UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 3 लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Computer
Chapter Chapter 3
Chapter Name लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम
Number of Questions Solved 21
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 3 लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
लाइनक्स किसके समान है? [2017]
(a) DOS
(b) WINDOWS
(c) UNIX
(d) SUN
उत्तर:
(e) UNIX

प्रश्न 2
लाइनक्स निम्न में से किस OS के समतुल्य है? [2015, 14]
(a) डॉस
(b) विण्डोज
(c) यूनिक्स
(d) सोलेरिस
उत्तर:
(c) यूनिक्स

प्रश्न 3
लाइनक्स का मूल विकासकर्ता कौन है? [2018]
अथवा
लाइनक्स कर्नेल को किसने विकसित किया है? [2013]
अथवा
लाइनक्स विकास की शुरुआत किसने की? [2013]
(a) Linus Torvalds
(b) Microsoft
(c) Pascal
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) Linus Torvalds

प्रश्न 4
निम्न में से कौन-कौन लाइनक्स के रूपान्तर हैं? [2018]
(a) Red hat
(b) SUSE
(c) UBUNTU
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) Red hat

प्रश्न 5
ट्राइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में न्यूनतम कितनी रैम होनी चाहिए?
(a) 2MB
(b) 4MB
(c) 6MB
(d) 8MB
उत्तर:
(b) 4MB

प्रश्न 6
लाइनक्स निम्न में से कैसा ऑपरेटिंग सिस्टम है?
(a) सिंगल यूजर
(b) डबल यूजर
(C) मल्टी यूजर
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) मल्टी यूजर

प्रश्न 7. किसी फाइल के पेज को पढ़ने के लिए किस कमाण्ड का प्रयोग किया जाता है?
(a) rd
(b) rm
(c) more
(d) touch
उत्तर:
(c) more

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
लाइनक्स विकासकर्ता पर टिप्पणी कीजिए। [2015]
अथवा
लाइनक्स का विकास कब और किसके द्वारा किया गया? [2017]
उत्तर:
लाइनक्स को सन् 1991 में लीनस टॉरवाल्डस नामक विद्यार्थी ने हेलसिंकी विश्वविद्यालय, फिनलैण्ड में एक प्रोजेक्ट से विकसित किया था।

प्रश्न 2
डेबियन ऑपरेटिंग सिस्टम को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
डेबियन ऑपरेटिंग सिस्टम एक फ्री सॉफ्टवेयर है। यह जीएनयू द्वारा डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है। इसकी मुख्य तीन शाखाएँ हैं-स्थिर, परीक्षण तथा अस्थिर।

प्रश्न 3
लाइनक्स की एक विशेषता बताइए।
उत्तर:
लाइनक्स की प्रमुख विशेषता यह है कि यह एक मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसमें एक समय में विभिन्न यूजर्स अपने प्रोग्राम को एक साथ रन कर सकते हैं।

प्रश्न 4
कर्नेल का लाइनक्स में क्या कार्य है?
उत्तर:
लाइनक्स का मुख्य भाग कर्नेल होता है जो अन्य प्रोगामों को चलाता रहता है। कर्नेल हार्डवेयर के साथ सीधा सम्पर्क बनाता है।

प्रश्न 5
लाइनक्स फाइल सिस्टम में नई फाइल बनाने के लिए किस कमाण्ड का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
नई फाइल बनाने के लिए touch कमाण्ड का प्रयोग किया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1
लाइनक्स पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। [2011]
उत्तर:
लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम यूनिक्स का ही प्रतिरूप है, जिसे स्वतन्त्र रूप से विकसित किया गया है। यह फ्री में उपलब्ध है तथा यूजर्स इसे इण्टरनेट से डाउनलोड करने के साथ-साथ अपडेट भी कर सकते हैं। लाइनक्स, ऑपरेटिंग सिस्टम में चलने वाले प्रायः सभी प्रकार के सॉफ्टवेयर्स को भी सरलता से उपलब्ध कराता है; जैसे-वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट, प्रेजेण्टेशन, डेस्कटॉप पब्लिशिंग, इमेज प्रोसेसिंग आदि।

प्रश्न 2
लाइनक्स के इतिहास को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
लाइनक्स एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। सन् 1991 में एटी एण्ड टी (AT & T) बेल प्रयोगशाला में कुछ शोधकर्ताओं (Researchers) ने संयुक्त रूप से एक ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास किया, जिसका नाम मल्टिक्स रखा गया।
इसकी शुरुआत लीनस टॉरवाल्ड्स नामक विद्यार्थी ने एक प्रोजेक्ट के रूप में की थी। लीनस के नाम पर ही इस ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम लाइनक्स पड़ा।

प्रश्न 3
लाइनक्स के फाइल सिस्टम को समझाइए।
उत्तर:
लाइनक्स का फाइल सिस्टम एम एस डॉस के फाइल सिस्टम से मिलता-जुलता है। इसमें भी कम्प्यूटर पर स्टोर की गई समस्त सूचनाओं को फाइलों में व्यवस्थित करके रखा जाता है। फाइलों को डायरेक्ट्रियों में हाइरार्की (Hierarchy) के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है। किसी डायरेक्ट्री में फाइलें तथा अन्य डायरेक्ट्रियाँ हो सकती हैं, जिन्हें उप-डायरेक्ट्री कहा जाता है तथा सबसे ऊपर की डायरेक्ट्री को रूट डायरेक्ट्री कहा जाता है।

प्रश्न 4
लाइनक्स व यूनिक्स में भेद कीजिए।
उत्तर:
लाइनक्स व यूनिक्स में भेद निम्न हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 3 लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम img-1

लघु उत्तरीय प्रश्न II (3 अंक)

प्रश्न 1
निम्न पर टिप्पणी लिखिए।
(i) रेड हैट
(ii) ट्राइनक्स
(iii) रूट डायरेक्ट्री
उत्तर:
(i) रेड हैट यह लाइनक्स को सबसे प्रचलित संस्करण है। यह सर्वर के x86, X86 – 64, पावरपीसी और IBM सिस्टम Z प्रकार के प्रचालन हेतु विभिन्न संस्करणों में जारी किया गया है। इसका सोर्स कोड ओपन रहता है।
(ii) इनक्स यह एक कॉम्पैक्ट लाइनक्स रैम-डिस्क डिस्ट्रीब्यूशन है, जिसको एक से तीन फ्लॉपी डिस्कों पर स्टोर किया जा सकता है। इसमें न्यूनतम रैम 4MB होनी चाहिए।
(iii) रूट डायरेक्ट्री लाइनक्स के फाइल सिस्टम में सबसे ऊपर की डायरेक्ट्री को रूट डायरेक्ट्री कहा जाता है। इसका कोई नाम नहीं होता, इसे एक स्लैश (/) से व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 2
लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की कमियाँ बताओ।
उत्तर:
लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की कमियाँ निम्न हैं।

  • इसमें सभी आदेशों को उनके प्रारूप सहित याद रखना पड़ता है, इसलिए इस पर कार्य करना कठिन है।।
  • इसमें किसी सॉफ्टवेयर को स्थापित करना या उसे हटाना भी बहुत कठिन होता है।
  • नए यूजर के लिए कमाण्ड लाइन का प्रयोग सीखना कठिन है, क्योंकि पॉइण्टिंग या क्लिकिंग के स्थान पर उपयोगकर्ता को कमाण्ड्स याद रखनी पड़ती है।
  • लाइनक्स के लिए उपलब्ध विभिन्न सॉफ्टवेयर्स की सूचना सामान्य उपयोगकर्ता को न होने के कारण इसका प्रयोग सीमित है।
  • लाइनक्स केस सेन्सिटिव (Case sensitive) है अर्थात् इसमें अंग्रेजी वर्णमाला के छोटे और बड़े अक्षरों को अलग-अलग माना जाता है।
  • लाइनक्स में नये हार्डवेयर को जोड़ना सरल नहीं है। किसी नये हार्डवेयर के लिए उसका ड्राइवर, हार्डवेयर निर्माता को ही तैयार करना पड़ता है।

प्रश्न 3
लाइनक्स में फाइलों को कैसे हैण्डल करते हैं? उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर:
लाइनक्स का फाइल सिस्टम एम एस डॉस के फाइल सिस्टम से मिलता-जुलता है। इसमें भी कम्प्यूटर पर स्टोर की गई समस्त सूचनाओं को फाइलों में व्यवस्थित करके रखा जाता है। फाइलों को हैण्डल करने के लिए उन्हें डायरेक्ट्रियों में वंशानुक्रम (Hierachy) के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है। किसी डायरेक्ट्री में फाइलें तथा अन्य डायरेक्ट्रियाँ हो सकती हैं, जिन्हें उप-डायरेक्ट्री कहा जाता है।
उदाहरण लाइनक्स की फाइल को रिनेम करने के लिए my कमाण्ड का प्रयोग किया जाता है।
$ my oldname newname
इस कमाण्ड को रन करने पर oldname नामक फाइल का नाम newname हो जाएगा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

प्रश्न 1
लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की विभिन्न विशेषताएँ बताइए। [2012]
अथवा
लाइनक्स की विशेषताएँ बताइए। [2012]
उत्तर:
लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न विशेषताएँ प्रदान करता है, जिनका विवरण इस प्रकार हैं।

  1. यह एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है अर्थात् इण्टरनेट पर लाइनक्स का सोर्स कोड फ्री में उपलब्ध होता है।
  2. लाइनक्स के कोड को यूजर द्वारा अपडेट किया जा सकता है, जिससे यूजर अपनी सुविधानुसार इसे प्रयोग कर सकते हैं।
  3. लाइनक्स वर्कस्टेशन तथा नेटवर्क में उच्चकोटि की परफॉर्मेंस देता है। लाइनक्स यूजर्स की बहुत बड़ी संख्या को एकसाथ व्यवस्थित (Manage) कर सकता है।
  4. लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीटास्किंग होता है अर्थात् हम इसमें बहुत सारी एप्लीकेशन्स को एकसाथ चला सकते हैं।
  5. यह एक मल्टीयूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है अर्थात् एक समय पर बहुत सारे यूजर्स इसका प्रयोग कर सकते हैं।
  6. लाइनक्स के लाइसेन्स को खरीदने के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ते, क्योंकि इसे यूजर्स सीधे इण्टरनेट से डाउनलोड कर सकते हैं।
  7. लाइनक्स एक सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह सभी यूजर्स को यूजर नेम तथा पासवर्ड उपलब्ध कराता है, जिससे कोई अनाधिकृत यूजर इसे एक्सेस न कर सके।
  8. लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम TCP/IP प्रोटोकॉल का पालन करता है। यह प्रोटोकॉल ऐसे सिद्धान्तों (Principles) पर कार्य करता है, जिसकी सहायता से कोई भी कम्प्यूटर संसार के सबसे विशाल नेटवर्क इण्टरनेट से जुड़ सकता है।
  9. लाइनक्स में अपाचे (Apache) नाम का वेब सर्वर प्रोग्राम भी उपलब्ध है, जिसमें वेब पेजों को तैयार तथा व्यवस्थित किया जाता है।
  10. लाइनक्स में डॉस पर आधारित प्रोग्रामों को भी चलाया जा सकता है। इसके लिए डॉस एम्यूलेटर (Emulator) या D0SEMV नामक प्रोग्राम का प्रयोग किया जाता है।
  11. लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम स्थिर होता है। यह सिस्टम कभी धीमा नहीं पड़ता है।
  12. यूनिक्स की तरह लाइनक्स को बार-बार बन्द करके शुरू करने की आवश्यकता नहीं होती।

प्रश्न 2
लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के भागों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यूनिक्स की तरह लाइनक्स में भी तीन मुख्य भाग होते हैं।

  • कर्नेल कर्नेल लाइनक्स का मुख्य भाग होता है, जो अन्य प्रोग्रामों को चलाता रहता है। यह हार्डवेयर के साथ सीधा सम्पर्क बनाता है। कर्नेल, डिस्क एवं प्रिण्टर आदि को व्यवस्थित करता है।
  • वातावरण यह यूजर और कर्नल के मध्य एक इण्टरफेस उपलब्ध कराता है।
  • फाइल संरचना यह फाइलों को स्टोर करने का कार्य करती है। फाइलों को डायरेक्ट्रियों में हाइार्की (Hierarchy) के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है। फाइलों को हैण्डल करने के लिए विशेष कमाण्ड्स का प्रयोग किया जाता है।

जिनका विवरण इस प्रकार है।

  1. locate/whereis फाइलों को सर्च करने के लिए ।
  2. more किसी फाइल का पेज अथवा एक पंक्ति पढ़ने के लिए
  3. rm किसी फाइल को रिमूव करने के लिए।
  4. cat किसी फाइल का डाटा सर्च करने के लिए।
  5. touch नई फाइल बनाने के लिए
  6. my किसी फाइल का नाम बदलने के लिए ।
  7. cp किसी फाइल को कॉपी करने के लिए।
  8. cd करण्ट डायरेक्टरी बदलने के लिए।
  9. clear स्क्रीन साफ करने के लिए।
  10. echo स्क्रीन पर सन्देश देने के लिए
  11. man कमाण्ड्स में सहायता लेने के लिए
  12. who उपयोगकर्ता का नाम देखने के लिए

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UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 2 ऑपरेटिंग सिस्टम

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Computer
Chapter Chapter 2
Chapter Name ऑपरेटिंग सिस्टम
Number of Questions Solved 21
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 2 ऑपरेटिंग सिस्टम

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
निम्न में से ऑपरेटिंग सिस्टम का कौन-सा प्रकार सर्वाधिक धीमी गति से कार्य करता है? [2014]
(a) मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम
(b) बैच ऑपरेटिंग सिस्टम
(c) टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम
(d) नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम
उत्तर:
(b) बैच ऑपरेटिंग सिस्टम

प्रश्न 2
निम्न में से कौन-सा ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है? [2018]
(a) Sun
(b) Linux
(c) Windows
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 3
वी एम एस (VMS) किस ऑपरेटिंग सिस्टम का उदाहरण है?
(a) मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम
(b) बैच ऑपरेटिंग सिस्टम
(c) सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम
(d) रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम
उत्तर:
(a) मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम

प्रश्न 4
सिंगल टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम है।
(a) विण्डोज
(b) Mac OS
(c) पॉम
(d) MS-Windows 3X
उत्तर:
(c) पॉम

प्रश्न 5
यूनिक्स पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम कौन-सा है?
(a) यूनिक्स
(b) लाइनक्स
(c) एम एस विण्डोज
(d) सोलेरिस
उत्तर:
(b) लाइनक्स

प्रश्न 6
पर्सनल कम्प्यूटर के लिए आजकल सर्वाधिक लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम कौन-सा है? [2013]
(a) OS/2
(b) SUN
(c) MS-DOS
(d) MS-Windows
उत्तर:
(d) MS-Windows

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1:
ऑपरेटिंग सिस्टम को परिभाषित कीजिए। [2007]
उत्तर:
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System, OS) एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो यूजर (कम्प्यूटर पर कार्य करने वाला व्यक्ति), एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और कम्प्यूटर हार्डवेयर के बीच संवाद (Communication) स्थापित करता है।

प्रश्न 2
ऑपरेटिंग सिस्टम के कोई दो कार्य लिखिए।
उत्तर:
आपरेटिंग सिस्टम के निम्न दो कार्य इस प्रकार हैं

  1. प्रोसेसिंग प्रबन्धन
  2. फाइल प्रबन्धन

प्रश्न 3
मेमोरी प्रबन्धन में ऑपरेटिंग सिस्टम का क्या कार्य है?
उत्तर:
प्रोग्राम के सफल निष्पादन के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम मैमोरी प्रबन्धन का कार्य करता है।

प्रश्न 4
मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम को परिभाषित कीजिए। [2015, 09]
उत्तर:
मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम एक समय में एक से अधिक उपयोगकर्ता को कार्य करने की अनुमति देता है।

प्रश्न 5
किन्हीं दो ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
(i) लाइनक्स
(ii) एम एस डॉस

प्रश्न 6
PC में प्रयोग होने वाले OS का उदाहरण दीजिए। [2015]
उत्तर:
एम एस विण्डोज

लघु उत्तरीय प्रश्न I (1 अंक)

प्रश्न 1
ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर के लिए क्यों आवश्यक है? इसके प्रमुख कार्य लिखिए। [2011]
अथवा
ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य उद्देश्य बताइए। [2017]
उत्तर:
ऑपरेटिंग सिस्टम, एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो यूजर, कम्प्यूटर के हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर के मध्य संवाद स्थापित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर को मैनेज करने, प्रोसेस करने, संरक्षण (Protection) आदि में मुख्य भूमिका निभाता है, इसलिए कम्प्यूटर के लिए यह अति आवश्यक है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य निम्न हैं।

  1. प्रोसेसिंग प्रबन्धन
  2. मेमोरी प्रबन्धन
  3. फाइल प्रबन्धन
  4. इनपुट-आउटपुट युक्ति प्रबन्धन
  5. सुरक्षा प्रबन्धन
  6. कम्यूनिकेशन

प्रश्न 2
ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकताएँ लिखिए।
उत्तर:
ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. यह उपयोगकर्ता के कार्यों व फाइलों को सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. यह प्रोग्राम के क्रियान्वयन पर नियन्त्रण रखता है।
  3. इसके द्वारा यूजर्स कम्प्यूटर के विभिन्न भागों का उचित रूप से प्रयोग कर सकते हैं।
  4. यह यूजर व कम्प्यूटर के मध्य सम्बन्ध स्थापित करता है।

प्रश्न 3
प्रचालन तन्त्र (ऑपरेटिंग सिस्टम) के प्रकार की व्याख्या कीजिए। [2016]
उत्तर:
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार निम्न हैं।

  1. बैच ऑपरेटिंग सिस्टम
  2. सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम
  3. मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम
  4. सिंगल टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम
  5. मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम
  6. टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम
  7. रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम
  8. डिस्ट्रीब्यूटीड ऑपरेटिंग सिस्टम

प्रश्न 4
मल्टीप्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। [2017]
उत्तर:
मल्टीप्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम में, मुख्य मेमोरी में एक या अधिक प्रोग्राम लोड होते है, जो एक्जीक्यूशन के लिए तैयार होते हैं। एक समय में, केवल एक प्रोगाम सीपीयू को अपने निर्देशों को एक्जीक्युट करने में सक्षम होता है, जबकि अन्य सभी अपनी बारी का इन्तजार कर रहे होते हैं। मल्टीप्रोग्रामिंग का मुख्य उद्देश्य (CPU) समय के उपयोग को अधिकतम करना है।

लघु उत्तरीय प्रश्न II (3 अंक)

प्रश्न 1
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? उदाहरण सहित टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम को समझाइए। [2006]
उत्तर:
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System, OS) एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो यूजर (कम्प्यूटर पर कार्य करने वाला व्यक्ति) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और कम्प्यूटर हार्डवेयर के बीच संवाद (Communication) स्थापित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम, कम्प्यूटर तथा यूजर के मध्य सम्बन्ध स्थापित करने का भी कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर के विभिन्न क्रियाकलापों (Activities); जैसे-मेमोरी, प्रोसेसर, फाइल सिस्टम तथा अन्य इनपुट-आउटपुट डिवाइसों का संचालन (0peration) करता है।
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में एक साथ एक से अधिक उपयोगकर्ता या प्रोग्राम कम्प्यूटर के संसाधनों का प्रयोग करते हैं। इस कार्य में, कम्प्यूटर अपने संसाधनों के प्रयोग हेतु प्रत्येक उपयोगकर्ता को समय का एक भाग आवण्टित करते हैं। सीपीयू सभी यूजर्स के कार्य को उनके आवण्टित समय में क्रमानुसार सम्पन्न करता है।
उदाहरण: Mac OS

प्रश्न 2
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम को विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसमें रियल टाइम एप्लीकेशन्स का क्रियान्वयन (Execution) किया जाता। है। इसमें एक प्रोग्राम के आउटपुट को दूसरे प्रोग्राम के आउटपुट की तरह प्रयोग किया जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं।

  • हार्ड रियल टाइम सिस्टम ये सिस्टम किसी महत्त्वपूर्ण कार्य को करने की गारण्टी देते हैं और समय पर कार्य पूरा न होने की स्थिति में प्रोग्राम का क्रियान्वयन (Execution) फेल कर दिया जाता है।
  • सॉफ्ट रियल टाइम सिस्टम इसमें किसी कार्य को करने की डेडलाइन दी जाती है, परन्तु कार्य का निष्पादन डेडलाइन से पहले और बाद में भी पूरा हो। सकता है और इस स्थिति में कार्य का निष्पादन फेल नहीं होता।

प्रश्न 3
निम्न पर टिप्पणी लिखिए।
(i) यूनिक्स
(ii) एम एस डॉस
(iii) लाइनक्स
उत्तर:
(i) यूनिक्स यह एक मल्टीटास्किंग व मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे AT & T Bell लैब में रिची एवं थॉमसन नामक इंजीनियरों ने विकसित किया था। यह स्थिर, मल्टीयूजर, मल्टीटास्किंग सिस्टम में प्रयोग किया जाता है।
(ii) लाइनक्स यह यूनिक्स पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसको सन्1991 में लीनस टोरवॉल्ड्स ने विकसित किया था। यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है तथा सभी प्रकार के कम्प्यूटर पर चल सकता है। इसका प्रयोग मुख्यतः सर्वर के लिए होता हैं।
(iii) एम एस डॉस यह एक सिंगल यूजर जुलाई, 1981 में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह एक नॉन-ग्राफिकल, कमाण्ड लाइन बेस्ड सिस्टम है। यह यूजर फ्रेंडली नहीं है, क्योंकि इसमें कमाण्ड याद रखनी पड़ती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

प्रश्न 1
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? इसके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का वर्णन कीजिए। [2005]
अथवा
प्रचालन तन्त्र (ऑपरेटिंग सिस्टम) का अर्थ समझाइए [2008]
उत्तर:
ऑपरेटिंग सिस्टम या प्रचालन तन्त्र एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो मानव, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और कम्प्यूटर हार्डवेयर के बीच संवाद स्थापित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम, सिस्टम सॉफ्टवेयर का एक महत्त्वपूर्ण प्रकार है। इसके बिना कम्प्यूटर से कार्य नहीं किया जा सकता। यह सीपीयू से मिलने वाले सिग्नल्स को कम्प्यूटर के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है तथा उन्हें नियन्त्रित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर तथा यूजर के मध्य सम्बन्ध स्थापित करने का भी कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम को कण्ट्रोल प्रोग्राम भी कहा जाता है, क्योंकि ये कम्प्यूटर सिस्टम तथा उसकी गतिविधियों को नियन्त्रित करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किए जाने वाले कार्य
यह कम्प्यूटर के सफल संचालन की प्रक्रिया में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसके द्वारा किए जाने वाले कार्य निम्न प्रकार हैं।

(i) प्रोसेसिंग प्रबन्धन कम्प्यूटर के सीपीयू के प्रबन्धन का कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम ही करता है।
(ii) मेमोरी प्रबन्धन प्रोग्राम के सफल निष्पादन के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी प्रबन्धन का अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण कार्य करता है, जिसके अन्तर्गत मेमोरी में कुछ स्थान सुरक्षित रखे जाते हैं, जिनका विभाजन प्रोग्रामों के मध्य किया जाता है तथा साथ ही यह भी ध्यान में रखा जाता है कि प्रोग्रामों को मेमोरी के अलग-अलग स्थान प्राप्त हो सकें।
(iii) इनपुट-आउटपुट युक्ति प्रबन्धन डाटा को इनपुट युक्ति से पढ़कर मेमोरी में उचित स्थान पर संग्रहीत करने एवं प्राप्त परिणाम को मेमोरी में आउटपुट यूनिट तक पहुँचाने का कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम का ही होता है। प्रोग्राम लिखते समय कम्प्यूटर केवल यह बताता है कि हमें क्या इनपुट करना है और क्या आउटपुट लेना है, बाकि का कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम ही करता है।
(iv) फाइल प्रबन्धन ऑपरेटिंग सिस्टम फाइलों को एक सुव्यवस्थित ढंग से किसी डायरेक्टरी में स्टोर करने की सुविधा प्रदान करता है। किसी प्रोग्राम के निष्पादन के समय इसे सेकेण्डरी मेमोरी से पढ़कर प्राइमरी मेमोरी में भेजने का कार्य भी ऑपरेटिंग सिस्टम ही करता है।
(v) सुरक्षा प्रबन्धन जब मल्टी यूजर तथा मल्टीप्रोग्रामिंग सिस्टम प्रयोग में होते हैं, उस समय सैकड़ों की संख्या में प्रोग्राम क्रिया में होते हैं, ऐसे में उन प्रोग्रामों और उनके डाटा की सुरक्षा व्यवस्था एक जटिल कार्य है। ऑपरेटिंग सिस्टम इस बात को सुनिश्चित करता है कि एक गलत तरीके से रन हुआ प्रोग्राम किसी अन्य प्रोग्राम को प्रभावित न करे।
(vi) कम्युनिकेशन ऑपरेटिंग सिस्टम का महत्त्वपूर्ण कार्य नेटवर्किंग के माध्यम से एक यूजर सिस्टम का दूसरे यूजर सिस्टम से कम्यूनिकेशन की सुविधा प्रदान करना है।

प्रश्न 2
कुछ सर्वाधिक प्रचलित पर्सनल कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम की संक्षिप्त जानकारी दीजिए। [2012]
उत्तर:
सर्वाधिक प्रचलित पर्सनल कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम इस प्रकार है।

  1. यूनिक्स यह एक मल्टीटास्किंग व मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे AT & T Bell लैब में वर्ष 1969 में रिची एवं थॉमसन नामक इंजीनियरों द्वारा विकसित किया गया था। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को सर्वर तथा वर्क स्टेशन दोनों में प्रयोग किया जा सकता है। इसमें डाटा प्रबन्धन का कार्य कर्नेल द्वारा होता है।
  2. लाइनक्स यह यूनिक्स का अधिक विकसित संस्करण (Edition) है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम सन् 1991 में लीनस टोरवॉल्ड्स द्वारा विकसित किया गया था। लाइनक्स मूल रूप से इण्टेल X86 पर आधारित है।
  3. सोलेरिस इस ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास सन माइक्रोसिस्टम्स द्वारा सन् 1992 में किया गया था। ये ऑपरेटिंग सिस्टम, सिस्टम मैनेजमेण्ट तथा नेटवर्क के कार्यों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है।
  4. एम एस डॉस यह एक सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा सन् 1981 में विकसित किया गया था। यह एक नॉन-ग्राफिकल, कमाण्ड लाइन बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है। एम एस डॉस यूजर फ्रेंडली नहीं है, क्योंकि इसमें कमाण्ड याद रखनी पड़ती है।
  5. एम एस विण्डोज यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस है। यह सर्वाधिक लोकप्रिय पर्सनल कम्प्यूटर में प्रयुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम है।
  6. OS/2 इस ऑपरेटिंग सिस्टम को IBM ने सन् 1987 में लॉन्च किया था। यह ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीटास्किंग तथा GUI बेस्ड होता है।

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UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 1 कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 1 कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर are part of UP Board Solutions for Class 12 Computer. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 1 कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर.

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Class Class 12
Subject Computer
Chapter Chapter 1
Chapter Name कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर
Number of Questions Solved 22
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 1 कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1:
निम्न में से कौन-सा सिस्टम सॉफ्टवेयर नहीं है? [2014]
(a) वर्ड प्रोसेसर
(b) ऑपरेटिंग सिस्टम
(c) कम्पाइलर
(d) लिंकर
उत्तर:
(a) वर्ड प्रोसेसर एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है।

प्रश्न 2
निम्न में से कौन-सा प्रोग्राम एक प्रोग्राम के अनेक भागों को कम्पाइलेशन के बाद आपस में जोड़ता है? [2013]
(a) लिंकर
(b) लोडर
(C) इण्टरप्रेटर
(d) लाइब्रेरियन
उत्तर:
(a) लिंकर

प्रश्न 3
वर्ड प्रोसेसर क्या है? [2016]
(a) सिस्टम सॉफ्टवेयर
(b) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर

प्रश्न 4
टेक्स्ट एडिटर का उदाहरण है।
(a) नोटपैड
(b) प्रिण्टर ड्राइवर
(c) टैली
(d) पेजमेकर
उत्तर:
(a) विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम में नोटपैड टेक्स्ट एडिटर का उदाहरण है।

प्रश्न 5
कम्प्यूटर के वायरस को डिलीट करने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है?
(a) एण्टीवायरस प्रोग्राम
(b) बैकअप यूटिलिटी
(c) डिस्क डिफ़ेग्मेण्टर
(d) डिस्क कम्प्रेशन
उत्तर:
(a) एण्टीवायरस प्रोग्राम

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंकः)

प्रश्न 1
एक से अधिक लाइनों, विवरण, कमेण्टों या निर्देशों के समूह को क्या कहते हैं?
उत्तर:
एक से अधिक लाइनों, विवरण, कमेण्टों या निर्देशों के समूह को प्रोग्राम कहते हैं।

प्रश्न 2
सॉफ्टवेयर की व्याख्या एक वाक्य में कीजिए। [2016]
उत्तर:
कम्प्यूटर के क्षेत्र में निर्देशों के समूह को प्रोगाम कहा जाता है और प्रोग्रामों के समूह को सॉफ्टवेयर कहा जाता है।

प्रश्न 3
लोडर से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
यह ऑपरेटिंग सिस्टम को एक भाग होता है, जो प्रोग्राम तथा लाइब्रेरी को, लोड करने के लिए उत्तरदायी होता है।

प्रश्न 4
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को परिभाषित कीजिए। [2017, 11]
उत्तर:
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर उन प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो उपयोगकर्ता के वास्तविक कार्य कराने के लिए लिखे जाते हैं।

प्रश्न 5
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्लीकेशन सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं।

  • सामान्य उद्देश्य के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
  • विशिष्ट उद्देश्य के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर

प्रश्न 6
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के दो उदाहरण निम्नलिखित हैं।

  • टेक्स्ट एडिटर
  • फाइल सॉर्टिग प्रोग्राम

लघु उत्तरीय प्रश्न I (1 अंक)

प्रश्न 1
सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर में अन्तर बताइए। [2012]
उत्तर:
सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर में निम्न अन्तर है
UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 1 कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर img-1

प्रश्न 2
सिस्टम सॉफ्टवेयर व एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अन्तर बताइए। [2006, 05]
उत्तर:
सिस्टम सॉफ्टवेयर व एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में निम्न अन्तर है।
UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 1 कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर img-2

प्रश्न 3
कम्प्यूटर ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। [2017]
उत्तर:
कम्प्यूटर ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है, जो कम्प्यूटर पर सेव इमेजिस में बदलाव करने और उन्हें सुन्दर बनाने की अनुमति देते हैं। इन सॉफ्टवेयर्स के द्वारा इमेजिस को रीटच, कलर एडजस्ट, एनहेन्स, शैडो व ग्लो जैसे विशेष इफेक्ट्स दिए जा सकते हैं; जैसे-एडोब फोटोशॉप, पेजमेकर आदि।

प्रश्न 4
सामान्य व विशिष्ट उद्देश्य के सॉफ्टवेयरों का विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग लिखिए।
उत्तर:
सामान्य उद्देश्य के सॉफ्टवेयर का विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग निम्नवत् है

  1. कम्प्यूटर आधारित डिजाइन।
  2. सूचना संचार।
  3. डाटाबेस प्रबन्धन प्रणाली

विशिष्ट उद्देश्य के सॉफ्टवेयर की विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग निम्नवत् है।

  1. रेलवे, वायुयान आदि के आरक्षण हेतु
  2. होटल प्रबन्धन में
  3. अस्पतालों में
  4. स्कूलों व लाइब्रेरी में

प्रश्न 5
निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए [2009]
(i) यूटिलिटी सॉफ्टवेयर
(ii) ड्राइवर
उत्तर:
(i) यूटिलिटी सॉफ्टवेयर यह कम्प्युटर के रख-रखाव से सम्बन्धित कार्य करता है। यह कई ऐसे कार्य करता है, जो कम्प्यूटर का उपयोग करते समय हमें कराने पड़ते हैं।
(ii) डाइवर यह एक विशेष प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है, जो किसी डिवाइस के प्रचालन (Operation) को समझाता है। यह हार्डवेयर डिवाइस और उपयोगकर्ता के मध्य सॉफ्टवेयर इण्टरफेस प्रदान करता है।

प्रश्न 6
निम्न को परिभाषित कीजिए [2010]
(i) डिस्क डिफ़ेग्मेण्टर
(ii) वायरस स्कैनर
उत्तर:
(i) डिस्क डिफ़ेग्मेण्टर यह कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क पर विभिन्न जगहों पर रखी हुई फाइलों को खोजकर उन्हें एक स्थान पर लाता है।
(ii) वायरस स्कैनर यह एक यूटिलिटी प्रोग्राम है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर के वायरस ढूंढने में किया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न II (3 अंक)

प्रश्न 1
निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए। [2013]
(i) लोडर
(ii) सब-प्रोग्राम अथवा मॉड्यूल
उत्तर:
(i) लोडर यह ऑपरेटिंग सिस्टम का एक भाग होता है, जो किसी एक्जीक्यूटेबल फाइल को मुख्य मेमोरी में लोड करने का कार्य करता है। यह लिंकर द्वारा कम्पाइल किए गए प्रोग्राम को एक साथ जोड़कर कार्य करने योग्य बनाता है।
(ii) सब-प्रोग्राम या मॉड्यूल सब-प्रोग्राम या मॉड्यूल ऐसा प्रोग्राम है, जो किसी निर्धारित टास्क या फंक्शन को चलाने के लिए एक अन्य प्रोग्राम द्वारा कॉल किया जाता है।

प्रश्न 2
कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं? उदाहरण सहित समझाइए। [2002]
उत्तर:
कम्प्यूटर के क्षेत्र में निर्देशों के समूह को प्रोग्राम कहा जाता है और प्रोग्रामों के समूह को सॉफ्टवेयर कहा जाता है।
कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं।

  1. सिस्टम सॉफ्टवेयर इस प्रकार के सॉफ्टवेयर्स कम्प्युटर को चलाने, उसको नियन्त्रित करने, उसके विभिन्न भागों की देखभाल करने तथा उसकी सभी । क्षमताओं का सही प्रकार से उपयोग करने के लिए बनाए जाते हैं।
    उदाहरण ऑपरेटिंग सिस्टम, लिंकर, लोडर आदि।
  2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर इस प्रकार के सॉफ्टवेयर्स उपयोगकर्ता के वास्तविक कार्य कराने के लिए बनाए जाते हैं। ये कार्य हर कम्पनी या उपयोगकर्ता के लिए अलग-अलग होते हैं, इसलिए उपयोगकर्ता की आवश्यकतानुसार इसके प्रोग्राम प्रोग्रामर द्वारा लिखे जाते हैं। उदाहरण एमएस-वर्ड, एमएस-एक्सेल, टैली आदि।
  3. यूटिलिटी सॉफ्टवेयर ये सॉफ्टवेयर्स कम्प्यूटर के कार्यों को सरल बनाने, उसे अशुद्धियों से दूर रखने तथा सिस्टम के विभिन्न सुरक्षा कार्यों के लिए बनाए जाते हैं। ये कम्प्यूटर के निर्माता द्वारा ही उपलब्ध कराए जाते हैं। उदाहरण टेक्स्ट एडिटर, डिस्क क्लीनर्स आदि।

प्रश्न 3
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को विस्तार में समझाइए।
उत्तर:
यह उन प्रोग्रामों का समूह होता है, जो उपयोगकर्ता के वास्तविक कार्य कराने के लिए बनाए जाते हैं; जैसे-स्टॉक की स्थिति का विवरण देना, लेन-देन व खातों का हिसाब रखना आदि। मुख्य रूप से प्रयोग होने वाले एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर: जैसे-एमएस वर्ड, एमएस-एक्सेल, टैली, पेजमेकर, फोटोशॉप आदि हैं।
सामान्यतः एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर्स दो प्रकार के होते हैं, जो निम्न हैं ।

  • सामान्य उद्देश्य के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का वह समूह, जिसे यूजर्स अपनी आवश्यकतानुसार अपने सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग करता है, सामान्य उद्देश्य का सॉफ्टवेयर कहलाता हैं। जैसे-ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर, स्प्रेडशीट, डाटाबेस प्रबन्धन आदि।
  • विशिष्ट उद्देश्य के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का वह समूह, जो एक विशेष प्रकार के कार्य को निष्पादित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, विशिष्ट उद्देश्य का सॉफ्टवेयर कहलाता है; जैसे-होटल प्रबन्धन सम्बन्धी सॉफ्टवेयर का प्रयोग बुकिंग विवरण, बिलिंग विवरण आदि को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

प्रश्न 1
सिस्टम सॉफ्टवेयर से आपका क्या तात्पर्य है? इनके प्रमुख कार्यों को लिखिए। [2009]
अथवा
सिस्टम सॉफ्टवेयर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। [2010]
उत्तर:
ऐसे प्रोग्राम जो कम्प्यूटर को चलाने, नियन्त्रित करने, उसके विभिन्न भागों की देखभाल करने तथा उसकी सभी क्षमताओं का सही प्रकार से उपयोग करने के लिए बनाए जाते हैं, उनको सम्मिलित रूप से ‘सिस्टम सॉफ्टवेयर’ कहा जाता है। कम्प्यूटर से हमारा सम्पर्क या संवाद सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही हो पाता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर्स निम्न प्रकार के होते हैं।

  • ऑपरेटिंग सिस्टम इसमें वे प्रोग्राम्स शामिल होते हैं, जो कम्प्यूटर के विभिन्न अवयवों के कार्यों को नियन्त्रित करते हैं, उनमें समन्वय स्थापित करते हैं। तथा उन्हें प्रबन्धित करते हैं। इनका प्रमुख कार्य उपयोगकर्ता तथा हार्डवेयर के मध्य एक समन्वय स्थापित करना है।
  • लिंकर यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है, जो पहले से कम्पाइल की गई एक या एक से अधिक ऑब्जेक्ट फाइलों को एक साथ जोड़कर उन्हें क्रियान्वयन के लिए तैयार कर बड़े प्रोग्राम का रूप प्रदान करता है।
  • लोडर यह ऑपरेटिंग सिस्टम का एक भाग होता है, जो प्रोग्राम तथा लाइब्रेरी को लोड करने के लिए उत्तरदायी होता है। लोडर निर्देशों की एक श्रृंखला होती है, जो किसी एक्जीक्यूटेबल प्रोग्राम को मुख्य मेमोरी में लोड करने का कार्य करता है, ताकि सीपीयू उसे एक्सेस कर सके।
  • डिवाइस ड्राइवर यह एक विशेष प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है, जो किसी डिवाइस के प्रचालन को समझाता है। एक ड्राइवर हार्डवेयर डिवाइस और उपयोगकर्ता के मध्य सॉफ्टवेयर इण्टरफेस प्रदान करता है। किसी भी डिवाइस को सुचारु रूप से चलाने के लिए उसके साथ एक ड्राइवर प्रोग्राम जुडा होता हैं।

प्रश्न 2
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या होता है? उदाहरण सहित समझाइए।
अथवा
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का अर्थ तथा कार्य समझाइए। ऐसे किन्हीं दो सॉफ्टवेयर्स का वर्णन भी कीजिए।[2009]
उत्तर:
ये प्रोग्राम्स कम्प्यूटर के रख-रखाव से सम्बन्धित कार्य करते हैं। प्रोग्राम्स कम्प्यूटर के कार्यों को सरल बनाने, उसे अशुद्धियों से दूर करने तथा सिस्टम के विभिन्न सुरक्षा कार्यों के लिए बनाए जाते हैं। यूटिलिटी सॉफ्टवेयर, कई
ऐसे कार्य करता है, जो कम्प्यूटर का उपयोग करते समय हमें कराने पड़ते हैं।
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के प्रमुख उदाहरण निम्न है।

  1. टेक्स्ट एडिटर यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है, जो टेक्स्ट फाइलों के निर्माण और उनके सम्पादन की सुविधा देता है। इसका उपयोग केवल टेक्स्ट टाइप करने में किया जाता है। विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम में नोटपैड एक ऐसा ही प्रोग्राम है।
  2. फाइल सॉटिंग प्रोग्राम ये ऐसे प्रोग्राम होते हैं, जो किसी डाटा फाइल के रिकॉर्डो को यूजर के किसी इच्छित क्रम (Order) में लगा सकते हैं। फाइल सॉर्टिग किसी विशेष सूचना को ढूंढने के लिए उपयोगी होती है।
  3. डिस्क डिफ़ेग्मेण्टर यह कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क पर विभिन्न जगहों पर रखी हुई फाइलों को खोजकर उन्हें एक स्थान पर लाता है।
  4. बैकअप यूटिलिटी यह कम्प्यूटर की डिस्क पर उपस्थित सारी सूचनाओं की एक कॉपी रखता है तथा जरूरत पड़ने पर कुछ जरूरी फाइलें या पूरी हार्ड डिस्क के कण्टेण्ट को वापस रिस्टोर कर देता है।
  5. एण्टीवायरस प्रोग्राम ये ऐसे यूटिलिटी प्रोग्राम्स होते हैं, जिनका प्रयोग कम्प्यूटर के वायरस ढूंढने और उन्हें डिलीट (Delete) करने में किया जाता है।
  6. डिस्क क्लीनर्स यह उन फाइलों को ढूंढकर डिलीट करता है, जिनका बहुत समय से उपयोग नहीं हुआ है। इस प्रकार यह कम्प्यूटर की गति को भी तेज करता है।

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UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 1 पोषण एवं सन्तुलित आहार

UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 1 पोषण एवं सन्तुलित आहार are part of UP Board Solutions for Class 12  Home Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 1 पोषण एवं सन्तुलित आहार.

Board UP Board
Class Class 12
Subject Home Science
Chapter Chapter 1
Chapter Name पोषण एवं सन्तुलित आहार
Number of Questions Solved 22
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 1 पोषण एवं सन्तुलित आहार

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
सन्तुलित आहार के पोषक तत्वों में से कौन-सा तत्त्व सम्मिलित नहीं है?
(a) प्रोटीन
(b) कार्बोहाइड्रेट
(C) खनिज लवण
(d) पोषण
उत्तर:
(d) पोषण

प्रश्न 2.
पोषक तत्वों का वर्गीकरण निम्न में से किस आधार पर किया जाता है?
(a) प्राथमिक आवश्यकताओं के आधार पर
(b) शरीर निर्माणक पोषक तत्वों के आधार पर
(c) जलवायु परिवर्तन के आधार पर
(d) आन्तरिक ऊर्जा प्राप्ति के आधार पर
उत्तर:
(b) शरीर निर्माणक पोषक तत्वों के आधार पर

प्रश्न 3.
किशोरावस्था में लड़के एवं लड़कियों को क्रमशः कितनी कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती हैं?
(a) 2650 से 2080 कैलोरी ऊर्जा
(b) 2250 से 2600 कैलोरी ऊर्जा
(c) 2600 से 2800 कैलोरी ऊर्जा
(d) 2400 से 2800 कैलोरी ऊर्जा
उत्तर :
(a) 2650 से 2080 कैलोरी ऊर्जा

प्रश्न 4.
रतौंधी रोग किस विटामिन की कमी से होता है?
(a) विटामिन A
(b) विटामिन C
(c) विटामिन K
(d) विटामिन D
उत्तर:
(a) विटामिन A

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 1 अंक, 25 शब्द

प्रश्न 1.
सन्तुलित आहार का क्या अर्थ है?
उत्तर:
वह आहार जो मनुष्य की पोषण सम्बन्धित सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, सन्तुलित आहार कहलाता है।

प्रश्न 2.
सन्तुलित आहार के पोषक तत्वों का नाम बताइए।
उत्तर:
सन्तुलित आहार के पोषक तत्त्व निम्नलिखित हैं

  1. कार्बोहाइड्रेट
  2. वसा एवं तेल
  3. प्रोटीन
  4. विटामिन
  5. खनिज लवण
  6.  जल आदि।

प्रश्न 3.
सन्तुलित आहार का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
सन्तुलित आहार शारीरिक व मानसिक विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक होता है। इसके अभाव में शारीरिक व मानसिक विकास उपयुक्त तरीके से नहीं हो पाता है।

प्रश्न 4.
दूध को सर्वोत्तम आहार क्यों माना गया है?
उत्तर:
पोषण में दुग्ध को सम्पूर्ण एवं सर्वोत्तम आहार माना गया है। दूध ही एकमात्र ऐसा भोज्य पदार्थ है, जिसका स्थान अन्य कोई भोज्य पदार्थ नहीं ले सकता। दूध शिशुओं के शारीरिक व मानसिक विकास में सहायक है।

प्रश्न 5.
आयोडीन की कमी से होने वाला रोग होता है?
उत्तर:
घेघा आयोडीन की कमी से होने वाला रोग है।

प्रश्न 6.
वसा की अधिकता से कौन-सा रोग होता है?
उत्तर:
वसा की अधिकता से मोटापा हो जाता है, इसके अतिरिक्त इससे उच्च रक्त चाप रोग भी हो जाता है।

प्रश्न 7.
सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारक आयु, लिंग, स्वास्थ्य, क्रियाशीलता तथा विशेष शारीरिक अवस्था आदि हैं।

प्रश्न 8.
लकवा किस विटामिन की कमी से होता है?
उत्तर:
विटामिन B1 की कमी से शरीर में लकवा (Paracysis) की शिकायत हो जाती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न 2 अंक, 50 शब्द

प्रश्न 1.
सन्तुलित आहार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
भोजन हमारे जीवन का मूल आधार है। वायु और जल के पश्चात् हमारे लिए भोजन ही सबसे आवश्यक है। विभिन्न खाद्य पदार्थों के मिश्रण से बना वह आहार जो हमारे शरीर को सभी पौष्टिक तत्त्व हमारी शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार उचित मात्रा में और साथ ही शरीर के संचय कोष के लिए भी कुछ मात्रा में पौष्टिक तत्व प्रदान करता है, संतुलित आहार कहलाता है। सन्तुलित आहार के अभाव में मनुष्य का शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है।

प्रश्न 2.
नवजात शिशु के लिए तथा स्कूली बच्चों के लिए सन्तुलित आहार का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
प्रत्येक प्राणी के लिए सन्तुलित आधार की मात्रा का निर्धारण अलग-अलग होता है, जो निम्न प्रकार से है

  1. नवजात शिशु के लिए आहार माँ का दूध नवजात शिशु के लिए एक सर्वोत्तम आहार है। यह शिशु के स्वास्थ्य, शारीरिक वृद्धि तथा जीवन शक्ति के लिए अत्यन्त आवश्यक होता है, क्योंकि माँ के दूध में सभी आवश्यक तत्त्व; जैसे—प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, लवण, जल तथा विटामिन (B,D) उपस्थित होते हैं।
  2. स्कूली बच्चों का आहार स्कूल जाने वाले बच्चों को अधिक मात्रा में | प्रोटीन एवं कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस अवस्था में बच्चों की वृद्धि की दर भी बढ़ती रहती है। इन बच्चों को आहार में प्रोटीन, विटामिन, दूध, सब्जियाँ, फल एवं अण्डे आदि पर्याप्त मात्रा में देने चाहिए।

प्रश्न 3.
किशोरावस्था, वयस्क पुरुष व महिला तथा प्रौढ़ावस्था के लिए सन्तुलित आहार का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
प्रत्येक अवस्था में सन्तुलित आहार का निर्धारण अलग-अलग होता है, जो निम्न प्रकार से है

  1. किशोरावस्था में आहार किशोरावस्था में शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही प्रकार के परिवर्तन होते हैं। इस अवस्था में लड़के एवं लड़कियों को क्रमशः 2650 से 2080 कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती हैं।
  2. वयस्क पुरुष व महिला का आहार एक वयस्क पुरुष को महिलाओं की अपेक्षा अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है, क्योंकि इन्हें महिलाओं की अपेक्षा अधिक शारीरिक एवं मानसिक कार्य करने होते हैं, किन्तु गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को वयस्क पुरुषों के समान ही अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है।
  3. प्रौढावस्था में आहार इस अवस्था में शरीर को कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह अवस्था 45 वर्ष के पश्चात् आती है। इस अवस्था में शरीर के अंग शिथिल पड़ जाते हैं तथा पाचन संस्थान कमजोर होने लगता हैं।

प्रश्न 4.
पोषक तत्वों की कमी से होने वाली कोई दो बीमारियों के बारे में बताइए।
उत्तर:
पोषक तत्वों की कमी से होने वाली दो बीमारियाँ निम्न प्रकार हैं

1. रक्ताल्पता रक्ताल्पता (एनीमिया) से आशय खून की कमी से होता है।यदि मानव शरीर में लौह खनिज की मात्रा कम हो जाती है तो शरीर में रक्ताल्पता नामक बिमारी हो जाती है। यह लौह युक्त भोजन (आहार) के अभाव में होता है। थकान या कमजोरी महसूस करना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस बिमारी के कारण मानव शरीर में जैविक क्रिया, पाचन क्रिया आदिप्रभावित होती हैं।

2. मरास्मस मरास्मस ग्रीक भाषा का शब्द है, जिसका तात्पर्य है- व्यर्थ करना। इस बिमारी से अधिकांशतः बच्चे ग्रसित है। बच्चों में प्रोटीन की कमी के कारण मरास्मस रोग हो जाता है। इस रोग में शरीर का विकास अवरुद्ध हो जाता है। इसके अतिरिक्त भारहीनता, रक्तहीनता, त्वचा का झुरींदार होना, पेचिश(दस्त) आदि की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 5.
पोषक तत्वों का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पोषक तत्त्व वह रसायन होता है, जिसकी आवश्यकता किसी जीव को उसके जीवन और वृद्धि के साथ-साथ उसके शरीर की उपापचय की क्रिया संचालन के लिए आवश्यक होता है और जिसे वह अपने वातावरण से ग्रहण करता है। पोषक तत्व जो शरीर को समृद्ध बनाते हैं। ये ऊतकों का निर्माण और उनकी मरम्मत करते हैं साथ ही शरीर को ऊष्मा और ऊर्जा प्रदान करते हैं और यही ऊर्जा शरीर की सभी क्रियाओं को चलाने के लिए आवश्यक होती है।

पोषक तत्वों का प्रभाव मानव द्वारा ग्रहण किए गए भोजन पर निर्भर करता है। इन सभी के अतिरिक्त एक और पोषक तत्त्व है, जिसकी हमारे शरीर को अत्यन्त महत्त्वपूर्ण आवश्यकता होती है, वह है-सेल्युलोज। यह हमारे शरीर में मेल को गति प्रदान करता है तथा आँतों में क्रमांकुचन की गति को सामान्य बनाए रखता है। यह पौष्टिक तत्त्व हमें सब्जियों व फलों के छिलके, साबुत दालों व अनाजों तथा चोकर आदि से प्राप्त होते हैं। जानवरों में विशेष रूप से इसे पचाने वाला एंजाइम होता है।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न 5 अंक, 100 शब्द

प्रश्न 1.
सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वालेकारक लिखिए।
उत्तर:
सन्तुलित आहार
भोजन हमारे शरीर का मूल आधार है। विभिन्न खाद्य पदार्थों, जिनमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व निहित होते हैं, के मिश्रण से बना वह आहार जो शरीर को सभी पौष्टिक तत्त्व सही अनुपात में प्रदान करे, सन्तुलित आहार कहलाता है। सन्तुलित आहार शरीर के संचय कोष के लिए भी कुछ मात्रा में पौष्टिक तत्त्व प्रदान करता है, जो शरीर में आवश्यकतानुसार स्वयं विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से उपयुक्त हो जाते हैं।

सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारक
सन्तुलित आहार अनेक प्रकार के कारकों द्वारा प्रभावित होते हैं। ये कारक निम्नलिखित हैं।

1. आयु सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाला मुख्य घटक ‘आयु’ है। बाल्यावस्था में शारीरिक निर्माण व विकास के लिए सन्तुलित आहार की आवश्यकता आयु के अन्य स्तरों में अधिक होती है।
बच्चों को उनके शरीर के भार की तुलना में प्रौढ़ व्यक्तियों से अधिक भोज्य तत्त्वों की आवश्यकता होती है।
बाल्यावस्था में प्रोटीन, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता अधिक होती है, जबकि वृद्धावस्था में शरीर संवदेनशील होने के कारण, सुरक्षात्मक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती हैं।

2. लिंग स्त्रियों एवं पुरुषों के सन्तुलित आहार में अन्तर होता है। पुरुषों में आकार, भार तथा क्रियाशीलता अधिक होने के कारण महिलाओं की अपेक्षा ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है। इन कारणों से हुई शारीरिक टूट-फूट अधिक होने के कारण पुरुषों को सुरक्षात्मक तत्त्वों की भी अधिक आवश्यकता होती है, किन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में यथा गर्भावस्था व दुग्धपान की अवस्थाओं में स्त्रियों को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

3. स्वास्थ्य व्यक्ति के स्वास्थ्य की परिस्थितियों के अनुसार भी पोषक तत्त्वों की आवश्यकता प्रभावित होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति को सन्तुलित आहार की आवश्यकता केवल उसकी दिनचर्या उचित प्रकार से चलाने के लिए चाहिए, परन्तु एक अस्वस्थ व्यक्ति को सन्तुलित आहार की आवश्यकता शरीर की दैनिक दिनचर्या के साथ-साथ टूटे-फूटे ऊतकों आदि की मरम्मत के लिए भी होती है।

4. क्रियाशीलता व्यक्ति की क्रियाशीलता भी उसके सन्तुलित आहार की आवश्यकता को निर्धारित करती है। अधिक क्रियाशील व्यक्ति को कम क्रियाशील व्यक्ति की अपेक्षा अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

5. जलवायु जलवायु तथा मौसम भी आहार की मात्रा को प्रभावित करते हैं।ठण्डे देश के निवासी ऊर्जा का प्रयोग अपने शरीर का ताप बढ़ाने के लिए करते हैं। इसी कारण उन्हें अधिक सन्तुलित आहार की आवश्यकताहोती है।

6. विशेष शारीरिक अवस्था कुछ विशेष शारीरिक अवस्थाएँ; जैसेगर्भावस्था, दुग्धपान की अवस्था, ऑपरेशन के बाद की अवस्था, जल जाने के बाद की अवस्था तथा रोग के उपचार होने के बाद स्वस्थ होने की अवस्था आदि में सन्तुलित आहार की आवश्यकता बढ़ जाती हैं। गर्भावस्था के दौरान भ्रूण निर्माण के कारण एवं माता के शारीरिक भार में परिवर्तन के कारण पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है। दुग्धपान की अवस्था में लगभग 400 से 500 मिली दूध के निर्माण के कारण माता में सन्तुलित आहार की आवश्यकता बढ़ जाती है। ऑपरेशन तथा जले जाने के बाद की अवस्था में भी निर्माणक तत्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है।

प्रश्न 2.
सन्तुलित आहार की अर्थ बताइए व उसके आयोजन में ध्यान रखने योग्य बातें बताइट।
उत्तर:
सन्तुलित आहार का अर्थ इसके लिए विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 देखें।

सन्तुलित आहार का आयोजन
परिवार के सभी सदस्यों की सन्तुलित आहार की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उनके लिए सन्तुलित आहार का आयोजन करते समय निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।

  1. भोजन में सभी प्रकार के पोषक तत्त्वों; जैसे-कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज लवण, जल आदि तत्त्वों का सामावेश प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकतानुसार होना आवश्यक है। किसी भी पोषक तत्त्व की न्यूनतम मात्रा के साथ साथ अधिकतम मात्रा भी समान रूप से हानिकारक होती हैं।
  2. भोजन का निर्माण करते समय हमें ध्यान रखना चाहिए कि सभी खाद्य पदार्थ पूर्णतः पक जाएँ, तभी वह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होंगे। कम पका हुआ। व अधिक पका हुआ दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
  3. भोजन में प्रतिदिन विविधता होना चाहिए, जिससे कि सभी प्रकार के पोषक.तत्त्वों की आपूर्ति हो सके।
  4. व्यक्ति को प्राय: ताजा भोजन ही आहार के रूप में लेना चाहिए, क्योंकि अधिक समय का पका हुआ भोजन विषैला व दुर्गन्ध युक्त हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप शरीर में अनेक प्रकार के विकार के उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

प्रश्न 3.
विभिन्न पोषक तत्वों के नाम बताइए तथा उनकी प्राप्ति के स्रोत कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
भोजन के वे सभी तत्व जो शरीर में आवश्यक कार्य करते हैं, उन्हें पोषक तत्त्व कहते हैं। यदि ये पोषक तत्त्व हमारे भोजन में उचित मात्रा में न हों, तो हमारा शरीर अस्वस्थ हो जाएगा। ये आवश्यक तत्त्व जब हमारे शरीर में आवश्यकतानुसार (सही अनुपात में) उपस्थित होते हैं, तब उस अवस्था को सर्वोत्तम पोषण या समुचित पोषण की संज्ञा दी जाती है। ये पोषक तत्व निम्नलिखित हैं।

  1. काबोहाइड्रेट
  2. वसा एवं तेल
  3. प्रोटीन
  4. खनिज लवण
  5. विटामिन
  6. जल

पोषकतत्त्वों का वर्गीकरण
कार्यों के आधार पर पोषक तत्वों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया। जाता है

  1. ऊर्जादायक पोषक तत्त्व कार्बोहाइड्रेट, वसा|
  2. शरीर निर्माणक पोषक तत्त्वं प्रोटीन एवं खनिज लवण।
  3. शरीर संरक्षक पोषक तत्त्व खनिज लवण एवं विटामिन।

पोषक तत्वों के आहारीय स्रोत
पोषक तत्वों के आहारीय स्रोत निम्न प्रकार से हैं

  1. कार्बोहाइड्रेट चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, मक्का, साबूदाना, जौ, मैदा, मुरमुरे, चूड़ा, दलिया, बिस्किट, डबल रोटी, गुड़, चीनी, शहद, किशमिश, खजूर, अंजीर, दालें, शकरकन्द, जमींकन्द, अरवी, जैम-जैली, मुरब्बे, मिठाइयाँ आदि।
  2. वसा एवं तेल घी, मक्खन, मलाई, मार्गरीन, चर्बी, चर्बीयुक्त मांस, अण्डे को पीला भाग, मछली, वनस्पति घी, सभी प्रकार के तिलहन तथा खाने योग्य तेल, नारियल, मूंगफली, बादाम, अखरोट, पिस्ता इत्यादि।
  3. प्रोटीन दूध तथा दूध से बनी चीजें, अण्डा, मांस, मछली, यकृत, दालें, फलियाँ, सोयाबीन, राजमा, मटर, मूंगफली, काजू, बादाम, तिल इत्यादि।
  4. खनिज लवण पोषक तत्त्वों के खनिज लवण निम्नलिखित हैं।
    • कैल्शियम दूध, दही, अण्डे, पालक, मैथी, बथुआ, प्रत्येका धनिया, पुदीना, सलाद के पत्ते, सूखी मछली, पनीर, खोआ, तिल इत्यादि।
    • फास्फोरस दूध, अण्डा, मांस, मछली, पनीर, अनाज, दालें, गिरी, पत्तेदार सब्जियाँ एवं तिलहन।
    • लौह-लवण मांस, मछली, अण्डा, यकृत, अनाज, फलियाँ, प्रत्येकी-पत्ती वाली सब्जियाँ, गुड़, किशमिश, खजूर, अंजीर, काष्ठफल इत्यादि।
    • पोटैशियम अनाज, दालें, जड़ वाली सब्जियाँ, दूध, दही, छाछ, पनीर, अण्डा, सोयाबीन, मांस, मछली।
    • सोडियम नमक, जल एवं लगभग सभी खाद्य पदार्थों में विशेषकरअनाज और प्रत्येक पत्तेदार सब्जियों में।
    • आयोडीन जल, प्रत्येके पत्ते वाली सब्जियाँ, मछली व आयोडीनयुक्त नमक।
  5.  विटामिन पोषक तत्वों में विटामिन इस प्रकार हैं
    • विटामिन‘ मछली के यकृत का तेल, मक्खन, घी, अण्डा, दूध, पपीता, कद्दू, आम आदि।
    • विटामिनडी‘ मछली का यकृत, अण्डा, मक्खन, घी, दूध सूर्य की किरणें आदि।
    • विटामिनबी‘ (के अन्तर्गत 12 विटामिन आते हैं, जिनमें कुछप्रमुख हैं- बी1, बी2, बी6, बी12) सम्पूर्ण अनाज, खमीर, साबुत तथा छिलके वाली दालें, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, मटर, फलियाँ, मांस, मछली, दूध, अण्डे की जर्दी, पत्तेदार सब्जियाँ आदि।
    • विटामिनसी‘ आँवला में (अत्यधिक), अमरूद, नींबू, सन्तरा, रसभरी, अनन्नास, पपीता, टमाटर, सहजन की पत्तियाँ, धनिया, करमी का साग, चौलाई का साग, अंकुरित मूंग, चना आदि।
    • विटामिन‘ अण्डा, गेहूं, सोयाबीन, तेल आदि ।
    • विटामिनके‘ सोयाबीन, हरी सब्जियाँ, टमाटर, दूध आदि।

प्रश्न 4.
‘दूध एक सम्पूर्ण आहार है। इस कथन की विवेचना कीजिए।
अथवा
दूध सम्पूर्ण आहार है, क्यों?
अथवा
दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्वों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दूध को सम्पूर्ण एवं सर्वोत्तम आहार माना गया है। यह पूर्ण एवं सुपाच्य आहार है। शिशुओं के शारीरिक विकास एवं वृद्धि हेतु उनके सम्पर्क में आने वाला पहला भोज्य पदार्थ दूध ही होता है। शैशवावस्था से लेकर जीवन के प्रत्येक पड़ाव में शारीरिक वृद्धि, विकास एवं संरक्षण हेतु सभी आवश्यक पौष्टिक तत्त्व उचित मात्रा एवं अनुपात में दूध में उपस्थित होते हैं। विभिन्न स्तनधारियों की स्तनग्रन्थि का स्राव ही दूध कहलाता है; जैसे-गाय, भेड़, बकरी, ऊँट आदि।

दूध में अधिकांश मात्रा में जल विद्यमान होता है, जिसकी मात्रा लगभग 87.25% होती है। शेष भाग ठोस पदार्थ होता हैं, जिनमें वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि होते हैं। कुछ मात्रा में दूध में घुलनशील गैस, एंजाइम तथा रंग कण भी विद्यमान होते हैं।

दूध में पोषक तत्वों का अनुपात
पोषक तत्वों का अनुपात दूध के संगठन में निम्न प्रकार से हैं

1. जल दवा में अधिकांश मात्रा में जल होता है। दूध में लगभग 80-90% जल विद्यमान होता है, जिसमें विभिन्न पोषक तत्त्व निहित होते हैं। ये तत्त्व घुलित अवस्था अथवा पायस अवस्था में जल में पाए जाते हैं।

2. वसा दृध में 3.5% -7.5% तक वसा होती है, जिसका गठन जटिल लिपिड्स के मिश्रण से होता है। दूध का विशेष स्वाद दूध में उपस्थित वसा के कारण ही होता है। दूध में संतृप्त (62%) व असंतृप्त (37%) वसीय अम्ल उपस्थित होते हैं, जिनमें 426 कार्बन अणु श्रृंखला तक होते हैं। लघु श्रृंखला वाले वसीय अम्ल; जैसे—पारिटिक, ऑलिक और न्यूटायरिक अम्ल पाए जाते हैं। इसी कारण दूध में विशिष्ट गन्ध व फ्लेवर उत्पन्न होते हैं। वसा पायस के रूप में होने के कारण दूध में सुगमता से पच जाती है। भैंस के दूध में सर्वाधिक वसा होते हैं।

3. प्रोटीन दूध के मुख्य प्रोटीन हैं-केसीन, लैक्टोएल्यूमिन एवं लैक्टोग्लोब्यूलिन। यह प्रोटीन उत्तम प्रकार की प्रोटीन होती है। प्रमुख कार्बोज लैक्टोज शर्करा है। दूध का लैक्टोज शरीर द्वारा कैल्शियम तथा फास्फोरस के अवशोषण में सहायक होता है। लैक्टोज शर्करा आँत में लैक्टोबेसीलस जीवाणु की क्रिया से लैक्टिक अम्ल का निर्माण करती है। इसी कारण दूध से दही जमती है। यह आँतों में कोमल दही बनाती है व दूध की सुपाच्यता को बढ़ाती है। Ph को कम करके कैल्शियम सहित अन्य खनिज लवणों के अवशोषण में सहायता प्रदान करती है। 100 ग्राम दूध में 2.5-3.5 ग्राम प्रोटीन पाई जाती हैं।

4. खनिज तत्व दूध मुख्यतः कैल्शियम व फास्फोरस का उत्कृष्ट साधन है। इसका अवशोषण शीघ्रता से शरीर में हो जाता है। कैल्शियम की आवश्यकता आपूर्ति हेतु हमें प्रतिदिन दूध का सेवन करना चाहिए। दूध में लोहा, ताँबा, जस्ता, मैंगनीज, सिलिका तथा सल्फर भी अल्प मात्रा में घुलनशील अवस्था में पाए जाते हैं। दूध में खनिज लवणों की मात्रा 0.3% से 0.8% तक होती है।

5. विटामिन दूध में लगभग सभी प्रमुख विटामिन उपस्थित रहते हैं। घुलनशील विटामिन ‘ए’, ‘डी’, ‘इ’ एवं ‘के’ दूध की वसा में पाए जाते हैं। दूध में विटामिन ‘बी’ समूह का भी अच्छा साधन हैं। थायमिन साधारण मात्रा में ही पाया जाता है, परन्तु धूप व रोशनी के सम्पर्क में आने से लगभग आधा राइबोफ्लेविन नष्ट हो जाता है। दूध में विटामिन ‘सी’ व ‘डी’ अत्यन्त ही न्यून मात्रा में होता है और गर्म करने अथवा वायु के सम्पर्क में आने से नष्ट हो जाता है।

6. एंजाइम एंजाइम भी कुछ मात्रा में दूध में उपलब्ध होते हैं। एंजाइम एक आंगिक उत्प्रेरक है, जोकि रासायनिक अभिक्रिया को तीव्रता प्रदान करते हैं। इसी कारण ज्यादा देर तक बिना गरम किए दूध को रखने पर वह फट जाता है या खट्टा हो जाता है। दूध में उपस्थित लाइपेज, एंजाइम वसा विघटन में, अमायलेस, काज विघटन में, प्रोटीएस, प्रोटीन विघटन में वे लैक्टोज एंजाइम दूध के लैक्टोज विघटन में सहायक है।

प्रश्न 5.
पोषण को परिभाषित करते हुए कुपोषण के कारण व लक्षण पर प्रकाश डालिए।
अथवा
पोषण व कुपोषण को परिभाषित कीजिए एवं कुपोषण के कारण व लक्षणों का वर्णन कीजिए।
अथवा
पोषण की परिभाषा देते हुए भोजन के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
पोषण का अर्थ एवं परिभाषा
संसार का प्रत्येक व्यक्ति जीवन जीने व अपनी दिनचर्या चलाने के लिए भोजन ग्रहण करता है। उस भोजन की मात्रा प्रत्येक आयु, वर्ग, शारीरिक स्थिति, जलवायु, देश, क्रियाशीलता आदि तत्त्वों से प्रभावित होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति की पोषक तत्वों की माँग, अन्य किसी व्यक्ति से भिन्न होती है।

पोषण विज्ञान द्वारा हम यह ज्ञात कर सकते हैं कि हमें अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार कैसा आहार ग्रहण करना चाहिए, ताकि हमें उस आहार में निहित पोषक तत्त्वों का पूर्ण लाभ मिल सके। आहार विज्ञान पोषण विज्ञान को प्रायोगिक तरीके से अपनाने का ज्ञान प्रदान करता है। अतः इसके द्वारा व्यक्ति किसी भी व्यक्ति के लिए उपयुक्त आहार नियोजन कर सकता है।

टर्नर के अनुसार, “पोषण उन प्रक्रियाओं का संयोजन है, जिनके द्वारा जीवित प्राणी अपनी क्रियाशीलता को बनाए रखने के लिए तथा अपने अंगों की वृद्धि एवं उनके पुनर्निर्माण हेतु आवश्यक पदार्थों को प्राप्त करता है व उनका उपभोग करता है। इस प्रकार पोषण शरीर में भोजन के विभिन्न कार्यों को करने की सामूहिक प्रक्रिया का ही नाम है।

पोषक के प्रकार
शरीर को ऊर्जा एवं पोषण देने वाला आहार में अनेक रासायनिक तत्त्वों का मिश्रण होता है। इन्हीं रासायनिक तत्वों को मनुष्य की आवश्यकताओं की दृष्टि से 6 मुख्य समूहों में बाँटा गया है।

  1. प्रोटीन
  2. कार्बोज (कार्बोहाइड्रेट)
  3. वसा
  4. विटामिन्स
  5. खनिज लवण
  6. जल

कुपोषण
जब व्यक्ति अपनी शारीरिक संरचना के अनुसार भोजन ग्रहण नहीं करता, तब वह उस भोजन के पोषक तत्वों का पूर्णतः लाभ नहीं उठा पाता व उसका शारीरिक विकास उसकी आयु अनुसार नहीं होता और इससे उसकी कार्यक्षमता भी पूरी नहीं होती, तो वह कुपोषण कहलाता है।

भारतवर्ष में कुपोषण व उसके कारण
जब व्यक्ति को उसकी शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार पोषक तत्वों से भरपूर भोजन नहीं मिलता या ऐसा भोजन मिलता हो जिसमें उसकी आवश्यकता से अधिक पोषक तत्त्व हों, तो उसके शरीर में पोषक तत्वों की स्थिति को कुपोषण कहते हैं। दूसरे देशों की अपेक्षा पोषण विज्ञान का हमारे देश की जनसंख्या को ज्ञान न होने के कारण हमारे देश में कुपोषण अधिक है और इसी कारण यहाँ मृत्यु-दर भी अधिक है। पोषक तत्त्वों के अभाव के कारण व्यक्ति अविकसित व रोगग्रस्त हो जाता है।

स्वास्थ्य की इस दशा के प्रमुख कारण निम्न हैं।

  1. खाद्य पदार्थों का अभाव
  2. निर्धनता
  3. अशिक्षा व अज्ञानता
  4. मिलावट
  5. जनसंख्या की अधिकता

कुपोषण के लक्षण

  • शरीर – छोटा, अपर्याप्त रूप से विकसित
  • भार – अपर्याप्त भार, आवश्यकता से अधिक या कम
  • मांसपेशियाँ – छोटी या अविकसित, कम कार्यशील
  • त्वचा तथा रंग-रूप – झुर्रिया युक्त,पीलापन लिए भूरे रंग की त्वचा
  • नेत्र – अन्दर धंसी हुई निर्जीव आँखें ।
  • निद्रा – निद्रा आने में कठिनाई

भोजन के कार्य
मनुष्य जब भोजन ग्रहण करता है, तब वह उस भोजन में निहित पोषक तत्वों को ग्रहण करता है। जब इन पौष्टिक तत्त्वों का सम्पादन शरीर में होता है, तो शरीर में इनका निम्न प्रभाव पड़ता है।

  1. शरीर का सुविकसित निर्माण।
  2. कार्यक्षमता बढ़ाने हेतु ऊर्जा प्रदान करना।
  3. शरीर के प्रत्येक अंग को उसकी आवश्यकता के अनुसार पोषक तत्व पहुँचाकर क्रियाशील बनाए रखना।
  4. विभिन्न कार्यों को करते हुए या आयु अनुसार शरीर में हुई टूट-फूट की पूर्ति करना।
  5. शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना।

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UP Board Class 12 Economics Model Papers Paper 4

UP Board Class 12 Economics Model Papers Paper 4 are part of UP Board Class 12 Economics Model Papers. Here we have given UP Board Class 12 Economics Model Papers Paper 4.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject  Economics
Model Paper Paper 4
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 12 Economics Model Papers Paper

समय: 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक : 100
निर्देश
प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
नोट

  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 12 तक बहुविकल्पीय प्रश्न हैं, जिनका केवल सही उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखना है, प्रश्नपंख्या 13 से 16 तक अतिलघु उत्तरीय प्रश्न हैं, जिनका उत्तर प्रत्येक लगभग 25 शब्दों में लिखना है, प्रश्न संख्या 17 से 22 तक लघु उत्तरीय प्रश्न हैं, जिनका उत्तर प्रत्येक लगभग 50 शब्दों में लिखना है तथा प्रश्न संख्या 23 से 28 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं, जिनका उत्तर प्रत्येकलगभग 150 शब्दों में लिखना है।
  • प्रत्येक प्रश्न के निर्धारित अंक उसके सम्मुख अंकित हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कुल उत्पादन बढ़ने पर उत्पादन की परिवर्तनशील लागत [1]
(a) घटती है।
(b) बढ़ती है।
(c) पहले बढ़ती है, फिर घटती है
(d) अपरिवर्तित रहती है।

प्रश्न 2.
लगान के आधुनिक सिद्धान्त के प्रतिपादक का नाम है । [1]
(a) डेविड रिकार्डो
(b) एडम स्मिथ
(C) जे. आर. हिक्स
(d) श्रीमती जॉन रॉबिन्सन

प्रश्न 3.
लाभ का अनिश्चितता वहन करने के सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने दिया? [1]
(a) एफ. एच. नाइट
(b) पी. एम. स्टीजी
(c) डी. पैटिन्किन
(d) आर. जी. हा

प्रश्न 4.
व्यापार कर किसके द्वारा लगाया जाता है?[1]
(a) केन्द्र सरकार
(b) राज्य सरकार
(C) नगरपालिका
(d) दुकानदार

प्रश्न 5.
वर्तमान समय में भारत की राष्ट्रीय आय में सर्वाधिक अंश है [1]
(a) कृषि क्षेत्र का
(b) औद्योगिक क्षेत्र का
(C) प्रसंस्करण उद्योगों का
(d) सेवा क्षेत्र का

प्रश्न 6.
औसत लागत का सूत्र है। [1]
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UP Board Class 12 Economics Model Papers Paper 4 image 2
प्रश्न 7.
निम्नलिखित में व्यापारिक बैंकों का कौन-सा कार्य है? [1]
(a) साख नियन्त्रण
(b) नोटों का निर्गमन
(c) विदेशी विनिमय नियन्त्रण
(d) साख सृजन

प्रश्न 8.
बारहवीं पंचवर्षीय योजना की समयावधि है। [1]
(a) 2002-07
(b) 2007-12
(c) 2011-16
(d) 2012-17

प्रश्न 9.
भारत में अन्तरिक्ष आयोग की स्थापना की गई [1]
(a) वर्ष 1961 में।
(b) वर्ष 1972 में
(c) वर्ष 1975 में
(d) वर्ष 1980 में

प्रश्न 10.
भारत का कितने प्रतिशत विदेशी व्यापार समुद्री मार्ग से किया जाता है? [1]
(a) 60%
(b) 70%
(c) 80%
(d) 90%

प्रश्न 11.
केन्द्रीय प्रवृत्ति की एक माप है। [1]
(a) समान्तर माध्य
(b) माध्य विचलन
(c) प्रमाप विचलन
(d) सह-सम्बन्ध

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में कौन-सी योजना उद्योग प्रधान था? [1]
(a) पहली
(b) पाँचवीं
(C) दूसरी
(d) दसवीं

उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 13.
लोकवित्त की परिभाषा एवं महत्त्व का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। [4]

प्रश्न 14.
सकल घरेलू उत्पाद और सकल राष्ट्रीय उत्पाद में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [4]

प्रश्न 15.
भारत में परिवार कल्याण कार्यक्रम की सफलता के लिए कोई चार सुझाव दीजिए। [4]

प्रश्न 16.
सूचकांकों की विशेषताएँ बताइए। [4]

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 17.
विनिमय से क्या लाभ है? वर्णन कीजिए। [5]

प्रश्न 18.
सकल एवं शुद्ध ब्याज में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [5]

प्रश्न 19.
पूर्ण व अपूर्ण प्रतियोगिता में अन्तर बताइए। [5]

प्रश्न 20.
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना क्या है? [5]

प्रश्न 21.
भारत में जनसंख्या के घनत्व को प्रभावित करने वाले चार प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए। [5]

प्रश्न 22.
भारत के विदेशी व्यापार की मुख्य प्रवृत्तियाँ बताइए। [5]

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 23.
अपूर्ण प्रतियोगिता का अर्थ समझाइए। दीर्घकाल में कीमत निर्धारण . किस प्रकार होता.है? [7]
अथवा
कुल लागत, औसत लागत तथा सीमान्त-लागत का अर्थ बताइए तथा उदाहरण देकर सीमान्त-लागत व औसत लागत के बीच सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए। [7]

प्रश्न 24.
वितरण से आप क्या समझते हैं? वितरण की समस्याओं के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। [7]
अथवा
रिकाडों के लगान सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए। [7]

प्रश्न 25.
केन्द्र सरकार के व्यय की मदों को लिखिए। [7]
अथवा
राष्ट्रीय आय क्या है? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए। [7]

प्रश्न 26.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारणों को स्पष्ट कीजिए। [7]
अथवा
नाबार्ड क्या है? नाबार्ड के कार्य बताइए। [7]

प्रश्न 27.
सामाजिक वानिकी से क्या आशय है? इस कार्यक्रम की सफलता के लिए चार सुझाव दीजिए। [7]
अथवा
भारत में अन्तरिक्ष शोध कार्यक्रम की प्रगति पर प्रकाश डालिए। [7]

28. निम्नलिखित सारणी से प्रत्यक्ष विधि द्वारा समान्तर माध्य की गणना कीजिए। [7]

वर्ग अन्तराल

आवृति

0-10

8

10-20

4

20-30

6

30-40

3

40-50

2

अथवा
निम्नलिखित आँकड़ों के लिए माध्यिका की गणना कीजिए। [7]

प्राप्तांक 10-15 15-20 20-25 25-30 30-35 35-40
विद्यार्थियों की संख्था 40 52 68 58 32 20

Answers

उतर 1.
(b)

उतर 2.
(d)

उतर 3.
(a)

उतर 4.
(b)

उतर 5.
(d)

उतर 6.
(a)

उतर 7.
(d)

उतर 8.
(d)

उतर 9.
(b)

उतर 10.
(d)

उतर 11.
(a)

उतर 12.
(d)

उतर 28.
समान्तर माध्य (X) = 19.35
अथवा
माध्यिका (M) = 23.16

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