UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 12 Priyam Bharatam Question Answer

Class 8 Sanskrit Chapter 12 UP Board Solutions प्रियं भारतम् Question Answer

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 12 हिंदी अनुवाद प्रियं भारतम् के प्रश्न उत्तर यूपी बोर्ड

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प्रियं भारतम्

शब्दार्थाः-सुरम्यम् = सुन्दर, रमणीय, प्रकामम् = अत्यन्त, ललामम् = सुन्दर, निकामम् = अत्यधिक, सरितारहारैः = नदी रूपी उज्ज्वल हारों से, हिमाद्रि = हिमालय-हिम का आद्रि (पर्वत), ललाटे = भार पर, पदे = पद तल में, सिन्धुः = समुद्र, सर्वथा = हर तरह से, दर्शनीयम् = देखने योग्य, निधानम् = भण्डार, धरायाम् = पृथ्वी पर, शुभ्रम् = उज्ज्वल, अनेके = बहुत से, नमामः = (हम) प्रणाम करते हैं, तदर्थम् = उसके लिए।

प्रकृत्या ……………………………………. दर्शनीयम् ॥1॥
हिन्दी अनुवाद-प्रकृति ने हमारे प्रिय भारत को सुन्दर और विशाल बनाया है। यह नदी रूपी उज्ज्वल हारों से सुशोभित है। हमारा प्रिय भारत, जिसके माथे पर हिमालय और पैरों में (UPBoardSolutions.com) समुद्र है, हमेशा दर्शन करने योग्य है।

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धनानां निधानं………………………………. पूजनीयम् ॥2॥
हिंन्दी अनुवाद-हमारा प्रिय भारत धन का खजाना और पृथ्वी पर प्रधान देश है। यह भारत (स्वर्ग) देवलोक के समान है। इसका स्वच्छ उज्ज्वल यश संसार में गाया जाता है। प्रिय भारत सदा पूजा करने योग्य है।

अनेके प्रदेशाः ………………………………………… रक्षणीयम् ॥3॥
शब्दार्थाः अनेके = बहुत से।
हिन्दी अनुवाद-हमारे इस प्रिय भारत में अनेक प्रदेश (राज्य) और अनेक वेश (वेशभूषा) हैं, अनेक रूप हैं और लोगों की अनेक भाषाएँ हैं, परन्तु फिर भी सब एक रूप में भारतीय हैं। हमारा प्रिय भारत हमेशा रक्षा किए जाने योग्य है।

वयं भारतीयाः …………………………………. सदा वन्दनीयम् ॥4॥
हिन्दी अनुवाद-हम सब भारतीय अपने भारत को नमस्कार करते हैं। हम इस एक परम धर्म को मानने वाले हैं। इसके लिए हम अपना धन और जीवन अर्पित करते हैं। हमारा प्रिय, भारत हमेशा (UPBoardSolutions.com) वन्दना करने योग्य है।

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अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारण कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
उत्तर
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) भरतस्य ललाटे, किमस्ति?
उत्तर
हिमाद्रिः।

(ख) कस्य शुभ्रं यशः विदेशेषु गीतम् अस्ति?
उत्तर
भारतस्य।

(ग) भारते कियन्तः वेषाः सन्ति?
उत्तर
अनेके।

(घ) वयं भारतीयः कं नमामः?
उत्तर
स्वदेशं।

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प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) भारते कियन्तः प्रदेशाः किंयत्यश्च भाषाः सन्ति?
उत्तर
भारते अनेके प्रदेशाः अनेकानि भाषाः सन्ति।

(ख) इदं भारतं कस्य निधानं केन च तुल्यम्?
उत्तर
इदं भारतं धनानां निधानं देवलोकेन च तुल्यम्।

(ग) वयं भारतीयाः किं किम् अर्पयामः?
उत्तर
वयं भारतीयाः धनं-जीवनं अर्पयामः।

(घ) वयं सदा कं धर्मं मानयामः?
उत्तर
वयं सदा परं धर्म मानयामः।।

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प्रश्न 4.
संस्कृते अनुवादं कुरुत
(क) प्रिय भारत सर्वथा दर्शनीय है।
उत्तर
अनुवादप्रियं भारतं सर्वथा दर्शनीयम्।

(ख) भारत देवलोक के समान है।
उत्तर
अनुवाद-भारतं देवलोकेन तुल्यम्।

(ग) इसमें बहुत से प्रदेश हैं।
उत्तर
अनुवाद-अस्मिन् अनेके प्रदेशाः सन्ति।

(घ) हम भारतीय अपने देश को प्रणाम करते हैं।
उत्तर
अनुवाद-वयं भारतीयाः स्वदेशं नमामः।

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प्रश्न 5
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूरा करके)-
उत्तर
(क) प्रियं भारतं सर्वथा दर्शनीयम्।
(ख) इदं भारतं देवलोकेन तुल्यम्।
(ग) अनेकानि रूपाणि, भाषा अनेकाः।
(घ) वयं भारतीयाः स्वदेशम् नमामः।
(ङ) तदर्थं धनं जीवनं च अर्पयामः।

प्रश्न 6.
विशेष्यैः सह यथायोग्यं विशेषणानि योजयत (जोड़कर)-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 12 प्रियं भारतम् img-1

प्रश्न 7.
अनीयर् (अनीय) प्रत्ययं योजयित्वा पदानि लिखत ( लिखकर)-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 12 प्रियं भारतम् img-2

• नोट – विद्यार्थी शिक्षण-सङ्केत’ स्वयं करें। त्रयोदशः पाठः

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UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 4 Vardhamana Mahavira Question Answer

Class 8 Sanskrit Chapter 4 UP Board Solutions वर्धमानः महावीर Question Answer

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 4 हिंदी अनुवाद वर्धमानः महावीर के प्रश्न उत्तर यूपी बोर्ड

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वर्धमानः महावीर

शब्दार्थाः– अन्यतमः = बहुतों से एक/सर्वश्रेष्ठ, शैशवात् = बचपने से, सदाचारसम्पन्नः = सदाचार से युक्त, अजायते = उत्पन्न हुई (जन् धातु, लङ्लकार, प्रथम पुरुष, एक वचन), वर्गभेदः = ऊँच-नीच का भाव, विकलतायाः = व्याकुलता के, दिवङ्गते = मरने पर, शोकोद्विग्नम् = शोक से सन्तप्त, बेचैन, तदानीम् = उस समय, प्रवृत्तः = लग गए, संनियम्य = नियन्त्रित करके, त्रयोविंशतिः = तेईस, चतुर्विशः = चौबीसवें, कैवल्यम् = मोक्ष, प्राणवन्तः = सजीव, प्रस्तरादिषु = पत्थर आदि में, त्रिरत्नोपासनया = त्रिरत्नों के पालन से, अस्तेयम् (न + स्तेयम्) = चोरी न करना, अपरिग्रहः = अपने पास कुछ न रखना, द्विसप्ततिवर्षवयसि = बहत्तर वर्ष की उम्र में, रुग्णः = रोगी।

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भारतवर्षे प्रचलितेषु ………………………………………………………. आसीत् ।।1।।
हिन्दी अनुवाद-भारत में प्रचलित धर्म सम्प्रदायों में जैनधर्म का महत्त्व बहुत है। वर्धमान महावीर जैन धर्म के अन्यतम श्रेष्ठ महापुरुष थे। इनका जन्म ईसा पूर्व 599 को वैशाली नगर के कुण्डग्राम में हुआ था। बाल्यकाल में इनका नाम वर्धमान था। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशला था। ये जन्म से ही बुद्धिमान, सदाचारसम्पन्न और विचारशील थे। इनका विवाह यशोदा नामक राजकुमारी के साथ हुआ। इनके एक पुत्री प्रियदर्शिनी उत्पन्न हुई। वर्धमान बाल्यकाल से ही विरक्त थे। समाज में प्रचलित आडम्बर, वर्णभेद और जीवहिंसा इनके हृदय में परेशानी के कारण थे। पिता के मरने पर इनका मन शोक से उद्विग्न हो (UPBoardSolutions.com) गया। मोह और माया को छोड़ इन्होंने अपने भाई से आज्ञा लेकर संन्यास ग्रहण कर लिया। उस समय इनकी अवस्था तीस वर्ष की थी। कठिन तपस्या से ये सत्य और शान्ति की खोज में लग गए। बारह वर्ष तक तप करके इन्होंने ज्ञान प्राप्त किया। तप से ये इन्द्रियों को जीतकर महावीर या जिन हो गए। जैन मत के अनुसार वर्धमान महावीर से पहले तेईस तीर्थंकर थे। महावीर जैनधर्म के चौबीसवें एवं आखिरी तीर्थंकर थे।

ज्ञानप्राप्तेः ……………………………………. प्राप्तः ॥2॥
हिन्दी अनुवाद-ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात् महावीर ने तीस वर्ष तक जैनधर्म को बहुत उत्साह से प्रचार किया। धीरे-धीरे भारत के प्रायः सब राज्यों में जैन धर्म का अच्छी तरह प्रचार हुआ। इनके द्वारा दिखाई गए मार्ग पर चलने से लोग मोक्ष प्राप्त करने में समर्थ होते हैं। इनके मत के अनुसार न केवल मनुष्य, पशु, पक्षी व प्राणी; बल्कि वृक्ष और पत्थर आदि में प्राण होते हैं। महावीर के उपदेश के अनुसार सम्यक् दर्शन सम्यक् ज्ञान और सम्यक् चरित्र ऐसे त्रिरत्न की उपासना से लोग मोक्ष प्राप्त (UPBoardSolutions.com) करते हैं। शुद्ध आचरण के लिए पाँच महाव्रतों- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह विधान किया गया। साधारण लोगों के अलावा बिम्बमार, अजातशत्रु आदि राजा भी इनके उपदेशों से प्रभावित हुए। इनके द्वारा उपदेशित मार्ग के आधारभूत सिद्धांत थे-सत्य और अहिंसा।।

बहत्तर वर्ष की अवस्था में महावीर पाटलिपुत्र के समीप पावापुरी स्थान पर रोगग्रस्त हुए और मोक्ष को प्राप्त हो गए।

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अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारण कुरुते पुस्तिकायां च लिखत
उत्तर
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) वर्धमानमहावीरस्य पितुः नाम किम् आसीतु?
उत्तर
सिद्धार्थः।

(ख) वर्धमानमहावीरस्य मातुः नाम किम् आसीत्?
उत्तर
त्रिशला।।

(ग) जैनधर्मानुसारेण त्रिरत्नोपासनया जनाः किं लभन्ते?
उत्तर
मोक्षं।।

(घ) जैनधर्मस्य अन्तिमः तीर्थङ्करः कः आसीत्?
उत्तर
वर्धमानः महावीरः।

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प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) महावीरः कति वर्षाणि यावत् जैनधर्मस्य प्रचारम् अकरोत्?
उत्तर
महावीरः त्रिंशत् वर्षाणि यावत् जैनधर्मस्य प्रचारम् अकरोत्।

(ख) महावीरस्य जन्म कत्र अभवन?
उत्तर
महावीरस्य जन्म वैशाली नगग्य कुण्डग्रामे अभवत्।

(ग) महावीरस्य पुत्र्याः नाम किम् आसीत्?
उत्तर
महावीरस्य पुत्र्याः नाम प्रियदर्शिनी आसीत्।

(घ) जैनमतानुसारेण महावीरात् पूर्व कति तीर्थङ्कराः अभवन्?
उत्तर
जैनमतानुसारेण महावीरात् पूर्व त्रयोविंशति तीर्थङ्कराः अभवन्।

प्रश्न 4.
प्रश्नानामुलराणि लिखत
(क) कानि पञ्चमहाव्रतानि सन्ति?
उत्तर
सत्य-अहिंसा-अस्तेय-ब्रह्मचर्य-अपरिग्रह।

(ख) त्रिरत्नानि कानि सन्ति?
उत्तर
सम्यक्-दर्शनम्, सम्यक्-ज्ञानम्, सम्यक्-चरित्रम्।

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(ग) महावीरस्य उपदेशैः के के प्रभाविताः अभवन्?
उत्तर
साधारणजनैः सह बिम्बसार-अजातशत्रुप्रभृतयो राजानः अपि महावीरस्य उपदेशैः प्रभावितः अभवन्।

(घ) महावीरस्य मनसः विकलतायाः कानि कारणानि आसन्?
उत्तर
समाज प्रचलितः आडम्बर:, वगभद:. जीवहिंसा च तस्य मनस: विकलतायाः कारणानि आसन्।

प्रश्न 5.
मजूषातः क्रियापदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूरा करके)-
उत्तर
(क) महावीरः जैनधर्मस्य श्रेष्ठः महापुरुषः आसीत्।
(ख) महावीरस्य जन्म वैशालीनगरस्य कुण्डग्रामे अभवत्।।
(ग) जैनधर्मस्य प्रचारं (UPBoardSolutions.com) महावीरः उत्साहेन अकरोत्।।
(घ) त्रिंशद्वर्षवयसि मोहमायां परित्यज्य महावीरः संन्यासं गृहीतवान्।।

प्रश्न 6.
अधोलिखित-पदेषु सन्धि-विच्छेदं कुरुत (सन्धि-विच्छेद करके)–
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 4 वर्धमानः महावीर img-1

प्रश्न 7.
हिन्दीभाषायाम् अनुवादं कुरुत ( अनुवाद करके)
(क) महावीरः जैनधर्मस्य अन्यतमः श्रेष्ठो महापुरुषः आसीत्।
उत्तर
अनुवाद-महावीर जैन धर्म के अन्यतम श्रेष्ठ महापुरुष थे।

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(ख) बाल्यकाले तस्य नाम वर्धमान इत्यासीत्।
उत्तर
अनुवाद-बचपन में उनका नाम वर्धमान था।

(ग) वर्धमानः बाल्यकालादेव विरक्त आसीत्।
उत्तर
अनुवाद-वर्धमान बचपन से ही विरक्त थे।

(घ) स इन्द्रियाणि सन्नियम्य जिनोऽभवत्।
उत्तर
अनुवाद-वे इन्द्रियाँ वश में करके ‘जिन’ बन गए।

प्रश्न 8.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) वर्धमान महावीर जैनधर्म के चौबीसवें तीर्थंकर थे।
उत्तर
अनुवाद-वर्धमानः महावीरः जैन धर्मस्य चतुर्विंशः तीर्थङ्करः आसीत्।

(ख) महावीर की माता का नाम त्रिशला था।
उत्तर
अनुवाद-महावीरस्य मातुः नाम त्रिशला आसीत्।

(ग) पत्थर में भी प्राण है।
उत्तर
अनुवाद-प्रस्तरेषु अपि प्राणाः सन्ति।।

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(घ) उस समय वे तीस वर्ष के थे।
उत्तर
अनुवादे-तस्मिन् समये सः त्रिंशद्वर्षवयस्क आसीत्।

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UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 19 Sanganak Asmi Question Answer

Class 8 Sanskrit Chapter 19 UP Board Solutions संगणकः अस्मि Question Answer

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 19 हिंदी अनुवाद संगणकः अस्मि के प्रश्न उत्तर यूपी बोर्ड

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संगणकः अस्मि

हिन्दी अनुवाद-

कम्प्यूटर- छात्रों!
छात्र- (सुनकर) अरे! किसका स्वर है?
कम्प्यूटर- हे बालकों! मैं यहाँ हूँ।
छात्र- (देखने के लिए और पास में जाकर) तुम्हारा नाम क्या है?
कम्प्यूटर- मेरा नाम कम्प्यूटर है। मैं घर-घर में (प्रत्येक घर में) रहता हूँ। क्या (तुम) नहीं जानते हो?
एक छात्र- नहीं, तुम यहाँ विद्यालय में रहते हो मेरे घर में तो नहीं रहते हो?
कम्प्यूटर- हाँ! इस समय तुम्हारे घर में नहीं रहता हूँ। जब मेरे साथ तुम्हारा परिचय हो जायेगा, तब तुम्हारे घर में भी रहूँगा।
एक छात्र- सच कह रहे हो। परिचय के बिना घर में प्रवेश नहीं हो सकता। हे कम्प्यूटर! तुम्हारा पूरा परिचय क्या है?
सब छात्र- तुम्हारा परिचय क्या है? तुम्हारा परिचय क्या है? छात्र शोर करते हैं।
कम्प्यूटर- हे छात्रों! शोर मत करो। सुनो। तुम (UPBoardSolutions.com) सब ध्यान देकर और चुप होकर सुनना चाहते हो।
(सब छात्र चुप बैठ जाते हैं।) ।
छात्र- श्रीमान् कम्प्यूटर महोदय! हम ध्यान से सुनेंगे।
कम्प्यूटर- सूचनाओं का संग्रह, उनकी व्यवस्था दोबारा शीघ्रता से प्रदान करना ही मेरा कार्य है। अतः सब जगह मैं हूँ। मैं विद्यालय के परीक्षा-कार्य में, अंक-पत्र निर्माण में और प्रमाणपत्र निर्माण में योगदान करने में समर्थ हूँ। मैं इन्टरनेट के माध्यम से सूचनाओं की वर्षा करता हूँ।।
छात्र  कम्प्यूटर! इन्टरनेट के माध्यम से क्या होता है?
कम्प्यूटर- इन्टरनेट के माध्यम से विश्व (सारा संसार) एक घर होता है (बन जाता है)। घर में ही (रहकर) रेलयान के, वायुयान के आरक्षण (सीट बुक करना), वस्तुओं के क्रय-विक्रय, ईमेल द्वारा संदेश (UPBoardSolutions.com) भेजना, वेबकैम द्वारा शब्द सहित चित्र तथा सन्देश भेजना (सब) हो जाता है। अरे बालकों। क्या-क्या नहीं होता है? क्षण भर में सूचना
आ जाती है और भेज दी जाती है।
छात्र  अहो, अद्भुत! यह इन्टरनेट व्यवस्था। (बालक कम्प्यूटर के चारों ओर घूमते हैं और गाते हैं)

“तुम कम्प्यूटर हो। तुम कम्प्यूटर हो। निश्चय ही तुम्हारा अच्छी तरह विकास हो। जहाँ, तहाँ, सब जगह दिखाई देते हो। दिन-रात तुम्हारा खेल (क्रीड़ा) हो।

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अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत
उत्तर
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) काः कोलाहलं कुर्वन्ति?
उत्तर
छात्राः।।

(ख) परिचयं बिना कुत्र प्रवेशः न भवति?
उत्तर
गृहे।

(ग) कः सर्वत्र अस्ति?
उत्तर
संगणकः।

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(घ) केन माध्यमेन विश्वम् एकनीडं भवति?
उत्तर
अन्तर्जालमाध्यमेन।

प्रश्न 3.
शुद्धं रूपं लिखत ( लिखकर)
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 19 संगणकः अस्मि q3

प्रश्न 4.
दत्तेन शब्देन वाक्यानि पूरयत ( करके)-
उत्तर
(क) तव नाम किम् अस्ति?
(ख) अये! कस्य स्वर:?
(ग) त्वं कुत्र निवससि?
(घ) कः कोऽत्र भोः?

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प्रश्न 5.
विलोमानां परस्परं मेलनं कुरुत (करके)-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 19 संगणकः अस्मि q5

प्रश्न 6.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) मैं विद्यालय में रहता हूँ।
उत्तर
अनुवाद – अहं विद्यालये निवसामि।

(ख) चुप होकर ध्यान से सुनो।
उत्तर
अनुवाद – तूष्णीं भूत्वा ध्यानेन शृणुत।

(ग) प्रमाण-पत्र में योगदान करता है।
उत्तर
अनुवाद – प्रमाण-पत्रे योगदानं करोति।।

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प्रश्न 7.
संगणकः इति विषये निबंध लिखत।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करे।।

• नोट – विद्यार्थी ‘स्मरणीयम् और शिक्षण-सङ्केत’ स्वयं करें।

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UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 3 Asmakam Parvani Question Answer

Class 8 Sanskrit Chapter 3 UP Board Solutions अस्माकम् पर्वाणि Question Answer

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 3 हिंदी अनुवाद अस्माकम् पर्वाणि के प्रश्न उत्तर यूपी बोर्ड

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अस्माकम् पर्वाणि

शब्दार्थाः-संघटते = पड़ता है, अमुष्मिन् दिने = इस दिन, चतुर्दशवर्षमितम् = चौदह वर्ष पर्यंत, प्रत्यागच्छत् = वापस आए, तदा प्रभृति इदम् = तभी से यह, याचामहे = माँगते हैं, वीथीषु = मार्गों में, आपणेषु = दुकानों में, चाकचिक्यम् = चकाचौंध, नयन्ति = ले जाते हैं, नत्वा = झुका करे,

परमकारुणिकः = अत्यन्त दयावान्, अजायत् = जन्म लिये। नामधेयेषु = नामक, उपहारान् = भेंट सामग्रियों को, प्रयच्छति = देता है, उपवासं कुर्वन्ति = उपवास करते हैं (रोजा), सुपरिचितेभ्यः = परिचित लोगों के द्वारा, वर्धापयन्ति = बधाई देते है, मनोहराणि नवानि = सुन्दर और नये।

दीपावली …………………………………………… इत्यादयः॥
हिन्दी अनुवाद-दीपावली प्रकाश का महोत्सव है। यह महोत्सव कार्तिक की अमावस्या को होता है। इस दिन भगवान रामचन्द्र चौदह वर्ष के वनवास को पूरा करके रावण-वध के बाद अयोध्या लौटे थे। यह उत्सव तभी से प्रचलित है। इस महोत्सव में रात्रि में लक्ष्मीपूजन होता है। उसमें देवी से हम सब धन-धान्य आदि की याचना करते हैं। सब लोग (UPBoardSolutions.com) अपने-अपने घर को दीपमालाओं से सजाते हैं। शाम को हम मार्गों, दुकानों और घरों में सर्वत्र दीपकों का प्रकाश देखते हैं। अहा! प्रत्येक भवन में बिजली के बल्बों की कैसी चकाचौंध है!

उत्सवों में दीपावली प्रमुख उत्सव होता है। हमारे देश में दूसरे उत्सव भी हैं। रक्षाबन्धन, विजयादशमी (दशहरा), होलिकोत्सव इत्यादि।

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कार्तिकमासस्यैव …………………………………………. अप्यायोजयन्ति। 2।
हिन्दी अनुवाद-कार्तिक मास की पूर्णिमा को ही गुरुनानक देव की जयन्ती होती है। इस तिथि को ही गुरुनानक देव का जन्म हुआ था। सिख धर्मावलम्बी लोग इस दिन विशेष रूप में उत्सव का आयोजन करते हैं। उनके साथ उनके इष्ट मित्र भी इस पर्व को मनाते हैं। वे सब गुरुद्वारे में परिवार के लोगों को ले जाते हैं। वहाँ सिर झुकाकर नमस्कार करके वे ‘गुरु ग्रन्थ साहब’ नाम के अपने धर्मग्रन्थ को सुनते हैं और मित्र के साथ आपस में बातचीत करते हैं तथा आनन्द लेते हैं। इस पर्व में सिख महानुभाव आए हुए लोगों को प्रसाद रूप में हलवा बाँटते हैं। भजन-कीर्तन आदि कार्यक्रम के साथ वे शोभायात्रा का भी आयोजन करते हैं।

ईसाईजनानां …………………………………….. आरोहति ॥3॥
हिन्दी अनुवाद-ईसाई लोगों का रमणीय पर्व क्रिसमस (बड़ा दिन) होता है। यह पर्व दिसम्बर मास की पच्चीस तारीख को होता है। इस दिन परम करुणामय ईसामसीह ने अपने जन्म से पृथ्वी को अलंकृत (UPBoardSolutions.com) किया था। लोग गिरजाघर नाम के ईसाई उपासना मन्दिर में प्रार्थना करते हैं और ईश्वर की कृपा प्राप्त करते हैं। घर-घर में क्रिसमस पेड़ का निर्माण होता है। सांताक्लॉज बच्चों को उपहार देता है। रात्रि में इस महोत्सव का अत्यन्त उन्नत स्वरूप होता है।

ईद-उल-फितर नामधेयं ……………………………………… कुर्वन्ति ।
हिन्दी अनुवाद-मुस्लिम समाज में ‘ईद-उल-फितर’ नाम का कल्याण करने वाला पर्व है। इसका आयोजन रमजान महीने की समाप्ति पर होता है। रमजान मास में मुसलमान लोग एक महीने तक दिन का उपवास करते हैं। केवल रात्रि में मिलकर खाते हैं। सम्बन्धियों और मित्रों के घर जाते हैं। आपस में प्रगति विषयक कामना करते हैं, परिचितों में अच्छी तरह मिठाइयाँ आदि बाँटते हैं, मनोहर नए वस्त्र धारण करते हैं। ईद उत्सव में वे अपने मित्रों और सम्बन्धियों से गले मिलते हैं।

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अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत –
उत्तर
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) दीपावली कस्य महोत्सवः अस्ति?
उत्तर
प्रकाशस्य।

(ख) कार्तिकमासस्य पूर्णिमायां तिथौ कस्य जयन्ती भवति?
उत्तर
गुरुनानक देवस्य।

(ग) सिक्खमहानुभावाः समागतेभ्यः जनेभ्यः प्रसादरूपेण किं वितरन्ति?
उत्तर
संयावं।

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(घ) ईसाईजनानां रमणीयं प्रमुख पर्व किमस्ति?
उत्तर
क्रिसमसः

(ङ) मुस्लिमसमाजस्य कः पर्व अस्ति?
उत्तर
ईद-उल फितर’।

प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) रामः अयोध्यां कदा प्रत्यागच्छत्?
उत्तर
रामः अयोध्या कार्तिक्याम् अमावस्याम् तिथौ प्रत्यागच्छत्।

(ख) गुरुनानकदेवस्य जन्म कदा अभवत्?
उत्तर
गुरुनानकदेवस्य जन्म कार्तिकमासस्यैव पूर्णिमायां तिथौ अभवत्।

(ग) जनाः ‘गिरिजाघर’ इति मन्दिरेषु किं कुर्वन्ति?
उत्तर
जनाः ‘गिरिजाघर’ इति मन्दिरेषु प्रार्थनां कुर्वन्ति।

(घ) रमजानमासे मुस्लिमजनाः किं कुर्वन्ति?
उत्तर
रमजान मासे मुस्लिम जनाः एकमासं दिवा उपसन्ति।

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प्रश्न 4.
रेखांकित-पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत (करके)
(क) दीपावली प्रकाशस्य उत्सवः अस्ति।
उत्तर
को प्रकाशस्य उत्सवः अस्ति।

(ख) दीपावली-महोत्सवे रात्री लक्ष्मीपूजनं भवति।
उत्तर
दीपावली-महोत्सवे रात्रौ किं भवति?

(ग) सिक्खधर्मावलम्बिनः गुरुग्रन्थसाहेब इति धर्मग्रन्थं शृण्वन्ति।
उत्तर
के गुरुग्रन्थसाहेब इति धर्मग्रन्थं शृण्वन्ति।

(घ) ईसाईजनानां रमणीयं पर्व क्रिसमसनामकम् अस्ति?
उत्तर
ईसाईजनानां रमणीयं पर्व किं नामकम् अस्ति?

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प्रश्न 5.
समासविग्रहं कुरुत (करके)
उत्तर
लक्षमीपूजनम्। = लक्ष्म्याः पूजनम्।
सिक्खधर्मः = सिक्खस्य धर्मः
ख्रीष्टोपासना = ख्रीष्ट उपासना
पीताम्बरम्। = पीत अम्बरम्।
चोरभयम् = चोरस्य भयम्

प्रश्न 6.
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूरा करके)-
उत्तर
(क) सिक्खधर्मावलम्बिनः परिवारजनान् गुरुद्वारम नयन्ति।
(ख) सान्ताक्लॉजः शिशुभ्यः उपहारान् प्रयच्छति।।
(ग) निशीथे असौ महोत्सवः पराकाष्ठाम् आरोहति।
(घ) रमजानमासे मुस्लिमजना: एकमासम् दिवा उपवसन्ति।

प्रश्न 7.
संस्कृते अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 3 अस्माकम् पर्वाणि img-1

अनुवाद-ईसाई जनाः क्रिसमस दिवसे गिरजाघर’ नाम धेयेषु ख्रीष्टोपासनामन्दिरेषु प्रार्थनां कुर्वन्ति।

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प्रश्न 8.
विचिन्त्य लिखत
(क) अस्माकं समाजे अन्ये के के उत्सवाः भवन्ति, तैः उत्सवैः समाजस्य कः लाभ? इति लिखत।
उत्तर
नोट-विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें। चतुर्थः पाठः

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UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 11 Rambhartyo Melanam Question Answer

Class 8 Sanskrit Chapter 11 UP Board Solutions रामभरतयोः मेलनम् Question Answer

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 11 हिंदी अनुवाद रामभरतयोः मेलनम् के प्रश्न उत्तर यूपी बोर्ड

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रामभरतयोः मेलनम्
(ततः प्रविशति भरतः स्थन सुमन्त्रः सूतश्च )

शब्दार्था:- मेलनम् = मिलन, निवेदयताम् = सूचित किया जाय, राज्यलुब्धायाः = राज्य का लोभी, स्वरसंयोगः = आवाज का संयोग, वलेदयति = आई या गीला करता है, बाढम् = बहुत अच्छा, उपेत्य = आकर, दयितः = प्रिय, भ्रातृवत्सल = भाई के प्रति स्नेह रखने वाला, संक्रान्तम् = प्रकिलित या प्रतिबिम्बिते, रूपम् = छवि/प्रतिबिम्ब, आदर्शः = दर्पण, तिष्ठति = स्थित है, अभिषेकोदकम् = अभिषेक हेतु जल, तिष्ठतु = रखा जाय (डाला जाय), मात्राऽभिहितम् = माता के लिए, प्रतिगृहीतुम = स्वीकार करने हेतु, पादोपभुक्ते = पैरों में पहना हुआ, पादुके = दोनों खड़ाऊँ, प्रयच्छ = दे दीजिए।

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भरत- हे तात!
सुमन्त्र- कुमार! यह हैं।
भरत- मेरे पूजनीय आर्य राम कहाँ हैं?
सुमन्त्र- कुमार! इसी आश्रम में राम, सीता और लक्ष्मण रहते हैं।
भरत- हे तात! सूचित किया जाए। सूचित किया जाए। सुमन्त्र- कुमार! क्या सूचित करना है?
भरत- राज्य लोभी कैकेयी का पुत्र भरत (UPBoardSolutions.com) आया है, यह।
राम- सब प्रकार से यह अपरिचत के स्वर का संयोग नहीं है, मेरे हृदय को आर्द्र कर रहा है। वत्स लक्ष्मण! देखो तो।।
लक्ष्मण- जो आज्ञा आर्य। (घूमता है) आओ, आओ इक्ष्वाकु कुमार स्वागत है।
भरत- अनुगृहीत हूँ।
लक्ष्मण- बहुत अच्छा। (पास आकर) आर्य की जय हो। “यह तुम्हारा प्रिय भाई ‘भरत’ भाई से स्नेह रखने वाला है, जिसमें तुम्हारी छवि दर्पण की भाँति प्रतिबिम्बित रहती है।”
सीता- आर्यपुत्र! क्या भरत आ गया है?
राम- सत्कृत्य कुमार को शीघ्र प्रवेश कराया जाए। सीता (उसे लेने के लिए) स्वयं जाएँ।
सीता- जो आर्यपुत्र की आज्ञा। (जो आर्यपुत्र आज्ञा देते हैं।) (उठकर घूमती है।)
भरत- आर्या! मैं, भरत अभिवादन करता हूँ।
सीता- चिरकाल तक जीवित रहो। आओ वत्स, भाई का मनोरथ पूरा करो।
भरत- (राम के पास जाकर) आर्य! मैं, भरत अभिवादन करता हूँ।
राम- (खुशी से) कल्याण हो! आयुष्मान हो! दोनों विशाल भुजाओं से मुझे आलिंगन करो।
भरत- अनुगृहीत हूँ। आर्य कृपा करें।
सुमत्र- इसके पश्चात् अभिषेक का जल (UPBoardSolutions.com) कहाँ रखा जाये?
राम- जहाँ मेरी माता के द्वारा कहा गया है, वहीं पर रखा जाये।।
भरत- दुःख है। (माता के द्वारा) नहीं कहा गया। परन्तु मेरे हाथ में रखा हुआ आपका राज्य चौदह वर्ष के बाद मैं वापस देना (कि आप उसे वापस ग्रहण कर लो, ऐसा) चाहता हूँ।
राम- राम ऐसा हो।
भरत- आर्य! दूसरा भी वर (वरदान) चाहता हूँ।
राम- वत्स! क्या चाहते हो? मैं क्या देता हूँ?
भरत- पैरों में पहनी हुई आपकी ये (दो) खड़ाऊँ मुझे दे दीजिए।
राम- ऐसा हो! वत्स! गृहण करो।

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारण कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
उत्तर
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) रामः सीता लक्ष्मणश्च कुतः स्थिताः आसन्?
उत्तर
आश्रमे।

(ख) पितुः नियोगात् कः वनम् आगतः?
उत्तर
भरतः।

(ग) अन्यमपि वरं कः इष्टवान?
उत्तर
भरतः।

(घ) पादोपभुक्तौ चरणपादुकौ कः अयावत?
उत्तर
भरतः।

प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) भोः तात! निवेद्यतां निवेद्यतां कः उक्तावन्?
उत्तर
भोः तात! निवेद्यतां निवेद्यतां भरतः उक्तावन।

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(ख) भरतः कस्याः पुत्रः आसीत्?
उत्तर
भरतः कैकेय्याः पुत्रेः आसीत्।।

(ग) लक्ष्मणेन भरतस्य स्वागताय अकथयत्?
उत्तर
लक्ष्मणेन भरतस्य स्वागताय अकथयत् एहि एहि इक्ष्वाकु कुमार! स्वागतम्।

(घ) सीतायाः भरतं प्रति कः आशीषः आसीत्?
उत्तर
सीतायाः भरतं प्रति आशीषः आसीत्-‘चिरंजीव!”

प्रश्न 4.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) दूसरा वर भी प्राप्त करना चाहता हूँ।
उत्तर
अनुवाद-अन्यमपि वरं इच्छामि।

(ख) राम सीता व लक्ष्मण इस आश्रम में रखते हैं।
उत्तर
अनुवाद-रामः सीता लक्ष्मणश्च एतास्मिन्।

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(ग) भरत आ गये।
उत्तर
अनुवाद-भरतः आगतः।।

(घ) मैं अनुगृहीत हुआ।
उत्तर
अनुवाद-अहं अनुगृहीतोऽस्मि।

प्रश्न 5.
अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(क) आश्रमे एव रामः सीता लक्ष्मणश्च स्थिताः।
उत्तर
रामः सीता लक्ष्मणश्च कुत्र स्थिताः?

(ख) एहि वत्स भ्रातृमनोरथं पूरय।
उत्तर
एहि वत्स कि पूरय?

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(ग) अन्यमपि वरम् इचछामि।
उत्तर
अन्यमपि किम् इच्छामि?

(घ) तव पादके प्रणताय में प्रयच्छ।
उत्तर
तव के प्रणताय में प्रयच्छ?

प्रश्न 6.
अधोलिखितपदेषु सन्धिं कृत्वा लिखत (लिखकर)-
उत्तर
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प्रश्न 7.
अधोलिखितानि पदानि प्रयुज्य वाक्यरचनां कुरुत-
उत्तर
यथा- भरतः
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• नोट – विद्यार्थी शिक्षण-सङ्केत’ स्वयं करें।

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