UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 12 चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (महान व्यक्तिव)
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पाठ का सारांश
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य रामगुप्त का छोटा भाई था। अपनी कायरता के कारण रामगुप्त शक राजा से पराजित हुआ। अपने प्राणों की रक्षा के लिए उसने अपनी रानी ध्रुवस्वामिनी को शक राजा के पास भेजना स्वीकार कर लिया। जब पालकी शक राजा के शिविर में पहुँची, तब पालकी से उतरकर युवती वेशधारी एक युवक ने एक हीं वार में शक राजा की हत्या कर दी, वह वेशधारी चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य था। चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य बचपन से ही स्वाभिमानी थे। महान विजेता होने के साथ ये सफल कूटनीतिज्ञ भी थे। इन्होंने दक्षिण के राजाओं से वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित किए, जिससे इनके राज्य पर दक्षिण से होने वाले आक्रमण का भय समाप्त हो गया।
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य को कला व संस्कृति से विशेष अनुराग था। इन्होंने विद्वानों को पूर्ण संरक्षण दिया, ये स्वयं विद्वान थे। कालिदास इनके दरबार में नवरत्नों में गिने जाते थे। चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के मंत्री वीरसेन स्वयं व्याकरण, न्याय और राजनीति के ज्ञाता थे। चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने मालवा, गुजरात एवं काठियावाड़ पर विजय प्राप्त की। उज्जयिनी (UPBoardSolutions.com) के शत्रुओं का इन्होंने विनाश कर उनका राज्य गुप्त साम्राज्य में मिला लिया। मालवी की विजय चन्द्रगुप्त के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण सिद्ध हुई। विक्रमादित्य ने पूर्वी राज्यों तथा विद्रोही राजाओं को भी परास्त किया।
चन्द्रगुप्त द्वितीय के लिए ‘विक्रमादित्य’, ‘श्री विक्रम’, सिंह-विक्रम’, ‘परमभागवत’ और ‘गणारि’ उपाधियों का प्रयोग किया जाता है। ये पराक्रमी योद्धा और सफल विजेता थे। दिल्ली के महरौली नामक स्थान पर स्थित लोहे की लाट आज भी चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य की महान उपलब्धियों की याद दिलाती है।
चीनी यात्री फाहयान ने चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शासनकालीन राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक दशा का बहुत सुन्दर वर्णन किया है। देश का शासन अत्यन्त सुव्यवस्थित था। लोग शांतिपूर्ण और समृद्धशाली जीवन बिताते थे। चन्द्रगुप्त ने धार्मिक औषधालयों तथा निःशुल्क विश्रामशालाओं का निर्माण कराया। ये न्यायप्रिय शासक (UPBoardSolutions.com) थे। इन्होंने अपने पराक्रम, धार्मिक सहिष्णुता, विद्यानुराग तथा कला प्रेम से एक महान युग की संस्कृति और समृद्धि में स्मरणीय योगदान दिया।
अभ्यास
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1.
भारत के इतिहास में विक्रमादित्य का नाम स्वर्णाक्षरों में क्यों अंकित है?
उत्तर :
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने अपने पराक्रम, सुव्यवस्थित शासन, धार्मिक सहिष्णुता, कला-प्रेम आदि से एक महान युग की संस्कृति के विकास में सहयोग किया, इसलिए इनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।
प्रश्न 2.
चन्द्रगुप्त द्वितीय ने विक्रमादित्य की उपाधि कब धारण की?
उत्तर :
अपनी महान और अद्भुत विजय श्रृंखला के पश्चात् चन्द्रगुप्त द्वितीय ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की।
प्रश्न 3.
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शासनकाल में कौन-सा चीनी यात्री भारत आया?
उत्तर :
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शासनकाल में फाह्यान नामक चीनी यात्री भारत आया।
प्रश्न 4.
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शासनकाल में देश की राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति कैसी थी?
उत्तर :
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शासनकाल में देश की (UPBoardSolutions.com) `राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति उत्तम थी। शासन अत्यन्त सुव्यवस्थित था तथा लोग शांतिपूर्ण और समृद्धशाली जीवन बिता रहे थे।
प्रश्न 5.
महरौली के लोहे की लाट से किस बात का पता चलता है?
उत्तर :
दिल्ली में महरौली के लोहे की लाट से चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य की महान उपलब्धियों का पता चलता है।
प्रश्न 6.
गुप्तवंश का शासन काल भारतीय इतिहास में किस युग के नाम से प्रसिद्ध है?
उत्तर :
गुप्तवंश का शासनकाल भारतीय इतिहास में स्वर्णयुग के नाम से प्रसिद्ध है।
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