UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 3 खाद तथा उर्वरक

UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 3 खाद तथा उर्वरक

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अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही का (✓) निशान लगाइए –

(i) जैविक खाद है –

(क) नाइट्रोजनी उर्वरक
(ख) फास्फेटी उर्वरक
(ग) पोटाश उर्वरक
(घ) गोबर की खाद ✓

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(ii) उर्वरक तैयार किया जाता है –

(क) गड्ढे में
(ख) जमीन में
(ग) कारखाने में ✓
(घ) गाँव में s

(iii) मुख्य पोषक तत्त्व है –

(क) आयरन
(ख) मैग्नीज
(ग) कॉपर
(घ) नाइट्रोजन ✓

(iv) सूक्ष्म पोषक तत्त्व है –

(क) नाइट्रोजन
(ख) फॉस्फोरस
(ग) पोटाश।
(घ) जिंक ✓

(v) उर्वरक है –

(क) गोबर की खाद
(ख) कम्पोस्ट ।
(ग) हरी खाद
(घ) रासायनिक खाद ✓

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गए शब्दों से कीजिए।

(क) कार्बनिक पदार्थ की मात्रा खाद में अधिक पाई जाती है। (खाद, उर्वरक)
(ख) जैविक खाद को गड्ढे में तैयार किया जाता है। (गड्ढे, कारखाने)
(ग) जैविक खाद का प्रयोग बुआई से पूर्व किया जाता है। (से पूर्व, बाद में)
(घ) पशुओं के नीचे बिछायी जाने वाली वनस्पतिक सामग्री को बिछाली कहते हैं। (कूड़ा कचरा, बिछाली)
(ङ) तिलहनी फसलों के बीजों से तेल निकालने के बाद शेष भाग को खली कहते हैं। (छिलका, खली)

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन पर सही (✓) तथा गलत कथन पर गलत (✗) का चिह्न लगाएँ –

(क) उर्वरक प्रायः गड्ढे में तैयार किए जाते हैं। (✗)
(ख) जैविक खाद में पोषक तत्वों की मात्रा निश्चित होती है। (✗)
(ग) ऐसे तत्त्वं जिनकी पौधों को बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है, सूक्ष्म पोषक तत्त्व कहलाते हैं। (✓)
(घ) हरी खाद, पौधों को मिट्टी में दबाकर तैयार की जाती है। (✓)
(ङ) कैल्सियम को पोषक तत्वों का राजा कहा जाता है। (✗)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में स्तम्भ ‘क’ को स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए। (सुमेल करके)
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 3 खाद तथा उर्वरक 1

प्रश्न 5.

(क) सूक्ष्म पोषक तत्त्व क्या हैं? उनके नाम लिखिए।
(ख) पौधों में नाइट्रोजन के महत्त्व को लिखिए।
(ग) हरी खाद को परिभाषित कीजिए।
(घ) कार्बनिक पदार्थ का मृदा पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(ङ) खाद के रूप में प्रयोग की जाने वाली तीन खलियों के नाम लिखिए।

उत्तर :

(क) जिन तत्त्वों की पौधों को बहुत कम जरूरत होती है, उन्हें सूक्ष्म पोषक तत्त्व कहते हैं। सूक्ष्म पोषक तत्वों में आयरन, मैग्नीज, कॉपर, जिंक, बोरॉन आदि हैं। (UPBoardSolutions.com)
(ख) नाइट्रोजन को पोषक तत्त्वों का राजा कहते हैं। यह एक संरचनात्मक तत्त्वं है। नाइट्रोजन पौधों में हरा रंग क्लारोफिल उत्पन्न करता है। यह पौधों की तीव्र वृद्धि में सहायक होता है।
(ग) सनई, ढेचा, लोबिया आदि के हरे पौधों को मृदा उर्वरता बढ़ाने के लिए भूमि में दबाने से जो खाद प्राप्त होती है, उसे हरी खाद कहते हैं।
(घ) कार्बनिक पदार्थ का मृदा पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे मृदा का उपजाऊपन बढ़ जाता है।
(ङ) खाद के रूप में प्रयुक्त होने वाली तीन खलियों के नाम हैं – नीम, महुआ और अलसी।

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प्रश्न 6.
आवश्यक पोषक तत्वों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर :
पोषक तत्वों को आवश्यकता के आधार पर तीन वर्गों में बाँटा गया है –

  1. मुख्य पोषक तत्त्व जैसे- कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम।
  2. गौण पोषक तत्त्व जैसे- कैल्सियम, मैग्नीशियम, सल्फर।
  3. सूक्ष्म पोषक तत्त्व जैसे- आयरन, मैग्नीज, कॉपर, जिंक।

प्रश्न 7.
खाद किसे कहते हैं? समझाकर लिखिए।
उत्तर :
जीव-जन्तुओं एवं पेड़-पौधों के अवशेषों के विघटित अंश को ‘खाद’ कहते हैं। गोबर और घर का कचरा सड़ने के बाद खाद बन जाता है।

प्रश्न 8.
मुख्य पोषक तत्वों को पौधों की वृद्धि में क्या महत्त्व है?
उत्तर :
मुख्य पोषक तत्वों का पौधों की वृद्धि में महत्त्वपूर्ण स्थान हैं क्योंकि कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन पौधों के लगभग 95% भाग का निर्माण करते हैं। पौधों के शुष्क भाग का लगभग 44% कार्बन, 40% ऑक्सीजन एवं 8% हाइड्रोजन होता है। प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड व (UPBoardSolutions.com) जल के संयोग से पौधों में शर्करा और स्टार्च का निर्माण होता है। हरे पौधों में यही जीवन का आधार है।

प्रश्न 9.
खाद को वर्गीकृत करते हुए हरी खाद बनाने की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
खाद के प्रकार – यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है –
UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 3 खाद तथा उर्वरक 2

हरी खाद बनाने की विधि – इस विधि से जिस खेत में खाद देनी होती है, उसी में हरी खाद की फसल को लगभग एक माह पश्चातू खेत में ही पाटा लगाकर गिरा देते हैं। इसके बाद मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर देते हैं। जिससे सभी हरे पौधे मिट्टी में दब जाते हैं। कुछ दिन में पौधे सड़-गलकर खाद बन जाते हैं।

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प्रश्न 10.
गोबर गैस संयंत्र से होने वाले लाभों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
गोबर गैस संयंत्र से लाभ –

  1. भोजन पकाने के लिए ईंधन के रूप में गैस प्राप्त होती है।
  2. गैस का उपयोग’ गैस लैंप में प्रकाश के लिए भी किया जाता है।
  3. संयंत्र से गोबर की खाद (गाद) प्राप्त होती है।
  4. इस खाद (गाद) में सामान्य गोबर की खाद से कई गुना अधिक पोषक तत्त्व पाए जाते हैं।

प्रश्न 11.
पौधों में नत्रजन की कमी के लक्षण लिखिए।
उत्तर :
पौधों में नत्रजन की कमी के लक्षण निम्नलिखित हैं

  1. लक्षण सर्वप्रथम पुरानी पत्तियों पर प्रकट होते हैं।
  2. पूरी पत्ती नसों सहित पीली पड़ जाती हैं।
  3. पत्ती पर सी भी रंग के धब्बे नहीं पड़ते।
  4. पत्तियाँ भंगुर हो जाती हैं और मोड़ने पर चटक कर टूटती हैं।
  5. पौधा बौना रह जाता है।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में संकेतों के अनुसार शब्द पूराँ करें –
UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 3 खाद तथा उर्वरक 3

उत्तर :

  1. कारखाना
  2. हाइड्रोजन
  3. विष्टाचूर्ण
  4. फर्टिलाइजर
  5. नाइट्रोजन
  6. सल्फर
  7. बिछाली

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प्रोजेक्ट कार्य
नोट – छात्र स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 16 क्षेत्रमिति (मेन्सुरेशन)

UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 16 क्षेत्रमिति (मेन्सुरेशन)

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अभ्यास 16(a)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वस्तुओं में घनाभ के आकार की वस्तुओं को पहचानिए (पहचानकर)-
(i) गेंद
(ii) सन्दूक
(iii) सड़क पर गिट्टी कूटने वाला रोलर
(iv) कीप
(v) आलमारी
(vi) पुस्तक
(vii) ईंट
उत्तर-
(ii) सन्दूक
(v) अलमारी
(vi) पुस्तक
(vii) ईंट

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प्रश्न 2.
(i) पाश्र्व चित्र में शीर्ष E पर मिलने वाली कौरों के नाम लिखिए।
UP Board Solutions for Class 6 Maths Chapter 16 क्षेत्रमिति (मेन्सुरेशन) 16a 2
उत्तर-
EH, EA, EF

(ii) पाश्र्व चित्र में फलक ABCD के समान्तर फलक का नाम बताइए।
उत्तर-
ABCD के समान्तर फलक = EFGH

प्रश्न 3.
घनाकार लूडो के पासे में, फलकों, कोरों और शीर्षों की संख्या बताइए।
उत्तर-
घनाकार लूडो के पासे में, फलक = 6, कोरें = 12 तथा शीर्ष = 8
V + F = E + 2 का सम्बन्ध सत्य है।

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प्रश्न 4.
लूडो के पासे के आमने-सामने के फलक पर अंकित बिन्दुओं की संख्या का योग लिखें।
उत्तर-
6 + 1 = 7,
3 + 4 = 7,
2 + 5 = 7

अभ्यास 16 (b)

प्रश्न 1.
नीचे दी गई लम्बाई, चौड़ाई और ऊँचाई वाले घनाभों के आयतन ज्ञात कीजिए।
(i) लम्बाई = 8 सेमी, चौड़ाई = 5 सेमी तथा ऊँचाई = 4 सेमी।
हल:
घनाभ का आयतन = लम्बाई x चौड़ाई x ऊँचाई = 8 x 5 x 4 = 160 घन सेमी

(ii) लम्बाई = 80 सेमी, चौड़ाई = 40 सेमी तथा ऊँचाई = 1 मी 20 सेमी।
हल:
घनाभ का आयतन = लम्बाई x चौड़ाई x ऊँचाई = 80 x 40 x 120 = 384000 घने सेमी।

(iii) लम्बाई = 14 सेमी, चौड़ाई = 8.5 सेमी तथा ऊँचाई = 5 सेमी।
हल:
घनाभ का आयतन = लम्बाई x चौड़ाई x ऊँचाई = 14 x 8.5 x 5 = 595 घन सेमी

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(iv) लम्बाई = 1.4 सेमी, चौड़ाई = 0.5 सेमी तथा ऊँचाई = 0.4 मी।
हल:
घनाभ का आयतन = लम्बाई x चौड़ाई x ऊँचाई = 1.4 x 0.5 x 0.4 = 0.28 घन मी

प्रश्न 2.
नीचे दी गई भुजा की माप वाले घनों का आयतन ज्ञात कीजिए।
(i) भुजा = 12 सेमी
हल:
घन का आयतन = भुजा x भुजा x भुजा = 12 x 12 x 12 = 1728 घन सेमी

(ii) भुजा = 6.4 सेमी
हल:
घन का आयतन = भुजा x भुजा x भुजा = 6.4 x 6.4 x 6.4 = 262.144 घन सेमी

(iii) भुजा = 7.2 सेमी
हल:
घन का आयतन = भुजा x भुजा x भुजा = 7.2 x 7.2 x 7.2 = 373.248 घने सेमी।

(iv) भुजा = 1.3 सेमी
हल:
घन का आयतन = भुजा x भुजा x भुजा = 1.3 x 1.3 x 1.3 = 2.197 घन सेमी

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प्रश्न 3.
एक कमरे की लम्बाई 5 मी, चौड़ाई 4 मी और ऊँचाई 3.5 मी है। कैमरे का आयतन ज्ञात कीजिए।
हल:
कमरे की लम्बाई = 5 मी
कमरे की चौड़ाई = 4 मी
कमरे की ऊँचाई = 3.5 मी
कमरे की आयतन = 5 x 4 x 3.5 = 70 घन मी

प्रश्न 4.
दो घनाकार वस्तुएँ हैं जिनकी कोरें क्रमशः 2 सेमी और 4 सेमी हैं। इनके आयतन क्रमशः V1 और V2 में सम्बन्ध (अनुपात) ज्ञात कीजिए।
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प्रश्न 5.
एक मैदान की लम्बाई 40 मी तथा चौड़ाई 15 मी है। यदि इस मैदान पर 50 मिमी वर्षा हुई हो, तो ज्ञात कीजिए कि मैदान पर कुल कितने लीटर पानी गिरा, यदि 1 घन मी = 1000 लीटर।
हल:
मैदान की लम्बाई = 40 मी
मैदान की चौड़ाई = 15 मी
वर्षा के पानी की ऊँचाई = 50 मिमी = 0.05 मी
मैदान में कुल पानी गिरा = 40 x 15 x 0.05 = 30 घन मी = 30 x 1000 = 30000 ली।

प्रश्न 6.
एक ईंट की लम्बाई, चौड़ाई व मोटाई क्रमशः 25 सेमी, 10 सेमी व 7.5 सेमी है। एक 5 मी लम्बी, 3.5 मी ऊँची व 33 सेमी मोटी दीवार को बनाने में कितनी ईंटें लगेंगी?
हल:
ईंट का आयतन = 25 x 10 x 7.5 = 1875 घन सेमी
दीवार की लम्बाई = 5 मी = 500 सेमी
दीवार की चौड़ाई = 3.5 मी = 350 सेमी
दीवार की ऊँचाई = 33 सेमी
दीवारे का आयतन = 500 x 350 x 33 = 5775000 घन सेमी
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प्रश्न 7.
एक घनाभाकार लकड़ी के टुकड़े का आयतन 264 घन सेमी है। यदि टुकड़ा 8 सेमी लम्बा और 6 सेमी चौड़ा हो, तो उसकी ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल:
घनाभाकार लकड़ी के टुकड़े का आयतन = 264 घन सेमी
घनाभाकार लकड़ी के टुकड़े की लम्बाई = 8 सेमी
घनाभाकार लकड़ी के टुकड़े की चौड़ाई = 6 सेमी
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प्रश्न 8.
लकड़ी के घनाभ के आकार के एक टुकड़े की लम्बाई 75 सेमी, चौड़ाई 15 सेमी तथा ऊँचाई 5. सेमी है, तो इसमें से 15 सेमी लम्बे, 3 सेमी चौड़ा तथा 1 सेमी ऊँचे कितने गुटके बनाए जा सकते हैं?
हल:
घनाभाकार लकड़ी के टुकड़े की लम्बाई = 75 सेमी, चौड़ाई = 15 सेमी, ऊँचाई = 5 सेमी
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प्रश्न 9.
भूमिगत जल संरक्षण हेतु वर्षा ऋतु में जल संग्रहण के लिए एक आवासीय परिसर में कच्ची जमीन पर 5 मीटर लम्बा, 3 मीटर चौड़ा तथा 1.5 मीटर गहरा गड्ढा खोदा गया है। बताइए उस गड्ढे में अधिकतम कितने लीटर पानी एकत्र किया जा सकता है?
हल:
गड्ढे की लम्बाई = 5 मीटर
गड्ढे की चौड़ाई = 3 मीटर
गड्ढे की गहराई = 1.5 मीटर
गड्ढे का आयतन = लम्बाई x चौड़ाई x गहराई
= 5 मीटर x 3 मीटर x 1.5 मीटर
= 22.5 x 1000 लीटर (1 धन मीटर = 1000 लीटर)
= 22500 लीटर

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प्रश्न 10.
एक घनाकार पानी की टंकी की भीतरी मापें 5 मी०, 4 मी० तथा 3 मी० है। टंकी जल से [latex]\frac { 9 }{ 10 }[/latex] भाग भरी हुई है। इसके अन्दर के जल को प्रदूषणमुक्त एवं शुद्ध करने पर प्रति एक हजार लीटर ₹ 10 का खर्च आता है। बताइए कि टंकी के सम्पूर्ण जल को शुद्ध करने पर कुल कितना व्यय होगा?
हल:
घनाकार पानी की टंकी की भीतरी लम्बाई = 5 मीटर
घनाकार पानी की टंकी की भीतरी चौड़ाई = 4 मीटर
घनाकार पानी की टंकी की भीतरी गहराई = 3 मीटर
घनाकार टंकी का आयतन = लम्बाई x चौड़ाई x गहराई = 5 मीटर x 4 मीटर x 3 मीटर = 60 घन मीटर
टंकी में कुल पानी इकट्ठा किया जा सकता है = 60000 लीटर (1 घन मीटर = 1000 लीटर)
टंकी में पानी का भाग = कुल पानी का [latex]\frac { 9 }{ 10 }[/latex] भाग
= 60000 x [latex]\frac { 9 }{ 10 }[/latex] लीटर = 54000 लीटर
1000 लीटर पानी को शुद्ध करने पर व्यय होगा = ₹ 10
1 लीटर पानी को शुद्ध करने पर व्यय होगा = ₹ [latex]\frac { 10 }{ 1000 }[/latex]
54000 लीटर पानी को शुद्ध करने पर व्यय होगा = [latex]\frac { 10 }{ 1000 }[/latex] x 54000 = ₹ 540

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UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 2 भू परिष्करण

UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 2 भू – परिष्करण

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अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही का निशान लगाइए

(i) भू-परिष्करण कहते हैं –

(क) अनाज को बोरे में रखने को
(ख) फसलों की मड़ाई को
(ग) खेतों की जुताई को ✓
(घ) फसलों की कटाई को

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(ii) भू-परिष्करण होता है –

(क) एक प्रकार का
(ख) दो प्रकार का ✓
(ग) तीन प्रकार का
(घ) चार प्रकार का

(iii) भू-परिष्करण का उद्देश्य होता है –

(क) मृदा में वायु संचार बढ़ाना ✓
(ख) मृदा में हानिकारक कीड़ों को बढ़ाना
(ग) मृदा कटाव बढ़ाना
(घ) मृदा में खरपतवारों को बढ़ाना

(iv) जुताई से होता है –

(क) बीजों का कम अंकुरण
(ख) मृदा में कार्बनिक पदार्थ की कमी
(ग) मिट्टी का कठोर होना
(घ) पानी सोखने की क्षमता का बढ़ना ✓

(v) ऋतुओं के अनुसार जुताई होती है –

(क) जनवरी की जुताई
(ख) जून की जुताई
(ग) गर्मी की जुताई ✓
(घ) सितम्बर की जुताई

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

(क) फावड़े से खेत की खुदाई होती है। (जुताई / खुदाई)
(ख) भू-परिष्करण भूमि की जुताई से होता है। (फसलों की कटाई / भूमि की जुताई)
(ग) द्वितीय भू-परिष्करण द्वारा मृदा की जल धारण क्षमता बढ़ती है। (बढती / घटती)
(घ) गर्मी की जुताई से खेत में खरपतवार घट जाते हैं। (घट / बढ़)

प्रश्न 3.
सही कथन के आगे सही (✓) और गलत के आगे गलत (✗) का निशान लगाइए –

(क) फूल एवं सब्जियाँ घरों में उगाई जाती हैं। (✗)
(ख) खुप से फसलों की निराई होती है। (✓)
(ग) पाटा चलाना द्वितीय भू-परिष्करण है। (✓)
(घ) भूमि में खाद मिलाना प्राथमिक भू-परिष्करण है। (✓)
(ङ) मृदा की जुताई करने से कणों के झुण्ड नहीं बनते हैं। (✗)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में स्तम्भ ‘क’ का स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए – (सुमेल करके)
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 2 भू परिष्करण 1

प्रश्न 5.

(क) प्रारम्भिक भू-परिष्करण किसे कहते हैं?
(ख) मृदा में वायु संचार कैसे बढ़ायेंगे?
(ग) खेत में खरपतवार नष्ट करने के लिए क्या-क्या कार्य करेंगे?
(घ) गर्मी की जुताई का वर्णन कीजिए।

उत्तर :

(क) खेत की तैयारी से बीज बोने तक जितने भी कृषि कार्य किए जाते हैं, उन्हें प्रारम्भिक भू-परिष्करण कहते हैं।
(ख) मृदा में वायु संचार बढ़ाने के लिए खेतों की जुताई करना व पाटा चलाना पड़ता है जिससे मृदा कण आपस में मिल जाते हैं और मृदा में पर्याप्त रंध्रावकाशः बन जाते हैं जिससे वायु संचार होता है।
(ग) खरपतवार नष्ट करने के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए जिससे खरपतवारों की जड़े एवं कंद मृदा सतह पर आकर धूप एवं वायु से (UPBoardSolutions.com) नष्ट हो सकें।
(घ) गर्मी की जुताई खरीफ की फसलों की बुवाई से पहले की जाती है। भीषण गर्मी के बाद गर्म आई मौसम आता है। इस समय वर्षा रुक-रुककर होती रहती है जो घास जमने को प्रोत्साहित करती है, यद्यपि फसलों को उगने के लिए उचित दशाएँ उपलब्ध नहीं होती।

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प्रश्न 6.

  1. भू-परिष्करण की परिभाषा लिखिए एवं उसके प्रकार का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  2. भू-परिष्करण के उद्देश्य का वर्णन कीजिए।
  3. ऋतुओं के अनुसार जुताई का वर्णन कीजिए।
  4. जुताई से होने वाले लाभ लिखिए।

उत्तर :
(i) कृषि वैज्ञानिक वेयर के अनुसार “पौधों के अंकुरण तथा वृद्धि के लिए मृदा को उचित अवस्था प्रदान करने को भू-परिष्करण कहते हैं।” भू-परिष्करण दो प्रकार के होते हैं –

(क) प्रारम्भिक भू-परिष्करण
(ख) द्वितीय भू-परिष्करण।

(क) प्रारम्भिक भू-परिष्करण – खेत की तैयारी से बीज बोने तक जितने भी कृषि कार्य किए जाते हैं, उन्हें प्रारम्भिक भू-परिष्करण कहते हैं। जिसमें खेतों को जोतना, हैरो, कल्टीवेटर चलाना, पाटा चलाना, भूमि को समतल करना आता है।

(ख) द्वितीय भू-परिष्करण – बीज बोने के बाद से लेकर फसल कटने तक जितने भी कृषि कार्य किए जाते हैं, उन्हें द्वितीय भू-परिष्करण कहते हैं। जिसमें निराई-गुड़ाई, फसलों पर मिट्टी चढ़ाना आदि क्रियाओं को शामिल किया जाता है।

(i) भू-परिष्करण के उद्देश्य

(क) मृदा में जल धारण क्षमता को बढ़ाना
(ख) मृदा में वायु संचार बढ़ाना
(ग) मृदा कटाव को रोकना
(घ) खरपतवारों को नष्ट करना
(ङ) पौधों के कीट तथा रोगों की रोकथाम करना
(च) मृदा में जैविक पदार्थ को मिलाना

(ii) ऋतुओं के अनुसार जुताई तीन प्रकार की होती है

(क) गर्मी की जुताई
(ख) सर्दी की जुताई
(ग) दो ऋतुओं के मध्य की जुताई

(iii) जुताई से होने वाले लाभ

(क) मृदा में पानी सोखने की क्षमता बढ़ जाती है।
(ख) मृदा में जल और वायु का संचार बढ़ जाता है।
(ग) लाभदायक जन्तु एवं सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ जाती है।
(घ) बीजों का अंकुरण अच्छा होता है।
(ङ) मृदा भुरभुरी और मुलायम हो जाती है।
(च) खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।
(छ) हानि पहुँचाने वाले कीट, पतंगे व उनके अंडे, बच्चे नष्ट हो जाते हैं।
(ज) मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है।
(झ) मृदा की भौतिक एवं रासायनिक दशाएँ सुधर जाती हैं।

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प्रश्न 7.
अन्तःकर्षण क्रियाओं से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
प्राथमिक एवं द्वितीयक भू-परिष्करण के बाद सफल-फसल उत्पादन हेतु बीज की बुआई के बाद फसल की कटाई तक किए जाने वाले विभिन्न कार्य अन्तःकर्षण कहलाते हैं। जैसे –

  1. पपड़ी तोड़ना
  2. गुड़ाई करना
  3. निराई करना
  4. मिट्टी चढ़ाना आदि।

प्रोजेक्ट कार्य –
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Home Craft Chapter 12 धुलाई कला

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धुलाई कला

अभ्यास

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए-
(क) रोगी व्यक्ति के कपड़ों को गर्म पानी में धोना चाहिए।
(ख) सफेद और रंगीन कपड़ों को साथ-साथ नहीं धोना चाहिए।
(ग) वस्तुओं में कड़ापन लाने के लिए कलफ लगाते हैं।
(घ) फटे वस्त्रों को धोने के पूर्व सिलना चाहिए।

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प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(क) वस्त्रों में सिकुड़न कैसे दूर करते हैं ?
उत्तर
वस्त्रों को प्रेस कर उनकी सिकुड़न दूर की जाती है।

(ख) वस्त्रों की नियमित धुलाई क्यों आवश्यक है ?
उत्तर
वस्त्र प्रयोग करने, पहनने आदि से गंदे हो जाते हैं। इस (UPBoardSolutions.com) कारण वस्त्रों की नियमित धुलाई शारीरिक स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होती है।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) वस्त्रों की धुलाई क्यों आवश्यक है ?
उत्तर
वस्त्रों की सफाई और दुर्गंध दूर करने के लिए, कपड़ों की सुंदरता, सुरक्षा के लिए और उत्तम स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व में निखार लाने हेतु वस्त्रों की धुलाई आवश्यक है।

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(ख) सफेद कपड़ों में नील कैसे लगाते हैं ?
उत्तर
सफेद कपड़ों में नील लगाने से उनकी सफेदी में निखार आ जाता है। नील लगाने के लिए पानी में नील की आवश्यक मात्रा घोल लेते हैं। धुले कपड़े को नील में डुबो देते हैं (UPBoardSolutions.com) तथा उलट-पलट कर कपड़ा शीघ्रता से घुमाते हैं। फिर निचोड़कर सूखने के लिए धूप में फैला देते हैं।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) कपड़ा धोने के पूर्व किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर
कपड़े धोने से पूर्व निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए

  1. सफेद एवं रंगीन वस्त्रों को अलग-अलग धोएँ।
  2. रोगी के वस्त्रों को अलग बर्तन में उबालकर, धोकर धूप में सुखाएँ।
  3. फटे वस्त्रों को धोने से पूर्व मरम्मत कर लें।
  4. दाग या धब्बा पहले छुड़ा लें।
  5. कपड़ों में साबुन नहीं छोड़ना चाहिए।

(ख) कलफ किन-किन चीजों से बनाया जाता है एवं वस्त्रों में लगाने की विधि लिखिए ?
उत्तर
चावल, मैदा, अरारोट या साबूदाने को पानी में पकाकर कलफ बनाया जाता है। जिन कपड़ों में कलफ लगाना हो, उन्हें कलफ के पतले घोल में डुबोकर निचोड़ लें । यदि कपड़े सफेद हों (UPBoardSolutions.com) और उनमें नील तथा कलफ दोनों की आवश्यकता हो तो नील के घोल में ही कलफ डालकर कपड़े को डुबोएँ तथा तुरंत निचोड़कर फैला दें।

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प्रोजेक्ट कार्य :                  नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Home Craft Chapter 11 गृह-प्रबन्ध

UP Board Solutions for Class 6 Home Craft Chapter 11 गृह-प्रबन्ध

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 Home Craft. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 Home Craft Chapter 11 गृह-प्रबन्ध.

गृह-प्रबन्ध

अभ्यास

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न सही विकल्प के सामने दिए गोल घेरे को काला करें-
(1) घर का प्रबंध सबसे अधिक प्रभावी होता है।
(क) आमदनी से ◯
(ख) रहन-सहन के तरीकों से ●
(ग) वस्तुओं के मूल्य से ◯
(घ) मॅहगाई से ◯

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(2) अच्छे गृह प्रबंघ के लिए कौन सी सूची बेमेल है|
(क) टूथब्रश, मंजन, साबुन, तौलिया ◯
(ख) दाल, चावल, आटा, बेसन ◯
(ग) जूता, मोजा, पॉलिश, ब्रश ◯
(घ)टी.वी., टेपरिकार्डर, रेडिया, स्टोव ●

प्रश्न 2.
अति लघुउत्तरीय प्रश्न
(क) आकस्मिक आवश्यकता की किन्हीं चार वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर
टॉर्च, दवा, प्राथमिक चिकित्सा पेटी, रस्सी

(ख) वार्षिक सफाई में कौन-कौन से कार्य औते हैं ?
उत्तर
वार्षिक सफाई में घर की दीवारों पर पुताई करने का कार्य तथा टूटी-फूटी दीवारों का प्लास्टर आदि ठीक करने का कार्य आता है।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) आप अपने घर की दैनिक सफाई में कौन-कौन से कार्य करते हैं ?
उत्तर
हम अपने घर की दैनिक सफाई में फर्श पर झाडू देना पोंछा लगाना, बरतन धोना, कपड़े धोना आदि कार्य करते हैं।

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(ख) गृह प्रबंध से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर
घर के सभी सदस्यों की आवश्यकता के अनुसार वस्तुओं की उपलब्धता तथा उनका उचित रख-रखाव या घर की समस्त वस्तुओं को उनके उपयोग के अनुसार रख-रखाव ही गृह-प्रबन्ध है। घर के सदस्यों में उचित तालमेल व सामंजस्य की दृष्टि से गृह-प्रबन्ध आवश्यक है।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) दैनिक, साप्ताहिक एवं मासिक सफाई के अंतर्गत आप कौन-कौन से कार्य करते हैं ?
उत्तर
दैनिक सफाई के अंतर्गत हम कमरे के फर्श पर झाडू लगाने, पोंछा लगाने, बरतन तथा कपड़े साफ करने का कार्य करते हैं। साप्ताहिक सफाई के अंतर्गत प्रायः चादर, तौलिया को डिटरजेंट में भिगोने, धोने एवं सुखाने का कार्य किया जाता है। मासिक सफाई में हम रसोई घर के डिब्बों को साफ करने एवं फर्नीचर के कवर बदलने का कार्य करते हैं।

(ख) गृह प्रबंध के क्या लाभ हैं, घर के प्रबंधन में किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर
गृह-प्रबन्ध में वस्तुओं के उपलब्ध होने के बाद उनका रख-रखाव होता है फिर उनकी नियमित सफाई सुनिश्चित की जाती है। गृह प्रबन्ध से सम्बन्धित कुछ विशेष बातें निम्नलिखित हैं

  1. भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना गृह प्रबन्धन के लिए आवश्यक है।
  2. गृह-प्रबन्धन का सीधा सम्बन्ध हमारी सोच, हमारी आदतों से होता है। ये आदत हमें स्वयं ही विकसित करनी होती है। अच्छे गृह-प्रबन्धन के लिए घर के सभी सदस्यों को एक-दूसरे की आदतों के बारे में बातें भी करते रहना चाहिए।
  3. गृह-प्रबन्धन के लिए हमें वस्तुओं के प्रयोग के तरीकों को भी जानना चाहिए।
  4. घर के उचित प्रबन्धन में समय-पालन का महत्त्व होता है। सभी सदस्यों को नित्यकर्म, नाश्ता, भोजन सही समय पर करना चाहिए।

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प्रोजेक्ट कार्य :                  नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

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