UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 38 जमशेद जी नसरवान जी टाटा (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 38 जमशेद जी नसरवान जी टाटा (महान व्यक्तिव)

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पाठ को सारांश

जमशेद जी नसरवान जी टाटा ने भारत के औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान किया। इनका जन्म गुजरात के पारसी परिवार में 3 मार्च, सन 1839 ई० को हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा मुम्बई में हुई। आगे की पढाई एलिफिंस्टन कॉलेज में पूरी की। पढ़ाई के दौरान इनका विवाह हीराबाई से हुआ। सन 1856 ई० में इनके पुत्र दोराब जी का जन्म हुआ।

शिक्षा के बाद कुछ दिन वकालत करके इन्होंने उसे छोड़ दिया और अपने पैतृक व्यवसाय व्यापार में रुचि ली। इन्होंने हाँगकाँग और शंघाई जैसे नगरों में अपने व्यापार की शाखाएँ खोलीं। इन्होंने चीन में व्यापार (UPBoardSolutions.com) और अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया। इन्होंने चार वर्षों तक लंदन जाकर लंकाशायर और मैनचेस्टर नगरों की यात्रा की, जो वस्त्र उद्योग के केन्द्र थे। वहाँ वस्त्र उद्योग सम्बन्धी समस्याओं का अध्ययन किया।

स्वदेश लौटकर इन्होंने अपना मकान और निजी सम्पत्ति बेचकर कर्ज की अदायगी की और व्यापारियों का विश्वास व अपनी साख बढ़ाई। इससे भावी प्रगति के द्वार खुल गए। जमशेद जी भारत में मैनचेस्टर और लंकाशायर जैसी उन्नत किस्म की मिलें स्थापित करना चाहते थे। इन्होंने देखा कि अँग्रेज भारत से सस्ती खरीदी कपास से बने कपड़ों को भारत में लाकर ऊँचे दाम पर बेच रहे हैं। इससे इन्हें दुख हुआ।

जनवरी 1877 ई० में इन्होंने नागपुर में इंप्रेस मिल की स्थापना की। कपड़ा मिल के स्थापना के बाद सन 1880 ई० में इन्होंने इस्पात उद्योग स्थापित करना चाहा। इस बड़े उद्योग की स्वीकृति अँग्रेज सरकार ने (UPBoardSolutions.com) मुश्किल से दी। जब भूगर्भ विशेषज्ञों का खनिज सर्वेक्षण चल रहा था; तभी इनका निधन हो गया। इनके पुत्रों ने अधूरा कार्य पूरा किया और सन 1911 ई० में लोहा और इस्पात कारखाना की स्थापना के साथ ही टाटा का महान स्वप्न पूरा हुआ। साकची (जमशेदपुर) में टाटा आयरन एण्ड स्टील कारखाना स्थापित हुआ।

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अभ्यास

प्रश्न 1.
जमशेद जी ने चीन और इंगलैंड की यात्रा क्यों की?
उत्तर :
जमशेद जी ने चीन और इंगलैड की यात्रा व्यापार और अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने के लिए की।

प्रश्न 2.
जमशेद जी की स्वदेशी मिल की स्थापना का क्या उद्देश्य था?
उत्तर :
जमशेद जी की ‘स्वदेशी मिल’ की स्थापना का उद्देश्य था- देशप्रेम की भावना। वे देश के कच्चे माल का उपयोग देश में ही करना चाहते थे।

प्रश्न 3.
जमशेद जी ने मुख्यतः किन उद्योगों की स्थापना की?
उत्तर :
जमशेद जी ने नागपुर में इंप्रेस नाम की सूती वस्त्र की मिल खोली। (UPBoardSolutions.com) इसके बाद इस्पात उद्योग की स्थापना जमशेदपुर में की।

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प्रश्न 4.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर) –

(क) जमशेद जी का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। (✗)
(ख) नसरवान जी अपना व्यवसाय विदेशों में फैलाना चाहते थे। (✓)
(ग) जमशेद जी की व्यवसाय में रुचि नहीं थी। (✗)
(घ) लंकाशायर और मैनचेस्टर वस्त्र उद्योग के मुख्य केन्द्र थे। (✓)

प्रश्न 5.
समूह से अलग शब्द को छाँटिए (समूह से अलग शब्द को छाँटकर) –

(क) व्यापार, बिक्री, विदेश, बाजार
(ख) प्लास्टिक, कपास, रेशम, ऊन
(ग) लंकाशायर, मेनचेस्टर, नागपुर, जमशेदपुर

उत्तर :

(क) विदेश।
(ख) प्लास्टिक।
(ग) जमशेदपुर।

प्रश्न 6.
सही जोड़े बनाइए (सही जोड़े बनाकर) –
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प्रश्न 7.
अपने गाँव/नगर के किसी उद्योग के बारे में लिखिए।

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नोट विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 16 सूफी सन्त (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 16 सूफी सन्त : निजामुद्दीन और अमीर खुसरो (महान व्यक्तिव)

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पाठ का सारांश

शेख निजामुद्दीन औलिया – शेख निजामुद्दीन औलिया का जन्म 1236 ई० में बदायूँ में हुआ। पिता के मरने पर माता जुलेखा ने इनका पालन-पोषण किया। इन्होंने बदायूँ : के बाद आगे की शिक्षा दिल्ली में ग्रहण की और शीघ्र ही ये एक प्रसिद्ध विद्वान बन गए। प्रसिद्ध सूफी सन्त हजरत ख्वाजा फरीदुद्दीन ने शेख निजामुद्दीन को अपन, शिष्य बनाकर आध्यात्मिक चिंतन और साधना का रहस्य बताया। इन्होंने अजोधन से दिल्ली आकर गयासपुर में एक मठ की स्थापना की। 1265 ई० में बाबा फरीद की मृत्यु के बाद ये इनके उत्तराधिकारी बने। शेख का नाम दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध हो गया। इनकी खानकाह (मठ) में अच्छे कव्वाल आते। रहते थे। इनमें गरीबों के प्रति करुणा थी। खानकाहे में इनका भंडारा सभी के लिए खुला रहता था। इनकी शिष्य-मण्डली में (UPBoardSolutions.com) सभी वर्गों और क्षेत्रों के लोग थे। इन्होंने जीवनभर मानव प्रेम का प्रचार किया। निजामुद्दीन औलिया अपने शिष्यों का ध्यान सदैव सामाजिक उत्तरदायित्व की ओर आकृष्ट कराते रहे। 1325 ई० में इनका निधन हो गया।

मानवता के प्रति प्रेम और सेवा भावना जैसे गुणों के कारण निजामुद्दीन औलिया कों महबूब-ए-इलाही का दर्जा मिला। आज भी इनकी मजार पर लाखों लोग मन्नत माँगते और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

अमीर खुसरो – शेख निजामुद्दीन औलिया के शिष्य अमीर खुसरो को जन्म 1253 ई० में एटा के पटियाली कस्बे में हुआ। इनके पिता अमीर सैफुद्दीन महमूद प्रकृति, कला और काव्य के प्रेमी थे। अमीर खुसरो को खिलजी सुल्तानों ने अपने दरबार में कवि, साहित्यकार और संगीतज्ञ के रूप में सम्मान दिया। अमीर खुसरो को फारसी, हिन्दी, संस्कृत, (UPBoardSolutions.com) अरबी आदि भाषाओं का ज्ञान था। इनकी रचनाओं में भारत की जलवायु, फल-फूल और पशु-पक्षी की प्रशंसा मिलती है। खुसरो ने दिल्ली को बगदाद से अच्छा माना। भारतीय दर्शन को यूनान और रोम से श्रेष्ठ बताया।

खुसरो की मुकरियाँ और पहेलियाँ भारतीय जनता में रची-बसी हैं। हिन्दी कृतियों के कारण इन्हें जनसाधारण में विशेष लोकप्रियता प्राप्त हुई। इनकी हिन्दी रचनाओं में गीत, दोहे, पहेलियाँ और मुकरियाँ विशेष उल्लेखनीय हैं। अमीर खुसरो को भारतीय होने का गर्व था। अमीर खुसरो उच्चकोटि के संगीतज्ञ थे। इन्होंने कई रागों की रचना की। गायन में ‘खयाल’ अमीर खुसरो की देन है। इन्होंने सितार का आविष्कार किया, मृदंग को सुधारकर तबले का रूप दिया। इन पर सूफी सन्तों की मान्यता का प्रभाव था। विदेशों के फारसी कवियों में भी इनका उपयुक्त स्थान है। 1325 ई० में इनका निधन हो गया। खुसरो धर्मनिष्ठ (UPBoardSolutions.com) व्यक्ति थे। धार्मिक सहिष्णुता और लोगों से मेलजोल रखने के कारण ये जनता में लोकप्रिय थे। इनका व्यक्तित्व समकालीन लोगों के मध्य अतुलनीय एवं अद्वितीय था।

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अभ्यास

प्रश्न 1.
शेख निजामुद्दीन औलिया अजोधन क्यों गए?
उत्तर :
शेख निजामुद्दीन औलिया बाबा फरीद के दर्शन करने के लिए अजोधन गए।

प्रश्न 2.
बाबा फरीद के निधन के बाद शेख निजामुद्दीन औलिया को उनका उत्तराधिकारी क्यों घोषित किया गया?
उत्तर :
शेख निजामुद्दीन बाबा फरीद के प्रमुख शिष्य थे, इसलिए उन्हें बाबा फरीद का उत्तराधिकारी घोषित किया गया।

प्रश्न 3.
शेख निजामुद्दीन अपने शिष्यों का ध्यान किस ओर और क्यों आकृष्ट कराते रहे?
उत्तर :
शेख निजामुद्दीन अपने शिष्यों का ध्यान सदैव सामाजिक उत्तरदायित्व की ओर आकृष्ट कराते रहे, क्योंकि वे सामाजिक समन्वय और मेल-जोल की भावना का विकास चाहते थे।

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प्रश्न 4.
अमीर खुसरो को किन-किन भाषाओं का ज्ञान था?
उत्तर :
अमीर खुसरो को फारसी, अरबी, हिन्दी और संस्कृत भाषाओं का ज्ञान था।

प्रश्न 5.
अमीर खुसरो का संगीत के क्षेत्र में क्या योगदान रहा है?
उत्तर :
गायन में ‘खयाल’, सितार का आविष्कार और मृदंग को तबले का रूप देकर अमीर खुसरो ने संगीत के क्षेत्र में अमूल्य योगदान किया है।

प्रश्न 6.
अमीर खुसरो जनसाधारण में क्यों प्रसिद्ध थे?
उत्तर :
धार्मिक सहिष्णुता और लोगों से मेल-जोल के कारण अमीर खुसरो जनसाधारण में प्रसिद्ध थे। उनका व्यक्तित्व अतुलनीय और अद्वितीय था।

प्रश्न 7.
सही वाक्य पर सही (✓) और गलत वाक्य पर (✗) का चिह्न लगाइए(चिह्न लगाकर) –

(क) अमीर खुसरो ने हिन्दू-मुस्लिम समाज और संस्कृति के बीच समन्वय को मार्ग प्रशस्त किया। (✓)
(ख) अमीर खुसरो ने गयासपुर नामक स्थान पर एक मठ की स्थापना की। (✗)
(ग) शेख निजामुद्दीन औलिया को बाबा फरीद के निधन के बाद उनका उत्तराधिकारी घोषित किया गया। (✓)
(घ) बदायूं में शिक्षा प्राप्त करने के बाद अमीर खुसरो दिल्ली चले गए। (✗)
(ङ) शेख निजामुद्दीन ने अपनी कविताओं में भारत की सराहना की है। (✗)
(च) अमीर खुसरो ने वीणा और तम्बूरा के संयोग से सितार का आविष्कार किया। (✓)

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प्रश्न 8.
भाव स्पष्ट कीजिए (भाव स्पष्ट करके) –
गोरी सोवे सेज पर, मुख पर डारे केस। चल खुसरो घर आपने, रैन भई चहँ देस।
उत्तर :
यह संसार क्षण भंगुर है। जो प्रिय होता है, वह भी रूठ (मर) जाता है। यहाँ चारों ओर मोह-माया के अँधेरे के सिवाय और कुछ नहीं। ऐ खुसरो! ईश्वर के घर चल।।

प्रश्न 9.
एवं 10. नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें। योग्यता विस्तार –

  • पता करके लिखिए कि अमीर खुसरो हज़रत निजामुद्दीन औलिया के सबसे प्रिय शिष्य कैसे बने?
  • अमीर खुसरो को अपने भारतीय होने पर क्यों गर्व था?

नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 9 नील-शृगालः

UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 9 नील-शृगालः

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शब्दार्थाः –

कस्मिंश्चिदृ = किसी,
अरण्ये = जंगल में,
भ्राम्यन् = घूमता हुआ,
भीतः = डरा हुआ,
रजेकस्य = कपड़ा धोने वाले कें,
नीलभाण्डे = नील के हौज (नाद) में,
नगरोपान्ते = शहर के समीप,
आत्मानम् = अपने शरीर को,
उत्तमवर्णः = अच्छे रंग का,
स्वकीयोत्कर्षम् = अपनी उन्नति (लाभ) को,
साथयामि = सिद्ध करूँ,
आलोच्य = विचार करके,
आहूय = बुलाकर,
अभिषिक्तवती = अभिषेक किया है,
आधिपत्यम् = अधीनता,
शनैः – शनैः = धीरे,
केनचिद् = किसी के द्वारा,
यतः = क्योंकि,
विप्रलष्टा = ठगे गए (वंचित),
सम्मिल्य = मिलकर,
एकदैव = एक साथ,
महारावम् = ऊँची आवाज,
शब्दम् = आवाज,
दुरतिक्रमः = दुर्निवार, जिसका निवारण कठिन हो।

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कस्मिंश्चिद्……………………….स्वीकृतवन्तः ।
हिन्दी अनुवाद – किसी वन में एक सियार रहता था। वह एक बार अपनी इच्छा से शहर के समीप घूमते हुए, कुत्तों से डरकर किसी धोबी के नील के हौज (नाद) में गिर पड़ा। इसके बाद इसने वन में जाकर अपने नीले रंग को देखकर सोचा, मैं अब उत्तमवर्ण (वाला) हैं, तब मैं अपनी उन्नति के लिए क्यों न उपाय करूं? ऐसा विचारने के बाद सियारों को बुलाकर उसने कहा, “माँ भगवती और वनदेवता ने अपने हाथ से (UPBoardSolutions.com) जंगल के राजा के रूप में मेरा अभिषेक किया है, इसलिए अब से जंगल में मेरी आज्ञा से व्यवहार होना चाहिए। सियार उसका विशिष्ट वर्ण देखकर उसे प्रणाम करके बोले, “देवी की जैसी आज्ञा। इसी क्रम से जंगल के सब वासियों ने उसका आधिपत्य स्वीकार किया।

शनैः शनैः…………….यतः। |
हिन्दी अनुवाद – धीरे-धीरे व्याघ्र, सिंह आदि उत्तम प्राणियों को पाकर उसने अपनी जाति वालों (सियारों) । को दूर कर दिया। इसके बाद दुखी सियारों को देखकर किसी बूढ़े सियार ने यह प्रतिज्ञा की कि इसका एक ऐसा । उपाय करना होगा जिससे इसकी पोल खुल जाए क्योंकि व्याघ्र आदि सब इसके रंग से ठगे गए हैं और इसे सियार न जानकर राजा मानने लगे हैं। इसके बाद सायंकाल में सभी सियारों ने मिलकर वहाँ एक साथ ऊँची आवाज़ की। वह आवाज शब्द सुनकर उस नीले सियार ने भी अपनी जाति के स्वभाव के अनुसार उनके (UPBoardSolutions.com) साथ ऊँची आवाज़ में बोलना शुरू कर दिया। ऐसा करने के कारण वह सिंह आदि द्वारा पहचान लिया गया और मारा गया।

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यः………………………………नाश्नात्युपानहम्।।
हिन्दी अनुवाद – जिसका जो स्वभाव होता है, उसका निवारण कठिन है। यदि कुत्ते को राजा बना दिया जाए, तो क्या वह जूते नहीं चाटेगा? अर्थात् जरूर चाटेगा।

अभ्यासः ।

प्रश्न 1. उच्चारणं कुरुत
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2. एकपदेन उत्तरत
(क) शृगालः कुत्र वसति स्म?
उत्तर – कस्मिचिद् अरण्ये।
(ख) तस्य आधिपत्यं के स्वीकृतवन्तः?
उत्तर – अरण्यवासिनः।।
(ग) सर्वे शृगालाः सायंकाले किम् अकुर्वन्? ।
उत्तर – महारावम् । ।
(घ) सिंहः कं हतवान्?
उत्तर – नीलशृगालम् ।

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प्रश्न 3. एकवाक्येन उत्तरत
(क) नीलवर्णः शृगालः किम् अचिन्तयत?
उत्तर– नीलवर्णः शृगालः अचिन्तयत्- अहमूइदानीम् उत्तमवर्णः, तदाहं स्वकीयोत्कर्ष किं न साधयामि।
(ख) वृद्ध शृगालेन किं प्रतिज्ञातमृ?
उत्तर
– वृद्ध शृगालेन प्रतिज्ञातम्- यथा अयं व्याघ्रादिभिः परिचितो भवति तथा उपायं करिष्यामः।
(ग) नीलवर्णः शृगालः किम् उक्तवान्?
उत्तर– नीलवर्णः शृगालः उक्तवान्- माँ भगवती वन देवता स्वहस्तेन अरण्यराज्ये अभिषिक्तवती । तद्यारभ्य अरण्ये अस्मदाज्ञया व्यवहारः कार्यः ।।

प्रश्न 4. मजूषातः पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयेत (पूर्ति करके) –
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 9 नील-शृगाल 1
(क) कस्मिंश्चिद् अरण्ये एकः शृगालः वसति स्म।
(ख) सं रजकस्य नीलभाण्डे पतितः।।
(ग) भगवती वनदेवता स्वहस्तेन अरण्यराज्ये अभिषिक्तवती।
(घ) य स्वभावोहि यस्यस्ति स नित्यं दुरतिक्रमः।।

प्रश्न 5. वाक्यानि रचयत
उत्तर 
प्रतिवसति स्म
– एकः शृगालः प्रतिवसतिस्म।
महारावम् – सायंकाले सर्वे तत्र सम्मिल्य एकदैव महारावम् अकुर्वन् ।
शनैःशनैः – शनैः शनैः नीलशृगालः स्वजातीयान् दूरीकृतवान् ।
नीलभाण्डे – एकः शृगालः स्वजातीयान् दूरीकृतवान् ।

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प्रश्न 6. संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (करके)
(क) एक बार वह नील के पात्र में गिर गया। |
एकदा सः नीलभाण्डे पतितः।
(ख) सभी वनवासियों ने उसका आधित्य स्वीकार कर लिया।
सर्वे अरण्यवासिनः तस्य आधिपत्यं स्वीकृतवन्तः।
(ग) सभी ऊँची आवाज करन लगे।
सर्वे महारावम् अकुर्वन् ।।

प्रश्न 7. हिन्दीभाषायाम् अस्याः कथायाः अनुवादं कृत्वा पुस्तिकायां लिखत।।
नोट – छात्र स्वयं करें।
नोट – विद्यार्थी शिक्षण-सङ्केतः शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 4 वैदिक काल

UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 4 वैदिक काल (1500 ई०पू० से 600 ई०पू०)

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अभ्यास

प्रश्न 1.
आर्यों के बारे में आप क्या जानते हैं ? लिखिए।
उत्तर :
आर्य का अर्थ होता है- श्रेष्ठ। प्रारंभ में आर्य इधर-उधर घूमते रहते थे। वे कबीलों में रहते थे। वे गाय, घोड़ा, बैल आदि पालते थे। चारा, पानी तथा उपजाऊ भूमि की तलाश में वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते थे। जहाँ चारा तथा उपजाऊ भूमि मिलती थी, वहीं बस जाते थे। इस प्रकार (UPBoardSolutions.com) आर्य समूह में आए और नए-नए स्थानों पर बसते गए। लगभग 1200 ई०पू० से. 1000 ई०पू० तक आर्य: सिंधु, सतलज, व्यास और सरस्वती नदी के किनारे बस गए।

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प्रश्न 2.
वैदिक सभ्यता को आर्य सभ्यता क्यों कहते हैं ?
उत्तर :
वैदिक सभ्यता के निर्माता, आर्य ही थे, इसलिए वैदिक सभ्यता को आर्य सभ्यता कहा जाता है।

प्रश्न 3.
खेती का विकास हो जाने के बाद आयों के जीवन में क्या परिवर्तन हुआ ?
उत्तर :
खेती का विकास हो जाने के बाद आर्यों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। अब आर्य जौ के साथ गेहूँ, धान, दाल आदि उगाने लगे और कृषि उनका मुख्य व्यवसाय बन गया।

प्रश्न 4.
आयों की सामाजिक व्यवस्था कैसी थी ?
उत्तर :
आर्यों की सामाजिक व्यवस्था में समाज का आधार परिवार था। परिवार का वरिष्ठ सदस्य इसका मुखिया होता था, जिसको कुलप या गृहपति कह जाता था। आरंभ में आर्य तीन वर्षों में विभाजित थे। राजा, पुरोहित तथा अन्य जन। यह विभाजन उनके व्यवसाय पर आधारित था। धीरे-धीरे यज्ञ करवाने वाला ब्राह्मण, युद्ध करनेवाला क्षत्रिय, व्यापार करनेवाला वैश्य कहलाने लगा। साथ ही चौथा वर्ण शूद्र भी आया जो युद्ध (UPBoardSolutions.com) में हारे हुए लोग थे। यह व्यवस्था धीरे-धीरे कठोर होती गई। कार्य का स्वरूप वंशानुगत होता गया। महिलाओं को समाज में उच्च स्थान प्राप्त था, वे पुरूषों के समान ही शिक्षा प्राप्त करती थीं। आर्यों का घर घास-फूस तथा मिट्टी के बने होते थे। आर्य दूध एवं उससे बने पदार्थ का प्रयोग करते थे। अनाज में वे जौ, गेहूँ, चावल का प्रयोग करते थे।

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प्रश्न 5.
वैदिक कालीन शिक्षा व्यवस्था का वर्णन कीजिए ?
उत्तर :
विद्यार्थी गुरूकुल में रहकर शिक्षा प्राप्त करते थे। वेदों के साथ गणित, ज्यामिती, ज्योतिष, भूगोल, सैन्य विज्ञान तथा शिल्प आदि की शिक्षा दी जाती थी।

प्रश्न 6.
संक्षिप्त उत्तर लिखिए –

(क) आश्रम व्यवस्था
(ख) सभा एवं समिति
(ग) आर्यावर्त
(घ) राजा के कर्तव्य

उत्तर :

(क) आश्रम व्यवस्था – प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को व्यवस्थित करने के लिए आर्यों ने जीवन को चार अवस्थाओं में बाँट दिया था – ब्रह्मचर्य,गृहस्थ,वानप्रस्थ,संन्यास
(ख) सभा एवं समिति – राजा पर नियंत्रण रखने के लिए सभा और समिति नामक संस्थाएं थीं। जिसमें 70-80 लोग मिलकर समस्याओं को सुलझाते थे।
(ग) आर्यावर्त – हिमालय से विन्ध्याचल पर्वत तक का क्षेत्र आर्यावर्त कहलाता है।
(घ) राजा के कर्तव्य – राजा का प्रमुख कार्य लोगों की रक्षा करना तथा युद्ध में सेना का नेतृत्व करना था।

प्रश्न 7.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –

(क) प्रसिद्ध गायत्री मंत्र ऋग्वेद में है।
(ख) सप्तस्वर स, रे, ग, म का उल्लेख सामवेद में मिलता है।
(ग) आर्यों की भाषा संस्कृत थी।
(घ) महाभारत की रचना महर्षि वेदव्यास ने की है।

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प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्यों में सही (✓) और गलत (✗) का निशान लगाइए।

(क) ब्रह्मचर्य आश्रम में बालक शिक्षा ग्रहण करता था। (✓)
(ख) लोहे की खोज उत्तर वैदिक काल में हुई। (✓)
(ग) अथर्ववेद सबसे प्राचीन वेद है। (✗)
(घ) आर्यों की भाषा वैदिक संस्कृत थी। (✓)

प्रोजेक्ट वर्क –

  • आधुनिक समय के विद्यालय तथा वैदिक कालीन विद्यालय (गुरूकुल) में क्या समानताएँ तथा असमानताएँ हैं? शिक्षक की सहायता से सूची बनाइए।
  • निम्नलिखित वस्तुओं से दैनिक उपयोग की क्या-क्या समान बनाए जाते हैं।

UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 4 वैदिक काल 1

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 31 सुभाषचंद्र बोस (महान व्यक्तिव)

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पाठ का सारांश

सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, सन् 1897 ई. में उड़ीसा के कटक में हुआ था। इनके पिता का नाम जानकी नाथ बोस एवं माता का नाम प्रभावती देवी था। मात्र 15 वर्ष की आयु में इन्हों विवेकानंद साहित्य का पूर्ण अध्ययन कर लिया था। बी.ए. की परीक्षा सन् 1919 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। पिता की इच्छा थी कि सुभाष आई. सी. एस. बने। पिता (UPBoardSolutions.com) की इच्छा पूर्ण करने इंग्लैंड चले गए। तथा सन् 1920 में आई. सी. एस. (भारतीय सिविल सेवा) परीक्षा उत्तीर्ण कर वरीयता सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया। कुछ दिनों बाद नौकरी छोड़कर उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया।

सुभाषचंद्र बोस की क्रांतिकारी गतिविधियों से आतंकित अंग्रेजी सरकार ने सन् 1925 में उन्हें गिरफ्तार कर म्यांमार के मांडले जेल भेज दिया। सन् 1930 में जेल में रहते हुए उन्हें कोलकाता का महापौर चुना गया। 3 मई, सन 1939 को इन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक नामक दल का गठन किया। 4 जुलाई सन 1943 को सुभाषचंद्र बोस, ने जापान में ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किया। ‘आजाद हिंद फौज के सिपाही उन्हें नेता जी’ कहते थे। ‘जय हिंद’, ‘दिल्ली चलो’, ‘लाल किला हमारा है’, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ आदि उनके जीवंत नारे थे।

21 अक्टूबर, सन 1943 को आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से उन्होंने सिंगापुर में भारत की अस्थायी सरकार की स्थापना की। इस सरकार को कुल नौ देशों ने मान्यता दी। उन्होंने (UPBoardSolutions.com) आजाद हिंद फौज का मुख्यालय सिंगापुर एवं रंगून में बनाया। उन्होंने रानी झाँसी रेजीमेंट के नाम से स्त्री सैनिकों का भी एक दल बनाया।

जापानी सेना के सहयोग से आजाद हिंद फौज ने अंडमान और निकोबार द्वीप पर विजय प्राप्त की। इसी क्रम में दोनों फौजों ने मिलकर इंफाल और कोहिमा पर आक्रमण किया। इन क्षेत्रों पर जीत प्राप्त कर सुभाषचंद्र बोस ने 22 सितंबर 1944 को शहीदी दिवस मनाया। माना जाता है कि 18 अगस्त, सन 1945 को हवाई जहाज से यात्रा करते समय वे लापता हो गए। 23 अगस्त को टोकियो रेडियों ने बताया कि ताइहोक हवाई अड्डे के पास उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। 18 अगस्त 1945 की वह घटना आज भी भारतीय इतिहास का अनुत्तरित रहस्य है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस लेखक, सैनिक, (UPBoardSolutions.com) दार्शनिक, राजनीतिज्ञ, कुशल प्रशासक, सेना नायक तथा वक्ता के रूप में बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। भारत माता का यह वीर सपूत अपने अटूट मातृभूमि . प्रेम के कारण इतिहास में अपना नाम सदा के लिए अमर कर गया।

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अभ्यास

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
सुभाषचंद्र बोस ने सिविल सेवा से त्यागपत्र क्यों दिया?
उत्तर :
भारत माता को गुलामी की दासता से मुक्त कराने के लिए सुभाषचंद्र बोस ने सिविल सेवा से त्याग पत्र दिया।

प्रश्न 2.
भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रति सुभाषचंद्र बोस का क्या विचारे था?
उत्तर :
भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रति सुभाषचंद्र बोस का विचार था कि ब्रिटिश सत्ता के सामने विनम्रता और गिड़गिड़ाने के बजाय बुलंद आवाज में अपना पक्ष रखा जाए।

प्रश्न 3.
सुभाष सहित ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ के प्रमुख नेताओं को किस कारण बंदी बना लिया गया?
उत्तर :
सुभाष और उनके संगठन फॉरवर्ड ब्लॉक ने स्वाधीनता आंदोलन को और अधिक तीव्र करने के लिए जन-जागरण का अभियान प्रारंभ कर दिया। उनकी यूथ ब्रिगेड ने कोलकाता स्थित ‘हालवेट स्तंभ’ (UPBoardSolutions.com) को रातोंरात मिट्टी में मिला दिया। इसके फलस्वरूप अंग्रेज सरकार ने सुभाष सहित फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रमुख नेताओं को बंदी बना लिया।

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प्रश्न 4.
बंदी रहते हुए नेताजी ने ब्रिटिश सरकार को भेजे गए चेतावनी पत्र में क्या लिखा था?
उत्तर :
बंदी रहते हुए उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए पत्र में लिखा कि “मुझे मुक्त कर दीजिए अन्यथा मैं जीवित रहने से इंकार कर दूंगा। इस बात का निश्चय करना मेरे वश में है कि मैं जीवित रहूँ या मर जाऊँ। अपने देशवाशियों को मुझे यही कहना है कि “भूलना मत की दासता मनुष्य के लिए सबसे पहला पाप है।”

प्रश्न 5.
सुभाषचंद्र बोस द्वारा दिए गए प्रसिद्ध नारों को लिखिए।
उत्तर :
‘जय हिंद’, ‘दिल्ली चलो’, ‘लाल किला हमारा है’, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ सुभाषचंद्र बोस द्वारा दिए गए प्रसिद्ध नारे हैं।

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