UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 8 हार की जीत (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

माँ को अपने …………………… प्रसन्न होते थे।

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘हार की जीत’ नामक पाठ से लिया गया है। इस कहानी के लेखक सुदर्शन जी हैं।

प्रसंग इसमें बाबा भारती के सुल्तान के प्रति प्रेम की भावना का वर्णन किया गया है।

व्याख्या – बाबा भारती अपने घोड़े सुल्तान को देखकर उसी प्रकार प्रसन्न हुआ करते थे, जिस प्रकार कोई माँ अपने बढ़ते हुए पुत्र, किसान अपने हरे-भरे खेत तथा साहूकार अपने देनदार को देखकरे प्रसन्न हुआ करते। हैं। यद्यपि बाबा भारती भगवान का भजन करते थे, परन्तु भजन से बचे हुए समय में वे अपने घोड़े की देखभाल करते थे। वे उसके दाने-पानी, हाथ से खरहरा करने एवं अन्य प्रत्येक सुख-सुविधा का ध्यान रखते थे।

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पाठ का सार (सारंश)

इस पाठ में सुदर्शन जी ने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से बताया है कि परोपकारियों और सज्जनों की सदा जीत होती है।

बाबा भारती नाम के एक साधु थे। उनके पास सुल्तान नाम का एक घोड़ा था, जो बहुत ही सुन्दर और ताकतवर था। बाबा उस घोड़े से बहुत प्यार करते थे और उसकी सेवा करते थे एक दिन सुल्तान के बारे में सुनकर उस इलाके का डाकू खड्गसिंह बाबा भारती के पास आया और उसने सुल्तान को देखने की इच्छा जताई। बाबा भारती ने गर्व के साथ खड्गसिंह को अपना घोड़ा दिखाया और उसके गुणों का बखान किया। खड्गसिंह घोड़े को देखकर आश्चर्य करने लगा, क्योंकि उसने इतना सुन्दर (UPBoardSolutions.com) और ताकतवर घोड़ा अब से पहले कभी नहीं देखा था। उसे बाबा के भाग्य से ईर्ष्या हुई और वह सोचने लगा कि ऐसा घोड़ा तो मेरे पास होना चाहिए।

उसने बाबा भारती से घोड़ी छीन ले जाने की बात कही। खड्गसिंह की इस बात से बाबा डर गए। वे रातभर बैठकर घोड़े की रखवाली करने लगे। उन्हें हर समय खड्गसिंह के आने का डर सताने लगा। एक दिन शाम के समय वे घोड़े पर बैठकर कहीं घूमने जा रहे थे कि रास्ते में उन्हें एक गरीब अपाहिज पेड़ के नीचे बैठा मिला। बाबा के पूछने पर उसने कहा कि मुझे तीन मील दूर एक गाँव में जाना है, लेकिन मैं चलने में लाचार हूँ; आप मुझे अपने घोड़े पर बैठाकर वहाँ पहुँचा दें। बाबा ने उस अपाहिज को घोड़े पर बैठा लिया और वे स्वयं घोड़े की लगाम पकड़कर पैदल चलने लगे। अचानक बाबा को एक झटका देकर वह अपाहिज, घोड़े को दौड़ाने लगा।

बाबा ने देखा, तो वे चीख उठे; क्योंकि वह अपाहिज़ डाकू खड्गसिंह था। बाबा ने उसे रोकना चाहा, लेकिन वह न रुका। बाबा ने उससे फिर कहा कि घोड़ा नहीं चाहिए, परन्तु यह प्रार्थना है कि तुम किसी को इस घटना के बारे में मत बताना; क्योंकि इस घटना के बारे में सुनने के बाद लोग किसी गरीब पर भरोसा नहीं करेंगे। बाबा की यह बात सुनकर (UPBoardSolutions.com) खड्गसिंह के मन पर उनकी सज्जनता और महानता का इतना प्रभाव पड़ा कि उसे अपनी भूल पर पश्चात्ताप हुआ और रात के अँधेरे में वह घोड़े को बाबा के मन्दिर में उसी जगह बाँधकर चला गया, जहाँ वह बँधा रहता था।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को –
नोट –
विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
बताइये आपको कहानी का कौन सा पात्र सबसे अच्छा लगा, और क्यों?
उत्तर :
मुझे बाबा भारती का किरदार बहुत अच्छा लगा। उनका सुल्तान के प्रति प्रेम, गरीबों के प्रति दया, उनकी सज्जनता सभी कुछ अनुकरण करने योग्य है।

प्रश्न 2.
यदि बाबा भारती और खड्गसिंह की मुलाकात अगली बार होगी तो उनके बीच क्या-क्या बातें होंगी? लिखिए।
उत्तर :
यदि बाबा भारती और खड्गसिंह की मुलाकात अगली बार होगी तो सबसे पहले खड्गसिंह बाबा भारती से माफी माँगेगा। क्योंकि उसने बाबा भारती को बहुत दुखी किया था। साथ ही बाबा भारती खड्गसिंह से यह पूछेगे कि उसने उनसे छल क्यों किया।

प्रश्न 3.
विद्यार्थी स्वयं करें।

कहानी से

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प्रश्न 1.
बाबा भारती ने खडूगसिंह से उस घटना को किसी के सामने प्रकट न करने के लिए क्यों कहा?
उत्तर :
खड्गसिंह ने अपाहिज और असहाय का वेश बनाकर बाबा भारती से उनका घोड़ा छीना था। यदि इस घटना का जिक्र किसी से भी किया जाता, तो लोग अपाहिजों, गरीबों और असहायों की सच्ची (UPBoardSolutions.com) बातों पर भी विश्वास= नहीं करते, जिससे परोपकार या सेवा भाव के मिट जाने का भयं था।

प्रश्न 2.
बाबा भारती द्वारा की गई प्रार्थना का डाकू खड्गसिंह पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर :
बाबा भारती द्वारा की गई प्रार्थना से डाकू खड्गसिंह का कठोर हृदय पिघल गया और उसकी मानवता मानवता जाग उठी। उसने घोड़ा लौटा दिया।

प्रश्न 3.
कहानी के आधार पर नीचे दी गई घटनाओं को सही क्रम दीजिए (क्रम देकर) –
उत्तरं :

  1. माँ को अपने बेटे और किसान को लहलहाते खेत को देखकर जो आनन्द आता है, वही बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था।
  2. बाबा भारती और खंड्गसिंह अस्तबल में पहुँचे।
  3. घोड़े की चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया।
  4. खड्गसिंह जाते-जाते कह गया- “बाबा जी यह घोड़ा मैं आपके पास न रहने दूंगा।”
  5. बाबा भारती की सारी रात अस्तबल की रखवाली में कटने लगी।
  6. अपाहिज वेश में खड्गसिंह घोड़े को दौड़ाकर जाने लगा।
  7. खड्गसिंह ने बाबा भारती की आवाज सुनकर घोड़ा रोक लिया और कहा- “बाबा जी यह घोड़ा अब न दूंगा।’
  8. बाबा ने कहा- “इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना, नहीं तो वे किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे।”
  9. खड्गसिंह ने सुल्तान को उसके स्थान पर बाँध दिया।
  10. बाबा भारती घोड़े के गले से लिपटकर रोने लगे।

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प्रश्न 4.
इस कहानी के अन्त में किसकी जीत और किसकी हार हुई?
उत्तर :
बाबा भारती अपना घोड़ा छिन जाने के कारण हार गए थे, किंतु उनके शब्दों का खड्गसिंह पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि वह उनके घोड़े को चुपचाप उनके घर लौटा गया और अन्त में बाबा भारती हारकर भी जीत गए तथा खड्गसिंह जीतकर भी हार गया।

प्रश्न 5.
इस कहानी द्वारा लेखक हमें क्या बताना चाहता है?
उत्तर :
इस कहानी द्वारा लेखक हमें बताना चाहता है कि व्यक्ति जन्म से बुरा नहीं होता; परिस्थितियाँ उसे बुरा बना देती हैं। यदि ऐसे व्यक्तियों को अनुकूल परिवेश मिले, तो सुधरते देर नहीं लगती।

प्रश्न 6.
इस कहानी में तीन मुख्य पात्र हैं- बाबा भारती, सुल्तान और खड्गसिंह। कहानी के आधार पर इन ती पात्रों की विशेषताओं को स्पष्ट करने वाली तीन-तीन बातें लिखिए।
उत्तर :

(क) बाबा भारती –

  1. वे अपने घोड़े सुल्तान को बेटे से भी ज्यादा प्यार करते थे।
  2. उनके मन मे गरीबों और लाचारों के लिए बहुत दया थी।
  3. वे अपने घोड़े की सेवा तन-मन करते थे।

(ख) सुल्तान –

  1. सुल्तान बहुत सुंदर था।
  2. इसके जोड़ का जोड़ा सारे इलाके में न था।
  3. सुल्तान बहुत बलवान था।

(ग) खड्गसिंह –

  1. खड्गसिंह इलाके का मशहूर डाकू था।
  2. लोग उसका नाम सुनकर काँपते थे।
  3. खड्गसिंह डाकू होते हुए भी एक अच्छा इंसान था।

प्रश्न 7.
उस संवाद को छाँट कर लिखिए जिसने डाकू खड्गसिंह का हृदय परिवर्तन कर दिया।
उत्तर :
यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका मैं तुमसे वापस करने के लिए न कहूँगा। परंतु खड्गसिंह, केवल एक प्रार्थना करता हूँ। उसे अस्वीकार न करना नहीं तो मेरा दिल टूट जाएगा। मेरी प्रार्थना केवल यह है कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। ‘लोगों को यदि इस घटना का पता चल गया तो वे गरीब पर विश्वास न करेंगे।

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प्रश्न 8.
कहानी के किस पात्र ने आपको सबसे ज्यादा प्रभावित किया और क्यों?
उत्तर :
‘मुझे बाबा भारती के किरदार ने बहुत प्रभावित किया। बाबा भारती अपने जिस घोड़े को अपने प्राणों से भी अधिक प्यार करते थे उसको डाकू खडुर्गासह द्वारा धोखे से चुरा लेने के बाद भी बाबा भारती को अपने (UPBoardSolutions.com) प्यारे घोड़े से अधिक चिंता गरीबों एवं असहायों की है। उनकी बातों से उनकी महानता और सज्जनता का पता चलता है। उनका चरित्र मुझे बहुत प्रभावित करता है।

प्रश्न 9.
कहानी का शीर्षक है- ‘हार की जीत’ आपके अनुसार इस काहनी के और क्या-क्या शीर्षक हो सकते हैं? लिखिए।
उत्तर :
मेरे विचार से इस कहानी का शीर्षक होना चाहिए – ‘सच्चे संत बाबा भारती’ या सबका प्यारा सुल्तान।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे लिखे मुहावरों का प्रयोग करके वाक्य बनाइए (वाक्य बनाकर) –
वायु तेग से उड़ना (बहुत तेज चलना) : वाक्य प्रयोग – बाबा भारती का घोड़ा वायु वेग से उड़ता था।
आँखों में चमक होना (बहुत खुशी होगा) : वाक्य प्रयोग – अपनों को देखकर आँखों में चमक होना स्वाभाविक है।
दिल टूट जाना (दुखी होना) : वाक्य प्रयोग – इच्छा पूरी न होने से दिल टूट जाता है।
मुँह न मोड़ना (साथ निबाहना) : वाक्य प्रयोग – मुसीबत में मुँह न मोड़ना ही मित्रता है।
सिर मारना (समझाने की कोशिश करना) : वाक्य प्रयोग – मूर्ख के सामने सिर मारना बेकार होता है।
लट्टू होना (मोहित होना) : वाक्य प्रयोग – गोपियाँ श्री कृष्ण पर लट्टू हो जाती थीं।
मन भारी होना (उदास हो जाना) : वाक्य प्रयोग – अनावश्यक डाँट-डपट से किसी का भी मन भारी हो जाता है।

प्रश्न 2.
नीचे बाईं ओर कुछ विशेषण दिए गए हैं और दाईं ओर कुछ विशेष्य। प्रत्येक विशेषण के साथ उपयुक्त विशेष्य मिलाकर लिखिए –
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 8 हार की जीत (मंजरी) 1

प्रश्न 3.
नीचे दिए गए अनुच्छेद में उपयुक्त स्थान पर उद्धरण चिह्न तथा अन्य विराम-चिह्न लगाइए (विराम-चिह्न लगाकर) –
अपाहिज ने हाथ जोड़ कर कहा, “बाबा मैं दुखिया हूँ। मुझ पर दया करो। रामावाला यहाँ से तीन मील दूर है, मुझे वहाँ जाना है। घोड़े पर चढ़ा लो, परमात्मा भला करेगा। वहाँ तुम्हारा कौन है? दुर्गादत्त वैद्य का नाम सुना होगा। उनका सौतेला भाई हूँ।

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प्रश्न 4.
‘अ’ उपसर्ग लगाने से कुछ शब्दों के अर्थ विपरीत हो जाते हैं; जैसे-थीर से अधीर, स्वीकार से अस्वीकार । अ उपसर्ग लगाकर इसी तरह से अन्य पाँच शब्द लिखिए (लिखकर) –
अ – असीमित, अशिक्षित, अयोग्य, अकारण, असमर्थ
अवधारणा चित्र-किसी पात्र अथवा विषयवस्तु के बारे में उसकी विशेषता, गुण, लाभ, अथवा घटना के क्रमों के प्रमुख बिन्दुओं का चित्रण करना।
उत्तर :
संत, सच्चा मानवतावादी, गरीबों के मसीहा, निश्चल स्वभाव, परोपकारी।

इसे भी जानें –
नोट – विद्यार्थी स्वयं पढ़े।

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 6 क्यों – क्यों लड़की (मंजरी)

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महत्त्वपूर्ण गद्याश की व्याख्या

और वाकई, वह अक्टूबर ……………. मिलते हैं।

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ में लेखिका महाश्वेता देवी द्वारा लिखित पाठ ‘क्यों-क्यों लड़की से लिया गया है।

प्रसंग – इसमें लेखिका ने एक आदिवासी लड़की मोइना, जो एक अच्छी किन्तु जिद्दी लड़की है, के विषय में लिखा है। मोइना अपनी एक पोशाक लेकर समिति में लेखिका के साथ रहने पहुँच जाती है। समिति की शिक्षिका ने लेखिका को बताया कि मोइना क्यों-क्यों कहने की आदत के कारण बार-बार प्रश्न पूछेगी और आपको तंग करेगी।

व्याख्या – लेखिका अक्टूबर के पूरे महीने में मोइना के प्रश्न पूछने के ढंग ‘क्यों-क्यों से परेशान हो उठी। मोइना पूछती कि मैं अपने मालिक की बकरियाँ क्यों चराती हूँ; जबकि वह स्वयं यह काम कर सकता है। उसमें (UPBoardSolutions.com) जिज्ञासा है, जिसे शांत करने के लिए वह पूछती है कि मछलियाँ बोलती क्यों नहीं, तारे छोटे क्यों नजर आते हैं और तुम (लेखिका) रात में किताबें क्यों पढ़ती हो आदि। लेखिका ने उसे बताया कि किताबों में तुम्हारे ‘क्यों-क्यों’ के उत्तर मिलते हैं।

विशेष – लेखिका ने अपनी रचनाओं की कथावस्तुओं में आदिवासियों का जीवन संघर्ष और उनकी पीड़ा का सजीव वर्णन किया है।

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पाठका सारांश

मोइना शबर जाति की आदिवासी लड़की थी। शबर लोग यद्यपि गरीब थे, फिर भी कभी शिकायत नहीं करते थे। सिर्फ मोइना सवाल पर सवाल करती थी। गाँव के पोस्टमास्टर ने उसे ‘क्यों-क्यों लड़की का नाम दे रखा था। उसकी माँ खीरी उसे अजीब और जिद्दी लड़की कहती थी।

मोइना गाँव के बाबुओं की बकरी चराती थी। वह बाकी कार्य जैसे नदी से पानी लाना, लकड़ी लाना, चिड़िया पकड़ने के लिए फंदा लगाना आदि करती थी। शबर लोग लड़कियों को काम पर नहीं भेजते। मोइना की माँ एक पैर से अपाहिज थी इसलिए मोइना को कार्य पर जाना पड़ता था।

अक्टूबर मास में लेखिका एक महीने समिति के स्कूल में रुकी। मोइना अपने एक जोड़ी कपड़े और नेवले का बच्चा लेकर समिति में रहने के लिए जा पहुँची। समिति की शिक्षिका मालती बोनाल ने लेखिका को बताया कि मोइना का ‘क्यों-क्यों’ सुनकर आपको परेशानी होगी। सचमुच वह अजीब प्रश्न पूछती है- तारे क्यों छोटे दिखते हैं? तुमे रात में किताबें क्यों (UPBoardSolutions.com) पढ़ती हो? लेखिका ने मोइना को बताया कि किताबों में तुम्हारे ‘क्यों-क्यों’ के जवाब मिलते हैं। अब मोइना ने निश्चय कर लिया कि वह पढ़ना सीखेगी और अपने सारे सवालों के जवाब ढूंढेगी।

मोइना ने स्कूल का समय, जो नौ से ग्यारह बजे तक था, बदलवाने की कोशिश की; क्योंकि वह ग्यारह के बाद ही पढ़ सकती थी। एक शाम लेखिका मोइना के घर गई। मोइना भाई-बहन से कह रही थी कि एक पेड़ काटो, तो दो पेड़ लगाओ। खाने से पहले मुँह-हाथ धोओ। जो इन बातों को नहीं जानते, वे मोइना के विचार में समिति की कक्षा में नहीं जाते। गाँव में प्राइमरी स्कूल खुलने पर मोइना दाखिला लेने वालों में पहली लड़की थी।

अब अठारह साल की मोइना समिति के स्कूल में पढ़ती है। (UPBoardSolutions.com) वह पढ़ने में तेज है और सवालों के जवाब देने में आलस्य नहीं करती। अन्य बच्चे भी क्यों का जवाब पूछना सीख रहे हैं। लेखिका मोइना की कहानी लिख रही है। यदि मोइना को पता चल जाए, तो वह पूछेगी- ‘क्यों?

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को – नोट – विद्यार्थी स्वयं करें ।

प्रश्न 1.
मोइना अपने छोटे भाई और बहिन को बताती है कि- “एक पेड़ काटो तो दो पेड़ लगाओ”, खाने के पहले हाथ धो लो।” आप भी कम से कम तीन बातें लिखिए जो करनी चाहिए।
उत्तर :
प्रतिदिन सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले दाँतों की सफाई करनी चाहिए।

  • बालें में नियमित रूप से कंघी करनी चाहिए।
  • हमेशा धुले हुए वस्त्र ही पहनना चाहिए।

प्रश्न 2.
विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 3.
पृथ्वी देखने में चिपटी दिखाई देती है किन्तु वह गोल है। इसके साथ-साथ यह अपने अक्ष पर भी घूमती है। अक्ष पर घूमने के कारण दिन और रात होते हैं। सूर्य के चारों ओर घूमने के कारण ऋतुएँ बदलती हैं। अब तक पृथ्वी ही ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है। पृथ्वी पर जीवन के लिए पेड़-पौधों का होना अतिआवश्यक है। पेड़-पौधों के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
उपर्युक्त अंश को पढ़िए तथा इसके आथार पर पाँच प्रश्न बनाइए।
उत्तर :

  1. पृथ्वी कैसी है?
  2. दिन और रात कैसे बनते हैं?
  3. ऋतुएँ कैसे बदलती हैं?
  4. पृथ्वी पर जीवन के लिए किनका होना अति आवश्यक है।
  5. किसके बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।

विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
शिक्षा के माध्यम से समाज में व्याप्त गरीबी को कैसे दूर किया जा सकता है? इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
शिक्षा से मनुष्य का मानसिक विकास होता है शिक्षा के माध्यम से समाज में व्याप्त गरीबी को दूर किया जा सकता है। शिक्षा प्राप्त करने के बाद रोजगार के अनेक अवसर प्राप्त होते हैं अतः शिक्षा प्राप्ति के बाद (UPBoardSolutions.com) रोजगार प्राप्त कर समाज में व्याप्त गरीबी को दूर किया जा सकता है।

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प्रश्न 2.
प्रश्नों के द्वारा हम किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। यदि आप किसी अपरिचित स्थान पर जाते हैं, तो वहाँ आपके मन में कौन-कौन से प्रश्न आयेंगे?
उत्तर :
किसी अपरिचित स्थान पर जाने पर मेरे मन में अनेक प्रश्न आएँगे; जैसे- यहाँ घूमने और देखने के लायक कौन-कौन से स्थान हैं। यहाँ कौन-कौन सी चीजें सस्ती हैं, यहाँ की कौन सी वस्तु प्रसिद्ध है, आदि।

पाठ से

प्रश्न 1.
मोइना का नाम ‘क्यों-क्यों लड़की’ क्यों पड़ा?
उत्तर :
मोइना सवाल बहुत पूछती थी तथा उससे कुछ भी कहने पर उसका सिर्फ एक ही जवाब होता था। क्यों? अतः उसका नाम ‘क्यों-क्यों लड़की पड़ गया।

प्रश्न 2.
शबर जाति के लोग आमतौर पर अपनी लड़कियों को काम पर नहीं भेजते, पर मोइना को काम पर जाना पड़ता था, क्यों?
उत्तर :
माँ के अपाहिज होने के कारण मोइना को काम पर जाना पड़ता था।

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प्रश्न 3.
मोइना ने समिति वाली झोंपड़ी में रहने के लिए अपने साथ नेवला को ले जाने का क्या लाभ बताया?
उत्तर :
मोइना ने नेवले को ले जाने से होने वाले लाभ के बारे में बताया कि यह बहुत कम खाता है। और भयानक साँपों को दूर भगा देता है।

प्रश्न 4.
“हर रात तुम सोने के पहले किताब क्यों पढ़ती हो?” मोइना के इस प्रश्न पर लेखिका ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर :
मोइना के प्रश्न पर लेखिका ने उत्तर दिया कि किताबों में तुम्हारे ‘क्यों-क्यों के जवाब मिलते हैं।

प्रश्न 5.
वे कौन-कौन-सी बातें थीं, जो मोइना बकरियाँ चराते समय दूसरे बच्चों को बताती थी?
उत्तर :
मोइना बकरियाँ चराते समय दूसरे बच्चों को बताती- कई तारे तो सूरज से भी बड़े हैं। सूरज पास है, इसलिए बड़ा दिखता है। मछलियाँ हमारी तरह बातें नहीं करतीं। मछलियों की अपनी भाषा है, जो सुनाई नहीं देती। तुम्हें पता है, पृथ्वी गोल है।

प्रश्न 6.
चौके के अंगार के पास बैठी मोइना ने अपनी छोटी बहिन और बड़े भाई को क्या बताया?
उत्तर :
मोइना ने अपनी छोटी बहन और बड़े भाई को बताया कि एक पेड़ काटो, तो दो लगाओ। खाने से पहले हाथ धो लो, नहीं तो पेट में दर्द होने लगेगा। तुम कुछ नहीं जानते; क्योंकि समिति की कक्षा में नहीं जाते।

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प्रश्न 7.
विद्यार्थी स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 8.
सोचकर लिखिए-अगर मोइना ‘क्यों-क्यों जैसे सवाल न करती तो इसका उस पर क्या प्रभाव पड़ता?
उत्तर :
अगर मोइना ‘क्यों-क्यों’ जैसे सवाल न करती तो वह कुछ भी नहीं जान पाती। मोइना में सभी चीजों के बारे में जानने की जिज्ञासा है। वह जो कुछ भी जानती है इस ‘क्यों-क्यों’ के कारण ही जानती है। वह (UPBoardSolutions.com) अगर ‘क्यों-क्यों’ जैसे सवाल न करती तो वह जितना कुछ जानती है वह नहीं जान पाती और वह एक बेवकूफ लड़की रहती।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
(क) नोट- विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं प्रश्न बनाएँ।
(ख) इनमें से कुछ शब्दों का प्रयोग कभी-कभी दो बार भी होता है, जैसे- क्या-क्या, कौन-कौन, कब-कब, कैसे-कैसे, किस-किस, और किन-किन। इन पर आधरित प्रश्न बनाइए। जैसे-आपके साथ कौन-कौन विद्यालय जाते हैं?
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यांशों से एक शब्द बनाइए (शब्द बनाकर) –
उत्तर :

(क) लिखने वाला – लेखक
(ख) चिकित्सा करने वाला – चिकित्सक
(ग) नृत्य करने वाला – नर्तक
(घ) सेवा करने वाला – सेवक
(छ) पढ़ने वाला – पाठक
(च) पर्यटन करने वाला पर्यटक

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प्रश्न 3.
व्याकरण की दृष्टि से निम्नलिखित को अलग-अलग वर्गो – विशेषण, भाववाचक संज्ञा तथा क्रिया विशेषण में बाँटिए –
बचपन, बढ़िया, बड़ा, कायरता, दिन भर, तेज-तेज, ज्यादा।
उत्तर :

  • विशेषण – बढ़िया, बड़ा, ज्यादा
  • क्रिया विशेषण – दिनभर, तेज-तेज
  • भाव वाचक संज्ञा – बचपन, कायरता, जलाऊ

प्रश्न 4.
नीच दिए योजक शब्दों की सहायता से वाक्य बनाइए (बनाकर)
उत्तर :

(क) नमन आज आने वाला था किंतु आया नहीं।
(ख) श्रुति और रमा दोनों बहनें हैं।
(ग) रमण पढ़ रहा है तथा राहुल खेल रहा है।
(घ) यदि वर्षा हुई तो फसल नष्ट हो जाएगी।
(ङ) जल्दी चलो वरना ट्रेन छूट जाएगी।
(च) चुप-चाप बैठो या बाहर चले जाओ।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में ‘ता’ प्रत्यय जोड़कर भाव वाचक संज्ञा बनाईए –
यथा –

  • कायर – कायरता
  • सफल – सफलता
  • योग्य – योग्यता
  • मेलिन – मलिनता
  • उदार – उदारता

संज्ञा के पाँच भेद होते हैं –

  1. जातिवाचक
  2. व्यक्ति वाचक
  3. गुण वाचक
  4. भाव वाचक
  5. द्रव्य वाचक।

इसे भी जानें –
नोट – विद्यार्थी ध्यान से पढ़ें।

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 11 समर्पण (मंजरी)

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समस्त पद्यांशों की व्याख्या

मन समर्पित ………………. और भी दें।

संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ की ‘समर्पण’ नामक कविता से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता रामावतार त्यागी जी हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने स्वदेश के प्रति अनन्य भक्ति प्रकट करते हुए तन-मन-धन-जीवन अर्थात् सर्वस्व समर्पित करने के पश्चात भी कुछ और भेंट चढ़ाने की इच्छा की है।

व्याख्या – कवि के हृदय में स्वदेश प्रेम का महासागर हिलोरें ले (UPBoardSolutions.com) रहा है। वह तन-मन-धन-जीवन सब कुछ देश को समर्पित कर देना चाहता है; फिर भी उसे सन्तोष नहीं होता तथा वह देश की मिट्टी पर कुछ और न्योछावर करने की कामना करता है।

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माँ तुम्हारा …………………….. और भी दें।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – कवि कहता है- हे माँ! मैं दीन-हीन तुम्हारे ऋण से पूरी तरह दबा हुआ हूँ; फिर भी यह निवेदन है कि मैं जब भी थाल में अपना सिर सजाकर तुम्हें समर्पित करने आऊँ; तुम दयाकर अवश्य स्वीकार कर लेना! मेरा गीत, प्राण और एक-एक रक्तबिन्दु तुम्हें समर्पित है; फिर भी, हे मेरे देश की पुण्य भूमि! मैं कुछ और न्योछावर करना चाहता हूँ!

माँज दो ………………………….. और भी हूँ।

संदर्भ और प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – कवि अनुरोध करता है- हे माता! थोड़ा भी विलम्ब किए बिना मेरी तलवार की धार पैनी करे मुझे दे दो, मेरी पीठ पर ढाल बाँध दो; मेरे माथे पर अपने चरणों की धूलि का टीका लगा दो तथा सिर (UPBoardSolutions.com) पर आशीष (आशीर्वाद) की घनी छाया कर दो!

मेरे सपने, प्रश्न, आयु का एक-एक क्षण तुम्हें समर्पित है; फिर भी, हे मेरे देश की धरती! मैं तुम पर कुछ और न्योछावर करना चाहता हूँ।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को –
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

विचार और कल्पना –
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें

कविता से

प्रश्न 1.
सब कुछ समर्पण के बाद भी कवि क्यों सन्तुष्ट नहीं है?
उत्तर :
कवि स्वयं को स्वदेश का अत्यन्त ऋणी समझता है। वह जानता है कि माता का ऋण चुकाना असम्भव है; तथापि तन-मन-धन-जीवन (सर्वस्व) न्योछावर करने के बाद भी उसे सन्तोष नहीं होता एवं वह कुछ और समर्पित करना चाहता है।

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प्रश्न 2.
‘थाल में भाल सजाने से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
‘थाल में भाल सजाने’ से कवि का तात्पर्य है–अत्यधिक श्रद्धापूर्वक मातृभूमि के श्री चरणों पर समर्पित हो जाना।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित भाव कविता की किन पंक्तियों में व्यक्त हुए हैं

(क) जननी जन्मभूमि की देन के समक्ष कवि अपने को बहुत दीन-हीन समझ रहा है।
उत्तर :
माँ तुम्हारा ऋण बहुत है मैं अकिंचन।

(ख) कवि अपना हर्ष-उल्लास और प्राण न्योछावर कर देना चाहता है।
उत्तर :
गान अर्पित, प्राण अर्पित।

(ग) कवि अपने जीवन की कल्पनाओं, जिज्ञासाओं और आयु को हर क्षण समर्पित करना चाहता है।
उत्तर :
स्वप्न अर्पित, प्रश्न अर्पित,
आयु का क्षण-क्षण समर्पित।

(घ) कवि अपने हाथों में तलवार लेकर रणक्षेत्र में कूदना चाहता है।
उत्तर :
माँज दो तलवार को लाओ न देरी,
बाँध दो अब पीठ पर वह ढाल मेरी,
भाल पर मल दो चरण. की धूल थोड़ी,
शीश पर आशीष की छाया घनेरी।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए

(क) भाल पर ……………. छाया घनेरी।
उत्तर :
कवि अपनी मातृभूमि से प्रार्थना करता है कि – हे जननी, अपनी चरण की धूल से मेरा तिलक कर दो और मुझे इतना आशीर्वाद दो कि मैं अपने देश की रक्षा के लिए हर पल तैयार रहूँ।

(ख) गान अर्पित ………………………. कण-कण समर्पित।
उत्तर :
कवि मातृभूमि की कृपा से इतना उपकृत है कि वह न केवल सर्वस्व समर्पित करने की इच्छा करता है; अपितु अपनी भावनाएँ हर्ष-उल्लास, प्राण एवं रक्त की एक-एक बूंद न्योछावर करना चाहता है अर्थातृ समस्त भौतिकता के साथ-साथ अपना मानस-चितंन-मनन, इच्छा-अपेक्षा भी समर्पित करने की कामना करता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे……………समर्पित। इस प्रकार के शब्दों के चार जोड़े दिए जा रहे हैं; उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए (प्रयोग करके) –
उत्तर :

(क) घर-घर – नासमझी के कारण घर-घर में झगड़ा होता है।
(ख) मीठे-मीठे – मीठे-मीठे बोल किसे अच्छे नहीं लगते!
(ग) डाली-डाली – बसन्त में डाली-डाली महक उठती है।
(घ) चलते-चलते – इस दुनिया से चलते-चलते भी मानव बहुत कुछ समेट लेना चाहता है।

पढ़ने के लिए

थाल सजाकर किसे पूजने चले प्रात ही मतवाले,
कहाँ चले तुम राम नाम का पीताम्बर तन पर डाले।
इधर प्रयाग न गंगा सागर उधर न रामेश्वर काशी,
इधर कहाँ है तीर्थ तुम्हारा कहाँ चले तुम संन्यासी।।

चले झूमते मस्ती से क्या तुम अपना पथ आये भूल,
कहाँ तुम्हारा दीप जलेगा कहाँ चढ़ेगा माला फूल।

मुझे न जाना गंगा सागर मुझे न रामेश्वर काशी,
तीर्थराज चित्तौड़ देखने को मेरी आँखें प्यासी।

शिक्षण संकेत –
नोट – शिक्षक छात्रों से कराएँ।

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इसे भी जानें –
नोट – विद्यार्थी ध्यान से पढ़ें।

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 माँ कह एक कहानी (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 माँ कह एक कहानी (मंजरी)

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समस्त पद्यांशों की व्याख्या

”माँ कह …………….. यही कहानी।”

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘माँ कह एक कहानी’ नामक कविता से लिया गया है। इसके रचयिता राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश में राहुल अपनी माँ से कहानी सुनाने के लिए कह रहा है और माता यशोधरा राहुल को कहामी सुना रही है।

व्याख्या – राहुल अपनी माँ यशोधरा से कहता है- माँ, एक कहानी सुनाओ। राजा या रानी की कहानी सुनाओ। यशोधरा कहती है कि पुत्र तू हठ करता है तो सुन! एक दिन सुबह बगीचे में तुम्हारे पिता घूम रहे थे। वहाँ (UPBoardSolutions.com) फूलों की सुगंध चारों ओर फैल रही थी। इतना सुनकर राहुल कह उठता है कि हाँ माँ! मुझे यही कहानी सुनाओ।

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”वर्ण – वर्ण ………………………. यही कहानी।”

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत्

व्याख्या – रंग- बिरंगे फूल खिले थे और उन पर ओस की बूंदें झिलमिला रही थीं। हवा के हल्के-हल्के झोंके चल रहे थे। तालाबों में पानी लहरा रहा था। हाँ-हाँ, माँ! यही कहानी सुनाओ।

”गाते थे …………………. भरी कहानी।”

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – पक्षी कल-कल की आवाज करते हुए गा रहे थे, उसी समय अचानक नुकीले तीर से घायल होकर एक हंस नीचे गिरा। उसके पंख घायल हो गए थे। यह कहानी बहुत ही करुणा भरी है।

”चौंक …………. कठिन कहानी।”

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – चौंककर उन्होंने उस पक्षी को उठा लिया। पक्षी को लगा कि उसने नया जन्म पा लिया हो। थोड़ी ही देर में शिकारीं अपने अचूक निशाने पर खुश होता हुआ आ पहुँचा। उसे अपने लक्ष्य पर बहुत घमण्ड, था। यह कहानी कोमल और कठोर भावनाओं वाली है।

”माँगा उसने ………………. चली कहानी।”

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – आखेटक ने घायल पक्षी पर अधिकार जताना चाहा, लेकिन तुम्हारे पिता उसकी रक्षा करने वाले थे। तब मांस खाने वाला वह व्यक्ति उसे वापस करने की जिद करने लगा। इस प्रकार कह्मनी आगे बढ़ चली।

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”हुआ विवाद ……………… हुई कहानी”

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत्।

व्याख्या – दयालु और निर्दय में कहा-सुनी होने लगी। दोनों ही अपने-अपने विषय पर तर्क कर रहे थे। जब बात राज्य के न्यायालय में गई, तब सभी लोगों ने इस कहानी को सुना, जाना और यह कहानी व्यापक हो गई।

”राहुल …………….. रहा कहानी।”

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – यशोधरा, राहुल से कहती है, बेटा तू ही इसका निर्णय कर कि न्याय किसकी तरफ होना चाहिए। तू निर्भय होकर बता कि जीत किसकी होनी चाहिए। मैं तुम्हारा भी न्याय सुन लँ। राहुल (UPBoardSolutions.com) कहता है कि माँ, मैं क्या बोलूं। मैं तो कहानी सुन रहा हूँ।

”कोई निरपराध……………… गुनी कहानी”

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – यदि कोई अकारण बिना अपराध के किसी को मारे, तो क्या दूसरे को उसकी रक्षा नहीं करनी चाहिए? मारने वाले से रक्षा करने वाला बहुत महान होता है। न्याय सदैव दया का पक्ष लेता है। इस पर माँ कहती हैं कि तुमने कहानी के मर्म को ठीक से समझा है।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

(क) बानी, कहानी, पानी, नानी, समान, तुक वाले शब्द हैं। इनकी सहायता से चार पंक्ति की एक कविता बनाइए।
नोट – विद्यार्थी स्वयं प्रयास कर कविता बनाएँ।
उदाहरण – अब तक गूंज रही है बानी,
कहती थी यों मेरी नानी
आग लगी और बरसा पानी
सो जा लल्ला, खत्म कहानी।

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(ख) विद्यार्थी स्वयं करें।
(ग) विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
कहानी के अन्त में राहुल जो निर्णय देता है, क्या आप उससे सहमत हैं? यदि आप निर्णय देते तो किसका पक्ष लेते? क्यों?
उत्तर :
हाँ, राहुल ने जो निर्णय दिया है उससे मैं सहमत हूँ। यदि मैं निर्णय देता तो मैं भी रक्षा करने वाले का ही पक्ष लेता क्योंकि किसी की जान बचाना हमारा नैतिक कर्तव्य है।

प्रश्न 2.
पशु-पक्षियों का शिकार करना दण्डनीय अपराध है। आपके विचार में पशु-पक्षियों के शिकार करने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए क्या उपाय करना चाहिए?
उत्तर :
पशु-पक्षियों का शिकार करना कानूनन जुर्म है। इसके लिए कानून में सजा का प्रावधान है। लेकिन फिर भी लोगों को कानून का भय नहीं है और वे पशु-पक्षियों को मारते हैं। मेरे विचार से इस प्रवृति को रोकने के लिए और कड़े कानून बनाने चाहिए और उसे कड़ाई के साथ लागू करना चाहिए।

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प्रश्न 3.
नोट –  विद्यार्थी स्वयं कहानी लिखें।

कविता से

प्रश्न 1.
कहानी सुनाने के बाद माता ने राहुल से क्या प्रश्न किया?
उत्तर :
कहानी सुनाने के बाद माता ने राहुल से न्याय करने को कहा।

प्रश्न 2.
हंस को मारने वाले तथा बचाने वाले के बीच हुए विवाद का निर्णय राहुल ने क्या किया?
उत्तर :
हंस को मारने वाले तथा बचाने वाले के बीच हुए विवाद के निर्णय में राहुल ने कहा कि रक्षक ” भक्षक से महान होता है।

प्रश्न 3.
राहुल के उत्तर से उसके स्वभाव के विषय में क्या पता चलता है?
उत्तर :
राहुल के उत्तर से पता चलता है कि उसका स्वभाव निष्पक्ष, विचारशील और दयाभाव रखने वाला है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित पद्यांशों के भाव स्पष्ट कीजिए (भाव स्पष्ट करके) –

(क) ”वर्ण-वर्ण के ……………… था पानी।”

भाव – उपवन में अनेक रंगों के फूल खिले हुए थे। प्रातःकाल मंद-मंद शीतल वायु से ओस के कण झिलमिल कर रहे थे। हवा से तालाब का पानी हिलोरें मार रहा था, अर्थात् बगीचे का वातावरण बहुत बढ़िया था और प्राकृतिक सुन्दरता निखार पर थी।

(ख) कोई निरपराध …………………….. का दानी

भाव – जब राहुल की माँ ने कहानी सुनाने के बाद उससे पूछा कि अब तुम बताओ कि न्याय किसका पक्ष लेगा, तब राहुल ने निम्न प्रकार उत्तर दिया – यदि कोई बेकसूर को मारने लगे, तो अन्य लोगों को निरपराध (UPBoardSolutions.com) की सहायता करनी चाहिए, क्योंकि बचाने वाला मारने वाले से श्रेष्ठ होता है। न्याय हमेशा दया करने वाले का पक्ष लेता है, जो उचित है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए (एक शब्द लिखकर) –
उत्तर :

  • हठ करने वाला – हठी
  • जिसने अपराध किया हो – अपराधी
  • जिसे डर न हो – निडर
  • रक्षा करने वाला – रक्षक
  • भक्षण करने वाला – भक्षक
  • पक्ष लेने वाला – पक्ष्य

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द छाँटिए (छाँटकर) –
उत्तर :

  • खग – गगन, पक्षी, नभ (पक्षी)
  • आखेट – धनुष, ओखल, शिकार (शिकार)
  • कोमल – मुलायम, कमल, कोयल (मुलायम)
  • विवाद – निनाद, समझौता, झगड़ा (झगड़ा)
  • सदय – देने वाला, दया के साथ, दीनता के साथ (दया के साथ)

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प्रश्न 3.
हिले-मिले, खर-शर और सदय-निर्दय शब्द-युग्मों में एक जैसा तुक है। इसी प्रकार के समान तुक वाले तीन और शब्द-युग्म लिखिए।
उत्तर :
तीन अन्य शब्द-युग्म – जय-विजय, न्याय-अन्याय, जोर- शोर

किसने किससे कहा –
यथा – माँ कह एक कहानी, राजा था या रानी । (बालक ने माँ से)

(क) हुआ विवाद सदय निर्दय में, उभय आग्रही थे स्व विषय में, गयी बात तब न्यायालय में, सुनी सभी ने जानी। (माँ ने बालक से)
(ख) कह दे निर्भय जय हो जिसका, सुने लू तेरी बानी। (माँ ने बालक से)
(ग) “कोई निरपराध को मारे, तो क्या अन्य उसे न उबारे? (बालक ने माँ से)

इसे भी जानें –
नोट – विद्यार्थी ध्यान से पढ़ें।

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 19 इसे जगाओ (मंजरी)

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समस्त पद्याशों की व्याख्या

भई, सूरज ………………….. खोया पड़ा है।

संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘इसे जगाओ’ शीर्षक कविता से उद्धत हैं, इसके रचयिता कवि भवानी प्रसाद मिश्र हैं।

प्रसंग – इस कविता में कवि ने मनुष्य को आलस्य छोड़ने और समय पर जागने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि सूरज और पवन से कहता है कि यह मनुष्य जो बहुत समय से सोया हुआ है, इसे । जगाओ। अर्थात् सवेरा हो गया है लेकिन मनुष्य इस सच से अंजान अपने ही सपनों में खोया हुआ सो रहा है।

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भई पंछी,………….. भागेगा यह।

संदर्भ और प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – कवि पक्षियों से कहता है कि सोए पड़े हुए इस मनुष्य के कानों के पास जाकर चिल्लाओ ताकि ये जाग जाए। इसको जागना जरूरी है बल्कि इसका वक्त पर जागना जरूरी है। अन्यथा देर से जागने पर यह घबरा के उनको पाने के लिए भागेगा जो कि इससे आगे निकल गए हैं।

क्षिप्र गति …………….. कानों पर चिल्लाओ।

संदर्भ और प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – कवि कहता है कि घबरा के भागने और त्वरित गति यानी तुरंत भागने में अंतर है। त्वरित गति में मनुष्य सही समय का ध्यान रखते हुए सजगता के साथ भागता है, जबकि घबराहट में भागने में केवल (UPBoardSolutions.com) घबराहट होती है। इसलिए अरे! सूरज इसे जगा दो, पवन इसे झकझोर दो और पंछियों इसके कानों के पास , चिल्लाओ ताकि यह समय रहते जाग जाए।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1.
जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने वाले लोगों से मिलिए एवं उनके अनुभवों को लिखिए।
उत्तर :
बच्चे स्वयं करें। उदाहरण के लिए निम्नलिखित उत्तर देखें।

मैं एक बार भारतीय क्रिकेट के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मिली। मैंने उनके जीवन के अनुभव के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने मुझे बताया कि जीवन में उन्होंने जो भी उपलब्धियाँ यो सफलताएँ अर्जित की हैं, उनके पीछे उनकी कड़ी मेहनत है। वे नींद और आलस्य का त्याग कर 18-18 घंटों तक अभ्यास किया करते थे और आज भी करते हैं। एक अच्छे विकेट कीपर बनने, श्रेष्ठ बल्लेबाज बनने और बेहतर कप्तान बनने के लिए उन्होंने अपने जीवन में अनुशासन और परिश्रम को सबसे ज्यादा महत्व दिया है।

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प्रश्न 2.
बच्चे स्वयं करें।

विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
कविता में सूरज, पंछी और पवन हमें सही समय पर जागने को प्रेरित कर रहे हैं। समय के नियोजन का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है ? इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
समय के नियोजन का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। समय यदि एक बार चला जाता है तो उसे वापस नहीं लाया जा सकता है। इसलिए हमें जीवन में समय का सदुपयोग करना चाहिए, सारे काम (UPBoardSolutions.com) समय पर करने चाहिए। चाहे वह सुबह जागने का समय हो, विद्यालय जाने का समय हो, पढ़ाई करने का समय हो या खाना खाने या खेलने का समय हो। हर कार्य के लिए एक निश्चित समय निर्धारित कर हमें उसी समय के अनुसार चलना चाहिए। हम समय का सदुपयोग करने से ही जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
संसार में बहुत से भू-भाग ऐसे है जहाँ सूरज कई दिनों तक दिखाई नहीं देता है। चारों ओर फैले अंधकार और बर्फ के बीच लोग कैसे जीवनयापन करते होंगे ? कल्पना करें और वहाँ के जीवन के बारे में कुछ वाक्य लिखिए।
उत्तर :
संसार में बहुत से भू-भाग ऐसे हैं जहाँ सूरज कई दिनों तक दिखाई नहीं देता है। ऐसे में चारों ओर फैले अंधकार और बर्फ के बीच लोगों के लिए जीवन यापन करना बहुत मुश्किल हो जाता होगा। ऐसा ही एक शहर है, मूरमैन्स्क (रूस) जहाँ 40 दिनों तक लोगों को सूर्य के दर्शन नहीं होते। यद्यपि यहाँ 40 दिनों तक लगातार रात रहती है। 40 दिनों तक यहाँ के निवासी कड़ाके की ठंड में जीने को मजबूर होते हैं। जरूरत की हर सामान के लिए उन्हें 40 दिनों तक कठिन संघर्ष करना पड़ता है।

इन दिनों इनकी दिनचर्या बदल जाती है, हर समय रात होने की वजह से यहाँ के रहने वाले लोगों को समय का पता भी नहीं चलता। और कभी घड़ी होने के बाद भी समय का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। इन दिनों यहाँ के लोग घर में सुबह जैसा माहौल बनाने के लिए अलग-अलग तरह की लाइट और हल्के रंग के परदे लगाकर (UPBoardSolutions.com) रखते हैं। घर में सारी चीजों का रंग ऐसा रखा जाता है कि अँधेरे का एहसास न हो। उन दिनों इस शहर में चारों तरफ रोशनी की पूरी व्यवस्था की जाती है, यहाँ बर्फ काफी होती है, जिससे ठंड काफी बढ़ जाती है।

कविता से

प्रश्न 1.
कवि ने किन-किन माध्यमों से मनुष्यों को जगाने की बात की है ?
उत्तर :
कवि ने सूरज, पवन और पंछी के माध्यम से मनुष्य को जगाने की बात की है।

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प्रश्न 2.
मनुष्य को ‘वक्त पर जगाओ’ कहने से कवि का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
वक्त पर जगाओ से कवि का तात्पर्य है कि मनुष्य यदि वक्त रहते कर्तव्य और अपने लक्ष्य को पहचान ले, उन्हें निश्चित कर ले और उसे पाने के प्रयास आरंभ कर दे तो उसे सफलता अवश्य मिलेगी। वक्त पर जागना अर्थात वक्त रहते सँभलना भी है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय लिखिए

(क) जो सच से बेखबर, सपनों में खोया पड़ा है।
(ख) क्षिप्र तो वह जो सही क्षण में सजग है।

उत्तर :
(क) “जो सच से बेखबर सोया पड़ा है’- इस पंक्ति का अर्थ है कि मनुष्य अपनी वास्तविकता, अपने आसपास घट रही घटनाओं से अंजान बना अपने दिवास्वप्नों में खोया हुआ है। उसे अपने कर्तव्य का मान नहीं है, बस वह सपने देख रहा है, वे सपने कैसे सच होंगे इस ओर उसका ध्यान नहीं है।
(ख) क्षिप्र तो वह है जो सही क्षण में सजग है- इस पंक्ति में कवि का आशय यह है कि लोग दूसरों से आगे निकलने की होड़ में भागते हैं। पहले तो समय आँवा देते हैं पर जब उनको पता चलता है कि उनका साथी उनसे आगे आगे निकल गया तो वे आनन-फानन में भागते हैं उनकी बराबरी करने को परंतु कवि कहते हैं। कि आनन-फानन (UPBoardSolutions.com) में भागना त्वरित गति नहीं है। यानी इससे कोई फायदा नहीं है। सही समय पर सजगता के साथ आगे बढ़ना ही आपको लक्ष्य तक जल्दी पहुँचा सकता है।

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प्रश्न 4.
इस कविता को कोई अन्य मनचाहा शीर्षक दीजिए ?
उत्तर :
‘शीषर्कः समय रहते जागो’

भाषा की बात

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए – पवन, पंछी, वक्त, सजग, क्षिप्र
उत्तर :

  • पवन – हवा, वायु
  • पंछी – विहग, खग
  • वक्त – समय, काल
  • सजग – सचेत, सावधान
  • क्षिप्र – त्वरित, तुरंत

प्रश्न 2.
दिए गए शब्दों के तत्सम् रूप लिखिए- सूरज, हवा, सच, कान, सपना
उत्तर :

  • सूरज – सूर्य
  • हवा – वायु
  • सच – सत्य
  • कान – कर्ण
  • सपना – स्वप्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों के रिक्त स्थानों की पूर्ति रेखांकित शब्दों के विलोम शब्द से कीजिए –
उत्तर :

  1. अच्छे स्वास्थ्य के लिए समय से जागना तथा समय से सोना चाहिए।
  2. शिक्षा हमें सही और गलत का निर्णय करने में सहायक होती है।
  3. सच बोलने वाले झूठ से दूर रहते हैं।
  4. वक्त बेवक्त खाने से अनेक बीमारियाँ होती हैं।
  5. दौड़ में आगे देखना चाहिए पीछे मुड़कर नहीं।

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प्रश्न 4.
ध्यान से पढ़े और समझें ।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में विभक्तियों को रेखांकित कीजिए एवं कारक का नाम लिखिए –

(क) जरा इस आदमी को जगाओ।
(ख) जो सच से बेखबर सपनों में खोया पड़ा है।
(ग) इसके कानों पर चिल्लाओ।
(घ) सूरज ने पवन को जगाया।
(ड.) महात्मा परोपकार के लिए जीवन बिताते हैं।

उत्तर :

(क) को – कर्म
(ख) से – अधिकरण अपादान
(ग) पर – अपादान
(घ) ने – कर्ता को – कर्म
(ङ) के लिए – संप्रदान

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