UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 21 चित्रकथा लेखन

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 21 चित्रकथा लेखन

चित्रकथा लेखन कहानी

एक लड़का जिसका नाम इलू था, सड़क पर जा रहा था। सामने से उसे एक बैलगाड़ी आती दिखाई दी। उसने बैलगाड़ी वाले से कहा कि ……………………….. शेष कहानी विद्यार्थी स्वयं पूरी करें।

कितना सीखा – ४

प्रश्न १.
नीचे लिखे शब्दों का शुद्ध उच्चारण करते हुए अर्थ बताओ (अर्थ बताकर )
शब्द – अर्थ
ममता – मोह
हृष्ट-पुष्ट – मजबूत और स्वस्थ
आश्चर्य – अचंभा
यकीन – विश्वास
भग्न – टूटा हुआ
निहित – छिपा होना
गिरा – बोली
श्रद्धा – प्रशंसा (आदर से)
कार्यक्रम – आयोजन
प्रदर्शनी – नुमाइश
मुग्ध – आश्चर्यचकित
हुज्जत – बहस
स्मृतिशाला – स्मरणीय स्थल
निशीथ – आधी रात
स्नेह – प्रेम, प्यार
बानी – 
वाणी. बोली

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प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो (प्रयोग करके)
विश्राम – परिश्रम करने के बाद विश्राम करना चाहिए।
स्नेह – माता को पत्र से स्वाभाविक स्नेह होता है।
अभ्यस्त – वह सुन्दर लेख लिखने का अभ्यस्त है।
प्रदर्शनी – हमारे शहर में प्रत्येक वर्ष प्रदर्शनी लगती है।
कवि – जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि।
पुष्प – वीरों की समाधि पर पुष्प चढ़ाए जाते हैं।
सरलता – शास्त्री जी सरलता की साक्षात् मूर्ति थे।
उद्देश्य – अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए पुरुषार्थ करना चाहिए।
कठोर – कठोर प्रशिक्षण देने के लिए कठोर अनुशासन पर ध्यान दिया जाता है।

प्रश्न ३.
नीचे लिखे विशेषण शब्दों को संज्ञा में बदलो (बदलकर)
विशेषण – संज्ञा
स्वतन्त्र – स्वतन्त्रता
सफेद – सफेदी
दीन – दीनता

बुरा – बुराई
सरल – 
सरलता
अनुकरणीय – अनुकरण

प्रश्न ४.
चार-चार शब्द लिखो, जो उपसर्ग और प्रत्यय के योग से बने हों।
उत्तर:
निराहार, निर्मल
सुमति, निर्विकार
दयावान, रमणीय
क्षमाशील, स्मरणीय

प्रश्न ५.
नीचे लिखे शब्दों के समानार्थी शब्द लिखो (समानार्थी शब्द लिखकर)
शब्द – समानार्थी
गाथा – कहानी
भ्रम – शक
फल – नतीजा
रण – युद्ध
एकत्र – संचित
स्वाधीन – स्वतन्त्र

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प्रश्न ६.
नीचे कुछ पात्र दिए गए हैं। इनका प्रयोग करते हुए एक कहानी बनाओ- चींटी, चावल, वर्षा, पहाड़, आग।
नोट – विद्यार्थी कहानी स्वयं बनाएँ।

प्रश्न ७.
उत्तर दो
(क) अपना घर क्यों अच्छा लगता है?
उत्तर:
अपने घर में हर सुख-सुविधा के साथ अपनापन मिलने के कारण वह अच्छा लगता है।

(ख) पौधे को किस-किस चीज की जरूरत होती है?
उत्तर:
पौधे को हवा, पानी और प्रकाश की जरूरत होती है।

(ग) रेवती को पौधा कैसे मिला?
उत्तर:
रेवती को प्रदर्शनी में पौधा मिला।

(घ) महन्त अन्धेर नगरी को क्यों छोड़कर चला गया?
उत्तर:
महन्त अन्धेर नगरी के अन्धेर से बचने के लिए चला गया।

(ङ) गोबर्धनदास की जान कैसे बची?
उत्तर:
गोबर्धनदास की जान महन्त की तरकीब से बची।

(च) झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम इतिहास में अमर क्यों है?
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई ने अभूतपूर्व युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हुए अंग्रेजों से लोहा लिया और वीरगति पाई। इस कारण वह इतिहास में अमर है।

प्रश्न ८.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
(क) थककर जब वापस आते हैं, कैसे बिछ-बिछ जाता घर।
भाव:
जब हम परिश्रम करने के बादं थककर घर आते हैं; तब लगता है, मानो सारा घर स्वागत करने के लिए तैयार हो।

(ख) उसके फूल यहीं संचित हैं, है यह स्मृति शाला-सी।
भाव:
समाधि में रानी की हड्डियों के अवशेष (फूल) इकट्ठे हैं, मानो वह उसकी स्मृतिशाला (यादगार) हो।

(ग) आहुति-सी गिर चढ़ी चिता पर चमक उठी ज्वाला-सी।
भाव:
स्वाधीनता के महायज्ञ में रानी ने अपनी आहुति दे दी। चिता की ज्वाला ने उनकी गरिमा और महिमा और बढ़ा दी।।

(घ) रानी से भी अधिक हमें अब यह समाधि है प्यारी।
भाव:
हमें अब रानी लक्ष्मीबाई की समाधि उससे भी अधिक प्यारी लगती है; क्योंकि इसमें स्वतंत्रता की आशा की चिनगारी निहित है।

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प्रश्न ९.
लिखो/करो
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न १०.
अपनी पसन्द की कोई कहानी सुनाओ।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न ११.
ये कथन किनके हैं?
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प्रश्न १२.
इन काव्य पंक्तियों के रचयिताओं के नाम बताओ
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कितना सीखा – ५

प्रश्न १.
निम्नलिखित शब्दों का अर्थ बताते हुए वाक्यों में प्रयोग करो (प्रयोग करके)
शब्द = अर्थ – 
वाक्य प्रयोग
निनाव = स्वर – नदी कल-कल निनाद करती है।
स्मित = मुसकान – चन्द्रमा ईश्वरीय स्मित प्रदर्शित करता है।
परिश्रम = मेहनत 
– परिश्रम जीवन में सफलता की कुंजी है।
उपवास = व्रत 
– हफ्ते में एक बार उपवास करना चाहिए।
लक्ष्य = उद्देश्य 
– परोपकार करना मानव-जीवन का लक्ष्य है।
विह्वल = परेशान, बेचैन – मन की विह्वलता कमजोरी का नाम है।
वत्सल = पुत्र समान मानना – श्री कृष्ण को भक्त-वत्सल कहा जाता है।
संकल्प = निश्चय – दृढ़-संकल्प से सब कार्य सिद्ध होते हैं।
दृष्टान्त = उदाहरण – दृष्टान्त देते हुए समझाया जाता है।
किसलय = नए कोमल पत्ते – वसन्त में नवीन किसलय सुन्दर होते हैं।
सुपुर्द = सौंपना 
– उदयसिंह को पन्ना धाय के सुपुर्द किया गया।
गौरव = महिमा 
– वीरों की गौरव-गाथा सभी सुनते हैं।
प्रखर = तेज
– तिलक की बुद्धि प्रखर थी।
मग = रास्ता 
– मग में पग सँभलकर रखना चाहिए।
अवरुद्ध = रोकना 
– रास्ता अवरुद्ध होने से आना-जाना रुक गया।
यथेष्ट = काफी 
– सफलता के लिए यथेष्ट परिश्रम करना चाहिए।
अपव्यय = गलत खर्च – अपव्यय करना बुरी बात है।
महोत्सव = महान उत्सव – वसन्त उत्सव महोत्सव है।
अत्युक्ति = अतिशयोक्ति – बढ़ा-चढ़ा कर कहने को अत्युक्ति कहते हैं।
निहित = शामिल – लक्ष्मीबाई की समाधि में स्वतन्त्रता की चिंगारी निहित है।

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प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों में से “संज्ञा’, ‘सर्वनाम’, ‘विशेषण’ और क्रिया-विशेषण छाँटकर लिखो (लिखकर )
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प्रश्न ३.
(क) तीन-तीन शब्द लिखो, जो नीचे दिए गए उपसर्गों से बने हों
अप – अपमान, अपकीर्ति, अपशब्द निर्-निर्मल, निद्वन्द्व, निर्विघ्न
कु – कुमति, कुसंग, कुपुत्र

(ख) तीन-तीन शब्द लिखो, जो नीचे प्रत्यय से जुड़कर बने हों
मान – मतिमान, बेईमान, अपमान
ई – विजयी, दानी, धनी आवट-लिखावट, घिसावट, मिलावट

प्रश्न ४.
नीचे लिखे मुहावरों का अर्थ सहित अपने वाक्यों में प्रयोग करो|
सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना – शुरुआत में ही मुसीबत आना- सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने से हिम्मत टूट जाती है।
रफूचक्कर होना – भाग जाना- सिपाही को देखकर चोर रफूचक्कर हो गया।
घी के चिराग जलाना – खुशी मनाना- राम, सीता और लक्ष्मण के अयोध्या आने पर लोगों ने घी के चिराग जलाए।
हक्का-बक्का रह जाना – आश्चर्यचकित रह जाना- लड़की के सफेद झूठ से मैं हक्काबक्का रह गया।
दाँत खट्टे करना – पराजित करना- पांडवों ने कौरवों के दाँत खट्टे कर दिए।
बिल्ली का रास्ता काट जाना – अपशगुन होना- अभी यात्रा पर मत जाओ, थोड़ा ठहर जाओ, क्योंकि बिल्ली रास्ता काट गई।

प्रश्न ५.
नीचे लिखे तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखो (तत्सम रूप लिखकर)
तद्भव शब्द – तत्सम रूप
कृषी – कृषि
मानुष – मनुष्य
पसु – पशु
सोभित – शोभित

कादर – कायर
राज  – राज्य
आठहुँ – आठों
सम्पति – संपत्ति

प्रश्न ६.
वाक्यांश के लिए एक-एक शब्द लिखो (एक शब्द लिखकर)
वाक्यांश – एक शब्द
देश से प्रेम करनेवाला – 
देशप्रेमी
सत्य के लिए आग्रह – 
सत्याग्रह
सदैव सत्य बोलनेवाला – 
सत्यवादी
लोहे की तरफ मजबूत तन-मनवाला पुरुष – लौहपुरुष

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प्रश्न ७.
नीचे लिखे शब्दों के समानार्थी शब्द लिखो (समानार्थी शब्द लिखकर)
शब्द – समानार्थी
परिश्रम – मेहनती
वंशी – बाँसुरी
यथेष्ट – इच्छित
विघ्न – बाधा
निरन्तर – लगातार
मानव  – योद्धा
शूल – काँटा

प्रश्न ८.
नीचे लिखे शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द लिखो (लिखकर )
आकाश – नभ, अंबर, आसमान
अग्नि – पावक, आग, हुताशन
पानी – जल, अंबु, तोय, वारि, सलिल
चन्द्रमा – चाँद, चन्द्र, मयंक .
कमल – जलज, पंकज, अरविंद

प्रश्न ९.
नीचे लिखे शब्दों के विपरीतार्थक (विलोम) शब्द लिखो (लिखकर)
शब्द – विलोम
सुलभ – दुर्लभ
पुरस्कार – दण्ड
कुपात्र – सुपात्र
यश – अपयश
सुरक्षित – असुरक्षित
ताजा – बासी
सज्जन – दुर्जन 

प्रश्न १०.
नीचे लिखे शब्दों को वर्णमाला के क्रम में लिखो (लिखकर )
प्रतिदिन, सुमति, हिमालय, कर्तव्य, अधिकार, खरगोश, दीन

वर्णमाला का क्रम – अधिकार, कर्तव्य, खरगोश, दीन, प्रतिदिन, सुमति, हिमालय।

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प्रश्न ११.
नीचे लिखे वाक्यों को ठीक करो (वाक्य ठीक वाक्य)

  • देता है हमें प्रकाश और ऊर्जा सूर्य। – सूर्य हमें प्रकाश और ऊर्जा देता है।
  • मैं आपके रक्षा करूँगा की परिवार – मैं आपके परिवार की रक्षा करूँगा।
  • उठा हृदय उसका भर से खुशी। – खुशी से उसका हृदय भर उठा।
  • वह है प्रतिदिन करता व्यायाम। – वह प्रतिदिन व्यायाम करता है।

प्रश्न १२.
उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग करो (प्रयोग करके)

  • ओह! पिछली रात मुझे बाहर जाना पड़ा।
  • राधा ने झुर्रियों से भरे चेहरे की ओर देखा और कहा, “आपका परिवार कहाँ है?”
  • तुम इस समय कहाँ जा रहे हो?
  • अपनी कॉपी, किताब, पेंसिल लेकर यहाँ आओ।

प्रश्न १३.
नीचे प्रत्येक पंक्ति में दो-दो वाक्य दिए गए हैं। ‘और’ ‘लेकिन’ ‘इसीलिए’ ‘क्योंकि’ का प्रयोग करते हुए इनका एक-एक वाक्य बनाओ- (वाक्य बनाकर)
उसे बस नहीं मिली। वह देर से घर पहुंचा।
उसे बस नहीं मिली इसलिए वह देर से घर पहुंचा।

गीतिका बाजार गई। उसने कुछ पुस्तकें खरीदीं।
गीतिका बाजार गई और उसने कुछ पुस्तकें खरीदीं।

हम खेत से वापस आ गए। वर्षा होने लगी थी।
हम खेत से वापस आ गए क्योंकि वर्षा होने लगी थी।

मैंने उसे बहुत समझाया। उसने नहीं माना।
मैंने उसे बहुत समझाया लेकिन उसने नहीं माना।

प्रश्न १४.
उत्तर दो
नोट – विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तरों हेतु संबंधित पाठों के प्रश्न-उत्तर पढ़ें।

प्रश्न १५.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
नोट – विद्यार्थी इन पंक्तियों के भाव हेतु संबंधित पाठ के भावार्थ पढ़ें।

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प्रश्न १६.
(क) बताओ

  • इस पुस्तक की तुम्हें कौन-सी कविता अच्छी लगी और क्यों?
  • कौन-सी कहानी अच्छी लगी और क्यों?
  • कौन-सा निबंध/जीवनी अच्छी लगी और क्यों?

नोट – विद्यार्थी स्वयं बताएँ।

(ख) हमें कैसा व्यवहार करना चाहिएबुजुर्गों के प्रति .

  • विकलांगों के प्रति
  • पशु-पक्षियों के प्रति
  • वृक्षों के प्रति
  • अपने से छोटों के प्रति

उत्तर:
हमें सभी के प्रति उचित एवं दया का व्यवहार करना चाहिए।

प्रश्न १७.
लिखो

  • किसी विषय पर एक कविता
  • एक कहानी
  • एक निबंध

नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं लिखें।

प्रश्न १८.
सुनाओ- अपने क्षेत्र में प्रचलित कोई लोक-कथा।
नोट – विद्यार्थी अपने क्षेत्र / परिवेश में प्रचलित लोक-कथा स्वयं सुनाएँ।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 20 झाँसी की रानी की समाधी पर

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 20 झाँसी की रानी की समाधी पर

झाँसी की रानी की समाधि पर शब्दार्थ

दिव्य = चमकता हुआ, अति सुन्दर
लघु = छोटी
भग्न = टूटी हुई
संचित = इकट्ठा
फूल = चिता जलने के बाद हड्डियों के अवशेष
मूल्यवती = बहुत कीमती
निहित = छिपा कर रखा हुआ
निशीथ = अर्धरात्रि, क्षुद्र
जन्तु = छोटे जीव जन्तु
गिरा = वाणी

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 20 झाँसी की रानी की समाधी पर

इस समाधि ………………………………..……………….. मरदानी की।

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी कवयित्री ‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ हैं।

भावार्थ – कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान रानी लक्ष्मीबाई की समाधि के विषय में कहती हैं कि इस समाधि में राख की एक ढेरी छिपी है। वह जलकर अमर हो गई। उसने स्वतंत्रता की बलिवेदी पर मिटकर अपनी चिता की ज्वाला के रूप में चमकती हुई सुन्दर आरती की। यह छोटी समाधि उस वीरांगना लक्ष्मीबाई की अंतिम लीलास्थली है।

यहीं कहीं ………………………………………… ज्वाला-सी॥

भावार्थ – रानी लक्ष्मीबाई टूटी हुई विजयमाला के समान इसी समाधि के आस-पास स्वर्ग सिधार गई। उनकी हड्डियों के अवशेष (फूल) यहीं पर इकट्ठे हैं, मानो यह समाधि उनका स्मृति स्थल हो। उस वीरांगना ने अंग्रेजों के अनेक हमले मरने तक सहन किए। उसने स्वाधीनता के महायज्ञ में अपनी आहुति दे दी। चिता की ज्वाला से उसका व्यक्तित्व और भी चमकीला बन गया।

बढ़ जाता है …………………………….…………. चिनगारी॥

भावार्थ – युद्ध में वीरगति पाने से वीर योद्धा का मान-सम्मान बढ़ जाता है, ठीक वैसे ही जैसे- स्वर्ण-भस्म स्वर्ण से भी मूल्यवान होती है। हमें अब रानी की समाधि, उनसे भी अधिक प्रिय लगने लगी है। क्योंकि इसमें स्वाधीनता की आशा की चिंगारी निहित है।

इससे भी सुन्दर …………………………………………….. बानी॥

भावार्थ – रानी लक्ष्मीबाई की समाधि से भी सुन्दर समाधियाँ संसार में मौजूद हैं परन्तु उन समाधियों की कहानी आधी रात में छोटे-मोटे जन्तु ही सुनते-सुनाते हैं। अर्थात् उन पर अन्धेरे में कीडे-मकोडे बोलते विचरते हैं लेकिन रानी लक्ष्मीबाई की समाधि की अमर कहानी कवियों की वाणी में चिरस्मरणीय हो गई है। वीरों की शौर्य-गाथाएँ कवि लोग स्नेह और श्रद्धा के साथ बखान करते हैं।

बुन्देले ……………………………………..………… वाली रानी॥

भावार्थ – कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान कहती हैं कि हमने बुन्देलखण्ड के रहनेवाले लोगों से रानी की वीरता की कहानियाँ सुनी हैं। इस वीरांगना ने अँगरेजों से डटकर लोहा लिया था, जिसके कारण वह झाँसी की रानी के नाम से प्रसिद्ध हुई।

झाँसी की रानी की समाधि पर अभ्यास प्रश्न

भाव बोध :

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) रानी की समाधि में किस प्रकार की राख की ढेरी छिपी है?
उत्तर:
रानी की समाधि में स्वाधीनता की चिनगारी की राख की ढेरी छिपी है।

(ख) ‘रानी की समाधि में स्वतन्त्रता की आशा की चिंगारी छिपी है’ ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर:
ऐसा इसलिए कहा गया है कि १८५७ का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम बाद में मिली स्वतंत्रता (१५ अगस्त, १९४७) का पूर्व प्रतीक था।

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(ग) रानी की समाधि तथा अन्य समाधियों में क्या अंतर है?
उत्तर:
अन्य समाधियाँ चाहे बहुत सुन्दर बनी हों, परन्तु उनकी गाथाएँ कीड़े-मकोड़े गाते हैं; जबकि रानी लक्ष्मीबाई की समाधि की कहानी स्नेह और श्रद्धा के साथ कवियों की वाणियों में अमर है।

(घ) झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम इतिहास में अमर क्यों है?
उत्तर:
रानी ने देश को स्वाधीन कराने के लिए अभूतपूर्व युद्ध कौशल दिखाते हुए, अंग्रेजों से लोहा लिया। इस कारण वह इतिहास में अमर हैं।

प्रश्न २.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो (स्पष्ट करके)
(क) पर कवियों ………………………………… बानी॥
(ख) बढ़ जाता ………………..
……………….. सोने से॥
नोट – विद्यार्थी इन पंक्तियों के लिए पाठ का भावार्थ पढ़ें।

प्रश्न ३.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (पूर्ति करके)
यहीं कहीं पर बिखर गई वह भग्न विजयमाला-सी। उसके फूल यहीं संचित हैं, है यह स्मृतिशाला-सी।

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प्रश्न ४.
‘क’ वर्ग में दिए शब्दों के समानार्थी शब्द ‘ख’ वर्ग से ढूँढ़कर लिखो
‘क’ – ‘ख’
स्वतंत्र – स्वाधीन
गाथा – कहानी
गिरा – वाणी
रण – युद्ध
संचित – एकत्र
भस्म – राख

अब करने की बारी
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 19 अन्धेर नगरी

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 19 अन्धेर नगरी

अन्धेर नगरी शब्दार्थ

टका = ताँबे का पुराना सिक्का
कसूर = अपराध, दोष, गलती
हुज्जत = विवाद, बहस, झगड़ा
गुलाम = दास, नौकर
भाजी = साग-सब्जी
सबब = कारण

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अन्धेर नगरी पाठ का सारांश

महन्त जी अपने शिष्य गोबर्धनदास और नारायणदास के साथ एक सुन्दर नगरी में आते हैं। नारायणदास गुरु जी से कहता है कि नगरी सुन्दर तभी होगी, जब हमें सुन्दर भिक्षा मिले। गुरुजी के आदेश से नारायणदास पूर्व की ओर तथा गोबर्धनदास पश्चिम की ओर भिक्षा माँगने जाते हैं।

गोवर्धनदास कुंजड़िन से भाजी का भाव पूछता है। वह टके सेर भाजी का भाव बताती है। फिर गोबर्धनदास हलवाई से मिठाई का भाव पूछता है। मिठाई भी टके सेर ही बिकती है। गोबर्धनदास हलवाई से नगरी और राजा का नाम पूछता है। यह बताता है- अन्धेर नगरी, अनबूझ राजा।

गोबर्धनदास वाह वाह करते हुए दोहराता है-अन्धेर नगरी, अनबूझ राजा।
टके सेर भाजी, टके सेर खाजा।

गोबर्धनदास सात पैसे भिक्षा में लाकर साढ़े तीन सेर मिठाई लाता है। गोबर्धनदास गुरु जी को नगरी और राजा के विषय में बताता है। गुरु जी नगरी छोड़कर चले जाते हैं। गोबर्धनदास नहीं जाता। गुरु जी गोबर्धनदास से मुसीबत में याद कर लेने को कहते हैं।

एक दिन एक फरियादी राजा के पास आता है। उसकी बकरी बनिए की दीवार के नीचे दबकर मर गई। बनिया राजा के सामने आकर दीवार बनानेवाले कारीगर का दोष बताता है।

कारीगर आकर, चूनेवाले का दोष बताता है। चूनेवाला ज्यादा पानी डाल देने के कारण भिश्ती का दोष बताता है। भिश्ती ने कसाई का दोष बताया कि उसने बड़ी मसक बना दी। कसाई ने गड़रिए का दोष बताया कि उसने बड़ी भेड़ बेच दी। गड़रिए ने कहा कि कोतवाल का कसूर है। आपकी सवारी निकली। अधिक भीड़ होने से छोटी-बड़ी भेड़ की पहचान नहीं हो सकी। राजा ने कोतवाल को फाँसी लगाने का हुक्म दिया। कोतवाल पतला था। फाँसी का फंदा बड़ा था; अतः राजा ने किसी भी मोटे आदमी को फाँसी का हुक्म दे दिया। सिपाही गोबर्धनदास को पकड़ लाए। वह मिठाई खा-खाकर मोटा हो गया था। उसने फाँसी से बचने के लिए गुरु जी को याद किया। गुरु जी ने आकर उसके कान में कुछ कहा। गोबर्धनदास ने फौरन फाँसी चढ़ने की तैयारी की। गुरु जी ने भी स्वयं को फाँसी लगवानी चाही। पूछताछ के बाद पता चला कि यह घड़ी बहुत शुभ है। इस समय फाँसी चढ़ने वाला सीधा स्वर्ग जाएगा। अंत में राजा ने स्वयं को ही फाँसी लगवाना उचित समझा। राजा को फाँसी लगा दी गई।

अन्धेर नगरी अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक से उपयुक्त शब्द चुन कर करो (चुनकर)
(क) नगर तो बहुत सुन्दर है पर भिक्षा भी सुन्दर मिले तो बहुत आनंद हो। (भोग, रुपये, कपड़े, भिक्षा)
(ख) सात पैसे भीख में मिले थे, उसी से साढ़े तीन सेर मिठाई मोल ली है। 
(तीन सेर, साढ़े तीन किलो, साढ़े तीन सेर)
(ग) अन्धेर नगरी अनबूझ राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा। 
(मंत्री, मिठाई, खाजा, सिपाही, अनबूझ राजा)
(घ) इस समय ऐसी शुभ घड़ी में जो मरेगा, सीधा स्वर्ग जाएगा।
 (नरक, सीधा शहर, सीधा स्वर्ग, सीधे अपने घर)

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प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों की वर्तनी शुद्ध करो (वर्तनी शुद्ध करके)
दिवार – दीवार
गणेरिया – गड़रिया
फाँसी – फाँसी
महन्थ – महन्त

गोबर्धनदास – गोबर्धनदास
भिस्ती – भिश्ती
हूज्जत – हुज्जत 

प्रश्न ३.
नीचे कुछ विशेषण दिए गए हैं। उन्हें उनके आगे दिए गए उचित विशेष्य से जोड़ो (जोड़कर)
विशेषण  – विशेष्य
सुन्दर – नगर
चौपट – राजा
बड़ी – भेड़

टका सेर – भाजी
अन्धेर – नगरी
शुभ – घड़ी

बोधप्रश्न

प्रश्न १
उत्तर दो
(क) नगर को अन्धेर नगरी क्यों कहा गया है?
उत्तर:
नगर को अन्धेर नगरी कहा गया; क्योंकि वहाँ का राजा अनबूझ था। वहाँ सब चीजों का एक ही भाव था। वहाँ न्याय और अन्याय में कुछ भी अन्तर नहीं था।

(ख) महन्त अन्धेर नगरी को क्यों छोड़कर चला गया?
उत्तर:
महन्त नगरी के अन्धेर से बचने के लिए वहाँ से चला गया।

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(ग) शिष्य अपने गुरु के साथ क्यों नहीं लौटा?
उत्तर:
शिष्य को सस्ते में खूब मिठाई खाने का चाव था। इस कारण वह नहीं लौटा।

(घ) सिपाही गोबर्धनदास को क्यों फाँसी देना चाहते थे?
उत्तर:
गोबर्धनदास की गर्दन मोटी थी, जिसमें फाँसी का फंदा ठीक तरह आ सकता था; इसलिए सिपाही गोबर्धनदास को फाँसी देना चाहते थे।

(ङ) गोबर्धनदास की जान कैसे बची?
उत्तर:
गुरु जी की बताई तरकीब से गोवर्धनदास की जान बची।

(च) इस एकांकी में किन-किन बातों पर व्यंग्य किया गया है?
उत्तर:
इस एकांकी में मूल् की शासन व्यवस्था पर व्यंग्य किया गया है।,

प्रश्न २.
तुम्हारी समझ से बकरी के मरने का वास्तविक दोषी कौन था? छाँटकर लिखो और कारण भी दो
(दीवार, बनिया, गड़रिया, कोतवाल, भिश्ती, चूने वाला, कारीगर, कोई नहीं)
उत्तर:
बकरी मरने का कोई दोषी नहीं था और यदि कोई था, तो बकरीवाला स्वयं था। उसने ध्यान से अपनी बकरी को बाँधकर सुरक्षित क्यों नहीं रखा? उसने बकरी को दीवार के पास जाने ही क्यों दिया?

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अब करने की बारी
नोट – विद्यार्थी पाठ का सारांश पढ़कर लिखें।

प्रश्न १.
इस कहानी का जो तुम्हें उचित शीर्षक लगे लिखो।
उत्तर:
शीर्षक – लालची व्यक्ति।

प्रश्न २.
आदमी ने देवता से अंगुली माँगी; क्योंकि- (सही विकल्प ( ✓ ) निशान लगाओ)
(क) उस आदमी के अंगुली न थी।
(ख) उस आदमी को संतोष न था। 
(✓)
(ग) वह अंगुली सोने की थी।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 18 रेवती का संगीत – प्रेमी पौधा

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 18 रेवती का संगीत – प्रेमी पौधा

रेवती का संगीत-प्रेमी पौधा शब्दार्थ

वायलिन = एक विशेष प्रकार का वाद्य (बाजा)
पुष्प प्रदर्शनी = फूलों की प्रदर्शनी
कीटनाशक = कीड़ों का नाश करनेवाला
तियोगिता = मुकाबला, किसी कार्य में औरों से आगे बढ़ने का प्रयत्न
तारीफ = प्रशंसा
यकीन = विश्वास
साबित = सिद्ध
संगीत-प्रेमी = संगीत से प्रेम करने वाला

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 18 रेवती का संगीत - प्रेमी पौधा

रेवती का संगीत – प्रेमी पौधा पाठ का सारांश

रेवती के गमले में एक मुरझाया पौधा था। प्रकाश पाने के लिए रेवती ने उसे बरामदे में रख दिया। जब रेवती अपना प्रिय राग ‘मोहनम’ धीमी लय में बजा रही थी, तो उसका ध्यान पौधे पर गया। पौधा वायलिन की तरफ झुक आया था। रेवती को आश्चर्य हुआ। रेवती ने तेज धुन बजाई। यह पौधे को पसन्द नहीं आई और वह नहीं झुका। रेवती समझ गई कि पौधा नाराज हो गया है।

अब रेवती रोज पौधे को ‘मोहनम’ राग सुनाती थी। पौधा हृष्ट-पुष्ट हो रहा था। उस पर मौसम से पहले ही कलियाँ आ गई थीं, जो शीघ्र ही फूल बननेवाली थी। रेवती खुश इसलिए थी कि दो-तीन दिनों में प्रतियोगिता होनेवाली थी।

प्रतियोगिता के दिन वह सवेरे उठी। उसे पौधा घर में नहीं मिला। रेवती उदास हो गई। इसकी रिपोर्ट थाने में नहीं हो सकती थी। प्रदर्शनी के मैदान में रंग-बिरंगे फूलोंवाले गमले रखे थे। तभी रेवती की नजर उस पौधे पर पड़ी, जिसपर किसी और की पर्ची लगी थी। रेवती ने संयोजक को यह बात बताई। उसने बताया कि मेरा पौधा संगीत सुनकर झूमने लगता है। किसी ने यकीन नहीं किया।

रेवती भागी-भागी वायलिन उठा लाई। उसने धीरे-धीरे ‘मोहनम’ राग बजाया। लोगों के देखते-देखते पौधा रेवती की ओर झुक गया। सभी लोग हक्के-बक्के रह गए। पौधा-चोर महिला ने गलती मान ली। रेवती के पौधे को सर्वश्रेष्ठ ठहराया गया। रेवती पुरस्कार और पौधा लेकर खुशी से घर आ गई।

रेवती का संगीत – प्रेमी पौधा अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
(क) संज्ञा शब्दों को विशेषण शब्दों में बदलो (बदलकर )
(ख) विशेषण शब्दों को संज्ञा शब्दों में बदलो (बदलकर)
उत्तर:
(क) संज्ञा शब्द – विशेषण शब्द
सरलता – सरल
नकल – नकलची/नकली
ल्पना – काल्पनिक
रोग – रोगी
प्रसन्नता – प्रसन्न
सुख – सुखी

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(ख) विशेषण शब्द – संज्ञा शब्द
अनुकरणीय – अनुकरण
स्वतन्त्र – स्वतन्त्रता
भला – भलाई
सफेद – सफेदी
कठोर – कठोरता

प्रश्न २.
नीचे लिखे मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो (प्रयोग करके)
हक्का – बक्का रह जाना = घबरा जाना
शेर को अचानक रास्ते में खड़ा देखकर मैं हक्का-बक्का रह गया।

दाँत खट्टे करना = लज्जित होना
पांडवों ने कौरवों के दाँत खट्टे कर दिए।

पानी-पानी होना = हरा देना
सबके बीच में अपनी बुराई सुनकर वह पानी-पानी हो गया।

घी के दीये जलाना = बहुत खुश होना
राम-सीता और लक्ष्मण के अयोध्या आने पर लोगों ने घी के दीये जलाए।

चेहरे का रंग उड़ना = घबरा जाना
सिपाही को देखकर चोर के चेहरे का रंग उड़ गया।

प्रश्न ३.
नीचे दिए गए शब्दों में कुछ उपसर्गों के योग से बने हैं और कुछ प्रत्ययों के योग से बने हैं
उत्तर:
उपसर्ग युक्त शब्द
भरपेट, दुर्गम, कमजोर, हरघड़ी,
गैरसरकारी, प्रतिदिन, अपमान,
निर्मल, हरसाल, सपूत, बदनाम, कपूत

प्रत्यय युक्त शब्द
मिलावट, लड़ाई, गैरसरकारी
मोरनी, चाँदनी, मधुरता,
गाड़ीवान, दवाखाना

प्रश्न ४.
पढ़ो और समझो

अब तुम करो
नीचे दिए गए अव्यय शब्दों का प्रयोग करते हुए एक-एक वाक्य बनाओ (वाक्य बनाकर )
और – राम और श्याम दोनों अच्छे दोस्त हैं।
अब – अब पछताकर क्या फायदा; समय तो गुजर गया।
वहाँ – वहाँ मत जाओ।
किंतु – बोलो, किंतु सोच-समझकर।
तथा – सुख तथा दुख जीवन के ही अंग है।
इसलिए – इस दुनिया से कोई कुछ नहीं ले जाता; इसलिए पैसों के पीछे जान मत दो।

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बोधप्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) रेवती ने दीवार के पास रखे मुरझाए पौधे को बरामदे में क्यों रखा?
उत्तर:
रेवती ने मुरझाए पौधे को हवा, पानी और रोशनी प्राप्त करने के लिए बरामदे में रखा।

(ख) पौधों की देखभाल वह कैसे करती थी?
उत्तर:
पौधों की देखभाल वह बहुत यत्न से करती थी।

(ग) रेवती अचंभे में क्यों पड़ी?
उत्तर:
रेवती का वायलिन सुनकर पौधा उसकी तरफ झुक गया, जिसे देखकर वह अचंभे में पड़ी।

(घ) पौधा चोरी हो जाने का रेवती पर क्या असर पड़ा और उसे कहाँ-कहाँ खोजा?
उत्तर:
पौधा चोरी होने से रेवती निराश हो गई। उसने पौधे को हर एक जगह खोजा।

(ङ) पुष्प प्रदर्शनी में रेवती ने कैसे सिद्ध कर दिया कि पौधा उसी का है?
उत्तर:
पुष्प प्रदर्शनी में रेवती ने सिद्ध कर दिया कि पौधा उसी का है। उसने धीमी गति में ‘मोहनम’ राग बजाया, जिसे सुनकर पौधा वायलिन की तरफ झुक गया। लोगों ने अचंभे से तालियाँ बजाईं।

प्रश्न २.
सोचो और बताओ
(क) पौधों को विकास के लिए क्या-क्या जरूरी होता है?
उत्तर:
विकास के लिए पौधों को प्रकाश, पानी और हवा की जरूरत होती है।

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(ख) वायलिन की मधुर धुन सुनकर पौधा क्यों झूम उठता था?
उत्तर:
पौधा वायलिन सुनना पसन्द करता था; क्योंकि वह अत्यन्त संवेदनशील था।

(ग) रेवती की बात सुनकर लोग क्यों हँस पड़े थे?
उत्तर:
रेवती की बात सुनकर लोग इसलिए हँस पड़े थे; क्योंकि उसने कहा कि मेरा पौधा वायलिन की ध्वनि सुनकर मेरी ओर झुक जाता है।

प्रश्न ३.
सही कथनों पर सही (✓) का निशान लगाओ (निशान लगाकर )
(क) रेवती दिन भर बैठे-बैठे पौधों को संगीत सुनाती थी।    (✓)
(ख) बीमार पौधे की पत्तियों एवं डालियों को वह तोड़कर फेंक देती थी।   
(✗)
(ग), गमलों को बरामदे में इसलिए रख दिया, ताकि उसे प्रकाश मिल सके। (✓)
(घ) रेवती का रोना देखकर लोग मान गए कि पौधा उसी का है।  
(✗)
(ङ) प्रदर्शनी स्थल पर गमलों में पते की पर्चियाँ लगी थीं।   
(✓)

प्रश्न ४.
नीचे दी गई पंक्तियों को कहानी के क्रम में लिखो (क्रम में लिखकर)

  • रेवती संगीत की छात्रा थी।
  • रेवती प्रतिदिन पौधे की देखभाल करती थी।
  • प्रदर्शनी में वह अपना प्यारा पौधा ले जाना चाहती थी।
  • प्रदर्शनी के एक दिन पहले उसका पौधा चोरी चला गया।
  • चोरी हुए पौधे को रेवती ने पहचान लिया।
  • रेवती ने संयोजक को बताया मेरा पौधा संगीत सुनकर झूमता है।
  • वह भागी-भागी गई और घर से वायलिन उठा लाई।
  • वायलिन की मधुर-ध्वनि पर पौधा धीरे-धीरे झूमने लगा।
  • पौधा चुरानेवाली महिला ने अपनी गलती स्वीकार की।
  • सर्वश्रेष्ठ पौधे का पुरस्कार रेवती को मिला।

तुम्हारी कलम से
प्रश्न
‘पौधों में भी जीवन है’- इस विषय पर पाँच पंक्तियाँ लिखो।
उत्तर:
ये पौधे हरे-भरे होते हैं। ये खाद और पानी से विकसित होते हैं। ये छोटे से बड़े हो जाते हैं। ये निश्चित अवधि के बाद सूख जाते हैं। ये प्रतिक्रिया करते हैं।

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अब करने की बारी
(क) कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखो।
नोट – विद्यार्थी पाठ का सारांश पढ़ें।

(ख) एक गमले में लगे पौधे का चित्र बनाओ।
नोट – विद्यार्थी स्वयं चित्र बनाएँ।

इसे भी जानो – विद्यार्थी स्वयं पढ़ें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 17 घर

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 17 घर

घर शब्दार्थ

धूमधाम = उल्लासपूर्ण चहल-पहल
आराम = विश्राम

पापा क्यों…………………………………………………….. न्यारा घर।

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘घर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता “दिविक रमेश’ हैं।

प्रसंग – इस कविता में कवि घर की विशेषताओं का वर्णन करता है।

भावार्थ – बच्चा अपने पिता जी से पूछता है कि अपना घर क्यों प्यारा लगता है। घूमते-फिरते या खेल-कूद करने के बाद सब अपने घर की राह लेते हैं। कोई उसे भूलता नहीं। फिर बच्चा पिता से कहता है कि अपना घर माता की गोदी के समान है। इससे सबको स्वाभाविक लगाव होता है, ममत्व होता है। अपना घर बहुत सुन्दर और अनोखा लगता है।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 17 घर

थककर ………………………………………….…………….. नहीं है घर?

भावार्थ – जब हम, बाहर से (किए गए परिश्रम के कारण) थककर घर आते हैं; तब घर में बिछौना बिछाकर आराम करते हैं। घर में हम आराम करते हैं और खेलते-कूदते हैं। इस प्रकार घर नवीन ताजगी और स्फूर्ति देता है। घर की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए बच्चा अपने पिता जी से एक बात पूछता है। वह यह है कि घर सबके पास नहीं होता। वे बच्चे, जिनके पास घर नहीं होते, बहुत परेशानी अनुभव करते होंगे।

घर अभ्यास प्रश्न

भाव बोध

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) अपना घर क्यों अच्छा लगता है?
उत्तर:
अपना घर माँ की गोद के समान होता है; इसलिए अच्छा लगता है।

(ख) घर तुम्हें क्या-क्या देता है?
उत्तर:
घर हमें, आराम, शांति, सुख-चैन आदि की सुविधा देता है।

(ग) बच्चे ने अपने पिता से घर के विषय में क्या पूछा?
उत्तर:
बच्चे ने पिता से घर के विषय में पूछा कि सबके पास घर होते हैं या नहीं। जिन बच्चों के घर नहीं होते, वे कैसे गुजारा करते होंगे!

(घ) हमें अपना घर क्यों नहीं भूलता?
उत्तर:
परिश्रम करने के बाद आराम और भोजन चाहिए। ये चीजें घर में आकर ही मिलती हैं। इस कारण घर को नहीं भुलाया जा सकता।

(ङ) घर क्या केवल ईंट-पत्थर, दीवारों का घेरा होता है अथवा और कुछ?
उत्तर:
घर में सबसे महत्त्वपूर्ण होते हैं वहाँ रहनेवाले प्राणी। बिना रहनेवाले के तो खाली घर जंगल नजर आता है। घर के सदस्यों में आपसी संबंध, स्नेह एवं सुख-दुख में बराबर की भागीदारी होती है। इस प्रकार घर केवल भौतिक सुख-सुविधा का स्थान नहीं होता।

प्रश्न २.
इन पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
नोट – विद्यार्थी भाव स्पष्ट हेतु पाठ का भावार्थ भाग पढ़ें। .

प्रश्न ३.
कविता में घर के लिए आए विशेषणों को ढूँढकर लिखो, जैसे-गोदी-सा
उत्तर:
कविता में घर के लिए विशेषण- अच्छा, प्यारा, न्यारा, सुन्दर।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 17 घर

प्रश्न ४.
इस कविता में एक जैसे शब्दों की आवृत्ति हुई है, जिससे कविता की सुन्दरता बढ़ गई है। उनको ढूँढ़कर लिखो, जैसे- प्यारा-प्यारा
उत्तर:
प्यारी-प्यारी, सुन्दर-सुन्दर और बिछ-बिछ।

तुम्हारी कलम से
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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