UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 3 भू-परिष्करण

UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 3 भू-परिष्करण

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भू-परिष्करण

अभ्यास

प्रश्न 1.
सही पर सही (✓) का निशान लगाइए
(i) भू-परिष्करण से
(क) केवल जल का संचार होता है।
(ख) केवल वायु का संचार होता है।
(ग) जल एवं वायु (UPBoardSolutions.com) दोनों का संचार होता है। (✓)
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

(ii) पाटा लगाने से
(क) केवल बड़े-बड़े ढेले टूटते हैं।
(ख) केवल छोटे-छोटे ढेले टूटते हैं।
(ग) बड़े एवं छोटे दोनों प्रकार के ढेले टूटते हैं। (✓)
(घ) ढेले टूटते नहीं हैं।

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(iii) पतली पपड़ी या टिल्थ से
(क) मृदा की नमी नष्ट हो जाती है।
(ख) मृदा की नमी बढ़ जाती है।
(ग) मृदा की नमी (UPBoardSolutions.com) सुरक्षित रहती है। (✓)
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

(iv) मिट्टी चढ़ाने से-
(क) कंदवाली फसलों को नुकसान होता है।
(ख) कंदवाली फसलों को लाभ होता है। (✓)
(ग) कंदवाली फसलों को लाभ एवं नुकसान होता है।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

(v) बाहर से अन्दर की जुताई-
(क) सीधे-सीधे करते हैं।
(ख) तिरछे-तिरछे करते हैं।
(ग) गोल-आकार में करते हैं।
(घ) बाहर से अन्दर की ओर करते हैं। (✓)

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(vi) देशी हल से
(क) मिट्टी की खुदाई होती है।
(ख) मिट्टी की पलटाई होती है।
(ग) मिट्टी की जुताई होती है। (✓)
(घ) मिट्टी की सिंचाई होती है।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर
(i) भू-परिष्करण से भूमि की उर्वरा (UPBoardSolutions.com) शक्ति बढ़ जाती है। (घट/बढ़)
(ii) पाटा लगाने से कृषि कार्यों में सुविधा होती है। (असुविधा/सुविधा)
(iii) मिट्टी चढ़ाने से कंद बड़े बनते हैं। (बड़े/छोटे)
(iv) पटियों में जुताई पहाड़ी भागों में की जाती है। (मैदानी/पहाड़ी)
(v) उथली जुताई में भूमि को 10-20 सेमी० की गहराई तक जुताई करते हैं। (10-20/40-80)
(vi) कुदाल से खेत की गुड़ाई होती है। (जुताई/गुड़ाईं)

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही पर सही (✓) तथा गलत पर (✗) का निशान लगाइए-
उत्तर
(क) भू-परिष्करण द्वारा भूमि की भौतिक एवं रासायनिक दशाओं में सुधार होता है।             (✓)
(ख) पाटा लगाने से खेत ऊबड़-खाबड़ हो जाता है।                                    (✗)
(ग) मृदा की ऊपरी सतह पर बनी पपड़ी मृदा नमी को नष्ट कर देती है।          (✗)
(घ) पाटा लगाने से बीजों का (UPBoardSolutions.com) अंकुरण अच्छा होता है।      (✓)
(ङ) मिट्टी चढ़ाने से गन्ने की फसले अधिक वर्षा एवं तेज हवा से गिर जाती है।                                   (✗)
(च) अन्दर से बाहर की ओर जुताई में खेत के एक कोने से प्रारंभ करके धीरे-धीरे अन्दर की ओर ले जाते हैं। (✗)
(छ) गहरी जुताई को उथली जुताई भी कहते हैं।                                                                          (✗)
(ज) देशी हल आधुनिक हल है।                                                                                                    (✗)

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित में स्तम्भ ‘क’ को स्तम्भ ‘ख’ से मिलाइए (मिलान करके)-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 3 भू-परिष्करण img-1

प्रश्न 5.
भूमि का कटाव किस क्रिया द्वारा कम हो जाता है?
उत्तर
भू-परिष्करण द्वारा।।

प्रश्न 6.
कन्दवाली फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर
शकरकन्द, आलू, अरबी, बंडा।

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प्रश्न 7.
कौन-सी फसल मिटूटी न चढ़ाने से (UPBoardSolutions.com) तेज हवा से गिर जाती है?
उत्तर
गन्ना

प्रश्न 8.
अन्दर से बाहर की ओर जुताई विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर
अन्दर से बाहर की ओर जुताई-
UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 3 भू-परिष्करण img-2

लगातार बाहर से अन्दर की ओर जुताई करने से खेत में तल नीचा हो जाता है। अतः कभी-कभी खेत की जुताई, अन्दर से बाहर की ओर करनी चाहिए। इसमें जुताई खेत के बीचो-बीच से प्रारम्भ करके धीरे-धीरे बाहर की ओर लाकर समाप्त करते हैं।

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प्रश्न 9.
गहरी जुताई क्यों की जाती है? यदि गहरी जुताई न की जाये तो क्या नुकसान होगा?
उत्तर
भूमि में 40 सेमी या इससे अधिक गहराई तक जुताई (UPBoardSolutions.com) को गहरी जुताई कहते हैं। इसका उद्देश्य नमी सुरक्षित रखना एवं भूमि की निचली सतह से कठोर परत तोड़ना होता है। गहरी जुताई न करने से भूमि में नमी सुरक्षित रखना सम्भव नहीं हो पाएगा।

प्रश्न 10.
देशी हल बनाकर उसके भागों के नाम लिखिए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 3 भू-परिष्करण img-3

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प्रश्न 11.
डिबलर का चित्र बनाइए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 3 भू-परिष्करण img-4

प्रश्न 12.
शून्य भू–परिष्करण का क्या अर्थ है? इसके लाभ एवं हानियाँ बताइये।
उत्तर
किसी फमन की बुआई. पृर्व फमन के, अवशेषों में ही बिना जुताई किये, सीधे रूप से करना शुन्य भू-परिष्करण कहलाता है।
शून्य भू-परिष्करण के लाभ-

  1. खेती की लागत में कमी।।
  2. मृदा क्षरण का कम होना।
  3. मृदा संरचना को यथावत बनाये रखना।
  4. श्रम एवं धन की बचत।

शून्य भू-परिष्करण के हानि-

  1. मृदा में सख्त सतह का बनना।
  2. पूर्व फसल के अवशेषों पर लगे हुए काट एवं रोग (UPBoardSolutions.com) का प्रभाव अगली फसल पर होना।
  3. शाकनाशी रमायन का अधिक प्रयोग होना।

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UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 16 विश्वबन्धुत्वम्

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 16 विश्वबन्धुत्वम्

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शब्दार्थाः- नितराम् = पूरी तरह से, अपरिहार्या = अनिवार्य, सम्भवति = सम्भव हो सकता है, परोवेति = दूसरे का है ऐसा मानकर। लघुचेतसाम् = छोटे हृदय वालों का, शब्दार्थाः-साम्प्रतम् = इस समय, सन्तर्तुम् = पार करने के लिए, आक्रान्ताम् = भयभीत, भ्रान्ताः = भटके हुए, हन्ता = मारने वाला, (UPBoardSolutions.com) सञ्जातः = ठीक तरह से हो गया, प्रेम्णः = प्रेम का, नियन्तैकः = नियंता एक है, मनीषिणा = विद्वानों से, निरामयाः = रोगरहित, भद्राणि = कल्याण, नितान्तम् = अतिशय, अत्यधिक।

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विश्वस्य सर्वान् …………………………………………………………. कुटुम्बकम्।

हिन्दी अनुवाद – संसार के सभी लोगों के प्रति बन्धुत्व भाव ही विश्वबन्धुत्व कहा जाता है। शान्तिमय जीवन के लिए विश्वबन्धुत्व की भावना अति महत्त्व रखती है। ऐसी एक अनिवार्य आवश्यकता है। सभी लोगों का कल्याण और सभी (UPBoardSolutions.com) लोगों का सुख भाईचारे के बिना सम्भव नहीं है। विश्वबन्धुत्व के ही भाव को दृष्टि में रखकर किसी विद्वान ने कहा है
यह अपना है, यह पराया है, ऐसी गणना तुच्छ हृदय वालों में होती है, उदार हृदय वाले लोगों के लिए तो समस्त पृथ्वी ही परिवार होती है।”

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साम्प्रतम् …………………………………………………………. अभावः एव।

हिन्दी अनुवाद – इस समय सम्पूर्ण संसार में कलह और अशान्ति का साम्राज्य व्याप्त है, जिससे सबसे अधिक साधन सम्पन्न मनुष्य भी सुख के स्थान पर दुख का अनुभव कर रहा है। यद्यपि विज्ञान के बल से वह वायुयान से आकाश में विचरण करने, (UPBoardSolutions.com) पानी के जहाज से समुद्रों में अच्छी तरह तैरने, रेल से भ्रमण करने और चन्द्र आदि ग्रहों पर जाने में समर्थ है, फिर भी आपसी सम्बन्धों की कटुता से मनुष्य अशांत ही दिखाई देता है और कष्ट भोग रहा है। इसका प्रधान कारण विश्वबन्धुत्व का अभाव ही है।

विगतयोः …………………………………………………………. प्रसारो भवेत्।

हिन्दी अनुवाद – विगत दोनों विश्व युद्धों की विनाशलीला को सभी जानते ही हैं। इस समय तीसरे विश्व युद्ध का भय हमेशा मनुष्य जाति के हृदय को आक्रान्त कर रहा है, जिससे संसार का भयंकर विनाश हो सकता है। इसलिए आवश्यकता है कि मनुष्य-मनुष्य के प्रति भाई के समान आचरण करे। एक देश, दूसरे देश के साथ भाईचारे का व्यवहार करे। बलवान देश, कमजोर देशों पर आक्रमण न करें। स्वार्थ, विस्तारवाद और (UPBoardSolutions.com) महत्त्वाकांक्षा के स्थान पर परोपकार, दया, त्याग, आपसी सहयोग और मानवीय मूल्यों का प्रसार हो।

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यद्यपि …………………………………………………………. दुर्लभा जाता।

हिन्दी अनुवाद – यद्यपि शान्ति स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ, निर्गुट आन्दोलन और दूसरे संगठन निरन्तर प्रयत्न कर रहे हैं, फिर भी स्वार्थ, अहंकार और शक्ति बढ़ाने की दूषित भावना से भ्रमित हुए कुछ देश संघर्षरत हैं, जिससे विरोध (UPBoardSolutions.com) और अशान्ति बढ़ रही है। इससे मनुष्य-मनुष्य के खून का प्यासा हो जाता है। सर्वत्र प्रेम और भाईचारे की कमी है, जिसके बिना जीवन में शान्ति दुर्लभ है।

संसारे सर्वेषु …………………………………………………………. भवेत॥”

हिन्दी अनुवाद – संसार में सभी मनुष्यों में समान रक्त प्रवाहित होता है और सभी का नियंता एक ही है। यह सब जानते हुए भी लोग स्वार्थी होने के कारण आपस में कलह करते हैं। इसका मूल कारण विश्वबंधुत्व का अभाव है; (UPBoardSolutions.com) अतः सभी में विश्वबंधुत्व की भावना अत्यन्त आवश्यक है। विश्वबंधुत्व में यही भावना व्याप्त है सभी सुखी हों, सभी नीरोग हों, सभी कल्याण को देखें, कोई दुख का भागी न हो।

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अभ्यास

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) वसुधैव कुटुम्बकं केषां मते भवति?
उत्तर :
उदारचरितानाम्।
(ख) मानवः मानवं प्रति कीदृशम् आचरणं कुर्यातू?
उत्तर :
बन्धुवत्।

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(ग) एकः देशः अन्येन देशेन सह (UPBoardSolutions.com) कीदृशं व्यवहारं कुर्यातू?
उत्तर :
बन्धुतायाः।
(घ) सर्वेषु मानवेषु समानं किं प्रवहति?
उत्तर :
रक्तम्।
(ङ) जनाः परस्परं कलहं (UPBoardSolutions.com) किमर्थं कुर्वन्ति?
उत्तर :
स्वार्थेपरायणतया।

प्रश्न 2.
पूर्ण एकवाक्येन उत्तरत –
(क) बन्धुत्वं विना किं न सम्भवति?
उत्तर :
बन्धुत्वं विना सर्वजनहितं सर्वजन सुखं (UPBoardSolutions.com) न सम्भवति।

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(ख) संयुक्तराष्ट्रः कीदृशं प्रयत्नं करोति?
उत्तर :
संयुक्तराष्ट्रसंघः शान्ति स्थापनार्थं
(ग) कीदृशी भावना नितान्तम् अपेक्षिता वर्तते?
उत्तर :
विश्वबन्धुत्वस्य भावना नितान्तम् अपेक्षिता वर्तते
(घ) सर्वेषां नियन्ता कः?
उत्तर :
सर्वेषां नियन्ता एकः

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प्रश्न 3.
विभक्तिं वचनं च लिखत (लिखकर)-
UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 16 विश्वबन्धुत्वम् 1
प्रश्न 4.
सन्धि-विच्छेदं कुरुत (सन्धि-विच्छेद करके)-
पदम्                         सन्धि-विच्छेदः।
केनापि                      केन + अपि
तदैव                         तदा + एव
वेति                           वा + इति
वसुधैव                      वसुधा + एवं।
समस्यैका                  समस्या + एका

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प्रश्न 5.
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि (UPBoardSolutions.com) पूरयत (पूरा करके) –
(क) ज्ञानबलेन मानवाः इदानीं वायुयानेन आकाशे विचरितु समर्थाः।
(ख) विगतयोः द्वयोः विश्वयुद्धयोः विनाशलीलां सर्वे जानन्ति एव।
(ग) उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।
(घ) अशान्तस्य च कदापि सुखमू न भवति

प्रश्न 6. संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके) –
(क) एक देश दूसरे देश के साथ बन्धुता का व्यवहार करें।
अनुवाद : एकः देशः अन्येन देशेन सह बन्धुतायाः व्यवहारं कुर्यात्
(ख) विश्वबन्धुत्व ही एकमात्र सुख का कारण है।
अनुवाद : विश्वबन्धुत्वः एव सुखस्य (UPBoardSolutions.com) एकमात्र कारण
(ग) सभी मनुष्यों का हृदय विशाल हो।
अनुवाद : सर्वे मनुष्याः उदार चरितानां भवन्तु।
(घ) सभी मनुष्य सुखी रहें।
अनुवाद : सर्व सुखिनः भवन्तु।
(ङ) उदार चरित्र वालों के लिए पृथ्वी ही परिवार है।
अनुवाद : उदार चरितानां वसुधैव कुटुम्बकम्

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प्रश्न 7.
निम्नलिखितशबदानां लघुवाक्येषु प्रयोगं कुरुत (करके)
साधनसम्पनः।                – अपि मानव सुखस्य स्थाने दुःखम् एव अनुभवति।
संसारे                             – संसारे (UPBoardSolutions.com) कलहस्य अशान्तेः च साम्राज्यं व्याप्तम् अस्ति।
सर्वेषु                              – सर्वेषु मानवेषु समानं रक्तं प्रवहति ।
बन्धुवत्                           – मानवः मानवं प्रति बन्धुवत् आचरणं कुर्यात्।

नोट – विद्यार्थी शिक्षण-संकेत स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Sports and Fitness Chapter 9 प्राथमिक चिकित्सा, नशीले पदार्थ एवं उनके दुष्परिणाम

UP Board Solutions for Class 7 Sports and Fitness Chapter 9 प्राथमिक चिकित्सा, नशीले पदार्थ एवं उनके दुष्परिणाम

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प्रश्न 1.
प्राथमिक चिकित्सा क्या है?
उत्तर :
दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तुरन्त राहत पहुँचाने के लिए किए जाने वाले उपायों को प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं, जैसे खेल के मैदान में कोई खिलाड़ी चक्कर खाकर गिर पड़े तो उसके लिए तुरन्त उसे जमीन पर सीधा लिटा दें, हवा करें तथा पीने के लिए (UPBoardSolutions.com) पानी दें। इन्हीं सुरक्षा के उपायों को प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं।

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प्रश्न 2.
खेल के मैदान में प्रायः किस प्रकार की घटनाएँ घटती हैं?
उत्तर :
खेल के मैदान में प्रायः खेलते समय छोटी-मोटी चोटें लग जाती हैं, जैसे- गिरने से हाथ-पैर छिलना, हाथों या पैरों में मोच आ जाना आदि। लेकिन कभी-कभी खेलों में गम्भीर चोटें भी लग जाती हैं, जैसे- हाथ या पैर की हड्डी का टूटना, मांसपेशियों में खिंचाव आ (UPBoardSolutions.com) जाना, चोट लगने से नाक से खून आना, बेहोश हो जाना आदि।

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प्रश्न 3.
प्राथमिक चिकित्सा के दो महत्त्व बताइए।
उत्तर :

प्राथमिक चिकित्सा के दो निम्नलिखित महत्त्व हैं –

  1. प्रथम सहायता से घायल रोगी के जीवन की रक्षा होती है।
  2. चोट की गम्भीरता को कम करने में प्राथमिक (UPBoardSolutions.com) चिकित्सा सहायक है।

प्रश्न 4.
पेशियों के खिंचाव की स्थिति में क्या प्राथमिक उपचार करेंगे?
उत्तर :

पेशियों में खिंचाव की स्थिति में निम्न प्राथमिक उपचार करना चाहिए –

  1. सर्वप्रथम रोगी को आराम की स्थिति में लिटाना चाहिए।
  2. दर्द निवारक क्रीम लगाकर आराम की (UPBoardSolutions.com) स्थिति में छोड़ चाहिए।

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प्रश्न 5.
हड्डी टूटने की स्थिति में आप तुरन्त क्या करेंगे?
उत्तर :
खेलते समय कभी-कभी गिरने से तथा हड्डयों पर अधिक दबाब (UPBoardSolutions.com) पड़ने की स्थिति में वे टूट जाती हैं। हड्डी टूटने से वह अंग काम करने की स्थिति में नहीं रहता। हड्डी टूटने पर हम निम्नलिखित प्राथमिक उपचार कर सकते हैं –

  1. घायल व्यक्ति को भीड़ से हटाकर खुली हवा में लाएँ।
  2. रोगी को धैर्य एवं सांत्वना दें।
  3. लकड़ी या स्केल की छोटी खपाची की सहायता से टूटे अंग पर बाँध दें।
  4. बड़ों की सहायता से स्ट्रेचर या एंबुलेंस से घायल व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाएँ।

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प्रश्न 6.
डोपिंग किसे कहते है?
उत्तर :
कभी-कभी खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी अपने खेल-प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए कुछ शक्तिवर्धक नशीली दवाओं का सेवन करते हैं जिसे डोपिंग कहते हैं। इसके दुष्परिणाम में उनकी शारीरिक क्षमता कम होने लगती है। दवाओं के प्रयोग में पकड़े (UPBoardSolutions.com) जाने पर ऐसे खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय खेलों से बाहर कर दिए जाते हैं। उनके द्वारा जीते गए पदक वापस ले लिए जाते हैं। इसकी वजह से खिलाड़ी को ही नहीं, पूरे राष्ट्र को अपमानित होना पड़ता है।

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प्रश्न 7.
नशीले पदार्थों का सेवन करने से शरीर पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है?
उत्तर :
नशीले पदार्थ के सेवन से स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। अधिक समय तक इन पदार्थों का सेवन करते रहने से इनकी आदत पड़ जाती है। एक बार आदत पड़ जाने पर नशीला पदार्थ न मिलने पर व्यक्ति के अन्दर बेचैनी बढ़ने लगती है। बेचैनी दूर करने (UPBoardSolutions.com) के लिए वह बार-बार नशीले पदार्थों का सेवन करने लगता है। परिणामस्वरूप वह गम्भीर रोगों का शिकार हो जाता है जैसे-हृदय रोग, यकृत एवं मस्तिष्क का कैंसर, दमा-रोग, एड्स आदि। नशीले पदार्थ का सेवन करने से मरीज का चेहरा एकदम से बुझ-सा जाता है। उसकी आँखों के नीचे काले धब्बे पड़ जाते हैं।

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प्रश्न 8.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –

  1. सिगरेट और पानमसालों को बनाने में निकोटीन नामक (UPBoardSolutions.com) विषैला रासायनिक तत्व प्रयोग किया जाता है।
  2. नशीले पदार्थों का शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
  3. नशा करने वालों की संगति से बचे।
  4. डूबते व्यक्ति को पानी से निकालकर पेट के बल लिटा देंगे।

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प्रोजेक्ट वर्क :
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 2 भू-क्षरण

UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 2 भू-क्षरण

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भू-क्षरण

अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सहीं (✓) का चिहून लगाइए।
(i) भू-क्षरण निम्न शक्तियों (कारकों) द्वारा होता है
(क) वर्षा
(ख) हवा
(ग) बर्फ
(ख) हवा
(घ) उपरोक्त सभी (✓)

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(ii) भू-क्षरण से तात्पर्य है-
(क) भूमि के कणों का अपने स्थान से  हटना एवं (UPBoardSolutions.com) दूसरे स्थान पर इकट्ठा होना (✓)
(ख) पानी का बहना
(ग) बर्फ का पिघलना
(घ) खेत की जुताई करना

(iii) वायु भू-क्षरण निम्न कारक द्वारा होता है-
(क) जल द्वारा
(ख) बर्फ द्वारा
(ग) वायु द्वारा (✓)
(घ) गुरुत्वाकर्षण द्वारा

(iv) बीहड़ (रेवाइन) निम्न स्थानों पर पाया जाता है
(क) नदी एवं नान्नों के किनारे (UPBoardSolutions.com) व आप पास (✓)
(ख) खेती योग्य भूमि पर
(ग) खेत के मैदान में
(घ) गाँव में

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(v) मृदा संरक्षण का अर्थ है
(क) मृदा को क्षरण से बचाना (✓)
(ख) मृदा का पानी के साथ खेत से बहना
(ग) ढाल पर खेती करना
(घ) मिट्टी खोदना।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथनों में सही पर (✓) और गलत पर (✗) का निशान लगाइए-
उत्तर
(i) भू-क्षरण का अर्थ मिट्टी को खोदकर अन्यत्र ले जाना है।                          (✓)
(ii) भू-क्षरण से खेत की उपजाऊ मिट्टी बह जाती है।                                    (✓)
(iii) वायु-क्षरण अधिकतर शुष्क एवं रेतीले क्षेत्रों में होता है।                        (✓)
(iv) एक हेक्टेयर खेत से औसतन 50 टन मिट्टी प्रतिवर्ष बह जाती है।             (✗)

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर
(i) ढालू-खेतों से भू-क्षरण अधिक होता है। (अधिक/कम)
(ii) सबसे अधिक भू-क्षरण जल से होता है। (जल/बर्फ)
(iii) त्वरित क्षरण मानव द्वारा होता है। (प्रकृति/मानव)
(iv) भूस्खलन (लैण्डस्लाइड) पहाड़ी क्षेत्रों में होता है। (पहाड़ी/मैदानी क्षेत्र)
(v) मृदा सतह की एक इंच ऊपरी परत बनाने (UPBoardSolutions.com) में प्रकृति को 300 से 100 वर्ष लगते हैं। (300/100 वर्ष)

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित में स्तम्भ ‘क’ को स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए (सुमेल करके)-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 2 भू-क्षरण – img-1

प्रश्न 5.
(i) खेत से पानी बहने के बाद खेत में अंगुलियों जैसी संरचना कैसे बनती हैं?
उत्तर
बरसात के दिनों में ढालू भूमि में मिट्टी, पानी के साथ बहकर अंगुलियों जैसी संरचना बनाती है।

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(ii) वर्षा की बूंद का क्षरण कैसे होता है?
उत्तर
वर्षा की बूंद भूमि के कणों को एक मीटर ऊँचा एवं एक मीटर दूर तक उछाल देती है।

(iii) बालू के टीले (सैण्डड्यून) कैसे बनते हैं?
उत्तर
बालू के टीले तेज हवा के कारण रेतीली भूमि को उड़ाने से बनते हैं।

(iv) पानी के साथ मिट्टी बहकर कहाँ चली जाती है? इसका प्रभाव क्या होता है?
उत्तर
पानी के साथ मिट्टी की ऊपरी परत (UPBoardSolutions.com) बहकर नदी, नालों एवं समुद्र में चली जाती है जिससे इसके पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं और खेत की उपजाऊ शक्ति घट जाती है।

(v) ढालू खेतों में फसलों का उत्पादन कम क्यों होता है?
उत्तर
ढालू खेतों में भू-क्षरण अधिक होने से उनकी उपजाऊ क्षमता घटती रहती है।

(vi) बरसात के दिनों में मटमैले एवं गॅदले पानी के अन्दर क्या होता है?
उत्तर
मटमैले व गॅदले पानी में खेत की मृदा के पोषक तत्त्व होते हैं।

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(vii) पुराने पेड़ों की जड़ें मिट्टी के ऊपर दिखाई देती हैं इसका कारण बताइए।
उत्तर
बरसात के दिनों में जलीय भू-क्षरण के कारण पुराने (UPBoardSolutions.com) पेड़ के जड़ों की मिट्टी बह जाने से जड़ें दिखाई देने लगती हैं।

(viii) खेत को समतल एवं मेंड़बन्दी करने से क्या लाभ है? .
उत्तर
खेतों को समतल करके उसके चारों तरफ मेंड़बंदी करने से खेत का पानी बाहर नहीं जाता है और भू-क्षरण नहीं होता है।

(ix) ढालू भूमि में किस विधि से खेती करते हैं?
उत्तर
ढाल के विपरीत जुताई करके सीढ़ीदार खेती करते हैं।

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(x) पहाड़ी पर किस प्रकार की खेती करते हैं?
उत्तर
पहाड़ी पर सीढ़ीदार खेती करते हैं।

(xi) वनस्पतियाँ (पेड़-पौधे) किस तरह से मृदा संरक्षण में सहायक होती हैं?
उत्तर
वनस्पतियाँ (पेड़-पौधे) व घोस आदि लगने से भूमि (UPBoardSolutions.com) कटाव कम होता है और पानी धीरे-धीरे बहता है।

(xii) ढालू भूमि में ढाल के विपरीत खेती करने से क्या लाभ है?
उत्तर
मृदा संरक्षण हेतु कृषि कार्य जैसे जुताई, गुड़ाई, बोआई सदैव ढाल के विपरीत दिशा में करते हैं, जिससे पानी खेतों में रुक जाती है और खेती करने में आसानी होती है।

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(xiii) सीढ़ीदार खेती से क्या समझते हैं?
उत्तर
सीढ़ीदार खेती-अधिक ढालू एवं पहाड़ों पर ढाल के विपरीत सीढ़ीनुमा संरचना बनाकर खेती करते हैं। इससे मिट्टी का कटाव भी रुकता है।

(xiv) पशुओं द्वारा अनियमित चराई करने से मृदा संरक्षण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर
पशुओं द्वारा अनियमित चराई से मृदा संरक्षण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। (UPBoardSolutions.com) पशुओं के खुरों से मृदा कटकर पानी के साथ बहती है, जिससे मृदा क्षरण अधिक होता है।

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(xv) खेत व नालों से बहते हुए पानी को रोकने हेतु कौन-सी संरचना बनाते हैं?
उत्तर
खेत व नालों से बहते हुए पानी को रोकने के लिए रोक बाँध (चेक डैम) बनाना पड़ता है जिससे भू-क्षरण पर रोक लगती है।

प्रश्न 6.
भू-क्षरण की परिभाषा दीजिए। जलीय भू-क्षरण के प्रकारों (UPBoardSolutions.com) को वर्णन कीजिए।
उत्तर
भू-क्षरण की परिभाषा- भूमि के कणों का अपने मूल स्थान से हटने एवं दूसरे स्थान पर एकत्र होने की क्रिया को भू-क्षरण या मृदा अपरदन कहते हैं। बरसात में जल के द्वारा होने वाले भू-क्षरण को जलीय भू-क्षरण कहते हैं। यह निम्न प्रकार का होता है

  1. वर्षा-बूंद क्षरण
  2. परत भू-क्षरण
  3. अल्पसरिता भू-क्षरण
  4. खड्ड या अवनालिका
  5. बीहड़ भू-क्षरण,
  6. नदी तट भू-क्षरण
  7. समुद्रतट भू-क्षरण
  8. हिमनद भू-क्षरण
  9. भूस्खलन भू-क्षरण जो पहाड़ों पर चट्टानों के खिसकाने से होता है जिससे नीचे के खेत, सड़के वे बस्तियाँ दब जाती हैं।

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प्रश्न 7.
वायु-क्षरण से आप क्या समझते हैं? इसका वर्णन कीजिए।
उत्तर
वायु भू-क्षरण- जब भूमि का कटाव वायु द्वारा होता है, तो उसे वायु भू-क्षरण कहते हैं। यह कम वर्षा व शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में होता है। जहाँ आमतौर पर तेज हवाएँ चलती हैं और भूमि पर वनस्पतियों का आवरण नहीं होता। ऐसी स्थिति में मृदा (UPBoardSolutions.com) के छोटे-छोटे कण हवा के साथ अपने स्थान से हटकर कई किलोमीटर दूर उड़कर इकट्ठे हो जाते हैं। कभी-कभी खेतों में जमा होकर फसलें बर्बाद कर देते हैं। रेतीली भूमि में तेज हवा के कारण कभी-कभी बालू के टीले बन जाते हैं। जो वायु वेग के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होते रहते हैं।

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प्रश्न 8.
प्राकृतिक एवं त्वरित भू-क्षरण उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर

  1. प्राकृतिक भू-क्षरण – प्राकृतिक भू-क्षरण प्रकृति द्वारा होता है। इसकी गति धीमी व विनाशरहित होती है। इसमें जितनी मिट्टी बनती है उतना ही कटाव होता है। जिससे सन्तुलन बना रहता है। इससे भूपटल पर पठार, मैदान, घाटियाँ और विभिन्न प्रकार की मिटूटियाँ बनती है।।
  2. त्वरित भू-क्षरण – चरागाहों में उगी घास की अनियमित चराई, वनों की अंधाधुंध कटाई आदि से भू-सतह पर स्थित वनस्पतियाँ नष्ट हो जाती हैं। जिसके कारण त्वरित भू-क्षरण होता है। मानव इसके लिए उत्तरदायी है।

प्रश्न 9.
भू-क्षरण किन-किन कारकों द्वारा होता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर
भू-क्षरण के कारक- भू-क्षरण की क्रिया वर्षा या वायु का मृदा से संपर्क होते ही प्रारंभ होती है। जैसे-जैसे वर्षा या वायु वेग घटता-बढ़ता है, वैसे-वैसे भू-क्षरण का रूप और प्रकार बदलता रहता है। भू-क्षरण मुख्य रूप से दो कारकों द्वारा होता है, जल एवं वायु (UPBoardSolutions.com) के द्वारा होने वाले भू-क्षरण को क्रमशः जलीय भू-क्षरण एवं वायु भू-क्षरण कहते हैं।

प्रश्न 10.
भू-क्षरण से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर
भू-क्षरण से हानियाँ-

  1. नदी, नालों व समुद्रों में मिट्टी जमा होने से वे उथले हो रहे हैं।
  2. इससे पृथ्वी के अधिकांश भू-भाग डूबने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
  3. बाढ़ एवं पर्यावरण समस्या बढ़ती (UPBoardSolutions.com) जा रही है।
  4. धन, जन और स्वास्थ्य की हानि हो रही है।
  5. भू-क्षरण के कारण पृथ्वी की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन क्षमता घट रही है जो देश की अर्थव्यवस्था कमजोर करती है।

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प्रश्न 11.
मृदा संरक्षण की परिभाषा एवं महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर
मृदा संरक्षण- मृदा की सुरक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। इसके लिए हमें उचित मृदा संरक्षण विधियाँ अपनाना आवश्यक है। यदि भूमि पर घास वनस्पतियाँ नही हैं तो भू-क्षरण अधिक होता है। जिससे नदी, नालों में मिट्टी जमा होने से उनकी जल धारण (UPBoardSolutions.com) क्षमता घटती है और बाढ़ का कारण बनती है। मृदा कटाव रोकने की प्रक्रिया को ही मृदा संरक्षण कहते हैं।

प्रोजेक्ट कार्य
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 15 संस्कृतम्

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 15 संस्कृतम्

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit. Here we have given UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 15 संस्कृतम्.

शब्दार्थाः – भारतीयैकता-साधकम् = भारतीय एकता को सिद्ध करने वाला, भारतीयत्वे-सम्पादकम् = भारतीयता की भावना का सम्पोषक, ज्ञानपुञ्जप्रभादर्शकम् = ज्ञान-समूह के प्रकाश को दिखलाने वाला, आनन्दसन्दोहदम् = आनन्द समूह को देने वाला, सर्वभूतैकता = सभी प्राणियों के प्रति ऐक्यभावना, सर्वतः = चारों ओर.शान्तिसंस्थापकम् = शान्ति की स्थापना करने वाला, पञ्चशीलप्रतिष्ठापकम् = पंचशील के सिद्धान्तों (UPBoardSolutions.com) की प्रतिष्ठा करने वाला, त्यागसन्तोषसेवाव्रतम् = त्याग, सन्तोष और सेवा जिसका व्रत है। विश्वकल्याणनिष्ठायुतम् = विश्व की भलाई की निष्ठा से युक्त, भुक्तिमुक्तिद्वयोभावनम् = भोग
और मोक्ष दोनों की उद्भावना (उत्पत्ति) करने वाला, सदने = घर में, चिरम् = बहुत समय तक (सदा), कल्याणी = कल्याण करने वाली।

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भारतीयैकता ……………………………………………………………………… संस्कृतम् ।।1।।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत भारतीय एकता सिद्ध करने वाली है; भारतीयता (UPBoardSolutions.com) की भावना का पोषण करने वाली है; ज्ञान समूह का प्रकाश दिखाने वाली है तथा आनन्द देने वाली है।

विश्वबन्धुत्व ……………………………………………………………………… संस्कृतम् ।।2।।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत विश्व बन्धुत्व बढ़ाने वाली, सब में एकता लाने वाली, हर ओर शान्ति स्थापित करने वाली एवं पंचशील के सिद्धान्तों की प्रतिष्ठा करने वाली है।।

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त्याग ……………………………………………………………………… संस्कृतम् ।।3।।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत त्याग, सन्तोष, सेवा का व्रत वाली है; विश्व की भलाई की निष्ठा से युक्त है; ज्ञान-विज्ञान का सम्मेलन तथा योग एवं मोक्ष की उत्पत्ति करने वाली है।।

नगरे ……………………………………………………………………… कल्याणी।4।।

हिन्दी अनुवाद – नगर-नगर और गाँव-गाँव में फैले संस्कृतवाणी हर एक (UPBoardSolutions.com) घर में और जन-जन में । बसे सदा कल्याणी ।

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अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) संस्कृतं कस्य साधकम् अस्ति?
उत्तर :
संस्कृतं भारतीयैकतायाः (UPBoardSolutions.com) साधकम् अस्ति।

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(ख) संस्कृतं कस्य विस्तारकम् अस्ति?
उत्तर :
संस्कृतं विश्वबन्धुत्वस्य विस्तारकं अस्ति।
(ग) संस्कृतं कयोः सम्मेलनम् अस्ति?
उत्तर :
संस्कृतं ज्ञान-विज्ञानयोः सम्मेलनम् अस्ति।
(घ) भुक्तिमुक्तिद्वयोद्भावनं किम् अस्ति?
उत्तर :
भुक्तिमुक्तिद्वयोभावनं संस्कृतम् (UPBoardSolutions.com) अस्ति।
(ङ) कल्याणी का अस्ति?
उत्तर :
कल्याणी वाणी अस्ति।

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प्रश्न 3.
हिन्दीभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) पशीलप्रतिष्ठापकं संस्कृतम् ।।
हिन्दी अनुवाद : संस्कृत पंचशील के सिद्यान्तों को प्रतिष्ठा देने वाली है।
(ख) नगरे–नगरे, ग्रामे-ग्रामे विलसतु संस्कृत-वाणी।।
हिन्दी अनुवाद : नगर-नगर और (UPBoardSolutions.com) गाँव-गाँव में फैले संस्कृत वाणी।
(ग) विश्वबन्धुत्व-विस्तारकं संस्कृतम्।
हिन्दी अनुवाद : संस्कृत विश्ववन्धुत्व बढ़ाने वाली है।

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प्रश्न 4.
पाठे आगतानि विशेष्य-विशेषणपदानि लिखत (लिखकर) –
यथा- साधकं संस्कृतम्
सम्पादकं संस्कृतम्                          प्रभादर्शकं संस्कृतम्
सर्वदानन्द-सन्दोहदं संस्कृतम्।         विस्तारकं संस्कृतम्

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प्रश्न 5.
विशेष्यपदानां पूर्वम् उपयुक्तविशेषणपदं लिखत
(क) सुन्दरम् पुष्पम् (सुन्दरः, सुन्दरम्)
(ख) मनोहरमू चित्रम् (UPBoardSolutions.com) (मनोहरम्, मनोहारी)
(ग) सुन्दरे कमले। (सुन्दरे, सुन्दराः)
(घ) स्वच्छानि वस्त्राणि। (स्वच्छ, स्वच्छानि)

प्रश्न 6.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) संस्कृत विश्वबन्धुत्व को फैलाने वाली है।
अनुवाद : विश्वबन्धुत्व विस्तारकं संस्कृतम्
(ख) संस्कृत चारों ओर शान्ति की स्थापना करने वाली है।
अनुवाद : सर्वतः शान्ति स्थापकं (UPBoardSolutions.com) संस्कृतम्।
(ग) संस्कृत ज्ञान-विज्ञान का मेल कराने वाली है।
अनुवाद : ज्ञान-विज्ञान सम्मेलनं संस्कृतम्।

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प्रश्न 7.
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत ( पूरे करके)
(क) ज्ञानपुञ्ज प्रभादर्शकम् संस्कृतम्
(ख) नगरे–नगरे, ग्रामे-ग्रामे विलसतु संस्कृतवाणी।।
(ग) सदने-सदने, (UPBoardSolutions.com) जन-जनवदने जयतु चिरं कल्याणी।
(घ) सर्वदानन्द सहोदरम् संस्कृतम्।।

नोट – विद्यार्थी शिक्षण-संकेत स्वयं करें।

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