UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 21 भारतरत्न महामना मदन मोहन मालवीय (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 21 भारतरत्न महामना मदन मोहन मालवीय (मंजरी)

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महत्वपूर्ण पद्यांश की व्याख्या

महामना मदन मोहन मालवीय …………………. प्रदान किया गया।

संदर्भ:
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘भारतरत्न महामना मदन मोहन मालवीय नामक पाठ से लिया गया है।

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व्याख्या:
प्रस्तुत पद्यांश में मालवीय जी के हिन्दुत्व के प्रति (UPBoardSolutions.com) जो विचार थे, उसकी विवेचना की गई है। मालवीय जी हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति के सच्चे अनुयायी थे। वे भारत की सभी समस्याओं का समाधान हिंदू धर्म का पुनरुत्थान मानते थे। उनका मानना था कि हिन्दू धर्म ही वह धर्म है जो विश्व-बंधुत्व की भावना को परिपुष्ट कर सकता है। वो चाहते थे कि संपूर्ण विश्व में भाई-चारी स्थापित हो। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन अपने इसी स्वप्न को पूरा करने में समर्पित कर दिया और इसके लिए कई संस्था व संगठनों का भी निर्माण किया।

पाठ का सम्र (सारांश)

महामना मदन मोहन मालवीय का जन्म ऐसे कालखण्ड में हुआ था, जिस समय भारत नव जागरण के साथ-साथ स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघर्षरत था।
महामना मदन मोहन मालवीय ने भारतीय स्वतंत्रता की ऐसी नींव रखी जिसके परिणाम स्वरूप 15 अगस्त 1947 ई० को हमारा देश स्वतंत्र हुआ। महामना मदन मोहन मालवीय भारतीय स्वाधीनता संघर्ष के नायक और साक्षी थे। इनका जन्म 25 दिसम्बर, 1861 ई० को प्रयाग में हुआ था। उनके पिता पण्डित ब्रजनाथ चतुर्वेदी और माता श्रीमती मूनादेवी थी। मालवीय जी के पूर्वज 15वीं शताब्दी में मालवा प्रर्दः से आकर प्रयाग में बस गये थे और स्थानवाची (मल्लई) अथवा ‘चौबे’ उपनाम से जाने गये। मल्लई शब्द को पं० मदन मोहन ने मालवीय बनाया। तब से सारे मल्लई मालवीय कहे जाने लगे। (UPBoardSolutions.com) मालवीय ने म्योर सेण्ट्रल कालेज से बी०ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की।
महामना मदन मोहन मालवीय जी वैदिक (हिन्दू) धर्म और संस्कृति के सच्चे अनुयायी थे। उनका दृष्टिकोण था कि हिन्दू धर्म के दर्शन द्वारा ही विश्वबन्धुत्व के भाव को जाग्रत किया जा सकता है। अपने इस दिवास्वप्न को पूर्ण करने के लिए उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज की सेवा में समर्पित कर दिया।
मालवीय जी ने गंगा के अविरल प्रवाह के लिए 1914 में हरिद्वार में तथा 1924 में प्रयाग में सत्याग्रह किया। मालवीय जी छुआ-छूत, अस्पृश्यता के घोर विरोधी थे। वे इसे कलंक और राष्ट्रीय विकास के मार्ग में बाधा मानते थे। वे नारी शिक्षा व सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि वे उन सब सामाजिक कुरीतियों को दूर करें जो स्त्री जाति की उन्नति में बाधक हैं। वे बाल विवाह के घोर विरोधी थे।
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पण्डित मदन मोहन मालवीय ने गौ-रक्षा आन्दोलन भी चलाए। महामना मदन मोहन मालवीय एक राजनीतिज्ञ से अधिक शिक्षाशास्त्री थे। उन्होंने ही काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की। मालवीय जी का सपना था कि सभी स्तर पर शिक्षा का ऐसा प्रबन्ध हो कि कोई भी बच्चा गरीबी के कारण शिक्षा से वंचित न रह पाये। महामना मालवीय जी ने भारतीय राजनीति, शिक्षा, साहित्य एवं पत्रकारिता में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने (UPBoardSolutions.com) अनेक छोटी-छोटी संस्थाओं जैसे- हिन्दू छात्रवास, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, भारती भवन पुस्तकालय आदि को खड़ा किया। राष्ट्र निर्माण में इन संस्थाओं की भूमिका मील का पत्थर है।।
मालवीय जी ने अधययन-अधयापन के साथ-साथ कई समाचार-पत्रे का संपादन किया तथा तत्कालीन ब्रिटिश शासन की नीतियों का प्रबल विरोध किया। मालवीय जी का निधन 12 नवम्बर, 1946 ई० में हुआ। विलक्षण प्रतिभा के धनी राष्ट्र नायक मालवीय जी को भारत सरकार द्वारा 30 मार्च, 2015 ई० को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1:
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
मालवीय जी ने अनेक समाचार-पत्रों का संपादन किया। पता लगाइए कि (UPBoardSolutions.com) वे समाचार पत्र कौन-कौन से थे?
उत्तर:
महामना मदन मोहन मालवीय जी ने ‘हिन्दोस्थान’, ‘अभ्युदय’, ‘लीडर’, ‘भारत’, ‘मर्यादा’, ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’, इण्डियन ओपीनियन’ तथा ‘सनातन धर्म’ नामक समाचार-पत्रों का संपादन किया।

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प्रश्न 3:
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें

विचार और कल्पना

प्रश्न 1:
मालवीय जी ने तत्कालीन समाज की समस्याओं पर आवाज उठाई। आपके विचार से तत्कालीन समाज में क्या-क्या समस्याएँ रही होंगी जिन पर उन्होंने आवाज उठायी ?
उत्तर:
तत्कालीन समाज की सबसे बड़ी समस्या थी-ब्रिटिश शासन, मालवीय जी ब्रिटिश शासन की नीतियों का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता की ऐसी नींव रखी जिसके परिणामस्वरूप हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हो सका। (UPBoardSolutions.com) तत्कालीन समाज में और भी कई समस्याएँ व्याप्त थीं; जैसे-छुआ-छूत, अस्पृश्यता, स्त्रियों की दुर्बल स्थिति, अशिक्षा, बाल-विवाह आदि। उन्होंने पौराणिक उद्धरणों द्वारा अस्पृश्यता को कलंक और राष्ट्रीय विकास के मार्ग में बाधक बताया। वे स्त्रियों को सबल बनाना चाहते थे। उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि वे उन सब सामाजिक कुरितियों को मिटा दें जो स्त्री जाति की उन्नति में बाधक हैं। वे बाल-विवाह के विरोधी थे और स्त्री-शिक्षा के समर्थक थे। तत्कालीन समाज अशिक्षा के दौर से गुजर रहा था। उन्होंने इस दिशा में काशी हिंदु विश्वविद्यालय की स्थापना की। उन्होंने विघटित हो रहे हिंदु धर्म के उत्थान और पुनरुद्धार के लिए भी अनेक कार्य किए।

प्रश्न 2:
भारतीय संस्कृति में गाय को माता कहा गया है। इस संबंध में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
जिस प्रकार जन्म देने वाली माँ हमें अपना दूध पिलाकर ही कुछ सालों तक पालती-पोषती है, उसी प्रकार हम जीवनपर्यंत गाय के दूध का या दूध से बने अन्य उत्पादों का प्रयोग करते हैं। इसी संदर्भ में भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया। (UPBoardSolutions.com) मेरे विचार से ये उचित ही है क्योंकि दूध पिलाकर पालन-पोषण तो माँ ही करती है। इस कारण गाय हमारी सही मायने में माता है जिसका दूध शुदध, मीठा, स्वास्थ्यवर्धक, पौष्टिक और अनेक रोगों को मिटाने वाला होता है।

प्रश्न 3:
मालवीय जी ने सभी के लिए शिक्षा की बात कही थी। आज सरकार ने शिक्षा के अधिकार के तहत इसे पूरे देश में लागू कर दिया। कल्पना कीजिए कि जब यह व्यवस्था नहीं रही होगी तो शिक्षा प्राप्त करने में कौन-कौन सी कठिनाइयाँ होती होंगी ? लिखिए।
उत्तर:
जिस समय देश में सबके लिए शिक्षा की व्यवस्था नहीं थी, उस समय देश के अधिकांश लोग खासकर गरीब तबके के लोग शिक्षा से वंचित रह जाते थे। महिलाओं को शिक्षा नहीं मिल पाती थी, वे भी अनपढ़ रह जाती थीं। गरीब समाज के लोगों को शिक्षा पाने के लिए अत्यंत संघर्ष करना पड़ता था, विद्यालय बहुत दूर-दूर होते जहाँ रोज समय पर पहुँचना ही एक चुनौती थी। साथ ही उस समय यातायात के साधन भी इतने विकसित नहीं थे फलतः लोगों को शिक्षा लेने में अनेक कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती थीं।

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प्रश्न 4:
मालवीय जी चाहते थे कि गंगा की धारा को कहीं रोका न जाय क्योंकि गंगा केवल नदी नहीं बल्कि संस्कृति की धारा है। आज गंगा प्रदूषण की शिकार हो गयी है। सोचिए जिस दिन गंगा नहीं रहेगी उस दिन क्या होगा ? इस सम्बंध में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
जिस दिन गंगा नहीं रहेगी वह दिन गंगा में आस्था रखने वाले लोगों के लिए प्रलय का दिन होगा। गंगा हमारी संस्कृति का हिस्सा है, गंगा नहीं तो हमारी संस्कृति नहीं। हिंदूधर्म छिन्न-भिन्न हो जाएगा। यही नहीं उत्तर भारत के जन-जीवन पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। सारी अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो जाएगी, उद्योग मिट जाएँगे, कृषि उत्पादन दुष्प्रभावित होगा। गंगा का नहीं होना मतलब उत्तर भारत का पतन। जिस दिन गंगा नहीं होगी, उस दिन की कल्पना भी भयावह है।

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प्रश्न 5:
आपके विचार में वर्तमान समाज की क्या-क्या समस्याएँ हैं? उनके क्या समाधान हो सकते हैं?
उत्तर:
वर्तमान समाज की सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या है। उसके बाद गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी है। इसके अलावा भ्रष्टाचार, गंदी राजनीति, साम्प्रदायिकता, पर्यावरण प्रदूषण जैसी अनेक ज्वलंत समस्याएँ हैं। जिससे हमारा वर्तमान भारतीय समाज बुरी तरह से प्रभावित है। इन समस्याओं का पहला समाधान है-जनसंख्या पर नियंत्रण, शिक्षा को सबके लिए सहज एवं सुलभ बनाना, रोजगार की उचित व्यवस्था करना, भ्रष्टाचार पर कठोरता से रोक लगाना, प्रदूषण कम करने के लिए सभी नागरिकों को स्वयं जागरूक होकर इस दिशा में बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करना इत्यादि।

जीवनी से

प्रश्न 1:
महामना मदन मोहन मालवीय का जन्म कब और कहाँ हुआ था? इनके माता पिता का क्या नाम था?
उत्तर:
महामना मदनमोहन मालवीय का जन्म 25 दिसम्बर, 1861 को प्रयाग में हुआ था। इनके पिता पंडित ब्रजनाथ चतुर्वेदी और माता का नाम श्रीमती मूना देवी था।

प्रश्न 2:
मदन मोहन और उनके वंशज मालवीय क्यों कहे गये?
उत्तर:
मालवीय जी के पूर्वज 15वीं शताब्दी में मालवा प्रदेश से आकर प्रयाग में बस गये थे और स्थानवाची (मल्लई) अथवा ‘चौबे’ उपनाम से जाने गये। मल्लई शब्द को पंडित मदन मोहन ने मालवीय बनाया। तब से सारे मल्लई (मालवीय) कहे जाने लगे।

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प्रश्न 3:
मालवीय जी के जन्म के समय भारत की स्थिति कैसी थी?
उत्तर:
महामना मदन मोहन मालवीय का जन्म ऐसे कालखण्ड में हुआ था, जिस समय भारत नव जागरण के साथ-साथ स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघर्षरत था। जिस काल में मालवीय जी का जन्म हुआ वह समय भारत में बौधिक और वैचारिक जागरण का था। उस समय बहुत से समाज सुधारक तथा चिन्तक भारत देश को उसकी मूल राष्ट्रीय और आध्यात्मिक चेतना की ओर लौटाने के लिए प्रयासरत थे।

प्रश्न 4:
महामना ने तत्कालीन भारत में समस्याओं के समाधान का विकंल्प किसे माना है। और क्यों?
उत्तर:
महामना ने तत्कालीन भारत में समस्याओं के समाधान का विकल्प हिन्दू धर्म के पुनरूत्थान को माना है क्योंकि हिन्दू धर्म सनातन धर्म है और मालवीय जी इस धर्म और संस्कृति के सच्चे अनुयायी थे।

प्रश्न 5:
महामना मालवीय का दिवास्वप्न क्या था?
उत्तर:
महामना मालवीय जी का दिवास्वप्न था–हिन्दू धर्म के दर्शन द्वारा विश्वबन्धुत्व के भाव को जाग्रत करना।

प्रश्न 6:
उन्होंने तत्कालीन समाज में फैली किन-किन समस्याओं पर कुठाराघात किया?
उत्तर:
मालवीय जी ने तत्कालीन समाज में व्याप्त छुआ-छूत अस्पृश्यता, बाल-विवाह, स्त्री को अशिक्षित और कमजोर बनाए रखने जैसी कुप्रथाओं पर कुठाराघात किया था।

प्रश्न 7:
स्त्रियों के प्रति मालवीय जी का क्या दृष्टिकोण था?
उत्तर:
स्त्रियों के प्रति अपना दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा था कि मैं चाहता हूँ कि हमारे देश की सभी स्त्रियाँ अंगेज महिलाओं की भाँति पिस्तौल और बन्दूकें रखें और उनको चलाना सीखें ताकि वे किसी भी आक्रमण से अपनी रक्षा कर सकें। उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि वे उन सब सामाजिक कुरीतियों को दूर करें जो स्त्री जाति की उन्नति में बाधक हैं। वे बाल विवाह के घोर विरोधी थे। उन्होंने सामाजिक उन्नति के लिए स्त्री शिक्षा पर विशेष जोर दिया।

प्रश्न 8:
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे मालवीय जी की क्या सोच थी ?
उत्तर:
महामना मदन मोहन मालवीय एक राजनीतिज्ञ से अधिक शिक्षाशास्त्री थे। उनका मानना था कि हमारी सारी समस्याओं की जड़ अशिक्षा है। वे शिक्षा को पुरातन एवं नवीनतम मूल्यों के बीच एक सेतु के रूप में देखते थे। इन्हीं धारणाओं को ध्यान में रखकर मालवीय जी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की। मालवीय जी का सपना था कि सभी स्तर पर शिक्षा का ऐसा प्रबन्ध हो कि कोई भी बच्चा गरीबी के कारण शिक्षा से वंचित न रह पाये।

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भाषा की बात

प्रश्न 1:
पाठ में ‘साथ-साथ’ शब्द आया है जो पुनरुक्त शब्द है। इसी प्रकार दिये गये पुनरुक्त शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
अपना-अपना, धीरे-धीरे, छोटे-छोटे, हँसते-हँसते, पानी-पानी ।
उत्तर:
अपना-अपना   –    तुम सबको अपना-अपना कार्य स्वयं करना चाहिए।
धीरे-धीरे          –    धीरे-धीरे उन्हें अपने मकसद में कामयाबी मिल ही गई।
छोटे-छोटे        –     इन छोटे-छोटे कामों में सफलता पाकर ही तुम आगे बढ़ पाओगे।
हँसते-हँसे        –     छोटे बच्चे के मुँह से इस तरह की बात सुनकर सब हँसते-हँसते लोट-पोट हो गए।
पानी-पानी      –      चोरी करते हुए पकड़े जाने पर वह पानी-पानी हो गया।

प्रश्न 2:
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 3:
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए
जैसे- जो अनुकरण करने योग्य हो                     –  अनुकरणीय
(क) युग का निर्माण करने वाला।                      –  युगनिर्माता
(ख) जो सबको समान भाव से देखता हो।         –  समद्रष्टा
(ग) जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते प्रतीत हों।  –  क्षितिज
(घ) जिसका कोई खण्ड न हो सके।                  –  अखण्ड

प्रश्न 4:
इस पाठ को पढ़कर आपके मन में महामना मदन मोहन मालवीय के व्यक्तित्व की कुछ विशेषताएँ उभर रही होंगी। उन विशेषताओं को संक्षेप में लिखिए।
शिक्षण संकेत:
श्रव्य-दृश्य सामग्री का प्रयोग करते हुए महामना पं० मदन मोहन मालवीय के जीवन की अन्य घटनाओं से बच्चों को अवगत कराएँ।

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उत्तर:
पंडित मदन मोहन मालवीय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक और साक्षी थे। वे हिंदू धर्म और संस्कृति के सच्चे अनुयायी थे। वे विश्वबंधुत्व के भाव के सच्चे समर्थक थे। मालवीय जी छुआ-छूत, अस्पृश्यता के घोर विरोधी थे। वे स्त्रियों के प्रति उदार दृष्टिकोण रखते थे। उन्होंने समाज के पुनरुद्धार के लिए जिन विषयों को केंद्र में रखा उनमें गौ-रक्षा भी प्रमुख विषय था। महामना मदन मोहन मालवीय जी एक राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक शिक्षाशास्त्री भी थे। वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक थे। महामना मालवीय जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे एक साथ उच्चकोटि के राजनीतिज्ञ, शिक्षाशास्त्री, साहित्यकार और पत्रकार थे। वे ब्रिटिश शासन की नीतियों के प्रबल विरोधी थे। विलक्षण प्रतिभा के धनी मालवीय जी भारत के सर्वोच्च सम्मान भारतरत्न से सम्मानित किए जा चुके हैं।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 राजधर्म (मंजरी)

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महत्त्वपूर्ण गद्याश की व्याख्या

“बोधिसत्व से ………………………………. व्रत है।”
संदर्भ:
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के (UPBoardSolutions.com) ‘‘राजधर्म” नामक पाठ से लिया गया है। यह जातक कथा (कहानी) से उद्धृत है।

प्रसंग:
राजा ने बोधिसत्व द्वारा दिए गए कड़वे गोदे थूक दिए। बोधिसत्व ने बताया कि राजा के अधार्मिक होने से जंगल के कन्दमूल और फल नीरस हो जाते हैं।

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व्याख्या:
राजा ने स्वयं बोधिसत्व को विनयपूर्वक यह सच्चाई बताई कि उसने ही पहले गोदों । (फलों) को मीठा किया था और बाद में उन्हें कड़वा कर दिया। पहले वह धार्मिक और न्यायपूर्ण ढंग से राज्य करता था परन्तु बाद में अन्याय करना शुरू कर दिया। बोधिसत्व ने जो राजधर्म बताया, वह सत्य सिद्ध हो गया। अतः राजा ने राजधर्म अपनाकर कड़वे फलों को मीठा करने का इरादा किया। उसने अपने इस संकल्प (UPBoardSolutions.com) और व्रत का पालन करना शुरू कर दिया। उसका राज्य फिर खुशहाली से भर गया।

पाठ का सर (सारांश)

प्राचीनकाल में वाराणसी में ब्रह्मदत्त नामक धर्म और न्यायपरायण राजा राज्य करता था। उसके राज्य में बोधिसत्व (बुद्ध) एक ब्राह्मण कुल में पैदा हुए। वह हिमालय प्रदेश में तपस्या में लीन रहते थे।
राजा ब्रह्मदत्त विवेकशील था। राज्य में कोई ऐसा व्यक्ति न था, जो उसके दोष बताए। एक दिन राजा घूमता हुआ हिमालय प्रदेश में बोधिसत्व के आश्रम में पहुँचा। उसने बोधिसत्व को प्रणाम किया और चुपचाप बैठ गया। बोधिसत्व द्वारा दिए गए मीठे और स्वादिष्ट गोदे खाकर, राजा ने उनके मीठे और स्वादिष्ट होने का कारण पूछा। बोधिसत्व ने बताया कि राजा के धार्मिक और न्यायप्रिय होने से सब वस्तुएँ मधुर होती हैं। इस बात की सच्चाई जानने को राजा ने अधर्म और अन्याय से राज्य करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद राजा फिर आश्रम में पहुँचा। इस बार जो गोदे उसने खाए, वह कड़वे थे। बोधिसत्व ने (UPBoardSolutions.com) इसका कारण राजा का अधार्मिक और अन्यायी होना बताया। राजा के कुमार्ग पर चलने से प्रजा भी वैसा ही करती है। इसके प्रतिकूल धर्म का अनुसरण करने वाले राजा की प्रजा भी धर्म का मार्ग अपनाती है। राजा ने बोधिसत्व के सामने प्रत्यक्ष होकर सारी बात बता दी। उसने निश्चय किया कि वह गोदों को कभी कड़वा नहीं होने देगी। उसने धर्मपूर्वक न्याय से राज्य करना शुरु कर दिया। राज्य में फिर से सम्पन्नता आ गई।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1:
अपने आस-पास क्षेत्र में पाये जाने वाले बरगद, पीपल, पाकड़ या अन्य वृक्षों को निकट से देखिए और उन पर बैठे पक्षियों के क्रियाकलापों को अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
बरगद के वृक्ष का चित्र बनाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 3:
इस पाठ के आधार पर आप भी दो सवाल बनाइए।
उत्तर:
प्र०1. ब्रह्मदत्त अपने विषय में क्या जानना चाहता था?
प्र०2. क्या ऐसा सच में हो सकता है कि राजा (UPBoardSolutions.com) के अन्यायी होने पर राज्य में उगने वाले फल भी कडवे हो जाएँगे।

प्रश्न 4:
लिखिए-इस कहानी को पढ़ने के बाद आप क्या करेंगे ? क्या नहीं करेंगे ?
उत्तर:
क्या करेंगे: अधर्म, अन्याय और पार का रास्ता छोड़ दूंगा।
क्या नहीं करेंगे: कभी किसी को परेशान नहीं करूंगा, किसी को तकलीफ नहीं पहुँचा

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विचार और कल्पना

प्रश्न 1:
इस पाठ में एक अच्छे राजा के आवश्यक गुण बताये गये हैं। आपके विचार में किसी राजा/श्रेष्ठ व्यक्ति/नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए? उन्हें लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें। (UPBoardSolutions.com)

प्रश्न 2:
जब राजा ने अन्याय और अधर्म के साथ राज्य किया होगा, तब उसकी प्रजा को क्या-क्या कष्ट भोगने पड़े होंगे ?
उत्तर:
चारों तरफ अशान्ति और अराजकता का साम्राज्य बन गया होगा। लूट-पाट, चोरी, राहजनी एवं हत्याएँ बढ़ गई होंगी जिससे प्रजा परेशान हो गई होगी।

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प्रश्न 3:
बोधिसत्व जंगल के पके गोदे खाते थे जो शक्कर के समान मीठे थे। (UPBoardSolutions.com) आप अपने द्वारा खाए हुए उन फलों के नाम लिखिए जो एक बीज वाले हों, अनेक बीज वाले हों।
उत्तर:
(क) एक बीज वाले फल             –             आम, लीची, आड़, जामुन
(ख) अनेक बीज वाले फल          –             सेब, तरबूज, खरबूजा, संतरा
(ग) बिना बीज वाले फल             –             केला, अंगूर
(घ) कड़े छिलके वाले फल          –            अखरोट, नारियल, बेल

कहानी से

प्रश्न 1:
ब्रह्मदत्त नामक राजा क्यों प्रसिद्ध था?
उत्तर:
राजा ब्रह्मदत्त अपनी धर्मप्रियता और न्यायपरायण शासन के लिए प्रसिद्ध था।

प्रश्न 2:
राजा ब्रह्मदत्त वेश बदलकर क्यों घूमता था?
उत्तर:
राजा ब्रह्मदत्त वेश बदलकर यह जानने के लिए घूमते थे कि उसका दोष बताने वाला भी है या नहीं।

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प्रश्न 3:
बोधिसत्व ने राजा को गोदों के मीठे और स्वादिष्ट होने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
बोधिसत्व ने गोदों के मीठे और स्वादिष्ट होने का कारण राजा का धार्मिक और न्यायपरायण होना बताया।

प्रश्न 4:
राजा ने अधर्म और अन्याय से राज्य करना क्यों शुरु किया?
उत्तर:
राजा ने तपस्वी बोधिसत्व के कथन की परीक्षा लेने के लिए (UPBoardSolutions.com) अधर्म और अन्याय से राज्य करना शुरू किया।

प्रश्न 5:
‘राजा के धर्म विमुख होने पर सारा राज्य दुख को प्राप्त होता है’ कथन का आशय बताइए।
उत्तर:
राजा के धर्म विमुख होने से सारा राज्य दुख को प्राप्त होता है। इसका अर्थ है यथा राजा । तथा प्रजा। बुरे नेताओं से देश में अराजकता और दुख उत्पन्न होता है।

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भाषा की बातप्रश्न

प्रश्न 1:
नीचे लिखे हुए …………………. वाक्य बने हैं।
नीचे लिखे मिश्रित वाक्यों से मुख्य और अधीन वाक्य अलग-अलग लिखिए (वाक्य लिखकर)

(क) वह ऐसे व्यक्ति को ढूँढता था।                     –             मुख्य वाक्य
जो उसके दोषों को बता सके।                             –            अधीन वाक्य

(ख) अधर्म और अन्याय से राज करूगा और देगा।        –            मुख्य वाक्य
कि बोधिसत्त्व की बात में कितनी सच्चाई है?                   –          अधीन वाक्य

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प्रश्न 2:
तुलना की दृष्टि से ………………….का अर्थ ‘सबसे श्रेष्ठ’ है। (UPBoardSolutions.com) इसी प्रकार नीचे दिये गये शब्दों के तीनों रूप लिखिए ( रूप लिखकर )
उत्तर:
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प्रश्न 3:
नीचे कुछ शब्द और उनके विलोम शब्द दिये गये हैं। उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़कर शब्द और उनके विलोम शब्दों के जोड़े बनाकर लिखिए (जोड़े बनाकर)
उत्तर:
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प्रश्न 4:
शब्द अन्त्याक्षरी को आगे बढ़ाइए- प्रबन्ध-धनवान-नदी ……..
उत्तर:
प्रबन्ध – धनवान – नदी – दीवाली – लीची – चीनी – नीला – लाल – लड़की – कील

यह भी करें:
एक बार की बात है। भारत के एक प्रसिद्ध संत जापान की यात्रा पर गए थे। एक दिन वे ट्रेन से जापान के भीतर उन भागों में घूम रहे थे। उस दिन वे फलाहार पर थे। फल खरीदने के लिए वे एक स्टेशन पर उतरे। लेकिन उन्हें कहीं कोई फलवाला नहीं दिखाई दिया। (UPBoardSolutions.com) फलवाले को ढूंढते-ढूंढते जब वे थक गए तो अपने-आप में बड़बड़ाए कि कैसा देश है यह? यहाँ फल भी नहीं मिलता। उनकी बात वहाँ बैठा एक युवक सुन रहा था। वह झट से उठा और दौड़कर कहीं गया। 15-20 मिनट बाद वह अपने हाथ में फलों की टोकरी लेकर लौटा और संत को आदरपूर्वक दे दिया। संत ने कृतज्ञता व्यक्त की और फलों की कीमत देने की बात की। युवक ने विनम्रतापूर्वक फलों की कीमत लेने से इनकार दिया और बड़ी ही मधुर वाणी में उसने संत से कहा- महामना! यदि आप मुझे कुछ देना ही चाहते हैं तो कृपया यह वचन दीजिए कि आप अपने देश में जाकर ये नहीं कहेंगे कि जापान में फल नहीं मिलता। इससे मेरे देश की बदनामी होगी। वे महान भारतीय संत उस युवक का अपने देश के प्रति प्रेम देखकर आश्चर्यचकित और आत्मविभोर हो गए।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 14 भविष्य का भय (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

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पर माँ इस भयंकर ……………………………. नहीं करना।

संदर्भ:
प्रस्तुत गद्य खण्ड हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘भविष्य का भय’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी लेखिका आशापूर्णा देवी हैं।

प्रसंग:
प्रस्तुत कहानी में साधन सम्पन्न परिवार की एक लड़की के माध्यम से लेखिका द्वारा निर्धन और असहाय बच्चों के प्रति संवेदना जागृत करने की चेष्टा की गई है।

व्याख्या:
तुलतुल अपने माता-पिता को छोटे बच्चों से काम कराने के कारण उन्हें पापी कहती है। माँ ने इस भयंकर सत्य को सुनकर उससे हँसकर कहा कि वह इस पापी संसार में पैदा हुई हैं और इस कारण पापी बनकर जीवन गुजारना पड़ (UPBoardSolutions.com) रहा है। वह नए सिरे से संसार को नहीं बदल सकती है। वह अपनी लड़की को बड़े होकर अपने मित्रों के साथ मिलकर नया संसार. बनाकर इसको पापमुक्त करने को कहती हैं।

पाठ का सर (सारांश)

अन्तरराष्ट्रीय बाल वर्ष में तुलतुल ने छोटी टुनी की माँ से कहा कि यह साल छोटे लड़के-लड़कियों का है। उनकी ज्यादा देखभाल करनी होगी। टुनी की माँ ने टुनी से जल्दी-जल्दी बरतन धोने को कहा। तुलतुल ने टुनी को खबरदार किया क्योंकि (UPBoardSolutions.com) उसकी माँ खाक नहीं समझी। तुलतुल की मिस ने कहा है- दुनिया में सभी आदमी बराबर है। सभी छोटे बच्चों को प्यार पाने और देखभाल किए जाने का अधिकार है। “तुलतुल नहीं समझ पा रही थी कि दुबली-पतली टुनी ठण्डे पानी से बरतन धोए और तुलतुल गर्म पानी से मुँह धोकर गरम कपड़े पहनकर गरम-गरम पूरियाँ खाए।
टुनी को काम करते देख तुलतुल ने उसके हाथ से कोयला तोड़ने का लोहे का हथौडा छीन लिया और बोली, “कल से टुनी यह गन्दा काम नहीं करेगी। कल पापा टुनी को स्कूल में दाखिल करवा देंगे। पापा ने टुनी को दाखिल करवाने की बात कही और बताया कि स्कूल में फीस नहीं लगती, कॉपी-किताब मुफ्त मिलते हैं और टिफिन में खाना भी मुफ्त। तुलतुल यह सुनकर खुश हो गई।
दूसरे दिन तुलतुल ने कपड़े देकर टुनी को पहनने का हुक्म दिया और बोली, “पापा के बाजार से लौटने पर स्कूल जाएँगे। समझी, और उसके पहले मेरे साथ खाना खाएगी। याद रहेगा? खाते समय तुलतुल ने चिल्लाकर टुनी को पुकारा। दादी ने बताया (UPBoardSolutions.com) कि टुनी की माँ बरतन छोड़कर टुनी को लेकर घर पूछने गई है। शाम को तुलतुल को यह सुनना पड़ा कि टुनी की माँ ने तुलतुल की हरकतों से तंग आकर काम छोड़ दिया है।
एक बार तुलतुल जलपाईगुड़ी नाना के यहाँ गई थी। नाना द्वारा दी गई ‘दया के सागर, विद्यासागर नामक पुस्तक से प्राप्त शिक्षा ग्रहण करते हुए तुलतुल ने एक गरीब लड़के को शीत से बचाने के लिए अपना कीमती कार्डिगन दे दिया था, क्योंकि विद्यासागर भी अपने शरीर से उतारकर कपड़े गरीबों को देते थे। नाना ने तुलतुल को डाँटा था। तुलतुल समझ नहीं पा रही थी कि बड़े लोग बोलते कुछ हैं और करते कुछ हैं। उनके काम बड़े उलटे किस्म के हैं।
तुलतुल को भैया ने खाना खाने बुलाया। उसने मना कर दिया। पापा ने उससे पूछा कि टुनी स्कूल जाएगी तो उसकी माँ का गुजारा कैसे होगा। तुलतुल झटककर बोली, “छोटे बच्चों से काम कराना बड़ा पाप है तुम सब पापी हो।” माँ ने समझाया कि जब बड़ी हो जाए तो वह और उसके दोस्त मिलकर ऐसा पाप न करें।. तुलतुल माँ से लिपटकर रोकर बोली, “ अगर बड़ी होकर मैं तुम जैसी हो जाऊँ और भूल जाऊँ कि सभी लोग एक समान हैं।”

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प्रश्न-अभ्यास

  • कुछ करने को            नोट– विद्यार्थी स्वयं करें।
  • विचार और कल्पना     नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
  • कहानी से

प्रश्न 1:
स्कूल से लौटने पर तुलतुल मुँह (UPBoardSolutions.com) फुलाकर क्यों बैठ गयी?
उत्तर:
स्कूल से आकर तुलतूल मुँह फुलाकर बैठ गई, क्योंकि ट्रेनी की माँ घर काम करने नहीं आई।

प्रश्न 2:
तुलतुल की माँ ने उसे घरेलू कार्य करने का आदेश क्यों दिया?
उत्तर:
तुलतुल की हरकतों से तंग आकर टुनी (UPBoardSolutions.com) की माँ काम करने नहीं आई। इस कारण उस काम को तुलतुल को दण्डस्वरूप करना था।

प्रश्न 3:
ईश्वरचन्द्र विद्यासागर की जीवनी पढ़ने का तुलतुल पर क्या असर हुआ?
उत्तर:
ईश्वरचन्द्र विद्यासागर की जीवनी पढ़कर उनके विचारों से प्रभावित होकर तुलतुल ने अपना कीमती कार्डीगन एक गरीब लड़के को शीत से बचने के लिए दे दिया।

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प्रश्न 4:
तुलतूल के मन में भविष्य के किस भय की चिन्ता थी?
उत्तर:
तुलतुल भविष्य में पापरहित संसार को रचना चाहती थी। (UPBoardSolutions.com) परन्तु उसे यह भय था कि कहीं वह माँ की तरह उलट-पलट न हो जाए, बेवकूफ न बन जाए और भूल न जाए कि सभी लोग एक समान हैं।

प्रश्न 5:
टुनी की माँ टुनी को स्कूल क्यों नहीं भेजना चाहती थी और वह तुलतुल के घर की नौकरी छोड़कर क्यों चली गयी?
उत्तर:
टुनी की माँ टुनी से अपना घरेलू कामकाज कराती थी। (UPBoardSolutions.com) इसलिए वह उसे स्कूल नहीं भेजना चाहती थी। तुलतुल द्वारा टुनी को स्कूल में दाखिला कराकर टुनी की माँ का गुजारा मुश्किल था। इसलिए वह तुलतुल के घर की नौकरी छोड़कर चली गई।

प्रश्न 6:
अन्तरराष्ट्रीय बालवर्ष’ के सन्दर्भ में ‘मिस’ के क्या विचार थे और ‘मिस’ के विचारों का तुलतुल पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
अन्तरराष्ट्रीय बालवर्ष के संदर्भ में मिस के विचार थे कि दुनिया में सभी लोग समान हैं। सभी छोटे बच्चों को प्यार पाने और देखभाल किए जाने का अधिकार है। तुलतुल पर मिस के विचारों का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। वह घर में काम करने वाली स्त्री की बच्ची टुनी की देखभाल और शिक्षा के (UPBoardSolutions.com) विषय में सोचने लगी।

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भाषा की बात

प्रश्न 1:
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर अपने वाक्यों में उनका प्रयोग कीजिए
मुँह फुलाना, हाथ बँटाना, मजा चखाना, सर पर भूत सवार होना, (UPBoardSolutions.com) कोई चारा न होना, दिमाग फिरना, पेट में चूहे कूदना।।
उत्तर:
मुँह फुलाना (गुस्सा होना)- लड़की ने खाना नहीं खाया क्योंकि वह मुँह फुलाए बैठी थी।
हाथ बँटाना (मदद करना)- बच्चे घर के काम में परिवार का हाथ बँटाते हैं।
मजा चखाना (दण्ड देना, किए का फल चखाना)- शैतान बच्चों को बाग से आम तोड़ते देख माली ने उन्हें मजा चखा दिया।
सर पर भूत सवार होना (बुद्धि ठीक न होना)- माँ ने कहा, “तुलतुल बकबक बन्द करो। तुम्हारे सर पर भूत सवार हुआ है।”
कोई चारा न होना (कोई उपाय न होना)- काम छोड़कर चले जाने के अलावा टुनी की माँ के पास कोई चारा न था।
दिमाग फिरना ( बुद्धि ठिकाने न होना)- तुलतुल का दिमाग फिर गया, (UPBoardSolutions.com) जिससे वह टुनी को जबरदस्ती स्कूल में प्रवेश दिलाना चाहती थी।
पेट में चूहे कूदना ( भूखा होना)- देर तक खाना न मिलने पर पेट में चूहे कूदने लगे।

प्रश्न 2:
इस पाठ में कई शब्द-युग्म आये हैं जो पुनरुक्त हैं, जैसे- कभी-कभी, डरी-डरी, गरम-गरम आदि। पाठ में आये हुए अन्य पुनरुक्त शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
छोटे-छोटे, अच्छी-अच्छा, जल्दी-जल्दी, कभी-कभी, बक-बक, तार-तार, थोड़ी-थोड़ी, क्या-क्या, हो-हो।

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प्रश्न 3:
इस पाठ में आये निम्नलिखित शब्दों को पढ़िएयूनिफार्म, फ्रॉक, हुक्म, माफ। ये शब्द विदेशी भाषा से हिन्दी में आये हैं। पाठ से अन्य विदेशी शब्द चुनकर लिखिए।
उत्तर:
यूनिफार्म, मिस, डिपो, टिफिन, डेंजरस, कार्डीगन। (UPBoardSolutions.com)

प्रश्न 4:
पदों के मेल से बने हुए नये संक्षिप्त पद को ‘समास’ कहते हैं। जिस ‘समास’ में दोनों पद प्रधान होते हैं और उनके बीच में ‘और’ शब्द का लोप होता है, उसे ‘द्वन्द्व समास’ कहते हैं, जैसे- पढ़ना-लिखना अर्थात् पढ़ना और लिखना। नीचे लिखे शब्दों में समास विग्रह कीजिए झाडू-पोंछा, दुबली-पतली, हाथ-मुँह, लड़के-लड़कियाँ।
उत्तर:
झाडू-पोंछा।                                         झाड़ और पोंछा                               द्वन्द्व समास
दुबली-पतली                                       दुबली और पतली                             द्वन्द्व समास
हाथ-मुँह                                                हाथ और मुँह                                 द्वन्द्व समास
लड़के-लड़कियाँ                                 लड़के और लड़कियाँ                        द्वन्द्व समास

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 13 जिसके हम मामा हैं (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 13 जिसके हम मामा हैं (मंजरी)

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महत्त्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

भारतीय नागरिक ……………….पेटी लेकर भाग गया।

संदर्भ:
प्रस्तुत गद्य खण्ड हमारी पाठ्यपुस्तक मंजरी’ के ‘जिसके हम मामा हैं’ (UPBoardSolutions.com) नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक प्रसिद्ध व्यंग्यकार शरद जोशी हैं।

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प्रसंग:
एक सज्जन वाराणसी, गंगास्नान को गए। वहाँ एक लड़के मुन्ना ने भानजा बनकर सज्जन मामा जी के वस्त्रों को उठा लिया। स्नान के बाद सज्जन तौलिया लपेटे उसे ढूंढते रहे।

व्याख्या:
लेखक शरद जोशी ने उपर्युक्त रूपक के सहारे हम सभी पर व्यंग्य किया है। हम सब भारतीय नागरिक और भारतीय वोटर काशी गंगास्नान करने वाले सज्जन मामा जी की तरह हैं। हम प्रजातन्त्र की गंगा में डुबकी लगाते हैं। चुनाव के समय एम०पी०, (UPBoardSolutions.com) एम०एल०ए० बनने के इच्छुक उम्मीदवार चरणों में आकर गिर जाते हैं, कहते हैं, “पहचाना नहीं”। हम समस्याओं का तौलिया लपेटे पाँच साल तक इन्हीं एम०पी० आदि को ढूंढते रहते हैं, लेकिन ये हमें नहीं मिलते और हमारी समस्याएँ हल नहीं हो पातीं।

पाठ का सट (सारांश)

एक सज्जन गंगा स्नान करने वाराणसी गए। स्टेशन पर उतरते ही एक लड़के ‘मुन्ना’ ने “नमस्ते. मामा जी” कहकर चरण छुए और कहा, “पहचाना नहीं?” सज्जन जब गंगा स्नान करके आए, तब तक मुन्ना कपड़े आदि लेकर गायब हो गया। वह तौलिया लपेटे (UPBoardSolutions.com) मुन्ना को इधर-उधर ढूंढते रहे परन्तु वह नहीं मिला। | हम सब भारतीय नागरिक और भारतीय वोटर मामा जी की तरह ही हैं।
हम प्रजातन्त्र की गंगा में डुबकी लगाते हैं। हम समस्याओं का तौलिया लपेटे भानजे रूपी एम०पी०, एम०एल०ए० को ढूंढते रहते हैं। जो पाँच साल तक तो नहीं मिलता, परन्तु चुनाव के समय चरणों में गिरकर कहता है, “पहचाना नहीं?”

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को :

प्रश्न:
प्रायः कुछ लोग चुनाव में किसी न किसी लोभ या दबाववश योग्य प्रत्याशी को अपना मत न देकर किसी अयोग्य प्रत्याशी को मतदान कर बैठते हैं, जिसका समाज पर बुरा असर पड़ता है। आप भी निकट भविष्य में अपने मत (वोट) का प्रयोग करेंगे। (UPBoardSolutions.com) लिखिए कि आप किसी प्रत्याशी को किन बातों के आधार पर अपना मत (वोट) देंगे?
उत्तर:
हम अपना वोट प्रत्याशी के संपूर्ण व्यक्तित्व का आकलन करने के पश्चात ही उसे देंगे। पहले हम यह देखेंगे कि वह कितना शिक्षित है, अशिक्षित व्यक्ति जनता की समस्याएँ दूर करना तो दूर समझ भी नहीं सकता। फिर उसके भाषणों से यह तय करेंगे कि उसकी बातों में कितनी सच्चाई है। और जो वादे वो कर रहा है क्या उन्हें पूरा करने में वह सक्षम भी है? इसी तरह हम उसके अतीत और वर्तमान की सारी जानकारी प्राप्त करेंगे (UPBoardSolutions.com) और यदि वह हमारी कसौटी पर खरा उतरता है तभी हम उसे अपना वोट देगें।

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विचार और कल्पना :

प्रश्न 1:
यदि आपको वोट देने का अवसर प्राप्त होता है तो आप किस प्रकार के व्यक्ति अपना वोट देना चाहेंगे? लिखिए।
उत्तर:
हम एक कर्मठ, साहसी, शिक्षित और अनुभवी (UPBoardSolutions.com) उम्मीदवार को वोट देना चाहेंगे।

प्रश्न 2:
अपने ग्राम प्रधान/ सभासद, विधायक ( एम०एल०ए०), सांसद ( एम०पी०) का परिचय देते हुए उनके व्यक्तित्व और सामाजिक छवि के बारे में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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पाठ से

प्रश्न 1:
व्यंग्य में मामाजी और मुन्ना किसके-किसके लिए (UPBoardSolutions.com) प्रयोग किया गया है?
उत्तर:
व्यंग्य में मामा जी शब्द भारतीय नागरिक अथवा वोटर तथा मुन्ना शब्द एम०पी० (सांसद) को कहा गया है।

प्रश्न 2:
भारतीय नागरिक और भारतीय वोटर के नाते हमारी कैसी स्थिति है?
उत्तर:
भारतीय नागरिक और भारतीय वोटर के नाते हमारी स्थिति उस सज्जन की तरह वाराणसी में तौलिया लपेटे यहाँ से वहाँ दौड़ रहा था।

प्रश्न 3:
“बाहर निकले तो सामान भी गायब लड़का भी गायब” (UPBoardSolutions.com) इस वाक्य की तुलना पाठ । में आये किस वाक्य से की जा सकती है?
उत्तर:
वह शख्स जो कल आपके चरण छूता था; आपका वोट लेकर गायब हो गया है।

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प्रश्न 4:
“क्यों साहब वह कहीं आपको नजर आया” इस वाक्य से लेखक को क्या आशय है?
उत्तर:
इस वाक्य से लेखक का आशय है कि विधायक, (UPBoardSolutions.com) सांसद आदि वोट लेकर चुनाव जीतने के बाद भारतीय नागरिकों और भारतीय वोटरों की कोई सुध नहीं लेते।

भाषा की बात

प्रश्न 1:
नीचे दिये गये वाक्यों के रूप कोष्ठक में दिये गये निर्देशों के अनुसार बदलिए

(क) मैं आजकल यहीं हूँ। (नकारात्मक)
उत्तर:
मैं आजकल यहीं नहीं हैं।

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(ख) वे तौलिया लपेटे यहाँ से वहाँ दौड़ते (UPBoardSolutions.com) रहे। (प्रश्नवाचक)
उत्तर:
वे तौलिया लपेटे यहाँ से वहाँ क्यों दौड़ते रहे?

(ग) तुमने इतनी देर से मुझे नहीं पहचाना। (विस्मयबोधक)
उत्तर:
तुमने इतनी देर से मुझे नहीं पहचाना?

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प्रश्न 2:
निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग एक ही वाक
(क) जैसे ही, वैसे ही ….. जैसे ही उसने प्लेटफार्म पर पैर रखा, वैसे ही गाड़ी गई।
(ख) इसलिए, क्योंकि …… इसलिए वह तेज (UPBoardSolutions.com) दौड़ा क्योंकि गाड़ी छूटने वाली थी।
(ग) जितना, उतना …… जितना कार्य वह पूरा करता उतना ही और मिल जाता था।

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प्रश्न 3:
सहायक क्रिया मुख्य क्रिया की काल सम्बन्धी सहायता करती है, जैसे- ‘घूमने लगे इसमें ‘घूमना’ मुख्य क्रिया है तथा ‘लगे’ सहायक क्रिया। इस प्रकार के दो अन्य उदाहरण देकर मुख्य क्रिया और सहायक क्रिया को अलग-अलग लिखिए। (UPBoardSolutions.com)
उत्तर:
(1) दौड़ते रहे।                     मुख्य क्रिया– दौड़ना                                 सहायक क्रिया– रहे
(2) भाग गया।                     मुख्य क्रिया– भागना                                 सहायक क्रिया– गया

प्रश्न 4:
वाक्य शुद्ध कीजिए

(क) वहीं जिसके मामा हैं हम।                                        वही जिसके हम मामा हैं।
(ख) वोटों की भाग गया लेकर पूरी पेटी।                         वोटों की पूरी पेटी लेकर भाग गया।
(ग) पहुँचे वाराणसी सज्जन एका                                      एक सज्जन वाराणसी पहुँचे।
(घ) माधव विद्यालय गया से घर।                                      माधव घर से विद्यालय गया।
(ङ) शैली है गाना रही गा।।                                              शैली गाना गा रही है।

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प्रश्न 5:
‘परलोक’ शब्द में ‘पर’ तथा ‘बदकिस्मत’ शब्द में बद’ उपसर्ग । नीचे दिये गये शब्दों में से उपसर्ग और शब्द अलग-अलग लिखिए
अस्थायी,  प्रसिद्ध,  सपूत,  सुगम,  खुशकिस्मत,  खुशमिजाज, (UPBoardSolutions.com)  नासमझ,  गैरहाजिर।
उत्तर:
अस्थायी = अ + स्थायी
प्रसिद्ध = प्र + सिद्ध
संपूत = स + पूत
सुगम = सु + गम
खुशकिस्मत = खुश + किस्मत
खुशमिजाज = खुश + मिजाज
नासमझ = ना + समझ
गैरहाजिर = गैर + हाजिर

प्रश्न 6:
इस पाठ के आधार पर आप भी दो प्रश्न बनाइए।
उत्तर:
प्र०1. लेखक ने व्यंग्य में मामा जी शब्द का प्रयोग किसके प्रतीक के रूप में किया है?
प्र०2. प्रजातंत्र को लेखक ने किसकी उपमा दी है? (UPBoardSolutions.com)

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प्रश्न 7:
इस पाठ से ।                           नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 12 सुभाषचन्द्र बोस के उद्बोधन (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 12 सुभाषचन्द्र बोस के उद्बोधन (मंजरी)

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पाठ का सार (सारांश)

रमेश कक्षा-7 में पढ़ता है। उसके दादा भारतीय सेना में सूबेदार मेजर पद से अवकाश ग्रहण कर घर आए हैं। एक दिन रमेश के सभी दोस्त दादा जी से मिलने रमेश के घर पहुँचते हैं और दादाजी से युद्ध संबंधी जानकारियाँ पूछते हैं। (UPBoardSolutions.com) दादाजी बच्चों को सैनिकों को दिए जाने वाले पदकों में परमवीर चक्र एवं परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों के शैर्य के विषय में बताते हैं। दादा जी ने उन्हें मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन मनोज पाण्डेय, ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, लेफिनेट विक्रमे बत्रा और संजय कुमार के बारे में बताते हुए उनकी वीरता एवं शहादत के विषय में विस्तार को बताया।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

(क) सभी परमवीर चक्र विजेताओं के बारे में जानकारी एकत्र कर पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
वर्ष 1947 से अब तक परमवीर चक्र विजेताओं के नाम- मेजर सोमनाथ शर्मा, लांस नायक करम सिंह, सेकेंड लेफ्टीनेंट राम राघोबा राणे, नायक यदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, मेजर धनसिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद, लेफ्टीनेंट कर्नल आर्देशिर तारापोर, लांस नायक अलबर्ट एक्का, फ्लाईंग (UPBoardSolutions.com) आफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, लेफ्टीनेंट अरुण क्षेत्रपाल, मेजर होशियार सिंह, नायब सूबेदार बत्रा सिंह, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, लेफ्टीनेंट मनोज कुमार पांडे, ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, राइफलमैल संजय कुमार, कैप्टन विक्रम बत्रा।
इन सभी परमवीर विजेताओं के बारे में विद्यार्थी इंटरनेट के माध्यम से स्वयं जानकारी प्राप्त करें।

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(ख) भारत ने किन-किन देशों के साथ युद्ध लड़ा, पता करके लिखिए।
उत्तर:
भारत को 1947 में आजादी पाने के बाद दो देशों के साथ युद्ध करना पड़ा जिनमें चीन और पाकिस्तान है। चीन के साथ 1962 में भारत को तब युद्ध करना पड़ा जब चीन ने अचानक भारत पर हमला कर दिया। इस युद्ध में भारत की पराजय हुई थी। (UPBoardSolutions.com) पाकिस्तान से भारत को चार बार युद्ध करना पड़ा। पहला युद्ध 1947 में, दूसरा युद्ध 1965, तीसरा युद्ध 1971 में और चौथा युद्ध 1999 में लड़ा गया। चारों युद्ध में पाकिस्तान की हार हुई।

(ग) अपने घर के आस-पास रहने वाले किसी सैनिक से साक्षात्कार कर उनके अनुभवों को लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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विचार और कल्पना

(क) देश के विकास के लिए आप क्या योगदान देना चाहेंगे? लिखिए।
उत्तर:
मैं बड़ा होकर देश का प्रधानमंत्री बनना चाहता हूँ ताकि मैं देश के विकास में, अच्छी तरह अपना योगदान दे सकें। मैं देश से गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा हटाऊँगा। यदि मैं प्रधानमंत्री नहीं भी बन पाया तो एक लीडर अवश्य बनूंगा ताकि देश के (UPBoardSolutions.com) लोगों का मार्गदर्शन कर सकें।

(ख) बताइए यदि आपको सेना का कमाण्डर बनने का अवसर दिया जाये तो आप क्या करना चाहेंगे?
उत्तर:
सेना का कमाण्डर बनकर मैं अपने देश की सीमा को सुरक्षित रखने के लिए देश के भीतर । आतंकवादी हमलों आदि के खिलाफ लड़ने के लिए अपने जवानों को प्रशिक्षित करूंगा, उनका मनोबल बढ़ाऊँगा और जीवन-मृत्यु की परवाह किए बिना ही शत्रुओं के हर वार का मुंहतोड़ जवाब दूंगा।

(ग) सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ को कैसे रोका जा सकता है? (UPBoardSolutions.com) अपने विचार दीजिए।
उत्तर:
सीमा पर सीसीटीवी कैमरा हर जगह लगाया जाए और 24 घंटे उनकी मॉनीटरिंग की जाए। जैसे ही कोई संदिग्ध व्यक्ति सीमा-पार करते हुए दिखाई दे, उसे गोलियों से उड़ा दिया जाए या गिरफ्तार , कर लिया जाए।

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(घ) सोचकर बताइए, एक सैनिक को सीमा पर किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा?
उत्तर:
एक सैनिक को सीमा पर विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है। (UPBoardSolutions.com) उन्हें घर-परिवार की सुख-सुविधाओं से दूर, नींद-चैन सब त्याग कर दिन-रात सीमा पर पहरा देना पड़ता है। कोई भी मौसम हो, संदी-गर्मी-बरसात की परवाह किए बिना वे तटस्थता से अपनी ड्यूटी करते हैं।

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पाठ से

(क) रमेश के मित्र उसके घर क्यों जाना चाहते थे?
उत्तर:
रमेश के मित्र उसके घर इसलिए जाना चाहते थे ताकि वे उसके (UPBoardSolutions.com) दादाजी से मिल सकें और उनसे युद्ध संबंधी ढेरों जानकारियाँ प्राप्त कर सकें। रमेश के दादाजी भारतीय सेना में सूबेदार मेजर पद से हाल ही में अवकाश ग्रहण कर घर आए थे।

(ख) युद्ध के दौरान सर्वोच्च वीरता का प्रदर्शन करने वाले सैनिक को किस पदक से सम्मानित करने का प्रावधान है?
उत्तर:
युद्ध के दौरान सर्वोच्च वीरता का प्रदर्शन करने वाले सैनिक को परमवीर (UPBoardSolutions.com) चक्र से सम्मानित करने का प्रावधान है।

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(ग) कारगिल युद्ध में किन सैनिकों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया?
उत्तर:
कारगिल युद्ध में कैप्टन मनोज पाण्डेय, ग्रेनेडियर कैप्टन योगेन्द्र सिंह, राइफलमैन संजय कुमार तथा विक्रम बत्रा को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

(घ) सबसे कम उम्र में परमवीर चक्र विजेता बनने का गौरव किसे (UPBoardSolutions.com) प्राप्त है?
उत्तर:
सबसे कम उम्र में परमवीर विजेता बनने का गौरव ब्रिगेडियर योगेन्द्र सिंह यादव (मात्र 19 वर्ष की आयु में) को प्राप्त है।

(ङ) कैप्टन विक्रम बत्रा ने 20 जून, 1999 को क्या कामयाबी हासिल की?
उत्तर:
कैप्टन विक्रम बत्रा को श्रीनगर-लेह मार्ग के ठीक ऊपर सबसे महत्वपूर्ण चोटी- 5140 को पाक सेना से मुक्त करवाने का जिम्मा दिया गया। वह क्षेत्र बहुत ही दुर्गम था फिर भी विक्रम बत्रा ने अपने साथियों के साथ 20 जून 1999 को सुबह 3 : 30 बजे (UPBoardSolutions.com) तक उस चोटी को अपने कब्जे में ले लिया।

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भाषा की बात.

प्रश्न 1:
दिये गये शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए
(i) चक्रे = च् + अ + क् + र + अ
(i) युद्ध = य् + उ +द् + ध् + अ
(ii) सैनिक = स् + ऐ + ने + ई + क् + अ
(iv) पदक = पू + अ + द् + अ +क् + अ

प्रश्न 2:
मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्य-प्रयोग कीजिए
हौसला बढ़ाना, फतह करना, जान की बाजी लगाना, प्राणों (UPBoardSolutions.com) की आहुति देना।
उत्तर:
हौसला बढ़ाना (उत्साहित करना)- कैप्टन मनोज पाण्डेय ने अपने सैनिकों का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें आगे बढ़ने का निर्देश दिया।
फतह करना (जीतना)– कैप्टन विक्रम बत्रा ने 20 जून 1999 को सुबह 3:30 बजे चोटी-5140 पर फतह प्राप्त कर ली थी।
जान की बाजी लगाना (मृत्यु की परवाह न करना)- भारतीय सैनिक अपनी जान की बाजी लगा देते हैं; लेकिन शत्रुओं को धूल चटा कर छोड़ते हैं।
प्राणों की आहुति देना (जान दे देना)- कारगिल युद्ध में अनेक सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की लाज बचाई।

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प्रश्न 3:
पाठ में कंपनी, मशीनगन जैसे अंग्रेजी भाषा के शब्दों का प्रयोग हुआ है। (UPBoardSolutions.com) इसी तरह के अन्य शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
प्लास्टर, मैगजीन, कैप्टन, ग्रेनेड, ग्रेनेडियर, यूनिट, कमाण्डर प्वाइंट, हेलीकॉप्टर, ऑटोमेटिक।

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