UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 3 भारत में कंपनी राज्य का विस्तार

UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 3 भारत में कंपनी राज्य का विस्तार

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भारत में कंपनी राज्य का विस्तार

अभ्यास

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न
उत्तर
(1) विलय नीति का सम्बन्ध है-
(क) नाना साहब से
(ख) डलहौजी से
(ग) टीपू सुल्तान से
(घ) हैदर अली से

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(2) पानीपत के तृतीय युद्ध में मराठा संघ को पराजित किया-
(क) अहमदशाह अब्दाली ने 
(ख) नादिरशाह ने
(ग) शाहशुजा ने
(घ) जमाल खाँ ने

प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(1) प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध किसके बीच हुआ?
उत्तर
प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध हैदरअली और अंग्रेजों के बीच हुआ।

(2) टीपू सुल्तान ने श्री रंग पट्ट्टम की संधि किस सन् में की?
उत्तर
टीपू सुल्तान ने श्री रंग पट्टम की संधि सन् 1792 में की थी।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(1) प्रथम मराठा युद्ध के बारे में लिखिए?
उत्तर
अंग्रेजों और मराठों के बीच प्रथम मराठा युद्ध (1775 से 1782 ई०) हुआ जो 7 वर्षों तक चला। किंतु नाना फड़नवीस के कुशल नेतृत्व तथा मराठों की सैन्य शक्ति के आगे अंग्रेजों को अधिक सफलता न मिल सकी। अंत में सालबाई नामक स्थान पर सन् 1782 ई० में दोनों पक्षों के बीच संधि हो गई।

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(2) सहायक संधि क्या थी?
उत्तर
सहायक संधि के अंतर्गत देशी राजाओं पर यह दबाव डाला गया (UPBoardSolutions.com) कि वे अंग्रेजों के संरक्षण में आ जाएँ और उसके बदले में अंग्रेजी राज्य उनकी आंतरिक सुरक्षा एवं वाह्य शक्तियों से रक्षा करने का उत्तरदायित् अपने ऊपर लेगा।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) डलहौजी की राज्य हड़पने की नीति क्या थी? इस नीति के क्या उद्देश्य थे?
उत्तर
लॉर्ड हार्डिंग के पश्चात् 1848 ई० में लॉर्ड डलहौजी भारत का गवर्नर-जनरल नियुक्त हुआ। उसका उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य को बढ़ाना था। वह उस कार्य को पूरा करना चाहता था, जिसे राबर्ट क्लाइव ने शुरू किया था। ब्रिटिश साम्राज्य को बढ़ाने के लिए अधिक-से-अधिक देशी राज्यों को ब्रिटिश साम्राज्य में सम्मिलित करने लगा। उसकी इस नीति की प्रमुख बात यह थी कि यदि कोई राजा नि:सन्तान मर जाता था तो उसका राज्य कम्पनी के अधीन हो जाया करता था। यद्यपि गोद लेने की स्वीकृति भी दी गई थी परन्तु इसमें भी शर्त यह थी कि बिना कम्पनी सरकार की पूर्व स्वीकृति के गोद नहीं लिया जा सकता था। साथ ही कम्पनी (UPBoardSolutions.com) स्वीकृति देने के लिए बाध्य भी नहीं थी। यह अनुमति दे भी सकती थी और नहीं भी दे सकती थी। इस प्रकार अँग्रेजों को अनेक राज्यों को हड़पने का बहाना मिल गया। लॉर्ड डलहौजी की इसी नीति को ‘राज्य हड़पने की नीति’ कहा जाता है। उसकी यह नीति अँग्रेजों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुई। इसी नीति के परिणामस्वरूप पूरे भारतवर्ष में ब्रिटिश साम्राज्य स्थापित हो गया।

लॉर्ड डलहौजी की राज्य हड़पने की नीति के निम्नलिखित उद्देश्य थे-

  1. इनका सर्वप्रथम उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य को बढ़ाना था।
  2. व्यापार में मनमानी करना तथा सस्ते दरों पर कच्चा माल खरीदना।
  3. अपना सामान भारत के बाजारों में ऊँची कीमतों पर बेचना।
  4. भारत की जनता के बीच फूट डालकर एक-दूसरे के बीच भेदभाव पैदा करना तथा अपनी महत्त्वाकांक्षा को पूरा करना।

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प्रोजेक्ट वर्क-
विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 आत्मनिर्भरता (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 आत्मनिर्भरता (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्यांशों की व्याख्या

नम्रता से मेरा ……………………………………….. निकालती है।

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘आत्मनिर्भरता’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हैं।

प्रसंग – लेखक के अनुसार नम्रता से स्वतन्त्रता प्राप्त होती है। मनुष्य को अहंकार रहित होकर बड़ों का सम्मान और छोटों से कोमलता का व्यवहार करना चाहिए। हमें आत्मा को नम्र रखना चाहिए।

व्याख्या – नम्रता से लेखक का आशय दूसरों के दबाब में रहना नहीं है। दब्बू प्रकृति के आदमी : दूसरों पर आश्रित रहते हैं, उनकी संकल्प शक्ति क्षीण हो जाती है और बुद्धि मन्द हो जाती है। जब कभी… कोई विशेष अवसर आता है, तो दब्बू व्यक्ति उचित निर्णय नहीं कर पाते और उन्नति न करके स्वयं को पीछे की ओर ही धकेलते हैं। (UPBoardSolutions.com) इस प्रकार मनुष्य स्वयं ही अपना हित-अनहित करता है। जो मनुष्य अपना रास्ता स्वयं ही समर्थता से ढूँढ लेते हैं, वही सच्ची आत्मा वाले कहे जाते हैं।

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यही चित्त-वृत्ति ……………………………………….. बनाता है।

संदर्भ – पूर्ववत्।

प्रसंग – लेखक आत्मनिर्भरता के महत्त्व को निम्न प्रकार वर्णित करता है।

व्याख्या – आत्मनिर्भरता के कारण व्यक्ति अन्य साधारण लोगों से उच्च होता है। उसका जीवन सार्थक और किसी उद्देश्य विशेष की प्राप्ति में सक्षम होता है। उसकी बुद्धि और चातुर्य उसके अपने हृदय के अनुसार होते हैं और वह उत्तम संस्कार प्राप्त करता है। वह अपने कार्य में श्रेष्ठ रहता है।
और जीवन में प्रगति करता है। अपने अच्छे आचरण से दूसरों का भी मार्गदर्शन करके उन्हें उन्नतिशील बनाता है।

पाठ का सार (सारण)

मनुष्य को नम्रता और स्वतन्त्रतापूर्वक, बिना अहंकार के मर्यादापूर्ण जीवन बिताना चाहिए। इससे आत्म निर्भरता आती है। आत्म-मर्यादा के लिए बड़ों को सम्मान और छोटे और बराबर वालों के प्रति कोमलता का व्यवहार करना चाहिए। अपने व्यवहार में नम्र रहकर उद्देश्यों को उच्च रखना ही ऊँचा तीर चलाना है। महाराणा प्रताप ने (UPBoardSolutions.com) जंगलों की खाक छानी परन्तु अधीनता न मानी क्येकि अपनी मर्यादा की चिन्ता ज़ितनी स्वयं को होती है, दूसरे को नहीं। दूसरों की उचित बात समझते हुए अन्धभक्त नहीं होना चाहिए। तुलसीदास जी की सर्वप्रियता और कीर्ति उनकी आत्मनिर्भरता और मानसिक स्वतन्त्रता के कारण थी।

उनके समकालीन केशवदास विलासी राजाओं की कठपुतली बने रहे। अन्त में उनकी बुरी गति हुई। एक इतिहासकार के कथनानुसार, “प्रत्येक आदमी का भाग्य उसके हाथ में है। वह अपना जीवन-निर्वाह श्रेष्ठ रीति से कर सकता है। यह भाव चाहे इस स्वतन्त्रता, स्वावलम्बन आदि कुछ कहो, मनुष्य और दास में अन्तर कराता है। हनुमान ने अकेले सीता जी की खोज कर डाली और कोलम्बस ने अमेरिका को ढूंढ निकाला। शिवाजी ने थोड़े सैनिकों से औरंगजेब की नींद हराम कर दी और एकलव्य ने बिना गुरु के जंगल में निशाने पर निशाने लगाकर तीरन्दाजी में सिद्धि पाई।”

यही चित्त-वृत्ति है जो मनुष्य को औरों से उच्च बनाती है। जिस मनुष्य की -बुद्धि और चतुराई उसके हृदय में स्थित है, वह जीवन और कर्म-क्षेत्र में श्रेष्ठ रहता है और दूसरों को भी मार्गदर्शन करता है।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को – नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
आदर्श व्यक्ति के चरित्र में कौन-कौन से गुण आवश्यक हैं?
उत्तर :
आदर्श व्यक्ति के चरित्र में नम्रता, स्वतन्त्रता, कोमलता, उच्च लक्ष्यता, दृढ़ निश्चय, स्वावलम्बन, साहस और परिश्रमशीलता आदि गुण होने चाहिए।

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प्रश्न 2.
नम्रता और दब्बूपन में क्या अन्तर होता है?
उत्तर :
नम्रता से आशय बड़ों को सम्मान करना और छोटे तथा बराबर वालों से अहंकार रहित होकर कोमलता के व्यवहार से है। देब्बूपन से आशय दूसरों पर आश्रित होकर उनके पीछे चलना है। ऐसी करने (UPBoardSolutions.com) से संकल्प शक्ति क्षीण और बुद्धि मन्द हो जाती है, जिससे मनुष्य अवनति को प्राप्त होता है।

प्रश्न 3.
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

निबन्ध से
प्रश्न 1.
इंस पाठ का उद्देश्य क्या है? सही विकल्प का चिह्न (✓) लगाइए।
(क) युवाओं में नई स्फूर्ति भरना।
(ख) युवाओं को कर्म में लगाना।
(ग) युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देना। (✓)
(घ) युवाओं को महापुरुषों के जीवन के प्रेरक-प्रसंगों की जानकारी देना।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों को आशय स्पष्ट कीजिए

(क)
नम्रता ही स्वतन्त्रता की धात्री या माता है।
अर्थ – नम्रता से ही व्यक्ति स्वतन्त्रता के गुण को प्राप्त करता है। अहंकार करने वाला स्वतन्त्र नहीं रह सकता। स्वतन्त्रता के गुण के लिए बड़ों का सम्मान और छोटों और बराबर वालों से कोमलता का व्यवहार करना चाहिए।

(ख)
युवाओं को यह सदा स्मरण रखना चाहिए कि उसकी आकांक्षाएँ उसकी योग्यता से कहीं बढ़ी हुई हैं।
अर्थ – मनुष्य की इच्छाएँ उसके साधन और क्षमता से ज्यादा हैं।

(ग)
मनुष्य का बेड़ा उसके हाथ में है, उसे वह चाहे जिधर लगाये।
अर्थ – मनुष्य स्वयं अपने भाग्य का निर्माता है। वह चाहे तो उन्नति कर सकता है और चाहे अपने को गर्त में गिरा सकता है।

(घ)
अध्यवसायी लोगों ने अपनी समृद्धि का मार्ग निकाला है।
अर्थ – पुरुषार्थी लोगों ने अपने प्रयत्नों से उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया है।

प्रश्न 3.
उपन्यासकार स्टॉक ने अपना ऋण किस तरह उतारा?
उत्तर :
उपन्यासकार स्टॉक ने स्वयं अपनी प्रतिभा का सहारा लेकर अनेक उपन्यास थोड़े समय के बीच लिखकर लाखों का ऋण अपने सिर से उतार दिया।

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प्रश्न 4.
समूह ‘ख’ का कौन-सा शब्द वाक्यांश समूह ‘क’ में दिए गए किन से सम्बन्धित है? छाँटकर समूह ‘क’ के सम्मुख लिखिए।
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 आत्मनिर्भरता (मंजरी) 1

भाषा की अत
प्रश्न 1.
आत्मसंस्कार’ शब्द से ‘संस्कार’ के पूर्व ‘आत्म’ शब्द जुड़ा हुआ है। दिये गये शब्दों के पूर्व ‘आत्म’ लगाकर नए शब्दों की रचना कीजिए
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 आत्मनिर्भरता (मंजरी) 2

प्रश्न 2.
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर इनका वाक्य में प्रयोग कीजिए
उत्तर :
मुँह ताकना
= (दूसरों का सहारा हूँढना।) आलसी आदमी दूसरों का मुँह ताकते हैं।
अपने पैरों के बल खड़ा होना = (अपने सहारे रहना।) अपने पैरों के बल खड़ा होना स्वाभिमानी मनुष्य के लिए आवश्यक है।
दृष्टि नीची होना = (मान हानि होना।) अपराध के लिए पकड़े जाने पर उसकी दृष्टि नीची हो गई।
सिर ऊपर होना = (गर्व अनुभव होना।) महाराणा प्रताप के रणकौशल से राजपूतों का सिर ऊँचा हो गया।
अपने हाथ में अपना भाग्य होना = (स्वयं अपना भाग्य बनाना।) इतिहास साक्षी है कि मनुष्य अपना भाग्य स्वयं ही बनाता है।
कठपुतली बनना = (आश्रय पर रहना।) वह उसके हाथ की कठपुतली बना हुआ है।
हृदय पर हाथ रखना = (हिम्मत दिखाना।) सुरक्षाकर्मी ने हृदय पर हाथ रखकर आतंकी से लोहा लिया।

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प्रश्न 3.
जीवननिर्वाह’ समास पद का विग्रह है-‘जीवन का निर्वाह’। सामासिक शब्द बनाने पर का’ कारक-चिह्न का लोप हो जाता है। का’ सम्बन्ध कारक का चिह्न है। अतः यह सम्बन्ध कारक तत्पुरुष समास है। नीचे लिखे समास पदों का विग्रह कीजिए और समास का नाम लिखिए
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 आत्मनिर्भरता (मंजरी) 3

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से प्रधान उपवाक्य तथा आश्रित उपवाक्य को अलग-अलग लिखिए-विद्वानों का यह कथन ठीक है कि नग्नता ही स्वतन्त्रता की धा’ या माता है।
सच्ची आत्मा वही है जो प्रत्येक दशा में अपनी राह आप निकाल… है।
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 आत्मनिर्भरता (मंजरी) 4

प्रश्न 5.
“स्वतन्त्रता’ का विपरीतार्थक है
(क) आजादी
(ख) परतन्त्रता
(ग) स्वावलम्बन
(घ) स्वराज्य
उत्तर :
(ख)
परतन्त्रता

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प्रश्न 6.
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 7.
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 English Chapter 1 Another Chance

UP Board Solutions for Class 8 English Chapter 1 Another Chance

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WORD MEANING’s (शब्दार्थ)
often – अक्सर, mistake – गलती, desire – तीव्र इच्छा, despair – पूर्ण निराशा, failure – असफलता

TRANSLATION OF THE LESSON (पाठ का हिन्दी अनुवाद)।
How often we………. of starting anew.
हिन्दी अनुवाद- कवि कहता है कि कितनी बार हम इच्छा जताते हैं एक और मौके की, एक नई शुरूआत करने की। एक मौका अपनी गलतियों को मिटाने का, और अपनी असपफलता को जीत में बदलने का।। एक बिल्कुल नई शुरूआत करने के लिए एक नए दिन की आवश्यकता नहीं होती। हमें सिर्फ एक गहरी, तीव्र इच्छा की आवश्यकता है, फिर से पूरे दिल से प्रयास करने की। |
हमें आवश्यकता है पहले से थोड़ा बेहतर जीने की, हमेशा क्षमाशील होने की, और थोड़ी सी सूर्य-समान चमक लाने की, इस दुनिया में जहाँ हम रह रहे हैं। |
इसलिए पूर्ण निराशा में भी कभी हिम्मत न हारो, और सोचो, कि तुम निराशा से निकल चुके हो। क्योंकि हमेशा एक नया कल होता है, और आशा होती है फिर से नई शुरूआत करने की।

EXERCISE (अभ्यास)
Comprehension Questions
1. Answer the following questions:

Question a.
Why do we wish for another chance ?
Answer:
To correct our mistakes in order to make a new beginning, we wish for another chance.

Question b.
What does it take to make a brand new start ?
Answer:
We need to have a strong desire to try once again with all our heart, to make a brand new start.

Question c.
Why should we never give up in despair ?
Answer:
We should never give up in despair because there is always a hope to start everything afresh and there is a new tomorrow.

Question d.
What lesson do we learn from the poem ?
Answer:
Although we commit mistakes and face failures, there is always a hope for a next chance in our lives. We must have a strong desire to try and make our life and our world better.

2. Match the following to complete the lines of the poem: ‘A’
UP Board Solutions for Class 8 English Chapter 1 Another Chance 2

Word Power
1. Read the poem and write the antonyms of the following words:

  1. Success : failure
  2. old : new
  3. shallow : deep
  4. never : always
  5. end : beginning
  6. despair : hope

2. Write three rhyming words for the words given below :

  1. eight : date, gate, great
  2. face : lace, trace, grace
  3. chin : bin, grin, pin
  4. new : dew, sew, few

Activity
A number has been given to each letter of the alphabet in the table below. Read the table and decode the message. The first word has been decoded :
UP Board Solutions for Class 8 English Chapter 1 Another Chance 3

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UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 2 भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना

UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 2 भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना

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भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना

अभ्यास

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न
उत्तर
(1) प्लासी के युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व किया था-
(क) क्लाइव ने 
(ख) कार्टिभर ने।
(ग) कैप्टन लाली ने
(घ) हेक्टर मुनरो ने

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(2) मुर्शिदाबाद से मुंगेर अपनी राजधानी स्थानांतरित करने वाला बंगाल का नवाब-
(क) सिराजुद्दौला
(ख) मीरजाफर
(ग) मीर कासिम 
(घ) नज्मुद्दौला

प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(1) ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी की ताकत बढ़ाने में किसका विशेष योगदान था?
उत्तर
ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी की ताकत बढ़ाने में लार्ड क्लाइव का विशेष योगदान था।

(2) ईस्ट इण्डिया कंपनी नील, कॉफी, चाय के बाग कहाँ लगाती थी?
उत्तर
ईस्ट इण्डिया कंपनी नील, कॉफी, चाय के बागान भारत में लगाती थी।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न ।
(1) प्लासी का युद्ध किसके बीच हुआ था?
उत्तर
प्लासी का युद्ध क्लाइव और सिराजुद्दौला के बीच हुआ था।

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(2) बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइए?
उत्तर
बक्सर के युद्ध का भारतीय इतिहास में बहुत महत्व है। जहाँ प्लासी की जीत ने अंग्रेजों की आर्थिक स्थिति मजबूत की, वहीं बक्सर की जीत ने अंग्रेजों के पैर भारत में और मजबूत कर दिए।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) अंग्रेजों के व्यापार के लिए भारत की क्या-क्या चीजें महत्त्वपूर्ण थी?
उत्तर
अंग्रेजों के व्यापार के लिए भारत की निम्न चीजें महत्वपूर्ण थीं-

  • चुंगीकर में छूट तथा सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थानों तक ले जाने की छूट, जिससे उनका सामान दूसरों से सस्ता हो।
  • व्यापार में मनमानी करने, भारतीयों को अपना सामान सस्ता बेचने, कंपनी का माल महँगा खरीदने, प्रतिद्वंद्वी यूरोपीय व्यापारियों को बाहर रखने और कंपनी का व्यापार भारतीय राजाओं की नीतियों से (UPBoardSolutions.com) स्वंतत्र रहकर जारी रखने के लिए मजबूर करना आदि।
  • बंदरगाहों के पास किलेबन्दी करने, पट्टे पर प्राप्त स्थाने का प्रशासन चलाने तथा अपने साथ लाये हुए सोने-चाँदी से भारतीय सिक्के ढालने की अनुमति क्षेत्रीय शासक से प्राप्त करना। इसके बदले क्षेत्रीय राज्य को बंदरगाह से प्राप्त चुंगी का आधा हिस्सा राजा को देना।

ब्रिटिश कंपनी भारत में राजनीतिक सत्ता स्थापित करने के लिए भारतीय राजाओं के साथ इन्हीं हथकण्डों का इस्तेमाल कर बड़ी चतुराई के साथ अपना राज्य बढाती रही। इस तरह एक ऐसा वक्त आया, जब अंग्रेज भारत के राजाओं व नवाबों को हटाकर खुद शासन चलाने लगे।।

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UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 1 यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन

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यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन

अभ्यास

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न
उत्तर
(1) अमेरिका की खोज की थी
(क) कोलम्बस ने
(ख) हॉकिन्स ने ;
(ग) वास्कोडिगामा ने
(घ) सर टॉमस रो ने

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(2) भारत में सर्वप्रथम कौन-सा यूरोपीय व्यापारी आया
(क) अंग्रेज
(ख) पुर्तगाली
(ग) फ्रांसीसी
(घ) डच

प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(1) किस यन्त्र के आविष्कार से लम्बी समुद्री यात्राएँ आसान हो गई?
उत्तर
कुतुबनुमा।

(2) वास्कोडिगामा किस देश का निवासी था?
उत्तर
पुर्तगाल।

(3) मुगल बादशाह जहाँगीर के दरबार में आने वाला प्रथम अंग्रेज राजदूत कौन था?
उत्तर
कैप्टन हॉकिन्स।

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प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न ।
(1) भारत और यूरोप के मध्य होने वाले व्यापारिक मार्गों के बारे में लिखिए।
उत्तर
भारत और यूरोप के मध्य व्यापार जल और थल मार्ग द्वारा होता था। इन मार्गों की संख्या तीन थी। पहला मार्ग फारस की खाड़ी से होता हुआ समुद्री मार्ग था। इस मार्ग से इराक, तुर्की, वेनिस और जिनेवा से (UPBoardSolutions.com) व्यापार होता था। दूसरा मार्ग लाल सागर से अलेक्जेंडरिया का था जहाँ से समुद्र द्वारा वेनिस और जिनेवा को जाया जाता था। तीसरा मार्ग मध्य एशिया से मिस्र और यूरोप के लिए था।

(2) व्यापारिक कंपनी से आप क्या समझते हो?
उत्तर
व्यापारिक कंपनियों का अर्थ है- व्यापार में कई लोगों की हिस्सेदारी। सभी हिस्सेदार व्यापार में अपनी-अपनी पूँजी लगाते थे और लगाई गई पूँजी के अनुपात में व्यापार से होने वाले मुनाफे को आपस में बाँट लेते थे।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) पुराने यूरोपीय व्यापारिक मार्ग कौन से थे? नये व्यापारिक मार्गों की खोज क्यों शुरू हुई?
उत्तर
भारत और यूरोप के मध्य व्यापार जल और थल मार्ग द्वारा होता था। इन मार्गों की संख्या तीन थी। पहला मार्ग फारस की खाड़ी से होता हुआ समुद्री मार्ग था। दूसरा मार्ग ‘लाल सागर से अलेक्जेंडरिया का था, जहाँ से समुद्र द्वारा वेनिस और जिनेवा को जाया जाता था। तीसरा मार्ग मध्य एशिया से यूरोप के लिए था। पंद्रहवीं शताब्दी (1453 ई०) में कुस्तुनतुनियाँ पर तुर्की ने अपना अधिकार कर लिया। अब तुर्को ने यूरोप और भारत के मध्य पुराने सभी संचार माध्यमों को बंद कर दिया। (UPBoardSolutions.com) कुस्तुनतुनियाँ नगर व्यापार मार्ग का मुख्य द्वार था। अतः व्यापार के लिए यूरोप के व्यापारियों को कुस्तुनतुनियाँ नगर पार करना पड़ता था। लेकिन तुर्को द्वारा मार्ग पर कब्जा होने के कारण यूरोप और भारत के मध्य होने वाले व्यापार को बहुत धक्का लगा। अब यूरोपवासियों ने व्यापार के लिए नये समुद्री मार्ग की खोज करना आरंभ कर दिया।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित सूची बनाइए
(1) भारत से व्यापार करने वाले देशों के नाम।
उत्तर
भारत से व्यापार करने वाले देशों के नाम हैं- पुर्तगाल, इटली, फ्रांस, तुर्की, हॉलैण्ड, इंग्लैंड आदि।

(2) भारत के उन स्थानों के नाम जहां पर विदेशियों ने अपनी व्यापारिक कोठियां बनाई।।
उत्तर
भारत में कालीकट, कोचीन, नागापट्टनम, चिनसूरी, मछलीपट्टम, पाण्डिचेरी, चन्द्रनगर, सूरत, कैम्बे, अहमदाबाद, आगरा, भड़ौच, पटना आदि स्थानों पर विदेशियों ने अपनी कोठियाँ बनाई।

(3) वे वस्तुएं जिन्हें विदेशी व्यापारी भारत से अपने देश ले जाते थे।
उत्तर
विदेशी व्यापारी भारत से सूती-रेशमी कपड़े और विभिन्न मसाले अपने देश ले जाते थे।

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प्रश्न 6.
विद्यार्थी स्वयं करें।

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