UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 32 चंद्रशेखर आजाद (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 32 चंद्रशेखर आजाद (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को अलीराजपुर जिले (मध्य प्रदेश) के भावरा गाँव में हुआ था। इनके पिता पं० सीताराम तिवारी मूलरूप से उन्नाव जिले (उ० प्र०) के बदरका गाँव के रहने वाले थे। इनकी माता का नाम जगरानी देवी था। प्राथमिक शिक्षा गाँव में पाने के बाद 14 वर्ष की उम्र में आगे की पढ़ाई के लिए चंद्रशेखर काशी चले गए। चंद्रशेखर अब बनारस में संस्कृत शिक्षा पर रहे थे उसी समय वैशाखी के दिन 13 अप्रैल, सन् 1919 को रॉवल एक्त के विरोध (UPBoardSolutions.com) में अमृतसर के जॉलियाँवाला बाग एक सभा हो रही थी। इस सभा में बच्चे, बूढे तथा युवक सभी शामिल थे। सभा के दौरान जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। रॉयल एक्ट द्वारा क्रांतिकारियों के दमन हेतु कठोर कानून बनाया गया था।

जालियाँवाला बाग वाली घटना की जानकारी चंद्रशेखर को समाचार-पत्रों से हुई। अंग्रेजी शासन के इस अल्लर के विरूद्ध किशोर चंद्रशेखर का खून खौल उठा। इन्होंने अंग्रेजों द्वारा अपने देशवासियों पर किए जा रहे अत्याचारों का बदला लेने की मन में ठान ली। सन् 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन के कारण पूरे देश में अंग्रेजी शासन का विरोध शुरू हो गया था। लोग विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर उन्हें जला रहे थे। इस स्वदेशी आंदोलन के प्रभाव से चंद्रशेखर भी अछूते न रहे और आँदोलन में शामिल हो गए। जहाँ जुलूस व हड़तालें होतीं, चंद्रशेखर वहाँ तत्तकाल पहुँच जाते। उस समय चंद्रशेखर की उम्र 16 वर्ष थी।

उसी समय बनारस के एक जूलूस का नेतृत्व करते समय चंद्रशेखर को अंग्रेज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अगले दिन चंद्रशेखन को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। वहाँ मजिस्ट्रेट ने पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है? उन्होंने जवाब दिया- आजाद! फिर मजिस्ट्रेट ने पूछा तुम्हारे पिता का नाम क्या है? जबाब था स्वतंत्रता! उसने चंद्र शेखर (UPBoardSolutions.com) को 15 बेंतों की कठोर सजा सुनाई। इन्होंने हँसते-हँसते व भारत माता की जय बोलते हुए पंद्रह बेंतों की कठोर सज़ा झेली। इस घटना के बाद चंद्रशेखर आजाद क्रांतिकारी बन गए। इनके विचारों एवं नीडरता की ख्याति चारों तरफ फैल गई। कावेरी रेलवे स्टेशन के पास 9 अगस्त 1925 को सरकारी खजाने का लूटने की की घटना में आजाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इनके अधि। कांश साथी पकड़े गए।

कुछ को फाँसी हुई, लेकिन आजाद, आजाद रहे। साइमन कमीशन के विरोध में सन् 1928 में हुए पर्दशन में पुलिस की मार से लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। इनकी मृत्यु का बदला लेने के लिए आजाद, भगत सिंह, तथा राजगुरु ने पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या कर दी। उन्हें अंग्रेज पुलिस कभी पकड़ न सकी। 27 फरवरी, सन् 1931 को आजाद अल्फ्रेड पार्क, इलाहबाद में अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मंत्रणा कर रहे थे तभी किसी गद्दार ने उनके वहाँ होने की सूचना अंग्रेजी शासन को (UPBoardSolutions.com) दे दी। पूरा पार्क पुलिस द्वारा घेर लिया गया। चारों तरफ से गोलियाँ चल रही थीं। आजाद भी जवाब में गोली दाग रहे थे। उन्होंने अपने साथियों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया तथा अकेले मोर्चे पर डठे रहे। जब आजाद के पास एक ही गोली बची तो उन्होंने स्वयं ही अपनी कनपटी पर मार ली। घेरों पुलिस उनके खौफ से उनके पास नही आई। आजाद ने पहले ही प्रतिज्ञा की थी कि कभी भी वे जीवित शासन के हाथ नहीं आएँगे। उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की।

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अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
प्रश्न 1.
चंद्रशेखर आजाद का जन्म स्थान भारत के किस राज्य में स्थित है?
उत्तर :
चंद्रशेखर आजाद का जन्म स्थान मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।

प्रश्न 2.
जलियाँवाला बाग कहाँ स्थित है?
उत्तर :
जलियाँवाला बाग भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर में स्थित है।

प्रश्न 3.
जलियाँवाला बाग कांड में किसने गोली चलाने का आदेश दिया था?
उत्तर :
जालियाँवाला बाग कांड में जनरल डायर ने गोली चलाने का आदेश दिया था।

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प्रश्न 4.
आजाद ने किस क्रांतिकारी संस्था का गठन किया?
उत्तर :
आजाद ने हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन’ नामक क्रांतिकारी संस्था का गठन किया था।

प्रश्न 5.
चंद्रशेखर आजाद ने क्या प्रतिज्ञा की थी?
उत्तर :
चंद्रशेखर आजाद ने प्रतिज्ञा की थी कि वे कभी जीते जी अंग्रेजी शासन के हाथ नहीं आएँगे।

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प्रश्न 6.
मिलान कीजिए
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 32 चंद्रशेखर आजाद (महान व्यक्तित्व) 1

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UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 1 स्वास्थ्य

UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 1 स्वास्थ्य

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गृह-शिल्प
(समस्त पाठों के ‘अभ्यासों के सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर)
पाठ-1   स्वास्थ्य

अभ्यास 

1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए –
(क) डिप्थीरिया, काली खाँसी (परट्यूसिस) और टिटनेस से बचाव के लिए डी०पी०टी० का टीका लगवाया जाता है।
(ख) गर्भवती महिला की रक्षा के लिए टी० टी० का टीका लगाया जाता है।

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प्रश्न 2.
सही कथन के सामने सही (✔) तथा गलत के सामने गलत (✗) का चिहून लगाएँ –
(क) टीकाकरण से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। (✔)
(ख) स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में रोगाणुओं से मुकाबला करने की शक्ति नहीं होती। (✗)
(ग) क्वाशियोरकर रोग का मुख्य कारण प्रोटीन की कमी है। (✔)

2. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(क) खसरे को टीका किस आयु में लगाया जाता है?
उत्तर :
खसरे को टीका 9 से 12 माह की की आयु में लगाया जाता है।

(ख) हड्डियों व दाँतों के निर्माण में कौन से खनिज लवण सहायक होते हैं?
उत्तर :
हड्डियों व दाँतों के निर्माण में कैल्शियम (UPBoardSolutions.com) और फॉस्फोरस खनिज लवण सहायक होते हैं।

3. लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) रक्ताल्पता के कोई चार लक्षण लिखिए
उत्तर :
रक्ताल्पता के चार लक्षण निम्नलिखित हैं।

  1. पैरों में सूजन आना
  2. आँखों की निचली पलक के अंदर के हिस्से का, सफेद/फीका पड़ना।
  3. नाखूनों एवं जीभ का सफेद/फीका पड़ना।
  4. प्रतिदिन के कार्य करने में थकान महसूस करना।

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(ख) प्रतिरक्षण क्या है?
उत्तर :
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत थोड़ी मात्रा में किसी रोग के रोगाणु को सूई द्वारा अथवा
ड्राप के रूप में शरीर में पहुँचाना प्रतिरक्षण या टीकाकरण कहलाता है।

4. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(क) वृद्धि-निगरानी से क्या तात्पर्य है? इसका क्या महत्त्व है?
उत्तर :
वृद्धि-निगरानी से तात्पर्य है बच्चे के जन्म के उपरान्त उसकी निरन्तर हो रही वृद्धि तथा उचित देखभाल से है। बढ़ते बच्चे को निरन्तर कुशल देखभाल की आवश्यकता होती है। इसके अन्तर्गत बच्चे के समुचित विकास हेतु उचित पोषण, स्वच्छता एवं रोगों से बचाने के लिए टीके आते हैं।
वृद्धि निगरानी का महत्त्व : हर माता-पिता के लिए यह बहुत आवश्यक है कि वे बच्चे को समय-समय पर निर्धारित प्रतिरक्षक टीके लगवाते रहें। ऐसा करने से बच्चे के शरीर का उचित विकास (UPBoardSolutions.com) होता है  तथा वे भविष्य में होने वाली बीमारियों से सुरक्षित हो जाते हैं।

(क) कुपोषण किन कारणों से होता है? इससे होने वाले किसी एक रोग के लक्षण व उपचार लिखिए।
उत्तर :
शरीर में पोषक तत्वों की कमी या अधिकता से कुपोपण होता है। कुपोषण से होने वाला रोग
1. क्वाशियोरकर : बच्चों में प्रोटीन की कमी से होने वाला क्वाशियोरकर मुख्य रोग है। इस रोग में बच्चों के शरीर की वृद्धि रुक जाती है। उन्हें भूख कम लगती है तथा शरीर पर सूजन आ जाती है। बाल रूखे तथा चमक रहित हो जाते हैं। त्वचा रूखी हो जाती है और उस पर काले चकत्ते पड़ जाते हैं, आँखें भी कमजोर हो जाती हैं।

उपचार : क्वाशियोरकर रोग का मुख्य कारण प्रोटीन की कमी होना है। अतः बच्चों को प्रोटीनयुक्त आहार जैसेमटर, मूंग, चना, अरहर, सोयाबीन आदि दालें भोजन में देना चाहिए। इसके अतिरिक्त (UPBoardSolutions.com) अनाज, मूंगफली, दूध आदि का सेवन भी लाभदायक होता है।

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प्रोजेक्ट कार्य :
नोट : विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 31 चौधरी चरण सिंह (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 31 चौधरी चरण सिंह (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 ई० को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित नूरपुर ग्राम में हुआ था। इनके पिता चौधरी मीर सिंह एक साधारण किसान थे। इनकी माँ का नाम नेत्र कौर था। चौधरी चरण सिंह ने आगरा कॉलेज से एल०एल०बी० पास करके गाजियाबाद दीवानी अदालत में वकालत शुरू कर दी। अंग्रेजों के विरुद्ध स्वतन्त्रता संग्राम में इन्होंने बढ़-चढ़कर योगदान दिया।

सन् 1930 में लोनी ग्राम में नमक बनाकर नमक कानून तोड़ने के दण्डस्वरूप पहली जेल यात्रा की। भारत छोड़ो आन्दोलन के समय में सन् 1942 ई० इन्होंने भूमिगत रहकर गाजियाबाद, हापुड़, सरधना, बुलन्दशहर आदि के आसपास एक क्रान्तिकारी गुप्त संगठन बनाया और विदेशी शासन ठप्प करने की मुहिम चलाई।

15 अगस्त, 1947 ई० को भारत स्वतन्त्र होने पर उत्तर प्रदेश मन्त्रिमण्डल में स्वायत शासन और स्वास्थ्य विभाग में इन्हें सभा सचिव का पद मिला। उन्होंने जमींदारी लेखपालों की नियुक्ति की। कृषि और किसानों के हित में सन् 1958 ई० में लागू चकबन्दी अधिनियम भी चौधरी चरण सिंह का क्रान्तिकारी कदम था। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश में भूमि (UPBoardSolutions.com) संरक्षण कानून भी पारित कराया। इन्होंने कृषि आपूर्ति संस्थानों की योजना चलाई, जिससे किसानों को सस्ती खाद, बीज आदि की सुविधा प्राप्त हुई।

सन् 1967 ई० में काँग्रेस छोड़कर, 3 अप्रैल को पहली बार वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। सन् 1970 ई० में वे दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। सन् 1977 के आम चुनाव के बाद जनता पार्टी सरकार में वे पहले गृहमंत्री, बाद में 1979 में उपप्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री बने।

माननीय मोरारजी देसाई के त्यागपत्र के बाद 28 जुलाई, 1979 को चौधरी चरण सिंह ने देश के प्रधानमंत्री का पद सम्भाला। उन्होंने गरीबी मिटाने और नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने का संदेश दिया। 15 अगस्त, 1979 को लाल किले की प्राचीर से उन्होंने देशवासियों को सम्बोधित करते हुए संदेश दिया, “राष्ट्र तभी सम्पन्न हो सकता है जब उसके ग्रामीण क्षेत्र का उन्नयन किया गया हो, तथा ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति अधिक हो।”

चौधरी चरण सिंह जातिवाद के घोर विरोधी थे। ईमानदार नेता के (UPBoardSolutions.com) रूप में चौधरी चरण सिंह का जीवन खुली किताब था जिन पर कोई दोष नहीं था। उन्होंने जीवन के किसी भी क्षेत्र में भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया। 29 मई सन् 1987 ई० को किसानों के इस सर्वप्रिय नेता का निधन हो गया।

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अभ्यास-प्रश्ने

प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) चौधरी चरण सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर :
चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 ई० को मेरठ जिले के नूरपूर गाँव में हुआ।

(ख) चौधरी साहब को किसानों का नेता क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
चौधरी चरण सिंह एक साधारण किसान परिवार से थे, जिन्होंने कृषि और कृषकों के हित में अनेक कार्य किए। इस कारण उन्हें किसानों का नेता कहा जाता है।

(ग) चौधरी चरण सिंह को प्रथम जेल यात्रा क्यों करनी पड़ी?
उत्तर :
चौधरी चरण सिंह को लोनी गाँव में नमक बनाने के लिए (UPBoardSolutions.com) नमक कानून तोड़ने के दण्डस्वरूप प्रथम जेल यात्रा करनी पड़ी।

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(घ) कृषि और कृषकों के लिए चौधरी चरण सिंह ने क्या कार्य किए?
उत्तर :
कृषि और किसानों के हित में चौधरी चरण सिंह ने अनेक कार्य किए। उन्हें जनींदारी उन्मूलन विधेयक तैयार करने का काम सौंपा गया। इन्होंने पटवारियों के शोषण से किसानों को मुक्ति दिलाई और लेखपालों की नियुक्ति की। सन् 1954 ई० में लागू चकबन्दी अधिनियम भी चौधरी चरण सिंह का क्रान्तिकारी कदम था। इसी वर्ष उन्होंने (UPBoardSolutions.com) उत्तर प्रदेश में भूमि संरक्षण कानून भी पारित कराया। इन्होंने कृषि आपूर्ति योजना चलाई, जिससे किसानों को सस्ती खाद-बीज आदि की सुविधा प्राप्त हुई।

(ङ) 15 अगस्त पर चौधरी चरण सिंह ने देशवासियों को क्या संदेश दिया?
उत्तर :
15 अगस्त, 1979 ई० को चौधरी चरण सिंह ने देशवासियों को संदेश दिया- “राष्ट्र तभी सम्पन्न हो सकता है जब उसके ग्रामीण क्षेत्र का उन्नयन किया गया हो तथा ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति अधिक हो।”

(च) चौधरी चरण सिंह की लिखी पुस्तकों के नाम लिखिए।
उत्तर :

  • इकोनॉमिक नाइटमेअर ऑफ इण्डिया इट्स काजेज एण्ड क्योर,
  • लैण्ड रिफार्स इन यू०पी० एण्ड दि कुलक्स,
  • इण्डियाज इकोनॉमिक पॉलिसी
  • दि गांधियन ब्ल्यू प्रिन्ट।

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति कीजिए)
(क) चौधरी चरण सिंह ने भूमि संरक्षण कानून पारित कराया।
(ख) चौधरी साहब सन् 1967 एवं 1970 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
(ग) माननीय मोरारजी देसाई के त्यागपत्र देने पर चौधरी चरण सिंह ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
(घ) चौधरी चरण सिंह जातिवाद के घोर विरोधी थे।

प्रश्न 3.
सही मिलान कीजिए (मिलाकर)
(क) महात्मा गांधी ने डाँडी मार्च क़र               (ग) नमक कानून तोड़ो आन्दोलन चलाया।
(ख) जमींदारी उन्मूलन विधेयक                     (क) 1 जुलाई, 1952 से लागू हुआ।
(ग) चौधरी चरण सिंह                                     (घ) जातिवाद के घोर विरोधी थे।
(घ) गांधी जी ने देशवासियों से                         (ख) ‘करो या मरो’ का आह्वान किया।

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UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 5 Sphutpadyani Question Answer

Class 8 Sanskrit Chapter 5 UP Board Solutions स्फुटपद्यानि Question Answer

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 5 हिंदी अनुवाद स्फुटपद्यानि के प्रश्न उत्तर यूपी बोर्ड

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स्फुटपद्यानि

शब्दार्था:-पिकः = कोयल, प्राप्ते = आने पर, भारः = बोझ, विवादाय = विवाद के लिए, मदाय = मद के लिए, परिपीडिनाय = दूसरों को सताने के लिए, खलस्य = दुष्ट का, साधोः = सज्जन का, विपरीतम् = उल्टा, प्रसाद-प्रदनम् = प्रसन्नता का आगार, सदयम् = दया से परिपूर्ण, सुधामुचः = अमृत बरसाने वाली, वन्द्या = वन्दनीय, योगेन = अभ्यास, मृजयो = धोने-माँजने से, वृत्तेन = सदाचार से।

काकः कृष्णः………………………… पिकः पिकः ॥1॥
हिन्दी अनुवाद-कौआ काला है और कोयल भी काली है। कोयल और कौए में क्या अन्तर है? वसन्त ऋतु के आने पर कौआ, कौआ है और कोयल, कोयल है।

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विद्या ……………………………….. रक्षणाय ॥ 2॥
हिन्दी अनुवाद-दुष्ट की विद्या विवाद के लिए, दुष्ट का धन घमण्ड के लिए (UPBoardSolutions.com) और दुष्ट की शक्ति दूसरों को पीड़ित करने के लिए होती है। इसके विपरीत सज्जन की विद्या ज्ञान के लिए, धन दान के लिए और शक्ति दूसरों की रक्षा के लिए होती है।

लोभात् …………………………. कारणम्। ॥3॥
हिन्दी अनुवाद-लोभ से क्रोध पैदा होता है और लोभ से काम (काम-भावना) पैदा होती है। लोभ से मोह और नाश होता है। लोभ पाप का कारण है।

वंदनं …………………………………’वन्द्याः ॥4॥
हिन्दी अनुवाद-जिनके मुख प्रसन्नता के घर है (अर्थात् जिनके मुख पर सदैव प्रसन्नता रहती है) हृदय दयावान हैं, वाणी अमृतमय है, काम परोपकार करना है, वे किनके वन्दनीय नहीं हैं (अर्थात् वे सबके वन्दनीय हैं)।

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सत्येन ……………………………………. वृत्तेन रक्ष्यते॥5॥
हिन्दी अनुवाद-सत्य से धर्म रक्षित होता है, योग से विद्या रक्षित होती है। स्वच्छता (UPBoardSolutions.com) से रूप रक्षित होता है, अच्छे चरित्र से ‘कुल’ रक्षित होता है।

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
उत्तर
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2. एकपदेन उत्तरत
(क) काकस्य कीदृशः वर्णः भवति?
उत्तर
कृष्णः

(ख) साधोः विद्या किमर्थ भवति?
उत्तर
ज्ञानाय

(ग) लोभः कस्य कारणम्?
उत्तर
पापस्य

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प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) कस्मिन् समये काकपिकयोः भेदः स्पष्टः भवति?
उत्तर
वसन्त समये काकपिकयोः भेदः स्पष्टः भवति।

(ख) कुलं केन रक्ष्यते?
उत्तर
कुलं वृत्तेन रक्ष्यते।

(ग) लोभात् किं प्रभवति?
उत्तर
लोभात् क्रोधः प्रभवति।

प्रश्न 4.
श्लोकांशान् योजयत (करके)
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 5 स्फुटपद्यानि img-1

प्रश्न 5.
उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ इति अनुपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘न’ इति लिखत (लिखकर)
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 5 स्फुटपद्यानि img-2

प्रश्न 6.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) लोभ मोह और नाश का कारण है।
उत्तर
अनुवाद-लोभः मोहस्य नाशस्य च कारणम् अस्ति।

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(ख) कुल की रक्षा सदाचार से होती है।
उत्तर
अनुवाद-कुलं वृत्तेन रक्ष्यते।

(ग) साधु की शक्ति दूसरों की रक्षा के लिए होती है।
उत्तर
अनुवाद-साधोः शक्तिः परेषां रक्षणाय भवति।

(घ) महापुरुषों का हृदय कोमल होता है।
उत्तर
अनुवाद-महापुरुषाणां हृदयाः कोमलाः भवन्ति।

प्रश्न 7.
निम्नलिखितपदानां संस्कृतस्य लघुन्नाक्येषु प्रयोगं कुरुत।
उत्तर
(क)
धनम् – धनं दानाय भवति।
(ख) सत्यम् – सत्यं वद। (UPBoardSolutions.com)
(ग) लोभः – लोभः पापस्य कारणं भवति।
(घ) हृदयं – हृदयं सदयां भवेत्।

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• नोट – विद्यार्थी स्मरणीयम् ‘किम कर्तव्यम्’ स्वयं करें।

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UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 13 Viroabhimanyu Question Answer

Class 8 Sanskrit Chapter 13 UP Board Solutions वीरोऽभिमन्युः Question Answer

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 13 हिंदी अनुवाद वीरोऽभिमन्युः के प्रश्न उत्तर यूपी बोर्ड

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वीरोऽभिमन्युः

शब्दार्थाः-अष्टादशदिनानि यावत् = अठारह दिनों तक, पञ्चदशे दिवसे = पन्द्रहवें दिन, मातुलः = मामा, प्रार्थितवान् = प्रार्थना की, नीतवन्तः = ले गए, मत्वा = मानकर, अजानात् = जानते थे, तदानीम् = उस समय, पितृष्वसुः पतिः = पिता की बहन के पति, सम्मिल्य = मिलकर, नि:शस्त्रम् = शस्त्ररहित।

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महाभारतस्य …………………………………………………. गदायुद्धम् अभवत्।
हिन्दी अनुवाद-महाभारत का युद्ध अट्ठारह दिनों तक चला। आरम्भ में कौरव पक्ष में पितामह भीष्म सेनापति थे। उन्होंने दस दिन तक युद्ध किया। तब ग्यारहवें दिन द्रोणाचार्य सेनापति हुए। वह पाँच दिनों तक (UPBoardSolutions.com) सेनापति बने रहे। पन्द्रहवें दिन ये वीरगति को प्राप्त हुए। इसके बाद दो दिनों तक कर्ण सेनापति हुए। इनकी वीरगति होने पर आधे दिन शल्य मामा ने युद्ध किया। शेष आधे दिन में भीम और दुर्योधन का गदा युद्ध हुआ।

अस्य ऐतिहासिकस्य………………………………………… न अजानात्।
हिन्दी अनुवाद-इस ऐतिहासिक महायुद्ध के तेरहवें दिन जब द्रोणाचार्य कौरव के सेनापति थे, तब दुर्योधन ने अपनी विजय के लिए बहुत अधिक प्रार्थना की। द्रोणाचार्य ने कहा, “यदि अर्जुन किसी कारण से युद्ध में शामिल न हो, तो निश्चय ही तुम्हारी जीत होगी, ऐसा सुनकर दुर्योधन पक्ष का संशप्तक नामक वीरवर अर्जुन को युद्ध के लिए बुलाकर कहीं दूर ले गया। यही अवसर है, ऐसा.सोचकर द्रोणाचार्य ने । चक्रव्यूह की रचना की, जिसका भेद अर्जुन के अलावा पाण्डव में कोई नहीं जानता था।

महाराजो…………………………………. अमरः अभवत् ।
हिन्दी अनुवाद-महाराज युधिष्ठिर अत्यन्त दुखी हुए। उसी समय अर्जुन पुत्र अभिमन्यु युद्धक्षेत्र में गया। वह चक्रव्यूह भेदन विधि जानता था, किन्तु चक्रव्यूह के द्वार पर उसके पिता की बहन के पति (फूफा) सिन्धुराज जयद्रथ ने युधिष्ठिर, भीम, नकुल, सहदेव को रोक दिया। अभिमन्यु ने अकेले ही चक्रव्यूह के बीच घुसकर, अत्यन्त पराक्रम से युद्ध करके (UPBoardSolutions.com) बहुत से वीरों को मार दिया। अन्त में द्रोण, कृपाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, बृहदर्बल, कृतवर्मा आदि सात योद्धाओं ने मिलकर अकेले (अभिमन्यु) को निःशस्त्र कर मार दिया। हा! धिक्कार! अभिमन्यु वीरगति पाकर अमर हो गया।

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अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत-
उत्तर
नेट-विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) कौरवपक्षे कः प्रथमं सेनापतिः अभवत्?
उत्तर
भीष्मः।

(ख) द्रोणाचार्यः कति दिनानि सेनापतिः आसीत्?
उत्तर
पञ्च।

(ग) एकादशे दिवसे कः सेनापतिः अभवत्?
उत्तर
द्रोणाचार्यः।

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(घ) अर्जुनं विहाय चक्रव्यूह-भेदन-विधिं कः अजानात्?
उत्तर
अभिमन्युः।

प्रश्न 3.
एकवाक्येन उत्तरत
(क) महाभारतस्य युद्धं कति दिनानि यावत् प्राचलत्?
उत्तर
महाभारतस्य युधं अष्टादश दिनानि यावत् प्राचलत्।

(ख) त्रयोदशे दिने कः सेनापतिः आसीत्? ।
उत्तर
त्रयोदशे दिने द्रोणाचार्यः सेनापतिः आसीत्।

(ग) द्रोणाचार्यः विजयाय किं रचितवान्?
उत्तर
द्रोणाचार्यः विजयाय चक्रव्यूहम् रचितवान्।

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(घ) चक्रव्यूहद्वारे पाण्डवान् कः अवरुद्धवान्?
उत्तर
चक्रव्यूहद्वारे पाण्डवान् जयद्रथः अवरुद्धवान्।

प्रश्न 4.
अधोलिखित-पदानां विभक्ति-वचनं लिखत-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 13 वीरोऽभिमन्यु img-1

प्रश्न 5.
अधोलिखितपदानि समानार्थकैः पदैः सह योजयत (जोड़कर)
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 13 वीरोऽभिमन्यु img-2

प्रश्न 6.
अधोलिखितवाक्यानि संशोधयत (शुद्ध करके)-
उत्तर
(क) द्रोणाचार्यः सेनापतिः आसीत्।
(ख) सः पञ्चदिनानि सेनापतिः आसीत्।
(ग) ती वीरगतिं (UPBoardSolutions.com) प्राप्तवन्तो।
(घ) दुर्योधनः स्वविजयः द्रोणाचार्य प्रार्थितवान्।
(ङ) अभिमन्युः वीरगतिं लब्धवान्।

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प्रश्न 7.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) वीर अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र थाः ।
उत्तर
अनुवाद-वीरः अभिमन्युः अर्जुनस्य पुत्रः आसीत्।

(ख) वह अकेले सात महारथियों से लड़ा।
उत्तर
अनुवाद-स: एकाकी सप्तै: महारथिभिः युद्धं कृतवान्।

(ग) जयद्रथ ने अन्याय में अभिमन्यु का वध किया था।
उत्तर
अनुवाद-जयद्रथः अन्यायन् अभिमन्युं हतवान्।।

(घ) अतः अर्जुन ने जयद्रथ के वध की प्रतिज्ञा की।
उत्तर
अनुवाद-अत: अर्जुनजयद्रथं हन्तुं प्रतिज्ञाम् अकरोत्।।

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• नोट – विद्यार्थी ‘स्मरणीयम् और शिक्षण-संकेत’ स्वयं करें।

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