UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 2 मानव निर्मित वस्तुएँ

UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 2 मानव निर्मित वस्तुएँ

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मानव निर्मित वस्तुएँ

● दी गई तालिका में दस प्रकृति प्रदत्त तथा दस मानव निर्मित वस्तुओं के नाम लिखकर तालिका 4.1 को पूरा कीजिए (पूरा करके)-
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 2 मानव निर्मित वस्तुएँ img-1

● अधोलिखित तालिका को पूरा कीजिए (पूरा करके) –
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 2 मानव निर्मित वस्तुएँ img-2

● कृषि कार्य में उपयोगी वस्तुओं की सूची बनाइए (सूची बनाकर) –
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● विभिन्न प्रकार के साबुनों का अवलोकन करें तथा नहाने, कपड़ा धोने एवं बर्तन साफ करने वाले साबुनों की सूची बनाएँ (सूची बनाकर)-
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अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प के सामने सही (✓) का चिह्न अपनी उत्तर-पुस्तिका में लगाइए (लगाकर)-
उत्तर
(क) थर्माकोल का दूसरा नाम है –

(अ) टेफ्लॉन।
(ब) स्टाइरोन
(स) नायलॉन (UPBoardSolutions.com)
(द) डेक्रान

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(ख) पौधों का मुख्य पोषक तत्व है –
(अ) गन्धक
(ब) ऑक्सीजन
(स) नाइट्रोजन
(द) कार्बन

(ग) फेरिक ऑक्साइड मिलाने से निर्मित काँच होता है –
(अ) हरा
(ब) गहरा नीला
(स) पीला
(द) बैंगनी

(घ) खिड़कियों में प्रयोग किया जाता है –
(अ) कठोर काँच
(ब) फोटोक्रोमेटिक काँच
(स) फ्लिन्ट काँच
(द) साधारण या मृदु काँच

प्रश्न 2.
सही कथन के सम्मुख (✓) तथा गलत कथन के सम्मुख (✗) चिह्न अपनी अभ्यास-पुस्तिका में अंकित कीजिए –
उत्तर
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प्रश्न 3.
नीचे दिए गए शब्दों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति अपनी अभ्यास-पुस्तिका में कीजिए (पूर्ति करके)-
(साबुन, प्राकृतिक, बर्तन, संश्लेषित, पराबैंगनी)
उत्तर (UPBoardSolutions.com)
(क)
मेलामाइन का उपयोग प्लास्टिक के बर्तन बनाने में किया जाता है।
(ख) सूता, रेशम, ऊन प्राकृतिक रेशे हैं।
(ग) धूप के चश्मे सूर्य की पराबैंगनी किरणों से आँखों को बचाते हैं। (UPBoardSolutions.com)
(घ) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और वनस्पति तेल की क्रिया से साबुन प्राप्त किया जाता है।
(ङ) संश्लेषित रेशों से बने कपड़े अधिक टिकाऊ और सस्ते होते हैं।

प्रश्न 4.
संक्षेप में उत्तर दीजिए –
(क) प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित वस्तुओं से आप क्या समझते हैं? ।
उत्तर
प्रकृति से हमें अनेक वस्तुएँ प्राप्त होती हैं। प्रकृति द्वारा प्रदत्त वस्तुओं को प्राकृतिक वस्तुएँ कहते हैं, जैसे- पहाड़, नदियाँ, समुद्र, झीलें मिट्टी, वायु आदि। (UPBoardSolutions.com) जो वस्तुएँ मनुष्य द्वारा निर्मित की जाती हैं, उन्हें मानव निर्मित वस्तुएँ कहते हैं, जैसे- वस्त्र, कृषि-यन्त्र, मकान, साबुन, सीमेंट आदि।

(ख) किन्हीं चार प्रकार के काँच का नाम लिखिए।
उत्तर
काँच के चार प्रकार निम्नलिखित हैं|

  1. साधारण या मृदु काँच
  2. कठोर काँच
  3. फ्लिन्ट काँच
  4. फोटोक्रोमिक काँच।।

(ग) पॉलीथीन, टेफ्लॉन, एक्रिलिक तथा बेकेलाइट के एक-एक उपयोग लिखिए।
उत्तर
पॉलीथीन का उपयोग थैली बनाने में, टेफ्लॉन का उपयोग नॉनस्टिक बर्तन पर ऊष्मा प्रतिरोधी परत चढ़ाने में, एक्रिलिक का उपयोग कार एवं ट्रकों की खिड़कियों में, बेकेलाइट का उपयोग बिजली के प्लग, स्विच, कंघी, पैन और हत्थे बनाने में किया जाता है (UPBoardSolutions.com)

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(घ) साबुन और अपमार्जक में क्या अन्तर हैं?
उत्तर
साबुन तथा अपमार्जक में निम्नलिखित अन्तर है-
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(ङ) मृतिका क्या है?
उत्तर
उच्च ताप पर पके हुए बरतन अर्थात् पकी हुई मिट्टी को ही मृतिका कहते हैं।

(च) संश्लेषित रेशे क्या हैं?
उत्तर
मानव निर्मित रेशे जैसे- रेयॉन, नायलॉन, टेरीलीन, डेक्रॉन, टेरीन आदि प्राकृतिक रेशों के स्थान पर प्रयोग होते हैं, संश्लेषित रेशे कहलाते हैं।  (UPBoardSolutions.com) इनका उपयोग प्राकृतिक रेशों जैसे- ऊन तथा रेशम के स्थान पर होता है। संश्लेषित रेशे प्रायः ऊन तथा रेशम की भाँति ही दिखने वाले बनाए जाते हैं।  (UPBoardSolutions.com)

प्रश्न 5.
खण्ड ‘क’ के अधूरे वाक्यों को खण्ड ‘ख’ की सहायता से पूरा कीजिए (पूरा करके)
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 2 मानव निर्मित वस्तुएँ img-7

प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) भूमि में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर
भूमि में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं-

  1. भूमि को जोतकर कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाए, जिससे पोषक तत्वों की पूर्ति पर्यावरण से स्वतः होती रहे।
  2. फसल चक्र के नियमों का पालन किया जाए।
  3. भूमि में पोषक तत्वों की तत्काल पूर्ति के लिए विभिन्न रासायनिक खादों का प्रयोग किया जाए।

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(ख) धूप में बाहर निकलने पर हम धूप के चश्मों का प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर
म धूप के चश्मों का प्रयोग आँखों को सूर्य की गर्मी से बचाने के लिए करते हैं।

(ग) संश्लेषित रेशों से बने वस्त्र जल्दी क्यों सूख जाते हैं?
उत्तर
संश्लेषित रेशों से बने वस्त्र हलके होते हैं और इनमें सिकुड़न नहीं होती। इसलिए ये जल्दी सूखते हैं।

(घ) जैव निम्नीकरणीय एवं जैव अनिम्नीकरणीय में अन्तर लिखिए।।
उत्तर
जैव निम्नीकरणीय- पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया जैसे जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाता है,  (UPBoardSolutions.com) जैव निम्नीकरणीय कहलाता है। जैसे- कागज, सूती कपड़ा, ऊनी वस्त्र।

जैव अनिम्नीकरणीय- पदार्थ प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा सरलता से विघटित नहीं होता, जैव अनिम्नीकरण गीय कहलाता है। जैसे- प्लास्टिक थैलियाँ, टिन।

● नोट- प्रोजेक्ट कार्य छात्र स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 अपराजिता (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 अपराजिता (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्यांशों की व्याख्या 

कभी-कभी अचानक ………………………………………………………. नहीं ठहराता।
संदर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के संकलित पाठ अपराजिता’ नामक कहानी से उद्धत है। इस कहानी की लेखिका शिवानी हैं।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में लेखिका ने दिव्यांगों की स्थिति को मार्मिक वर्णन किया है।
व्याख्या-कभी-कभी हमें ऐसे विकलांग व्यक्ति भी मिलते हैं जिन्हें देखकर हमें अपने जीवन का खालीपन बहुत छोटा लगने लगती है। तब हमें यह एहसास होता है कि भले ही ईश्वर ने हमें कुछ विपत्ति दी है (UPBoardSolutions.com) परन्तु हमारे शरीर के किसी अंग को तो नहीं छीना। फिर भी हम सब विपत्ति में भगवान को ही दोषी ठहराते हैं। लेखिका ने एक विकलांग लड़की को देखा, जिसने खुशी से यातना झेलकर जीवन में संघर्ष किया, सफलता पाई और ईश्वर को दोष नहीं दिया।

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बहुत बड़ी-बड़ी ………………………………………………………………… भी देता है।
संदर्भ-प्रस्तुत गद्यांश में लेखिका ने एक दिव्यांग बेटी की माँ की संघर्ष का वर्णन किया है।
प्रसंग-डॉ० चन्द्रा की माता शारदा सुब्रहमण्यम् को जे०सी० बेंगलुरू द्वारा वीर जननी पुरस्कार मिला। इस अवसर पर वे किस मुद्रा में दिखाई दे रही थीं, उसका वर्णन किया गया है।
व्याख्या-उनकी बड़ी-बड़ी आँखों में उदासी थी। उनमें माँ की व्यथा और पुत्री की करुण व्यथा छिपी थी। वह पुत्री जिसके लिए वह अपना सुख भूलकर उसकी पहिया लगी कुर्सी को जहाँ-तहाँ घुमाती रही, नाकं के दोनों ओर हीरे की चमकदार लौंग पहने, होठों पर जीत की खुशी और जूड़े में फूलों की चोटी लगाए हुए। उस हिम्मत वाली असाधारण मा शारदा सुब्रह्मण्यम् के ये शब्द लेखिका के कानों में आवाज़ कर रहे हैं। “ईश्वर एक रास्ता बन्द करता है तो दूसरा खोलता है” भाव यह है कि ईश्वर क लड़की को विकलांग किया, तो असाधारण बुद्धि, धैर्य और साहस देकर उसे सफल जीवन का मार्ग भी दिखाया।

पाठ का सर (सारांश)

कभी-कभी विधाता हमें ऐसे विलक्षण व्यक्ति से मिला देता है, जिसे देख हमें अपने जीवन की रिक्तता बहुत छोटी लगने लगती है। हमें तब लगता है कि भले ही उस अनर्यामी ने हमें जीवन में कभी अकस्मात् दन्डित कर दिया हो किन्तु हमारे किसी अंग को हमसे वंचित नहीं किया। फिर भी हममें से कौन ऐसा है जो अपनी विपत्ति के कठिन क्षणों में विधाता को दोषी ठहराता। मैंने अभी पिछले ही महीने, एक ऐसी अभिशप्त काया देखी है, जिसे विधाता ने कठोरतम दंड दिया है। किन्तु उसे वह नतमस्तक तथा आनन्दित मुद्रा में झेल रही है, विधाता को कोसकर नहीं।कठिनतम स्थिति में भी मनुष्य अपने साहस, धैर्य और निरन्तर कोशिश से प्रगति कर सकता है। चन्द्रा एक विकलांग लड़की थी। उसे बचपन में पोलियो हो गया था।

इस उसका गले से निचला भाग बेजान हो गया था। चन्द्रा की माता श्रीमती टी० सुब्रह्मण्यम् ने हिम्मत हारी। उसने एक सर्जन से एक वर्ष तक चन्द्रा का इलाज करवाया, जिससे उसकी ऊपरी धड़ में हरआ गई। निचला धड़ बेजान ही रहा। माँ ने उसे सहारा देकर उठना-बैठना सिखाया चन्द्रा बहुत ही कुशाग्र बुद्धि की थी। पाँच साल की आयु में उसक, पढाई शुरू हुई। माता ने पूरी . लगन से उसे पढ़ाना-लिखाना शुरू किया। बड़ी ही मिन्नतें करने के ब चन्द्रा को बेंगलुरु के माउंट (UPBoardSolutions.com) कारमेल में प्रवेश मिला क्योंकि स्कूल की मदर ने चन्द्रा की माता से का था “कौन आपकी पुत्री को ह्वील चेयर (पहिए वाली कुर्सी) में क्लास रूम में घुमाता रहेगा।” लंकन श्रीमती टी० सुब्रह्मण्यम् कई वर्ष तक अपनी बेटी को स्वयं क्लास रूम में घुमाती रहीं। चन्द्रा ने प्रत्येक परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। उसे स्व. पदक मिले। प्राणी शास्त्र में एम०एस०सी० किया, जिसमें चन्द्रा ने पहला स्थान प्राप्त किया। प्रोफेसर ठना के निर्देशन में पाँच साल तक शोध कार्य किया। अन्त में उसे विज्ञान में डॉक्टरेट मिल गई।

इतना सब कुछ होने पर भी डॉ० चन्द्रा ने कविताएँ लिखीं। जिनमें सकी उदासी का चित्रण हुआ था। उसने लेखिका को अपनी कढ़ाई-बुनाई के नमूने भी दिखाए। गर्ल ग ड में राष्ट्रपति का स्वर्ण कार्ड पाने वाली चन्द्रा पहली अपंग बालिका थी।  चन्द्रा के अलबम के अन्तिम पृष्ठ में है, उसकी जननी का बड़ा-सा चित्र, जिसमें वे जे०सी० बेंगलुरु द्वारा प्रदत्त एक विशिष्ट पुरस्कार ग्रहण कर रही हैं- ‘वीर जननी’ का पुरस्कार। बहुत बड़ी-बड़ी उदास आँखें, जिनमें स्वयं माँ की व्यथा भी है और पुत्री की भी, (UPBoardSolutions.com) अपने सारे सुख त्यागकर नित्य छाया बनी पुत्री की पहिया लगी कुर्सी के पीछे चक्र सी घूती जननी की व्यथा, नाक के दोनों ओर हीरे की दो जगमगाती लौंगें, होंठों पर विजय का उल्लास, जूड़े में पुष्पवेणी। मेरे कानों में उस अद्भुत साहसी जननी शारदा सुब्रमण्यम् के शब्द अभी भी जैसे गूंज रहे हैं, “ईश्वर सब द्वार एक साथ बन्द नहीं करता। यदि एक द्वार बन्द करता भी है, तो दूसरा द्वार खोल भी देता है।”

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 प्रश्न-अभ्यास

विचार और कल्पना-   नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।
कुछ करने को-            नोट-
विद्यार्थी स्वयं करें।
कहानी से-

प्रश्न 1.
कौन-कौन से कथन सही हैं? हमें अपने जीवन की रिक्तता बहुत छोटी लगने लगती है, जब|
(क) दूसरों के दुख अपने दुखों से बड़े लगने लगते हैं।
(ख) हमारे कष्टों से बड़े कष्ट को कोई हँसकर झेलता दिखाई देता है।
(ग) अपने कष्टों के लिए विधाता को दोषी मान लेते हैं।
(घ) कष्टों को ईश्वर की इच्छा मानकर स्वीकार कर लेते हैं।
उत्तर-
हमारे कष्टों से बड़े कष्ट को कोई हंसकर झेलता दिखाई देता है  कष्टों को ईस्वर की इच्छा मानकर स्वीकार कर लेते है।

प्रश्न 2.
लेखिका क्यों चाहती थीं कि लखनऊ का युवक उनकी पंक्तियॉ पढ़े?
उत्तर-
लखनऊ के युवक का केवल एक हाथ कटा था, वह भी तब जब वह उच्च शिक्षा प्राप्त युवक . था। डॉ० चन्द्रा बचपन से अपंग थी, फिर भी उसने कभी हार नहीं मानी। युवक को नियति का आघात (UPBoardSolutions.com) सहर्ष स्वीकार करने की प्रेरणा लेनी चाहिए। डॉ० चन्द्रा अपनी लगन से उत्साहपूर्वक आगे बढ़ी। उससे उत्साह, लगन, महत्त्वाकाक्षा और जिजीविषा की प्रेरणा लखनऊ के युवक को ग्रहण करनी चाहिए। इसलिए लेखिका चाहती थी कि लखनऊ का युवक उनकी पंक्तियाँ पढ़े।

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प्रश्न 3.
डॉ० चन्द्रा की कविताएँ देखकर लेखिका की आँखें क्यों भर आयीं?
उत्तर-
डॉ० चन्द्रा की कविताएँ देखकर लेखिका की आँखें भर आईं क्योंकि वह उदासी जो चन्द्रा के चेहरे पर कभी नहीं देखी गई थी, वह उसकी कविता में परिलक्षित थी।

प्रश्न 4.
डॉ० चन्द्रा ने विज्ञान के अतिरिक्त किन अन्य क्षेत्रों में उपलब्धियाँ प्राप्त कीं? | उत्तर-डॉ० चन्द्रा ने विज्ञान के अतिरिक्त कई अन्य क्षेत्रों में भी उपलब्धियाँ प्राप्त कीं। उनकी कविता, कढाई-बुनाई और संगीत में रुचि थी। उसने जर्मन भाषा में विशेष योग्यता प्राप्त की। उन्होंने गर्ल गाइड में राष्ट्रपति का स्वर्णकार्ड प्राप्त किया।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों का भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) वह बित्ते भर की लड़की मुझे किसी देवांगना से कम नहीं लगी।
भाव-लेखिका ने अपंग डा० चन्द्रा, जिसका छोटा-सा शरीर था, को देवलोक की स्त्री समान समझा क्योंकि उसके गुण, बुद्धि, पुरुषार्थ और उपलब्धियाँ किसी भी सांसारिक महिला से ज्यादा थीं।

(ख) पूरा निचला धड़ सुन्न है, फिर भी बोटी-बोटी फड़क रही है।
भाव-शरीर निष्क्रिय होते हुए भी जिन्दगी में कुछ करने की ललक (उत्सुकता)।

(ग) मैं चाहती हूँ कि कोई मुझे सामान्य-सा सहारा भी न दे।
भाव-आशय यह है कि वह किसी पर भी आश्रित न होकर स्वावलम्बी हो।

(घ) चिकित्सा ने जो खोया है, वह विज्ञान ने पाया है।
भाव-चन्द्रा पहले चिकित्सक बनना चाहती थी, पर प्रवेश परीक्षा में प्रथम आने पर भी उसे इसलिए प्रवेश नहीं मिल पाया क्योंकि उसका धड़ काम नहीं करता था। यदि वह चिकित्सा के क्षेत्र में जाती, तो महान शल्य चिकित्सक बनती। प्रवेश न मिलने पर उसने विज्ञान के क्षेत्र में शोध किया और प्राणी-विज्ञान में पी०एच०डी० की (UPBoardSolutions.com) उपाधि पाने वाली पहली भारतीय बनी। वह एक अच्छी डॉक्टर बन सकती थी लेकिन बन गई वैज्ञानिक। इस प्रकार चिकित्सा ने चन्द्रा की प्रतिभा को खोया और विज्ञान ने उसे प्राप्त कर लिया।

(ङ) ईश्वर सब द्वार एक साथ बन्द नहीं करता। यदि एक द्वार बन्द करता है तो दूसरी द्वार खोल भी देता है।
भाव-ईश्वर कर्तव्य करने के लिए कोई रास्ता (क्षमता) जरूर प्रदान करता है.

प्रश्न 6.
शारदा सुब्रह्मण्यम को ‘वीर जननी’ का पुरस्कार क्यों मिला?
उत्तर-
शारदा सुब्रह्मण्यम कों ‘वीर जननी’ का पुरस्कार इसलिए मिला क्योंकि चन्द्रा जैसी अपंग । बालिका को उसकी माँ ने स्वयं यातनाएँ सहकर भी पढ़ा-लिखा कर उच्चकोटि का वैज्ञानिक बनाया।

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भाषा की बात
प्रश्न 1.
नोट-विद्यार्थी स्वयं शुद्ध बोलकर पढ़ें।

प्रश्न 2.
‘यातना’ शब्द संज्ञा है। उसमें ‘प्रद’ प्रत्यय जोड़ देने से ‘यातनाप्रद’ शब्द विशेषण बन जाता है, जिसका अर्थ है- कष्ट देने वाला। नीचे लिखे शब्दों में ‘प्रद’ जोड़कर नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ लिखिए।
उत्तर-
शब्द। ‘                 प्रद’ जोड़कर नए शब्द              अर्थ
कट                        कष्टप्रद                                        
कष्ट देने वाला
आनन्द                  आनन्दप्रद                                 
आनन्द देने वाला
लाभ                       लाभप्रद                                      
लाभ देने वाला
हानि                       हानिप्रद                                      
हानि देने वाला
ज्ञान                       ज्ञानप्रद                                        
ज्ञान देने वाला 

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्य पढ़िए-
(क) इसके इस जीवन से तो मौत भली है।
(ख) मैंने जब वे कविताएँ देखीं तो आँखें भर आईं।
वाक्य (क) में ‘तो’ निपात के रूप में प्रयुक्त है। ‘निपात’ उस शब्द को कहते हैं, जो वाक्य में कहीं भी रखा जा सकता है, जैसे- पर, भर, ही, तो। किन्तु वाक्य (ख) में ‘तो’, ‘जब’ के साथ ‘तब’ के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। क और ख की भाँति दो-दो वाक्य बनाकर लिखिए।
उत्तर-
(क) गुलामी करने से तो मर जाना अच्छा है।
(ख) जब मैंने आसमान में काले बादल देखे तो भीगने से बचने को घर की तरफ दौड़ लगाई।
(क) गरीबी के जीवन से तो पुरुषार्थ करना भला है।
(ख) जब विद्यार्थी बस से टकराकर घायल हो गया तो लोगों ने उसे अस्पताल पहुँचाया।

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प्रश्न 4.
‘वह बैसाखियों से ही हुवील चेयर तक पहुँच उसमें बैठ गई और बड़ी तटस्थता से उसे स्वयं चलाती कोठी के भीतर चली गई।’ इस वाक्य में दो वाक्य हैं, दोनों वाक्य स्वतन्त्र अर्थ दे रहे हैं। किन्तु ये वाक्य ‘और’ से (UPBoardSolutions.com) जुड़े हुए हैं, ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते हैं। संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य होते हैं, जो ‘और’,’किन्तु’ या ‘इसलिए’ से जुड़े रहते हैं। संयुक्त वाक्य के कोई दो उदाहरण पाठ से चुनकर लिखिए।
उत्तर-
(क) “पहले दुख भुलाने के लिए नशे की गोलियाँ खाने लगा और अब नूरमंजिल की शरण गही है।”
(ख) “एक वर्ष तक कष्टसाध्य उपचार चला और एक दिन स्वयं ही ऊपरी धड़ में गति आ गई।”

प्रश्न 5.
पाठ में आए हुए अंग्रेजी भाषा के शब्दों को छाँटिए और लिखिए।
उत्तर-
‘कार’, ‘सीट’, ‘ह्वीलचेयर’, ‘मशीन’, ‘बटन’, ‘आई०ए०एस०’, ‘स्टेशन’, ‘ट्रेन’, ‘मैडम’, ‘ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट’, ‘माइक्रोबायोलॉजी’, ‘ईस्ट’, ‘वेस्ट’, ‘सेंटर’,’बायोडाटा’, ‘फेलोशिप’, ‘आई०आई०टी०’, ‘थीसिस’, ‘डाक्टरेट’, ‘पी०एच-डी०’, ‘आर्थोपेडिक’, ‘सर्जन’, ‘डॉक्टर’, ‘पीरियड’, ‘एम०एस-सी०’, ‘स्पेशल’, ‘प्रोफेसर’, ‘लैदर’, ‘जैकेट’, ‘गर्ल’, ‘गाइड’, ‘कॉन्वेंट’, ‘बी०एस०सी०’, ‘इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस’, ‘अलबम’।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 7 जूलिया (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 7 जूलिया (मंजरी)

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पाठ का सर (सारांश)

प्रस्तुत एकांकी में एक भोली-भाली सेविका जूलिया की मार्मिक पीड़ा और विवशता का चित्रण किया गया है। इसके साथ ही साथ शोषण से मुक्ति पाने का संदेश भी नाटक के अन्त में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। गृहस्वामी (मालिक) जूलिया को बच्चों को पढ़ाने और देखभाल करने के कार्य के लिए उसकी मासिक तनख्वाह नियत करता है। (UPBoardSolutions.com) दो मास की तीस रूबल प्रति मासिक की दर से साठ रूबल तय करके मालिक जूलिया की गैरहाजिरी, रविवार और कार्य के प्रति लापरवाही के कारण कटौती करके उसे सिर्फ ग्यारह रूबल ही देता है।

जूलिया काँपते हाथों से धन्यवाद कहकर मालिक से वेतन लेती है। मालिक के पूछने पर कि उसने धन्यवाद क्यों कहा तो वह कहती है कि उसने धन्यवाद इसलिए कहा कि उसे मालिक ने कुछ तो दिया जबकि उसे पहले किसी ने काम के बदले कभी कुछ नहीं दिया। मालिक ने छोटे से क्रूर मजाक के लिए जूलिया से माफी माँगते हुए उसे पूरे अस्सी रूबल दो मास का वेतन दिया। साथ ही उसने जूलिया को समझाया कि इंसान को भला बनने के लिए दब्बू, भीरु और कमजोर बनने की। (UPBoardSolutions.com) आवश्यकता नहीं है बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए संसार की ज्यादतियों से पूरी शक्ति के साथ लड़ना चाहिए।

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प्रश्न-अभ्यास 

कुछ करने को
नोट- प्रश्न 1 से प्रश्न 3 तक विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 4.
रूस की मुद्रा रूबल है। बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, जापान और पाकिस्तान की मुद्रा के बारे में पता कीजिए।
उत्तर-
देश                              मुद्रा
बांग्लादेश                     टका
चीन                             
युआन
अमेरिका                      डॉलर
जापान                          येन
पाकिस्तान                    
पाकिस्तानी रुपया


नोट-  
प्रश्न 5 तथा 6 विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना-

प्रश्न 1.
“इससे पहले मैंने जहाँ-जहाँ काम किया, उन लोगों ने तो मुझे एक पैसा तक नहीं दिया, आप कुछ तो दे रहे हैं। इस वाक्य के भाव के आधार पर बताइए कि जूलिया ने किस-किस तरह के लोगों के बीच गवर्नेश का काम किया होगा?
उत्तर-
जूलिया की बातों से यह पता चलता है कि उसने पहले जिन-जिन लोगों के घर गवर्नेश का काम किया था, वे अच्छे लोग नहीं थे। क्योंकि काम कराकर किसी को भी पारिश्रमिक (वेतन) न देना बहुत बुरी बात है और बहुत बड़ी बेईमानी है। 

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प्रश्न 2.
यदि इन लोगों कि जगह आप होते तो जूलिया को पैसे देते अथवा नहीं? क्यों?
उत्तर-
यदि कुछ लोगों की जगह में होता तो जूलिया को उसका वेतन समय पर दे देता क्योंकि किसी से काम कराकर उसे वेतन न देना बेइमानी और पाप होता है।

प्रश्न, 3.
यदि आप जूलिया के स्थान पर होते तो ऐसे लोगों से कैसा व्यवहार करते?
उत्तर-
यदि मैं जूलिया की जगह होता तो ऐसे लोगों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखवाता तथा उनके पड़ोसियों को बताता और अपना वेतन जरूर लेता।। 

एकांकी से-
प्रश्न 1.
गृहस्वामी ने उन्नीस नागे’ किस प्रकार गिनाए और इसके लिए कितने रूक्ल की कटौती की?
उत्तर-
नौ इतवार और तीन छुट्टियों, चार दिन लड़का बीमार और तीन दिन दाँतों में दर्द- इस प्रकार बारह और सात उन्नीस नागे के लिए गृहस्वामी ने उन्नीस रूबल की कटौती की।

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प्रश्न 2.
गृहस्वामी के अनुसार जूलिया के कारण क्या-क्या नुकसान हुआ था?
उत्तर-
गृहस्वामी के अनुसार जूलिया ने चाय की प्लेट और प्याली तोड़ी थी। जूलिया की लापरवाही से लड़के की जैकेट फट गई। नौकरानी नए जूते चुराकर ले गई।

प्रश्न 3.
गृहस्वामी ने अन्त में सत्ताइस रूबल किस आधार पर काट लिए थे?
उत्तर-
दस जनवरी को मालिक ने दस रूबल दिए थे। जूलिया के कथनानुसार मालकिन ने तीन रूबल दिए थे। इस प्रकार तेरह रूबल की कटौती हुई।

प्रश्न 4.
गृहस्वामी को अंत में जूलिया पर गुस्सा क्यों आया और उसने जूलिया को क्या समझाया? ।
उत्तर-
गृहस्वामी को जूलिया पर गुस्सा इसलिए आया कि ग्यारह रूबल की तनख्वाह लेकर जूलिया ने ‘धन्यवाद’ कहा, जो ठीक नहीं था। मालिक ने जूलिया को समझाया कि अन्याय का विरोध करना चाहिए। दुनिया की ज्यादतियों का पूरी शक्ति से विरोध करना चाहिए। संसार में कमजोरों के लिए कोई स्थान नहीं है।

प्रश्न 5.
‘इस संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है’ इस वाक्य का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
दुनिया में कमजोर, डरपोक और सीधे-साधे व्यक्तियों को परेशान किया जाता है और उनका । शोषण किया जाता है।

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 प्रश्न 6.
एकांकी के कौन से संवाद आपको सबसे अच्छे लगे, क्यों?
उत्तर-
जिन संवादों में मालिक द्वारा जूलिया को यह समझाया गया कि अन्याय का विरोध करना चाहिए, वह संवाद मुझे सबसे अच्छा लगा।

भाषा की बात-

प्रश्न 1.
पाठ में अनेक जगहों पर अंग्रेजी तथा (UPBoardSolutions.com) अरबी-फारसी के शब्द आए हैं, जैसेगवर्नेस, तनख्वाह। इसी प्रकार के अन्य शब्दों को पाठ से छाँटकर उनका वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
अंग्रेजी-गवर्नेस, सोफा, नोट, जनवरी, प्लेट, डायरी।’
अरबी-फारसी-खुद, तनख्वाह, ख्याल, जरूरत, इतवार, मगर, खैर, मुश्किल, बावजूद, साफ, मजाक, जेब, खामोश, कीमती, नुकसान, नजर, लापरवाही, यकीन, ज्यादतियाँ।

प्रश्न 2.
रीढ़रहित का अर्थ है ‘रीढ़ से हीन’ इसका विपरीतार्थक अर्थ होगा- ‘रीढ़युक्त। इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों में ‘रहित’ और ‘युक्त’ लगाकर शब्द बनाइए
उत्तर-
शब्द                      ‘रहित’ लगाकर                   ‘युक्त’ लगाकर
प्राण             –          प्राणरहित                               प्राणयुक्त
धन              –           धनरहित                                धनयुक्त
बल              –           बलरहित                               बलयुक्त
यश              –           यशरहित                               यशयुक्त

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए
उत्तर-
अन्याय – न्याय, क्रूर – दयालु, मूर्ख – बुद्धिमान, दुर्बल – बलवाने, करुण – कठोर

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 4 पेड़ों के संग बढ़ना सीखो (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 4 पेड़ों के संग बढ़ना सीखो (मंजरी)

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समस्त पथों की व्याख्या

बहुत दिनों से ………………….…………………………………….. अंग भिगो लें।
संदर्भ एवं प्रसंग-प्रस्तुत काव्यांश हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक मंजरी-8 में संकलित कविता-‘पेड़ों के संग बढ़ना सीखो’ से उधृत है। इस कविता के कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना हैं। कविता के माध्यम (UPBoardSolutions.com) से कवि ने पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा दी है।
व्याख्या-कवि कहता है कि बहुत दिनों से मैं सोच रहा हूँ कि थोड़ी-सी जमीन लेकर उस पर बाग-बगीचा लगाऊँ। जिसमें फल-फूल खिलें, चिड़ियाँ बोलें और सर्वत्र सुगंध बिखरे। बगीचे में एक जलाशय भी हो जिसमें ताजी हवा अपना अंग भिगोकर और भी ठंडी हो जाए।

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हो सकता है ……….…………………………………………….. चिड़ियों को रोना।
संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-कवि बच्चों से कहता है कि संभव है तुम्हारे पास तुम्हारी अपनी ज़मीन हो, फल-फूल से लदे बगीचे हों या अपनी खाली जमीन हो; या हो सकता है छोटी-सी क्यारी ही हो जो फूलों के खुश्बू से महक रही हो या फिर कुछ खेत हों जिसमें फसलें लगी हों। यह भी संभव है कि उनमें चौपाए यानी पशु घूमते हों या आँगन में पक्षी चहकते हों तो तुमसे विनती है कि तुम इनको मत मिटने देना, पेड़ों को कभी मत कटने देना। क्योंकि ऐसा करने से चिड़ियों का आश्रय छिन जाएगा और तुम्हें चिड़ियों के लिए तरसना पड़ जाएगा।

एक-एक पत्ती ……………………..………………………………….. संग हिलना।
संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-कवि कहता है कि पेड़ों-वनस्पतियों की एक-एक पत्ती हमारे लिए मूल्यवान हैं, क्योंकि वे हमारे सपनों को आधार देते हैं। जब पेड़ों की शाखाएँ कटती हैं तो वे भी शिशुओं की तरह रोते हैं। इसलिए अपने जीवन में पेड़ों के महत्व को समझते हुए पेड़ों के संग बढ़ना, इतराना और हिलना सीखो। यानी पेड़ों को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लो।

बच्चे और पेड़ …………………………………………………………… बाँट रही है।
संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-कवि के अनुसार इस संसार की हरियाली और खुशहाली का आधार पेड़ व बच्चे हैं। जो इस बात को नहीं समझते, उन्हें पछताना पड़ता है। वर्तमान समय में सभ्यता वहशी बनी हुई है। अर्थात शहरीकरण व औद्योगीकरण ने मानवों को पेड़ों का दुश्मन बना दिया है। वे पेड़ों को काटते जा रहे हैं। पेड़ों के कटने से हवा जहरीली हो रही है, जिससे मनुष्य बीमार हो रहा है।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को-

प्रश्न 1.
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
नीचे लिखे गये शब्दों की सहायता से आप भी एक तुकान्त कविता बनाइएखोना, रोना, काट, बाँट, हरा, भरा।
उत्तर-
मानव! तू यदि नहीं चाहता
अपना जीवन खोना,
शुद्ध हवा, हरियाली, चिड़ियाँ
और खुशबू को रोना,|
तो सावधान हो जा अब भी
पेड़ों को मत काट,

जहरीली हवा स्वयं के
बच्चों को मत बाँट,
जब तक तेरे उपवन में
पेड़ रहेगा हरा,
तब तक रहेगा संसार तुम्हारा
खुशियों से भरा।

नोट- उपरोक्त कविता उदाहरण स्वरूप दी गई है। बच्चे अपनी रचनात्मकता का उपयोग करते हुए कविता स्वयं लिखने का प्रयास करें।

प्रश्न 3.
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना-
प्रश्न 1.
अगर पेड़ न होंगे तो मनुष्य का जीवन कैसा हो जायेगा? इस संबंध में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर-
पेड़-पौधे प्रकृति का अनुपम उपहार हैं। आज जंगलों को अंधाधुंध काटा जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप मौसम में परिवर्तन, तापमान में वृद्धि, ओजोन परत में छेद आदि समस्याओं में वृद्धि हुई है। बढ़ती आबादी, शहरीकरण और औद्योगिकरण के कारण मानव जंगलों को लगातार काटती जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है वरन् वन्य जीवों का अस्तित्व भी खतरे में है। कई वन्य-प्राणी तो लुप्त हो चुके हैं। वृक्ष पहाड़ियों की सतह को (UPBoardSolutions.com) बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तथा तेजी से बढ़ते बारिश के पानी में प्राकृतिक बाधाएँ उत्पन्न करते हैं। परंतु वृक्षों के अभाव में नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे बातें आती हैं। हम जानते हैं कि बाढ़ के अपने दुष्प्रभाव हैं।  वनों की कटाई के परिणाम बहुत गंभीर हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान वायु प्रदूषण के रूप में देखने को मिलता है। जहाँ पेड़ों की कमी होती है वहाँ हवा प्रदूषित हो जाती है और साँस से संबंधित अनेक प्रकार की बीमारियाँ हो जाती हैं।

वनों के विनाश के कारण वन्य-जीवों का अस्तित्व भी संकट में है। ग्लोबल वार्मिंग का खतरा अलग बढ़ रहा है। जंगलों के कटने से भूमि क्षरण के कारण रेगिस्तान बड़े पैमाने पर फैल रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से वर्षा कम होने लगी है। अपर्याप्त वर्षा से जल स्रोत दूषित हो रहा है। हवा में जहरीली गैसों के बढ़ने से पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा अत्यधिक बढ़ गई है। यदि समय रहते मनुष्य नहीं सँभला और उसने पेड़ों के संरक्षण व संवर्धन की तरफ उचित ध्यान नहीं दिया तो यह (UPBoardSolutions.com) धरती पेड़-पौधों एवं वनस्पतियों से विहीन हो जाएगी। मनुष्य साँस-साँस को तरसेगा। सूखा, अकाल या बाढ़ की भयावह स्थिति उत्पन्न हो जाएगी, वन्य-जीव मनुष्यों के निवास पर धावा बोलेंगे और या तो मारे जाएँगे या मनुष्यों को मारेंगे। कुल मिलाकर पेड़ों के बिना मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। मनुष्य बिना वृक्षों के नहीं जी सकता। वृक्ष नहीं रहे तो सबसे पहले मानव का अस्तित्व पृथ्वी से समाप्त होगा।

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प्रश्न 2.
यदि पेड़ पौधे बोलने लगें तो वे अपनी कौन-कौन सी समस्या बतायेंगे? ।
उत्तर-
यदि पेड़ बोलने लगें तो वे अपनी बहुत-सी समस्या हम मनुष्यों से बाँटेंगे। जैसे कि  हम मनुष्य उनका ख्याल नहीं रखते। उनकी शाखाओं को काटने पर उन्हें भी दर्द होता है। वे हमें फल-फूल, लकड़ी जैसी अनेक वस्तुएँ उपहार में देते हैं परंतु हम इन सबके बदले उन्हें तकलीफ पहुँचाते हैं।

कविता से
प्रश्न 1.
“बहुत दिनों से सोच रहा था, थोड़ी-सी धरती पाऊँ” से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर-
“बहुत दिनों से सोच रहा था, थोड़ी-सी धरती पाऊँ” से कवि का आशय यह है कि वे काफी समय से इस प्रयास में लगे हुए हैं कि बाग-बगीचा लगाने के लिए थोड़ी-सी ज़मीन कहीं खरीदें।

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प्रश्न 2.
कविता में कवि की क्या चिन्ता है?
उत्तर-
कविता में कवि की चिन्ता यह है कि मनुष्य यदि इसी तरह पेड़-पौधे काटते जाएँगे तो पशु-पक्षियों को आश्रय छिन जाएगा और मनुष्य उन्हें देखने के लिए तरस जाएगा, साथ ही हवा जहरीली 
हो जाएगी और धरती पर जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

प्रश्न 3.
कवि क्या विनती कर रहा है?
उत्तर-
कवि सभी लोगों से विनती कर रहा है कि वे पेड़ों को न काटें। साथ ही कवि यह भी विनती कर रहा है कि लोग अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ और धरती को हरा-भरा रखें।

प्रश्न 4.
बच्चे और पेड़ संसार को हरा-भरा किस प्रकार रखते हैं।
उत्तर-
बच्चों से ही दुनिया में खुशहाली है। जिन घरों में बच्चे नहीं होते, वहाँ सन्नाटा और मातम-सा माहौल होता है। उसी प्रकार पेड़ संसार को हरियाली प्रदान करते हैं। पेड़ों के बिना यह धरती (UPBoardSolutions.com) प्राणहीन और बंजर हो जाएगी। बच्चों की हँसी, शरारतें और पेड़ों की हरियाली तथा शुद्ध हवा ही इसे संसार को हरा-भरा रखते हैं। 

भाषा की बात-
प्रश्न 1.
क्रिया के जिस रूप से ज्ञात होता है कि कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित कर रही है, उसे ‘प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं, जैसे-पढ़ना-पढ़वाना।

निम्नलिखित क्रियो शब्दों से प्रेरणार्थक क्रिया बनाइए
खेलना, रखना, घूमना, काटना, बनाना, लिखना, देखना, पिलाना।
उत्तर-
खेलना – खिलवाना                               
रखना – रखवाना
घूमना – घुमवाना                                  काटना – कटवाना
बनाना – बनवाना                                  लिखना – लिखवाना
देखना – दिखवाना                                पिलाना – पिलवाना 

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प्रश्न 2.
जहाँ पर वर्गों की आवृत्ति से काव्य की शोभा बढ़ती हो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। उदाहरण के लिए-संग-संग, एक-एक, बाग-बगीचा, फूल-फल आदि। आप अपनी पुस्तक से खोजकर अनुप्रास अलंकार के दो अन्य उदाहरण लिखिए
उत्तर-
(i) वरदे वीणावादिनी वरदे – ‘व’ अक्षर की आवृत्ति।
(ii) पोथी पढ़ि-पढि जग मुवा, पंडित भया न कोय। (‘प’ वर्ण की आवृत्ति)

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 6 बिहारी के दोहे (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 6 बिहारी के दोहे (मंजरी)

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समस्त पद्याशों की व्याख्या

नीति के पद

बड़े न हूजै …………………………………….…………………….. जाय ॥1॥
संदर्भ-प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्यपुस्तक मंजरी’ के बिहारी के नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता बिहारी लाल जी हैं।
प्रसंग-प्रस्तुत दोहे में कवि ने गुणों की महत्ता का वर्णन किया है। (UPBoardSolutions.com)
व्याख्या-कविवर बिहारी लाल जी कहते हैं कि कोई भी मनुष्य चाहे कितना ही बड़ा यश प्राप्त क्यों न कर ले परन्तु बिना गुणों के महान नहीं हो सकता, जैसे- धतूरे को भी कनक कहा जाता है। परन्तु उसका गहना नहीं बन सकता।

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अति अगाध………………………………………………………… बुझाइ॥2॥
संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-नदी, कुआँ, तालाब और बावड़ी कितने ही गहरे हों या कितने ही उथले। जिसके द्वारा किसी की प्यास बुझ जाए (शान्त हो जाए), वही उसके लिए समुद्र के समान होता है।

ओछे बड़े ………………………………………………………………नैन ॥3॥
संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-छोटे कभी बड़े नहीं हो सकते हैं। चाहे वे कितना भी ऐंठकर गगन छूने की कोशिश क्यों न कर लें। छोटी वस्तु बड़ी नहीं हो सकती चाहे उसे कितना भी आँखें फाड़कर क्यों न देखा जाय।

कनक कनक ……………………………………………………….बौराय ॥4॥
संदर्भ एवं प्रसंग-
पूर्ववत्।
व्याख्या-धतूरे की अपेक्षा सोने में सौ गुना अधिक मादकता होती है, क्योंकि धतूरे को खाने पर आदमी पागल हो जाता है, जबकि सोने (स्वर्ण) की प्राप्ति होने पर भी वह पागल हो जाता है अर्थात् । सोना मिलने पर वह घमण्डी हो जाता है।

दिन दस………………………………………………………….. सनमानु ॥5॥
संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-मनुष्य को यह बात जान लेनी चाहिए कि उसका थोड़े दिन ही आदर (सम्मान) होता है। जिस प्रकार श्राद्ध पक्ष (क्वार मास के आरंभिक पन्द्रह दिन) में कौए को बुला-बुलाकर आदर होता है।

भक्ति के पद

 बन्धु भएँ ……………………………………….…….. कहाई ॥1॥
संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-हे रघुराई, आपने गरीब के बन्धु (UPBoardSolutions.com) बनकर उसे संसार सागर से पार उतार दिया। आप प्रसन्न हो जाइए और मेरा उद्धार कीजिए जिससे आपके बड़े होने  की बड़ाई झूठी न हो।

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मोहन मूरति …………………………..……………. जग होई ॥2॥
संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-श्याम की मोहने वाली मूर्ति की अद्भुत गति होती है। यह जिसके अच्छे हृदय में बस जाती है, उससे सारा संसार प्रतिबिम्बित हो जाता है। भजन कयौ …………………………………………………….गॅवार ॥3॥

संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-हे मूर्ख! तुम्हें जिसका भजन (गुणगान) करने के लिए कहा गया, उसे तो तुमने एक बार भी नहीं भजा, किंतु तुम्हें जिन दुर्गुणों से दूर रहने के लिए कहा गया, तुमने उन्हीं दुर्गुणों को अपनाया।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को-                             नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना-

प्रश्न 1.
‘धतूरे’ की अपेक्षा ‘सोने’ को अधिक मादक क्यों कहा गया है?
उत्तर-
मनुष्य जितना पागल धतूरे को खाने से होता है उससे सौ गुना अधिक पागल सोने (स्वर्ण) को केवल पाने से हो जाता है। अतः सोने में अधिक मादकता होती है।

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प्रश्न 2.
नीति के दोहों में कोई न कोई मूल्य छिपा होती है, जैसे-पहले दोहे में व्यक्ति अपने गुणों से बड़ा होता है’ से सम्बन्धित मूल्य है। इसी प्रकार निम्नलिखित मूल्यों से सम्बन्धित दोहों को लिखिए
(क) दिखावा करने से बड़प्पन नहीं आता।
उत्तर-बड़े न हुजै गुनन बिन, बिरद-बड़ाई पाय।कहत धतूरे सो कनक, गहनों गढ्यौ न जाय।
(ख) स्वयं अपनी प्रशंसा नहीं करनी चाहिए। (UPBoardSolutions.com)
उत्तर- ओछे बड़े न ह्वै सकें, लगौं सतर ह्वै गैन। 
दीरघ होहिं न नैकहूँ, फारि निहारै नैन।
(ग)
जिस वस्तु से हमारा कार्य सिद्ध हो, वही महत्त्वपूर्ण है।
उत्तर- अति अगाध, अति ओथरो, नदी, कूप, सर बाइ।सो ताकौ सागर जहाँ, जाकि प्यास बुझाइ।
(घ) गुण, सौंदर्य से अधिक महत्त्वपूर्ण है।
उत्तर- बड़े न हूजे गुनन बिन, विरद बंड़ाई पाय। 
कहत धतूरे सों कनक, गहनों गढ्यो न जाय।

कविता से-

प्रश्न 1.
‘नाम बड़ा होने से ही कोई बड़ा नहीं हो सकता’ इस कथन की पुष्टि के लिए कवि ने कौन-सा उदाहरण दिया है?।
उत्तर-धतूरे को कनक (सोना) कहने से वह बड़ा नहीं हो जाता क्योंकि उससे गहने नहीं बनाए जा सकते। (उसमें बड़ा होने का गुण नहीं है।) –

प्रश्न 2.
कवि ने नदी, कूप, सर, बावली को सागर के समान किस स्थिति में सागर माना है?
उत्तर-
कवि ने नदी, कूप, तालाब और बावली को सागर के समान इसलिए माना है क्योंकि इन्होंने जिसकी प्यास बुझाई उसके लिए तो यह सागर ही है।

प्रश्न 3.
‘छोटे बड़े नहीं हो सकते’ इसके लिए कौन सा उदाहरण दिया गया है?
उत्तर-
छोटे बड़े नहीं हो सकते’ उदाहरणार्थ हम लाख अपनी आँखें फाड़-फाड़ कर क्यों न देखें, छोटी वस्तु हमें बड़ी नहीं दिखाई दे सकती। .

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प्रश्न 4.
कृष्ण की मोहन मूरति क्यों अद्भुत है?
उत्तर-
कृष्ण की मोहन मूरति इसलिए अद्भुत है क्योंकि उन्होंने गरीब का बन्धु बनकर उन्हें भव सागर से पार उतार दिया।

प्रश्न 5.
पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
(क) सो ताकौ सागर जहाँ, जाकी प्यास बुझाई।
भाव-
जिसकी जो प्यास बुझा दे उसके लिए तो वही सागर है।
(ख)
दूरि भजन जातें कयौ, सौ रौं भन्यौ गॅवार।
भावे-तुम्हें जिन दुर्गुणों से दूर रहने के लिए कहा गया; तुमने उन्हीं दुर्गुणों को अपनाया।
(ग) तूठे तूठे फिरत हौ, झूठे बिरद कहाई।।
भाव-दीन बन्धु आप मेरा उद्धार कीजिए जिससे आपके बड़े होने की बडाई झुठी न हो।

भाषा की बात-

प्रश्न 1.
कविता में प्रयुक्त निन्नलिखित शब्दों को देखिए और उनके खड़ी बोली के रूप पर ध्यान दीजिए। सो = वह, ताकौ = उसके लिए, हुवै सकें = हो सके। नीचे लिखे शब्दों के खड़ी बोली रूप लिखिए
उत्तर-
तऊ = उससे, ताते = उतना, जातें = जितना, कह्यौं = कहा।

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प्रश्न 2.
कविता में जहाँ एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न-भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। नीचे लिखी पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है और क्यों?
उत्तर-
(क)
भजन कयौ, ताते भन्यौ, भन्यौ न एकौ बार।
दूरि भजन जातें कह्यौ, सौ तों भन्यौ गॅवार। यमक अलंकार है क्योंकि भजन और भज्यौ शब्द दो बार आकर भिन्न-भिन्न अर्थ में प्रयुक्त हुए हैं।
(ख)
‘इस धरा का इस धरा पर ही धरा रह जायेगा।
(ग) “काली घटा का घमण्ड घटा’

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