UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 15 संस्कृतम्

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 15 संस्कृतम्

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शब्दार्थाः – भारतीयैकता-साधकम् = भारतीय एकता को सिद्ध करने वाला, भारतीयत्वे-सम्पादकम् = भारतीयता की भावना का सम्पोषक, ज्ञानपुञ्जप्रभादर्शकम् = ज्ञान-समूह के प्रकाश को दिखलाने वाला, आनन्दसन्दोहदम् = आनन्द समूह को देने वाला, सर्वभूतैकता = सभी प्राणियों के प्रति ऐक्यभावना, सर्वतः = चारों ओर.शान्तिसंस्थापकम् = शान्ति की स्थापना करने वाला, पञ्चशीलप्रतिष्ठापकम् = पंचशील के सिद्धान्तों (UPBoardSolutions.com) की प्रतिष्ठा करने वाला, त्यागसन्तोषसेवाव्रतम् = त्याग, सन्तोष और सेवा जिसका व्रत है। विश्वकल्याणनिष्ठायुतम् = विश्व की भलाई की निष्ठा से युक्त, भुक्तिमुक्तिद्वयोभावनम् = भोग
और मोक्ष दोनों की उद्भावना (उत्पत्ति) करने वाला, सदने = घर में, चिरम् = बहुत समय तक (सदा), कल्याणी = कल्याण करने वाली।

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भारतीयैकता ……………………………………………………………………… संस्कृतम् ।।1।।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत भारतीय एकता सिद्ध करने वाली है; भारतीयता (UPBoardSolutions.com) की भावना का पोषण करने वाली है; ज्ञान समूह का प्रकाश दिखाने वाली है तथा आनन्द देने वाली है।

विश्वबन्धुत्व ……………………………………………………………………… संस्कृतम् ।।2।।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत विश्व बन्धुत्व बढ़ाने वाली, सब में एकता लाने वाली, हर ओर शान्ति स्थापित करने वाली एवं पंचशील के सिद्धान्तों की प्रतिष्ठा करने वाली है।।

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त्याग ……………………………………………………………………… संस्कृतम् ।।3।।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत त्याग, सन्तोष, सेवा का व्रत वाली है; विश्व की भलाई की निष्ठा से युक्त है; ज्ञान-विज्ञान का सम्मेलन तथा योग एवं मोक्ष की उत्पत्ति करने वाली है।।

नगरे ……………………………………………………………………… कल्याणी।4।।

हिन्दी अनुवाद – नगर-नगर और गाँव-गाँव में फैले संस्कृतवाणी हर एक (UPBoardSolutions.com) घर में और जन-जन में । बसे सदा कल्याणी ।

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अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) संस्कृतं कस्य साधकम् अस्ति?
उत्तर :
संस्कृतं भारतीयैकतायाः (UPBoardSolutions.com) साधकम् अस्ति।

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(ख) संस्कृतं कस्य विस्तारकम् अस्ति?
उत्तर :
संस्कृतं विश्वबन्धुत्वस्य विस्तारकं अस्ति।
(ग) संस्कृतं कयोः सम्मेलनम् अस्ति?
उत्तर :
संस्कृतं ज्ञान-विज्ञानयोः सम्मेलनम् अस्ति।
(घ) भुक्तिमुक्तिद्वयोद्भावनं किम् अस्ति?
उत्तर :
भुक्तिमुक्तिद्वयोभावनं संस्कृतम् (UPBoardSolutions.com) अस्ति।
(ङ) कल्याणी का अस्ति?
उत्तर :
कल्याणी वाणी अस्ति।

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प्रश्न 3.
हिन्दीभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) पशीलप्रतिष्ठापकं संस्कृतम् ।।
हिन्दी अनुवाद : संस्कृत पंचशील के सिद्यान्तों को प्रतिष्ठा देने वाली है।
(ख) नगरे–नगरे, ग्रामे-ग्रामे विलसतु संस्कृत-वाणी।।
हिन्दी अनुवाद : नगर-नगर और (UPBoardSolutions.com) गाँव-गाँव में फैले संस्कृत वाणी।
(ग) विश्वबन्धुत्व-विस्तारकं संस्कृतम्।
हिन्दी अनुवाद : संस्कृत विश्ववन्धुत्व बढ़ाने वाली है।

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प्रश्न 4.
पाठे आगतानि विशेष्य-विशेषणपदानि लिखत (लिखकर) –
यथा- साधकं संस्कृतम्
सम्पादकं संस्कृतम्                          प्रभादर्शकं संस्कृतम्
सर्वदानन्द-सन्दोहदं संस्कृतम्।         विस्तारकं संस्कृतम्

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प्रश्न 5.
विशेष्यपदानां पूर्वम् उपयुक्तविशेषणपदं लिखत
(क) सुन्दरम् पुष्पम् (सुन्दरः, सुन्दरम्)
(ख) मनोहरमू चित्रम् (UPBoardSolutions.com) (मनोहरम्, मनोहारी)
(ग) सुन्दरे कमले। (सुन्दरे, सुन्दराः)
(घ) स्वच्छानि वस्त्राणि। (स्वच्छ, स्वच्छानि)

प्रश्न 6.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) संस्कृत विश्वबन्धुत्व को फैलाने वाली है।
अनुवाद : विश्वबन्धुत्व विस्तारकं संस्कृतम्
(ख) संस्कृत चारों ओर शान्ति की स्थापना करने वाली है।
अनुवाद : सर्वतः शान्ति स्थापकं (UPBoardSolutions.com) संस्कृतम्।
(ग) संस्कृत ज्ञान-विज्ञान का मेल कराने वाली है।
अनुवाद : ज्ञान-विज्ञान सम्मेलनं संस्कृतम्।

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प्रश्न 7.
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत ( पूरे करके)
(क) ज्ञानपुञ्ज प्रभादर्शकम् संस्कृतम्
(ख) नगरे–नगरे, ग्रामे-ग्रामे विलसतु संस्कृतवाणी।।
(ग) सदने-सदने, (UPBoardSolutions.com) जन-जनवदने जयतु चिरं कल्याणी।
(घ) सर्वदानन्द सहोदरम् संस्कृतम्।।

नोट – विद्यार्थी शिक्षण-संकेत स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 8 प्राकृतिक आपदाएँ

UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 8 प्राकृतिक आपदाएँ

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प्राकृतिक आपदाएँ

अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए-
(i) प्राकृतिक आपदाओं के अंतर्गत आते हैं-
(क) बाढ़
(ख) भू-स्खलन
(ग) सूखा
(घ) उपरोक्त सभी (✓) (UPBoardSolutions.com)

(ii) बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नदियों के तट पर बनाया जाता है-
(क) वृक्षारोपण
(ख) बाँध (✓)
(ग) मेंड़बंदी
(घ) उपरोक्त में कोई नहीं

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(iii) प्राकृतिक आपदाएँ मानव जीवन के लिए हैं-
(क) अभिशाप
(ख) खतरनाक
(ग) विनाशकारी
(घ) उपरोक्त सभी (✓)

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में सही पर सही (✓) तथा गलत पर गलत (✗) का निशान लगाइए-
उत्तर
(क) प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए पेड़ काटना चाहिए।     (✗)
(ख) अत्यधिक वर्षा से फसलें सड़ जाती हैं।                              (✓)
(ग) भू-स्खलन वन सम्पदा (UPBoardSolutions.com) विनाश का कारण होता है।  (✓)
(घ) भू-स्खलन पहाड़ी क्षेत्रों में होता है।                                      (✓)

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प्रश्न 3.
प्राकृतिक आपदा क्यों आती है?
उत्तर
मनुष्य से प्रकृति की स्वाभाविक संरचना प्रभावित होती है। जब मनुष्य द्वारा प्राकृतिक साधनों का उपयोग अत्यधिक किया जाता है, तो प्रकृति का सन्तुलन बिगड़ जाता है और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे ही प्राकृतिक आपदाएँ आती है।

प्रश्न 4.
प्राकृतिक आपदा किन-किन रूपों में आती है?
उत्तर
प्राकृतिक आपदा बाढ़, सूखा, भू-स्खलन आदि रूपों में आती है।

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प्रश्न 5.
बाढ़ आने के क्या कारण हो सकते हैं? स्पष्ट कीजिए
उत्तर
वनों की अंधाधुंध कटाई तथा बड़े-बड़े उद्योगों द्वारा (UPBoardSolutions.com) अत्यधिक मात्रा में कार्बन-डाइऑक्साइड गैस छोड़े जाने के कारण पृथ्वी के ताप में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है जिससे पहाड़ों की बर्फ पिघलने लगती है और बाढ़ का कारण बनती है।

प्रश्न 6.
सूखा किसानों को किस प्रकारे प्रभावित करता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर
भारत में कृषि मानसून पर निर्भर है। वर्षा न होने से सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है। फसलें खेतों में सूख जाती हैं। अकाल पड़ जाता है। वर्षा अनिश्चित भी होती है। कभी वर्षा जल्दी शुरू हो जाती और कभी देर से। बीच में काफी अन्तर आ जाने से मनुष्य, पशु-पक्षी व वनस्पतियाँ कुप्रभावित होती हैं। जाड़े के दिनों में वर्षा से गेहूं की अच्छी फसल होती है। वर्षा न होने पर असिंचित क्षेत्रों में फसलें सूख जाती हैं और उपज घट (UPBoardSolutions.com) जाती है। जिससे किसानों को अत्यधिक हानि होती है।

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प्रश्न 7.
प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के क्या उपाय हैं?
उत्तर
प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के निम्नलिखित उपाय हैं-

  1. अधिकाधिक वृक्षारोपण।
  2. वनों का संरक्षण
  3. उद्योगों से निकली कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा घटाना।
  4. आपदाओं के सम्बन्ध में पूर्व सूचना मिलना।
  5. आपदाओं के सम्बन्धित सूचनाओं का प्रसारण
  6. सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बाँध बनाना, (UPBoardSolutions.com) जलाशयों को गहरा करना।
  7. सिंचाई के लिए नहरें बनाना, बिजली पैदा करना।

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प्रश्न 8.
भू-स्खलन के क्या कारण हैं?
उत्तर
कभी-कभी कोयले आदि की खानों से इतनी अधिक मात्रा में खनिज पदार्थ निकाल लिए जाते हैं। कि उसका आधार समाप्त हो जाता है और वह फँसने लगता है। इसके अतिरिक्त वर्षा या बाढ़ आने पर बड़ी-बड़ी नदियों के किनारे भारी मात्रा (UPBoardSolutions.com) में कटाव हो जाने से भी भू-स्खलन हो जाता है।

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प्रोजेक्ट कार्य
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 14 वीराङगना विश्पला

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 14 वीराङगना विश्पला

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शब्दार्थाः- वीराङ्गना = वीर स्त्री, कुर्वती = करती हुई, परिवेष्टिता जाता = घेर ली गई, छिन्नौ = कट गए, हतोत्साहा = उत्साह रहित, आहूतवान् = बुलाया, अकल्पयताम् = जोड़ दिया, बना दिया, निहितम् = जमा किया हुआ, इत्थम् = इस प्रकार, (UPBoardSolutions.com) आहृतवती = ले ली, अत एवोक्तम् = इसलिए कहा गया है, सत्तवे = पराक्रम में, उपकरणे = साधन में।

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वैदिकयुगेः- ……………………………………………………………………… इति।

हिन्दी अनुवाद – वैदिक युग में खेल नामक कोई राजा था। वह खेल में अत्यन्त कुशल और विशेषज्ञ था; इसलिए उसका नाम खेल था।
उसकी पत्नी युद्ध में निपुण और वीर नारी थी। उसका (UPBoardSolutions.com) नाम ‘विश्पला’ था।

एक युद्ध में वह युद्ध करती हुई शत्रु द्वारा घेर ली गई, उसके दोनों पैर भी कट गए, वह विकलांग हो गई परन्तु वीर नारी विश्पला निरुत्साहित नहीं हुई। उसके साहस, वीरता और उत्साह को देखकर खेलराज के मार्गनिर्देशक अगस्त्य ने (UPBoardSolutions.com) उसी रात में देवचिकित्सक अश्विनी कुमार को बुलाया। उसने विश्पला के दोनों पैर लोहे के लगा दिए और उस वीर नारी ने इसके बाद बहुत उत्साह से शत्रुओं का धन जीत लिया।

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इस प्रकार, पहले से विकलांग होते हुए भी वीर नारी विश्पला ने लोहे के पैरों की सहायता से शत्रुओं को जीतकर उनका धन प्राप्त किया। अतः कहा गया है- बहुत साधन न होने पर भी पराक्रम से कार्य सिद्ध होता है।

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें। (UPBoardSolutions.com)

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत –

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(क) विश्पली का आसीत्?
उत्तर :
विश्पला वीराङ्गना नारी आसीत्।
(ख) सा कस्य पत्नी (UPBoardSolutions.com) आसीत्?
उत्तर :
सा खेलराजस्य पत्नी आसीत्।
(ग) अगस्त्यः किम् अकरोत्?
उत्तर :
अगस्त्यः देव चिकित्सकौ अश्विनीकुमारी आहूतवान्।
(घ) युद्धे तस्याः किम् अभवत्?
उत्तर :
युद्धे तस्याः द्वौ अपि पादौ छिन्नौ अभवत्।
(ङ) उत्साहयुक्ता विश्पला (UPBoardSolutions.com) किम अकरोत्?
उत्तर :
उत्साहयुक्ता विश्पला शत्रुभिः निहितं धनं जितवती।

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प्रश्न 3.
सन्धि-विच्छेदं कुरुत (UPBoardSolutions.com) (सन्धि-विच्छेद करके)
पदम्                                       सन्धि-विच्छेदः
वीराङ्गना                                वीर + अङ्गना
विकलाङ्गी                              विकल + अङ्गी
नोपकरणे                              न + उपकरणे

प्रश्न 4.
पाठस्य आधारे रिक्तस्थानानि पूरयत (पूरे करके)
(क) वैदिक युगे कश्चित् खेल राजा आसीत्।
(ख) तस्य पत्नी विश्पला वीराङ्गना आसीत्।
(ग) एकस्मिन् युद्धे सा युद्धं कुर्वन्ती (UPBoardSolutions.com) शत्रुभिः परिवेष्टिता जाता।
(घ) वीराङ्गना विश्पला हतोत्साही न जाता।।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखितपदानां विभक्तिं वचनं (UPBoardSolutions.com) च लिखत (लिखकर)
UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 14 वीराङगना विश्पला 1
प्रश्न 6.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) विश्पला एक बार युद्ध में शत्रुओं के द्वारा घेर ली गई।
अनुवाद : एकदा विश्पला युद्धे शत्रुभिः परिवेष्टिता जाता।
(ख) अश्विनीकुमारों ने लोहे के पैर लगा दिए।
अनुवाद : अश्विनीकुमारौ लौहनिर्मितौ पादौ अकल्पयताम्
(ग) उसने पुनः युद्ध किया (UPBoardSolutions.com) तथा शत्रुओं को जीत लिया।
अनुवाद : सा पुनः युद्धं अकरोत् तथा शत्रून् जितवती।

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प्रश्न 7.
कर्तुः पुरुष-वचनानुसारं क्रियापदं चित्वा (UPBoardSolutions.com) वाक्यं रचयत (वाक्य रचकर)-
UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 14 वीराङगना विश्पला 2
नोट – विद्यार्थी शिक्षण-संकेत स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 7 फल परिरक्षण

UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 7 फल परिरक्षण

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फल परिरक्षण

अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए।
(i) फल तथा सब्जियों को बिना खराब हुए अधिक दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है-
(क) परिरक्षक द्वारा (✓)
(ख) वास्तविक अवस्था (UPBoardSolutions.com) में रखकर
(ग) केवल सुखाकर
(घ) पकाकर

(ii) स्क्वैश तैयार किया जाता है-
(क) नींबू (✓)
(ख) केला
(ग) सेब
(घ) अंगूर

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(iii) परिरक्षक के रूप में प्रयोग किया जाता है-
(क) सोडियम बेंजोएट (✓)
(ख) पानी
(ग) नमक
(घ) जीवाणु

(iv) डिब्बा बन्दी करने हेतु पात्र को भरने से पहले।
(क) पानी से धो लेना चाहिए
(ख) धूप में रखना (UPBoardSolutions.com) चाहिए।
(ग) खौलते पानी में उबालना चाहिए (✓)
(घ) पात्र को ठीक से साफ कर लेना चाहिए।

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर
(क) फल तथा सब्जियों को बिना खराब हुए अधिक दिनों तक सुरक्षित रखना फल परिरक्षण कहलाता है।
(ख) बैक्टीरिया तथा कवक 71.4°c से ताप पर नष्ट हो जाते हैं।
(ग) फल तथा उससे निर्मित पदार्थ को कवक या फहूँद नष्ट कर देते हैं।
(घ) नींबू का स्क्वैश तैयार करने के लिए ताजे फल लेना चाहिए।
(ङ) पोटैशियम मेटाबाईसल्फाइट एक परिरक्षक है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही पर (✓) तथा गलत पर (✗) का निशान लगाइए-
उत्तर
(क) फल तथा सब्जियों को अधिक दिनों तक बिना खराब हुए सुरक्षित रखना फल परिरक्षण कहलाता है।     (✓)
(ख) बैक्टीरिया द्वारा फलों को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।   (✗)
(ग) कवक, खमीर तथा एन्जाइम द्वारा फल तथा (UPBoardSolutions.com) उससे निर्मित उत्पाद खराब हो जाते हैं।   (✓)
(घ) केला से स्क्वैश तैयार किया जाता है।    (✗)

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प्रश्न 4.
स्तम्भ ‘क’ का स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए (सुमेलित करके)
उत्तर
UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 7 फल परिरक्षण img-1

प्रश्न 5.
(i) बैक्टीरिया, फल तथा फल पदार्थों को कैसे नष्ट करते हैं?
उत्तर
बैक्टीरिया एक कोशिका वाले सूक्ष्म जीव होते हैं। फल तथा फल पदार्थों पर इनका आक्रमण होने से वे सड़ने लगते हैं।

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(ii) बोतल बंदी में पात्र को खौलते पानी में क्यों उबालते हैं?
उत्तर
उबालने से पात्र के अन्दर और बाहर के जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।

(iii) आँवले का मुरब्बा कैसे बनाया जाता है?
उत्तर
सर्वप्रथम आँवले को धोकर स्टील के काँटों से गोदते हैं। (UPBoardSolutions.com) 2% फिटकरी के उबलते घोल में 5-10 मिनट पकाते हैं। भगौने में एक किग्रा० आँवले के लिए डेढ़ किग्रा० चीनी डालते हैं। पहले भगौने में चीनी की तह, फिर आँवले की तह लगाते जाते हैं। आँवले को चीनी की तहों में चौबीस घंटे रखते हैं। दूसरे दिन आँवले निकाल कर चीनी की चासनी बनाकर आँवलों को चौबीस घंटे उसमें छोड़ देते हैं। तीसरे दिन आँवले निकालकर चीनी को 70% करने के लिए पकाते हैं। आँवले गर्म चासनी में डाल देते हैं। 20-25 दिन में मुरब्बा खाने योग्य हो जाता है।

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(iv) टमाटर का स्क्वैश बनाने के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है?
उत्तर
टमाटर सॉस बनाने की सामग्री
लौंग – 0.5 ग्राम, जावित्री-चुटकीभर, नमक – 11 ग्राम, बड़ी इलायची – 1 ग्रा, ऐसीटिक अम्ल – 3 चाय चम्मच, सोडियम बेंजोएट – 850 मिलीग्रा, टमाटर रस – 1 लीटर, चीनी – 100 ग्राम, अदरक – 10 ग्रा०, प्याज – 15 ग्रा०, लहसुन – 3 ग्राम, जीरा – 1 ग्राम, काली मिर्च – 1 ग्राम, दालीचीनी – 1.5 ग्राम।

(v) पोटैशियम मेटाबाईसल्फाइट क्या है? इसके प्रयोग की (UPBoardSolutions.com) विधि समझाइए। .
उत्तरे
यह रवेदार गंधक लवण है। यह अम्लीय व क्षारीय माध्यम से प्रभावित नहीं होता। फलों के रस में उपस्थित सिट्रिक अम्ल के प्रभाव से पोटैशियम साइट्रेट में बदल जाता है। सल्फर डाई ऑक्साइड पानी से मिलकर सल्फ्यूरिक अम्ल बनाती है। जो परिरक्षक का कार्य करती है।

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(vi) नींबू अथवा संतरा स्क्वैश बनाने की विधि को वर्णन कीजिए।
उत्तर
नींबू का स्क्वैश बनाना – ताजे नींबू धोकर, छिलका उतारकर जूसर से जूस निकालते हैं और छलनी से छानते हैं।

आवश्यक सामग्री – नींबू रस – 1 लीटर, पानी – 2 ली० चीनी – 2 किलो, सिट्रिक अम्ल – 10 ग्राम, पोटैशियम मेटाबाई सल्फाइट – 3 ग्राम

विधि – स्टील के भगौने में पानी व चीनी डालकर गर्म करते हैं और बीच-बीच में रस को चलाते रहते हैं। एक उबाल पर उतारकर चासनी ठंडी होने पर नींबू का रस और पौटेशियम, मेटाबाईसल्फाइट को मिला दिया जाता है। परिरक्षक पहले (UPBoardSolutions.com) थोड़े पानी में घोलते हैं, तब जूस में मिलाते हैं। स्क्वैश तैयार होने पर बोतल में 3 सेमी जगह छोड़कर भरते हैं और ढक्क्न लगाकर सील कर देते हैं।

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(vii) फल तथा उससे निर्मित पदार्थ किन-किन कारणों से खराब हो जाते हैं? समझाकर लिखिए।
उत्तर
फल तथा निर्मित पदार्थ खराब होने के कारण हैं – कवक या फफूद, (UPBoardSolutions.com) खमीर, जीवाणु (बैक्टीरिया) । एवं एंजाइम।।

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UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 6 बागवानी एवं वृक्षारोपण

UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 6 बागवानी एवं वृक्षारोपण

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बागवानी एवं वृक्षारोपण

अभ्यास

प्रश्न 1.
सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए
(1) वाटिका में
(क) केवल फूलों के पौधे लगाए जाते हैं। (✓)
(ख) केवल फलों के पौधे लगाए जाते हैं।
(ग) केवल सब्जियों के पौधे लगाए जाते हैं।
(घ) फल और सब्जियों दोनों के (UPBoardSolutions.com) पौधे लगाए जाते हैं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों के बाद दिए गए कोष्ठक में सही (✓) या गलत (✗) के निशान लगाइए-
उत्तर
(i) वाटिका में पेड़-पौधे सघन लगाने चाहिए।    (✗)
(ii) लीच ऊष्ण प्रदेशीय फल है।                      (✓)
(iii) कलम बीज द्वारा लगाई जाती है।              (✗)

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प्रश्न 3.
(i) वाटिका अविन्यास में किन बातों का ध्यान रखते हैं?
उत्तर
वाटिका लगाते समय ध्यान देने योग्य बातें

  1. पेड़ तथा पौधे सघन नहीं लगाने चाहिये।
  2. मार्ग के दोनों ओर झाड़ियाँ लगानी चाहिए। झाड़ियाँ सुन्दर पत्तियों, फूलों वाली होनी चाहिए।
  3. शोभाकारी वृक्ष तथा झाड़ीनुमा पेड़ (UPBoardSolutions.com) एक किनारे पर लगाने चाहिए।
  4. लतायें स्तम्भों के सहारे लगानी चाहिए।
  5. अलंकृत पत्तियों वाले तथा छाया चाहने वाले पौधे छायादार स्थानों लगाने चाहिए।
  6. वाटिका में फूलवाले पौधों को इस व्यवस्था के साथ लगाना चाहिये कि वर्ष के हर महीने फूल खिलते रहें।
  7. वाटिका के प्रवेश द्वारा पर भी सुन्दर सुगन्धित फूलों वाली ‘लतायें लगानी चाहिए।
  8. पौधे चाहे क्यारियों में हो या मार्ग के दोनों किनारे अथवा अलग-अलग हों, सिंचाई के लिए क्यारी आवश्यकता के अनुसार बनानी चाहिए।
  9. वाटिका में आकर्षण होना चाहिए। इसके लिए पौधों की अधिक से अधिक किस्में लगानी चाहिए।

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(ii) मौसमी फूल कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर
मौसमी फूले तीन प्रकार के होते हैं

  1. जाड़ा – गेंदा, हालीहाँक, फ्लाक्स, कलेण्डुला, डहेलिया, कैण्डीटफ्ट, आदि।
  2. गर्मी – सूरजमुखी, पोर्चुलाका, कोचिया, (UPBoardSolutions.com) आदि
  3. बरसात – मुर्ग केश, बालसन, जीनियां आदि।

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(iii) लीची की प्रजातियाँ लिखिए?
उत्तर
लीची की तीन प्रजातियाँ है

  1. अगेजी जातियाँ – देहरादून, रोज सेन्टेड, अर्ली लार्ज रेड।
  2. मध्यम प्रजातियाँ – शाही, गुलाब, चायना, सहारनपुर प्याजी।
  3. पछेती – गोला, कलकतिया, रामनगर, (UPBoardSolutions.com) लेट सीडलेस, इलायची

(iv) नींबू का प्रवर्धन कैसे किया जाता है?
उत्तर
नींबू वर्गीय फल वृक्षों को बीज द्वारा अथवा वनस्पतिक प्रवर्धन विधियों द्वारा लगाया जा सकता है। जैसे कलम बाँधना, दाब लगाना, गूटी, भेंट कलम और चश्मा चढ़ाना इत्यादि।

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प्रश्न 4.
लीची की खेती का वर्णन कीजिए।
उत्तर
लीची के पौधे वर्षा ऋतु में खेत में रोपे जाते हैं। सिंचाई की सुविधा होने पर फरवरी-मार्च में भी खेत में रोपा जा सकता है। लीची के पौधे रोपने के लिए अप्रैल-मई में खेत में 10-10 मीटर की दूरी पर 1 मीटर गहरे गड्ढे खोद लेना चाहिये और इन्हें जून (UPBoardSolutions.com) तक खुला रखना चाहिये। मिट्टी और गड्ढे धूप में भली प्रकार तप जाते हैं। वर्षा होने के उपरान्त जुलाई के प्रारम्भ में इन गड्ढों में 15 किग्रा गोबर की खाद, 2 किग्रा. चूना, 250 ग्राम एल्ड्रिन चूर्ण, 10 किग्रा. लीची के बाग की मिट्टी में मिलाकर गड्ढों में भर देते हैं। अगस्त में इन गड्ढों के बीचोबीच पौधा रोपकर चारो तरफ थाला बना देना चाहिए।

गोबर की खाद, फास्फोरस तथा पोटाश की पूरी मात्रा दिसम्बर के अन्त में देनी चाहिये। नाइट्रोजन की 1/2 मात्रा फरवरी में तथा 1/2 मात्रा अप्रैल में देनी चाहिये। इसके अलावा 2.5 किग्रा जिंक सल्फेट के साथ 1.2 किग्रा. बुझा चूना 450 ली पानी में घोलकर पौधों में छिड़काव करना चाहिये।

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प्रश्न 5.
नींबू के प्रवर्धन की विधियों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर
नीबू वर्गीय फल वृक्षों को बीज द्वारा अथवा वनस्पतिक प्रवर्धन विधियों द्वारा लगाया जा सकता है। जैसे कलम बाँधना, दाब लगाना, गूटी, भेंट कलम और चश्मा चढ़ाना इत्यादि ।।

प्रश्न 6.
प्रवर्धन किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?
उत्तर
एक बीज से अनेक बीज और इन बीजों द्वारा अनेक पौधे प्राप्त होते हैं। अर्थात् एक से (UPBoardSolutions.com) अनेक पौधे तैयार करने की विधि को प्रवर्धन कहा जाता है। प्रवर्धन का दूसरा नाम प्रसारण है।

  1. बीज द्वारा प्रवर्धन – जब बीज से पौधे तैयार किए जाते हैं तो उसे बीज द्वारा प्रवर्धन कहते हैं।
  2. कायिक प्रवर्धन – जड़, तना, पत्ती, शाखा, कली पौधे के अंग होते हैं। इनके किसी भी अंग से जो नया पौधा तैयार किया जाता है, उसे कायिक प्रवर्धन कहा जाता है।

प्रश्न 7.
बीज प्रवर्धन और कायिक प्रवर्धन में अन्तर बताइए।
उत्तर
बीज प्रवर्धन व कायिक प्रवर्धन में अन्तर – बीज प्रवर्धन में पौधा बीज के अंकुरण से पैदा होता है, जबकि कायिक प्रवर्धन का आधार पौधों के हिस्से जड़, तना, शाखा, पत्ती या कली में से किसी एक के द्वारा होता है।

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प्रश्न 8.
कायिक प्रवर्धन से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर
कायिक प्रवर्धन के लाभ

  1. फल का पेड़ जल्दी फलने लगता है।
  2. पेड़ पर एक समय में एक ही प्रकार के फल लगते हैं।
  3. सभी फल रूप, रंग, आकार, स्वाद, (UPBoardSolutions.com) सुगंध में समान होते हैं।
  4. मातृ पौधे के सभी गुण आ जाते हैं।
  5. अनेक लाभकारी गुणों का समावेश होता है।
  6. पेड़ छोटे व कम फैलने वाले होते हैं और कृषि कार्य की देखभाल में आसानी रहती है।

प्रश्न 9.
वाटिका अभिविन्यास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
वाटिका कहाँ और किस आकार की बनाई जाए, इसमें किस प्रकार के फूल, पत्तियों वाले पौधे, लता, झाड़ियाँ व पेड़ किस स्थान पर लगाएँ, यह जानकारी जरूरी होती है। प्राप्त सुविधाओं के अनुसार वाटिका लगाने वाला व्यक्ति यदि कुशल व सूझ-बूझ वाला है तो वह कौशलपूर्ण रेखांकन द्वारा वाटिका को बहुत सुंदर रूप में स्थापित कर सकता है। वाटिका के कुछ नियम हैं। जिन्हें वाटिका अभिविन्यास कहा जाता है।

प्रश्न 10.
पपीता की उन्नतिशील खेती का वर्णन कीजिए।
उत्तर
पपीता की खेती – पपीता एक वर्ष बाद फल देने लगता है और तीन वर्ष तक अच्छी फसल देता है। यह आम आदि के छोटे बागों के बीच-बीच में उगाया जा सकता है। यह विटामिन ए, बी, सी व कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवणों का अच्छा स्रोत है। दूध से निकाला गया (UPBoardSolutions.com) पदार्थ पपेन माँस गलाने के काम में आता है। | मिटूटी-बलुई दोमट या दोमट भूमि इसके लिये उपयुक्त होती है। इस फसल के लिये सिंचाई व पानी के निकास की अचछी सुविधा होनी चाहिए।

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प्रश्न 11.
कलम लगाना व दाब लगाना में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
सामान्य कलम लगाने में टहनी को जड़ निकलने से पहले मातृ पौधे से काटकर अलग कर देते हैं। दाब कलम में टहनी मातृ पौधे से जुड़ी रहने देते हैं। टहनी को झुकाकर जमीन की मिट्टी में दबा देते हैं। जब उसमें जड़े आ जाती हैं और टहनी एक स्वतंत्र पौधे (UPBoardSolutions.com) का रूप ग्रहण कर लेती है तो उसे मातृ पौधे से अलग करके स्थायी जगह में लगाते हैं। इसकी दो विधियाँ हैं। (क) साधारण दाब (ख) गूटी बाँधना। बेला, चमेली आदि का प्रवर्धन साधारण दाब तथा लीची, नींबू तथा लतर वाले पौधे गूटी विधि से तैयार किए जाते हैं।

प्रोजेक्ट कार्य
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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