UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 2 Is Matter Around us Pure

UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 2 Is Matter Around us Pure (क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं)

पाठ्य – पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 16)

प्रश्न 1.
पदार्थ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
पदार्थ वह है जिसमें उपस्थित सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के होते हैं।

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प्रश्न 2.
समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अन्तर बताएँ।
उत्तर-
समांगी मिश्रण – समांगी मिश्रण वह मिश्रण है जिनमें मिश्रित पदार्थों के अवयव समान रूप से मिले होते हैं, समांगी मिश्रण कहलाते हैं।
जैसे-नमक का विलयन, चीनी का विलयन।।
विषमांगी मिश्रण – विषमांगी मिश्रण वह मिश्रण है। जिनमें (UPBoardSolutions.com) मिश्रित पदार्थों के अवयव समान रूप से नहीं मिले होते विषमांगी मिश्रण कहलाते हैं।
जैसे- बालू और चीनी का मिश्रण।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 20)

प्रश्न 1.
उदाहरण के साथ समांगी एवं विषमांगी | मिश्रणों में विभेद कीजिए।
उत्तर-
समांगी प्रकृति – द्रव्य की वह स्थिति जिसमें सभी जगह गुण समरूप हों, समांगी प्रकृति कहलाती है। जैसे, चीनी का घोल सर्वत्र समान रूप से मीठा होता है।
अतः चीनी का घोल समांगी है।
विषमांगी प्रकृति – द्रव्य की स्थिति जिसमें एक अंश के गुण दूसरे से भिन्न हों, विषमांगी प्रकृति कहलाती है।
जैसे-मिट्टी युक्त पानी आदि।

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प्रश्न 2.
विलयन, निलंबन और कोलॉइड एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
विलयन, निलंबन और कोलॉइड में निम्न प्रकार से अन्तर स्पष्ट किया जा सकता है
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प्रश्न 3.
एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36 g सोडियम क्लोराइड को 100 g जल में 293 K पर घोला जाता है। इस तापमान पर इसकी सांद्रता प्राप्त करें।
उत्तर-
विलेय (सोडियम क्लोराइड) का द्रव्यमान = 36 g
विलायक (जल) का द्रव्यमान = 100 g
विलयन का द्रव्यमान = विलेय का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान = 36 g + 100 g = 136 g
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पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 26)

प्रश्न 1.
पेट्रोल और मिट्टी का तेल (kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक् करेंगे? पेट्रोल तथा मिट्टी का तेल के क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अन्तराल है।
उत्तर-
पेट्रोल और मिट्टी के तेल का पृथक्करण प्रभाजी आसवन विधि द्वारा किया जाता है। दोनों के मिश्रण को प्रभाजी आसवन स्तम्भ में ले जाते हैं फिर ताप को घटाकर उसे ठंडा कर (UPBoardSolutions.com) संपीडित किया जाता है जहाँ वाष्प अपने-अपने क्वथनांक के अनुसार पृथक् हो जाती है।

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प्रश्न 2.
पृथक् करने की सामान्यविधियों के नाम
(i) दही से मक्खन
(ii) समुद्री जल से नमक
(iii) नमक से कपूर
उत्तर-
(i) दही से मक्खन अपकेन्द्रण द्वारा पृथक् किया जाता है।
(ii) जल से नमक वाष्पीकरण द्वारा पृथक् किया जाता है।
(iii) नमक से कपूर ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा पृथक् किया जाता है।

प्रश्न 3.
क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रण को पृथक् किया जा सकता है।
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण विधि से वे ठोस पदार्थ शुद्ध किये जा सकते हैं, जिनमें अन्य ठोस पदार्थ अशुद्धि के रूप में मौजूद होते हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 27)

प्रश्न 1.
निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें-
पेड़ों को काटना, मक्खन का एक बर्तन में (UPBoardSolutions.com) पिघलना, अलमारी में जंग लगना, जल का उबलकर वाष्प बनना, विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना, जल में साधारण नमक का घुलना, फलों से सलाद बनाना तथा लकड़ी और कागज का जलना।
उत्तर-
भौतिक परिवर्तन – पेड़ों को काटना, मक्खन का एक बर्तन में पिघलना, जल का उबलकर वाष्प बनना, जल में साधारण नमक का घुलना, फलों से सलाद बनाना।
रासायनिक परिवर्तन – अलमारी में जंग लगना, जल में विद्युतधारा का गुजरना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना, कागज और लकड़ी का जलना।

प्रश्न 2.
अपने आस-पास की चीजों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें।
उत्तर-
ऑक्सीजन, कॉपर, ऐल्युमिनियम आदि शुद्ध पदार्थ हैं तथा वायु, शर्बत, पीतल आदि मिश्रण हैं।

अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 30 – 33)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए आप किन विधियों को अपनाएँगे ?
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में।
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने में।
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन ऑयल से पृथक् करने में।
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए।
(e) जल से तेल निकालने के लिए।
(f) चाय से चाय की पत्तियों को पृथक करने में।
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में।
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक् करने में।
(i) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कण को पानी से अलग करने के लिए।
(j) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक् करने में।
उत्तर-
(a) वाष्पीकरण विधि
(b) ऊर्ध्वपातन प्रक्रम
(c) छानने की क्रिया,
(d) अपकेन्द्रीकरण,
(e) कीप-पृथक्करण,
(f) छानने की क्रिया,
(g) चुम्बकीय पृथक्करण,
(h) विनोइंग द्वारा,
(i) निथारने की क्रिया
(j) क्रोमेटोग्राफी प्रक्रम द्वारा।

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प्रश्न 2.
चाय तैयार करने के लिए आप किन-किन चरणों का प्रयोग करेंगे?
विलयन, विलायक, विलेय, घुलना, घुलनशील, अघुलनशील, घुलेय, (फिल्ट्रेट) तथा अवशेष शब्दों का प्रयोग करें।
उत्तर-
चाय बनाते समय हम निम्नलिखित चरणों का प्रयोग करेंगे–
चरण-1 : एक पतीली में थोड़ा पानी (विलायक) गर्म करें।
चरण-2 : एक केतली में थोड़ी चाय-पत्तियाँ (विलेय) डालें।
चरण-3 : उबलते पानी को केतली में डाल दें और पत्तियों को कुछ देर फूलने दें। यह एक विलयन में बदल जाएगा।
चरण-4 : एक कप में चीनी (विलेय) डालें । चरण-5 : विलयन को केतली में हिलाएँ।
चरण-6 : छलनी से छानकर विलयन को कप में डालें। दो छोटे चम्मच दूध डालें। चम्मच से मिलाएँ। अब चाय तैयार है। चाय की पत्तियाँ (अवशेष) छलनी में रह जाएँगी जबकि चाय (छना हुआ भाग) विलयन में घुल जाएगी। चीनी और दूध घुलनशील विलेय हैं जबकि चाय की पत्तियाँ अघुलनशील विलेय हैं।

प्रश्न 3.
प्रज्ञा ने तीन अलग-अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को विभिन्न तापमान पर जाँचा तथा नीचे दिए गए आँकड़ों को प्राप्त किया। प्राप्त हुए परिणामों को 100 g जल में विलेय पदार्थ की मात्रा, जो संतृप्त विलयन बनाने हेतु पर्याप्त है, निम्नलिखित तालिका में दर्शाया गया है
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(a) 50 g जल में 313 K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी ?
(b) प्रज्ञा 358 K पर पोटैशियम क्लोराइड को एक संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठंडा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठंडा होगा तो वह क्या अवलोकित करेगी ? स्पष्ट करें।
(c) 293 K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन करें। इस तापमान पर कौन-सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा?
(d) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
(a) तालिका के अनुसार, 313 K पर 100 gm जल में 62 gm पोटैशियम नाइट्रेट संतृप्त विलयन बनाने के लिए घोला है।
अतः 50 gm जल में इसका संतृप्त विलयन बनाने के लिए [latex]\frac { 50 x 62 }{ 100 }[/latex] = 31gm पोटैशियम नाइट्रेट घोलना पड़ेगा।
(b) जब पोटैशियम क्लोराइड के 353 K (80°C) पर संतृप्त घोल को कमरे के तापमान (293 K या 20°C) तक ठंडा किया गया तो उसकी विलेयता घट जाती है और इसके क्रिस्टल पात्र की तली पर इकट्ठा हो जायेंगे।
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(d) किसी भी पदार्थ की घुलनशीलता तापमान के बढ़ने से बढ़ जाती है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए
(a) संतृप्त विलयन
(b) शुद्ध पदार्थ
(c) कोलाइड
(d) निलम्बने।
उत्तर-
(a) संतृप्त विलयन – किसी दिए हुए तापमान पर जब उस द्रव में और अधिक विलेय पदार्थ न घुल सके उसे संतृप्त घोल कहते हैं।
उदाहरण- कक्ष ताप (20°C) पर 50 mL पानी एक बीकर में लो। अब इसमें सोडियम क्लोराइड (नमक) थोड़ा-थोड़ा करके डालो और घोल लो। ध्यान रहे कि नमक तली में न रहे। इसी प्रकार नमक डालो और हिलाओ। एक स्थिति ऐसी आ जाती है कि और पदार्थ (नमक) घुलना बन्द हो जाता है। यही कक्ष ताप पर संतृप्त विलयन है।
(b) शुद्ध पदार्थ – वे वस्तुएँ जिनका दिए गए तापमान पर रंग-रूप, संरचना, स्वाद व स्वभाव एक समान रहे और उसके हर भाग में संरचना समान हो और उसे सरल
भौतिक विधियों द्वारा और सरल पदार्थों में विभाजित न किया जा सके उसे शुद्ध पदार्थ कहते हैं।
एक शुद्ध पदार्थ या तो तत्त्व होगा या फिर यौगिक।
उदाहरण- सोना, चाँदी, सोडियम, पोटैशियम, कार्बन डाइऑक्साइड आदि शुद्ध पदार्थ हैं।
(c) कोलाइड – यह एक ऐसा विषमांगी मिश्रण है। जिसमें विलेय व विलायक दोनों के कण समान रूप से फैले होते हैं और अधिक देर तक रखने पर भी कण नीचे नहीं बैठते। क्योंकि इनका आकार 1 nm से 100 nm के बीच होता है। ये कोलाइडी कण परिक्षेपण माध्यम में से गुजरने वाले दृश्य प्रकाश का प्रकीर्णन कर देते हैं।
उदाहरण- दूध, स्याही, धुंध, रक्त आदि।
(d) निलम्बन – निलम्बन एक ऐसा विषमांगी मिश्रण है जिसमें विलायक में विलेय पदार्थ घुलता नहीं है और उसके कणों को नंगी आँखों से भी देखा जा सकता है। (UPBoardSolutions.com) इसके कणों का आकार 10-5 cm से भी ज्यादा होता है। अधिक देर बिना हिलाए रखने पर कण नीचे बैठ जाते हैं।
उदाहरण- जैसे-चॉक के पाउडर को पानी में विलयन।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत करें-सोडा जल, लकड़ी, बर्फ, वायु, मिट्टी, सिरका, छन्ति चाय।
उत्तर-
समांगी मिश्रण – सोडा जल, सिरका, छनित चाय, बर्फ।
विषमांगी मिश्रण – मिट्टी, लकड़ी।

प्रश्न 6.
आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है?
उत्तर-
रंगहीन तरल पदार्थ किसी भी भौतिक विधि द्वारा और अधिक सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता यदि इसे वाष्पित किया जाए तो शेष कुछ नहीं बचता इसलिए दिया गया तरल शुद्ध पदार्थ है।
दिए गए तरल का विद्युत विच्छेदन करने पर हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन आयतन के अनुसार 2 : 1 के अनुपात में प्राप्त होती है अतः दिया गया तरले जल है जो एक यौगिक है। दिया गया तरल वायुमण्डलीय दाब पर 373 K पर उबलने लगता है जो कि शुद्ध जल का क्वथनांक है अतः दिया गया तरल शुद्ध जल है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी वस्तुएँ शुद्ध पदार्थ हैं ?
(a) बर्फ
(b) दुध
(c) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(d) लोहा
(e) कैल्सियम ऑक्साइड
(f) पारा
(g) ईंट
(h) लकड़ी
(i) वायु।
उत्तर-
निम्न शुद्ध पदार्थ’ हैं-
(1) बर्फ
(2) लोहा
(3) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(4) कैल्सियम ऑक्साइड
(5) पारा

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प्रश्न 8.
निम्न मिश्रणों में से विलयन की पहचान करो
(a) मिट्टी
(b) समुद्री जल
(c) वायु
(d) कोयला
(e) सोडा जल।
उत्तर-
विलयन-
(1) समुद्री जल
(2) वायु
(3) सोडा जल

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन टिण्डल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा?
(a) नमक का घोल
(b) दूध
(c) कॉपर सल्फेट का विलयन
(d) स्टार्च विलयन
उत्तर-
दूध और स्टार्च विलयन ‘टिंडल प्रभाव दिखाएँगे।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित को तत्त्व, यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत करें
(a) सोडियम
(b) मिट्टी
(c) चीनी का घोल
(d) चाँदी
(e) कैल्सियम कार्बोनेट
(f) टिन
(g) सिलिकन
(h) कोयला
(i) वायु
(j) साबुन
(k) मीथेन
(l) कार्बन डाइऑक्साइड
(m) रक्त।
उत्तर-
(a) तत्त्व
(b) मिश्रण
(c) यौगिक
(d) तत्त्व
(e) मिश्रण
(f) यौगिक
(g) मिश्रण
(h) मिश्रण
(i) तत्त्व
(j) तत्त्व
(k) तत्त्व
(l) यौगिक
(m) यौगिक।

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प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से कौन-कौन से परिवर्तन रासायनिक हैं ?
(a) पौधों की वृद्धि
(b) लोहे में जंग लगना
(c) लोहे के चूर्ण तथा बालू को मिलाना
(d) खाना पकाना।
(e) भोजन का पाचन
(f) जल से बर्फ बनना।
(g) मोमबत्ती का जलना।
उत्तर-
लोहे पर जंग लगना, भोजन का पकना, भोजन का पचना और मोमबत्ती का जलना-रासायनिक परिवर्तन हैं।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विलयन क्या है ?
उत्तर-
दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है।

प्रश्न 2.
जलीय विलयन क्या है ?
उत्तर-
विलेय का जल में विलयन, जलीय विलयन कहलाता है।

प्रश्न 3.
संतृप्त विलयन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
वह विलयन जिसमें किसी ताप पर विलेय की अधिकतम मात्रा घुली हो संतृप्त विलयन कहलाता है।

प्रश्न 4.
विलयन की सान्द्रता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
विलेय की मात्रा जो विलायक या विलयन की इकाई मात्रा या इकाई आयतन में घुली होती है, विलयन की सान्द्रता कहलाती है।

प्रश्न 5.
कोलाइड काफी स्थायी होते हैं। उस प्रक्रम का (UPBoardSolutions.com) नाम बताइये जिससे आप कोलाइड विलयन के अवयवों को पृथक् कर सकते हैं ?
उत्तर-
अपकेन्द्रीकरण द्वारा कोलाइड विलयन के अवयवों को पृथक् कर सकते हैं।

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प्रश्न 6.
किस कारक पर आधारित कोई विलयन तनु, सान्द्र अथवा संतृप्त कहलाता है ?
उत्तर-
उसमें उपस्थित विलेय की मात्रा पर आधारित कोई विलयन तनु, सान्द्र अथवा संतृप्त कहलाता है।

प्रश्न 7.
निम्न में से समांगी मिश्रण बताइएलकड़ी, चीनी का जलीय घोल, मिट्टी मिला जल।
उत्तर- चीनी का जलीय घोल।

प्रश्न 8.
केरोसिन तथा जल के मिश्रण को पृथक करने का सिद्धान्त बताइये।
उत्तर-
आपस में नहीं मिलने वाले द्रव अपने घनत्व के अनुसार विभिन्न परतों में पृथक् हो जाते हैं।

प्रश्न 9.
उस प्रक्रम का नाम बताइये जिसे आप जल और ऐल्कोहॉल के मिश्रण को पृथक् करने के लिए प्रयोग करेंगे ?
उत्तर-
ऐल्कोहॉल और जल के मिश्रण को प्रभाजी आसवन द्वारा पृथक् किया जा सकता है।

प्रश्न 10.
30-50 K से अधिक क्वथनांक में अन्तर वाले मिश्रणीय द्रवों को पृथक् करने की विधि का नाम बताइए।
उत्तर-
साधारण आसवन।

प्रश्न 11.
चीनी के संतृप्त विलयन का ताप 5°C `बढ़ाने पर क्या होगा ?
उत्तर-
चीनी के संतृप्त विलयन का ताप 5°C बढ़ाने पर विलयन असंतृप्त हो जायेगा।

प्रश्न 12.
दो अघुलनशील द्रवों को आप किस तकनीक से पृथक् करेंगे ?
उत्तर-
दो अघुलनशील द्रवों को पृथक्करण कीप द्वारा पृथक् करेंगे।

प्रश्न 13.
किसी कोलायडी विलयन में उसके कणों को आकार क्या होगा ?
उत्तर-
कोलाइडी विलयन में कणों का आकार 10-7 cm तथा 10-5 cm के बीच होता है।

प्रश्न 14.
ऊर्ध्वपातन पदार्थ क्या हैं ?
उत्तर-
वह पदार्थ जो गर्म करने से ठोस अवस्था से सीधे गैसीय अवस्था में बदल जाते हैं ऊर्ध्वपातन पदार्थ कहलाते हैं।

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प्रश्न 15.
दो ऊर्ध्वपातन पदार्थों के नाम बताइये।
उत्तर-
कपूर और अमोनियम क्लोराइड।

प्रश्न 16.
लोहे की पिन लकड़ी के बुरादे में मिल गयी है, इन्हें कैसे अलग करेंगे? ।
उत्तर-
बुरादे में मिली लोहे की पिनों को चुम्बक द्वारा अलग करेंगे।

प्रश्न 17.
वायु के विभिन्न घटक किस प्रक्रम द्वारा अलग किये जाते हैं ?
उत्तर-
वायु के विभिन्न घटक प्रभाजी आसवन विधि द्वारा अलग किये जाते हैं।

प्रश्न 18.
तन्यता क्या है ?
उत्तर-
धातुएँ खींचने पर तार में बदल जाती हैं, इसे तन्यता कहते हैं।

प्रश्न 19.
टिंडल प्रभाव क्या है ?
उत्तर-
द्रव या गैस में निलम्बित पदार्थ के कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन टिंडल प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 20.
कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पायी जाने वाली धातु का नाम लिखिए।
उत्तर-
कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पायी जाने वाली धातु पारा है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आसवन को परिभाषित कीजिए। आसवन से किस प्रकार के मिश्रणों को पृथक् किया जा सकता है?
उत्तर-
आसवन, द्रव को गर्म करके वाष्प बनाने और तत्पश्चात् वाष्प को ठंडा करके पुनः द्रव प्राप्त करने का प्रक्रम है। आसवन को विलेय अवाष्पशील ठोसों से द्रव को पृथक् करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
क्रिस्टलीकरण प्रक्रम क्या है ? यह किस प्रकार उपयोगी है ?
उत्तर-
संतृप्त विलयन में विलेय की अधिकतम मात्रा घुली होती है। अगर विलेय की मात्रा संतृप्त-स्तर से बढ़ जाये तो विलेय की संतृप्त स्तर से अधिक मात्रा अविलेय या क्रिस्टल के रूप में आ जाती है।
अतः संतृप्त विलयन से क्रिस्टल (UPBoardSolutions.com) बनने की प्रक्रिया क्रिस्टलीकरण कहलाती है।
उपयोग- यदि कोई पदार्थ ठोस अवस्था में होता है। और उसमें अन्य कोई ठेस अशुद्धि के रूप में पाया जाता है, तब क्रिस्टलीकरण की प्रक्रिया प्रयोग की जाती है।

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प्रश्न 3.
5 g विलेय को 40 g जल में घोला गया। है। विलयन की द्रव्यमान प्रतिशतता क्या है?
उत्तर-
विलयन का द्रव्यमान = विलेय का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान = 5 g + 40 g = 45 g
विलयन की द्रव्यमान प्रतिशतता
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प्रश्न 4.
कोलाइडल विलयन के दो लक्षण लिखिए।
उत्तर-
कोलाइडल विलयन के लक्षण|
(i) कोलाइडी विलयन समांगी दिखाई देता है, परन्तु वास्तव में वह विषमांगी होता है।
(ii) कोलाइडी विलयन में कणों का आकार वास्तविक विलयन से बड़ा परन्तु निलम्बन से छेटा होता है। वह व्यास में 1 nm और 100 nm के बीच होता है।

प्रश्न 5.
मिश्रणीय तथा अमिश्रणीय द्रवों में अन्तर कीजिए।
उत्तर-
मिश्रणीय द्रव-दो या दो से अधिक अमिश्रणीय द्रवों का मिश्रण विभिन्न परतों में पृथक् हो जाता है जिनकी पृथकन सीमाएँ स्पष्ट होती हैं।
अमिश्रणीय द्रव- दो या दो से अधिक मिश्रणीय द्रवों का मिश्रण विभिन्न परतों में पृथक् नहीं होता है और समांगी विलयन बनाते हैं।

प्रश्न 6.
मिश्रणों के प्रकारों को उचित उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर-
अवयवों के मिश्रित होने के आधार पर मिश्रण दो प्रकार के हैं-
(i) समांगी मिश्रण
(ii) विषमांगी मिश्रण।

(i) समांगी मिश्रण : वह मिश्रण जिनमें मिश्रित पदार्थों के अवयव समान रूप से मिले होते हैं समांगी मिश्रण कहलाते हैं, जैसे चीनी को विलयन, नमक का विलयन ।
(ii) विषमांगी मिश्रण : वह मिश्रण जिनमें मिश्रित पदार्थों के अवयव समान रूप से नहीं मिले होते विषमांगी मिश्रण कहलाते हैं, जैसे बालू और चीनी का मिश्रण।

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प्रश्न 7.
टिंडल प्रभाव (Tyndall Effect) क्या हैं ?
उत्तर-
टिंडल प्रभाव : जो कोलाइडल कण प्रकाश को एक ओर बिखेरते हैं, उसे टिंडल प्रभाव कहते हैं।
अगर प्रकाश किरण-पुंज को कोलाइड विलयन से गुजारा जाए व प्रकाश किरण के लम्बवत् सूक्ष्मदर्शी रखकर देखा जाए तो प्रकाश किरण का पथ दिखाई देने लगता है।
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प्रश्न 8.
आप किसी निलम्बन तथा कोलाइडल में अन्तर किस प्रकार करेंगे ? प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
निलम्बन तथा कोलाइड में अन्तर निम्नलिखित हैं-
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प्रश्न 9.
मिश्रण के घटकों को अलग करने की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-
मिश्रण के घटकों को अलग करने की आवश्यकता निम्न कारणों से है :

  1. अवांछित घटक को दूर करने के लिए।
  2. किसी हानिकारक घटक को दूर करने के लिए।
  3. पदार्थ का शुद्ध नमूना प्राप्त करने के लिए।
  4. किसी लाभप्रद घटक को प्राप्त करने के लिए।

प्रश्न 10.
मिश्रणों के घटकों को पृथक् करने के लिए प्रयोग की जाने वाली सामान्य विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मिश्रणों के घटकों को पृथक् करने के लिए। प्रयोग की जाने वाली सामान्य विधियाँ निम्नलिखित हैं :

  1. छानना
  2. चुम्बक द्वारा अलग करना
  3. हाथ से चुनना
  4. आसवन विधि
  5. अपकेन्द्रन विधि
  6. वाष्पीकरण
  7. ऊर्ध्वपातन की प्रक्रिया द्वारा।

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प्रश्न 11.
मिश्रण एवं यौगिक में अन्तर बताइए।
उत्तर-
यौगिक एवं मिश्रण में निम्नलिखित अन्तर है
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प्रश्न 12.
क्रोमैटोग्राफी का उपयोग करकेनीली-काली स्याही में उपस्थित राइ को कैसे पृथक् करोगे ?
उत्तर-

  1. फिल्टर पेपर की एक पतली और लम्बी पट्टी (Strip) लें। इसके निचले किनारे से 3 cm ऊपर पेंसिल से एक रेखा खींचें।
  2. उस रेखा के बीच में स्याही की एक बूंद रखें। इसे सूखने दें।
  3. जार में जल लें, उसमें हम फिल्टर पेपर को इस प्रकार रखें कि वह जल की सतह से ठीक ऊपर रहे।
  4. जैसे ही जल फिल्टर पेपर पर ऊपर की दिशा की ओर अग्रसर होता है यह डाई के कणों को भी अपने साथ ले जाता है। प्रायः डाइ दो या दो से अधिक (UPBoardSolutions.com) रंगों का मिश्रण होता है। रंग वाला घटक जो कि जल में अधिक घुलनशील है, तेजी से ऊपर उठता है और इस प्रकार, रंगों का पृथक्करण हो जाता है।

प्रश्न 13.
कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त होते हैं।
(a) क्या यह भौतिक या रासायनिक परिवर्तन है?
(b) उपर्युक्त अभिक्रिया में प्राप्त उत्पादों से क्या तुम एक अम्लीय तथा एक क्षारीय विलयन बना सकते हो? यदि हाँ तो रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर-
(a) यह एक रासायनिक परिवर्तन है। (b) हम अम्लीय तथा क्षारीय विलयन बना सकते हैं:
(i) CaO + H2O → Ca(OH)2 (क्षारीय विलयन)
(ii) CO2 + H2O → HaCO3 (अम्लीय विलयन)

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प्रश्न 14.
भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन की परिभाषा उदाहरण सहित दीजिए।
उत्तर-
भौतिक परिवर्तन : वह परिवर्तन जिसमें पदार्थ के संघटन में कोई परिवर्तन नहीं होता है भौतिक परिवर्तन कहलाता है। जैसे-जल को बर्फ या भाप में बदलना, विद्युत बल्ब का चमकना।
रासायनिक परिवर्तन : वह परिवर्तन जिसमें पदार्थ के संघटन में परिवर्तन होता है, रासायनिक परिवर्तन कहलाता है। जैसे ईंधन का जलना, लोहे (UPBoardSolutions.com) का जंग लगना।
भौतिक परिवर्तन में नया पदार्थ उत्पन्न नहीं होता, केवल पदार्थ के भौतिक गुणों में परिवर्तन होता है, लेकिन रासायनिक परिवर्तन में नया पदार्थ बनता है और पदार्थ के रासायनिक गुणों में परिवर्तन होता है, किसी पदार्थ के रासायनिक गुण उसके रासायनिक संघटन पर निर्भर करते हैं।

प्रश्न 15.
निम्न को भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन में वर्गीकृत करें :
(a) काँच का पिघलना
(b) फूल से फल बनना
(c) अगरबत्ती का जलना
(d) रोटी का पकना
(e) कपड़े का फटना
(f) बादलों का बनना।
उत्तर-
(a) काँच का पिघलना – भौतिक परिवर्तन
(b) फूल से फल बनना – रासायनिक परिवर्तन
(c) अगरबत्ती का जलना – रासायनिक परिवर्तन
(d) रोटी का पकना – रासायनिक परिवर्तन
(e) कपड़े का फटना – भौतिक परिवर्तन
(f) बादलों का बनना – भौतिक परिवर्तन।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विलेय और विलायक की अवस्था के आधार पर विलयनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
विलेय व विलायक की अवस्था के आधार पर विलयन निम्न प्रकार के हैं :
(i) ठोस का दूर्व में विलयन – जैसे चीनी का जल में विलयन (शर्बत), टिंचर आयोडीन। [आयोडीन (ठोस) का ऐल्कोहॉल (द्रव) में विलयन ।
(ii) गैस का द्रव में विलयन – जैसे ठंडे पेय जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड (गैस) जल द्रव में घुली होती है।
(iii) गैस का गैस में विलयन – जैसे वायु जिसमें ऑक्सीजन (21%) व नाइट्रोजन (78%) मिले होते हैं।
(iv) ठोस का ठोस में विलयन – जैसे मिश्र धातुएँ (Alloys)। पीतल में जिंक लगभग 30% व कॉपर लगभग 70% होता है।

प्रश्न 2.
निलम्बन, वास्तविक विलयन व कोलाइडल विलयन को उदाहरण देते हुए परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
जब किन्हीं दो पदार्थों का घोल बनता है, तब विलेय के कण परिक्षेपण कण’ (Dispersed particles) व विलायक ‘परिक्षिप्त माध्यम’ (Dispersion medium) कहलाता है।
परिक्षिप्त माध्यम में परिक्षेपण कणों के आकार के आधार पर विलयन तीन प्रकार के हैं-

(i) वास्तविक विलयन : जब परिक्षिप्त माध्यम में परिक्षेपण कणों का व्यास 10-8 सेमी होता है तो परिक्षेपण कण परिक्षिप्त माध्यम में दिखाई नहीं देते। इस प्रकार का विलयन वास्तविक विलयन कहलाता है। उदाहरण- जल में नमक या चीनी का घोल। वास्तविक विलयन में परिक्षेपण कणों को सूक्ष्मदर्शी द्वारा नहीं देखा जा सकता।

(ii) कोलाइडल विलयन : जब परिक्षिप्त माध्यम में परिक्षेपण कणों का व्यास 10-7 से 10-5 सेमी होता है। तो विलयन कोलाइडल विलयन कहलाता है।
उदाहरण- दूध, रक्त, टूथपेस्ट। कोलाइडल विलयन में परिक्षेपण कणों को आँखों द्वारा नहीं देखा जा सकता, लेकिन सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जा सकता है।

(iii) निलम्बन : जब परिक्षिप्त माध्यम में परिक्षेपण कणों का व्यास 10-5 सेमी या उससे अधिक होता है तो इसे निलम्बन कहते हैं। निलम्बन में परिक्षेपण कणों को (UPBoardSolutions.com) परिक्षिप्त माध्यम में तैरते हुए आँख द्वारा देखा जा सकता। है।
उदाहरण- जल में मिट्टी या बालू का घोल, जल में चॉक का घोल।।

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प्रश्न 3.
(i) विलयन को परिभाषित कीजिए। जब 15 g NaCl को 200 g जल में घोलकर विलयन तैयार किया जाता है, तो NaCl की द्रव्यमान प्रतिशतता परिकलित कीजिए।
(ii) वास्तविक विलयन से विलेय के कणों को पृथक् करना क्यों असम्भव है ?
(iii) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
(i) विलयन : दो या अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है।
दिया है : NaCl (विलेय) की मात्रा = 15 g
जल (विलायक) की मात्रा = 200 g
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(ii) वास्तविक विलयन में विलेय के कणों को पृथक् करना असंभव है, क्योंकि वे विलायक के साथ समांगी मिश्रण बनाते हैं।
(iii) तापमान बढ़ाने पर लवण की घुलनशीलता बढ़ जाती है और घटाने पर कम हो जाती है।

प्रश्न 4.
रासायनिक संघटन के आधार पर शुद्ध पदार्थों के प्रकार का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
रासायनिक संघटन के आधार पर शुद्ध पदार्थ दो प्रकार के हैं :
(i) तत्त्व (Element) एवं
(ii) यौगिक (Compound)

(i) तत्त्व : रॉबर्ट बॉयल पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने सन् 1661 में ‘तत्त्व’ शब्द का प्रयोग किया। एंटोनी लॉरेंट लवाइजिए (Antoine Laurent Lavoisier) ने तत्त्व (UPBoardSolutions.com) की परिभाषा सर्वप्रथम निम्न प्रकार दी :
“तत्त्व पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक क्रिया द्वारा अन्य सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता।” जैसे-लोहा, ताँबा, चाँदी ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन आदि।

(ii) यौगिक : ‘वह पदार्थ जो दो या अधिक तत्त्वों के किसी निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोजन करने से बनता है।”
उदाहरणार्थ
(i) जल एक यौगिक है जो हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के 1 : 8 के द्रव्यमान-अनुपात में संयोजन करने पर बनता है।
(ii) उसी तरह कार्बन डाइऑक्साइड एक यौगिक है जो कार्बन व ऑक्सीजन के 3 : 8 के द्रव्यमान अनुपात में संयोजन करने से बनती है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित मिश्रण के अवयवों को पृथक् करने की विधि बताइये :
सल्फर + रेत + चीनी + आयरन रेतन।
उत्तर-
इस मिश्रण के चार अवयव हैं-सल्फर, रेत, चीनी तथा आयरन रेतन। मिश्रण के ऊपर से एक चुम्बक को कई बार चलाते हैं। आयरन रेतन, चुम्बक द्वारा आकर्षित हो जाती है। वह चुम्बक पर चिपक जाती है और पृथक् हो जाती है।
चीनी, गंधक तथा रेत के शेष मिश्रण को पानी में डालकर विलोडन करते हैं। इससे जल में चीनी घुल जाती है। छानने पर छनित्र में चीनी का विलयन प्राप्त होता है। छनित्र को वाष्पित करके चीनी प्राप्त की जा सकती है। अवशेष में सल्फर तथा रेत होते हैं।
सल्फर तथा रेत के मिश्रण को कार्बन डाइसल्फाइड के साथ हिलाते हैं जिससे सल्फर, कार्बन डाइसल्फाइड में घुल जाता है और रेत बिना घुले रहता है। छानने पर, सल्फर विलयन के रूप में छनित्र में प्राप्त होती है। कार्बन डाइसल्फाइड के वाष्पन से सल्फर प्राप्त की जा सकती है। रेत, फिल्टर पेपर पर अवशेष के रूप में बच जाता है।

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प्रश्न 6.
धातुएँ किसे कहते हैं? इनके गुणधर्मों को समझाइये।
उत्तर-
धातुएँ (Metals) – धातु एक तत्त्व है जो आघातवर्थ्य (malleable) तथा तन्य (ductile) होता है और विद्युत संचालित करता है। धातुओं के कुछ उदाहरण हैं : आइरन, कॉपर, ऐलुमिनियम, जिंक, सिल्वर, गोल्ड, प्लैटिनम, क्रोमियम, सोडियम, पोटैशियम मैग्नीशियम, निकिल, कोबाल्ट, टिन, लेड, कैडमियम, मर्करी, ऐन्टीमनी। एक तत्त्व मर्करी, जो कि एक द्रव है, को छोड़कर सभी धातुएँ ठोस हैं।
धातुओं के गुणधर्म (Properties of Metals)
धातुओं के प्रमुख गुणधर्म नीचे दिये गये हैं :

1. धातुएँ आघातवर्थ्य (malleable) हैं। इसका अर्थ है कि धातुओं को हथौड़े से पतली शीटों में (बिना टूटे) पीटा जा सकता है।
गोल्ड (सोना) तथा सिल्वर (चाँदी) धातुएँ उत्तम आघातवर्थ्य धातुओं में से कुछ हैं। ऐलुमिनियम और कॉपर (ताँबा) धातुएँ भी अत्यधिक आघातवर्थ्य धातुएँ हैं। इन सभी धातुओं को हथौड़े से अत्यंत पतली (महीन) चादरों में कटा जा सकता है जो पन्नी (foils) कहलाती हैं। उदाहरणार्थ, सिल्वर (चाँदी) धातु को, उसकी उच्च आघातवटै र्यता के कारण, हथौड़े से महीन रजत पन्नियों (thin silver foils) में कूटा जा सकता है। चाँदी (रजत) की पन्नियों का उपयोग मिठाइयों को सजाने में किया जाता है। उसी प्रकार, ऐलुमिनियम धातु पर्याप्त आघातवर्थ्य है और महीन शीटों में रूपान्तरित की जा सकती है जो ऐलुमिनियम पन्नियाँ (aluminium foils) कहलाती हैं। (UPBoardSolutions.com) ऐलुमिनियम पन्नियों को खाद्य सामग्रियाँ जैसे बिस्कुट, चॉकलेट, दवाइयाँ, सिगरेट इत्यादि पैक करने के लिए उपयोग किया जाता है। दूध की बोतल के ढक्कन भी ऐलुमिनियम पन्नी के बने होते हैं। ऐलुमिनियम चादरों (शीटों) को पाक बर्तनों (cooking utensils) के बनाने में किया जाता है। कॉपर (ताँबा) धातु भी अत्यधिक आघातवर्थ्य है। इसलिए, रसोई या अन्य घरेलू उपयोग के बर्तनों तथा अन्य बर्तनों या पत्रों को बनाने के लिए कॉपर की शीटों (ताँबे की चादरों) का उपयोग किया जाता है। अतः, आघातवर्ध्यता (malleability) धातुओं का एक प्रमुख अभिलाक्षणिक गुणधर्म है।

2. धातुएँ तन्य (ductile) हैं। इसका अर्थ है कि धातुओं को महीन तारों में खींचा जा सकता है। | सभी धातुएँ समान रूप से तन्य नहीं होती हैं। दूसरों की अपेक्षा कुछ अधिक तन्य होती हैं। उत्तम तन्य धातुओं में गोल्ड (सोना) और सिल्वर (चाँदी) हैं। उदाहरणार्थ, सिल्वर जैसी अत्यधिक तन्य धातु के मात्र 100 मिलीग्रामों को लगभग 200 मीटर लम्बे महीन तार में खींचा जा सकता है। कॉपर
और ऐलुमिनियम धातुएँ भी अत्यंत तन्य होती हैं और पतले तारों में खींची जा सकती हैं जिन्हें वैद्युत तार लगाने में उपयोग किया जाता है। अतः, तन्यता (ductility) धातुओं का एक अन्य प्रमुख अभिलाक्षणिक गुणधर्म है।
उपर्युक्त विवेचना से हम निष्कर्ष निकालते हैं कि धातुएँ आघातवर्थ्य और तन्य होती हैं। आघातवर्थ्यता और तन्यता के गुणधर्मों के कारण ही विविध वस्तुएँ बनाने के लिए धातुओं को विभिन्न आकृतियाँ दी जा सकती हैं।

3. धातुएँ ऊष्मा तथा विद्युत की सुचालक हैं। इसका अर्थ है कि धातुएँ ऊष्मा और विद्युत को अपने में से आसानी से प्रवाहित होने देती हैं। धातुएँ सामान्यतः ऊष्मा की सुचालक होती हैं [ऊष्मा का चालन, ऊष्मा चालकता (thermal conductivity) भी कहलाता है। सिल्वर (चाँदी) धातु ऊष्मा का उत्तम चालक है। उसकी सबसे अधिक ऊष्मा चालकता होती है। कॉपर और ऐलुमिनियम धातुएँ भी ऊष्मा की अत्यन्त सुचालक हैं। पाक बर्तनों (cooking utensils) तथा जल क्वथित्रों (water boilers), इत्यादि को प्रायः कॉपर अथवा ऐलुमिनियम धातुओं का बनाया जाता है क्योंकि वे ऊष्मा की अत्यधिक सुचालक होती हैं। धातुओं में ऊष्मा का हीनतम चालक (poorest conductor) लेड (lead) है। मर्करी धातु भी ऊष्मा का हीन चालक है।

4. धातुएँ प्रायः दृढ़ होती हैं। उनमें उच्च तनन सामर्थ्य (high tensile strength) होती है। इसका अर्थ है। कि धातुएँ बिना टूटे भारी (बड़े) भारों को रोक सकती हैं।
उदाहरणार्थ, आइरन धातु (स्टील के रूप में) उच्च | तनन सामर्थ्य वाली अत्यंत दृढ़ होती है। इसके कारण आइरन धातु को सेतुओं या पुलों, भवनों, रेल की पटरियों, गार्डरों, (UPBoardSolutions.com) मशीनों, वाहनों और चेनों, इत्यादि के निर्माण में उपयोग किया जाता है। यद्यपि अधिकांश धातुएँ दृढ़ होती हैं। परन्तु कुछ धातुएँ दृढ़ नहीं होती हैं। उदाहरणार्थ, सोडियम और पोटैशियम धातुएँ दृढ़ नहीं हैं। उनमें निम्न तनन सामर्थ्य होती है।

5. धातुएँ कमरे के ताप पर ठोस होती हैं (मर्करी के अतिरिक्त जो कि एक द्रव धातु है।
आइरन, कॉपर, ऐलुमिनियम, सिल्वर तथा गोल्ड, इत्यादि, जैसी सभी धातुएँ कमरे के ताप पर ठोस होती हैं। | कमरे के ताप पर केवल एक धातु, मर्करी, द्रव अवस्था में है।

6. धातुओं का सामान्यतः उच्च गलनांक और क्वथनांक होता है। इसका अर्थ है कि अधिकांश धातुएँ उच्च तापों पर गलती और वाष्पित होती हैं। उदाहरणार्थ, आइरन 1535°C के उच्च गलनांक वाली धातु है। इसका अर्थ है कि 1535°C के उच्च ताप तक गर्म करने पर ठोस आइरन गलता है और द्रव आइरन (अथवा गलित आइरन) में परिवर्तित होता है। कॉपर धातु का भी 1083°C का उच्च गलनांक होता है। यद्यपि, कुछ अपवाद भी हैं। उदाहरणार्थ, सोडियम और पोटैशियम धातुओं के उच्च गलनांक (100°C से कम) होते हैं। अन्य धातु गैलियम का गलनांक इतना कम होता है कि वह हाथ में ही गलने लगता है (हमारे हाथ की ऊष्मा से)।

7. धातुओं के उच्च घनत्व होते हैं। इसका अर्थ है। कि धातुएँ भारी पदार्थ हैं। उदाहरणार्थ, आइरन धातु का घनत्व 7.8 g/cm3 है जो पर्याप्त उच्च है। यद्यपि, कुछ अपवाद हैं। सोडियम और पोटैशियम के निम्न घनत्व होते हैं। वे अत्यंत हल्की धातुएँ हैं।

8. धातुएँ ध्वानिक (sonorous) होती हैं। इसका अर्थ है कि धातुएँ, जब उन्हें मारते हैं, घंटी की ध्वनि उत्पन्न करती हैं। धातुओं के ध्वानिकता के गुण के कारण ही उन्हें घण्टी, प्लेट के प्रकार के बाजा जैसे मंजीरा और तन्तु-वाद्य जैसे वॉयलिन, गिटार, सितार तथा तानपूरा, इत्यादि के लिए तारों (या तंतुओं) को बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

9. धातुएँ प्रायः रजत (silver) अथवा धूसर भूरे (grey) रंग की होती हैं (कॉपर और गोल्ड के अतिरिक्त)। कॉपरे का रक्ताभ भूरा (reddish brown) रंग होता है जबकि गोल्ड (सोने) का रंग पीला होता है।
धातुएँ बहुसंख्यक (अनेक) कार्यों के लिए हमारे दैनिक जीवन में व्यापक रूप से उपयोग की जाती हैं। पाक-उपकरण, बिजली के पंखे, सिलाई मशीनें, कार, बस, ट्रक, (UPBoardSolutions.com) रेलगाड़ियाँ, जहाज और वायुयान सभी, धातुओं अथवा मिश्रधातु (alloys) नामक धातुओं के मिश्रण से बनाये जाते हैं। वास्तव में, धातुओं की बनी वस्तुओं की सूची जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं, अन्तरहित (unending) है।

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प्रश्न 7.
अधातुएँ क्या होती हैं? उनके गुणधर्मों को समझाइये।
उत्तर-
अधातुएँ (Non-metals) : अधातु एक तत्त्व है जो न तो आघातवर्थ्य न तनय होता है, और विद्युत चालित (प्रवाहित) नहीं करता है। अधातुओं के कुछ उदाहरण हैं : कार्बन, सल्फर, फॉस्फोरस, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फ्लुओरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन, हीलियम, निऑन, ऑर्गन, क्रिप्टान, और जीनाने । हीरा (diamond) तथा ग्रेफाइट (graphite) भी अधातुएँ हैं। वे कार्बन के अपररूप (allotropic forms) हैं। कमरे के ताप पर सभी अधातुएँ, ब्रोमीन के अतिरिक्त जो एक द्रव अधातु है, ठोस (solids) अथवा गैस (gases) होती हैं।
अधातुओं के गुणधर्म (Properties of Nonmetals) :
अधातुओं के भौतिक गुणधर्म, धातुओं के भौतिक गुणधर्मों के बिल्कुल विपरीत हैं। अधातुओं के प्रमुख भौतिक गुणधर्म नीचे दिये गये हैं :

1. अधातुएँ आघातवर्थ्य नहीं हैं। अधातुएँ भंगुर (brittle) होती हैं। इसका अर्थ है कि अधातुओं को हथौड़े से पतली चादरों (thin sheets) में नहीं पीटा जा सकता है। जब हथौड़ा मारा जाता है, अधातुएँ छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं।
उदाहरणार्थ, सल्फर (गंधक) और फॉस्फोरस ठोस अधातुएँ हैं जो आवातवर्थ्य नहीं हैं, उन्हें हथौड़े से पतली चादरों में पीटा नहीं जा सकता है। अतः अधातुओं की हम पतली चादरें नहीं प्राप्त कर सकते हैं। सल्फर और फॉस्फोरस अधातुएँ भंगुर हैं। हथौड़े से जब पीटी जाती हैं, वे छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। भंगुरता (brittleness) ठोस अधातुओं का अभिल्लाक्षणिक गुणधर्म है।

2. अधातुएँ तन्य नहीं होती हैं। इसका अर्थ है कि अधातुओं को तारों में र्वीचा नहीं जा सकता है। खींचने पर वे आसानी से पड़-पड़ करके टूट जाती हैं।
उदाहरणार्थ, सल्फर और फॉस्फोरस अधातुएँ हैं और वे तन्य नहीं हैं। जब खींचा जाता है, सल्फर और फॉस्फोरस
टुकड़ों में टूट जाते हैं और तार नहीं बनाते हैं। अतः अधातुओं से हम तार नहीं प्राप्त कर सकते हैं। उपर्युक्त विवेचना से हम निष्कर्ष निकालते हैं कि : अधातुएँ न तो आघातवष्ट ये हैं न तन्य। अधातुएँ भंगुर हैं।

3. अधातुएँ ऊष्मा और विद्युत की कुचालक होती हैं। इसका अर्थ है कि अधातुएँ अपने में से ऊष्मा और विद्युत को प्रवाहित नहीं होने देती हैं। अधातुओं में से अनेक, वास्तव में, विद्युतरोधी (insulators) हैं। यद्यपि, कुछ अपवाद हैं। कार्बन तत्त्व का एक रूप, हीरा (diamond) अधातु है जो ऊष्मा का सुचालक है और कार्बन तत्त्व का एक अन्य रूप, ग्रेफाइट अधातु है जो विद्युत का सुचालक है। विद्युत का सुचालक होने से, ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड (eletrodes) बनाने के लिए उपयोग किया जाता है (जैसे कि शुष्क सेलों में)।

4. अधातुएँ दीप्त (या चमकीली) नहीं होती हैं। वे देखने में धुंधली होती हैं। अधातुओं में चमक नहीं होती। है जिसका मतलब है कि अधातुओं में चमकीली सतह नहीं होती है। ठोस अधातुएँ देखने में धुंधली होती हैं। उदाहरणार्थ, सल्फर और फॉस्फोरस अधातुएँ हैं जिनमें दीप्ति । (चमक) नहीं है, (UPBoardSolutions.com) अर्थात्, उनमें चमकीली सतह नहीं होती है। वे धुंधली (भद्दी) प्रतीत होती हैं। यद्यपि, एक अपवाद है। आयोडीन दीप्त (चमकीली) आकृति वाली अधातु होती है। उसमें चमकीली ऊपरी सतह होती है (धातुओं की भाँति)।

5. अधातुएँ आमतौर पर मृदु होती हैं (हीरे के अतिरिक्त क्योंकि यह अत्यंत कठोर अधातु है)। अधिकांश ठोस अधातुएँ काफी मृदु होती हैं। वे चाकू से आसानी से कट सकती हैं। उदाहरणार्थ, सल्फर और फॉस्फोरस ठोस अधातुएँ हैं जो काफी मृदु हैं और चाकू से आसानी से काटी जा सकती हैं। केवल एक अधातु कार्बन (हीरे के रूप में) अत्यंत कठोर है। वास्तव में, हीरा (जो कार्बन का एक अपररूप है। ज्ञात कठोरतम प्राकृतिक पदार्थ है।

6. अधातुएँ दृढ़ नहीं होती हैं। उनमें निम्न तनन सामर्थ्य होती है। इसका अर्थ है कि अधातुएँ बड़े (भारी) भारों को (बिना टूटे) रोक नहीं सकती हैं। उदाहरणार्थ, ग्रेफाइट एक अधातु है जो दृढ़ नहीं है। उसमें निम्न तनन सामर्थ्य होती है। जब ग्रेफाइट चादर पर भारी भार रखा जाता है, वह टूट जाता है।

7. अधातुएँ, कमरे के ताप पर, ठोस, द्रव अथवा गैसें हो सकती हैं। अधातुएँ सभी तीन अवस्थाओं : ठोस, द्रव और गैस में हो सकती हैं। उदाहरणार्थ, कार्बन, सल्फर और फॉस्फोरस ठोस अधातुएँ हैं; ब्रोमीन द्रव अधातु है; जबकि हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और क्लोरीन गैसीय अधातुएँ हैं।

8. अधातुओं के, तुलनात्मक रूप से, निम्न गलनांक और क्वथनांक होते हैं (ग्रेफाइट के अतिरिक्त जो अत्यंत उच्च गलनांक वाली अधातु है)। इसका मतलब है यह कि अधातुएँ, तुलनात्मक रूप से निम्न तापों पर गलती और वाष्पित होती हैं।
उदाहरणार्थ, सल्फर 119°C के निम्न गलनांक वाली अधातु है। आयोडीन भी 113°C के निम्न गलनांक वाली अधातु है। केवल एक अधातु ग्रेफाइट का अत्यंत उच्च गलनांक (3700°C) होता है। अधिकतर अधातुओं के अत्यंत निम्न गलनांक होते हैं जिसके कारण वे कमरे के ताप पर गैसों के रूप में उपस्थित होते हैं।

9. अधातुओं के निम्न घनत्व होते हैं। इसका अर्थ है। कि अधातुएँ हल्के पदार्थ हैं। उदाहरणार्थ सल्फर 2 g/cm3 के निम्न घनत्व वाला ठोस अधातु है, जो काफी निम्न है। गैसीय अधातुओं का घनत्व अत्यंत निम्न होता है। एक अधातु आयोडीन का यद्यपि, उच्च घनत्व होता है।

10. अधातुएँ वानिक sonorous) नहीं होती हैं। इसका (UPBoardSolutions.com) अर्थ है कि ठोस अधातुएँ, जब उन्हें मारा जाता है, घण्टी की ध्वनि उत्पन्न नहीं करती हैं।

प्रश्न 8.
कोलाइडों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोलाइडों को निम्नलिखित सात वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है
(i) सॉल (Sol)
(ii) ठोस सॉल (Solid sol)
(iii) ऐरोसॉल (Aerosol)
(iv) इमल्शन (Emulsion)
(v) फोम (Foam)
(vi) ठोस फोम (Solid Foam)
(vii) जेल (Gel)

(i) सॉल (Sol) – सॉल एक कोलाइड है जिसमें नन्हें ठोस कण, द्रव माध्यम में परिक्षिप्त होते हैं। सॉलों के उदाहरण हैं : स्याही, साबुन विलयन, स्टार्च विलयन और अधिकांश पेण्ट (प्रलेप)

(ii) ठोस सॉल (Solid Sol) – ठोस सॉल एक कोलाइड है जिसमें ठोस कण, ठोस माध्यम में परिक्षिप्त होते हैं। ठोस सॉल का उदाहरण है : रंगीन रत्नपत्थर (माणिक्य काँच के समान) ।।

(iii) ऐरोसॉल (Aerosol) – ऐरोसॉल एक कोलाइड है जिसमें ठोस अथवा द्रव, गैस (वायु सहित) में परिक्षिप्त होता है। कोलाइडों जिनमें गैस में ठोस परिक्षिप्त होता है, के उदाहरण हैं : धुआँ या धूम (जो वायु में कालिख है) और स्वचालित वाहन निष्कास (Automobile Exhausts)। ऐरोसॉलों जिनमें गैस में द्रव परिक्षिप्त होता है, के उदाहरण हैं : केश स्प्रे, कोहरा, कुहासा और मेघ या बादल।

(iv) इमल्शन (Emulsion) – इमल्शन (पायस) एक कोलाइड है जिसमें एक दूव की अत्यंत छोटी सूक्ष्म बूंदें, दूसरे द्रव जो उसके साथ मिश्रणीय नहीं हैं, में परिक्षिप्त होती हैं। इमल्शन के उदाहरण हैं दूध, मक्खन और फेस क्रीम।

(v) फोम (Foam) – फोम (फेन या झाग) एक कोलाइड है जिसमें ठोस माध्यम में गैस परिक्षिप्त होती है। फोम के उदाहरण हैं : अग्निशामक आग (Fire-extinguisher Foam); साबुन के बुलबुले (Soap Bubbles), शेविंग क्रीम (Shaving Cream) और बीअर झाग (Beer Foam)।

(vi) ठोस फोम (Solid Foam) – ठोस फोम एक (UPBoardSolutions.com) कोलाइड है जिसमें ठोस माध्यम में गैस परिक्षिप्त होती है। ठोस फोम के उदाहरण हैं : रोधी फोम, फोम रबड़ और स्पंज।

(vii) जेल (Gel) – जेल एक अर्द्ध-ठोस कोलाइड है जिसमें द्रव में परिक्षिप्त ठोस कणों को लगातार जलक होता है। जेल के उदाहरण हैं : जेलियाँ (Jellies) और जिलैटिन (Gelatine)
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प्रश्न 9.
एक विलयन में, जल के 370 g में शक्कर के 30 ग्राम घुले हुए हैं। इस विलयन के सान्द्रण (सान्द्रता) की गणना कीजिए।
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अभ्यास प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. लोहे से बने किसी बर्तन पर जंग का लगना कहलाता है
(a) घुलना और यह एक भौतिक परिवर्तन
(b) संक्षारण और यह एक रासायनिक परिवर्तन
(c) घुलना और यह एक रासायनिक परिवर्तन
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

2. सल्फर तथा कार्बन डाइसल्फाइडे का मिश्रण है
(a) समांगी तथा टिण्डल प्रभाव नहीं दर्शाता है।
(b) विषमांगी तथा टिण्डल प्रभाव नहीं दर्शाता है।
(c) समांगी तथा टिण्डल प्रभाव देर्शाता है।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

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3. समुद्री जल से नमक प्राप्त किया जाता है|
(a) वाष्पीकरण द्वारा
(b) प्रभाजी आसवन द्वारा
(c) क्रोमैटोग्राफी द्वारा
(d) अपकेन्द्रन विधि द्वारा।

4. ऊर्ध्वपातन पदार्थ नहीं है
(a) आयोडीन
(b) बेंजीन
(c) कपूर
(d) अमोनियम क्लोराइड।

5. पृथक्करण फनल का उपयोग करते हैं अलग करने के लिए
(a) दो घुलनशील द्रवों को
(b) द्रव में अघुलनशील कणों को
(c) दो अघुलनशील द्रवों को।
(d) द्रव में विलेय ठोस पदार्थ को।

6. लोहे की पिने, बालू व अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण घटकों को अलग करने के लिए प्रयोग किये गये प्रक्रमों का सही क्रम है
(a) विलयन बनाना, छानना व चुम्बकीय पृथक्करण
(b) चुम्बकीय पृथक्करण, विलयन बनाना व छानना
(c) चुम्बकीय पृथक्करण, ऊर्ध्वपातन
(d) विलयन बनाना, आसवन व चुम्बकीय पृथक्करण

7. गर्म करने पर सन्तृप्त विलयन हो जायेगा|
(a) अति सन्तृप्त
(b) असन्तृप्त
(c) अपघटित
(d) तनु विलयन।

8. टिंडल प्रभाव प्रदर्शित नहीं करते हैं
(a) वास्तविक विलयन
(b) निलम्बन
(c) कोलाइडल
(d) ये सभी।

9. क्रोमैटोग्राफी का प्रयोग करते हैं
(a) डाई में रंगों को अलग करने में
(b) प्राकृतिक रंगों से लवकों को अलग करने में
(c) रक्त से नशीले पदार्थों को दूर करने में।
(d) उपर्युक्त सभी में।

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10. धातुएँ
(a) चमकीली व गहरे रंग की होती हैं।
(b) विद्युत व ताप की सुचालक होती हैं।
(c) आघातवर्थ्य एवं तन्य होती हैं।
(d) उपर्युक्त सभी।

11. कमरे के ताप पर द्रव धातु है
(a) टिन
(b) ब्रोमीन
(c) पारा
(d) बोरॉन

12. कमरे के ताप पर द्रव अधातु है
(a) टिन
(b) ब्रोमीन
(c) पारा
(d) बोरॉन

13. उपधातु का उदाहरण है
(a) टिन
(b) ब्रोमीन
(c) पारा
(d) बोरॉन।

14. दो घुलनशील द्रव अलग किये जाते हैं
(a) आसवन प्रक्रम द्वारा
(b) पृथक्करण फनल द्वारा
(c) भारण विधि द्वारा
(d) ऊर्ध्वपातन द्वारा।

15. निलम्बन के कण दूर किये जाते हैं
(a) आसवन द्वारा
(b) पृथक्करण फनल द्वारा
(c) भारण विधि द्वारा
(d) ऊर्ध्वपातन द्वारा।

16. दो अघुलनशील द्रव अलग किये जाते हैं
(a) आसवन द्वारा
(b) पृथक्करण फनले द्वारी
(c) भारण विधि द्वारा
(d) ऊर्ध्वपातन द्वारा।

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17. दूध से क्रीम निकाली जाती है|
(a) आसवन द्वारा
(b) प्रभाजी आसवन द्वारा
(c) क्रोमैटोग्राफी द्वारा
(d) अपकेन्द्रन विधि द्वारा।

18. पेट्रोलियम व वायु के घटक प्राप्त किये जाते हैं
(a) आसवन द्वारा
(b) प्रभाजी आसवन द्वारा ।
(c) क्रोमैटोग्राफी द्वारा
(d) अपकेन्द्रन विधि द्वारा।

19. रक्त से नशीले पदार्थ अलग किये जाते हैं
(a) वाष्पीकरण द्वारा
(b) प्रभाजी आसवन द्वारा
(c) क्रोमैटोग्राफी द्वारा
(d) अपकेन्द्रन विधि द्वारा।

20. घटकों का पृथक्करण चाहिए|
(a) अवांछित या हानिकारक घटक को दूर करने के लिए
(b) शुद्ध पदार्थ प्राप्त करने के लिए
(c) लाभदायक घटक को प्राप्त करने के लिए
(d) उपर्युक्त सभी

21. समांगी मिश्रण का उदाहरण है
(a) कॉपर सल्फेट का विलयन
(b) नमक व सल्फर का मिश्रण
(c) सल्फर व लोहे के चूर्ण का मिश्रण
(d) उपर्युक्त सभी।

22. दो या अधिक पदार्थों को समांगी मिश्रण कहलाता
(a) विलयन
(b) निलम्बन
(c) कोलाइडल
(d) इनमें से कोई भी नहीं।

23. निलम्बन है एक
(a) समांगी मिश्रण
(b) विषमांगी मिश्रण जिसमें घुलित कण आँखों से देखे जा सकें
(c) विषमांगी मिश्रण जिसमें घुलित कण आँखों से न देखे जा सकें
(d) उपर्युक्त सभी।

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24. विलयन है एक
(a) समांगी मिश्रण
(b) विषमांगी मिश्रण जिसमें घुलित कण आँखों से देखे जा सकें
(c) विषमांगी मिश्रण जिसमें घुलित कण आँखों से न देखे जा सकें
(d) उपर्युक्त सभी।

25. कोलाइडल है एक
(a) समांगी मिश्रण
(b) विषमांगी मिश्रण जिसमें घुलित कण आँखों से देखे जा सकें
(c) विषमांगी मिश्रण जिसमे घुलित कण आँखों से न ‘ देखे जा सकें।
(d) उपरोक्त सभी।

26. मिश्रण के विषय में सही कथन नहीं है।
(a) घटक अपने गुण प्रदर्शित करते हैं।
(b) मिश्रण के गुण घटकों के गुण से भिन्न होते हैं।
(c) घटक किसी भी अनुपात में मिले होते हैं।
(d) घटक सरल विधियों द्वारा अलग किये जा सकते हैं।

27. विषमांगी मिश्रण का उदाहरण है
(a) लकड़ी
(b) पीतल
(c) नमक का जलीय विलयन
(d) स्टील।

28. ठोस-ठोस विलयन का उदाहरण है–
(a) लकड़ी
(b) पीतल
(c) नमक का जलीय विलयन
(d) इमल्शन।

29. गंदला पानी उदाहरण है
(a) विलयन का
(b) निलम्बन का
(c) कोलाइडल का
(d) ये सभी

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30. साबुन का जलीय विलयन है एक
(a) विलयन का
(b) निलम्बन का
(c) कोलाइडल का
(d) ये सभी ।

उत्तरमाला

      1. (b)
      2. (a)
      3. (a)
      4. (b)
      5. (c)
      6. (c)
      7. (b)
      8. (a)
      9. (d)
      10. (d)
      11. (c)
      12. (b)
      13. (d)
      14. (a)
      15. (c)
      16. (b)
      17. (d)
      18. (b)
      19. (c)
      20. (d)
      21. (a)
      22. (a)
      23. (b)
      24. (a)
      25. (c)
      26. (b)
      27. (a)
      28. (b)
      29. (b)
      30. (c)

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UP Board Solutions for Class 9 Hindi Chapter 11 नागार्जुन (काव्य-खण्ड)

UP Board Solutions for Class 9 Hindi Chapter 11 नागार्जुन (काव्य-खण्ड)

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विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पद्यांशों की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए तथा काव्यगत सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए :

(बादल को घिरते देखा है)

1. अमल धवल ………………………………………………………………………….. तिरते देखा है।

शब्दार्थ-अमल = निर्मल। धवल = सफेद शिखर = चोटी स्वर्णिम = सुनहले। तुंग = ऊँचा। ऊमस = गर्मी । पावस = वर्षा तिक्त = कसैला। बिसतन्तु = कमलनाल के अन्दर के कोमल रेशे। तिरते = तैरते हुए।

सन्दर्भ – प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी काव्य’ में जनकवि नागार्जुन द्वारा रचित ‘बादल को घिरते देखा है’ नामक कविता से अवतरित हैं। यह कविता उनके काव्य-संग्रह ‘प्यासी-पथराई आँखें’ में संकलित है।

प्रसंग – इस स्थल पर कवि ने हिमालय के वर्षाकालीन सौन्दर्य का चित्रण किया है।

व्याख्या – कवि का कथन है कि मैंने निर्मल, चाँदी के समान सफेद और बर्फ से मण्डित पर्वत की चोटियों पर घिरते हुए बादलों के मनोरम दृश्य को देखा है। मैंने मानसरोवर में खिलनेवाले स्वर्ण-जैसे सुन्दर कमल-पुष्पों पर मोती के समान चमकदार अत्यधिक शीतल जल की बूंदों को गिरते हुए देखा है।
कवि हिमालय की प्राकृतिक सुषमा का अंकन करते (UPBoardSolutions.com) हुए कहता है कि उस पर्वत-प्रदेश में हिमालय के ऊँचे शिखररूपी कन्धों पर छोटी-बड़ी अनेक झीलें फैली हुई हैं। मैंने उन झीलों के नीचे शीतल, स्वच्छ, निर्मल जल में ग्रीष्म के ताप के कारण व्याकुल और समतल क्षेत्रों से आये (अर्थात् मैदानों से आये हुए) हंसों को कसैले और मधुर कमलनाल के तन्तुओं को खोजते हुए और उन झीलों में तैरते हुए देखा है।

काव्यगत सौन्दर्य

  • कवि ने साहित्यिक और कलात्मक शब्दावली का प्रयोग करते हुए हिमालय की सुन्दरता का अंकन किया है, जहाँ पर सभी प्राणी आनन्द और उल्लास का अनुभव कर सकते हैं।
  • आलम्बने रूप में प्रकृति का चित्रण हुआ है।
  • सरल व प्रवाहपूर्ण भाषा का प्रयोग।
  • गुण–माधुर्य।
  • रस-श्रृंगार।
  • शब्द-शक्ति-लक्षणा।
  • अलंकार-अनुप्रास, उपमा, पुनरुक्तिप्रकाश, रूपकातिशयोक्ति।

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2. एक दूसरे से ………………………………………………………………………….. चिढ़ते देखा है।
अथवा निशा काल ………………………………………………………………………….. के तीरे।
अथवा दुर्गम ………………………………………………………………………….. हो-होकर।

शब्दार्थ-वियुक्त = पृथक्, जुदा। तीरे = किनारे शैवाल = घास परिमल = सुगन्ध।

सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्य-पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी काव्य’ में कविवर नागार्जुन द्वारा रचित ‘बादल को घिरते देखा है’ शीर्षक कविता से अवतरित हैं।

प्रसंग – इनमें कवि ने हिमालय के मोहक दृश्यों का चित्रण किया है।

व्याख्या – कवि कहता है कि चकवा-चकवी आपस में एक-दूसरे से अलग रहकर सारी रात बिता देते हैं। किसी शाप के कारण वे रात्रि में मिल नहीं पाते हैं। विरह में व्याकुल होकर वे क्रन्दन करने लगते हैं। प्रात: होने पर उनका क्रन्दन बन्द हो जाता है और वे मानसरोवर के किनारे मनोरम दृश्य में एक-दूसरे से मिलते हैं और हरी घास पर प्रेम-क्रीड़ा करते हैं। महाकवि कालिदास द्वारा मेघदूत महाकाव्य में वर्णित अपार धन के स्वामी कुबेर और उसकी सुन्दर अलका नगरी अब कहाँ है? आज आकाश मार्ग से जाती हुई पवित्र गंगा का जल कहाँ गया? बहुत हूँढ़ने पर भी मुझे मेघ के उस दूत के दर्शन नहीं हो सके। ऐसा भी हो सकता है कि इधर-उधर भटकते (UPBoardSolutions.com) रहनेवाला यह मेघ पर्वत पर यहीं कहीं बरस पड़ा हो। छोड़ो, रहने दो, यह तो कवि की कल्पना थी। मैंने तो गगनचुम्बी कैलाश पर्वत के शिखर पर भयंकर सर्दी में विशाल आकारवाले बादलों को तूफानी हवाओं से गरजे-बरस कर संघर्ष करते हुए देखा है। हजारों फुट ऊँचे पर्वत-शिखर पर स्थित बर्फानी घाटियों में जहाँ पहुँचना बहुत कठिन होता है, कस्तूरी मृग अपनी नाभि में स्थित अगोचर कस्तूरी की मनमोहक सुगन्ध से उन्मत्त होकर इधर-उधर दौड़ता रहता है। निरन्तर भाग-दौड़ करने पर भी जब वह उसे कस्तूरी को प्राप्त नहीं कर पाता तो अपने-आप पर झुंझला उठता है।

काव्यगत सौन्दर्य

  • यहाँ कवि ने विभिन्न मोहक दृश्यों को प्रस्तुत करके अपनी कुशल प्रकृति-चित्रण कला को दर्शाया है।
  • भाषा-तत्सम प्रधान खड़ीबोली।
  • रस-श्रृंगार।
  • गुण-माधुर्य।
  • अलंकार-अनुप्रास।

3. शत-शत ………………………………………………………………………….. फिरते देखा है।

शब्दार्थ-मुखरित = गुंजित कानन = वन शोणित = लाल धवल = सफेद कुन्तल = केश। सुघर = सुन्दर कुवलय = नीलकमल वेणी = चोटी। रजित = चाँदी के बने, मणियों से गढ़े। लोहित = लाल त्रिपदी = तिपाई । मदिरारुण = मद्यपान कर लेने के कारण हुई लाल, नशे में लाल। उन्मद = नशे में मस्त।

सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्य हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी काव्य’ में कविवर नागार्जुन द्वारा रचित ‘बादल को घिरते देखा है’ से लिया गया है।

प्रसंग – यहाँ कवि ने किन्नर-प्रदेश की शोभा का वर्णन किया है।

व्याख्या – कवि का कथन है कि आकाश में बादल छा जाने के बाद किन्नर-प्रदेश की शोभा अद्वितीय हो जाती है। सैकड़ों छोटे-बड़े झरने अपनी कल-कल ध्वनि से देवदार के वन को गुंजित कर देते हैं अर्थात् गिरते हुए झरनों का स्वर देवदार के वनों में गूंजता रहता है। इन वनों के बीच में लाल और श्वेत (UPBoardSolutions.com) भोजपत्रों से छाये हुए कुटीर के भीतर किन्नर और किन्नरियों के जोड़े विलासमय क्रीडाएँ करते रहते हैं। वे अपने केशों को विभिन्न रंगों के सुगन्धित पुष्पों से सुसज्जित किये रहते हैं। सुन्दर शंख जैसे गले में इन्द्र-नीलमणि की माला धारण करते हैं, कानों में नीलकमल के कर्णफूल पहनते हैं और उनकी वेणी में लाल कमल सजे रहते हैं।

कवि का कथन है कि किन्नर प्रदेश के नर-नारियों के मदिरापान करनेवाले बर्तन चाँदी के बने हुए हैं। वे मणिजड़ित तथा “कलात्मक ढंग से बने हुए हैं। वे अपने सम्मुख निर्मित तिपाई पर मदिरा के पात्रों को रख लेते हैं और स्वयं कस्तूरी मृग के नन्हें बच्चों की कोमल और दागरहित छाल पर आसन लगाकर बैठ जाते हैं । मदिरा पीने के कारण उनके नेत्र लाल रंग के हो जाते हैं। उनके नेत्रों में उन्माद छा जाता है। मदिरा पीने के (UPBoardSolutions.com) बाद वे लोग मस्ती को प्रकट करने के लिए अपनी कोमल और सुन्दर अँगुलियों से सुमधुर स्वरों में वंशी की तान छेड़ने लगते हैं। कवि कहता है कि इन सभी दृश्यों की मनोहरता को मैंने देखा है।

काव्यगत सौन्दर्य

  • यहाँ किन्नर प्रदेश के स्त्री-पुरुषों के विलासमय जीवन को यथार्थ चित्रण हुआ है।
  • प्रकारान्तर से कवि ने धनी वर्ग की विलासिता का वर्णन किया है।
  • भाषा–संस्कृतनिष्ठ खड़ीबोली।
  • रस-श्रृंगार।
  • अलंकार-उपमा, पुनरुक्तिप्रकाश।
  • शब्द-शक्ति-लक्षणी।

प्रश्न 2.
नागार्जुन का जीवन-परिचय देते हुए उनकी भाषा-शैली का उल्लेख कीजिए।

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प्रश्न 3.
नागार्जुन का जीवन वृत्त लिखकर उनके साहित्यिक योगदान का उल्लेख कीजिए

प्रश्न 4.
नागार्जुन के साहित्यिक अवदान एवं रचनाओं पर प्रकाश डालिए।

प्रश्न 5.
नागार्जुन का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए तथा उनके काव्य-सौन्दर्य पर प्रकाश डालिए।

(नागार्जुन)
स्मरणीय तथ्य

जन्म – सन् 1910 ई०, तरौनी (जिला दरभंगा (बिहार)।
मृत्यु – सन् 1998 ई०।
शिक्षा – स्थानीय संस्कृत पाठशाला में, श्रीलंका में बौद्ध धर्म की दीक्षा।
वास्तविक नाम-वैद्यनाथ मिश्र।
रचनाएँ – युगधारा, प्यासी-पथराई आँखें, सतरंगे पंखोंवाली, तुमने कहा था, तालाब की मछलियाँ, हजार-हजार बाँहोंवाली, पुरानी जूतियों का कोरस, भस्मांकुर (खण्डकाव्य), बलचनमा, रतिनाथ की चाची, नयी पौध, कुम्भीपाक, उग्रतारा (उपन्यास), दीपक, विश्वबन्धु (सम्पादन)।
काव्यगत विशेषताएँ
वर्य-विषय – सम-सामयिक, राजनीतिक तथा सामाजिक समस्याओं का चित्रण, दलित वर्ग के प्रति संवेदना, अत्याचारपीड़ित एवं त्रस्त व्यक्तियों के प्रति (UPBoardSolutions.com) सहानुभूति।
भाषा – शैली-तत्सम शब्दावली प्रधान शुद्ध खड़ीबोली। ग्रामीण और देशज शब्दों का प्रयोग। प्रतीकात्मक शैली का प्रयोग।
अलंकार व छन्द-उपमा, रूपक, अनुप्रास। मुक्तक छन्द।।

जीवन-परिचय – श्री नागार्जुन का जन्म दरभंगा जिले के तरौनी ग्राम में सन् 1910 ई० में हुआ था। आपका वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र है। आपका आरम्भिक जीवन अभावों का जीवन था। जीवन के अभावों ने ही आगे चलकर आपके संघर्षशील व्यक्तित्व का निर्माण किया व्यक्तिगत दुःख ने आपको मानवता के दु:ख को समझने की क्षमता प्रदान की है। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय संस्कृत पाठशाला में हुई। सन् 1936 ई० में आप श्रीलंका गये और वहाँ पर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। सन् 1938 ई० में आप स्वदेश लौट आये। (UPBoardSolutions.com) राजनीतिक कार्यकलापों के कारण आपको कई बार जेल-यात्रा भी करनी पड़ी। आप बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं तथा घुमक्कड़ एवं फक्कड़ किस्म के व्यक्ति हैं। आप निरन्तर भ्रमण करते रहे। सन् 1998 ई० में आपका निधन हो गया।

रचनाएँ – युगधारा, प्यासी-पथराई आँखें, सतरंगे पंखोंवाली, तुमने कहा था, तालाब की मछलियाँ, हजार-हजार बाँहोंवाली, पुरानी जूतियों का कोरस, भस्मांकुर (खण्डकाव्य) आदि।

उपन्यास – बलचनमा, रतिनाथ की चाची, नयी पौध, कुम्भीपाक, उग्रतारा आदि। सम्पादन-दीपक, विश्व-बन्धु पत्रिका।

मैथिली के ‘पत्र – हीन नग्न-गाछ’ काव्य-संकलन पर आपको साहित्य अकादमी का पुरस्कार भी मिल चुका है।

काव्यगत विशेषताएँ

नागार्जुन के काव्य में जन भावनाओं की अभिव्यक्ति, देश-प्रेम, श्रमिकों के प्रति सहानुभूति, संवेदनशीलता तथा व्यंग्य की प्रधानता आदि प्रमुख विशेषताएँ पायी जाती हैं। अपनी कविताओं में आप अत्याचार-पीड़ित, त्रस्त व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति

प्रदर्शित करके ही सन्तुष्ट नहीं होते हैं, बल्कि उनको अनीति और अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा भी देते हैं। व्यंग्य करने में आपको संकोच नहीं होता। तीखी और सीधी चोट (UPBoardSolutions.com) करनेवाले आप वर्तमान युग के प्रमुख व्यंग्यकार हैं। नागार्जुन जीवन के, धरती के, जनता के तथा श्रम के गीत गानेवाले कवि हैं, जिनकी रचनाएँ किसी वाद की सीमा में नहीं बँधी हैं।

भाषा – शैली–नागार्जुन जी की भाषा-शैली सरल, स्पष्ट तथा मार्मिक प्रभाव डालनेवाली है। काव्य-विषय आपके प्रतीकों के माध्यम से स्पष्ट उभरकर सामने आते हैं। आपके गीतों में जन- जीवन का संगीत है। आपकी भाषा तत्सम प्रधान शुद्ध खड़ीबोली है, जिसमें अरबी व फारसी के शब्दों का भी प्रयोग किया गया है।

अलंकार एवं छन्द – आपकी कविता में अलंकारों का स्वाभाविक प्रयोग है। उपमा, रूपक, अनुप्रास आदि अलंकार ही देखने को मिलते हैं। प्रतीक विधान और बिम्ब-योजना भी श्रेष्ठ है।
साहित्य में स्थान-निस्सन्देह नागार्जुन जी का काव्य भाव-पक्ष तथा कला पक्ष की दृष्टि से हिन्दी साहित्य का अमूल्य कोष है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नागार्जुन ने अपनी कविता ‘बादल को घिरते देखा है’ में प्रकृति के किस रूप के सौन्दर्य का वर्णन किया
उत्तर:
इस कविता में कवि ने हिमालय पर्वत पर स्थित कैलाश पर्वत की चोटी पर घिरते बादलों के सौन्दर्य का वर्णन किया है।

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प्रश्न 2.
‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है’ पंक्ति में प्राकृतिक वर्णन के अतिरिक्त मुख्य भाव क्या है?
उत्तर:
कवि कहता है कि इस संसार में निरन्तर संघर्ष चल रहा है। मैंने असहाय जाड़ों में आकाश को छूने वाले कैलाश पर्वत की चोटी पर बहुत बड़े बादल-समूह को बर्फानी और तूफानी (UPBoardSolutions.com) हवाओं से गर्जना करके क्रोध प्रकट करते हुए युद्धरत देखा है। यद्यपि हवा बादल को उड़ा ले जाती है। बादल वायु के समक्ष शक्तिहीन है फिर भी उसको हवा के प्रति संघर्ष उसके अस्तित्व के लिए अनिवार्य है।

कहने का भाव यह है कि सफलता की सम्पूर्ण सामर्थ्य व्यक्ति के अन्दर निहित रहती है, किन्तु अज्ञानतावश उस सामर्थ्य को न जानने के कारण और सफलता से वंचित रहने के कारण वह अपने ऊपर ही झुंझलाता है।

प्रश्न 3.
कवि ने नरेत्तर (मनुष्य से इतर) दम्पतियों का किस प्रकार वर्णन किया है?
उत्तर:
कवि नरेत्तर दम्पतियों का वर्णन करते हुए कहता है कि सुगन्धित फूलों को अपने बालों में लगाये हुए, अपने शंख जैसे गलों में, मणि की माला तथा कानों में नीलकमल के कर्णफूल पहने हुए, अंगूरी शराब पीकर हिरण की खाल पर पालथी मारकर बैठे हुए किन्नर युगल दर्शकों के हृदय को गद्गद करते हैं।

प्रश्न 4.
‘बादल को घिरते देखा है’ शीर्षक कविता का सारांश लिखिए।
उत्तर:
‘बादल को घिरते देखा है’ कविता में हिमालय पर्वत पर स्थित कैलास पर्वत की चोटी पर घिरते बादलों के सौन्दर्य को वर्णन किया गया है। कवि के अनुसार निर्मल, चाँदी के समान सफेद और बर्फ से मण्डित पर्वत-चोटियों पर घिरते हुए बादलों से सम्पूर्ण वातावरण अत्यन्त मनोहारी दिखायी देने लगता है। कैलाश पर्वत पर छाये बड़े-बड़े बादल; तूफानी हवाओं से गरज-गरजकर दो-दो हाथ करते हैं। यद्यपि तूफानी हवाएँ (UPBoardSolutions.com) अन्ततः बादलों को उड़ा ले जाती हैं, फिर भी बादल अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत रहता है। आकाश में बादल छा जाने से किन्नर प्रदेश की शोभा अद्वितीय हो जाती है। सैकड़ों छोटे-बड़े झरने अपनी कल-कल ध्वनि से देवदार के वन को गुंजित कर देते हैं। इन वनों में किन्नर और किन्नरियाँ विलासितापूर्ण क्रीड़ाएँ करने लगती हैं।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नागार्जुन किस युग के कवि हैं?
उत्तर:
आधुनिक (प्रगतिवाद) युग के कवि हैं।

प्रश्न 2.
नागार्जुन की दो रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
युगधारा, खून और शोले।

प्रश्न 3.
नागार्जुन की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
नागार्जुन की भाषा सहज, सरल, बोधगम्य, स्पष्ट, स्वाभाविक और मार्मिक प्रभाव डालने वाली है। उनकी शैली स्वाभाविक और पाठकों के हृदय में तत्सम्बन्धी भावनाओं को उदीप्त करनेवाली होती है।

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प्रश्न 4.
बादल को घिरते देखा है? शीर्षक कविता का सारांश लिखिए।
नोट-इस प्रश्न के उत्तर के लिए लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 4 देखें।

प्रश्न 5.
‘बादल को घिरते देखा है’ शीर्षक कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
प्रस्तुत कविता ‘बादल को घिरते देखा है’ के माध्यम से कवि ने हिमालय पर्वत पर स्थित कैलाश पर्वत की चोटी के सौन्दर्य को वर्णित करने की चेष्टा की है।

प्रश्न 6.
‘बादल को घिरते देखा है’ कविता का प्रतिपाद्य बताइए।
उत्तर:
‘बादल को घिरते देखा है’ कविता का प्रतिपाद्य हिमालय पर्वत पर स्थित कैलाश पर्वत की चोटी का सौन्दर्य वर्णन है।

काव्य-सौन्दर्य एवं व्याकरण-बोध
1.
निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों का काव्य-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए
(अ) श्यामल शीतल अमल सलिल में।
समतल देशों के आ-आकर
पावस की उमस से आकुल
तिक्त मधुर बिस तंतु खोजते, हंसों को तिरते देखा है।

(ब) मृदुल मनोरम अँगुलियों को वंशी पर फिरते देखा है।
उत्तर:
(अ) काव्य-सौन्दर्य-

  • कैलाश पर्वत अत्यन्त रमणीक स्थान है। गर्मी की उमस से व्याकुल होकर यहाँ दूर देश के पक्षी आते हैं और विचरण करते हैं।
  • शैली-गेय है।
  • भाषा-सहज, स्वाभाविक एवं बोधगम्य है।
  • अलंकार-अनुप्रास।

(ब) काव्य-सौन्दर्य-

  • कवि कह रहा है कि कोमल अँगुलियों द्वारा वंशीवादन से लोग थिरक उठते हैं। जैसे गोपिकाएँ भगवान् श्रीकृष्ण की मुरली पर मोहित हो जाती थीं।
  • शैली-गेय है।
  • भाषा-सहज, स्वाभाविक एवं बोधगम्य है।

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2.
निम्नलिखित शब्द युग्मों से विशेषण-विशेष्य अलग कीजिएअतिशय शीतल, स्वर्णिम कमलों, प्रणय कलह, रजत-रचित।
उत्तर:
विशेषण                                   विशेष्य 

अतिशय                    –                शीतल
प्रणय                         –               कलह
स्वर्णिम                      –               कमलों
रजत                          –               रचित

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UP Board Solutions for Class 9 Hindi Chapter 2 मंत्र (गद्य खंड)

UP Board Solutions for Class 9 Hindi Chapter 2 मंत्र (गद्य खंड)

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(विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नांकित गद्यांशों में रेखांकित अंशों की सन्दर्भ सहित व्याख्या और तथ्यपरक प्रश्नों के उत्तर दीजिये –
(1) मोटर चली गयी। बूढ़ा कई मिनट तक मूर्ति की भाँति निश्चल खड़ा रहा। संसार में ऐसे मनुष्य भी होते हैं, जो अपने आमोद-प्रमोद के आगे किसी की जान की भी परवाह नहीं करते, शायद इसका उसे अब भी विश्वास न आता था। सभ्य संसार इतना निर्मम, इतना कठोर है, इसका ऐसा मर्मभेदी (UPBoardSolutions.com) अनुभव अब तक न हुआ था। वह उन पुराने जमाने के जीवों में था, जो लगी हुई आग को बुझाने, मुर्दे को कन्धो देने, किसी के छप्पर को उठाने और किसी कलह को शान्त करने के लिए सदैव तैयार रहते थे। जब तक बूढ़े को मोटर दिखायी दी, वह खड़ा टकटकी लगाये उस ओर ताकता रहा।
प्रश्न
(1) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(3) पुराने जमाने के जीवों का व्यवहार कैसा था?
(4) भगत को किस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था?
(5) भगत के अनुसार सभ्य संसार कैसा है?
[शब्दार्थ-आमोद-प्रमोद = मनोरंजन करना । जान = जीवन । परवाह = चिन्ता। निर्मम = निर्दय ।]
उत्तर-

  1. सन्दर्भ- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी गद्य’ में संकलित एवं मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘मंत्र’ नामक कहानी से अवतरित है। इसमें लेखक ने विरोधी घटनाओं और भावनाओं के चित्रण द्वारा कर्तव्य का बोध कराया है। यहाँ पर लेखक ने बूढ़े भगत तथा डॉ० चड्डा के व्यवहार का वर्णन किया है। |
  2. रेखांकित अंशों की व्याख्या- बूढ़ा भगत अपने बीमार बेटे को दिखाने डॉ० चड्डा के पास आया । परन्तु डॉ० चड्डा ने उसकी प्रार्थना पर कोई ध्यान नहीं दिया और मोटर में सवार होकर खेलने चले गये। मोटर चली जाने के बाद बूढ़ा भगत सोचने लगा कि क्या संसार में ऐसे भी हृदयहीन व्यक्ति हैं, जो अपने मनोरंजन के सामने दूसरों के जीवन की कोई चिन्ता नहीं करते। वह ऐसे व्यवहार की लेशमात्र भी आशा नहीं करता था। उसे अपनी सरलता के कारण उनके इसे कठोर व्यवहार पर अब भी विश्वास नहीं हो रहा था। वह यह नहीं जानता था कि सभ्य संसार इतना हृदयहीन और कठोर होता है। इस बात का हँदयस्पर्शी (UPBoardSolutions.com) अनुभव उसे अभी तक कभी नहीं हुआ था। वह प्राचीन मान्यताओं और परम्पराओं को माननेवाला व्यक्ति था। वह उन व्यक्तियों में से था, जो सदैव परोपकार में लीन रहते हैं, जो दूसरों की आग को बुझाने, मुर्दो को कन्धा देने, किसी के छप्पर को उठाकर रखने और किसी के घर की लड़ाई को शान्त करने को ही अपना कर्त्तव्य समझते हैं । इस प्रकार बूढ़ा भगत निः। स्वार्थ सेवा करनेवाला और दूसरों के दु:ख में सहयोग तथा सहानुभूति रखनेवाला व्यक्ति था।
  3. पुराने जमाने के जीवों का व्यवहार सरलता से परिपूर्ण होते हैं।
  4. भगत को विश्वास नहीं हो रहा था कि संसार में ऐसे मनुष्य भी रहते हैं जो अपने आमोद-प्रमोद के आगे किसी की जान । की परवाह नहीं करते हैं।
  5. भगत के अनुसार सभ्य संसार बहुत निर्मम एवं कठोर है।

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(2) ‘अरे मूर्ख, यह क्यों नहीं कहता कि जो कुछ न होना था, हो चुका । जो कुछ होना था वह कहाँ हुआ? माँ-बाप ने बेटे का सेहरा कहाँ देखा? मृणालिनी का कामना-तरु क्या पल्लव और पुष्प से रंजित हो उठा? मन के वह स्वर्ण-स्वप्न जिनसे जीवन आनन्द का स्रोत बना हुआ था, क्या पूरे हो गये? (UPBoardSolutions.com) जीवन के नृत्यमय तारिका-मण्डित सागर में आमोद की बहार लूटते हुए क्या उसकी नौका जलमग्न नहीं हो गयी? जो न होना था, वह हो गया!’
प्रश्न
(1) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(3) माँ-बाप ने क्या नहीं देखा?
(4) ‘नौका जलयान होना’ का क्या अर्थ है?
(5) मृणालिनी का कामना तरु क्या था?
[शब्दार्थ-सेहरा = पगड़ी। कामना तरु = इच्छारूपी वृक्ष । पल्लव = पत्ते । रंजित = युक्त, लहलहानी । स्वर्ण-स्वप्न = सुनहरी इच्छाएँ । स्रोत = झरना। नृत्यमय तारिका-मंडित = नाचते हुए तारों से सुशोभित । आमोद = प्रसन्नता । जलमग्न = पानी में डूब जाना।]
उत्तर-

  1. सन्दर्भ- प्रस्तुत गद्यावतरण हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी गद्य’ में संकलित एवं मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘मंत्र’ नामक पाठ से लिया गया है। प्रस्तुत गद्यांश में उस समय का विवरण है, जबकि कैलाश के प्राण सर्पदंश द्वारा हर लिये जाते हैं तथा झाड़-फेंक के साधन भी उत्तर दे जाते हैं तो एक सज्जन कहते हैं
  2. रेखांकित अंशों की व्याख्या- अरे मूर्ख ! आज इस घर में जो हुआ है वह नहीं होना चाहिए था क्योंकि कैलाश अभी नवयुवक है, जीवन के समस्त आनन्दों का रसास्वादन अभी उसके लिए शेष है। उसके माता-पिता तो उसका विवाह भी न देख पाये और मृणालिनी, उसकी कामनाएँ जो कैलाश के जीवित होने पर पुष्पित, पल्लवित थीं, कैलाश के आकस्मिक निधन से नष्टप्राय हो गयी है। जब जीवन के आनन्द का एकमात्र स्रोत कैलाश ही उसके जीवन में न रहा, तो वह अब किस अनिर्वचनीय (UPBoardSolutions.com) आनन्द की अनुभूति करे। उसके मन की अनेक इच्छाएँ एवं सुनहरे स्वप्न क्या कैलाश की मृत्यु के साथ अपूर्ण होकर नहीं रह गये । जिस प्रकार किसी सागर में आमोद-प्रमोद करती नाव सागर की उठती हुई तरंगों से सागर के गर्भ में समा जाती है उसी प्रकार कैलाशरूपी नौका के सवार भी जीवनरूपी सागर के जल में पूर्णतया डूब गये थे। भाव यह है कि कैलाश की मृत्यु उस समय हुई, जबकि उसे जीवन के प्रत्येक सुख को देखना था तथा उसकी मृत्यु से उसके माता-पिता, मृणालिनी आदि सभी पूर्णतया प्रभावित हुए हैं।
  3. माँ-बाप ने बेटे के सिर पर सेहरा नहीं देखा।
  4. नौका जलमग्न होने का तात्पर्य सहारा नष्ट हो जाना है जिससे मृणालिनी का विवाह होना था जब वही नहीं रहेगा तो इसे ही नौका का जलमग्न कहा जायेगा।
  5. मृणालिनी कल्पना तरु वैवाहिक जीवन का स्वर्ण-स्वप्न था जो जीवन-आनन्द का स्रोत बना हुआ था, जो समय पर पल्लव और पुष्प से रंजित होता।

(3)  वही हरा-भरा मैदान था, वही सुनहरी चाँदनी एक नि:शब्द संगीत की भाँति प्रकृति पर छायी हुई थी, वही मित्र-समाज था। वही मनोरंजन के सामान थे। मगर जहाँ हास्य की ध्वनि थी, वहाँ अब करुण-क्रन्दन और अश्रु-प्रवाह था।
प्रश्न
(1) उपर्युक्त गद्यखण्ड का संदर्भ लिखिए।
(2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(3) प्रकृति पर क्या छायी हुई थी?
उत्तर-

  1. सन्दर्भ- प्रस्तुत गद्यांश मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित कहानी ‘मंत्र’ से उद्धृत है।
  2. रेखांकित अंशों की व्याख्या- कैलाश के जन्मदिन समारोह के समय जो हँसीपूर्ण वातावरण था, चारों ओर हास्यपरिहास छाया था वहीं कैलाश को साँप के काट लेने पर करुण पुकार होने लगी, थी। सभी के नेत्रों से आँसू बह रहे थे। हर्ष का वातावरण शोक में बदल गया था।
  3. प्रकृति पर सुनहरी चाँदनी संगीत की भाँति छायी हुई थी।

(4) वह एक जड़ी कैलाश को सुंघा देता । इस तरह न जाने कितने घड़े पानी कैलाश के सिर पर डाले गये और न जाने कितनी बार भगत ने मन्त्र फेंका। आखिर जब ऊषा (UPBoardSolutions.com) ने अपनी लाल-लाल आँखें खोलीं, तो कैलाश की भी लाल-लाल आँखें खुल गयीं। एक क्षण में उसने अँगड़ाई ली और पानी पीने को माँगा। डॉक्टर चड्डा ने दौड़कर नारायणी को गले लगा लिया। नारायणी दौड़कर भगत के पैरों पर गिर पड़ी और मृणालिनी कैलाश के सामने आँखों में आँसू भरे पूछने लगी-‘अब कैसी तबीयत है?’
प्रश्न
(1) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(2) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए।
(3) आँखें खुलते ही अँगड़ाई लेते हुए कैलाश ने क्या माँगा?
उत्तर-

  1. सन्दर्भ- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी गद्य’ में संकलित एवं मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘मंत्र’ नामक कहानी से अवतरित है। प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने विरोधी घटनाओं, परिस्थितियों और भावनाओं का चित्रण करके कर्तव्य-बोध का मार्ग समझाया है।
  2. रेखांकित अंशों की व्याख्या- बूढ़े भगत ने कैलाश को जड़ी सुंघाया और इसके बाद उसके सिर पर घड़े भर-भरकर पानी डाला गया। बूढ़े भगत ने इस बीच कई बार उस पर मंत्र फेंका। काफी समय बाद जब उषा ने कैलाश को देखने के लिए अपनी लाल-लाल आँखें खोलीं तो उसी समय अचानक कैलाश की भी लाल आँखें खुल गयीं। अँगड़ाई लेते हुए कैलाश ने पीने के लिए पानी (UPBoardSolutions.com) माँगा तो इतना सुनते ही डॉ० चड्ढा ने नारायणी को प्रसन्नता के आवेश में दौड़कर गले लगा लिया। नारायणी कृतज्ञ भाव से भरकर तुरंत ही भगत के पैरों पर गिर पड़ी। मृणालिनी आँखों में आँसू भरकर कैलाश से पूछने लगी, “अब तुम्हारी कैसी तबीयत है?”
  3. आँखें खुलते ही कैलाश ने अँगड़ाई लेते हुए पानी माँगा।

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(5) चड्रा – रात को मैंने नहीं पहचाना, पर जरा साफ हो जाने पर पहचान गया। एक बार यह एक मरीज को लेकर आया था। मुझे अब याद आता है कि मैं खेलने जा रहा था और मरीज को देखने से इनकार कर दिया था। आज उस दिन की बात याद करके मुझे जितनी ग्लानि हो रही है, उसे प्रकट नहीं (UPBoardSolutions.com) कर सकता। मैं उसे खोज निकालूंगा और पैरों पर गिरकर अपना अपराध क्षमा कराऊँगा । वह कुछ लेगा नहीं, यह जानता हूँ, उसका जन्म यश की वर्षा करने ही के लिए हुआ है। उसकी सज्जनता ने मुझे ऐसा आदर्श दिखा दिया है, जो अबे से जीवन-पर्यन्त मेरे सामने रहेगा।
प्रश्न
(1) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(3) ग्लानि किसको हो रही थी?
(4) डॉ० चड्ढा किस आदर्श पर जीवन भर चलने का संकल्प लेते हैं?
(5) प्रस्तुत पंक्तियों में भगत की किस-चारित्रिक विशेषता का पता चलता है?
[शब्दार्थ-ग्लानि = दु:ख। जीवन-पर्यन्त = जीवन के अन्त तक।]

उत्तर-

  1. सन्दर्भ- यह गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी गद्य’ में संकलित एवं मुंशी प्रेमचन्द जी द्वारा लिखित ‘मन्त्र’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें उन्होंने यह बताया है कि मनुष्य को अपनी गल्तियों का अनुभव तब होता है, जब उसके प्रायश्चित्त का समय निकल जाता है। अपने ऊपर उसी प्रकार की विपत्ति के आने से मनुष्य की आँखें खुल जाती हैं।
  2. रेखांकित अंशों की व्याख्या- बूढ़े के मन्त्र-तन्त्र के उपचार से कैलाश ठीक हो जाता है। डॉक्टर चड़ा उस बूढ़े को पहचानने का प्रयास करते हैं और अन्तत: उन्हें उस घटना का स्मरण हो आता है, जब वे गोल्फ खेलने के लिए जा रहे थे और वह बूढ़ा अपने इकलौते पुत्र को मृतप्राय अवस्था में उनके पास लेकर आया था, लेकिन वह उसको देखे बिना गोल्फ खेलने के लिए चले गये थे। आज बूढ़े द्वारा अपने ऊपर किये गये उपकार के कारण उन्हें अपने उस दिन के व्यवहार पर अपार दु:ख हो रहा है। वह आज (UPBoardSolutions.com) अपने उस अमानवीय व्यवहार का प्रायश्चित्त करना चाहते हैं। अपनी पत्नी नारायणी से वे कह रहे हैं कि यद्यपि मैं जानता हूँ कि वह बूढ़ा कुछ लेगा नहीं तथापि मैं उसे अवश्य खोजेंगा, वह अवश्य ही मेरे अपराध को क्षमा कर देगा। इस संसार में कुछ लोग दूसरों की भलाई के लिए ही जन्म लेते हैं, अपने लिये नहीं। वह बूढ़ा भी उन लोगों में से ही एक व्यक्ति था। लगता है कि भगवान् ने उसको यश की वर्षा करने के लिए ही जन्म दिया है। अपने नि:स्वार्थ सेवा-भावना से उसने मुझे सज्जनता का ऐसा आदर्श दिखा दिया है, जिसे मैं जीवन के अन्तिम क्षण तक याद रखेंगा।।
  3. ग्लानि डॉक्टर चड्डी को हो रही थी।
  4. डॉ० चड्ढा भगत द्वारा दिखाये सज्जनता के आदर्श पर जीवन भर चलने का संकल्प लेते हैं।
  5. इन पंक्तियों में भगत की चारित्रिक विशेषता उसकी सज्जनता है। उसका जन्म यश की वर्षा करने ही के लिए हुआ था।

प्रश्न 2. मुंशी प्रेमचन्द के जीवन-परिचय एवं भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।

प्रश्न 3. मुंशी प्रेमचन्द के जीवन एवं साहित्यिक परिचय का उल्लेख कीजिए।
अथवा मुंशी प्रेमचन्द की जीवनी एवं साहित्यिक सेवाएँ स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 4. मुंशी प्रेमचन्द के जीवन-परिचय एवं कृतियों का उल्लेख कीजिए। अथवा मुंशी प्रेमचन्द जी का साहित्यिक परिचय दीजिए तथा उनकी प्रमुख रचनाओं (कृतियों) का उल्लेख कीजिए।

मुंशी प्रेमचन्द
(स्मरणीय तथ्य )

जन्म-सन् 1880 ई०। मृत्यु-सन् 1936 ई० जन्म-स्थान-लमही (वाराणसी) उ० प्र०। पिता-अजायब राय । अन्य बातें-निर्धन, संघर्षमय जीवन, बी० ए० तक शिक्षा, पहले अध्यापक फिर सब-डिप्टी इंसपेक्टर।
साहित्यिक विशेषताएँ-उपन्यास सम्राट्, महान् कथाकार। यथार्थ और आदर्श का मिश्रण।
भाषा- सरल, रोचक, प्रवाहमयी।
शैली- निजी, वर्णनात्मक, विवेचनात्मक, भावात्मक, व्यंग्यात्मक आदि।

  • जीवन-परिचय- मुंशी प्रेमचन्द का जन्म वाराणसी जिले के लमही ग्राम में सन् 1880 ई० में हुआ था। इनके बचपन का नाम धनपतराय धा : प्रेमचन्द जी पहले उर्दू में नवाबराय के नाम से कहानियाँ लिखते थे। बाद में जब हिन्दी में आये तो इन्होंने प्रेमचन्द नाम से कहानियाँ लिखनी शुरू कीं। इनका जन्म एक साधारण कायस्थ-परिवार में हुआ था। बचपन में ही पिता की मृत्यु हो गयी थी। (UPBoardSolutions.com) इनके पिता का नाम अजायब राय था। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद भी इन्होंने बड़े ही परिश्रम से अपना अध्ययनक्रम जारी रखा। आरम्भ में कुछ वर्षों तक स्कूल की अध्यापकी करने के पश्चात् ये शिक्षा-विभाग में डिप्टी इंसपेक्टर हो गये। असहयोग आन्दोलन से प्रेरित होकर इन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और आजीवन साहित्य-सेवा करते रहे। इन्होंने कई पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। इनकी मृत्यु सन् 1936 ई० में हुई।
  • कृतियाँ- मुंशी प्रेमचन्द मुख्य रूप से कहानी और उपन्यासों के लिए प्रसिद्ध हैं, परन्तु उन्होंने नाटक, निबन्ध और सम्पादन-कला को भी अपनी समर्थ लेखनी का विषय बनाया। इनकी रचनाओं का विवेचन निम्न प्रकार है
    • (क) उपन्यास-गोदान, सेवासदन, कर्मभूमि, रंगभूमि, गबन, प्रेमाश्रम, निर्मला, वरदान और कायाकल्प नामक श्रेष्ठ उपन्यास लिखे। इनके उपन्यासों में मानव-जीवन के विविध पक्षों और समस्याओं का यथार्थ चित्रण हुआ है। |
    • (ख) कहानी-संग्रह- मुंशी प्रेमचन्द ने लगभग 300 कहानियाँ लिखीं। उनके कहानी संग्रहों में सप्तसुमन, नवनिधि, प्रेमपचीसी, प्रेम सदन, मानसरोवर (आठ भाग) प्रमुख हैं। इनकी कहानियों में बाल-विवाह, दहेज-प्रथा, रिश्वत, भ्रष्टाचार आदि विविध समस्याओं को यथार्थ चित्रण कर उनका समाधान प्रस्तुत किया गया है।
    • (ग) नाटक-संग्राम, प्रेम की वेदी, कर्बला- इन नाटकों में राष्ट्र-प्रेम और विश्व-बन्धुत्व का सन्देश दिया गया है।
    • (घ) निबन्ध-‘कुछ विचार’ और ‘साहित्य का उद्देश्य’ में मुंशी प्रेमचन्द जी के निबन्धों का संग्रह है।
    • (ङ) सम्पादन-माधुरी, मर्यादा, हंस, जागरण आदि।
      इनके अतिरिक्त इन्होंने ‘तलवार और त्याग’ जीवनी, बालोपयोगी साहित्य और कुछ अनूदित पुस्तकों द्वारा हिन्दी-साहित्य के भण्डार की अभिवृद्धि की है।
  • साहित्यिक परिचय- मुंशी प्रेमचन्द हिन्दी के युगांतरकारी कथाकार हैं। इनकी कहानियाँ समसामयिक आर्थिक परिस्थितियों के किताबी दस्तावेज हैं जिनमें किसानों की दयनीय दशा, सामाजिक बन्धनों में तड़पती नारियों की वेदना, वर्णव्यवस्था का खोखलापन, हरिजनों की पीड़ा आदि का बड़ा ही मार्मिक चित्रण है। सामयिकता के साथ ही इनके साहित्य में स्थायित्व प्रदान करनेवाले तत्त्व विद्यमान हैं।
  • भाषा-शैली- मुंशी प्रेमचन्द प्रारम्भ में उर्दू में लिखा करते थे, अत: इनकी रचनाओं पर उर्दू की छाया स्पष्ट है। शैली अत्यन्त ही सरल, सुबोध तथा स्वाभाविक है, जिसमें (UPBoardSolutions.com) मुहावरों और कविता के समावेश से और भी सजीवता आ गयी है। आवश्यकतानुसार भाषा में अंग्रेजी, अरबी, उर्दू, फारसी और पूर्वी के देशज शब्दों का प्रयोग हुआ है। भाषा की स्पष्टता एवं प्रभावशीलता के लिए कहीं-कहीं आलंकारिक एवं काव्यमय भाषा का प्रयोग किया गया है। प्रेमचन्द की शैली के रूप हैं–(1) व्यावहारिक और (2) संस्कृतनिष्ठ शैली। व्यावहारिक शैली पर उर्दू की स्पष्ट छाप है। भाषा सरल और मुहावरेदार है।

उदाहरण

  1. व्यावहारिक शैली –“बूढ़े ने पगड़ी उतार कर चौखट पर रख दी और रोकर बोला-हुजूर, एक निगाह देख लें। बस एक निगाह। लड़का हाथ से चला जायेगा। हुजूर, सात लड़कों में यही एक बच रहा है हुजूर ।’
  2. संस्कृतनिष्ठ शैली –“कितने ही सिद्धान्त जो एक जमाने में सत्य समझे जाते थे, आज असत्य सिद्ध हो गये हैं, क्योंकि उनका सम्बन्ध मनोभावों से है और मनोभावों में कभी परिवर्तन नहीं होता है।”

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. क्या ‘मंत्र’ एक मर्मस्पर्शी कहानी है और क्यों?
उत्तर- ‘मंत्र’ एक मर्मस्पर्शी कहानी है। भगत अपने पुत्र के जीवनदान की याचना डॉ० चड्ढा के समक्ष करता है, लेकिन चड्ढा के ऊपर उसका कोई असर नहीं हुआ। अपनी बीमारी के (UPBoardSolutions.com) कारण भगत का लड़का इस दुनिया से सिधार गया। डॉ० चड्ढा के लड़के को सर्प ने जब डस लिया तो चड्ढा ने बूढ़े भगत को इलाज के लिए बुलवाया था। पहले तो भगत ने ना कर दिया, लेकिन रात में चड्ढा के लड़के के उपचार के लिए जाता है। उसके उपचार से चड्ढा के लड़के की जान बच जाती है।

प्रश्न 2. “भगवान् बड़ा कारसाज है।” इस वाक्य का भाव स्पष्ट कीजिए। |
उत्तर- अच्छा और बुरा सब ईश्वर के हाथ में है। ईश्वर सब कुछ करने में समर्थ है। वह जिन्दा को मुर्दा कर सकता है और मुर्दा को जिन्दा।

प्रश्न 3. अंततः भगत डॉ० चड्ढा के पुत्र को बचाने क्यों चला गया?
उत्तर- डॉ० चड्ढा के पुत्र की हालत जानकर भगत से नहीं रहा गया। उसके मन में बदले की भावना नहीं थी। जीवन में इस तरह का उसने कभी भी कोई कार्य नहीं किया था। भगत के मन में दया थी। इसलिए डॉ० चड्ढा के पुत्र को बचाने चला गया।

प्रश्न 4. डॉ० चड्ढा के सामने भगत ने अपनी पगड़ी उतार कर क्यों रख दी?
उत्तर- अपने पुत्र की जान बचाने के लिए भगत ने अपनी पगड़ी डॉ० चड्ढा के सामने उतार कर रख दी।

प्रश्न 5. कैलाश को सर्प ने क्यों काट लिया था?
उत्तर- कैलाश ने सर्प की गर्दन को कसकर दाब दिया था जिससे सर्प क्रोधित हो उठा और गर्दन ढीली होते ही उसने कैलाश को काट लिया।

प्रश्न 6. ‘मंत्र’ कहानी का सन्देश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- ‘मंत्र’ कहानी को सन्देश यह है कि हमें अमीर-गरीब के साथ समान व्यवहार करना चाहिए तथा दूसरों के सुखदु:ख में समान रूप से भागीदार होना चाहिए।

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प्रश्न 7. नारायणी ने भगत के लिए क्या सोचा था? |
उत्तर- नारायणी ने सोचा था कि मैं उसे कोई बड़ी रकम देंगी।

प्रश्न 8. कैलाश के जन्म-दिवस की तैयारियों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- कैलाश के बीसवें सालगिरह पर हरी-हरी घास पर ‘कुर्सियाँ बिछी हुई थीं। शहर के रईस और हुक्काम इकठे हुए थे। बिजली के प्रकाश से सारा मैदान जगमगा रहा था। आमोद-प्रमोद के साधन भी थे।

प्रश्न 9. डॉ० चड्ढा और बूढ़े से सम्बन्धित दस वाक्य लिखिए। |
उत्तर- डॉ० चड्ढा ने खूब यश और धन कमाया, लेकिन इसके साथ ही अपने स्वास्थ्य की रक्षा भी की। पचास वर्ष की अवस्था में उनकी चुस्ती और फुर्ती युवकों को भी लज्जित करती थी। उनके प्रत्येक काम का समय निश्चित था। इस नियम से वह जौ-भर भी न टलते थे। डॉ० चड्ढा उपचार और संयम का रहस्य खूब समझते थे। बूढ़ा भगत विनम्र और दयालु था। वह पुत्र के निधन के बाद भी धैर्य धारण किये हुए था। वह (UPBoardSolutions.com) नियमित रूप से अपने जीवन निर्वाह के लिए कार्य करता था। भगत में बदले की भावना नहीं थी। वह जब चड्ढा के बेटे को साँप काटने की खबर सुनता है तो उससे रहा नहीं जाता और रात में चड्ढा के घर पहुँच जाता है-वहाँ वह झाड़-फेंक करता है। उसके झाड़-फेंक से डॉ० चड्ढा का लड़का ठीक हो जाता है।

प्रश्न 10. इस पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर- इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि दूसरों के सुख-दुःख में समान रूप से भागीदार होना चाहिए।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. ‘भगवान् बड़ा कारसाज है।’ यह वाक्य कहानी में कितनी बार आया है?
उत्तर- ‘भगवान् बड़ा कारसाज है’ यह वाक्य कहानी में दो बार प्रयुक्त हुआ है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से सही वाक्य के सम्मुख सही (√) का चिह्न लगाइए
(अ) भगत कठोर हृदय का व्यक्ति नहीं था।                            (√)
(ब) कैलाश नारायणी का पुत्र था।                                            (√)
(स) बुढ़िया ने भगत को दूसरी बार डॉ० चड्ढा के यहाँ भेजा था। (×)
(द) अंततः कैलाश की मृत्यु हो गयी थी।                                   (×)

प्रश्न 3. मुंशी प्रेमचन्द का जन्म एवं मृत्यु सन् बताइए।
उत्तर- मुंशी प्रेमचन्द का जन्म सन् 1880 ई० तथा मृत्यु सन् 1936 ई० हुई।

प्रश्न 4. मुंशी प्रेमचन्द किस युग के लेखक हैं?
उत्तर- मुंशी प्रेमचन्द शुक्ल युग के लेखक हैं।

प्रश्न 5. कैलाश और मृणालिनी कौन थे?
उत्तर- कैलाश और मृणालिनी सहपाठी थे।

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प्रश्न 6. ‘हंस’ पत्रिका के संस्थापक कौन थे?
उत्तर- ‘हंस’ पत्रिका के संस्थापक मुंशी प्रेमचन्द थे।

व्याकरण-बोध

1. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ बताकर वाक्य-प्रयोग कीजिए –
आँखें ठण्डी होना, चैन की नींद सोना, किस्मत ठोंकना, कलेजा ठण्डा होना, हाथ से चला जाना, सूरत आँखों में फिरना।
उत्तर-

  • आँखें ठण्डी होना- (निष्प्राण होना)
    सर्प के काटने से कैलाश की आँखें ठण्डी हो गयी थीं।
  • चैन की नींद सोना- (बेफिक्र होना)
    परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर मैं चैन की नींद सोया।
  • किस्मत ठोंकना- (भाग्य को दोष देना)
    परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर मैंने किस्मत ठोंक ली।
  • कलेजा ठण्डा होना- (चैन पड़ना)
    राम के फेल होने पर श्याम का कलेजा ठण्डा हो गया।
  • हाथ से चला जाना- (प्रिय वस्तु का निकल जाना)
    दीनू की माँ का इकलौता बेटा बुरी संगति में पड़कर हाथ से चला गया।
  • सूरत आँखों में फिरना- (भूली हुई चीज याद आना)
    राधा के मुम्बई चले जाने पर उसकी सूरत बार-बार मेरे आँखों में फिरती है।

2. निम्नलिखित शब्दों को सन्धि-विच्छेद करते हुए सन्धि का नाम लिखिएपल्लव, विद्यालय, सज्जन, औषधालय, निश्चल, निःस्वार्थ।
उत्तर-
पल्लव       – पत् + लव           – व्यंजन सन्धि
विद्यालय    – विद्या + आलय    – दीर्घ सन्धि
सज्जन        – सद् + जन         – व्यंजन संधि
औषधालय  – औषध + आलय – दीर्घ सन्धि
निश्चल         – निः + चल          – विसर्ग सन्धि
नि:स्वार्थ     – निः + स्वार्थ        – विसर्ग सन्धि

3. निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग बताइए –
उपदेशक, निर्दयी, निवारण, आमोद, प्रतिघात।
उत्तर- उप, निर, नि, आ, प्रति ।

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4. निम्नलिखित समस्त पदों में समास-विग्रह कीजिए और समास का नाम लिखिए
महाशय, कामना-तरु, सावन-भादौ, जीवनदान, जलमग्न, आत्मरक्षा, मित्र-समाज।
उत्तर-
समस्त पद          समास-विग्रह                  समास का नाम
महाशय        –  महान् है आशय जिसका     – बहुब्रीहि समास
कामना-तरु   – कामना रूपी तरु                – कर्मधारय समास
सावन-भादौ   – सावन और भादौ                – द्वन्द्व समास
जीवनदान      – जीवन के लिए दान             – सम्प्रदान तत्पुरुष
जलमग्न          – जल में मग्न                        – अधिकरण तत्पुरुष
आत्मरक्षा      – आत्मा की रक्षा                    – सम्बन्ध तत्पुरुष
मित्र-समाज    – मित्रों का समाज                – सम्बन्ध तत्पुरुष

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UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence

UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence

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SOLVED EXERCISES BASED ON TEXT BOOK

EXERCISE :: 1
Pick out the Subject in the following sentences. Also point out the Head Word, Qualifier and Determiner :

Study the examples :
Question 1.
Man is mortal.
Answer:
Subject-Man (Head Word)

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Question 2.
A beautiful girl is there.
Answer:
Determiner—A
Questions.
Adjective-beautiful
Head Word-girl

  1.  A tall boy runs.
  2.  A kind man wept.
  3. The old man died.
  4.  My younger brother succeeded.
  5.  The little girl danced.
  6.  Some notorious boys were caught.
  7.  The black crow flew.
  8.  Some dishonest person stole the purse.
  9.  Some old ladies went to the temple.
  10. A strong wrestler was defeated.

Answers:

UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence image 1

EXERCISE :: 2
Complete the following sentences with the Subject parts given in brackets in the correct order :
Questions.
UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence image 2
Answers:

  1. The old man sat here.
  2. My old servant went home.
  3. Some naughty boys quarrelled.
  4. His elder brother is a famous doctor.
  5. An honest boy works hard.
  6. That tall boy came from Mumbai.
  7.  A shining gun was given to him on his birthday.
  8.  New electronic dolls dance.
  9.  The red flowers in my garden are pretty.
  10. The brave people fight for their country.

EXERCISE :: 3.
Complete the following sentences with the Subject parts given in brackets in the correct order :
UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence image 3
Answers:

  1.  Some naughty boys quarrelled.
  2. My younger son is a famous actor.
  3. To pay the taxes is our duty.
  4. My grandmother told an interesting story.
  5. My all friends have arrived.
  6. A kind man wept.
  7. That tall man is dishonest.
  8.  Shashi’s elder brother is in the room.
  9.  A black bird sitting in the tree flew away.
  10.  My younger brother in Agra is a doctor.

Predicate के अन्तर्गत एक शब्द भी हो सकता है तथा एक से अधिक शब्द भी हो सकते हैं। एक शब्द से अधिक होने पर Prelicate का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है–
UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence image 4
Predicate (विधेय) के कई भाग होते हैं|
(i) Verb (क्रिया)–Verb Predicate का प्रथम तथा प्रमुख भाग है जो’कर्ता द्वारा किये गये कार्य को व्यक्त करता है।
(ii) Indirect Object (अप्रत्यक्ष कर्म)–क्रिया से whom (किसको) का प्रश्न करने पर जो शब्द उत्तर में आये, वह Indirect Object होता है।
(iii) Direct Object (प्रत्यक्ष कर्म)–क्रिया से what (क्या) का प्रश्न करने पर जो उत्तर में आये वह Direct Object होता हैं।
(iv) Complement (परिपूरक)–जो शब्द verb के अर्थ को पूरा करता है उसे Complement कहते हैं।
(नोट-प्रायः linking Verb (is, am, are, was, were etc.) के बाद ही complement आता है।
Examples :
1. Ram tells us : nice story. (राम हमें एक अच्छी कहानी सुनाता है।)
Subject—Ram
Verb—tells
Indirect Object—us
Direct Object—a nice story
2. Ashok Was a king. (अशोक एक राजा था।)
Subject-Ashok
Verb (linking)—was
Complement — a king विशेष—Complement भी तीन प्रकार के होते हैं, जैसे
(1) He is a teacher. (Noun Completent)
(2) He is tall. (Adjective Complement)
(3) He is there. (Adverb Complement)
Predicate के parts को निम्नलिखित रूप में स्पष्ट किया जा सकता है–
Verb + Indirect Object + Direct Object अथवा
Verb + Complement.
इसे निम्नलिखित चार्ट की सहायता से आसानी से समझा जा सकता है
UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence image 5

विशेष-Object के रूप में Gerund, Infinitive तथा Participle का भी प्रयोग किया जाता है, जैसे—
(i) He decided to go out. (उसने बाहर जाने का निश्चय किया।)
(ii) He enjoys swimming. (वह तैरने का आनन्द लेता है।)
(iii) I saw her carrying a basket. (मैंने उसे एक टोकरी ले जाते हुए देखा।)

EXERCISE :: 4.
Make five meaningful sentences from the table given below :
Examples:

The old man in the field is my uncle.
UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence image 6

Answers:
(i) The old man in the corner is an honest teacher.
(ii) This beautiful woman in the room was a doctor.
(iii) The old man in the room is a gentle teacher.
(iv) The beautiful woman in the corner is an intelligent teacher.
(v) The old man in the corner was an actor.

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EXERCISE :5
Pick out the Predicate in the following sentences and break the Predicate into its different parts :
Questions.

  1. He reads a magazine.
  2. Mala brings a glove.
  3.  Rakesh opens the door.
  4.  My father writes me a letter.
  5. Your brother drives a car.
  6.  I like playing football.
  7. You love flying kites.
  8.  She loved reading the newspaper.
  9.  He likes to play chess.
  10. He decided to scold his servant.
  11.  Shahjahan was a king.
  12.  The boys made me the captain

Answers:

  1.  Predicate:   
    eads a magazine
    Verb- read
    Object-a magazine
  2. Predicate
    brings a glove
    Verb-brings
    Object–a glove
  3. Predicate
    opens the door
    Verb—-opens
    Object—the door
  4. Predicate
    Writes me a letter
    Verb–writes
    Indirect Object–me
    Direct Object-a letter
  5. Predicate
    rives a car
    Verb—-drives
    Object–a car
  6. Predicate
    like playing football
    Verb-like
    Object (Gerund)–playing football
  7. Predicate
    love lying kites
    Verb love
    Object (Gerund)—flying kites
  8. Predicate
    loved reading the newspaper
    Verb-loved
    Object (Gerund)-reading the newspaper
  9. Predicate
    likes to play chess
    Verb—likes
    Object (Infinitive)–to play chess
  10. Predicate
    decided to scold his servant
    Verb-decided
    Object (Infinitive)—to scold his servant
  11. Predicate
    was a king
    Verb—-was
    complement (Noun)-a king
  12. Predicate
    made me the captain
    Verb—-made
    Indirect Object–me
    Direct Object—the captain

EXERCISE :: 6
The Predicate parts of each of the following sentences is given in brackets. Complete the sentences by putting it in right order :
Questions.

  1. Our friend………………………….. (decided, by; bus, to go, in the, evening)
  2. The servant…………………………. ( food, for; cooks, us)
  3. The teacher………………………….. (his, work. got, at, angry)
  4.   Rana Pratap …………………………. (very, loved, freedom, much)
  5.  The teacher …………………………. (did, servant, the, call, not)
  6.  His sister …………………………. (a, reads, book)
  7.  Kanpur …………………………. (is, big, u, city)
  8.  Gandhiji……………………….. (was, leader; a great)
  9.   My friend ……………………. (doesa hard, not work)
  10. I …………………………. (found, asleep. my.’ children)
  11. His mother ………………… (not, does, him, beat)
  12. The man ………………….. (help, all, friends, promised, 10, my)
  13.  We ……..(not, have, this, done, work)
  14. I ………(bell, the, rang)

Answers:

  1. Our friend decided to go by bus in the evening.
  2. The servant cooks food for us.
  3. The teacher got angry at his work.
  4. Rana Pratap loved freedom very much.
  5. The teacher did not call the servant.
  6. His sister reads a book.
  7. Kanpur is a big city.
  8.  Gandhiji was a great leader.
  9.  My friend does not work hard.
  10.  I found my children asleep.
  11. His mother does not beat him.
  12.  The man promised to help all my friends.
  13.  We have not done this work.
  14.  I rang the bell.

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EXERCISE :: 7
The Predicate parts of each of the following sentences is given in brackets. Complete the sentences by putting it in right order :
Questions.

  1. He ……………..(foot, on, village, goes, his, to)
  2. Children….. (toys, like, drops, and, lemon)
  3. He …………….(not, does, go, everyday, school, to)
  4. I ……………..(just, have, you, the answer, given)
  5. He …………….. .. (work, his, completed, has)
  1. They………….. (know, five, years, for, each other)
  2.  I ………..(the, have, seen, Red Fort)
  3.  He …………………………. (up, went, hill, the)
  4. This tree …………….. (very, is, high)
  5. I ……………….. (see, shall, you, tomorrow)
  6. He …………….(me, see, would, next day, the)
  7.  I ……………..(three, brought, have, for, you, letters)
  8. She ….(the, yesterday, zoo, visited)
  9.  You …..(doing, work, your, not, are)
  10. My mother ……………………. (gave, ten, me, rupees, yesterday)

Answers:

  1. goes to his village on foot
  2.  like lemon drops and toys
  3.  does not go to school everyday
  4. have just given you the answer
  5. has completed his work
  6. know each other for five years
  7.  have seen the Red Fort
  8. went up the hill
  9.  is very high
  10. shall see you tomorrow
  11.  would see me the next day
  12.  have brought three letters for you
  13. visited the zoo yesterday
  14.  are not doing your work
  15. gave me ten rupees yesterday.

EXERCISE :: 8
The Predicate parts of each of the following sentences is given in brackets. Complete the sentences  by putting it in right order :
Questions.

  1. Some people……………………bridge, the, building, were)
  2. Someone…… (discovered, cure, a, has, malaria, for)
  3. You………. (answer, can, question, this)
  4. The students …………(their, respect, should, teachers)
  5. She………………..(work, do, the, must)
  6. You………………..(give, him, can, school, in a, job, your)
  7. They ……………….. (king, him, made)
  8. They ………………. (him, hospital, to, took)
  9. We ……..(call, doctor, a, should)
  10. Someone ………..(pen, the, left, yesterday, classroom, the, in)
  11. They ………..(all, made, had, arrangements, the)
  12. He …………………….. (letter, a, will, written, have)
  13. . Raju …………………….. (essay, an, has, written)
  14.  Geeta ………………..(singing, a song, sweet, was)
  15. Shakespeare …………………… (plays, number, a, of, wrote)

Answers:

  1. Some people were building the bridge.
  2. Someone has discovered a cure for malaria.
  3. You can answer this question.
  4. The students should respect their teacher.
  5. She must do the work.
  6. You can give him a job in your school.
  7. They made him king.
  8. They took him to hospital.
  9. We should call a doctor.
  10. Someone left the pen in the classroom, yesterday.
  11. They had made all the arrangements.
  12. He will have written a letter.
  13. Raju has written an essay.
  14.  Geeta was singing a sweet song.
  15.  Shakespeare wrote a number of play.

Re-Ordering the words to
Frame Meaningful Sentences

(शब्दों को सही क्रम में रखकर अर्थपूर्ण वाक्यों की रचना करना) इसके पूर्व आप पढ़ चुके हैं कि वाक्य के दो प्रमुख भाग होते हैं-जैसे
(i) Subject
(ii) Predicate
साथ ही आप Subject तथा Predicate के विभिन्न भागों का भी अध्ययन कर चुके हैं। उसी के आधार पर शब्दों को सही क्रम में रखकर सार्थक वाक्य की रचना करना है, जैसे—-
It a was sight fine see to.
उपर्युक्त शब्दों का समूह वाक्य नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इस शब्द समूह का अर्थ स्पष्ट नहीं है। इसे निम्नलिखित क्रम में रखने पर वाक्य की रचना होगी, जैसे
It was a fine sight to see. इसी प्रकार कुछ अन्य उदाहरणों को भी देखें
Part ‘A’                                                                        Part ‘B’
1. has the broken glass who?                      Who has broken the glass?
2. tell lies is sin a to.                                        To tell lies is a sin.
3. give me eat to please something.         Please, give me something to eat.
4. gives she milk me.                                      She gives me milk.
Part ‘A’ के शब्दों का समूह वाक्य नहीं है क्योंकि उनका सार्थक आशय नहीं निकलता है, किन्तु उन्हीं शब्द समूहों को जब Part ‘B’ में सही क्रम में रखा गया है, तो वे वाक्य बन गये हैं।
(नोट-शब्दों को सही क्रम में रखते समय Subject तथा Predicate और उनके क्रम को ध्यान में रखना चाहिए।)

EXERCISE :: 9
Frame correct sentences by reordering the words in the following :
Questions.

  1. It a was sight fine see to.
  2. Life not of bed roses is a.
  3. An idle mind workshop is devil’s a.
  4. We others at not laugh should.
  5. It his courage beyond is power my to describe.
  6. They exercises do morning every breakfast before.
  7. I saw over flying an the hill aeroplane.
  8. I a bicycle have bought new.
  9. The in playing are the garden children.
  10. so worried are they why?

Answers:

  1. It was a fine sight to see.
  2. Life is not a bed of roses.
  3. An idle mind is a devil’s workshop.
  4. We should not laugh at others.
  5. It is beyond my power to describe his courage.
  6. They do exercise every morning before breakfast.
  7. I saw an aeroplane flying over the hill.
  8. I have bought a new bicycle.
  9. The children are playing in the garden.
  10. Why are they so worried?

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EXERCISE :: 10
Frame correct sentences by reordering the words in the following :
Questions

  1.  He at dawn up gets everyday.
  2. A scooter I see on the road.
  3.  Raju comes never to late school.
  4. How open you did it?
  5. He help to promised me.
  6. Sarees in Kolkata are printed.
  7. School closed Rekha’s yesterday, was.
  8. They for a have also passion independence.
  9. There class in are thirty my boys.
  10. It dark is not growing.

Answers:

  1. He gets up everyday at dawn.
  2. I see a scooter on the road.
  3. Raju never comes late to school.
  4.  How did you open it?
  5. He promised to help me.
  6. Sarees are printed in Kolkata.
  7. Rekha’s school was closed yesterday.
  8. They also have a passion for independence.
  9. There are thirty boys in my class.
  10. It is not growing dark.

We hope the UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 1 Parts of Sentence, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 3 Atoms and Molecules

UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 3 Atoms and Molecules (परमाणु एवं अणु)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 3 Atoms and Molecules (परमाणु एवं अणु).

पाठ्य – पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 36)

प्रश्न 1.
एक अभिक्रिया में 5.3 g सोडियम कार्बोनेट एवं 6.0 g एथेनॉइक अम्ल अभिकृत होते हैं। 2.2 g कार्बन डाइऑक्साइड, 8.2 g सोडियम एथोनॉएट तथा 0.9 g जले (UPBoardSolutions.com) उत्पाद के रूप में प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया द्वारा दिखाइए कि यह परीक्षण द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुरूप है।
सोडियम कार्बोनेट + एथेनॉइक अम्ल → सोडियम एथेनॉएट + कार्बन डाइऑक्साइड + जल
उत्तर-
दी गई रासायनिक अभिक्रिया निम्न प्रकार से है
सोडियम कार्बोनेट + एथेनॉइक अम्ल (जलीय विलयन) → सोडियम एथेनॉएट (जलीय विलयन) + कार्बन डाइऑक्साइड + जल
(i) अभिकर्मकों की कुल द्रव्यमान = सोडियम कार्बोनेट का द्रव्यमान + एथेनॉइक अम्ल का द्रव्यमान
= 5.3 g + 6.0 g = 11.3 g
(ii) उत्पादों का कुल द्रव्यमान = (सोडियम एथेनोएट + कार्बन डाइऑक्साइड + जल का द्रव्यमान)
= 8.2 g + 2.2 g + 0.9 g = 11.3 g
अभिकर्मकों का कुल द्रव्यमान तथा उत्पादों का कुल द्रव्यमान समान है।
अतः ये द्रव्यमान संरक्षण के नियम को प्रदर्शित करते हैं।

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प्रश्न 2.
हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन द्रव्यमान के अनुसार 1 : 8 के अनुपात में संयोग करके जल बनाते हैं। 3g हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्णतया संयोग करने के लिए कितने ऑक्सीजन गैस के द्रव्यमान की आवश्यकता होगी ?
उत्तर-
जल में संहति के अनुसार हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का अनुपात = 1 : 8
1 ग्राम हाइड्रोजन पूर्णतया क्रिया करके जल बनाने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन = 8 ग्राम
अत: 3 ग्राम हाइड्रोजन के पूर्णतया क्रिया करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन = 8 x 3 = 24 ग्राम।

प्रश्न 3.
डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त का कौन-सा अभिग्रहीत द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का परिणाम है?
उत्तर-
द्रव्यमान का की संरक्षण नियम डाल्टन के निम्नलिखित सिद्धान्त पर आधारित है – तत्त्व के परमाणुओं को किसी भी विधि द्वारा न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न (UPBoardSolutions.com) किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त का कौन-सा अभिग्रहीत निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है?
उत्तर-
डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त का निम्नलिखित अभिग्रहीत निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है : किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं तथा भिन्न-भिन्न तत्त्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्णसंख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक निर्मित करते हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 40)

प्रश्न 1.
परमाणु द्रव्यमान इकाई को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान इकाई : कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु के द्रव्यमान के [latex]\frac { 1 }{ 12 }[/latex] वें भाग को परमाणु द्रव्यमान इकाई के रूप में लिया जाता है।

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प्रश्न 2.
एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना क्यों संभव नहीं होता है ?
उत्तर-
परमाणु बहुत सूक्ष्म होते हैं। ये किसी भी वस्तु जिसकी हम कल्पना या तुलना कर सकते हैं, से भी बहुत छोटे होते हैं। लाखों परमाणुओं को जब एक के ऊपर एक (UPBoardSolutions.com) चट्टे के रूप में रखें, तो बड़ी कठिनाई से कागज की एक शीट जितनी मोटी परत बन पाएगी। परमाणु का आकार लगभग 10-10 m होता है
अतः हम इसे नगण्य मान सकते हैं जिसे आँखों द्वारा नहीं देख सकते।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 41)

प्रश्न 1.
सारणी में दिए गए यौगिकों की संख्या से तत्त्वों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
427 × 498

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 44)

प्रश्न 1.
निम्न के सूत्र लिखिए
(i) सोडियम ऑक्साइड
(ii) ऐलुमिनियम क्लोराइड
(iii) सोडियम सल्फाइड
(iv) मैग्नीशियम इड्रॉक्साइड
उत्तर-
(i) सोडियम ऑक्साइड का सूत्र
UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 3 Atoms and Molecules image -2
UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 3 Atoms and Molecules image -3

प्रश्न 2.
निम्नलिखित सूत्रों द्वारा प्रदर्शित यौगिकों के नाम लिखिए
(i) Al2(SO4)3
(ii) CaCl2
(iii) K2SO4
(iv) KNO3
(v) CaCO3
उत्तर-
(i) Al2(SO4)3 – ऐलुमिनियम सल्फेट
(ii) CaCl2 – कैल्सियम क्लोराइड
(iii) K2SO4 – पोटैसियम सल्फेट
(iv) KNO3 – पोटैसियम नाइट्रेट
(v) CaCO3 – कैल्सियम कार्बोनेट

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प्रश्न 3.
रासायनिक सूत्र का क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है।

प्रश्न 4.
निम्न में कितने परमाणु विद्यमान हैं?
(i) H2S अणु एवं
(ii) [latex]{ PO }_{ 4 }^{ 3- }[/latex] आयन?
उत्तर-
(i) H2S में तीन परमाणु हैं।
(ii) [latex]{ PO }_{ 4 }^{ 3- }[/latex] आयन में पाँच परमाणु हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 46)

प्रश्न 1.
निम्न यौगिकों के आणविक द्रव्यमान को परिकलन कीजिए :
H2, O2, Cl2, CO2, CH4, C2H6, C2H4, NH3 एवं CH3OH
उत्तर-
(i) H2 का आणविक द्रव्यमान = 2 x 1 = 2u.
(ii) O2 को आणविक द्रव्यमाने = 2 x 16 = 32u.
(iii) Cl2 का आणविक द्रव्यमान 2 x 35.5 = 71u.
(iv) CO2 को आणविक द्रव्यमान = 12 + 2 x 16 = 12 + 32 = 44u.
(v) CH4 को आणविक द्रव्यमान = 12 + 4 x 1 = 12 + 4 = 16u.
(vi) C2H6 को द्रव्यमान = 2 x 12 + 6 x 1 = 24 + 6 = 30u.
(vii) C2H4 का आणविक द्रव्यमान = 2 x 12 + 4 x 1 = 24 + 4 = 28u.
(viii) NH3 को आणविक द्रव्यमान = 14 + 3 x 1 = 14 + 3 = 17u.
(ix) CH3OH का आणविक द्रव्यमान = 12 + 3 x 1 + 16 + 1 = 12 + 3 + 16 + 1 = 32u.

प्रश्न 2.
निम्नलिखित यौगिकों के सूत्र इकाई द्रव्यमान का परिकलन कीजिए-
ZnO, Na2O, K2CO3.
दिया गया है।
Zn का परमाणु द्रव्यमान = 65u
Na का परमाणु द्रव्यमान = 23u
K का परमाणु द्रव्यमान = 39u
C का परमाणु द्रव्यमान = 12u
O का परमाणु द्रव्यमान = 16u
उत्तर-
(i) ZnO का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 65 + 16 = 81u.
(ii) Na2O का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 2 x 23 + 16 = 46 + 16 = 62 u.
(iii) K2SO3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 2 x 39 + 12 + 3 x 16 = 78 + 12 + 48 = 138 u.

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पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 48)

प्रश्न 1.
यदि कार्बन परमाणुओं के एक मोल का द्रव्यमान 12 g है तो कार्बन के एक परमाणु का द्रव्यमान क्या होगा ?
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प्रश्न 2.
किसमें अधिक परमाणु होंगे : 100 g सोडियम अथवा 100 g लोहा (Fe) ? (Na का परमाणु द्रव्यमान = 23 u, Fe का परमाणु द्रव्यमान = 56 u)
हल-
1 मोल सोडियम का द्रव्यमान = 23 g
100 g सोडियम में मोलों की संख्या = [latex]\frac { 100 }{ 23 }[/latex] = 4.35 मोल।
1 मोल लोहे की द्रव्यमान = 56 g
100 g लोहे में मोलों की संख्या = [latex]\frac { 100 }{ 56 }[/latex] = 1.8 मोल
क्योंकि 100 g सोडियम में मोलों की संख्या 100 g लोहे में मोलों की संख्या से अधिक है
अतः 100 g सोडियम में अधिक परमाणु होंगे।

अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 50 – 51)

प्रश्न 1.
0.24 g ऑक्सीजन एवं बोरॉन युक्त यौगिक के नमूने में विश्लेषण द्वारा यह पाया गया कि उसमें 0.096 g बोरॉन एवं 0.144 g ऑक्सीजन है। उस यौगिक के प्रतिशत संघटन का भारात्मक रूप में परिकलन कीजिए।
उत्तर-
यौगिक का कुल द्रव्यमान = 0.24 g
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UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 3 Atoms and Molecules image -6

प्रश्न 2.
3.0g कार्बन 8.00g ऑक्सीजन में जलकर 11.00g कार्बन डाइऑक्साइड निर्मित करता है। जब 3.00g कार्बन को 50.0g ऑक्सीजन में जलाया जाता है तो कितने ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होगा। आपका उत्तर रासायनिक संयोजन के किस नियम पर आधरित होगा ?
उत्तर-
क्योंकि 3.0g कार्बन 8.0g ऑक्सीजन में जलाया जाता है तो 11.0g कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त होती है इसलिए 3.0g कार्बन को जब 50.0g ऑक्सीजन में जलाया जाएगा तो वह केवल 8.0g ऑक्सीजन के साथ संयोग करके 11.0g कार्बन डाइऑक्साइड बनाएगा। शेष (50 – 8 = 42g) ऑक्सीजन बिना अभिक्रिया करे बची रहेगी। यह संहति के स्थिर अनुपात के नियम के अनुरूप है।

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प्रश्न 3.
बहुपरमाणुक आयन क्या होते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बहुपरमाणुक आयन-जब एक से अधिक तत्त्वों के परमाणु आपस में जुड़कर एक सामान्य धनावेशित या ऋणावेशित आयन बनाते हैं तो उन्हें बहुपरमाणुक आयन कहते हैं। सामान्यतः बहुपरमाण्विक आयन ऋणआवेशित। अधिक संख्या में पाए जाते हैं।
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प्रश्न 4.
निम्नलिखित के रासायनिक सूत्र लिखिए :
(a) मैग्नीशियम क्लोराइड
(b) कैल्शियम क्लोराइड
(c) कॉपर नाइट्रेट
(d) ऐलुमिनियम क्लोराइड
(e) कैल्शियम कार्बोनेट।
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प्रश्न 5.
निम्नलिखित यौगिकों में विद्यमान तत्त्वों का नाम दीजिए ।
(a) बुझा हुआ चूना
(b) हाइड्रोजन ब्रोमाइड
(c) बेकिंग पाउडर (खाने वाला सोडा)
(d) पोटैशियम सल्फेट
UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 3 Atoms and Molecules image -10

प्रश्न 6.
निम्नलिखित पदार्थों के मोलर द्रव्यमान का परिकलन कीजिए :
(a) एथाइन (C2H2)
(b) सल्फर अणु (S8)
(c) फॉस्फोरस अणु (P4) (फॉस्फोरस का परमाणु द्रव्यमान = 31)
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl)
(e) नाइट्रिक अम्ल (HNO3).
उत्तर-
(a) एथाइन (C2H2) का मोलर द्रव्यमान = (12 x 2) + (1 x 2) = 24 + 2 = 26 g
(b) सल्फर (S8) अणु का मोलर द्रव्यमान = 32 x 8 = 256 g
(c) फॉस्फोरस अणु (P4) का मोलर द्रव्यमान = 31 x 4 = 124 g
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) का मोलर द्रव्यमान = 1 + 35.5 = 36.5 g
(e) नाइट्रिक अम्ल (HNO3) का भोलर द्रव्यमान = 1 + 14 + (3 x 16) = 1 + 14 + 48 = 63 g.

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित का द्रव्यमान क्या होगा :
(a) एक मोल नाइट्रोजन परमाणु?
(b) 4 मोल ऐलुमिनियम परमाणु (ऐलुमिनियम का परमाणु द्रव्यमान = 27)?
(c) 10 मोल सोडियम सल्फाइट (Na2SO3)?
हल-
(a) एक मोल नाइट्रोजन परमाणु = नाइट्रोजन परमाणु का मोलर द्रव्यमान = 14g
(b) एक मोल ऐलुमिनियम परमाणु = ऐलुमिनियम परमाणु का मोलर द्रव्यमान = 27g
4 मोल ऐलुमिनियम परमाणु का मोलर द्रव्यमान = 27 x 4 = 108g
(c) एक मोल Na2SO3 का द्रव्यमान = (23 x 2) + (1 x 32) + (16 x 3) = 46 + 32 + 48 = 126g

प्रश्न 8.
निम्न को मोल में परिवर्तित करो
(a) 12 g ऑक्सीजन गैस
(b) 20 g पानी
(c) 22 g कार्बन डाइऑक्साइडे।
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प्रश्न 9.
निम्न को द्रव्यमान क्या होगा :
(a) 0.2 मोल ऑक्सीजन परमाणु ?
(b) 0.5 मोल जल के अणु ?
उत्तर-
(a) ऑक्सीजन के परमाणु मोल की संख्या = 0.2
ऑक्सीजन के परमाणु का मोलर द्रव्यमान = 16 g
ऑक्सीजन के परमाणु के 0.2 मोल का द्रव्यमान = 16 x 0.2 = 3.2 g
(b) जले के मोलों की संख्या = 0.5
जल का मोलर द्रव्यमान = 2 + 16 = 18 g
0.5.मोल पानी का द्रव्यमान = 18 x 0.5 = 9.0 g.

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प्रश्न 10.
16 g ठोस सल्फर में सल्फर (S8) के अणुओं की संख्या की परिकलन कीजिए।
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प्रश्न 11.
0.051 g ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) में ऐलुमिनियम ऑयन की संख्या का परिकलने कीजिए।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आवोगाद्रो स्थिरांक से क्या समझते हो ?
उत्तर-
एक मोल कणों की संख्या 6.022 x 1023 को आवोगाद्रो स्थिरांक कहते हैं।

प्रश्न 2.
रासायनिक संयोजन के नियमों को सर्वप्रथम किसने प्रतिपादित किया ?
उत्तर-
एन्टोनी एल. लेवॉशिये एवं जोसेफ एल. प्राउस्ट ने प्रतिपादित किया था।

प्रश्न 3.
2H तथा H2 में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
2H, हाइड्रोजन के 2 परमाणु प्रदर्शित करती है तथा H2 हाइड्रोजन का एक अणु प्रदर्शित करती है।

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प्रश्न 4.
एक amu या ‘u’ क्या है ?
उत्तर-
कार्बन (C-12) का [latex]\frac { 1 }{ 12 }[/latex] वाँ द्रव्यमान amu या (unified mass) कहलाता है।

प्रश्न 5.
किस भारतीय दार्शनिक ने पदार्थ के अविभाज्य कण को ‘परमाणु’ कहा?
उत्तर-
महर्षि कणाद ने।

प्रश्न 6.
द्रव्यमान संरक्षण का नियम क्या है ?
उत्तर-
किसी भी अभिक्रिया में, अभिकारकों और उत्पादों के द्रव्यमानों का योग अपरिवर्तनीय रहता है।
यह द्रव्यमान संरक्षण का नियम है।

प्रश्न 7.
किसी पदार्थ का आणविक द्रव्यमान क्या
उत्तर-
किसी पदार्थ का आणविक द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के द्रव्यमान का योग होता है।

प्रश्न 8.
‘सूत्र इकाई द्रव्यमान’ क्या है ?
उत्तर-
किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान’ उसके सभी संघटक परमाणुओं के परमाणु द्रव्यमानों का योग होता है।

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प्रश्न 9.
एक आयन क्या है ?
उत्तर-
एक परमाणु या परमाणुओं का समूह, जो आवेशित हो, आयन कहलाता है।

प्रश्न 10.
Na तथा Na+ में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
Na सोडियम का परमाणु तथा Na+ सोडियम का आयन है।

प्रश्न 11.
He तथा P4 की परमाणुकता क्या है ?
उत्तर-
He की परमाणुकता 1 तथा P4 की परमाणुकता 4 है।

प्रश्न 12.
1 नैनोमीटर को मीटर में व्यक्त कीजिए।
उत्तर-
1 नैनोमीटर = 10-9 मीटर

प्रश्न 13.
अमोनियम क्लोराइड का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
अमोनियम क्लोराइड का सूत्र NH4Cl है।

प्रश्न 14.
मोलर द्रव्यमान से क्या समझते हो?
उत्तर-
किसी पदार्थ के एक मोल के ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान को मोलर द्रव्यमान कहते हैं।

प्रश्न 15.
संयोजकता से क्या समझते हो?
उत्तर-
किसी परमाणु या मूलक की संयोजन क्षमता को संयोजकता कहते हैं।

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प्रश्न 16.
प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए
(i) त्रिपरमाणुक अणु
(ii) बहुपरमाणुक अणु
उत्तर-
(i) O3
(ii) S8

प्रश्न 17.
हाइड्रोजन गैस के 1 मोल में कितने H2O अणु होते हैं ?
उत्तर-
हाइड्रोजन गैस के 1 मोल में 6.022 x 1023 H2O अणु होते हैं।

प्रश्न 18.
निम्नलिखित यौगिकों के रासायनिक सूत्र लिखिए
(i) सल्फ्यूरिक अम्ल
(ii) कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड।
उत्तर-
(i) H2SO4
(ii) Ca(OH)2

प्रश्न 19.
ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान 16u है, O2 का मोलर द्रव्यमान क्या है?
उत्तर-
O2 का आणविक द्रव्यमान = 16 x 2 = 32u
अतः O2 का मोलर द्रव्यमान = 32 g.

प्रश्न 20.
A2+ तथा Y के संयोग से बने यौगिक का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
AY2.

प्रश्न 21.
निम्नलिखित द्वारा उत्पन्न यौगिकों का सूत्र और नाम लिखिए
(i) Fe3+ और [latex]{ SO }_{ 4 }^{ 2- }[/latex]
(ii) NH4+ और [latex]{ CO }_{ 3 }^{ 2- }[/latex]
उत्तर-
(i) Fe2(SO4)3 आयन (III) सल्फेट
(ii) (NH4)2 CO3 अमोनियम कार्बोनेट।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
(a) परिभाषित कीजिए :
(i) एक मोल
(ii) आवोगाद्रो स्थिरांक
(b) S8 अणु का मोलर द्रव्यमान ज्ञात कीजिए। (परमाणु द्रव्यमान S = 32 u)
उत्तर-
(a) (i) एक मोल : किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं, जितने कार्बन -12 समस्थानिक के ठीक 12 ग्राम (या 0.012 kg) में परमाणुओं की संख्या होती है।
(ii) आवोगादो स्थिरांक : कार्बन-12 के ठीक 12 g में परमाणुओं की संख्या 6.023 x 1023 है।
यह 6.023 x 1023 संख्या आवोगाद्रो स्थिरांक कहलाती है।
(b) सल्फर (S8) अणु का मोलर द्रव्यमान = 8 x 32 = 256 u

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प्रश्न 2.
(a) परमाणुकता की परिभाषा लिखिए।
(b) निम्नलिखित अणुओं की परमाणुकता लिखिएः
(i) ऑक्सीजन
(ii) फास्फोरस
(iii) सल्फर
(iv) आर्गन।
उत्तर-
(a) परमाणुकता : किसी पदार्थ के सरल अणु में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या, अणु की परमाणुकता कहलाती है।
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प्रश्न 3.
डॉल्टन के परमाणु सिद्धान्त की उन दो अवधारणाओं को लिखिए जो कि :
(i) द्रव्यमान संरक्षण के नियम, तथा
(ii) स्थिर अनुपात के नियम की व्याख्या करती हों।
उत्तर-
(i) परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं। जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं, न ही उनका विनाश होता है।
(ii) किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं।

प्रश्न 4.
द्रव्यमान संरक्षण के नियम का वर्णन कीजिए। यदि कार्बन के 12 g का ऑक्सीजन में 32 g की उपस्थिति में दहन किया जाए, कितनी कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होगा ?
उत्तर-
द्रव्यमान संरक्षण को नियम : रासायनिक अभिक्रिया में, उत्पादों का कुल द्रव्यमान, अभिकारकों के कुले द्रव्यमान के बराबर होता है। रासायनिक अभिक्रिया के दौरान द्रव्यमान में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
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अभिकारकों का द्रव्यमान = (12 + 32) g = 44 g
उत्पादों (CO2) का द्रव्यमान = 44 g

प्रश्न 5.
आवोगाद्रो स्थिरांक को परिभाषित कीजिए। यह मोल से कैसे सम्बन्धित है ?
उत्तर-
आवोगाद्रो स्थिरांक, किसी भी पदार्थ के एक ग्राम अणु में अणुओं की वास्तविक संख्या को कहते हैं। इसका मान 6.022 x 1023 कण हैं।
1 मोल = 6.022 x 1023 संख्या

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प्रश्न 6.
(a) बहुपरमाणुक आयन क्या हैं ?
(b) (i) Fe3+ तथा [latex]{ SO }_{ 4 }^{ 2- }[/latex]
(ii) NH4+ तथा [latex]{ CO }_{ 3 }^{ 2- }[/latex] के संयोग से बने यौगिकों के नाम तथा सूत्र लिखिए।
उत्तर-
(a) परमाणुओं का समूह जिस पर आवेश होता है, बहुपरमाणु आयन कहलाते हैं।
उदाहरण : कार्बनिक आयन, [latex]{ CO }_{ 3 }^{ 2- }[/latex]
(b) (i) Fe2(SO4)3 आयरन सल्फेट,
(ii) (NH4)2 CO3 अमोनियम कार्बोनेट।

प्रश्न 7.
(a) उस संस्था का नाम बताइए जो तत्त्वों के नामों को स्वीकृति प्रदान करती है।
(b) सोडियम का प्रतीक Na लिखा जाता है (UPBoardSolutions.com) और S नहीं। कारण दीजिए।
(c) एक तत्त्व का नाम बताइए जो द्विपरमाणुक अणु तथा एक तत्त्व जो चतुर्परमाणुक अणु बनाता है।
उत्तर-
(a) आजकल इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड कैमिस्ट्री (IUPAC) तत्त्वों के नामों को स्वीकृति प्रदान करती है।
(b) सोडियम का प्रतीक लैटिन नाम नैट्रियम से व्युत्पन्न किया गया है। इसलिए सोडियम को Na लिखा गया है।
(c) (i) तत्त्व जो द्वि-परमाणुक अणु बनाता हैहाइड्रोजन (H2)।
(ii) तत्त्व जो चतुर्परमाणुक अणु बनाता है- फास्फोरस (P4)।

प्रश्न 8.
एक किग्रा जल में मोल की संख्या क्या होगी ?
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प्रश्न 9.
परमाणु क्या है ? परमाणु आकार में कितने बड़े हैं ? उसका महत्व बताइए।
उत्तर-
परमाणु किसी तत्त्व का सूक्ष्मतम कण है, जिसका अपना अस्तित्त्व है और यह तत्त्वे के सभी गुणधर्म प्रदर्शित करता है। यह द्रव्य की रचनात्मक इकाई है।
परमाणु बहुत सूक्ष्म होता है। हाइड्रोजन के एक परमाणु की त्रिज्या 10-10 m या 0.1 nm है- ‘nm’ को हम नैनोमीटर बोलते हैं।
1 nm = 10-9 मीटर
परमाणु का महत्त्व : निश्चय ही परमाणु अत्यंत सूक्ष्म हैं, फिर भी महत्त्वहीन नहीं हैं। वे द्रव्य की रचनात्मक इकाई हैं और विभिन्न द्रव्य अलग-अलग तरह के परमाणुओं से निर्मित होते हैं।

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प्रश्न 10.
किसी यौगिक का प्रतिशत संघटन क्या है ? किसी तत्व की यौगिक में प्रतिशत मात्रा कैसे ज्ञात करते हैं ?
उत्तर-
किसी यौगिक में उपस्थित तत्त्वों की मात्रा प्रति 100 भाग में प्रदर्शित करना, यौगिक का प्रतिशत संघटन कहलाता है। किसी यौगिक में उपस्थित तत्त्वों की प्रतिशत मात्रा निम्न प्रकार ज्ञात करते हैं.
1. यौगिक का अणु द्रव्यमान ज्ञात कीजिए। (UPBoardSolutions.com)
2. यौगिक के संघटन में उपस्थित विभिन्न तत्त्वों की प्रतिशत मात्रा निम्न प्रकार ज्ञात कीजिए-
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प्रश्न 11.
ग्लूकोज (C6H12O6) का प्रतिशत संघटन ज्ञात कीजिए।
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प्रश्न 12.
सोडियम-हाइड्रॉक्साइड (NaOH) का प्रतिशत संघटन लिखिए।
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प्रश्न 13.
अमोनियम नाइट्रेट (NH4NO3) व यूरिया (NH2CONH2) दो सामान्य उर्वरक हैं। ज्ञात कीजिए कि कौन-सा उर्वरक नाइट्रोजन की अधिक प्रतिशत मात्रा देता है।
(N = 14u, H = 1u, O = 16u, C = 12u)
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प्रश्न 14.
डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त लिखिए।
उत्तर-
जॉन डाल्टन (John Dalton) ने अनेक यौगिकों के संघटन का अध्ययन किया और 1803 में निम्न | सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जो डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के नाम से जाना जाता है
(i) सभी द्रव्य अतिसूक्ष्म कणों से मिलकर बने हैं, जिन्हें परमाणु (Atom) कहते हैं। परमाणु अविभाज्य है, अर्थात् इसे अन्य छेटे कणों में विभाजित नहीं किया जा (UPBoardSolutions.com) सकता।
(ii) किसी तत्त्व विशेष के सभी परमाणु, भार (द्रव्यमान) व रासायनिक गुणधर्म में समान होते हैं, लेकिन विभिन्न तत्त्वों के परमाणु, भारे (द्रव्यमान) व रासायनिक गुणधर्म में अलग-अलग होते हैं।
(iii) तत्त्वों के परमाणुओं के विभिन्न प्रकार से संयोग करने से विभिन्न प्रकार के सरल व जटिल पदार्थ बनते हैं।
(iv) किसी रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप न तो परमाणुओं का सृजन किया जा सकता है न विनाश।
(v) किसी यौगिक में संयोग करने वाले परमाणुओं की संख्या निश्चित रहती है।

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प्रश्न 15.
कार्बन डाइऑक्साइड का सूत्र प्राप्त कीजिए।
हल-
हम कार्बन डाइऑक्साइड के सूत्र को निम्न प्रकार प्राप्त कर सकते हैं :
1. कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन और ऑक्सीजन से बना एक यौगिक है। इसलिए, पहले हम कार्बन (C) और ऑक्सीजन (O) के प्रतीकों को लिखते हैं।
2. कार्बन की संयोजकता 4 है और ऑक्सीजन की संयोजकता 2 है। इसलिए, प्रतीक C के नीचे हम 4 लिखते हैं और प्रतीक O के नीचे हम 2 लिखते हैं-
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3. C और O परमाणुओं की संयोजकताओं का विनिमय करते हैं। सूत्र C2O4 हो जाता है। इस सूत्र में 2 के सामान्य गुणक वाले 2 कार्बन परमाणु गुणक से भाग देने पर, हम सरलतम सूत्र CO2 पाते हैं। अतः कार्बन डाइऑक्साइड का सूत्र CO2 है।

प्रश्न 16.
हाइड्रोजन क्लोराइड का सूत्र प्राप्त कीजिए।
हल-
हाइड्रोजन क्लोराइड, हाइड्रोजन और क्लोरीन तत्त्व का बना है। हाइड्रोजन का प्रतीक H है और क्लोरीन का प्रतीक Cl है। हाइड्रोजन की संयोजकता 1 है और क्लोरीन की संयोजकता भी 1 है। हाइड्रोजन क्लोराइड के सूत्र को निम्न प्रकार प्राप्त किया जा सकता है-
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प्रश्न 17.
कार्बन की संयोजकतो 4 है और क्लोरीन की संयोजकता 1 है। कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र क्या होगा?
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प्रश्न 18.
निम्न के अणु द्रव्यमान एवं एक मोल की गणना कीजिए-
(i) NaOH
(ii) CaCO3
(iii) (NH4)2SO4
उत्तर-
(i) NaOH का अणु द्रव्यमान। = Na का परमाणु द्रव्यमान x 1 + O का परमाणु द्रव्यमान x 1 + H का परमाणु द्रव्यमान x 1
= 23 x 1 + 16 x 1 + 1 x 1 = 23 + 16 + 1 = 40 u
NaOH का एक मोल = 40 ग्राम
(ii) CaCO3 का अणु द्रव्यमान = Ca का परमाणु द्रव्यमान x 1 + C का परमाणु द्रव्यमान x 1 + O का परमाणु द्रव्यमान x 3
= 40 x 1 + 12 x 1 + 16 x 3 = 40 + 12 + 48 u = 100
CaCO3 का एक मोल = 100 ग्राम
(iii) (NH4)2 SO4 का अणु द्रव्यमान = (N का परमाणु द्रव्यमान x 1 + H का परमाणु द्रव्यमान x 4) x 2 + S का परमाणु द्रव्यमान x 1 + O का परमाणु द्रव्यमान x 4
= (14 x 1 + 1 x 4) x 2 + 32 x 1 + 16 x 4
= (14 + 4) x 2 + 32 + 64
= 18 x 2 + 32 + 64
= 36 + 32 + 64
= 132 u
(NH4)2SO4 को एक मोल = 132 ग्राम

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न|

प्रश्न 1.
मोल संकल्पना क्या है? इसकी आवश्यकता पर प्रभाव डालते हुए मोलर द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा। है जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं, जितने कार्बन-12 समस्थानिक के ठीक 12 g (या 0.012 kg) में परमाणु (UPBoardSolutions.com) की संख्या होती है।
किसी पदार्थ के एक मोल में कणों की संख्या सदैव समान होगी भले ही वह कोई भी पदार्थ हो। इस संख्या के सही निर्धारण के लिए कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान, द्रव्यमान स्पेक्ट्रममापी द्वारा ज्ञात किया गया जिसका मान 1.992648 x 10-23 g प्राप्त हुआ। कार्बन के 1 मोल का द्रव्यमान 12 g होता है, अत: कार्बन के 1 मोल में परमाणुओं की संख्या निम्न प्रकार होगी :
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इसे आवोगाद्रो संख्या कहते हैं तथा N या NA से व्यक्त करते हैं।
मोलर संकल्पना की आवश्यकता : मोल संकल्पना के अनुसार 12 ग्राम कार्बन में 6.022 x 1023 (आवोगाद्रो संख्या) कार्बन-परमाणु होते हैं। चूँकि इन कणों को गिनना सम्भव नहीं है, अतः इनकी संख्या को मोल में व्यक्त करके कार्य करना सरल हो जाता है।
उदाहरण-1 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 6.022 x 1023
इसलिए 3 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 3 x 6.022 x 1023 = 1.81 x 1024 परमाणु
उदाहरण से स्पष्ट है कि ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या 1.81 x 1024 में व्यक्त करना अपेक्षाकृत कठिन कार्य है, जबकि इन्हें 3 मोल ऑक्सीजन परमाणु के रूप में व्यक्त करना अत्यन्त सरल है। इसके अनुसार-
मोलर द्रव्यमान – किसी पदार्थ के एक मोल के ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान को उसका ‘मोलर द्रव्यमान’ कहते हैं।
उदाहरणार्थ, सोडियम क्लोराइड का मोलर द्रव्यमान = 58.5 g

प्रश्न 2.
स्थिर अनुपात का नियम क्या है ? उदाहरण सहित समझायें।
उत्तर-
स्थिर अनुपात का नियम (Law of Constant Proportion) : प्राउस्ट (Proust 1779 के अनुसार, “किसी यौगिक में दो या अधिक तत्त्व एक निश्चित अनुपात में संयोजन करते हैं।”
अथवा
“किसी रासायनिक यौगिक में तत्त्व हमेशा द्रव्यमानों के निश्चित अनुपात में विद्यमान होते हैं।”
उदाहरण के लिए अगर हम जल किसी भी स्रोत नदी, तालाब, झरना आदि से लें। शुद्ध जल में 1 ग्राम हाइड्रोजन सदैव 8 ग्राम ऑक्सीजन से संयोग करती है या हम कह सकते हैं कि हाइड्रोजन व ऑक्सीजन के द्रव्यमानों में 1 : 8 अनुपात होता है।
इसी प्रकार, कार्बन डाइऑक्साइड हम किसी भी तरह उत्पादित करें जैसे :
(i) किसी ईंधन या कोयले के दहन से
(ii) चूना पत्थर को गर्म करके
(iii) संगमरमर पर तनु अम्ल की अभिक्रिया से
(iv) श्वसन द्वारा।
कार्बन डाइऑक्साइड में कार्बन और ऑक्सीजन के द्रव्यमानों में 3 : 8 का अनुपात होगा।

प्रश्न 3.
एक प्रयोग में 1.5 g हाइड्रोजन जलने पर 13.5 g जल उत्पन्न करती है और दूसरे प्रयोग में 3.6 g जल का विद्युत अपघटन करने पर 0.4g हाइड्रोजन व 3.2 g ऑक्सीजन प्राप्त होती है। दिखाइए कि उपर्युक्त आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम का अनुमोदन करते हैं।
उत्तर-
I. हाइड्रोजन का द्रव्यमान = 1.5 g
जल का द्रव्यमान = 13.5 g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 13.5 – 1.5 = 12.0 g
अतः 1.5 g हाइड्रोजन अभिक्रिया करती है 12.0 g ऑक्सीजन से
1.0 g हाइड्रोजन अभिक्रिया करती है। = [latex]\frac { 12.0 x 1.0 }{ 1.5 }[/latex] = 8.0 g ऑक्सीजन से

II. हाइड्रोजन का द्रव्यमान = 0.4 g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 3.2 g
अत: 0.4 g हाइड्रोजन अभिक्रिया करती है 3.2 g ऑक्सीजन से
1.0 g हाइड्रोजन अभिक्रिया करती है = [latex]\frac { 3.2 x 1.0 }{ 0.4 }[/latex] = 8.0 g ऑक्सीजन से
अतः दोनों ही प्रेक्षणों में 1 g हाइड्रोजन 8 g ऑक्सीजन से संयोग करती है। उपर्युक्त आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम का अनुमोदन करते हैं।

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प्रश्न 4.
कुछ सामान्य तत्त्वों के नाम दीजिए और उनके प्रतीक लिखिए।
उत्तर-
जैसे-जैसे वैज्ञानिक अन्य तत्त्वों से परिचित होते गए, तत्त्वों की संख्या में वृद्धि होती गयी और उन्हें सामान्य प्रतीकों से प्रदर्शित करना मुश्किल (UPBoardSolutions.com) होता गया।
डाल्टन (Dalton) पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने तत्त्वों के प्रतीकों का प्रयोग अत्यंत विशिष्ट अर्थ में किया। डाल्टन द्वारा प्रयोग किए प्रतीक (symbols) निम्न प्रकार थे :
UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 3 Atoms and Molecules image -26
चित्र : डाल्टन द्वारा सुझाये गए कुछ तत्त्वों के प्रतीक
इसके पश्चात् स्वीडन के वैज्ञानिक जे. जे. वर्जीलियस ने यह सुझाव दिया कि तत्त्व के नाम का प्रथम अक्षर उसको प्रदर्शित करने के लिए प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाए। उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन (Hydrogen) के लिए H, कार्बन (Carbon) के लिए C, नाइट्रोजन (Nitrogen) के लिए N, आदि का प्रयोग तत्त्व के संकेत के रूप में किया गया। यह पद्धति कुछ संशोधनों के साथ आज भी प्रचलित है।
इस पद्धति में, कुछ समस्याएँ आयीं जैसे कई ऐसे तत्त्व हैं जिनका नाम एक ही अक्षर से आरम्भ होता है, जैसे :
कार्बन Carbon
क्रोमियम Chromium
कैल्सियम Calcium
कोबाल्ट Cobalt
क्लोरीन Chlorine
कॉपर Copper
जब दो या अधिक तत्त्वों का नाम एक ही अक्षर से आरम्भ हो तब केवल एक ही तत्त्व एक अक्षर द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, अन्य तत्त्व को प्रदर्शित करने के लिए दो अक्षरों का प्रयोग (UPBoardSolutions.com) करते हैं, इनमें पहला अक्षर अँग्रेजी का बड़ा अक्षर (Block letter of English alphabet) व दूसरा अक्षर छेटा प्रयोग करते हैं। इस प्रकार उपर्युक्त स्थिति में प्रतीक निम्न प्रकार होंगे।
कार्बन Carbon C
क्रोमियम Chromium Cr
कैल्सियम Calcium Ca
कोबाल्ट Cobalt Co
क्लोरीन Chlorine Cl
कॉपर Copper Cu
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तत्त्वों के प्रतीक लिखने में सामान्य नियम
1. तत्त्व का प्रतीक सदैव अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े अक्षर द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
2. यदि तत्त्व का प्रतीक दो अक्षरों द्वारा प्रदर्शित हो तो पहला अक्षर बड़ा व दूसरा अक्षर छोटा होगा।
3. कुछ तत्त्वों के प्रतीक सीधे इनके अंग्रेजी नामों से लिए गए हैं। अन्य कुछ तत्त्वों के प्रतीक इनके लैटिन नामों से लिए गये हैं जो नाम से एकदम भिन्न दिखाई देते हैं जैसे-सोडियम का प्रतीक है Na व पोटैशियम का प्रतीक K जो उनके लैटिन नामों नेट्रियम (Natrium) व केलियम (Kalium) से लिए गये

प्रश्न 5.
निम्न को मोल में प्रदर्शित कीजिए
(i) 14.7 ग्राम H2SO4
(ii) 2.2 ग्राम CO2
(iii) 3.15 ग्राम HNO3
(iv) 64.4 ग्राम NaOH
(H = 1u, S = 32u, O = 16u, C = 12u, N = 14u, Na = 23u)
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प्रश्न 6.
आयन क्या हैं? ये कितने प्रकार के हैं? कुछ सामान्य बहुपरमाणुक आयन लिखिए।
उत्तर-
आयन (Ion) : आवेशित परमाणु या परमाणुओं का समूह आयन कहलाता है। आवेशित परमाणुओं के समूह मूलक (radicals) भी कहे जाते हैं। आवेश के आधार पर आयन दो प्रकार के हैं :
(i) धनायन (Positive ion or cation)
(ii) ऋणायन (Negative ion or anion)
(i) धनायन : धन आवेशित आयन धनायन (Cation) कहलाते हैं।
(ii) ऋणायन : ऋण आवेशित आयन ऋणायन (Anion) कहलाते हैं।
आयन पर उपस्थित आवेश संयोजकता (Valency) कहलाता है।
बहुपरमाणुक आयन : दो या अधिक (UPBoardSolutions.com) परमाणुओं का समूह जिस पर नेट आवेश विद्यमान रहता है, बहुपरमाणुक आयन कहलाता है।
उदाहरण-
(i) बहुपरमाणुक धनायन – NH4+ (अमोनियम आयन)।
(ii) बहुपरमाणुक ऋणायन OH (हाइड्रॉक्साइड आयन), [latex]{ CO }_{ 3 }^{ 2- }[/latex] (कार्बोनेट आयन) [latex]{ SO }_{ 4 }^{ 2- }[/latex] (सल्फेट आयन), [latex]{ PO }_{ 4 }^{ 3- }[/latex] (फॉस्फेट आयन)।
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[नोट : जब कोई आयन दो या दो से अधिक संयोजकताएँ प्रदर्शित करता है, तो कम संयोजकता के लिए अस (us) व अधिक संयोजकता के लिए इक (ic) तत्त्व के नाम के साथ लगा देते हैं जैसे कॉपर एक संयोजी क्यूप्रस या द्विसंयोजी क्यूप्रिंक कहलाता है। इसे कॉपर (I) आयन व कॉपर (II) आयन द्वारा भी प्रदर्शित करते हैं। Hg+ (मरक्यूरस)को मरकरी (I) आयन व मरक्यूरिक (Hg++) को मरकरी (II) आयन, फेरस (Fe++) को आयरन (II) आयन व फेरिक (Fe+++) को आयरन (III) आयन द्वारा भी प्रदर्शित करते हैं।]
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प्रश्न 7.
ऑक्सीजन गैस के कितने ग्रामों में अणुओं की वही संख्या होती है जितनी कि सल्फर डाइऑक्साइड के 16 ग्रामों में होती है? (O = 16 u, S = 32 u)।
हल-
यह समस्या इस तथ्य के प्रयोग से हल होगी कि सभी गैसों के समान मोलों में अणुओं की समान संख्या होती है। पहले हम सल्फर डाइऑक्साइड के 16 ग्रामों को मोलों में परिवर्तित करते हैं।
सल्फर डाइऑक्साइड, SO2 का 1 मोल। = S का द्रव्यमान + 2 ‘O’ का द्रव्यमान = 32 + 2 x 16 = 64 ग्राम
अब, सल्फर डाइऑक्साइड के 64 g = 1 मोल
इसलिए, सल्फर डाइऑक्साइड के 16 g = [latex]\frac { 1 }{ 64 }[/latex] x 16 मोल = [latex]\frac { 1 }{ 4 }[/latex] मोल
अब, सल्फर डाइऑक्साइड के [latex]\frac { 1 }{ 4 }[/latex] मोल में अणुओं की वही संख्या होगी जो ऑक्सीजन के [latex]\frac { 1 }{ 4 }[/latex] मोल में होगी।
इसलिए, हमें अब ऑक्सीजन के [latex]\frac { 1 }{ 4 }[/latex] मोल को ग्रामों में द्रव्यमान में परिवर्तित करना चाहिए।
ऑक्सीजन, O2 का एक मोल = 2 ‘O’ परमाणुओं का द्रव्यमान = 2 x 16 = 32 ग्राम।
अब, ऑक्सीजन का 1 मोल = 32 ग्राम
इसलिए, ऑक्सीजन का मोल = 32 x [latex]\frac { 1 }{ 4 }[/latex] ग्राम = 8 ग्राम।
अतः ऑक्सीजन के 8 ग्रामों में अणुओं की वही संख्या होगी जितनी कि सल्फर डाइऑक्साइड के 16 ग्रामों में होगी।

प्रश्न 8.
निऑन के कितने ग्रामों में, परमाणुओं की वही संख्या होगी, जो कैल्सियम के 4 ग्रामों में परमाणुओं की संख्या होती है ? (आणविक द्रव्यमान : Ne = 20 u; Ca = 40 u)
हल-
इस प्रकार की समस्याओं को हल करने के लिए हमें याद रखना चाहिए कि सभी तत्त्वों के मोलों की समान संख्या में परमाणुओं की समान संख्या होती है।”
(i) हम पहले कैल्सियम के 4 ग्रामों को मोलों में परिवर्तित करते हैं। हमें दिया गया है कि कैल्सियम का परमाण्विक द्रव्यमान 40 u है, इसलिए कैल्सियम का 1 मोल, 40 ग्राम है।
अब, कैल्सियम के 40 g = 1 मोल
इसलिए, कैल्सियम के 4g = [latex]\frac { 1 }{ 40 }[/latex] x 4 मोल = [latex]\frac { 1 }{ 10 }[/latex] मोल
अब, कैल्सियम के [latex]\frac { 1 }{ 10 }[/latex] मोल में परमाणुओं की उतनी ही संख्या होगी, जितनी कि निऑन के [latex]\frac { 1 }{ 10 }[/latex] मोल में परमाणुओं की संख्या होगी। इसलिए, हमें अब निऑन के [latex]\frac { 1 }{ 10 }[/latex] मोलों को ग्रामों में द्रव्यमान में परिवर्तित करना होगा।
(ii) निऑन का परमाण्विक द्रव्यमान 20 u है, इसलिए निऑन का 1 मोल 20 ग्रामों के बराबर होगा।
अब, निऑन का 1 मोल = 20 g
इसलिए, निऑन का [latex]\frac { 1 }{ 10 }[/latex] मोल = 20 x [latex]\frac { 1 }{ 10 }[/latex] g = 2 g
अतः निऑन के 2 ग्राम में परमाणुओं की उतनी ही संख्या होगी, जितनी कि कैल्सियम के 4 ग्रामों में है।

अभ्यास प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. नाइट्रोजन का रासायनिक संकेत है
(a) Ni
(b) N2
(c) N+
(d) N

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2. सोडियम का रासायनिक संकेत है
(a) SO
(b) Sd
(c) NA
(d) Na

3. निम्नलिखित में से कौन सबसे अधिक भारी है?
(a) सूक्रोस (C12H22O11) के 0.2 मोल
(b) CO) के 2 मोल
(c) CaCO3 के 2 मोल
(d) H2O के 10 मोल

4. निम्नलिखित में से किसमें परमाणुओं की संख्या अधिकतम होती है?
(a) H2O के 18 g
(b) O2 के 18 g
(c) CO2 के 18 g
(d) CH4 के 18 g

5. डाल्टन ने प्रतिपादित किया कि
(a) द्रव्य सूक्ष्म कणों का बना है जिन्हें परमाणु कहते हैं।
(b) परमाणु अविभाज्य है जिनका सृजन व विनाश संभव नहीं है।
(c) किसी तत्त्व के सभी परमाणु समान रासायनिक प्रकृति के होते हैं।
(d) उपर्युक्त सभी।

6. हाइड्रोजन परमाणु की त्रिज्या है
(a) 10-6 m
(b) 10-10 m
(c) 1 mm
(d) 1010 m.

7. 1 nm बराबर है
(a) 10-6 m के
(b) 10-10 m
(c) 10-9 m के
(d) 1010 m के

8. कैल्सियम का प्रतीक है
(a) Cu
(b) Cl
(c) Ca
(d) Cm

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9. यदि ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान 16 है तो ऑक्सीजन गैस के 1 मोल का द्रव्यमान होगा
(a) 44u
(b) 32 ग्राम
(c) 16 u
(d) 16 ग्राम

10. पानी का ग्राम अणु द्रव्यमान है
(a) 18 u
(b) 18 ग्राम
(c) 32 u
(d) 32 ग्राम

11. 1.6 g CH4 का STP पर आयतन होगा
(a) 2.24 L
(b) 4.48 L
(c) 11.2 L
(d) 1.12 L

12. A2+ व B के संयोजन से बने यौगिक का सूत्र है
(a) A2B
(b) A2B2
(c) AB
(d) AB2

13. Al3+ व [latex]{ SO }_{ 4 }^{ 2- }[/latex] से बने यौगिक का सूत्र है
(a) Al2(SO4)3
(b) Al(SO4)3
(c) Al3(SO4)2
(d) AlSO4

14. O2 की परमाणुकता है|
(a) 4
(b) 3
(c) 2
(d) 1

15. कॉपर की परमाणुकता है|
(a) 4
(b) 3
(d) 1

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16. आयरन का प्रतीक है
(a) I
(b) Ir
(c) Fe
(d) Fn

17. C प्रतीक है
(a) कार्बन का
(b) कॉपर का
(c) कैल्सियम का
(d) क्लोरीन का

18. किसी यौगिक के 1 मोल में अणुओं की संख्या होगी
(a) 6.022 x 1024
(b) 6.022 x 1022
(c) 6.022 x 1021
(d) 6.022 x 1023

19. यदि जल का अणु द्रव्यमान 18 u है तो 1.8 ग्राम जल में अणुओं की संख्या होगी
(a) 6.022 x 1024
(b) 6.022 x 1022
(c) 6.022 x 1021
(d) 6.022 x 1023

20. H2 गैस के 2 मोलों का द्रव्यमान होगा
(a) 2 ग्राम
(b) 1 ग्राम
(c) 4 ग्राम
(d) 4 u

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21. CO2 का ग्राम अणु द्रव्यमान है
(a) 44
(b) 44u
(c) 44 ग्राम
(d) उपर्युक्त सभी

उत्तरमाला

    1. (b)
    2. (d)
    3. (c)
    4. (d)
    5. (d)
    6. (b)
    7. (c)
    8. (c)
    9. (b)
    10. (b)
    11. (a)
    12. (d)
    13. (a)
    14. (c)
    15. (d)
    16. (c)
    17. (a)
    18. (d)
    19. (b)
    20. (c)
    21. (b)

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