UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी)

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समस्त पद्यांशों की व्याख्या

कलम् आज ……………………………. बोली

संदर्भ:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तके मंजरी’ के कलम आज उनकी जय बोल’ नामक कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।

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प्रसंग:
कवि ने देशप्रेम और राष्ट्रीयता की भावना (UPBoardSolutions.com) से ओत-प्रोत देशभक्तों के बलिदान का वर्णन किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कलम! उन वीर शहीदों की विजय का गान कर, प्रशंसां के गीत गा, जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान करके क्रान्ति की भावना जाग्रत् की और नई चेतना फैलाई तथा जिन्होंने बिना किसी मूल्य के कर्तव्य की पुण्यवेदी पर स्वयं को न्योछावर कर दिया।

जो अगणित …………………………बोल।

संदर्भ: पूर्ववत्।

प्रसंग:
दिनकर जी ने निस्वार्थ भाव से देश पर न्योछावर, होने वाले वीरों का गुणगान किया है।

व्याख्या:
कलम! उनका विजय गान कर, जो असंख्य छोटे दीपक जलकर बिना (UPBoardSolutions.com) तेल बुझ गए, उन अगणित वीरों का यशगान कर, जो देश की आन पर मर मिटे, परन्तु उन्होंने किसी र कर स्नेह की माँग नहीं की।

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पीकर जिनकी …………….. बोल।

संदर्भ:
पूर्ववत्।

प्रसंग:
कवि ने वर्णन किया है किस प्रकार वीरों के सिंहनाद से सब भयभीत हो गए।

व्याख्या:
उन वीर अमर शहीदों ने दीपक की भाँति जलकर जो तेज (लाल) (UPBoardSolutions.com) अग्नि प्रज्वलित कीं, उनकी गर्म लपटें दिशाओं में उठ रही हैं। उन वीरों की सिंह गर्जना से पृथ्वी भयभीत होकर अब भी हिल रही है।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1:
(क) “सुभाषचन्द्र बोस’ का उपनाम ‘नेता जी’ है। (UPBoardSolutions.com) नीचे कुछ महापुरुषों के उपनाम दिये जा रहे हैं, उनका पूरा नाम लिखिए
बापू, लौहपुरुष, देशबन्धु, महामना, लोकमान्य, मिसाइल मैन
उत्तर:
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(ख) देश-प्रेम कविताओं का संकलन कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना

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प्रश्न 1:
पाठ में कलम देशभक्तों का जयघोष कर रही है। (UPBoardSolutions.com) कलम का अर्थ है-देश के रचनाकार अपनी रचनाओं से उनका अभिवादन करते हैं। देशभक्त तो सर्वोपरि होते हैं। उनका जयघोष केवल देशवासी ही नहीं करते, बल्कि पूरी प्रकृति भी उनके लिए मंगल गीत गाती है। आप बताइए कि बादल और पुष्प किस रूप में उनकी जयगान करेंगे।
उत्तर:
बादल वर्षा करके और पुष्प श्रद्धासुमन अर्पित करके उनका जयगान करेंगे।

प्रश्न 2:
क्या आपके आस-पास कोई ऐसे व्यक्ति हुए हैं, जिन्होंने देश (UPBoardSolutions.com) की सेवा में अपनी जान न्योछावर की है? अपने बड़ों से पूछकर उनके बारे में लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

कविता से

प्रश्न 1:
कवि अपनी लेखनी से किसकी जयं बोलने के लिए कह रहा है?
उत्तर:
देश के शहीदों की।

प्रश्न 2:
निम्नलिखित भाव कविता की किन पंक्तियों में आये हैं, लिखिए

(क) जो बिना किसी प्रतिफल के कर्तव्य की पुण्य (UPBoardSolutions.com) वेदी पर न्योछावर हो गये।
उत्तर:
भाव- जो चढ़ गए पुण्य-वेदी पर लिए बिना गरदन का मोल।

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(ख) देश की आन पर मर मिटे पर उन लोगों ने किसी से स्नेह की माँग नहीं की।
उत्तर:
भाव- जल जलकर बुझ गए किसी दिन, माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल।

प्रश्न 3:
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए

(क) पीकर जिनकी लाल शिखाएँ,
उगल रहीं लू-लपट दिशाएँ।।

उत्तर:
भाव- उन वीर अमर शहीदों ने दीपक की भाँति जलकर जो तेज लाल अग्नि प्रज्वलित की, उसकी गर्म लपटें दिशाओं में उठ रहीं हैं। सब तरफ क्रान्ति की प्रबल इच्छा बढ़ रही है।

(ख) जिनके सिंहनाद से सहमी, धरती रही अभी तक डोल।
उत्तर:
भाव- वीर शहीदों ने जो सिंह गर्जना की, उससे पृथ्वी भयभीत होकर अभी भी हिल रही है। (वीरों के पराक्रम से शत्रुगण भयभीत हैं।)

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(ग) जला अस्थियाँ बारी-बारी, छिटकायी जिसने चिनगारी।।
उत्तर:
भाव- देशप्रेम और राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत देशभक्तों (UPBoardSolutions.com) के बलिदान का वर्णन किया है। कवि कहता है कि जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान करके क्रांति की भावना जागृत की और
नई चेतना फैलाई; कलम आज उनका गुणगान करो, आज उन वीर शहीदों की गौरवगाथा लिखो।

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प्रश्न 4:
कविता की एक पंक्ति है ‘कलम, आज उनकी जय बोल’। इस पंक्ति को गद्य . रूप में इस तरह से लिखा जा सकता है- ‘कलम, आज उनका जयगान कर।
नीचे दी गयी पंक्तियों को गद्य रूप में लिखिए

जला अस्थियाँ ……………….. जय बोल।
उत्तर:
गद्य रूप – कलम आज उनका जयगान कर, जिन्होंने बारी-बारी से अस्थियों को जलाकर चिंगारी छिटकाई। (UPBoardSolutions.com) जो पुण्य वेदी पर बिना गरदन का मोल लिए चढ़ गए। कलम, आज उनकी जय बोल।

भाषा की बात

प्रश्न 1:
नीचे दिये गये विशेषण और विशेष्य (संज्ञा) का मिलान कीजिए
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प्रश्न 2.
दिये गये शब्दों के दो-दो पर्यायवाची (UPBoardSolutions.com) शब्द लिखिए
धरती, कलम, दीप, मुँह
उत्तर:
धरती – जमीन, भूमि
कलम – पेंसिल, लेखनी
दीप – दीपक, चिराग
मुँह – मुख, चेहरा ।

पढ़ने के लिए (विद्यार्थी स्वयं करें।)

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 20 एक संसद नदी की (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 20 एक संसद नदी की (मंजरी)

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महत्त्वपूर्ण पद्यांश की व्याख्या

बहरहाल ……………………………. चल रहा है।

संदर्भ:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के एक संसद नदी की’ नामक (UPBoardSolutions.com) कविता से ली गई है। यह हिन्दुस्तान’ समाचार पत्र से साभार लिया गया है।

प्रसंग:
राजस्थान में पानी की कमी को दूर करने के लिए जल-प्रबन्धन द्वारा जल संरक्षण किया गुया।

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व्याख्या:
राजस्थान की परम्पराओं को ध्यान में रखते हुए वहाँ के लोगों ने अपने सामूहिक श्रमदान से जोहडू, तालाब आदि को गहरा खोदकर जल संरक्षण किया जिससे जलस्तर ऊँचा उठा और हरियाली आ गई। लोगों को यह साहसिक कार्य नीति बनाने वालों के लिए सबक और समाज के लिए सीख था। जब पानी की कमी हो, तो उसका संरक्षण स्वाभाविक उपाय है। इस दृष्टि से लोगों को उत्साह दिलाकर जल-प्रबन्धन कराने के लिए राजेन्द्र सिंह को मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी आधार पर उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में भी जलसंरक्षण कार्यक्रम प्रगति पर है।

पाठ का सर (सारांश)

राजस्थान की सूखी धरती पर पन्द्रह वर्ष के कड़े संघर्ष के बाद जल संरक्षण करने से जलक्रान्ति आ गई। इसमें केन्द्रीय भूमिका राजेन्द्र सिंह की थी। अलवर जिले की पाँच सूखी नदी अखरी, रूपारेल, सरसा, भगाणी और जहाज वाली नदी, ये पाँचों (UPBoardSolutions.com) सदानीरा हो गईं। अलवर में 75 गाँवों की साझेदारी से अखरी संसद ने सलाह दी कि वहाँ पढ़ाई से पहले जल की जरूरत थी। राजेन्द्र सिंह ने किशोरी और गोपालपुरा के लोगों के सहयोग से जल संरक्षण के लिए जल प्रबन्धन कार्यक्रम चलाया। जोहड, बावड़ी, बाँध, तालाब गहरे किए गए। इस प्रकार का अभिक्रम दोसा, जयपुर, दोब, उदयपुर, करौली और सवाई माधोपुर में भी चलाया गया। इस जल प्रबन्धन से तस्वीर बदल गई। जल-स्तर ऊपर उठने से कुएँ जी उठे। हरियाली वापस आ गई। अरावली पर्वत पर पेड़ उगने लगे। लोगों के पलायन पर विराम लग गया।
जल संरक्षण का यह अद्भुत काम निश्चय ही प्रेरक और अनुकरणीय है। जलसंरक्षण के व्यापक काम की बदौलत राजेन्द्र सिंह को मैगसेसे सम्मान मिला। ऐसी परम्परा के अनुकरण में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में जल संरक्षण कार्यक्रम चल रहा है।
गुजरात में वैज्ञानिक तकनीक ‘रिमोट सेंसिंग’ द्वारा कार्य चल रहा है। यह रिमोट सेंसिंग तकनीक पहाड़ी और पठारी इलाकों में कारगर है। इससे पता चलता है कि कौन-सी जगह पानी जमा करने के लिए ठीक है। राजकोट जिले के राजसमटियाला गाँव में तीन चेक बनाए गए हैं।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

नोट:
विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना

(क) ऐसी दस बातें/कारण लिखिए जिससे सिद्ध हो कि “जल ही जीवन है।”
उत्तर:

  1. जल हमारी प्यास बुझाता है।
  2.  जल के माध्यम से ही हम अपना भोजन पकाते हैं।
  3. जल वर्षा रूप में ग्रीष्मकालीन की गर्मी से हमें राहत देता है।
  4. जल पेड़-पौधों और फसलों-वनस्पतियों के लिए भी अति आवश्यक है।
  5. मछली, कछुआ, मगरमच्छ आदि सहित अनेक जलीय (UPBoardSolutions.com) जीव केवल जल में ही जीवित रह सकते हैं।
  6. जल से हम अपने वस्त्र धोते हैं।
  7. जल से बरतन धोते हैं।
  8.  जन से घर की साफ-सफाई करते हैं।
  9. जल से हम नहाते हैं।
  10.  जल से साग सब्जियों को भी धोते हैं।
    यदि इन सब कार्यों के लिए जल नहीं उपलब्ध हो पाएगा तो मानव-जीवन पशु-पक्षियों, जलीय जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों का जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा। अतः जल ही जीवन है।

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(ख) (ग) एवं (घ) नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

रिपोर्ताज से

प्रश्न 1:
दो दशक पहले अलवर जिले में जो नदियाँ सूख गयीं थीं, उनके नाम क्या थे?
उत्तर:
दो दशक पहले अलवर की सूख जाने वाली नदियों के (UPBoardSolutions.com) नाम- अखरी, रुपारेल, सरसा, भगाणी और जहाज वाली नदी आदि थे।

प्रश्न 2:
अक्टूबर 1985 ई० में राजेन्द्र सिंह राजस्थान के अलवर जिले के किशोरी गाँव में किस उद्देश्य से गए थे?
उत्तर:
राजेन्द्र सिंह किशोरी गाँव के लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से गए थे।

प्रश्न 3:
किशोरी और गोपालपुरा गाँव के लोगों ने राजेन्द्र सिंह को जल प्रबन्धन की कौन-सी पुरानी विधियाँ बतायी?
उत्तर:
छोटे-छोटे बाँध बनाए जाएँ, सूख चुके कुएँ और बावड़ियों को फिर से गहराकर जीवित किया जाए, इसके साथ जोहड़ बनाया जाए तथा नदियों को जिलाया जाए इत्यादि पुरानी विधियाँ बताई।

प्रश्न 4:
सूखी धरती में पानी लौटने के साथ और क्या-क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर:
सूखी धरती में पानी लौटने से राजस्थान की पूरी तस्वीर ही बदल गईं। भू-जल स्तर उठने से कुएँ जल से भर गए, हरियाली वापस आ गई, धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ गई, फसल चक्र बदल गया, अरावली की पहाड़ियों पर पुनः पेड़-पौधे उगने (UPBoardSolutions.com) लगे तथा जो लोग रोजी-रोटी की तलाश में गाँव से पलायन कर गए थे, वे वापस आ गए और अपने खेतों में खेती करने लगे।

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प्रश्न 5:
राजेन्द्र सिंह को मैगसेसे सम्मान क्यों दिया गया?
उत्तर:
जल संरक्षण के व्यापक प्रबन्ध के लिए राजेन्द्र सिंह को मैगसेसे सम्मान दिया गया।

प्रश्न 6:
रिमोट सेंसिंग तकनीक क्या है, इससे किस क्षेत्र में मदद मिलती है?
उत्तर:
इस तकनीक की मदद से उस जगह की पहचान की (UPBoardSolutions.com) जाती है जहाँ पर पानी इकट्ठा किया जा सकता है, उस तकनीक को रिमोट सेंसिंग कहते हैं।

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भाषा की बात.

प्रश्न 1:
सूखी धरती, सुखद उम्मीद, नंगे पहाड़ में क्रमशः सूखी, सुखद, नंगे शब्द “विशेषण’ हैं। जबकि धरती, उम्मीद और पहाड़ ‘विशेष्य’ हैं। इस प्रकार के पाँच अन्य विशेषण-विशेष्य
को इस पाठ से छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
विशेषण                           विशेष्य
सूखी                                नदियाँ 
पाँच                                 नदियाँ
बाहरी                              व्यक्ति
स्थानीय                            प्रशासन
अनुभवी                             लोग

प्रश्न 2:
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए (प्रयोग करके)
उत्तर:
पानी लौट आया             – जलस्तर ऊपर उठना
वाक्य प्रयोग                   – तालाब, बाँध, बावड़ी और जोहड़ों (UPBoardSolutions.com) को गहरा खोदने तथा उनमें अधिक जल इकट्ठा करने से नदियों में पानी लौट आया।
चपेट में आना                – प्रभाव होना
वाक्य प्रयोग                  – राजस्थान के अनेक गाँव सूखे की चपेट में आ गए।
तस्वीर बदलना             – परिस्थिति बदल देना।
वाक्य प्रयोग                  – पानी आने से हरियाली छा गई और उजड़े गाँवों की तस्वीर बदल गई। नजरें टिकाना- गौर करना
वाक्य प्रयोग                  – लक्ष्य पर नजरें टिकाना अर्जुन से सीखा जा सकता है।
किला टूटना                 – हार होना।
वाक्य प्रयोग                  – सूखे के कारण गाँव वालों की उम्मीदों के किले टूट गए।
दिन फिरना                  – खुशी आना।
वाक्य प्रयोग                  – सूखी नदियों में पानी आ जाने से कृषकों के दिन फिर आए और भरपूर फसलें होने लगीं।

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प्रश्न 3:
स्थान शब्द में ‘ईय’ प्रत्यय लगा कर ‘स्थानीय’ शब्द बनता है। इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों में ईय प्रत्यय जोड़कर नया शब्द बनाइए (शब्द बनाकर )
उत्तर:
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प्रश्न 4:
‘प्रबन्धन’ में प्र’ उपसर्ग है। इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग (UPBoardSolutions.com) और मूल शब्द अलग-अलग कीजिए ( अलग-अलग करके)
उत्तर:
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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 10 सत्साहस (मंजरी)

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महत्त्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

सत्साहसी …………….. नहीं देता है।

संदर्भ:
प्रस्तुत गद्यांशं हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘सत्साहस’ नामक पीठ से लिया गया है। इस निबन्ध के लेखक गणेश शंकर विद्यार्थी हैं।

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प्रसंग:
लेखक ने सत्साहस के लिए हृदय की पवित्रता, उदारता, (UPBoardSolutions.com) चारित्रिक दृढ़ता और कर्तव्यपरायणता आदि गुणों का होना जरूरी बताया है।

व्याख्या:
सत्साहसी व्यक्ति में एक शक्ति होती है जो छिपी होती है। इस शक्ति के बल से वह दुखी व्यक्ति को बचाने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा देता है। इसी शक्ति से वह अपने देश धर्म, जाति और परिवार की रक्षा करता है। वह संकट में पड़े अपरिचित व्यक्ति की भी बिना स्वार्थ, इस शक्ति की प्रेरणा से सहायता करता है। इस सहायता कार्य में वह मुसीबतों का प्रसन्नतापूर्वक सामना करता हुआ स्वार्थपरता से दूर रहता है।

पाठ का सार (सारांश)

संसार के सभी महापुरुष साहसी हुए हैं। अपने साहस के कारण ही अर्जुन, भीष्म, अभिमन्यु आदि को हम याद करते हैं। आल्प्स के शिखरों को पार करने वाले हनीवल और नेपोलियन अतुलनीय साहस वाले थे। साहस के प्रभाव से तैमूर, बाबर, शिवाजी, रणजीत सिंह आदि ने कुछ-से-कुछ कर दिया।
क्रोधान्ध होकर स्वार्थवश साहस दिखांना निम्न श्रेणी का (UPBoardSolutions.com) साहस माना जाता है। मध्यम श्रेणी का साहस शूरवीरों में पाया जाता है परन्तु ज्ञान की कमी के कारण वह निस्तेज-सा प्रतीत होता है। सर्वोच्च श्रेणी के साहस के लिए शारीरिक बलिष्ठता और धन जरूरी नहीं है। इसके लिए हृदय की पवित्रता, उदारता और चरित्र की दृढ़ता के साथ कर्तव्यपरायणता आदि गुण जरूरी हैं। कर्तव्य-ज्ञान से रहित मनुष्य पशु समान होता है।
सर्वोच्च साहस के लिए कर्तव्यपरायण होना परम आवश्यक है। मारवाड़ को बुद्धन सिंह जयपुर जाकर बस गया। मराठों ने मारवाड़ पर हमला कर दिया। मातृभूमि को संकट में पड़ा जानकर बुद्धन, सिंह का खून खौल उठा। उसने अपने वीर राजपूतों के साथ मारवाड़ आकर समय पर अपने देश और राजा की सेवा की। आज भी राजपूत स्त्रियाँ बुद्धन सिंह और उसके साथियों की वीरता के गीत गाती हैं।
सत्साहसी के लिए स्वार्थ त्याग आवश्यक है। हमें देश, काल (UPBoardSolutions.com) और कर्तव्य का विचार करना चाहिए। और स्वार्थरहित होकर साहस न छोड़ते हुए कर्तव्यपरायण बनने का यत्न करना चाहिए।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को
नोट- विद्यार्थी प्रश्न 1 वे प्रश्न 2 पाठ्य पुस्तक में देखकर स्वयं हल करें।

प्रश्न 3:
हमारे देश में हर वर्ष 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बहादुर (UPBoardSolutions.com) बच्चों को ‘राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिये जाते हैं। इन पुरस्कारों के बारे में विस्तार से जानकारी कीजिए तथा सभी को बताइए।
उत्तर:
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार भारत में हर वर्ष 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर बहादुर बच्चों को दिए जाते हैं। भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 1957 में ये पुरस्कार शुरू किये थे। पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण-पत्र और नकद राशि दी जाती है। सभी बच्चों को विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाती है। 26 जनवरी के दिन ये बहादुर बच्चे हाथी पर सवारी करते हुए गणतंत्र दिवस परेड में सम्मिलित होते हैं। इन पुरस्कारों में निम्न पाँच पुरस्कार सम्मिलित हैं- (UPBoardSolutions.com)

  1.  भारत  पुरस्कार (1987 से),
  2.  गीता चोपड़ा पुरस्कार (1978 से),
  3.  संजय चोपड़ा पुरस्कार (1978 से),
  4. बापू गैधानी पुरस्कार (1988 से),
  5. सामान्य राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार (1957 से)।

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प्रश्न 4:
प्रत्येक पाठ के साथ ही लेखकों व उनकी कृतियों का (UPBoardSolutions.com) परिचय संक्षेप में दिया गया है, नीचे दिये गये समूह ‘क’ के लेखकों के सम्मुख उनकी कृतियाँ समूह ‘ख’ से चुनकर अपनी पुस्तिका में लिखिए
उत्तर:
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विचार और कल्पना

प्रश्न 1:
चित्र को देखकर आपके मन में जो विचार आ रहे हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर:
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चित्र में एक लड़का एक लड़की को डूबने से बचा रहा है। (UPBoardSolutions.com) इससे लड़के के साहसी, परोपकारी और कर्तव्यपरायण होने का पता चलता है।

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प्रश्न 2:
आपके विचार से किसी डूबते हुए को बचाना किस प्रकार का साहस है ?
उत्तर:
हमारे विचार में किसी डूबते हुए को बचाना सर्वोच्च साहस है।

निबन्ध से।

प्रश्न 1:
लेखक ने साहस की कितनी श्रेणियाँ बतायी हैं तथा (UPBoardSolutions.com) उनकी क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर:
लेखक के अनुसार साहस की तीन श्रेणियाँ हैं- निम्न, मध्यम और सर्वोच्च।

निम्न श्रेणी की विशेषता:
निम्न प्रकार का साहस जो क्रोधान्ध होकर स्वार्थ के लिए दिखाया जाता है, प्रशंसनीय नहीं होता है।

मध्यम श्रेणी की विशेषता:
यह साहस शूरवीरों में पाया जाता है। उनके विचार उच्च तथा निर्भीकता को भली-भाँति प्रकट करते हैं। इस प्रकार का साहस निस्सन्देह प्रशंसनीय है, परन्तु ज्ञान की कमी के कारण निस्तेज-सा प्रतीत होता है।

‘सर्वोच्च श्रेणी की विशेषता:
सर्वोच्च श्रेणी के साहस के लिए हृदय की पवित्रता, उदारता, (UPBoardSolutions.com) चारित्रिक दृढ़ता और कर्तव्यपरायणता आदि का होना जरूरी है। सत्साहसी को स्वार्थरहित होना भी जरूरी है।

प्रश्न 2:
बुद्धन सिंह द्वारा सत्साहस का कौन-सा कार्य किया गया?
उत्तर:
बुद्धन सिंह ने स्वार्थरहित भाव से, कर्तव्यभावना से प्रेरित होकर संकटों की परवाह न करके समय पर उपस्थित होकर मातृभूमि की रक्षा की।

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प्रश्न 3:
सत्साहसी व्यक्ति में कौन-सी गुप्तशक्ति रहती है, जिसके बल पर वह दूसरों को दुःख से बचाने के लिए प्राण तक दे सकता है ?
उत्तर:
सत्साहसी व्यक्ति हृदय की पवित्रता और चारित्रिक दृढ़ता के बल पर, (UPBoardSolutions.com) दूसरों को दुख से बचाने के लिए प्राण तक दे सकता है।

प्रश्न 4:
लेखक के अनुसार सत्साहस के लिए अवसर की राह देखने की आवश्यकता नहीं है, क्यों?
उत्तर:
लेखक के अनुसार सत्साहस के लिए अवसर की राह देखने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि सत्साहस दिखाने का अवसर प्रत्येक मनुष्य के जीवन में पल-पल में आया करता है।

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प्रश्न 5:
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए। (UPBoardSolutions.com)

(क) बिना किसी प्रकार का साहस दिखलाये किसी जाति या किसी देश का इतिहास ही नहीं बन सकता।
उत्तर:
भावे- इतिहास में साहस की घटनाओं का वर्णन होता है।

(ख) कर्तव्य का विचार प्रत्येक साहसी मनुष्य में होना चाहिए।
उत्तर:
भाव- साहसी व्यक्ति के लिए कर्तव्यपरायण होना जरूरी है।

(ग) कर्तव्य-ज्ञान-शून्य मनुष्य को (UPBoardSolutions.com) मनुष्य नहीं, पशु समझना चाहिए।
उत्तर:
भाव- जो व्यक्ति अपना कर्तव्ये नहीं जानता, वह पशु के समान होता है।

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भाषा की बात

प्रश्न 1:
‘बलिष्ठता’ शब्द बलिष्ठ+ता (प्रत्यय) से बना है। ‘बलिष्ठ’ शब्द विशेषण और (UPBoardSolutions.com) ‘बलिष्ठता’ शब्द भाववाचक संज्ञा है। इसी प्रकार निम्नलिखित विशेषण शब्दों के साथ ‘ता’ प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा बनाइए
पवित्र, उदार, दृढ़, अनभिज्ञ, कायर, कठोर, कोमल, मधुर।
उत्तर:
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प्रश्न 2:
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(क) रक्त उबल पड़ना (क्रोधित हो उठना)- मातृभूमि पर हमले की खबर सुनकर राजपूतों का रक्त उबल पड़ा।
(ख) मस्तक झुकाना (हार मानना)- राणा प्रताप ने अकबर के सामने मस्तक झुकाने से इनकार कर दिया।
(ग) जान पर खेल जाना (अपूर्व वीरता दिखाना)-  (UPBoardSolutions.com) हमारे सैनिकों ने जान पर खेलकर भीषण युद्ध में शत्रु को हराया।
(घ) फटकने न देना (पास न आने देना)- सत्साहसी व्यक्ति स्वार्थपरता को पास नहीं फटकने देता। …
(ङ) अवसर की राह देखना (उचित मौका हूँढना)- हुमायूँ अवसर की राह देख रहा था। उसने शेरशाह सूरी के मरने पर भारत में पुनः राज्य स्थापित किया।

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प्रश्न 3:
अग्निकुंड’ तथा ‘स्वदेश-भक्ति’ सामासिक पद हैं। इनका विग्रह होगा- ‘अग्नि का कूड’ तथा ‘स्वदेश के लिए भक्ति’। इनमें क्रमशः- सम्बन्ध कारक तथा सम्प्रदान कारक का चिह्न लगा हुआ है। समास होने पर उनका लोप हो जाता है। नीचे लिखे शब्दों का (UPBoardSolutions.com) समासविग्रह कीजिए
देश-प्रेम, क्रोधान्थ, इतिहास-वेत्ता, समाज-हित-चिन्तक, कर्तव्य-ज्ञान-शून्य
उत्तर:
शब्द                                                              समास-विग्रह
देश-प्रेम                       –                                   देश के लिए प्रेम
क्रोधान्ध                        –                                   क्रोध में अन्धा
इतिहास-वेत्ता               –                                   इतिहास का वेत्ता
समाज-हित-चिन्तक     –                                   समाज के हित का चिन्तक
कर्तव्य-ज्ञान-शून्य         –                                  कर्तव्य के ज्ञान से शून्य

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प्रश्न 4:
निम्नलिखित संज्ञा शब्दों को बहुवचन में बदलकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
माला, झरना, रोटी, आँख, कपड़ा, बालिका। (UPBoardSolutions.com)
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 10 सत्साहस (मंजरी) image - 4

इस निबन्ध पाठ के आधार पर आप भी दो प्रश्न बनाइए।
प्र०1. सर्वोच्च श्रेणी के साहस की क्या (UPBoardSolutions.com) विशेषता है?
प्र०2. सर्वोच्च कोटि के साहस, उच्चकोटि के साहस और मध्यम कोटि के साहस में क्या अंतर है?

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इस निबन्ध पाठ से मैंने सीखा ………..
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें। (UPBoardSolutions.com)

अब मैं करूँगा/करूंगी………..।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 जागो जीवन के प्रभात (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 जागो जीवन के प्रभात (मंजरी)

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समस्त पद्यांशों की व्याख्या

अब जागो ……………………………….. के प्रभात!
शब्दार्थ:
प्रभात = सवेरा,
वसुधा = पृथ्वी,
हिम-कन = बर्फ के कण,
ओस, क्षोभ = दुख,
अरुणागात = लालिमायुक्त शरीर वाली।

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संदर्भ:
प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘जागो जीवन के प्रभात’ नामक कविता से लिया गया है। इसके कवि जयशंकर प्रसाद हैं।

प्रसंग:
कवि ने प्रभात के माध्यम से जीवन में नई (UPBoardSolutions.com) आशा का संचार करने के लिए और जागरण के लिए सन्देश दिया है।

व्याख्या:
कवि नवजीवन के प्रभात में जागने का आवाहन करता है। इस प्रात:काल (प्रभात) में ओस और बर्फ रूपी दुख के जो कारण दिखाई देते थे, वे समाप्त हो गए हैं। लालिमायुक्त शरीर वाली उषा प्रकट हो चुकी है। अतः प्रभात में जाग उठो, इस नवजीवन में सक्रिय हो जाओ। (UPBoardSolutions.com)

तम-नयनों……………………… के प्रभात!
शब्दार्थ:
तम-नयनों = अन्धकार रूपी नेत्रों,
ताराएँ = आँखों की पुतलियाँ,
किरण-दल = किरणों (UPBoardSolutions.com) का समूह,
मलय-वात = शीतल, मन्द एवं सुगन्धित हवा।

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संदर्भ:
पूर्ववत्।

प्रसंग:
कवि ने रात्रि बीत जाने पर नवजीवन के प्रभात का वर्णन किया है।

व्याख्या:
रात्रि के तारे, आँखों को अन्धकार विलुप्त होकर (UPBoardSolutions.com) प्रकाश की किरणों के समूह में मुँद गए हैं और प्रातः की शीतल, मन्द और सुगन्ध वाली मलय समीर चल रही है। इस प्रभात बेला में जाग उठो और नवजीवन में सक्रिय हो जाओ।

रजनी की ……………….. के प्रभात।
शब्दार्थ:

रजनी = रात,
कलरव = पक्षियों का चहचहाना,
अरुणांचल = पूर्व दिशा,
चल रही बात = चर्चा हो रही है।

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संदर्भ: पूर्ववत्।

प्रसंग:
कवि ने प्रात:काल में पक्षियों के चहकने (UPBoardSolutions.com) और शीतल वायु के चलने और नवजीवन के प्रभात का वर्णन किया है।

व्याख्या:
प्रभात होने से रात्रिकालीन साज-सज्जा (अन्धकार) की कालावधि बीत गई है। प्रातः पक्षियों का जो मधुर कलरव (गान) हो रहा है, उससे उठकर (जागकर) मिलो, उसका अभिनन्दन करो। पूर्व दिशा से जागृति की हवा चलने लगी है। अतः इस प्रात:काल की बेला में जाग जाओ। नवजीवन में सक्रिय हो जाओ।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को:

(i) सुबह सूर्योदय से थोड़ा पहले अपने घर के (UPBoardSolutions.com) बाहर अथवा छत पर खड़े होकर पूर्व दिशा के एक-एक दृश्य को बारीकी से देखिए और

(क) देखे गये दृश्यों के बारे में अपनी पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
रात्रि का अंधकार ढलं चुका था। पूरब से लाल थालीनुमा सुरज धीरे-धीरे उदित हो रहा था। हर तरफ उसकी लालिमा बिखरी पड़ी थी। कुछ तारे लुप्त हो गए थे। कुछ अभी भी दिखाई दे रहे थे। चिड़ियों की चहचहाट से सारी दिशाएँ पूँज रही थी। किसान अपने बैलों को लेकर कंधों पर हल उठाए खेतों की तरफ निकल चुके थे। बैलों के गले में बजती घंटियाँ और मंदिर से आती शंख और घंटे की ध्वनि पूरे वातावरण में मधुर संगीत घोल रहे थे। दूब (UPBoardSolutions.com) और पेड़-पौधों के पत्तों पर ओस के मोती अभी भी बिखरे पड़े थे।

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(ख) देखे गये दृश्यों का चित्र बनाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

(ii) प्रातः काल वर्णन संबंधी कम से कम दो कविताओं का संकलन कीजिए।
उत्तर:
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विचार और कल्पना

प्रश्न 1:
यह कविता उस समय लिखी गई थी जब देश (UPBoardSolutions.com) आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। हम गुलामी के अंधकार से आजादी के सुनहरे सवेरे की ओर बढ़ रहे थे। बताइए, उस समय देश की स्थिति क्या रही होगी?
उत्तर:
उस समय पूरे देशवासियों की नसों में आजादी की लहर दौड़ रही थी। बड़े-बूढे, जवानबच्चे, महिला-पुरुष सब, आजाद होने के लिए आंदोलन कर रहे थे। अंग्रेजों की लाठियाँ, गोलियाँ भी उन्हें रोकने में नाकाम थीं। अंग्रेजी सामानों का बहिष्कार किया जा रहा था। भारत छोड़ो के नारों से पूरा देश पूँज रहा था। आए दिन लोग जुलूस निकालते थे बड़े नेताओं के नेतृत्व में अंग्रेजों का अत्याचार भी अपनी चरम सीमा पर था। बेगुनाहों मासूमों सहित देश के बड़े-बड़े नेताओं की गिरफ्तारियाँ होती रहती । थीं। क्रांतिकारियों को आए दिन फाँसी की सजा दी जा रही थी। भारतवासी स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे थे और अंग्रेज उन्हें गुलाम बनाए रखने के (UPBoardSolutions.com) लिए प्रताड़ित किए जा रहे थे।

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प्रश्न 2:
प्रातः काल पशुपालक अपने पशुओं को चारा खिलाते हैं। इसी तरह निम्नांकित के द्वारा प्रातः काल किये जाने वाले कार्यों के विषय में लिखिए

(क) विदयार्थी – विदयार्थी विद्यालय जाने की तैयारी करते हैं।
(ख) माँ – माँ घरवालों के लिए नाश्ता और लंच तैयार करने में जुट जाती है।
(ग) दुकानदार – दुकानदार अपनी दुकान खोलता है।
(घ) पक्षी – पक्षी अपना घोंसला छोड़कर भोजन की तलाश में निकल पड़ते हैं।
(ङ) आप – मैं भी विद्यालय जाने की तैयारी में लग जाती हैं।

कविता से

प्रश्न 1:
कविता में जीवन का जो सन्देश (UPBoardSolutions.com) छिपा हुआ है, दिये गये विकल्पों में से उसे छाँटिए
(क) सूर्योदय के लिए।
(ख) जीवन में नयी आशा का संचार करने के लिए।
(ग) मलय-वात का आनन्द लेने के लिए।
उत्तर:
जीवन में नयी आशा का संचार करने के लिए।

प्रश्न 2:
कवि ने प्रातःकाल पृथ्वी पर फैले ओसकणों को क्या कहा है?
उत्तर:
कवि ने प्रात:काल पृथ्वी पर फैले (UPBoardSolutions.com) ओसकणों को दुख भरे आ है।

प्रश्न 3:
उषा द्वारा ओस बटोरने का क्या आशय है?
उत्तर:
उषा द्वारा, ओस बटोरने से आशय है कि उषा के आने पर दिन की गर्मी से ओस समाप्त हो जाती है। इसी प्रकार जागरण और सक्रियता से कष्ट दूर हो जाते हैं।

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प्रश्न 4:
भाव स्पष्ट कीजिए
(क) चल रहा सुखद यह मलय-वात।
उत्तर:
भावे- कवि दुखों से भरी रात में हिमकणों को दुख के आँसू कहता है। लेकिन अब प्रभात/ भोर हो चुकी है और शीतल मन्द सुगन्धित हवा अब चल पड़ी है।

(ख) कलरव से उठकर भेंटो तो।
उत्तर:
भाव- कवि कहता है अब दुख भरी रात बीत (UPBoardSolutions.com) चुकी है और पक्षियों की चहचहाहट के साथ सुबह आ रही है।

प्रश्न 5:
‘रजनी की लाज’ को स्पष्ट करने के लिए नीचे चार अर्थ दिए गए हैं, इनमें से सही उत्तर छाँटकर लिखिए
(क) अन्धकार
(ख) शर्म
(ग) अज्ञान
(घ) आलस्य
उत्तर:
(क) अन्धकार

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भाषा की बात

प्रश्न 1:
कविता की दो पंक्तियों को पढ़िए
(क) चल रहा सुखद यह मलय-वात
(ख) अरुणांचल में चल रही बात (UPBoardSolutions.com)
उपर्युक्त पंक्तियों में आए शब्द ‘वात’ और ‘बात’ का अर्थ वाक्य प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:        शब्द             अर्थ                                     वाक्य प्रयोग
(क)            वात                हवा                   आज पूर्व दिशा से शीतल वातं चल रही है।
(ख)            बात         बातचीत, चर्चा        आज विद्यालय में 15 अगस्त के बारे में बात हो रही है।

(ग) अरुण+अंचल के योग से ‘अरुणांचल’ शब्द बना है। इसी तरह नीचे लिखे गये शब्दों में ‘अंचल’ शब्द जोड़कर लिखिए

हिम, उत्तर, पूर्व, सोन, कोयला, नीला (UPBoardSolutions.com)
उत्तर:

हिम + अंचल – हिमांचल
उत्तर + अंचल – उत्तरांचल
पूर्व + अंचल – पूर्वांचल
सोन + अंचल – सोनांचल
कोयला + अंचल – कोयलांचल
नीला + अंचल – नीलांचल

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पढ़ने के लिए
विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 शाप-मुक्ति (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 शाप-मुक्ति (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

दादी का स्वभाव …………………. नहीं हुई।
संदर्भ:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘शाप-मुक्ति’ नामक पाठ से लिया गया है। इस कहानी के लेखक रमेश उपाध्याय हैं।

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प्रसंग:
दादी को नेत्रों के इलाज के लिए दिल्ली के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक (UPBoardSolutions.com) डॉ० प्रभात के पास ले जाया गया। बातचीत में पता चला कि वह इलाहाबाद के वकील का लड़का मंटू था जिसने बचपन में आक के दूध से तीन पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं।

व्याख्या:
दादी ने निश्चय कर लिया था कि वह डॉ० प्रभात से नेत्र चिकित्सा नहीं कराएँगी। दादी जो ठान लेती थी, बच्चों की तरह हठपूर्वक वही करती थीं। दादी को समझाने की सब कोशिशें बेकार गईं। दादी ने डॉ० प्रभात द्वारा लिखी गई आँखों की दवाई, जो दादी की आँख में डाली जानी थी, मँगाने से साफ इनकार कर दिया। अच्छी तरह से समझाने पर भी दादी ने अपना निश्चय नहीं बदला।

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पाठ का सार (सश)

मैं दादी के नेत्रों की चिकित्सा कराने दिल्ली के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सालय में डॉ० प्रभात के पास गया। बात-बात में पता चला कि डॉ० प्रभात इलाहाबाद में पड़ोस में रहने वाला ‘मंटू’ था, जो मेरे (बब्बू का) बचपन का साथी था। दादी भी (UPBoardSolutions.com) यह जानकर प्रसन्न हुई। परंतु साथ ही दादी ने डॉ० प्रभात को यह भी बताया कि इलाहाबाद में एक वकील को बदमाश लड़का भी ‘मंटू’ नाम का था। , दादी ने मुझे बताया कि मंटू ने बचपन में आक के दूध से तीन पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं। उस घटना को यादकर मैं हैरान रह गया। दादी को पैंतीस साल पहले की वह घटना याद थी। दादी ने निश्चय किया कि वह मंटू यानी डॉ० प्रभात से इलाज नहीं कराएँगी। डॉ० प्रभात दादी को समझाने स्वयं घर आया। उसने दादी से कहा, “मैंने बचपन में पिल्लों की आँखें फोड़कर जो पाप किया वह मुझे याद है। उस पाप के प्रायश्चित्त में ही मैं नेत्र चिकित्सक बना। दादी के शाप से अपनी आँखें फूटने से पहले कितनों को आँखें दे जाऊँगा। उसमें दो आँखें दादी की भी होंगी।”

डॉ० प्रभात की बात सुनकर दादी ने उसे गले लगा लिया। उसे आशीर्वाद देते हुए कहा कि
तुम्हारी आँखों की ज्योति हमेशा बनी रहे। इस प्रकार डॉ० प्रभात को दादी के शाप से मुक्ति मिली।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1:
आक के पौधे से गाढ़ा दूध निकलता है। अन्य किन-किन पेड़-पौधों से गाढ़ा दूध निकलता है, उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
बरगद, धतूरा, कटहल आदि पेड़-पौधों से भी गाढ़ा दूध निकलता है।

प्रश्न 2:
अपने पास के किसी अस्पताल में जाकर किसी (UPBoardSolutions.com) आँख के डॉक्टर से मिलिए और पूछिए कि उन्होंने यह पेशा क्यों चुना।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 3:
किसी दृष्टिहीन व्यक्ति से मिलिए, उससे बातचीत (UPBoardSolutions.com) कीजिए और महसूस कीजिए कि उसकी कल्पना में दुनिया कैसी है।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 4.
यह जानकारी हम …………………. डाल रहा था। उपर्युक्त अनुच्छेद को ध्यान से पढ़िए और अपने सहपाठियों से पूछने के लिए चार प्रश्न बनाइए।
उत्तर:
प्र०1. कुतिया ने तीन पिल्ले कहाँ दिए थे?
प्र०2. पिल्ले कैसे (UPBoardSolutions.com) थे?
प्र०3. मंटू ने कौन-सा प्रयोग किया?
प्र०4. मंटू के प्रयोग का दुष्परिणाम क्या हुआ?

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विचार और कल्पना

प्रश्न 1:
और
प्रश्न 3: विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
जब उस पिल्ले की आँखें चली गयी होंगी तो उसे क्या-क्या कठिनाइयाँ हुई होंगी। सोचिए और लिखिए।।
उत्तर:
उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता होगा, आने-जाने (UPBoardSolutions.com) में कठिनाई होती होगी इत्यादि।

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प्रश्न 4:
बचपन में मंटू ने पिल्लों के साथ बहुत खराब काम किया था। इस विषय में आप के मन में जो विचार आ रहे हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर:
बचपन में मंटू ने सच में बहुत खराब काम किए थे। उसने मासूम पिल्लों की आँख में आक का दूध डालकर उन्हें अनजाने में ही सही लेकिन अंधा बना दिया। मंटू को इस तरह का प्रयोग नहीं करना चाहिए था।

कहानी से

प्रश्न 1:
डॉ० प्रभात का चेहरा किसे दुःखदायी स्मृति से काला-सा हो गया?
उत्तर:
डॉ० प्रभात का चेहरा दुखदायी स्मृति से (UPBoardSolutions.com) इसलिए काला पड़ गया, क्योंकि बचपन में डॉ० प्रभात ने आक के दूध से तीन पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं।

प्रश्न 2:
मंटू ने बचपन में क्या पाप किया था और उस पाप का प्रायश्चित उसने किस प्रकार किया?
उत्तर:
मंटू ने बचपन में आक के दूध से तीन पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं। इसका प्रायश्चित्त उसने नेत्र चिकित्सक बनकर किया।

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प्रश्न 3:
“पर मैं तो आँखों का डॉक्टर हैं दादी अम्मा! बुढ़ापे का इलाज मेरे पास कहाँ?” डॉ० प्रभात ने यह जवाब दादी के किस बात के उत्तर में दिया था?
उत्तर:
दादी जब लेखक के साथ डॉक्टर प्रभात के क्लीनिक में पहुँची तो उन्होंने मुस्कुराते हुए उनका स्वागत किया, आओ, आओ, दादी अम्मा! कहाँ, क्या तकलीफ है? उसकी इस बात पर दादी बोलीं “कोई तकलीफ नहीं, बेटा। बस बुढ़ापे (UPBoardSolutions.com) में नजर कमजोर हो ही जाती है।” दादी के इसी बात का उत्तर देते हुए डॉ. प्रभात ने उपरोक्त वाक्य कहे।

प्रश्न 4:
दादी डॉ० प्रभात से अपनी आँखों का इलाज क्यों नहीं करवाना चाहती थीं, फिर वह इलाज के लिए कैसे तैयार हुई?
उत्तर:
दादी डॉ० प्रभात से आँखों का इलाज करवाने के लिए इसलिए तैयार नहीं थी क्येंकि डॉ० प्रभात ने बचपन में पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं। लेकिन डॉ० प्रभात ने समझाया कि वह उसी प्रायश्चित्त के कारण ही नेत्र चिकित्सक बना है। उसे दादी का वह शाप भी याद है जिसमें उन्होंने कहा था (UPBoardSolutions.com) कि एक दिन उसकी आँखें भी फूट जाएँगी। इसलिए अपनी आँखें फूटने से पहले वह अधिक से अधिक लोगों को आँखें दे जाना चाहता है। डॉ० प्रभात की यह बात सुनकर दादी इलाज के लिए तैयार हो गईं।

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भाषा की बात

नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 1:
निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए- नयी, ठंड, पाप, बूढ़ा।
उत्तर:
नयी        – पुरानी
ठण्ड      – गर्म
पाप        – पुण्य
बूढा        – युवा

प्रश्न 2:
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए टस से मस न होना, हृदय से लगाना, मुस्कान लुप्त होना।
उत्तर:
टस से मस न होना (स्थिर रहना): दादी अपने निर्णय से टस से मस न हुईं।
हृदय से लगाना (प्यार करना): दादी ने डॉ० प्रभात को हृदय से लगा लिया।
मुस्कान लुप्त होना (फिक्र में पड़ जाना): परिचय हो जाने पर डॉ० प्रभात की (UPBoardSolutions.com) मुस्कान लुप्त हो गई, क्योंकि उसे बचपन के पाप का ध्यान आ गया।

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प्रश्न 3:
बच्चा’ शब्द में ‘पन’ प्रत्यय लगाकर ‘बचपन’ शब्द बना है जो भाववाचक संज्ञा है। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों में ‘पन’ प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञा बनाइए लड़का, अपना, अनाड़ी, रूखा।
उत्तर:
लड़का           –        लड़कपन
अपना            –        अपनापन
अनाड़ी           –        अनाड़ीपन
रूखा             –        रूखापन

प्रश्न 4:
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित (UPBoardSolutions.com) पदों के कारक बताइए
(क) मैं तो आँखों का डॉक्टर हूँ। – संबंध कारक
(ख) मैं तुम्हारी दवाई लिख रहा हूँ। – संबंध कारक
(ग) दूध पिल्ले की आँखों में डाल रहा था। – अधिकरण कारक
(घ) सब लोगों ने मंटू को बुरा-भला कहा। – कर्म कारक

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यह भी करें:
नोट– विद्यार्थी स्वयं करें।

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