UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 1 पर्यावरण को जानें

UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 1 पर्यावरण को जानें

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अभ्यास

Question 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) पर्यावरण से आप क्या समझते हैं?
(ख) प्राकृतिक और सामाजिक पर्यावरण में क्या अन्तर है ?
(ग) अपने पर्यावरण के दस अजैविक घटकों के नाम लिखिए।
(घ) अपने विद्यालय परिसर में पाए जाने वाले जैविक घटकों की सूची बनाइए।
Answer:
(क)- जल, वायु, प्रकाश, मिट्टी, पेड़-पौधे आदि जिनसे हम चारों ओर से घिरे हैं, ये सभी एक साथ मिलकर हमारा पर्यावरण कहलाते हैं।

(ख)- वह पर्यावरण जो प्रकृति हमें प्रदान करती है। प्राकृतिक पर्यावरण कहलाता है। हवा, जल, मिट्टी, पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, सूर्य, नदी, पहाड़ आदि प्राकृतिक पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं क्योंकि इनको हम (UPBoardSolutions.com) स्वयं नहीं बना सकते। मानव समाज द्वारा निर्मित पर्यावरण को सामाजिक पर्यावरण कहते हैं। जैसे मकान, सड़क, बाजार, गाँव, शहर, रेल, मोटर, वायुयान आदि सामाजिक पर्यावरण के अंग हैं। सामाजिक पर्यावरण का निर्माण प्राकृतिक पर्यावरण की सहायता से किया जाता है।

(ग)- नदी, झील, सागर, महासागर, पहाड़, पठारे, रेगिस्तान मैदान, हवा, धूप आदि अजैविक घटक हैं।

(घ) – पौधे, पेड़, लताएँ, गिलहरी, चिड़ियाँ, बच्चे, शिक्षक, आदि।

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Question 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) प्रकृति, जल, स्थल, वायु, पेड़-पौधों एवं ___ से मिलकर बनी है।
(ख) पृथ्वी के जल वाले भाग को __ कहते हैं।
(ग) जैविक एवं अजैविक घटक एक दूसरे के ___ हैं।
(घ) टिड्डा एक ___ जीव है।
(ङ) विद्यालय ___ पर्यावरण का हिस्सा है।
Answer:
(क) प्रकृति, जल, स्थल, वायु, पेड़-पौधों एवं जीव-जंतुओं से मिलकर बनी है।
(ख) पृथ्वी के जल वाले भाग को जलमण्डल कहते हैं।
(ग) जैविक एवं (UPBoardSolutions.com) अजैविक घटक एक दूसरे के पूरक हैं।
(घ) टिड्डा एक शाकाहारी जीव है।
(ङ) विद्यालय सामाजिक पर्यावरण का हिस्सा है।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 22 खान-पान की बदलती तस्वीर (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 22 खान-पान की बदलती तस्वीर (मंजरी)

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पाठ का सर (सारांश)

दस पंद्रह वर्षों से खानपान की संस्कृति में काफी बदलाव आया है। दक्षिण भारत का इडली-डोसा, बड़ा-साँभर-रसम दक्षिण भारत में ही नहीं उत्तर भारत में भी पूर्णतया उपलब्ध हैं और उत्तर भारत के ढाबे व उनमें उपलब्ध रोटी-दाल साग पूरे देश में मिलेंगे। फास्ट फूड का चलन भी कम नहीं। बर्गर व नूडल्स सभी स्थानों पर खाए-परोसे जाते हैं। आलू चिप्स, गुजराती ढोकला, गुझिया तथा बंगाली मिठाइयाँ सब जगह पर समान रूप से मिलने लगी हैं। सभी प्रदेशों के व्यंजन सभी स्थानों पर मिलने लगे हैं, जबकि पहले यही प्रांत की विशेषता होते थे। ब्रेड जो पहले केवल अमीरों के घरों में ही आती थी, नाश्ते के रूप में लाखों-करोड़ों भारतीय घरों में सेंकी-तली जाती है। नई पीढ़ी पहले ही स्थानीय व्यंजनों के बारे में कम जानती थी लेकिन अब यह वर्ग नए व्यंजनों के बारे में अधिक जानता है। स्थानीय व्यंजन तो दिन-प्रतिदिन घटते जा रहे हैं।

शहरी जीवन की भागमभाग व महँगाई के कारण आज उन्हीं देशी-विदेशी व्यंजनों को अपनाया जा रहा है, जिन्हें बनाने पकाने की सुविधा हो। देश-विदेश के व्यंजनों का चलन होने से खानपान की एक मिश्रित संस्कृति बनी है। खानपान की दृष्टि से सभी प्रांत एक-दूसरे के पास-पास आए हैं। इससे राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिला है। कई व्यंजन जो सामान्य (UPBoardSolutions.com) रूप में मिला करते थे, वे आज पाँच सितारा होटलों में भी मिलने लगे हैं। उत्तर भारत की पूड़ियाँ, कचौड़ियाँ, जलेबियाँ व सब्जियों से बने समोसे अब बाजारों से गायब होते जा रहे हैं।

स्थानीय व्यंजनों को हम छोड़ते जा रहे हैं और पश्चिम के जो पदार्थ स्वाद, स्वास्थ्य और सरसता के लिए हैं, उन्हें अपनाते जा रहे हैं। स्थानीय व्यंजनों का पुनरुद्धार अति आवश्यक है। खानपान की मिश्रित संस्कृति से हम कई बार चीजों का वास्तविक स्वाद नहीं ले पाते। आज आधुनिकता के दौर में खानपान की मिश्रित संस्कृति बढ़ती जा रही है। हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम समयानुसार उसकी जाँच करते रहें।

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प्रश्न-अभ्यास।

कुछ करने को
प्रश्न 1.
आपको जो व्यंजन अत्यधिक स्वादिष्ट लगता हो उसकी निर्माण विधि लिखिए तथा चित्र बनाइए?
उत्तर-विद्यार्थी स्वयं करें। उदाहरण के लिए नीचे एक व्यंजन (खीर) की निर्माण-विधि दी जा रही है, क्योंकि यह लगभग सभी बच्चों का पसंदीदा व्यंजन होता है।।

‘खास और प्रसिद्ध

आवश्यक सामग्री – चावल-100 ग्राम, शक्कर – 150 ग्राम, फुल क्रीम दूध-1 लीटर, काजू-1 बड़ा चम्मच (कटे हुए), किशमिश-1 बड़ा चम्मच, मखाने-1/2 कप (कटे हुए), इलायची-5 (पिसी हुई)।।

खीर बनाने की विधि – सबसे पहले चावल को पानी में एक घंटे के लिए भिगो दें। भीगने के बाद चावलों को एक बार धो ले। फिर उसे मिक्सर में दरदरा पीस लें। अब एक बड़े भगोने में दूध लेकर मीडियम आँच पर चढ़ाएँ। जब दूध उबलने लगे, तब उसकी आँच कम कर दें और उसमें पिसे हुए चावल डाल दें। दूध को थोड़ी-थोड़ी देर पर चलाते रहें। (UPBoardSolutions.com) 10 मिनट तक पकने के बाद दूध में चीनी, मेवा और इलायची डाल दें और धीमी आँच पर पकाएँ। जब चावल अच्छी तरह से पक जाए और मेवे मुलायम हो जाएँ, तब गैस बंद कर दें। अब आपकी खीर बनकर तैयार है। बस इसमें इलायची पाउडर मिलाएँ और थोड़ी ठंडी होने पर परोसें।

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प्रश्न 2.
नोट – 
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 3.
नोट – 
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 4.
फास्टफूड अब शहरों के अलावा गाँव के गली-मुहल्लों में भी मिलने लगा है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है अथवा लाभदायक। इस विषय पर कक्षा में वाद-विवाद कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी निम्न बिंदुओं पर फास्ट फूड पर कक्षा में विचार-विमर्श कर सकते हैं
फास्ट-फूड के फायदे – मिलने में सुविधाजनक, और समय की बचत।
फास्ट-फूड के नुकसान – मोटापे की समस्या, हृदय की बीमारी बढ़ने का खतरा, कैंसर का खतरा, डायबिटीज, तनाव, थकान, आदि बीमारियों का खतरा।

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विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
खानपान के निर्माण से लेकर भोजन ग्रहण करने तक की प्रक्रिया में स्वच्छता तथा सफाई की जो-जो बातें ध्यान देने योग्य हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर :
खाना बनाने से पहले, खाने से पहले, खाने के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोना चाहिए। रसोई की साफ-सफाई विशेष तौर पर करनी चाहिए। सिंक, वॉश बेसिन आदि जैसी जगहों पर नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए। खाने की किसी भी वस्तु को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। कच्चे
और पके हुए खाने को अलग-अलग रखना चाहिए। खाना पकाने तथा खाने के लिए उपयोग में आने वाले बर्तनों, फ्रिज, ओवन आदि को भी साफ रखना चाहिए। कभी भी गीले बर्तनों को रैक में नहीं रखना चाहिए, न ही बिना सूखाए डिब्बों आदि के ढक्कन लगाकर रखना चाहिए। ताजी सब्जियों-फलों । का प्रयोग करना चाहिए। उपयोग में आने वाले मसाले, अनाजों तथा अन्य सामग्री का भंडारण भी सही तरीके से करना चाहिए तथा एक्सपायरी डेट वाली वस्तुओं पर तारीख अवश्य देखनी चाहिए।

बहुत ज्यादा तेल, मसालों से बने, भोजन का उपयोग नहीं करना चाहिए। खाने को सही तापमान पर पकाना चाहिए और ज्यादा पकाकर सब्जियों आदि के पौष्टिक तत्व नष्ट नहीं करने चाहिए। साथ ही ओवन का प्रयोग करते समय तापमान का खास ध्यान रखना चाहिए। खाद्य पदार्थों को हमेशा ढककर रखना चाहिए और ताजा भोजन ही (UPBoardSolutions.com) खाना चाहिए। खाना पकाने तथा पीने के लिए साफ पानी का उपयोग करना चाहिए। सब्जियों तथा फलों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाना चाहिए।

खाना पकाने के लिए सोयाबीन, सनफ्लावर, मक्का या ऑलिव ऑइल के प्रयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए। खाने में शक्कर तथा नमक दोनों की मात्रा का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। जंकफूड, सॉफ्ट ड्रिंक तथा आर्टिफिशियल शक्कर से बने जूस आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए। रात का खाना जितनी जल्दी हो, खा लेना चाहिए।

निबन्ध से

प्रश्न 1.
स्थानीय व्यंजनों को बनाने में कमी क्यों आई है ?
उत्तर :
एक प्रांत का व्यंजन दूसरे प्रांत में आसानी से मिल जाता है। ये विविध व्यंजन लोगों को आकर्षित करते हैं। इसलिए स्थानीय व्यंजनों की माँग कम होने लगी है। फलस्वरूप इन्हें बनाने में कमी आई है।

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प्रश्न 2.
आजादी के बाद से नौकरियों-तबादलों का नया विस्तार हम किस रूप में देखते हैं ?
उत्तर :
आजादी के बाद उद्योग-धंधों, नौकरियों, तबादलों का जो एक नया विस्तार हुआ है, उसे हम इस रूप में देखते हैं कि उसके कारण खानपान की चीजें किसी एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में पहुँची । हैं। बड़े शहरों के मध्यमवर्गीय स्कूलों में जब दोपहर के वक्त बच्चों के टिफिन-डिब्बे खुलते हैं तो उनसे विभिन्न प्रदेशों के व्यंजनों की खुशबू उठती है।

प्रश्न 3.
खानपाने के द्वारा राष्ट्रीय एकता का बीज किस प्रकार अंकुरित होगा।
उत्तर :
हम विभिन्न प्रांतों के निवासी खान-पान के माध्यम से भी एक-दूसरे के निकट आते हैं। और एक-दूसरे को जानते हैं। इस दृष्टि से देखें तो खान-पान की नई संस्कृति में हमें राष्ट्रीय एकता के लिए नए बीज मिल सकते हैं।

प्रश्न 4.
स्थानीय व्यंजनों के पुनरुद्धार की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर :
विभिन्न प्रांतों के विविध व्यंजन आसानी से उपलब्ध हो जाने के कारण स्थानीय व्यंजनों को बनाने में कमी आती जा रही है। स्थानीय व्यंजन प्रांत विशेष की पहचान होंते हैं, वहाँ की संस्कृति के परिचायक होते हैं। उनका लुप्त होना दुर्भाग्यपूर्ण है। अतः प्रांतीय व्यंजन का पुनरुद्धार जरूरी है।

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प्रश्न 5.
हम खानपान की मिश्रित संस्कृति का भरपूर आनन्द क्यों नही ले पा रहे हैं ?
उत्तर :
खान-पान की मिश्रित या विविध संस्कृति यूँ तो हमें कुछ चुनने का अवसर देती है, परंतु हम उसको लाभ प्रायः नहीं उठा रहे हैं। अक्सर प्रीतिभोजों और पार्टियों में एक साथ ढेरों चीजें रख दी जाती हैं (UPBoardSolutions.com) और हमें एक ही प्लेट में कई तरह के और कई बार तो बिलकुल विपरीत प्रकृति वाले व्यंजन परोस लेते हैं, जिसके कारण उनका स्वाद गड्डमड्ड हो जाता है और हम कई बार असली चीजों का असली और अलग स्वाद नहीं ले पाते।

प्रश्न 6.
खानपान की मिश्रित संस्कृति के लाभ तथा हानि लिखिए ?
उत्तर :
खान-पान की मिश्रित संस्कृति के लाभ – खानपान की मिश्रित संस्कृति के करण हम विविध प्रांतों के विविध व्यंजनों को खाने का आनंद ले पाते हैं। हमारे पास अब खाने की अनेक वेराइटी हैं और हम अपनी पसंदीदा वस्तुएँ आसानी से बाजार से प्राप्त कर सकते हैं या घर में भी बना सकते हैं। इससे हम एक ही खाद्य-पदार्थ को बार-बार खाने की बोरियत से बचे रहते हैं और भोजन के प्रति हमारी रुचि बनी रहती है। खान-पान की मिश्रित संस्कृति राष्ट्रीय एकता में भी सहायक है। जब विभिन्न प्रांतों के व्यक्ति एक-दूसरे के प्रांत का भोजन पसंद करने लगते हैं तो उनके बीच आत्मीयता उत्पन्न होती है। वे एक दूसरे की संस्कृति, रहन-सहन, भाषा-बोली आदि के तौर-तरीकों के प्रति भी आकर्षित होते हैं।

खान-पान की मिश्रित संस्कृति से हानियाँ-खान – 
पान की मिश्रित संस्कृति के कारण स्थानीय व्यंजनों को बनाने में कमी आई है। स्थानीय व्यंजन जो प्रांत विशेष की संस्कृति के परिचायक होते हैं, वे कहीं लुप्त हो रहे हैं। साथ ही उनकी गुणवत्ता में भी कमी आ रही है। खान-पान की मिश्रित संस्कृति के कारण कई बार हम व्यंजनों का सही स्वाद महीं ले पाते (UPBoardSolutions.com) क्योंकि खान-पान की मिश्रित संस्कृति के कारण अक्सर पार्टियों में एक साथ ढेरों व्यंजन रख दिए जाते हैं और लोग एक ही प्लेट में सारे व्यंजन परोस लेते हैं। जिससे उन सबका स्वाद गड्ड मेड्ड हो जाता है और हम किसी भी व्यंजन का स्वाद ठीक से नहीं ले पाते।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
सु, वि तथा प्र उपसर्गों का प्रयोग करके दो-दो शब्द बनाइए।
उत्तर :
सु – सुविचार, सुव्यवस्थित
वि – विचार, विशेष
प्र – प्रकृति, प्रसार

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प्रश्न 2.
जब किसी शब्द के अर्थ में विशेषता लाने के लिए उसी के समान दूसरा शब्द लगाया जाता है, तो उसे शब्द युग्म कहते हैं। युग्म का अर्थ होता है-जोड़ा। शब्द-युग्म कई प्रकार से बनाए जाते हैं (जैसे एक ही शब्द का दो बार प्रयोग करके, विलोम शब्दों, समानार्थी शब्दों से, सार्थक के निर्रथक शब्दों से। शब्द-युग्म बनाते समय दोनों शब्दों के बीच योजक चिन्ह () लगाया जाता है। जैसे-बार-बार, देशी-विदेशी। दिए गए शब्दों से उचित शब्द-युग्म बनाइएः
उत्तर :
वेश      –    वेश – भूषा,
हँसते    –   हँसते – हँसते,
स्वाद    –   स्वाद – स्वाद,
शहरी   –   शहरी – गंवई
अपना   –  अपना – पराया
नई       –   नई – नई
खान     –   खान – पान
लाल     –   लाल – पीला
घर       –   घर – घर

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UP Board Solutions for Class 8 English Chapter 17 The School Boy

UP Board Solutions for Class 8 English Chapter 17 The School Boy

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WORD MEANINGs (शब्दार्थ)
sighing – आह भरना, dismay – बेचैनी, annoy – परेशान करना, droop – नीचे झुकना, nipped – फुरती से काटना, stripped – निकाल देना।

TRANSLATION OF THE LESSON (पाठ का हिन्दी अनुवाद)।
I love to…………………………… Sighing and dismay.
हिन्दी अनुवाद- ग्रीष्म ऋतु में मुझे प्रातः जागना अच्छा लगता है। जब वृक्ष पर पक्षी चहकते हैं। कहीं दूर से किसी शिकारी के अपनी तुरही बजाने की आवाज़ सुनाई देती है। और स्काईलार्क पक्षी मेरे साथ गाता है। यह समय इन साथियों के सुंदर साथ से भरपूर होता है। परन्तु ग्रीष्म की सुबह स्कूल जाना सारी खुशियों को दूर कर देता है। स्कूल में एक निर्दयी (UPBoardSolutions.com) कठोर, थका हुआ अध्यापक बच्चों को पढ़ाता है और उन पर नज़र रखता है। छोटे-छोटे बच्चे आहें भरते हुए, निराशा में अपना दिन व्यतीत करते हैं।

How can the………………………………… fruits appear?
जो पक्षी गाने और स्वतंत्रता के लिए जन्म लेता है, वह पिंजरे में बंद होकर नहीं गा सकता है। उसी प्रकारे सहमा हुआ बच्चा खुश नहीं हो सकता। पिंजरे का पक्षी अपने नाजुक पंख निराशा में गिरा देता है और उड़ना छोड़ देता है। उसी तरह स्कूल जाने वाला बच्चा भी खुश रहना भूल जाता है। आनन्द का युवा झरना उसके अंदर खो जाता है।
हे माता-पिता बच्चे नाजुक पौधों की तरह हैं। यदि दिन निकलते ही उनकी कलियाँ तोड़ दी जाएँ और फूल हवा में उड़ा दिए जाएँ, तो निस्संदेह इसका अर्थ होता कि खिलने के समय ही पौधे को उसकी सारी खुशियों (UPBoardSolutions.com) से वंचित कर दिया गया। ठीक उसी प्रकार बच्चे भी खुल के नहीं जी पाते जब उन्हें निराशा और चिंता सताती है।

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EXERCISE (अभ्यास)।
Comprehension Questions
1. Answer the following questions:

Question a.
Find three or four words/phrases in stanza 1 that reflect the child’s happiness and joy.
Answer:
The phrases or words are- ‘love torise’, ‘skylark sings with me’, ‘sweet company’.

Question b.
In stanza 2, the mood changes. Which words/phrases reflect the changed mood?
Answer:
Words/Phrases that reflect changed mood are – ‘it drives all joy away’, ‘in sighing and dismay’.

Question c.
‘A cruel eye outworn’ (stanza 2) refers to
(i). the classroom which is shabby/noisy.
(ii). the lessons which are difficult/uninteresting.
(iii). the dull/uninspiring life at school with lots of work and no play.
Answer:
(iii) the dull/in inspiring life at school with lots of work and no play.

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Question d.
Why cannot a bird be joyful in a cage?
Answer:
A bird soars high up in the sky and roains free throughout (UPBoardSolutions.com) the day. It cannot feel any joy or happiness if it is trapped in a cage which prevents its free flight.

Word Power
Find the antonyms of the following words from the poem

  • sour : sweet
  • happiness : sorrow
  • rise : drop
  • hard : tender
  • disappear : appear

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Activity
Do it yourself.

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 21 बस की यात्रा (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 21 बस की यात्रा (मंजरी)

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पाठ का सार (सारांश)

पाठ का सारांश- हरिशंकर परसाई उच्चकोटि के व्यंग्यकार हैं। इस यात्रा वर्णन पाठ में उन्होंने बताया है कि किस प्रकार वाहनों के मालिक धन के लालच मेंपुराने घिसे हुए और जर्जर अवस्था के वाहन सड़कों पर चलवाते हैं। लेखक व उनके मित्र कंपनी के काम से सतना गए थे। वापसी पर उन्होंने पन्ना के लिए जो बस पकड़ी, वह काफी पुरानी और जर्जर अवस्था में थी। लोग उस बस में यात्रा करने से हिचक रहे थे। लेखक ने भी जब बस को देखा तो वे स्वयं से पूछ बैठे कि क्या ये बस चलती भी है। बस कंपनी का एक हिस्सेदार उन्हें विश्वास दिलाने लगा कि डरने की कोई बात नहीं है। यह बस अनुभवी है, पुरानी है।

लेखक को जो लोग विदा करने आए थे, वे लोग उनकी तरफ इस तरह देख रहे थे मानो उन्हें अंतिम विदा दे रहे हों। बस जब चली तो ऐसे आवाज़ कर रही थी जैसे इंजन यात्रियों के सीट के नीचे ही लगा हो। बस का प्रत्येक हिस्सा अलग-अलग हिल रहा था। लेखक लिखते हैं कि उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा था कि वे सीट पर बैठे हैं या सीट उन पर बैठी है। एकाएक बस रुक गई तो पता चला कि पेट्रोल की टंकी में ही छेद हो गया है। काफी देर बाद बस फिर चली परंतु लेखक को अब उस पर भरोसा नहीं रहा था। सड़क के दोनों तरफ लगे हरे-भरे पेड़ लेखक को दुश्मन नज़र आ रहे थे, क्योंकि बस के कभी भी उन पेड़ों से टकरा जाने की आशंका सता रही थी। झील दिखाई देता तो सबको डर लगता कि कहीं बस झील में न गिर जाए। एकाएक बस फिर रुक गई।

ड्राइवर उसे चलाने के लिए तरह-तरह की तरकीबें अपनाने लगा लेकिन वह नहीं चली, मानो उसने सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ दिया हो। बस एक बुढ़िया की भाँति थककर बैठ गई थी। हिस्सेदार साहब ने इंजन खोला और कुछ सुधार कार्य किए तो बस आगे चली लेकिन उसकी चाल और भी धीमी हो गई। चाँदनी रात में रास्ता टटोलती वह रेंग रही थी। (UPBoardSolutions.com) आगे या पीछे से कोई गाड़ी आती तो वह किनारे लगकर उसे रास्तो दे देती। आगे चलकर बस एक पुलिया पर पहुँची ही थी कि एक टायर फट गया। बस नाले में गिरते-गिरते बची। लेखक व्यंग्य करते हैं कि कंपनी के हिस्सेदार में उत्सर्ग की दुर्लभ भावना थी। टायरों की हालत जानते हुए भी वे जान हथेली पर लेकर उसी बस में सफर कर रहे थे। उस महान व्यक्ति ने यात्रियों सहित अपनी जान खतरे में डालकर टायरों पर होने वाला व्यय बचा लिया। दूसरा घिसा टायर लगाकर बस फिर चली लेकिन लेखक ने अब पन्ना तो क्या कहीं भी पहुँचने की उम्मीद छोड़ दी थी।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को
प्रश्न 1.
अधिक धुआँ फेंकने वाले, जर्जर और बहुत पुराने वाहन वायु प्रदूषण और अन्य खतरों को बढ़ावा देते हैं। वायु प्रदूषण के अन्य घटक कौन से हैं? इसका उल्लेख करते हुए वायु प्रदूषण पर एक लेख तैयार कीजिए।
उत्तर :
आजकल, वायु प्रदूषण प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दों में से एक है। वायु प्रदूषण के निरंतर बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। सबसे अधिक वायु प्रदूषण ऑटोमोबाइल, परिवहन के साधन, औद्योगीकरण, बढ़ते शहरों आदि के कारण हो रहा है। इस तरह के स्रोतों से कई हानिकारक गैसों या खतरनाक तत्वों का रिसाव पूरे वायुमंडल को प्रदूषित कर रहा है। वायु प्रदूषण के कारण ओजोन परत भी बहुत अधिक प्रभावित हो रही है। मनुष्य की बढ़ती जनसंख्या के कारण उनकी आवश्यकता में भी वृधि हो रही है जो प्रदूषण का मुख्य कारण है। मनुष्य की दैनिक गतिविधियाँ भी वातावरण को गंदा करने का कारण होती हैं, जो जलवायु में नकारात्मक परिवर्तन के लिये मजबूर करती है।

औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया में कई हानिकारक गैसों, कणों, पेंट और बैट्रियों का आक्रामक संचालन, सिगरेट, आदि कार्बन मोनो ऑक्साइड, परिवहन के साधन कार्बन डाईऑक्साइड और अन्य जहरीले पदार्थों को वातावरण में छोड़ते हैं। सभी तरह के प्रदूषण पर्यावरण से जुड़े हुए हैं, जो आजोन परत को हानि पहुँचाकर सूर्य की हानिकारण किरणों पर पृथ्वी पर आमंत्रित करते हैं। वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिये हमें दैनिक क्रिया-कलापों में बड़े स्तर पर परिवर्तन लाने होंगे। हमें वायु (UPBoardSolutions.com) प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिये पेड़ों को नहीं काटना चाहिये और उन गतिविधियों को करना चाहिए जो वातारण को प्रदूषित करने वाले तत्वों को रोकने में सहायक हों।

प्रश्न 2.
नोट – 
विद्यार्थी स्वयं करें।

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विचार और कल्पना

‘प्रश्न 1.
लेखक ने बस को सजीव रूप में देखा है। अनुमान लगाइए कि अगर लेखक बस से बातचीत करते तो उनके और बस के बीच में कहाँ-कहाँ और क्या-क्या बातें होती?
उत्तर :
लेखक और बस अगर आपस में बातचीत करते तो निम्न जगहों पर उनके बीच इस तरह की बातें होती; जैसे

  1. सबसे पहले लेखक और बस की बातचीत वहाँ हुई होगी जहाँ लेखक ने पहली बार बस को देखा।
    लेखक – बस माता जी आपको नमस्कार! धन्य हैं आप जो इतनी वयोवृद्धा होने पर भी यात्रियों की सेवा में तत्पर हैं। क्या आप इस उम्र में थकान महसूस नहीं करतीं?
    बस – क्या करूँ बेटा? गुलाम हूँ, अपनी मर्जी से कहाँ जी सकती मैं अपनी जिंदगी। बस कंपनी के मालिकों को मुझ बुढ़िया पर तरसे ही नहीं आता, रिटायरमेंट की उम्र में भी मुझसे काम करवाए जा रहे हैं।

  2. लेखक की बस से दूसरी बातचीत वहाँ हुई होगी जहाँ बस एकाएक रुक जाती है।
    लेखक – बस मैया, रुक क्यों जाती हो बार-बार? लगता है कुछ ज्यादा ही थक गई हो?
    बस – तुम चिंता न करो तुम सबको तुम्हारे गंतव्य तक अवश्य पहुँचा देंगी देर-सवेर। थोड़ा मुझे आराम कर लेने दो।

  3. लेखक और बस की तीसरी बार बातचीत तब हुई होगी जब बस नाले में गिरते-गिरते बचती है।
    बस – मुझे माफ करना बेटा, मेरी वजह से अभी तुम लोगों की यात्रा अंतिम यात्रा हो जाती। क्या करू, आँखों की रोशनी भी कम हो गई है रास्ता भी सूझ नहीं रहा और इस पर इतना कमजोर शरीर, अब चला नहीं जा रहा मुझसे। लेखक – कोई बात नहीं, बस मैया हम तुम्हारी मजबूरी समझ रहे हैं, लेकिन हमें अफसोस है कि हम आपके लिए कुछ नहीं कर सकते।

प्रश्न 2.
नोट – 
विद्यार्थी स्वयं करें।।

व्यंग से
प्रश्न 1.
लोगों ने शाम वाली बस से सफ़र नहीं करने की सलाह क्यों दी थी?
उत्तर :
बस बहुत ही पुरानी और जर्जर अवस्था में थी। रास्ते में कहीं भी खराब या दुर्घटना का शिकार हो सकती थी। इसलिए लोगों ने शाम वाली बस से सफर नहीं करने की सलाह दी थी।

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प्रश्न 2.
लेखक के मन में बस को देखकर श्रद्धा का भाव क्यों उमड़ पड़ा?
उत्तर :
लेखक ने यह कथन व्यंग्य स्वरूप लिखा है। हम भारतीयों को यह संस्कार है कि हम बूढे-बुजुर्ग पुरुष या महिलाओं को अत्यंत सम्मान और श्रद्धा की दृष्टि से देखते हैं। बस भी अत्यंत पुरानी और जर्जर अवस्था में थी। इसलिए लेखक ने बस का मानवीकरण करते हुए लिखा है कि वयोवृद्ध बस को देखकर मन में श्रद्धा को. भाव उमड़ पड़ा।

प्रश्न 3.
बस तक लेखक और उनके मित्रों को छोड़ने आये हुए लोगों के मन में क्या-क्या भाव हो रहे थे?
उत्तर :
लेखक और उनके मित्रों को बस तक छोड़ने आए लोगों के मन में यह भाव आ रहे थे कि जैसे वे उन्हें अंतिम बार देख रहे हों और अंतिम विदा दे रहे हों। उनकी आँखें जैसे कह रही थीं- आना-जाना तो लगा ही रहता है। आया है, तो जाएगा-राजा, रंक फकीर। आदमी को कूच करने के लिए एक निमित्त चाहिए।

प्रश्न 4.
“बस सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौर से गुजर रही थी।” इस वाक्य से लेखक को क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
“सविनय अवज्ञा आंदोलन”–के दौरान भारत के लोगों ने गांधी जी के नेतृत्व में मिल-जुल कर अंग्रेजों का विरोध विनम्रतापूर्व किया था। उन्होंने अंग्रेजी कानूनों का उल्लंघन करने का आंदोलन भी शांतिपूर्वक चलाया था। बस का भी लगभग यही हाल था। बस का प्रत्येक भाग जर्जर था, कोई भी
भाग ठीक ढंग से कार्य नहीं कर रहा था और प्रत्येक भांग एक-दूसरे से असहयोग कर रहा था। इसलिए लेखक ने ऐसा लिखा है कि बस सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौर से गुजर रहा था।

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प्रश्न 5.
“उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है।” लेखक ने यह किसके लिए, क्यों और किस . संदर्भ में कहा?
उत्तर :
“उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है।” लेखक ने यह बात बस कंपनी के हिस्सेदार के लिए कही है। हिस्सेदार बस के टायरों की हालत जानता था फिर भी उसने टायर नहीं बदलवाया और धन कमाने के चक्कर में बस को चलाता रहा। उसे यह भी पता था कि इन टायरों की वजह से बस कभी भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है फिर भी वह यात्रियों के (UPBoardSolutions.com) साथ-साथ अपनी जान की परवाह न करते हुए बस में सफर कर रहा था। धन के प्रति उसकी लोलुपता पर कटाक्ष करते हुए लेखक ने ऐसा लिखा है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
पाठ में कुछ शब्द जैसे-हाजिर, सफर उर्दू भाषा के शब्द हैं। ऐसे ही पाठ में आये अन्य भाषाओं के शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर :
संस्कृत भाषा- मित्र, श्रद्धा, वयोवृद्ध अंत्येष्टि, प्राणांत, वृद्धावस्था, उत्सर्ग, निमित्त। अंग्रेजी- इंजन, बस, कंपनी, ट्रेनिंग, बॉडी, सीट, फुल, ब्रेक, पेट्रोल, टायर।।

प्रश्न 2.
जिस वाक्य में प्रश्न पूछा जाता है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। प्रश्नवाचक वाक्य में क्या, कहाँ, क्यों, कैसे आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है। परन्तु पाठ में कुछ ऐसे वाक्य हैं जिनके उत्तर में इन शब्दों का प्रयोग किया गया है जैसे-वह बोले चलती क्यों नहीं है जी! अभी चलेगी। हाँ जी, और कैसे चलेगी?
उत्तर :
प्रश्नवाचक वाक्य-

  • क्या तुम हमारे साथ चलोगे?
  • तुम कल कहाँ गायब थे?
  • यह तो बताओ कि हमारी गलती क्या है?
  • रमा बार-बार उधर क्यों देख रही है?
  • पिताजी मुंबई से कब लौटेंगे?

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प्रश्न 3.
जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते हैं। जैसेबस-यातायात के साधन के अर्थ में और पर्याप्त के अर्थ में प्रयुक्त होता है। नीचे दिये गये अनेकार्थी शब्दों के अर्थ लिखकर उनको वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :

  • कर (हाथ) – यह पत्र दादी जी के कर-कमलों से लिखा गया था।
  • कर (टैक्स) – हमें अपना बिक्री कर समय पर जमा करना चाहिए।
  • पत्र (चिठ्ठी) – बहुत दिन से अनुज का पत्र नहीं आया है।
  • पत्र (पत्ता) – शिवजी को बेल-पत्र चढाया जाता है।
  • सोना (स्वर्ण धातु) – सोना-दिन-ब-दिन महँगा होता जा रहा है।
  • सोना (नींद) – बच्चा सोना चाहता है तो सोने दो।
  • मन (हृदय) – मेरा मन इस बात को नहीं मान रहा है।
  • मन (वजन) – किसान ने एक मन चावल बेचा।

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UP Board Solutions for Class 8 English Chapter 16 World Peace

UP Board Solutions for Class 8 English Chapter 16 World Peace

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WORD MEANINGs (शब्दार्थ)
snatched-झपट्टा मारा, harmony – सामंजस्य, co-ordination – तालमेल, terrorism – आतंकवाद, psychologically – मनोवैज्ञानिक रूप से, eliminate – समाप्त करना

TRANSLATION OF THE LESSON (पाठ का हिन्दी अनुवाद)।
Students are…………………in the society.
हिन्दी अनुवाद- (विद्यार्थी कक्षा में लड़ रहे हैं। अध्यापिका कक्षा में आती हैं।)
अध्यापिका : बच्चों, तुम क्यों लड़ रहे हो?
अमन : मैडम, शांति ने मेरी अभ्यास-पुस्तिका छीनी।
शांति : नहीं मैडम, अमन झूठ बोल रहा है। (UPBoardSolutions.com)
अध्यापिका : लड़ाई बंद करो। तुम्हें अपनी ऊर्जा लड़ने में व्यर्थ नहीं करनी चाहिए। उसे सही दिशा में लगाओ।
अगर तुम अपनी कक्षा में ही शांति नहीं रख सकते, तो विश्व में शांति कैसे रख सकते हो।
अमन : मैडम, विश्व में शांति का क्या अर्थ है?
अध्यापिका : ‘विश्व में शांति’ का अर्थ जानने से पहले, क्या तुम मुझे ‘word’ का अर्थ बता सकते हो?
अमन : हाँ मैडम, world’ का अर्थ है- ‘दुनिया’ या ‘संसार’।
अध्यापिका : बहुत अच्, अब मुझे बताओ ‘peace’ क्या है?
शांति : मैडम, ‘peace’ का अर्थ है ‘शांति’।।
अध्यापिका : बहुत अच्छा, अगर तुम शांति बनाना चाहते हो, तो अपने घर से ही शुरूआत करो। अपने घर में
लड़ो मत। अपने दोस्तों, पड़ोसियों या आसपास किसी से भी झगड़ा मत करो।
अमन और शांति : जी मैडम।
अध्यापिका : तो झगड़ा बंद करो और अपने आसपास शांति बनाए रखने का प्रयास करो।
अमन और शांति : ठीक है मैडम, हम समाज में शांति बनाए रखने का प्रयास करेंगे।

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You got both…………. Word Peace.
हिन्दी अनुवाद-
अध्यापिका : अब तुम्हें दोनों शब्दों का अर्थ पता है-world’ और ‘peace’. अब मैं दोनों को जोड़कर तुम्हें इनकी
| परिभाषा देती हूँ। ‘word peace’ का अर्थ है सभी लोगों में खुशी, स्वतत्रंता और शांति। ‘world
peace’ का अर्थ है ‘विश्व में सामंजस्य लाना’ ।
अमन : मैडम, ‘सामंजस्य क्या है? ।
अध्यापिका : ‘सामंजस्य’ शब्द का अर्थ है-‘सहयोग, संतुलन और समन्वय’। इस सामंजस्य को भंग करने के बहुत सारे कारक हैं।
अमन अमन : मैडम कृपया हमें इन कारकों के बाद में बताइए। अध्यापिका : ठीक है, मैं तुम्हें इन कारकों के बारे में बताती हूँ। ‘विश्व शांति’ दो मुख्य कारकों से भंग होती है। पहला
है युद्ध और आतंकवाद । युद्ध और आतकंवाद हिंसा के (UPBoardSolutions.com) कृत्य हैं जो हमारी पीढ़ी को भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तौर पर प्रभावित करते हैं। दूसरा कारक जो ‘विश्व शांति’ को भंग करता है वह है। जाति, संप्रदाय, रंग और धर्म के आधार पर लड़ाई। इसलिए इन कारकों को खत्म करके और मानवता का सम्मान करके हम इस दुनिया को रहने का एक बेहतर स्थान बना सकते हैं।
अमन : ठीक है मैडम, हम प्रयास करेंगे।
अध्यापिका : अब मैं तुम्हें बताने जा रही हूँ कि विश्व में तुम शांति किस तरीके से बना सकते हो। क्या तुमने कभी ये शब्द पढ़ा है-‘वसुधैव कुटुम्बकम्’?
अमन और शांति : नहीं मैडम ! हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
अध्यापिका : ठीक है मैं तुम्हें बताती हूँ। “वसुधैव कुटुम्बकम्’ एक संस्कृत का वाक्यांश है जो तीन शब्दों से मिलकर
बना है : वसुधा, एव और कुटुम्बकम जिनका अर्थ है कि पृथ्वी और विश्व एक परिवार है। इसलिए ‘विश्व शांति पाने के लिए हमें सारे विश्व को एक परिवार समझना चाहिए

EXERCISE (अभ्यास)
Comprehension Questions
1. Answer the following questions :

Question a.
What does-World Peace’ mean?
Answer:
‘World Peace’ means happiness, freedom and peace among people. It also means ‘to bring the world in harmony.’

Question b.
What do you mean by the term ‘harmony’?
Answer:
‘Harmony’ means co-operation. balance and co-ordination.

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Question c.
What are the main factors which disturb ‘World Peace’?
Answer:
The first factor which disturbs ‘World Peace’ is war (UPBoardSolutions.com) and terrorism. The other factor is fighting on the basis of caste, creed, colour and religion.

Question d.
What does the term ‘Vasudhaiva Kutumbakam’ mean?
Answer:
Vasudhaiva Kutumbakam’ means that the earth or the world is a family

Question e.
What can we do in order to keep peace in our surroundings?
Answer:
We must consider this world as our family and all people around us as family members. We should avoid any type of argument or fight and should discourage (UPBoardSolutions.com) others to do it.

Word Power
1. Match the words given in column ‘A’ with their opposites in column ‘B’:
UP Board Solutions for Class 8 English Chapter 16 World Peace 1

2. Tick (✓) the correct words given in the brackets :

  • Some deserts are (bear / bare✓) and rocky.
  • We shall go to Delhi next (week ✓/ weak).
  • We get milk from a (dairy✓ / diary).
  • Wheat (flour ✓/ floor) is used to make bread.

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Language Practice
1. Change the following sentences into passive voice. The verbs are given in the bracket for your help. The first one has been done for you.

  1. My mother write detective stories. (are written)
    Detective stories are written by my mother.
  2. The children are flying kites.(are being flown)
    Kites are being flown by the children.
  3. The boy gives me a toy. (was given)
    A toy was given to me by the boy.
  4. You have sold the car. (has been sold)
    The car has been sold by you.
  5. He sings a song. (is sung)
    A song is sung by him.
  6. The boy saw the spider. (was seen)
    The spider was seen by the boy.

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Activity
Let’s Write
Do it yourself.

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