UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 38 वर्तमान काल के महान संगीतज्ञ (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 38 वर्तमान काल के महान संगीतज्ञ (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

लता मंगेशकर-लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर, 1929 को इन्दौर में हुआ। इनकी माता का नाम शुद्धमती और पिता का नाम पं० दीनानाथ मंगेशकर था जो शास्त्रीय गायक थे। उन्होंने लता को पाँच वर्ष की आयु में संगीत की शिक्षा देनी शुरू कर दी। लता ने अपना पहला आकाशवाणी कार्यक्रम 16 दिसम्बर, 1941 ई० को प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर माता-पिता गद्गद हो गए। सन् 1942 में पिता की मृत्यु होने पर लता (UPBoardSolutions.com) ने छह फिल्मों में अभिनय किया और परिवार को सँभाला। लता की गायन शैली से प्रभावित होकर नौशाद व हुस्नलाल भगतराम ने उन्हें अपनी फिल्मों ‘अन्दाज’ और ‘बड़ी बहिन’ में मौका दिया। सन् 1949 से लता के स्वर से सजी फिल्में आईं- ‘बरसात’, ‘अन्दाज’ ‘दुलारी’ और ‘महल’। महल का गीत ‘आएगा आने वाला’ अत्यन्त लोकप्रिय हुआ। लता जी लोगों के दिमाग पर छा गईं और वह आज भी फिल्म संगीत में साम्राज्ञी के पद पर विराजमान हैं।

सन् 1962 ई० में चीनी आक्रमण के बाद सँधे कंठ से गाया गाना “ऐ मेरे वतन के लोगों” देशवासियों को तड़पा गया। नेहरू जी की आँखों में आँसू आ गए। | लता जी के विषय में कुछ रोचक बातें- वे भारत में पुनर्जन्म चाहती हैं। स्वर की मधुरता के लिए वे कोल्हापुरी काली मिर्च खाती हैं। वे मंच पर नंगे पाँव गाती हैं। रायल अलबर्ट हाल लन्दन में गाने वाली वे प्रथम भारतीय महिला हैं। वे ‘भारत-रत्न’ पाने वाली प्रथम पाश्र्व गायिका हैं। वे बीस भाषाओं में 50,000 से अधिक गीत गाकर विश्व रिकार्ड बना चुकी हैं। इनका नाम गिनीज बुक वर्ल्ड (UPBoardSolutions.com) रिकार्ड में है। उनकी आवाज विश्व की सबसे आदर्श आवाज है। लता जी विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित की जा चुकी हैं, जिनमें निम्न प्रमुख हैं- फिल्म फेयर पुरस्कार, महाराष्ट्र रत्न पुरस्कार, पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण, जीवन गौरव पुरस्कार, नूरजहाँ सम्मान, हाकिम खाने सुर अवार्ड, स्वरभारती पुरस्कार, 250 ट्राफी, 150 गोल्डन डिस्क, दादा साहब फाल्के पुरस्कार तथा भारत-रत्न।

शहनाई के जादूगर बिस्मिल्लाह खाँ-बिस्मिल्लाह खाँ का जन्म 21 मार्च, 1916 ई० को डुमराँव (बिहार) में हुआ। इनके पूर्वज डुमराँव रियासत के दरबारी संगीतज्ञ थे। इन्हें संगीत की प्रारम्भिक शिक्षा इनके चाचा अलीबख्श से मिली जो काशी विश्वनाथ मन्दिर में शहनाई बजाते थे।

इन्होंने अपनी शहनाई की गूंज से अफगानिस्तान, यूरोप, इराक, कनाडा, अफ्रीका, रूस, अमेरिका, जापान, हाँगकाँग समेत विश्व के सभी प्रमुख देशों के श्रोताओं को रसमग्न किया है। यद्यपि उनका संगीत समुद्र की तरह विराट है, फिर भी वे नम्रतापूर्वक कहते हैं कि उनकी खोज अभी जारी है।

संगीत में उनके विशेष योगदान के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। सन् 2000 ई० में उन्हें भारत-रत्न से सम्मानित किया गया। संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, तानसेन पुरस्कार, मध्यप्रदेश राज्य पुरस्कार, पद्म विभूषण तथा विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की गई डॉक्टरेट की (UPBoardSolutions.com) उपाधियाँ उनकी ख्याति की परिचायक हैं। खाँ साहब विनम्र, मिलनसार और उदार व्यक्तित्व वाले थे। संगीत के प्रति पूर्ण समर्पण, कड़ी मेहनत, घण्टों अभ्यास, सन्तुलित आहार, संयमित जीवन और देश प्रेम आदि गुणों ने उन्हें विश्व ख्याति दी। वे शास्त्रीय परम्परा की कड़ी हैं जिन पर देश को गर्व है।

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अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
भारत की किस गायिका का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अंकित किया गया? उनका नाम इस पुस्तक में क्यों अंकित किया गया है?
उत्तर :
भारतीय गायिका लता मंगेशकर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अंकित किया। गया है क्योंकि उन्होंने बीस भाषाओं में 50,000 से अधिक गीत गाए हैं।

प्रश्न 2.
लता जी का वह कौन सा गीत था जिसने देश में एकता व अखण्डता की मशाल जलायी?
उत्तर :
लता जी को गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों ने देश में एकता व अखंडता की मशाल जलाई।

प्रश्न 3.
पण्डित जवाहर लाल नेहरू की आँखों से आँसू निकले आए
(क) आँख में कुछ गिर जाने के कारण। ख. बीमारी के कारण।
(ग) बहुत अधिाक प्रसन्नता के कारण। (UPBoardSolutions.com)
(घ) लता मंगेशकर द्वारा शहीदों की स्मृति में गाये गीत को सुनकर।
उत्तर :
(घ) लता मंगेशकर द्वारा शहीदों की स्मृति में गाए गीत को सुनकर।

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प्रश्न 4.
लता को निम्नलिखित सम्मानों में से कौन-सा सम्मान प्राप्त नहीं हुआ है
उत्तर :
(ग) नोबेल पुरस्कार।

प्रश्न 5.
भारत के प्रथम गणतन्त्र दिवस की संध्या पर लाल किले के मंच से शहनाई वादन करने वाले व्यक्ति थे।
(क) उस्ताद अली अकबर विलायत साहब
(ख) उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ साहब
(ग) उस्ताद जाकिर हुसैन साहब
(घ) उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ साहब
उत्तर :
(ख) उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ।

प्रश्न 6.
वे कौन से गुण हैं जो उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ को विशिष्ट बनाते हैं?
उत्तर :
उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ को जो गुण विशिष्ट बनाते हैं, वे निम्न हैं उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ विनम्र, मिलनसार और उदार व्यक्तित्व वाले थे। वे सर्वधर्म समभाव रखते थे। संगीत के प्रति पूर्ण समर्पण, कड़ी मेहनत, घण्ट्रों अभ्यास, सन्तुलित आहार, संयमित जीवन और देश प्रेम आदि गुणों ने उन्हें विश्व ख्याति दी है। वे शास्त्रीय परम्परा की कड़ी थे, जिन पर देश को गर्व है।

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प्रश्न 7.
जानें: नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाएँ

UP Board Solutions for Class 8 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाएँ

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साहित्य का अध्ययन करते समय बीच-बीच में कुछ ऐसे प्रसंग आ जाते हैं, जिन्हें जाने बिना अर्थ स्पष्ट नहीं हो सकता। उदाहरण- छुअत सिला भइ नारि सुहाई।”

इस पंक्ति का अर्थ उस समय तक स्पष्ट नहीं होता जब तक विद्यार्थियों को ‘अहल्या’ के बारे में ‘न बताया जाए, इसे ही अन्तर्कथा कहते हैं। इसका शाब्दिक अर्थ है- (अन्तः + कथा) अर्थात् कविता के अन्दर की कथा। नीचे कुछ ऐसी ही प्रमुख अन्तर्कथाएँ दी जा रही हैं, छात्र इन्हें ध्यान से पढ़ें|

(1) नरसिंह – भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक नरसिंह का अवतार माना जाता है। इस अवतार में भगवान का सिर सिंह का था तथा शेष शरीर मनुष्य का था। भगवान ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए यह रूप धारण किया था। प्रहलाद का पिता बड़ी अत्याचारी था। उसे वरदान मिला था कि वह किसी भी देवता, राक्षस, मनुष्य, पशु या (UPBoardSolutions.com) अस्त्र-शस्त्र से नहीं मारा जा सकेगा। वह न जमीन पर मर सकेगा और न आसमान में। भगवान ने यह अद्भुत रूप धारण कर अपने घुटनों पर रखकर अपने नाखूनों से उसका पेट फाड़ दिया था और इस प्रकार अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।

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(2) नल और नील – ये दोनों भाई कपि विश्वकर्मा के पुत्र थे। इनको वरदान प्राप्त था कि इनके हाथ को छुआ पत्थर पानी पर तैरता रहेगा। श्रीराम ने जब लंका पर चढ़ाई की तब इन्होंने श्रीराम चन्द्र जी की लंका पर चढ़ाई करने हेतु समुद्र पर पुल बनाने में सहायता की थी।

(3) त्रिशंकु – राजा त्रिशंकु बड़े बलवान राजा थे। किन्तु बड़े अहंकारी थे। एक बार उन्होंने इसी शरीर से स्वर्ग जाने के लिए एक यज्ञ करना चाहा। इनके गुरु वशिष्ठ ने इन्हें ऐसा करने से रोका। उनसे नाराज (UPBoardSolutions.com) होकर इन्होंने विश्वामित्र से यज्ञ करने की प्रार्थना की। विश्वामित्र की शक्ति से ये इसी शरीर से स्वर्ग की ओर बढ़ चले किन्तु इन्द्र ने इन्हें वहाँ से धकेल दिया। विश्वामित्र ने इन्हें नीचे न आने दिया और ये आकाश में ही लटके रह गए।

(4) अहल्या – यह गौतम ऋषि की पत्नी थीं। यह बहुत सुन्दर थीं। एक दिन जब ऋषि सन्ध्या वन्दना करने बाहर गए थे तो इन्द्र ने गौतम का रूप धारण करके उनके साथ सम्भोग किया। इसी बीच में गौतम ऋषि आ गए और उन्होंने अपने योगबल से सब कुछ जान लिया। तब उन्होंने इन्द्र को शाप दिया कि तेरे शरीर के सौ टुकड़े हो जाएँ और अहल्या को शाप दिया कि तू पत्थर की हो जाए। भगवान राम के चरण की धूलि से अहल्या का उद्धार हुआ तथा उन्होंने पुनः स्त्री रूप धारण किया।

(5) गणिका – अति प्राचीनकाल में पिंगला नामक एक गणिका (वेश्या) थी। एक बार वह शृंगार किए बहुत देर तक अपने प्रेमी की प्रतीक्षा करती रही किन्तु वह न आया। उसने सोचा कि यदि मैं इतनी देर भगवान का भजन करती तो मेरा कल्याण हो जाता। इससे उसे बड़ी ग्लानि हुई और उसने वेश्यावृत्ति छोड़ दी और भगवान की पूजा में लग गई, जिससे उसकी मुक्ति हो गई। गणिका के सम्बन्ध में एक अन्य कथा भी प्रचलित है। कहते हैं कि कोई गणिका अपने तोते को राम-राम रटाया करती थी। तोते को राम-रामे रटाने से उसकी मृत्यु के समय भी उसके मुँह से राम-राम ही निकला, जिससे उसकी मुक्ति हो गई।

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(6) काकभुशंडि – ये पूर्व जन्म में ब्राह्मण कुमार थे। अभिमान के कारण एक बार ये अपने गुरु से ही शास्त्रार्थ कर बैठे। इनके गुरु ने नाराज होकर इन्हें कौआ बन जाने का शाप दे डाला। दुःखी होकर ये कौए के (UPBoardSolutions.com) रूप में नीलांचल पर्वत पर रहने लगे। वहीं एक बार गरुड़ को इन्होंने राम-नाम की महिमा का ज्ञान कराया। स्वयं शंकर भगवान ने भी राजहंस का रूप धारण कर इनसे रामकथा सुनी थी। गोस्वामी तुलसीदास ने भी इनकी पूरी कथा रामचरितमानस में लिखी है।

(7) महिषमर्दिनी – अति प्राचीनकाल में महिषासुर नाम का एक अत्याचारी राक्षस था। उसने महिष (भैंसा) का रूप धारण कर बड़ा उत्पात मचाया। देवता भी उससे डरते थे। देवताओं की प्रार्थना पर , भगवती दुर्गा देवी ने इस राक्षस को मार डाला, इसी कारण दुर्गा देवी को महिषमर्दिनी भी कहते हैं।

(8) सहस्त्रबाहु – सहस्रबाहु बड़ा वीर राजा था। इसका वास्तविक नाम अर्जुन था। अर्जुन राजा कृतवीर्य का पुत्र था। अर्जुन ने दत्तात्रेय ऋषि की बड़ी सेवा की थी। इनके आशीर्वाद से अर्जुन की एक हजार भुजाएँ हो गई थी। इसी से इनका नाम सहस्रबाहु पड़ा। सहस्रबाहु एक दिन जमदग्नि ऋषि के आश्रम में जा पहुँचा। ऋषि के आश्रम में नन्दनी नाम की एक कामधेनु गाय थी उसके प्रभाव से उन्होंने राजा की. बड़ा सत्कार किया। राजा ने ऋषि से नन्दनी को माँगा किन्तु ऋषि ने नहीं दिया। (UPBoardSolutions.com) सहस्रबाहु ने ऋषि जमदग्नि का अपमान करके वह गाय उनसे छीन ली। जमदग्नि के पुत्र परशुराम थे। जब उन्हें अपने पिता के अपमान का समाचार मिला, तो उन्होंने क्रोध में आकर सहस्रबाहु की सारी भुजाएँ काट डालीं और उसे मार दिया।

(9) अजामिल – यह बड़ा पापी ब्राहमण था। यह दूसरों को सताता था, हत्याएँ करता था और डाका’ भी डालता था। इसके पुत्र का नाम नारायण था। जब अजामिल का अन्त समय आया तो यमदूत उसे भयंकर दुख देने लगे। दुखी होकर अजामिल ने अपने पुत्र नारायण को पुकारा। उसके मुख से नारायण नाम सुनकर यमदूत भाग गए और अन्त समय में ‘नारायण’ कहने के कारण उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।

(10) दुर्वासा – ये बड़े क्रोधी ऋषि थे। ये महर्षि अत्रि के पुत्र थे। इन्होंने अम्बरीष तथा शकुन्तला आदि को भी शाप दे दिया था। अम्बरीष राजा ने इन्हें एकादशी के दिन भोजन का निमन्त्रण दिया। जब ये न आए और पुण्यकाल बीतने लगा तो अम्बरीष ने इन्हें बिना भोजन कराए ही प्रसाद ग्रहण कर लिया। इससे रुष्ट होकर उन्होंने राजा अम्बरीष को शाप दे दिया। भगवान विष्णु ने अपने भक्त अम्बरीष की रक्षार्थ दुर्वासा पर अपना सुदर्शन चक्र छोड़ दिया, जिससे दुर्वासा घबराए परन्तु तीनों लोकों में उन्हें कहीं शरण न मिली। अन्त में उन्होंने राजा अम्बरीष से क्षमा माँगी और राजा अम्बरीष ने उन्हें क्षमा कर दिया।

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(11) एकलव्य – यह एक वनवासी सरदार का पुत्र था। यह द्रोणाचार्य से धनुर्विद्या सीखना चाहता था परन्तु द्रोणाचार्य ने इसे नीच समझकर अपना शिष्य नहीं बनाया किन्तु एकलव्य बड़ा लगनशील था। इसने गुरु द्रोणाचार्य की मिट्टी की मूर्ति बनाई और उसी के सामने वन में धनुर्विद्या सीखने लगा। धीरे-धीरे यह इस विद्या में बड़ा कुशल हो गया। जब (UPBoardSolutions.com) द्रोणाचार्य को इसका पता चला तो उन्होंने गुरु-दक्षिणा में इसके दाएँ हाथ का अँगूठा माँग लिया। एकलव्य ने सहर्ष अपने दाएँ हाथ का अँगूठा काटकर अपने गुरु को अर्पण कर दिया।

(12) अगस्त्य ऋषि – एक बार अगस्त्य मुनि के पिता मित्रावरण की दृष्टि आकाश में जाती हुई उर्वशी नामक एक अप्सरा पर पड़ी। इससे उनका वीर्य स्खलित हो गया। उन्होंने उसे एक घड़े में रख दिया जिससे अगस्त्य की उत्पत्ति हुई। घड़े से उत्पन्न होने के कारण ये कुम्भज भी कहलाते हैं। एक बार उन्होंने टिटहरी के अण्डों की रक्षा के लिए संपूर्ण समुद्र का पानी पी लिया। बाद में समुद्र के प्रार्थना करने पर मूत्र के रूप में जल को निकाल दिया। कहा जाता है कि समुद्र का पानी तभी से खारा है।

(13) इन्द्र – इन्द्र देवताओं के राजा और स्वर्ग के स्वामी कहलाते हैं। इनका अस्त्र वज्र है। यह पद उन्हें कठोर तपस्या के बाद प्राप्त हुआ था। अतः महाराजा इन्द्र का भी यही स्वभाव बन गया कि वे बड़े तपस्वियों के तप में विघ्न डालने का प्रयास करते रहते थे।

(14) प्रह्लाद – एक अत्याचारी राक्षसों के राजा हिरण्यकश्यप का पुत्र था। यह भगवान का परम भक्त था। पिता के अनेक कष्ट देने पर भी उसने ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी। एक समय उसके पिता ने प्रह्लाद को खम्भे में बाँधकर मारना चाहा तो विष्णु भगवान ने नरसिंह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप को मार डाला और प्रह्लाद को अटल भक्ति का वरदान दिया।

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(15) भस्मासुर – यह राक्षस था किन्तु शिव का बड़ा भक्त था। इसने शिवजी से वरदान प्राप्त कर लिया था कि यह जिसके मस्तक पर हाथ रख देगा वही भस्म हो जाएगा। इस वरदान की परीक्षा हेतु इसने शंकरजी के सिर पर हाथ रखना चाहा, शंकरजी भागे। विष्णु भगवान ने सुन्दरी का रूप धारण कर इस राक्षस को ही मोहित कर लिया और उसके मस्तक (UPBoardSolutions.com) पर उसी का हाथ रखवा दिया। इससे यह भस्म हो गया।

(16) वामनावतार – प्राचीनकाल में राजा बलि नामक बड़े दानी राजा थे। इनके दान से भयभीत होकर इन्द्र ने विष्णु से इसकी परीक्षा लेने को कह्म। विष्णु भगवान 52 अंगुल के शरीर वाला बौना बनकर भिक्षुक के रूप में राजा बलि के सामने आ पहुँचे और उससे तीन डग भूमि का दान माँगा। राजा ने इसे स्वीकार कर लिया। भगवान ने अब अपना विराट रूप दिखाकर केवल ढाई डग में ही सारी पृथ्वी को नाप लिया। अब आधे डग के लिए राजा बलि ने उन्हें अपना शरीर दे डाला। इस तरह भगवान के तीनों डगों में पृथ्वी थोड़ी पड़ गई थी।

(17) द्रौपदी – द्रौपदी राजा द्रुपद की पुत्री तथा पाण्डवों की पत्नी थी। एक दिन युधिष्ठिर तथा दुर्योधने में जुआ हुआ। युधिष्ठिर जुए में राजपाट तथा द्रौपदी हार गए। दुर्योधन की आज्ञानुसार द्रौपदी सभा में लाई गई तथा दु:शासन ने इन्हें वस्त्रहीन करना चाहा, परन्तु श्रीकृष्ण की कृपा से वह ऐसा नहीं कर पाया। इस प्रकार भगवान की कृपा से द्रौपदी की लाज बच गई।

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(18) जटायु – यह गिद्धराज बेड़ा पराक्रमी था। जब रावण सीता को चुराकर ले जा रहा था तो रावण से इसने घोर युद्ध किया। रावण ने अपने तीरों से इसे विदीर्ण कर दिया। यह पृथ्वी पर बेहोश होकर गिर पड़ा। (UPBoardSolutions.com) जब रामचन्द्रजी सीता की खोज में वन में पहुँचे तो इसके (जटायु) मस्तक पर उन्होंने अपना करुण-हस्त फेरा जिससे उसकी पीड़ा दूर हो गई। रामचन्द्रजी ने उसे स्वर्ग में स्थान दिया।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 37 भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 37 भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

इन्दिरा जी का बचपन का नाम इन्दिरा प्रियदर्शिनी था। इनका जन्म 19 नवम्बर, 1917 ई० को इलाहाबाद में हुआ। इनके पिता पं० जवाहर लाल नेहरू और माता कमला नेहरू थी। पं० नेहरू इन्दिरा को ऐसी शिक्षा देना चाहते थे जिससे उनके व्यक्तित्व का बहुमुखी विकास हो सके। माता-पिता के स्वतन्त्रता आन्दोलन में सक्रिय होने से प्रियदर्शिनी ने दिल्ली, इलाहाबाद और पुणे आदि में शिक्षा पाई। पुणे से हाईस्कूल पास करके वे शान्ति निकेतन गईं। इन्दिरा के व्यक्तित्व पर नेहरू जी के व्यक्तित्व का बड़ा प्रभाव पड़ा। निर्भीकता (UPBoardSolutions.com) और आत्मविश्वास जैसे गुण उन्हें पिता से विरासत में मिले। 29 वर्ष तक लगातार उन्होंने पिता के साथ रहकर राजनैतिक कार्यों में मदद की। सन् 1942 में उनका विवाह फिरोज गांधी से हुआ। इनके दो पुत्र राजीव और संजय गांधी हुए। राजीव गांधी इन्दिरा गांधी की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री बने। संजय का युवावस्था में ही एक विमान दुर्घटना में देहान्त हो गया।

सन् 1958 ई० में इन्दिरा कांग्रेस केंद्रीय बोर्ड की सदस्या बनीं। सन् 1959 में वह कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गई। सन् 1962 ई० में यूनेस्को अधिशासी मण्डल की सदस्या चुनी गई। लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमण्डल में वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। 24 जनवरी, 1966 ई० से 24 मार्च, 1977 और दूसरी बार 14 जनवरी, 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक वह प्रधानमंत्री रहीं। प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें भारत-पाक युद्ध का सामना करना पड़ा। सन् 1971 में उन्होंने एकतरफा युद्ध विराम किया। पाकिस्तान की हार हुई। बांग्ला देश का (UPBoardSolutions.com) जन्म हुआ। भारत एशिया की प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा। इन्दिरा जी विश्व की प्रमुख नेता के रूप में सामने आईं। अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में उन्होंने अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए। उन्होंने देश की दुखती रग को समझा और गरीबी हटाओ का नारा दिया।

बीस सूत्रीय कार्यक्रमों द्वारा उन्होंने अनेक उपलब्धियाँ अर्जित कीं। विज्ञान और तकनीकी विकास के साथ परमाणु शक्ति का विकास हुआ तथा देश अन्तरिक्ष युग में पहुँचा। कैप्टन राकेश शर्मा द्वारा अन्तरिक्ष यात्रा एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। देश को प्रगतिशील बनाने में उन्होंने सतत प्रयास किया। उनके शासनकाल में खेलकूद को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला। सन् 1982 ई० में एशियाड खेलों का भव्य आयोजन हुआ। 30 अक्टूबर, 1984 को उड़ीसा में दिया गया उनका भाषण देशप्रेम का ज्वलन्त उदाहरण है। 31 अक्टूबर, 1984 को अंगरक्षकों द्वारा गोली मारी जाने पर इनकी मृत्यु हो गई।

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
पं० नेहरू, इन्दिरा जी को किस प्रकार की शिक्षा देना चाहते थे? इसके लिए उन्होंने क्या किया?
उत्तर :
पं० नेहरू, इन्दिरा जी को ऐसी शिक्षा देना चाहते थे, जिससे उनका बहुमुखी विकास हो। इसके लिए उन्होंने अपनी पुत्री से पत्रों द्वारा सम्पर्क बनाए रखा और उस पर (UPBoardSolutions.com) अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ी।

प्रश्न 2.
“वानर सेना’ किस प्रकार स्वतन्त्रता सेनानियों की सहायता करती थी?
उत्तर :
‘वानर सेना के बालक स्वतन्त्रता सेनानियों को संदेश पहुँचाकर, प्राथमिक सहायता देकर, खाने की व्यवस्था करके तथा झण्डा फहराकर सहायता करते थे।

प्रश्न 3.
प्रधानमंत्री के रूप में इन्दिरा जी की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
प्रधानमंत्री के रूप में इन्दिरा जी अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए। उन्होंने देश की दुखती रग को समझा और गरीबी हटाओ का नारा दिया। बीस सूत्रीय कार्यक्रमों (UPBoardSolutions.com) द्वारा उन्होंने अनेक उपलब्धियाँ अर्जित कीं। विज्ञान और तकनीकी विकास के साथ परमाणु शक्ति का विकास हुआ तथा देश अन्तरिक्ष युग में पहुँचा।

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प्रश्न 4.
इन्दिरा जी के किन गुणों ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया?
उत्तर :
इन्दिरा जी के प्रमुख गुण-निर्भीकता, आत्मविश्वास, धैर्य, साहस और राजनैतिक कुशलता ने हमें बहुत प्रभावित किया है।

प्रश्न 5.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का निशान लगाइए (सही-गलत का निशान लगाकर)
(अ) इन्दिरा जी ने वानर सेना का गठन किया। (✓)
(ब) इन्दिरा जी को अनुशासन में रहना पसन्द नहीं था। (✗)
(स) सन् 1962 में वे यूनेस्को अधिशासी मण्डल की अध्यक्ष बनीं। (✓)
(द) भारत के प्रथम अन्तरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे। (✓)

प्रश्न 6.
नीचे लिखे विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखिए (सही उत्तर चुनकर)
(क) इंदिरा जी को गहन राजनीतिक प्रशिक्षण दिया –

  • पं. मोतीलाल नेहरू ने
  • पं. जवाहर लाल नेहरू ने (✓)
  • महात्मा गांधी ने
  • श्री फिरोज गांधी ने

(ख) इंदिरा जी की हत्या कब हुई –

  • 30 अक्टूबर 1984 ई०
  • 31 अक्टूबर 1984 ई० (✓)
  • 31 अक्टूबर 1983 ई०
  • 30 अक्टूबर 1974 ई०

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प्रश्न 7.
नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 5 खाद्य पदार्थों में मिलावट

UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 5 खाद्य पदार्थों में मिलावट

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पाठ-5  खाद्य पदार्थों में मिलावट
अभ्यास

1. बहुविकल्पीय
प्रश्न
सही विकल्प के सामने दिए गए गोल घेरे को काला करिए
UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 5 खाद्य पदार्थों में मिलावट image 1

2. अतिलघु उत्तरीय
प्रश्न

(क) लेड क्रोमेट क्या है?
उत्तर : सीसे का यौगिक है जो पिसी हल्दी में मिलाते हैं।

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(ख) शुद्ध दूध की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर : शुद्ध दृध सफेद, स्वादिष्ट, गाढ़ा, दूधिया होता है।

3. लघु उत्तरीय
प्रश्न

(क) खाद्य पदार्थों में मिलावट से स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता हैं?
उत्तर : मिलावटी खाद्य के लगातार सेवन से अनेक (UPBoardSolutions.com) प्रकार की बीमारियाँ हो जाती हैं तथा कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है।

(ख) चायपत्ती, केसर, पिसी धनिया व जीरा में किन-किन चीजों की मिलावट होती है?
उत्तर :

चायपत्ती : इसमें लकड़ी का बुरादा तथा प्रयोग की हुई सूखी, रँगी पत्ती ।।
केसर : भुट्टे के बाल का रेशा
पिसी धनिया : लकड़ी का बुरादा, घोड़े की लीद (गोबर)
जीरा : घास के बीज, मिट्टी, बालू

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4. दीर्घ उत्तरीय
प्रश्न

(क) मिलावटी वस्तुओं से बचाव के लिए आप क्या करेंगे? वर्णन करें।
उत्तर :

  • जहाँ तक संभव हो दूध विश्वस्त विक्रेताओं से लें।
  • आटा, बेसन, पिसे मसात्वे, बढ़ियाँ तथा पापड़ आदि भोज्य पदार्थ घर पर ही बनाएँ।
  • ताजे व अच्छे किस्म के फल व सब्जी (UPBoardSolutions.com) खरीदें यदि संभव हो तो घर में सब्जियाँ उगाएँ।
  • अनाज तथा दालें आदि खरीदते समय यह देख लें कि वह पुरानी या कीड़े युक्त न हो।

(ख) असली शहद की क्या पहचान है? कोई चार लक्षण लिखिए।
उत्तर : मक्खी गिरकर निकल जाएगी, कुत्ता नहीं खाएगा, आँखों में लगेगी, रुई शहद में भिगोकर जलाने पर जलेंगी।

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प्रोजेक्ट कार्य :
नोट : विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 12 बैंकिंग

UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 12 बैंकिंग

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Maths. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित.

बैंकिंग

अभ्यास – 12 (a)

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार के खातों के नाम लिखिए।
उत्तर
बैंक में हम कई तरह के खाते खोल सकते हैं, जिनमें से कुछ, प्रमुख खाते निम्नवत् हैं:

  1. बचत खाता (Savings Bank Account)
  2. चालू खाता (Current Account)
  3. सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account)
  4. आवर्ती (संचयी) जमा खाता (Recurring Deposit Account)
  5. अल्पवयस्क का खाता (Minor Account)

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प्रश्न 2.
चेक क्या है? चेक के प्रकार लिखिए?
उत्तर
चेक एक शर्त रहित आज्ञापत्र है जो सम्बंधित खाते से रुपये निकालने के लिए काम आता है।

प्रश्न 3.
एक बचत बैंक की पासबुक में दर्ज की गई प्रविष्टियाँ निम्नांकित हैं। यदि बयाज दर 4% वार्षिक हो, तो नवम्बर माह के अन्त में मिलने वाले ब्याज का परिकलन कीजिए।
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उत्तर
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प्रश्न 4.
मिस्ट x की बैंक पास बुक में दर्ज की गई प्रविष्टियों के आधार पर, जून 2017 के अन्त में कितना ब्याज मिलेगा, यदि ब्याज दर 3.5% वार्षिक है।
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उत्तर
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