UP Board Solutions for Class 5 Science Parakh Chapter 11 सरल मशीनें
निम्नलिखित सारणी में ऐसे साधनों की सूची बनाएँ –
नोट – विद्यार्थी स्वयं सूची बनाएँ।
सरल मशीनें अभ्यास प्रश्न
प्रश्न १.
सही विकल्प पर सही (✓) का चिह्न लगाएँ (चिह्न लगाकर) – मशीन से कार्य –
(क) केवल आसानी से होता है
(ख) कठिनाई से होता है
(ग) केवल जल्दी होता है
(घ) आसानी से और जल्दी होता है (✓)
प्रश्न २.
कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से सही शब्द से खाली स्थान भरें (आसान, जटिल, आलम्ब, सरल) (खाली स्थान भरकर)
(क) ट्रक पर भारी बोझ को झुके तख्त की सहायता से चढ़ाना आसान है।
(ख) उत्तोलक जिस बिन्दु पर टिका रहता है, उसे आलम्ब कहते हैं।
(ग) सिलाई मशीन उदाहरण है जटिल मशीन का।
(घ) पच्चड़ एक प्रकार की सरल मशीन है।
प्रश्न ३.
सही कथन के सामने (✓) और गलत कथन के सामने (✗) का चिह्न लगाएँ (चिह्न लगाकर) –
(क) दण्ड तुला उत्तोलक का उदाहरण है। (✓)
(ख) चिमटा प्रथम प्रकार का उत्तोलक है। (✗)
(ग) पेचदार जैक से ट्रक उठाने में आसानी होती है। (✓)
(घ) घिरनी की सहायता से कार्य करना कठिन होता है। (✓)
प्रश्न ४.
सरल मशीन किसे कहते हैं? दो उदाहरण दें।
उत्तर:
सरल मशीन ऐसी मशीन है, जिससे कार्य जल्दी और आसानी से हो जाता है, जैसे – कैंची, चाकू।
प्रश्न ५.
द्वितीय प्रकार के उत्तोलक में आलम्ब की स्थिति उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
उत्तर:
द्वितीय प्रकार के उत्तोलक में भार, आलम्ब और आयास के बीच होती है, जैसे – ठेला, सरौता।
प्रश्न ६.
सभी उत्तोलक एक ही तरह के नहीं होते हैं। क्यों?
उत्तर:
कार्य के सरलता के आधार पर उत्तोलकों के भार, आलम्ब और आयास की स्थितियाँ अलग-अलग होती हैं। इसलिए सभी उत्तोलक एक तरह के नहीं होते हैं।
प्रश्न ७.
बड़ी और जटिल मशीनें अधिकतम कितने प्रकार की सरल मशीनों से मिलकर बनी होती हैं? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
बड़ी और जटिल मशीनें अधिकतम छह सरल मशीनों से मिलकर बनी होती हैं –
(१) पच्चड़
(२) उत्तोलक
(३) पहिया और धुरी
(४) पेच
(५) घिरनी और
(६) नत तल।
प्रश्न ८.
कारण बताएँ।
(क) घरों के दरवाजों के सामने ढाल क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर:
मकान के अंदर साइकिल /स्कूटर इत्यादि वाहनों को चढ़ाने के लिए दरवाजों के सामने ढाल बनाए जाते हैं।
(ख) कुएँ से पानी निकालने में तथा क्रेन से भारी बोझ उठाने में घिरनी का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
घिरनी एक सरल मशीन है जिसकी सहायता से कुएँ से पानी निकालने में तथा क्रेन से भारी बोझ उठाने में लगाए गए बल की दिशा बदल जाती है जिससे सुविधा होती है।