UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane

UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane (समतल में गति)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 Physics. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane ( समतल में गति).

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1:
निम्नलिखित भौतिक राशियों में से बताइए कि कौन-सी सदिश हैं और कौन-सी अदिश-आयतन, द्रव्यमान, चाल, त्वरण, घनत्व, मोल संख्या, वेग, कोणीय आवृत्ति, विस्थापन, कोणीय वेग।
उत्तर:
सदिश राशियाँ: त्वरण, वेग, विस्थापन तथा कोणीय वेग।
अदिश राशियाँ: आयतन, द्रव्यमान, चाल, (UPBoardSolutions.com) घनत्व, मोल-संख्या तथा कोणीय आवृत्ति।

प्रश्न 2:
निम्नांकित सूची में से दो अदिश राशियों को छाँटिए
बल, कोणीय संवेग, कार्य, धारा, रैखिक संवेग, विद्युत क्षेत्र, औसत वेग, चुम्बकीय आघूर्ण, आपेक्षिक वेग।
उत्तर:
दो अदिश राशियाँ कार्य तथा धारा हैं।

प्रश्न 3:
निम्नलिखित सूची में से एकमात्र सदिश राशि को छाँटिए
ताप, दाब, आवेग, समय, शक्ति, पूरी पथ-लम्बाई, ऊर्जा, गुरुत्वीय विभव, घर्षण गुणांक, आवेश।
उत्तर:
दी गई राशियों में एकमात्र सदिश राशि आवेग है।

प्रश्न 4:
कारण सहित बताइए कि अदिश तथा सदिश राशियों के साथ क्या निम्नलिखित बीजगणितीय संक्रियाएँ अर्थपूर्ण हैं
(a) दो अदिशों को जोड़ना,
(b) एक ही विमाओं के एक सदिश व एक अदिश को जोड़ना,
(c) एक सदिश को एक अदिश से गुणा करना,
(d) दो अदिशों का गुणन,
(e) दो सदिशों को जोड़ना,
(f) एक सदिश के घटक को उसी सदिश से जोड़ना?
उत्तर:
(a) नहीं, दो अदिशों को जोड़ना केवल तभी अर्थपूर्ण हो सकता है, जबकि दोनों एक ही भौतिक राशि को प्रदर्शित करते हों।
(b) नहीं, सदिश को केवल सदिश के साथ तैथा अदिश को केवल अदिश के साथ ही जोड़ा जा सकता है।,
(c) अर्थपूर्ण है, एक सदिश को एक अदिश से गुणा करने पर एक नया सदिश प्राप्त होता है, जिसका परिमाण सदिश व अदिश के परिमाण के गुणन के बराबर होता है तथा दिशा अपरिवर्तित रहती है।
(d) अर्थपूर्ण है, दो अदिशों के गुणन से प्राप्त नए अदिश का परिमाण दिए गए अदिशों के परिमाण के । गुणन के बराबर होता है।
(e) नहीं, केवल तभी अर्थपूर्ण होगा जबकि दोनों एक ही (UPBoardSolutions.com) भौतिक राशि को प्रदर्शित करते हों।
(f) चूँकि किसी सदिश का घटक एक सदिश होता है जो मूल सदिश के समान भौतिक राशि को निरूपित करता है (जैसे-बल का घटक भी एक बल ही होता है); अत: दोनों को जोड़ना अर्थपूर्ण है।

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प्रश्न 5:
निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन को ध्यानपूर्वक पढिए और कारण सहित बताइए कि यह सत्य है या असत्य
(a) किसी सदिश का परिमाण सदैव एक अदिश होता है।
(b) किसी सदिश का प्रत्येक घटक सदैव अदिश होता है।
(c) किसी कण द्वारा चली गई पथ की कुल लम्बाई सदैव विस्थापन सदिश के परिमाण के बराबर होती है।
(d) किसी कण की औसत चाल (पथ तय करने में लगे समय द्वारा विभाजित कुल पथ-लम्बाई) समय के समान-अन्तराल में कण के औसत वेग के परिमाण से अधिक या उसके बराबर होती है।
(e) उन तीन सदिशों का योग जो एक समतल में नहीं हैं, कभी भी शून्य सदिश नहीं होता।
उत्तर:
(a) सत्य, किसी भी भौतिक राशि का परिमाण एक धनात्मक संख्या है, जिसमें दिशा नहीं होती; अतः यह एक अदिश राशि है।
(b) असत्य, किसी सदिश का प्रत्येक घटक एक सदिश राशि होता है।
(c) असत्य, उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति R त्रिज्या के वृत्त की परिधि पर चलते हुए एक चक्कर पूर्ण करता है तो उसके द्वारा तय किए गए पथ की लम्बाई 2π R होगी जबकि विस्थापन का परिमाण शून्य होगा।
(d) सत्य, क्योंकि औसत चाल पूर्ण पथ की लम्बाई पर तथा औसत वेग कुल विस्थापन पर निर्भर करता है। जबकि पूर्ण पथ की लम्बाई सदैव ही विस्थापन के परिमाण से अधिक अथवा बराबर
होती है।
(e) सत्य, शून्य सदिश प्राप्त करने के लिए तीसरा सदिश पहले दो सदिशों के परिणामी के विपरीत दिशा में तथा परिमाण में उसके बराबर होना चाहिए। यह इस दशा में सम्भव नहीं है, चूँकि तीनों सदिश एक समतल में नहीं हैं।

प्रश्न 6:
निम्नलिखित असमिकाओं की ज्यामिति या किसी अन्य विधि द्वारा स्थापना कीजिए
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उत्तर:
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प्रश्न 7:
दिया है [latex]\xrightarrow { a }[/latex] + [latex]\xrightarrow { b }[/latex] +[latex]\xrightarrow { c }[/latex] + [latex]\xrightarrow { d }[/latex]= 0 नीचे दिए गए कथनों में से कौन-सा सही है
(a) [latex]\xrightarrow { a }[/latex], [latex]\xrightarrow { b }[/latex],[latex]\xrightarrow { c }[/latex] तथा [latex]\xrightarrow { d }[/latex] में से प्रत्येक शून्य सदिश है।
(b) ([latex]\xrightarrow { a }[/latex] + [latex]\xrightarrow { c }[/latex]) का परिमाण ([latex]\xrightarrow { d}[/latex]+[latex]\xrightarrow { d }[/latex]) के परिमाण के बराबर है।
(c) [latex]\xrightarrow { a }[/latex] का परिमाण [latex]\xrightarrow { b }[/latex],[latex]\xrightarrow { c }[/latex] तथा[latex]\xrightarrow { d}[/latex] के परिमाणों के योग से कभी-भी अधिक नहीं हो सकता।
(d) यदि [latex]\xrightarrow { a }[/latex] तथा[latex]\xrightarrow { d }[/latex] संरेखीय नहीं हैं तो [latex]\xrightarrow { b }[/latex]+ [latex]\xrightarrow { c }[/latex]अवश्य ही [latex]\xrightarrow { a }[/latex] तथा [latex]\xrightarrow { d }[/latex] के समतल में होगा और । यह [latex]\xrightarrow { a }[/latex] तथा [latex]\xrightarrow { d }[/latex] के अनुदिश होगा यदि वे संरेखीय हैं।
उत्तर:
(a) यह कथन सही नहीं है क्योंकि सदिश [latex]\xrightarrow { a }[/latex], [latex]\xrightarrow { b }[/latex],[latex]\xrightarrow { c }[/latex] तथा [latex]\xrightarrow { d }[/latex] का योग शून्य है, (UPBoardSolutions.com) जिससे यह परिणाम
प्राप्त नहीं होता है कि प्रत्येक शून्य सदिश है। अत: कथन (a) सत्य नहीं है।
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प्रश्न 8:
तीन लड़कियाँ 200 in त्रिज्या वाली वृत्तीय बर्फीली सतह पर स्केटिंग कर रही हैं। वे सतह के किनारे के बिन्दु P से स्केटिंग शुरू करती हैं तथा P के व्यासीय विपरीत बिन्दु Qपर विभिन्न पथों से होकर पहुँचती हैं, जैसा कि संलग्न चित्र 4.2 में दिखाया गया है। प्रत्येक लड़की के विस्थापन सदिश का परिमाण कितना है? किस लड़की के लिए यह वास्तव में स्केट किए गए पथ की लम्बाई के बराबर है?
हल:
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दिया है : वृत्तीय पथ की त्रिज्या (R) = 200 m
∵ प्रत्येक लड़की का विस्थापन सदिश = [latex]\xrightarrow { PQ }[/latex]
∴ विस्थापन सदिश का परिमाण = व्यास PQ की लम्बाई
= 2R = 2x200m
= 400 m
∵ लड़की B द्वारा तय पथ (PQ) की लम्बाई = 2R = 400m
∴ लड़की B के लिए विस्थापन संदिश का (UPBoardSolutions.com) परिमाण वास्तव में स्केट चित्र 4.2 किए गए पथ की लम्बाई के बराबर है।

प्रश्न 9:
कोई साइकिल सवार किसी वृत्तीय पार्क के केन्द्र से चलना शुरू करता है तथा पार्क के किनारे P पर पहुँचता है। पुनः वह पार्क की परिधि के अनुदिश साइकिल चलाता हुआ Qo के रास्ते (जैसा कि चित्र 4.3 में दिखाया गया है) केन्द्र पर वापस आ जाता है। पार्क की त्रिज्या 1 km है। यदि पूरे चक्कर में 10 मिनट लगते हों तो साइकिल सवार का (a) कुल विस्थापन, (b) औसत वेग तथा (c) औसत चाल क्या होगी?
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हल:
(a) दिया है : वृत्तीय पार्क की त्रिज्या = 1km
चूंकि साइकिल सवार केन्द्र० से चलकर पुनः केन्द्र0 पर ही पहुँच जाता है, अतः कुल विस्थापन = 0
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प्रश्न 10:
किसी खुले मैदान में कोई मोटर चालक एक ऐसा रास्ता अपनाता है जो प्रत्येक 500m के बाद उसके बाईं ओर 60° के कोण पर मुड़ जाता है। किसी दिए मोड़ से शुरू होकर मोटर चालक का तीसरे, छठे व आठवें मोड़ पर विस्थापन बताइए। प्रत्येक स्थिति में मोटर चालक द्वारा इन मोड़ों पर तय की गई कुल पध-लम्बाई के साथ विस्थापन के परिमाण की तुलना कीजिए।
हल:
मोटर चालक द्वारा अपनाया गया मार्ग एक समषट्भुज ABCDEF आकार का होगा।
(a) माना कि मोटर चालक शीर्ष A से चलना प्रारम्भ करता है।
तो वह शीर्ष D पर तीसरा मोड़ लेगा। प्रश्नानुसार,
AB = BC = CD = DE = EF = FA = 500 m
∴ तीसरे मोड़ पर विस्थापन ,
= AD = 2x AB (समषट्भुज के गुण से)
= 2x 500 m = 1000 m = 1km
जबकि कुल पथ की लम्बाई
= AB+ BC + CD
= (500 + 500 + 500) m
= 1500 m = 1.5 km
∴ विस्थापन : पथ-लम्बाई = 1 km : 1.5 km = 2:3
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(b) मोटर चालक छठा मोड़ शीर्ष A पर लेगा अर्थात् इस क्षण मोटर चालक अपने प्रारम्भिक बिन्दु पर पहुँच चुका होगा।
∴ विस्थापन = शून्य।
जबकि कुल पथ-लम्बाई = AB+ BC + CD+DE. + EF + FA
= 6 x AB = 6 x 500m
= 3000 m = 3 km
विस्थापन : पथ-लम्बाई = 0:3km = 0
(c) मोटर चालक आठवाँ मोड़ शीर्ष C पर लेगा।
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प्रश्न 11:
कोई यात्री किसी नए शहर में आया है और वह स्टेशन से किसी सीधी सड़क पर स्थित किसी होटल तक जो 10 km दूर है, जाना चाहता है। कोई बेईमान टैक्सी चालक 23 km के चक्करदार रास्ते से उसे ले जाता है और 28 min में होटल में पहुँचता है।
(a) टैक्सी की औसत चाल, और
(b) औसत वेग का परिमाण क्या होगा? क्या वे बराबर हैं।
हल:
दिया है : टैक्सी द्वारा तय कुल दूरी = 23 km,
लगा समय = 28 min
टैक्सी का विस्थापन = स्टेशन से होटल तक सरल रेखीय दूरी
= 10km
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प्रश्न 12:
वर्षा का पानी 30 ms-1 की चाल से ऊर्ध्वाधर नीचे गिर रहा है। कोई महिला उत्तर सेदक्षिण की ओर 10 ms-1 की चाल से साइकिल चला रही है। उसे अपना छाता किस दिशा में रखना चाहिए?
हल:
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प्रश्न 13:
कोई व्यक्ति स्थिर जल में 4.0 km/h की चाल से तैर सकता है। उसे 1.0 km चौड़ी नदी को पार करने में कितना समय लगेगा? यदि नदी 3.0 km/h की स्थिर चाल से बह रही हो और वह नदी के बहाव के लम्ब तैर रहा हो। जब वह नदी के दूसरे किनारे पहुँचता है तो वह नदी के बहाव की ओर कितनी दूर पहुँचेगा?
हल:
∵ तैराक नदी के लम्ब दिशा में तैर रहा है; अतः तैराक का अपना वेग नदी के लम्ब दिशा में कार्य करेगा जब इस दिशा में नदी के अपने वेग का कोई प्रभाव नहीं होगा।
अतः नदी के लम्ब दिशा में नेट वेग = तैराक का अपना वेग
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प्रश्न 14:
किसी बन्दरगाह में 72 km/h की चाल से हवा चल रही है और बन्दरगाह में खड़ी किसी नौका के ऊपर लगा झण्डा N-E दिशा में लहरा रहा है। यदि वह नौका उत्तर की ओर 51 km/h की चाल से गति करना प्रारम्भ कर दे तो नौको पर लगा झण्डा किस दिशा में लहराएगा?
हल:
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प्रश्न 15:
किसी लम्बे हॉल की छत 25 m ऊँची है। वह अधिकतम क्षैतिज दूरी कितनी होगी जिसमें 40 ms-1 की चाल से फेंकी गई कोई गेंद छत से टकराए बिना गुजर जाए?
हल:
यहाँ प्रक्षेप्य वेग u = 40 मी/से, महत्तम ऊँचाई HM = 25 मी
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प्रश्न 16:
क्रिकेट का कोई खिलाड़ी किसी गेंद को 100 m की अधिकतम क्षैतिज दूरी तक फेंक सकता है। वह खिलाड़ी उसी गेंद को जमीन से ऊपर कितनी ऊँचाई तक फेंक सकता है?
हल:
यहाँ अधिकतम क्षैतिज परास Rmax = 100 मी
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प्रश्न 17:
80 cm लम्बे धागे के एक सिरे पर एक पत्थर बाँधा गया है और इसे किसी एकसमान चाल के साथ किसी क्षैतिज वृत्त में घुमाया जाता है। यदि पत्थर 25 s में 14 चक्कर लगाता है तो पत्थर के त्वरण का परिमाण और उसकी दिशा क्या होगी?
हल:
पत्थर द्वारा अपनाए गए वृत्तीय मार्ग की त्रिज्या R = 80 cm = 0.8 m
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प्रश्न 18:
कोई वायुयान 900 kmh-1 की एकसमान चाल से उड़ रहा है और 1.00 km त्रिज्या का कोई क्षैतिज लूप बनाता है। इसके अभिकेन्द्र त्वरण की गुरुत्वीय त्वरण के साथ तुलना कीजिए।
हल:
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प्रश्न 19:
नीचे दिए गए कथनों को ध्यानपूर्वक पढिए और कारण सहित बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य
(a) वृत्तीय गति में किसी कण का नेट त्वरण हमेशा वृत्त की त्रिज्या के अनुदिश केन्द्र की ओर होता है।
(b) किसी बिन्दु पर किसी कण का वेग सदिश सदैव उस बिन्दु पर कण के पथ की स्पर्श रेखा के अनुदिश होता है।
(c) किसी कण को एकसमान वृत्तीय गति में एक चक्र में लिया गया औसत त्वरण सदिश एक शून्य सदिश होता है।
उतर:
(a) असत्य है क्योंकि यह कथन केवल एकसमान वृत्तीय गति के लिए सत्य है।
(b) सत्य है क्योंकि यदि कण की गति में त्वरण, वेग के अनुदिश (UPBoardSolutions.com) है तो कण सरल रेखीय पथ पर गति करता है और यदि गति में त्वरण किसी अन्य दिशा में है तो कण वक्र पथ पर गति करता है तथा वेग
की दिशा पथ के स्पर्श रेखीय रहती है।
(c) सत्य है क्योंकि एक अर्द्धचक्र में त्वरण; दूसरे अर्द्धचक्र में त्वरण के ठीक बराबर व विपरीत होता है।

प्रश्न 20:
किसी कण की स्थिति सदिश निम्नलिखित है
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समय t सेकण्ड में है तथा सभी गुणकों के मात्रक इस प्रकार से हैं [latex]\xrightarrow { r }[/latex] कि मीटर में व्यक्त हो जाए।
(a) कण का [latex]\xrightarrow { v }[/latex] तथा [latex]\xrightarrow { a }[/latex] निकालिए,
(b) t = 2.0s पर कण के वेग का परिमाण तथा दिशा कितनी होगी?
हल:
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प्रश्न 21:
कोई कण t = 0 क्षण पर मूलबिन्दु से 10 [latex]\hat { j }[/latex] ms-1 के वेग से चलना प्रारम्भ करता है।
तथा x-y समतल में एकसमान त्वरण (8.0[latex]\hat { i }[/latex]+20[latex]\hat { j }[/latex]) ms-2 से गति करता है।
(a) किस क्षण कण का x-निर्देशांक 16 m होगा? इसी समय इसका y-निर्देशांक कितना होगा?
(b) इसी क्षण किसी कण की चाल कितनी होगी?
हल:
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प्रश्न 22:
[latex]\hat { i }[/latex] तथा [latex]\hat { j }[/latex] क्रमशः x-व y-अक्षों के अनुदिशएकांक सदिश हैं। सदिशों [latex]\hat { i }[/latex]+[latex]\hat { j }[/latex]तथा – [latex]\hat { j }[/latex]का परिमाण तथा दिशाएँ क्या होंगी? सदिशों A = 2[latex]\hat { i }[/latex] + 3[latex]\hat { j }[/latex] के [latex]\hat { i }[/latex]+[latex]\hat { j }[/latex]व – [latex]\hat { j }[/latex]की दिशाओं के अनुदिश घटक निकालिए (आप ग्राफी विधि का उपयोग कर सकते हैं)।
हल:
[latex]\hat { i }[/latex] तथा [latex]\hat { j }[/latex] परस्पर लम्ब एकांक सदिश हैं; अर्थात् इनके बीच का कोण θ = 90° है।
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प्रश्न 23:
किसी दिकस्थान पर एक स्वेच्छ गति के लिए निम्नलिखित सम्बन्धों में से कौन-सा सत्य है?
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यहाँ औसत की आशय समयान्तराल t2 व t1 से सम्बन्धित भौतिक राशि के औसत मेन से है।
उत्तर:
(a) असत्य,
(b) सत्य,
(c) असत्य,
(d) असत्य,
(e) सत्य।

प्रश्न 24:
निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन को ध्यानपूर्वक पढिए तथा कारण एवं उदाहरण सहित बताइए कि क्या यह सत्य है या असत्य अदिश वह राशि है जो
(a) किसी प्रक्रिया में संरक्षित रहती है,
(b) कभी ऋणात्मक नहीं होती,
(c) विमाहीन होती है,
(d) किसी स्थान पर एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु के बीच नहीं बदलती,
(e) उन सभी दर्शकों के लिए एक ही मान रखती है चाहे अक्षों से उनके अभिविन्यास भिन्न-भिन्न क्यों न हों?
उत्तर:
(a) असत्य है, क्योंकि किसी अदिश का किसी प्रक्रिया में संरक्षित रहना आवश्यक नहीं है। उदाहरण के लिए, ऊपर की ओर फेंके गए पिण्ड की गतिज ऊर्जा (अदिश राशि) पूरी यात्रा में बदलती रहती है।
(b) असत्य है, क्योंकि अदिश राशि ऋणात्मक, शून्य या धनात्मक कुछ भी मान ग्रहण कर सकती है; जैसे किसी वस्तु का ताप एक अदिश राशि है, जो धनात्मक, शून्य या ऋणात्मक कुछ भी हो सकता है।
(c) असत्य है, उदाहरण के लिए, किसी वस्तु का द्रव्यमान अदिश राशि है परन्तु इसकी विमा (M1) है।
(d) असत्य है, उदाहरण के लिए ताप एक अदिश राशि है, किसी छड़ में ऊष्मा के एकविमीय प्रवाह में, प्रवाह की दिशा में ताप बदलता जाता है।
(e) सत्य है, क्योंकि अदिश राशि में दिशा नहीं होती; अतः यह प्रत्येक विन्यास में स्थित (UPBoardSolutions.com) दर्शक के लिए समान मान रखती है। उदाहरण के लिए, किसी वस्तु के द्रव्यमान का मान प्रत्येक दर्शक के लिए समान होगा।

प्रश्न 25:
कोई वायुयान पृथ्वी से 3400 m की ऊँचाई पर उड़ रहा है। यदि पृथ्वी पर किसी अवलोकन बिन्दु पर वायुयान की 10.0 s की दूरी की स्थितियाँ 30° का कोण बनाती हैं तो वायुयान की चाल क्या होगी?
हल:
माना 10s के अन्तराल पर वायुयान की दो स्थितियाँ क्रमशः P तथा Q हैं जबकि 0 प्रेक्षण बिन्दु है।
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अतिरिक्त अभ्यास

प्रश्न 26:
किसी सदिश में परिमाण व दिशा दोनों होते हैं। क्या दिक़स्थान में इसकी कोई स्थिति होती है? क्या यह समय के साथ परिवर्तित हो सकता है? क्या दिकस्थान में भिन्न स्थानों पर दो बराबर सदिशों [latex]\xrightarrow { a }[/latex] व  [latex]\xrightarrow { b }[/latex]  का समान भौतिक प्रभाव अवश्य पड़ेगा? अपने उत्तर के समर्थन में उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सभी सदिशों की स्थिति नहीं होती। किसी बिन्दु के स्थिति सदिश के समान कुछ सदिशों की स्थिति होती है जबकि वेग सदिश के समान कुछ सदिशों की कोई स्थिति नहीं होती। हाँ, कोई सदिश समय के साथ परिवर्तित हो सकता है, जैसे- गतिमान कण की स्थिति सदिश । आवश्यक नहीं है, उदाहरण के लिए दो अलग-अलग बिन्दुओं पर लगे बराबर बल अलग-अलग आघूर्ण उत्पन्न करेंगे।

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प्रश्न 27:
किसी सदिश में परिमाण व दिशा दोनों होते हैं। क्या इसका यह अर्थ है कि कोई राशि जिसका परिमाण व दिशा हो, वह अवश्य ही सदिश होगी? किसी वस्तु के घूर्णन की व्याख्या घूर्णन-अक्ष की दिशा और अक्ष के परितः घूर्णन-कोण द्वारा की जा सकती है। क्या इसका यह अर्थ है कि कोई भी घूर्णन एक सदिश है?
उत्तर:
किसी राशि में परिमाण तथा दिशी होने पर उसका सदिश होना आवश्यक नहीं है। सदिश होने के लिए किसी राशि में परिमाण तथा दिशा के साथ-साथ उसे सदिश नियमों का पालन भी करना चाहिए। उदाहरण के लिए प्रत्येक घूर्णन कोण एक सदिश राशि नहीं हो सकता। (UPBoardSolutions.com) केवल सूक्ष्म घूर्णन को ही सदिश राशि माना जा सकता है।

प्रश्न 28:
क्या आप निम्नलिखित्व के साथ कोई संदिश सम्बद्ध कर सकते हैं-
(a) किसी लूप में मोड़ी गई तार की लम्बाई,
(b) किसी समतल क्षेत्र,
(c) किसी गोले के साथ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
(a) नहीं, क्योंकि वृत्तीय लूप में मोड़े गए तार की कोई निश्चित दिशा नहीं होती।
(b) हाँ, दिए गए समतल पर एक निश्चित अभिलम्ब खींचा जा सकता है; अत: समतल क्षेत्र के साथ एक सदिश सम्बद्ध किया जा सकता है जिसकी दिशा समतल पर अभिलम्ब के अनुदिश हो सकती
(c) नहीं, क्योंकि किसी गोले का आयतन किसी विशेष दिशा के साथ सम्बद्ध नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 29:
कोई गोली क्षैतिज से 30° के कोण पर दागी गई है और वह धरातल पर 3:0km दूर गिरती है। इसके प्रक्षेप्य के कोण का समायोजन करके क्या 5.0 km दूर स्थित किसी लक्ष्य का भेद किया जा सकता है? गोली की नालमुखी चाल को नियत तथा वायु के प्रतिरोध को नगण्य मानिए।
हल:
यहाँ प्रक्षेप्य  कोण θ0 = 30°
तथा क्षैतिज परास R = 3.0 किमी
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प्रश्न 30:
कोई लड़ाकू जहाज 1.5 km की ऊँचाई पर 720 km/h की चाल से क्षैतिज दिशा में उड़ रहा है और किसी वायुयान भेदी तोप के ठीक ऊपर से गुजरता है। ऊध्र्वाधर से तोप की नाल का क्या कोण हो जिससे 600 ms-1 की चाल से दागा गया गोला वायुयान पर वार कर सके। वायुयान के चालक को किस न्यूनतम ऊँचाई पर जहाज को उड़ाना चाहिए जिससे गोली लगने से बच सके। (g = 10 ms-2)
हल:
लड़ाकू जहाज की ऊँचाई,
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प्रश्न 31:
एक साइकिल सवार 27 km/h की चाल से साइकिल चला रहा है। जैसे ही सड़क पर वह 80 m त्रिज्या के वृत्तीय मोड़ पर पहुँचता है, वह ब्रेक लगाता है और अपनी चाल को 0.5 m/s की एकसमान दर से कम कर लेता है। वृत्तीय मोड़ पर साइकिल सवार के नेट त्वरण का परिमाण और उसकी दिशा निकालिए।
हल:
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प्रश्न 32:
(a) सिद्ध कीजिए कि किसी प्रक्षेप्य के -अक्ष तथा उसके वेग के बीच के कोण को समय के फलन के रूप में निम्न प्रकार से व्यक्त कर सकते हैं
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उत्तर:
(a) माना कोई प्रक्षेप्य मूलबिन्दु से इस प्रकार फेंका जाता है कि उसके वेग के x-अक्ष तथा y-अक्षों की दिशाओं में वियोजित घटक क्रमश: Vox तथा v0y हैं।
माना t समय पश्चात् प्रक्षेप्य बिन्दु P पर पहुँचता है, जहाँ उसको स्थिति सदिश [latex]\xrightarrow { r }[/latex] (t) है।
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परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1:
मीनार की छत से एक गेंद को किक किया जाता है तो गेंद पर लगने वाले क्षैतिज एवं ऊध्र्वाधर त्वरण का मान होगा
(i) 0 एवं 9.8 मी/से2
(ii) 9.8 मी/से एवं 9.8 मी/से-2
(iii) 9.8 मी/से-2  एवं 0
(iv) 9.8 मी/से-2 एवं 4.9 मी/से -2
उत्तर:
(i) 0 एवं 9.8 मी/से2

प्रश्न 2:
प्रक्षेप्य गति के दौरान निम्नलिखित में से कौन-सी राशि संरक्षित रहती है?
(i) यान्त्रिक ऊर्जा
(ii) स्थितिज ऊर्जा
(iii) संवेग
(iv) गतिज ऊर्जा
उत्तर:
(i) यान्त्रिक ऊर्जा

प्रश्न 3:
जब एक वस्तु दो विभिन्न प्रक्षेप्य कोणों पर प्रक्षेपित की जाती है तो उसकी क्षैतिज परास | समान है। यदि h1 तथा h2 उसकी संगत महत्तम ऊँचाइयाँ हैं, तो उसकी क्षैतिज परास R तथा hव h2 में सही सम्बन्ध होगा।
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उत्तर:
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प्रश्न 4:
क्षैतिजत: कुछ ऊँचाई पर जाते हुए एक बम वर्षक विमान को पृथ्वी पर किसी लक्ष्य पर बम मारने के लिए बम तब गिराना चाहिए जब वह
(i) लक्ष्य के ठीक ऊपर है।
(ii) लक्ष्य से आगे निकल जाता है।
(iii) लक्ष्य के पीछे है।
(iv) उपर्युक्त तीनों सही हैं।
उत्तर:
(iii) लक्ष्य के पीछे है।

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प्रश्न 5:
प्रक्षेप्य पथ के उच्चतम बिन्दु पर त्वरण का मान होता है।
(i) अधिक
(ii) न्यूनतम
(iii) शून्य
(iv) g के बराबर
उत्तर:
(iv) g के बराबर

प्रश्न 6:
प्रक्षेप्य गति में उच्चतम बिन्दु पर वेग है।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 41
उत्तर:
(ii) u cosθ

प्रश्न 7:
एक प्रक्षेप्य गतिज ऊर्जा K से प्रक्षेपित किया जाता है। यदि यह अधिकतम परास तक जाए तो इसकी अधिकतम ऊँचाई पर गतिज ऊर्जा होगी
(i) 0.25K
(ii) 0.5K
(iii) 0.75K
(iv) 1.0K
उत्तर:
(ii) 0.5K

प्रश्न 8:
एक प्रक्षेप्य का प्रारम्भिक वेग v = (3[latex]\hat { i }[/latex] +4[latex]\hat { j }[/latex]) मी/से है। महत्तम ऊँचाई पर इसका वेग होगा।
(i) 3 मी/से
(ii) 4 मी/से
(iii) 5 मी/से
(iv) शून्य
उत्तर:
(iii) 5 मी/से

प्रश्न 9:
जब किसी वस्तु को महत्तम परास (maximum range) वाले कोण से फेंका जाता है। तब उसकी गतिज ऊर्जा है। अपने पथ की महत्तम ऊँचाई वाले बिन्दु पर उसकी क्षैतिज गतिज ऊर्जा है।
(i) E
(ii) E/2
(iii) E/3
(iv) शून्य
उत्तर:
(ii) E/2

प्रश्न 10:
30° कोण पर झुके नत समतल के निचले सिरे पर एक कण प्रक्षेपित किया जाता है। क्षैतिज . से किस कोण 80 पर कण प्रक्षेपित किया जाये ताकि वह नत समतल पर अधिकतम परास में किया , प्राप्त कर सके?
(i) 45°
(ii) 53°
(iii) 75°
(iv) 60°
उत्तर:
(iii) 75°

प्रश्न 11:
क्रिकेट का कोई खिलाड़ी किसी गेंद को पृथ्वी पर अधिकतम 100 मीटर क्षैतिज दूरी तक फेंक सकता है। वह खिलाड़ी उसी गेंद को पृथ्वी से ऊपर जिस अधिकतम ऊँचाई तक फेंक सकता है, है।
(i) 100 मीटर
(ii) 50 मीटर
(iii) 25 मीटर
(iv) 15 मीटर
उत्तर:
(ii) 50 मीटर है

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प्रश्न 12:
एक प्रक्षेप्य को क्षैतिज परास, उसकी अधिकतम प्राप्त ऊँचाई का चार गुना है। क्षैतिज से इसका प्रक्षेप्य कोण होगा
(i) 30°
(ii) 60°
(iii) 45°
(iv) 90°
उत्तर:
(iii) 45°

प्रश्न 13:
अधिकतम परास के लिए किसी कण का प्रक्षेपण कोण होना चाहिए
(i) क्षैतिज से 0° के कोण पर
(ii) क्षैतिज से 60° के कोण पर
(iii) क्षैतिज से 30°के कोण पर
(iv) क्षैतिज से 450 के कोण पर
उत्तर:
(iv) क्षैतिज से 450 के कोण पर

प्रश्न 14:
एक गेंद किसी मीनार की चोटी से 60° कोण पर (ऊध्र्वाधर से) प्रक्षेपित की जाती है।इसके वेग का ऊर्ध्व घटक
(i) लगातार बढ़ता जायेगा
(ii) लगातार घटता जायेगा
(iii) अपरिवर्तित रहेगा
(iv) पहले घटता है तथा फिर बढ़ता है।
उत्तर:
(iv) पहले घटता है तथा फिर बढ़ता है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
प्रक्षेप्य गति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब किसी पिण्डे को एक प्रारम्भिक वेग से ऊध्र्वाधर दिशा से भिन्न किसी दिशा में फेंका जाता है। तो उस पर गुरुत्वीय त्वरण सदैव ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर लगता है तथा पिण्ड ऊध्र्वाधर तल में एक वक्र पथ पर गति करता है। इस गति को प्रक्षेप्य गति कहते हैं।

प्रश्न 2:
प्रक्षेप्य गति किस प्रकार की गति है-एकविमीय अथवा द्विविमीय?
उत्तर:
प्रक्षेप्य गति द्विविमीय गति है।

प्रश्न 3:
क्षैतिज से किसी कोण पर ऊर्ध्वाधर तल में प्रक्षेपित पिण्ड का पथ कैसा होता है?
उत्तर:
परवलयाकार।

प्रश्न 4:
प्रक्षेप्य-पथ किस प्रकार का होता है? क्या यह पथ ऋजुरेखीय हो सकता है?
उत्तर:
प्रक्षेप्य-पथ परवलयाकार होता है। प्रक्षेप्य-पथ ऋजुरेखीय नहीं हो सकता।

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प्रश्न 5:
“पृथ्वी से छोड़े गये प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है। प्रक्षेप्य की चाल पथ के उच्चतम बिन्दु पर न्यूनतम होगी।” समझाइए कि यह कथन सत्य है या असत्य।
उत्तर:
यह कथन सत्य है, क्योंकि उच्चतम बिन्दु पर प्रक्षेपण वेग का ऊर्ध्व घटक शून्य हो जाता है तथा क्षैतिज घटक अपरिवर्तित रहता है।

प्रश्न 6:
प्रक्षेपण पथ के किस बिन्दु पर चाल निम्नतम होती है तथा किस बिन्दु पर अधिकतम?
उत्तर:
उच्चतम बिन्दु पर चाल निम्नतम तथा प्रक्षेपण बिन्दु पर चाल अधिकतम होती है।

प्रश्न 7:
प्रक्षेपण पथ के उच्चतम बिन्दु पर प्रक्षेप्य की गति की दिशा क्षैतिज क्यों हो जाती है?
उत्तर:
क्योंकि उच्चतम बिन्दु पर प्रक्षेप्य के वेग का ऊर्ध्व घटक शून्य हो जाता है। इसमें केवल क्षैतिज घटक ही रह जाने के कारण प्रक्षेप्य की गति की दिशा प्रक्षेपण पथ के उच्चतम बिन्दु पर क्षैतिज हो जाती है।

प्रश्न 8:
प्रक्षेप्य-पथ के उच्चतम बिन्दु पर वेग व त्वरण की दिशाओं के बीच कितना कोण होता है?
उत्तर:
90°

प्रश्न 9:
किसी प्रक्षेप्य द्वारा महत्तम ऊँचाई के लिए सूत्र लिखिए।
उत्तर:
HM = u sin² θ0/2g, जहाँ u0 = प्रक्षेपण वेग,
θ0= प्रक्षेपण कोण तथा g = गुरुत्वीय त्वरण

प्रश्न 10:
प्रक्षेप्य के क्षैतिज परास का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 11:
प्रक्षेप्य के उड्डयनकाल (T) की परिभाषा एवं सूत्र लिखिए।
उत्तर:
जितने समय में पिण्ड प्रक्षेपण बिन्दु से उच्चतम बिन्दु तक पहुँचकर अपने परवलय पथ द्वारा प्रक्षेपण-बिन्दु की सीध में नीचे आता है, उसे पिण्ड का उड्डयनकाल कहते हैं।
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प्रश्न 12:
वायु के प्रतिरोध का प्रक्षेप्य के उड्डयन काल तुथा परास पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
वायु के प्रतिरोध से उड्डयन काल बढ़ जाता है तथा परास घट जाता हैं।

प्रश्न 13:
एक वस्तु को क्षैतिज से θ कोण पर [latex]\xrightarrow { U }[/latex] वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। उन दो राशियों के नाम बताइए जो नियत रहती हैं।
उत्तर:
वेग का क्षैतिज घटक = u cos θ तथा ऊर्ध्व दिशा में त्वरण [latex]\xrightarrow { g }[/latex] के नीचे की ओर।

प्रश्न 14:
एक खिलाड़ी गेंद को क्षैतिज से किस झुकाव पर फेंके कि गेंद अधिकतम दूरी तक जाए?
उत्तर:
45°.

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
एक प्रक्षेप्य (गेंद) पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र में क्षैतिज से θ कोण पर u वेग से फेंका जाता है। प्रक्षेप्य का उड्डयनकाल तथा क्षैतिज परास ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रक्षेप्यका उडड्यनकाल:
पिण्ड को प्रक्षेपण बिन्दु O से अधिकतम ऊँचाई के बिन्दु तक जाकर पुनः क्षैतिज के अन्य बिन्दु C तक आने लगे समय को उड्डयन काल कहते हैं। इसे प्राय: T से व्यक्त करते हैं।
माना पिण्ड अपने पथ के उच्चतम बिन्दु P तक पहुँचने में t समय लेता है। (UPBoardSolutions.com) P पर पिण्ड का अन्तिम ऊर्ध्वाधर वेग शून्य है। अतः νy = 0; गति के प्रथम समीकरण) ν = u+ at में ν= νy = 0, u= uy = = u sin θ0 तथा 4 के स्थान पर (- g) रखकर ‘t’ के मान की गणना कर सकते हैं।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 44
पिण्ड उच्चतम बिन्दु P परे, पहुँचकर अपने परवलयाकार गमन पथ द्वारा नीचे आने लगता है, जितने समय में पिण्ड बिन्दु ० से उच्चतम बिन्दु P तक जाता है उतने ही समय में वह बिन्दु P से C तक लौटता है जो कि बिन्दु 0 की ठीक सीध में है। अतः पिण्ड को उड्डयन काल
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 45
प्रक्षेप्य का क्षैतिज परास:
प्रक्षेप्य अपने उड्डयन काल में जितनी क्षैतिज दूरी तय करता है उसे प्रक्षेप्य की परास कहते हैं। इसे प्राय: R से व्यक्त करते हैं।
चित्र 4.11 से क्षैतिज परास OC=( क्षैतिज वेग) x (उड्डयन काल)
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 46
समीकरण (1) से स्पष्ट है कि अधिकतम क्षैतिज परास के लिए, sin 2θ0 =1 अर्थात् 2θ0 = 90° अथवा θ0 = 45°, अतः पिण्डे का अधिकतम परास प्राप्त करने के लिए पिण्ड को 45° पर प्रक्षेपित किया जाना चाहिए। इस दशा में
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 47
यही कारण है कि पृथ्वी पर लम्बी कूद (long jump) करने वाला खिलाड़ी पृथ्वी से 45° के कोण पर उछलता है।
सूत्र (2) में यदि θ0 के स्थान पर (90°-θ0) रखें, तब
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 48
इससे स्पष्ट है कि पिण्ड को चाहे θ0 कोण पर प्रक्षेपित करें अथवा (90° – θ0) कोण पर, दोनों दशाओं में क्षैतिज परास R वही रहती है।

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प्रश्न 2:
एक पत्थर पृथ्वी तल से क्षैतिज से 30° कोण पर 49 मी/से के वेग से फेंका जाता है। इसका उड्डयन काल तथा क्षेतिज परास ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, प्रक्षेप्य कोण θ0= 30°
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 49

प्रश्न 3:
एक प्रक्षेप्य का प्रारम्भिक वेग (3[latex]\hat { i }[/latex] +4[latex]\hat { j }[/latex]) मी/से है। इसकी महत्तम ऊँचाई तथा क्षैतिज परांस ज्ञात कीजिए। (g=10 मी/से²)
हल:
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 50

प्रश्न 4:
एक व्यक्ति 2 किग्रा एवं 3 किग्रा के दो गोले समान वेग से क्षैतिज से समान झुकाव कोण पर फेंकता है। बताइए कौन-सा गोला पृथ्वी पर पहले पहुँचेगा? यदि गोले भिन्न-भिन्न वेगों से फेंके जाएँ तब कौन-सा पहले पहुँचेगा?
उत्तर:
प्रक्षेप्य का उड्डयन काल
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सूत्र से स्पष्ट है कि उड्डयन काल प्रक्षेपित पिण्ड के द्रव्यमान पर (UPBoardSolutions.com) निर्भर नहीं करता। अतः दोनों गोले पृथ्वी पर एक साथ पहुंचेंगे। उड्डयन काल प्रक्षेपण वेग u0 पर निर्भर करता है तथा T α uo। अत: जिस गोले का प्रक्षेपण वेग कम है, वह पहले पृथ्वी पर पहुँचेगा।

प्रश्न 5:
पृथ्वी के गुरुत्व के अन्तर्गत गति करते हुए किसी प्रक्षेप की महत्तऊँचाई यदि h हो, तो सिद्ध कीजिए कि उसका प्रक्षेपण वेग [latex]\frac{\sqrt{2 g h}}{\sin \theta}[/latex] होगा, जबकि θ प्रक्षेपण कोण है।
उत्तर:
गति के तृतीय समीकरण से, प्रक्षेप्य की ऊर्ध्वाधर गति के लिए।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 52
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 53

प्रश्न 6:
एक पुल से एक पत्थर क्षैतिज से नीचे की ओर 30° के कोण पर 25 मी/से के वेग से फेंका जाता है। यदि पत्थर 2.5 सेकण्ड में जल से टकराता है तो जल के पृष्ठ से पुल की ऊँचाई ज्ञात कीजिए। पत्थर का क्षैतिज परास भी ज्ञात कीजिए। (g = 98 मी/से²)
हल:
∵ प्रक्षेपण बिन्दु पर प्रक्षेपण के क्षण नीचे की ओर पत्थर का वेग
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प्रश्न 7:
एक पत्थर 10 मी/से के वेग से क्षैतिज के साथ 30° के कोण पर एक मीनार की चोटी से ऊपर की ओर फेंका जाता है। 5-सेकण्ड के उपरान्त वह जमीन से टकराता है। जमीन से मीनार की ऊँचाई और पत्थर के क्षैतिज परास की गणना कीजिए। (g = 10 मी/से²)
हल:
प्रक्षेपण बिन्दु पर प्रक्षेपण के समय पत्थर का वेग = u sinθ
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प्रश्न 8:
एक मीनार की चोटी से एक गेंद क्षैतिज से ऊपर 10 मीटर/सेकण्ड के प्रारम्भिक वेग से ऊध्र्वाधर से 60° का कोण बनाते हुए फेंकी जाती है। वह मीनार के आधार से 10√3 मीटर की दूरी पर पृथ्वी पर टकराती है। मीनार की ऊँचाई ज्ञात कीजिए। (मान लीजिए g = 10 मीटर/सेकण्ड²)।
हल:
गेंद को प्रक्षेप्य कोण θ0 = 90° – 60° = 30° तथा प्रक्षेप्य वेग u= 10 मीटर/सेकण्ड। प्रक्षेप्य वेग को क्षैतिज तथा ऊर्ध्व घटकों में वियोजित करने पर,
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 56
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 57

प्रश्न 9:
एक मीनार की चोटी से एक गेंद को 15 मीटर/सेकण्डनियत क्षैतिज वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। 4 सेकण्ड पश्चात गेंद का विस्थापन ज्ञात कीजिए तथा सदिश आरेख भी खींचिए। (g = 10 मीटर/सेकण्ड²)
हल:
दिया है, ux = 15 मीटर/सेकण्ड, t = 4 सेकण्ड
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 58

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प्रश्न 10:
प्रक्षेप्य,पथ के परवलयाकार होने के प्रतिबन्ध बताइए।
उत्तर:
प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होने के प्रतिबन्ध-प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार तभी हो सकता है, जबकि उक्त प्रतिबन्ध सन्तुष्ट हो। इसके लिए निम्नलिखित प्रतिबन्ध आवश्यक हैं
1. प्रक्षेप्य द्वारा प्राप्त ऊँचाई बहुत अधिक नहीं होनी चाहिए अन्यथा ४ को परिमाण बदल जाएगा।
2. प्रक्षेप्य का परास बहुत अधिक नहीं होना चाहिए अन्यथा ४ की दिशा परिवर्तित हो जाएगी।
3. प्रक्षेप्य का प्रारम्भिक वेग कम होना चाहिए जिससे कि वायु का प्रतिरोध नगण्य रहे। उपर्युक्त प्रतिबन्धों के सन्तुष्ट होने पर ही प्रक्षेप्य पथ एक परवलय रहेगा अन्यथा बदल जाएगा।

Projectile Motion Calculator · Initial velocity in meter per second · Angle of the initial velocity from horizontal plane.

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
प्रक्षेप्य गति से क्या तात्पर्य है? दर्शाइए कि प्रक्षेप्य गति में पथ के उच्चतम बिन्दु पर पिण्ड के वेग तथा त्वरण एक-दूसरे के लम्बवत होते हैं।
उत्तर:
प्रक्षेप्य गति- “जब किसी पिण्ड को पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र में, किसी प्रारम्भिक वेग से ऊध्र्वाधर दिशा से भिन्न दिशा में फेंका जाता है तो पिण्ड गुरुत्वीय त्वरण के अन्तर्गत ऊर्ध्वाधर तल में एक वक्र पथ पर गति करता है। पिण्ड़ की इस गति को प्रक्षेप्य गति (Projectile motion) कहते हैं तथा पिण्ड द्वारा तय किए गए पथ को प्रक्षेप्य पथ (trajectory) तथा फेंके गए पिण्ड को प्रक्षेप्य (Projectile) कहते हैं।”

उदाहरण:
छत से फेंकी गई गेंद की गति, हवाई जहाज से गिराए गए बम की गति, तोप से छूटे गोले की गति, भाला फेंक (javelin throw) में भाले की गति, बल्ले से मारने पर गेंद की गति तथा एकसमान ‘ विद्युत क्षेत्र में उसके लम्बवत् प्रवेश करने वाले किसी आवेशित कण की गति आदि प्रक्षेप्य गति के ही उदाहरण हैं।

प्रक्षेप्य का कोणीय प्रक्षेपण:
माना किसी प्रक्षेप्य को प्रारम्भिक वेग u से क्षैतिज से θ कोण पर प्रक्षेपित किया गया है।
प्रक्षेप्य के प्रारम्भिक वेग का घटक (ux) = u cos θ
तथा ऊध्र्वाधर घटक (uy) = u sin θ
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 59
यदि वायु के प्रतिरोध को नगण्य मान लिया जाए, तो पिण्ड पर क्षैतिज दिशा में कोई बल नहीं लगेगा। अतः, क्षैतिज दिशा में पिण्ड का त्वरण भी शून्य होगा और इसलिए क्षैतिज दिशा में पिण्ड का वेग अपरिवर्तित रहेगा। इसके विपरीत पिण्ड पर गुरुत्वीय त्वरण ऊध्र्वाधरतः नीचे की ओर क्रिया करेगा।
क्षैतिज दिशा में, ax = 0 तथा ऊध्र्वाधर दिशा में, ay =-g
t समय बाद क्षैतिज गति के लिए समीकरण s = ut + [latex]\frac { 1 }{ 2 }[/latex] at² का प्रयोग करने पर तय की गई दूरी,
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 60
इस प्रकार, प्रक्षेप्य गति में वेग का क्षैतिज घटक (ux = u cos θ) सम्पूर्ण गति में अपरिवर्तित रहता है, जबकि वेग को ऊर्ध्वाधर घटक (uy = u sin θ) निरन्तर परिवर्तित होता रहता है तथा पथ के उच्चतम बिन्दु पर इसका मान शून्य हो जाता है। अत: उच्चतम बिन्दु पर वेग का मान न्यूनतम ucosθ हो जाता है, जिसकी दिशा, क्षैतिज होती है तथा त्वरण g की दिशा ऊध्र्वाधर दिशा में नीचे की ओर होती है। इस प्रकार पथ के उच्चतम बिन्दु पर वेग तथा त्वरण के बीच का कोण 90° होता है।

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प्रश्न 2:
यदि कोई प्रक्षेप्य गुरुत्वीय क्षेत्र में क्षैतिज से θ कोण पर u वेग से प्रक्षेपित किया जाता है, तो सिद्ध कीजिए कि प्रक्षेप्य-पथ एक परवलय होगा।
या
सिद्ध कीजिए कि प्रक्षेप्य-पथ परवलयाकार होता है।
उत्तर:
प्रक्षेप्य का पथ:
माना पृथ्वी तल के किसी बिन्दू O से एक पिण्ड को क्षैतिज से θ कोण पर प्रक्षेप्य वेग u से ऊध्र्वाधर तल में प्रक्षेपित किया जाता है (चित्र 4.15)। माना बिन्दु O मूलबिन्दु है तथा प्रक्षेप्य के ऊर्ध्वाधर समतल में बिन्दु0 से गुजरने वाली क्षैतिज तथा ऊध्र्वाधर रेखाएँ क्रमश: X तथा Y-अक्ष हैं।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 61
प्रारम्भिक प्रक्षेप्य वेग u को क्षैतिज (Ox के अनुदिश) तथा ऊध्र्वाधर (OY के अनुदिश) घटकों में वियोजित करने पर,
क्षैतिज घटक ux = u cos θ
तथा , ऊध्र्वाधर, घटक uy = u sinθ
प्रक्षेपित पिण्ड गुरुत्वीय त्वरण g के अन्तर्गत गति करता है। चूंकि g का मान स्थिर है तथा यह सदैव ऊध्र्वाधर दिशा में नीचे की ओर कार्य करता है; अतः पिण्ड के क्षैतिज वेग ॥ पर गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। माना पिण्ड पर वायु का अवरोध नगण्य है तो पिण्ड का क्षैतिज वेग ux(= u cos θ) पूरी गति के दौरान अपरिवर्तित रहेगा, परन्तु पिण्ड के वेग का ऊर्ध्व घटक uy(= u sin θ) का मान गुरुत्वीय त्वरण g के कारण लगातार बदलता रहेगा। इस प्रकार, क्षैतिज दिशा में, प्रारम्भिक वेग ux = u cos तथा त्वरण ax = 0
तथा ऊर्ध्वाधर दिशा में, प्रारम्भिक वेग uy = u sin θ तथा त्वरण ay= – g
माना t समय में पिण्ड बिन्दु (x, y) पर पहुँच जाता है, तब
t समय में पिण्ड का क्षैतिज विस्थापन = x
तथा ऊध्र्वाधर विस्थापन = y
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यह समीकरण y = bx-cx² के स्वरूप को है जो एक परवलय को प्रदर्शित करता है; अतः पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रक्षेपित पिण्ड का प्रक्षेप्य-पथ परवलयाकार होता है। इस कथन को सर्वप्रथम गैलीलियो ने सिद्ध किया था।

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प्रश्न 3:
सिद्ध कीजिए कि एक ही वेगu से क्षैतिज से θ तथा (90° -θ ) कोणों पर किसी प्रक्षेप्य को फेंकने पर प्रक्षेप्य समान परास प्राप्त करता है। यदि इन दो दिशाओं में प्रक्षेप्य के उड्डयन  काल क्रमश:TतथाT’ हों तथा प्राप्त महत्तम ऊँचाइयाँ क्रमशः h वh’ हों, तो सिद्ध कीजिए कि
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उत्तर:
एक ही पास के लिए दो प्रक्षेपण कोण–माना कि प्रक्षेप्य θ व (90° – θ) कोणों पर फेंके जाने पर क्रमशः R व R’ परास प्राप्त करता है तब
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 65
इससे स्पष्ट है कि गेंद को चाहे से कोण पर प्रक्षेपित करें अथवा (90° – θ) कोण पर, दोनों दशाओं में क्षैतिज परास R का मान वही रहता है।
उदाहरण:
एक खिलाड़ी फुटबॉल को चाहे क्षैतिज से 30° के कोण पर ‘किक’ करे अथवा 90° – 30° = 60° के कोण पर फुटबॉल पृथ्वी पर दोनों स्थितियों में एक ही स्थान पर गिरेगी।
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प्रश्न 4:
“किसी ऊँचाई से पृथ्वी के समान्तर प्रक्षेपित पिण्ड का पथ भी परवलयाकार होता है।” सिद्ध कीजिए। पिण्ड के उड्डयन काल तथा क्षैतिज परास का व्यजंक स्थापित कीजिए।
उत्तर:
किसी ऊँचाई से पृथ्वी के समान्तर प्रक्षेपित । पिण्ड का पथ- चित्र 4.16 में पृथ्वी तल से H ऊँचाई पर स्थित कोई बिन्दु O है, जहाँ से कोई पिण्ड (प्रक्षेप्य) क्षैतिज दिशा OX में अर्थात् पृथ्वी के समान्तर प्रारम्भिक वेग 06 से प्रक्षेपित किया गया है। YOY’ बिन्दु O से गुजरती पृथ्वी के लम्बवत् रेखा है। अतः O को मूलबिन्दु मानते हुए प्रारम्भ में अर्थात् किसी क्षण t पर X0 = 0 तथा y0 = 0. क्षैतिज दिशा में पिण्ड पर कोई त्वरण कार्य नहीं करता है अर्थात् aX = 0, इसलिए इस दिशा में प्रक्षेप्य का वेग ν0 नियत रहता है। ऊध्र्वाधरत: नीचे की ओर पिण्ड का त्वरण aY = – g.
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 68
माना प्रक्षेपित किए जाने के समय पश्चात् अर्थात् क्षण ।
पर पिण्ड प्रक्षेप्य पथ के बिन्दु P पर है जिसके निर्देशांक (x, -y) हैं अर्थात् पिण्ड ने नियत ν0 वेग से T समय में क्षैतिज दूरी X तय की है तथा गुरुत्व के अन्तर्गत aY = – g त्वरण से स्वतन्त्रतापूर्वक नीचे की ओर t समय में -y दूरी तय की है। चूंकि (ν0 )y = 0 पर पिण्ड का सम्पूर्ण वेग क्षैतिज दिशा में था; इसलिए इस क्षण ऊध्वधरतः नीचे की ओर प्रारम्भिक वेग (ν0 )y= 0 तथा (ν0 )x = ν0 .
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इस समीकरण में (g/2v02)= नियतांक अर्थात् समीकरण (3) y = kx2 (जहाँ k= g/2ν02) एक परवलय की प्रदर्शित करती है। अतः सिद्ध होता है कि पृथ्वी से किसी ऊँचाई से क्षैतिज दिशा में प्रक्षेपित पिण्ड का पथ भी परवलयाकार होता है।

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उड्डयन काल तथा क्षैतिज परास:
पिण्ड द्वारा O से Q तक पहुँचने में लिया गया समय उड्डयन काल T; होगा तथा इस समय में पिण्ड द्वारा तय की गयी क्षैतिज दूरी OQ= R क्षैतिज परास होगी। इस समय में पिण्ड स्वतन्त्रतापूर्वक [अर्थात् (v0)Y = 0] ऊर्ध्वाधरतः नीचे की ओर y = – H दूरी पर गिरता है।
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प्रश्न 5:
एक पत्थर मीनार की चोटी से क्षैतिज से 30° का कोण बनाता हुआ 16 मी/से के वेग से ऊपर की ओर फेंका जाता है। उड़ान के 4 सेकण्ड पश्चात् यह पृथ्वी तल पर टकराता है। पृथ्वी से मीनार की ऊँचाई तथा पत्थर का क्षैतिज परास ज्ञात कीजिए। (g = 9.8 मी/से²)।
हल:
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UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 72

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प्रश्न 6:
10 मी ऊँची मीनार की चोटी से एक गेंद क्षैतिज से 30° के कोण पर ऊपर की ओर किस | वेग से फेंकी जाए कि गेंद मीनार के आधार से 17.3 मी की दूरी पर जाकर पृथ्वी तल से टकराए? (g= 10 मी/से²)
हल:
दिया है, h = 10 मी, 8 = 30°, R = 17.3 मी
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane 73

We hope the UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane ( समतल में गति) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Motion in a plane ( समतल में गति) drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 1 Physical World

UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 1 Physical World (भौतिक जगत)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 Physics. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 1 Physical World (भौतिक जगत).

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1:
विज्ञान की प्रकृति से सम्बन्धित कुछ अत्यन्त पारंगत प्रकथन आज तक के महानतम वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइन्स्टाइन द्वारा प्रदान किए गए हैं। आपके विचार से आइन्स्टाइन को उस समय क्या तात्पर्य था, जब उन्होंने कहा था-“संसार के बारे में सबसे अधिक अबोधगम्य विषय यह है कि यह बोधगम्य है?”
उत्तर:
हमारे चारों ओर, उपस्थित ब्रह्माण्ड अत्यन्त जटिल है तथा इसमें होने वाली परिघटनाएँ भी अत्यन्त जटिल हैं, परन्तु विज्ञान के अनेक नियम ऐसे हैं जो इन सभी परिघटनाओं की व्याख्या करने में पूर्णतः समर्थ हैं। अतः जब कोई घटना हम पहली बार देखते या सुनते हैं, वह अबोधगम्य होती है, परन्तु जब हम उस घटना से सम्बन्धित सिद्धान्त, नियम, तथ्य आदि का गहन विश्लेषण करते हैं तो वह घटना हमारे लिए बोधगम्य हो जाती है। अत: (UPBoardSolutions.com) भौतिक जगत से सम्बद्ध प्रत्येक तथ्य की सुस्पष्ट व्याख्या विज्ञान विषय में उपलब्ध है। जब हमारी जिज्ञासु प्रवृत्ति किसी तथ्य से सम्बद्ध वैज्ञानिक दृष्टिकोण जानना चाहती है तो हम उसे जान लेते हैं जिससे जटिल से जटिल परिघटना भी हमारे लिए आश्चर्य का कारण नहीं बनती; अतः आइन्स्टाइन का यह कथन तर्कसंगत है।

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प्रश्न 2:
“प्रत्येक महान भौतिक सिद्धान्त अपसिद्धान्त से आरम्भ होकर धर्मसिद्धान्त के रूप में  समाप्त होता है।” इस तीक्ष्ण टिप्पणी की वैधता के लिए विज्ञान के इतिहास से कुछ उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
पारम्परिक रूढ़िवादी विचारधारा के विरोध में प्रगट किया गया मत मात्र किवदन्ती माना जाता है। और सर्वमान्य र्निविरोध माना जाने वाला तथ्य नियम होता है। कोपरनिकसे का जिओसैन्ट्रिक सिद्धान्त प्रारम्भ में एक किवदन्ती के रूप में चर्चा का विषय बना, किन्तु टाइकोब्राहं तथा जॉन्स कैपलर द्वारा प्रतिपादित और समर्पित पाये जाने के उपरान्त उसको सर्वमान्य रूप से मान लिया गया। अत: यह नियम बन गया।

प्रश्न 3:
“सम्भव की कला ही राजनीति है।” इसी प्रकार “समाधान की कला ही विज्ञान है।” विज्ञान की प्रकृति तथा व्यवहार पर इस सुन्दर सूक्ति की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
राजनीति में सब कुछ सम्भव होता है। राजनीतिज्ञ अवसरवादी होते हैं। उनकी न कोई आचार संहिता होती है, न कोई नियम और न कोई उसूल। उनका एकमात्र लक्ष्य सत्ता में बना रहना होता है, साधन चाहे उचित हो अथवा अनुचित। किन्तु वैज्ञानिक घटनाओं का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करता है। समंक व । संकलित करता है तथा उनका विश्लेषण करता है और प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर नियमों का प्रतिपादन करता है। इस प्रकार यह प्रकृति के रहस्यों का उद्घाटन करता है। उसका एकमात्र ध्येय नियमों का पालन तथा प्रतिपादन करना होता है।

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प्रश्न 4:
यद्यपि अब भारत में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का विस्तृत आधार है तथा यह तीव्रता से फैल भी रहा है, परन्तु फिर भी इसे विज्ञान के क्षेत्र में विश्व नेता बनने की अपनी क्षमता को कार्यान्वित करने में काफी दूरी तय करनी है। ऐसे कुछ महत्त्वपूर्ण कारक लिखिए जो आपके विचार से भारत में विज्ञान के विकास में बाधक रहे हैं?
उत्तर:
आज भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विश्व में अपना स्थान बना चुका है और उसके पास अपना एक विस्तृत आधार है। चाहे वह मानव संसाधन, सूचना प्रौद्योगिकी, रॉके , आयुर्विज्ञान, परिवहन, रक्षायन्त्र, नाभिकीय विज्ञान, अनुसन्धान और बायोटेक्नोलॉजी तथा (UPBoardSolutions.com) इंजीनियरिंग कोई भी क्षेत्र क्यों न हो लेकिन फिर भी कुछ कारण ऐसे हैं जिनसे यह विश्व में आज भी एकमान्य वैज्ञानिक शक्ति नहीं है, जिसके निम्नलिखित कारण हैं

  1.  विज्ञान प्रबन्धन पर नौकरशाही का कब्जा है।
  2.  अनुसन्धान तथा प्रौद्योगिकी में सामंजस्य का अभाव होता है।
  3.  भारत में कुछ मूलभूत सुविधाओं की कमी।
  4. वैज्ञानिकों के लिए रोजगार के सीमित अवसरों की उपलब्धि।
  5. इस देश में प्रारम्भिक अनुसन्धान के लिए प्रचुर धन की आवश्यकता।

प्रश्न 5:
किसी भी भौतिक विज्ञानी ने इलेक्ट्रॉन के कभी भी दर्शन नहीं किए हैं, परन्तु फिर भी सभी भौतिक विज्ञानियों का इलेक्ट्रॉन के अस्तित्व में विश्वास है। कोई बुद्धिमान, परन्तु अन्धविश्वासी व्यक्ति इसी तुल्यरूपता को इस तर्क के साथ आगे बढ़ाता है कि यद्यपि किसी ने देखा नहीं है, परन्तु भूतों का अस्तित्व है। आप इस तर्क का खण्डन किस प्रकार करेंगे?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति की मान्यता के आधार पर अनेक घटनाएँ घटित होती देखी गयी हैं और घटित भी की जा रही हैं। इसके सम्बन्ध में कुछ सिद्धान्त प्रतिपादित किये गये तथा उनको प्रायोगिक रूप में सिद्ध पाया गया किन्तु भूत की उपस्थिति सिद्ध करने के लिए न तो कोई प्रायोगिक प्रमाण मिला है और न ही तत्सम्बन्धी कोई घटना भी अवलोकित हुई है जिससे इसकी उपस्थिति सिद्ध हो सके। यह एक केवल कल्पना : मात्र तथा अंधविश्वास है।

प्रश्न 6:
जापान के एक विशेष समुद्र तटीय क्षेत्र में पाए जाने वाले केकड़े के कवचों (खोल) में से अधिकांश समुरई के अनुश्रुत चेहरे से मिलते-जुलते प्रतीत होते हैं। नीचे इस प्रेक्षित तथ्य की दो व्याख्याएँ दी गई हैं। इनमें से आपको कौन-सा वैज्ञानिक स्पष्टीकरण लगता है?
(i) कई शताब्दियों पूर्व किसी भयानक समुद्री दुर्घटना में एक युवा समुरई डूब गया। उसकी बहादुरी के लिए श्रद्धांजलि के रूप में प्रकृति ने अबोधगम्य ढंगों द्वारा उसके चेहरे को केकड़े के कवचों पर अंकित करके उसे उस क्षेत्र में अमर बना दिया।
(ii) समुद्री दुर्घटना के पश्चात उस क्षेत्र के मछुआरे अपने मृत नेता के सम्मान में सद्भावना प्रदर्शन के लिए, उस हर केकड़े के कवच को जिसकी आकृति संयोगवश समुरई से मिलती-जुलती प्रतीत होती थी, उसे वापस समुद्र में फेंक देते थे। परिणामस्वरूप केकड़े के कवचों की इस प्रकार की विशेष आकृतियाँ अधिक समय तक विद्यमान रहीं और इसीलिए कालान्तर में इसी आकृति का आनुवंशतः जनन हुआ। यह कृत्रिम वरण द्वारा विकास का एक उदाहरण है।
(नोट : यह रोचक उदाहरण कार्ल सागन की पुस्तक “दि कॉस्मॉस’ से लिया गया है। यह इस (UPBoardSolutions.com) तथ्य पर प्रकाश डालता है कि प्रायः विलक्षण तथा अबोधगम्य तथ्य जो प्रथम दृष्टि में अलौकिक प्रतीत होते हैं वास्तव में साधारण वैज्ञानिक व्याख्याओं द्वारा स्पष्ट होने योग्य बन जाते हैं। इसी प्रकार के अन्य उदाहरणों पर विचार कीजिए।)
उत्तर:
प्रश्न में दिए गए दोनों कथनों

  1.  तथा
  2.  में से कथन
  3. प्रेक्षित तथ्य का वैज्ञानिक स्पष्टीकरण देने में पर्याप्त रूप से समर्थ है।

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प्रश्न 7:
दो शताब्दियों से भी अधिक समय पूर्व इंग्लैण्ड तथा पश्चिमी यूरोप में जो औद्योगिक क्रान्ति हुई थी उसकी चिंगारी का कारण कुछ प्रमुख वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक उपलब्धियाँ थीं। ये उपलब्धियाँ क्या थीं?
उत्तर:
जिन मुख्य उपलब्धियों के कारण औद्योगिक क्रान्ति का जन्म हुआ है वह निम्न प्रकार से हैं

  1.  विद्युत की खोज से ऊर्जा प्राप्ति डाइनमो तथा मोटर की रूपरेखा।
  2.  ऊष्मा और ऊष्मागतिकी पर आधारित इंजन का आविष्कार।
  3.  हाथ की अपेक्षा कपास से 300 गुना गति से बिनौले अलग करने वाली सूती मशीन।
  4.  विस्फोटकों की खोज से न केवल सैन्य बलों, अपितु खनिज दोहन में भी आशातीत सफलता प्राप्त हुई है।
  5.  लोहे को उच्च श्रेणी के स्टील में बदलने (UPBoardSolutions.com) वाली ब्लास्ट भट्टी।
  6.  गुरुत्व के अध्ययन से गोलों/तोपों/बन्दूकों से गोली की गति के अध्ययन की खोज।

प्रमुख वैज्ञानिकों के नाम की सूची निम्नवत् है

  1.  क्रिश्चन हाइगेन,
  2. गैलिलियो गैलिली,
  3.  माइकल फैराडे तथा
  4.  आइजक न्यूटन।

प्रश्न 8:
प्रायः यह कहा जाता है कि संसार अब दूसरी औद्योगिक क्रान्ति के दौर से गुजर रहा है, जो समाज में पहली क्रान्ति की भाँति आमूलचूल परिवर्तन ला देगी। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के उन प्रमुख समकालीन क्षेत्रों की सूची बनाइए जो इस क्रान्ति के लिए उत्तरदायी हैं।
उत्तर:
विज्ञान और तकनीक की उपलब्धियाँ जो औद्योगिक क्रान्ति लाने में सक्षम हैं, उनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं

  1. लेजर तकनीक जिसके द्वारा रक्तस्राव के बिना शल्य क्रिया सम्भव हो सकी है तथा जिसके द्वारा रॉकेट तथा उपग्रहों को नियन्त्रित किया जा सकता है।
  2.  सुपरकण्डक्टरों का निर्माण जिसके द्वारा कमरे के ताप पर विद्युत शक्ति बिना हानि के प्रेषित की जा सकती है।
  3.  कम्प्यूटर का बढ़ता हुआ प्रभाव और प्रयोग जिसने मानव की कार्यकुशलता कई गुनी बढ़ा दी है।
  4.  बायोटेक्नोलॉजी का अद्भुत विकास।

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प्रश्न 9:
बाईसवीं शताब्दी के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी पर अपनी निराधार कल्पनाओं को आधार मानकर लगभग 1000 शब्दों में कोई कथा लिखिए।
उत्तर:
आज हम सदर देशों की यात्रा वाययान, रेलमार्ग अथवा मोटरकार द्वारा करते हैं जो पेटोल अथवा डीजल से चलते हैं। बाईसवीं शताब्दी तक पहुँचते-पहुँचते हम दूर आकाश में स्थित ग्रहों तथा उपग्रहों की यात्रा कर सकेंगे जिनकी अनुमानित दूरी हजारों प्रकाश वर्ष से भी अधिक है। अनुमान है कि वे यान ईंधन रहित होंगे।
आज उपग्रह को स्थापित करने के लिए रॉकेट का प्रयोग आवश्यक है (UPBoardSolutions.com) और उसके लिए उपयुक्त प्लेटफॉर्म का होना भी आवश्यक है, किन्तु बाईसवीं शताब्दी के आते-आते विज्ञान की प्रगति उस अवस्था तक पहुँच जाएगी कि पृथ्वी से प्रेषित यानों को रिमोट कंट्रोल द्वारा संचालित किया जा सकेगा। यही नहीं आकाश में भ्रमण करती हुई कार्यशाला भी होगी जो किसी यान में त्रुटि आने पर उसकी आवश्यक देखभाल और मरम्मत भी कर सकेगी।

प्रश्न 10:
विज्ञान के व्यवहार पर अपने ‘नैतिक दृष्टिकोणों को रचने का प्रयास कीजिए। कल्पना कीजिए कि आप स्वयं किसी संयोगवश ऐसी खोज में लगे हैं जो शैक्षिक दृष्टि से रोचक है। परन्तु उसके परिणाम निश्चित रूप से मानव समाज के लिए भयंकर होने के अतिरिक्त कुछ नहीं होंगे। फिर भी यदि ऐसा है तो आप इस दविधा के हल के लिए क्या करेंगे?
उत्तर:
वैज्ञानिक का कार्य प्रकृति के सत्य की खोज करना और उसे फिर प्रकाशन माध्यम से संसार के सामने प्रस्तुत करना है। इसमें कोई भी सन्देह नहीं है कि एक ही खोज का प्रभाव मानव पर उत्थान और विनाश दोनों के लिये उपयोगी किया जा सकता है। यह बात वैज्ञानिक खोज के व्यावहारिक उपयोग करने वाले पर निर्भर है। यहाँ पर यह बात भी सम्भव हो सकती है कि जो खोज आज विनाशकारी है, वह आगे चलकर लाभकारी भी सिद्ध हो सकती है। यदि मैं एक वैज्ञानिक अन्वेषक हूँ और माना कि मैं स्टेम सेल पर कार्य कर रहा हूँ तो वैज्ञानिक आविष्कारक के रूप में मेरा दायित्व है कि उसके परिणाम समाज के सामने प्रस्तुत करू। राजनेता इसका उपयोग एक विशेष मानव जाति के विकास के लिए करते हैं या फिर डॉक्टर इसका उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार के लिए करते हैं, इस बात का ध्यान रखना मेरा कार्य नहीं है। आइस्टाइन ने E = mc² का सूत्र संसार को दिया लेकिन इसका उपयोग हिरोशिमा व नागासाकी पर परमाणु बम गिराने में होगा ऐसा उसने कभी भी नहीं सोचा था। आज यह समीकरण संसार में ऊर्जा उत्पादन के कार्य में लाई जा रही है, जो कि मानव कल्याण का कार्य ही है।

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प्रश्न 11:
किसी भी ज्ञान की भाँति विज्ञान का उपयोग भी, उपयोग करने वाले पर निर्भर करते हुए, अच्छा अथवा बुरा हो सकता है। नीचे विज्ञान के कुछ अनुप्रयोग दिए गए हैं। विशेषकर कौन-सा अनुप्रयोग अच्छा है, बुरा है अथवा ऐसा है कि जिसे स्पष्ट रूप से वर्गबद्ध नहीं किया जा सकता? इसके बारे में अपने दृष्टिकोणों को सूचीबद्ध कीजिए

  1.  आम जनता को चेचक के टीके लगाकर इस रोग को दबाना और अन्ततः इस रोग से जनता को मुक्ति दिलाना। (भारत में इसे पहले ही प्रतिपादित किया जा चुका है।)
  2.  निरक्षरता का विनाश करने तथा समाचारों एवं धारणाओं के जनसंचार के लिए टेलीविजन।
  3.  जन्म से पूर्व लिंग-निर्धारण।
  4. कार्यदक्षता में वृद्धि के लिए कम्प्यूटर।
  5. पृथ्वी के परितः कक्षाओं में मानव-निर्मित उपग्रहों की स्थापना।
  6. नाभिकीय शस्त्रों का विकास।
  7.  रासायनिक तथा जैव-युद्ध की नवीन तथा शक्तिशाली तकनीकों का विकास।
  8.  पीने के लिए जल का शोधन।
  9. प्लास्टिक शल्य क्रिया।
  10. क्लोनिंग।

उत्तर:

  1.  उत्तम-भारत देश इस संक्रामक रोग से पूर्णतया मुक्त हो चुका है।
  2. उत्तम-इसके द्वारा शिक्षा का प्रसार होता है एवं साथ ही मनोरंजन और ज्ञान में वृद्धि होती है।
  3.  इस ज्ञान का दुरुपयोग सम्भव है। बहुधा भ्रूण के कन्या होने पर (UPBoardSolutions.com) गर्भपात करा दिया जाता है जो भ्रूण हत्या है और सर्वथा अनुचित भी।।
  4. उत्तम-कार्यकुशलता बढ़ती है।
  5.  उत्तम-उपग्रह की स्थापना ने संचार व्यवस्था में क्रान्ति ला दी है।
  6.  अवांछित-ये सामूहिक विनाश का कारण होते हैं तथा इनके प्रयोग से जो विनाश का तांडव होता है उसका न तो अनुमान लगाया जा सकता है न
  7. इस पर कोई प्रतिबन्ध लगाया जा सकता है।
  8.  इनका प्रयोग मानवता के विपरीत है या कहिए अमानवीय है।
  9. श्रेष्ठ – शुद्ध पेयजल मिलने से अनेक रोगों की सम्भावना समाप्त हो जाती है।
  10.  उत्तम-विकृति दूर की जा सकती है।
  11. उत्तम-निस्संतान दंपत्ति लाभान्वित हो सकते हैं।

प्रश्न 12:
भारत में गणित, खगोलिकी, भाषा विज्ञान, तर्क तथा नैतिकता में महान विद्वत्ता की एक लम्बी एवं अटूट परम्परा रही है। फिर भी इसके साथ एवं समान्तर, हमारे समाज में बहुत से अन्धविश्वासी तथा रूढ़िवादी दृष्टिकोण व परम्पराएँ फली-फूली हैं और दुर्भाग्यवश ऐसा अभी भी हो रहा है और बहुत-से शिक्षित लोगों में व्याप्त है। इन दृष्टिकोणों का विरोध करने के लिए अपनी रणनीति बनाने में आप अपने विज्ञान के ज्ञान का उपयोग किस प्रकार करेंगे?
उत्तर:
भारत में रूढ़िवादिताएँ और अतार्किक कर्मकाण्ड काफी प्रचलित हैं। इनको समाज से हटाना कोई छोटा-सा सुगम मार्ग नहीं है। इन व्यवहारों को जन्म देने वाले कुछ कारण निम्नलिखित हैं

  1. समाज के बड़े भाग को शिक्षा से वंचित रखना।
  2.  लोगों में विज्ञान के प्रति ज्ञान का अभाव रहना।
  3. शासक तथा भूमि मालिकों का स्वार्थ।
  4.  जाति प्रथाः ।
  5.  दूसरों को अज्ञानी रखकर उन पर शासन करने की लालसा रखना।

ज्यादा-से-ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम, जैसे- रेडियो, टी०वी०, समाचार-पत्र, विज्ञान प्रदर्शनियाँ आदि के द्वारा विज्ञान एवं तकनीकी के विकास में लोगों की रुचि को जाग्रत करके व्यवहार को बदलने से अपने ध्येय की प्राप्ति हो सकती है। इससे लोग शिक्षित हो सकते हैं। (UPBoardSolutions.com) अभिभावकों को अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिये उन्हें स्कूल भेजने के लिये प्रेरित किया जाना चाहिए। भारत की बढ़ती हुई जनसंख्या पर नियन्त्रण पाने के लिये हमें वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाना अतिआवश्यक है। यह एक विस्फोटक स्थिति है। इससे लोगों में विज्ञान के प्रति विश्वास उत्पन्न होगा और विज्ञान के ज्ञान का सदुपयोग होगा।

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प्रश्न 13:
यद्यपि भारत में स्त्री तथा पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त हैं, फिर भी बहुत से लोग महिलाओं की स्वाभाविक प्रकृति, क्षमता, बुद्धिमत्ता के बारे में अवैज्ञानिक विचार रखते हैं। तथा व्यवहार में उन्हें गौण महत्त्व तथा भूमिका देते हैं। वैज्ञानिक तक तथा विज्ञान एवं अन्य क्षेत्रों में महान महिलाओं का उदाहरण देकर इन विचारों को धाराशायी कीजिए तथा अपने को स्वयं तथा दूसरों को भी समझाइए कि समान अवसर दिए जाने पर महिलाएँ पुरुषों के समकक्ष होती हैं।
उत्तर:
जन्म से पूर्व तथा जन्म के पश्चात् आहार के पोषक तत्वों का एक बड़ा भाग मानव-मस्तिष्क के विकास में योगदान करता है। यह मानव-मस्तिष्क स्त्री अथवा पुरुष किसी का भी हो सकता है। यदि हम स्त्रियों के प्राचीन इतिहास तथा वर्तमान स्थिति पर ध्यान केन्द्रित करें तो हम देखते हैं कि स्त्रियों की स्थिति सदैव सम्मानजनक रही है तथा उन्होंने अनेक उत्कृष्ट कार्य किए हैं। वे प्रत्येक कार्य में सक्षम हैं तथा किसी भी दशा में पुरुषों से कम नहीं हैं। जब्र कभी भी स्त्रियों को अवसर प्राप्त हुआ है, आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए हैं। झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, सती अनुसूया (महर्षि अत्रि की पत्नी), रानी कर्मावती, नूरजहाँ, श्रीमती सरोजिनी नायडू, मैडम क्युरी, कल्पना चावला, मार्गेट थेचर, श्रीमती भण्डारनाइके, इन्दिरा गांधी, बछेन्द्री पॉल, श्रीमती संतोष यादव आदि अनेक नाम स्त्रियों के स्वर्णिम इतिहास का वर्णन करते हैं। (UPBoardSolutions.com) आज के समय में सानिया मिर्जा का नाम भी स्त्री-जगत में शीर्षस्थ स्थान पर है। इन स्त्रियों को अवसर प्राप्त हुआ तथा इन्होंने अपनी अपूर्व-क्षमता का परिचय दिया। आज भारत सरकार ने रक्षा-सेवाओं के द्वार भी स्त्रियों के लिए खोल दिए हैं तथा वहाँ भी स्त्रियों ने अपनी कार्यदक्षता सिद्ध कर दी है।
अतः यह सत्य है कि समान अवसर दिए जाने पर महिलाएँ पुरुषों के समकक्ष होती हैं।

प्रश्न 14:
“भौतिकी के समीकरणों में सुन्दरता होना उनका प्रयोगों के साथ सहमत होने की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण है।” यह मत महान ब्रिटिश वैज्ञानिक पी०ए०एम० डिरैक का था। इस दृष्टिकोण की समीक्षा कीजिए। इस पुस्तक में ऐसे सम्बन्धों तथा समीकरणों को खोजिए जो आपको सुन्दर लगते हैं।
उत्तर:
यह कथन असत्य नहीं है। भौतिकी के समीकरण प्रयोगों से मिलने चाहिए और साथ ही सरल और सुन्दर भी होने चाहिए। आइन्स्टाइन का समीकरण (E = mc²) एक ऐसा ही समीकरण है जो बहुत सुन्दर और याद करने में सरल है। लेकिन इस समीकरण ने बीसवीं शताब्दी में विज्ञान एवं समाज का चेहरा ही बदल दिया है। दूसरा समीकरण F = G है जो कि सामान्य एवं सुन्दर है। एक दी गई स्थिति में इस समीकरण ने खगोल विज्ञान की समझ में ही आमूलचूल परिवर्तन कर दिया है। भौतिकी में कुछ अन्य ऐसे ही समीकरण निम्नवत् हैं
F = mg, E= [latex]\frac { 1 }{ 2 }[/latex] mν², P = mν, E= hν तथा स्थितिज ऊर्जा U = mgh

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प्रश्न 15:
यद्यपि उपर्युक्त प्रक्कथन विवादास्पद हो सकता है परन्तु अधिकांश भौतिक विज्ञानियों का यह मत है कि भौतिकी के महान नियम एक ही साथ सरल एवं सुन्दर होते हैं। डिरैक के अतिरिक्त जिन सुप्रसिद्ध भौतिक विज्ञानियों ने ऐसा अनुभव किया उनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं-आइन्स्टाइन, बोर, हाइजेनबर्ग, चन्द्रशेखर तथा फाइनमैन। आपसे अनुरोध है कि आप भौतिकी के इन विद्वानों तथा अन्य महानायकों द्वारा रचित सामान्य पुस्तकों एवं लेखों तक पहुँचने के लिए विशेष प्रयास अवश्य करें। (इस पुस्तक के अन्त में दी गई ग्रन्थ-सूची देखिए)। इनके लेख सचमुच प्रेरक हैं।
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 1 Physical World
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 1 भौतिक जगत 2

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प्रश्न 16:
विज्ञान की पाठ्य-पुस्तकें आपके मन में यह गलत धारणा उत्पन्न कर सकती हैं कि विज्ञान पढ़ना शुष्क तथा पूर्णतः अत्यन्त गम्भीर है एवं वैज्ञानिक भुलक्कड़, अन्तर्मुखी, कभी न हँसने वाले अथवा खीसे निकालने वाले व्यक्ति होते हैं। विज्ञान तथा वैज्ञानिकों का यह चित्रण पूर्णतः आधारहीन है। अन्य समुदाय के मनुष्यों की भाँति वैज्ञानिक भी विनोदी होते हैं। तथा बहुत से वैज्ञानिकों ने तो अपने वैज्ञानिक कार्यों को गम्भीरता से पूरा करते हुए अत्यन्त विनोदी प्रकृति के साथ साहसिक कार्य करके अपना जीवन व्यतीत किया है। गैमो तथा फाइनमैन इसी शैली के दो भौतिक विज्ञानी हैं। ग्रन्थ सूची में उनके द्वारा रचित पुस्तकों को पढ़ने में आपको आनन्द प्राप्त होगा।
उत्तर:
फाइनमैन तथा गैमो द्वारा रचित इन पुस्तकों के नाम निम्नलिखित हैं

  1. आर० पी० फाइनमैन द्वारा रचित ‘Surely you are joking, Mr. Feynman’, बेन्टन बुक्स (1986)।
  2.  जी गैमो द्वारा रचित ‘Mr. Tompkins in paperback’, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (UPBoardSolutions.com) प्रेस (1987)। उपर्युक्त पुस्तकों को पढ़ने पर ज्ञात होता है कि वैज्ञानिक भी अन्य समुदाय के मनुष्यों की भाँति ही विनोदी होते हैं। विज्ञान विषय पढ़ना शुष्क तथा पूर्णतः गम्भीर नहीं हैं यदि इसका अध्ययन हम रुचिपूर्वक, तथ्यों को भली-भाँति समझकर करें।

परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1:
भौतिक शास्त्र है।
(i) भौतिक विषयों का अध्ययन
(ii) भौतिक वस्तुओं का अध्ययन
(iii) प्रकृति के विभिन्न घटनाक्रमों का अध्ययन
(iv) विकल्प (ii) एवं (iii) दोनों
उत्तर:
(iv) विकल्प (ii) एवं (iii) दोनों

प्रश्न 2:
नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय वैज्ञानिक थे
(i) श्री जे०सी० बोस
(ii) एचजे० भाभा
(iii) एम० एन० शाह
(iv) सर सी०वी० रमन
उत्तर:
(iv) सर सी०वी० रमन

प्रश्न 3:
गुरुत्वाकर्षण की खोज की
(i) बेथे ने
(ii) आइन्सटाइन ने
(iii) न्यूटन ने
(iv) रदरफोर्ड ने
उत्तर:
(iii) न्यूटन ने

प्रश्न 4:
रेडियोधर्मिता की खोज किसके द्वारा की गयी?
(i) चैडविक
(ii) रदरफोर्ड
(iii) बेकुरल
(iv) रॉञ्जन
उत्तर:
(iii) बेकुरल

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प्रश्न 5:
प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर का आविष्कार हुआ
(i) 1942 में
(ii) 1946 में
(iii) 1947 में
(iv) 1948 में
उत्तर:
(ii) 1946 में

प्रश्न 6:
अब्दुस सलाम को निम्न में से किस क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ?
(i) अणुओं द्वारा प्रकाश का अप्रत्यास्थ प्रकीर्णन
(ii) दुर्बल तथा विद्युत चुम्बकीय बलों का एकीकरण
(iii) अति चालकता
(iv) लेसर तकनीक
उत्तर:
(ii) दुर्बल तथा विद्युत चुम्बकीय बलों का एकीकरण

प्रश्न 7:
टेलीविजन का आविष्कार किया
(i) राइट ब्रदर्स ने
(ii) मूलर ने
(iii) बेयर्ड ने
(iv) गोडार्ड ने
उत्तर:
(iii) बेयर्ड ने

प्रश्न 8:
डी-ब्रॉगली सम्बन्धित है।
(i) जर्मनी से
(ii) इंग्लैण्ड से
(iii) फ्रांस से
(iv) अमेरिका से
उत्तर:
(iii) फ्रांस से

प्रश्न 9:
परमाणु के नाभिक की खोज की थी
(i) न्यूटन
(ii) थॉमसन
(ii) रदरफोर्ड
(iv) मैक्सवेल
उत्तर:
(iii) रदरफोर्ड

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प्रश्न 10:
द्रव्यमान-ऊर्जा की तुल्यता किस वैज्ञानिक ने स्थापित की?
(i) जूल
(i) न्यूटन
(iii) आइन्सटाइन
(iv) फैराडे
उत्तर:
(iii) आइन्सटाइन

प्रश्न 11:
प्रकृति में पाया जाने वाला सबसे अधिक निर्बल बल है।
(i) गुरुत्वाकर्षण बल ,
(ii) वैद्युत चुम्बकीय बल ,
(iii) दुर्बल नाभिकीय बल
(iv) प्रबल नाभिकीय बल
उत्तर:
(i) गुरुत्वाकर्षण बल

प्रश्न 12:
प्रबल नाभिकीय बल विद्युत चुम्बकीय बलों की अपेक्षा होता है।
(i) 100 गुना क्षीण
(ii) 100 गुना प्रबल
(iii) 106 गुना क्षीण
(iv) 106 गुना प्रबल
उत्तर:
(ii) 100 गुना प्रबल

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
भौतिकी क्या है?
उत्तर:
भौतिकी विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत प्रकृति एवं प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन किया जाता है।

प्रश्न 2:
उस वैज्ञानिक का नाम लिखिए जिसने x-किरणों की खोज की।
उत्तर:
डब्ल्यू० के० रॉञ्जन।

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प्रश्न 3:
उस वैज्ञानिक का नाम बताइये जिसे विज्ञान की दो पृथक-पृथक शाखाओं में नोबेल पुरस्कार मिला।
उत्तर:
मैडम मेरी स्कलेडोवेक क्यूरी (Skladowak Curie) को भौतिकी में वर्ष 1903 में तथा रसायन विज्ञान में वर्ष 1911 में नोबेल पुरस्कार मिला।

प्रश्न 4:
बेतार सन्देश के आविष्कारक का नाम क्या है?
उत्तर:
बेतार सन्देश के आविष्कारक जी० मार्कोनी थे।

प्रश्न 5:
मैक्सवेल का नाम किस वैज्ञानिक सिद्धान्त से सम्बद्ध है?
उत्तर:
वैद्युत चुम्बकीय सिद्धान्त

प्रश्न 6:
भौतिकी में तीन संरक्षण नियमों के नाम बताइए।
उत्तर:
ऊर्जा संरक्षण का नियम, रेखीय संवेग संरक्षण का नियम तथा वैद्युत आवेश संरक्षण का नियम।

प्रश्न 7:
रेखीय संवेग संरक्षण का नियम लिखिए।
उत्तर:
रेखीय संवेग संरक्षण का नियम–यदि कणों के किसी निकाय पर कार्य करने वाला बाह्य बल शून्य है, तो उस निकाय का संवेग संरक्षित रहता है।

प्रश्न 8:
द्रव्यमान तथा ऊर्जा का तुल्यता का नियम बताइए तथा इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
आइन्सटाइन के अनुसार, द्रव्यमान तथा ऊर्जा पृथक्-पृथक् अस्तित्व वाली भौतिक राशियाँ नहीं हैं, बल्कि एक ही राशि के दो रूप हैं। द्रव्यमान को ऊर्जा में तथा ऊर्जा को द्रव्यमान में बदला जा सकता है। द्रव्यमान तथा ऊर्जा के बीच तुल्य सम्बन्ध, E = mc2, जहाँ E ऊर्जा तथा (UPBoardSolutions.com) m द्रव्यमान हैं। इसके अनुसार यदि ऊर्जा E विलुप्त हो जाए, तो द्रव्यमान m बढ़ जाता है और यदि द्रव्यमान m नष्ट हो जाए तो इसके समतुल्य ऊर्जा E उत्पन्न होती है।
उदाहरण–सूर्य पर चल रही नाभिकीय संलयन की क्रियाओं में सूर्य का द्रव्यमान निरन्तर ऊर्जा में परिवर्तित हो रहा है।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
वैज्ञानिक विधि क्या है? वैज्ञानिक विधि के विभिन्न चरणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भौतिक जगत की प्राकृतिक घटनाओं का क्रमबद्ध एवं सुव्यवस्थित ज्ञान प्राप्त करने के लिए जो । विधि अपनायी जाती है, उसे वैज्ञानिक विधि कहते हैं। वैज्ञानिक विधि निम्नलिखित चार चरणों में पूर्ण की जाती है।

1. क्रमबद्ध प्रेक्षण Systematic observations:
प्राकृतिक घटना अथवा अध्ययन के लिए चुनी गई समस्या से सम्बन्धित भौतिक राशियों के पर्याप्त संख्या में प्रेक्षण लिए जाते हैं और उन्हें सुव्यवस्थित करके उनका विश्लेषण किया जाता है।

2. परिकल्पना की रचना Construction of hypothesis:
प्राप्त प्रेक्षणों का विश्लेषण करने के लिए एक कार्यकारी मॉडल (working model) तैयार किया जाता है, जिसे परिकल्पना कहते हैं। इसमें समस्या को गणितीय रूप में अभिव्यक्त किया जाता हैं।

3. परिकल्पना का परीक्षण Testing of the hypothesis:
बनाई गई परिकल्पना का परीक्षण करने के लिए, उस परिकल्पना के आधार पर कुछ निष्कर्ष निकाले जाते हैं एवं उनका सत्यापन करने के लिए नए प्रयोग भी किए जाते हैं।

4. सिद्धान्त की स्थापना Establishment of theory:
यदि परिकल्पना सत्यापित हो जाती है, तो उसे अन्तिम सिद्धान्त मान लिया जाता है। यदि परिकल्पना सत्यापित नहीं हो पाती है तो उसमें संशोधन किए जाते हैं अथवा नई परिकल्पना तैयार की जाती है और उसके परीक्षण के लिए पुनः नये प्रयोग किए जाते हैं। इसी क्रम को तब तक जारी रखते हैं जब तक प्रयोगों द्वारा पूर्णत: सत्यापित अन्तिम सिद्धान्त प्राप्त न हो जाये।

प्रश्न 2:
आवेश-संरक्षण का नियम लिखिए। उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जब दो वस्तुओं को परस्पर रगड़ा जाता है, तो दोनों वस्तुओं पर एक साथ विपरीत प्रकृति परन्तु समान परिमाण के आवेश उत्पन्न हो जाते हैं। अर्थात् दोनों वस्तुओं पर उत्पन्न आवेश की कुल मात्रा शून्य ही रहती है। इस बात को हम इस प्रकार भी कह सकते (UPBoardSolutions.com) हैं कि “न तो आवेश उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है।” यह कथन ही “आवेश-संरक्षण का नियम”(Law of conservation of charge) कहलाता है। प्रत्येक प्राकृतिक घटना में, जहाँ वैद्युत आवेश का आदान-प्रदान होता है, इस नियम को सत्य पाया गया है।

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उदाहरणार्थ:
इलेक्ट्रॉन तथा पॉजिट्रॉन का संयोग आवेश-संरक्षण को प्रदर्शित करता है। इलेक्ट्रॉन पर ऋणावेश होता है तथा पॉजिट्रॉन पर ठीक इलेक्ट्रॉन के आवेश के बराबर परिमाण का धनावेश होता है।
अतः दोनों के आवेश का कुल योग शून्य होता है। ये दोनों परस्पर संयोग करके दो γ-प्रोटॉन उत्पन्न करते हैं जिसमें प्रत्येक पर आवेश शून्य ही होता है।
अतः संयोग से पूर्व कुल आवेश = संयोग के पश्चात् कुल आवेश।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
भौतिकी का प्रौद्योगिकी से सम्बन्ध उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भौतिकी तथा प्रौद्योगिकी के बीच सम्बन्ध–भौतिकी तथा प्रौद्योगिकी के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है। भौतिकी के सिद्धान्तों पर प्रौद्योगिकी को प्रयुक्त कर अनेक मशीनें तथा उपकरण बनाए गए हैं जो समाज के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हुए हैं। इसके उदाहरण निम्नलिखित हैं

  1.  टेलीफोन, टेलीग्राफ और टेलेक्स के विकास से हम दूर तक बात कर सकते हैं । समाचार भेज सकते हैं।
  2.  रेडियो, टेलीविजन और सैटेलाइट (satellite) के विकास से संचार साधन (communication) में क्रान्ति (revolution) ओ गयी।
  3. इलेक्ट्रॉनिक (electronic), कम्प्यूटर, लेसर (laser) के विकास से समाज (society) को अत्यधिक लाभ हुआ है।
  4.  विद्युत-चुम्बकीय प्रेरण (electro-magnetic induction) (UPBoardSolutions.com) के सिद्धान्त पर विद्युत का उत्पादन आधारित है।
  5. ऊष्मागतिकी (thermodynamics) के नियम पर आधारित ऊष्मा इंजन, पेट्रोल इंजन, डीजल इंजन आदि से सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना।
  6.  न्यूक्लीयर चेन प्रतिक्रिया (nuclear chain reaction) को नियन्त्रित करके न्यूक्लीयर रिएक्टर से शक्ति (power) का उत्पादन करना।
  7.  रॉकेट की उड़ान न्यूटन के गति के तीसरे नियम पर आधारित है।
  8.  बर्नोली के सिद्धान्त पर हवाई जहाज का उड़ना।
  9. भौतिकी के अध्ययन से ही लेसर (laser) का आविष्कार हुआ है जिससे समाज को अधिक लाभ पहुँचा है।
  10. X-किरणों का व्यवहार औषधि विज्ञान (medical science) में किया जाता है। कुछ प्रौद्योगिक उपलब्धियाँ एवं उनसे सम्बन्धित भौतिकी के सिद्धान्तों को नीचे सारणी में दिया गया है

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UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 1 Physical World
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 1 भौतिक जगत 4

प्रश्न 2:
प्रकृति के मूल बल कौन-कौन से हैं? प्रत्येक के प्रमुख गुण लिखिए। उदाहरण सहित बलों के एकीकरण को समझाइए।
या
प्रकृति के चार मूल बल कौन-कौन से हैं। उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रकृति केमल बल: प्रकृति में चार प्रकार के मूल बल हैं जो निम्नलिखित हैं-

  1.  गुरुत्वाकर्षण बल,
  2. विद्युत चुम्बकीय बल,
  3.  प्रबल नाभिकीय बल तथा
  4. दुर्बल नाभिकीय बल।

1. गुरुत्वाकर्षण बल:
न्यूटन के अनुसार, ब्रह्माण्ड में प्रत्येक द्रव्य-कण दूसरे द्रव्य-कण को अपनी ओर आकर्षित करता है तो इन कणों के बीच एक आकर्षण बल लगता है। यही आकर्षण बल गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है।
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न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण बल के नियमानुसार, किन्हीं दो पिण्डों के बीच कार्यरत् गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह एक सार्वत्रिक बल है।
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जहाँ m1 व m2 = पिण्डों के द्रव्यमान तथा r = द्रव्यमानों के बीच की दूरी गुरुत्वाकर्षण बलों के गुण निम्नलिखित हैं

  1. ये बल सदैव आकर्षणात्मक होते हैं तथा कभी भी प्रतिकर्षणात्मक नहीं होते हैं।
  2. ये प्रकृति में सबसे दुर्बल बंल होते हैं।
  3. ये विस्तृत दूरियों पर भी कार्यरत् रहते हैं।
  4.  ये दूरी सम्बन्धी व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करते हैं।
  5.  ये केन्द्रीय बल होते हैं अर्थात् दोनों वस्तुओं के केन्द्रों को जोड़ने वाली रेखा के अनुदिश कार्य करते हैं।
  6. ये बल संरक्षी बल होते हैं।

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2. विद्युत चुम्बकीय बल:
आवेशित कणों के बीच कार्यरत् बल को विद्युत चुम्बकीय बल कहते हैं। स्थिर आवेशित कणों के बीच कार्यरत् बल को कूलॉम के नियम द्वारा व्यक्त किया जाता है, इसीलिए इसे कूलॉम का नियम भी कहते हैं।
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कूलॉम के अनुसार, किन्हीं दो स्थिर बिन्दु आवेशों के बीच कार्यरत् स्थिर वैद्युत बल, आवेशों के परिमाणों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनकी बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 1 भौतिक जगत 8
जहाँ, q1 q2= कार्यरत् आवेश तथा r = कार्यरत् आवेशों के बीच की दूरी है। समान आवेशों के बीच कार्यरत् बल प्रतिकर्षण तथा असमान आवेशों के बीच कार्यरत् वैद्युत बल आकर्षण प्रकृति का होता है।

विद्युत चुम्बकीय बलों के गुण निम्नलिखित हैं

  1. ये बल आकर्षणात्मक अथवा प्रतिकर्षणात्मक हो सकते हैं।
  2.  ये बल कूलॉम के नियम का पालन करते हैं।
  3. ये दूरी सम्बन्धी व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करते हैं।
  4.  दो प्रोटॉनों के बीच स्थिर वैद्युत बल किसी भी स्थिर दूरी के लिए गुरुत्वाकर्षण बल की तुलना में 1036 गुना प्रबल होते हैं।
  5. ये अधिक दूरी तक प्रभावी नहीं होते हैं।
  6. ये केन्द्रीयै बल होते हैं।
  7.  ये संरक्षी बल होते हैं।

3. प्रबल नाभिकीय बल:
वे बल जो एक नाभिक में न्यूट्रॉनों तथा प्रोटॉनों को परस्पर साथ-साथ बाँधे रखते हैं, प्रबल नाभिकीय बल कहलाते हैं। अतः ये बल दो प्रोटॉनों अथवा दो न्यूट्रॉनों अथवा एक
टॉन व एक न्यूट्रॉन के बीच कार्यरत रहते हैं, जबकि ये कण परस्पर एक-दूसरे के काफी निकट होते हैं। जब दो न्यूक्लिऑन परस्पर 10-15 मीटर दूरी पर होते हैं तो उनके बीच प्रबल नाभिकीय आकर्षण बल इतनी ही दूरी पर स्थित दो प्रोटॉनों के बीच लगने वाले प्रतिकर्षणात्मक वैद्युत बल की तुलना में 10 गुना प्रबल होता है।

प्रबल नाभिकीय बलों के गुण निम्नलिखित हैं

  1. नाभिकीय बल आकर्षण बल हैं।
  2. ये बल अत्यन्त प्रबल हैं। मानव जानकारी में अब तक जितने भी बल ज्ञात हैं उनमें सबसे अधिक तीव्र नाभिकीय बल ही हैं।
  3.  ये वैद्युत बल नहीं हैं। यदि ये वैद्युत बल होते तो इनके कारण प्रोटॉनों के बीच प्रतिकर्षण होता और नाभिक की संरचना सम्भव न हो पाती।
  4.  ये गुरुत्वीय बल भी नहीं हैं। दो न्यूक्लिऑनों के बीच गुरुत्वीय (UPBoardSolutions.com) बल बहुत क्षीण होते हैं, जबकि नाभिकीय बल अत्यन्त तीव्र हैं। अत: नाभिकीय बल मूलत: गुरुत्वीय बल नहीं हो सकते।
  5. ये बल आवेश पर किसी प्रकार भी निर्भर नहीं करते अर्थात् विभिन्न न्यूक्लिऑनों के बीच
    (जैसे-प्रोटॉन-प्रोटॉन के बीच, न्यूट्रॉन-न्यूट्रॉन के बीच, प्रोटॉन-न्यूट्रॉन के बीच) बल एकसमान (uniform) होते हैं।
  6.  ये बल अत्यन्त लघु परिसर (short range) के हैं। अत: ये बहुत कम दूरी (केवल नाभिकीय व्यास, 10-15 मीटर के अन्दर) तक ही प्रभावी होते हैं।

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4. दुर्बल नाभिकीय बल:
इन बलों की उत्पत्ति की खोज रेडियोधर्मिता में β-रूप की घटना के दौरान हुई। ये बल अल्प जीवन काल वाले कणों के बीच अन्योन्य प्रक्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न बल हैं। दुर्बल नाभिकीय बलों के गुण निम्नलिखित हैं|

  1.  ये बल आकर्षणात्मक अथवा प्रतिकर्षणात्मक हो सकते हैं।
  2.  ये बल कूलॉम के नियम का पालन करते हैं।
  3. ये दूरी सम्बन्धी व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करते हैं।
  4.  दो प्रोटॉनों के बीच स्थिर वैद्युत बल किसी भी स्थिर दूरी के लिए गुरुत्वाकर्षण बल की तुलना में 1036 गुना प्रबल होते हैं।
  5.  ये अधिक दरी तक प्रभावी नहीं होते हैं।
  6. ये केन्द्रीय बल होते हैं।
  7.  ये संरक्षी बल होते हैं।
  8. विद्युत चुम्बकीय बलों का क्षेत्र कण फोटॉन होता है जिस पर कोई आवेश नहीं होता है तथा जिसका विराम द्रव्यमान शून्य होता है।

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बलों का एकीकरण:
एकीकरण भौतिकी की मूलभूत खोज है। भौतिकी की महत्त्वपूर्ण उन्नति प्राय: विभिन्न सिद्धान्तों तथा प्रभाव क्षेत्रों के एकीकरण की ओर ले जाती है। न्यूटन ने पार्थिव तथा खगोलीय प्रभाव क्षेत्रों को अपने गुरुत्वाकर्षण के सर्वमान्य नियम के अधीन एकीकृत किया। ऑस्टेंड तथा फैराडे ने प्रायोगिक खोजों द्वारा दर्शाया कि व्यापक रूप में वैद्युत तथा चुम्बकीय परिघटनाएँ अविच्छेद्य हैं। मैक्सवेल की इस खोज ने, कि प्रकाश विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं, (UPBoardSolutions.com) विद्युत चुम्बकत्व तथा प्रकाशिकी को एकीकृत किया। आइंस्टाइन ने गुरुत्व तथा विद्युत चुम्बकत्व को एकीकृत करने का प्रयास किया परन्तु अपने इस साहसिक कार्य में सफल न हो सके। परन्तु इससे भौतिक विज्ञानियों की, बलों के एकीकरण के उद्देश्य के लिए, उत्साहपूर्वक आगे बढ़ने की प्रक्रिया रुकी नहीं।

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UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line

UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line (सरल रेखा में गति)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 Physics. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line ( सरल रेखा में गति).

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1:
नीचे दिए गए गति के कौन-से उदाहरणों में वस्तु को लगभग बिन्दु वस्तु माना जा सकता है

(a) दो स्टेशनों के बीच बिना किसी झटके के चल रही कोई रेलगाड़ी।
(b) किसी वृत्तीय पथ पर साइकिल चला रहे किसी व्यक्ति के ऊपर बैठा कोई बन्दर।
(c) जमीन से टकराकर तेजी से मुड़ने वाली क्रिकेट की कोई फिरकती गेंद।
(d) किसी मेज के किनारे से फिसलकर गिरा कोई बीकर।
उत्तर:
(a) रेलगाड़ी दो स्टेशनों के बीच बिना झटके के चल रही है; अत: दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी को रेलगाड़ी की लम्बाई की तुलना में अधिक माना जा सकता है। इसलिए रेलगाड़ी को बिन्दु वस्तु माना जाएगा।
(b) चूंकि बन्दर द्वारा यथोचित समय में तय की गई दूरी अधिक है; (UPBoardSolutions.com) अत: बन्दर को बिन्दु वस्तु माना जाएगा।
(c) चूंकि गेंद का मुड़ना सरल नहीं है; अतः यथोचित समय में गेंद द्वारा तय की गई दूरी अधिक नहीं है। इसलिए गेंद को बिन्दु वस्तु नहीं माना जा सकत
(d) चूंकि बीकर मेज के किनारे से फिसलकर गिरता है; अतः यथोचित समय में इसके द्वारा तय की गई दूरी अधिक नहीं है। इसलिए इसे बिन्दु वस्तु नहीं माना जा सकता।

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प्रश्न 2:
दो बच्चे A व B अपने विद्यालय से लौटकर अपने-अपने घर मे क्रमशः P तथा २ को जा रहे हैं। उनके स्थिति-समय (x-t) + ग्राफ चित्र-3.1 (a) में दिखाए गए हैं। नीचे लिखे कोष्ठकों में सही प्रविष्टियों को चुनिए
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 1
(a) B/A की तुलना में A/B विद्यालय से निकट रहता है।
(b) B/A की तुलना में A/B विद्यालय से पहले चलता है।
(c) B/A की तुलना में A/B तेज चलता है।
(d) A और B घर (एक ही/भिन्न) समय पर पहुँचते हैं।
(e) A/B सड़क पर B/A से (एक बार/दो बार) आगे हो जाते हैं।
उत्तर:
(a) B की तुलना में A विद्यालय से निकट रहता है, क्योंकि B अधिक दूरी तय करता है [OP< OQ]
(b) B की तुलना में A विद्यालय से पहले चलता है, क्योंकि A के लिए गति (UPBoardSolutions.com) प्रारम्भ का समय t  = 0 है परन्तु B के गति प्रारम्भ के लिए समय हैं का निश्चित धनात्मक मान है।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 2
(c) A की तुलना में B तेज चलता है, क्योकि B के ग्राफ का ढाल A के ग्राफ के ढाल से अधिक है।
(d) A और B घर भिन्न समय पर पहुँचते हैं।
(e) B सड़क और A से एक बार आगे हो जाता है (प्रतिच्छेद बिन्दु X के बाद)।

प्रश्न 3:
एक महिला अपने घर से प्रातः 9.00 बजे 2.5 km दूर अपने कार्यालय के लिए सीधी सड़क पर 5 kmh-1 चाल से चलती है। वहाँ वह सायं 5.00 बजे तक रहती है और 25 kmh-1 की चाल से चल रही किसी ऑटो रिक्शा द्वारा अपने घर लौट आती है। उपयुक्त पैमाना चुनिए तथा उसकी गति का x-t ग्राफ खींचिए।
हल:
महिला द्वारा घर से कार्यालय तक पहुँचने में लिया गया समय,
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 3

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प्रश्न 4:
कोई शराबी किसी तंग गली में 5 कदम आगे बढ़ता है और 3 कदम पीछे आता है, उसके बाद फिर 5 कदम आगे बढ़ता है और 3 कदम पीछे आता है, और इसी तरह वह चलता रहता है। उसका हर कदम 1m लम्बा है और 1s समय लगता है। उसकी गति का x-t ग्राफ खींचिए। ग्राफ से तथा किसी अन्य विधि से यह ज्ञात कीजिए कि वह जहाँ से चलना प्रारम्भ करता है वहाँ से 13 m दूर किसी गड्ढे में कितने समय पश्चात गिरता है?
हल:
ग्राफ (चित्रे 3.3) से स्पष्ट है कि शराबी गति आरम्भ करने के स्थान से 13 किमी दूर गड्ढे में 37 सेकण्ड बाद (UPBoardSolutions.com) गिरेगा। (∵13 मी के संगत ग्राफ से समय-अक्ष पर समय 37 सेकण्ड है।)
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 4
गणना:
प्रथम 8 कदम अर्थात् 8 सेकण्ड में शराबी का गत्यारम्भ के स्थान से विस्थापन अर्थात् उसके द्वारा तय नेट दूरी = (5 – 3) मी = 2 मी
इस प्रकार अगले 8 कदम तक (16 कदमों में) अर्थात्
16 सेकण्ड में नेट दूरी = (2+ 2) मी = 4 मी
24 कदमों में अर्थात् 24 सेकण्ड में नेट दूरी = (2+2+ 2) मी = 6 मी 32 कदमों में अर्थात् 32 सेकण्ड में नेट दूरी ।
= (2+2+ 2 + 2) मी = 8 मी
37 कदमों में अर्थात् 37 सेकण्ड में नेट दूरी = 8 मी + 5 मी = 13 मी
अतः गत्यारम्भ के स्थान से 13 मी दूर स्थित गड्ढे में गिरने में शराबी द्वारा लिया गया समय = 37 कदमों का समय = 37 सेकण्ड

प्रश्न 5:
कोई जेट वायुयान 500 kmh-1 की चाल से चल रहा है और यह जेट वायुयान के सापेक्ष 1500 kmh-1 की चाल से अपने दहन उत्पादों को बाहर निकालता है। जमीन पर खड़े किसी प्रेक्षक के सापेक्ष इन दहन उत्पादों की चाल क्या होगी?
हल:
जेट का वेग = νJ = – 500 km h-1 (प्रेक्षक से दूर)
जेट के सापेक्ष दहन उत्पाद बाहर निकालने का आपेक्षिक वेग = νeJ = 1500 km h-1
यदि बाहर निकलने वाले उत्पादों का वेग νe हो तो νeJ = νe – νJ
या
νe = νeJJ = 1500+ (- 500) = 1000 km/h

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प्रश्न 6:
सीधे राजमार्ग पर कोई कार126 kmh-1 की चाल से चल रही है। इसे 200 m की दूरी पर रोक दिया जाता है। कार के मन्दन को एकसमान मानिए और इसका मान निकालिए। कार को रुकने में कितना समय लगा?
हल:
कार की प्रारम्भिक चाल, u = 126 किमी/घण्टा
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UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 6

प्रश्न 7:
दो रेलगाड़ियाँ A व B दो समान्तर पटरियों पर 72 kmh-1 की एकसमान चाल से एक ही दिशा में चल रही हैं। प्रत्येक गाड़ी 400 m लम्बी है और गाड़ी A गाड़ी B से आगे है। B का चालक A से आगे निकलना चाहता है तथा 1 ms-2 से इसे त्वरित करता है। यदि 50s के बाद B को गार्ड A के चालक से आगे हो जाता है तो दोनों के बीच आरम्भिक दूरी कितनी थी?
हल:
रेलगाड़ियों की प्रारम्भिक तथा अन्तिम स्थितियाँ चित्र 3.4 में दिखायी गयी हैं।
प्रत्येक गाड़ी की प्रारम्भिक चाल (UPBoardSolutions.com) (ν0) = 72 किमी/घण्टा = 20 मी/से
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प्रश्न 8:
दो लेन वाली किसी सड़क पर कार A 36 kmh-1 की चाल से चल रही है। एक-दूसरे की विपरीत दिशाओं में चलती दो कारें B वा  C जिनमें से प्रत्येक की चाल 54 kmh-1 है, कार A तक पहुँचना चाहती है। किसी क्षण जब दूरी AB दूरी AC के बराबर है तथा दोनों 1 km हैं, कार B का चालक यह निर्णय करता है कि कार C के कार A तक पहुँचने के पहले ही वह कार A से आगे निकल जाए। किसी दुर्घटना से बचने के लिए कार B का कितना न्यूनतम त्वरण जरूरी है?
हल:
कार A की चाल = (36 x 5/18) मी/से = 10 मी/से
कार B तथा कार C दोनों की चाल एकसमान है, अर्थात्,
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प्रश्न 9:
दो नगर A व B नियमित बस सेवा द्वारा एक-दूसरे से जुड़े हैं और प्रत्येक मिनट के बाद दोनों तरफ बसें चलती हैं। कोई व्यक्ति साइकिल से 20 kmh-1 की चाल से A से B की तरफ जा रहा है और यह नोट करता है कि प्रत्येक 18 मिनट के बाद एक बस उसकी गति की दिशा में तथा प्रत्येक 6 मिनट बाद उसके विपरीत दिशा में गुजरती है। बस सेवाकाल T कितना है और बसें सड़क पर किस चाल (स्थिर मानिए) से चलती हैं?
हल:
माना νb = प्रत्येक बस की चाल
तथा νc = साइकिल-सवार की चाल
साइकिल सवार की गति की दिशा में चल रही बसों की आपेक्षिक चाल = νb – νc
साइकिल सवार की गति की दिशा में प्रत्येक 18 min (UPBoardSolutions.com) या [latex]\frac { 18 }{ 60 }[/latex] h बाद एक बस गुजरती है।
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प्रश्न 10:
कोई खिलाड़ी एक गेंद को ऊपर की ओर आरम्भिक चाल 29 ms-1 से फेंकता है,
(i) गेंद की ऊपर की ओर गति के दौरान त्वरण की दिशा क्या होगी?
(ii) इसकी गति के उच्चतम बिन्दु पर गेंद के वेग व त्वरण क्या होंगे?
(iii) गेंद के उच्चतम बिन्दु पर स्थान के समय को x= 0 व t = 0 चुनिए, ऊध्र्वाधर नीचे की ओर की दिशा को X-अक्ष की धनात्मक दिशा मानिए। गेंद की ऊपर की व नीचे की ओर
गति के दौरान स्थिति, वेग व त्वरण के चिह्न बताइए।
(iv) किस ऊँचाई तक गेंद ऊपर जाती है और कितनी देर के बाद गेंद खिलाड़ी के हाथों में आ . जाती है? [g = 9.8m s-2 तथा वायु का प्रतिरोध नगण्य है।]
उत्तर:
(i) गेंद गुरुत्व के कारण त्वरण का प्रभाव अनुभव करती है जो सदैव ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर कार्य करता है।
(ii) उच्चतम बिन्दु पर वेग = शून्य
उच्चतम बिन्दु पर त्वरण g = 9.8 m s-2 (ऊध्र्वाधर नीचे की ओर)
(iii) ऊपर की ओर गति के लिए,
(a) स्थिति धनात्मक
(b) वेग ऋणात्मक
(c) त्वरण धनात्मक

नीचे की ओर गति के लिए,

(a) स्थिति धनात्मक
(b) वेग धनात्मक
(c) त्वरण धनात्मक

(iv) ऊपर की ओर गति के दौरान,
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प्रश्न 11:
नीचे दिए गए कथनों को ध्यान से पढिए और कारण बताते हुए व उदाहरण देते हुए बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य, एकविमीय गति में किसी कण की

(a) किसी क्षण चाल शून्य होने पर भी उसका त्वरण अशून्य हो सकता है।
(b) चाल शून्य होने पर भी उसका वेग अशून्य हो सकता है।
(c) चाल स्थिर हो तो त्वरण अवश्य ही शून्य होना चाहिए।
(d) चाल अवश्य ही बंढती रहेगी, यदि उसका त्वरण धनात्मक हो।
उत्तर:
(a) सत्य, सरल आवर्त गति करते कण की महत्तम विस्थापन की स्थिति में कण की चाल शून्य होती है, जबकि त्वरण महत्तम (अशून्य) होता है।
(b) असत्य, चाल शून्य होने का अर्थ है कि कण के वेग का परिमाण शून्य है।
(c) असत्य, एकसमाने वृत्तीय गति करते हुए कण की चाल स्थिर (UPBoardSolutions.com) रहती है तो भी उसकी गति में। अभिकेन्द्र त्वरण कार्य करता है।
(d) असत्य, यह केवल जब सत्य हो सकता है जबकि चुनी गई धनात्मक दिशा गति की दिशा के अनुदिश हो।

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प्रश्न 12:
किसी गेंद को 90 m की ऊँचाई से फर्श पर गिराया जाता है। फर्श के साथ प्रत्येक टक्कर में गेंद की चाल 1/10 कम हो जाती है। इसकी गति का t= 0 से 12s के बीच चाल-समय ग्राफ खींचिए।

उत्तर:
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प्रश्न 13:
उदाहरण सहित निम्नलिखित के बीच के अन्तर को स्पष्ट कीजिए

(a) किसी समय अन्तराल में विस्थापन के परिमाण (जिसे कभी-कभी दूरी भी कहा जाता है)। और किसी कण द्वारा उसी अन्तराल के दौरान तय किए गए पथ की कुल लम्बाई।
(b) किसी समय अन्तराल में औसत वेग के परिमाण और उसी अन्तराल में औसत चाल
(किसी समय अंतराल में किसी कण की औसत चाल को समय अन्तराल द्वारा विभाजित की गई कुल पथ-लम्बाई के रूप में परिभाषित किया जाता है। प्रदर्शित कीजिए कि (a) व (b) दोनों में ही दूसरी राशि-पहली से अधिक या उसके बराबर है। समता का | चिह्न कब सत्य होता है? (सरलता के लिए केवल एकविमीय गति पर विचार कीजिए।)
उत्तर:
(a) विस्थापन के परिमाण का अर्थ है सीधी रेखा की कुल लम्बाई अर्थात् गति के प्रारम्भिक व अन्तिम बिन्दुओं के बीच की दूरी। कण द्वारा किसी समय अन्तराल में तय किए गए निश्चित पथ की कुल लम्बाई, उसी अन्तराल में गति के प्रारम्भिक व अन्तिम बिन्दुओं के बीच (UPBoardSolutions.com) की दूरी भिन्न हो सकती है, जैसे चित्र-3.7 में A से B तक पहुँचने में पंथ
(1), दूरी अर्थात् पथ की लम्बाई को तथा पथ
(2) विस्थापन के परिमाण को प्रदर्शित करता है।
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स्पष्ट है कि औसत चाल का मान औसत वेग के परिमाण से भिन्न है।
तथा औसत चाल का मान > औसत वेग को परिमाण
यदि A व B के बीच गति केवल पथ (2) पर हो तब औसत चाल =| औसत वेग ।
अतः स्पष्ट है कि प्रत्येक स्थिति में
| औसत चाल | ≥ | औसत वेगे ।

प्रश्न 14:
कोई व्यक्ति अपने घर से सीधी सड़क पर 5 kmh-1 की चाल से 2.5 km दूर बाजार तक पैदल जाता है। परन्तु बाजार बन्द देखकर वह उसी क्षण वापस मुड़ जाता है तथा 7.5 km h ! की चाल से घर लौट आता है। समय अन्तराल (i) 0-30 मिनट, (ii) 0-50 मिनट, (iii) 0-40 मिनट की अवधि में उस व्यक्ति (a) के माध्य वेग का परिमाण तथा (b) की माध्य चाल क्या है? (नोट—आप इस उदाहरण से समझ सकेंगे कि औसत चाल को औसत-वेग के परिमाण के रूप में परिभाषित करने की अपेक्षा समय द्वारा विभाजित कुल पथ-लम्बाई के रूप में परिभाषित करना अधिक अच्छा क्यों है? आप थककर घर लौटे उस व्यक्ति को यह बताना नहीं चाहेंगे कि उसकी औसत चाल शून्य थी।)
हल:
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प्रश्न 15:
हमने अभ्यास प्रश्न 13तथा 14में औसत चाल व औसत वेग के परिमाण के बीच के अन्तर को स्पष्ट किया है। यदि हम तात्क्षणिक चाल व वेग के परिमाण पर विचार करते हैं तो इस तरह का अन्तर करना आवश्यक नहीं होता। तात्क्षणिक चाल हमेशा तात्क्षणिक वेग के बराबर होती है। क्यों?
उत्तर:
जब हम यादृच्छिक समय अन्तरालों पर विचार करते हैं, विस्थापन का परिमाण सदैव दूरी के परिमाण के तुल्य होता है। अन्य शब्दों में,
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अत्यन्त लघु समय अन्तरालों (∆t → 0) में वस्तु की गंति की दिशा में कोई परिवर्तन (UPBoardSolutions.com) नहीं माना जाता; अतः कुल पथ-लम्बाई (दूरी) तथा विस्थापन के परिमाण में कोई अन्तर नहीं होता। इस प्रकार तात्क्षणिक चाल सदैव तात्क्षणिक वेग के परिमाण के तुल्य होती है।

प्रश्न 16:
चित्र-8.8 में (a) से (d) तक के ग्राफों को ध्यान से देखिए और देखकर बताइए कि इनमें से कौन-सा ग्राफ एकविमीय गति को सम्भवतः नहीं दर्शा सकता?
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उत्तर:
(a) यह ग्राफ एकविमीय गति प्रदर्शित नहीं करता, चूंकि किसी एक क्षण पर कण की दो स्थितियाँ एकविमीय गति में सम्भव नहीं होतीं।
(b) यह ग्राफ एकविमीय गति प्रदर्शित नहीं करता, चूँकि किसी क्षण पर कण का वेग धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों दिशाओं में है, जो एकविमीय गति में सम्भव नहीं है।
(c) यह ग्रफ भी एकविमीय गति प्रदर्शित नहीं करता, चूँकि यह ग्राफ कण की ऋणात्मक चाल व्यक्त कर रहा है तथा कण की चाल ऋणात्मक नहीं हो सकती।
(d) यह ग्राफ भी एकविमीय गति प्रदर्शित नहीं करता, चूँकि यह प्रदर्शित कर रहा है कि कुल पथ की लम्बाई एक निश्चित समय के पश्चात् घट रही है, परन्तु गतिमान कण की कुल पथ-लम्बाई कभी भी समय के साथ नहीं घटती।।

प्रश्न 17:
चित्र 3:9 में किसी कण की एकविमीय गति का ग्राफ दिखाया गया है। ग्राफ से क्या यह कहना ठीक होगा कि यह कण है t<0 के लिए किसी सरल रेखा में और है t > 0 के लिए किसी परवलीय पथ में गति करता है। यदि नहीं, तो ग्राफ के संगत किसी उचित भौतिक सन्दर्भ का सुझाव दीजिए।
उत्तर:
यह कहना ठीक नहीं होगा कि यह कण है t<0 के लिए किसी सरल रेखा में और t > 0 के लिए किसी परवलीय पथ में गति करता है, चूँकि x-t ग्राफ कण का पथ प्रदर्शित नहीं कर सकता।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 21
ग्राफ द्वारा t = 0 पर x= 0 प्रदर्शित है; अत: ग्राफ गुरुत्व के अन्तर्गत गिरती हुई किसी वस्तु की गति प्रदर्शित कर सकता है।

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प्रश्न 18:
किसी राजमार्ग पर पुलिस की कोई गाड़ी 30 km/h की चाल से चल रही है और यह उसी दिशा में 192 km/h की चाल से जा रही किसी चोर की कार पर गोली चलाती है। यदि गोली की नाल मुखी चाल 150 ms-1 है तो चोर की कार को गोली किस चाल के साथ आघात करेगी?
(नोट-उस चाल को ज्ञात कीजिए जो चोर की कार को हानि पहुँचाने में प्रासंगिक हो।)
हल:
चोर की कार की चाल νt = 192
किमी/घण्टा = (192 x 5/18)
मी/से = (160/3) मी/से

पुलिस की कार की चाल νp = 30
किमी/घण्टा = (30×5/18)
मी/से = (25/3) मी/से
पुलिस की कार (चाल) के सापेक्ष गोली की चाल, νbp = 150 मी/से
पुलिस की कार के सापेक्ष चोर की कार की आपेक्षिक चाल
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 22
चोर की कार से गोली के टकराने की चाल = पुलिस की कार के सापेक्ष गोली की आपेक्षिक चाल – पुलिस की कार के सापेक्ष चोर की कार की चाल = vbp – vtp
= 150 मी/से – 45 मी/से = 105 मी/से

प्रश्न 19:
चित्र 3.10 में दिखाए गए प्रत्येक ग्राफ के लिए किसी उचित भौतिक स्थिति का सुझाव दीजिए
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 23
उत्तर:
(a) x-t ग्राफ प्रदर्शित कर रहा है कि प्रारम्भ में x शून्य है, फिर यह एक स्थिर मान प्राप्त करता है, पुनः यह शून्य हो जाता है तथा फिर यह विपरीत दिशा में बढ़कर अन्त में एक स्थिर मान (विरामावस्था) प्राप्त कर लेता है। अतः यह ग्राफ इस प्रकार की भौतिक स्थिति व्यक्त कर सकता है जैसे एक गेंद को विरामावस्था से फेंका जाता है और वह दीवार से टकराकर लौटती है तथा कम चाल से उछलती है तथा यह क्रम इसके विराम में पहुँचने (UPBoardSolutions.com) तक चलता रहता है।
(b) यह ग्राफ प्रदर्शित कर रहा है कि वेग समय के प्रत्येक अन्तराल के साथ परिवर्तित हो रहा है तथा प्रत्येक बार इसका वेग कम हो रहा है। इसलिए यह ग्राफ एक ऐसी भौतिक स्थिति को व्यक्त कर सकता है जिसमें एक स्वतन्त्रतापूर्वक गिरती हुई गेंद (फेंके जाने पर) धरती से टकराकर कम चाल से पुनः उछलती है तथा प्रत्येक बार धरती से टकराने पर इसकी चाल कम होती जाती है।
(c) यह ग्राफ प्रदर्शित करता है कि वस्तु अल्प समय में ही त्वरित हो जाती है। अत: यह ग्राफ एक ऐसी भौतिक स्थिति को व्यक्त कर सकता है जिसमें एकसमान चाल से चलती हुई गेंद को अत्यल्प समयान्तराल में बल्ले द्वारा टकराया जाता है।

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प्रश्न 20:
चित्र 3.11 में किसी कण की एकविमीय सरल आवर्ती गति के लिए x-t ग्राफ दिखाया गया है। (इस गति के बारे में आप अध्याय 14 में पढ़ेंगे) समय t = 0.3 s, 1.2 s, – 1.2s पर कण के स्थिति, वेग व त्वरण के चिह्न क्या होंगे?
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 24
हल:
सरल आवर्ती गति में, त्वरण, α= -ω2x जहाँ ω नियतांक (कोणीय आवृत्ति) है।
समय t = 0.3s पर, x ऋणात्मक है, x-t ग्राफ का ढाल ऋणात्मक है; अतः स्थिति एवं वेग ऋणात्मक हैं। चूंकि α = -ω2x);
अत: त्वरण धनात्मक है। समय t = 1.2 s पर, x धनात्मक है, x-t ग्राफ का ढाल भी धनात्मक है; अतः स्थिति एवं वेग धनात्मक हैं। चूंकि α = ω2x; अतः त्वरण ऋणात्मक है।
समय t = -1.2s पर, x ऋणात्मक है, x-t ग्राफ का ढाल भी धनात्मक है; अतः वेग धनात्मक है। अन्त में त्वरण ‘α’ भी धनात्मक है।

प्रश्न 21:
चित्र 3.12 में किसी कण की एकविमीय गति का है ग्राफ दर्शाता है। इसमें तीन समान अन्तराल दिखाए गए हैं। किस अन्तराल में औसत चाल अधिकतम है और किसमें न्यूनतम है? प्रत्येक अन्तराल के लिए औसत वेग का चिह्न बताइए।
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 25
हम जानते हैं कि लघु अन्तरालों में x-t ग्राफ का ढाल उस अन्तराल में कण की औसत चाल व्यक्त करता है। ग्राफ से यह स्पष्ट है कि अन्तराल (3) में ग्राफ का ढाल अधिकतम है, परन्तु अन्तराल (2) में न्यूनतम है। अतः औसत चाल अन्तराल (3) में अधिकतम तथा अन्तराल (2) में न्यूनतम होगी। इसके अतिरिक्त अन्तराल (1) तथा (2) में ढाल धनात्मक है परन्तु अन्तराल (3) में ऋणात्मक; अत: अन्तराल (1) व (2) में औसत वेग धनात्मक है परन्तु अन्तराल (3) में ऋणात्मक।

प्रश्न 22:
चित्र-3.13 में किसी नियत (स्थिर) दिशा के अनुदिश चल रहे कण.का चाल-समय ग्राफ दिखाया गया है। इसमें तीन समान समय अन्तराल दिखाए गए हैं। किस अन्तराल में औसत त्वरण का परिमाण अधिकतम होगा? किस अन्तराल में औसत चाल अधिकतम होगी? धनात्मक दिशा को गति की स्थिर दिशा चुनते हुए तीनों अन्तरालों में ν तथा a के चिह्न बताइए। A, B, C व D बिन्दुओं पर त्वरण क्या होंगे?
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 26
उत्तर:
(i) हम जानते हैं कि लघु अन्तरालों में ν-t ग्राफ के ढाल का परिमाण कण के औसत त्वरण को परिमाण देता है। दिए गए चित्र से स्पष्ट है कि ढाल का परिमाण
(2) में अधिकतम तथा
(3) में न्यूनतम है।
अत: औसत त्वरण का परिमाण अन्तराल (2) में अधिकतम तथा (3) में न्यूनतम होगा।
(ii) चित्र से स्पष्ट है कि औसत चाल अन्तराल (3) में अधिकतम तथा अन्तराल (1) में न्यूनतम है।
(iii) सभी तीनों अन्तरालों में चाल ν धनात्मक है। पुनः अन्तराल (1) में (UPBoardSolutions.com) (ν-t) ग्राफ का ढाल धनात्मक है, जबकि अन्तराल (2) में ढाल (त्वरण a) ऋणात्मक है। चूंकि अन्तराल (3) में, ν-t ग्राफ समय-अक्ष के समान्तर है; अत: इस अन्तराल में a शून्य है।
(iv) A, B, C तथा D.बिन्दुओं पर, ν-t ग्राफ समय-अक्ष के समान्तर है। इसलिए सभी चारों बिन्दुओं पर ‘a’ शून्य है।

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अतिरिक्त अभ्यास

प्रश्न 23:
कोई तीन पहिये वाला स्कूटर अपनी विरामावस्था से गति प्रारम्भ करता है। फिर 10 s तक किसी सीधी सड़क पर 1m s-2 के एकसमान त्वरण से चलता है। इसके बाद वह एकसमान वेग से चलता है। स्कूटर द्वारा नावें सेकण्ड (n= 1, 2, 3, ……) में तय की गई दूरी को n के सापेक्ष आलेखित कीजिए। आप क्या आशा करते हैं कि त्वरित गति के दौरान यह ग्राफ कोई सरल रेखा या कोई परवलय होगा?
हल:
हम जानते हैं कि
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 27
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 28
चित्र-3.14 में प्रदर्शित ग्राफ से स्पष्ट है कि त्वरित गति के दौरान हमें एक सरल रेखा प्राप्त होती है।

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प्रश्न 24:
किसी स्थिर लिफ्ट में (जो ऊपर से खुली है) कोई बालक खड़ा है। वह अपने पूरे जोर से एक गेंद ऊपर की ओर फेंकता है जिसकी प्रारम्भिक चाल 49 ms-1 है। उसके हाथों में गेंद के वापस आने में कितना समय लगेगा? यदि लिफ्ट ऊपर की ओर 5 m s-1 की एकसमान चाल से गति करना प्रारम्भ कर दे और वह बालक फिर गेंद को अपने पूरे जोर से फेंकता तो कितनी देर में गेंद उसके हाथों में लौट आएगी?
हल:
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 29
जब लिफ्ट ऊपर की ओर 5 मी/से की चाल से गति आरम्भ करे तो भी गेंद अब भी पूर्व की भाँति 10 सेकण्ड ही लेगी, चूंकि गेंद की बालक के सापेक्ष आपेक्षिक गति जब भी 49 मी/से ही होगी।

प्रश्न 25:
क्षैतिज में गतिमान कोई लम्बा पट्टा (चित्र-3.15) 4 km/h की चाल से चल रहा है। एक बालक इस पर (पट्टे के सापेक्ष) 9 km/h की चाल से कभी आगे, कभी पीछे अपने माता-पिता के बीच दौड़ रहा है। माता व पिता के बीच 50 m की दूरी है। बाहर किसी स्थिर प्लेटफार्म पर खड़े एक प्रेक्षक के लिए, निम्नलिखित का मान प्राप्त करिए
(a) पट्टे की गति की दिशा में दौड़ रहे बालक की चाल,
(b) पट्टे की गति की दिशा के विपरीत दौड़ रहे बालक की चाल,
(c) बच्चे द्वारा (a) व (b) में लिया गया समय यदि बालक की गति का प्रेक्षण उसके माता या पिता करें तो कौन-सा उत्तर बदल जाएगा?
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 30
हल:
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 31

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प्रश्न 26:
किसी 200 m ऊँची खड़ी चट्टान के किनारे से दो पत्थरों को एक साथ ऊपर की ओर 15 m s-1 तथा 30 m s-1 की प्रारम्भिक चाल से फेंका जाता है। इसका सत्यापन कीजिए कि संलग्न ग्राफ (चित्र-3.16) पहले पत्थर के सापेक्ष दूसरे पत्थर की आपेक्षिक स्थिति का समय के साथ परिवर्तन को प्रदर्शित करता है। वायु के प्रतिरोध को नगण्य मानिए और यह मानिए कि जमीन से टकराने के बाद पत्थर ऊपर की ओर उछलते नहीं। मान लीजिए g = 10 m s-2 ग्राफ के रेखीय व वक्रीय भागों के लिए समीकरण लिखिए।
हल:
पहले पत्थर के लिए,
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 32UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 33

प्रश्न 27:
किसी निश्चित दिशा के अनुदिश चल रहे किसी कण का चाल-समय ग्राफ चित्र-3.17 में दिखाया गया है। कण द्वारा
(a) t = 0s से t= 10 s,
(b) t = 2s से 6s के बीच तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।
(a) तथा (b) में दिए गए अन्तरालों की अवधि मेंकण की औसत चाल क्या है?
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 34
हल:
(a) t = 0 से t = 10 सेकण्ड के बीच कण द्वारा तय की गयी दूरी = ∆OAB का क्षेत्रफल
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UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 36

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प्रश्न 28:
एकविमीय गति में किसीकण का वेग-समय ग्राफ चित्र-3.18 में दिखाया गया है-नीचे दिए सूत्रों में t1 से t2 तक के समय अन्तराल की अवधि में कण की गति का वर्णन करने के लिए कौन-से सूत्र सही हैं
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 37
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 38
उत्तर:
(i) यह सही नहीं है, क्योंकि t1 , तथा t2, के बीच अन्तराल में d स्थिर नहीं है।
(ii) यह सूत्र भी सही नहीं है। यहाँ भी a स्थिर नहीं है।
(iii) यह सूत्र सही है।
(iv) यह सूत्र सही है।
(v) यह सूत्र सही नहीं है, क्योंकि इसमें औसत त्वरण को प्रयुक्त नहीं किया जा सकता।
(vi) यह सूत्र सही है।

परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1:
यदि कोई वस्तु पृथ्वी की ओर मुक्त रूप से गिरती है, तो वस्तु की गति होगी
(i) एकविमीय
(ii) द्विविमीय गति
(iii) त्रिविमीय गुति
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) एकविमीय

प्रश्न 2:
एक वस्तु द्वारा चली गई दूरी समय के अनुक्रमानुपाती है। इसका अर्थ है कि वस्तु
(i) समान चाल से चल रही है ।
(ii) की चाल शून्य है।
(iii) समान वेग से चल रही है।
(iv) समान त्वरण से चल रही है।
उत्तर:
(iii) समान वेग से चल रही है।

प्रश्न 3:
एक वस्तु का चाल-समय ग्राफ X-अक्ष के समानान्तर एक रेखा है। इसका अर्थ है।
(i) वस्तु समान गति से चल रही है।
(ii) वस्तु असमान गति से चल रही है।
(iii) वस्तु स्थिर है।
(iv) वस्तु त्वरित गति से चल रही है।
उत्तर:
(i) वस्तु समान गति से चल रही है।

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प्रश्न 4:
वेग अथवा चाल का मात्रक है।
(i) मीटर-सेकण्ड
(ii) मीटर/सेकण्ड
(iii) मीटर/सेकण्ड2
(iv) मीटर-सेकण्ड2
उत्तर:
(ii) मीटर/सेकण्ड

प्रश्न 5:
दो रेलगाड़ियाँ क्रमश u तथा v वेग से विपरीत दिशाओं में चल रही हैं। पहली गाड़ी के सापेक्ष दूसरी गाड़ी का वेग होगा
(i) v- u
(ii) v + u
(iii) u – v
(iv) शून्य
उत्तर:
(ii) u +v

प्रश्न 6:
पृथ्वी तल से ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर फेंका गया पिण्ड जब महत्तम ऊँचाई पर होता है, तो उसका
(i) वेग अधिकतम होता है।
(ii) त्वरण शून्य होता है।
(iii) त्वरण अधिकतम होता है।
(iv) वेग शून्य होता है।
उत्तर:
(iv) वेग शून्य होता है

प्रश्न 7:
एक वस्तु विरामावस्था से hऊँची मीनार की चोटी से गिरती है। पृथ्वी पर पहुँचने पर उसका वेग होगा
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 39
उत्तर:
(iii) [latex]\sqrt { 2gh }[/latex]

प्रश्न 8:
दो पत्थर परस्पर 3:5 के अनुपात के वेगों से ऊध्र्वाधरतः ऊपर की ओर फेंके जाते हैं। यदि वे क्रमश  h1 व h2 ऊँचाई तक जाएँ तो h1: h2 बराबर होगा
(i) 3: 5
(ii) 5 : 3
(iii) 15 : 1
(iv) 9: 25
उत्तर:
(iv) 9:25

प्रश्न 9:
एक कण का प्रारम्भिक वेग 10 मीटर/सेकण्ड2 तथा मन्दन 2 मीटर/सेकण्ड है। कण द्वारा 5वें सेकण्ड में चली गई दूरी है।
(i) 1 मीटर
(ii) 19 मीटर
(iii) 5 मीटर
(iv) 75 मीटर
उत्तर:
(i) 1 मीटर

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प्रश्न 10:
मीनार की चोटी से छोड़ा गया पत्थर पृथ्वी पर 4 सेकण्ड में पहुँचता है। मीनार की ऊँचाई है
(i) 20 मीटर
(ii) 40 मीटर
(iii) 80 मीटर
(iv) 160 मीटर
उत्तर:
(iii) 80 मीटर

प्रश्न 11:
एक पिण्ड को पृथ्वी से ऊपर की ओर 100 मी/सेकण्ड के वेग से फेंका जाता है। वह वापस पृथ्वी पर पहुँचने में समय लेगा (लगभग)
(i) 10 सेकण्ड
(ii) 20 सेकण्ड
(iii) 15 सेकण्ड
(iv) 5 सेकण्ड
उत्तर:
(ii) 20 सेकण्डे

प्रश्न 12:
एक पिण्ड X-अक्ष की दिशा में इस प्रकार चलता है कि निर्देशांक x, समय t (सेकण्ड) के साथ समीकरण = 2- 5t + 6t2 मीटर के अनुसार परिवर्तित होता है। पिण्ड का प्रारम्भिक वेग है।
(i) – 5 मी/से
(ii)-3 मी/से
(iii) 6 मी/से
(iv) 3 मी/से
उत्तर:
(i) -5 मी/से।

प्रश्न 13:
1000 किग्रा द्रव्यमान की एक कार 40 मी/से की चाल से गति कर रही है। इसे रोकने के लिए ब्रेक लगाया जाता है। यदि ब्रेक का बल 4000 न्यूटन हो, तो कार को रोकने में आवश्यक समय होगा।
(i) 5 सेकण्ड
(ii) 10 सेकण्ड
(iii) 15 सेकण्ड
(iv) 20 सेकण्ड
उत्तर:
(ii) 10 सेकण्ड

प्रश्न 14:
2000 किग्रा द्रव्यमान की एक कार 20 मी/से की चाल से गति कर रही है। ब्रेक का प्रयोग कर कार को रोका जाता है। यदि मन्दक बल 2000 N हो, तो कार को रोकने में आवश्यक समय होगा।
(i) 5 सेकण्ड़
(ii) 10 सेकण्ड
(iii) 15 सेकण्ड
(iv) 20 सेकण्ड
उत्तर:
(iv) 20 सेकण्ड

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प्रश्न 15:
एक कार सर्वप्रथम 5 किमी दूरी पूर्व दिशा में तय करती है उसके बाद 12 किमी दूरी उत्तर दिशा में तय करती है। कार द्वारा तय की गई कुल दूरी तथा विस्थापन होगा
(i) 17 किमी, 13 किमी.
(ii) 15 किमी, 40 किमी
(iii) 50 किमी, 35 किमी
(iv) 5 किमी, 35 किमी
उत्तर:
(i) 17 किमी, 13 किमी

प्रश्न 16:
M.K.S. पद्धति में त्वरण का मात्रक है।
(i) मीटर/सेकण्ड
(ii) न्यूटन/मीटर
(iii) मीटर/सेकण्ड2
(iv) किग्रा-मीटर/सेकण्ड
उत्तर:
(iii) मीटर/सेकण्ड2

प्रश्न 17:
चाल-समय ग्राफ का ढाल प्रदर्शित करता है।
(i) चाल
(ii) त्वरण
(iii) विस्थापन
(iv) द्वेग
उत्तर:
(ii) त्वरण

प्रश्न 18:
एक गतिमान वस्तु द्वारा तय की गयी दूरी समय के वर्ग के अनुक्रमानुपाती है। वस्तु का त्वरण
(i) बढ़ रहा है।
(ii) घट रहा है।
(iii) शून्य है
(iv) नियत है।
उत्तर:
(iv) नियत है।

प्रश्न 19:
जड़त्वीय निर्देश तन्त्र में त्वरण a का मान शून्य होता है, जब
(i) F > 1
(ii) F<1
(iii) F =1
(iv) F = 0
उत्तर:
(iv) F= 0

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
विस्थापन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी गतिशील वस्तु की प्रारभिक और अन्तिम स्थितियों के बीच न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते हैं। यह एक सदिश राशि है।

प्रश्न 2:
दूरी तथा विस्थापन में से कौन सदिश राशि है?
उत्तर:
विस्थापन।

प्रश्न 3:
वेग-समय ग्राफ तथा समय-अक्ष के बीच का क्षेत्रफल क्या प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
विस्थापन।

प्रश्न 4:
क्या किसी वस्तु का वेग नियत तथा चाल परिवर्ती हो सकती है?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 5:
स्थिति-समय ग्राफ का ढाल क्या प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
वेग।

प्रश्न 6:
एक वस्तु ऊध्वधर ऊपर की ओर फेंकी जाती है तथा वह h ऊँचाई तक जाकर प्रेक्षण बिन्दु पर लौट आती है। वस्तु द्वारा तय की गई दूरी व विस्थापन के मान बताइए।
उत्तर:
दूरी = 2h, विस्थापन = 0.

प्रश्न 7:
एक मीनार की चोटी से एक गेंद किसी निश्चित वेग से ऊध्वधर ऊपर की ओर तथा दूसरी गेंद उसी वेग से ठीक नीचे की ओर प्रक्षेपित की जाती हैं, कौन-सी गेंद को पृथ्वी से टकराने पर
वेग अधिक होगा?
उत्तर:
दोनों समान वेग से टकरायेंगी।

प्रश्न 8:
एक कण प्रारम्भ में 3 मीटर पूर्व एवं फिर 4 मीटर उत्तर की दिशा में चलकर अपनी यात्रा पूर्ण करता है। गणना कीजिए
(i) कण द्वारा चली गयी दूरी,
(ii) कण का विस्थापन।
हल:
(i) चित्र 3.19 से स्पष्ट है कि कण द्वारा चली गयी।
सम्पूर्ण दूरी = AB+ BC = 3+ 4 मीटर = 7 मीटर
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 40

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प्रश्न 9:
अजड़त्वीय निर्देश तन्त्र क्या है?
उत्तर:
वे निर्देश तन्त्र, जिसमें न्यूटन के गति विषयक नियमों का पालन नहीं होता है, अजड़त्वीय निर्देश तन्त्र कहलाते हैं।

प्रश्न 10:
एक कार किसी दूरी के आधे भाग को 40 किमी/घण्टा तथा शेष बचे हुए भाग को 60 किमी/घण्टा की चाल से तय करती है। कार की औसत चाल की गणना कीजिए।
हल:
माना कुल दूरी x है तथा आधी-आधी दूरियों के समय क्रमशः t1 एवं t2 हैं।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 41

प्रश्न 11:
ऊर्ध्वाधर दिशा में दागी गई एक गोली पुनः उसी बिन्दु पर आ गिरती है। उसके द्वारा तय की गई दूरी कितनी होगी?
उत्तर:
गोली पहले ऊपर की ओर जाकर फिर वापस नीचे की ओर उसी बिन्दु पर आकर गिरती है जिस बिन्दु से गोली छोड़ी गई थी। अत: गोली द्वारा चली गई दूरी उसके द्वारा तय की गई ऊंचाई की दोगुनी होगी।

प्रश्न 12:
तात्क्षणिक वेग क्या है?
उत्तर:
किसी क्षण विशेष पर गतिशील पिण्ड का जो चेग होता है, उसे तत्क्षणिक वेग कहते हैं। इसे dt द्वारा प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 13:
विस्थापन-समय ग्राफ समय-अक्ष के समान्तर सरल रेखा है। वेग तथा त्वरण के मान क्या होंगे?
उत्तर:
दोनों शून्य।

प्रश्न 14:
वेग-समय ग्राफ का ढाल क्या प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
चरण।

प्रश्न 15:
यदि त्वरण का S.I. मात्रक मी से 2 है, तो मन्दन का S.I. मात्रक क्या होगा?
उत्तर:
मी से-2

प्रश्न 16:
ऋणात्मक त्वरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वेग घटने की समय दर ऋणात्मक त्वरण कहलाती है।

प्रश्न 17:
बताइए पृथ्वी पर वर्षा की बूंदें एकसमान वेग से गिरती हैं या एकसमान त्वरण से।
उत्तर:
एकसमान त्वरण से।

प्रश्न 18:
वेग-परिवर्तन की समय दर को क्या कहते हैं?
उत्तर:
त्वरण।

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प्रश्न 19:
त्वरण-समय ग्राफ तथा समय-अक्ष के बीच का क्षेत्रफल क्या प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
वेग-परिवर्तन।

प्रश्न 20:
एक बच्चा एकसमान वेग से चलती हुई ट्रेन, जो सीधी पटरियों पर गतिमान है, में बैठा है, वह एक गेंद हवा में उछालता है, थोड़े समय बाद गेंद कहाँ गिरेगी?
उत्तर:
उसके हाथ में।

प्रश्न 21:
एक मीनार की चोटी से एक गेंद क्षैतिज दिशा में किसी निश्चित वेग से फेंकी जाती है, उसी क्षण दूसरी गेंद वहीं से ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर मुक्त रूप से गिरने के लिए छोड़ी जाती है,कौन-सी गेंद पृथ्वी पर पहले टकराएगी?
उत्तर:
दोनों गेंदें साथ-साथ टकरायेंगी, क्योंकि ऊध्र्वाधर (UPBoardSolutions.com) दिशा में दोनों गेंदों के प्रारम्भिक वेग शून्य हैं, तथा दोनों पर त्वरण का मान g है।

प्रश्न 22:
एकसमान त्वरित गति करने वाले एक पिण्ड द्वारा 7वें तथा 9वें. सेकण्ड में तय की गई दूरियाँ क्रमशः 20 मी तथा 24मी हैं, तो वह पिण्ड 15वें सेकण्ड में कितनी दूरी तय करेगा?
हल:
7वें सेकण्ड में चली गयी दूरी = 20 मी
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 42

प्रश्न 23:
क्या कोई वस्तु जिसका वेग शून्य हो, त्वरित हो सकती है?
उत्तर:
हाँ, जब ई वस्तु अपनी गति की दिशा को उत्क्रमित (Reversal) करती है, तो क्षण भर के लिए उसका वेग शून्य हो जाता है, अपितु उस पर अब भी -a परिमाण को त्वरण कार्य करता है।

प्रश्न 24:
एक चलती हुई मोटरगाड़ी को ब्रेक लगाकर कुछ दूरी पर रोक लिया जाता है इसके लिए गति का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
u2 = 2ax, जहाँ a= त्वरण (मन्दन), x = दूरी तथा u = प्रारम्भिक वेग।

प्रश्न 25:
आपेक्षिक वेग से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब दो वस्तुएँ किसी वेग से गतिमान होती हैं तो प्रति सेकण्ड उनके बीच के विस्थापन में होने वाले परिवर्तन को आपेक्षिक वेग कहते हैं।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
दूरी तथा विस्थापन में अंन्तर लिखिए।
उत्तर:
दूरी तथा विस्थापन में अन्तर
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 43

प्रश्न 2:
चाल तथा वेग में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
चाल-किसी गतिशील वस्तु की चाल यह दर्शाती है कि वह वस्तु उस क्षण कितनी तेज चल रही है। किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में चली गई दूरी को वस्तु की चाल कहते हैं।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 44
यह एक अदिश राशि है।
वेग:
कोई वस्तु एकांक समयान्तराल में किसी दिशा में जितनी विस्थापित होती है, उसे उस दिशा में वस्तु का वेग कहते हैं। वेग एक सदिश राशि है।

प्रश्न 3:
परिवर्ती चाल तथा औसत चाल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
परिवर्ती चाल-यदि कोई वस्तु समान समयान्तरालों में भिन्न-भिन्न दूरियाँ तय करती है तो वस्तु की चाल असमान या परिवर्ती कहलाती है। औसत चाल-अधिकतरे गतिशील वस्तुओं की चाल परिवर्तित होती रहती है तथा यह कई बार अपनी गति की दिशा भी बदलती है ऐसी अवस्था में उसकी औसत चाल ज्ञात की जाती है। अर्थात् किसी गतिमान वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी तथा लिए गये कुल समय के अनुपात को औसत चाल कहते हैं।
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प्रश्न 4:
क्या एक गतिशील वस्तु के लिए यह सम्भव है कि उसकी कुछ औसत चाल हो लेकिन औसत वेग शुन्य हो?
उत्तर:
हाँ, यह सम्भव है। उदाहरण-यदि कोई व्यक्ति किसी वृत्ताकार ट्रैक पर किसी स्थान से चलकर कुछ निश्चित समय पश्चात् उसी ट्रैक के उसी स्थान पर वापस लौट आता है, तो उसके द्वारा चली गयी दूरी = ट्रैक की परिधि तथा उसका विस्थापन = शून्य।
अत: उसकी औसत चाल = दूरी/समय ।
तथा औसत वेग = विस्थापन/समयं = 0 /समय = 0

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प्रश्न 5:
10 ग्राम तथा 100 ग्राम वाली भिन्न द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एकसमान ऊँचाई से गिराई जाती हैं। क्या वे एक समय पर पृथ्वी पर पहुँचेंगी? अपना उत्तर व्याख्या सहित लिखिए।
उत्तर:
दोनों वस्तुओं को प्रारम्भिक वेग 40 = शून्य तथा दोनों के द्वारा पृथ्वी तक पहुँचने में तय की गयी दूरी के भी समान है।
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इस सूत्र में द्रव्यमान नहीं आ रहा है। अत: g नियत होने के कारण दोनों के लिए है समान होगा। यदि वायु का प्रतिरोध नगण्य मान लिया जाये जो द्रव्यमान पर निर्भर करता है, अतः दोनों वस्तुएँ एक समय पर पृथ्वी पर पहुँचेगी।

प्रश्न 6:
एक कण को 20 मी/से के प्रारम्भिक वेग से ऊपर की ओर फेंका जाता है। 3.0 सेकण्ड बाद कण द्वारा तय की गयी दूरी तथा विस्थापन की गणना कीजिए। (g= 10 मी/से2)।
हल:
दिया है, u = 20 मी/से, t= 3 सेकण्ड
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प्रश्न 7:
सिद्ध कीजिए कि =u + at
उत्तर:
माना किसी वस्तु का प्रारम्भिक वेग v है, जो । समयान्तराल के बाद v हो जाता है। त्वरण की परिभाष से,
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प्रश्न 8:
असमान अथवा परवर्ती त्वरण से क्या तात्पर्य है ? धनात्मक तथा ऋणात्मक त्वरण क्या है।
उत्तर:
असमान या परिवर्तीत्वरण-यदि समान समयान्तरालों में वस्तु के वेग में परिवर्तन असमान हो, तो वस्तु का त्वरण असमान अंथवा परिवर्ती कहा जाता है। चित्र 3.20 में धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य त्वरण वाली गति के लिए गति-समय ग्राफ दर्शाया गया है। इन ग्राफों में ऊपर की ओर जाती हुई वक्र धनात्मक
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यदि समय के साथ वस्तु का वेग बढ़ता है तो उसमें उत्पन्न त्वरण धनात्मक कहलाता है और यदि वस्तु का वेग घटता है तो उत्पन्न त्वरण ऋणात्मक कहलाता है। ऋणात्मक त्वरण को मन्दन (retardation) भी कहते हैं।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
सरल रेखा में गतिमान किसी कण के स्थिति-समय ग्राफ से क्या तात्पर्य है? ये कितने प्रकार के होते हैं? स्थिति-समय ग्राफ की सहायता से गतिमान कण के वेग का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
स्थिति-समय ग्राफ-समय के सापेक्ष, सरल रेखा में गतिमान किसी कण की स्थिति को प्रदर्शित करने वाला ग्राफ वस्तु का स्थिति-समय ग्राफ कहलाता है। स्थिति समय ग्राफ अग्र दो प्रकार का होता है
(i) एकसमान गति का स्थिति-समय ग्राफ तथा
(ii) असमान गति का स्थिति-समय ग्राफ। सरल रेखा में गतिमीन किसी कंण की गति को उसके स्थिति-समय ग्राफ द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। इसके लिए समय (t) को X-अक्ष पर तथा कण की स्थिति (x) को Y-अक्ष पर लेते हैं।
एकसमान गति के लिए स्थिति-समय ग्राफ-एकसमान गति (एकसमान वेग से गति) के लिए स्थिति-समय ग्राफ, समय-अक्ष के साथ एक निश्चित कोण पर झुकाव लिए सरल रेखा प्राप्त होती है। (चित्र 3.21)

स्थिति-समय ग्राफ से वेग का निर्धारण:
मान लीजिए एक, x,… सरल रेखा में एकसमान गति करते हुए कण का स्थिति-समय ग्राफ चित्र 3.21 में प्रदर्शित सरल रेखा OAB है। माना कि क्षणों t1 तथा t2 के संगत कण की स्थितियाँ क्रमशः [latex]\xrightarrow { { x }_{ 1 } }[/latex]  व [latex]\xrightarrow { { x }_{ 2 } }[/latex] हैं, तब ६ समयान्तराल (t2 – t1) के लिए कण का स्थिति परिवर्तन
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∴ वस्तु का वेग = स्थिति-समय वक्र का ढाल

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अत: सरल रेखा में एकसमान गतिं करते कण का वेग, कण के स्थिति-समय ग्राफ के ढाल के बराबर होता है।
असमान गति के लिए स्थिति-समय ग्राफ-असमान गति । (परिवर्ती वेग से गति) के लिए स्थिति-समय ग्राफ एक वक्र (curve) के रूप में प्राप्त होता है (चित्र 3.22)।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 53
स्थिति-समय ग्राफ से औसत वेग का निर्धारण-मान लीजिए कि सरल रेखा में असमान गति से गतिमान केण का ए स्थिति-समय ग्राफ चित्र 3.22 में प्रदर्शित वक्र OAB है। माना कि क्षणों t1 वे t2 के संगत कण की स्थितियाँ क्रमशः
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 54
अतः किसी निश्चित समयान्तराल में वस्तु का औसत वेग उसके स्थिति-समय ग्राफ में उस निश्चित समयान्तराल के संगत वस्तु की स्थितियों को मिलाने वाली जीवा की प्रवणता के बराबर होता है। इस प्रकार, असमान गति के लिए प्राप्त स्थिति-समय ग्राफ के किन्हीं दो बिन्दुओं को मिलाने वाली जीवा की प्रवणता, उस समयान्तराल के लिए औसत वेग को प्रदर्शित करती है।

स्थिति-समय,ग्राफ से तात्क्षणिक वेग का निर्धारण:
यदि समयान्तराल (t2– t1) सूक्ष्म हो तब ग्राफ पर बिन्दु B, बिन्दु A के निकट आ जाता है। समयान्तराल ∆t के अत्यन्त सूक्ष्म (∆t ⇒ 0) होने पर बिन्दु A व B लगभग सम्पाती होकर ग्राफ को बिन्दु A पर स्पर्श करते हैं तथा जीवा AB, बिन्दु A पर स्पर्श रेखा में परिवर्तित हो जाती है।
अत: समय t1 पर वस्तु का तात्क्षणिक वेग = बिन्दु A पर स्पर्श रेखी की प्रवणता = tan α

प्रश्न 2:
वेग-समय ग्राफ से गतिशील वस्तु का विस्थापन तथा दूरी उदाहरण सहित ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
वेग-समय आफसे गतिशील वस्तु का विस्थापन तथा दूरी ज्ञात करना–कोई वस्तु जब गति में आती है तो उसका वेग बढ़ता है – तथा जब वस्तु को रोकना शुरू करते हैं तो वेग घटता है। स्पष्ट है कि वस्तु का वेग धनात्मक, ऋणात्मक व शून्य हो सकती है। वेग धनात्मक होने पर वेग-समय ग्राफ (OP) अक्ष के ऊपर की ओर तथा वेग ऋणात्मक होने पर ग्राफ (QR) अक्ष से नीचे की ओर होगा (चित्र 3.23)।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 55
वेग-समय ग्राफ (v-t) तथा समय अक्ष के बीच घिरा क्षेत्रफल तय चित्र 3.23 की गई दूरी को बताता है। यदि क्षेत्रफल समय अक्ष के ऊपर है, तो यह मूल बिन्दु से दूरी को दर्शाता है, परन्तु यदि क्षेत्रफल समय-अक्ष के नीचे है, तो यह मूल बिन्दु की ओर दूरी को दर्शाता है। अतः कुल दूरी ज्ञात करने के लिए सभी क्षेत्रफलों को जोड़ देते हैं, जबकि विस्थापन ज्ञात करने के लिए समय-अक्ष के ऊपर के क्षेत्रफल धनात्मक व समय-अक्ष के नीचे के क्षेत्रफल ऋणात्मक लेते हैं।

उदाहरण–एक कार कीं, गति का वेग-समय ग्राफ चित्र 3.24 में प्रदर्शित है। ज्ञात कीजिए
(i) 5 सेकण्ड में विस्थापन तथा
(ii) 5 सेकण्ड में चलित दूरी।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 56
हल:
(i) 5 सेकण्ड में विस्थापन = क्षेत्रफल OABC- क्षेत्रफल CDEF
= 3×10- 10×2= 30- 20 = 10 मीटर,
(ii) 5 सेकण्ड में चलित दूरी = क्षेत्रफल OABC+ क्षेत्रफल CDEF
= 30+ 20 = 50 मीटर

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प्रश्न 3:
किसी गतिमान वस्तु के वेग-समय ग्राफ से क्या तात्पर्य है। वेग-समय ग्राफ से वस्तु का विस्थापन तथा वस्तु का त्वरण किस प्रकार ज्ञात किया जाता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वेग-समय ग्राफ: किसी गतिमान वस्तु के वेग तथा समय के बीच खींचे गए ग्राफ को वस्तु का वेग-समय ग्राफ कहते हैं। अतः स्पष्ट है कि किसी वस्तु का वेग-समय ग्राफ, समय के साथ वस्तु के वेग में होने वाले परिवर्तन को प्रदर्शित करता है।

एकसमान गति के लिए वेग-समय ग्राफ:
एकसमान गति (एकसमान वेग से गति) के लिए वेग-समय ग्राफ, समय अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा प्राप्त होती है (चित्र 3.25)

वेग-समय ग्राफ से विस्थापन का निर्धारण-किसी निश्चित समयान्तराल में (UPBoardSolutions.com) वस्तु का विस्थापन, उसके वेग-समय वक्र तथा समय अक्ष के बीच घिरे क्षेत्रफल के बराबर होता है।
एकसमान वेग से गति के लिए वेग-समय ग्राफ, सरल रेखा AB प्राप्त होती है। समय t1 व t2 पर वस्तु
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 57
एकसमान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ:
एकसमान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ समय-अक्ष के साथ एक निश्चित क्रोण पर झुकाव लिए सरल रेखा के रूप में होता है (चित्र;3.26)। वेग-समय ग्राफ से त्वरण ज्ञात करना – मान लीजिए कि एकसमान त्वरण से गतिमान किसी वस्तु का वेग-समय ग्राफ एक प्रदर्शित किया गया है।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 58

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असमान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ एक वक्र के रूप में होता है जैसा कि चित्र 3.27 में प्रदर्शित किया गया है।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 59
प्रश्न 4:
ग्राफीय विधि द्वारा एकसमान त्वरित गति से गतिमान वस्तु की गति की समीकरणे व्युत्पन्न कीजिए।
या
एकसमान त्वरण से गतिमान वस्तु के लिए, ग्राफीय विधि से निम्नलिखित सम्बन्ध स्थापित कीजिए
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 60
उत्तर:
ग्राफ द्वारा गति के समीकरण स्थापित करना
माना कोई वस्तु प्रारम्भिक वेग u तथा अचर त्वरण a से चलना प्रारम्भ करती है और t समय पश्चात् वस्तु का वेग v हो जाता है। यदि समय को X-अक्ष पर तथा वेग को Y-अक्ष पर निरूपित किया जाए, तो वस्तु का समय-वेग ग्राफ पर झुकी हुई सरल रेखा BA के रूप में प्राप्त होली है (चित्र 3.28)।
इसकी सहायता से गति के समीकरणों को निम्न प्रकार से ज्ञात करते हैं
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(i) गति का प्रथम समीकरण-माना t= 0 समय पर
वस्तु का प्रारम्भिक वेग u = OB= EC
समय (t) माना समय पश्चात् वस्तु का अन्तिम वेग
(ν) = EA
वेग-परिवर्तन में प्रयुक्त समय (t) = OE = BC
हम जानते हैं कि, वस्तु का त्वरण समय-वेग ग्राफ की रेखा के ढाल से ज्ञात होता है।
अतः वस्तु का त्वरण (a) = रेखा BA को ढाल
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(ii) गति का द्वितीय समीकरण:
माना t = 0 से t समय तक वस्तु 8 दूरी तय करती है। यह दूरी t=0 से है समय तक वस्तु के समय-वेग ग्राफ तथा समये-अक्ष के बीच घिरे भाग का क्षेत्रफल
के बराबर होती है। अतः वस्तु द्वारा चली गई दूरी
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 63

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(iii) गति का तृतीय समीकरण
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प्रश्न 5:
कलन विधि से एकसमान त्वरित गति के समीकरणों की स्थापना कीजिए।
उत्तर:
कलन विधि से एकसमान त्वरित गति के समीकरणों की स्थापना-माना एक वस्तु एक सरल रेखा में एकसमान त्वरण a से गति कर रही है; समय t= 0 पर इसका प्रारम्भिक वेग ॥ तथा समय पश्चात् यह ν हो जाता है। माना इस है समय में वस्तु का विस्थापन s है।

(i) प्रथम समीकरण- माना गतिशील वस्तु के वेग में अति अल्प समय ∆t में परिवर्तन ∆ν है।
t समय पर वस्तु का त्वरण ।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 65

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(ii) द्वितीय समीकरण–माना गतिशील वस्तु का विस्थापन अल्प समयान्तराल ∆t में ∆s है तो क्षण t पर
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 66
(iii) तृतीय समीकरण-हम जानते हैं कि
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 67
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line 68

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प्रश्न 6:
एकसमान त्वरण से गति करते हुए किसी वस्तु द्वारा किसी विशेष सेकण्ड में चली गई दूरी के लिए व्यजंक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
माना सरल रेखीय गति करते हुए पिण्ड की 7वें सेकण्ड में दूरी ज्ञात करनी है, तो पिण्ड द्वारा ॥ सेकण्ड में चली गई दूरी में से (n – 1) सेकण्ड में चली गई दूरी को घटा दिया जाता है। माना किसी वस्तु का प्रारम्भिक वेग ॥ है जो एकसमान त्वरण a से चलकर t सेकण्ड में s दूरी तय करती है, तब गति के सूत्र से
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प्रश्न 7:
निम्न चित्र में प्रदर्शित समय-वेग ग्राफ से ज्ञात कीजिए
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(i) 0 से 10 सेकण्ड का औसत त्वरण
(ii) 40 सेकण्ड में चली गई दूरी तथा विस्थापन
हल:
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प्रश्न 8:
ट्रैफिक-सिग्नल के हरा होते ही एक कार 2 मी/से2 के त्वरण से गति प्रारम्भ करती है। उसी क्षण एक ट्रक 10 मी/से की नियत चाल से कार को क्रॉस करता है।
(i) यात्रा के प्रारम्भिक बिन्दु से कार कितनी दूरी पर ट्रक को क्रॉस करेगी?
(ii) इस क्षण कार कितनी तेज चल रही होगी?
(iii) प्रत्येक गाड़ी के लिए विस्थापन-समय वक्र खींचिए।
हल:
दिया है, कार का त्वरण (a) = 2 मी/से2, प्रारम्भिक वेग (u) = 0, ट्रक की नियत चाल (u) = 10 मी/से

(i) ट्रक को क्रॉस करने के लिए, कार द्वारा चली गई दूरी, टूक द्वारा चली गई दूरी के बराबर होगी।
माना कार t सेकण्ड बाद ट्रक को क्रॉस करेगी
इसलिए t सेकण्ड में ट्रैक द्वारा चली गई दूरी = u’ t = 10 x t …(1)
तथा t सेकण्ड में त्वरित कार द्वारा चली गई दूरी
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प्रश्न 9:
आपेक्षिक वेग से आप क्या समझते हैं? आपेक्षिक वेग के लिए सूत्र का निगमन कीजिए।
उत्तर:
आपेक्षिक वेग-जब दो वस्तुएँ A तथा B क्रमश: [latex]\xrightarrow { { V }_{ A } }[/latex] तथा [latex]\xrightarrow { { V }_{ B } }[/latex] वेग से गतिमान होती हैं तो प्रति सेकण्ड उनके बीच के विस्थापन में होने वाले परिवर्तन को आपेक्षिक वेग कहते हैं।
सूत्र का निगमन:
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We hope the UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line ( सरल रेखा में गति) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 3 Motion in a Straight Line ( सरल रेखा में गति) drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion

UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion (गति के नियम)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 Physics. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion (गति के नियम).

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

(सरलता के लिए आंकिक परिकल्पनाओं में g = 10 ms-2 लीजिए।)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पर कार्यरत नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा लिखिए –
(a) एकसमान चाल से नीचे गिरती वर्षा की कोई बूंद
(b) जल में तैरता 10g संहति का कोई कॉर्क
(c) कुशलता से आकाश में स्थिर रोकी गई कोई पतंग
(d) 30 km h-1 के एकसमान वेग से ऊबड़-खाबड़ सड़क पर गतिशील कोई कार
(e) सभी गुरुत्वीय पिण्डों से दूर तथा वैद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों से मुक्त, अन्तरिक्ष में तीव्र चाल वाला इलेक्ट्रॉन।
उत्तर :

(a) ∵ त्वरण शून्य है; अत: नेट बल भी शून्य होगा।

(b) ∵ उपरिमुखी गति के समय (UPBoardSolutions.com) कॉर्क जल पर स्थिर तैर रहा है अर्थात् गति नहीं हो रही है,
अत : त्वरण शून्य है,
∴नेट बल भी शून्य है।

(c) ∵ पतंग को स्थिर रोका गया है; अत: त्वरण a = 0
∴ नेट बल भी शून्य है।

(d) ∵ कार का वेग एकसमान है; अतः त्वरण a = 0
∴ नेट बल भी शून्य होगा।

(e) ∵ इलेक्ट्रॉन गुरुत्वीय पिण्डों, वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्रों से दूर है; अतः उस पर कोई बल नहीं लगेगा।

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प्रश्न 2.
0.05 kg संहति का कोई कंकड़ ऊर्ध्वाधर ऊपर फेंका गया है। नीचे दी गई प्रत्येक परिस्थिति में कंकड़ पर लग रहे नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा लिखिए –
(a) उपरिमुखी गति के समय।
(b) अधोमुखी गति के समय।
(c) उच्चतम बिन्दु पर जहाँ क्षण भर के लिए यह विराम में रहता है। यदि कंकड़ को क्षैतिज दिशा से 45° कोण पर फेंका जाए, तो क्या आपके उत्तर में कोई परिवर्तन होगा? वायु-प्रतिरोध को उपेक्षणीय मानिए।
उत्तर :
(a) उपरिमुखी गति के समय कंकड़ पर बल = कंकड़ का भार = mg = 0.05 kg × 10 m s-2 = 0.5 N
(b) अधोमुखी गति के समय भी कंकड़ पर बल उसके भार के बराबर अर्थात् 0.5 N लगेगा।
(c) इस स्थिति में भी कंकड़, पर वही बल 0.5 N ही लगेगा।
कंकड़ को क्षैतिज से 45° के कोण पर फेंकने पर भी कंकड़ पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र में गति करता है; अतः इस स्थिति में भी, प्रत्येक दशा में कंकड़ पर बल 0.5 N ही लगेगा।

प्रश्न 3.
0.1 kg संहति के पत्थर पर कार्यरत नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा निम्नलिखित परिस्थितियों में ज्ञात कीजिए –
(a) पत्थर को स्थिर रेलगाड़ी की खिड़की से गिराने के तुरन्त पश्चात्
(b) पत्थर को 36 km h-1 के एकसमान वेग से गतिशील किसी रेलगाड़ी की खिड़की से गिराने के तुरन्त पश्चात्,
(c) पत्थर को 1 ms-2 के त्वरण से गतिशील किसी रेलगाड़ी की खिड़की से गिराने के तुरन्त पश्चात्,
(d) पत्थर 1 ms-2 के त्वरण से गतिशील किसी रेलगाड़ी के फर्श पर पड़ा है तथा वह रेलगाड़ी के सापेक्ष विराम में है।
उपर्युक्त सभी स्थितियों में वायु का प्रतिरोध उपेक्षणीय मानिए।
उत्तर :
(a) स्थिर रेलगाड़ी की खिड़की से गिराने पर, पत्थर पर एकमात्र बल उसका भार नीचे की ओर कार्य करेगा।
∴ पत्थर पर बल = mg = 0.1 kg × 10 m s-2
= 1N ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर।

(b) इस स्थिति में भी गाड़ी से पत्थर गिराने के पश्चात् गाड़ी की गति के कारण उस पर कार्य करने वाले बल का कोई प्रभाव नहीं होगा और पत्थर पर केवल उसका भार कार्य करेगा।
∴ पत्थर पर बल =1N ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर।

(c) ∵ पत्थर गाड़ी से नीचे गिरा दिया गया है; अतः अब उस पर केवल उसका भार कार्य करेगा।
∴ पत्थर पर बल 1N ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर

(d) ∵ पत्थर रेलगाड़ी के सापेक्ष विराम में है,
∴ पत्थर का त्वरण a = रेलगाड़ी का त्वरण = 1 m s-2

∴ F = m a से, गाड़ी की त्वरित गति के कारण पत्थर पर नेट बल
F = m a = 0.1 kg × 1 m s-2
= 0.1 N (क्षैतिज दिशा में)।

पत्थर पर कार्यरत अन्य बल उसका भार तथा फर्श की अभिलम्ब प्रतिक्रिया परस्पर सन्तुलित हो जाते हैं।

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प्रश्न 4.
l लम्बाई की एक डोरी का एक सिरा m संहति के किसी कण से तथा दूसरा सिरा चिकनी क्षैतिज मेज पर लगी बँटी से बँधा है। यदि कण चाल से वृत्त में गति करता है तो कण पर (केन्द्र की ओर निर्देशित) नेट बल है-
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उत्तर :
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प्रश्न 5.
15 ms-1 की आरम्भिक चाल से गतिशील 20 kg संहति के किसी पिण्ड पर 50 N का स्थायी मन्दन बल आरोपित किया गया है। पिण्ड को रुकने में कितना समय लगेगा?
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 3
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 4

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प्रश्न 6.
3.0 kg संहति के किसी पिण्ड पर आरोपित कोई बल 25 s में उसकी चाल को 2.0 ms -1 से 3.5 ms-1 कर देता है। पिण्ड की गति की दिशा अपरिवर्तित रहती है। बल का परिमाण व दिशा क्या है?
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 5

∴ बल का परिमाण F =mg=3.0 किग्रा x 0.06 मी/से2 = 0.18 न्यूटन

चूँकि आरोपित बल का दिशा अपरिवर्तित है तथा यह पिण्ड की चाल को बढ़ा रहा है, अतः बल की दिशा पिण्ड की गति की दम में ही होगी।

प्रश्न 7.
5.0 kg संहति के किसी पिण्ड पर 8 N व 6 N के दो लम्बवत् बल आरोपित हैं। पिण्ड के त्वरण का परिमाण व दिशा ज्ञात कीजिए।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 6
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 7

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प्रश्न 8.
36 km h-1 की चाल से गतिमान किसी ऑटो रिक्शा का चालक सड़क के बीच एक बच्चे को खड़ा देखकर अपने वाहन को ठीक 4.0s में रोककर उस बच्चे को बचा लेता है। यदि ऑटो रिक्शा बच्चे के ठीक निकट रुकता है तो वाहन पर लगा औसत मन्द्रन बल क्या है? ऑटो रिक्शा तथा चालक की संहतियाँ क्रमशः 400 kg और 65 kg हैं।
हल :
ऑटो रिक्शा की प्रारम्भिक चाल υ0 =36 किमी/घण्टा
=36 × (5 / 18) मी/से = 10 मी/से
रुकने पर ऑटो-रिक्शा (UPBoardSolutions.com) की अन्तिम चाल υt = 0
रुकने में लिया गया समय t = 4.0 सेकण्ड
गति की समीकरण υt0 + at से,
0=10+ a × 4.0
या
मंदक, a=-(10/4) मी/से2 = – 2.5 मी/से2
निकाय (ऑटो-रिक्शा + चालक) का द्रव्यमान
M =400 किग्रा +65 किग्रा = 465 किग्रा
∴ औसत मंदन बल F =M × a=465 किग्रा x (-2.5 मी/से2)
=-1.162 × 103 न्यूटन [यहाँ (-) चिह्न मंदन का प्रतीक है।]

प्रश्न 9.
20000 kg उत्थापन संहति के किसी रॉकेट में 5 ms-2 के आरम्भिक त्वरण के साथ ऊपर की ओर स्फोट किया जाता है। स्फोट का आरम्भिक प्रणोद (बल) परिकलित कीजिए।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 8

प्रश्न 10.
उत्तर की ओर 10 ms-1 की एकसमान आरम्भिक चाल से गतिमान 0.40 kg संहति के किसी पिण्ड पर दक्षिण दिशा के अनुदिश 8.0 N का स्थायी बल 30 s के लिए आरोपित किया गया है। जिस क्षण बल आरोपित किया गया उसे । – 0 तथा उस समय पिण्ड की स्थिति x = 0 लीजिए।t – 5s, 25 s, 100 s पर इस कण की स्थिति क्या होगी?
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 9
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 10

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प्रश्न 11.
कोई ट्रक विरामावस्था से गति आरम्भ करके 2.0 ms-2 के समान त्वरण से गतिशील रहता है। t = 10 s पर, ट्रक के ऊपर खड़ा एक व्यक्ति धरती से 6 m की ऊँचाई से कोई पत्थर बाहर गिराता है।t =11s पर, पत्थर का – (a) वेग तथा (b) त्वरण क्या है? (वायु का प्रतिरोध उपेक्षणीय मानिए।)
हल :
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 11
(a) किसी टुक से पत्थर को गिराते समय पत्थर का क्षैतिज वेग ट्रक के तात्कालिक वेग के बराबर होता है (जड़त्व के कारण) तथ. यह ऊर्ध्वाधर वेग गुरुत्व के कारण प्राप्त करता है जबकि गिराते क्षण ऊर्ध्वाधरत: नीचे की ओर वेग υ0 = शून्य।
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प्रश्न 12.
किसी कमरे की छत से 2 m लम्बी डोरी द्वारा 0.1 kg संहति के गोलक को लटकाकर दोलन आरम्भ किए गए। अपनी माध्य स्थिति पर गोलक की चाल 1 ms-1 है। गोलक का प्रक्षेप्य-पथ क्या होगा यदि डोरी को उस समय काट दिया जाता है जब गोलक अपनी – (a) चरम स्थितियों में से किसी एक पर है तथा (b) माध्य स्थिति पर है?
उत्तर :
(a) चरम स्थिति में गोलक का वेग शून्य होगा; अत: डोरी काट देने पर, गोलक ऊर्ध्वाधर रेखा में नीचे की ओर गिर जाएगा।
(b) माध्य स्थिति में गोलक के पास क्षैतिज दिशा में (UPBoardSolutions.com) अधिकतम वेग होगा; अत: इस स्थिति में डोरी काट दिए जाने पर गोलक प्रक्षेप्य की भाँति परवलयाकार पथ पर चलता हुआ अन्त में भूमि पर गिर जाएगा।

प्रश्न 13.
किसी व्यक्ति की संहति 70 kg है। वह एक गतिमान लिफ्ट में तुला पर खड़ा है जो –
(a) 10 ms-1 की एकसमान चाल से ऊपर जा रही है
(b) 5 ms-2 के एकसमान त्वरण से नीचे जा रही है
(c) 5 ms-2 के एकसमान त्वरण से ऊपर जा रही है, तो प्रत्येक प्रकरण में तुला के पैमाने का पाठ्यांक क्या होगा?
(d) यदि लिफ्ट की मशीन में खराबी आ जाए और वह गुरुत्वीय प्रभाव में मुक्त रूप से नीचे गिरे तो पाठ्यांक क्या होगा?
हल :
दिया है। व्यक्ति की संहति m = 70 kg
(a) ∵ लिफ्ट एकसमान वेग से गतिमान है; अत: त्वरण a = 0
∴ तुला का पाठ्यांक R = mg = 70 kg × 9.8 m s -2
=686 N

(b) यहाँ लिफ्ट त्वरण a = 5 m s-2 से नीचे जा रही है
∴ तुला का पाठ्यांक R =m (g – a)
= 70 kg (9.8 – 5) m s-2
= 336 N

(c) यहाँ लिफ्ट त्वरण a = 5 m s -2 से ऊपर जा रही है,
∴ तुला का पाठ्यांक R = m (g + a)
= 70 kg (9.8 + 5) m s -2
=1036 N

(d) ∵ लिफ्ट गुरुत्वीय प्रभाव में मुक्त रूप से गिर रही है, अर्थात् a = g
तब, तुला का पाठ्यांक R = m (g – a)
= 70 kg × 0 = 0

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प्रश्न 14.
चित्र-5.4 में 4 kg संहति के किसी पिण्ड का स्थिति-समय ग्राफ दर्शाया गया है।
(a) t < 0 ; t > 4 s ; 0 < t,< 4 s के लिए पिण्ड पर आरोपित बल क्या है?
(b) t = 0 तथाt =4 s पर आवेग क्या है? (केवल एकविमीय गति पर विचार कीजिए)
उत्तर :
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(a) t <0 के लिए स्थिति-समय ग्राफ समय अक्ष के साथ सम्पाती है अर्थात् पिण्ड मूलबिन्दु पर विराम में स्थित है।

∴ पिण्ड पर आरोपित बल शून्य है।
t > 4 s के लिए स्थिति-समय माफ समय अक्ष के समान्तर सरल रेखा है जो बताती है कि इस काल में पिण्ड की मूलबिन्दु से दूरी नियत है।
अर्थात् पिण्ड विराम में है।

∴ पिण्ड पर कार्यरत बल शून्य है।
पुन: 0 < t < 4s के लिए स्थिति समय-ग्राफ एक झुकी हुई सरल रेखा है जो यह बताती है कि इस काल में पिण्ड की मूलबिन्दु से दूरी नियत दर से बढ़ रही है।

अर्थात् पिण्ड नियत वेग से गति कर रहा है; अतः उसको त्वरण शून्य है।

∴ पिण्ड पर आरोपित बल शून्य है।
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प्रश्न 15.
किसी घर्षणरहित मेज पर रखे 10 kg तथा 20kg के दो पिण्ड किसी पतली डोरी द्वारा आपस में जुड़े हैं। 600 N का कोई क्षैतिज बल (i) A पर, (ii) B पर डोरी के अनुदिश लगाया जाता है। प्रत्येक स्थिति में डोरी में तनाव क्या है?
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प्रश्न 16.
8 kg तथा 12kg के दो पिण्डों को किसी हल्की अवितान्य डोरी, जो घर्षणरहित घिरनी पर चढ़ी है, के दो सिरों से बाँधा गया है। पिण्डों को मुक्त रूप से छोड़ने पर उनके त्वरण तथा डोरी में तनाव ज्ञात कीजिए।
हल – माना पिण्डों को मुक्त छोड़ने पर भारी पिण्ड a त्वरण से नीचे की ओर उतरता है। चूंकि डोरी अवितान्य है; अत: हल्का पिण्ड त्वरण से ऊपर की ओर चढ़ेगा।
माना डोरी में तनाव T है, जो कि पूरी डोरी में (UPBoardSolutions.com) एकसमान होगा।
भारी अर्थात् 12 kg के पिण्ड पर नेट बल F = 12g – T नीचे की ओर कार्य करेगा।
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प्रश्न 17.
अयोगशाला के निर्देश फ्रेम में कोई नाभिक विराम में है। यदि यह नाभिक दो छोटे नाभिकों में विघटित हो जाता हैं तो यह दर्शाइए कि उत्पाद विपरीत दिशाओं में गति करने चाहिए।
उत्तर :
माना नाभिक का द्रव्यमान m है तथा प्रश्नानुसार यह विराम में है अर्थात् [latex]\xrightarrow { v }[/latex] = 0
∴ नाभिक को प्रारम्भिक संवेग = m × 0 = 0
माना इसके टूटने से बने दो नाभिकों के द्रव्यमान m1 तथा m2 हैं तथा ये क्रमशः [latex]\xrightarrow { v1 }[/latex] तथा [latex]\xrightarrow { v2 }[/latex] वेगों से गति करते हैं।
अतः इन नए नाभिकों का कुल संवेग = m1 [latex]\xrightarrow { v 1}[/latex] + m2 [latex]\xrightarrow { v2 }[/latex]
∵ नाभिक स्वतः विघटित हुआ है अर्थात् उस पर बाह्य बल (UPBoardSolutions.com) शून्य है; अत: निकाय का संवेग संरक्षित रहेगा।
∴ विघटन के बाद कुल संवेग = विघटन के पूर्व कुल संवेग
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प्रश्न 18.
दो बिलियर्ड गेंद जिनमें प्रत्येक की संहति 0.05 kg है, 6 मी / से-1 की चाल से विपरीत . दिशाओं में गति करती हुई संघट्ट करती हैं और संघट्ट के पश्चात् उसी चाल से वापस लौटती हैं। प्रत्येक गेंद पर दूसरी गेंद कितना आवेग लगाती है?
हल :
संघट्ट के पश्चात् प्रत्येक गेंद के वेग की दिशा उलट जाती है। अत: प्रत्येक गेंद के वेग में परिवर्तन का परिमाण
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प्रश्न 19.
100 kg संहति की किसी तोप द्वारा 0.020 kg का गोला दागा जाता है। यदि गोले की नालमुखी चाल 80 मी/से-1 है तो तोप की प्रतिक्षेप चाल क्या है?
हल :
तोप का द्रव्यमान M =100 किग्रा
गोले का द्रव्यमान m=0.020 किग्रा
गोले की नालमुखी चाल =80 मी/से
माना तोप की प्रतिक्षेप चाल =V मी/से
प्रारम्भ में गोला व तोप दोनों विरामावस्था में हैं। अत: प्रारम्भ में प्रत्येक का संवेग शून्य था।
अतः रेखीय संवेग-संरक्षण नियम के अनुसार,
तोप तथा गोले का अन्तिम संवेग = प्रारम्भिक संवेग
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यहाँ (-) चिह्न इस तथ्य का प्रतीक है कि तोप का वेग गोले के वेग की विपरीत दिशा में होगा। इसीलिए इसको प्रतिक्षेप चाल कहते हैं। अत: तोप की प्रतिक्षेप चाल = 0.016 सेमी/से।

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प्रश्न 20.
कोई बल्लेबाज किसी गेंद को 45° के कोण पर विक्षेपित कर देता है। ऐसा करने में वह गेंद की आरम्भिक चाल, जो 54 km/h-1 है, में कोई परिवर्तन नहीं करता। गेंद को कितना आवेग दिया जाता है? (गेंद की संहति 0.15 kg है)
हल :
माना गेंद पथ AB के अनुदिश बल्लेबाज की ओर υ = 54 किमी/घण्टा =54 × (5 / 18) मी/से = 15 मी/से की चाल से आ रही है। यह बिन्दु B पर बल्लेबाज द्वारा उसी चाल से कोण ABC =45° पर पथ BC के अनुदिश विक्षेपित कर दी जाती है। B से गुजरते ऊर्ध्वाधर तल पर X’ BX अभिलम्ब है।
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प्रश्न 21.
किसी डोरी के एक सिरे से बँधा 0.25 kg संहति का कोई पत्थर क्षैतिज तल में 1.5 m त्रिज्या के वृत्त पर 40 rev/min की चाल से चक्कर लगाता है। डोरी में तनाव कितना है? यदि डोरी 200 N के अधिकतम तनाव को सहन कर सकती है, तो वह अधिकतम चाल ज्ञात कीजिए जिससे पत्थर को घुमाया जा सकता है।
हल :
दिया है : पत्थर का द्रव्यमान m=0.25 kg
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प्रश्न 22.
यदि अभ्यास प्रश्न 21 में पत्थर की चाल को अधिकतम निर्धारित सीमा से भी अधिक कर दिया जाए तथा डोरी यकायक टूट जाए, तो डोरी के टूटने के पश्चात पत्थर के प्रक्षेप का सही वर्णन निम्नलिखित में से कौन करता है –
(a) वह पत्थर झटके के साथ त्रिज्यतः बाहर की ओर जाता है।
(b) डोरी टूटने के क्षण पत्थर स्पर्शरेखीय पथ पर उड़ जाता है।
(c) पत्थर स्पर्शी से किसी कोण पर, जिसका परिमाण पत्थर की चाल पर निर्भर करता है, उड़ जाता है।
उत्तर :
(b) डोरी टूटने के क्षण पत्थर स्पर्शरेखीय पथ पर उड़ जाता (UPBoardSolutions.com) है क्योंकि उस क्षण पर पत्थर की चाल स्पर्शरेखीय होती है।

प्रश्न 23.
स्पष्ट कीजिए कि क्यों :
(a) कोई घोड़ा रिक्त दिकस्थान (निर्वात) में किसी गाड़ी को खींचते हुए दौड़ नहीं सकता।
(b) किसी तीव्र गति से चल रही बस के यकायक रुकने पर यात्री आगे की ओर गिरते हैं।
(c) लान मूवर को धकेलने की तुलना में खींचना आसान होता है।
(d) क्रिकेट का खिलाड़ी गेंद को लपकते समय अपने हाथ गेंद के साथ पीछे को खींचता है।
उत्तर :

(a) रिक्त दिक्स्थान (निर्वात) में घोड़े को गाड़ी खींचने के लिए आवश्यक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाएगी।

(b) तीव्र गति से गतिशील बस में बैठे यात्री का शरीर गाड़ी के ही वेग से गति करता रहता है। जब यकायक गाड़ी रुकती है तो फर्श के सम्पर्क में स्थित यात्री के पैर तो ठीक उसी समय विराम में आ जाते हैं, परन्तु गति के जड़त्व के कारण ऊपर का शरीर गतिशील बना रहता है और यात्री आगे की ओर गिर जाते हैं।

(c) लान मूवर को धकेलने की अपेक्षा खींचना आसान है – मान लीजिए कि चित्र-5.9 (a) के अनुसार एक लान मूवर को धकेलकर ले जाया जा रहा है। इसके लिए हम मूवर के हत्थे के अनुदिश एक बल [latex]\xrightarrow { F } [/latex] लगाते हैं, जो क्षैतिज से नीचे की ओर θ कोण (माना) पर कार्य करता है। मूवर पर कार्यरत अन्य बल, उसका भार Mg, भूमि की अभिलम्ब प्रतिक्रिया N तथा पश्चमुखी घर्षण बल ƒ1 है।
∵ ऊध्र्वाधर दिशा में कोई गति नहीं है।
अतः इस दिशा में नेट बल शून्य होगा।
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समीकरण (1) व (2) से स्पष्ट है कि मूवर को खींचते समये अभिलम्ब प्रतिक्रिया उसे धकेलते समय अभिलम्ब प्रतिक्रिया से कम है। चूंकि सीमान्त घर्षण बल अभिलम्ब प्रतिक्रिया के अनुक्रमानुपाती होता है; अतः मूवर को खींचते समय अपेक्षाकृत कम घर्षण बल लगेगा। (UPBoardSolutions.com) इससे स्पष्ट है कि मूवर को खींचकर ले जाना धकेलकर ले जाने की तुलना में आसान होता है।

(d) क्रिकेट का खिलाड़ी गेंद को लपकते समय अपने हाथ गेंद के साथ पीछे को खींचता है – ऐसा करने में गेंद को विराम में आने तक पर्याप्त समय मिल जाता है, इससे गेंद के संवेग की परिवर्तन की दर कम हो जाती है और हाथों पर लगने वाला बल घट जाता है फलस्वरूप चोट लगने की सम्भावना कम हो जाती है।

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अतिरिक्त अभ्यास

प्रश्न 24.
चित्र 5.10 में 0.04kg संहति के किसी पिण्ड का स्थिति-समय ग्राफ दर्शाया गया है। इस गति के लिए कोई उचित भौतिक संदर्भ प्रस्तावित कीजिए। पिण्ड द्वारा प्राप्त दो क्रमिक आवेगों के बीच समय-अन्तराल क्या है? प्रत्येक आवेग का परिमाण क्या है?
हल :
यह स्थिति-समय ग्राफ दो समान्तर ऊर्ध्वाधर दीवारों के बीच एकसमान चाल से क्षैतिज गति करती हुई गेंद का ग्राफ हो सकता है, जो बारम्बार एक दीवार से टकराती है फिर 2s बाद दूसरी दीवार से टकराती है। यह क्रिया लगातार चलती है।
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पिण्ड के वेग में प्रत्येक 2 s के अन्तराल के बाद परिवर्तन आता है।
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प्रश्न 25.
चित्र 5.11 में कोई व्यक्ति 1 ms-2 त्वरण से गतिशील क्षैतिज संवाहक पट्टे पर स्थिर खड़ा है। उस व्यक्ति पर आरोपित नेट बल क्या है? यदि व्यक्ति के जूतों और पट्टे के बीच स्थैतिक घर्षण गुणांक 0.2 है तो पट्टे के कितने त्वरण तक वह व्यक्ति उस पट्टे के सापेक्ष स्थिर रह सकता है? (व्यक्ति की संहति = 65 kg)
हल :

(i) दिया है : पट्टे का त्वरण a = 1 m s -2, व्यक्ति का द्रव्यमान m = 65 kg
∵ व्यक्ति पट्टे पर स्थिर खड़ा है; अत: व्यक्ति का त्वरण भी a = 1 m s -2 है।
सूत्र F = m a से,
व्यक्ति पर आरोपित नेट बल F = 65 kg × 1 m s -2 = 65 N

(ii) व्यक्ति के जूतों और पट्टे के बीच स्थैतिक घर्षण गुणांक µs = 0.2
∵ पट्टा क्षैतिज है; अतः मनुष्य पर पट्टे की अभिलम्ब प्रतिक्रिया
N = mg = 65 kg × 10 m s -2 = 650 N
माना पट्टे का अधिकतम त्वरण a है, तब पट्टे के साथ गति (UPBoardSolutions.com) करने के लिए व्यक्ति को ma के बराबर बल की आवश्यकता होगी जो उसे स्थैतिक घर्षण से मिलेगा।
इसके लिए आवश्यक है कि
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प्रश्न 26.
m संहति के पत्थर को किसी डोरी के एक सिरे से बाँधकर R त्रिज्या के ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमायो जाता है। वृत्त के निम्नतम तथा उच्चतम बिन्दुओं पर ऊर्ध्वाधरतः अधोमुखी दिशा में नेट बल है- (सही विकल्प चुनिए)
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उत्तर :
निम्नतम बिन्दु पर तनाव T1 ऊपर की ओर, भार mg नीचे की ओर है।
∴ नेट अधोमुखी बल = mg – T1
उच्चतम बिन्दु पर तनाव T2 व भार mg दोनों नीचे की ओर लगेंगे।
∴ नेट अधोमुखी बल = mg + T2
अतः विकल्प (i) सही है।

प्रश्न 27.
1000 kg संहति का कोई हेलीकॉप्टर 15 ms-2 के ऊध्र्वाधर त्वरण से ऊपर उठता है। चालक दल तथा यात्रियों की संहति 300 kg है। निम्नलिखित बलों का परिमाण व दिशा लिखिए –
(a) चालक दल तथा यात्रियों द्वारा फर्श पर आरोपित बल
(b) चारों ओर की वायु पर हेलीकॉप्टर के रोटर की क्रिया, तथा
(c) चारों ओर की वायु के कारण हेलीकॉप्टर पर आरोपित बल।
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प्रश्न 28.
15 ms-1 चाल से क्षैतिजतः प्रवाहित कोई जलधारा 10 -2 मी 2 अनुप्रस्थ काट की किसी नली से बाहर निकलती है तथा समीप की किसी ऊर्ध्वाधर दीवार से टकराती है। जल की टक्कर द्वारा, यह मानते हुए कि जलधारा टकराने पर वापस नहीं लौटती, दीवार पर आरोपित बल ज्ञात कीजिए।
हल :
नली के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A=10 -2 मी 2
इससे निकलने वाली जल-धारा का वेग अर्थात् प्रति सेकण्ड तय की दूरी
υ=15 मी/से
∴ नली से निकलकर दीवार पर प्रति सेकण्ड लम्बवत् टकराने वाले जल को आयतन =A × υ
अतः दीवार पर प्रति सेकण्ड लम्बवत् (UPBoardSolutions.com) टकराने वाले जल का द्रव्यमान
m= आयतन × जल का घनत्व =A × υ × p
जल का घनत्व, p =103 किग्रा/मी 3
m =10-2 मी2 × 15 मी/से x 103 किग्रा/मी3 =150 किग्रा
चूँकि दीवार पर टकराने पर जल-धारा वापस नहीं लौटती है अर्थात् उसका वेग शून्य हो जाता है, अत: ∆t =1 सेकण्ड में जल-धारा के संवेग में परिवर्तन,
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प्रश्न 29.
किसी मेज पर एक-एक रुपये के दस सिक्कों को एक के ऊपर एक करके रखा गया है। प्रत्येके सिक्के की संहतिm है। निम्नलिखित प्रत्येक स्थिति में बल का परिमाण एवं दिशा लिखिए
(a) सातवें सिक्के (नीचे से गिनने पर) पर उसके ऊपर रखे सभी सिक्कों के कारण बल
(b) सातवें सिक्के पर आठवें सिक्के द्वारा आरोपित बल, तथा
(c) छठे सिक्के की सातवें सिक्के पर प्रतिक्रिया।
हल :

(a) नीचे से सातवें सिक्के के ऊपर तीन सिक्के रखे हैं।
अतः सातवाँ सिक्का इन तीन सिक्कों के भार के बराबर बल का अनुभव करेगा।
∴ सातवें सिक्के पर ऊपर के सिक्कों के कारण बल = 3 mg N

(b) आठवें सिक्के के ऊपर दो सिक्के और रखे हैं; अत: सातवें सिक्के पर आठवें सिक्के के कारण बल, आठवें सिक्के तथा ऊपर के दो सिक्कों के भारों के योग के बराबर होगा।
∴सातवें सिक्के पर आठवें सिक्के के कारण बल = mg + 2 mg= 3 mg N

(c) सातवें सिक्के के ऊपर तीन सिक्के रखे हैं; अत: सातवाँ सिक्का (UPBoardSolutions.com) अपने तथा ऊपर के तीन सिक्कों के भारों के योग के बराबर बल से छठवें सिक्के को दबाएगा।
अत: छठे सिक्के पर सातवें के कारण बल = mg + 3 mg = 4 mgN
∴ छठवें सिक्के की सातवें पर प्रतिक्रिया = 4mg N

प्रश्न 30.
कोई वायुयान अपने पंखों को क्षैतिज से 15° के झुकाव पर रखते हुए 720 kmh-1 की चाल से एक क्षैतिज लूप पूरा करता है। लूप की त्रिज्या क्या है?
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प्रश्न 31.
कोई रेलगाड़ी बिना ढाल वाले 30 m त्रिज्या के वृत्तीय मोड़ पर 54 kmh-1 की चाल से चलती है। रेलगाड़ी की संहति 106 kg है। इस कार्य को करने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल कौन प्रदान करता है, इंजन अथवा पटरियाँ ? पटरियों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए मोड़ का ढाल-कोण कितना होना चाहिए?
हल :
आवश्यक अभिकेन्द्र बल पटरियाँ प्रदान करती हैं।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 36

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प्रश्न 32.
चित्र-5.14 में दर्शाए अनुसार 50 kg संहति का कोई व्यक्ति 25 kg संहति के किसी गुटके को दो भिन्न ढंग से उठाता है। दोनों स्थितियों में उस व्यक्ति द्वारा फर्श पर आरोपित क्रिया-बल कितना है? यदि 700 N अभिलम्ब बल से फर्श धंसने लगता है तो फर्श को धंसने से बचाने के लिए उस व्यक्ति को गुटके को उठाने के लिए कौन-सा ढंग अपनाना चाहिए?
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इसलिए फर्श द्वारा व्यक्ति पर आरोपित ऊर्ध्वाधर बल
F’ = W2 + F = (500 + 250) न्यूटन = 750 न्यूटन

(b) चित्र 5.15 (b) में व्यक्ति द्वारा बल F नीचे की ओर लगाया जा रहा है। अतः फर्श पर प्रतिक्रिया R = F ऊपर की ओर होगी।
अतः फर्श द्वारा व्यक्ति पर आरोपित लम्बवत् बल F” = W2 – F
F” = 500 न्यूटन – 250 न्यूटन = 250 न्यूटन
∵ दिया है कि फर्श 700 न्यूटन के लम्बवत् बल से नीचे धंसने लगता है, अत: उपर्युक्त विवेचना से स्पष्ट है कि व्यक्ति को गुटके को उठाने के लिए विधि (b) अपनानी चाहिए।

प्रश्न 33.
40 kg संहति का कोई बन्दर 600 N का अधिकतम तनाव सह सकने योग्य किसी रस्सी पर चढता है (चित्र-5.16)। नीचे दी गई स्थितियों में से किसमें रस्सी टूट जाएगी –
(a) बन्दर 6 ms -2 त्वरण से ऊपर चढ़ता है
(b) बन्दर 4ms -2 त्वरण से नीचे उतरता है
(c) बन्दर 5 ms -2 की एकसमान चाल से ऊपर चढ़ता है,
(d) बन्दर लगभग मुक्त रूप से गुरुत्व बल के प्रभाव में रस्सी से गिरता है। (रस्सी की संहति उपेक्षणीय मानिए)
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हल :

(a) माना बन्दर का द्रव्यमान m है, तब गुरुत्व के कारण उसका भार mg है। माना रस्सी में उत्पन्न तनाव T है।
जब बन्दर रस्सी के सहारे ऊपर की ओर त्वरित गति करे, तब
T1-mg= ma1
अर्थात् डोरी में तनाव,
T1 =ma1 +mg = m(a1 +g)
= 40 किग्रा x (6+10) मी/से 2 =640 न्यूटन
T1 > 600 न्यूटन (अतः रस्सी टूट जायेगी)

(b) जब बन्दर नीचे को त्वरित गति करे, तब
mg -T2 = ma2
या डोरी में तनाव, T2 =m(g-a2)
= 40 × (10 – 4) न्यूटन = 240 न्यूटन
T2 <600 न्यूटन (अतः रस्सी नहीं टूटेगी।)

(c) जब बन्दर रस्सी के सहारे ऊपर चढ़नी शुरू करे, तब
a3 = 0
∴ T3 – mg = ma3 = 0
या
T3 = mg
∴ डोरी में तनाव, T3 =40 × 10 न्यूटन = 400 न्यूटन
इस दशा में भी T3 <600 न्यूटन (अतः रस्सी नहीं टूटेगी।)

(d) जब बन्दर मुक्त रूप से नीचे उतरता है तो बन्दर (UPBoardSolutions.com) भारहीनता की अवस्था में होगा अर्थात् डोरी में तनाव शून्य होगा।
चूँकि नीचे उतरने की दशा में,
T = m (g-d) तथा यहाँ a = g
T = 0 (अतः रस्सी नहीं टूटेगी।)

केवल स्थिति (a) में रस्सी टूटेगी क्योंकि इसमें महत्तम तनाव 600 न्यूटन से अधिक है।

प्रश्न 34.
दो पिण्ड A तथा B, जिनकी संहति क्रमशः 5 kg तथा 10 kg है-एक-दूसरे के सम्पर्क में एक मेज पर किसी दृढ विभाजक दीवार के सामने विराम में रखे हैं। (चित्र-5.17)। पिण्डों तथा मेज के बीच घर्षण गुणांक A B E 0.15 है। 200 N का कोई बल क्षैतिजतः A पर आरोपित किया जाता है।
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 41

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(a) विभाजक दीवार की प्रतिक्रिया तथा
(b) A तथा B के बीच क्रिया-प्रतिक्रिया बल क्या है? विभाजक दीवार को हटाने पर क्या होता है? यदि पिण्ड गतिशील है तो क्या (b) का उत्तर बदल जाएगा? µs तथा µk के बीच अन्तर की उपेक्षा कीजिए।
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UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 43a
UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 44a

प्रश्न 35.
15 kg संहति का कोई गुटका किसी लंबी ट्रॉली पर रखा है। गुटके तथा ट्रॉली के बीच स्थैतिक घर्षण गुणांक 0.18 है। ट्रॉली विरामावस्था से 20 s तक 0.5 ms-2 के त्वरण से त्वरित होकर एकसमान वेग से गति करने लगती है- (a) धरती पर स्थिर खड़े किसी प्रेक्षक को तथा (b) ट्रॉली के साथ गतिमान किसी अन्य प्रेक्षक को, गुटके की गति कैसी प्रतीत होगी, इसकी विवेचना कीजिए।
हल :
गुटके का द्रव्यमान m = 15 kg, µ = 0.18
t = 20s के लिए, ट्रॉली का त्वरण a1 = 0.5 m s-2
तत्पश्चात् ट्रॉली का वेग अचर है।
∵प्रारम्भ में ट्रॉली त्वरित गति करती है ; (UPBoardSolutions.com) अत: यह एक अजड़त्वीय निर्देश तन्त्र है।
∴ गुटके पर एक छद्म बल F1 =ma1 =15 × 0.5 = 7.5 N
पीछे की ओर कार्य करेगा।
जबकि ट्रॉली के फर्श द्वारा गुटके पर आरोपित अग्रगामी घर्षण बल
F2 =µ N.=µm g = 0.18 × 15 × 10 = 27 N
∵ गुटके पर पश्चगामी बेल घर्षण बल की तुलना में कम है; अतः गुटका पीछे की ओर नहीं फिसलेगा और ट्रॉली के साथ-साथ गति करेगा।
(a) धरती पर खड़े स्थिर प्रेक्षक को गुटका ट्रॉली के साथ गति करता प्रतीत होगा।
(b) ट्रॉली के साथ गतिमाने प्रेक्षक को गुटका स्वयं के सापेक्ष विराम अवस्था में दिखाई देगा।

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प्रश्न 36.
चित्र-5.18 में दर्शाए अनुसार किसी ट्रक का पिछला भाग खुला है तथा 40 kg संहति का एक सन्दूक खुले सिरे से 5 m दूरी पर रखा है। ट्रक के फर्श तथा संदूक के बीच घर्षण गुणांक 0.15 है। किसी सीधी सड़क पर ट्रक विरामावस्था से गति प्रारम्भ करके 2m s-2 से त्वरित होता है। आरम्भ बिन्दु से कितनी दूरी चलने पर वह सन्दूक ट्रक से नीचे गिर जाएगा? (सन्दूक के आमाप की उपेक्षा कीजिए।)
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प्रश्न 37.
15 cm त्रिज्या का कोई बड़ा ग्रामोफोन रिकार्ड 33 [latex]\cfrac { 1 }{ 3 } [/latex] rev/min की चाल से घूर्णन कर रहा है। रिकार्ड पर उसके केन्द्र से 4cm तथा 14 cm की दूरियों पर दो सिक्के रखे गए हैं। यदि सिक्के तथा रिकार्ड के बीच घर्षण गुणांक 0.15 है तो कौन-सा सिक्का रिकार्ड के साथ परिक्रमा करेगा?
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प्रश्न 38.
आपने सरकस में ‘मौत के कुएँ (एक खोखला जालयुक्त गोलीय चैम्बर ताकि उसके भीतर के क्रियाकलापों को दर्शक देख सकें) में मोटरसाइकिल सवार को ऊध्र्ध्वाधर लूप में मोटरसाइकिल चलाते हुए देखा होगा। स्पष्ट कीजिए कि वह मोटरसाइकिल सवार नीचे से कोई सहारा न होने पर भी गोले के उच्चतम बिन्दु से नीचे क्यों नहीं गिरता? यदि चैम्बर की त्रिज्या 25 m है तो ऊर्ध्वाधर लूप को पूरा करने के लिए मोटरसाइकिल की न्यूनतम चाल कितनी होनी चाहिए?
हल :
गोलीय चैम्बर के उच्चतम बिन्दु पर मोटरसाइकिल सवार चैम्बर को बाहर की ओर दबाता है और प्रतिक्रिया स्वरूप चैम्बर सवार पर गोले के केन्द्र की ओर दिष्ट प्रतिक्रिया R लगाता है। सवार वे मोटरसाइकिल का भार mg भी गोले के केन्द्र की ओर कार्य करते हैं। ये दोनों बल सवार को वृत्तीय गति करने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल प्रदान करते हैं, जिसके कारण सवार नीचे नहीं गिर पाता।
इस बिन्दु पर गति की समीकरण
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R + mg = mυ2 / r
जहाँ υ सवार की चाल तथा r गोले की त्रिज्या है।

ऊर्ध्वाधर लूप को पूरा पार करने के लिए उच्चतम बिन्दु पर न्यूनतम चाल (क्रान्तिक चाल)
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प्रश्न 39.
70 kg संहति का कोई व्यक्ति अपने ऊध्र्वाधर अक्ष पर 200 rev/min की चाल से घूर्णन करती 3m त्रिज्या की किसी बेलनाकार दीवार के साथ उसके सम्पर्क में खड़ा है। दीवार तथा उसके कपड़ों के बीच घर्षण गुणांक 0.15 है। दीवार की वह न्यूनतम घूर्णन चाल ज्ञात कीजिए, जिससे फर्श को यकायक हटा लेने पर भी, वह व्यक्ति बिनागिरे दीवार से चिपका रह सके।
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प्रश्न 40.
R त्रिज्याका पतला वृत्तीय तार अपने ऊर्ध्वाधरं व्यास के परितः कोणीय आवृत्ति से घूर्णन कर रहा है। यह दर्शाइए कि इस तार में डली कोई मणिका ω ≤ [latex]\sqrt { \frac { g }{ R } } [/latex] के लिए अपने निम्नतम बिन्दु पर रहती है। ω = [latex]\sqrt { \frac { 2g }{ R } } [/latex] के लिए, केन्द्र से मनके को जोड़ने वाला त्रिज्य सदिश ऊर्ध्वाधर अधोमुखी दिशा से कितना कोण बनाता है? (घर्षण को उपेक्षणीय मानिए)
हल :
माना कि मणिका का द्रव्यमान m है तथा किसी क्षण मणिका को वृत्तीय तार के केन्द्र से मिलाने वाली त्रिज्या ऊर्ध्वाधर से θ कोण पर झुकी है।
इस समय मणिका पर दो बल लगे हैं –
(1) वृत्तीय तार की अभिलम्ब प्रतिक्रिया N केन्द्र O की ओर।
(2) भूमिका का भार mg नीचे की ओर।
मणिका वृत्तीय तार के साथ PQ = r त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घूम रही है, जिसका केन्द्र Q है।
जहाँ r = PQ=OP sin 8 = R sin θ
प्रतिक्रिया N की ऊर्ध्वाधर तथा क्षैतिज (UPBoardSolutions.com) घटकों में वियोजित करने पर, ऊध्र्वाधर घटक N cos θ भार को सन्तुलित करता है।
अर्थात् N cos θ = mg
क्षैतिज घटक N sin θ, अभिकेन्द्र बल mr ω2 प्रदान करता है।
अर्थात् N sin θ mr ω2
N sin θ =m (R sin θ) ω2
N = mR ω2
समी० (1) में मान रखने पर,
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परीक्षापयोगी प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी वस्तु पर एक नियत बल लगाने से वस्तु गति करती है।
(i) एकसमान वेग से
(ii) एकसमान त्वरण से
(iii) असमान त्वरण से
(iv) असमान वेग से
उत्तर :
(ii) एकसमान त्वरण से

प्रश्न 2.
जब किसी वस्तु की गति में त्वरण उत्पन्न होता है, तब
(i) वह सदैव पृथ्वी की ओर गिरती है।
(ii) उसकी चाल में सदैव वृद्धि होती है।
(iii) उस पर सदैव कोई बल कार्य करता है।
(iv) उसकी गति की दिशा बदल जाती है।
उत्तर :
(iii) उस पर सदैव कोई बल कार्य करता है।

प्रश्न 3.
एक क्षैतिज सड़क पर कार की त्वरित गति उस बल के कारण होती है जो
(i) कार के इंजन द्वारा लगाया जाता है।
(ii) कार के ड्राइवर द्वारा लगाया जाता है
(iii) पृथ्वी द्वारा लगाया जाता है।
(iv) सड़क द्वारा लगाया जाता है।
उत्तर :
(iv) सड़क द्वारा लगाया जाता है

प्रश्न 4.
एक फुटबॉल तथा उसी आकार के एक पत्थर के जड़त्व में से
(i) फुटबॉल का जड़त्व अधिक है।
(ii) पत्थर का जड़त्व अधिक है।
(iii) दोनों का जड़त्व बराबर है।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) पत्थर का जड़त्व अधिक है।

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प्रश्न 5.
किसी लिफ्ट में वस्तु को भार कम प्रतीत होगा, जबकि लिफ्ट
(i) एकसमान वेग से नीचे उतरती है
(ii) एकसमान वेग से ऊपर जाती है।
(iii) त्वरण के साथ ऊपर जाती है।
(iv) मन्दन के साथ ऊपर जाती है।
उत्तर :
(iv) मन्दन के साथ ऊपर जाती है।

प्रश्न 6.
एक हल्की डोरी घर्षण रहित घिरनी के ऊपर से गुजरती है। उसके एक सिरे पर m तथा दूसरे सिरे पर 3m के द्रव्यमान बँधे हैं, निकाय का त्वरण होगा।
(i) g/4
(ii) g/3
(iii) g/2
(iv) g
उत्तर :
(iii) g/2

प्रश्न 7.
एक घोड़ा गाड़ी को खींचता है तो जो बल घोड़े को आगे बढ़ने में सहायता करता है, वह लगाया जाता है
(i) गाड़ी द्वारा घोड़े पर
(ii) पृथ्वी द्वारा घोड़े पर
(iii) पृथ्वी द्वारा गाड़ी पर
(iv) घोड़े द्वारा पृथ्वी पर
उत्तर :
(ii) पृथ्वी द्वारा घोड़े पर

प्रश्न 8.
200 किग्रा द्रव्यमान की लिफ्ट 3.0 मी/से2 के त्वरण से ऊपर की ओर गति कर रही है। यदि g = 10 मी/से2 हो तो लिफ्ट की डोरी का तनाव होगा
(i) 2600 न्यूटन
(ii) 2000 न्यूटन
(iii) 1300 न्यूटन
(iv) 600 न्यूटन
उत्तर :
(i) 2600 न्यूटन

प्रश्न 9.
रॉकेट-नोदन की कार्य विधि आधारित है।
(i) ‘न्यूटन के प्रथम नियम पर
(ii) संवेग संरक्षण के सिद्धान्त पर
(iii) द्रव्यमान संरक्षण के सिद्धान्त पर
(iv) न्यूटन के द्वितीय नियम पर
उत्तर :
(iii) द्रव्यमान संरक्षण के सिद्धान्त पर

प्रश्न 10.
न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के अनुसार, किसी पिण्ड पर आरोपित बल समानुपाती होता है।
(i) उसके संवेग परिवर्तन के
(ii) उसके द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल के
(iii) उसके द्रव्यमान तथा त्वरण के गुणनफल के
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(i) उसके द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल के

प्रश्न 11.
गेंद कैच करते समय क्रिकेट खिलाड़ी अपने हाथ नीचे कर लेता है, क्योंकि
(i) उसके हाथ घायल होने से बच जाएँगे
(ii) वह गेंद को मजबूती से पकड़ लेता है।
(iii) वह खिलाड़ी को धोखा देता है।
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
1 न्यूटन बल की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
1 न्यूटन बले वह बल है जो 1 किग्रा द्रव्यमान को किसी वस्तु पर लगाए जाने पर उसमें 1 मी/से2 का त्वरण उत्पन्न कर दे।

प्रश्न 2.
बल के मात्रक क्या हैं?
उत्तर :
न्यूटन, किग्रा-मी/से2, किग्रा-भार, डाइन, ग्राम-सेमी/से2, ग्राम-भार।

प्रश्न 3.
बल के मात्रक को मूल मात्रकों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
1 न्यूटन = 1 किग्रा-मी/से 2, 1 डाइन = 1 ग्राम-सेमी/से2

प्रश्न 4.
बल तथा त्वरण में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर :
बल (F) ∝ त्वरण (a), अत: F = ma, जहाँ m वस्तु को.द्रव्यमान है जिस पर बल F.ने त्वरण उत्पन्न किया है।

प्रश्न 5.
जड़त्व की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
पदार्थ का वह गुण जो पदार्थ की अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है, जड़त्व कहलाता है।

प्रश्न 6.
एक कार एवं बस में से किसका जड़त्व अधिक होगा?
उत्तर :
बस का द्रव्यमान कार से अधिक होती है; अत: बस का जड़त्वे भी अधिक होगा।

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प्रश्न 7.
एक पिण्ड का द्रव्यमान m तथा वेग υ है, तो उसको संवेग बताइए
उत्तर :
p = mυ

प्रश्न 8.
बल तथा संवेग-परिवर्तन की दर में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर :
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प्रश्न 9.
आवेग से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
यदि कोई बल किसी वस्तु पर थोड़े समय के लिए कार्य करता है तो बल और उसके लगने के समय के गुणनफल को बल का आवेग कहते हैं। आवेग एक सदिश राशि है। S.I. पद्धति में आवेग को मात्रक न्यूटन-सेकण्ड होता है।

प्रश्न 10.
रॉकेट का क्रिया-सिद्धान्त गति के किस नियम पर आधारित है?
उत्तर :
गति के तृतीय नियम (क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम) पर।

प्रश्न 11.
क्या क्रिया एवं प्रतिक्रिया बल एक ही वस्तु पर कार्य करते हैं अथवा अलग-अलग वस्तुओं पर?
उत्तर :
अलग-अलग वस्तुओं पर।

प्रश्न 12.
संगामी बलों से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
जब एक ही बिन्दु पर दो या दो से अधिक बल कार्य करते हैं तथा इस उभयनिष्ठ बिन्दु पर इन बलों का सदिश योग शून्य होता है, संगामी बल कहलाते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जड़त्व से क्या तात्पर्य है? गति जड़त्व को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर :
किसी पिण्ड का वह गुण जिसके कारण पिण्ड अपनी विरामावस्था में अथवा एकसमान गति की अवस्था में किसी भी प्रकार के परिवर्तन का विरोध करता है, जड़त्व कहलाता है। गति जड़त्व किसी वस्तु में उसकी गति अवस्था में परिवर्तन के विरोध का गुण गति जड़त्व कहलाता है। उदाहरण—चलती रेल में गेंद को ऊपर उछालने पर गेंद उछालने वाले के हाथ में वापस लौट आती है।

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प्रश्न 2.
न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम लिखिए।
उत्तर :
न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम- इस नियम के अनुसार, ‘यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है, तो वह विरामावस्था में ही रहेगी अथवा यदि कोई वस्तु गतिमान है, तो वह सरल रेखा में एकसमान वेग से ही गति करती रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए” इसे जड़त्व का नियम भी कहते हैं।

प्रश्न 3.
स्पष्ट कीजिए कि न्यूटन के गति विषयक द्वितीय नियम F =ma में उसका प्रथम नियम भी निहित है।
उत्तर :
न्यूटन के गति के द्वितीय नियम से, [latex]\xrightarrow { F } [/latex] = [latex]\xrightarrow { ma } [/latex]

यदि [latex]\xrightarrow { F } [/latex] = 0 हो, तो [latex]\xrightarrow { a } [/latex] = 0 अर्थात् यदि वस्तु पर बाह्य बल ने लगाया जाए, तो वस्तु में त्वरण भी उत्पन्न नहीं होगा। त्वरण के शून्य होने पर या तो वस्तु विरामावस्था में ही रहेगी या एकसमान वेग से गतिमान रहेगी। यही न्यूटन का गति विषयके प्रथम नियम है; अत: न्यूटन के गति के द्वितीय नियम में प्रथम नियम स्वत: निहित है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के कारण स्पष्ट कीजिए –
(i) तेज चलती गाड़ी से अचानक नीचे उतरने पर यात्री क्यों गिर पड़ता है?
(ii) पेड़ के हिलाने पर उसके फल टूट्टकर क्यों गिर जाते हैं?
(iii) बन्दूक से गोली चलाने पर पीछे की ओर धक्का लगता है, क्यों?
(iv) कुएँ से जल खींचते समय रस्सी टूट जाने पर हम पीछे की ओर गिर जाते हैं, क्यों?
उत्तर :

(i) तेज चलती गाड़ी से अचानक नीचे उतरने पर यात्री गिर पड़ता है – गाड़ी से उतरने से पूर्व यात्री के सम्पूर्ण शरीर का वेग गाड़ी के वेग के बराबर होता है। जैसे ही यात्री प्लेटफॉर्म पर या नीचे उतरता है, तो उसके पैर तो विरामावस्था में आ जाते हैं, परन्तु उसके शरीर का ऊपरी भाग गति जड़त्व के कारण उसी वेग से चलने का प्रयत्न करता है। अत: यात्री गाड़ी के चलने की दिशा में गिर पड़ता है। इसलिए चलती गाड़ी से उतरने पर कुछ दूर गाड़ी की दिशा में अवश्य दौड़ना चाहिए।

(ii) पेड़ की डाल हिलाने पर फल नीचे गिर पड़ते हैं – डाल हिलाने से पेड़ की डाल में यकायक गति उत्पन्न हो जाती है, परन्तु डाल पर लगे फल विराम जड़त्व के कारण अपने ही स्थान पर या नीचे रहने का प्रयत्न करते हैं। इस प्रकार फल डालियों से अलग हो जाते हैं और पृथ्वी के गुरुत्व-बल के कारण वे नीचे गिर पड़ते हैं।

(iii) बन्दूक से गोली चलाने पर पीछे की ओर धक्का लगता है – बन्दूक चलाने पर बारूद जलकर गैस बन जाती है, जो किं फैलने पर गोली को आगे की ओर फेंकती है। गोली जितने बल . से आगे फेंकी जाती है, बन्दूक पर प्रतिक्रिया बल भी उतना ही अधिक लगता है जिससे चलाने वाले को पीछे की ओर धक्का लगता है।

(iv) कुएँ से पानी खींचते समय रस्सी टूट जाने पर हम पीछे को गिर जाते हैं – इसका कारण यह है कि पहले मनुष्य रस्सी को अपनी ओर खींच रहा था। रस्सी टूट जाने पर रस्सी द्वारा मनुष्य पर लगने वाला बल लुप्त हो गया। अतः खिंचाव हट जाने के कारण वह (UPBoardSolutions.com) गिर पड़ता है। बाल्टी जितनी अधिक भारी होती है उतनी ही अधिक शक्ति को धक्का हमें पीछे की ओर लगता है।

प्रश्न 5.
बल के आवेग और संवेग-परिवर्तन में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
या
सिद्ध कीजिए कि बल का आवेग, संवेग-परिवर्तन के बराबर होता है।
उत्तर :
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प्रश्न 6.
एक पिण्ड का संवेग दो मिनट में 150 किग्रा-मी/से से बढ़कर 600 किग्रा-मी/से हो जाता है। पिण्ड पर आरोपित बल ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रारम्भिक संवेग, p1 = 150 किग्रा-मी/से
अन्तिम संवेग, p2 = 600 किग्रा-मी/से
समय, t =2 मिनट = 120 सेकण्ड
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प्रश्न 7.
20 ग्राम की एक वस्तु पर एक बल बहुत कम समय के लिए कार्य करता है, जिससे वस्तु का वेग शून्य से बढ़कर 10 मीटर/सेकण्ड हो जाता है। बल का आवेग ज्ञात कीजिए।
हल :
वस्तु को द्रव्यमान, m = 20 ग्राम = 20 × 10-3 किग्रा
प्रारम्भिक वेग, u = 0
अन्तिम वेग, υ = 10 मीटर/सेकण्ड
प्रारम्भिक संवेग, p1 = mu =20 × 10-3 × 0 = 0
अन्तिम संवेग, P2 = mυ =20 × 10-3 × 10
=20 × 10-2 न्यूटन-सेकण्ड
बल का आवेग = संवेग-परिवर्तन
= p– p1
=20 × 10 -2 – 0 =20 × 10-2
= 0.2 न्यूटन-सेकण्ड

प्रश्न 8.
दिए गए बल-समय वक़ से आवेग का परिमाण ज्ञात कीजिए।
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हल :
∵ प्रश्न में दिए चित्रानुसार,
∆ORP का क्षेत्रफल =1/2 × 4 × 20 = 40
∆MSQ का क्षेत्रफल =1/2 × 2 × 20 = 20
आयत PQRS का क्षेत्रफल = 2 × 20 = 40
आवेग का परिमाण = 40 + 20 + 40
= 100 न्यूटन – सेकण्ड

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
न्यूटन के गति का द्वितीय नियम लिखिए और व्याख्या कीजिए। इससे सम्बन्ध F = ma प्राप्त कीजिए जहाँ प्रतीकों के सामान्य अर्थ हैं।
या
यदि नियत द्रव्यमान m का कोई पिण्ड त्वरण [latex]\xrightarrow { a } [/latex] से गति कर रहा है तो सिद्ध कीजिए कि इस पिण्ड के लिए गति के द्वितीय नियम का रूप है [latex]\xrightarrow { f } [/latex] m [latex]\xrightarrow { a } [/latex] होगा। इस सूत्र के आधार पर बल के मापन की विधि समझाइए।
उत्तर :
न्यूटन का गति विषयक द्वितीय नियम – न्यूटन को गति का द्वितीय नियम, वस्तु के संवेग में परिवर्तन और उस पर आरोपित बाह्य बल के मध्य सम्बन्ध स्थापित करता है। इस नियम के अनुसार,
“किसी वस्तु के संवेग-परिवर्तन की दर उस पर आरोपित बाह्य बल के समानुपाती होती है तथा संवेग-परिवर्तन बल की दिशा में ही होता है।”
माना m द्रव्यमान की वस्तु पर कोई बल F, ∆ t समय तक कार्य करता है। यदि इसका वेग υ से υ + A) हो जाता है, तब इसके प्रारम्भिक संवेग p (= mυ) में ∆p (= m∆v) मान का संवेग-परिवर्तन हो जाता है।
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अर्थात्

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बल = द्रव्यमान × त्वरण

बल के s.I. मात्रक की परिभाषा
S.I. मात्रक में एकांक बल वह बल है जो 1 kg द्रव्यमान की वस्तु पर लगाकर उसमें 1 मी/से2 का त्वरण उत्पन्न कर दे। इसे 1 न्यूटन (N) कहते हैं।
अतः 1 न्यूटन =1 किग्रा × 1 मी/से 2 =1 किग्रा-मी-से 2

बल के मापन की विधि
सूत्र = [latex]\xrightarrow { F } [/latex] m [latex]\xrightarrow { a } [/latex] का अदिश रूप लेने पर,
F = ma
इस सूत्र में स्पष्ट है कि किसी दिए गए बल को मापन उस बल को एक ज्ञात द्रव्यमान के पिण्ड पर आरोपित करके उसमें उत्पन्न होने वाले त्वरण को मापकर किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
संवेग की परिभाषा दीजिए। संवेग का दैनिक जीवन में महत्त्व लिखिए।
उत्तर :
संवेग – संवेग वह राशि है जो गतिशील वस्तु के वेग व द्रव्यमान दोनों पर निर्भर करती है। किसी वस्तु का संवेग वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल के बराबर होता है।
संवेग = द्रव्यमान × वेग
यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान m एवं उसका वेग υ हो, तो वस्तु का रेखीय संवेग,
[latex]\xrightarrow { p } [/latex] = m x [latex]\xrightarrow { v } [/latex]
संवेग एक सदिश (vector) राशि है। उसका मात्रक किग्रा-मी/से या न्यूटन-सेकण्ड होता है।
संवेग का दैनिक जीवन में महत्त्व – संवेग का दैनिक जीवन में महत्त्व निम्नलिखित है –

1. यदि दो वस्तुएँ समान वेग से गति कर रही हैं तो भारी (heavy) वस्तु का संवेग, हल्की (light) वस्तु के संवेग से अधिक होता है।
माना भारी वस्तु का द्रव्यमान M और हल्की वस्तु का द्रव्यमान m है तथा दोनों का वेग υ समान है
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इससे स्पष्ट है कि यदि दो वस्तुएँ समान वेग से चल रही हैं तो भारी वस्तु का संवेग हल्की वस्तु के संवेग से अधिक होता है। यदि एक बस और एक दो पहिया स्कूटर समान वेग से चल रहे हों तो बस का संवेग स्कूटर के संवेग से बहुत अधिक होगा।

2. यदि दो वस्तुओं का संवेग बराबर है तो हल्की वस्तु का वेग भारी वस्तु के वेग से अधिक होगा।
माना भारी वस्तु का द्रव्यमान M तथा वेग V है और हल्की वस्तु का द्रव्यमान m तथा वेग υ है। चूंकि दोनों का संवेग बराबर है, अर्थात्
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स्पष्ट है कि यदि दो वस्तुओं का संवेग एकसमान है तो हल्की वस्तु का वेग भारी वस्तु के वेग से अधिक होता है।

प्रश्न 3.
संवेग किसे कहते हैं? यह कैसी राशि है? संवेग का बल के साथ क्या सम्बन्ध है?
उत्तर :
संवेग – किसी वस्तु का संवेग वस्तु के द्रव्यमान तथा उसके वेग के गुणनफल के बराबर होता है। इसे [latex]\xrightarrow { p } [/latex] से प्रदर्शित करते हैं।
यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान m तथा वेग [latex]\overrightarrow { \nu }[/latex]  हो, तब उस वस्तु का संवेग
[latex]\xrightarrow { p } [/latex] = m [latex]\overrightarrow { \nu }[/latex]
संवेग का S.I. मात्रक किग्रा-मीटर/सेकण्ड’ तथा C.G.S. मात्रक ‘ग्राम-सेमी/सेकण्ड’ है। यह एक सदिश राशि है तथा इसकी दिशा वस्तु के वेग की दिशा में होती है। इसका विमीय सूत्र [MLT-1] है।
बल व संवेग के बीच सम्बन्ध – इस नियम के अनुसार, “किसी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर, उस वस्तु पर आरोपित नेट बाह्य बल के अनुक्रमानुपाती होती है तथा बाह्य बल की दिशा में होती है।”
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प्रश्न 4.
संवेग-संरक्षण का नियम लिखिए तथा इसे n पिण्डों के किसी निकाय के लिए सिद्ध कीजिए।
उत्तर :
संवेग-संरक्षण का नियम – इस नियम के अनुसार, “यदि पिण्डों के किसी निकाय पर नेट बाह्य बल शून्य है तब निकाय का संवेग नियत रहता है।”
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प्रश्न 5.
संवेग संरक्षण सिद्धान्त लिखिए। इस सिद्धान्त के आधार पर न्यूटन के गति के तृतीय नियम को प्राप्त कीजिए।
उत्तर :
संवेग संरक्षण सिद्धान्त – इस सिद्धान्त के अनुसार, बाह्य बल की अनुपस्थिति में किसी। निकाय का सम्पूर्ण संवेग संरक्षित रहता है तथा समय के साथ इसमें कोई परिवर्तन नहीं होता।
[latex]\xrightarrow { p } [/latex] = नियतांक

संवेग संरक्षण सिद्धान्त से न्यूटन के गति विषयक तृतीय नियम का निगमन – माना कि दो पिण्ड परस्पर एक-दूसरे से टकराते हैं। टकराते समय वे एक-दूसरे पर बल लगाते हैं। माना कि पहले पिण्ड पर लगने वाला बल [latex]\overrightarrow { F12 } [/latex] है तथा दूसरे पर [latex]\overrightarrow { F21 } [/latex] है। माना कि इन बलों के कारण पहले व दूसरे पिण्डों में संवेग-परिवर्तन क्रमश: ∆ [latex]\overrightarrow { P1 } [/latex] व ∆ [latex]\overrightarrow { P2 } [/latex] हैं। यदि दोनों पिण्ड समयान्तराल ∆t तक एक-दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं।
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अर्थात् स्पष्ट है कि दो पिण्डों पर एक-दूसरे द्वारा लगाये गये बल बराबर तथा विपरीत दिशा में होते हैं। समीकरण का ऋणात्मक (-ve) चिह्न यह बताता है कि दोनों बल परस्पर विपरीत दिशाओं में कार्यरत हैं।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि एक पिण्ड की क्रिया दूसरे पिण्ड की प्रतिक्रिया के बराबर परन्तु विपरीत दिशा में होती है। यही न्यूटन को गति विषयक तृतीय नियम है।

प्रश्न 6.
बल के आवेग से क्या तात्पर्य है? यह सदिश राशि है अथवा अदिश? सिद्ध कीजिए कि किसी वस्तु पर बल को आवेग संगत समयान्तराल में वस्तु के संवेग में होने वाले परिवर्तन के बराबर होता है?
उत्तर :
बल का आवेग – जब कोई बहुत बड़ा बल अल्प समयावधि के लिए किसी (UPBoardSolutions.com) वस्तु पर कार्य करके उस वस्तु के संवेग में पर्याप्त परिवर्तन उत्पन्न कर देता है तो ऐसे बल को आवेगी बल (Impulsive Force) कहते हैं तथा बल और समयावधि के गुणनफल को बल का आवेग (Impulse) कहते हैं तथा इसे [latex]\xrightarrow { I } [/latex] से प्रदर्शित करते हैं।
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प्रश्न 7.
संगामी बलों (concurrent forces) से क्या तात्पर्य है? संगामी बलों के सन्तुलन की विवेचना कीजिए।
उत्तर :
संगामी बल – किसी एक ही बिन्दु पर क्रिया करने वाले बलों को कण संगामी बल कहते हैं।
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संगामी बलों का सन्तुलन – यदि किसी एक बिन्दु पर लगे बलों का परिणामी बल शून्य है तो वे बल सन्तुलन में कहलाते हैं।
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अर्थात् समान्तर चतुर्भुज के नियमानुसार प्राप्त किन्हीं दो बलों के परिणामी परिमाण में तीसरे बल के बराबर परन्तु दिशा में उसके विपरीत होना चाहिए।
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ये समीकरण किसी बिन्दु पर लगे तीन बलों के सन्तुलन के प्रतिबन्धों को प्रदर्शित करते हैं। इन समीकरणों के आधार पर कहा जा सकता है कि किसी बिन्दु पर लगे तीन बल सन्तुलन में होंगे यदि और केवल यदि किन्हीं तीन परस्पर लम्बवत् दिशाओं में बलों के वियोजित घटकों के बीजीय योगफल अलग-अलग शून्य हों।

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अतः स्पष्ट है कि यदि n समांगी बल साम्यावस्था में हैं, तब किन्हीं तीन परस्पर लम्बवत् दिशाओं में उनके घटकों का बीजीय योगफल शून्य होता है।

इस प्रकार, स्पष्ट है कि यदि किसी कण पर कार्यरत् संगामी बल साम्यावस्था में हैं तब कण की अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होता है, अर्थात् यदि ‘कण विराम में है तो वह विरामावस्था में ही बना रहता है और यदि एकसमान गति की अवस्था में है तो सरल रेखा में एकसमान गति करता रहता है।

प्रश्न 8.
2 किग्रा तथा3 किग्रा द्रव्यमान के दो पिण्ड, एक हल्की डोरी से चित्रानुसार लटके हुए हैं। डोरी घर्षणहीन घिरनी पर से होकर गुजरती है। यदि घिरनी 5 मी/से2 के त्वरण से ऊपर उठाई जाती है, तो डोरी में तनाव बल की। गणना कीजिए। (g = 10 मी/से2)
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प्रश्न 9.
0.3 किग्रा का एक पिण्ड छत से एक हल्की डोरी द्वारा लटकाया गया है। 0.7 किग्रा का दूसरा पिण्ड, प्रथम पिण्ड से दूसरी हल्की डोरी द्वारा लटकाया गया है। दोनों डोरियों में तनाव बलों का परिकलन कीजिए। (g= 10 ms-2)
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प्रश्न 10.
x-अक्ष के अनुदिश 3 मी/से के वेग से गतिशील m द्रव्यमान की एक गेंद, 2m द्रव्यमान की दूसरी स्थिर गेंद से टकराती है। टक्कर के बाद पहली गेंद स्थिर हो जाती है तथा दूसरी गेंद एकसमान द्रव्यमान के दो टुकड़ों में विभक्त हो जाती है। यदि एक टुकड़ा 3 मी/से के वेग से Y-अक्ष के अनुदिश गति प्रारम्भ करता है, तो दूसरे भाग का वेग तथा गति की दिशा क्या होगी?
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UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 5 Laws of motion 76

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प्रश्न 11.
चित्र 5.28 के अनुसार ब्लॉक A पर एक नियत बल F = 0.1 किग्रा-भार को लगाया है। पुली तथा डोरी नगण्य भार की है तथा मेज की सतह चिकनी है। ब्लॉक A का त्वरण ज्ञात कीजिए। प्रत्येक ब्लॉक का द्रव्यमान 0.2 किग्रा है।
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UP Board Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 Relations and Functions

UP Board Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 Relations and Functions (संबंध एवं फलन)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 Maths. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 Relations and Functions (संबंध एवं फलन).

प्रश्नावली 2.1

UP Board Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 Relations and Functions img-1

प्रश्न 2.
यदि समुच्चय A में 3 अवयव हैं तथा समुच्चय B = {3, 4, 5}, तो A x B में अवयवों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
समुच्चयं A में 3 अवयव है और समुच्चय B में भी 3 अवयव हैं।
A x B में अंवयवों की संख्या (UPBoardSolutions.com) = 3 x 3 = 9.

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प्रश्न 3.
यदि G = {7, 8} और H = {5, 4, 2}, तो G x H तथा H x G ज्ञात कीजिए।
हल:
G = {7, 8}, H = {5, 4, 2} G x H = {7, 8} x {5, 4, 2}
= {(7, 5), (7, 4), (7, 2), (8, 5), (8, 4), (8, 2)}
तथा
H x G = {5, 4, 2} x {7, 8} = {(5, 7), (5, 8), (4,7), (4, 8), (2, 7), (2, 8)}

प्रश्न 4.
बताइए कि निम्नलिखित कथनों में से प्रत्येक सत्य है या असत्य है। यदि कथन असत्य है, तो दिए गए कथन को सही बनाकर लिखिए।
(i) यदि P= {m, n} और 2 = {n, m} तो P x Q = {(m, n), (n, m)}.
(ii) यदि A और B अरिक्त समुच्चय हैं, तो A x B क्रमित युग्मों (x, y) का एक अरिक्त समुच्यय है इस प्रकार कि x ∈ A तथा y ∈ B.
(iii) यदि A = {1, 2}, B = {3, 4}, तो A x (B ∩ Φ) = Φ
हल:
(i) दिया है :
P = {m, n}
Q = {n, m }
P x Q = {m, n} x {n, m} = {(m, n), (m, m), (n, n), (n, m)}
अतः दिया गया P x Q = {(m, n), (n, m),} कथन असत्य है।
(ii) सत्य है क्योंकि A x B क्रमित युग्म (x, y) का (UPBoardSolutions.com) अरिक्त समुच्चय है जिसमें
x ∈ A तथा y ∈ B.
(iii) सत्य है क्योंकि B ∈ Φ = Φ
A x (B ⊂ Φ ) = A x Φ = Φ.

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प्रश्न 5.
यदि A= {-1, 1}, तो A x A x A ज्ञात कीजिए।
हल:
A = {(-1, 1)}
A x A = {-1, 1} x {-1, 1} = {(-1,-1), (-1, 1), (1,- 1), (1,1)}
A x A x A = {-1, 1} x {(-1, – 1), (-1, 1), (1, -1), (1, 1)} = {(-1, -1, -1), (-1, -1, 1), (-1, 1, -1), (-1, 1, 1), (1, 1, -1), (1, -1, 1), (1, 1, -1), (1, 1, 1)}.

प्रश्न 6.
यदि A x B = {(a, x), (a, y), (b, x), (b, y)} तो A तथा B ज्ञात कीजिए।
हल:
A x B = {(a, x), (a, y), (b, x), (b, y)} = {a, b} x {x, y}
अतः A = {a, b}, B = {x, y}.

प्रश्न 7.
मान लीजिए कि A = {1, 2}, B = {1, 2, 3, 4}, C = {5, 6} तथा D = {5, 6, 7, 8} सत्यापित कीजिए कि
(i) A x (B ∩ C)= (A x B) ∩ (A x C)
(ii) A x C, B x D का एक उपसमुच्चय है।
हल:
दिया है। A = {1, 2}, B = {1, 2, 3, 4}, C = {5, 6}, D = {5, 6, 7, 8}
बायाँ पक्ष = A x (B ∩ C) {1, 2} x {{1, 2, 3, 4} ∩ {5, 6}) = {1, 2} x Φ = Φ
दायाँ पक्ष = (A x B) ∩ (A x C)
= [{1, 2} x {1, 2, 3, 4}] ∩ [{1, 2} { {5, 6}]
= {(1, 1), (1, 2), (1, 3), (1, 4), (2, 1), (2, 2), (2, 3), (2, 4)} {(1, 5), (1, 6), (2, 5), (2, 6)}
= Φ
अतः बायाँ पक्ष = दायाँ पक्ष
A x C = {1, 2} x {5, 6} = {{1, 5), (1, 6), (2, 5), (2, 6)}
B x D = {1, 2, 3, 4} x {5, 6, 7, 8}
= {(1,5), (1,6), (1, 7), (1, 8), (2,5), (2, 6), (2, 7), (2, 8), (3, 5), (3, 6), (3, 7), (3, 8), (4, 5), (4, 6), (4, 7), (4, 8)}
हम पाते हैं कि A x C के सभी अवयव समुच्चय B x D में स्थित हैं।
अतः A x C ⊂ B x D.

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प्रश्न 8.
मान लीजिए कि A = {1, 2} और B = {3, 4}. A x B लिखिए। A x B के कितने उपसमुन्। होंगें ? उनकी सूची बनाइए।
हल:
A x B = {1, 2} x {3, 4} = {(1, 3), (1, 4), (2, 3), (2, 4)}
A x B के उपसमुच्चयों की संख्या = 24 = 16
A x B के उपसमुच्चयों के अवयव = 6, {(1, 3)}, {(1,4)}, {(2, 3)}, {(2, 4)}, {(1, 3), (1,4)}, {(1, 3)
(2, 3)},{(1, 3), (2, 4)}, {(1, 4), (2, 3)}, {(1, 4), (2,4)}, (UPBoardSolutions.com) {(2, 3), (2, 4)}, {(1, 3), (1, 4), (2, 3)}, {(1, 3), (1, 4), (2, 4)}, {(1, 3), (2,3), (2, 4)}, {(1, 4), (2, 3), (2, 4)}, {(1, 3), (1, 4), (2, 3), (2, 4)}.

प्रश्न 9.
मान लीजिए कि A और B दो समुच्चय हैं, जहाँ n(A) = 3 और n(B) = 2. यदि (x, 1), (y, 2), (z, 1), A x B में हैं, तो A और B को ज्ञात कीजिए, जहाँ x, y और z भिन्न-भिन्न अवयव हैं।
हल:
अवयव x, y, z ∈ A अर्थात् A = {x, y, z}
1, 2 ∈ B अर्थात् B = {1, 2}.

प्रश्न 10.
कार्तीय गुणन AXA में 9 अवयव हैं जिनमें (-1, 0) तथा (0, 1) भी हैं। समुच्चय Aज्ञात कीजिए तथा A x A के शेष अवयव भी ज्ञात कीजिए।
हल:
(-1, 0) ∈ A x A ⇒ -1 ∈ A और 0 ∈ A ⇒ -1, 0 ∈ A और
(0, 1) ∈ A ⇒ 0 ∈ A तथा 1 ∈ A
⇒ 0, 1 ∈ A
-1, 0, 1 ∈ A
A = {-1, 0, 1}
A x A = {-1, 0, 1} x {-1, 0, 1}
= {(-1, -1), (-1, 0), (-1, 1), (0, -1), (0, 0), (0, 1), (1,-1), (1,0), (1,1)}
जिसमें (-1, 0), (0, 1) सम्मिलित है।
अत: A x A के शेष अवयव = (-1, -1), (-1, 1), (0, -1), (0, 0), (1,- 1), (1, 0), (1, 1).

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प्रश्नावली 2.2

प्रश्न 1.
मान लीजिए A = {1, 2, 3, …….14}, R = {x, y) : 3x – y = 0, जहाँ x, y ∈ A} द्वारा A से A का एक संबंध R लिखिए। इसके प्रांत, सहप्रांत और परिसर लिखिए।
हल:
A = {1, 2, 3, …., 14}, R : A जबकि
R = {(x, y) : 3x – y = 0 या y = 3x} = {(1, 3), (2, 6), (3, 9), (4, 12),….}
(i) प्रांत : संबंध R के समुच्चयों में x के अवयव = {1, 2, 3, 4}.
सहप्रांत : {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14}.
परिसर : संबंध R के समुच्चयों में y के अवयव = {3, 6, 9, 12}.

प्रश्न 2.
प्राकृत संख्याओं के समुच्चय पर R = {x, y) : y = x + 5, x संख्या 4 से कम, एक प्राकृत संख्या है, x, y ∈ N} द्वारा एक संबंध R परिभाषित कीजिए। इस संबंध को
(i) रोस्टर रूप में इसके प्रांत और परिसर लिखिए।
हल:
संबंध R, दिया गया है।
R = {(x, y) : y = x + 5, x, y ∈ N तदा x < 4}
= {(1, 6), (2, 7), (UPBoardSolutions.com) (3, 8)}
(i) प्रान्त = {1, 2, 3}.
परिसर = {6, 7, 8}.

प्रश्न 3.
A = {1, 2, 3, 5) और B = {4, 6, 9}, A से B में एक सम्बन्ध
R = {x, y} : x और y का अंतर विषम है, x ∈ A, y ∈ B} द्वार परिभाषित कीजिए| R को रोस्टर रूप में लिखिए।
हल:
दिया है:
A = {1, 2, 3, 5} और B = {4, 6, 9}. A से B में संबंध,
R = {(x, y) : x, y में अंतर विषम है, x ∈ A, y ∈ B}
= {1, 4,), (1, 6), (2, 9), (3, 4), (3, 6), (5, 4), (5, 6)}.

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प्रश्न 4.
दी हुई आकृति समुच्चय P से Q का एक संबंर दर्शाती है। इस संबंध को
(i) समुच्चय निर्माण रूप में
(ii) रोस्टर रूप में लिखिए। इसके प्रांत व परिसर क्या हैं ?
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हल:
(i) समुच्चय निर्माण रूप में, R = {(3, y) : y = x – 2, x = 5, 6, 7 के लिए}
(ii) रोस्टर रूप में, R = {(5, 3), (6, 4), (7, 5)}
प्रान्त = {5, 6, 7}
और परिसर = {3, 4, 5}.

प्रश्न 5.
मान लीजिए कि A= {1, 2, 3, 4, 6} मान लीजिए कि R, A पर {(a, b) : a, b ∈ A, संख्या a संख्या b को यथावथ विभाजित करती है। द्वारा परिभाषित एक संबंध है।
(i) R को रोस्टर रूप में लिखिए।
(ii) R का प्रांत ज्ञात कीजिए।
(iii) R का परिसर ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है :
A = {1, 2, 3, 4, 6}
R = {(a, b) : a, b ∈ A, a संख्या b को विभाजित करती है।
(i) रोस्टर रूप में, R = {(1, 1), (1, 2), (1, 3), (1, 4), (1, 6), (2, 2), (2, 4), (2, 6), (3, 3), (3, 6), (4, 4), (6, 6)}
(ii) R का प्रांत = {1, 2, 3, 4, 5, 6}
(iii) R का परिसर = {1, 2, 3, 4, 5, 6}.

प्रश्न 6.
R = {(x, x + 5) : x ∈ {0, 1, 2, 3, 4, 5}} द्वारा परिभाषित संबंध R के प्रांत और परिसर ज्ञात कीजिए।
हल:
R = {(x, x + 5) : x ∈ {, 1, 2, 3, 4, 5}} = {(0, 5), (1, 6), (2, 7), (3, 8), (4, 9), (5, 10)}
R का प्रांत = {0, 1, 2, 3, 4, 5}
R का परिसर : {5, 6; 7, 8, 9, 10}.

प्रश्न 7.
संबंध R = {(x, x3) : x संख्या 10 से कम एक अभाज्य संख्या है। को रोस्टर रूप में लिखिए।
हल:
10 से कम अभाज्य संख्याएँ 2, 3, 5, 7
रोस्टर रूप में, R = {(x, x3) : x एक अभाज्य (UPBoardSolutions.com) संख्या है जो 10 से कम है।
= {(2, 8), (3, 27), (5, 125), (7, 343)}.

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प्रश्न 8.
मान लीजिए कि A= {x, y, z} और B = {1, 2}, A से B के संबंधों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है। A = {x, y, z}, B = {1, 2}
A x B = {(x, 1), (x, 2), (y, 1), (y, 2), (z, 1), (z, 2)}
n(A x B) = 6
संबंधों की कुल संख्या = A x B के उपसमुच्चयों की संख्या = 26 = 64.

प्रश्न 9.
मान लीजिए कि R, Z पर, R= {(a, b) : a, b ∈ Z, a – b एक पूर्णाक है}, द्वारा परिभाषित एक संबंध है। R के प्रांत व परिसर ज्ञात कीजिए।
हल:
R समुच्चय Z पर एक संबंध है तथा R = {(a, b), a ∈ Z, b ∈ Z, a – b एक (UPBoardSolutions.com) पूर्णांक संख्या है।
प्रांत (R) = Z
परिसर (R) = Z.

प्रश्नावली 2.3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित संबंधों में से कौन से फलन हैं ? कारण का उल्लेख कीजिए। यदि संबंध एक फलन है तो उसका परिसर निर्धारित कीजिए।
(i) {(2,1), (5, 1), (8, 1), (11, 1), (14, 1), (17, 1)}
(ii) {(2, 1), (4, 2), (6, 3), (8, 4), (10, 5), (12, 6), (14, 7)}
(iii) {(1, 3), (1, 5), (2, 5)}
हल:
(i) माना R = {(2, 1), (5, 1), (8, 1), (11, 1), (14, 1), (17, 1)}
यह संबंध एक फलन है क्योंकि किसी भी दो क्रमित युग्म का पहला घटक बराबर नहीं है।
प्रान्त = {2, 6, 8, 11, 14, 17} तथा परिसर = {1}.
(ii) माना R = {(2, 1), (4, 2), (6, 3), (8, 4), (10, 5), (12, 6), (14, 7)}
यह एक फलन है क्योंकि किसी भी दो क्रमित युग्म का पहला घटक बराबर नहीं है।
अतः प्रांत = {2, 4, 6, 8, 10, 12, 14}, परिसर = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7}.
(iii) यह एक फलन नहीं है क्योंकि (1, 3), (1, 5) में पहला घटक समान है।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित वास्तविक फलनों के प्रांत तथा परिसर ज्ञात कीजिए।
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प्रश्न 3.
एक फलन f(x) = 2x – 5 द्वारा परिभाषित है। निम्नलिखित के मान लिखिए:
(i) f(0)
(ii) f(7)
(iii) f(-3)
हल:
f(x) = 2x – 5
(i) f(0) = 2 x 0 – 5 = -5
(ii) f(7) = 14 – 5 = 9
(iii) f(-3) = 2 x (-3) – 5 = – 6 – 5 = – 11.

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प्रश्न 4.
फलन ‘t’ सेल्सियस तापमान का फारेनहाइट तापमान में प्रतिचित्रण करता है, जो t(C) = [latex]\frac { 9C }{ 5 }[/latex] + 32 द्वारा परिभाषित है। निम्नलिखित को ज्ञात कीजिए:
(i) t(0)
(ii) t(28)
(iii) t(-10)
(iv) C का मान, जब t(C) = 212
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प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से प्रत्येक फलन का परिसर ज्ञात कीजिए:
(i) f(x) = 2 – 3x, x ∈ R, x > 0.
(ii) f(x) = x² + 2, x एक वास्तविक संख्या है।
(iii) f(x) = x, एक वास्तविक संख्या है।
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अध्याय 2 पर विविध प्रश्नावली

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प्रश्न 8.
मान लीजिए कि f = {(1, 1), (2, 3), (0, -1), (-1, -3)} Z से Z में, f(x) = ax + b, द्वारा परिभाषित एक फलन है, जहाँ a, b कोई पूर्णाक हैं। a, b को निर्धारित कीजिए।
हल:
दिया है :
f = {(1, 1), (2, 3), (0, – 1), (-1, – 3)}
और f(x) = ax + b …..(A)
जब x = 1; y = 1, हो तब a + b = 1 …..(i)
और जबे x = 2, y = 3, 2a + b = 3 …..(ii)
समीकरण (i) और (ii) से,
a = 2, b = -1
a तथा b के इन मानों को समीकरण (A) में रखने पर,
f(x) = 2x – 1
जब x = 0, f(x) = -1
और जब x = -1, f(x) = -3
अतः f(x) = 2x – 1 तथा a = 2, b = -1.

प्रश्न 9.
R = {(a, b) : a, b ∈ N तथा a = b2} द्वारा परिभाषित N से N में, एक संबंध R है। क्या निम्नलिखित कथन सत्य है।
(i) {a, a} ∈ R सभी a ∈ N
(ii) (a, b) ∈ R का तात्पर्य है कि (b, a) ∈ R
(iii) (a, b) ∈ R, (b, c) ∈ R का तात्पर्य है कि (a, c) ∈ R? प्रत्येक दशा में अपने उत्तर का औचित्य भी बताइए।
हल:
(i) a = a यह सत्य है जब a = 0, 0 ∉ N,
अत: यह एक संबंध नहीं है।
(ii) a = b2, और b = a2, यह a, b ∈ N, a, b के सभी (UPBoardSolutions.com) मूल्यों के लिए सत्य नहीं है। अत: यह एक संबंध नहीं है।
(iii) जब a = b2, b = c2 तब a ≠ c2
यह संबंध नहीं है।

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प्रश्न 10.
मान लीजिए A = {1, 2, 3, 4}, B = {1, 5, 9, 11, 15, 16} और f = {(1, 5), (2, 9), (3, 1), (4, 5), (2, 11)}, क्या निम्नलिखित कथन सत्य है ?
(i) f, Aसे B में एक संबंध है।
(ii) f, A से B में एक फलन है। प्रत्येक दशा में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
हल:
(i) दिया है: A = {1, 2, 3, 4} तथा B = {1, 5, 9, 11, 15, 16}
A x B = {(1, 1), (1, 5), (1, 9), (1,11), (1, 15), (1, 16), (2, 1), (2, 5), (2, 9), (2, 11), (2, 15), (2, 16), (3, 1), (3, 5), (3, 9), (3, 11), (3, 15), (3,16), (4, 1), (4, 5), (4,9), (4, 11), (4, 15), (4, 16)}
अवयव, A x B का उपसमुच्चय है।
अतः यह एक संबंध है।
(ii) f में (2, 9) और (2, 11) अवयव प्रथम घटक दोनों युग्मों में 2 है।
यह फलन नहीं है।

प्रश्न 11.
मान लीजिए कि f, f = {(ab, a + b); a, b ∈ Z} द्वारा परिभाषित Z x Z का एक उपसमुच्चय है। क्या f, Z से Z में एक फलन है ? अपने उत्तर का औचित्य भी स्पष्ट कीजिए।
हल:
मान लीजिए a = 0, b = 1 हो, तब
ab = 0 और a + b = 0 + 1 = 1
पुनः माना a = 0, b = 2 हो, तब
ab = 0, a + b = 2.
अवयव 0 के दो प्रतिबिंब 1 और 2 हैं।
अत: f एक फलन नहीं है।

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प्रश्न 12.
मान लीजिए कि A= {9, 10, 11, 12, 13} तथा f : A → N, f(n) = n का महत्तम अभाज्य गुणक द्वारा परिभाषित है।/का परिसर ज्ञात करो।
हल:
यदि n = 9 = 3 x 3 तो 3 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
n= 10 = 2 x 5 तो 5 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
n = 11 = 1 x 11 तो 11 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
n = 12 = 22 x 3 तो 3 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी (UPBoardSolutions.com) अभाज्य संख्या है।
n = 13 = 1 x 13 तो 13 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
अतः f का परिसर = {3, 5, 11, 13}.

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