UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 8 प्राकृतिक आपदाएँ

UP Board Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 8 प्राकृतिक आपदाएँ

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प्राकृतिक आपदाएँ

अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए-
(i) प्राकृतिक आपदाओं के अंतर्गत आते हैं-
(क) बाढ़
(ख) भू-स्खलन
(ग) सूखा
(घ) उपरोक्त सभी (✓) (UPBoardSolutions.com)

(ii) बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नदियों के तट पर बनाया जाता है-
(क) वृक्षारोपण
(ख) बाँध (✓)
(ग) मेंड़बंदी
(घ) उपरोक्त में कोई नहीं

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(iii) प्राकृतिक आपदाएँ मानव जीवन के लिए हैं-
(क) अभिशाप
(ख) खतरनाक
(ग) विनाशकारी
(घ) उपरोक्त सभी (✓)

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में सही पर सही (✓) तथा गलत पर गलत (✗) का निशान लगाइए-
उत्तर
(क) प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए पेड़ काटना चाहिए।     (✗)
(ख) अत्यधिक वर्षा से फसलें सड़ जाती हैं।                              (✓)
(ग) भू-स्खलन वन सम्पदा (UPBoardSolutions.com) विनाश का कारण होता है।  (✓)
(घ) भू-स्खलन पहाड़ी क्षेत्रों में होता है।                                      (✓)

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प्रश्न 3.
प्राकृतिक आपदा क्यों आती है?
उत्तर
मनुष्य से प्रकृति की स्वाभाविक संरचना प्रभावित होती है। जब मनुष्य द्वारा प्राकृतिक साधनों का उपयोग अत्यधिक किया जाता है, तो प्रकृति का सन्तुलन बिगड़ जाता है और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे ही प्राकृतिक आपदाएँ आती है।

प्रश्न 4.
प्राकृतिक आपदा किन-किन रूपों में आती है?
उत्तर
प्राकृतिक आपदा बाढ़, सूखा, भू-स्खलन आदि रूपों में आती है।

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प्रश्न 5.
बाढ़ आने के क्या कारण हो सकते हैं? स्पष्ट कीजिए
उत्तर
वनों की अंधाधुंध कटाई तथा बड़े-बड़े उद्योगों द्वारा (UPBoardSolutions.com) अत्यधिक मात्रा में कार्बन-डाइऑक्साइड गैस छोड़े जाने के कारण पृथ्वी के ताप में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है जिससे पहाड़ों की बर्फ पिघलने लगती है और बाढ़ का कारण बनती है।

प्रश्न 6.
सूखा किसानों को किस प्रकारे प्रभावित करता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर
भारत में कृषि मानसून पर निर्भर है। वर्षा न होने से सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है। फसलें खेतों में सूख जाती हैं। अकाल पड़ जाता है। वर्षा अनिश्चित भी होती है। कभी वर्षा जल्दी शुरू हो जाती और कभी देर से। बीच में काफी अन्तर आ जाने से मनुष्य, पशु-पक्षी व वनस्पतियाँ कुप्रभावित होती हैं। जाड़े के दिनों में वर्षा से गेहूं की अच्छी फसल होती है। वर्षा न होने पर असिंचित क्षेत्रों में फसलें सूख जाती हैं और उपज घट (UPBoardSolutions.com) जाती है। जिससे किसानों को अत्यधिक हानि होती है।

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प्रश्न 7.
प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के क्या उपाय हैं?
उत्तर
प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के निम्नलिखित उपाय हैं-

  1. अधिकाधिक वृक्षारोपण।
  2. वनों का संरक्षण
  3. उद्योगों से निकली कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा घटाना।
  4. आपदाओं के सम्बन्ध में पूर्व सूचना मिलना।
  5. आपदाओं के सम्बन्धित सूचनाओं का प्रसारण
  6. सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बाँध बनाना, (UPBoardSolutions.com) जलाशयों को गहरा करना।
  7. सिंचाई के लिए नहरें बनाना, बिजली पैदा करना।

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प्रश्न 8.
भू-स्खलन के क्या कारण हैं?
उत्तर
कभी-कभी कोयले आदि की खानों से इतनी अधिक मात्रा में खनिज पदार्थ निकाल लिए जाते हैं। कि उसका आधार समाप्त हो जाता है और वह फँसने लगता है। इसके अतिरिक्त वर्षा या बाढ़ आने पर बड़ी-बड़ी नदियों के किनारे भारी मात्रा (UPBoardSolutions.com) में कटाव हो जाने से भी भू-स्खलन हो जाता है।

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प्रोजेक्ट कार्य
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Environment Chapter 6 मिट्टी और वायु

UP Board Solutions for Class 7 Environment Chapter 6 मिट्टी और वायु

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मिट्टी और वायु

अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) मिट्टी किसे कहते हैं ?
उत्तर
भूमि की सबसे ऊपरी परत (UPBoardSolutions.com) मिट्टी कहलाती है।

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(ख) मिट्टी कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर
मिट्टी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है- काली मिट्टी, लाल मिट्टी तथा लैटराइट मिट्टी।

(ग) मृदा प्रदूषण किन कारणों से होता है ?
उत्तर
मृदा प्रदूषण रासायनिक खादों तथा कीटनाशक (UPBoardSolutions.com) दवाओं के अत्यधिक प्रयोग, परमाणु कचरे, पेड़-पौधों की अन्धाधुंध कटाई आदि के कारण होता है।

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(घ) वायुमण्डल क्या है? हमारे वायुमण्डल का संतुलन कैसे बिगड़ रहा है?
उत्तर
पृथ्वी के चारों ओर स्थित वायु की मोटी परत ही वायुमण्डल कहलाती है। हमारे वायुमण्डल का सन्तुलन निम्नलिखित कारणों से बिगड़ रहा है-

  1. कल-कारखानों से निकलने वाले धुएँ तथा विषैली गैसों से।
  2. ईंधन जलाने पर निकलने वाले धुएँ एवं (UPBoardSolutions.com) गैसों से।
  3. अन्तरिक्ष से कृत्रिम उपग्रह में प्रयुक्त प्रक्षेपण यानों से निकलने वाले धुएँ से।
  4. कूड़े-करकट तथा मरे हुए जीव-जन्तुओं के शवों, कृषि अपशिष्ट आदि के सड़ने से उत्पन्न गैसों से।
  5. वायुयान, स्वचालित वाहनों जैसेबस, कार, रेलगाड़ी आदि के साधनों से निकलने वाले धुएँ एवं गैसों से।
  6. प्रशीतकों में शीतलन के लिए प्रयुक्त गैसों के रिसने से।।

(ङ) ऑक्सीजन का जीवन में क्या महत्त्व है?
उत्तर
ऑक्सीजन का जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है। (UPBoardSolutions.com) किसी भी प्राणी को जीवित रखने के लिए ऑक्सीजन अनिवार्य है इसलिए इसे प्राण वायु भी कहा जाता है। यह आग जलाने के लिए भी आवश्यक है।

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(च) गैसीय अपशिष्ट क्या है? इसका सुरक्षित निष्कासन किस प्रकार से किया जा सकता है?
उत्तर
वह गैसीय पदार्थ जो वायु में मिलकर इसे दूषित करता है, गैसीय अपशिष्ट कहलाता है। कार्बन मोनोक्साईड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, मिथेन तथा क्लोरो-फ्लोरो कार्बन आदि गैसें गैसीय अपशिष्ट हैं। (UPBoardSolutions.com) गैसीय अपशिष्टों का निष्कासन निम्नलिखित विधियों द्वारा किया जा सकता है-

  1. कारखानों तथा भट्ठों आदि की चिमनियों को ऊँचा बनाकर।
  2. चिमनियों में धूम्र अवक्षेपक लगाकर।
  3. कारखानों को आबादी वाले क्षेत्रों से बहुत दूर लगाकर।
  4. कारखानों तथा बस्तियों के आस-पास अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाकर।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर
(क) भूमि की ऊपरी परत को मिट्टी कहते हैं।
(ख) मिट्टी पेड़-पौधों को पोषक तत्व प्रदान करती है जो उनकी वृद्धि में सहायक हैं।
(ग) पेड़-पौधों को स्वस्थ रखने के लिए रासायनिक (UPBoardSolutions.com) उर्वरक की जगह प्राकृतिक खाद का प्रयोग करना चाहिए।
(घ) गैसों के अलावा वायुमण्डल में जलवाष्प एवं धूलकण आदि पाए जाते हैं।
(ङ) मानव के हस्तक्षेप से वायुमण्डल का सन्तुलन बिगड़ रहा है।
(च) पेड़-पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड गैस को लेकर अपना भोजन बनाते हैं।
(छ) कारखानों की चिमनियों में धूम्र अवक्षेप लगाकर प्रदूषण रोका जा सकता है।

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प्रोजेक्ट वर्क- विद्यार्थी स्वयं करें। (UPBoardSolutions.com)

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UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 14 वीराङगना विश्पला

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 14 वीराङगना विश्पला

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शब्दार्थाः- वीराङ्गना = वीर स्त्री, कुर्वती = करती हुई, परिवेष्टिता जाता = घेर ली गई, छिन्नौ = कट गए, हतोत्साहा = उत्साह रहित, आहूतवान् = बुलाया, अकल्पयताम् = जोड़ दिया, बना दिया, निहितम् = जमा किया हुआ, इत्थम् = इस प्रकार, (UPBoardSolutions.com) आहृतवती = ले ली, अत एवोक्तम् = इसलिए कहा गया है, सत्तवे = पराक्रम में, उपकरणे = साधन में।

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वैदिकयुगेः- ……………………………………………………………………… इति।

हिन्दी अनुवाद – वैदिक युग में खेल नामक कोई राजा था। वह खेल में अत्यन्त कुशल और विशेषज्ञ था; इसलिए उसका नाम खेल था।
उसकी पत्नी युद्ध में निपुण और वीर नारी थी। उसका (UPBoardSolutions.com) नाम ‘विश्पला’ था।

एक युद्ध में वह युद्ध करती हुई शत्रु द्वारा घेर ली गई, उसके दोनों पैर भी कट गए, वह विकलांग हो गई परन्तु वीर नारी विश्पला निरुत्साहित नहीं हुई। उसके साहस, वीरता और उत्साह को देखकर खेलराज के मार्गनिर्देशक अगस्त्य ने (UPBoardSolutions.com) उसी रात में देवचिकित्सक अश्विनी कुमार को बुलाया। उसने विश्पला के दोनों पैर लोहे के लगा दिए और उस वीर नारी ने इसके बाद बहुत उत्साह से शत्रुओं का धन जीत लिया।

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इस प्रकार, पहले से विकलांग होते हुए भी वीर नारी विश्पला ने लोहे के पैरों की सहायता से शत्रुओं को जीतकर उनका धन प्राप्त किया। अतः कहा गया है- बहुत साधन न होने पर भी पराक्रम से कार्य सिद्ध होता है।

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें। (UPBoardSolutions.com)

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत –

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(क) विश्पली का आसीत्?
उत्तर :
विश्पला वीराङ्गना नारी आसीत्।
(ख) सा कस्य पत्नी (UPBoardSolutions.com) आसीत्?
उत्तर :
सा खेलराजस्य पत्नी आसीत्।
(ग) अगस्त्यः किम् अकरोत्?
उत्तर :
अगस्त्यः देव चिकित्सकौ अश्विनीकुमारी आहूतवान्।
(घ) युद्धे तस्याः किम् अभवत्?
उत्तर :
युद्धे तस्याः द्वौ अपि पादौ छिन्नौ अभवत्।
(ङ) उत्साहयुक्ता विश्पला (UPBoardSolutions.com) किम अकरोत्?
उत्तर :
उत्साहयुक्ता विश्पला शत्रुभिः निहितं धनं जितवती।

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प्रश्न 3.
सन्धि-विच्छेदं कुरुत (UPBoardSolutions.com) (सन्धि-विच्छेद करके)
पदम्                                       सन्धि-विच्छेदः
वीराङ्गना                                वीर + अङ्गना
विकलाङ्गी                              विकल + अङ्गी
नोपकरणे                              न + उपकरणे

प्रश्न 4.
पाठस्य आधारे रिक्तस्थानानि पूरयत (पूरे करके)
(क) वैदिक युगे कश्चित् खेल राजा आसीत्।
(ख) तस्य पत्नी विश्पला वीराङ्गना आसीत्।
(ग) एकस्मिन् युद्धे सा युद्धं कुर्वन्ती (UPBoardSolutions.com) शत्रुभिः परिवेष्टिता जाता।
(घ) वीराङ्गना विश्पला हतोत्साही न जाता।।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखितपदानां विभक्तिं वचनं (UPBoardSolutions.com) च लिखत (लिखकर)
UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 14 वीराङगना विश्पला 1
प्रश्न 6.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) विश्पला एक बार युद्ध में शत्रुओं के द्वारा घेर ली गई।
अनुवाद : एकदा विश्पला युद्धे शत्रुभिः परिवेष्टिता जाता।
(ख) अश्विनीकुमारों ने लोहे के पैर लगा दिए।
अनुवाद : अश्विनीकुमारौ लौहनिर्मितौ पादौ अकल्पयताम्
(ग) उसने पुनः युद्ध किया (UPBoardSolutions.com) तथा शत्रुओं को जीत लिया।
अनुवाद : सा पुनः युद्धं अकरोत् तथा शत्रून् जितवती।

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प्रश्न 7.
कर्तुः पुरुष-वचनानुसारं क्रियापदं चित्वा (UPBoardSolutions.com) वाक्यं रचयत (वाक्य रचकर)-
UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 14 वीराङगना विश्पला 2
नोट – विद्यार्थी शिक्षण-संकेत स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Sports and Fitness Chapter 8 प्रमुख खेल

UP Board Solutions for Class 7 Sports and Fitness Chapter 8 प्रमुख खेल

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प्रश्न 1.
सबसे लम्बी दौड़ कितने मीटर की होती है?
उत्तर :
सबसे लम्बी दौड़ ६०० मीटर की होती है।

प्रश्न 2.
ऊँची कूद में प्रत्येक खिलाड़ी द्वारा कितने (UPBoardSolutions.com) प्रयास किए जाते हैं?
उत्तर :
ऊंची कूद में प्रत्येक खिलाड़ी को एक निर्धारित ऊँचाई पर कृदने के लिए तीन बार मौका दिया जाता है।

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प्रश्न 3.
गोलाफेंक में गोला किस पदार्थ का बना होता है, एवं इसका वजन कितना किलोग्राम होता है?
उत्तर :
गोलाफेंक में गोला पीतल अथवा लाह के टास (UPBoardSolutions.com) पंदाथ का बना होता है। इस गोले का वजन 5 किग्रा होता है।

प्रश्न 4.
डिस्कस किस आकार का होता है? इसका वजन कितने किलोग्राम होता है?
उत्तर :
डिस्कस फाइबर या लकड़ी से बना वृत्त के आकार का होता है। इसका वजन 1.5 किलोग्राम होता है।

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प्रश्न 5.
‘मल्ल युद्ध’ को वर्तमान में किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर :
‘मल्ल युद्ध’ विश्व के प्राचीनतम खेलों में से एक है। वर्तमान (UPBoardSolutions.com) समय में इसे कुश्ती के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 6.
“कुश्ती’ में गद्दे की ऊँचाई कितने मीटर होती है?
उत्तर :
‘कुश्ती’ में गद्दे की ऊँचाई 1 मीटर होती है।

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प्रश्न 7.
कुश्ती के कुछ खिलाड़ियों के नाम बताइए।
उत्तर :

  1. गामा पहलवान- गामा पहलवान को ‘रुस्तम-ए जहाँ’ कहा जाता है।
  2. दारा सिंहदारा सिंह फ्री स्टाइल कुश्ती के (UPBoardSolutions.com) विश्व विख्यात पहलवान रहे हैं इन्होंने भारत देश का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है।
  3. महाबली सत्यपाल महाबली सत्यपाल गुरु हनुमान के शिष्य हैं। ये भारतीय विद्यालय खेल संघ के अध्यक्ष एवं भारती कुश्ती के विकास पुरुष हैं। इन्हें महाबली एवं पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

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प्रश्न 8.
वालीबॉल खेल में प्रत्येक टीम में कितने-कितने खिलाड़ी होते हैं?
उत्तर :
वालीबॉल खेल में प्रत्येक टीम में 12-12 खिलाड़ी होते हैं। जिनमें से 6-6 खिलाड़ी मैदान में खेलते हैं। तथा 6-6 खिलाड़ी सुरक्षित रहते है।

प्रश्न 9.
वालीबॉल खेल में मैदान की लम्बाई एवं चौड़ाई कितने मीटर होती है?
उत्तर :
वालीबॉल खेल में मैदान की लम्बाई 19 मीटर तथा (UPBoardSolutions.com) चीड़ाई 9 मीटर होती है, जिसमें एक मध्य रेखा होती है इसी मध्य रेखा के ऊपर जाली (नेट) लगाई जाती है। मध्य रेखा से दोनों ओर 9 × 9 वर्ग मीटर का वर्गाकार क्षेत्र होता है।

प्रश्न 10.
अन्तरराष्ट्रीय खेल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
राष्ट्रीय स्तर पर योग्य खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भाग लेकर खेलते हैं, उन्हें अन्तरराष्ट्रीय खेल कहते हैं। अन्तरराष्ट्रीय खेलों में ओलम्पिक, एशियाड एवं सैफ खेल प्रमुख हैं।

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प्रश्न 11.
ओलम्पिक ध्वज में कितने गोले होते हैं?
उत्तर :
पाँच।

प्रश्न 12.
किसी एक स्थानीय खेल के मैदान का चित्र, (UPBoardSolutions.com) नाम सहित बनाइए।
उत्तर :
नोट – विद्यार्थी अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न 13.
सही विकल्प चुनें –

1. ओलम्पिक खेलों का सर्वप्रथम प्रारम्भ हुआ?

(क) ईरान
(ख) यूनान ✓
(ग) इराक
(घ) इनमें से कोई नहीं

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प्रश्न 14.
रिक्त स्थान की पूर्ति करो (पूर्ति करके) –

  1. ओलम्पिक खेलों का आयोजन प्रत्येक (UPBoardSolutions.com) चार वर्ष के उपरान्त होता है।
  2. पैरालम्पिक खेलों का श्रेय डा० गुडविन गुट्टमन को जाता है।
  3. राष्ट्रकुल खेलों का प्रारम्भ वर्ष 1930 में कनाडा में हुआ।
  4. एशियाड खेलों का प्रथम आयोजन वर्ष 1951 में नई दिल्ली में हुआ।

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प्रोजेक्ट वर्क तथा यह भी जानिए :
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाएँ

UP Board Solutions for Class 7 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाएँ

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साहित्य का अध्ययन करते समय बीच-बीच में कुछ ऐसे प्रसंग आ जाते हैं, जिन्हें जाने बिना अर्थ स्पष्ट नहीं हो सकता है। उदाहरण- “छुअत शिला भई नारि सुहाई।”

इस पंक्ति का अर्थ उस समय तक स्पष्ट नहीं होता जब तक विद्यार्थियों को ‘अहिल्या’ के बारे में न बताया जाय, इसे ही अन्तर्कथा कहते हैं। इसका शाब्दिक अर्थ है- (अन्तः । कथा) अर्थात् कविता के अन्दर की कथा। नीचे कुछ ऐसी ही (UPBoardSolutions.com) प्रमुख अन्तर्कथाएँ दी जा रही हैं, छात्र इन्हें ध्यान से पढ़ें

1. एकलव्य:
यह एक वनवासी सरदार का पुत्र था। यह द्रोणाचार्य से धनुर्विद्या सीखना चाहता था परन्तु द्रोणाचार्य ने इसे नीच समझकर अपना शिष्य नहीं बनाया किन्तु एकलव्य बड़ा लगनशील था। इसने गुरु द्रोणाचार्य की मिट्टी की मूर्ति बनाई और उसी के सामने वन में धनुर्विद्या सीखने लगा। धीरे-धीरे यह इस विद्या में बड़ा कुशल हो गया। जब द्रोणाचार्य को इसका पता चला तो उन्होंने गुरु-दक्षिणा में इसके दाएँ हाथ का अँगूठा माँग लिया। एकलव्य ने सहर्ष अपने दाएँ हाथ का अँगूठा काटकर अपने गुरु को अर्पण कर दिया।

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2. वामनावतार:
प्राचीनकाल में राजा बलि नामक बड़े दानी राजा थे। इनके दान से भयभीत होकर इन्द्र ने विष्णु से इसकी परीक्षा लेने को कहा। विष्णु भगवान 52 अंगुल के शरीर वाला बौना बनकर भिक्षुक के रूप में राजा बलि के सामने आ पहुँचे और उससे (UPBoardSolutions.com) तीन डग भूमि का दान माँगा। राजा ने इसे स्वीकार कर लिया। भगवान ने अब अपना विराट रूप दिखाकर केवले ढाई डग में ही सारी पृथ्वी को नाप लिया। अब आधे डग के लिए राजा बलि ने उन्हें अपना शरीर दे डाला। इस तरह भगवान के तीनों डगों में पृथ्वी थोड़ी पड़ गई थी।

3. अजामिल:
यह बड़ा पापी ब्राह्मण था। यह दूसरों को सताता था, हत्याएँ करता था और डाका, भी डालता था। इसके पुत्र का नाम नारायण था। जब अजामिल का अन्त समय आया तो यमदूत उसे भयंकर दुख देने लगे। दुखी होकर अजामिल ने अपने पुत्र नारायण को पुकारा। (UPBoardSolutions.com) उसके मुख से नारायण नाम सुनकर यमदूत भाग गए और अन्त समय में ‘नारायण’ कहने के कारण उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।

4. गज:
ग्राह-ऋषि के शाप द्वारा एक राजा हाथी तथा एक गंधर्व ग्रह (मगर) बन गया था। ग्राह नदी में रहता था। एक दिन हाथी उसी नदी में स्नान कर रहा था, ग्राह ने उसका पैर पकड़ लिया और गहरे जल में खींचने लगा। जब हाथी की जौ भर सँड पानी से बाहर रही, तो उसने विष्णु भगवान को पुकारा। हाथी की पुकार सुनकर विष्णु भगवान ने नंगे पैर आकर सुदर्शन चक्र से ग्राह को मारकर हाथी को मुक्ति दिलाई।

5. अहल्या:
अहल्या गौतम मुनि की पत्नी थी। एक दिन जब मुनि स्नान को गए थे, तो इन्द्र चन्द्रमा की सहायता से गौतम मुनि का रूप धारण करके अहल्या के पास गए और उसके साथ दुराचार किया। इस बीच में गौतम मुनि लौट आए और उन्होंने अपने योग बेल से सब कुछ जान लिया। (UPBoardSolutions.com) उन्होंने इन्द्र को श्राप दिया और अहल्या को भी श्राप देकर शिला बना दिया। भगवान श्रीराम
के चरणों की धूल से उसका उद्धार हुआ और उसने फिर से स्त्री रूप पाया।

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6. अम्बरीष:
राजा अंबरीष वैष्णव भक्त थे। एक बार उन्होंने दुर्वासा ऋषि को भोजन पर बुलाया। दुर्वासा ऋषि जब देर तक नहीं आए, तो अंबरीष ने उनसे पहले ही प्रसाद ग्रहण कर लिया। ऋषि दुर्वासा को जब यह पता लगा, तो वे बहुत क्रोधित हुए तथा एक राक्षसी द्वारा (UPBoardSolutions.com) राजा का वध करने के लिए उतारू हो गए। विष्णु भगवान ने अपने भक्त की स्वयं रक्षा कर राक्षसी का वध किया
और उन्हें दुर्वासा के श्राप से बचाया।

7. शबरी:
यह मतंग ऋषि की सेविका थी और भगवान राम की भक्त थी। सीता की खोज करते हुए जब रामचन्द्र जी शबरी के आश्रम में पहुँचे, तब उसने उनका बड़ा सत्कार किया। भगवान ने इसके जूठे बेर खाए और शबरी को राम भक्ति का उपदेश दिया और शबरी ने श्रीराम को बताया कि वे पंपापुर में जाकर सुग्रीव से मित्रता करें। भगवान की कृपा से शबरी को सद्गति प्राप्त हुई।

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8. नरसिंह:
भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक नरसिंह का अवतार माना जाता है। इस अवतार में भगवान का सिर सिंह का था तथा शेष शरीर मनुष्य का था। भगवान ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए यह रूप धारण किया था। प्रहलाद का पिता बड़ा अत्याचारी थी। (UPBoardSolutions.com) उसे वरदान मिला था कि वह किसी भी देवता, राक्षस, मनुष्य, पशु या अस्त्र-शस्त्र से नहीं मारा जा सकेगा। वह न जमीन पर मर सकेगा और न आसमान में। भगवान ने यह अद्भुत रूप धारण कर अपने घुटनों पर रखकरे अपने नाखूनों से उसका पेट फाड़ दिया था और इस प्रकार अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी।

9. नल और नील:
ये दोनों भाई कपि विश्वकर्मा के पुत्र थे। इनको वरदान प्राप्त था कि इनके हाथ को छुआ पत्थर पानी पर तैरता रहेगा। श्रीराम ने जब लंका पर चढ़ाई की तब इन्होंने श्रीराम चन्द्र जी की लंका पर चढ़ाई करने हेतु समुद्र पर पुल बनाने में सहायता की थी।

10. त्रिशंकु:
राजा त्रिशंकु बड़े बलवान राजा थे। किन्तु बड़े अहंकारी थे। एक बार उन्होंने इसी शरीर से स्वर्ग जाने के लिए एक यज्ञ करना चाहा। इनके गुरु वशिष्ठ ने इन्हें ऐसा करने से रोका। उनसे नाराज होकर इन्होंने विश्वामित्र से यज्ञ करने की प्रार्थना की। विश्वामित्र की शक्ति से ये इसी शरीर से स्वर्ग की ओर बढ़ (UPBoardSolutions.com) चले किन्तु इन्द्र ने इन्हें वहाँ से धकेल दिया। विश्वामित्र ने इन्हें नीचे ने आने दिया और ये आकाश में ही लटके रह गए।

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11. काकभुशुडि:
ये पूर्व जन्म में ब्राह्मण कुमार थे। अभिमान के कारण एक बार ये अपने गुरु । से ही शास्त्रार्थ कर बैठे। इनके गुरु ने नाराज होकर इन्हें कौआ बन जाने का शाप दे डाला। दुःखी होकर ये कौए के रूप में नीलांचल पर्वत पर रहने लगे। वहीं एक बार गरुड़ को इन्होंने राम-नाम की महिमा का ज्ञान कराया। स्वयं शंकर भगवान ने भी राजहंस का रूप धारण कर इनसे रामकथा सुनी थी। गोस्वामी तुलसीदास ने भी इनकी (UPBoardSolutions.com) पूरी कथा रामचरितमानस में लिखी है।

12. दुर्वासा:
ये बड़े क्रोधी ऋषि थे। ये महर्षि अत्रि के पुत्र थे। इन्होंने अम्बरीष तथा शकुन्तला आदि को भी शाप दे दिया था। अम्बरीष राजा ने इन्हें एकादशी के दिन भोजन का निमन्त्रण दिया। जब ये न आए और पुण्यकाल बीतने लगा तो अम्बरीष ने इन्हें बिना भोजन कराए ही प्रसाद ग्रहण कर लिया। इससे रुष्ट होकर उन्होंने राजा अम्बरीष को शाप दे दिया। भगवान विष्णु ने अपने भक्त अम्बरीष की रक्षार्थ दुर्वासा पर अपना सुदर्शन चक्र छोड़ दिया, जिससे दुर्वासा घबराए परन्तु तीनों लोकों में उन्हें कहीं शरण न मिली। अन्त में उन्होंने राजा अम्बरीष से क्षमा माँगी और राजा अम्बरीष ने उन्हें क्षमा कर दिया।

13. अगस्त्य ऋषि:
एक बार अगस्त्य मुनि के पिता मित्रावरण की दृष्टि आकाश में जाती हुई उर्वशी नामक एक अप्सरा पर पड़ी। इससे उनका वीर्य स्खलित हो गया। उन्होंने उसे एक घड़े में रख दिया जिससे अगस्त्य की उत्पत्ति हुई। घड़े से उत्पन्न होने के कारण ये कुम्भज भी कहलाते हैं। एक बार उन्होंने टिटहरी के (UPBoardSolutions.com) अण्डों की रक्षा के लिए संपूर्ण समुद्र का पानी पी लिया। बाद में समुद्र के प्रार्थना करने पर मूत्र के रूप में जल को निकाल दिया। कहा जाता है कि समुद्र का पानी तभी से खारा है।

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14. प्रहलाद:
एक अत्याचारी राक्षसों के राजा हिरण्यकश्यप का पुत्र था। यह भगवान का परम भक्त था। पिता के अनेक कष्ट देने पर भी उसने ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी। एक समय उसके पिता ने प्रहलाद को खम्भे में बाँधकर मारना चाहा तो विष्णु भगवान ने (UPBoardSolutions.com) नरसिंह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप को मार डाला और प्रहलाद को अटल भक्ति का वरदान दिया।

15. भस्मासुर:
यह राक्षस था किन्तु शिव का बड़ा भक्त था। इसने शिवजी से वरदान प्राप्त कर लिया था कि यह जिसके मस्तक पर हाथ रख देगा वही भस्म हो जाएगा। इस वरदान की परीक्षा हेतु इसने शंकरजी के सिर पर हाथ रखना चाहा, शंकरजी भागे। विष्णु भगवान ने सुन्दरी का रूप धारण कर इस राक्षस को (UPBoardSolutions.com) ही मोहित कर लिया और उसके मस्तक पर उसी का हाथ रखवा दिया। इससे यह भस्म हो गया।

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