UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 16 किन्नौर देश की ओर

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 16 किन्नौर देश की ओर

किन्नौर देश की ओर शब्दार्थ

किन्नौज देश = हिमाचल प्रदेश का एक रमणीक भाग, जो तिब्बत की सीमा पर बसा है
ठमकना = चलते-चलते रुक जाना
खानाबदोश = जिनका कोई घर, ठौर-ठिकाना न हो
सत्कार = आदर-सम्मान
अत्युक्ति = बढ़ा-चढ़ा कर कहना
अभ्यस्त = जिसने अभ्यास किया हो/ जिसे अभ्यास हो कुशल
अस्तबल = घुड़साल
भार्या = पत्नी
गत = दशा
माहात्म्य = महानता
चश्मा = झरना
वृक्ष संकुल = वृक्षों से भरा।

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किन्नौर देश की ओर पाठ का सारांश

लेखक राहुल सांकृत्यायन ने किन्नौर की यात्रा की। १७ मई को ये रामपुर शहर से सराहन डाक बँगले के लिए चले। इन्होंने दो खच्चर पहाड़ पर सामान ले जाने हेतु लिए। अट्ठाईस मील की यात्रा करके शाम को सराहन डाक बंगले पर पहुँचे। मुश्किल से चाबी मिली; क्योंकि चौकीदार मेला देखने गया था। दूसरे दिन इन्होंने सराहन से आगे किन्नौर देश में प्रवेश किया। किन्नौरी स्त्रियाँ ऊर्ण सारियाँ पहने और टोपी लगाए हुई थीं। रास्ता हिंदुस्तान-तिब्बत सड़क का था।

शोलडिंग खड्ड पार करके एक दुकान की छाया में आराम किया। शाम तक इन्हें नचार पहुँचना था। नचार से पहले सुन्दर देवदार वृक्षों से छाया हुआ रास्ता था। तेईस मीलों की यात्रा के बाद साढ़े पाँच बजे ये नचार पहुँचे। वहाँ बँगले में ढिल्लन साहब मिले। दूसरे दिन ये वांगतू बंगले पर पहुँचे। आगे आठ मीलों की और चढ़ाई थी। बांगतु में विश्राम किया और खाना न खाकर केवल पानी पीया।

चार घंटे विश्राम के बाद लेखक राहुल जी ने आगे यात्रा शुरू की। समुद्र तल से दो सौ फुट की ऊँचाई पर वागंतू लोहे का पुल। पुल पार करने के बाद सतलज के दाएँ किनारे पर चलना था। यहाँ सतलज बहुत ऊँचे पहाड़ को तिरछा काटकर बह रही है। ऊपर चीनी घाटी में कम वर्षा होती है, लेकिन सूखे जलवायु के फल अधिक मिलते हैं। वस्पा में अधिक वर्षा के कारण अंगूर के बाग नहीं लगाए जाते।

किन्नौर देश की ओर अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
नीचे लिखे शब्दों को पढ़ो और अपनी कॉपी में लिखो
नोट – विद्यार्थी दिए गए शब्दों को स्वयं पढ़ें व लिखें।

प्रश्न २.
उदाहरण के अनुसार उपयुक्त शब्दों को जोड़कर वाक्य पूरा करो- (वाक्य पूरा करके)
उत्तर:
पानी बरसने लगा
पक्षी चहकने लगे
कुत्ते भौंकने लगे
कोयल गाने लगी 
बादल गरजने लगे 
मेढक टर्राने लगे

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प्रश्न ३.
नीचे दिए गए शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो- (प्रयोग करके)
उत्तर:
शब्द – 
वाक्य प्रयोग अकेला
अकेला – चना भाड़ नहीं फोड़ता।
निश्चिंत – निश्चिंत होकर भगवान का भजन करो।
विश्राम – 
कठिन परिश्रम करने के बाद विश्राम करना चाहिए।
अभ्यस्त – 
आदिवासी तीर चलाने के अभ्यस्त होते हैं।
खानाबदोश – खंपा लोग खानाबदोश होते हैं।
हिमालय – हिमालय अति विशाल पर्वत है।

प्रश्न ४.
नीचे दिए गए वाक्यों को ठीक करो
ले नहीं जाया जा सकता पहाड़ में अकेला खच्चर।
उत्तर:
पहाड़ में अकेला खच्चर नहीं ले जाया जा सकता।

मालूम हुआ मेले में गए हुए हैं चौकीदार साहब।
उत्तर:
मालूम हुआ चौंकीदार साहब मेले में गए हुए हैं।

पहाड़ पर सराहन नीचे तक काफी ढलवाँ बसा हुआ है।
उत्तर:
सराहन पहाड़ पर काफी नीचे तक ढलवाँ बसा हुआ है।

धीरे-धीरे आगे बढ़े हम।
उत्तर:
हम धीरे-धीरे आगे बढ़े।

प्रश्न ५.
पढ़ो, समझो और करो
उत्तर:
ऊँची और नीची – ऊँची-नीची
आगे और पीछे – आगे-पीछे
अंदर और बाहर – अंदर-बाहर
रात और दिन – रात-दिन 

आस और पास – आस-पास
राजा और रानी – राजा-रानी

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बोध प्रश्न

प्रश्न १.
बताओ
(क)लेखक ने किस स्थान की यात्रा की और वह कहाँ स्थित है? उसे मानचित्र में भी देखो।
उत्तर:
लेखक ने किन्नौर की यात्रा की, जो हिमालय का सबसे उत्तरी जिला है और तिब्बत से मिला है।

(ख) यात्रा में उसने यातायात के किस साधन का उपयोग किया और क्यों?
उत्तर:
लेखक ने यात्रा में खच्चर का, क्योंकि पहाड़ में खच्चर ही सबसे उपयुक्त होता है।

(ग) थोड़ी दूर चलते ही क्या घटना घटी और इससे लेखक के किस गुण का पता चलता है?
उत्तर:
थोड़ी दूर चलते ही लेखक को घोड़ा मिला, लेकिन उसकी कमर कटी थी। उसने उसे वापस लौटाया। लेखक पैदल चलने लगा। इससे उसके साहस और धैर्य का पता चलता है।

(घ) सराहन के डाक बंगले पर पहुँचते समय लेखक की दशा का वर्णन करो।
उत्तर:
बंगला बन्द था। चौकीदार मेला देखने गया था। गेट से चाबी मिलने पर लेखक बेखटके सोया; क्योंकि वह बहुत थका हुआ था और अगले दिन की कठिन यात्रा सामने थी।

(ङ) लेखक के मन में खंपा लोगों को देखकर क्या विचार आया?
उत्तर:
खंपा लोगों को देखक लेखक को ख्याल आया कि मैं भी इन्हीं की भाँति निद्वन्द्व हो गधा, खच्चर और तंबू लिए एक देश से दूसरे देश घूमूं। काश! मै बीस बरस का हो जाता, फिर इसी तरुण से कहता- लो दोस्त! अब मुझे भी अपने परिवार में शामिल कर लो।

(च) देवदारों के घने वन में चलते समय लेखक के मन में क्या-क्या विचार आ रहे थे?
उत्तर:
देवदारों के घने वन में चलते समय लेखक विचार कर रहा था कि यह रास्ते का सबसे सुन्दर भाग है। सारा पर्वत सदाबहार देवदार वृक्षों से ढंका है। इन पेड़ों के सघन वन में चलने में बहुत आनंद आ रहा था।

(छ) वस्या में अंगूर क्यों नहीं लगाते हैं?
उत्तर:
अधिक वर्षा होने के कारण वस्पा में अंगूर नहीं लगाते हैं।

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प्रश्न २.
लिखो
(क) किन्नौर. प्रदेश की स्त्रियों के पहनावे की विशेषताएँ।
उत्तर:
किन्नौर प्रदेश की स्त्रियाँ ऊर्ण सारी पहनती हैं और किन्नौरी टोपियाँ लगाती हैं। ऊर्ण सारी काफी लंबा चौड़ा पतला कंबल होता है।

(ख) उन बँगलों के नाम, जिनमें लेखक ने विश्राम किया।
उत्तर:
गौरा डाक बँगला, सराहन डाक बँगला।

(ग) पाठ के वे स्थल, जो तुम्हें सबसे अच्छे लगे।
उत्तर:
सराहन का डाक बँगला और नचार से पहले सदाबहार देवदार वृक्षों से ढंका हुआ रास्ता ये दोनों अच्छे लगे।

तुम्हारी कलम से
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें।

अब करने की बारी
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

इसे भी जानो
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

कितना सीखा – ३

प्रश्न १.
नीचे लिखे शब्दों का शुद्ध उच्चारण करते हुए अर्थ बताओ’
शब्द – अर्थ
देशभक्त – देश से प्रेम करनेवाला
साहसी – हिम्मती
समस्या – परेशानी
कोटिक – करोड़ों
परहित – परोपकार
विदित – ज्ञात
अवकाश – छुट्टी
परिश्रम – मेहनत
निद्वन्द्व — निश्चित

सिंहगर्जना – ऊँचे स्वर में घोषणा करना
नेतृत्व – मार्गदर्शन
तनख्वाह – वेतन
नसाहीं – मिटता/मिटती है
अधमाई – नीचता
अतिथि – मेहमान
व्याख्यान – भाषण
चेतना – जान 

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प्रश्न २.
वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखो (एक शब्द लिखकर)
साहस से युक्त – साहसी
जिसके पास धन ना हो – निर्धन
सत्य बोलनेवाला – सत्यवादी
जो सबको प्रिय हो – सर्वप्रिय
विद्या प्राप्त करनेवाला – विद्यार्थी
शिक्षा देनेवाला – शिक्षक

प्रश्न ३.
नीचे लिखे शब्दों की वर्तनी ठीक करो (ठीक करके)
लिखा शब्द – सही शब्द
सत्यागृह – सत्याग्रह
आर्शीवाद – आशीर्वाद
सुबह – सुबह
सून्दर – सुन्दर
देशभगत – देशभक्त
अभियूक्त – अभियुक्त
अतीथी – अतिथि

प्रश्न ४.
वाक्य बनाओ (वाक्य बनाकर )
उत्तर:
(क) जिसमें ‘और’ ‘लेकिन’ शब्दों का प्रयोग हुआ हो। – राम और मैं पिक्चर देखने जाते; लेकिन बारिश होने लगी।
(ख) जो प्रश्नवाचक हो। वह कहाँ जा रहा है?
(ग) जिसमें क्रिया विशेषण शब्द का प्रयोग हुआ हो। – मोटर साइकिल तेज दौड़ती है।
(घ) जिसमें सर्वनाम शब्द का प्रयोग हुआ हो। 
वह स्कूल जाती है।

प्रश्न ५.
नीचे लिखे दो दो वाक्यों को जोड़कर एक वाक्य बनाओ
(क) बाहर तेज धूप है। अभी खेलने मत जाओ।
बाहर तेज धूप है; इसलिए अभी खेलने मत जाओ।

(ख) वह बहुत देर तक सोता रहा। उसे स्कूल पहुँचने में देर हो गई।
वह बहुत देर तक सोता रहा; जिससे उसे स्कूल पहँचने में देर हो गई।

प्रश्न ६.
नीचे लिखे शब्दों से उपसर्ग और प्रत्यय छाँटकर लिखो (लिखकर)
उत्तर:
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प्रश्न ७.
उत्तर दो
(क) सरदार पटेल को किस कार्य के लिए सदैव याद किया जाएगा?
उत्तर:
छह सौ देशी रियासतों का भारतीय संघ में एकीकरण के लिए सरदार पटेल को सदैव याद किया जाएगा।

(ख) चींटी ने चिड़िया की किस प्रकार मदद की?
उत्तर:
चींटी ने हाथी को डरा कर चिड़िया की मदद की।

(ग) ‘आप चिड़िया की बात सुन लीजिए’ यह बात किसने किससे कही?
उत्तर:
यह बात हाथी ने राजा से कही।

(घ) रसखान ने कौए को भाग्यशाली क्यों कहा?
उत्तर:
क्योंकि कौआ भगवान के हाथ से रोटी और मक्खन छीनकर ले गया था।

(ङ) आलसी क्या पुकारते रहते हैं?
उत्तर:
आलसी दैव-दैव पुकारते रहते हैं।

(च) सबसे बड़ा धर्म क्या है?
उत्तर:
परोपकार सबसे महान धर्म है।

(छ) अमेरिका से किसने किसको पत्र लिखा?
उत्तर:
अमेरिका से विवेकानन्द जी ने शशि को पत्र लिखा।

(ज) विवेकानन्द ने तारक को क्या संदेश दिया?
उत्तर:
तारक को आलस्य छोड़कर मद्रास में काम करने को कहा।

(झ) किन्नौर देश की स्त्रियों का पहनावा क्या है?
उत्तर:
किन्नौर देश की स्त्रियों का पहनावा ऊर्ण सारी और किन्नौरी टोपियाँ हैं।

(ञ) खंपा लोगों को देखकर लेखक के मन में क्या विचार आए?
उत्तर:
खंपा लोगों को देखकर लेखक के मन में विचार आया कि काश! मैं भी इन्हीं की तरह खानाबदोश जिंदगी गुजारता।

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प्रश्न ८.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
(क) काग के भाग बड़े सजनी, हरि हाथ सों लै गयो माखन रोटी।
भाव:
कवि ने कौए के भाग्य को सराहा है, क्योंकि वह भगवान के हाथ से मक्खन और रोटी छीनकर ले गया।

(ख) कोटिक ये कलधौत के धाम, करील की कुँजन ऊपर वारौ।
भाव:
रसखान करील के बगीचे (उपवन) की सुंदरता पर सोने के करोड़ों महल निछावर करते हैं।

(ग) पर उपदेस कुसल बहुतेरे, जे आचरहिं ते नर न घनेरे।
भाव:
दूसरों को उपदेश देनेवाले बहुत होते हैं; परन्तु उसपर स्वयं अमल करनेवालों की संख्या अत्यंत कम होती है।

(घ) परहित सरिस धरम नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।
भाव:
परोपकार से बढ़कर धर्म नहीं होता और दूसरों को कष्ट देने से बढ़कर नीचता नहीं होती।

(ङ) उठो, जागो और जब तक लक्ष्य तक न पहुंच जाओ, न रुको।।
भाव:
विवेकानन्द जी ने अपने देशवासियों को संदेश दिया कि कार्य पूरा करने तक उसमें लगे रहो। आलस्य न करो।

प्रश्न ९.
सुनाओ
अपनी याद की गई किसी कविता की आठ पंक्तियाँ।
अपनी याद की गई कोई कहानी।
नोट – विद्यार्थी स्वयं सुनाएँ।

लिखो – ‘बड़े होकर तुम क्या करना चाहते हो’- इस विषय पर अपने विचार लिखो।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न १०
ढूँढ़कर लिखो तो जानें (लिखकर)
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(क) कम से कम १० सार्थक शब्दों को
उत्तर:
रूप, संन्यासी, राष्ट्र, चक्र, उज्ज्वल, इकट्ठा, रुपया, शृंखला, आशीर्वाद, रूमाल।

(ख) उ तथा ऊ की मात्रा लगे शब्दों को
उत्तर:
रूप, रुपया और रूमाल।

(ग) अनस्वार लगे शब्दों को
उत्तर:
संन्यासी, संकट और श्रृंखला।

(घ) चन्द्रबिंदु लगे शब्दों को
उत्तर:
रँगना।

(ङ) ‘ऋ’ की मात्रा लगे शब्दों को
उत्तर:
मातृ और श्रृंखला

(च) र से युक्त चार तरह के शब्दों को
उत्तर:
राष्ट्र, चक्र और आशीर्वाद

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अपने आप – ३

साक्षात्कार

  • तुम भी ले सकते हो साक्षात्कार
  • तय करो
    • तुम्हें किसका साक्षात्कार लेना है?
    • क्या-क्या बातें पूछनी हैं?

नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 15 पत्र

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पत्र शब्दार्थ

कार्य क्षेत्र = कर्म करने की जगह
नियाग्रा = एक जल प्रपात जो संयुक्त राज्य अमेरिका में है
भोग-भूमि = सुख-दुख भोगने की धरती
शोक-संवाद = मृत्यु का समाचार
व्याख्यान – भाषण
विदित = मालूम
बेशुमार = अनगिनत
वस्त्रादि = कपड़े आदि,
अनिश्चित = जिसका निश्चय न हो
विज्ञानवेत्ता = विज्ञान के जानकार
महोत्सव = बहुत महत्त्वपूर्ण त्योहार, महान उत्सव।

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पत्र अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
नीचे लिखे शब्दों के प्रचलित जोड़े बनाओ- (जोड़े बनाकर)
तन – मन
स्त्री – पुरुष

धूम – धाम
रात – दिन

प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों की वर्तनी शुद्ध करके लिखो। (लिखकर )
महाप्ररुष – महापुरुष
मख्खन – मक्खन
अतीथी – अतिथि
आइसकृम – आइसक्रीम

प्रश्न ३.
पढ़ो और समझो
महा + उत्सव = महोत्सव
विवाह + उत्सव = विवाहोत्सव
वार्षिक + उत्सव = वार्षिकोत्सव
होलिका + उत्सव = होलिकोत्सव
ज्ञान + उदय = ज्ञानोदय

तुम भी करो
जन्म + उत्सव = जन्मोत्सव
तिलक + उत्सव = तिलकोत्सव
भाग्य + उदय = भाग्योदय
सूर्य + उदय = सूर्योदय
बसंत + उत्सव = वसन्तोत्सव

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प्रश्न ४.
पढ़ो और समझो
नोट – छात्र दिए गए शब्दों को स्वयं पढ़ें व समझें।

बोध प्रश्न  

प्रश्न १.
बताओ
(क) विवेकानन्द जी ने महापुरुषों के विषय में अपने पत्र में क्या लिखा है?
उत्तर:
विवेकानन्द जी ने कहा, “महापुरुष शिक्षा देने के लिए आते हैं, नाम के लिए नहीं।”

(ख) विवेकानन्द जी ने तारक दादा को क्या संदेश दिया?
उत्तर:
विवेकानन्द जी ने तारक दादा को संदेश दिया, “तारक दादा, तुम अगर मद्रास में जाकर रहो, तो बड़ा काम हो। आओ! तन-मन से काम में लग जाओ। गप्पें लड़ाने तथा घंटी बजाने का जमाना गया, मेरे बच्चे, समझे? अब काम करना होगा।”

(ग) अमेरिका प्रवास के समय विवेकानन्द जी को होटलों में क्यों नहीं रुकना पड़ता था?
उत्तर:
विवेकानन्द जी को होटलों में नहीं रुकना पड़ता था; क्योंकि लोग उन्हें अपना अतिथि बना लेते थे।

(घ) हेल महोदय की दयालुता के विषय में पत्र में क्या बातें लिखी गई हैं?
उत्तर:
हेल महोदय का परिवार बहुत दयालु था। वह गरीब आदमी को भोजन, वस्त्र और कार्य देने के लिए हर समय तैयार रहता था।

(ङ) अमेरिका में क्या-क्या पैदा होता है और क्या-क्या नहीं?
उत्तर:
अमेरिका में गेहूँ और रुई पैदा होती है; आम और लीची पैदा नहीं होती है; वहाँ औजार और कल-पुर्जे बनते हैं।

(च) अमेरिका के मौसम के बारे में विवेकानन्द जी ने पत्र में क्या लिखा है?
उत्तर:
अमेरिका में सुहावना मौसम होता है। यह जल्दी-जल्दी बदलता रहता है।

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प्रश्न २.
लिखो
(क) अमेरिकावासियों के खान-पान के संबंध में चार बातें लिखिए।
उत्तर:
अमेरिका में खाने में भात, पावरोटी, मछली और गोश्त की विभिन्न किस्में मिलती हैं। अमेरिकावाले ‘स्पिनाक’ और ‘एस्पेरेगस’ नामक साग का प्रयोग करते हैं। वहाँ लोग उड़द की दाल नहीं जानते। अमेरिका में केले, संतरे, अमरूद, सेब, बादाम, किशमिश, अंगूर आदि खूब मिलते हैं। वहाँ आम, लीची नहीं हैं।

(ख) विवेकानन्द जी पत्र के अंतिम हिस्से में क्या करने का संदेश दे रहे हैं?
उत्तर:
विवेकानन्द जी पत्र के अंतिम हिस्से में संदेश देते हैं, “उठो, जागो और जब तक लक्ष्य तक न पहुँच जाओ, न रुको। जो अपना ही स्वार्थ देखता है, आरामतलब है, आलसी है, उसके लिए नरक में भी जगह नहीं है। जिन्हें अपने आराम की सूझ रही है, जो आलसी हैं, जो अपने सामने सबका सिर झुका देखना चाहते हैं, वे हमारे कोई नहीं हैं।”

(ग) उन फलों के नाम जो अमेरिका में पैदा होते हैं और जो नहीं पैदा होते हैं।
उत्तर:
केले, अमरूद, संतरे आदि होते हैं; लेकिन आम और लीची ये दोनों पैदा नहीं होते।

(घ) तुमने किन-किन के पत्र पढ़े हैं? उनके नाम और संबंध लिखो।
उत्तर:
हमने नेहरू जी का पत्र इंदिरा के नाम पढ़ा है- पिता का पत्र पुत्री के नाम।

प्रश्न ३.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
(क) यह कार्य क्षेत्र है, भोग-भूमि नहीं।
भाव:
संसार कार्य करने के लिए है, भोग करने के लिए नहीं।

(ख) तन-मन से काम में लग जाओ।
भाव:
शारीरिक और मानसिक रूपों में तैयार होकर ही कार्य करना चाहिए।

(ग) उठो, जागो और जब तक लक्ष्य तक न पहुँच जाओ, न रुको।
भाव:
आलस्य छोड़कर अपना काम करते रहो। जब तक कार्य पूरा न हो जाए, तब तक रुकना नहीं चहिए।

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प्रश्न ४.
निम्नलिखित पंक्तियों को पूरा करो-(पूरा करके)
(क) यहाँ वाले गरम कपड़े यूरोप और भारत से मँगाते हैं।
(ख) ये लोग गर्मियों में घर छोड़कर विदेश अथवा समुद्र के किनारे चले जाते हैं।
(ग) नियाग्रा-प्रपात सात-आठ दफे तो देख चुका।
(घ) जो अपनी जिद्द के सामने सबका सिर झुका देखना चाहते हैं, वे हमारे कोई नहीं है।

तुम्हारी कलम से
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

अब करने की बारी
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14 भक्ति – नीति माधुरी

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14 भक्ति – नीति माधुरी

भक्ति-नीति माधुरी शब्दार्थ

कछोटी = लँगोटी
बिलोकत = देखते हैं
कोटी = करोड़ों
लकुटी = लाठी
कामरिया = कंबल
बिसारौं = भुला देना
तड़ाग = तालाब
निहारौं = देखना
कोटिक = करोड़ों
कलधौत = सोना
करील = कीकर
कुंजन = कुंजों या झुरमुटों पर
मानस = रामचरित मानस
घनेरे = अधिक, घने
कृषि = खेती
कादर = कायर
निधाना = खजाना
काम = इच्छा
दैव = भाग्य
नसाहीं = नष्ट होता है
अछत = अखण्ड
निदाना = अन्त में
सरिस = समान
परहित = दूसरे की भलाई
आतप = धूप
अधमाई = नीचता
सुमति = अच्छे विचार

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14 भक्ति - नीति माधुरी

 भक्ति – नीति माधुरी रसखान

धूरि भरे …………………………….……….. माखन-रोटी॥

सन्दर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक कलरव के भक्ति-नीति माधुरी नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता रसखान जी हैं।

भावार्थ – रसखान जी कहते हैं कि बालकृष्ण धूल में सने हुए अत्यंत सुन्दर लग रहे हैं और इनके सिर पर सुन्दर चोटी भी वैसी ही शोभायमान है। ये आँगन में खेलते फिर रहे हैं। इनकी लँगोटी पीले रंग की है। पैरों में पैजनिया बज रही है। रसखान अपने करोड़ों कार्य छोड़कर कृष्ण की छवि निहारते हैं। रसखान कहते हैं कि वह कौआ बहुत भाग्यशाली है, जो भगवान बालकृष्ण के हाथ से रोटी का टुकड़ा छीनकर ले उड़ा।

या लकुटी …………………………………….…… ऊपर वारौं॥

भावार्थ – रसखान जी कहते हैं कि बालकृष्ण के लाठी और कंबल वाले रूप के सामने तीनों लोकों के राज्य और राजसुख निछावर हैं। इनका कहना है कि बाबा नंद की गाय चराने से जो सुख मिलेगा उसके सामने आठों सिद्धियों और नौ निधियों से प्राप्त सुख भी कुछ नहीं। ब्रज के वनों, बागों और तालाबों को ही निहारते रहना चाहते हैं। करील के बागों बगीचों की शोभा के ऊपर ये सोने के करोड़ों महलों को निछावर करने को तैयार हैं।

 भक्ति – नीति माधुरी तुलसीदास

का बरषा ………………………………………. पछिताने ॥१॥

सन्दर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरब’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘तुलसीदास जी’ हैं।

भावार्थ – जब खेती सूख जाए तो वर्षा से कोई लाभ नहीं होता है। इसी प्रकार समय निकल जाने पर, किसी कार्य के न कर सकने पर पछताने से कोई लाभ नहीं होता।

‘पर उपदेश ………………………………………. घनेरे ॥२॥

भावार्थ – दूसरों को उपदेश देने में तो बहुत लोग कुशल होते हैं। ऐसे व्यक्ति बहुत कम हैं जो स्वयं के द्वारा दिए जाने वाले उपदेश से पहले उस पर आचरण करते हैं अर्थात् जो उपदेश देने से पहले उसमें निहित बातों को स्वयं पर लागू करते हैं।

कादर ……………………………………………. पुकारा ॥३॥

भावार्थ – कायर, कमजोर या निकम्मा व्यक्ति केवल ‘भाग्य-भाग्य’ रटता रहता है! वह भाग्य को ही जीवन का आधार मानता है।

हित अनहित ……………………………….…. ग्यान-विधना ॥४॥

भावार्थ – अपनी भलाई और बुराई पशु-पक्षी भी जानते हैं; फिर मानव शरीर धारण करनेवाले प्राणी तो गुण और ज्ञान के खजाने हैं। उन्हें भगवान की आराधना करनी चाहिए।

बिनु सन्तोस …………………….………………. नाहीं ॥५॥

भावार्थ – बिना संतोष के ‘इच्छा’ का अंत नहीं होता। इच्छा अनंत होती है। इसे नियंत्रित किए बिना सपने में भी सुख नहीं मिल सकता।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14 भक्ति - नीति माधुरी

जहाँ ………………………………………………………… निदाना ॥६॥

भावार्थ – जहाँ सुमति, सुबुद्धि हो, वहाँ श्री, समृद्धि ऐश्वर्य, सुख का भंडार होता है; परन्तु जहाँ कुमति, कुबुधि हो, वहाँ विपत्ति और संकट का खजाना होता है।

परहित ………………………………………………….. अधमाई ॥७॥

भावार्थ – तुलसीदास जी कहते हैं कि परोपकार के समान कोई दूसरा धर्म नहीं। इसके विपरीत, दूसरों को कष्ट देने के समान नीचता भी कुछ और नहीं।

जो अति ……………………………………………….….. सोई ॥६॥

भावार्थ – जो अत्यंत गर्मी से परेशान होकर व्याकुल हो जाता है, वही पेड़ की छाया का सुख अच्छी प्रकार जानता है। अर्थात् कष्ट झेलने वाला ही सुख का महत्व समझता है।

 भक्ति – नीति माधुरी अभ्यास प्रश्न

भाव-बोध 

प्रश्न १.
नीचे लिखी काव्य पंक्तियों के भाव स्पष्ट करो
(क) ‘धूरि भरे अति सोभित स्याम जू’।
भाव:
धूल से सने बालकृष्ण अत्यंत सुन्दर लगते हैं।

(ख) ‘खेलत खात फिरै अँगना, पग पैजनी बाजति पीरी कछोटी’।
भाव:
बालकृष्ण आँगन में खेलते, खाते फिरते हैं। उनकी लँगोटी पीली है। उनके पैरों में पैजनियाँ बजती हैं।

(ग) “काग के भाग बड़े सजनी, हरि-हाथ सों लै गयौ माखन-रोटी’।
भाव:
रसखान कहते हैं कि कौए के भाग्य बहुत अच्छे हैं, जो भगवान के हाथ से माखन और रोटी छीनकर ले गया।

(घ) ‘या लकुटी अरु कामरिया पर, राज तिहूँ पुर तजि डारौ’।
भाव:
रसखान बालकृष्ण के लाठी और काली कमलीवाले रूप पर तीनों लोकों के राज्य निछावर करते हैं।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14 भक्ति - नीति माधुरी

(ङ) ‘कोटिक ये कलधौत के धाम, करील की कुजन ऊपर वारौ।
भाव:
रसखान कहते हैं कि करील के उन बगीचों (जहाँ बालकृष्ण विचरण करते थे) पर सोने के करोड़ों महल निछावर हैं।

(च) समय चूकि पुनि का पछिताने।
भाव:
समय निकल जाने पर, पछताने से कुछ नहीं होता है।

(छ) जे आचरहिं ते नर न घनेरे।
भाव:
दूसरों को उपदेश देने से पहले स्वयं उसका पालन करनेवाले अधिक नहीं है।

(ज) कादर मन कहुँ एक अधारा।
भाव:
कायरों का एक ही सहारा होता है।

(झ) जहाँ कुमति तहँ विपति निधाना।
भाव:
जहाँ कुबुद्धि हो, वहाँ विपत्तियों का अंबार होता है।

(ञ) तरुछाया सुख जानइ सोई।
भाव:
गर्मी से व्याकुल हुए व्यक्ति ही पेड़ की छाया का सुख जानते हैं।

प्रश्न २.
नीचे दिए गए भाव से संबंधित पद की क्रम संख्या लिखो
UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14 भक्ति - नीति माधुरी 1

प्रश्न ३.
उत्तर दो
(क) कवि रसखान ने कृष्ण की कैसी छवि का वर्णन किया है?
उत्तर:
कवि रसखान ने आँगन में खेलते, धूल भरे हुए बालकृष्ण की छवि का वर्णन किया है।

(ख) रसखान ने कौए को भाग्यशाली क्यों कहा है?
उत्तर:
रसखान ने कौवे को भाग्यशाली कहा है; क्योंकि कौआ भगवान के हाथ से माखन रोटी छीनकर ले गया है।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14 भक्ति - नीति माधुरी

(ग) कवि तीनों लोकों का राज्य किस बात पर न्योछावर करने को कह रहा है?
उत्तर:
बालकृष्ण के लाठी और काली कमलीवाले रूप पर कवि तीनों लोकों का राज्य निछावर करने को तैयार है।

(घ) तुलसीदास ने सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ा अधर्म किसे बताया है?
उत्तर:
तुलसीदास ने दूसरों की भलाई (परोपकार)करना सबसे महान धर्म और दूसरों को कष्ट देना सबसे बड़ा अधर्म (घोर नीचता का कार्य) बताया है।

प्रश्न ४.
“पसु’ तद्भव शब्द है, जिसका तत्सम रूप ‘पशु’ है। इसी प्रकार नीचे लिखे तद्भव शब्दों को उनके तत्सम रूपों से जोड़ो – (तत्सम रूप से जोड़कर)
तद्भव – तत्सम
सोभित – शोभित
कादर – कायर
स्याम – श्याम
राज – राज्य

प्रश्न ५.
नीचे लिखी पंक्तियों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करो- (पर्ति करके)
(क) का बरषा जब कृषि सुखाने। समय चूकि फिर का पछिताने।
(ख) बिन सन्तोष न काम नसाहीं। काम अछत सुख सपनेहुँ नाहीं।
(ग) परहित सरिस धरम नहीं भाई। पर पीड़ा सम नहीं अधमाई।

प्रश्न ६.
नीचे लिखे शब्दों को उनके शुद्ध रूप के साथ मिलाकर लिखो
कृसि – कृषि
पसु – पशु
संपति – संपत्ति
कादर – कायर
मानुष – मनुष्य 

अब करने की बारी
उत्तर 
– विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 13 चिड़िया का दाना

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 13 चिड़िया का दाना

चिड़िया का दाना शब्दार्थ

तनख्वाह = वेतन
भलमनसाहत = सज्जनता
क्रूर = निर्दय
अभियुक्त = जिसपर किसी प्रकार के अपराध का आरोप लगा हो
बन्दोबस्त = इंतजाम, व्यवस्था

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 13 चिड़िया का दाना

चिड़िया का दाना पाठ का सारांश

एक चिड़िया को कहीं से मटर का दाना मिल गया। वह उसे बढ़ई को सौंपकर नहाने नदी पर चली गई। लौटने पर जब उसने दाना माँगा, तो बढ़ई ने इंकार कर दिया। चिड़िया ने सिपाही से बढ़ई की शिकायत की। सिपाही ने चिड़िया की बात नहीं सुनी, क्योंकि उसे एक अभियुक्त के यहाँ दावत खानी थी। चिड़िया ने थानेदार से कहा। उसने चिड़िया को डाँटा और कहा कि मन्त्री जी आ रहे हैं। उचित सुरक्षा व्यवस्था करके थानेदार तरक्की चाहता है। मन्त्री के आने पर चिड़िया ने तीनों की शिकायत की। मंत्री ने मदद तो करनी चाही, परन्तु उसके पास समय नहीं था क्योंकि राजा आने वाला था। चिड़िया को सन्तोष था, क्योंकि मंत्री ने कम-से-कम ढंग से बात तो की। जब राजा आया तो चिड़िया ने उसे अपनी समस्या बताई। राजा प्रजा को दर्शन देने जा रहा था। वह नाराज हुआ, क्योंकि जरा-सी चिड़िया ने उसका हाथी रोक दिया था। सारे प्रशासनिक अधिकारियों को राजा सहित चिड़िया ने बेकार पाया।

वह निराश होकर चींटी के पास गई। चींटी ने हाथी को डराया। वह उसके सैंड में काट सकती थी। हाथी ने राजा से चिड़िया की मदद करने को कहा। राजा ने मंत्री को बुलाया और मंत्री ने थानेदार को आदेश दिया। थानेदार ने सिपाही की खिंचाई की। सिपाही ने बढ़ई को डाँट लगाकर चिड़िया को दाना दिलाया। चिड़िया ने खूब छककर खाया।

चिड़िया का दाना अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
समानार्थक शब्द लिखो- (लिखकर)
खुश – प्रसन्न
हिम्मत – साहस
तरक्की – उन्नति

थानेदार – दारोगा
मदद – सहायता
घमंडी – अभिमानी

प्रश्न २.
दिए गए वाक्यों में प्रयुक्त क्रिया-विशेषण’ शब्द चुनकर लिखो- (लिखकर)
उत्तर:
(क) बहुत
(ख) रो-रोकर
(ग) धड़ाम से
(घ) छककर

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 13 चिड़िया का दाना

भाव बोध

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) चिड़िया को दाना बढ़ई के पास क्यों छोड़ना पड़ा?
उत्तर:
चिड़िया को दाना बढ़ई के पास इसलिए छोड़ना पड़ा, क्योंकि वह उसे सुरक्षित रखना चाहती थी।

(ख) चिड़िया के पूछने पर बढ़ई ने क्या कहा?
उत्तर:
बढ़ई ने कहा कि मैं तुम्हारा नौकर थोड़े ही हूँ। मुझे तो सरकार से वेतन मिलता है। तुम्हारा दाना कहीं गिर गया होगा।

(ग) दाना खो जाने के बाद चिड़िया न्याय के लिए किस-किस के पास गई?
उत्तर:
चिड़िया सिपाही, थानेदार, मंत्री, राजा और चींटी के पास गई।

(घ) दाना खो जाने के बाद थानेदार ने क्या कहकर मदद से इनकार कर दिया?
उत्तर:
थानेदार ने कहा कि मंत्री आ रहा है। उसकी अच्छी सुरक्षा व्यवस्था करके थानेदार को नौकरी में तरक्की लेनी है।

(ङ) किसी के द्वारा मदद न किए जाने पर चिड़िया को कैसा लगा होगा?
उत्तर:
चिड़िया मदद न मिलने पर बहुत निराश हुई होगी।

(च) चिड़िया ने मंत्री को थोड़ा-बहुत सज्जन क्यों माना?
उत्तर:
चिड़िया ने मंत्री को थोड़ा-बहुत सज्जन इसलिए माना क्योंकि वह उसकी मदद करना चाहता था।

(छ) चिड़िया ने राजा से क्या कहा?
उत्तर:
चिड़िया ने राजा से कहा, “राजा जी, आप तो इस देश के मालिक हैं, क्या मेरी मदद करेंगे।”

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 13 चिड़िया का दाना

(ज) चींटी ने किस प्रकार चिड़िया की मदद की?
उत्तर:
चींटी ने हाथी को डराया। हाथी ने राजा से कहा। राजा ने मंत्री को बुलाया। मंत्री ने दारोगा से कहा। दारोगा ने सिपाही को डाँट लगाई। सिपाही ने बढ़ई को पीटकर दाना चिड़िया को दिया। इस प्रकार चींटी ने चिड़िया की मदद की।

प्रश्न २.
लिखो
(क) थानेदार की बात सुनकर देश के लोगों के विषय में चिड़िया ने क्या सोचा?
उत्तर:
चिड़िया ने सोचा कि सारा देश स्वार्थी है। किसी को भी दूसरे की चिंता नहीं।

(ख) चींटी ने हाथी से क्या कहा?
उत्तर:
चींटी ने हाथी से कहा कि चिड़िया की मदद के लिए. राजा को मजबूर करो, नहीं तो सैंड काट लूँगी।

प्रश्न ३.
किसने कहा? किससे कहा?
(क) “मैं तुम्हारा नौकर थोड़े ही हूँ, मुझे तो सरकार से वेतन मिलता है।”
उत्तर:
बढ़ई ने चिड़िया से कहा।

(ख) “ऐ घमंडी चिड़िया, तेरी यह मजाल कि मुझे जाते हुए रोके!”
उत्तर:
सिपाही ने चिड़िया से कहा।

(ग) “आप चिड़िया की बात सुन लीजिए।”
उत्तर:
हाथी ने राजा से कहा।

प्रश्न ४.
तुम्हारी क्या राय है?
(क) असली दोषी कौन था?
उत्तर:
असली दोषी बढ़ई था।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 13 चिड़िया का दाना

(ख) मटर के एक दाने के लिए चिड़िया की भाग-दौड़ के विषय में।
उत्तर:
इस भाग-दौड़ से चिड़िया को पता चल गया कि देश के सभी लोग स्वार्थी हैं। किसी को किसी की मदद करने की चिंता ही नहीं। चिड़िया चाहती, तो इतनी दौड़-धूप न करके, दूसरा दाना प्राप्त कर लेती। तब उसे ज्यादा लाभ होता, परन्तु उसे दुनियादारी या लोक-व्यवहार का ज्ञान नहीं होता। यह आधुनिक प्रशासनिक पद्धति का प्रतीक है।

तुम्हारी कलम से – अब करने की बारी
विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

इसे भी जानो – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 12 सरदार वल्लभभाई पटेल

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 12 सरदार वल्लभभाई पटेल

सरदार वल्लभभाई पटेल शब्दार्थ

देशभक्त = देश के प्रति प्रेम तथा भक्ति का भाव रखनेवाला
लौहपुरुष = वल्लभभाई पटेल को उनके साहस एवं मन की दृढ़ता के लिए लोगों द्वारा दी गई उपाधि
बेगार-प्रथा = एक सामाजिक बुराई, जिसमें बिना पारिश्रमिक दिए लोगों के श्रम का शोषण किया जाता था
अपव्यय = फिजूलखर्ची
जुर्माना = दण्ड
नासूर = वह घाव, जो जल्दी भरता नहीं
गैर कानूनी = नियम विरुद्ध
जायदाद = संपत्ति
जनसेवा = जनता की सेवा
सत्याग्रह = सत्य के प्रति आग्रह
निरन्तर = लगातार। 

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 12 सरदार वल्लभभाई पटेल

सरदार वल्लभभाई पटेल पाठ का सारांश

वल्लभभाई पटेल का जन्म ३१ अक्टूबर, १८७५ को गुजरात के पेटलाद तालुके के करमसद गाँव में हुआ। उनके पिता झबेर भाई पटेल एक किसान थे। उनकी माता का नाम लाड़बाई था। विद्यार्थी जीवन मे ही वल्लभभाई स्वाभिमानी थे। वे गलत को नहीं मानते थे। वे जीवन भर साहसी रहे।

विदेश से उन्होंने वकालत पास की। इस परीक्षा में वे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए और उन्हें पचास पाउण्ड का पुरस्कार भी मिला। भारत आकर उन्होंने अहमदाबाद में वकालत शुरू कर दी और शीघ्र ही प्रसिद्ध हो गए। गांधी जी के सम्पर्क में आकर और वकालत छोड़कर वे देश की सेवा में जुट गए। उनके प्रयासों के फलस्वरूप गुजरात की गैर कानूनी बेगार-प्रथा बन्द हो गई। उन्होंने नागपुर के झण्डा सत्याग्रह का नेतृत्व भी किया। इस सत्याग्रह के बाद वे सारे भारत में प्रसिद्ध हो गए।

अंग्रेज सरकार ने गुजरात के बोरसद नामक ताल्लुके पर दो लाख से ज्यादा का कर लगा दिया। वल्लभभाई ने लोगों को कर न देने के लिए संगठित किया। मजबूरन सरकार ने यह आदेश वापस ले लिया।

सन १९२७ का बारदोली सत्याग्रह शुरू हुआ। वल्लभभाई ने इसका नेतृत्व किया। लोगों की जायदादें जब्त की गईं परन्तु खजाने में कौड़ी भी न पहुँची। जब्त सामान को उठाने वाले न मजदूर थे और न नीलामी के लिए बोली लगाने वाले। अंत में सरकार को झुकना पड़ा। सत्याग्रह सफल रहा और इसी कारण गांधी जी ने पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि दी। सन् १९२९ में लाहौर में पूर्ण स्वराज्य की माँग की गई। अंग्रेज़ सरकार ने इसे नहीं माना। गांधी जी ने फिर से सत्याग्रह का नारा दिया। १२ मार्च को प्रसिद्ध डांडी यात्रा शुरू की। फिर ६ अप्रैल को नमक कानून तोड़कर नमक सत्याग्रह आरम्भ किया। सत्याग्रह में भाग लेने के लिए वल्लभभाई को तीन माह की कैद और पाँच सौ रुपये जुर्माना हुआ।

१९३९ में द्वितीय विश्वयुद्ध आरम्भ हुआ। इसमें अंग्रेज सरकार द्वारा भारत को शामिल करने के निर्णय का सर्वत्र विरोध हुआ। सरदार पटेल नवम्बर १९४० के व्यक्तिगत सत्याग्रह के दौरान गिरफ्तार हुए। अगस्त १९४२ में वे फिर गिरफ्तार हुए। १५ जून, १९४५ को अन्य नेताओं के साथ जेल से रिहा हुए।

१५ अगस्त, १९४७ को देश स्वतंत्र हुआ। सरदार पटेल भारत के उप प्रधानमंत्री बने। सरदार पटेल का चिरस्मरणीय कार्य था- देशी रियासतों का एकीकरण। सरदार पटेल ने रिसायतों की विकट समस्या को अपनी दृढ़ता और सूझबूझ से हल कर दिखाया। उन्होंने ६०० रियासतों को भारतीय संघ का अटूट अंग बना दिया। पटेल ने भारत के मानचित्र को नया स्वरूप प्रदान किया। इस महान कार्य के लिए उन्हें भारत का लौहपुरुष कहा जाता है।

सरदार पटेल कर्तव्यपालन और कठोर अनुशासन की साक्षात् मूर्ति थे। अपने पचहत्तरवें जन्म-दिवस पर उन्होंने राष्ट्र को संदेश दिया था- “उत्पादन बढ़ाओ, खर्च घटाओ और अपव्यय बिल्कुल न करो।” १५ दिसम्बर, १९५० को बंबई में उनका निधन हो गया।

सरदार वल्लभभाई पटेल अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
नीचे दिए गए वाक्यों में प्रयुक्त क्रिया विशेषण शब्दों को छाँटकर लिखो(छाँटकर लिखकर)
उत्तर:
(क) निरन्तर
(ख) लगन से
(ग) तेजी से

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प्रश्न २.
क्रिया विशेषण शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्यों को पूरा करो- (पूरा करके)
(क) लड़का जोर-जोर से बोल रहा था।
(ख) शेर की दहाड़ सुनकर गीदड़ थर-थर काँपने लगा।

प्रश्न ३.
वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखो- (एक शब्द लिखकर)
(क) साहस से युक्त व्यक्ति – 
साहसी
(ख) लोहे की तरह मजबूत तन-मन वाला पुरुष – लौहपुरुष
(ग) वकालत करनेवाला
– वकील
(घ) अनाप-शनाप व्यय करनेवाला – 
अपव्ययी
(ङ) जरूरी कार्यों के लिए व्यय करनेवाला – मितव्ययी

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) वल्लभभाई पटेल का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर:
वल्लभभाई पटेल का जन्म गुजरात के करमसद गाँव में हुआ था।

(ख) वल्लभभाई पटेल के बचपन की उस घटना का वर्णन करो, जिससे लोगों को आभास हो गया था कि यह बालक आगे चलकर बहुत साहसी होगा।
उत्तर:
वल्लभभाई पटेल की आँख के निकट फोड़ा निकल आया। लोहे की सलाख फोड़ा के लिए गर्म की गई। किसी की हिम्मत सलाख से फोड़ा फोड़ने की नहीं हुई। स्वयं वल्लभभाई ने लोहे की सलाख लेकर फोड़े में धंसा दी।

(ग) वल्लभभाई पटेल ने विदेश में वकालत की शिक्षा किस प्रकार प्राप्त की?
उत्तर:
वल्लभभाई ने विदेश में परिश्रम से अध्यनरत रहकर वकालत की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की और पचास पौंड का इनाम पाया।

(घ) बारदोली का सत्याग्रह आन्दोलन क्यों हुआ?
उत्तर:
अंग्रेज सरकार द्वारा लगान की दर बढ़ाने के विरोध में बारदोली. सत्याग्रह हुआ।

(ङ) बारदोली के सत्याग्रह आन्दोलन में सरकार क्यों झुकी?
उत्तर:
बारदोली के सत्याग्रह आन्दोलन में सरकार के खजाने में कौड़ी भी न गई। जब्त किए हुए सामान को उठाने को न मजदूर मिले और न नीलामी में बोली लगानेवाले। अंततः सरकार झुक गई।

(च) वल्लभभाई पटेल की देश को सबसे बड़ी देन क्या है?
उत्तर:
वल्लभभाई पटेल की देश को सबसे महत्त्वपूर्ण देन छह सौ देशी रियासतों का भारतीय संघ में एकीकरण किया जाना है।

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प्रश्न २.
पटेल जी के उस कथन को लिखो
(क) जिसे उन्होंने मुंबई की सभा में कहा था।
उत्तर:
मुंबई की एक सभा में सरदार पटेल ने कहा था- अंग्रेज भारत को जितनी जल्दी आजाद कर दें, उतना ही अच्छा। यदि देर की गई, तो यह उन्हीं के लिए खराब बात होगी।

(ख) जिसे उन्होंने अपने पचहत्तरवें जन्मदिवस पर कहा था।
उत्तर:
अपने पचहत्तरवें जन्मदिवस पर सरदार पटेल ने कहा था- “उत्पादन बढ़ाओ, खर्च घटाओ और अपव्यय बिलकुल न करो।”

प्रश्न ३.
(क) इस पाठ को कितने अनुच्छेदों में लिखा गया है?
उत्तर:
इस पाठ को अट्ठारह अनुच्छेदों में लिखा गया है।

(ख) प्रत्येक अनुच्छेद की मुख्य बात एक-एक वाक्य में लिखो।
उत्तर:
प्रत्येक अनुच्छेद की मुख्य बात
(१) मुंबई की सभा में सिंह गर्जना, अंग्रेजों को भारत से शीघ्र जाना चाहिए।
(२) सरदार पटेल की जन्म-तिथि और जन्मस्थान।
(३) सरदार पटेल विद्यार्थी जीवन से ही स्वाभिमानी थे।
(४) बचपन में फोड़े से संबंधित घटना।
(५) बाईस वर्ष की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की।
(६) विदेश में वकालत की परीक्षा पास की।
(७) अहमदाबाद में वकालत शुरू की, उसे छोड़ देश सेवा में लगे।
(८) बेगार-प्रथा बन्द कराई, नागपुर झण्डा सत्याग्रह का नेतृत्व।
(९) बोरसद ताल्लुके पर दो लाख से ज्यादा लगाया कर संबंधी आदेश वापस कराया।
(१०) १६२७ का बारदोली सत्याग्रह।
(११) सत्याग्रह की सफलता, सरदार की उपाधि।
(१२) १६२६ पूर्ण स्वराज की माँग-डाँडी यात्रा, नमक सत्याग्रह में भागेदारी- तीन माह की कैद, पाँच सौ रुपए का जुर्माना।
(१३) स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए वार्ता में भागेदारी।
(१४) स्वाधीन भारत के उप-प्रधानमंत्री।
(१५) कई बड़ी समस्याओं का हल।
(१६) छह सौ रियासतों का एकीकरण।
(१७) २५ दिसंबर, १६५० को निधन।
(१८) कर्तव्यपालन और कठोर अनुशासन की साक्षात्मूर्ति- सरदार पटेल।

प्रश्न ४.
सोचो और बताओ
(क) बेगार-प्रथा क्यों बुरी है?
उत्तर:
बेगार-प्रथा से कार्य करनेवाले को कुछ नहीं मिलता। दूसरे, जो कुछ नहीं करते, उन्हें लाभ होता है; अतः यह कर्मशील व्यक्ति को नुकसान पहुँचानेवाली प्रथा है।

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(ख) नमक कानून क्यों तोड़ा गया?
उत्तर:
देशवासियों को नमक जैसी जरूरी और सस्ती वस्तु के लिए बहुत अधिक मूल्य देना पड़ता था।

(ग) महात्मा गांधी ने वल्लभभाई को सरदार की उपाधि क्यों दी?
उत्तर:
वल्लभभाई के नेतृत्व में बारदोली सत्याग्रह की सफलता के कारण, उन्हें सरदार की उपाधि दी।

प्रश्न ५.
नीचे लिखे शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो
सत्याग्रह – १९३० ई० गांधी जी ने नमक सत्याग्रह आरंभ कर दिया।
आन्दोलन – स्वदेशी आन्दोलन ने सरकार की जड़ें हिला दीं।
देशी रियासतें – पटेल ने देशी रियासतों को भारतीय संघ में मिला दिया।
सूझबूझ – वल्लभभाई ने रियासतों के एकीकरण में सूझबूझ से काम लिया।
परिश्रम – सरदार पटेल कठिन परिश्रम और कठोर अनुशासन की मूर्ति थे।
सेनानी – स्वतंत्रता सेनानियों को जनता सम्मानित करती है।
सफलता – साहस, धैर्य और कठोर परिश्रम सफलता की कुंजी है।

प्रश्न ६.
नीचे लिखे अशुद्ध शब्दों की वर्तनी ठीक करो
अनुसाशन – अनुशासन
सत्यागृह – सत्याग्रह
रगंना – रंगना
सवतंत्रता – स्वतंत्रता
स्वारज – स्वराज
अंतराष्ट्रीय – अन्तर्राष्ट्रीय
सिंगार – शृंगार 

प्रश्न ७.
नीचे दिए गए कथनों को शुद्ध करके लिखो
(क) उनकी स्वास्थ्य रहता था ठीक नहीं।
उत्तर:
उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था।

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(ख) सरदार पटेल स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे।
उत्तर:
सरदार पटेल स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी थे।

(ग) गृहमंत्री के रूप में उन्होंने अपने को एक कुशल प्रशासक भी सिद्ध कर दिया।
उत्तर:
गृहमंत्री के रूप में उन्होंने स्वयं को एक कुशल प्रशासक भी सिद्ध कर दिया।

(घ) वल्लभभाई के प्रयास से गैरकानूनी बेगार प्रथा चल पड़ी।.
उत्तर:
वल्लभभाई के प्रयास से गैरकानूनी बेगार-प्रथा बन्द हो गई।

प्रश्न ८.
पाठ से ऐसे पाँच वाक्य छाँटकर लिखो, जिनकी शुरुआत सर्वनाम शब्दों से हुई है। जैसे-वह अपना सारा समय अध्ययन में ही लगाते थे।
उत्तर:
(१) उन्होंने सादा जीवन व्यतीत किया।
(२) वे नित्य-प्रति सवेरे उठते थे।
(३) वह अहमदाबाद में वकालत करने लगे।
(४) उन्होंने वकालत छोड़कर देशसेवा आरंभ कर दी।
(५) उन्होंने गाँववालों को संगठित किया।

प्रश्न ९.
नीचे दिए गए दो-दो वाक्यों को मिलाकर एक वाक्य बनाओ- (वाक्य बनाकर)-
उत्तर:
(क) उनकी आँख के पास एक फोड़ा निकल आया, जो बढ़ता ही जा रहा था।
(ख) इस भय से कि कहीं आँख में न लग जाए, गर्म सलाख को फोड़े में फँसाने का किसी को साहस नहीं होता था।
(ग) अपने सामने आई अनेक समस्याओं पर सरदार पटेल ने बहुत सूझबूझ से काबू पा लिया।

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तुम्हारी कलम से

प्रश्न
सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन से हमें क्या शिक्षा मिलती है? संक्षेप में लिखो!
उत्तर:
सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन से साहसी, दृढ़प्रतिज्ञ, कर्तव्यपरायण, सत्यनिष्ठ आदि बनने की शिक्षा मिलती है।

अब करने की बारी

(क) देश की आजादी तथा नवनिर्माण में हाथ बँटानेवाले महापुरुषों के कम-से-कम दस नाम लिखो!
उत्तर:
देश की आजादी तथा नवनिर्माण में हाथ बँटानेवाले महापुरुषों के नाम- लाल बहादुर शास्त्री, सरदार वल्लभभाई पटेल, विनोबा भावे, चक्रवर्ती राजगोपालचारी, जवाहरलाल नेहरू, जाकिर हुसैन आदि।

नोट -उपप्रश्न (ख) और (ग) विद्यार्थी स्वयं करें।

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