UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 23 हमारे महान वनस्पति-वैज्ञानिक (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 23 हमारे महान वनस्पति-वैज्ञानिक (महान व्यक्तित्व)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 7 Hindi . Here we have given UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 23 हमारे महान वनस्पति-वैज्ञानिक (महान व्यक्तित्व).

पाठ का सारांश

जगदीश चन्द्र बसु-इनका जन्म 3० नवम्बर, सन् 1858 ई० को बंगाल के मैमन सिंह जिले के फरीदपुर गाँव में हुआ। इनके पिता भगवान चन्द्र बसु डिप्टी मजिस्ट्रेट थे। उन्होंने इनका दाखिला गाँव के स्कूल में ही करवाया। बालक जगदीश घुड़सवारी (UPBoardSolutions.com) करना और साहसिक कहानियाँ पसन्द करता था।
नौ वर्ष की उम्र में घर छोड़कर पढ़ने के लिए इन्हें कोलकाता भेजा गया। वहाँ ये पेड़-पौधे तथा जीव-जन्तुओं में विशेष रुचि लेते थे। सेंट जेवियर्स कॉलेज कोलकाता से स्नातक परीक्षा पास करके ये इंग्लैंड गए। सन् 1884 ई० में भौतिकी, रसायन और वनस्पति विज्ञान की शिक्षा लेकर बी०एस०सी० की उपाधि ली। सन् 1885 ई० में कोलकाता प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्राध्यापक नियुक्त हुए।
जगदीश चन्द्र बसु ने पौधों में प्राण और संवेदनशीलता का पता लगाया। इसके लिए इन्होंने ‘क्रेस्कोग्राफ’ नामक यन्त्र बनाया। जिससे पौधों में होने वाली सूक्ष्म प्रक्रियाओं का पता लगाया जा सकता है। अँग्रेजों ने इसके लिए इन्हें ‘सर’ की उपाधि दी।
भौतिकी के क्षेत्र में भी बसु की गहरी पैठ थी। सन् 1895 ई० में मारकोनी से पहले ये बेतार का तार’ का सफल सार्वजनिक प्रदर्शन कर चुके थे। इन्होंने कोलकाता में बसु विज्ञान मन्दिर नामक प्रयोगशाला खोली। सन् 1937 ई० अर्थात् अपनी मृत्यु होने (UPBoardSolutions.com) तक ये इस संस्थान में कार्यरत रहे। प्रोफेसर बसु अपने अथक परिश्रम और अनुसंधानों के कारण विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं।

UP Board Solutions

बीरबल साहनी: इनका जन्म 14 नवम्बर, 1899 को पंजाब के भेड़ा कस्बे में हुआ। इनके पिता रुचिराम रसायन विज्ञान के अध्यापक थे। इनकी माता ईश्वरीदेवी कुशल गृहिणी थीं। बीरबल बपचन से ही पेड़-पौधे और भूगर्भ में रुचि लेने लगे थे। बीरबल स्वभाव से बहुत निर्भीक थे। सन् 1911 ई० में ये लन्दन गए। कैंब्रिज के प्रोफेसर सीवर्ड अपने होनहार शिष्ये बीरबल को अत्यन्त स्नेह देते थे। लन्दन से डी०एस०सी० उपाधि लेकर साहनी सन् 1919 ई० में भारत आ गए। ये काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर नियुक्त हुए । साहनी स्नातक कक्षाओं की पढ़ाई पर विशेष जोर देते थे। (UPBoardSolutions.com) छात्र इनकी उदारता, विद्वता और सादगी से बहुत प्रभावित थे। काशी के बाद साहनी लखनऊ आ गए।
प्रोफेसर साहनी को भारतीय पुरा-वनस्पति का जनक माना जाता है। इन्होंने बिहार की राजमहल पहाड़ियों में अत्यन्त महत्वपूर्ण फॉसिल-पेंटजाइली की खोज की। इन्होंने अपना सारा जीवन वनस्पतिजगत् के अनुसंधानों में लगा दिया। लखनऊ स्थित ‘साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोबॉटनी’ भारत का ही नहीं, विश्व का महत्त्वपूर्ण शोध संस्थान है। इस संस्थान के शिलान्यास के सात दिन बाद 9 अप्रैल, सन् 1949 ई० को बीरबल साहनी संसार छोड़ गए। इस महान वैज्ञानिक की स्मृति में भारत के सर्वश्रेष्ठ वनस्पति वैज्ञानिक को ‘बीरबल साहनी पदक’ प्रदान किया जाता है।

UP Board Solutions

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
जगदीश चन्द्र बसु ने सर्वप्रथम किस बात का पता लगाया?
उत्तर:
जगदीश चन्द्र बसु ने सर्वप्रथम पौधों (UPBoardSolutions.com) में प्राण और संवेदनशीलता का पता लगाया।

प्रश्न 2:
जगदीश चन्द्र बसु ने आधा वेतन लेना स्वीकार क्यों नहीं किया?
उत्तर:
जगदीश चन्द्र बसु अपनी योग्यता और परिश्रम में अंग्रेजों से आगे थे।

UP Board Solutions

प्रश्न 3:
बीरबल साहनी को किसका जनक माना जाता है?
उत्तर:
बीरबल साहनी को भारतीय (UPBoardSolutions.com) पुरा-वनस्पति का जनक माना जाता है।

प्रश्न 4:
नीचे लिखे वाक्यों पर सही (✓) अथवा गलत (✘) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर )
(क) जगदीश चन्द्र बसु ने क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार किया।                               (✓)
(ख) जगदीश चन्द्र बसु का मन चित्रकला में अधिक लगता था।                            (✘)
(ग) बीरबल साहनी की स्मृति में ‘बीरबल साहनी पदक’ दिया जाता है।                 (✓)
(घ) बीरबल साहनी ने कोलकाता में ‘साहनी इंस्टीट्यूट’ की स्थापना की।              (✘)

प्रश्न 5:
नीचे दिए विकल्पों में सही उत्तर छाँटिए ( सही उत्तर छाँटकर)

UP Board Solutions

(क) जगदीश चन्द्र बसु ने सर्वप्रथम पता लगाया कि

  • पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है।
  • पेड-पौधो निर्जीव (UPBoardSolutions.com) होते हैं।
  • पेड़-पौधों में जीवन है, वे भी हमारी तरह सुख-दुःख का अनुभव करते हैं।

(ख) बीरबल साहनी के मन में दृढ़ इच्छा थी

  •  वनस्पति विज्ञान पर पुस्तक लिखने की।
  • घर में एक बाग लगाने की।
  •  पुरा-वनस्पति विज्ञान मंदिर की स्थापना करने की।

योग्यता विस्तार:
नोट– विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की (UPBoardSolutions.com) सहायता से स्वयं करें।

We hope the UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 23 हमारे महान वनस्पति-वैज्ञानिक (महान व्यक्तित्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 23 हमारे महान वनस्पति-वैज्ञानिक (महान व्यक्तित्व) drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

Leave a Comment