UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 10 Gravitation

UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 10 Gravitation (गुरुत्वाकर्षण)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 10 Gravitation (गुरुत्वाकर्षण).

पाठ्य – पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 149)

प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइये।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम-विश्व का प्रत्येक पिंड प्रत्येक अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा (UPBoardSolutions.com) उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।
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चित्र- किन्हीं दो एकसमान पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल उनके केंद्रों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में निदेशित होता है।

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प्रश्न 2.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
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पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 152)

प्रश्न 1.
मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
जब किसी वस्तु को किसी, मीनार या मकान की छत से मुक्त रूप से छोड़ा जाता है तो वस्तु पृथ्वी के आकर्षण के कारण बढ़ते हुए वेग से पृथ्वी तल की ओर गिरती है। पृथ्वी के आकर्षण के कारण किसी वस्तु का मुक्त रूप से पृथ्वी तल की ओर गिरना मुक्त पतन कहलाता है।

प्रश्न 2.
गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के आकर्षण के कारण पृथ्वी तल की ओर गिरती हुई किसी वस्तु का त्वरण ‘गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है।
इसे ‘g’ से प्रदर्शित करते हैं। पृथ्वी तल पर (UPBoardSolutions.com) गुरुत्वीय त्वरण का मान 9.8 m/s² है।

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पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 153)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है?
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प्रश्न 2.
किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का [latex]\frac { 1 }{ 6 }[/latex] गुणा क्यों होता है?
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पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 157)

प्रश्न 1.
एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर-
जब स्कूल बैग को उसके साथ लगे एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाते हैं तो हाथ तथा डोरी के मध्य संपर्क क्षेत्रफल बहुत कम होता है तथा स्कूल बैग के भार के कारण हमारे हाथ पर दाब अधिक पड़ता है क्योंकि जब बल छोटे क्षेत्रफल पर लगता है तो दाब अधिक होता है (UPBoardSolutions.com) अर्थात् बल का प्रभाव अधिक होता है इसी कारण स्कूल बैग को पतली डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाना कठिन है।

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प्रश्न 2.
उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
जब किसी वस्तु को किसी तरल पदार्थ में डुबाया जाता है तो उस वस्तु पर ऊपर की दिशा में एक बल लगता है। यह बल वस्तु द्वारा हटाए गए तरल पदार्थ के भार के बराबर होता है। इस प्रकार वस्तु पर ऊपर की ओर लगने वाले बल को उत्प्लावकता बल या उत्प्लावन बल कहते हैं। यदि तरल पदार्थ का घनत्व अधिक होगा तो वस्तु द्वारा हटाए गये तरल पदार्थ का भार भी अधिक होगा और उत्प्लावन बल भी अधिक होगा।

प्रश्न 3.
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या बुबती है?
उत्तर-
जब किसी वस्तु को पानी की सतह पर रखा जाता है या पानी में डुबाया जाता है तो यदि वस्तु द्वारा हटाए गये पानी का भार वस्तु के भार से अधिक है अर्थात् वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम है तो वस्तु पानी पर तैरती रहेगी। यदि वस्तु द्वारा हटाए गये पानी का भार वस्तु के भार से कम हो अर्थात् वस्तु का घनत्व पानी से अधिक हो तो वस्तु पानी में डूब जायेगी।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 158)

प्रश्न 1.
एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपको द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम?
उत्तर-
वास्तव में हमारा द्रव्यमान 42 kg से अधिक है। जब हम अपना भार एक कमानीदार तुला से मापते हैं। तो वायु द्वारा हमारे शरीर पर ऊपर की ओर उत्प्लावन बल लगता है, (UPBoardSolutions.com) जिसके कारण हमारा भार कुछ कम हो जाता है|

प्रश्न 2.
आपके पास एक रुई को बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?
उत्तर-
वास्तव में रुई का बोरा लोहे की छड़ की अपेक्षा भारी होगा क्योंकि रुई के बारे का आयतन अधिक होने के कारण रुई के बोरे द्वारा हटाये गये वायु को भार लोहे की छड़ द्वारा हटाये गये वायु के भार से अधिक होगा। अतः वायु में रूई के बोरे के भार में अधिक कमी होती है। परन्तु दोनों का वायु में भार समान है अतः हम कह सकते हैं कि वास्तव में रुई के बोरे का भार लोहे की। छड़ की अपेक्षा अधिक होगा।

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अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 160 – 161)

प्रश्न 1.
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियमानुसार दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके बीच दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
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अतः वस्तु के बीच दूरी आधी करने पर उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाता है।

प्रश्न 2.
सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर-
स्वतंत्र रूप से गिरते समय प्रत्येक वस्तु त्वरण ‘g’ अनुभव करती है। इसे [latex]g\quad =\quad \frac { GM }{ { R }^{ 2 } }[/latex] द्वारा व्यक्त किया जाता है जहाँ, G = सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक तथा R = पृथ्वी की त्रिज्या है।
अतः स्वतंत्र रूप से गिरते समय, भारी वस्तु अपेक्षाकृत तेजी से नहीं गिरती है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 106 m है)।
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प्रश्न 4.
पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
उत्तर-
पृथ्वी चंद्रमा को उसी बल से अपनी ओर आकर्षित करती है जिस बल से चंद्रमा पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है। क्योंकि, गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम के (UPBoardSolutions.com) अनुसार, अंतरिक्ष में प्रत्येक वस्तु अन्य दूसरी वस्तु को उसी बल से आकर्षित करती है जो उन वस्तुओं की मात्रा के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

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प्रश्न 5.
यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?
उत्तर-
न्यूटन की गति के तीसरे नियम के अनुसार, चंद्रमी भी पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है। किन्तु, न्यूटन की गति के दूसरे नियम के अनुसार त्वरण, वस्तु के द्रव्यमान के (UPBoardSolutions.com) व्युत्क्रमानुपाती होता है। चंद्रमा की द्रव्यमान पृथ्वी से बहुत कम है। अतः हम पृथ्वी को चंद्रमा की ओर गति करते नहीं देखते हैं।

प्रश्न 6.
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि-
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?
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प्रश्न 7.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्त्व हैं?
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्त्व-
(i) इस बल के कारण ही सभी जीव-जन्तु, पेड़-पौधे आदि पृथ्वी पर टिके हुए हैं।
(ii) सौरमण्डल में सूर्य के चारों ओर ग्रहे गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही चक्कर लगाते हैं।
(ii) चन्द्रमा भी पृथ्वी के चारों ओर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही चक्कर लगाता है।
(iv) समुद्र में ज्वार-भाटा भी चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण उत्पन्न होता है।
(v) पृथ्वी पर वायुमण्डल भी इसी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण है।

प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
उत्तर-
स्वतंत्र रूप से नीचे गिरती हुई वस्तुओं का त्वरण 9.8 m/s-2 होता है जो अग्रे प्रकार से ज्ञात किया जा सकता है।
मान लिया कोई m द्रव्यमान की वस्तु स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर नीचे त्वरण g से गिरती है तो वस्तु पर लगा बल
F = mg
परन्तु गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार
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प्रश्न 9.
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर-
किसी वस्तु तथा पृथ्वी के मध्य लगा आकर्षण बल उस वस्तु का भार कहलाता है।

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प्रश्न 10.
एक व्यक्ति A अपने मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत् वृत्त पर अपने मित्र को दे देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं तो क्यों? (संकेत : ध्रुवों पर g का मान विषुवत् वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर-
व्यक्ति A का मित्र उसके द्वारा ध्रुवों पर खरीदे गए सोने के भार से सहमत नहीं होगा क्योंकि भूमध्य (या विषुवत्) रेखा पर उसी सोने का भार ध्रुवों की अपेक्षा कम होगा। इसका कारण यह है कि वस्तु का भार गुरुत्वीय त्वरण g पर निर्भर करता है। पृथ्वी ध्रुवों पर थोड़ी पिचकी हुई है जिसके (UPBoardSolutions.com) कारण ध्रुवों पर पृथ्वी की त्रिज्या भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम है। गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी की त्रिज्या के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। ध्रुवों पर g का मान भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम होगा। अतः ध्रुवों पर सोने का भार भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम होगा।

प्रश्न 11.
एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर-
जब कागज के पन्ने को गेंद की आकृति में बदला जाता है तो उसका पृष्ठ क्षेत्रफल जो वायु के संपर्क में आता है कम हो जाता है इस प्रकार नीचे गिरते समय वायु द्वारा उस पर पेपर सीट की अपेक्षा कम प्रतिरोध लगता है। अतः गेंद की आकृति का कागज नीचे जल्दी गिरता है, पेपर सीट का क्षेत्रफल अधिक होने के कारण वायु का प्रतिरोध अधिक लगता है इसलिए वह धीरे गिरता है।

प्रश्न 12.
चन्द्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा ३ गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चन्द्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
हल-
वस्तु का द्रव्यमान m = 10 kg
पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 m/s2
पृथ्वी पर वस्तु का भार = m x g = 10 x 9.8 = 98 N
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान g = [latex]\frac { 9.8 }{ 6 }[/latex] = 1.63 m/s2
चन्द्रमा पर वस्तु का भार = mg = 10 x 1.63 = 16.3 N
वस्तु का द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर स्थिर रहता है।
अतः वस्तु का पृथ्वी पर द्रव्यमान = 10 kg
वस्तु का चन्द्रमा पर द्रव्यमान = 10 kg

प्रश्न 13.
एक गेंद को ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है तो परिकलन कीजिए
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
हल-
(i) वस्तु का आरंभिक वेग, u = 49 m/s
अधिकतम ऊँचाई पर वस्तु का वेग, v = 0
गुरुत्वीय त्वरण, g = – 9.8 m/s2
मान लिया गेंद द्वारा तय की गई अधिकतम ऊँचाई = h
हम जानते हैं कि,
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गेंद द्वारा जितना समय अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लिया जाता है उतना ही समय वापस पृथ्वी तल पर लौटने में लिया जाएगा।
अतः गेंद द्वारा लिया गया कुल समय = 5 + 5 = 10 सेकण्ड।

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प्रश्न 14.
19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
हल-
मीनार की ऊँचाई h = 19.6 m
g = 9.8 m/s2
पत्थर को आरंभिक वेग u = 0
मान लिया पत्थर का अन्तिम वेग v = ?
हम जानते हैं,
v2 – u2 = 2gh
⇒ v2 – 0 = 2 (9.8) x 19.6
⇒ v2 = 19.6 x 19.6
⇒ v = 19.6 m/s

प्रश्न 15.
कोई पत्थर ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
हल-
प्रारंभिक वेग u = 40 m/s
ऊपर की ओर गुरुत्वीय त्वरण, g = 10 m/s2 नीचे की ओर
माना कि पत्थर को उच्चतम बिंदु तक आने में 1 सेकण्ड लगते हैं, जहाँ उसका वेग v = 0 हो जाता है।
अब, v = u – gt
0 = 40 – 10t
या 10t = 40
या t = 4 सेकण्डे
अर्थात् अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में पत्थर को 4 सेकण्ड लगते हैं।
पुनः v = u – gt
g = 10 m/s2 तथा क्रमशः t = 0, 1, 2, 3, 4 सेकण्ड रखने पर निम्नांकित सारणी प्राप्त होती है-
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पत्थर पर कुल विस्थापन = प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु के बीच सरल रेखीय गति
जबकि कुल तय दूरी = तय किए गए पथ की लंबाई = 2 x अधिकतम ऊँचाई = 2 x 80 = 160 m.

प्रश्न 16.
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है,
पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 x 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg।
दोनों के बीच की औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।
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प्रश्न 17.
कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलने कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे?
हल-
माना पत्थर t सेकण्ड पश्चात् मिलेंगे।
पहले पत्थर द्वारा t सेकण्ड में चली गई दूरी,
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प्रश्न 18.
ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए।
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई;
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा
(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
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प्रश्न 19.
किसी दूर्व में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर-
जब किसी वस्तु को किसी द्रव में डुबोया जाता है तो वस्तु पर ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर उत्प्लावन बल लगता है।

प्रश्न 20.
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
उत्तर-
जब प्लास्टिक के गुटके को पानी में डुबोकर छोड़ा जाता है तो वह पानी की सतह पर ऊपर आ जाता है। क्योंकि प्लास्टिक के गुटके पर पानी के कारण लगने वाला उत्प्लावन बल गुटके के भार से अधिक होता है। या हम यह भी कह सकते हैं कि प्लास्टिक के गुटके का घनत्व पानी के घनत्व से कम है (UPBoardSolutions.com) इसलिए यह पानी में छोड़ने पर पानी में नहीं डूबता बल्कि पानी पर तैरने लगता है।

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प्रश्न 21.
50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm है। यदि पानी का घनत्व 1 gcm हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
हल-
पदार्थ का द्रव्यमान, m = 50 g
आयतन V = 20 g/cm3
पदार्थ का घनत्व = [latex]\frac { m }{ V }[/latex] = [latex]\frac { 50 }{ 20 }[/latex] = 2.5 g/cms
पदार्थ का घनत्व (2.5 g/cm3) पानी के घनत्व (1 g/cm3) से अधिक है इसलिए यह पानी में डूब जाएगा।

प्रश्न 22.
500 g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1 g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
हल-
(i) सील किए हुए पैकेट का द्रव्यमान,
m = 500 g
आयतन, V = 350 cm3
धनत्व = [latex]\frac { m }{ V }[/latex] = [latex]\frac { 500 }{ 350 }[/latex] = [latex]\frac { 10 }{ 7 }[/latex] = 1.43 g/cm
पैकेट पानी में डूब जाएगा क्योंकि इसका घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है इसलिए पानी द्वारा लगाया गया उत्प्लावन बल पैकेट के भार से कम है।
(ii) पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का आयतन = 350 cm3
पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान = पानी का घनत्व x पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का आयतन = 1 x 350 = 350 ग्राम
अतः पैकेट द्वारा विस्थापित जल का भार 350 ग्राम होगा।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सार्वत्रिक नियतांक का मान कितना है?
उत्तर-
सार्वत्रिक नियतांक का मान है 6.67 x 10-11 Nm/kg2

प्रश्न 2.
पृथ्वी की सतह पर ‘G’ का मान 6.673 x 10-11 Nmkg-2 है। चन्द्रमा की सतह पर ‘G’ का मान क्या होगा?
उत्तर-
चन्द्रमा की सतह पर ‘G’ का मान 6.673 x 10-11 Nm kg-2 होगा।

प्रश्न 3.
1 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु का भार कितना होगा? (g = 9.8 मी/से)
हल-
W = m x g = 1 x 9.8 = 9.8 न्यूटन।

प्रश्न 4.
पृथ्वी की सतह पर किसी वस्तु को द्रव्यमान 10 किग्रा है। इसका भार कितना होगा यदि इसे पृथ्वी के केन्द्र पर ले जायें?
उत्तर-
शून्य, क्योंकि पृथ्वी के केन्द्र पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान शून्य होता है।

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प्रश्न 5.
समुद्र में ज्वार-भाटा बनने के लिए उत्तरदायी बल का प्रकार तथा नाम बताइए।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण बल |

प्रश्न 6.
G का मान्य मान क्या है?
उत्तर-
6.67 x 10-11 Nm/kg2

प्रश्न 7.
उस बल का नाम बताइए जो मुक्त पतन में वस्तु को त्वरित करता है?
उत्तर-
पृथ्वी का गुरुत्व बले।

प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या होगा?
उत्तर-
मुक्त पतन का त्वरण 9.8 ms-2 है।

प्रश्न 9.
पृथ्वी के अन्य स्थानों की तुलना में पृथ्वी के केंद्र पर वस्तु का द्रव्यमान क्या होगा?
उत्तर-
वस्तु का द्रव्यमान, प्रत्येक स्थान पर स्थिर रहता है।

प्रश्न 10.
m1 वे m2 द्रव्यमान अगर R दूरी पर हों तो उनके मध्य लगने वाला बल कितना होगा?
उत्तर-
[latex]F\quad =\quad G\frac { { m }_{ 1 }{ m }_{ 2 } }{ { R }^{ 2 } }[/latex]

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प्रश्न 11.
क्या स्थिरांक G का मान प्रत्येक स्थान के लिए समान रहता है?
उत्तर-
हाँ, यह एक सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक है।

प्रश्न 12.
G को S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर-
G का S.I. मात्रक है Nm/kg2

प्रश्न 13.
पृथ्वी की सतह पर किसी वस्तु का द्रव्यमान 10 kg है। इसका भार कितना होगा यदि इसे पृथ्वी के केंद्र पर ले जाएँ?
उत्तर-
शून्य। क्योंकि पृथ्वी के केंद्र पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान शून्य होता है।

प्रश्न 14.
g और G में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
[latex]g\quad =\quad \frac { GM }{ { R }^{ 2 } }[/latex]

प्रश्न 15.
किसी वस्तु का पृथ्वी पर द्रव्यमान 50 kg है। चन्द्रमा पर उसका द्रव्यमान क्या होगा और क्यों?
उत्तर-
वस्तु का चन्द्रमा पर द्रव्यमान 50 kg होगा। क्योंकि प्रत्येक स्थान पर द्रव्यमान का मान अचर रहता है।

प्रश्न 16.
दाब की परिभाषा कीजिए।
उत्तर-
एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला प्रणोद दाब कहलाता है।

प्रश्न 17.
किसी द्रव में डुबोने पर कोई वस्तु हल्की क्यों प्रतीत होती है?
उत्तर-
द्रव द्वारा वस्तु पर लगाए गए उत्प्लावन बल के कारण।

प्रश्न 18.
किसी पदार्थ का घनत्व 825 kgm-3 है। बताइए यह पानी में डूबेगा या तैरेगा। पानी का घनत्व 1000 kgm-3
उत्तर-
पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व से कम है। अतः पदार्थ पानी पर तैरेगा।

प्रश्न 19.
एक वस्तु को पहाड़ की चोटी पर ले जाने पर उसका भार कम होगा अथवा अधिक?
उत्तर-
उसका भार कम होगा क्योंकि ‘g’ को मान ऊँचाई पर कम होता जाता है।

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प्रश्न 20.
किसी वस्तु के द्रव्यमान की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
किसी वस्तु में निहित द्रव्य का परिमाण उसका द्रव्यमान कहलाता है।

प्रश्न 21.
1 किग्रा-भार कितने न्यूटन के बराबर है।
उत्तर-
1 किग्रा भार = 9.8 न्यूटनन्।

प्रश्न 22.
1 किग्रा और 5 किग्रा के दो पत्थर कुतुबमीनार की चोटी से साथ-साथ गिराये गये। कौनसा पत्थर पृथ्वी पर पहले पहुँचेगा?
उत्तर-
दोनों पत्थर पृथ्वी पर साथ-साथ पहुँचेंगे।

प्रश्न 23.
भार ज्ञात करने के लिए किस प्रकार की तुला का प्रयोग करते हैं?
उत्तर-
कमानीदार तुला का।

प्रश्न 24.
एक वस्तु का द्रव्यमान पृथ्वी पर 600 ग्राम है, चन्द्रमा पर उसका द्रव्यमान क्या होगा?
उत्तर-
600 ग्राम ही होगा, क्योंकि द्रव्यमान सदा समान रहता है।

प्रश्न 25.
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान क्या है?
उत्तर-
पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण के मान का [latex]\frac { 1 }{ 6 }[/latex]

प्रश्न 26.
एक व्यक्ति का पृथ्वी पर भार 600 किग्रा-भार है, तो चन्द्रमा पर उसका भार कितना होगा?
उत्तर-
100 किंग्रा-भार।

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प्रश्न 27.
ग्रह अपने परिपथ में क्यों घूमते हैं?
उत्तर-
ग्रह अपने परिपथ में सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के कारण घूमते हैं।

प्रश्न 28.
यदि दो पिंडों के मध्य दूरी आधी कर दी जाये तो गुरुत्वाकर्षण कितना हो जायेगा?
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण बल पिंडों के मध्य दूरी आधी करने पर चार गुना हो जायेगा क्योंकि F ∝ [latex]\frac { 1 }{ { R }^{ 2 } }[/latex]

प्रश्न 29.
उस बल का नाम बताइए जो चंद्रमा को पृथ्वी के चारों ओर घूमने के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर-
पृथ्वी का अभिकेन्द्रीय बल।

प्रश्न 30.
ग्रह कक्षाओं में क्यों घूमते हैं?
उत्तर-
सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आर्किमिडीज का सिद्धान्त बताइए।
उत्तर-
आर्किमिडीज का सिद्धान्त- जब किसी वस्तु को किसी तरल में पूर्ण या आंशिक रूप से डुबोया जाता है। तो वह ऊपर की दिशा में एक बल का अनुभव करती है जो वस्तु द्वारा हटाए गए तरल के भार के बराबर होता है।

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प्रश्न 2.
उत्प्लावन बल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
किसी वस्तु को किसी तरल में डुबोने पर, उसके द्वारा अनुभव किया गया ऊपर की ओर लगने वाला बल, उत्प्लावन बल कहलाती है।

प्रश्न 3.
आपेक्षिक घनत्व क्या है?
यदि किसी वस्तु को किसी द्रव में पूर्णतया डुबोया जाए जिससे उत्प्लावन बल, वस्तु के भार के बराबर हो, तो द्रव तथा वस्तु के आपेक्षिक घनत्वों के बीच क्या संबंध होगा?
उत्तर-
आपेक्षिक घनत्व- किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व उसके और पानी के घनत्व का अनुपात है अर्थात्
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प्रश्न 4.
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण सम्बन्धी नियम लिखिए तथा सम्बन्धित सूत्र दीजिए।
उत्तर-
दो बिन्दु कणों को पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण बल दोनों कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है तथा बल (UPBoardSolutions.com) की दिशा दोनों वस्तुओं को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होती है।
यदि एक कण का द्रव्यमान m1 दूसरे कण का द्रव्यमान m2 तथा उनके बीच की दूरी r हो तो
[latex]F\quad =\quad \frac { G{ m }_{ 1 }{ m }_{ 2 } }{ { r }^{ 2 } }[/latex]
यहाँ F दोनों वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल है तथा G सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है।

प्रश्न 5.
गुरुत्वाकर्षण नियतांक क्या होता है? इसका S.I. मात्रक निगमित कीजिए।
उत्तर-
यदि दो पिण्डों के द्रव्यमान m1 एवं m2 तथा उनके बीच की दूरी हो तो पिण्डों के बीच गुरुत्वाकर्षण
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प्रश्न 6.
गुरुत्वाकर्षण, गुरुत्व तथा गुरुत्वीय त्वरण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ के किन्हीं दो कणों के बीच उनके द्रव्यमान तथा बीच की दूरी पर निर्भर रहने वाले आकर्षण बल के उत्पन्न होने के गुण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) कहते हैं, जबकि पृथ्वी द्वारा किसी पिण्ड पर आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल को गुरुत्व (Gravity) तथा इसके द्वारा पिण्ड में (UPBoardSolutions.com) उत्पन्न त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं।
इस प्रकार गुरुत्वाकर्षण द्रव्य का एक मौलिक गुण, गुरुत्व एक बल तथा गुरुत्वीय त्वरण एक त्वरण है।

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प्रश्न 7.
राशियाँ G तथा g क्या व्यक्त करती हैं? इनमें सम्बन्ध बताने वाला समीकरण स्थापित कीजिए।
उत्तर-
राशि G गुरुत्वाकर्षण नियतांक है। इसका मान परस्पर 1 मीटर की दूरी पर स्थित 1-1 किग्रा द्रव्यमान के दो पिण्डों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल को व्यक्त करता है।
राशि g गुरुत्वीय त्वरण है अर्थात् यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण किसी वस्तु में उत्पन्न त्वरण को व्यक्त करती है।
g तथा G में सम्बन्ध निम्नवत् है-
[latex]g\quad =\quad \frac { G{ M }_{ e } }{ { R }_{ e }^{ 2 } }[/latex]
जबकि Me पृथ्वी का द्रव्यमान तथा Re पृथ्वी की औसत त्रिज्या है।

प्रश्न 8.
किसी वस्तु के ‘भार’ से क्या तात्पर्य है? भार का S.I. मात्रक क्या है?
उत्तर-
किसी वस्तु पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल को वस्तु का भार कहते हैं। इसका मान वस्तु के द्रव्यमान। (m) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल से व्यक्त होता है (W = m.g)
भार का S.I. मात्रक वही है जो बल का- अर्थात् न्यूटन (newton) ।

प्रश्न 9.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में अन्तर बताइए।
उत्तर-
द्रव्यमान तथा भार में अन्तर (Difference Between Mass and weight)- द्रव्यमान तथा भार में निम्नलिखित अन्तर हैं
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प्रश्न 10.
लोहे का बना जहाज जल पर तैरता है। जबकि ठोस लोहे का टुकड़ा जल में डूब जाता है। क्यों?
उत्तर-
लोहे के टुकड़े का भार उसके द्वारा हटाए गए जल के भार से अधिक होता है जिससे वह जल में डूब जाता है। जहाज का ढाँचा इस प्रकार बनाया जाता है कि इसके थोड़े-से हिस्से द्वारा हटाए गए जल का भार जहाज तथा उसमें लदे सामान के भार के बराबर होता है जिससे जहाज तैरने लगता है।

प्रश्न 11.
जब मनुष्य चलता है तो भूमि पर दाब | क्यों अधिक पड़ता है, अपेक्षाकृत कि जब वह खड़ा होता है?
उत्तर-
जब मनुष्य चलता है, तो एक समय पर उसका एक ही पैर भूमि पर होता है। इसके कारण, मनुष्य के भार का दाब उत्पन्न करता है। दूसरी ओर, जब मनुष्य खड़ा होता है, तो उसके दोनों पैर भूमि पर होते हैं। इसके कारण मनुष्य के भार का बल भूमि के बड़े क्षेत्र पर लगता है और भूमि पर कम दाब उत्पन्न करता है।

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प्रश्न 12.
गद्दे पर जब मनुष्य खड़ा होता है तो क्यों काफी अधिक दबता है अपेक्षाकृत कि जब वह उस पर लेटा होता है?
उत्तर-
जब मनुष्य गद्दे के ऊपर खड़ा होता है तो उसके केवल दो पैर (कम क्षेत्रफल वाले) गद्दे के संपर्क में होते हैं। इसके कारण मनुष्य का भार गद्दे के छोटे से क्षेत्र पर लगता है और अधिक दाब उत्पन्न करता है। यह अधिक दाब गद्दे में बड़े गर्त का कारण होता है। दूसरी ओर जब वही मनुष्य गद्दे के ऊपर लेटा होता है, तो इसका संपूर्ण शरीर (बड़े क्षेत्रफल वाला) गद्दे के संपर्क में होता है। इस स्थिति में मनुष्य का भार गद्दे के काफी बड़े क्षेत्र के ऊपर लगता है और काफी कम दाब उत्पन्न करता है और यह कम दाब गद्दे में बहुत छेटा गर्त बनाता है।

प्रश्न 13.
गुरुत्वीय त्वरण (g) व गुरुत्वीय स्थिरांक (G) में सम्बन्ध तथा अन्तर बताइये।
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प्रश्न 14.
नीचे की ओर गिरती हुई और ऊपर की ओर फेंकी गयी वस्तुओं के लिए u, v, g और h में सम्बन्ध लिखिए।
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण’ से क्या तात्पर्य है? न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)- आकाशीय पिण्डों जैसे चन्द्रमा, ग्रह, पृथ्वी आदि की गतियों के आधार पर न्यूटन ने यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया कि ब्रह्माण्ड में सभी वस्तुएँ एक-दूसरे को अपनी ओर बल लगाकर आकर्षित करती हैं।
जिस बल के कारण दो वस्तुएँ एक-दूसरे को (UPBoardSolutions.com) अपनी ओर आकर्षित करती हैं, उस बल को गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational force) तथा वस्तुओं के परस्पर आकर्षित होने के गुण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) कहते हैं।
न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम (Newton’s Law of Universal Gravitation)- न्यूटन ने दो पिण्डों के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल सम्बन्धी एक नियम प्रस्तुत किया जिसे न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण सम्बन्धी नियम कहते हैं। इस नियम के अनुसार “विश्व में पदार्थ का प्रत्येक कण, प्रत्येक दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता है तथा किन्हीं दो कणों का पारस्परिक आकर्षण का बल कणों के द्रव्यमानों के अनुक्रमानुपाती एवं कणों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”
इस बल की क्रिया- रेखा दोनों कणों को मिलाने वाली ऋजु रेखा के अनुदिश होती है।
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G एक समानुपातिक नियतांक है। इसका मान सभी कणों के लिए सभी स्थानों पर एवं सभी दशाओं में समान रहता है।
अतः इसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (Universal gravitational constant) कहते हैं।
इसका मान 6.67 x 10-11 न्यूटन मीटर/किग्रा है।

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The Distance Traveled at Constant Acceleration calculator computes the distance traveled (dx) by an object after a period of time (t), based on its initial distance from the origin (x), the object’s initial velocity (V) and a constant acceleration (a).

प्रश्न 2.
‘गुरुत्वीय त्वरण’ का क्या अर्थ है? गुरुत्वाकर्षण के आधार पर पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का सूत्र प्राप्त कीजिए।
उत्तर-
गुरुत्वीय त्वरण (Gravitational Acceleration)- पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल को ‘गुरुत्व’ (Gravity) कहते हैं। इस | गुरुत्व बल के कारण वस्तु में जो त्वरण उत्पन्न होता है
उसे गुरुत्वीय त्वरण (gravitational acceleration) कहते हैं।
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UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 10 Gravitation image -6
उपर्युक्त समीकरण गुरुत्वीय त्वरण (g) तथा गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) का सम्बन्ध व्यक्त करता है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण में किस प्रकार परिवर्तन होता है? आवश्यक सूत्र देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण के मान में परिवर्तन- गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) का मान सदा अपरिवर्तित रहता है- परन्तु गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान परिवर्तनीय है। इसका परिवर्तन दो प्रकार से होता है

  1. पृथ्वी के तल पर परिवर्तन – पृथ्वी की त्रिज्या, अर्थात् पृथ्वी के केन्द्र से पृथ्वी तल की दूरी सभी जगह समान नहीं है। पृथ्वी पर ही विषुवत रेखा पर पृथ्वी की त्रिज्या अधिकतम तथा उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों पर न्यूनतम होती है। अत: समीकरण [latex]g\quad =\quad \frac { G{ M }_{ e } }{ { R }_{ e }^{ 2 } }[/latex] के अनुसार g का मान विषुवत रेखा पर (Re के अधिकतम होने के कारण) न्यूनतम तथा उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव पर (Re के न्यूनतम होने के कारण) अधिकतम होता है।
    अत: विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर (उत्तर या दक्षिण) जाने पर ४ का मान बढ़ता जाता है।
    इसी प्रकार तल से ऊपर मैदानों तथा पर्वतों में अधिक ऊँचाई पर ‘g’ का मान समुद्र तल पर इसके मान की अपेक्षा कम होता है।
    पृथ्वी पर समुद्र तल से नीचे जैसे गहरी खदानों में जाने पर भी g का मान शून्य होता है।
  2. पृथ्वी के बाहर अंतरिक्ष में – पृथ्वी से दूर जाने पर, पृथ्वी के केन्द्र से दूरी बढ़ने के कारण g का मान कम होता जाता है।
    यदि अंतरिक्ष में किसी स्थान की पृथ्वी के तल से ऊँचाई h हो तो उस स्थान की पृथ्वी के केन्द्र से दूरी r = (Re + h) होगी।
    अतः उस स्थान पर
    [latex]g\quad =\quad \frac { G{ M }_{ e } }{ \left( { R }_{ e }+h \right) ^{ 2 } }[/latex]
    इससे स्पष्ट है कि पृथ्वी तल से ऊँचाई (h) बढ़ने के साथ g का मान कम होता जाता है।

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प्रश्न 4.
पृथ्वी पर अथवा उसके निकट स्थित वस्तुओं की गति पर गुरुत्वीय त्वरण के प्रभावों को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी पर स्थित वस्तुओं पर गुरुत्व का प्रभाव
(a) एकविमीय गुरुत्वीय गति (One Dimensional Gravity Motion) – यदि कोई वस्तु कुछ ऊँचाई से स्वतन्त्रतापूर्वक छोड़ दी जाय तो वह ऊध्र्वाधर दिशा में गिरने लगेगी। वस्तु के गिरने का वेग लगातार एक-समान दर से बढ़ता जाता है अर्थात् वस्तु एक-समान त्वरण से गिरती है। इसका कारण यह है कि पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपने केन्द्र की ओर आकर्षित करती है। इसी आकर्षण बल के कारण गिरने वाली वस्तु में एक त्वरण उत्पन्न हो जाता है जिसका मान नियत होता है तथा सभी वस्तुओं के लिए समान (UPBoardSolutions.com) होता है। यह त्वरण गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है। इसे g से प्रदर्शित करते हैं। इसका मान 9.8 मी से-2 है। पृथ्वी की ओर गिरती हुई अथवा पृथ्वी से ऊपर की ओर फेंकी गयी वस्तुओं की गति गुरुत्वीय गति कहलाती है।
अतः यदि कोई वस्तु प्रारम्भिक वेग u से पृथ्वी की ओर फेंकी जाय तो उसकी गुरुत्वीय गति के समीकरण निम्नलिखित होंगे- (ये गति के समीकरणों में a = + g रखने पर प्राप्त होती है।)
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(b) प्रक्षेप्य की गति (द्विविमीय गुरुत्वीय गति) [Motion of Projectile (Two Dimensional Motion)] – यदि किसी पत्थर के टुकड़े को किसी ऊँचाई पर स्थित स्थान से पृथ्वी तल के समान्तर दिशा में फेंकते हैं तो इसका पथ पृथ्वी तल के समान्तर क्षैतिज नहीं रह पाता। यह पत्थर वक्र रेखीय प्रक्षेप पथ पर गतिशील होकर पृथ्वी पर गिरता है। चित्र में प्रक्षेप पथ (trajectory) तथा क्षैतिज (horizontal) पथ प्रदर्शित हैं।
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यदि पत्थर पर गुरुत्व बल न लगता तो पत्थर क्षैतिज दिशा में रैखिक गति करता रहता, परन्तु पत्थर परे लगने वाले गुरुत्व बल के कारण इसकी दिशा परिवर्तित हो जाती है और यह त्वरित वेग से प्रक्षेप पथ पर चलकर फेंकने के स्थान से कुछ दूरी पर गिर पड़ता है।
यदि किसी पिण्ड को किसी प्रारम्भिक वेग से पृथ्वी तल के समान्तर फेंका जाता है तो इस पर गुरुत्व बल आरोपित हो जाता है और यह पिण्ड त्वरित वेग से प्रक्षेप पथ पर चलकर पृथ्वी पर गिर पड़ता है तो इस पिण्ड को प्रक्षेप्य कहते हैं। किसी भवन की छत से फेंका गया पत्थर, किसी राइफल से छोड़ी गयी बुलेट, किसी हवाई जहाज से छोड़ा गया बम, खिलाड़ी द्वारा फेंका गया जेवलिन आदि प्रक्षेप्य हैं और प्रक्षेपण पथ पर त्वरित होते हैं।

प्रश्न 5.
क्या न्यूटन को गति का तीसरा नियम और गुरुत्वाकर्षण का नियम, एक-दूसरे के विरोधी हैं? एक पत्थर और पृथ्वी की स्थिति के अनुसार इसका स्पष्टीकरण करें।
उत्तर-
न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार,
“यदि एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर बराबर और विपरीत बल लगाती है।”
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, ब्रह्माण्ड का प्रत्येक द्रव्यमान (पिंड) दूसरे द्रव्यमान (पिण्ड) को अपनी ओर आकर्षित करता है।
एक पत्थर और पृथ्वी की स्थिति को देखें तो स्वतंत्र अवस्था में गिरता हुआ पत्थर पृथ्वी की ओर आता है अतः पृथ्वी उसे अपने केन्द्र की ओर खींचती है, लेकिन न्यूटन के गति के तृतीय नियम के अनुसार पत्थर द्वारा भी पृथ्वी को अपनी ओर खींचना चाहिए और यह वास्तव में सही है। कि पत्थर भी उतने ही गुरुत्व बल के द्वारा पृथ्वी को अपनी ओर खींचता है, और F = m x a.
पत्थर का द्रव्यमान कम होने के कारण उसके वेग में त्वरण 9.8 मी/से होता है लेकिन पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 किग्रा होने से यह त्वरण 0.00000000000000000000000165 मी/से या 1.65 x 10-24 मी/से होता है; जो इतना कम है कि अनुभव ही नहीं हो सकता।

प्रश्न 6.
उचित उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए कि सामान्य द्रव्यमान की वस्तुओं के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल बहुत कम और खगोलीय पिंडों के मध्य बहुत अधिक लेता है।
उत्तर-
किन्हीं दो सामान्य द्रव्यमान की वस्तुओं के मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल अत्यन्त कम होता है। और हमें अनुभव नहीं होता है लेकिन जब एक वस्तु कोई खगोलीय पिंड जैसे पृथ्वी या चन्द्रमा होता है, तो यह बल बहुत अधिक हो जाता है जो निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है-
1. मान लीजिए आप और आपके मित्र का द्रव्यमान 50-50 किग्रा है और आप एक-दूसरे से 1 मीटर की दूरी पर स्थित हैं, तब आपके मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल (F) होगा-
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आंकिक प्रश्न

[आवश्यकतानुसार G = 6.67 x 10-11 न्यूटन.मी2 किग्रा-2 तथा g = 10 मी.से-2 का उपयोग कीजिए।]
प्रश्न 1.
दो पिण्डों में से प्रत्येक का द्रव्यमान 40 किग्रा है तथा ये परस्पर 2 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल ज्ञात कीजिए।
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प्रश्न 2.
दो पिण्डों के बीच की दूरी 90 सेमी होने से उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल 1.0 x 10-27 न्यूटन होता है। यदि पिण्डों के बीच की दूरी 90 मिमी कर दी जाय तो गुरुत्वाकर्षण बल कितना हो जायेगा?
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प्रश्न 3.
पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 किग्रा तथा एक मनुष्य का द्रव्यमान 60 किग्रा है। पृथ्वी मनुष्य को 600 न्यूटन बल से अपनी ओर खींचती है। मनुष्य पृथ्वी पर कितना गुरुत्वाकर्षण बल आरोपित करेगा तथा पृथ्वी का मनुष्य की ओर त्वरण कितना होगा?
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प्रश्न 4.
अंतरिक्ष में किसी स्थान पर 1 किग्रा द्रव्यमान के पिण्ड का गुरुत्वीय त्वरण 5 मी.से होता है। उसी स्थान पर 3 किग्रा के पिण्ड का त्वरण कितना होगा?
हल-
5 मी.से-2 (क्योंकि गुरुत्वीय त्वरण द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता)।

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प्रश्न 5.
एक पत्थर को 20 मीटर की ऊँचाई से गिराया जाता है। ज्ञात कीजिए
(i) पत्थर कितने समय में भूमि पर पहुँचेगा?
(ii) पत्थर कितने वेग से भूमि से टकरायेगा?
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प्रश्न 6.
एक गेंद को 30 मी.से-1 के वेग से ऊध्वधरतः ऊपर को उछाला जाता है। ज्ञात कीजिए-
(i) पत्थर अधिकतम कितनी ऊँचाई तक जाएगा?
(ii) कितने समय में पत्थर महत्तम ऊँचाई तक पहुँचेगा?
(iii) कितने समय बाद पत्थर वापस भूमि पर लौटेगा?
(iv) लौटकर भूमि से टकराते समय पत्थर का वेग कितना होगा?
UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 10 Gravitation image -7
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प्रश्न 7.
एक पिण्ड का पृथ्वी पर भार 900 न्यूटन है। चन्द्रमा पर इसका भार कितना होगा? चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण, पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का [latex]\frac { 1 }{ 6 }[/latex] है?
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प्रश्न 8.
125.मीटर ऊँची मीनार से एक पिण्ड 10 मी.से-1 की चाल से क्षैतिज दिशा में फेंका जाता है। यह पिण्ड कितने समय बाद तथा मीनार के आधार से कितनी दूर जाकर पृथ्वी पर गिरेगा?
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UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 10 Gravitation image -8

प्रश्न 9.
दो पिण्डों के द्रव्यमान 2 किग्रा तथा 5 किग्रा हैं तथा वे परस्पर 3 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। गणना कीजिए-
(i) पिण्डों पर गुरुत्वाकर्षण बल
(ii) यदि पिण्ड गति करने के लिए स्वतंत्र हों तो उनके त्वरण।
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प्रश्न 10.
पृथ्वी तल से 3200 किमी की ऊँचाई पर गुरुत्वीय त्वरण की गणना कीजिए।
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प्रश्न 11.
पृथ्वी को दूव्यमान 6 x 1024 किग्रा, चन्द्रमा का द्रव्यमान 7.4 x 1022 किग्रा तथा दोनों के द्रव्यमान केन्द्रों के बीच की दूरी 3.84 x 108 मीटर है। पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच लगने वाले आकर्षण बल की गणना कीजिए।
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प्रश्न 12.
एक गेंद 490 मीटर-सेकण्ड-1 के वेग से ऊध्र्वाधरतः ऊपर की ओर फेंकी जाती है। इसके द्वारा प्राप्त महत्तम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। (g = 9.8 मी./से)
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प्रश्न 13.
पृथ्वी की ओर गिरने वाली वस्तु का त्वरण 10 मी/से2 होता है। यदि कोई गेंद 20 मीटर की ऊँचाई से छोड़ी जाय तो वह कितने समय में तथा किस वेग से पृथ्वी तल पर पहुँचेगी?
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प्रश्न 14.
एक पिण्ड 15 मीटर.से-1 के वेग से ऊपर की ओर फेंका जाता है। पिण्ड पर पृथ्वी के कारण उत्पन्न होने वाला त्वरण 10 मी.से-1 नीचे की दिशा में कार्य करता है। ज्ञात कीजिए
(i) पिण्ड अधिकतम कितनी ऊँचाई तक जायेगा?
(ii) कितने समय बाद पिण्ड पृथ्वी पर वापस लौटेगा?
(iii) अधिकतम ऊँचाई की आधी ऊँचाई पर पिण्ड का वेग कितना होगा?
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प्रश्न 15.
एक भवन की छत से गिराये जाने पर एक गेंद 3 सेकण्ड में पृथ्वी पर गिरती है। पृथ्वी की ओर गेंद का त्वरण 10 मी.से-2 मानकर भवन की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
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अभ्यास प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

निर्देश – प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में सही उत्तर चुनिए-

1. दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल निर्भर नहीं करता
(a) उनके बीच की दूरी पर
(b) उनके द्रव्यमानों के गुणनफल पर
(c) गुरुत्वाकर्षण नियतांक पर
(d) ब्रह्माण्ड में उनकी स्थिति पर

2. पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का मान किसी पिण्ड के
(a) द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता
(b) द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
(c) आकार पर निर्भर करता है।
(d) घनत्व पर निर्भर करता है।

3. ‘g’ का अर्थ है
(a) पृथ्वी का आकर्षण बल
(b) गुरुत्व
(c) गुरुत्वाकर्षण
(d) स्वतंत्र रूप से गिरती हुई वस्तु के वेग में त्वरण

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4. विरामावस्था से स्वतंत्र रूप से गिरते हुए पिण्ड द्वारा पहले सेकण्ड में गिरी गयी दूरी का मान होगा
(a) g मीटर
(b) 2g मीटर
(c) [latex]\frac { g }{ 2 }[/latex] मीटर
(d) [latex]\frac { 3g }{ 2 }[/latex] मीटर

5. यदि पृथ्वी का द्रव्यमान बिनो परिवर्तित हुए, उसका व्यास आधा हो जाये तो पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार
(a) आधा रह जायेगा
(b) दो गुना हो जायेगा
(c) चार गुना हो जायेगा
(d) अपरिवर्तनीय रहेगा

6. भिन्न-भिन्न द्रव्यमानों के दो पिण्ड स्वतंत्रतापूर्वक समान ऊँचाई से छोड़े जाते हैं। इन पिण्डों के
(a) भूमि पर पहुँचने के समय भिन्न-भिन्न होंगे
(b) त्वरण भिन्न-भिन्न होंगे।
(c) भूमि पर पहुँचते समय वेग भिन्न-भिन्न होंगे
(d) पृथ्वी की ओर आकर्षण बल भिन्न-भिन्न होंगे

7. गुरुत्वाकर्षण नियतांक को मात्रक:
(a) न्यूटन.मी-2 किग्रा-2
(b) न्यूटन.मी2 किग्रा-2
(c) न्यूटन.मी2 किग्रा2
(d) मी. से-2

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8. चन्द्रमा का द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग [latex]\frac { 1 }{ 81 }[/latex] है। यदि चन्द्रमा पर पृथ्वी का आकर्षण बल F हो, तो पृथ्वी पर चन्द्रमा का आकर्षण बल होगा
(a) [latex]\frac { F }{ 81 }[/latex]
(b) F
(c) 9F
(d) 81F

9. किसी व्यक्ति का द्रव्यमान 60 किग्रा है, उसका द्रव्यमान चन्द्रमा पर होगा
(a) 60 किग्रा
(b) 10 किग्रा
(c) 360 किग्रा
(d) सभी गलत हैं।

10. किसी पिंड का भार पृथ्वी पर 36 किग्रा भार है, चन्द्रमा पर उसका भार होगा
(a) 36 किग्रा- भार
(b) 6 किग्रा-भार
(c) 216 किग्रा-भार
(d) सभी गलत हैं।

11. किसी पत्थर को एक भवन की छत से छोड़ा गया, यह 2 सेकण्ड में पृथ्वी पर पहुँच गया, भवन की ऊँचाई होगी
(a) 9.8 मी
(b) 19.6 ‘मी
(c) 4.9 मी
(d) 39.2 मी

12. स्वतन्त्रतापूर्वक गिराई गयी वस्तु द्वारा चली गयी दूरी समानुपाती होती है
(a) t के
(b) √t के
(c) t² के
(d) [latex]\frac { 1 }{ t }[/latex] के

13. किसी वस्तु का द्रव्यमान 10 किग्रा है उसका पृथ्वी पर भार होगा
(a) 9.8 N
(b) 8.9 N
(c) 89.0 N
(d) 98.0 N

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14. पृथ्वी के केन्द्र से 12,800 किमी की दूरी पर गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ का मान होगा-
(a) पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का [latex]\frac { 1 }{ 2 }[/latex]
(b) पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का [latex]\frac { 1 }{ 4 }[/latex]
(c) समान होगा।
(d) पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का दुगुना

15. पृथ्वी पर किसी ऊँचाई से गिरने वाला पत्थर
(a) पृथ्वी द्वारा आकर्षित होता है।
(b) पृथ्वी को आकर्षित करता है।
(c) पृथ्वी तथा पत्थर दोनों एक-दूसरे को आकर्षित | करते हैं।
(d) उपर्युक्त सभी कथन गलत हैं।

16. दो वस्तुओं के मध्य की दूरी दो गुनी कर दी जाये तो उनके मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल हो जायेगा
(a) एक चौथाई
(b) आधा
(c) दुगुना
(d) प्रभावित नहीं होगा

17. गुरुत्वीय त्वरण का मान
(a) पृथ्वी के प्रत्येक स्थान पर समान होता है।
(b) सभी ग्रहों और उपग्रहों पर समान होता है।
(c) भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन असत्य हैं।

18. गुरुत्वीय स्थिरांक (G) का मान
(a) पृथ्वी के प्रत्येक स्थान पर असमान होता है।
(b) सभी ग्रहों और उपग्रहों पर समान होता है।
(c) भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन असत्य हैं।

19. गुरुत्वीय स्थिरांक (G) का मान S.I. मात्रक है-
(a) Nm2/kg
(b) Nm2/kg2
(c) N2m/kg
(d) Nm2/kg2

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20. यदि पृथ्वी का द्रव्यमान व अर्द्धव्यास दोनों आधे कर दिये जायें तो गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान होगा
(a) 9.8 मी/से2
(b) 19.6 मी/से2
(c) 4.9 मी/से2
(d) 29.4 मी/से2

उत्तरमाला

  1. (d)
  2. (a)
  3. (d)
  4. (c)
  5. (c)
  6. (d)
  7. (b)
  8. (b)
  9. (a)
  10. (b)
  11. (b)
  12. (c)
  13. (d)
  14. (b)
  15. (c)
  16. (a)
  17. (c)
  18. (b)
  19. (d)
  20. (b)

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UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 2 अस्माकं राष्ट्रियप्रतीकानि (गद्य – भारती)

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 9
Subject Sanskrit
Chapter Chapter 2
Chapter Name अस्माकं राष्ट्रियप्रतीकानि (गद्य – भारती)
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 2 अस्माकं राष्ट्रियप्रतीकानि  (गद्य – भारती)

पाठ का साशंश

राष्ट्रीय प्रतीक-सभी राष्ट्रों में वहाँ के नागरिकों द्वारा उस राष्ट्र की विशेषता बताने वाली कुछ वस्तुएँ राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में स्वीकार की जाती हैं। इन प्रतींकों में उस राष्ट्र का गौरव, चरित्र और गुण झलकता है, इन्हीं को राष्ट्रीय चिह्न कहा जाता है। भारत में भी हमारी संस्कृति, चरित्र और महत्त्व को बताने वाली (UPBoardSolutions.com) ये पाँच वस्तुएँ राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में स्वीकार की गयी हैं- (1) मयूर, (2) चित्रव्याघ्र, (3) कमल, (4) राष्ट्रगान तथा (5) त्रिवर्ण ध्वज।।

(1) मयूर (मोर)–मयूर (मोर) भारत का राष्ट्रीय-पक्षी है। यह बहुत सुन्दर पक्षी है। इसके रंग-बिरंगे पंख और इसका नृत्य अत्यधिक चित्ताकर्षक होता है। यह मधुर ध्वनि करता हुआ भी विषधरों (सर्पो) को खाता है। उसकी इस प्रवृत्ति में हमारा राष्ट्रीय चरित्र झलकता है। हमें भी मोर की तरह मधुरभाषी होना चाहिए और सबके साथ मधुर व्यवहार करते हुए भी राष्ट्रद्रोहियों और राष्ट्रीय एकता के विघातक तत्त्वों को सर्प की तरह नष्ट कर देना चाहिए। |

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(2) चित्रव्याघ्र ( बाघ)–पशुओं में बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। इनमें चित्रव्याघ्र ओजस्वी, पराक्रमी और स्फूर्ति-सम्पन्न होता है। वह संकट को दूर से ही जानकर उसे दूर करने में सचेष्ट रहता है। हमें , व्याघ्र की तरह देश की सुरक्षा में सावधान तथा संकट आने पर उसे दूर करने का निरन्तर प्रयत्न करना चाहिए। यह अपनी सीमा में घूमने वाले जंगली जानवर के रूप में संसार में प्रसिद्ध है।

(3) कमल–भारत में कमल को राष्ट्रीय पुष्प के रूप में स्वीकार किया गया है। इसकी कोमलता एवं पवित्रता को देखकर ही इसको काव्य में अत्यधिक महत्त्व दिया गया है। जिस प्रकार से कीचड़ में उत्पन्न होने वाला पंकज (कमल) जल का संसर्ग तथा शरद् ऋतु को प्राप्त कर बढ़ता और शोभित होता है, (UPBoardSolutions.com) उसी प्रकार किसी भी कुल में उत्पन्न होकर व्यक्ति को सुविधा और उपयुक्त अवसर को पाकर उन्नति करते रहना चाहिए, यही कमल का सन्देश है।

(4) राष्ट्रगान–प्रत्येक स्वतन्त्र राष्ट्र का एक अपना राष्ट्रगाने होता है। भारत का भी अपना एक राष्ट्रगान है। इसे महान् अवसरों पर गाया जाता है। अन्य देश के राष्ट्राध्यक्षों के आगमन पर उनके सम्मान में, बड़ी सभाओं के समापन पर तथा विद्यालयों में प्रार्थना के उपरान्त इसे गाया जाता है। इसकी रचना विश्वकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। इस राष्ट्रगान में भारत के प्रान्तों, विन्ध्य-हिमालय पर्वतों, गंगादि नदियों के उल्लेख द्वारा देश की विशालता और अखण्डता का वर्णन है। इसको गाने के लिए 52 सेकण्ड का समय निर्धारित है। इसे सावधान मुद्रा में खड़े होकर बिना किसी अंग-संचालन के श्रद्धापूर्वक गाया जाना चाहिए। इसकी ध्वनि सुनकर भी सावधान हो जाने का विधान है।

(5) त्रिवर्ण ध्वज(राष्ट्रीय ध्वज)–प्रत्येक स्वतन्त्र राष्ट्र का अपना एक राष्ट्रध्वज होता है तथा देश के निवासी प्राणपण से इसके सम्मान की रक्षा करते हैं। हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है। इसके मध्य में अशोक चक्र है। इसमें हरा रंग, सुख, समृद्धि और विकास का; श्वेत रंग ज्ञान, मैत्री सदाशयता आदि गुणों का तथा केसरिया रंग शौर्य और त्याग का प्रतीक है। ध्वज़ के मध्य में अशोक चक्र धर्म, सत्य और अहिंसा का बोध कराता है। (UPBoardSolutions.com) अशोक चक्र के मध्य में 24 शलाकाएँ पृथक् होती हुई चक्र के मूल में मिली हुई, भारत में विविध भाषा, धर्म, जाति और लिंग का भेद होने पर भी भारत के एक राष्ट्र होने का बोध कराती हैं। राष्ट्रध्वज सदा स्वच्छ, सुन्दर रंगों वाला और बिना कटा-फटी होना चाहिए। राष्ट्रीय शोक के समय इसे झुका दिया जाती है।
ये राष्ट्रीय प्रतीक हमें हमारी स्वतन्त्रता का बोध कराते हैं। हमें इनका आदर और सम्मान तो करना ही चाहिए, इनकी रक्षा भी प्राणपण से करनी चाहिए।

गघांशों का सासन्दर्भ अनुवाद

(1) सर्वेषु राष्ट्रेषु राष्ट्रियवैशिष्ट्ययुक्तानि वस्तूनि प्रतीकरूपेण स्वीक्रियन्ते तत्रत्यैः जनैः। तेषु प्रतीकेषु तद्राष्ट्रस्य गौरवं चारित्र्यं गुणाश्च प्रतिभासन्ते। तान्येव राष्ट्रियप्रतीकानि निगद्यन्ते।।

अस्माकं राष्ट्रे भारतेऽपि कतिपयानि प्रतीकानि स्वीकृतानि सन्ति। तान्यस्माकं चारित्र्यं संस्कृतिं महत्त्वं च व्यञ्जयन्ति। पक्षिषु कतमः पशुषु कतमः पुष्पेषुः कतमत् वाऽस्माकं राष्ट्रियमहिम्नः प्रातिनिध्यं विदधातीति विचार्यैव प्रतीकानि निर्धारितानि सन्ति।

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शब्दार्थ-
वैशिष्ट्ययुक्तानि = विशेषताओं से युक्त।
प्रतीकरूपेण = चिह्न के रूप में।
स्वीक्रियन्ते = स्वीकृत किये जाते हैं।
तत्रत्यैः जनैः = वहाँ के निवासियों के द्वारा।
प्रतिभासन्ते = झलकते हैं।
निगद्यन्ते = कहे जाते हैं।
कतिपयानि = कुछ।
तान्यस्माकम् (तानि + अस्माकम्) = वे हमारे।
व्यञ्जयन्ति = प्रकट करते हैं।
कतमः = कौन-सा।
राष्ट्रियमहिम्नः = राष्ट्रीय महत्त्व का।
विदधातीति (विदधाति + इति) = करता है, ऐसा।
विचार्यैव (विचार्य + एव) = विचार करके ही।
निर्धारितानि सन्ति = निर्धारित (निश्चित) किये गये हैं।

सन्दर्य प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत गद्य-भारती’ के ‘अस्माकं राष्ट्रियप्रतीकानि’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है।

संकेत
इस पाठ के शेष सभी गद्यांशों के लिए यही सन्दर्भ प्रयुक्त होगा।]

प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में बताया गया है कि प्रत्येक देश की भाँति हमारे देश में भी कुछ राष्ट्रीय प्रतीक निधार्रित किये गये हैं, जिनसे हमारे देश का गौरव और चरित्र झलकता है।।

अनुवाद
सभी राष्ट्रों में वहाँ के निवासियों के द्वारा राष्ट्र की विशेषताओं से युक्त वस्तुएँ प्रतीक रूप में स्वीकार की जाती हैं। उन प्रतीक-वस्तुओं में उस राष्ट्र का गौरव, चरित्र और गुण प्रतिबिम्बित होते हैं। उन्हें ही राष्ट्र के प्रतीक कहा जाता है। | हमारे राष्ट्र भारत में भी कुछ प्रतीक स्वीकार किये गये हैं। वे ही (UPBoardSolutions.com) हमारे देश के चरित्र, संस्कृति और महत्त्व को प्रकट करते हैं। पक्षियों में कौन-सा (पक्षी), पशुओं में कौन-सा (पशु) अथवा फूलों में कौन-सा (फूल) हमारे राष्ट्र की महिमा का प्रतिनिधित्व करता है, ऐसा विचार करके ही प्रतीक निर्धारित किये गये हैं।

(2) मयूरःपक्षिषु मयूरः राष्ट्रियपक्षिरूपेण स्वीकृतोऽस्ति। मयूरोऽतीव मनोहर: पक्षी वर्तते। चन्द्रकवलयसंवलितानि चित्रितानि तस्य पिच्छानि मनांसि हरन्ति। यदा गगनं श्यामलैर्मेधैरोच्छन्नं भवति तदा मयूरो नृत्यति। तस्य तदानीन्तनं नर्त्तनं नयनसुखकरमपि चेतश्चमत्कारकं भवति। मधुमधुरस्वरोऽपि मयूरो विषधरान् भुङ्क्ते। इदमेवास्माकं राष्ट्रियचारित्र्यं विद्यते। सर्वे सह मधुरं वाच्यं मधुरं व्यवहर्तितव्यं मधुरमाचरितव्यं किन्तु ये राष्ट्रद्रोहिणोऽत्याचारपरायणाः राष्ट्रियाखण्डतायाः राष्ट्रियैक्यस्य वा विघातकाः विषमुखाः सर्पतुल्याः मयूरेणैव राष्ट्रेण व्यापादयितव्याः।।

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शब्दार्थ-
मयूरोऽतीव (मयूरः + अति + इव), = मोर बहुत अधिक।
चन्द्रकवलयसंवलितानि = चन्द्रमा के आकार के वृत्त (गोलाकार चिह्न) से युक्त।
पिच्छानि = पूँछ के पंख।
श्यामलैमेघराच्छन्नं, (श्यामलैः + मेघेः + आच्छन्नम्) = काले बादलों से घिरे हुए।
तदानीन्तनम् = उस समय का।
नयनसुखकरम् = आँखों को सुख देने वाला, सुन्दर।
चेतः = मन।
विषधरान् = सर्पो को।
भुङ्क्ते = खाता है।
इदमेवास्माकं (इदं + एव + अस्माकं) = यह ही हमारा।
वाच्यं = बोलना चाहिए।
व्यवहर्तितव्यम् = व्यवहार करना चाहिए।
मधुरमाचरितव्यं (मधुरं + आचरितव्यम्) = मधुर आचरण करना चाहिए।
अत्याचारपरायणाः = अत्याचार में लगे हुए।
विघातकाः = नाशक।
विषमुखाः = विष से भरे मुख वाले।
मयूरेणेव (मयूरेण+ इव) = मोर के समान।
व्यापादयितव्याः = मारने योग्य।

प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकृत राष्ट्रय पक्षी मोर का वर्णन किया बंया है।

अनुवाद
मोर-पक्षियों में मोर को राष्ट्रीय पक्षी के रूप में स्वीकार किया गया है। मोर अत्यन्त सुन्दर पक्षी है। चन्द्राकार वृत्त (गोलाकार चिह्नों) से चित्रित उसकी पूँछ के पंख मन को हरते हैं, अर्थात् उसके रंग-बिरंगे पंखों को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। जब आकाश काले बादलों से ढक जाता है, तब मोर नाचता है। उस समय का उसका नृत्य नेत्रों को सुख देने वाला और चित्त को आह्लादित करने वाला होता है। मधु के समान मीठे स्वर वाला होता हुआ भी मोर सर्पो को खाता है। यही हमारा राष्ट्रीय चरित्र है। सबके साथ मधुर बोलना (UPBoardSolutions.com) चाहिए, सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए, शिष्ट आचरण करना चाहिए, किन्तु जो राष्ट्रद्रोही, अत्याचारी, राष्ट्र की अखण्डता या राष्ट्र की एकता के नाशक सर्प के समान विष से भरे हुए हैं, उन्हें उस राष्ट्र के नागरिकों द्वारा उसी प्रकार नष्ट कर देना चाहिए, जिस प्रकार मोर विषैले सर्यों को नष्ट कर देता है।

(3) व्याघ्रःपशुषु व्याघ्रः भारतस्य राष्ट्रियप्रतीकम्। व्याघ्षु चित्रव्याघ्रः बहुवैशिष्ट्य विशिष्टो विद्यते। को न जानाति चित्रव्याघ्रस्यौजः पराक्रमं स्फूर्तिञ्च? एतज्जातीयाः व्याघ्राः अस्मद्देशस्य वनेषुपलभ्यन्ते। एतेषां शरीरे स्थूलकृष्णरेखाः भवन्ति। व्याघोऽसावतीव तीव्रधावकः सततसा- वहितः सङ्कटं विदूरादेव जिघ्न् तदपनेतुं सचेष्टः स्वलक्ष्यमवाप्तुं कृतिरतः स्वसीम्नि एवं पर्यटन् वन्यो जन्तुर्विश्रुतो जगति।। |

शब्दार्थ-
चित्रव्याघ्रः = चितकबरा बाघ।
ओज = बल।
स्फूर्तिञ्च (स्फूर्तिम् + च) = और फूर्ती।
एताज्जातीयाः (एतद् + जातीयाः) = इस जाति के।
अस्मद्देशस्य (अस्मत् + देशस्य) = इस देश के।
वनेषुपलभ्यन्ते (वनेषु + उपलभ्यन्ते) = वनों में प्राप्त होते हैं।
व्याघ्रोऽसावतीव (व्याघ्रः + असौ + अति + इव) = यह बाघ बहुत अधिक।
सावहितः = सावधान।
विदूरादेव = अधिक दूर से ही।
जिघ्रन् = सँघता है।
अपनेतुम् = दूर करने के लिए।
अवाप्तुम् = प्राप्त करने के लिए।
कृतिरतः = कार्यशील।
स्वसीम्नि = अपनी सीमा में विश्रुतः = प्रसिद्ध।

प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में राष्ट्रीय पशु के प्रतीक के रूप में स्वीकृत बाघ का वर्णन किया गया है।

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अनुवाद-बाघ
पशुओं में बाघ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। बाघों में चितकबरा बाघ बहुत विशेषताओं से युक्त होता है। चितकबरे बाघ के बल, वीरता और स्फूर्ति को कौन नहीं जानता है; अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति जानता है। इस जाति के बाघ हमारे देश के वनों में मिलते हैं। इनके शरीर पर मोटी काली रेखाएँ होती हैं। यह बाघ अत्यधिक तेज दौड़ने वाला, सदा सावधान रहने वाला, संकट को दूर से ही सूंघने वाला और उसको दूर करने के (UPBoardSolutions.com) लिए प्रयत्नशील, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्यशील अपनी सीमा में ही घूमने वाला संसार में प्रसिद्ध जंगली जानवर है।

(4) कमलम्कमलं सरसिज पद्मं पङ्कजं शतदलमित्यादिनामभिः प्रथितं पुष्पमस्माकं राष्ट्रियप्रतीकत्वेन स्वीकृतं राष्ट्रियपुष्पस्य यशो विधते। तस्य कोमलत्वं मनोहरत्वं विकासशीलत्वं पवित्रत्वञ्चाभिलक्ष्यैव कविभिः तस्य बहुशः वर्णनं कृतम्। न कश्चिन्महाकविः संस्कृतभाषायां, हिन्दीभाषायां वा विद्यते येनैतस्य पुष्पस्य माहात्म्यं न गीतम्। देवानां स्तुतिप्रसङ्गे दिव्यकरचरणादीनामङ्गानां मानवहृदयस्य चोपमानीकृतं सत्सांस्कृतिकं महत्त्वं विभर्ति पुष्पमिदम्।

शब्दार्थ-
प्रथितम् = प्रसिद्ध।
पुष्पमस्माकम् (पुष्पम् + अस्माकम्) = हमारे फूल।
यशो विधत्ते = यश धारण करता है।
पवित्रत्वञ्चाभिलक्ष्यैव (पवित्रत्वं + च + अभिलक्षि + एव) = और पवित्रता का विचार करके ही।
बहुशः = अत्यधिक।
येनैतस्य (येन + एतस्य) = जिसने इसका।
चोपमानीकृतम् (च + उपमानीकृतम्) = और उपमान के रूप में प्रयुक्त किया गया।
बिभर्ति = धारण करता है।

प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में राष्ट्रीय पुष्प के रूप में चयनित ‘कमल’ के फूल का वर्णन किया गया है।

अनुवाद
कमले-कमल, सरसिज, पद्म, पंकज, शतदल इत्यादि नामों से प्रसिद्ध फूल हमारे राष्ट्र के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया गया, राष्ट्रीय पुष्प के यश को धारण करता है। उसकी कोमलता, सुन्दरता, विकासशीलता और पवित्रता को लक्ष्य करके ही कवियों ने उसका बहुत प्रकार से वर्णन किया है। संस्कृत भाषा या हिन्दी भाषा में ऐसा कोई महाकवि नहीं है, जिसने इस पुष्प के महत्त्व का गान न किया हो। देवताओं की स्तुति के (UPBoardSolutions.com) अवसर पर, सुन्दर हाथ-पैर आदि अंगों के और मानव हृदय के उपमान के रूप में प्रयोग किया गया यह फूल सुन्दर सांस्कृतिक महत्त्व को धारण करता है। |

(5) शरदत मनोहरं पुष्पमिदं यत्र तत्र जलसङ्कुलेषु तड़ागेषु सरसु चानायासेनोत्पद्यते वर्धते . रविकनिकरसंसर्गात् प्रस्फुटित। पङ्के जायते पङ्कजं जलसंयोगं शरत्कालञ्चावाप्य वर्धते शोभते । च तथैव कस्मिश्चित् कुले जातः जनः सौविध्यमुपयुक्तावसरञ्च लब्ध्वा वर्धितुं क्षमत इति तत्पुष्पस्य राष्ट्रकृते सन्देशः।।

शब्दार्थ-
शरद (शरद् + ऋर्ती) = शरद् ऋतु में।
चानायासेनोत्पद्यते (च + अनायासेन + उत्पद्यते) = और अनायास उत्पन्न होता है।
रविकरनिकरसंसर्गात् = सूर्य की किरणों के सम्पर्क से।
प्रस्फुटित = विकसित होता है।
सौविध्यमुपयुक्तोवसरञ्च (सौविध्यम् + उपयुक्त + अवसरं + च) = सुविधा और उपयुक्त अवसर को।

प्रसंग
पूर्ववत्।

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अनुवाद
शरद् ऋतु में यह सुन्दर फूल जहाँ-तहाँ जल से भरे तालाबों और पोखरों में सरलता से उत्पन्न होता है और बढ़ता है। सूर्य की किरणों के समूह के सम्पर्क से खिलता है। कीचड़ में (UPBoardSolutions.com) उत्पन्न होता है, उसी प्रकार किसी भी कुल में उत्पन्न हुआ मनुष्य सुविधा और उपयुक्त (अनुकूल) अवसर पाकर बढ़ने में समर्थ होता है। यही इस पुष्प की राष्ट्र के लिए सन्देश है। |

(6) राष्ट्रगानम्-सर्वेषां स्वतन्त्रदेशानां स्वकीयमेकं गानं भवति तदैव राष्ट्रगानसंज्ञयाऽवबुध्यते। प्रत्येकं राष्ट्रं स्वराष्ट्रगानस्य सम्मानं करोति। महत्स्ववसरेषु तद्गानं गीयते। मंदि कश्चिदन्यराष्ट्राध्यक्षोऽस्माकं देशमागच्छति तदा तस्य सम्मानाय तस्य राष्ट्रगानमस्मद्राष्ट्रगानं च वादकैः वाद्येते। महतीनां सभानां समापने तस्य गानमावश्यकम्। विद्यालयेषु प्रार्थनानन्तरं प्रतिदिनं राष्ट्रगानं गीयते।।

शब्दार्थ-
अवबुध्यते = जाना जाता है।
वाद्येते = बजाये जाते हैं।
समापने = समाप्ति पर।
अनन्तरं = बाद में।।

प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में राष्ट्रगान का वर्णन किया गया है।

अनुवाद
राष्ट्रगान–सभी स्वतन्त्र देशों का अपना एक गान होता है, वही राष्ट्रगान’ इसे नाम से जाना जाता है। प्रत्येक राष्ट्र अपने राष्ट्रगान का सम्मान करता है। बड़े महत्त्वपूर्ण अवसरों पर उस गान। को गाया जाता है। यदि किसी दूसरे देश का राष्ट्राध्यक्ष (राष्ट्रपति या प्रधानमन्त्री) हमारे देश में आता है, तब (UPBoardSolutions.com) उसके सम्मान के लिए उसके देश का राष्ट्रगान और हमारा राष्ट्रगान वादकों के द्वारा बजाया जाता है। बड़ी सभाओं के समापन पर राष्ट्रगान का गायन ओवश्यक है। विद्यालयों में प्रार्थना के बाद प्रतिदिन राष्ट्रगान गाया जाता है।

(7) अस्माकं राष्ट्रगानं विश्वकविना कवीन्द्रेण रवीन्द्रेण रचितं ‘जनगणमन’ इति संज्ञया विश्वस्मिन् विश्वे विश्रुतं वर्तते। अस्माकं राष्ट्रगाने भारताङ्गभूतानामनेकप्रान्तानां विन्ध्यहिमालय-पर्वतयोः गङ्गायमुनाप्रभृतिनदी नाञ्चोल्लेखं कृत्वा देशस्य विशालत्वं राष्ट्रस्याखण्डत्वं संस्कृतेः गौरवञ्च विश्वकविना वर्णितम्।।

शब्दार्थ-
संज्ञया = नाम से विश्वस्मिन्
विश्वे = पूरे संसार में।
विश्रुतं = प्रसिद्ध।
प्रभृति = आदि।
अखण्डत्वं = अखण्डता।

प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में राष्ट्रगान के स्वरूप का वर्णन किया गया है।

अनुवाद
हमारा राष्ट्रगान विश्वकवि कवीन्द्र रवीन्द्र द्वारा रचा गया ‘जन-गण-मन’ इस नाम से सारे संसार में प्रसिद्ध है। हमारे राष्ट्रगान में भारत के अंगस्वरूप अनेक प्रान्तों का, विन्ध्याचल और हिमालय पर्वतों का, गंगा-यमुना आदि नदियों का उल्लेख करके विश्वकवि ने देश की विशालता, राष्ट्र की अखण्डता और संस्कृति के गौरव का वर्णन किया है। |

(8) राष्ट्रगानमिदं द्वापञ्चाशत्पलात्मकं भवति। तस्य गाने द्वापञ्चाशत्पलात्मकः-समयोऽपेक्ष्यते। न ततोऽधिको न वा ततो न्यूनः। तस्यारोहावरोहापि निश्चितौ। तत्र विपर्ययः कर्तुं न (UPBoardSolutions.com) शक्यते। राष्ट्रगाने सदोत्थितैः जनैः सावधानमुद्रया गेयम्। राष्ट्रगानावसरेऽङ्गसञ्चालनं निषिद्धम्। चलतोऽपि कस्यचित्कर्णकुहरे गीयमानस्य राष्ट्रगानस्य ध्वनिः दूरादप्यापतति चेत्तदा तत्रैव सावधानमुद्रया तेनाविचलं स्थातव्यम्।राष्ट्रगानं श्रद्धास्पदं भवति।श्रद्धयैवेदं गेयम्। |

शब्दार्थ-
द्वापञ्चाशत्पलात्मकं (द्वांपञ्चाशत् + पल + आत्मकम्) = बावन पल (52 सेकन्ड) वाला।
अपेक्ष्यते = अपेक्षा होती है।
तस्यारोहावरोहापि (तस्य + आरोह + अवरोहौ + अपि) = उसके चढ़ाव और उतार भी।
विपर्ययः = परिवर्तन, विपरीत।
सावधानमुद्रया = सावधान की मुद्रा में।
निषिद्धम् = निषिद्ध, विपरीत।
कर्णकुहरे = कर्ण-छिद्र में।
आपतति = गिरती है, पड़ती है।
चेत् = यदि।
स्थातव्यम् = स्थित होना चाहिए।
श्रद्धास्पदं = श्रद्धा के योग्य।
श्रद्धयैवेदम् (श्रद्धया + एवं+ इदम्) = श्रद्धा से ही इसे। ।

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प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में राष्ट्रगान के गाने का समय, गाने की मुद्रा तथा इसके महत्त्व को बताया गया है।

अनुवाद
यह राष्ट्रगान बावन सेकण्ड का होता है। उसके गाने में बोवन सेकण्ड के समय की आवश्यकता होती है। न उससे अधिक की और न ही उससे कम की। उसके स्वरों का आरोह-अवरोह (चढ़ाव और उतार) भी निश्चित है। उसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। राष्ट्रगान को सदा खड़े हुए लोगों के द्वारा (UPBoardSolutions.com) सावधान मुद्रा में गाया जाना चाहिए। राष्ट्रगान के अवसर पर अंग हिलाना भी वर्जित । है। यदि चलते हुए भी किसी व्यक्ति के कान के छेद में गाये जाते हुए राष्ट्रगान की ध्वनि दूर से भी आ पड़ती है, तब वहीं पर सावधान मुद्रा में उसे स्थिर खड़े हो जाना चाहिए। राष्ट्रगान श्रद्धायोग्य होता है।. श्रद्धापूर्वक ही इसे गाना चाहिए।

(9) राष्ट्रध्वजः सर्वेषु राष्ट्रप्रतीकेषु राष्ट्रध्वजस्य सर्वाधिक महत्त्वं वर्तते। सर्वस्य स्वतन्त्रराष्ट्रस्य स्वकीयो ध्वजो भवति। तद्देशवासिनो जनाः नराः नार्यश्च स्वराष्ट्रध्वजस्य सम्मानं प्राणपणेन रक्षन्ति।।
त्रिवर्णात्मको मध्येऽशोकचक्राङ्कितोऽस्माकं राष्ट्रध्वजः ‘तिरङ्गा’ शब्देन विश्वे विश्रुतो विद्यते।।

शब्दार्थ
सर्वाधिकम् = सबसे अधिक।
वर्तते = है।
प्राणपणेन = प्राणों के मूल्य से अर्थात् प्राणों की बाजी लगाकर।
त्रिवर्णात्मकः = तीन रंगों वाला।

प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों में राष्ट्रध्वज के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया है।

अनुवाद
राष्ट्रध्वज-सभी राष्ट्रीय-प्रतीकों में राष्ट्रध्वज का सबसे अधिक महत्त्व है। सभी स्वतन्त्र राष्ट्रों का अपना राष्ट्रध्वज होता है। उस देश के रहने वाले स्त्री और पुरुष अपने राष्ट्रध्वज के (UPBoardSolutions.com) सम्मान की रक्षा प्राणों की बाजी लगाकर करते हैं। तीन रंगों वाला, मध्य में अशोक चक्र से चिह्नित हमारा राष्ट्रध्वज तिरंगा’ शब्द से संसार में प्रसिद्ध है।

(10) ध्वजस्याधोभागः हरितवर्णात्मकः सुखसमृद्धिविकासानां सूचकः, मध्यभागे श्वेतवर्णः ज्ञान-सौहार्द-सदाशयादिसद्गुणानां द्योतकः, ऊर्श्वभागे च स्थितः गैरिकवर्णः त्यागस्य शौर्यस्य च बोधकः। ध्वजस्य मध्यभागस्थितश्वेतवर्णमध्येऽवस्थितमशोकचक्रं धर्मस्य सत्यस्याहिंसायाश्च प्रत्यायकम्। चक्रे चतु:विंशतिशलाकाः पृथगपि चक्रमूले एकत्र सम्बद्धाः भारते भाषाधर्मजातिवर्णालिङ्गभेदेषु सत्स्वपि भारतमेकं राष्ट्रमिति द्योतयन्ति। |

शब्दार्थ-
अधोभागः = निचला भाग।
सौहार्द = बन्धुत्व।
द्योतकः = बतलाने वाला।
गैरिकवर्णः = गेरुआ रंग।
प्रत्यायकम् = विश्वास दिलाने वाला।
चतुःविंशतिशलाकाः = चौबीस तीलियाँ।
सत्स्वपि (सत्सु + अपि) = होने पर भी।
द्योतयन्ति = सूचित करते हैं।

प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में राष्ट्रध्वज के रंगों के वास्तविक अर्थ का बोध कराया गया है। |

अनुवाद
ध्वज के हरे रंग का नीचे का भाग सुख, समृद्धि और विकास का सूचक है। बीच में सफेद रंग ज्ञान, मैत्री, सदाशयता आदि उत्तम गुणों का बोधक है। ध्वज के ऊपरी भाग पर स्थित केसरिया रंग त्याग और शौर्य (वीरता) को सूचक है। ध्वज के मध्य भाग में सफेद रंग के बीच में स्थित अशोक चक्र धर्म, सत्य (UPBoardSolutions.com) और अहिंसा का विश्वास दिलाने वाला है। चक्र में चौबीस रेखाएँ अलग होती हुई भी चक्र के मूल में एक जगह जुड़ी हुई भारत में भाषा, धर्म, जाति, वर्ण, लिंग के भेदों के होते हुए भी ‘भारत एक राष्ट्र है’ ऐसा सूचित करती हैं।

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(11) राष्ट्रध्वजो निर्धारितदीर्घविस्तारपरिमितो भवितव्यः। एषः सदा स्वच्छोऽविकृतवर्णः तिष्ठेत्। जीर्णः शीर्णो विदीर्णो वा ध्वजो नोपयोगयोग्यः। समुच्छ्यिमाणः ध्वजोऽस्तङ्गते सूर्ये समंवतार्य सुरक्षितः संरक्षितव्यः।राष्ट्रियशोकावसरेध्वजोऽर्धमुच्छ्रीयते।।
इत्येतानि राष्ट्रियप्रतीकान्यस्माकं स्वातन्त्र्यस्य प्रत्यायकानि समादृतव्यानि तु सन्त्येव प्राणपणैः रक्षितव्यानि च। |

शब्दार्थ-
परिमितः = निश्चित परिमाण वाला।.
अविकृतवर्णः = शुद्ध रंगों वाला; अर्थात् बिना बिगड़े रंग वाला।
जीर्णः = पुराना।
विदीर्णः = फटा हुआ।
नोपयोगयोग्यः (न + उपयोगयोग्यः) = उपयोग न करने योग्य।
समुच्छ्यिमाणः (सम् + उत् + श्रियमाण:) = ऊपर फहराता हुआ।
समवतार्य = ठीक से उतारकर।
संरक्षितव्य = सुरक्षित रख लेना चाहिए।
इत्येतानि = इस प्रकार ये।
समादृतव्यानि = अधिक आदर करने योग्य। सन्त्येव (सन्ति + एव) = हैं ही।

प्रसंग
प्रस्तुत गद्यांश में राष्ट्रध्वज के स्वरूप एवं उसके फहराये जाने के नियम का उल्लेख है।

अनुवाद
राष्ट्रध्वज निश्चित विस्तार वाला होना चहिए। यह सदा साफ, भद्दे न हुए रंगों वाला होना चाहिए। पुराना, कटा-फटा ध्वज उपयोग के योग्य नहीं है। फहराता हुआ ध्वज सूर्य के छिपने पर उतारकर सुरक्षित रख लेना चाहिए। राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ध्वज आधा (UPBoardSolutions.com) फहराया जाता है।
ये राष्ट्रीय प्रतीक हमारी स्वतन्त्रता का विश्वास दिलाने वाले हैं। ये आदर के योग्य तो हैं ही, साथ ही प्राणपण से रक्षा के योग्य भी हैं।

लघु उत्तरीय प्ररन

प्ररन 1
भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों की गणना कीजिए।
उत्तर
भारत के पाँच राष्ट्रीय प्रतीक हैं, जिनमें ‘मोर’ राष्ट्रीय पक्षी, ‘बाघ’ राष्ट्रीय पशु, ‘कमल’ राष्ट्रीय पुष्प, ‘जन गण मन’ राष्ट्रीय गान और तिरंगा राष्ट्रध्वज के रूप में स्वीकृत हैं। |

प्ररन 2
राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में स्वीकृत ‘मोर’ की विशेषता लिखिए। यह राष्ट्रवासियों को क्या सन्देश देता है?
उत्तर
मोर अत्यन्त सुन्दर पक्षी है और इसकी बोली भी अत्यधिक मधुर है। इसका भोजन विषैले सर्प हैं। यह हमें सन्देश देता है कि हमें भी सभी से मधुर वाणी में बोलना चाहिए, (UPBoardSolutions.com) अच्छा व्यवहार करना चाहिए और राष्ट्रीय एकता-अखण्डता को नष्ट करने वाले सर्प के समान दुष्ट व्यक्तियों को मार देना चाहिए।

प्ररन 3
राष्ट्रीय पुष्पकमल’ का राष्ट्र के लिए क्या सन्देश है? |
उत्तर
कमल’ कीचड़ में उत्पन्न होता है, शरद् ऋतु में बढ़ता है और खिलकर शोभा पाता है। यह राष्ट्रवासियों को सन्देश देता है कि प्रतिकूल परिस्थितियों के उत्पन्न होने पर भी उन्हें अपना धैर्य बनाये रखना चाहिए और अनुकूल अवसर की प्रतीक्षा करते रहना चाहिए।

प्ररन4
राष्ट्रीय ध्वज में प्रयुक्त अशोक चक्र का क्या महत्त्व है?
उत्तर
राष्ट्रीय ध्वज में प्रयुक्त अशोक चक्र सत्य, धर्म और अहिंसा का बोध कराता है। जिस प्रकार चक्र की शलाकाएँ अलग-अलग होते हुए भी केन्द्र में मिली होती हैं, उसी प्रकार हमें भी भाषा, धर्म, जाति आदि की भिन्नताओं के बाद भी एकजुट होकर रहना चाहिए। यही भावना अशोक चक्र के द्वारा प्रकट होती है।

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प्ररन 5
अपने राष्ट्र-गान और राष्ट्रध्वज की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
हमारा राष्ट्र-गान कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित है। इसमें कवि ने भारत के प्रान्तों, पर्वतों और नदियों का उल्लेख किया है, जो राष्ट्र की विशालता, अखण्डता, संस्कृति तथा गौरव को ध्वनित करता है। हमारा राष्ट्रध्वज तीन रंगों वाला है और ‘तिरंगा’ नाम से जाना जाता है। इसका हरा रंग सुख, (UPBoardSolutions.com) समृद्धि और विकास का सूचक है, सफेद रंग ज्ञान, भाईचारा, उच्च विचार जैसे सदगुणों का द्योतक है। और केसरिया रंग त्याग और शूरता का बोधक है। सफेद रंग के मध्य में स्थित चक्र ‘अनेकता में एकता’ को प्रकट करता है।

We hope the UP Board Solutions for Class 10 Sanskrit Chapter 2 अस्माकं राष्ट्रियप्रतीकानि  (गद्य – भारती) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 10 Sanskrit Chapter 2 अस्माकं राष्ट्रियप्रतीकानि (गद्य – भारती), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 9 English Prose Chapter 3 Playing The Game (Arthur Mee) [Adapted]

UP Board Solutions for Class 9 English Prose Chapter 3 Playing The Game (Arthur Mee) [Adapted]

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 English Prose Chapter 3 Playing The Game (Arthur Mee) [Adapted].

(A) PASSAGES FOR COMPREHENSION

Read the following passages and answer the questions given below :
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़िए और नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(a) Alam’s mother came to the gate to see him of “Good bye, Alando your best, “she called out. “I shall try, Mummy,” answered Alan and waving his hand, he ran out of the gate and up the road. Do his best! of course he would. For Alan was playing in the school cricket match and was mightily proud of being chosen to play. He had practised (UPBoardSolutions.com) bowling with his father for weeks now, and Daddy said he was shaping well. Daddy was nearly as excited as Alan over the match and he promised that if Alan’s side won he would buy him a bicycle.

Questions.
1. Why did Alan’s mother came to the gate? What did she say to him?
(ऐलन की माँ फाटक पर क्यों आयी? उसने ऐलन से क्या कहा? )
2. What was Alan mightily proud of?
(ऐलन को किस बात पर बहुत अधिक गर्व था?)
3. How did Alan react to his mother’s advice in his mind?
(ऐलन ने अपनी माँ की सलाह पर प्रतिक्रिया अपने मस्तिष्क में किस प्रकार की?)
4. What would the father do if Alan’s side won the match?
(यदि ऐलने की टीम मैच जीती तो उसके पिताजी क्या करते?)
5. Name the lesson from which the above passage has been taken. Who is the author?
(उस पाठ का नाम लिखिए जिससे उपरोक्त गद्यांश लिया गया है। इसका लेखक कौन है?)
Answers:
1. Alan’s mother came to the gate to see him off. She said, “Good bye” and called out to do his best.
(ऐलन की माँ उसको विदा करने के लिए फाटक पर आयी। वह बोली “शुभ विदा’ और पूरा प्रयास करने को कहा।)
2. Alan was mightily proud of being chosen to play in the school cricket match.
(ऐलन को अपने विद्यालय के क्रिकेट मैच में खेलने के लिए चुने जाने पर बहुत अधिक गर्व था।)
3. Alan reacted his mother’s advice in his mind that he would try to win the match.
(ऐलन ने अपनी माँ की सलाह पर अपने मस्तिष्क में प्रतिक्रिया की कि वह मैच जीत लेगा।)
4. Alan’s father promised to buy a bicycle if Alan’s side won the match.
(ऐलन के पिता ने वचन दिया था कि यदि ऐलन की टीम विजयी होगी तो वह उसके लिए एक साइकिल खरीद देंगे।)
5. The name of the lesson is ‘Playing the Game’ and the author is Arthur Mee.
(पाठ का नाम ‘प्लेइंग द फेम’ तथा लेखक का नाम आर्थर मी है।)

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(b) On his way to the sports ground, Alan had to pass the little three cornered meadow and as he reached it, he saw a very old man leaning heavily on his stick. As Alan passed, the old man called out to him.
“Can I help you?” asked Alam kindlh, going up to him.
The old man, in a thin, cracked voice requested Alan to let him take his arm. He said, “This road is so hilly and the wind is almost too much.”

Questions .
1. What did Alan see on his way to the sports ground?
(खेल के मैदान को जाते समय ऐलन ने रास्ते में क्या देखा? )
2. When did the old man call out to Alan?
(बूढ़े आदमी ने ऐलन को कब पुकारा?)
3. What did Alan say to the old man?
(ऐलन ने बूढ़े आदमी से क्या कहा?)
4. What was the condition of the old man?
(बूढ़े आदमी की दशा क्या थी?)
5. Name the lesson from which the above passage has been taken. Who is the author?
(उस पाठ का नाम लिखिए जिससे उपरोक्त गद्यांश लिया गया है। इसके लेखक कौन हैं?)
Answers:
1. Alan saw an old man on his way to the sports ground.
(खेल के मैदान को जाते समय ऐलन ने रास्ते में एक बूढ़े आदमी को देखा।)
2. As Alan passed the old man called out to Alar..
(ज्योंही ऐलन गुजरा, उस बूढ़े आदमी ने ऐलन को पुकारा।)
3. Alan said if he could help the old man.
(ऐलन ने कहा कि क्या वह बूढ़े आदमी की सहायता कर सकता है?)
4. The old man was very weak and unable to walk without help.
(बूढ़ा आदमी बहुत कमजोर था तथा बिना सहायता के चलने योग्य नहीं था।)
5. The name of the lesson is “Playing The Game” and the author is Arthur Mee.
(पाठ का नाम ‘प्लेइंग दि गेम’ है तथा इसके लेखक आर्थर मी हैं।)

(c) “Bra00, Alam,” he said, batting his listle son on the back. “But Dadav…….” began Alam. But his father interrupted him.
“It is all right, old man,” he said, “You see, I came up behind that policeman and he told me what had happened. So I knew you were playing the game although it was not on the cricket pitch. So I went back to the market-place and bought the bicycle I promised you. It is a beauty. And, Alan, we are proud of you, your mother and I.”

Questions .
1. Why did the father pat Alan on the back?
(ऐलन के पिता ने उसकी पीठ क्यों थपथपाई?)
2. “But Daddy” began Alan, what did Alan wish to say?
(किन्तु पिताजी” ऐलन ने बोलना प्रारम्भ किया। ऐलन क्या कहना चाहता था?)
3. What did the policeman say?
(पुलिसमैन ने क्या कहा?)
4. How was Alan playing the game?
(ऐलन खेल किस प्रकार खेल रहा था?)
5. Write name of the lesson from which the above passage has been taken. Who is the author?
(उस पाठ का नाम लिखिए जिससे उपरोक्त गद्यांश लिया गया है। इसके लेखक कौन हैं?)
Answers:
1. The father patted Alan on the back because he had helped an old man.
(ऐलन के पिता ने उसकी पीठ थपथपाई क्योंकि उसने एक बूढ़े आदमी की सहायता की थी।)
2. Alan wished to say that he had not played in the match.
(ऐलन कहना चाहता था कि उसने मैच में नहीं खेला है।)
3. The policeman told Alan’s father what had happened?
(पुलिसमैन ने ऐलन के पिता को वह सब बता दिया जो कुछ घटित हुआ था।)
4. Alan was playing the game not on the cricket pitch but he was helping an old man on the way.
(ऐलन क्रिकेट के मैदान में खेल नहीं खेल रहा था किन्तु वह रास्ते में एक बूढ़े आदमी की सहायता कर रहा था।)
5. The name of the lesson is ‘Playing the Game’ and the author is Arthur Mee.
(पाठ का नाम ‘प्लेइंग द गेम’ तथा लेखक आर्थर मी हैं।)

(B) LONG ANSWERTYPE QUESTIONS AND THEIR ANSWERS

Answer the following questions in not more than 60 words each :

Question 1 .
What was Alan mightily proud of? Why was he eager to do his best? What had he done for it?
(ऐलन को बहुत अधिक गर्व किस बात का था? वह सबसे अच्छा करने के लिए क्यों उत्सुक था? इसके लिए उसने क्या किया था?)
Answers:
Alan was chosen to play in the school cricket match. He was mightily proud of it. He had practised bowling with his father for weeks. He was a (UPBoardSolutions.com) good bowler. His father said that he was shaping well. His father was as excited as Alan over the match. So he promised that if Alan’s side won the match he would buy him a bicycle.

ऐलन स्कूल के क्रिकेट मैच में खेलने के लिए चुन लिया गया था। इस पर उसे बहुत अधिक गर्व था। वह अपने पिता के साथ, कई सप्ताह तक अच्छी तरह गेंद फेकने का अभ्यास कर चुका था। वह एक अच्छा गेंदबाज था। उसके पिता का कहना था कि वह गेंद को अच्छी तरह से फेंकता है। उसके पिता मैच के लिए उतने ही उत्तेजित थे जितना कि ऐलन। इसलिए उन्होंने वचन दिया था कि यदि ऐलन की टीम विजयी होगी तो वह उसके लिए साइकिल खरीद देगें।

Question 2 .
Describe the old man in brief. How did Alan help him? What was the result?
(बूढ़े आदमी का वर्णन संक्षेप में कीजिए। ऐलन ने उसकी सहायता किस प्रकार की? उसका परिणाम क्या हुआ?)
Answers:
When Alan was going to play cricket match, he saw an old man on the way. He was leaning heavily on his stick. He was weak and deaf. The road was so hilly that he could not walk easily on the way. So he requested Alan to help him. Alan helped him as he knew that he would easily make up what time he had lost by running. The old man was (UPBoardSolutions.com) walking so slowly that five minutes had gone before they were half way up the road. Suddenly the old mad stumbled and fell heavily on the way up the ground. After sometime, a policeman came there and promised to help the old man. Now Alan ran as fast as he could but he arrived late and could not play the match.

जब ऐलन क्रिकेट मैच खेलने जा रहा था, तो उसने रास्ते में एक बूढ़े आदमी को देखा। वह अपने डण्डे पर बोझ डाले हुआ था। वह कमजोर तथा बहरा था। सड़क इतनी पथरीली थी कि वह रास्ते में आसानी से नहीं चल सकता था इसलिए उसने ऐलन से अपनी सहायता करने के लिए प्रार्थना की। ऐलन ने उसकी सहायता की क्योंकि वह जानता था कि उसका जितना समय नष्ट हुआ है उसे वह दौड़कर सरलता से पूरा कर लेगा। बूढ़ा आदमी इतना धीरे-धीरे चल रहा था कि सड़क पर आधी दूर जाने से पहले ही पाँच मिनट बीत गये। वृद्ध व्यक्ति ने अचानक ठोकर खायी और जोर से जमीन पर गिर पड़ा। कुछ समय बाद एक पुलिसमैन वहाँ आया और बूढ़े आदमी की सहायता करने का वचन दिया। अब ऐलन उतना तेज भागा जितना वह भाग सकता था फिर भी वह देरी से पहुंचा और मैच नहीं खेल सका।

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Question 3 .
Alan was playing the game although it was not on the cricket pitch. What game was Alan playing? How did he play it?
(ऐलन खेल खेल रहा था, यद्यपि यह कार्य क्रिकेट के मैदान पर नहीं हो रहा था। ऐलन कौन-सा खेल खेल रहा था? उसने इसे किस प्रकार खेला?)
Answers:
Alan was chosen to play in the school cricket match. So he was much excited. He wanted to do his best in the match. But he could not play as he reached late. Actually, he was playing an other game. When he was going to play ground, he met an old and weak man on the way. He was unable to walk on the road as it was hilly and the wind was too much for him. The old man asked Alan to help him. Alan helped him as he knew that he would be able to (UPBoardSolutions.com) recover the time by running. But the old man was moving slowly. Suddenly, he stumbled and fell on the ground. Thus there was no way out except to help the poor man. At last a policeman came there and promised Alan to help him. Now Alan ran as he could but all was in vain. Although he could not play on the cricket pitch, yet he was playing the game of helping an old man.

ऐलन स्कूल के क्रिकेट मैच में खेलने के लिए चुन लिया गया था इसलिए वह बहुत अधिक उत्तेजित था। वह मैच में अपना पूरा प्रयास करना चाहता था किन्तु वह नहीं खेल सका क्योंकि वह देर से पहुंचा था। वास्तव में वह एक दूसरा खेल खेल रहा था। रास्ते में उसे एक बूढ़ा और कमजोर व्यक्ति मिला। वह सड़क पर चलने में असमर्थ था क्योंकि सड़क पथरीली थी और हवा उसके लिए बहुत ज्यादा थीं। बूढ़े आदमी ने ऐलन से अपनी सहायता करने के लिए कहा। ऐलन ने उसकी सहायता की क्योंकि वह जानता था कि वह उतने समय को दौड़कर पूरा कर लेगा किन्तु बूढ़ा आदमी बहुत धीरे-धीरे चल रहा था। अचानक उसे ठोकर लगी और वह जमीन पर गिर पड़ा। इस प्रकार बूढ़े आदमी की सहायता करने के अलावा उसके सामने कोई रास्ता नहीं था। अन्त में एक पुलिसमैन वहाँ आया (UPBoardSolutions.com) और उसने ऐलन से बूढ़े आदमी की सहायता करने का वचन दिया। अब ऐलन जितना तेज भाग सकता था, भागा किन्तु सब व्यर्थ था। । यद्यपि वह क्रिकेट के मैदान में नहीं खेला था फिर भी वह एक बूढ़े आदमी की सहायता करने का खेल खेल रहा था।

(C) SHORT ANSWER TYPE QUESTIONS AND THEIR ANSWERS

Answer the following questions in not more than 25 words each :

Question 1 .
What did Alan’s mother say to him when she came to the gate to bid him goodbye?
(जब ऐलन की माँ उसे दरवाजे पर ‘शुभ विदा’ कहने आयी तो उसने ऐलन से क्या कहा?)
Answers:
When Alan’s mother came to the gate to bid him good bye she said to him to do his best?
जब ऐलन की माँ उसे दरवाजे पर ‘शुभ विदा कहने आयी तो उसने उसे सर्वश्रेष्ठ करने के लिए कहा।

Question 2 .
What had Alan practised for weeks with his father? What did his father say about him?
(ऐलन ने अपने पिता के साथ कई सप्ताह तक किस चीज का अभ्यास किया था? उसके पिता उसके बारे में क्या कहते थे?)
Answers:
Alan had practised bowling with his father for weeks. His father told him that he was shaping well. His father was excited over the match.
ऐलन ने अपने पिता के साथ कई सप्ताह तक अच्छी तरह (UPBoardSolutions.com) से गेंद फेंकने का अभ्यास किया था। उसके पिता उससे कहते थे कि वह गेंद को अच्छी तरह से फेंकता है। उसके पिता मैच के लिए उत्तेजित थे।

Question 3 .
What did Alan’s father promise him to give?
(ऐलन के पिता ने उसे क्या देने का वचन दिया था?)
Answers:
Alan’s father promised him that if Alan’s side won the match, he would buy him a bicycle.’
(ऐलन के पिता ने वचन दिया था कि यदि ऐलन की टीम विजयी होगी तो वह उसके लिए साइकिल खरीद देगें।)

Question 4 .
Why did the old man fall down?”
(बूढ़ा आदमी क्यों गिर पड़ा?)
Answers:
The old man stumbled over a loose paving stone and fell heavily on the ground.
(बूढ़े आदमी को रास्ते के पत्थर से ठोकर लग गयी और वह जोर से जमीन पर गिर पड़ा।)

Question 5 .
Why was Alan happy at last?
(अन्त में ऐलन प्रसन्न क्यों था?)
Answers:
Alan was happy at last because a jolly-looking policeman came there. He was ready to help the old man.
(अन्त में ऐलन प्रसन्नं इसलिए था क्योंकि वहाँ एक प्रसन्नचित्त पुलिसमैन आ गया। वह बूढ़े आदमी की सहायता करने के लिए तैयार था।)

Question 6 .
What did the policeman say to Alan?
(पुलिसमैन ने ऐलन से क्या कहा?)
Answers:
The policeman said to Alan that he would see that gentleman home.
(पुलिसमैन ने ऐलन से कहा कि वह उस भद्र व्यक्ति को घर पहुँचा देगा।)

Question 7 .
When did he reach the sports ground?
(वह खेल के मैदान पर कब पहुँचा?)
Answers:
When Alan reached the sports ground, the game had started. He was late.
(जब ऐलन खेल के मैदान पर पहुँचा तो खेल प्रारम्भ हो चुका था। उसे देर हो गयी थी।)

Question 8 .
Why was he late for the match?
(मैच के लिए उसे देर क्यों हो गयी?)
Answers:
Alan was late for the match because he had helped an old man on the way.
(मैच के लिए उसे देर इसलिए हो गयी क्योंकि उसने रास्ते में एक बूढ़े आदमी की सहायता की थी।)

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Question 9 .
Alan made his way slowly home. Why?
(ऐलन धीरे-धीरे घर को चल दिया। क्यों?)
Answers:
Alan made his way slowly home because another boy named Harold Banks was playing in his place.
(ऐलन धीरे-धीरे अपने घर को चल दिया क्योंकि हैरोल्ड बैंक्स नामक दूसरा लड़का उसके स्थान पर खेल रहा था।)

Question 10 .
How did the boys cheer him in the classroom the next morning?
(दूसरे दिन सुबह कक्षा में लड़कों ने उसके लिए जय ध्वनि किस प्रकार की?)
Answers:
The boys gave Alan three loud cheers next morning for they too had learned about his kind act.
(दूसरे दिन सुबह लड़कों ने ऐलन के लिए तीन बार जय ध्वनि की क्योंकि उनको भी उसके दयापूर्ण कार्य के बारे में मालूम पड़ गया था।)

(D) OBJECTIVE TYPE QUESTIONS

Question 1 .
Complete the following statements with the most suitable choice :
(सबसे उपयुक्त विकल्प चुनकर निम्नलिखित कथनों को पूरा कीजिए)

(i) Alan’s father would not buy him a bicycle if :
(a) his team lost the match
(b) he did not reach the field in time
(c) he did not play well in the match
(d) he won the match

(ii) Alan was choosen to play in the match because he :
(a) was a good batsman
(b) was a good bowler
(c) had practised well with his father
(d) was a good student

(iii) Alan saw a very old man near :
(a) the sports ground
(b) his house
(c) a grassy land
(d) the school

(iv) Alan told the old man that he was going to play the cricket match and that he must not be late. The old man did not say anything because :
(a) he was certainly deaf
(b) perhaps he thought Alan would leave him alone
(c) Alan spoke in a whisper

(v) Alan was not permitted to play in the match because :
(a) he had helped the old man
(b) the teacher had selected a better boy for the team
(c) he was late
(d) he had cheated the policeman
Answers:
(i) (a) his team lost the match
(ii) (b) was a good bowler.
(iii) (c) a grassy land.
(iv) (a) he was certainly deaf.
(v) (c) he was late

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Question 2 .
Point out the ‘true’ and ‘false’ statements in the following :
(निम्नलिखित कथनों में ‘सत्य’ और ‘असत्य’ बताइए)

(i) Alan’s father promised that if his side won, he would buy him a bicycle.
(ii) Alan did not help the old man.
(iii) The game had not started when Alan arrived.
(iv) Alan turned away and made his way slowly home.
(v) Alan’s parents were proud of him.
Answers:
(i) T
(ii) F
(iii) F
(iv) T
(v) T

(E) VOCABULARY

Question 1 .
Match the words given under Column ‘A’ with the meanings given under Column ‘B’ below.
(नीचे दिये गये सूची ‘अ’ के शब्दों की सूची ‘ब’ के अर्थों से मिलान कीजिए)
UP Board Solutions for Class 9 English Prose Chapter 3 Playing The Game (Arthur Mee) [Adapted] image 1
Answer:
UP Board Solutions for Class 9 English Prose Chapter 3 Playing The Game (Arthur Mee) [Adapted] image 2

Question 2 .
Find out the words from the text which have the following expressions. The first letter of each word is given as a hint :
(निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए। प्रत्येक शब्द का पहला अक्षर संकेत के रूप में दिया हुआ है)

(a) Strike the foot with something and almost fall. (S……….)
(b) To do something regularly in order to become skilful. (P…………. )
(c) Rest in bending position for support. (L………… )
(d) Break in upon a person speaking something. ( I ……. )
(e) To move something to and fro. (W………)
Answer:
(a) Stumbled
(b) Practice
(c) Leaning
(d) Interrupt
(e) Waving

Question 3 .
Give the opposite words of the following :
(निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए)

proud; thin; lost; right; buy; up
Answer:
UP Board Solutions for Class 9 English Prose Chapter 3 Playing The Game (Arthur Mee) [Adapted] image 3

Question 4 .
Give the synonyms of the following words :
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए
chosen (चुना हुआ); reach (पहुँचना); fortunately (भाग्यवश), answer (उत्तर देना); stare (एकटक देखना)
Answer:
UP Board Solutions for Class 9 English Prose Chapter 3 Playing The Game (Arthur Mee) [Adapted] image 4

Question 5 .
Fill in the blanks in the following sentences with the suitable words given below :
नीचे दिये गये शब्दों की सहायता से निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

try; loose; answer; chosen; obliged
(a) ………. my question correctly.
(b) Alan was …… to play in the school cricket match.
(c) Please, …… to understand me.
(d) I am highly …… to you.
(e) My shirt is ……
Answer:
(a) answer
(b) chosen
(c) try
(d) obliged
(e) loose

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Question 6 .
Use the following phrases in sentences of your own so as to make their meanings clear :
निम्नलिखित मुहावरों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए ताकि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाय

to see off (विदा करना); of course (वास्तव में); at last (अन्त में); set off (चल पड़ा); of no use (अनुपयोगी);

To see off (विदा करना): I went to the station to see off my sister.
Of course (वास्तव में) : Of course, Alan would do his best in the match.
At last (अन्त में ) : At last, he won the match.
Set off (चल पड़ा) : They have set off on a journey round the world.
Of no use ((अनुपयोगी) : Some guide books are of no use.
On way to (रास्ते मे) : On his way to the play ground, Alan had to pass a meadow.

WORKSHEET-3

Question 1 .
Combine the following pairs of sentences into one sentence by using conjunction ‘that’. First has been done for you.
(Conjunction ‘that’ का प्रयोग करके निम्नलिखित के जोड़ों को जोड़कर एक वाक्य बनाइये। पहला आपके लिए किया हुआ है।)

Example :
(i) (a) Raju would help us.
(b) We hope so.
We hope that Raju would help us.

(ii) (a) Our school team would win the match easily. ,
(b) We knew it.

(iii) (a) You are well.
(b) I trust so.

(iv) (a) I would pass.
(b) I was sure of this.

(v) (a) He had left the child on the road.
(b) He forgot this.
Answer:
(ii) We knew that our school team would win the match easily.
(iii) I trust that you are well.
(iv) I was sure that I would pass.
(v) He forgot that he had left the child on the road.

Question 2 .
Combine the following pairs of sentences into one sentence by using conjunction ‘what’.
First has been done for you. Mark that ‘something’ and ‘that’ have been removed.
(Conjunction ‘What’ का प्रयोग करके निम्नलिखित वाक्यों के जोड़ों को जोड़कर एक वाक्य बनाइये। पहला आपके लिए किया हुआ है। ध्यान दीजिए कि ‘Something’ और ‘that’ को हटा दिया गया है।)

Example :
(i) (a) He had done something.
(b) I know that..
I know what he had done.

(ii) (a) He means something.
(b) I understand that.

(iii) (a) Something is worrying her.
(b) I know that.

(iv) (a) Something had gone wrong with the car.
(b) I can’t remember that.

(v) (a) Something made you laugh.
(b) I do not know that.

(vi) (a) You said to me something.
(b) I remember quite clearly.
Answer:
(ii) I under stand what he means.
(iii) I know what is worrying her.
(iv) I can not remember what had gone wrong with the car.
(v) I do not know what made you laugh.
(vi) I remember quite clearly what you said to me.

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Question 3 .
Change the following sentences into Indirect Speech, using the introductory Verbs given in the brackets. Two have been done for you :
(कोष्ठक में दी हुई introductory क्रिया का प्रयोग करके निम्नलिखित वाक्यों को Indirect Speech में बदलिए)

Examples
(i) “Go away”, he said to her. (ordered)
He ordered her to go away.
(ii) He said to me, “Please don’t make the floor dirty.” (requested)
He requested me not to make the floor dirty.
(iii) He said to me, “Don’t read my letter aloud.” (asked)
(iv) “Do the work again, the teacher said to him. (ordered)
(v) The old man said to Alan, “Please, help me.” (requested)
(vi) The Principal said to them, “Do not make a noise in the hall.” (told)
(vii) He said to his friend, “Don’t be cruel to the dog.” (begged)
(viii) He said to his son, “Don’t play on the road. (advised)
(ix) “Don’t sit on that chair, “he said to the boy.” (ordered)
(x) “Write to me soon,” she said to me. (begged)
Answer:
(iii) He asked me not to read his letter aloud.
(iv) The teacher ordered him to do the work again.
(v) The old man requested Alan to help him.
(vi) The Principal told them not to make a noise in the hall.
(vii) He begged his friend not to be cruel to the dog.
(viii) He advised his son, play on the road.
(ix) He advised the boy not to sit on that chair.
(x) She begged me to write to her soon.

Question 4 .
Fill in the blanks in the following sentences with the phrases given below :
(नीचे दिये हुए मुहावरों का प्रयोग करके निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए)

of no use (अनुपयोगी); bit his lip (ओंठ काट लिया); proud of (गर्व); make up (पूरा करना); at last (अन्त में); set off (प्रारम्भ कर दीया)
(a) When he came to know that the job had been given to someone else, he ……..
(b) I am …………. my, country.
(c) Ganga Gomti express is running late. But it will……. the last time.
(d) He made three attempts. And ….. he was selected for the medical course.
(e) He …….. on his journey with a few books in his bag.
(f) These guide books are …….
Answer:
(a) bit his lip.
(b) proud of
(c) make up
(d) at last
(e) set off
(f) of no use.

Question 5 .
Fill in the blanks in the following sentences with the suitable prepositions given below :
(नीचे दिये हुए निम्नलिखित वाक्यों में उपयुक्त prepositions की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए)

in; on; to; of; for
(a) Waving his hand, he ran out…….. the gate.
(b) Alan was playing ……. the school cricket match.
(c) Suddenly, the old man stumbled over a loose paving-stone and fell heavily……. he ground.
(d) When Alan saw a policeman coming, he could have shouted ……. joy.
(e) So I went back to the market place and bought the bicycle I promised you.
Answer:
(a) of,
(b) in,
(c) on,
(d) for,
(e) to.

Question 6 .
Make Adjectives from the following Nouns :
निम्नलिखित संज्ञाओं को विशेषण बनाइये

pride; beauty; wonder; mystery
Answer:
Proud, beautiful, wonderful, mysterious.

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Question 7 .
Use the following pairs of words in your own sentences so as to make the difference clear in their meanings :
निम्नलिखित शब्द-युग्मों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए जिससे उनके अर्थों का अन्तर स्पष्ट हो जाय

Gait (फाटक) ; Week (चाल) ;Weak (सप्ताह) ; One (कमजौर) ; Won (एक) ; Bye (जीत लिया ) ; By (बिदा ) ; Know (जानना) ; No (नहीं) .

Gait (फाटक) : He is famous for his gait.
Week (चाल) : He came here last week.
Weak (सप्ताह) : He is weak in English
One (कमजौर) : One should do one’s duty regularly.
Won (एक) : Alan’s father promised that if Alan’s side won, he would buy a cycle.
Bye (जीत लिया ) : Alan’s mother called out Alan good bye and advised him to do his best.
By (बिदा ) : He will come here by the morning train.
Know (जानना) : He knows me well.
No (नहीं) : There is no boy in the class.

Question 8 .
Imagine that you are the weak, old man in the story. Write a letter to your grandson telling him in six or seven sentences what happened to you when you fell down in the meadow.
(कल्पना करो कि कहानी में तुम एक कमजोर और बूढ़े आदमी हो। अपने पौत्र को छः सात वाक्यों में यह बताते हुए पत्र लिखो कि जब तुम चरागाह में गिर पड़े तब तुम्हारे साथ क्या घटित हुआ।)

45/5, Zero Road
Allahabad
Dated 30. 5. 20…

My dear grandson Raju,
Yesterday, I was coming from the market. You know, I am an old man of sixty years. I was tired and not feeling well. The road was billy and the wind was too much for me. Suddenly, I stumbled over a loose paving stone and felt on the ground. A boy who was going to play a cricket match helped me. He was very kind gentle. gentle. God might bless him.

Yours
R.P. Singh

Place :  Allahabad
Dated : 30. 5. 20…

We hope the UP Board Solutions for Class 9 English Prose Chapter 3 Playing The Game (Arthur Mee) [Adapted] help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 9 English Prose Chapter 3 Playing The Game (Arthur Mee) [Adapted], drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

UP Board Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 Social Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप.

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए –
(i) एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो?
(क) तट
(ख) प्रायद्वीप
(ग) द्वीप
(घ) इनमें से कोई नहीं

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(ii) भारत के पूर्वी भाग में म्यांमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम
(क) हिमाचल
(ख) पूर्वांचल
(ग) उत्तराखण्ड
(घ) इनमें से कोई नहीं

(iii) गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिम तटीय पट्टी
(क) कोरोमंडल
(ख) कन्नड़
(ग) कोंकण
(घ) उत्तरी सरकार

(iv) पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर
(क) अनाईमुडी
(ख) महेन्द्रगिरि
(ग) कंचनजंगा
(घ) खासी
उत्तर:
(i) (ख) प्रायद्वीप
(ii) (ख) पूर्वांचल
(iii) (ख) कन्नड़
(iv) (ख) महेन्द्रगिरि

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए-

  1. भूगर्भीय प्लेटें क्या हैं?
  2. आज के कौन से महाद्वीप गोंडवानालैंड के भाग थे?
  3.  ‘भाबर’ क्या है?
  4. हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम उत्तर से दक्षिण के क्रम में बताइए।
  5. अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों में कौन-सा पठार स्थित है?
  6. भारत के उन द्वीपों के नाम बताइए जो प्रवाल भित्ति के हैं।

उत्तर:

  1. पृथ्वी के अंदर से उठने वाली संवहन तरंगों के कारण पृथ्वी का भू-पृष्ठ कई बड़े-बड़े खण्डों में बँट गया है। इन्हीं भूखण्डों को भूगर्भीय प्लेटें कहते हैं।
  2. वर्तमान के दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका महाद्वीप गोंडवानालैण्ड के भाग थे।
  3. वे मैदानी प्रदेश जहाँ नदियाँ पहाड़ों से निकलकर मैदान में प्रवेश करती हैं और अपने साथ लाए रेत, कंकड़, बजरी, पत्थर आदि का निक्षेप करती हैं। भाबर क्षेत्र में नदियाँ भूमि तल पर बहने के बजाय भूमि के नीचे बहती हैं। शिवालिक की तलहटी में एक ऐसा प्रदेश (UPBoardSolutions.com) स्थित है जिसकी चौड़ाई 8 से 16 किमी तक है। प्रायः सभी नदियाँ भाबर प्रदेश में आकर विलुप्त हो जाती हैं।
  4. हिमालय विश्व की सर्वाधिक ऊँची एवं मजबूत बाधाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
    दिशा से दक्षिण की ओर इसे 3 मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है-

    1. महान या आंतरिक हिमालय अथवा हिमाद्रि – सबसे उत्तरी भाग जिसे महान या आंतरिक हिमालय अथवा ‘हिमाद्रि’ कहा जाता है।
    2. हिमाचल या निम्न हिमालय – हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित श्रृंखला हिमाचल या निम्न हिमालय के नाम से जानी जाती है। यह श्रृंखला मुख्यतः अत्यधिक संपीड़ित कायांतरित चट्टानों से बनी है। पीर पंजाल श्रृंखला सबसे बड़ी एवं सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण श्रृंखला का निर्माण करती है। कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण श्रृंखलाएँ धौलाधार और महाभारत श्रृंखलाएँ हैं।
    3. शिवालिक – हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है। यह गिरीपद श्रृंखला है तथा हिमालय के सबसे दक्षिणी भाग का प्रतिनिधित्व करती है।
  5. मालवा पठार अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों के बीच स्थित है।
  6. लक्षद्वीप समूह प्रवाल भित्ति से बनने वाले द्वीप हैं।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-

  1. अपसारी तथा अभिसारी भूगर्भीय प्लेटें
  2. बांगर और खादर
  3. पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट

उत्तर:
(i) अपसारी तथा अभिसारी भूगर्भीय प्लेटों में अंतर

अपसारी भूगर्भीय प्लेटें

अभिसारी भूगर्भीय प्लेटें

1. इनसे दरार घाटी तथा ब्लॉक पर्वतों का निर्माण होता है। 1. इस प्रक्रिया में वलित पर्वतों का निर्माण होता है।
 2. अपसारी भूगर्भीय प्लेट वह प्लेट है जो एक- भूगर्भीय प्लेट कहलाती है। 2. एक-दूसरे के निकट आने वाली भूगर्भीय प्लेट अभिसारी दूसरे से दूर जाती है।
 3. इन प्लेटों से भ्रंशन क्रिया होती है तथा धरातल पर वलय पड़ जाते हैं। 3. इस प्रकार की प्लेटों से वलन प्रक्रिया होती है तथा धरातल | पर भ्रंश पड़ जाते हैं।

(ii) बांगर व खादर में अंतर 

बांगर

खादेर

 1. बांगर पुरानी जलोढ़ मृदा होती है। 1. नई जलोढ़ मृदा को खादर कहा जाता है।
 2. यह मृदा नदी के बेसिन से दूर पाई जाती है। 2. यह मृदा नदी के बेसिन के पास पाई जाती है।
3. यह भूमि कम उपजाऊ होती है तथा खेती के जाती है। 3. यह मृदा बहुत उर्वर होती है तथा कृषि के लिए आदर्श मानी लिए आदर्श नहीं है।

(iii) पूर्वी एवं पश्चिमी घाट में अंतर

पूर्वी घाट

पश्चिमी घाट

1. यह बंगाल की खाड़ी के समानांतर स्थित है। 1. यह अरब सागर के समानांतर स्थित है।
2. इसकी सबसे अधिक ऊँची पहाड़ियों में बेट्टा शामिल हैं। 2. इसकी सबसे अधिक ऊँची चोटियों में अनाई मुडी एवं डोडा महेन्द्रगिरि व जवादी शामिल हैं।
3. पूर्वी घाट प्रायद्वीपीय भारत की पूर्वी भुजा का निर्माण करता है। 3. पश्चिमी घाट प्रायद्वीपीय भारत की पश्चिमी भुजा का निर्माण करता है।
4. इस घाट की ढलानों पर वर्षा कम है। 4. इस घाट की पश्चिमी ढलानों पर पूर्वी घाट की अपेक्षा वर्षा कम होती है।
  5. पूर्वी घाट कोरोमंडल तट के समानांतर है। 5. पश्चिमी घाट मालाबार तट के समानांतर है।
6. पूर्वी घाट सतत् नहीं है व अनियमित है। बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों ने जा सकता है। 6. यह सतत् है तथा इसको केवल दरों के द्वारा ही पार किया इसको काट दिया है।

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प्रश्न 4.
बताइए, हिमालय का निर्माण कैसे हुआ था?
उत्तर:
जिस स्थान पर आज हिमालय स्थित है, उस स्थान पर कभी टेथीस नामक सागर हिलोरें लेता था। यह एक लम्बा और उथला सागर था। यह दो विशाल भूखण्डों से घिरा हुआ था। इसके उत्तर में अंगारालैण्ड और दक्षिण में गोंडवानालैण्ड नाम के भूखण्ड थे। ऐसा माना जाता है कि लाखों वर्ष पहले भारत एक बड़े महाद्वीप गोंडवाना भूमि का भाग था। सबसे प्राचीन भूखंड (प्रायद्वीपीय भाग) गोंडवाना भूमि का हिस्सा था। वर्तमान आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका एवं दक्षिण अमेरिका भी इसी भूखंड में शामिल थे। यह दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित था।

संवहनीय धाराओं के कारण इसकी भू-पर्पटी कई टुकड़ों में टूट गई जिससे इंडो-आस्ट्रेलियाई प्लेट गोंडवानालैण्ड से अलग होकर उत्तर की ओर सरक गई। प्लेट विवर्तन सिद्धांत के अनुसार भू-पर्पटी पहले एक ही विशालकाय महाद्वीप था जिसे पैंजिया कहा जाता था। उत्तरी भाग में अंगारा भूमि थी दक्षिणी भाग में गोंडवाना भूमि। भूपर्पटी के नीचे मौजूद पिघले हुए पदार्थ ने भूपर्पटी या लीथोस्फीयर को कई बड़े (UPBoardSolutions.com) टुकड़ों में बाँट दिया जिन्हें लीथोस्फेरिक या टैक्टोनिक प्लेट कहा जाता है। जो अवसादी चट्टान टक्कर के कारण वलित इकड़े हो गए उन्हें टेथीस के नाम से जाना जाता है। गोंडवाना भूमि से अलग होने के बाद इंडोआस्ट्रेलियाई प्लेट उत्तर में यूरेशियन प्लेट की ओर खिसक गई। यह दो प्लेटों में टकराव का कारण बना और इस टकराव के कारण टेथीस की अवसादी चट्टानें वलित होकर पश्चिमी एशिया की पर्वतीय श्रृंखला तथा हिमालय के रूप में उभर गईं।

प्रश्न 5.
भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन-से हैं?
हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अंतर है?
उत्तर:
भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग-

  1. उत्तर के विशाल पर्वत
  2. उत्तर भारत का मैदान
  3. प्रायद्वीपीय पठार ठार
  4. भारतीय मरुस्थल
  5. तटीय मैदान तथा
  6. द्वीप समूह।

हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार के उच्चावच लक्षणों में अंतर

हिमालय क्षेत्र

प्रायद्वीपीय पठार

1. यह सिन्धु व गंगा के मैदान के सिरे पर बना हुआ है। 1. यह दक्कन के पठार के सिरे पर बना हुआ है।
2. शिमला, मंसूरी, दार्जिलिंग, नैनीताल आदि पहाड़ी स्थल हिमालय में पाए जाते हैं। 2. यहाँ कोई विख्यात पहाड़ी स्थल नहीं पाया जाता।
 3. इसकी औसत ऊँचाई 6,000 मी है। 3. इस पठार की औसत ऊँचाई 600-900 मी है।
4. यह नवीन वलित पर्वत है। 4. यह प्राचीनकाल से ही अपरदन के चरण में है।
 5. यह बहुत से महाखड्डू एवं यू आकार की घाटियों से बना हैं। 5. पठार को कई नदियों द्वारा बुरी तरह काट दिया गया है।
 6. इसमें बहुत कम खनिज पाए जाते हैं। 6. यह खनिजों का भंडार है।
 7. सभी बारहमासी नदियों का उद्गम हिमालय से ही होता है। 7. इस पठार से निकलने वाली नदियाँ बरसाती हैं0964
 8. विश्व के सर्वाधिक ऊँचे पर्वतों एवं गहरी मिलकर बना है। 8. चौड़ी एवं छिछली घाटियों तथा गोलाकार पहाड़ियों से घाटियों से मिलकर बना है।
9. इंडो-आस्ट्रेलियाई प्लेट व यूरेशियन प्लेट में टक्कर के कारण बना। 9. गोंडवाना भूमि के टूटने व खिसकने के कारण बना।
 10. तलछटी चट्टानों से बना है। 10. आग्नेय एवं कायांतरित चट्टानों से बना है।
 11. भूवैज्ञानिक दृष्टि से यह अस्थिर क्षेत्र में आता है। 11: भूवैज्ञानिक दृष्टि से यह स्थिर क्षेत्र में आता है।
12. यह विश्व का सर्वाधिक ऊँचा पर्वत हैं। 12. मध्य उच्चभूमि नीची पहाड़ियों से बना है और इसमें कोई भी चोटी विश्वविख्यात ऊँचाई की नहीं है।
13. हिमालय से बहुत-सी प्रसिद्ध नदियाँ निकलती निकलती हैं। 13. नर्मदा व ताप्ती जैसी कुछ ही नदियाँ प्रायद्वीपीय पठार से हैं जैसे सिन्धु, गंगा व ब्रह्मपुत्र।

प्रश्न 6.
भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत का उत्तरी मैदान उत्तर में हिमालय तथा दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाली नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी मिट्टी से बना है। इस मिट्टी को जलोढ़क कहते हैं। इसीलिए इस मैदान को जलोढ़ मैदान कहते हैं। इस मैदान के उत्तर में हिमालय पर्वत स्थित है और दक्षिणी भाग में पठार का विस्तार है। यह मैदान 7 लाख वर्ग किमी में फैला हुआ है। यह मैदान 2400 किमी लंबा तथा 240-320 किमी चौड़ा है। समृद्ध मृदा के आवरण, भरपूर पानी की आपूर्ति एवं अनुकूल जलवायु ने उत्तरी मैदान को कृषि की दृष्टि से भारत का अत्यधिक उपजाऊ भाग बना दिया है। इसी कारण यहाँ का जनसंख्या घनत्व भारत के सभी भौगोलिक (UPBoardSolutions.com) विभाजनों की अपेक्षा इस क्षेत्र में सर्वाधिक है। उत्तरी मैदान के पश्चिमी भाग को पंजाब कहा जाता है। गंग का मैदान घग्घर एवं तिस्ता नदियों के बीच स्थित है। यह उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों जैसे हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा झारखण्ड के कुछ भाग एवं पश्चिम बंगाल के पूर्व में फैला हुआ है।
उत्तरी मैदान का निर्माण दो नदी तंत्रों के सहयोग से हुआ है ।

  1. पश्चिम में सिन्धु नदी तंत्र द्वारा,
  2. पूर्व में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र द्वारा।

1. सिंधु नदी तंत्र

  1. उत्तरी मैदान के उत्तरी-पश्चिमी भाग की रचना सिंधु और उसकी सहायक नदियों ने की है। सतलुज, व्यास, राबी, चिनाब और झेलम इसकी प्रमुख नदियाँ हैं।
  2. इस मैदान का विस्तार दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर से लेकर पश्चिमी हिमालय के गिरिपाद तक है। यह 1,200 किलोमीटर की लंबाई में फैला है।
  3. सिंधु नदी तंत्र द्वारा निर्मित मैदान को दो भागों में बाँट सकते हैं-पश्चिमी मरुभूमि और पंजाब का मैदान।

2. गंगा-ब्रह्मपुत्र का नदी तंत्र 
उत्तर के मैदान का अधिकांश भाग गंगा-ब्रह्मपुत्र नदियों की ही देन है। गंगा-ब्रह्मपुत्र मैदान को दो भागों में बाँटा जा सकता है-गंगा का मैदान तथा ब्रह्मपुत्र को मैदान।

  1. गंगा का मैदान सबसे अधिक विस्तृत है। इसका निर्माण गंगा और गंगा की सहायक नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी के जमाव से हुआ है। इस मैदान का ढाल पूर्व की ओर है। उत्तर प्रदेश, बिहार तथा पश्चिमी बंगाल पूर्णतः तथा हरियाणा, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश राज्यों के अधिकांश मैदानी भाग गंगा तन्त्र की देन हैं।
  2. ब्रह्मपुत्र का मैदान उत्तर का विशाल पूर्वी भाग है। इसका विस्तार असोम और मेघालय राज्यों में है। इसका निर्माण  ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के द्वारा लाए गए अवसादों के जमाव से हुआ है।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए-

  1. मध्ये हिमालय
  2. मध्य उच्च भूमि
  3. भारत के द्वीप समूह।

उत्तर:
(1) मध्य हिमालय – मध्य हिमालय हिमाद्रि (महान हिमालय) के दक्षिण में फैला हुआ है। इस पर्वत की औसत चौड़ाई लगभग 50 किमी तथा ऊँचाई 3,700 से 4,500 मीटर तक है। कश्मीर की पीर पंजाल श्रेणी तथा जम्मू-कश्मीर और हिमालय प्रदेश में फैली धौलाधार श्रेणी मध्य हिमालय के ही भाग हैं। नेपाल की महाभारत श्रेणी भी इसी का अंग है। डलहौजी, धर्मशाला, शिमला, मसूरी, नैनीताल, दार्जिलिंग आदि सभी प्रमुख पर्वतीय नगर मध्य हिमालय में ही स्थित हैं।

(2) मध्य उच्च भूमि – प्रायद्वीपीय पठार को नर्मदा नदी ने दो भागों में विभाजित किया है। प्रायद्वीपीय क्षेत्र का वह भाग जो नर्मदा नदी के उत्तर में पड़ता है और मालवा के पठार के एक बड़े हिस्से पर फैला है उसे मध्य उच्चभूमि कहा जाता है। यह दक्षिण में विंध्य श्रेणी और उत्तर-पश्चिम में अरावली की पहाड़ियों से घिरा है। आगे जाकर यह पश्चिम में भारतीय मरुस्थल से मिल जाता है जबकि पूर्व दिशा में इसका विस्तार छोटानागपुर के पठार द्वारा प्रकट होता है। इस क्षेत्र में नदियाँ दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बहती हैं। इस क्षेत्र के पूर्वी (UPBoardSolutions.com) विस्तार को स्थानीय रूप से बुन्देलखण्ड, बघेलखण्ड और छोटानागपुर पठार कहा जाता है। छोटानागपुर पठार आग्नेय चट्टानों से बना है। आग्नेय चट्टानों में खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं और इसलिए इस पठार को खनिजों का भण्डार कहा जाता है।

(3) भारत के द्वीप समूह – केरल तट के पश्चिम में अरब सागर में छोटे-छोटे अनेक द्वीप हैं। इनका निर्माण अल्पजीवी सूक्ष्म प्रवाल जीवों के अवशेषों के जमाव से हुआ है। इनमें से अनेक द्वीपों की आकृति घोड़े की नाल या अंगूठी के समान है। इसलिए इन्हें प्रवालद्वीप वलय कहते हैं। पहले लक्षद्वीप को लकादीव, मीनीकाय तथा एमीनदीव के नाम से जाना जाता था। 1973 ई. में इनका नाम लक्षद्वीप रखा गया। लक्षद्वीप का प्रशासनिक मुख्यालय कावारत्ती में है। यह द्वीप समूह छोटे प्रवाल द्वीपों से बना है। यह 32 वर्ग किमी के छोटे से क्षेत्र में फैला हुआ है। इस द्वीप समूह पर पौधों एवं जीवों की बहुत सी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। बंगाल की खाड़ी में भी (UPBoardSolutions.com) भारत के अनेक द्वीप हैं। इन्हें अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के नाम से पुकारते हैं। ये द्वीप बड़े भी हैं और संख्या में अधिक हैं। ये जल में डूबी हुई पर्वत श्रृंखलाओं पर स्थित हैं। इन द्वीपों में से कुछ की उत्पत्ति ज्वालामुखी के उद्गार से हुई है। भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी इन्हीं द्वीपों पर स्थित है।

मानचित्र कार्य

भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित दिखाइए-

  1. पर्वत शिखर-के-2, कंचनजंगा, नंगा पर्वत, अनाईमुडी
  2. पठार-शिलांग, छोटानागपुर, मालवा तथा बुंदेलखंड
  3. थार मरुस्थल, पश्चिमी घाट, लक्षद्वीप समूह, गंगा-यमुना दोआब तथा कोरोमंडल तट
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मानचित्र : भारत-मुख्य भौगोलिक वितरण

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क्रियाकलाप

प्रश्न 1.

  • दी गई वर्ग पहेली में कुछ शिखरों, दरों, श्रेणियों, पठारों, पहाड़ियाँ एवं घाटियों के नाम छुपे हैं। उन्हें ढूंढ़िए।
  • ज्ञात कीजिए कि ये आकृतियाँ कहाँ स्थित हैं? आप अपनी खोज क्षैतिज, ऊर्ध्वाधर या विकर्णीय दिशा में कर सकते हैं।

नोट – पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
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उत्तर:
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ऊध्र्वाधर (Down)

  • छोटानागपुर (CHOTANAGPUR)
  • कोंकण (KONKAN)
  • मालवा (MALWA)
  • शिपकिला (SHIPKILA)
  • बोम्डिला (BOMDILA)
  • सतपुरा (SATPURA)
  • अरावली (ARAVALI)
  • जयंतिया (JAINTIA)
  • नीलगिरि (NILGIRI)
  • विंध्य (VINDHYA)
  • शहयाद्री (SAHYADRI)

क्षैतिज (Across)

  • नथुला (NATHULA)
  • गारो (GARO)
  • अनाईमुडी (ANAIMUDI)
  • पाटली (PATLI)
  • कामोम (CARDEMOM)
  • कंचनजंगा (KANCHENJUNGA)
  • एवरेस्ट (EVEREST)
  • थार (THAR)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पूर्वी एवं पश्चिमी हिमालय की तुलना कीजिए।
उत्तर:
पूर्वी एवं पश्चिमी हिमालय में निम्नलिखित अन्तर

हैपूर्वी हिमालय

पश्चिमी हिमालय

 1. पटकाईबुम, नागा, लुशाई, गारो, खासी,श्रेणियाँ हैं। इस क्षेत्र का नंगा पर्वत सबसे ऊँचा है। इसकी ऊँचाई 8,576 मीटर है। 1. लद्दाख और जास्कर पश्चिमी हिमालय की प्रमुख पर्वत जयंतिया पूर्वी हिमालय की प्रमुख शाखाएँ हैं।
2. पूर्वी सिरे की कम ऊँचाई वाली पहाड़ियाँ घने के वनों से ढकी हैं।  ये वन बहुत उपयोगी हैं। 2. ये पर्वतीय भाग अधिक ऊँचे तथा परिवहन की कम सुविधा  कारण अपेक्षाकृत कम उपयोगी हैं।
 3. पश्चिमी बंगाल, सिक्किम, भूटान तथा अरुणाचल प्रदेश में फैले हिमालय को पूर्वी हिमालय कहते हैं। 3. जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में फैले हिमालय को पश्चिमी हिमालय कहते हैं।
4. सिक्किम और भूटान में स्थित हिमालय पर्वत मालाएँ अधिक ऊँची हैं। पूर्व की ओर इनकी ऊँचाई कम होती जाती है। 4. पश्चिमी हिमालय अपेक्षाकृत अधिक ऊँचा है।

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प्रश्न 2.
गॉर्ज एवं रिफ्ट में अंतर बताइए।
उत्तर:
गॉर्ज एवं रिफ्ट में निम्नलिखित अन्तर

हैंगॉर्ज

रिफ्ट

1. हिमालय पर्वतीय प्रदेश में सिंधु तथा ब्रह्मपुत्र  नदियों ने कई गहरे गॉर्ज को जन्म दिया है। 1. रिफ्ट घाटी का निर्माण आंतरिक प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप होता है। भारत के प्रायद्वीपीय पठार की पश्चिम की ओर बहने (UPBoardSolutions.com) वाली नर्मदा व ताप्ती तथा यूरोप की राइन नदी रिफ्ट घाटी से बहती हैं।
 2. नदी अपरदन प्रक्रिया द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में बनी बहुत गहरी और संकरी घाटी को गॉर्ज कहते हैं।  2. दो समानांतर दरार अथवा भ्रंश पड़ने के बीच की भूमि के नीचे धंस जाने से बनी खड़े किनारों वाली घाटी को रिफ्ट घाटी कहते हैं। इसका दूसरा नाम दरार या भ्रंश घाटी है।
 3. गॉर्ज बाह्य प्रक्रियाओं के फलस्वरूप बनते हैं। नदी की ऊपरी घाटी में अपरदन की क्रिया तेज होती है। नदी द्वारा बहाकर लाए गए कंकड़ पत्थरों से तली घिसकर, गहरी होती रहती है। 3. दरार या भ्रंश धरातल पर खिंचाव तथा क्षितिज गति के परिणामस्वरूप पड़ती है।

प्रश्न 3.
भारतीय मरुस्थल की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
भारतीय मरुस्थल की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  1. शुष्क जलवायु के कारण इस क्षेत्र में वनस्पति की न्यूनता पायी जाती है।
  2. यह क्षेत्र बालू के डिब्बों में आच्छादित एक तरंगित मैदान है।
  3. इस क्षेत्र में 150 मिमी से भी कम वार्षिक वर्षा होती है।

प्रश्न 4.
किन विवर्तनिक प्लेटों के सम्मिलन से भूपर्पटी का निर्माण होता है?
उत्तर:
सात बड़ी विवर्तनिक प्लेटों से मिलकर भूपर्पटी का निर्माण होता है-

  1. प्रशांत महासागरीय प्लेट,
  2. उत्तर अमेरिकी प्लेट,
  3. दक्षिण अमेरिकी प्लेट,
  4. यूरेशियन प्लेट,
  5. अफ्रीकन प्लेट,
  6. इंडो-आस्ट्रेलियन प्लेट,
  7. अंटार्कटिक प्लेट।

प्रश्न 5.
पश्चिमी तटवर्ती मैदान को कितने भागों में बाँटा जाता है?
उत्तर:
पश्चिमी तटवर्ती मैदानों को तीन प्रमुख भागों में बाँटा जा सकता है-

  1. कोंकण तट,
  2. कन्नड़ का मैदान,
  3. मालाबार तट।

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प्रश्न 6.
भारत में बरकान के समूह कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर:
भारत में बरकान के समूह ज्यादातर राजस्थान के जैसलमेर में पाए जाते हैं।

प्रश्न 7.
पूर्वी तटीय मैदानों के कोई दो लक्षण बताइए।
उत्तर:

  1. इस मैदान में नदियों द्वारा उपजाऊ डेल्टा का निर्माण किया जाता है।
  2. यह मैदान पूर्वी घाट एवं बंगाल की खाड़ी के मध्य स्थित है।

प्रश्न 8.
भ्रंश घाटी किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी की आंतरिक हलचलों के कारण पृथ्वी पर भ्रंश पड़ जाते हैं। इन भ्रंशों के किनारे ऊपर उठने तथा बीच का भाग नीचे धंसने से भू-भ्रंश घाटी का निर्माण होता है।

प्रश्न 9.
पश्चिमी घाट का सबसे ऊँचा शिखर तथा इसकी ऊँचाई बताइए।
उत्तर:
अनाईमुडी पश्चिमी घाट का सर्वोच्च शिखर है जिसकी ऊँचाई 2,695 मीटर है।

प्रश्न 10.
जलोढ़ मैदान किसे कहते हैं?
उत्तर:
नदियों द्वारा बहाकर लायी मिट्टी से बने मैदान को जलोढ़ मैदान कहते हैं। जलोढ़ मैदान की मिट्टी महीन पंक जैसी होती है जिसे जलोढ़क भी कहते हैं। इसीलिए इसे (UPBoardSolutions.com) मिट्टी से बने मैदान को जलोढ़ मैदान कहा जाता है।

प्रश्न 11.
शिवालिक के कोई दो प्रमुख लक्षण बताइए।
उत्तर:

  1. इस भाग में अक्सर भूकंप आते रहते हैं तथा भूस्खलन भी होते रहते हैं। हिमालय की इसी श्रेणी में सर्वाधिक मृदा अपरदन भी होता है।
  2. यह पर्वत श्रेणी जलोढ़ अवसादों से निर्मित है। इसीलिए इसकी शैलें कमजोर हैं।

प्रश्न 12.
भारत के छह भौतिक विभाग कौन-से हैं?
उत्तर:
भारत के छह भौतिक विभाग इस प्रकार हैं-

  1. उत्तर के विशाल मैदान,
  2. उत्तर भारत के मैदान,
  3. प्रायद्वीपीय पठार,
  4. भारतीय मरुस्थल,
  5. तटीय मैदान,
  6. द्वीपीय समूह।

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प्रश्न 13.
तराई प्रदेश किसे कहते हैं? इसकी दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
तराई प्रदेश भाबर के दक्षिण में स्थित है विशेषताएँ-

  1. यह क्षेत्र घने वनों से आच्छादित है।
  2. यह प्रदेश दलदली भूमि से युक्त है।

प्रश्न 14.
उत्तरी मैदानों को किन नदी तन्त्रों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
उत्तरी मैदानों को निम्नलिखित दो नदी तन्त्रों में बाँटा जा सकता है-

  1. पूर्व में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
  2. पश्चिम में सिंधु नदी तंत्र।

प्रश्न 15.
गंगा के मैदान का विस्तार किन क्षेत्रों में है?
उत्तर:
गंगा के मैदान का विस्तार घग्घर तथा तिस्ता नदियों के बीच है। यह उत्तरी भारत के राज्यों हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड के कुछ भाग, तथा पश्चिम बंगाल में फैला है। ब्रह्मपुत्र का मैदान इसके पश्चिम विशेषकर असोम में स्थित है।

प्रश्न 16.
प्राकृतिक विभिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदान को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
प्राकृतिक विभिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदान को चार भागों में बाँटा जा सकता है-

  1. भाबर क्षेत्र
  2. तराई क्षेत्र
  3. भांगर क्षेत्र
  4. खादर क्षेत्र।

प्रश्न 17.
प्रायद्वीपीय पठार का निर्माण किन शैलों से हुआ है?
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है जो पुराने क्रिस्टलीय, आग्नेय तथा रूपांतरित शैलों से बना है। यह गोंडवाना भूमि के टूटने एवं अपवाह के कारण बना था। यही कारण है कि यह प्राचीनतम भूभाग का एक हिस्सा है।

प्रश्न 18.
हिमालय भारत के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
हिमालय का महत्त्व –

  1. भारत और चीन के बीच एक प्राकृतिक सीमा का निर्माण करता है और हमारे देश की शत्रुओं से रक्षा करता है।
  2. भिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ उपलब्ध कराता है।
  3. हिम से ढकी हुई चोटियाँ पूरे वर्ष पानी उपलब्ध कराने वाले स्रोत का काम करती हैं।

प्रश्न 19.
गोंडवाना भूमि, वितरिकाएँ, दून का अर्थ बताएँ।
उत्तर:

  1. गोंडवाना भूमि – प्राचीन विशाल महाद्वीप पैंजिया का दक्षिणतम भाग है जिसके उत्तरी भाग में अंगारा भूमि है।
  2. वितरिकाएँ – जब नदी अपने निचले भाग में जाकर गाद के जमा होने के कारण कई धाराओं में बँट जाती है तो उन्हें वितरिकाएँ कहते हैं।
  3. दून – निम्न हिमाचल एवं शिवालिक के बीच स्थित लंबवत् घाटी को दून के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 20.
उत्तरी मैदान का निर्माण किस प्रकार हुआ है?
उत्तर:
उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों-सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक नदियों से बना है। लाखों वर्षों में हिमालय के गिरिपाद में स्थित बहुत बड़े बेसिन में जलोढ़ों का निक्षेप हुआ जिससे इस उपजाऊ मैदान का निर्माण हुआ है।

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प्रश्न 21.
प्रायद्वीपीय पठार की तीन विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार की तीन विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. यह तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है।
  2. इसके कुछ भागों में काली मृदा पायी जाती है।
  3. प्रायद्वीपीय पठार असमतल है।

प्रश्न 22.
मध्य उच्च भूमि के विस्तार के बारे में वर्णन करें।
उत्तर:
यह उच्च भूमि मालवा के पठार के अधिकतर भागों में फैली हुई है। विंध्य श्रृंखला दक्षिण में मध्य उच्च भूमि तथा उत्तर पश्चिम में अरावली से घिरी है। पश्चिम में यह धीरे-धीरे राजस्थान के बलुई तथा पथरीले मरुस्थल से मिल जाता है। इस पठार के पूर्वी विस्तार को स्थानीय रूप से बुंदेलखंड (UPBoardSolutions.com) तथा बघेलखंड के नाम से जाना जाता है। इसके और पूर्व के विस्तार को दामोदर नदी द्वारा अपवाहित छोटानागपुर पठार दर्शाता है।

प्रश्न 23.
पूर्वांचल पहाड़ियों के निर्माण तथा विस्तार के बारे में बताइए।
उत्तर:
पूर्वांचल पहाड़ियाँ मजबूत बलुआ पत्थरों जो अवसादी शैल हैं से बनी हैं। ये घने जंगलों से ढकी हैं तथा अधिकतर समानांतर श्रृंखलाओं एवं घाटियों के रूप में फैली हैं। पूर्वांचल से पटकाईबूम, नागा, लुसाई, मिजो तथा मणिपुर पहाड़ियाँ शामिल हैं।

प्रश्न 24.
अंडमान-निकोबार द्वीप समूहों की उत्पत्ति कैसे हुई है?
उत्तर:
अंडमान-निकोबार द्वीप जलमग्न पहाड़ियों पर स्थित हैं। इनमें से कुछ की उत्पत्ति ज्वालामुखी उद्गारों से हुई है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उत्तर एवं दक्षिण भारत के पर्वतों में अंतर बताइए।
उत्तर:
उत्तर एवं दक्षिण भारत के पर्वतों में निम्नलिखित अन्तर हैं-

उत्तर भारत के पर्वत

दक्षिण भारत के पर्वत

 1. ये पर्वत बहुत विस्तृत हैं। इसका पूर्व-पश्चिम विस्तारै अर्थात् लंबाई 3,000 किलोमीटर है।ये 150 से 400 किलोमीटर की चौड़ाई में फैले हैं। 1. इन पर्वतों का विस्तार सीमित है। ये पतली पट्टी के रूप में विस्तृत हैं।
 2. इन पर्वतों से वर्षभर बहने वाली तथा पर्याप्त जलधारी नदियों का जन्म हुआ है। इनमें सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र प्रमुख हैं। ये नदियाँ डेल्टा बनाती हैं। 2. इन पर्वतों से कई नदियाँ निकलती हैं। कई नदियाँ शुष्क ऋतु में सूख जाती हैं और शेष की जलधारा बहुत ही पतली  ” हो जाती है। इनमें महानदी, गोदावरी, कृष्णा व कावेरी नदियाँ हैं। नर्मदा तथा ताप्ती या तापी रिफ्ट घाटी में बहती हैं।
3. उत्तर भारत के पर्वत नवीन वलित पर्वत हैं। इनमें हिमालय पर्वत श्रेणी प्रमुख है। 3. दक्षिण भारत के पर्वत बहुत प्राचीन हैं। इनमें नीलगिरि, पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट प्रमुख हैं।
4. ये पर्वत बहुत ऊँचे हैं। हिमालय का एवरेस्ट शिखर संसार में सबसे ऊँचा है। उसकी ऊँचाई 8,848 मीटर है। 4. ये पर्वत बहुत कम ऊँचाई वाले हैं। इन पर्वतों में सबसे ऊँची चोटी अनाईमुडी है, जिसकी ऊँचाई मात्र 2,695 मीटर है।
 5. इन पर्वतों के शिखर वर्षभर हिम से ढके रहते हैं। 5. इन पर्वत श्रेणियों पर हिम के दर्शन नहीं होते।

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प्रश्न 2.
हिमालय पर्वत का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
हिमालय पर्वत श्रृंखला, विश्व की सबसे ऊँची श्रृंखला है। इस युवा वलित पर्वत का भारत की उत्तरी सीमा पर 2,400 किमी तक विस्तार है। हिमालय का उच्चावच अत्यधिक अनियमित है। इसमें ऊँचे पर्वत शिखर तथा गहरी घाटियाँ दोनों पाएँ जाते हैं। यह पर्वत श्रृंखला पश्चिम-पूर्व दिशा में (UPBoardSolutions.com) सिन्धु नदी से ब्रह्मपुत्र की ओर जाती हैं। हिमालय विश्व की सर्वाधिक ऊँची एवं मजबूत बाधाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक अर्द्धवृत्त जैसा आकार बनाता है जो 2,400 किमी दूर तक फैली है। इनकी चौड़ाई कश्मीर में 400 किमी से लेकर अरुणाचल प्रदेश में 150 किमी तक है।
हिमालय पर्वत श्रृंखला अपने देशांतरीय विस्तार में तीन समानांतर श्रृंखलाओं से मिलकर बना है –

  1. महान या आंतरिक हिमालये अथवा हिमाद्रि,
  2. हिमाचल या निम्न हिमालय,
  3. शिवालिक अथवा बाहरी हिमालय।

प्रश्न 3.
दक्कन के पठार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
दक्कन का पठार एक तिकोना भूखण्ड है, जो नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। उत्तर की ओर इसके चौड़े आधार पर सतपुड़ा की श्रृंखला स्थित है जबकि कैमूर की पहाड़ियाँ, मैकाल की श्रृंखला एवं महादेव इसका पूर्वी विस्तार है। दक्कन का पठार पश्चिम में ऊँचा तथा पूर्व में कम ढलान वाला है। इस पठार का एक भाग उत्तर-पूर्व में भी देखा जाता है जिसे स्थानीय रूप से ‘मेघालय’, ‘कार्बी एंगलौंग पठार’ तथा ‘उत्तर कचार पहाड़ी’ के नाम से जाना जाता है। यह एक भ्रंश के द्वारा छोटा नागपुर पठार से अलग हो गया है। पश्चिम से पूर्व की ओर तीन महत्त्वपूर्ण श्रृंखलाएँ गारो, खासी तथा जयंतिया हैं। दक्कन के पठार के पूर्वी एवं पश्चिमी सिरे पर क्रमशः पूर्वी तथा पश्चिमी घाट स्थित हैं।

प्रश्न 4.
पूर्वी तटीय मैदान एवं पश्चिम तटीय मैदान में अंतर कीजिए।
उत्तर:
पूर्वी एवं पश्चिमी तटीय मैदान के बीच अंतर इस प्रकार हैं-

पूर्वी तटीय मैदान

पश्चिमी तटीय मैदान

 1. पूर्वी तट पर भली प्रकार विकसित डेल्टा हैं। 1. इस तट पर मालाबार तट क्षेत्र में सुंदर झीलें हैं।
2. इसकी मुख्य नदियाँ महानदी, गोदावरी, कावेरी और कृष्णा हैं। 2. इसकी मुख्य नदियाँ तापी, नर्मदा, मांडवी एवं जुआरी हैं।
3. ये मैदान चौड़े हैं जिनमें पूर्ण विकसित डेल्टा हैं। 3. इन मैदानों का क्षेत्र सँकरा है जिसमें पहाड़ी भाग छिटका हुआ है।
4. ये मैदान बंगाल की खाड़ी और पश्चिमी घाट के बीच स्थित हैं। 4. ये मैदान अरब सागर और पश्चिमी घाट के बीच स्थित हैं।

प्रश्न 5.
हिमालय की हिमाद्रि एवं शिवालिक श्रेणियों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
हिमाद्रि की विशेषताएँ-

  1. इस क्षेत्र में वर्षपर्यन्त बर्फ जमीं रहती है।
  2. हिमाद्रि हिमालय की सबसे ऊँची उत्तरी पर्वत श्रृंखला है जिसकी औसत ऊँचाई 6,000 मी से अधिक है।
  3. विश्व की सर्वोच्च पर्वत श्रृंखला एवरेस्ट इसी श्रेणी में स्थित है।

शिवालिक की विशेषताएँ-

  1. भूकम्प और भूस्खलन इस श्रेणी की सामान्य घटना है। यह सबसे नवीन पर्वत श्रेणी है। अतः इसमें मृदा अपरदन भी सबसे अधिक होता है।
  2. यह पर्वत श्रृंखला जलोढ़ चट्टानों से निर्मित है इसलिए यह अधिक कठोर नहीं है।
  3. यह हिमालय की दक्षिणतम चोटी है। इसे बाह्य हिमालय भी कहते हैं।

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प्रश्न 6.
सर्वोच्च हिमालय किसे कहते हैं? इसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
हिमालय की सबसे उत्तरी श्रेणी को सर्वोच्च हिमालय कहते हैं। इस श्रेणी को हिमाद्रि भी कहते हैं।
सर्वोच्च हिमालय की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  1. विश्व का सर्वोच्च पर्वत शिखर एवरेस्ट इसी श्रेणी में स्थित है।
  2. यह पर्वत श्रेणी सदैव हिमाच्छादित रहती है इसलिए इसे हिमाद्रि भी कहते हैं।
  3. हिमालय की यह सर्वोच्च पर्वत श्रेणी है जिसकी औसत ऊँचाई 6,000 मीटर है।
  4. एवरेस्ट के अतिरिक्त कंचनजंगा, नंदा देवी, नंगा पर्वत आदि सर्वोच्च हिमालय के अन्य प्रमुख पर्वत शिखर हैं।

प्रश्न 7.
लघु हिमालय किसे कहते हैं? इसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
सर्वोच्च हिमालय के दक्षिण में स्थित पर्वत श्रृंखलाओं को लघु हिमालय या मध्य हिमालय भी कहते हैं। लघु हिमालय को हिमाचल श्रेणी भी कहते हैं।
लघु हिमालय की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  1. यह हिमालय पर्वत की मध्यवर्ती श्रृंखला है।
  2. इस श्रेणी में अनेक पर्वतीय नगर पाए जाते हैं। इन पर्वतीय नगरों में डलहौजी, शिमला, धर्मशाला, मसूरी, दार्जिलिंग व नैनीताल स्थित हैं।
  3. कश्मीर की पीर पंजाल श्रेणी, जम्मू-कश्मीर में हिमाचल में विस्तृत धौलाधार श्रेणी लघु हिमालय के ही हिस्से हैं।

प्रश्न 8.
डेल्टा की निर्माण प्रक्रिया बताइए। गंगा-ब्रह्मपुत्र के डेल्टा की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
नदी जल में प्रवाह की गति के अनुरूप अवसाद परिवहन की अपार क्षमता होती है। नदी अपने प्रवाह के क्रम में अपने साथ भारी मात्रा में कंकड़, पत्थर, बजरी, बालू, मिट्टी, गाद आदि बहाकर लाती है। नदी के प्रवाह की गति मंद होने से अवसादों का जमाव होने लगता है। मुहाने के निकट जिन नदियों की गति मंद होती है वे नदियों अपने मुंहानों पर बारीक से बारीक तलछट जमा करने को बाध्य हो जाती हैं। यही जमाव नदी के मार्ग में अवरोध बनकर उसे विभिन्न शाखाओं में विभाजित कर देता है। इस प्रकार विभिन्न शाखाओं के द्वारा अवसाद का जमाव विस्तृत भू-भाग पर त्रिभुजाकार रूप ले लेता है। मुहाने पर बने त्रिभुजाकार मैदान को डेल्टा कहते हैं। डेल्टा बहुत समतल और उपजाऊ मैदान है। गंगा-ब्रह्मपुत्र का डेल्टा विश्व में सबसे बड़ा डेल्टा है।
गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा की विशेषताएँ-

  1. यह संसार का सबसे बड़ा डेल्टा है। इसका विस्तार बांग्लादेश और भारत के पश्चिमी बंगाल में है।
  2. यह बहुत ही उपजाऊ डेल्टा है।
  3. यह संसार के घने आबाद क्षेत्रों में से है।
  4. डेल्टा का निचला भाग दलदली है। यहाँ सुन्दर वन स्थित है।

प्रश्न 9.
पश्चिम तटीय मैदान की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
पश्चिम तटीय मैदान की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

  1. यह तटीय प्रदेश अधिक वर्षा वाला है। वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी मानसूनों से होती है।
  2. इस मैदान की मुख्य उपज नारियल, केला, कहवा और चावल है।
  3. इस तट पर देश के कई प्रमुख प्राकृतिक पत्तन हैं।
  4. पश्चिमी तटीय मैदान का विस्तार गुजरात से केरल तक पश्चिम घाट और अरब सागर के मध्य स्थित है।
  5. इसका विस्तार एक संकरी पट्टी के रूप में है।
  6. इसके उत्तरी भाग को कोंकण तट तथा दक्षिणी भाग को मालाबार तट के नाम से पुकारते हैं।
  7. इसके उत्तर भाग में ज्वारनद मुख है और दक्षिणी भाग में लैगून और पाश्चे जल के क्षेत्र पाए जाते हैं।

प्रश्न 10.
हिमालय पर्वतों का क्षेत्रीय वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
हिमालय पर्वत श्रृंखला पश्चिम से पूर्व की ओर क्षेत्र के आधार पर बाँटी गयी है-

  1. सिंधु तथा सतलुज नदी के मध्य के हिमालय के भाग को पारंपरिक रूप से पंजाब हिमालय के नाम से जाना जाता है। लेकिन क्षेत्रीय रूप से इसे क्रमशः कश्मीर और हिमाचल हिमालय के नाम से जाना जाता है।
  2. काली नदी और सतलुज नदी के बीच के क्षेत्र को कुमाऊँ हिमालय के नाम से जाना जाता है।
  3. काली और तिस्ता नदी के बीच का क्षेत्र नेपाल हिमालय के नाम से एवं तिस्ता व दिहांग नदी के बीच का क्षेत्र असम हिमालय के नाम से विख्यात है।
  4. दिहांग महाखड्डू के बाद हिमालय पर्वत तेजी से दक्षिण दिशा में मुड़ता है और भारत की पूर्वी सीमा के साथ फैल जाता है। इसे पूर्वांचल या पूर्वी पहाड़ियों एवं पर्वतों के नाम से जाना जाता है। पूर्वांचल में पटकाई, नागा, मणिपुर एवं मीजो पहाड़ियाँ आती हैं।

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प्रश्न 11.
‘प्रवाल पॉलिप्स’ को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कम समय तक जीवित रहने वाले सूक्ष्म प्राणी जो समूहों में रहते हैं, को प्रवाल पॉलिप्स कहते हैं। प्रवाल पॉलिप्स का विकास छिछले वे गर्म जल में होता है। इनसे कैल्सियम कार्बोनेट का स्राव होता है। प्रवाल स्राव एवं प्रवाल अस्थियाँ टीले के रूप में निक्षेपित होती हैं।
ये तीन प्रकार के होते हैं-

  1. प्रवाल रोधिका,
  2. तटीय प्रवाल भित्ति,
  3. प्रवाल वलय द्वीप।

आस्ट्रेलिया को ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ प्रवाल रोधिका का अच्छा उदाहरण है। प्रवाल वलय द्वीप गोलाकार या हार्स-शू आकार वाले रोधिका होते हैं।

प्रश्न 12.
उत्तर के मैदान को उच्चावच विशेषताओं के आधार पर विभाजित कीजिए।
उत्तर:
उत्तर के मैदान को विभिन्न उच्चावच विशेषताओं के आधार पर निम्न चार भागों में बाँटा गया है-

  1. खादर क्षेत्र – बाढ़ के मैदानों में नए तथा युवा निक्षेपों को खादर कहा जाता है। लगभग प्रत्येक वर्ष इनका नवीकरण हो जाता है। ये बहुत उर्वर होते हैं तथा गहन कृषि के लिए आदर्श माने जाते हैं।
  2. बांगर क्षेत्र – इन मैदानों का निर्माण पुरानी जलोढ़ मृदा से होता है। ये नदियों के बाढ़ के मैदानों के ऊपर स्थित । हैं तथा वेदिका जैसी आकृति प्रदर्शित करते हैं। ये मैदान नदी के बेसिन से दूर पाए जाते हैं। इस क्षेत्र में चूनेदार निक्षेप पाए जाते हैं जिन्हें स्थानीय भाषा में कंकड़’ कहा जाता है और यह कम उपजाऊ होती है।
  3. भाबर क्षेत्र – इन मैदानों का निर्माण तंग पट्टी में कंकड़ों के जमा होने से होता है जो शिवालिक की ढलान के समानांतर पाई जाती हैं। इस पट्टी का निर्माण पहाड़ियों से नीचे उतरते समय विभिन्न नदियों द्वारा किया जाता है। सभी नदियाँ भाबर पट्टी में आकर विलुप्त हो जाती हैं।
  4. तराई क्षेत्र – यह क्षेत्र भाबर के बाद आती है और नए जलोढ़ से बना होता है। इस क्षेत्र का निर्माण नदियों के पुनः प्रकट होने से होता है जिसके कारण नदियाँ नम एवं दलदली क्षेत्र का निर्माण करती हैं जिसे तराई कहा जाता है। यह क्षेत्र गहन जंगलों वाला एवं जंगली जानवरों से भरपूर होता है। किन्तु विभाजन के उपरांत पाकिस्तान से आए प्रवासियों के लिए कृषि योग्य भूमि बनाने हेतु जंगलों को साफ कर दिया गया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तटीय मैदानों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
रल के पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा पश्चिम में अरब सागर के किनारों पर तटीय मैदान एक पट्टी के आकार में फैले हुए हैं। बल की खाड़ी के किनारे मैदान चौड़ा और समतल है। उत्तरी भाग में इसे उत्तरी सिरकार कहा जाता है जबकि दक्षिी भाग को कोरोमण्डल तट कहा जाता है। बड़ी नदियाँ (UPBoardSolutions.com) जैसे महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी इस तट पर एक बड़ा डेल्टा बनाती हैं। चिल्का झील (भारत की सबसे बड़ी नमकीन पानी की झील जो ओडिशा में स्थित है) पूर्वी तट की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता है।
भारत के इन तटीय भागों को 3 भागों में बाँटा गया है-

  1. महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के दक्षिण भाग में कींकड़ तट का विस्तार है।
  2. कर्नाटक में कन्नड़ तट का विस्तार है।
  3. केरल में मालाबार तट का विस्तार है।

प्रश्न 2.
“भारत एक सुगठित भौगोलिक इकाई है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भारत को तीन भौतिक भागों में बाँटा गया है–उत्तर का विशाल हिमालय पर्वत, उत्तर का विशाल मैदान तथा प्रायद्वीपीय पठार। इनका न केवल आपस में एक-दूसरे से सम्बद्ध हैं, बल्कि ये एक-दूसरे के पूरक भी हैं। इस तरह इन भौतिक विभागों ने मिलकर भारत को एक सुगठित भौगोलिक इकाई बनाने में अपना योगदान दिया है। इन तीनों प्रमुख खण्डों का वर्णन इस प्रकार है-

भारत का प्रायद्वीपीय पठारी प्रदेश  – यहाँ लौह-अयस्क, कोयला, ताँबा, बॉक्साइट, मैंगनीज, अभ्रक आदि खनिजों के अपार भंडार हैं। खनिजों पर आधारित उद्योगों के विकास के कारण आज भारत विश्व के प्रमुख औद्योगिक देशों में गिना जाता है। कहवा, रबड़, गर्म मसाले आदि की उपज के निर्यात द्वारा देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। इस प्रकार यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत एक सुगठित भौगोलिक इकाई है तथा देश को ऐसा बनाने में उसके विभिन्न भौतिक विभागों ने पूर्ण योगदान दिया है।

उत्तरी विशाल मैदान – ये मैदान हिमालय पर्वतीय प्रदेश से निकलने वाली नदियों के द्वारा लाई गई जलोढ़ मिट्टी से बने हैं। ये मैदान बहुत उपजाऊ हैं। यहाँ विभिन्न खाद्यान्न फसलों के साथ-साथ व्यापारिक फसलें, जैसे-गन्ना, कपास तथा पटसन पैदा की जाती हैं जिन पर यहाँ के कई उद्योग (UPBoardSolutions.com) निर्भर करते हैं। जीविकोपार्जन की सुविधाएँ सुलभ होने के कारण देश की आधी से अधिक जनसंख्या इस मैदानी भाग में रहती है।

विशाल हिमालय पर्वत – हिमालय पर्वत का प्रदेश उत्तर दिशा में भारत के प्रहरी का कार्य करता है। इस प्रकार शांति व सुरक्षा के साथ प्रगति करने का अवसर देता है। ऐतिहासिक काल से ऐसा होते रहने से ही भारत अपनी संस्कृति व सभ्यता का विकास कर पाया। हिमालय पर्वत के कारण ही देश को मानसूनी एकता प्राप्त हुई। वर्ष के विभिन्न समयों में ऋतु क्रम की एकता व फसलें पैदा करने के लिए पूरे वर्ष का वर्धन काल भी इसी भौतिक विभाग की देन है। हिमालय पर्वत अपार जल संपदा तथा वन संपदा के लिए जाने जाते हैं। यहाँ अनेक प्रकार के फल, जड़ी-बूटियाँ तथा चाय के भण्डार हैं, जो देश के अन्य भौतिक भागों में रहने वाले लोगों द्वारा उपयोग में लाए जाते हैं।

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प्रश्न 3.
प्रायद्वीपीय पठार का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार पुराने क्रिस्टलीय, आग्नेय तथा रूपांतरित शैलों से बना है। यह गोंडवाना भूमि के टूटने एवं अफवाह के कारण बना था इसीलिए यह प्राचीनतम भू-भाग का हिस्सा है। इस पठारी भाग में चौड़ी तथा छिछली घाटियाँ एवं गोलाकार पहाड़ियाँ हैं। इस पठार के दो मुख्य भाग हैं-‘मध्य उच्च भूमि तथा ‘दक्कन का पठार।

1. मध्य उच्चभूमि – नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो कि मालवा के पठार के अधिकतर भागों पर फैला है उसे मध्य उच्चभूमि के नाम से जाना जाता है। विंध्य श्रृंखला दक्षिण में मध्य उच्चभूमि तथा उत्तर-पश्चिम में अरावली से घिरी है।

2. दक्कन का पठार – यह एक तिकोना भूखंड है जो नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। उत्तर में इसके चौड़े आधार पर सतपुड़ा की श्रृंखला है जबकि महादेव, कैमूर की पहाड़ियाँ एवं मैकाल श्रृंखला इसके पूर्वी विस्तार हैं। दक्कन के पठार के पूर्वी एवं पश्चिमी सिरे पर क्रमशः पूर्वी तथा पश्चिमी घाट स्थित हैं। पठारी क्षेत्र बहुत पुरानी स्थलाकृति है जिसका क्षेत्र बहुत विशाल है।

इस पठार की एक प्रमुख विशेषता काली मिट्टी है जिसे दक्कन टैप कहा जाता है। इसका उद्गम ज्वालामुखीय है और इसलिए चट्टानें आग्नेय हैं। पूरा दक्कन का पठार विषुवतीय क्षेत्र में स्थित है। इसमें वर्षा मध्यमे होती है। दक्कन टैप काली लावा मिट्टी से बना है जो कपास की खेती के लिए बहुत (UPBoardSolutions.com) लाभदायक है। प्रायद्वीपीय पठार के पश्चिमी एवं उत्तर पश्चिमी छोर पर अरावली पहाड़ियाँ स्थित हैं। ये गुजरात से दिल्ली तक दक्षिण-पश्चिम-उत्तरपूर्व दिशा में फैली हुई हैं।

प्रश्न 4.
उत्तर के विशाल मैदान का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हिमालय के पर्वतीय प्रदेश तथा प्रायद्वीपीय पठार के बीच में उत्तर का विशाल मैदान स्थित है। पश्चिम में राजस्थान वे पंजाब से लेकर असम तक इसका विस्तार है। यह मैदान 2,400 किमी. लंबा तथा 240 से 320 किमी. तक चौड़ा है। इस मैदान का निर्माण हिमालय पर्वत तथा प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाली नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी जलोढ़क के जमाव से हुआ है। इसे विश्व के सर्वाधिक समतल एवं उपजाऊ मैदानों में शामिल किया जाता है। यह 7 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका निर्माण दो नदी तंत्रों-पश्चिम में सिंधु नदी तंत्र और पूर्व में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र द्वारा सम्मिलित रूप से किया गया है।

सिंधु नदी तंत्र-

  1. उत्तरी मैदान के उत्तरी – पश्चिमी भाग की रचना सिंधु और उसकी सहायक नदियों ने की है। सतलुज, व्यास, राबी, चिनाब और झेलम इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
  2. इस मैदान का विस्तार दक्षिण – पश्चिम में अरब सागर से लेकर पश्चिमी हिमालय के गिरपाद तक है। यह 1,200 किलोमीटर की लंबाई में फैला है। | सिंधू नदी तंत्र द्वारा निर्मित मैदान को दो भागों में बाँट सकते हैं
    1. पश्चिमी मरुभूमि और
    2. पंजाब का मैदान।
  3. गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र – उत्तर के मैदान का अधिकांश भाग गंगा-ब्रह्मपुत्र नदियों की ही देन है। गंगा-ब्रह्मपुत्र मैदान को दो भागों में बाँटा जा सकता है-
    1. गंगा का मैदान तथा
    2. ब्रह्मपुत्र का मैदान।

प्रश्न 5.
भारत की सुरक्षा, जलवायु विभाजक, जल एवं वन संपदा के लिए हिमालय की उपयोगिता प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
सुरक्षा – हिमालय भारत की उत्तरी सीमा पर प्रहरी की भाँति प्राचीनकाल से भारत की निरंतर सुरक्षा करता आ रहा है। हिमालय की उच्च पर्वत श्रृंखलाओं को पार करना कठिन है, इसीलिए विदेशी आक्रान्ताओं ने इस ओर से भारत को अतिक्रमण करने का साहस नहीं किया। किन्तु आधुनिक सैन्य उपकरणों और अस्त्र-शस्त्रे के चलते यह अब अभेद्य नहीं रह गया है।

जलवायु विभाजक – भारत का दक्षिणी भाग उष्ण कटिबंध में और उत्तरी भाग शीतोष्ण कटिबंध में स्थित है, परंतु हिमालय की स्थिति के कारण ही सम्पूर्ण भारत की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है। हिमालय पर्वत श्रेणी के कारण भारत में स्पष्ट रूप से ऋतुचक्र चलता है। हिमालय शीत ऋतु में उत्तर-पूर्वी एशिया से आने वाली ठंडी और शुष्क पवनों को रोककर भारत को अधिक ठंडा और शुष्क होने से बचाता है। दूसरी ओर, ग्रीष्म ऋतु में दक्षिण-पश्चिम मानसून पवनों को रोककर, भारतीय उपमहाद्वीप में वर्षा करने में सहायक होता है। इस प्रकार हिमालय पर्वत जलवायु विभाजक का काम करे, भारत को एक विशिष्ट रूप प्रदान करता है।

जल संपदी का भण्डार – हिमालय हिम का घर है। हिमानियाँ मीठे जल का प्रमुख स्रोत हैं। ये हिमानियाँ भारत की प्रमुख नदियों की उद्गम स्थल हैं। अतः इन नदियों में सदैव पानी बना रहता है। ये नदियाँ न केवल पेय जल का स्रोत हैं, अपितु सिंचाई व जल विद्युत के निर्माण में भी ये बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। हिमालय से निकलने वाली नदियों में देश की कुल संभावित जल शक्ति की 60 प्रतिशत क्षमता है। इसके विकास से कृषि तथा उद्योगों के विकास में मदद मिलती है।

वन-संपदा का भण्डार – हिमालय प्रदेश में संसार की सभी प्रकार की वनस्पति के दर्शन होते हैं। निम्न ढाल वाले क्षेत्र घने वनों से ढके हैं। हिमालय क्षेत्र में कठोर तथा मुलायम दोनों प्रकार की लकड़ी विपुल मात्रा में मिलती है। वनों की सघनता एवं विविधती पर्याप्त मात्रा में विविध प्रकार की लकड़ी प्रदान करती है। वन वन्य प्राणियों के घर हैं। आज इन क्षेत्रों में दुर्लभ वन्य प्राणियों के भी दर्शन होते हैं। इन वनों में अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियाँ भी प्राप्त होती हैं।

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प्रश्न 6.
हिमालय की समानान्तर श्रेणियों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
हिमालय पर्वत श्रृंखला अपने देशान्तरीय विस्तार में तीन समानांतर श्रेणियों के सम्मिलने से बना है, जो इस प्रकार है-
(i) महान हिमालय (हिमाद्रि) – हिमालय पर्वत श्रृंखला के सबसे उत्तरी भाग में स्थित श्रृंखला को महान् (आंतरिक हिमालय या हिमाद्रि) हिमालय कहते हैं। इस श्रृंखला की औसत ऊँचाई 6,000 मी0 है। इस श्रेणी के बीच में अनेक गहरी घाटियाँ भी हैं। सभी प्रमुख हिमालयी चोटियाँ इस श्रेणी के अंतर्गत आती हैं। यह क्षेत्र वर्ष भर हिमाच्छादित रहता है।

(ii) निम्न हिमालय (हिमाचल) – महान हिमालय के दक्षिण में स्थित श्रृंखला हिमालय पर्वत श्रृंखला में सबसे अधिक असम है और हिमाचल या मध्य या निम्न हिमालय के नाम से जानी जाती है। यह श्रृंखला मुख्यतः अत्यधिक संपीड़ित कायांतरित चट्टानों से बनी है। पीर पंजाल श्रृंखला सबसे बड़ी एवं सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण श्रृंखला का निर्माण करती है। कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण श्रृंखलाएँ धौलाधार और महाभारत श्रृंखलाएँ हैं। इसी श्रृंखला में कश्मीर की घाटी तथा हिमाचल के कांगड़ा एवं कुल्लू की घाटियाँ स्थित हैं। इस क्षेत्र को पहाड़ी नगरों जैसे शिमला, नैनीताल, मसूरी, दार्जीलिंग, श्रीनगर एवं कांगड़ा आदि के लिए जाना जाता है।

(iii) बाह्य हिमालय (शिवालिक) – हिमालय की बाह्य श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है। इसका विस्तार 1050 किमी0 की चौड़ाई में है और ऊँचाई 900 मी0 से 1,100 मी0 के बीच है। यह हिमालय की सबसे कम ऊँचाई की पर्वत श्रृंखला है। ये श्रृंखलाएँ उत्तर में स्थित मुख्य हिमालय की (UPBoardSolutions.com) श्रृंखलाओं से नदियों द्वारा लायी गयी असंपीडित अवसादों से बनी हैं। ये घाटियाँ बजरी तथा जलोढ़ की मोटी परत से ढकी हुई हैं। निम्न हिमाचल तथा शिवालिक के बीच में स्थित लंबवत् घाटी को दून के नाम से जाना जाता है। दून इस श्रेणी की विशेषता हैं। कुछ प्रसिद्ध दून हैं-देहरादून, कोटलीदून एवं. पाटलीदून।

मानचित्र कार्य

प्रश्न 1.
(i) भारत के रेखा-मानचित्र में निम्नलिखित पर्वत श्रेणियों को प्रदर्शित कीजिए और उनके नाम लिखिए-

  1. अरावली पर्वत श्रेणी
  2. विंध्याचल पर्वत श्रेणी
  3. सतपुड़ा
  4. नीलगिरि
  5. कराकोरम
  6. नागा पर्वत
  7. पटकोई
  8. मिजो
  9. पूर्वी घाट
  10. शिवालिक
  11. बृहत हिमालय
  12. भारत की राष्ट्रीय राजधानी, नाम सहित।
    UP Board Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

उत्तर:
विद्यार्थी अपने विषय अध्यापक की सहायता से नीचे दिए गए मानचित्र की सहायता से प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़ें।

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Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 त्रिभुजों की सर्वांगसमता

प्रश्न 1.
चित्र में, AB = AC तथा BC को बढ़ाने पर कोई बिन्दु D है तो सिद्ध कीजिए कि (NCERT Exemplar)
हलः
∵ AB = AC …(1)
∆ACD में ∠ACD अधिक कोण है
तथा ∠ADC न्यूनकोण है।
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
∴ अधिक कोण की सम्मुख भुजा बड़ी तथा न्यूनकोण की सम्मुख भुजा छोटी होती है।
∴ AD > AC
AD > AB (समीकरण (1) से)

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 2.
एक त्रिभुज ABC में यदि ∠A = 45° और ∠B = 70° तब त्रिभुज की छोटी और बड़ी भुजा ज्ञात कीजिए।
हलः
∠C = 180 – (∠A + ∠B)
= 180 – (45 + 70)
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
= 180 – 115 = 65°
सबसे बड़ा कोण = 70°
सबसे छोटा कोण = 45°
∴ सबसे बडा कोण की सम्मुख भुजा AC सबसे बड़ी तथा सबसे छोटे कोण की सम्मुख भुजा BC सबसे छोटी है।

प्रश्न 3.
क्या हम 3 सेमी, 4 सेमी और 5 सेमी लम्बाई की भुजा वाला त्रिभुज खींच सकते हैं?
हल:
∵ 3+ 4 = 7 > 5, 4 + 5 > 3 तथा 3 + 5 > 4
∵ त्रिभुज की दो भुजाओं का योग तीसरी भुजा से बड़ा है।
∴ ∆ की रचना सम्भव है।

प्रश्न 4.
दिये गये चित्र में, AB = AC तो सिद्ध कीजिए कि AF > AE
हलः ::
AB = AC
∠B = ∠C … (1)
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
∠AFE = ∠CFD (शीर्षाभिमुख कोण) … (2)
∆ABD में, ∠AEF = ∠B + ∠EDB … (3)
बहिष्कोण समीकरण (2) व (3) से सिद्ध होता है।
∠AEF > ∠AFE
∴ AF > AE

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 5.
एक त्रिभुज ABC में AB > AC, ∠B तथा ∠C के समद्विभाजक P पर मिलते हैं तो सिद्ध कीजिए कि BP > CP
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि एक त्रिभुज का परिमाप, उसकी ऊँचाइयों के योग से बड़ा होता है।
हलः
एक ∆ABC में AM, BN तथा PC ∆ की ऊचाईयाँ है।
∆ABM में, ∠AMB समकोण है
∴ AB > AM … (1)
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
∆BNC में, ∠BNC समकोण है
BC > BN … (2)
∆APC में, ∠APC समकोण है
AC > PC … (3)
समीकरण (1) + (2) + (3) करने पर
AB + BC + AC > AM + BN + PC
∴ ∆ का परिमाप > ∆ की ऊँचाईयाँ

प्रश्न 7.
दिये गये चित्र में, O वृत्त का केन्द्र है तथा XY व्यास है। तो सिद्ध कीजिए कि XY > XZ
हल:
∵ XY व्यास है तथा XZ वृत्त की एक जीवा है
∵ वृत्त का व्यास, वृत्त की सबसे बड़ी जीवा होती है।
∵ XY > XZ
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 8.
सिद्ध कीजिए कि त्रिभुज की सबसे बड़ी भुजा के सम्मुख कोण 60° से बड़ा होता है।
हल:
∆ABC में, AB = BC = AC
∴ ∠A = ∠B = ∠C = 60°
परन्तु यदि इनमें से एक भुजा बड़ी है तो दोनों भुजायें छोटी होगी तो सबसे बड़ी भुजा का सम्मुख कोण 60° से बड़ा होता है।
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

Ex 12.4 Congruence of Triangles विविध प्रश्नावली

Ex 12.4 Congruence of Triangles अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
∆ABC तथा ∆PQR में, AB = PR तथा ∠A = ∠P तब SAS कथन द्वारा प्रतिबंध ज्ञात कीजिए कि दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होंगे। (NCERT Exemplar)
हल:
∆ABC ≅ ∆PQR होगे यदि AC = PQ
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 2.
संलग्न चित्र में, यह दिया है कि ∆ABD = ∆BAC अभिगृहित ज्ञात कीजिए जिसके द्वारा त्रिभुज सर्वांगसम हैं।
हलः
सर्वांगसमता की RHS कसौटी द्वारा।
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles VS Q2

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 3.
संलग्न चित्र में, यदि AB = DC, ∆ABD ≅ ∆CDB तब ∠ABD = ∠CDB को सिद्ध करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले सर्वांगसमता नियम को ज्ञात कीजिए।
हल:
∆ABD ≅ ∆CDB होंगे सर्वांगसमता SAS कसौटी से।
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में, यह दिया है कि ∆OAP ≅ ∆OBP अभिगृहित ज्ञात कीजिए जिसके द्वारा त्रिभुज सर्वांगसम है।
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q4
∆OAP तथा ∆OBP में,
OA = OB (दिया है)
∠AOP = ∠BOP (दिया है)
OP (उभयनिष्ठ)
सर्वांगसमता की SAS कसौटी से ∆OAP ≅ ∆OBP

प्रश्न 5.
∆PQR में, यदि ∠R > ∠Q तब निम्नलिखित में से कौन-सा एक सत्य है? (NCERT Exemplar)
(a) PR > PQ
(b) QR > PR
(c) PQ > PR
(d) इनमें से कोई नहीं
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
∆PQR में, ∠R > ∠Q तो PQ > PR
विकल्प (c) सही है।

प्रश्न 6.
यदि एक त्रिभुज की दो भुजाओं की लम्बाईयाँ 5 सेमी तथा 1.5 सेमी हैं। तब त्रिभुज की तीसरी भुजा की लम्बाई निम्न में से कौन-सी नहीं हो सकती है? (NCERT Exemplar)
(a) 3.4 सेमी
(b) 3.6 सेमी
(c) 3.8 सेमी
(d) 4.1 सेमी
हलः
∵ ∆ की रचना करने के लिए दो भुजाओं का योग हमेशा तीसरी भुजा से अधिक होना चाहिए।
∴ विकल्प (a) में 3.4 सेमी लेने पर त्रिभुज की रचना सम्भव नहीं है इसलिए ∆ की तीसरी भुजा 3.4 सेमी नहीं हो सकती।

प्रश्न 7.
∆AOC में तथा ∆XYZ में ∠A = ∠X, AO = XZ, AC = XY, तब सर्वांगसमता नियम ज्ञात कीजिए जिसके द्वारा ∆AOC ≅ ∆XZY
हल:
SAS कसौटी द्वारा।

प्रश्न 8.
संलग्न चित्र में, AD = BC तथा ∠BAD = ∠ABC तब ∠ACB ज्ञात D कीजिए।
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q8
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
SAS कसौटी से ∆ACB ≅ ∆ADB
∴ ∠ACB = ∠ADB

प्रश्न 9.
यदि दो समकोण त्रिभुज ABC और DEF क्रमश: B और E पर समकोण है जो RHS द्वारा सर्वांगसम है तब निम्न में से कौन-सा एक सत्य है?
(a) AC = DF
(b) AB = DE
(c) (a) और (b) दोनों सत्य हैं
(d) इनमें से कोई नहीं
हलः
विकल्प (c) सत्य है।

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 10.
एक समकोण त्रिभुज में, एक न्यूनकोण अन्य का दोगुना है तब निम्न में से कौन-सा सत्य है?
(a) कर्ण = छोटी भुजा का दोगुना
(b) कर्ण = [latex]\frac{3}{4}[/latex] × छोटी भुजा
(c) एक न्यूनकोण 40° है
(d) इनमें से कोई नहीं
हलः
कर्ण = छोटी भुजा का दो गुना। अत: विकल्प (a) सही है।

प्रश्न 11.
∆ABC में, यदि AD माध्यिका है तब निम्न में से कौन-सा एक सत्य है?
(a) AB + AC > 2AD
(b) AB + AC < 2 AD
(c) AB + AC = 2 AD
(d) इनमें से कोई नहीं
हलः
विकल्प (a) सही है।

प्रश्न 12.
संलग्न चित्र में, ∠ABD : ∠ACD का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
∆ABC में, AB = AC
∴ ∠B = ∠C … (1)
∆BCD में, DB = DC
∠DBC = ∠DCB … (2)
समीकरण (1) – (2) करने पर,
∠B – ∠DBC = ∠C – ∠DCB
∠ABD = ∠DCA
∴ ABD : ACD = 1 : 1

प्रश्न 13.
निम्न में से कौन-सी त्रिभुजों की सर्वांगसमता के लिए एक कसौटी नहीं है? (NCERT Exemplar)
(a) SAS
(b) SSS
(c) ASA
(d) SSA
हल:
विकल्प (d) SSA

प्रश्न 14.
∆ABC में ∠B = 35°, ∠C = 65° तथा AD, ∠BAC का समद्विभाजक BC से D पर मिलता है। तब निम्न में से कौन-सा सत्य है?
(a) BD > AD > CD
(b) AD > BD > CD
(c) AD > CD > BD
(d) इनमें से कोई नहीं
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
हलः
विकल्प (a) सही है।

प्रश्न 15.
यदि एक त्रिभुज के दो शीर्षलम्बों की ऊँचाईयाँ, विपरीत भुजाओं के बराबर है तब त्रिभुज का नाम बताइये।
हलः
समद्विबाहु त्रिभुज।

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 16.
यदि ∆PQR ≅ ∆EFD तब ∠E ज्ञात कीजिए।
हलः
∠E = ∠P
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 17.
यदि ∆PQR ≅ ∆EFD तब ED ज्ञात कीजिए।
हलः
ED = PR

प्रश्न 18.
एक समद्विबाहु त्रिभुज में, यदि शीर्ष कोण, आधार कोणों के योग से दोगुना है तब त्रिभुज के शीर्ष कोण की माप ज्ञात कीजिए।
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 19.
∆ABC में यदि AB = AC तथा BC को D तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि ∠ACD = 100° तब ∠A ज्ञात कीजिए।
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 20.
यदि ∆ABC ≅ ∆ACB तब कौन-सी भुजाओं के लिए ∆ABC समद्विबाहु है।
हलः
AB = BC
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q20

Ex 12.4 Congruence of Triangles लघु उत्तरीय प्रश्न-I (Short Answer Type Questions-1)

प्रश्न 21.
एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC है जिसमें AB = AC,BE और CF इसकी दो माध्यिकाएँ हैं तो सिद्ध कीजिए कि BE = CF
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 22.
एक वर्ग ABCD की एक भुजा CD पर, एक समद्विबाहु त्रिभुज CDE है तो दिखाइये कि ∆ADE ≅ ∆BCE
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 23.
एक रेखाखंड AB है तथा रेखा । इसकी लाम्बिक समद्विभाजक है यदि एक बिंदु P, l पर स्थित है तो दिखाइये कि P, A तथा B से समदूरस्थ है। (NCERT)
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles VS Q23

प्रश्न 24.
एक चतुर्भुज ABCD में, AC = AD तथा AB, ∠A को समद्विभाजित करता है तो दिखाइये कि ∆ABC ≅ ∆ABD
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 25.
एक समद्विबाहु त्रिभुज का ऊर्ध्वाधर कोण 100° है तो दिखाइये कि इसका आधार कोण 40° है।
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q25
∵ ∆ABC में
AB = BC
∠BAC = ∠ACB = 40°

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 26.
संलग्न चित्र में, एक वर्ग ABCD है तथा P, AD का मध्य बिंदु है, BP और CP मिलाये गये हैं। तो सिद्ध कीजिए कि ∠PCB = ∠PBC
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q26
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q26.1

प्रश्न 27.
संलग्न चित्र में, बिंदु P और Q, BC पर इस प्रकार है कि BQ = CP तथा AP = AQ तो दिखाइये कि AB = AC
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q27
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 28.
सिद्ध कीजिए कि एक त्रिभुज की बराबर भुजाओं के विपरीत कोण भी बराबर होते हैं।
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

Ex 12.4 Congruence of Triangles लघु उत्तरीय प्रश्न-II (Short Answer Type Questions-II)

प्रश्न 29.
एक चतुर्भुज ABCD में, यदि विकर्ण AC, ∠A को समद्विभाजित करता है तथा AB = AD तब दिखाइये कि ∠CBA = ∠CDA
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 30.
संलग्न चित्र में, ∆ABC में, ∠B = 30°, ∠C=65° तथा ∠A का समद्विभाजक BC पर X में मिलता है। दिखाइये कि CX < AX < BX
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q30
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 31.
संलग्न चित्र में, O, AB तथा CD का मध्य बिंदु है। तो सिद्ध कीजिए कि AC = BD
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 32.
सिद्ध कीजिए कि एक त्रिभुज की बराबर कोणों की विपरीत भुजाएँ भी बराबर होती हैं।
हल:
रचना- बिन्दु A से आधार BC पर लम्ब AM डाला। समकोण ∆AMB तथा समकोण ∆AMC में
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q32
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 33.
एक न्यूनकोण त्रिभुज ABC है। B से AC पर लम्ब, C से AB पर लम्ब के बराबर है तो सिद्ध कीजिए कि AB = AC
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 34.
सिद्ध कीजिए कि किसी त्रिभुज (समबाहु त्रिभुज से अलग) सबसे बड़ी भुजा के विपरीत कोण 60° से बड़ा होता है। (NCERT Exemplar)
हलः
समबाहु ∆ से अलग दो स्थिति होगी
(i) अधिक कोण त्रिभुज में सबसे बड़ी भुजा के विपरीत कोण 60° से बड़ा होता है।
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q34
(ii) न्यूनकोण त्रिभुज में सबसे बड़ी भुजा के विपरीत कोण 60° से अधिक ही होगा।
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

Ex 12.4 Congruence of Triangles दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 35.
सिद्ध कीजिए कि एक समबाहु त्रिभुज की माध्यिकाएँ बराबर होती हैं।
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 36.
संलग्न चित्र में, AB = AC, CH = CB तथा HK || BC यदि ∠CAX = 137°तब ∠CHR ज्ञात कीजिए।
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 37.
दिखाइये कि एक चतुर्भुज ABCD में AB + BC + CD + DA > AC + BD
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 38.
संलग्न चित्र में, एक समबाहु त्रिभुज ABC है। PQ||AC तथा AC को R तक इस प्रकार बढ़ाया है कि CR = BP तो दिखाइये कि QR, PC को समद्विभाजित करता है।
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 39.
सिद्ध कीजिए कि एक समद्विबाहु त्रिभुज के शीर्ष से माध्यिका, उर्ध्वाधर कोण को समद्विभाजित करती है।
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 40.
संलग्न चित्र में, यदि x = y तथा AB = CB तब सिद्ध कीजिए कि AE = CD
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 VS Q40
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

Ex 12.4 Congruence of Triangles बहु विकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

सही विकल्प का चयन कीजिए।
प्रश्न 1.
एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC इस प्रकार है कि AB = AC तथा AD आधार BC की माध्यिका है तब ∠BAD =
(a) 50°
(b) 55°
(c) 65°
(d) 75°
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
अतः विकल्प (b) सही है।

प्रश्न 2.
संलग्न चित्र में, AB > AC निम्न में से कौन-सा एक सत्य है?
(a) AB > AD
(b) AB < AD
(c) AB = AD
(d) इनमें से कोई नहीं हलः
∵ AB > AC … (1)
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 M Q2
⇒ ∠3 > ∠2 [∵ बड़ी भुजा के सामने का कोण बड़ा होता है]
परन्तु ∠4 > ∠2
क्योंकि ∠4, ∆ABD का बहिष्कोण है तथा यह किसी भी अन्तकोण से बड़ा होता है।
तब ∠5 > ∠2 से
⇒ AB > AD
अतः विकल्प (a) सही है।

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 3.
संलग्न चित्र में, BE L CA तथा CF | BA इस प्रकार हैं कि BE = CF तो निम्न में से कौन-सा सत्य है?
(a) ∆ABE ≅ ∆AFC
(b) ∆ABE ≅ ∆ACF
(c) (a) व (b) दोनों सत्य हैं
(d) इनमें से कोई नहीं
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
∆ABE तथा ∆ACF में, BE = CF (दिया है)
∠AEB = ∠AFC (प्रत्येक 90°)
∠BAE = ∠CAF (उभयनिष्ठ)
अतः ∆ABE ≅ ∆ACF
अतः विकल्प (b) सही है।

प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में, AE = DB, CB = EF तथा ∠ABC = ∠FED तब निम्न में से कौन-सा सत्य है?
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 M Q4
(a) ∆ABC ≅ ∆DEF
(b) ∆ABC ≅ ∆EFD
(c) (a) व (b) दोनों सत्य हैं
(d) इनमें से कोई नहीं
हलः :
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

Ex 12.4 Congruence of Triangles स्विमूल्यांकन परीक्षण (Self Assessment Test)

प्रश्न 1.
रेखा l कोण A की समद्विभाजक है तथा । पर कोई बिंदु B है। BP और BQ बिन्दु B से ∠A की भुजाओं पर लम्ब हैं तो दिखाइये कि-
(i) ∆APB ≅ ∆AQB
(ii) BP = BQ
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 S Q1

प्रश्न 2.
C पर समकोण, एक समकोण ∆ABC में M, कर्ण AB का मध्य बिंदु है। C को M से मिलाया गया है तथा एक बिन्दु D तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि DM = CM बिंदु D को बिंदु B से मिलाया गया है तो दिखाइये कि
(i) ∆AMC = ∆BMD
(ii) ∠DBC एक समकोण है।
(iii) ∆DBC ≅ ∆ACB
(iv) CM = [latex]\frac{1}{2}[/latex]FAB
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 S Q2
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 S Q2.1

प्रश्न 3.
एक समद्विबाहु ∆ABC में AB = AC, ∠B तथा ∠C के समद्विभाजक परस्पर O पर प्रतिच्छेद करते हैं A को O से मिलाया तो दिखाइये कि-
(i) OB = OC
(ii) AO, ∠A को समद्विभाजित करता है।
हल:
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प्रश्न 4.
एक त्रिभुज ABC है जिसमें ऊँचाईयाँ BE और CF भुजाओं AC और AB के बराबर हैं तो दिखाइये कि-
(i) ∆ABE ≅ ∆ACF
(ii) AB = AC, अर्थात् ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
हल:
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 S Q4
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प्रश्न 5.
समान आधार BC पर दो समद्विबाहु त्रिभुज ABC तथा DBC हैं तथा BC की समान भुजा पर शीर्ष A और D हैं यदि AD को बढ़ाने पर, BC को P पर प्रतिच्छेद करती है।
(i) ∆ABD ≅ ∆ACD
(ii) ∆ABP ≅ ∆ACP
(iii) AP, ∠A व ∠D को समद्विभाजित करते हैं।
(iv) AP, BC का लम्बअर्द्धक है।
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 S Q5
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प्रश्न 6.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AB = AC, AD ⊥ BC खींच तो दिखाइये कि ∠B = ∠C
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Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 S Q6.1

प्रश्न 7.
संलग्न चित्र में, ∠B < ∠A, ∠C <∠D तो दिखाइये कि AD > BC
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प्रश्न 8.
यदि एक उभयनिष्ठ आधार के दो समद्विबाहु त्रिभुज हैं। तो सिद्ध कीजिए कि इनके शीर्षों को मिलाने वाली रेखा इन दोनों को समकोण पर समद्विभाजित करती है।
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प्रश्न 9.
संलग्न चित्र में, AD, ∆ABC की माध्यिका है यदि AD पर दो लम्ब BL और CM खींचे गये हैं तथा AD को बढ़ाया गया है तो सिद्ध कीजिए कि BL = CM
हलः
Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4 S Q9
∆BLD तथा ∆DMC में
∠BLP = ∠DMC (प्रत्येक 90°)
∠BDL = ∠MDC (शीर्षाभिमुख कोण)
BD = DC [ ∵ D, BC का मध्य बिन्दु है]
अतः ∆BLD ≅ ∆DMC
BL = CM

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प्रश्न 10.
संलग्न चित्र में, एक त्रिभुज ABC है, जो B पर समकोण है। यदि भुजा BC पर एक वर्ग BCDE है तथा AC पर एक वर्ग ACFG है तो दिखाइये कि AD = BF
हलः
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प्रश्न 11.
संलग्न चित्र में, OA = OB तथा OP = OQ तो सिद्ध कीजिए किः
(i) PX = Qx
(ii) AX = BX
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प्रश्न 12.
यदि एक समद्विबाहु त्रिभुज के आधार को दोनों ओर को बढ़ाया गया है तो सिद्ध कीजिए की इस प्रकार बने बहिष्कोण परस्पर बराबर हैं।
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प्रश्न 13.
सिद्ध कीजिए किं ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज होगा यदि निम्न में से कोई एक शर्त पूरी होती है।
(i) शीर्षलम्ब AD, ∠BAC को समद्विभाजित करता है।
(ii) ∠BAC का समद्विभाजक आधार BC पर लम्ब है।
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प्रश्न 14.
बिन्दु A पर प्रतिच्छेद करने वाली दो रेखाओं l व m से समान दूरी पर स्थित एक बिन्दु P है। सिद्ध कीजिए कि AP उनके बीच के कोण को समद्विभाजित करते हैं।
हलः
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Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles Ex 12.4

प्रश्न 15.
दो रेखायें AB व CD बिन्दु पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करती हैं कि BC, AD के बराबर तथा समान्तर हैं। सिद्ध कीजिए कि AB व CD रेखाएँ, बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती हैं।
हलः
दिया है- BC = AD तथा BC || AD
सिद्ध करना है- AB तथा CD रेखाएँ, बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती हैं।
उपपत्ति- ∆AOD तथा ∆BOC में,
AD = BC
∠OAD = ∠OBD (एकान्तर कोण)
∠ADO = ∠OCB (एकान्तर कोण)
∆AOD ≅ ∆BOC
अत: ∠AOD = ∠BOC
अत: AB तथा CD रेखाएँ, बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती हैं।

Balaji Class 9 Maths Solutions Chapter 12 Congruence of Triangles VS Q24

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