UP Board Solutions for Class 8 Agricultural Science Chapter 6 कृषि-यन्त्र अभ्यास

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काई-6   कृषि-यन्त्र
अभ्यास

प्रश्न 1.
सही विकल्प के सामने सही (✔) 
का चिह्न लगाइये (चिह्न लगाकर)

  1. प्राथमिक भूपरिष्करण यन्त्र है
    (क) हुल (✔)
    (ख) खुरपी
    (ग) श्रेसर
    (घ) उपरोक्त में सभी
  2. भूमि की जुताई से होती है
    (क) भौतिक दशा में सुधार (✔)
    (ख) रासायनिक दशा में सुधार
    (ग) पानी भरता है।
    (घ) उपरोक्त में कोई नहीं
  3. भूपरिष्करण प्रकार का होता है
    (क) एक प्रकारे
    (ख) दो प्रकार (✔)
    (ग) तीन प्रकार
    (घ) चार प्रकार
  4. मेस्टन हल बना होता है।
    (क) लकड़ी का
    (ख) लोहे का (✔)
    (ग) प्लास्टिक का
    (घ) उपरोक्त सभी

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)
उत्तर :
(क) मेस्टन हल प्राथमिक भूपरिष्करण का यन्त्र है।
(ख) खेतों से खरपतवार निकालना द्वितीयक भूपरिष्करण है।
(ग) भुट्टे से दाना निकालने की मशीन का नाम मेज कार्न शेलर है।
(घ) अधिकतर कल्टीवेटर में तीन से पाँच फाल होते हैं।

प्रश्न 3.

सही कथन पर सही (✔) तथा गलत पर गलत (✘) का निशान लगाइए (निशान लगाकर)
(क) कल्टीवेटर का प्रयोग भूमि की तैयारी के यन्त्र के रूप में किया जाता है।     (✔)
(ख) हैरो चलाने का मुख्य उद्देश्य खेत को भुरभुरा करना है।                                 (✔)
(ग) कल्टीवेटर में 3 से 5 फाल होते हैं।                                                                      (✔)
(घ) तवेदार हल मिट्टी को काटने एवं पलटने हेतु प्रयोग किया जाता है।              (✘) 

प्रश्न 4.
मोल्डबोर्ड हल का क्या कार्य है?

उत्तर :
यह हल कँड़ खोदने, मिट्टी को पलटने व भुरभुरी बनाने तथा खरपतवार को दबाने का कार्य करता है।

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प्रश्न 5.
हैरो को मुख्य कार्य क्या है?

उत्तर :
हैरो चलाने का मुख्य उद्देश्य जमीन को भुरभुरा करना तथा भूमि की नमी को सुरक्षित रखना है। इसका प्रयोग बुवाई के तुरन्त पहले किया जाता है, जिससे बीज बोते समय खेत में खरपतवार न रहें।

प्रश्न 6.
हारवेस्टर क्या है?

उत्तर :
यह खड़ी फसल को काटने, मड़ाई करने और साथ ही सफाई (UPBoardSolutions.com) करने के काम आता है। इससे मुख्यतः गेहूँ की कटाई और मड़ाई का काम लिया जाता है।

प्रश्न 7.
खुरपी का क्या कार्य है?

उत्तर :
खुरपी से खेत की निराई, गुड़ाई व खरपतवार निकालने का काम किया जाता है। यह हाथ से चलाई जाती है। इससे घास खोदने का कार्य भी किया जाता है।

प्रश्न 8.
हँसिया कितने प्रकार का होता है?

उत्तर :
हँसिया दो प्रकार का होता है- साधारण हसिया तथा दाँतेदार हँसिया साधारण हँसिया बिना दाँत का होता है। ब्लेड के भीतर तेज धार होती है जो कटाई का कार्य करती है। दाँतेदार हँसिया में लेड के (UPBoardSolutions.com) भीतरी हिस्से में घने दाँत बने रहते हैं जो फसल को शीघ्र काटने में सहायक होते हैं।

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प्रश्न 9.
हल कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर :
हल निम्न प्रकार के होते हैं

  1. देशी हल
  2. मिट्टी पलटने वाले हल
    (अ) मेस्टन हल
    (ब) शाबाश हेल
  3. तवेदार हल
  4. कल्टीवेटर
  5. हैरो :
    (अ) कमानीदार हैरो व तवेदार
    (स) ब्लेड हैरो

प्रश्न 10.
मिट्टी पलट हल कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर :
मिट्टी पलटने वाले हल- मेस्टन हल, गः-वाह हल तथा शाबाः (UPBoardSolutions.com) मेस्टन हल में मिट्टी पलटने वाला भाग बड़ा होता है, जिसे मोल्ड बोर्ड कहते है। मोल्ड बोर्ड अपनी विशेष बनावट के कारण मिट्टी को पलट देता है। शाबाश हल का फाल पक्के इस्पात का बना होता है। यह दोमट मिट्टी में अच्छा काम करता है।

प्रश्न 11.
पैडी ट्रेशर का चित्र बनाइए।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं बनाएँ।

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प्रश्न 12.
हैरो कितने प्रकार के होते हैं? वर्णन कीजिए।

उत्तर :
(A)
हैरो-बैलों द्वारा चालित हैरो निम्न तीन प्रकार के होते हैं

  1. कमानीदार हैरो
  2. तवेदार हैरो
  3. ब्लेड हैरो

(B)
ट्रेक्टर चालित हैरों निम्न प्रकार के होते हैं|

  1. सिंगल एक्शन डिस्क हैरो ।
  2. ‘डबल एक्शन डिस्क हैरो ।
  3. ऑफ सेट डिस्क हैरो ।

सिंगल एक्शन हैरो में जमीन ऊँच-नीची हो जाती है। अतः इसका प्रयोग कम होता है। अधिक प्रयोग डबल एक्शन डिस्क हैरो का होता है। इस हैरो से खेत ऊँचा-नीचा नहीं होता है। ऑफ सेट डिस्क हैरो का प्रयोग फलदार वृक्षों के आसपास जुताई करने में होता है।

प्रश्न 13.
भूमि की जुताई हेतु प्रयुक्त होने वाले बैलचालित यन्त्रों के नाम बताइए।

उत्तर :
प्रश्न 9 का उत्तर देखिए।

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प्रश्न 14.
मेस्टन हल का सचित्र वर्णन कीजिए।

उत्तर :
मेस्टन हल हलका और छोटा होता है। यह मिट्टी को गहरी जुताई करता है और मिट्टी पलटने का कार्य भी करता है। इसमें मिट्टी पलटने वाला भाग बड़ा होता है, जिसे मोल्ड बोर्ड कहते है। (UPBoardSolutions.com) इसके केन्द्र की चौड़ाई व गहराई 12.5 सेमी होती है। इस हल का भार 15 किग्रा होता है और खिंचाव 80 से 90 किग्रा होता है।
नोट : चित्र विद्यार्थी स्वयं बनाएँ।

प्रश्न 15.
शाबाश हल मेस्टन हल से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर :
शाबाश हल मेस्टन हल से निम्न प्रकार भिन्न है

  1. मेस्टन हले हलका और छोटा होता है जवकि शावा हल अपेक्षाकृत भारी और बड़ा होता है।
  2.  मेस्टन हल को मिट्टी पलटने वाला भाग शावाशे हन्न की अपेक्षा बड़ा होता है।
  3.  मेस्टन हल का फाल भिन्न प्रकार का होता है जो चौड़ी केंड़ बनाता है। शावाश हल का फाल इस्पात का बना होता है, जो गहराई से मिट्टी काटता है।
  4. मेस्टन हल का कुल भार 15 किग्रा और खिंचाव 80 से 90 किग्रा होता है, जबकि शाबाश हल को भार 16 किग्रा और खिंचाव 90 से 100 किग्रा होता है।

प्रश्न 16.
कटाई के प्रमुख यन्त्र कौन-कौन से हैं? फसल कटाई में इनका क्या महत्त्व है?

उत्तर :
कटाई के प्रमुख यन्त्र निम्नलिखित हैं

  1. साधारण हँसिया
  2. दाँतेदार हँसिया
  3. ट्रैक्टर चालित हारवेस्टर
  4. स्वचालित या सैल्फ प्रोपेल्ड

साधारण रिया में ब्लेड के भीतर तेज धार होती है, जो कटाई करती है। इसका उपयोग भारी भूमि में उगी फसलों को काटने में किया जाता है। दाँतेदार हँसिया के ब्लेड में दाँत होते हैं जो शीघ्र कटाई में (UPBoardSolutions.com) सहायक होते हैं। गेहूँ की कटाई में बड़े आकार के खेतों और फार्मों में ट्रैक्टर चालित हारवेस्टर और स्वचालित हारवेस्टर का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि इसमें जो इंजन लगा होता है, वह हारवेस्टर को पर्याप्त शक्ति प्रदान करता है, जिससे फसल शीघ्रता से कटती है।

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प्रश्न 17.
डिब्लर और हैरो में क्या अन्तर है? इसका कृषि में महत्त्व बताइए।

उत्तर :
हैरो जुताई का यन्त्र है जबकि डिब्लर बुवाई का यन्त्र है। हल द्वारा जुताई के बाद जमीन में उथली जुताई हैरो से की जाती है। इससे जमीन को भुरभुरा बनाया जाता है, जिससे भूमि की नमी सुरक्षित रहे। इसका प्रयोग  बुवाई से. तुरन्त पहले किया जाता है, जिससे बीज बोते समय खरपतवार न रहें। डिबलर खेत में छिद्र बनाता है, (UPBoardSolutions.com) जिसमें बीज डाला जाता है। इसका प्रयोग पौधे से पौधे को उचित दूरी पर रखने के लिए भी होता है। डिब्लर का प्रयोग प्रायः उस भूमि में किया जाता है, जहाँ भूमि भारी वर्षा और बाढ़ के बाद जुताई योग्य नहीं रह जाती है।

प्रश्न 18.
शक्तिचालित मड़ाई यन्त्र श्रेशर का सचित्र वर्णन कीजिए।

उत्तर :
शक्तिचालित मड़ाई यन्त्र- यह यंत्र विद्युत् ट्रैक्टर या डीजल इंजन से चलाता है। इसके द्वारा मड़ाई, ओसाई व सफाई का काम एक साथ किया जाता है। इससे एक घण्टे में 2 से 10 कुन्तल अनाज (UPBoardSolutions.com) की मड़ाई कर सकते हैं। इसका प्रचलित नाम श्रेशर है।

प्रश्न 19.
स्तम्भ ‘क’ को स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए (सुमेल करके)

उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Agricultural Science Chapter 6 कृषि-यन्त्र अभ्यास image 1

प्रश्न 20.
निम्नलिखित वर्ग पहेली में संकेतों के अनुसार शब्द पूरा कीजिए।

ऊपर से नीचे  – बाएँ से दाएँ

  1. बुवाई का यन्त्र
  2. फसल काटने का साधारण उपकरण
  3. निराई, गुड़ाई तथा मिट्टी भुरभुरी केरने का यन्त्र
  4.  जुताई करने का यन्त्र
  5. खड़ी फसल काटने का यन्त्र
  6.  पथरीली जमीन तथा घासों में जुताई का यन्त्र
  7. मिट्टी पलट हल का नाम ।
  8.  बैठकर निराई करने का उपकरण ।
  9. हल के जुताई के बाद उथली जुताई का यन्त्र
  10. मड़ाई का एक यन्त्र

उत्तर :

  1.  डिनर
  2. हँसिया
  3. कल्टीवेटर
  4. शाबाश
  5.  तवेदार
  6.  मेस्टन
  7. खुरपी
  8. श्रेशर
  9.  हार्वेस्टर
  10.  हारतेन्टर

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 24 सरोजिनी नायडू (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 24 सरोजिनी नायडू (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 ई० को हैदराबाद में हुआ। उनके पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और माता वरदा सुन्दरी थी। सरोजिनी को उनसे कविता लेखन की प्रेरणा मिली। 12 वर्ष की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास करके इन्हें शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड भेजा गया। वहाँ पर सरोजिनी के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हुए- ‘द गोल्डेन श्रेश होल्ड’, ‘द ब्रोकेन विंग’ और ‘द सेप्टर्ड फ्लूट’। इंग्लैण्ड से वापस आने पर सरोजिनी का विवाह गोविन्दराजुले (UPBoardSolutions.com) नायडू से हो गया। सरोजिनी नायडू की भेंट गांधी जी से हुई। वह गोपाल कृष्ण गोखले के कार्य से प्रभावित होकर कांग्रेस की प्रवक्ता बन गई। उन्होंने देशभर में घूमकर स्वतन्त्रता का संदेश फैलाया। सरोजिनी नायडू ने हिन्दू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया। उन्होंने इंग्लैण्ड, अमेरिका आदि देशों का दौरा किया। गांधी जी की दाण्डी यात्रा में वे उनके साथ थीं। उनके भाषण स्वतन्त्रता की चेतना जगाने में जादू का काम करते थे। 1942 ई० में भारत छोड़ो आन्दोलन में उन्होंने भाग लिया। वे कई बार जेल गईं। भारत के स्वतन्त्र होने पर वे उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनीं।

सरोजिनी ने नारी मुक्ति और नारी-शिक्षा आन्दोलन शुरू किया। नारी-विकास को ध्यान में रखकर ही वे अखिल भारतीय महिला परिषद् की सदस्य बनीं। विजय लक्ष्मी पण्डित, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, लक्ष्मी मेनन, (UPBoardSolutions.com) हंसाबेन मेहता आदि महिलाएँ इस संस्था से जुड़ी थीं।

सरोजिनी नायडू का व्यवहार बहुत सामान्य था। वे युवा वर्ग की सुविधाओं का बहुत ध्यान रखती थीं। वाणी और व्यवहार में सरोजिनी बहुत ही स्नेहमयी थीं। प्रकृति से उन्हें विशेष प्रेम था। 2 मार्च सन् 1949 ई० को भारत-कोकिला सदा के लिए मौन हो गईं। पं० जवाहर लाल नेहरू ने इन शब्दों में सरोजिनी को श्रद्धांजलि दी, “उनकी पूरी जिन्दगी एक कविता, एक गीत थी, सुन्दर, मधुर और कल्याणमयी।”

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
सरोजिनी नायडू अखिल भारतीय महिला परिषद् की सदस्य क्यों बनी?
उत्तर :
सरोजिनी नायडू नारी विकास को ध्यान में रखकर महिला परिषद् की सदस्य बनीं।

प्रश्न 2.
युवावर्ग के प्रति सरोजिनी नायडू का क्या विश्वास था?
उत्तर :
युवावर्ग के प्रति सरोजिनी नायडू का विश्वास था कि सुदृढ़, सुयोग्य युवा पीढ़ी राष्ट्र की अमूल्य निधि है।

प्रश्न 3.
इंग्लैण्ड में सरोजिनी के कौन-कौन से कविता संग्रह प्रकाशित हुए?
उत्तर : (UPBoardSolutions.com)
इंग्लैंड में सरोजिनी के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हुए

  • द गोल्डेन श्रेश होल्ड,
  • द ब्रोकेन विंग तथा
  • द सैप्टर्ड फ्लूट।

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प्रश्न 4.
राजनीति में आने के बाद सरोजिनी नायडू ने किन-किन पदों पर कार्य किया?
उत्तर :
राजनीति में आने के बाद सरोजिनी ने कई पदों पर कार्य किया। वे सन् 1925 ई० में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं। उन्होंने गांधी जी की दाण्डी यात्रा और 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया। भारत के स्वतन्त्र होने पर वे. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनीं।

प्रश्न 5.
सरोजिनी नायडू किस प्रदेश की राज्यपाल थीं?
उत्तर :
सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश की राज्यपाल थीं।

प्रश्न 6.
सही वाक्य के सामने सही (✓) तथा गलत वाक्य के सामने गलत (✗) का निशान लगाइए (निशान लगाकर)
(क) सरोजिनी नायडू बचपन से ही कविताएँ लिखने में रुचि रखती थीं। (✓)
(ख) सरोजिनी नायडू का ज्यादातर समय धार्मिक कार्यों में व्यतीत होता था। (✗)
(ग) सरोजिनी नायडू अद्भुत वक्ता थीं। (✓)
(घ) सरोजिनी नायडू का विचार था कि शिक्षित नारी अपने परिवार एवं समाज को बेहतर बना सकती है। (✓)

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प्रश्न 7.
उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (दिए शब्दों से पूर्ति करके) (एडमण्ड गॉस, रूढ़ियों, परम्पराओं, रीतिरिवाजों, मन्त्रमुग्ध)
(क) प्रसिद्ध साहित्यकार एडमण्ड गॉस ने सरोजिनी नायडू (UPBoardSolutions.com) को भारतीय समाज व संस्कृति को ध्यान में रखकर कविता लिखने का सुझाव दिया।
(ख) उनका कहना था कि देश की उन्नति के लिए रूढ़ियों, परम्पराओं और रीति-रिवाजों  के बोझ को उतार फेंकना होगा।
(ग) वे जब बोलना शुरू करतीं तो लोग उन्हें मन्त्रमुग्ध होकर सुनते थे।

प्रश्न 8.
सरोजिनी नायडू के व्यक्तित्व में आपके विचार से कौन सी विशेषताएँ थीं।
उत्तर :
सरोजिनी नायडू के व्यक्तित्व में निम्न विशेषताएँ हैं- कवयित्री, गायिका, देशभक्त, मधुरभाषी, कुशल राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक।

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UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 12 धुलाई कला

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पाठ-12  धुलाई कला
अभ्यास

1. बहुविकल्पीय
प्रश्न
(1) मिलान करें (मिलान करके)
UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 12 धुलाई कला image 1

(2) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) कठोर जल में वस्त्रों में साबुन लगाने से झाग नहीं होता है।
(ख) प्रेस करने से कपड़ों की सिलवट दूर हो जाती है।
(ग) हल्दी का पुराना धब्बा स्प्रिट में भिगोने से छूट जाता है।

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2. अतिलघु उत्तरीय
प्रश्न

(क) जल कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए।
उत्तर :
1. मृदुजल,
2. कठोर जल

(ख) पान के धब्बे किससे छुड़ाए जा सकते हैं?
उत्तर : पान के धब्बे छुड़ाने के लिए हरी मिर्च, कच्चा आलू, या दही रगड़ना चाहिए।

3. लघु उत्तरीय
प्रश्न
(क) वस्त्रों की धुलाई क्यों आवश्यक है?
उत्तर : सभी प्रकार के वस्त्र-सूती, ऊन, रेशमी व अन्य, पहनने पर गन्दे हो जाते हैं और उन पर धूल, पसीना या धब्बे पड़ जाते हैं। इस कारण उनकी धुलाई आवश्यक होती है

(ख) स्याही तथा रक्त के धब्बे छुड़ाने की विधि लिखिए।
उत्तर : स्याही के धब्बे छुड़ाने की विधि- स्याही का दाग, तुरन्त साबुन लगाकर पानी से धो कर, छुड़ाया जा सकता है। स्याही के धब्बे पर नमक, नीबू का रस, खट्टा दही लगा देना चाहिए। इसके बाद साबुन से धुलाई करें। (UPBoardSolutions.com)
रक्त के धब्बे छुड़ाने की विधि : रक्त का ताजा धब्बा नमक लगाकर ठण्डे पानी में धोने से छूट जाता है। सूती या लिनन के वस्त्रों को पानी में भिगोकर अमोनिया या हाइड्रोजन पेरोक्साइड लगाना चाहिए। फिर वस्त्र पर दो-तीन बार साबुन लगाकर धोने से रक्त का धब्बा छूट जाता है।

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4. दीर्घ उत्तरीय
प्रश्न
(क) कलफ कितने प्रकार के होते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर : कलफ निम्नवत तीन प्रकार के होते हैं
गाढ़ा कलफ : गाढ़ा कलफ तेयार करने में कम पानी डाला जाता है। इसका उपयोग अधिकतर मिलिट्री की ड्रेस पर, कमीज की कॉलर, नर्स की टोपी व वेल्ट आदि पर किया जाता हैं।
मध्यम कलफ : गाढ़े कलुफ में दो गुना पानी डालकर मध्यम कलफ तैयार किया जाता है। इसे सूती साड़ियाँ, कमीज, फ्रॉक, कुर्ता, स्कर्ट आदि पर लगाते हैं।
पतला कलफ : गाढ़े कलफ में चार गुना पानी (UPBoardSolutions.com) डालकर पतला कलफ तैयार किया जाता है। इसे महीन कपड़ों, चादरों आदि पर लगाया जाता है।

(ख) मृदु एवं कठोर जल में क्या अंतर है? कठोर जल को मृदु कैसे बनाया जा सकता है?
उत्तर : मृदु एवं कठोर जल में निम्न अन्तर है

मृदु जल                                                                       कठोर जल
(i) पीने में स्वाद रहित होता है।                                    (i) पीने में नमकीन, खारा होता है।
(ii) वश्त्रों में साबुन लगाने पर झाग निकलता है        (ii) झाग नहीं निकल
(iii) वस्त्र साफ धुलते हैं।                                          (iii) वस्त्रों में हलका पीलापन आ जाता है।

कठोर जन्न की कटोरता को दूर कर उसे मृदु बनाया जा सकता है। कठोरता दूर करने के लिए वस्त्र धोने के पानी में सोडे का घोल मिलाना चाहिए।

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प्रोजेक्ट कार्य :
नोट : विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 22 महर्षि अरविन्द (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

महर्षि अरविन्द का जन्म 15 अगस्त 1872 ई० को कोलकाता में हुआ। इनके पिता डॉक्टर कृष्णधन घोष और माता स्वर्णलता देवी थीं। अरविन्द को सात वर्ष की आयु में शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड भेजा गया। उन पर भारतीयों से मिलने पर प्रतिबन्ध था। फिर भी आगे चलकर अरविन्द एक क्रान्तिकारी, स्वतन्त्रता सेनानी, महान भारतीय राजनैतिक, दार्शनिक तथा वैदिक पुस्तकों के व्याख्याता बन गए। सन् 1893 ई० में अरविन्द भारत लौटे। यह वर्ष भारत में नवजागरण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण था। शिकागो सर्वधर्म सम्मेलन में विवेकानन्द का उद्घोष, तिलक द्वारा गणपति उत्सव का आरम्भ, ऐनी बेसेण्ट का भारत आना तथा गांधी जी को दक्षिणी अफ्रीका रंगभेद के विरुद्ध संघर्ष- ये इस वर्ष की प्रमुख घटनाएँ थीं। इक्कीस वर्ष की आयु में अरविन्द ने देश को स्वतन्त्र कराने और भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता साबित करने का संकल्प लिया। वे बड़ोदरा आकर एक कालेज में प्रधानाचार्य बने। उन्होंने बाद में ‘वंदे मातरम्’ पत्र का सम्पादन भी किया। उन्होंने युवकों को ईमानदारी, अनुशासन, एकता, धैर्य

और सहिष्णुता द्वारा निष्ठा विकसित करने को कहा। सन् 1903 ई० में वे क्रान्तिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए। अँग्रेजों ने भयभीत होकर सन् 1908 ई० में उन्हें और उनके भाई को अलीपुर (UPBoardSolutions.com) जेल भेजा। यहाँ उन्हें दिव्य अनुभूति हुई जिससे. उन्होंने ‘काशकाहिनी’ नामक रचना में व्यक्त किया। जेल से छूटकर अँग्रेजी में ‘कर्मयोगी’ और बंगला भाषा में ‘धर्म’ पत्रिकाओं का सम्पादन किया।

उन्होंने 1912 ई० तक सक्रिय राजनीति में भाग लिया। इसके बाद उनकी रुचिं गीता, उपनिषद और वेदों में हो गई। भारतीय संस्कृति के बारे में उन्होंने ‘फाउण्डेशन ऑफ इण्डियन कल्चर’ तथा ‘ए डिफेन्स ऑफ इण्डियन कल्चर’ नामकं प्रसिद्ध पुस्तक लिखी। उनकी काव्य रचना ‘सावित्री’ अनमोल धरोहर है।

1926 ई० से 1950 ई० तक वे अरविन्द आश्रम में तपस्या और साधना में लीन रहे। यहाँ उन्होंने सभाओं और भाषणों से दूर रहकर मानव कल्याण के लिए चिन्तन किया। वर्षों की तपस्या के बाद उनकी अनूठी कृति ‘लाइफ डिवाइन’ (दिव्य जीवन) प्रकाशित हुई। इसकी गणना विश्व की महान कृतियों में की जाती है। श्री अरविन्द अपने देश (UPBoardSolutions.com) और संस्कृति के उत्थान के लिए सतत सक्रिय रहे। उनका पाण्डिचेरी स्थित आश्रम आज भी आध्यात्मिक ज्ञान का तीर्थस्थल माना जाता है, जहाँ विश्व के लोग आकर अपनी ज्ञान-पिपासा शान्त करते हैं।

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अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
डा० कृष्णधान घोष ने अरविंद के बारे में अध्यापकों को क्या निर्देश दिया?
उत्तर :
डा० कृष्णधन घोष ने अध्यापकों को निर्देश दिया कि अरविन्द को भारतीयों से न मिलने दिया जाए।

प्रश्न 2.
वर्ष 1893 क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर :
वर्ष 1893 ई० भारत के लिए नवजागरण का विशेष वर्ष था। इसमें निम्न घटनाएँ हुई

  1. विवेकानन्द द्वारा शिकागो धर्म सम्मेलन में उद्घोष।
  2. तिलक द्वारा गणपति उत्सव का आरम्भ।
  3. ऐनी बेसेण्ट का भारत आना।
  4. गांधी जी का रंगभेद के विरुद्ध दक्षिणी अफ्रीका जाना।

प्रश्न 3.
अरविन्द को भारत किस रूप में दिखाई देता था?
उत्तर :
अरविन्द को भारत, माती के रूप में दिखाई देता था।

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प्रश्न 4.
अरविन्द द्वारा लिखी गयी किस पुस्तक की गणना विश्व की महान कृतियों में की जाती है?
उत्तर :
अरविन्द द्वारा लिखी गयी लाइफ डिवाइन (दिव्य जीवन) पुस्तक की गणना विश्व के महान कृतियों में की जाती है।

प्रश्न 5.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर)
(क) श्री अरविन्द का आश्रम बंगाल में है। (✗)
(ख) श्री अरविन्द ने चौदह वर्ष तक रूस में शिक्षा प्राप्त की। (✗)
(ग) श्री अरविन्द को धन-धान्य की लालसा सम्मोहित नहीं कर पाई।। (✓)
(घ) श्री अरविन्द ने फाउण्डेशन ऑफ इण्डियन कल्चर नामक पुस्तक लिखी। (✓)

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)

  • श्री अरविन्द और उनके भाई वारीन घोष को अलीपुर बम केस के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
  • जेल में उन्होंने काशकाहिनी नामक रचना की। (UPBoardSolutions.com)
  • उनके द्वारा रचा गया काव्य सावित्री साहित्य जगत् की अनमोल धरोहर है।
  • पाण्डिचेरी स्थित आश्रम उनकी तपोभूमि थी।

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प्रश्न 7.
वाक्यों को सही क्रम में लगाइए (सही क्रम में लगाकर)
उत्तर :

  • श्री अरविन्द का जन्म कोलकाता में हुआ।
  • इंग्लैण्ड में अरविन्द ने उच्च शिक्षा प्राप्त की।
  • भारत लौटने पर वे बड़ोदरा के कॉलेज में प्रधानाचार्य हो गए।
  • उन्होंने ‘वन्देमातरम्’ पत्र का सम्पादन किया।
  • पाण्डिचेरी स्थित आश्रम उनकी तपोभूमि थी।

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UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 11 गृह प्रबन्ध

UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 11 गृह प्रबन्ध

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 पाठ-11    गृह प्रबन्ध
अभ्यास

1. बहुविकल्पीय
प्रश्न
सही विकल्प के सामने दिए गए गोल घेरे को काला करिए
UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 11 गृह प्रबन्ध image 1

उत्तर :
(अ) (iii) घर की वस्तुओं को व्यवस्थित कर उनमें कलात्मकता उत्पन्न करना।
(ब) (i) अनुरूपता, अनुपात, सन्तुलन, दवाव, लय।

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2. अति लघु उत्तरीय
प्रश्न
(क) बैटक की सजावट में कितनी शैलियाँ होती है? नाम लिखिए। उत्तर- वैटक की सजावट की दो शैलियाँ हैं

  1. भारतीय शैली- यह परम्परागत शैली है। बैठक में तख्त पर गद्दा और चादर बिछी होती है। तकिया या मसन्द होते हैं। एक छोटी मेज, एक-दो मूढ़ा रखे होते हैं। बैठक का फर्श कालीन, (UPBoardSolutions.com) दरी या चटाई से ढका होता है। दरवाजे पर पायदान होता है। बैठक में टी०वी०, चित्र, लैंप व किताबों आदि को रखने के लिए उपयुक्त स्थान होते हैं।
  2. पाश्चात्य शैली- यह महँगी शैली है। कमरे में एक-दो सोफे रखे जाते हैं। टेबल, फूलदान, लैम्प, खिलौने आदि उपयुक्त स्थान पर होते हैं। फर्श पर दरी, कालीन बिछे होते हैं। दो-चार कुर्सियाँ होती हैं। बैठक में टी०वी०, म्यूजिक सिस्टम भी होता है।

(ख) बधाई पत्र किन-किन अवसरों पर दिए जाते हैं?
उत्तर : वधाई पत्र- विशेष अवसरों, त्योहारों, जन्मदिन, नए साल आदि पर भेजे जाते हैं।

3. लघु उत्तरीय
प्रश्न
(क) घर की सजावट से क्या लाभ है? किन्हीं चार बिन्दुओं को लिखिए।
उत्तर : घर की सजावट से हमें अनेक प्रकार के लाभ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिलते हैं।

  1. घर की साज-सज्जा में वस्तुओं का एक व्यवस्थित क्रम होने से किसी भी वस्तु को ढूँढ़ने में अनावश्यक श्रम नहीं करना पड़ता है।
  2. सभी वस्तुएँ साफ-सुथरी व सुन्दर ढंग से व्यवस्थित होने के कारण अधिक दिन तक सुरक्षित रहती हैं।
  3. सुन्दर व सजा घर सभी को आकर्षित करता है।
  4. घर की सजावट उस घर में रहने वाले सदस्यों में स्वानुशासन की प्रवृति का विकास करती है।

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(ख) यात्राओं की तैयारी के लिए हमें क्या ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर : यात्राओं की तैयारी के लिए हमें पूरी जानकारी (UPBoardSolutions.com) प्राप्त करनी चाहिए। पहुँचने के रास्ते, साधन, ठण्डे-गरम कपड़ों , का चयन, रास्ते के लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था आदि। लम्बी यात्रा के लिए टिकट आदि की व्यवस्था भी कर लेनी चाहिए।

(ग) अपने दिक को अपने घर की सजावट के बारे में एक पत्र लिखिए।
उत्तर : विद्यार्थी स्वयं लिखें ।

4. दीर्घ उनीय
प्रश्न

(क) गृह सज्जा के प्रमुख नियम कौन-कौन से हैं? वर्णन करें।
उत्तर : गृह सज्जा के प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं।

  1. अनुरूपता- सजी सामग्रियों में समानता दिखाई देना ही अनुरूपता है। रंगों, बनावट या आकार के आधार पर घर की सज्जा में अनुरूपता लाई जा सकती है।
  2. अनुपात- घर की सजी वस्तुओं के बीच रंग, आकार या बनावट के आधार पर एक निश्चित अनुपात हो।
  3. सन्तुलन- एक वस्तु को केन्द्र मानकर उसके चारों (UPBoardSolutions.com) ओर विभिन्न वस्तुएँ रखकर आकर्षक प्रभाव उत्पन्न करने को सन्तुलन कहते हैं।
  4. दबाव (आकर्षण)- सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण वस्तु को केन्द्र में रखकर उसके चारों ओर कम महत्त्वपूर्ण वस्तु रखी जाती है।
  5. लय या क्रमायोजन- प्रत्येक वस्तु को उपयोगिता के आधार पर उचित स्थान पर रखना। इसका अभाव फूहड़पन को प्रदर्शित करता है।

(ख) गृह सज्जा के लिए उपयुक्त साधन क्या हैं? घर सजाने में इनकी क्या भूमिका है? उत्तर -गृह सज्जा के साधन

  1. फर्नीचर- मेज, कुर्सी, अलमारी, सोफा पलंग आदि फर्नीचर गृह सज्जा के प्रमुख साधन हैं। उन्हें समय-समय पर पोंछते, धोते व पॉलिश करते रहना चाहिए।
  2. कालीन/दरी-चटाई भी घर के फर्श की सज्जा करते हैं।
  3. पायदान- जूट व रबर से बने पायदानों का प्रयोग आज बहुतायत से हो रहा है।
  4. चित्र- पेंटिग- दीवारों को सुन्दर बनाने (UPBoardSolutions.com) के लिए इनका प्रयोग किया जाता है।
  5. रंगोली- फर्श पर आकर्षक रंगों से रंगोली बनाई जाती है।
  6. परदे- घर की सज्जा में फर्नीचर के बाद परदों का प्रमुख स्थान है। दरवाजे, खिड़कियों पर लगे कल. त्मिक परदे घर की सुन्दरता बढ़ाते हैं।
  7. फूल-पौधे- घर में गमलों में लगे पौधे, फूलों के गुलदस्ते घर को सजाते हैं।
  8. बिजली-उपकरण- आजकल विद्युत चालित सामग्री से सजावट का चलन जोरों
  9. मनोरंजन के साधन-टेप, रेडियो, टी०वी० आदि घर की शोभा बढ़ाते हैं।
  10. पत्र-पत्रिकाएँ- पुस्तकें, दैनिक समाचार पत्र, पत्रिकाएँ ज्ञानवर्धन के साथ-साथ मेज पर सजावट के काम भी आते हैं।

(ग) सन्तुलन, लय एवं दबाव
उत्तर : सन्तुलन, लय और दबाव गृह सज्जा के (UPBoardSolutions.com) नियम हैं, जिन्हें पहले ही वर्णित किया जा चुका है। प्रश्न 4 (क) का उत्तर देखें।

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प्रोजेक्ट कार्य :
नोट : विद्यार्थी स्वयं करें।

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