में बंगाल प्रांत में जो विद्वान समाज सुधारक थे, उनमें से एक ईश्वरचन्द्र विद्यासागर थे। उन्होंने बहुत परिश्रम से विद्या का अध्ययन किया। उनकी अगाध विद्वता को देखकर लोग यथा नाम तथा उक्ति सार्थक मानते थे। वे अत्यन्त (UPBoardSolutions.com) सरल और उदार हृदय वाले थे। वे निर्बलों और गरीबों की सदैव सहायता करते थे।

विद्यासागर यशः ………………………. मा कुरु।

हिन्दी अनुवाद:
विद्यासागर का यश सुनकर एक बार कोई धनी युवक उनके दर्शन के लिए आया। उसने पहले कभी विद्यासागर को नहीं देखा था। रेलगाड़ी से उतर कर वह अपनी पेटी ले जाने के लिए ‘कुली’ ‘कुली’ चिल्लाने लगा। किन्तु कोई कुली न आया। इसे देखकर वहाँ मौजूद विद्यासागर उसके पास गए। वह धनिक विद्यासागर को कुली मानकर उनसे बोला, “इस पेटी को ले चलो। मुझे विद्यासागर के घर जाना है।” विद्यासागर उसकी पेटी को हाथ में लेकर (UPBoardSolutions.com) उसके साथ अपने घर गए। वहाँ ये ही विद्यासागर हैं, ऐसा जानकर वह युवक अत्यन्त लज्जित और विस्मित हुआ। “मुझे क्षमा कीजिए” ऐसा कहकर वह उनके पैरों पर गिर पड़ा। विद्यासागर ने उससे कहा, अपना कार्य स्वयं करो। उसमें लज्जा मत करो।”

एषः महाशयः ………………कृतानि

हिन्दी अनुवाद:
ये महाशय भारतीय संस्कृति के साथ पाश्चात्य संस्कृति के भी समर्थक थे। संस्कृत किसी वर्ग विशेष की भाषा नहीं है। सब संस्कृत पढ़े- ऐसा उनका अच्छा विचार था। नारी शिक्षा के लिए उनके किए गए प्रयास अत्यन्त अभिनन्दनीय हैं। विधवा-विवाह के लिए सन् (UPBoardSolutions.com) 1855 ई० में उनके द्वारा जन आन्दोलन किया गया। बाल-विवाह और बहु-विवाह प्रथा के प्रबल विरोधी विद्यासागर द्वारा अन्य भी बहुत से प्रशंसनीय कार्य किए गए।

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अभ्यास

प्रश्न 1:
उच्चारण करें
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें। (UPBoardSolutions.com)

प्रश्न 2:
एक पद में उत्तर दें
(क) विद्यासागरः कीदृशः आसीत्?                                      सरलः उदार हृदयः।
(ख) ‘कः भारिक! भारिक!’ इति उच्चैः शब्दम् अकरोत्?               धनिकः।
(ग) विधवाविवाह प्रवर्तनाय जनान्दोलनं केन कृतम्?                  विद्यासागरः।

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प्रश्न 3:
इस पाठ का सारांश हिन्दी में लिखिए।
नोट- हिन्दी अनुवाद देखिए।

प्रश्न 4:
निम्नलिखित पदों में विभक्ति एवं वचन बतायें ( बताकर )
पद                                  विभक्ति                          वचन
श्रमेण                =              तृतीय                          एकवचन
निर्बलानाम्        =                षष्ठी                           बहुवचन
युवा                   =               प्रथमा                         बहुवचन
नारीशिक्षायै        =              चतुर्थी                         एकवचन

प्रश्न 5:
पाठ से उचित शब्द चुनकर (UPBoardSolutions.com) रिक्त स्थानों की पूर्ति करें। (पूर्ति कीजिए)

(क) सः महता श्रमेण विद्याध्ययनम् अकरोत्।
(ख) सः विद्यासागर कदापि नापश्यत्।।
(ग) मां विद्यासागरस्य गृहं प्रापय।
(घ) सर्वे संस्कृतं पठन्तु।

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प्रश्न 6:
निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करें-                             अनुवाद
(क) वे उच्चकोटि के विद्वान थे।                                       सः उच्चकोटि विद्वानः  आसीत्।
(ख) उनका व्यवहार सरल था।।                                   तस्य व्यवहारः सरलः आसीत्।
(ग) अपना काम स्वयं करना चाहिए।                              स्वीयं कार्यं स्वयम् एव करन्तु।
(घ) विद्यासागर उनका बोझ लेकर घर गये।                विद्यासागरः तस्य भारम् नीत्वा गृहं अगच्छत्।।

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प्रश्न 7:
खण्ड ‘क’ को खण्ड ‘ख’ से जोड़कर (UPBoardSolutions.com) वाक्य पूर्ण करें ( पूर्ण करके)
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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 वैदिक कालीन नारियाँ (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 वैदिक कालीन नारियाँ (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

गार्गी : हमारे देश में ज्ञान-विज्ञान, त्याग-तपस्या, साहस और बलिदान के उदाहरण प्रस्तुत करने वाली अनेक महिलाओं ने जन्म लिया है। ऐसी ही नारी गार्गी थी जो अत्यन्त शिक्षित विदुषी महिला थी। एक बार राजा जनक ने यज्ञ किया। उन्होंने घोषणा की कि सबसे महान विद्वान मेरी गौशाला की एक हजार गाएँ ले जाए। विद्वानों के घबरा जाने पर याज्ञवल्क्य ने अपने शिष्यों से गाएँ ले जाने को कहा। क्योंकि उन्हें इनकी (UPBoardSolutions.com) आवश्यकता थी। सारे विद्वान शास्त्रार्थ करने के लिए याज्ञवल्क्य को चुनौती देने लगे। जब वे सब हार गए; तब अन्त में गार्गी ने प्रश्न पूछने के लिए राजा से आज्ञा माँगी। गार्गी ने अत्यन्त पैने और गहन अध्ययन पर आधारित प्रश्न किए। सब प्रश्नों का यथोचित उत्तर देने के बाद अन्ततः एक प्रश्न ऐसा आया जिसका याज्ञवल्क्य उत्तर न दे सके और चुप हो गए। गार्गी अत्यन्त बुद्धिमती थी। वह नहीं चाहती थी कि याज्ञवल्क्य जैसे परमविद्वान का अपमान हो। गार्गी ने थोड़ी देर बाद भरी सभा में कहा कि याज्ञवल्क्य से बड़ा कोई विद्वान नहीं है। गार्गी के ज्ञान और उदारता की प्रशंसा होने लगी। ज्ञान और उदारता की ऐसी प्रतिभाएँ हमारे देश का गौरव हैं।

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अपाला:
महर्षि अत्रि की पुत्री अपाला अद्वितीय सुन्दरी और बुद्धिमति थी। एक दिन सुबह स्नान के समय वह अपनी जंघा पर सफेद दाग/चकत्ते देखकर चिन्तित हो उठी। ये दाग बढ़ते गए और वह इस बात को छिपाए रही। धीरे-धीरे वह विवाह योग्य हो गई।
एक दिन वेदों के ज्ञाता विद्वान कृशाश्व अत्रि के अतिथि रूप में आए। अपाला के सौन्दर्य और व्यवहार कुशलता से मुग्ध होकर उन्होंने उसके साथ विवाह करने की इच्छा प्रकट की। महर्षि अत्रि ने अपाला का विवाह कृशाश्व के साथ कर दिया। वह पति के आश्रम में चली गई। एक दिन सफेद चकत्तों पर कृशाश्व की दृष्टि पड़ गई। वह अपाला को तिरस्कार और उपेक्षा की दृष्टि से देखने लगा। पति से अपमानित होकर वह पिता के आश्रम (UPBoardSolutions.com) में लौट आई।
दुखी अत्रि ने अपाला को सांत्वना दी और रोग के निदान के लिए पुरुषार्थ करने की सलाह दी। उन्होंने । अपाला से इन्द्र की उपासना करने को कहा। वह इन्द्र की उपासना में लग गई। वह मन्त्रों का जाप करके सत्तू और सोमरस का नैवेद्य चढ़ाया करती थी। अपाला के प्रेम और भक्ति से इन्द्र गद्गद हो उठे। उन्होंने प्रकट रूप में सत्तू और सोमरस का पान किया। उन्होंने कहा, “अपाले! तुम धन्य हो। तुम्हारा रोग दूर हो जाएगा।” इन्द्र के वरदान से अपाला रोगमुक्त हो गई। उसका शरीर स्वर्ण के समान चमकीला हो गया और वह अपने प्रेम और निष्ठा के फलस्वरूप अमर हो गई।

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
राजा जनक ने क्या घोषणा की?
उत्तर:
राजा जनक ने घोषणा की कि जो सबसे विद्वान हो, वह मेरी गौशाला की एक हजार गायों को ले जाए।

प्रश्न 2:
गार्गी ने याज्ञवल्क्य की विद्वता के बारे में सभा को क्या (UPBoardSolutions.com) बताया ?
उत्तर:
गार्गी अत्यन्त बुद्धिमती थी। वह नहीं चाहती थी कि याज्ञवल्क्ये जैसे परम विद्वान का अपमान हो। वह चुप हो गई और भरी सभा में बोली “इस सभा में याज्ञवल्क्य से बढ़कर कोई विद्वान नहीं।”

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प्रश्न 3:
अपाला किस बात से चिन्तित हो उठी?
उत्तर:
अपाला अपनी जंघा पर सफेद दाग/चकत्ते देखकर चिन्तित हो उठी।

प्रश्न 4:
अपाला रोग मुक्त किस (UPBoardSolutions.com) प्रकार हुई?
उत्तर:
इन्द्र के वरदान से अपाला रोग मुक्त हुई।

प्रश्न 5:
सही विकल्प चुनिए (सही विकल्प चुनकर)

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(क) याज्ञवल्क्य द्वारा प्रश्न का उत्तर न दिए जाने पर गार्गी चुप हो गयी क्योंकि
उत्तर:
वह याज्ञवल्क्य जैसे परम विद्वान का अपमान सहन नहीं कर सकती थी।

(ख) बालिकाएँ हर क्षेत्र में स्वयं को साबित (UPBoardSolutions.com) कर सकती हैं, अगर
उत्तर:
शिक्षा और समानता के अवसर प्रदान किए जाएँ।

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योग्यता विस्तार:
नोट- विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 ऋषि कुमार नचिकेता (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 ऋषि कुमार नचिकेता (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

महर्षि वाजश्रवा महान विद्वान और चरित्रवान थे। नचिकेता उनके पुत्र थे। एक बार वाजश्रवा ने विश्वजित यज्ञ किया। उन्होंने अपनी सारी सम्पत्ति दान में देने की प्रतिज्ञा की। दान में पिता ने निर्बल और बूढ़ी गाएँ भी दीं जो लाभ की नहीं थीं। नचिकेता (UPBoardSolutions.com) ने पिता से लाभकारी और प्रिय वस्तु को दान देने की सलाह देते हुए पूछा कि आप मुझे दान के रूप में किसके हवाले करेंगे। बार-बार पूछने पर पिता ने क्रोध में कहा, “मैं तुझे यमराज के हवाले कर दूंगा।” नचिकेता आज्ञाकारी बालक था। वह पिता के वचन को सत्य करना चाहता था; अतः पिता से बहुत ही मुश्किल से आज्ञा पाने के बाद वह यमलोक पहुँचा। यमदूतों से पता चला कि यमराज कहीं गए हैं। बालक का परिचय पूछा। नचिकेता ने निर्भीकता और विनम्रता से अपना परिचय दिया।

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यमराज ने प्रसन्न होकर आज्ञाकारी बालक से तीन वरदान माँगने को कहा। नचिकेता ने पहला वरदान यह माँगा कि मेरे घर लौटने पर पिता मुझे पहचान लें और प्रसन्न हो जाएँ। यमराज ने कहा, “तथास्तु। दूसरा वरदान माँगो।” नचिकेता ने दूसरे वरदान में पृथ्वी पर दुख के निवारण का उपाय पूछा। यमराज ने बहुत परिश्रम से इसका ज्ञान भी बालक को दिया। तीसरे वरदान में नचिकेता ने पूछा कि मृत्यु क्यों होती है? मृत्यु के बाद (UPBoardSolutions.com) मनुष्य का क्या होता है? वह कहाँ जाता है? यह प्रश्न सुनकर यमराज चौंक पड़े। उन्होंने बताया कि यह कठिन प्रश्न है, जिसका उत्तर देना आसान नहीं है। फिर उन्होंने समझाया कि जिसने कोई पाप नहीं किया, और किसी को सताया नहीं और जो सच्चे मार्ग पर चलता है, उसे मृत्यु की पीड़ा नहीं होती। नचिकेता ने छोटी उम्र में अपनी पितृभक्ति, दृढ़ता और सच्चाई के बल पर ऐसा ज्ञान प्राप्त कर लिया, जिसे महान पंडित, ज्ञानी और विद्वान भी न कर सके।

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अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

प्रश्न 1:
नचिकेता ने दान में कैसी वस्तु देने को बताया?
उत्तर:
नचिकेता ने दान में अपनी (UPBoardSolutions.com) सबसे प्रिय वस्तु देने को बताया।

प्रश्न 2:
नचिकेता ने दूसरा वरदान क्या माँगा?
उत्तर:
नचिकेता ने दूसरे वरदान में पृथ्वी पर दुख के निवारण का उपाय पूछा।

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प्रश्न 3:
नचिकेता ने यमराज के पास (UPBoardSolutions.com) जाने का निश्चय क्यों किया ?
उत्तर:
अपने पिता के वचन को सच करने के लिए नचिकेता में यमराज के पास जाने का निश्चय किया।

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सही विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 4:
महर्षि वाजश्रवा ने यज्ञ किया
(अ) अश्वमेध
(ब) विश्वजित
(स) महामृत्युञ्जय
(द) राजसूय

प्रश्न 5:
महर्षि वाजश्रवा ने ब्राह्मणों को (UPBoardSolutions.com) गाएँ दान में दी क्योंकि
(अ) वे गायें माँग रहे थे।
(ब) गायें बूढी हो गयी थीं।
(स) महर्षि ने प्रतिज्ञा की थी कि मैं अपनी सारी संपत्ति दान कर दूंगा।

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प्रश्न 6:
नचिकेता यमराज के (UPBoardSolutions.com) पास गया, क्योंकि
(अ) वह अपने पिता की आज्ञा का पालन करते थे।
(ब) वह अपने पिता से नाराज थे।
(स) वह यमराज से विद्या ग्रहण करना चाहते थे।

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प्रश्न 7:
यमराज ने नचिकेता से तीन वरदान माँगने को कहा, क्योंकि
(अ) नचिकेता यमलोक पहुँच (UPBoardSolutions.com) गए थे।
(ब) नचिकेता तीन दिनों तक यमलोक के द्वार पर भूखे-प्यासे बैठे रहे।
(स) नचिकेता ने यमराज से प्रार्थना की थी।

योग्यता विस्तार- नोट– विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 काक शृगाल्योः कथा (अनिवार्य संस्कृत)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 काक शृगाल्योः कथा (अनिवार्य संस्कृत)

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एकदा …………………………….. आसीत्।

हिन्दी अनुवाद:
एक बार एक कौआ भूखा था। भोजन प्राप्त करने के लिए वह इधर-उधर घूमा। सहसो उसे एक रोटी प्राप्त हुई। वह एक पेड़ की शाखा के ऊपर बैठा और उस रोटी को खाने के लिए सोचने लगा और उस समय ही एक सियारिन ने कौवे और रोटी को देखा। (UPBoardSolutions.com) उसने उस रोटी को लेने के लिए विचार किया। वह उस वृक्ष के नीचे बैठ गई, जिसके ऊपर कौआ बैठा था।

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शृगाली काकम् …………………………… भवतः।

हिन्दी अनुवाद:
सियारिन कौए से बोली, “अरे कौए! तुम अत्यन्त सुन्दर हो। तुम्हारा रंग मोहक है। तुम्हारे दोनों पंख मनोहर हैं। तुम्हारी आवाज अति मधुर है। तुम्हारी आवाज सुनकर मेरे कान तृप्त हो गए हैं।”

स्वप्रशंसा …………………… अखादत् च।

हिन्दी अनुवाद:
अपनी प्रशंसा सुनकर कौआ अति प्रसन्न हुआ। (UPBoardSolutions.com) उसने जैसे ही काँव-काँव की आवाज करनी आरम्भ की, उसके मुख से रोटी भूमि पर गिर पड़ी। इसके लिए ही सियारिन ने उसकी प्रशंसा की थी। शीघ्र ही रोटी लेकर खाई और उस स्थान से भाग गई।

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अभ्यास

प्रश्न 1:
उच्चारण करें
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
एक पद में उत्तर दें
(क) कः बुभुक्षितः आसीत् ।                                        काकः।
(ख) सहसा काकः किं प्राप्तवान्?                              रोटिका।
(ग) शृगाली किं प्राप्तुं मनसि अचिन्तयत्?                 रोटिकाम्।
(घ) कस्य मुखात् रोटिका भूमौ अपतत्?                    काकस्य।

प्रश्न 3:
पाठ के पदों से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें ( पुर्ति करके)
(क) एकः काकः बुभुक्षितः आसीत्।।
(ख) सः इतस्ततः अभ्रमत्। (UPBoardSolutions.com)
(ग) स्वप्रशंसां श्रुत्वा काकः अतिप्रसन्नः अभवत्।
(घ) एतदर्थमेव शृगार तस्य प्रशंसाम् अकरोत्।।
(ङ) सा रोटिकां गृहीत्वा तस्मात् स्थानात् पलायिता।

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प्रश्न 4:
निम्नलिखित पदों का अपने वाक्यों में प्रयोग करें (प्रयोग करके)
शब्द                 –    वाक्य प्रयोग
भोजनम्           –    शृगाली भोजनम् प्राप्तु इतस्ततः अभ्रमत्।
अपतत्             –    काकस्य मुखात् रोटिकां अपतत्।
रोटिकाम्         –    शृगाली (UPBoardSolutions.com) रोटिकाम् अखादत्।
सुन्दरौ              –    काकस्य पक्षौ सुन्दरौ स्तः।

प्रश्न 5:
निम्नलिखित पदों को मिलाकर लिखें (लिखकर)
काकम् + अवदत्              =    काकमवदत्।
तद् + उपरि                      =    तदोपरि।
एतद् + अर्थमेव                 =    एतदर्थमेव
प्रशंसाम् + अकरोत्          =    प्रशंसामकरोत्।।

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प्रश्न 6:
संस्कृत में अनुवाद करें                                               अनुवाद
(क) एक कौआ भूखा था।                                 एकः काकः बुभुक्षितः आसीत्।
(ख) उसने एक रोटी पायी।                               सः एकां रोटिकां (UPBoardSolutions.com) प्राप्तवान्।
(ग) कौआ पेड़ की डाल पर बैठा था।           काकः वृक्षस्य शाखां उपरि उपविशत्।
(घ) शृगाली बोली-तुम बहुत सुन्दर हो।         शृगाली अवदत्-त्वं अतीव सुन्दरः असि।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 14 अब्दुर्रहीम खानखाना (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 14 अब्दुर्रहीम खानखाना (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

रहीम का जन्म लाहौर में सन् 1556 ई० में हुआ। जब ये पाँच वर्ष के ही थे, तभी इनके पिता बैरमखाँ की हत्या कर दी गई। अकबर ने इनकी देखभाल राजकुमारों की तरह की और इन्हें मिर्जा खाँ की उपाधि दी। रहीम ने अरबी, फारसी, तुर्की, गणित, तर्कशास्त्र और संस्कृत का अध्ययन किया। अकबर इन्हें अत्यधिक पसन्द करते थे। ये अकबर के नवरत्नों में से एक थे। अकबर के संरक्षण से रहीम में उदारता और दानशीलता के गुण आ गए। (UPBoardSolutions.com) कविता करना इनका पैतृक गुण था। इसके अलावा राज्य संचालन, वीरता और दूरदर्शिता भी इन्हें पैतृक रूप में मिली।
सन् 1576 ई० में अकबर ने इन्हें गुजरात का सूबेदार बनाया। अकबर ने रहीम को अट्ठाईस वर्ष की उम्र में खानखाना की उपाधि दी। अब रहीम का पूरा नाम मिर्जा खाँ अब्दुर्रहीम खानखाना हो गया। सेनापति और राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ रहीम उच्चकोटि के कवि भी थे। यह काल हिन्दी साहित्य का स्वर्णयुग था। रहीम ने ब्रजभाषा, अवधी तथी खड़ी बोली में रचनाएँ कीं। इनकी प्रमुख रचनाएँ रहीम सतसई, बरवै नायिका भेद, राम पंचाध्यायी, श्रृंगार सोरठ, मदनाष्टक तथा खेल कौतुक हैं। रहीम की कविता नीति और ज्ञान से परिपूर्ण है। इनके नीतिपूरक दोहों में जीवन के अनुभवों को प्रस्तुत किया गया है। (UPBoardSolutions.com)
रहीम ने सामाजिक कुरीतियों और आडम्बरों की आलोचना की। इन्होंने राम, रहीम को एक माना। धर्म, सम्प्रदाय के चक्कर से दूर इन्होंने मानवधर्म को परमधर्म माना। इन्होंने राम, सरस्वती, गणेश, कृष्ण, सूर्य, शिव-पार्वती, हनुमान और गंगा की स्तुति की। सन् 1605 ई० में अकबर की मृत्यु के बाद जहाँगीर ने इन पर राजद्रोह का अभियोग लगाकर इनकी सम्पत्ति जब्त कर ली। दुखी होकर ये चित्रकूट आ गए। इनके अन्तिम दिन संघर्षपूर्ण रहे। सन् 1628 ई० में इनकी मृत्यु हो गई।

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
रहीम का जन्म कब हुआ था?
उत्तर:
रहीम का जन्म सन् 1556 ई० में हुआ।

प्रश्न 2:
रहीम की प्रमुख रचनाओं के (UPBoardSolutions.com) नाम लिखिए।
उत्तर:
रहीम की प्रमुख रचनाओं के नाम रहीम सतसई, बरवै नायिका भेद, राम पंचाध्यायी, श्रृंगार सोरठ, मदनाष्टक तथा खेल कौतुक हैं।

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प्रश्न 3:
रहीम को किन गुणों के कारण याद किया (UPBoardSolutions.com) जाता है?
उत्तर:
रहीम का कलम और तलवार पर समान अधिकार था। उन्होंने सर्वधर्म समभाव का आदर्श प्रस्तुत किया। उदारता, दानशीलता, कवित्व, राज्य संचालन, वीरता, दूरदर्शिता उनके पैतृक गुण थे।

प्रश्न 4:
रहीम को कौन-कौन सी उपाधियाँ प्राप्त थीं?
उत्तर:
रहीम को मिर्जा खाँ, खानखाना (UPBoardSolutions.com) तथा वकील की उपाधियाँ प्राप्त थीं।

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प्रश्न 5:
सही विकल्प चुनिए ( सही विकल्प चुनकर), रहीम

(क) उच्चकोटि के चित्रकार थे।
(ख) उच्चकोटि के इतिहासकार थे।
(ग) उच्चकोटि के राजनीतिज्ञ और कवि थे।
(घ) एक सूफी संत थे।
उत्तर:
(ग) उच्चकोटि के राजनीतिज्ञ और कवि थे।

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प्रश्न 6:
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)
(क) अकबर ने रहीम को मिर्जा खाँ नामक उपाधि प्रदान की।
(ख) रहीम ने ब्रजभाषा, अवधी (UPBoardSolutions.com) तथा खड़ी बोली में रचनाएँ की।
(ग) रहीम ने समाज के सामने सर्वधर्म समभाव का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया।

योग्यता विस्तार:
नोट- विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

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