UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 1 पोषण एवं सन्तुलित आहार

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Board UP Board
Class Class 12
Subject Home Science
Chapter Chapter 1
Chapter Name पोषण एवं सन्तुलित आहार
Number of Questions Solved 22
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 1 पोषण एवं सन्तुलित आहार

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
सन्तुलित आहार के पोषक तत्वों में से कौन-सा तत्त्व सम्मिलित नहीं है?
(a) प्रोटीन
(b) कार्बोहाइड्रेट
(C) खनिज लवण
(d) पोषण
उत्तर:
(d) पोषण

प्रश्न 2.
पोषक तत्वों का वर्गीकरण निम्न में से किस आधार पर किया जाता है?
(a) प्राथमिक आवश्यकताओं के आधार पर
(b) शरीर निर्माणक पोषक तत्वों के आधार पर
(c) जलवायु परिवर्तन के आधार पर
(d) आन्तरिक ऊर्जा प्राप्ति के आधार पर
उत्तर:
(b) शरीर निर्माणक पोषक तत्वों के आधार पर

प्रश्न 3.
किशोरावस्था में लड़के एवं लड़कियों को क्रमशः कितनी कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती हैं?
(a) 2650 से 2080 कैलोरी ऊर्जा
(b) 2250 से 2600 कैलोरी ऊर्जा
(c) 2600 से 2800 कैलोरी ऊर्जा
(d) 2400 से 2800 कैलोरी ऊर्जा
उत्तर :
(a) 2650 से 2080 कैलोरी ऊर्जा

प्रश्न 4.
रतौंधी रोग किस विटामिन की कमी से होता है?
(a) विटामिन A
(b) विटामिन C
(c) विटामिन K
(d) विटामिन D
उत्तर:
(a) विटामिन A

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 1 अंक, 25 शब्द

प्रश्न 1.
सन्तुलित आहार का क्या अर्थ है?
उत्तर:
वह आहार जो मनुष्य की पोषण सम्बन्धित सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, सन्तुलित आहार कहलाता है।

प्रश्न 2.
सन्तुलित आहार के पोषक तत्वों का नाम बताइए।
उत्तर:
सन्तुलित आहार के पोषक तत्त्व निम्नलिखित हैं

  1. कार्बोहाइड्रेट
  2. वसा एवं तेल
  3. प्रोटीन
  4. विटामिन
  5. खनिज लवण
  6.  जल आदि।

प्रश्न 3.
सन्तुलित आहार का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
सन्तुलित आहार शारीरिक व मानसिक विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक होता है। इसके अभाव में शारीरिक व मानसिक विकास उपयुक्त तरीके से नहीं हो पाता है।

प्रश्न 4.
दूध को सर्वोत्तम आहार क्यों माना गया है?
उत्तर:
पोषण में दुग्ध को सम्पूर्ण एवं सर्वोत्तम आहार माना गया है। दूध ही एकमात्र ऐसा भोज्य पदार्थ है, जिसका स्थान अन्य कोई भोज्य पदार्थ नहीं ले सकता। दूध शिशुओं के शारीरिक व मानसिक विकास में सहायक है।

प्रश्न 5.
आयोडीन की कमी से होने वाला रोग होता है?
उत्तर:
घेघा आयोडीन की कमी से होने वाला रोग है।

प्रश्न 6.
वसा की अधिकता से कौन-सा रोग होता है?
उत्तर:
वसा की अधिकता से मोटापा हो जाता है, इसके अतिरिक्त इससे उच्च रक्त चाप रोग भी हो जाता है।

प्रश्न 7.
सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारक आयु, लिंग, स्वास्थ्य, क्रियाशीलता तथा विशेष शारीरिक अवस्था आदि हैं।

प्रश्न 8.
लकवा किस विटामिन की कमी से होता है?
उत्तर:
विटामिन B1 की कमी से शरीर में लकवा (Paracysis) की शिकायत हो जाती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न 2 अंक, 50 शब्द

प्रश्न 1.
सन्तुलित आहार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
भोजन हमारे जीवन का मूल आधार है। वायु और जल के पश्चात् हमारे लिए भोजन ही सबसे आवश्यक है। विभिन्न खाद्य पदार्थों के मिश्रण से बना वह आहार जो हमारे शरीर को सभी पौष्टिक तत्त्व हमारी शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार उचित मात्रा में और साथ ही शरीर के संचय कोष के लिए भी कुछ मात्रा में पौष्टिक तत्व प्रदान करता है, संतुलित आहार कहलाता है। सन्तुलित आहार के अभाव में मनुष्य का शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है।

प्रश्न 2.
नवजात शिशु के लिए तथा स्कूली बच्चों के लिए सन्तुलित आहार का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
प्रत्येक प्राणी के लिए सन्तुलित आधार की मात्रा का निर्धारण अलग-अलग होता है, जो निम्न प्रकार से है

  1. नवजात शिशु के लिए आहार माँ का दूध नवजात शिशु के लिए एक सर्वोत्तम आहार है। यह शिशु के स्वास्थ्य, शारीरिक वृद्धि तथा जीवन शक्ति के लिए अत्यन्त आवश्यक होता है, क्योंकि माँ के दूध में सभी आवश्यक तत्त्व; जैसे—प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, लवण, जल तथा विटामिन (B,D) उपस्थित होते हैं।
  2. स्कूली बच्चों का आहार स्कूल जाने वाले बच्चों को अधिक मात्रा में | प्रोटीन एवं कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस अवस्था में बच्चों की वृद्धि की दर भी बढ़ती रहती है। इन बच्चों को आहार में प्रोटीन, विटामिन, दूध, सब्जियाँ, फल एवं अण्डे आदि पर्याप्त मात्रा में देने चाहिए।

प्रश्न 3.
किशोरावस्था, वयस्क पुरुष व महिला तथा प्रौढ़ावस्था के लिए सन्तुलित आहार का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
प्रत्येक अवस्था में सन्तुलित आहार का निर्धारण अलग-अलग होता है, जो निम्न प्रकार से है

  1. किशोरावस्था में आहार किशोरावस्था में शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही प्रकार के परिवर्तन होते हैं। इस अवस्था में लड़के एवं लड़कियों को क्रमशः 2650 से 2080 कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती हैं।
  2. वयस्क पुरुष व महिला का आहार एक वयस्क पुरुष को महिलाओं की अपेक्षा अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है, क्योंकि इन्हें महिलाओं की अपेक्षा अधिक शारीरिक एवं मानसिक कार्य करने होते हैं, किन्तु गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को वयस्क पुरुषों के समान ही अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है।
  3. प्रौढावस्था में आहार इस अवस्था में शरीर को कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह अवस्था 45 वर्ष के पश्चात् आती है। इस अवस्था में शरीर के अंग शिथिल पड़ जाते हैं तथा पाचन संस्थान कमजोर होने लगता हैं।

प्रश्न 4.
पोषक तत्वों की कमी से होने वाली कोई दो बीमारियों के बारे में बताइए।
उत्तर:
पोषक तत्वों की कमी से होने वाली दो बीमारियाँ निम्न प्रकार हैं

1. रक्ताल्पता रक्ताल्पता (एनीमिया) से आशय खून की कमी से होता है।यदि मानव शरीर में लौह खनिज की मात्रा कम हो जाती है तो शरीर में रक्ताल्पता नामक बिमारी हो जाती है। यह लौह युक्त भोजन (आहार) के अभाव में होता है। थकान या कमजोरी महसूस करना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस बिमारी के कारण मानव शरीर में जैविक क्रिया, पाचन क्रिया आदिप्रभावित होती हैं।

2. मरास्मस मरास्मस ग्रीक भाषा का शब्द है, जिसका तात्पर्य है- व्यर्थ करना। इस बिमारी से अधिकांशतः बच्चे ग्रसित है। बच्चों में प्रोटीन की कमी के कारण मरास्मस रोग हो जाता है। इस रोग में शरीर का विकास अवरुद्ध हो जाता है। इसके अतिरिक्त भारहीनता, रक्तहीनता, त्वचा का झुरींदार होना, पेचिश(दस्त) आदि की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 5.
पोषक तत्वों का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पोषक तत्त्व वह रसायन होता है, जिसकी आवश्यकता किसी जीव को उसके जीवन और वृद्धि के साथ-साथ उसके शरीर की उपापचय की क्रिया संचालन के लिए आवश्यक होता है और जिसे वह अपने वातावरण से ग्रहण करता है। पोषक तत्व जो शरीर को समृद्ध बनाते हैं। ये ऊतकों का निर्माण और उनकी मरम्मत करते हैं साथ ही शरीर को ऊष्मा और ऊर्जा प्रदान करते हैं और यही ऊर्जा शरीर की सभी क्रियाओं को चलाने के लिए आवश्यक होती है।

पोषक तत्वों का प्रभाव मानव द्वारा ग्रहण किए गए भोजन पर निर्भर करता है। इन सभी के अतिरिक्त एक और पोषक तत्त्व है, जिसकी हमारे शरीर को अत्यन्त महत्त्वपूर्ण आवश्यकता होती है, वह है-सेल्युलोज। यह हमारे शरीर में मेल को गति प्रदान करता है तथा आँतों में क्रमांकुचन की गति को सामान्य बनाए रखता है। यह पौष्टिक तत्त्व हमें सब्जियों व फलों के छिलके, साबुत दालों व अनाजों तथा चोकर आदि से प्राप्त होते हैं। जानवरों में विशेष रूप से इसे पचाने वाला एंजाइम होता है।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न 5 अंक, 100 शब्द

प्रश्न 1.
सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वालेकारक लिखिए।
उत्तर:
सन्तुलित आहार
भोजन हमारे शरीर का मूल आधार है। विभिन्न खाद्य पदार्थों, जिनमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व निहित होते हैं, के मिश्रण से बना वह आहार जो शरीर को सभी पौष्टिक तत्त्व सही अनुपात में प्रदान करे, सन्तुलित आहार कहलाता है। सन्तुलित आहार शरीर के संचय कोष के लिए भी कुछ मात्रा में पौष्टिक तत्त्व प्रदान करता है, जो शरीर में आवश्यकतानुसार स्वयं विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से उपयुक्त हो जाते हैं।

सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारक
सन्तुलित आहार अनेक प्रकार के कारकों द्वारा प्रभावित होते हैं। ये कारक निम्नलिखित हैं।

1. आयु सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाला मुख्य घटक ‘आयु’ है। बाल्यावस्था में शारीरिक निर्माण व विकास के लिए सन्तुलित आहार की आवश्यकता आयु के अन्य स्तरों में अधिक होती है।
बच्चों को उनके शरीर के भार की तुलना में प्रौढ़ व्यक्तियों से अधिक भोज्य तत्त्वों की आवश्यकता होती है।
बाल्यावस्था में प्रोटीन, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता अधिक होती है, जबकि वृद्धावस्था में शरीर संवदेनशील होने के कारण, सुरक्षात्मक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती हैं।

2. लिंग स्त्रियों एवं पुरुषों के सन्तुलित आहार में अन्तर होता है। पुरुषों में आकार, भार तथा क्रियाशीलता अधिक होने के कारण महिलाओं की अपेक्षा ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है। इन कारणों से हुई शारीरिक टूट-फूट अधिक होने के कारण पुरुषों को सुरक्षात्मक तत्त्वों की भी अधिक आवश्यकता होती है, किन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में यथा गर्भावस्था व दुग्धपान की अवस्थाओं में स्त्रियों को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

3. स्वास्थ्य व्यक्ति के स्वास्थ्य की परिस्थितियों के अनुसार भी पोषक तत्त्वों की आवश्यकता प्रभावित होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति को सन्तुलित आहार की आवश्यकता केवल उसकी दिनचर्या उचित प्रकार से चलाने के लिए चाहिए, परन्तु एक अस्वस्थ व्यक्ति को सन्तुलित आहार की आवश्यकता शरीर की दैनिक दिनचर्या के साथ-साथ टूटे-फूटे ऊतकों आदि की मरम्मत के लिए भी होती है।

4. क्रियाशीलता व्यक्ति की क्रियाशीलता भी उसके सन्तुलित आहार की आवश्यकता को निर्धारित करती है। अधिक क्रियाशील व्यक्ति को कम क्रियाशील व्यक्ति की अपेक्षा अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

5. जलवायु जलवायु तथा मौसम भी आहार की मात्रा को प्रभावित करते हैं।ठण्डे देश के निवासी ऊर्जा का प्रयोग अपने शरीर का ताप बढ़ाने के लिए करते हैं। इसी कारण उन्हें अधिक सन्तुलित आहार की आवश्यकताहोती है।

6. विशेष शारीरिक अवस्था कुछ विशेष शारीरिक अवस्थाएँ; जैसेगर्भावस्था, दुग्धपान की अवस्था, ऑपरेशन के बाद की अवस्था, जल जाने के बाद की अवस्था तथा रोग के उपचार होने के बाद स्वस्थ होने की अवस्था आदि में सन्तुलित आहार की आवश्यकता बढ़ जाती हैं। गर्भावस्था के दौरान भ्रूण निर्माण के कारण एवं माता के शारीरिक भार में परिवर्तन के कारण पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है। दुग्धपान की अवस्था में लगभग 400 से 500 मिली दूध के निर्माण के कारण माता में सन्तुलित आहार की आवश्यकता बढ़ जाती है। ऑपरेशन तथा जले जाने के बाद की अवस्था में भी निर्माणक तत्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है।

प्रश्न 2.
सन्तुलित आहार की अर्थ बताइए व उसके आयोजन में ध्यान रखने योग्य बातें बताइट।
उत्तर:
सन्तुलित आहार का अर्थ इसके लिए विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 देखें।

सन्तुलित आहार का आयोजन
परिवार के सभी सदस्यों की सन्तुलित आहार की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उनके लिए सन्तुलित आहार का आयोजन करते समय निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।

  1. भोजन में सभी प्रकार के पोषक तत्त्वों; जैसे-कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज लवण, जल आदि तत्त्वों का सामावेश प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकतानुसार होना आवश्यक है। किसी भी पोषक तत्त्व की न्यूनतम मात्रा के साथ साथ अधिकतम मात्रा भी समान रूप से हानिकारक होती हैं।
  2. भोजन का निर्माण करते समय हमें ध्यान रखना चाहिए कि सभी खाद्य पदार्थ पूर्णतः पक जाएँ, तभी वह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होंगे। कम पका हुआ। व अधिक पका हुआ दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
  3. भोजन में प्रतिदिन विविधता होना चाहिए, जिससे कि सभी प्रकार के पोषक.तत्त्वों की आपूर्ति हो सके।
  4. व्यक्ति को प्राय: ताजा भोजन ही आहार के रूप में लेना चाहिए, क्योंकि अधिक समय का पका हुआ भोजन विषैला व दुर्गन्ध युक्त हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप शरीर में अनेक प्रकार के विकार के उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

प्रश्न 3.
विभिन्न पोषक तत्वों के नाम बताइए तथा उनकी प्राप्ति के स्रोत कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
भोजन के वे सभी तत्व जो शरीर में आवश्यक कार्य करते हैं, उन्हें पोषक तत्त्व कहते हैं। यदि ये पोषक तत्त्व हमारे भोजन में उचित मात्रा में न हों, तो हमारा शरीर अस्वस्थ हो जाएगा। ये आवश्यक तत्त्व जब हमारे शरीर में आवश्यकतानुसार (सही अनुपात में) उपस्थित होते हैं, तब उस अवस्था को सर्वोत्तम पोषण या समुचित पोषण की संज्ञा दी जाती है। ये पोषक तत्व निम्नलिखित हैं।

  1. काबोहाइड्रेट
  2. वसा एवं तेल
  3. प्रोटीन
  4. खनिज लवण
  5. विटामिन
  6. जल

पोषकतत्त्वों का वर्गीकरण
कार्यों के आधार पर पोषक तत्वों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया। जाता है

  1. ऊर्जादायक पोषक तत्त्व कार्बोहाइड्रेट, वसा|
  2. शरीर निर्माणक पोषक तत्त्वं प्रोटीन एवं खनिज लवण।
  3. शरीर संरक्षक पोषक तत्त्व खनिज लवण एवं विटामिन।

पोषक तत्वों के आहारीय स्रोत
पोषक तत्वों के आहारीय स्रोत निम्न प्रकार से हैं

  1. कार्बोहाइड्रेट चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, मक्का, साबूदाना, जौ, मैदा, मुरमुरे, चूड़ा, दलिया, बिस्किट, डबल रोटी, गुड़, चीनी, शहद, किशमिश, खजूर, अंजीर, दालें, शकरकन्द, जमींकन्द, अरवी, जैम-जैली, मुरब्बे, मिठाइयाँ आदि।
  2. वसा एवं तेल घी, मक्खन, मलाई, मार्गरीन, चर्बी, चर्बीयुक्त मांस, अण्डे को पीला भाग, मछली, वनस्पति घी, सभी प्रकार के तिलहन तथा खाने योग्य तेल, नारियल, मूंगफली, बादाम, अखरोट, पिस्ता इत्यादि।
  3. प्रोटीन दूध तथा दूध से बनी चीजें, अण्डा, मांस, मछली, यकृत, दालें, फलियाँ, सोयाबीन, राजमा, मटर, मूंगफली, काजू, बादाम, तिल इत्यादि।
  4. खनिज लवण पोषक तत्त्वों के खनिज लवण निम्नलिखित हैं।
    • कैल्शियम दूध, दही, अण्डे, पालक, मैथी, बथुआ, प्रत्येका धनिया, पुदीना, सलाद के पत्ते, सूखी मछली, पनीर, खोआ, तिल इत्यादि।
    • फास्फोरस दूध, अण्डा, मांस, मछली, पनीर, अनाज, दालें, गिरी, पत्तेदार सब्जियाँ एवं तिलहन।
    • लौह-लवण मांस, मछली, अण्डा, यकृत, अनाज, फलियाँ, प्रत्येकी-पत्ती वाली सब्जियाँ, गुड़, किशमिश, खजूर, अंजीर, काष्ठफल इत्यादि।
    • पोटैशियम अनाज, दालें, जड़ वाली सब्जियाँ, दूध, दही, छाछ, पनीर, अण्डा, सोयाबीन, मांस, मछली।
    • सोडियम नमक, जल एवं लगभग सभी खाद्य पदार्थों में विशेषकरअनाज और प्रत्येक पत्तेदार सब्जियों में।
    • आयोडीन जल, प्रत्येके पत्ते वाली सब्जियाँ, मछली व आयोडीनयुक्त नमक।
  5.  विटामिन पोषक तत्वों में विटामिन इस प्रकार हैं
    • विटामिन‘ मछली के यकृत का तेल, मक्खन, घी, अण्डा, दूध, पपीता, कद्दू, आम आदि।
    • विटामिनडी‘ मछली का यकृत, अण्डा, मक्खन, घी, दूध सूर्य की किरणें आदि।
    • विटामिनबी‘ (के अन्तर्गत 12 विटामिन आते हैं, जिनमें कुछप्रमुख हैं- बी1, बी2, बी6, बी12) सम्पूर्ण अनाज, खमीर, साबुत तथा छिलके वाली दालें, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, मटर, फलियाँ, मांस, मछली, दूध, अण्डे की जर्दी, पत्तेदार सब्जियाँ आदि।
    • विटामिनसी‘ आँवला में (अत्यधिक), अमरूद, नींबू, सन्तरा, रसभरी, अनन्नास, पपीता, टमाटर, सहजन की पत्तियाँ, धनिया, करमी का साग, चौलाई का साग, अंकुरित मूंग, चना आदि।
    • विटामिन‘ अण्डा, गेहूं, सोयाबीन, तेल आदि ।
    • विटामिनके‘ सोयाबीन, हरी सब्जियाँ, टमाटर, दूध आदि।

प्रश्न 4.
‘दूध एक सम्पूर्ण आहार है। इस कथन की विवेचना कीजिए।
अथवा
दूध सम्पूर्ण आहार है, क्यों?
अथवा
दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्वों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दूध को सम्पूर्ण एवं सर्वोत्तम आहार माना गया है। यह पूर्ण एवं सुपाच्य आहार है। शिशुओं के शारीरिक विकास एवं वृद्धि हेतु उनके सम्पर्क में आने वाला पहला भोज्य पदार्थ दूध ही होता है। शैशवावस्था से लेकर जीवन के प्रत्येक पड़ाव में शारीरिक वृद्धि, विकास एवं संरक्षण हेतु सभी आवश्यक पौष्टिक तत्त्व उचित मात्रा एवं अनुपात में दूध में उपस्थित होते हैं। विभिन्न स्तनधारियों की स्तनग्रन्थि का स्राव ही दूध कहलाता है; जैसे-गाय, भेड़, बकरी, ऊँट आदि।

दूध में अधिकांश मात्रा में जल विद्यमान होता है, जिसकी मात्रा लगभग 87.25% होती है। शेष भाग ठोस पदार्थ होता हैं, जिनमें वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि होते हैं। कुछ मात्रा में दूध में घुलनशील गैस, एंजाइम तथा रंग कण भी विद्यमान होते हैं।

दूध में पोषक तत्वों का अनुपात
पोषक तत्वों का अनुपात दूध के संगठन में निम्न प्रकार से हैं

1. जल दवा में अधिकांश मात्रा में जल होता है। दूध में लगभग 80-90% जल विद्यमान होता है, जिसमें विभिन्न पोषक तत्त्व निहित होते हैं। ये तत्त्व घुलित अवस्था अथवा पायस अवस्था में जल में पाए जाते हैं।

2. वसा दृध में 3.5% -7.5% तक वसा होती है, जिसका गठन जटिल लिपिड्स के मिश्रण से होता है। दूध का विशेष स्वाद दूध में उपस्थित वसा के कारण ही होता है। दूध में संतृप्त (62%) व असंतृप्त (37%) वसीय अम्ल उपस्थित होते हैं, जिनमें 426 कार्बन अणु श्रृंखला तक होते हैं। लघु श्रृंखला वाले वसीय अम्ल; जैसे—पारिटिक, ऑलिक और न्यूटायरिक अम्ल पाए जाते हैं। इसी कारण दूध में विशिष्ट गन्ध व फ्लेवर उत्पन्न होते हैं। वसा पायस के रूप में होने के कारण दूध में सुगमता से पच जाती है। भैंस के दूध में सर्वाधिक वसा होते हैं।

3. प्रोटीन दूध के मुख्य प्रोटीन हैं-केसीन, लैक्टोएल्यूमिन एवं लैक्टोग्लोब्यूलिन। यह प्रोटीन उत्तम प्रकार की प्रोटीन होती है। प्रमुख कार्बोज लैक्टोज शर्करा है। दूध का लैक्टोज शरीर द्वारा कैल्शियम तथा फास्फोरस के अवशोषण में सहायक होता है। लैक्टोज शर्करा आँत में लैक्टोबेसीलस जीवाणु की क्रिया से लैक्टिक अम्ल का निर्माण करती है। इसी कारण दूध से दही जमती है। यह आँतों में कोमल दही बनाती है व दूध की सुपाच्यता को बढ़ाती है। Ph को कम करके कैल्शियम सहित अन्य खनिज लवणों के अवशोषण में सहायता प्रदान करती है। 100 ग्राम दूध में 2.5-3.5 ग्राम प्रोटीन पाई जाती हैं।

4. खनिज तत्व दूध मुख्यतः कैल्शियम व फास्फोरस का उत्कृष्ट साधन है। इसका अवशोषण शीघ्रता से शरीर में हो जाता है। कैल्शियम की आवश्यकता आपूर्ति हेतु हमें प्रतिदिन दूध का सेवन करना चाहिए। दूध में लोहा, ताँबा, जस्ता, मैंगनीज, सिलिका तथा सल्फर भी अल्प मात्रा में घुलनशील अवस्था में पाए जाते हैं। दूध में खनिज लवणों की मात्रा 0.3% से 0.8% तक होती है।

5. विटामिन दूध में लगभग सभी प्रमुख विटामिन उपस्थित रहते हैं। घुलनशील विटामिन ‘ए’, ‘डी’, ‘इ’ एवं ‘के’ दूध की वसा में पाए जाते हैं। दूध में विटामिन ‘बी’ समूह का भी अच्छा साधन हैं। थायमिन साधारण मात्रा में ही पाया जाता है, परन्तु धूप व रोशनी के सम्पर्क में आने से लगभग आधा राइबोफ्लेविन नष्ट हो जाता है। दूध में विटामिन ‘सी’ व ‘डी’ अत्यन्त ही न्यून मात्रा में होता है और गर्म करने अथवा वायु के सम्पर्क में आने से नष्ट हो जाता है।

6. एंजाइम एंजाइम भी कुछ मात्रा में दूध में उपलब्ध होते हैं। एंजाइम एक आंगिक उत्प्रेरक है, जोकि रासायनिक अभिक्रिया को तीव्रता प्रदान करते हैं। इसी कारण ज्यादा देर तक बिना गरम किए दूध को रखने पर वह फट जाता है या खट्टा हो जाता है। दूध में उपस्थित लाइपेज, एंजाइम वसा विघटन में, अमायलेस, काज विघटन में, प्रोटीएस, प्रोटीन विघटन में वे लैक्टोज एंजाइम दूध के लैक्टोज विघटन में सहायक है।

प्रश्न 5.
पोषण को परिभाषित करते हुए कुपोषण के कारण व लक्षण पर प्रकाश डालिए।
अथवा
पोषण व कुपोषण को परिभाषित कीजिए एवं कुपोषण के कारण व लक्षणों का वर्णन कीजिए।
अथवा
पोषण की परिभाषा देते हुए भोजन के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
पोषण का अर्थ एवं परिभाषा
संसार का प्रत्येक व्यक्ति जीवन जीने व अपनी दिनचर्या चलाने के लिए भोजन ग्रहण करता है। उस भोजन की मात्रा प्रत्येक आयु, वर्ग, शारीरिक स्थिति, जलवायु, देश, क्रियाशीलता आदि तत्त्वों से प्रभावित होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति की पोषक तत्वों की माँग, अन्य किसी व्यक्ति से भिन्न होती है।

पोषण विज्ञान द्वारा हम यह ज्ञात कर सकते हैं कि हमें अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार कैसा आहार ग्रहण करना चाहिए, ताकि हमें उस आहार में निहित पोषक तत्त्वों का पूर्ण लाभ मिल सके। आहार विज्ञान पोषण विज्ञान को प्रायोगिक तरीके से अपनाने का ज्ञान प्रदान करता है। अतः इसके द्वारा व्यक्ति किसी भी व्यक्ति के लिए उपयुक्त आहार नियोजन कर सकता है।

टर्नर के अनुसार, “पोषण उन प्रक्रियाओं का संयोजन है, जिनके द्वारा जीवित प्राणी अपनी क्रियाशीलता को बनाए रखने के लिए तथा अपने अंगों की वृद्धि एवं उनके पुनर्निर्माण हेतु आवश्यक पदार्थों को प्राप्त करता है व उनका उपभोग करता है। इस प्रकार पोषण शरीर में भोजन के विभिन्न कार्यों को करने की सामूहिक प्रक्रिया का ही नाम है।

पोषक के प्रकार
शरीर को ऊर्जा एवं पोषण देने वाला आहार में अनेक रासायनिक तत्त्वों का मिश्रण होता है। इन्हीं रासायनिक तत्वों को मनुष्य की आवश्यकताओं की दृष्टि से 6 मुख्य समूहों में बाँटा गया है।

  1. प्रोटीन
  2. कार्बोज (कार्बोहाइड्रेट)
  3. वसा
  4. विटामिन्स
  5. खनिज लवण
  6. जल

कुपोषण
जब व्यक्ति अपनी शारीरिक संरचना के अनुसार भोजन ग्रहण नहीं करता, तब वह उस भोजन के पोषक तत्वों का पूर्णतः लाभ नहीं उठा पाता व उसका शारीरिक विकास उसकी आयु अनुसार नहीं होता और इससे उसकी कार्यक्षमता भी पूरी नहीं होती, तो वह कुपोषण कहलाता है।

भारतवर्ष में कुपोषण व उसके कारण
जब व्यक्ति को उसकी शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार पोषक तत्वों से भरपूर भोजन नहीं मिलता या ऐसा भोजन मिलता हो जिसमें उसकी आवश्यकता से अधिक पोषक तत्त्व हों, तो उसके शरीर में पोषक तत्वों की स्थिति को कुपोषण कहते हैं। दूसरे देशों की अपेक्षा पोषण विज्ञान का हमारे देश की जनसंख्या को ज्ञान न होने के कारण हमारे देश में कुपोषण अधिक है और इसी कारण यहाँ मृत्यु-दर भी अधिक है। पोषक तत्त्वों के अभाव के कारण व्यक्ति अविकसित व रोगग्रस्त हो जाता है।

स्वास्थ्य की इस दशा के प्रमुख कारण निम्न हैं।

  1. खाद्य पदार्थों का अभाव
  2. निर्धनता
  3. अशिक्षा व अज्ञानता
  4. मिलावट
  5. जनसंख्या की अधिकता

कुपोषण के लक्षण

  • शरीर – छोटा, अपर्याप्त रूप से विकसित
  • भार – अपर्याप्त भार, आवश्यकता से अधिक या कम
  • मांसपेशियाँ – छोटी या अविकसित, कम कार्यशील
  • त्वचा तथा रंग-रूप – झुर्रिया युक्त,पीलापन लिए भूरे रंग की त्वचा
  • नेत्र – अन्दर धंसी हुई निर्जीव आँखें ।
  • निद्रा – निद्रा आने में कठिनाई

भोजन के कार्य
मनुष्य जब भोजन ग्रहण करता है, तब वह उस भोजन में निहित पोषक तत्वों को ग्रहण करता है। जब इन पौष्टिक तत्त्वों का सम्पादन शरीर में होता है, तो शरीर में इनका निम्न प्रभाव पड़ता है।

  1. शरीर का सुविकसित निर्माण।
  2. कार्यक्षमता बढ़ाने हेतु ऊर्जा प्रदान करना।
  3. शरीर के प्रत्येक अंग को उसकी आवश्यकता के अनुसार पोषक तत्व पहुँचाकर क्रियाशील बनाए रखना।
  4. विभिन्न कार्यों को करते हुए या आयु अनुसार शरीर में हुई टूट-फूट की पूर्ति करना।
  5. शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना।

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UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 1 अन्तिम खाते

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Board UP Board
Class Class 10
Subject Commerce
Chapter Chapter 1
Chapter Name अन्तिम खाते
Number of Questions Solved 42
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 1 अन्तिम खाते

बहुविकल्पीय प्रश्न  (1 अंक)
                                                                                                                                                                             

प्रश्न 1.
……………… ” व्यापार खाते में दर्शाया जाता है। (2014)
(a) गैस एवं ईंधन
(b) वेतन
(c) कमीशन
(d) किराया
उत्तर:
(d) गैस एवं ईंधन

प्रश्न 2.
व्यापार खाते में नहीं दिखाई जाती है। (2013)
(a) आगत ढुलाई
(b) निर्गत ढुलाई
(c) मजदूरी
(d) कारखाना बिजली
उत्तर:
(b) निर्गत ढुलाई

प्रश्न 3.
व्यापारिक व्यय ………… ” लिखे जाते हैं।
(a) व्यापार खाते में
(b) लाभ-हानि खाते में
(c) आर्थिक चिढ़े में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) लाभ-हानि खाते में

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प्रश्न 4.
लाभ-हानि खाता ……….. ” द्वारा तैयार किया जाता है। (2014)
(a) साझेदारी फर्म
(b) एकल व्यवसायी
(c) कम्पनी
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 5.
पूँजी में शुद्ध लाभ ………………. ” दिखाया जाता है। (2012)
(a) जोड़कर
(b) घटाकर
(c) जोड़कर अथवा घटाकर
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(d) जोड़कर

प्रश्न 6.
……………” खाता नहीं है। (2015)
(a) व्यापार खाता
(b) लाभ-हानि खाता
(c) आर्थिक चिट्ठा
(d) ये सभी
उत्तर:
(c) आर्थिक चिट्ठा

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सा स्थायी सम्पत्ति’ खाता है? (2016)
(a) पूँजी
(b) लेनदार एवं देय विपत्र
(c) देनदार
(d) प्लाण्ट एवं मशीन
उत्तर:
(d) प्लाण्ट एवं मशीन

प्रश्न 8.
……….” स्थायी सम्पत्ति नहीं है। (2014)
(a) भूमि व भवन
(b) रहतिया
(c) फर्नीचर व फिक्सचर्स
(d) प्लाण्ट एवं मशीनरी
उत्तर:
(b) रहतिया

प्रश्न 9.
रोकड़ है          (2016)
(a) तरल सम्पत्ति
(b) अचल सम्पत्ति
(c) स्थायी सम्पत्ति
(d) इनमें से काई नहीं
उत्तर:
(a) तरल सम्पत्ति

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प्रश्न 10.
…………” को आर्थिक चिट्ठे में दर्शाया जाता है। (2015)
(a) वेतन
(b) किराया एवं कर
(c) मरम्मत
(d) रोकड़
उत्तर:
(d) रोकड़

प्रश्न 11.
………….” चालू सम्पत्ति है। (2012)
(a) रोकड़
(b) फर्नीचर
(c) मशीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) रोकड़

प्रश्न 12.
……” चालू दायित्व नहीं है। (2013)
(a) लेनदार।
(b) देय बिल
(c) बैंक अधिविकर्ष
(d) पूँजी
उत्तर:
(d) पूँजी

प्रश्न 13.
‘बैंक अधिविकर्ष’ है। (2018)
(a) चालू सम्पत्ति
(b) चालू दायित्व
(c) स्थायी सम्पत्ति
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) चालू दायित्व

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प्रश्न 14.
‘भुनाएँ गए विपत्रों का दायित्व ‘ है। (2016)
(a) स्थायी दायित्व
(b) चालू दायित्व
(c) सम्भाव्य दायित्व
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) सम्भाव्य दायित्व

प्रश्न 15.
निम्न में से कौन-सा ‘व्यक्तिगत खाता है?
(a) मशीन
(b) वेतन
(c) आहरण
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) आहरण

प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से कौन-सा व्यक्तिगत खाता है? (2017)
(a) मजदूरी
(b) वेतन
(c) बैंक
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) बैंक

प्रश्न 17.
निम्नलिखित में कौन-सा वास्तविक खाता है?
(a) पूँजी खाता
(b) आहरण खाता
(c) मशीन खाता
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) मशीन खाता

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प्रश्न 18.
‘विनियोग’  है।  (2017)
(a) चालू सम्पत्ति
(b) स्थायी सम्पत्ति
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों

निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
प्रयुक्त माल की लागत की गणना कैसे की जाती है? (2018)
उत्तर:
प्रारम्भिक रहतिया + शुद्ध क्रय – अन्तिम रहतिया

प्रश्न 2.
सकल लाभ ज्ञात करने हेतु कौन-सा खाता बनाया जाता है? (2018)
उत्तर:
व्यापार खाता

प्रश्न 3.
मजदूरी तथा वेतन कौन-से व्यय हैं?
उत्तर:
प्रत्यक्ष व्यय

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प्रश्न 4.
‘बेचे गए माल की लागत’ ज्ञात करने का सूत्र बताइए। (2016)
उत्तर:
शुद्ध विक्रय – सकल लाभ या प्रारम्भिक (UPBoardSolutions.com) रहतिया + शुद्ध क्रय + प्रत्यक्ष व्यय – अन्तिम रहतिया

प्रश्न 5.
हम चिट्ठा क्यों तैयार करते हैं? (2017)
उत्तर:
व्यापार की वास्तविक आर्थिक स्थिति ज्ञात करने के लिए चिट्ठा तैयार किया जाता है।

प्रश्न 6.
चिट्ठे में आप ‘सम्भाव्य दायित्व’ कहाँ दिखाएँगे? (2017)
उत्तर:
सम्भाव्य दायित्व को चिट्ठे के योग के नीचे बाईं ओर टिप्पणी के रूप में दिखाया जाता है।

प्रश्न 7.
आहरण’ तीन तरह के खातों में से कौन-सा खाता है? (2016)
उत्तरे:
व्यक्तिगत खाता

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प्रश्न 8.
पूँजी खाता कौन-सा खाता है?
उत्तर:
व्यक्तिगत खाता

प्रश्न 9.
बैंक खाता व्यक्तिगत खाता/सम्पत्ति खाता होता है। (2011)
उत्तर:
व्यक्तिगत खाता

प्रश्न 10.
हास की व्यवस्था करने से लाभ में वृद्धि होती है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 11.
सम्पत्ति एवं दायित्वों का अन्तर पूँजी कहलाता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1.
अन्तिम खाते से आप क्या समझते हैं? (2014)
उत्तर:
एक निश्चित अवधि के पश्चात् व्यापार की आर्थिक स्थिति को जानने के लिए व्यवसायी द्वारा व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा आर्थिक चिट्ठा तैयार किया जाता है, इन्हें ‘अन्तिम खाते’ (Final Accounts) कहा जाता है।

प्रश्न 2.
प्रत्यक्ष व्यय किसे कहते हैं?
उत्तर;
व्यापारी द्वारा माल का निर्माण करते समय या उसे (UPBoardSolutions.com) गोदाम या दुकान तक लाने के सम्बन्ध में जो व्यय किए जाते हैं, उन्हें प्रत्यक्ष व्यय (Direct Expenses) कहते हैं; जैसे-कारखाने की बिजली और मजदूरी, आदि।

प्रश्न 3.
लाभ-हानि खाते के क्रेडिट पक्ष में लिखी जाने वाली दो मदों को लिखिए। (2015)
उत्तर:
लाभ-हानि खाते के क्रेडिट पक्ष में लिखी जाने वाली दो मदें निम्नलिखित

  1. प्राप्त किराया भवन, गोदाम, आदि को किराये पर देने के कारण जो किराया प्राप्त होता है, उसे लाभ-हानि खाते के क्रेडिट पक्ष में लिखा जाता है।
  2. विनियोगों से आय विनियोगों से ब्याज या लाभांश के रूप में होने वाली आय को लाभ-हानि खाते के क्रेडिट पक्ष में लिखते हैं।

प्रश्न 4.
स्थायी सम्पत्ति से क्या आशय है? किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए। (2013)
उत्तर:
वह सम्पत्ति, जो व्यापार में स्थायी प्रयोग के लिए या व्यापार में (UPBoardSolutions.com) लम्बे समय के प्रयोग के लिए क्रय की जाती है, स्थायी या अचल सम्पत्ति (Fixed Assets) कहलाती है; जैसे-फर्नीचर, भवन, मशीन, आदि।

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प्रश्न 5.
स्थायी सम्पत्ति के लक्षण लिखिए। (2014)
उत्तर:
स्थायी सम्पत्ति के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं

  1. ये स्थायी प्रकृति की होती हैं।
  2. इन सम्पत्तियों को निरन्तर प्रयोग करने के उद्देश्य से क्रय किया जाता है।
  3. इनको शीघ्र नहीं बेचा जा सकता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न  (4 अंक) 

प्रश्न 1.
आर्थिक चिट्ठा क्या है? इसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। (2010)
उत्तर:
आर्थिक चिट्ठे से आशय आर्थिक चिट्ठा व्यापार के लिए एक विशेष विवरण होता है। यह एक निश्चित तिथि पर व्यापार की आर्थिक स्थिति को ज्ञात करने के लिए तैयार किया जाता है। आर्थिक चिट्ठे की विशेषताएँ आर्थिक चिट्ठे की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. यह एक निश्चित तिथि पर बनाया जाता है।
  2. इसमें यद्यपि व्यक्तिगत एवं वास्तविक खातों के ऋणी एवं धनी शेष लिखे जाते हैं, लेकिन उनके लिए क्रमश: दायित्व एवं सम्पत्ति शीर्षक लिखे जाते हैं।
  3. यह अन्तिम खातों का भाग होने पर भी खाता नहीं कहलाता है, अपितु यह केवल कुछ खातों के शेषों का विवरण या सूची है।
  4. इसमें प्रावधान एवं संचय का भी लेखा किया जाता है।
  5. इसमें पूँजीगत शेष लिखे जाते हैं।
  6. इससे व्यापार की सम्पत्तियों की प्रकृति एवं मूल्य (UPBoardSolutions.com) तथा दायित्वों की प्रकृति एवं मात्रा का ज्ञान होता है।
  7. इसके दोनों पक्षों का योग समान होता है।
  8. इसमें ‘का’ (To) एवं ‘से’ (By) शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता है।
  9. यह इस बात का प्रतीक है कि व्यापारी आर्थिक दृष्टि से समर्थ या शोधक्षम्य है अथवा असमर्थ या अशोध्यक्षम्य है।

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प्रश्न 2.
आर्थिक चिट्ठे से आप क्या समझते हैं? लाभ-हानि खाते और आर्थिक चिट्ठे में अन्तर बताइए।
उत्तर:
आर्थिक चिट्ठे से आशय इसके लिए लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 देखें।

लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 1
उत्तर:
आर्थिक चिट्ठे से आशय आर्थिक चिट्ठा व्यापार के लिए एक विशेष विवरण होता है। यह एक निश्चित तिथि पर व्यापार की आर्थिक स्थिति को ज्ञात करने के लिए तैयार किया जाता है। आर्थिक चिट्ठे की विशेषताएँ आर्थिक चिट्ठे की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. यह एक निश्चित तिथि पर बनाया जाता है।
  2. इसमें यद्यपि व्यक्तिगत एवं वास्तविक खातों के ऋणी एवं धनी शेष लिखे जाते हैं, लेकिन उनके लिए क्रमश: दायित्व एवं सम्पत्ति शीर्षक लिखे जाते हैं।
  3. यह अन्तिम खातों का भाग होने पर भी खाता नहीं कहलाता है, अपितु यह केवल कुछ खातों के शेषों का विवरण या सूची है।
  4. इसमें प्रावधान एवं संचय का भी लेखा किया जाता है।
  5. इसमें पूँजीगत शेष लिखे जाते हैं।
  6. इससे व्यापार की सम्पत्तियों की प्रकृति एवं मूल्य तथा दायित्वों की प्रकृति एवं मात्रा का ज्ञान होता है।
  7. इसके दोनों पक्षों का योग समान होता है।
  8. इसमें ‘का’ (To) एवं ‘से’ (By) शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता है।
  9. यह इस बात का प्रतीक है कि व्यापारी आर्थिक दृष्टि से (UPBoardSolutions.com) समर्थ या शोधक्षम्य है अथवा असमर्थ या अशोध्यक्षम्य है।

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लाभ-हानि खाते एवं आर्थिक चिट्ठे में अन्तर
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प्रश्न 3.
आर्थिक चिट्ठा बनाने के उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:
आर्थिक चिट्ठा बनाने के उद्देश्य निम्नलिखित हैं

  1. आर्थिक स्थिति का ज्ञान आर्थिक चिट्ठा बनाने का मुख्य उद्देश्य किसी व्यवसाय की आर्थिक स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करना होता है।
  2. देनदारों व लेनदारों का ज्ञान किसी निश्चित तिथि पर फर्म के देनदारों व | लेनदारों के सम्बन्ध में उचित जानकारी आर्थिक चिट्ठे से ही प्राप्त होती है।
  3. पूँजी एवं आहरण का ज्ञान किसी अवधि विशेष में व्यापारी की कितनी | पूँजी व्यापार में लगी हुई है तथा उसके द्वारा उसी अवधि में कितना आहरण किया गया है, इसका ज्ञान आर्थिक चिट्ठे से ही प्राप्त हो सकता है।
  4. सम्पत्तियों का ज्ञान किसी अवधि के अन्त में फर्म की सम्पत्तियों की स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से आर्थिक चिट्ठा तैयार किया जाता है।
  5. दायित्वों का ज्ञान किसी निश्चित तिथि पर फर्म के दायित्वों की जानकारी प्राप्त करने के लिए आर्थिक चिट्ठा बनाना अत्यन्त आवश्यक होता है।
  6. पूँजी में परिवर्तन का ज्ञान गत वर्ष की तुलना में पूँजी में कमी या वृद्धि के सम्बन्ध में ज्ञान आर्थिक चिट्ठे के माध्यम से प्राप्त होता है।
  7. रोकड़ की स्थिति का ज्ञान व्यापारिक या वित्तीय वर्ष की अवधि के अन्त में संस्था की रोकड़ की स्थिति की जानकारी आर्थिक चिट्ठे के माध्यम से प्राप्त की जाती है।
  8. अन्तिम रहतिये का ज्ञान आर्थिक चिट्ठे के माध्यम से संस्था के (UPBoardSolutions.com) अन्तिम रहतिये की स्थिति का ज्ञान प्राप्त होता है।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक)

प्रश्न 1.
व्यापार खाता क्या है? व्यापार खाते एवं लाभ-हानि खाते में अन्तर स्पष्ट कीजिए। व्यापार खाते का नमूना दीजिए। (2008)
उत्तर:
व्यापार खाता जिस खाते में व्यापार में हुए क्रय-विक्रय, व्यय तथा उनसे सम्बन्धित मदों का लेखा किया जाता है, उसे व्यापार खाता (Trading Account) कहते हैं। अन्य शब्दों में, व्यापार खाते से आशय उस खाते से है, जिसके द्वारा सकल लाभ या सकल हानि का ज्ञान प्राप्त होता है। इसके द्वारा कुल क्रय एवं विक्रय के आधार पर लाभ या हानि ज्ञात की जाती है। इस खाते में प्रारम्भिक रहतिया, क्रय माल को बिक्री योग्य बनाने तक के खर्चे, बिक्री तथा अन्तिम रहतिया, आदि लिखा जाता है। जे. आर. बाटलीबॉय के अनुसार, “व्यापार खाता वह खाता है, जो माल के क्रय-विक्रय का आर्थिक परिणाम दर्शाता है। इस खाते को बनाने में (UPBoardSolutions.com) कार्यालय सम्बन्धी व्ययों को छोड़ दिया जाता है। इसमें केवल माल सम्बन्धी सौदों को ही लिखा जाता है। इस खाते के दो पक्ष होते हैं

  1. ऋणी पक्ष इस खाते के ऋणी पक्ष (Dr) में खाते के नाम के साथ का (To) शब्द लिखा जाता है। इस पक्ष में प्रारम्भिक रहतिया, क्रय, प्रत्यक्ष व्यय एवं सकल लाभ, आदि का लेखा होता है।
  2. धनी पक्ष इस खाते के धनी पक्ष (Cr) में खाते के नाम के साथ ‘से’ (By) शब्द लिखी जाता है। इस पक्ष में विक्रय, अन्तिम रहतिया एवं सकल हानि, आदि का लेखा होता है।

व्यापार खाते एवं लाभ-हानि खाते में अन्तर
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व्यापार खाते का प्रारूप
व्यापार खाता (Trading Account) …………… को समाप्त होने वाले वर्ष का
ऋणी (Dr)                       (for the year ending ……)                   धनी (Cr)
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प्रश्न 2.
तलपट एवं आर्थिक चिट्ठे में अन्तर स्पष्ट कीजिए। आर्थिक चिट्ठे का | एक नमूना दीजिए। (2008)
उत्तर:
तलपट तथा आर्थिक चिट्ठे में अन्तर अन्तर
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आर्थिक चिट्ठे का प्रारूप
आर्थिक चिट्ठा
(Balance Sheet)
दिनांक ……… को (as at ……)
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 3 बैंक समाधान विवरण 2
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प्रश्न 3.
अन्तिम खातों से क्या आशय है? आर्थिक चिट्ठे में सम्पत्तियों एवं दायित्वों की क्रमबद्धता का वर्गीकरण दीजिए।
उत्तर:
अन्तिम खाते से आशय एक निश्चित अवधि के पश्चात् व्यापार की आर्थिक स्थिति को जानने के लिए व्यवसायी द्वारा व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा आर्थिक चिट्ठा तैयार किया जाता है, इन्हें ‘अन्तिम खाते’ कहा जाता है। दूसरे शब्दों में, आर्थिक वर्ष की समाप्ति पर व्यापार की लाभ-हानि एवं व्यापारिक स्थिति ज्ञात करने के लिए जो विवरण तैयार किए जाते हैं, उन्हें ‘अन्तिम खाते कहते हैं।

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आर्थिक चिट्ठे में सम्पत्तियों एवं दायित्वों का वर्गीकरण व्यापार में जितनी रोकड़ नकदी के रूप में या बैंक में होती है, जितनी सम्पत्ति व्यापार के स्वामित्व में होती है तथा जितना धन दूसरों से प्राप्त करना होता है, वे सब मिलकर व्यापार की सम्पत्ति (Assets) कहलाते हैं। दूसरी ओर, व्यापार में जितनी पूँजी होती है तथा जितना धन व्यापारी को दूसरों को देना होता है, उन सबके योग को व्यापार के दायित्व (Liabilities) कहते हैं। आर्थिक चिट्ठे में सम्पत्तियों (UPBoardSolutions.com) तथा दायित्वों की क्रमबद्धता आर्थिक चिट्ठे में सम्पत्तियों एवं दायित्वों को एक विशेष क्रम में लिखा जाता है, उसे चिट्ठे की क्रमबद्धता कहते हैं।

आर्थिक चिट्ठे में सम्पत्तियों और दायित्वों को क्रमानुसार लिखने के निम्नलिखित दो तरीके हैं-

1. तरलता का क्रम इस विधि के अनुसार, सम्पत्तियों को शीघ्र रोकड़ में परिवर्तित होने के क्रम से और दायित्वों को उनके भुगतान करने के क्रम से लिखते हैं अर्थात् जिस सम्पत्ति का मूल्य सबसे पहले वसूल हो सकता है, उसे सबसे पहले लिखा जाता है और फिर वसूली में जिस क्रम से समय लगता है, उसी क्रम से सम्पत्तियों को दिखाया जाता है। इस विधि को ‘तरलता का क्रम’ (Order of Liquidity) कहते हैं। इसी प्रकार, जिस दायित्व का सबसे पहले भुगतान करना होता है, उसे सबसे पहले दिखाया जाता है और फिर जिस क्रम से भुगतान करना होता है, उसे उसी क्रम से दिखाया जाता है।

तरलता के क्रम में आर्थिक चिट्टे को प्रारूप निम्नांकित है-

आर्थिक चिट्ठा (तरलता के क्रम से)
Balance Sheet (Order of Liquidity)
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 1 अन्तिम खाते

2. स्थिरता का क्रम यह क्रम तरलता के क्रम से बिल्कुल विपरीत है। इसमें । सबसे पहले अधिक स्थायी सम्पत्तियाँ व स्थायी दायित्व लिखे जाते हैं, उसके
बाद में कम स्थायी सम्पत्तियाँ एवं दायित्व लिखे जाते हैं। इस क्रम को संयुक्त पूँजी कम्पनी एवं (UPBoardSolutions.com) सहकारी समितियों द्वारा अपनाया जाता है। इसे स्थिरता की क्रम (Order of Permanence) कहते हैं। स्थिरता के क्रम में आर्थिक चिट्ठे का प्रारूप निम्नांकित है

आर्थिक चिट्ठा (स्थिरता के क्रम से)
Balance Sheet (Order of Permanence)
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 3 बैंक समाधान विवरण 3
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 1 अन्तिम खाते

क्रियात्मक प्रश्न (8 अंक)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विवरणों से 31 दिसम्बर, 2012 को लाभ-हानि खाता तैयार कीजिए।
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 3 बैंक समाधान विवरण 4

हल                      लाभ-हानि खाता ऋणी
ऋणी             (31 दिसम्बर, 2012 को समाप्त होने वाले वर्ष का)         धनी
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प्रश्न 2.
सोहन लाल एण्ड सन्स के निम्नलिखित तलपट से 31 मार्च, 2015 कोव्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा आर्थिक चिट्ठा तैयार कीजिए।
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 3 बैंक समाधान विवरण 5

हल          व्यापार तथा लाभ-हानि खाता 
ऋणी       (31 मार्च, 2015 को समाप्त होने वाले वर्ष का)          धनी
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आर्थिक चिट्ठा
(31 मार्च, 2015 को)
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UP Board Class 6 Science Model Paper विज्ञान : आओ समझें विज्ञान

UP Board Class 6 Science Model Paper are part of UP Board Class 6 Model Papers. Here we have given UP Board Class 6 Science Model Paper.

Board UP Board
Class Class 6
Subject Science
Model Paper Paper 1
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 6 Science Model Paper विज्ञान : आओ समझें विज्ञान

 

सत्र परीक्षा प्रश्न पत्र
कक्षा-6
विषय-विज्ञान

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पदार्थ की तीन अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
ठोस, द्रव तथा गैस।

प्रश्न 2.
किसी वस्तु में उपस्थित व्रव्य की मात्रा को उसका …………… कहते हैं। वाक्य पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
किसी वस्तु में उपस्थित द्रव्य की मात्रा को उसका व्रव्यमान कहते हैं।

प्रश्न 3.
अगरबत्ती की सुगन्ध किस गुण के कारण कमरे में फैल जाती है?
उत्तर:
अगरबत्ती की सुगन्ध गैसीय गुण के कारण कमरे में फैल जाती है।

प्रश्न 4.
समय का मानक मात्रक बताइए।
उत्तर:
समय का मानक मात्रक सेकेंड (s) है।

प्रश्न 5.
स्वस्थ मनुष्य का तापमान कितना होता है?
उत्तर:
37 डिग्री सेल्सियस (37°C)।

प्रश्न 6.
द्रव का आयतन किसमें मापते हैं?
उत्तर:
द्रव का आयतन लीटर में मापते हैं।

प्रश्न 7.
जब किसी द्रव को गर्म करते हैं तो वह किसमें बदल जाता है?
उत्तर:
जब किसी द्रव को गर्म करते हैं तो वह गैस में बदल जाता है।

प्रश्न 8.
वायु कौन सा मिश्रण है?
उत्तर:
वायु एक समांगी मिश्रण है।

प्रश्न 9.
π ( पाई) के मान की खोज किस वैज्ञानिक ने की थी?
उत्तर:
आर्यभट्ट।

प्रश्न 10.
द्रव्यमान का अन्तरराष्ट्रीय मानक मात्रक क्या है?
उत्तर:
किलोग्राम।

प्रश्न 11.
किसी ईंट का आयतन ज्ञात करने के लिए कौन-कौन सी माप ली जाती हैं?
उत्तर:
किमी ईट का आयतन ज्ञात करने के लिए लम्बाई, चौड़ाई तथा ऊँचाई की माप ली जाती है।

प्रश्न 12.
किस विधि द्वारा, दूध को क्रीम से पृथक किया जाता है?
उत्तर:
अपकेन्द्रण विधि द्वारा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 13.
यौगिक से क्या समझते हैं? उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
दो या दो से अधिक तत्वों या पदार्थों को परस्पर मिलाने पर यदि मिलने वाले तत्व या पदार्थ के गुण समाप्त हो जाएँ और एक नया पदार्थ बन जाए तो इसे यौगिक कहते हैं। उदाहरण- जब हाइड्रोजन के दो परमाणुओं को ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिलाया जाता है तो जल बनता है। जिसका गुण हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन से भिन्न होता है। अर्थात् जल यौगिक है।

प्रश्न 14.
एक घनसेंटीमीटर और एक मिलीलीटर में क्या समानता तथा असमानता होती है।

प्रश्न 15.
किसी पदार्थ को ठोस अवस्था से द्रव अवस्था तथा द्रव अवस्था से ठोस अवस्था में कैसे बदला जा सकता है?

प्रश्न 16.
द्रव पदार्थों की आकृति निश्चित क्यों नहीं होती है?
उत्तर:
द्रव के अणु दूर-दूर होते हैं तथा अणुओं के बीच का आकर्षण बल कम होता है। इस कारण द्रव पदार्थों की आकृति निश्चित नहीं होती है।

प्रश्न 17.
एक प्रयोग बताएँ जिससे स्पष्ट होता है कि पदार्थ स्थान घेरता है।
उत्तर:
एक गुब्बारा लें, उसमें फैंक द्वारा हवा भरें। हवा भरने पर गुब्बारा फूलने लगता है और स्थान घेरता है। अतः स्पष्ट है कि पदार्थ स्थान घेरता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 18.
जल से भरा गिलास खाली गिलास की अपेक्षा भारी होता है। क्यों?
उत्तर:
जल से भरा गिलास व खाली गिलास दोनों का आयतन समान होता है। जल के अणु निकट होने के कारण जल से भरे गिलास में गिलास के साथ जल का भार भी होता है, जबकि खाली गिलास में केवल गिलास का भार होता है क्योंकि खाली गिलास में उपस्थित वायु के अणु दूर-दूर होने के कारण उनका भार नगण्य होता है। इस कारण जल से भरा गिलास खाली गिलास की अपेक्षा । अधिक भारी होता है।

प्रश्न 19.
माप के मानक मात्रक होना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
विभिन्न असमान मात्रकों द्वारा किए गए मापन को दूसरे व्यक्तियों द्वारा समझना कठिन होगा। ऐसी परिस्थितियों में वे वास्तविक माप नहीं समझ पाएँगे। इस कठिनाई को दूर करने के लिए मानक मात्रक आवश्यक है अर्थात् एक समानता तथा सही ज्ञान के लिए मानक मात्रक की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 20.
मनुष्य के श्वसन अंग का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
UP Board Class 6 Science Model Paper विज्ञान आओ समझें विज्ञान 1

 

अर्द्धवार्षिक परीक्षा प्रश्न पत्र ।
कक्षा-6
विषय-विज्ञान

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तीव्र परिवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर:
‘तेज गति से होने वाले परिवर्तन को तीव्र परिवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 2.
ज्वालामुखी का फूटना कौन-सा परिवर्तन है?
उत्तर:
अनियमित।

प्रश्न 3.
घूर्णन गति किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब कोई वस्तु अपने अक्ष के चारों ओर घूमती है तो उसकी गति घूर्णन गति कहलाती है।

प्रश्न 4.
यातायात के साधनों में किसकी गति अधिकतम होती है?
उत्तर:
वायुयान की।

प्रश्न 5.
बच्चा झूला झूल रहा है, बच्चा किस प्रकार की गति कर रहा है?
उत्तर:
दोलन गति

प्रश्न 6
नागफनी किन स्थानों में उगती हैं?
उत्तर:
नागफनी शुष्क स्थानों में उगती है।

प्रश्न 7.
दीमक के घर को क्या कहते हैं?
उत्तर:
दीमक के घर को बाँबी कहते हैं।

प्रश्न 8.
सर्वाहारी-जन्तुओं के तीन नाम लिखिए।
उत्तर:
सर्वाहारी जन्तु-कुत्ता, भालू तथा मनुष्य हैं।

प्रश्न 9.
श्वसन क्रिया में बाहर निकलने वाली गैस कौन सी होती है?
उत्तर:
श्वसन क्रिया में बाहर निकलने वाली गैस कार्बन डाइऑक्साइड (CO) होती है।

प्रश्न 10.
कछुए का जीवनकाल कितने वर्ष का होता है?
उत्तर:
कछुए का जीवनकाल लगभग 120-150 वर्ष का होता है।

प्रश्न 11.
दो कवकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कुकुरमुत्ता तथा यीस्ट।’

प्रश्न 12.
विश्व के सबसे बड़े जन्तु का नाम बताइए।
उत्तर:
ब्लू वेल।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 13.
अनुकूलन किसे कहते हैं?
उत्तर:
आकृति, आकार, रंग-रूप, संरचना तथा आवास संबंधी लक्षणों में ऐसा परिवर्तन जो सजीव को विशेष पर्यावरण में सफलतापूर्वक जीवित रहने में सहायक होता है, अनुकूलन कहलाता है।

प्रश्न 14.
पोषण तथा पोषक तत्व का क्या अभिप्राय हैं, लिखिए।
उत्तर:
भोजन में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों द्वारा शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति । करना ही पोषण है। भोजन में पाए जाने वाले जो तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ एवं नीरोग रखते हैं, वह पोषक तत्व कहलाते हैं।

प्रश्न 15.
रेशों से धागा बनाते समय इसकी कताई करना क्यों आवश्यक होता है?
उत्तर:
कताई से रेशों की मजबूती बढ़ती है और उसे रील पर लपेटना संभव हो पाता है। इसी कारण रेखों से धागा बनाते समय इसकी कताई करना आवश्यक है।

प्रश्न 16.
शाकाहारी, मांसाहारी तथा सर्वाहारी जन्तुओं के पाँच-पाँच नाम लिखिए।
उत्तर:
शाकाहारी- खरगोश, गाय, हाथी, बकरी, घोड़ा। मांसाहारी- शेर, चीता, गीदड़, तेंदुआ, चील।। सर्वाहारी- मनुष्य, बिल्ली, कुत्ता, गौरैया।

प्रश्न 17.
गतिशील अवस्था तथा विराम अवस्था किसे कहते हैं।
उत्तर:
यदि समय के साथ वस्तु की स्थिति में परिवर्तन न हो तो वस्तु विराम अवस्था में होती है और यदि समय के साथ वस्तु की स्थिति में परिवर्तन हो तो वस्तु गतिशील अवस्था में होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 18.
क्रोमैटोग्राफी विधि का प्रयोग हम कहाँ-कहाँ पर कर सकते हैं?
उत्तर:
प्रायः अपने आस-पास विभिन्न रंगों की वस्तुएँ दिखाई देती है। हमें प्रतीत होता है कि जो रंग दिखाई दे रहा है वही उसका मूल रंग है। क्या आप जानते हैं कि स्याही का दिखाई देने वाला नीला रंग किन रंगों से मिलकर बना है। हम कैसे पता लगायेंगे कि नीला रंग, कई रंगों से मिलकर बना है। हम क्रोमैटोग्राफी विधि द्वारा इसकी जानकारी कर सकते हैं।

प्रश्न 19.
किसी प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि प्रकाश किरणें सरल रेखा में गति करती हैं।
उत्तर:

  • समान आकार की तीन आयताकार दफ्ती का टुकड़ा तथा एक मोमबत्ती लीजिए। दफ्ती के टुकड़ों को एक दूसरे के ऊपर रखकर उनके बीच छेद करें।
  • मोमबत्ती को जलाकर मेज पर रखिए।
  • दफ्ती के तीनों टुकड़ों को चित्र 14.2 की भाँति गीली मिट्टी की सहायता से सीधा खड़ा करके इस प्रकार रखिए कि तीनों चित्र 142 प्रकाश सीधी रेखा मैं चलता है। टुकड़ों में बने छिद्र एक सरल रेखा में हों।
    UP Board Class 6 Science Model Paper विज्ञान आओ समझें विज्ञान 2
  • मोमबत्ती को इस प्रकार प्रथम टुकड़े के सामने रखिए ताकि इसकी लौ छिद्रों के सामने हो।
  • अब अंतिम दफ्ती के टुकड़े के सामने नेत्र द्वारा मोमबत्ती के लौ को देखिए। क्या आप को मोमबत्ती की लौ दिखायी पड़ती है? हम मोमबत्ती की लौ को अंतिम दफ्ती के टुकड़े के छिद्र द्वारा देख सकते हैं।
  • अब बीच वाले टुकड़े को थोड़ा इधर-उधर खिसकाइए क्या देखते हैं?
    अब मोमबत्ती की लौ दिखायी नहीं देती है। इसका क्या कारण है? बीच की दपती के टुकड़ों को थोड़ा इधर-उधर खिसकाने पर सभी छिद्र एक सरल रेखा में नहीं रहते हैं जिससे मोमबत्ती के लौ का। प्रकाश बीच वाले दफ्ती के टुकड़े से नहीं निकल पाता है। इसी कारण मोमबत्ती की लौ नहीं दिखाई पड़ती है। अतः इस क्रियाकलाप से यह सिद्ध होता है कि प्रकाश का गमन सरल रेखा में होता है।

प्रश्न 20.
पारदर्शी, पारभाषी तथा अपारदर्शी वस्तुओं की परिभाषा लिखिए। अपने आस-पास दिखायी पड़ने वाली वस्तुओं में से पारदर्शी, पारभाषी एवं अपारदर्शी वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
पारदर्शी– ऐसी वस्तुएँ जिनसे होकर प्रकाश आप-पार निकल जाता है, उन्हें पारदर्शी (Transluecent) वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- स्वच्छ, काँच, स्वच्छ, जल, ग्लिसरीन आदि।

पारभाषी
– ऐसी वस्तुएँ जिनसे होकर प्रकाश केवल आशिक भाग बाहर निकलता है उन्हें पारभाषी। (Transluecent) वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- घिसा हुआ काँच, ट्रेसिंग पेपर, तेल लगा हुआ कागज आदि।

अपारदर्शी
– ऐसी वस्तुएँ जिनसे होकर प्रकाश बिलकुल नहीं निकल पाता है उन्हें अपारदर्शी (Opaque) वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- दफ्ती का टुकड़ा, लकड़ी का टुकड़ा, धातु की चादर, दर्पण आदि |

 

वार्षिक परीक्षा प्रश्न पत्र
कक्षा-6
विषय-विज्ञान

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वायु में ऑक्सीजन की प्रतिशत मात्रा कितनी है?
उत्तर:
वायु में ऑक्सीजन 21 प्रतिशत है।

प्रश्न 2.
जल का क्वथनांक कितना होता है?
उत्तर:
जल का क्वथनांक 100°C होता है।

प्रश्न 3.
भोजन में ऊर्जा किस रूप में होती है?
उत्तर:
भोजन में ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा के रूप में संचित रहती है।

प्रश्न 4.
कार्य को मात्रक बताइए।
उत्तर:
कार्य का मात्रक जूल है।

प्रश्न 5.
पटाखे में किस प्रकार की ऊर्जा होती है?
उत्तर:
पटाखे में ध्वनि ऊर्जा होती है।

प्रश्न 6.
पृथ्वी का कितना भाग जल से घिरा है?
उत्तर:
पृथ्वी का लगभग तीन-चौथाई भाग जल से घिरा है।

प्रश्न 7.
आधुनिक कम्प्यूटर के जनक कौन हैं?
उत्तर:
आधुनिक कम्प्यूटर के जनक चार्ल्स बैवेज हैं।

प्रश्न 8.
मनुष्य के शरीर में पाए जाने वाले पाँच तंत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. तंत्रिका तंत्र
  2. श्वसन तंत्र
  3. पाचन तंत्र
  4. परिसंचरण तंत्र
  5. उत्सर्जन तंत्र

प्रश्न 9.
अकशेरुकी किसे कहते हैं?
उत्तर:
अकशेरुकी-जिन जन्तुओं में रीढ़ की हड्डी नहीं होती है, उन्हें अकशेरुकी कहते हैं।

प्रश्न 10.
बर्फ का गलनांक कितना होता है?
उत्तर:
बर्फ का गलनांक 0°c होता है।

प्रश्न 11.
कम्प्यूटर निर्देश लेने के लिए ……………. यंत्र प्रयोग करता है। वाक्य पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
कम्प्यूटर निर्देश लेने के लिए इनपुट यंत्र प्रयोग करता है।

प्रश्न 12.
पुष्प के नर भाग को क्या कहते हैं?
उत्तर:
पुष्प के नर भाग को पुंकेसर कहते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 13.
पर्वतारोही ऊपर चढ़ते समय ऑक्सीजन का सिलेंडर क्यों ले जाते हैं?
उत्तर:
पर्वतारोही जैसे जैसे ऊँचाई की ओर बढ़ते हैं, वैसे-वैसे वायु का घनत्व कम होता है और ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। इसलिए पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन का सिलेंडर ले जाते हैं।

प्रश्न 14.
ईंघन किसे कहते हैं? किन्हीं पाँच धन के नाम बताइए।
उत्तर:
ईंधन वे पदार्थ हैं, जिनको जलाने से ऊर्जा प्राप्त होती है, जैसे-लकड़ी, कोयला, डीजल, पेट्रोलियम, गैस इत्यादि।

प्रश्न 15.
मक्का, प्याज, सरसों तथा बैंगन में पाई जाने वाली जड़ों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मक्का – झकड़ा जड़
प्याज – मूसला जड़ सरसों – मूसला जड़
बैंगन – मूसला जड़।

प्रश्न 16.
मिनी कम्प्यूटर क्या होता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यह मध्यम आकार वाले कम्प्यूटर होते हैं, इनकी कार्य करने की गति एवं आकार माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होती है तथा इनकी संग्रहण शक्ति भी माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होती है।

प्रश्न 17.
किसी वस्तु के विराम और गतिशील अवस्था में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यदि समय के साथ वस्तु की स्थिति में परिवर्तन न हो तो वस्तु विराम अवस्था में होती है और यदि समय के साथ वस्तु की स्थिति में परिवर्तन हो तो वस्तु गतिशील अवस्था में होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 18.
लैपटॉप एवं पामटॉप में अन्तर बताइये।
उत्तर:
लैपटॉप– लैपटॉप कम्प्यूटर वे होते हैं जिनको व्यक्ति अपनी गोद में रखकर कार्य कर सकता है। यह साईज में बहुत छोटे होते हैं। इन कम्प्यूटर को व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा सकते हैं।

पामटॉप
– ये कम्प्यूटर लैपटॉप कम्प्यूटर से छोटे होते हैं। इनको हथेली पर रखकर चलाया जाता है तथा व्यक्ति अपनी जेब में रख सकता हैं आजकल मोबइल में भी यह सुविधा उपलब्ध होने लगी है। पामटॉप कम्प्यूटर में कैलकुलेटर के समान बटनों वाला की-बोर्ड होता है और एक छोटी स्क्रीन होती है। यह बैटरी से चलाया जाता है।

प्रश्न 19.
सूखा एवं गीला कचरा’ पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
शाक-सब्जियों व फलों का कचरा, जीवों का मल-मूत्र आदि सब गलकर सड़ते रहते हैं इन्हें गीला कचरा कहते हैं। शाक-सब्जियों के छिलके, सड़ी-गली सब्जियाँ, खराब फल, छिलके, फलों का रस निकालने के बाद शेष गूदा आदि गीले कचरे के उदाहरण हैं। पॉलीथीन, प्लास्टिक की बनी। वस्तुएँ, रबर की बनी वस्तुएँ (टायर, टूटे खिलौने) बिस्कुट, नमकीन आदि खाद्य सामग्रियों के फाइबर के डिब्बे, पैकेट आदि आसानी से नष्ट नहीं होते हैं, इन्हें सूखा कचरा कहते हैं। प्रत्येक नागरिक को यह ध्यान रखना चाहिए कि गीले कचरे को नीले रंग के कूड़ेदान और सूखे कचरे को हरे रंग के कूड़ेदान में ही डालना चाहिए।

प्रश्न 20.
पाचन तंत्र का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
UP Board Class 6 Science Model Paper विज्ञान आओ समझें विज्ञान 3

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UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi संस्कृत दिग्दर्शिका Chapter 3 सदाचारोपदेशः

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UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi संस्कृत दिग्दर्शिका Chapter 3 सदाचारोपदेशः

श्लोकों का ससन्दर्भ अनुवाद

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UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi संस्कृत दिग्दर्शिका Chapter 2 प्रयाग:

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UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi संस्कृत दिग्दर्शिका Chapter 2 प्रयाग:

अवतरणों का संसद अनुवाद

(1) भारतवर्षस्य …………… प्रत्यगच्छत् ।
अत्र ब्रह्मणा ……………………….. प्रत्यगच्छत् ।
गङ्गा-यमुनयः …………………….. आत्मानं पावयन्ति ।
भारतवर्षस्य ……………………… आत्मानं पावयन्ति ।
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(4) गङ्गायाः पूर्वं …………………. अक्षुण्णैव ।
इतिहासप्रसिद्धः …………………. अतिमहत्त्वपूर्णमस्ति ।
इतिहासप्रसिद्धः ………………………. स्थितोऽस्ति ।
इतिहासप्रसिद्धः …………………… “इत्यकरोत् ।

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(5) भारतस्य ………………. कर्मभूमिश्च ।
भारतस्य : ……………….. सञ्चालनम् अकुर्वन् ।

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