UP Board Solutions for Class 3 Hindi Kalrav Chapter 9 वाराणसी की यात्रा

UP Board Solutions for Class 3 Hindi Kalrav Chapter 9 वाराणसी की यात्रा

वाराणसी की यात्रा शब्दार्थ

आसमान = आकाश
चप्पू = पतवार
संग्रहालय = अजायबघर, जहाँ पुरानी ऐतिहासिक वस्तुएँ सँजो कर रखी जाती हैं
इमारत = भवन, मकान

वाराणसी की यात्रा पाठ का सार (सारांश)

मैं अपनी बुआ से मिलने रेलगाड़ी से वाराणसी गया। दीदी भी मेरे साथ थीं। रेलगाड़ी की यात्रा में बहुत आनन्द आया। रिक्शा लेकर हम बुआ के घर पहुँच गए। बुआ हमें देखकर बहुत खुश हुईं।

दूसरे दिन हम गोदौलिया गए। ऊँचे-ऊँचे मन्दिर आसमान छू रहे थे। विश्वनाथ मन्दिर में आरती हो रही थी। वहाँ बहुत ज्यादा भीड़ थी। हम नाव में बैठे और दशाश्वमेध घाट गए। गंगा के किनारे-किनारे और अनेक घाट बने थे। वहाँ एक टेढ़ा मन्दिर देखा। एक . दिन बाद हमने सारनाथ देखने का इरादा किया। वहाँ जाकर हमने संग्रहालय में अशोक की लाट देखी। दोपहर को हम बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय गए। वहाँ से हम रेलगाड़ी बनाने का कारखाना देखने गए। शाम को बाजार में घूमने निकले। लहुरावीर में घूमते-घूमते हमें रात हो गई। हम घर लौट आए। दूसरे दिन सुबह हम बुआ जी को गर्मी की छुट्टियों में . दोबारा आने का आश्वासन देकर अपने घर आ गए।

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वाराणसी की यात्रा अभ्यास

प्रश्न 1.
उत्तर लिखो
(क) मोनू वाराणसी कैसे गया?
उत्तर:
मोनू वाराणसी रेलगाड़ी से गया।

(ख) मोनू ने वाराणसी में क्या-क्या देखा?
उत्तर:
मोनू ने वाराणसी में अनेक चीजें देखीं। उसने गोदौलिया में ऊँचे-ऊँचे मन्दिर, जगत्प्रसिद्ध विश्वनाथ मन्दिर, दशाश्वमेध घाट, टेढा मन्दिर, सारनाथ में संग्रहालय और अशोक की लाट, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, रेलगाड़ी बनाने का कारखाना, बाजारों की चमक-दमक आदि देखी।

(ग) रेल के अलावा टिकट और कहाँ-कहाँ लगता है?
उत्तर:
रेल के अलावा टिकट बस में, हवाई जहाज में, सिनेमा में, सरकस आदि में लगता है।

प्रश्न 2.
नोट– विद्यार्थी स्वयं लिखें।

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प्रश्न 3.
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें।

प्रश्न 4.
नोट – विद्यार्थी स्वयं पढ़ें।

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