UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 15 एक स्त्री का पत्र (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 15 एक स्त्री का पत्र (मंजरी)

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समस्त गद्यांशों की व्याख्या

जिसे लोग ………………………………………………….. खड़ी हूँ।

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के एक स्त्री का पत्र’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक ‘रबीन्द्रनाथ ठाकुर’ हैं। यह उनकी लघु कथाओं में से एक है।

प्रसंग – लेखक ने घर गृहस्थी के बन्धन, रीति-रिवाजों का वर्णन करते हुए एक सुन्दर बुद्धिमान स्त्री का मार्मिक रूप से चित्रण किया है।

व्याख्या – मझली बहु सुन्दर और बुद्धिमान थी। घर-गृहस्थी को रीति-रिवाजों के बन्धनों में बँधकर निर्वाह करती हुई, वह जीवन व्यतीत कर रही थी। बिन्दू (अनाथ लड़की) ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली। (UPBoardSolutions.com) घर परिवार की आन्तरिक परेशानियों से ऊबकर मझली बह तीर्थ करने आ गई। दख, कष्ट जो उसने उठाए उन्हें छिपा रही थी क्योंकि वह बुद्धिमान थी। उसके घर में परिश्रमी होने से कोई कमी नहीं थी।

पति अच्छा था लेकिन जेठ का चरित्र कुछ और तरह का था। बिन्दू को मझली बहु अनाथ होने के कारण बहुत प्यार करती थी। उसकी आत्महत्या के लिए समाज जिम्मेदार था। मझली बहु इससे विरक्त हो गई। अब उसने गृहस्थी में न जाने का निश्चय कर लिया। उसे गृहस्थी में लिपटी औरत का पूर्ण परिचय मिल चुका था, जिसकी इस विरक्ति की दशा में कोई जरूरत उसने अनुभव न की।

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पाठ का सार (सारण)

यह मृणाल (परिवार की मझली बहू) का लिखा पत्र है। वह सुन्दर थी और बुद्धि में तेज थी। वह छिपकर साधारण-सी कविताएँ लिखती थी जो रीति-रिवाज के बन्धनों से मुक्त होती थीं। वह बारह साल की आयु में बहू बनकर आई और शादी को पन्द्रह साल हो गए थे। अपनी नन्ही बेटी के मर जाने से वह माँ कहलाने का सुख न पा सकी थी। ससुराल के घर का माहौल रूखा और घुटन भरा था। उसे गाय-भैंस की सानी-पानी में जीवन बिताना ही पसन्द था। जेठानी की छोटी बहन माँ के मरने पर अनाथ होने पर बेहन के पास आ गई।

लेकिन उस असुन्दर, गरीब, अनाथ लड़की के साथ रूखा व्यवहार देखकर मझली बहू (मृणाल) ने उसे अपने पास रख लिया। बिन्दू मझली बहू से बहुत प्यार करती थी। परिवार वालों को जलन होती थी। अनाथ बिन्दू पर चोरी और चेचक हो जाने के दोष लगाए गए। अन्त में एक पागल लड़के से उसकी शादी कर दी गई। बेरहम सास और पागल पति से छुटकारा पाकर बिन्दू गौशाला में आकर मझली बहू को सोती मिली। असलियत मालूम होने पर मझली बहू ने उसे प्यार दिया और ढाढ़स बंधाया लेकिन घरवालों ने उसे झूठा बताया और ससुराल वालों के दुबारा आने पर उसे फिर ससुराल भेज दिया।

मझली बहू बिन्दू को न रोक सकी। मझली बहू जगन्नाथ पुरी तीर्थ करने गई। अपने भाई शरत् को तीर्थ के लिए बिन्दू को लाने भेजा। उसने बताया कि बिन्दू ने आत्महत्या कर ली। यह सुनकर मझली बहू (UPBoardSolutions.com) विरक्त हो गई और वापस अपनी गृहस्थी में नहीं लौटी। उसने मीराबाई की तरह सारे बन्धन तोड़कर अपने भरोसे विरक्त जीवन बिताने का निश्चय किया। यह था घरवालों के आश्रय से मुक्त, एक स्त्री (मृणाल) मझली बहू का पत्र।

प्रश्न-अभ्यास।

कुछ करने को- नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना – नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
पत्र से
प्रश्न 1.
बिन्द को लेकर मझली बहू के घर वाले क्यों चिन्तित हो उठे?
उत्तर :
बिन्दू एक अनाथ लड़की थी। घर वाले उसके साथ रूखा व्यवहार करते थे और उसे अपने लिए बोझ समझते थे।

प्रश्न 2.
बिन्दू का विवाह तय करते समय क्या धोखा किया गया?
उत्तर :
बिन्दू का विवाह धोखे से पागल लड़के से करा दिया गया।

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प्रश्न 3.
बिन्दू को दोबारा बलात् ससुराल भेजने का क्या परिणाम निकला?
उत्तर :
बिन्दू ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली।

प्रश्न 4.
मझली बहू ने पत्र के अन्त में क्या निश्चर्य व्यक्त किया?
उत्तर :
मझली बहू ने पत्र के अन्त में मीराबाई की तरह सारे बन्धन तोड़कर विरक्त जीवन जीने का निश्चय व्यक्त किया।

प्रश्न 5.
कथन के भाव स्पष्ट कीजिए
(क) कविताएँ थीं तो मामूली लेकिन उनमें मेरी आवाज थी?
भाव – कविताओं में गृहस्थ के रीति-रिवाज के विरुद्ध आन्तरिक विचार प्रकट होते थे।

(ख) माँ बनने का दर्द मैंने उठाया, पर माँ कहलाने का सुख न पा सकी?
उत्तर :
मझली बहू की नन्ही बच्ची मर गई थी।

(ग) मैं तुम्हारी चौखट लाँघ चुकी हूँ?
उत्तर :
मझली बह घर छोड़कर तीर्थ करने चली गई थी।

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(घ) मुझे अपने आप पर भरोसा है, मैं जी सकती हूँ। मैं जीऊँगी।
भाव – मझली बहू ने विरक्त होकर जीवन बिताने का निश्चय किया, क्योंकि गृहस्थी के झमेलों ने उसे झकझोर कर रख दिया था।

भाषा की बात
प्रश्न 1.
दिये गये मुहावरों के अर्थ बताते हुए वाक्य प्रयोग कीजिएउत्तर-
(क) चैन की साँस लेना = आराम अनुभव करना। वाक्य प्रयोग-बिन्दू को मझली बहू के पास भेजकर जेठानी ने चैन की साँस ली।
(ख) फूटी आँख न सुहाना = अच्छा न लगना। वाक्य प्रयोग-मझली बहू को बिन्दू के प्रति प्यार घरवालों को फूटी आँख ने सुहाता था।
(ग) सीने पर साँप लोटना = बहुत दुख अनुभव करना। वाक्य प्रयोग-बिन्दू की आत्महत्या की खबर सुनकर मझली बहू के सीने पर साँप लोटने लगे।

प्रश्न 2.

‘दूर’ शब्द का अर्थ ………………………………………………….. जो बहुत दूर हो।

इसी प्रकार ‘सु’ उपसर्ग जोड़कर चार अन्य शब्द बनाइए (शब्द बनाइए)उत्तर- शब्द।
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 15 एक स्त्री का पत्र (मंजरी) 1

प्रश्न 3.

आज पन्द्रह साल हुए ………………………………………………….. दूसरा क्रमबोधक।

दो अन्य संख्यावाची विशेषण शब्द लिखकर उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
इक्कीस –
लड़कों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु सीमा इक्कीस वर्ष है।
दूसरा – गीता का दूसरा अध्याय ‘सांख्ययोग’ है।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 कर्मवीर (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 कर्मवीर (मंजरी)

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समस्त पद्याथों की व्याख्या

देख कर बाधा ………………………………………………. मिले फूले फले।।

संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘मंजरी-8’ के ‘कर्मवीर’ नामक कविता से ली गई हैं। इस कविता के लेखक अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कर्मवीर अर्थात कर्मठ लोगों की प्रशंसा करते हुए उनके गुणों को बताया है।

व्याख्यो – कवि कहता है कि जो कर्मठ लोग होते हैं वे किसी भी बाधा से घबराते नहीं हैं। वे भाग्य के भरोसे बैठकर दुख नहीं भोगते और पछताते भी नहीं हैं। उनके लिए कोई भी काम कठिन नहीं होता और (UPBoardSolutions.com) वे अपनी योग्यता का दिखावा भी नहीं करते। वे अपनी लगन और मेहनत से अपनी किसी भी परेशानी को दूर कर सकते हैं। साथ ही ऐसे लोग सदैव ही सुखी रहते हैं।

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आज करना है ………………………………………………. जिसे सकते नहीं।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत्।।

व्याख्या – कवि कहता है कि ऐसे लोग किसी भी काम को कल के लिए नहीं छोड़ते और जो एक बार सोच लेते हैं उसे करके ही दम लेते हैं। ऐसे लोग कभी अहंकार नहीं करते और सबकी सलाह को सुनते हैं। ऐसे लोग किसी भी काम के लिए कभी दूसरे का मुँह नहीं ताकते और ऐसा कोई काम नहीं है जिसे कर्मठ व्यक्ति कर नहीं सकता।

जो कभी अपने ………………………………………………. औरों के लिए।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत्।।

व्याख्या – कवि कहता है कि ऐसे लोग अपना समय व्यर्थ बातों में नहीं गंवाते और किसी काम को कल पर नहीं छोड़ते तथा परिश्रम करने से कभी जी भी नहीं चुराते। अर्थात उनके लिए कोई भी काम कठिन नहीं होता। ऐसे लोग अपनी कार्य-कुशलता के दम पर दूसरों के लिए उदाहरण बन जाते हैं।

व्योम को छूते ………………………………………………. रहती है कहीं।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत्।

व्याख्या – कवि कहता है कि चाहे आकाश को छूता हुआ पर्वत शिखर हो, या घना अंधेरी जंगल हो यो उफनती लहर हो या भयानक अग्नि की ज्वाला हो, कुछ भी इनको भयभीत नहीं कर सकती। अर्थात ऐसे लोगों की राह में कैसी भी रूकावट आए तो ये कभी घबराते नहीं और ये अपनी मंजिल पर पहुँच कर ही दम लेते हैं। इस कविता के (UPBoardSolutions.com) माध्यम से कवि कहना चाहता है कि भारत के समस्त नागरिक कर्मवीर बनें और अपने देश की शान बढ़ाएँ।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को- नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
जीवन में किसी कार्य की सफलता के लिए क्या-क्या आवश्यक है इस बिन्दु पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
वन में किसी भी कार्य की सफलता के लिए सच्ची लगन, कार्य के प्रति पूरी निष्ठा । और समर्पण अति आवश्यक है।

प्रश्न 2.
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

कविता से

प्रश्न 1.
कविता में कवि ने किसकी प्रशंसा की है ?
उत्तर :
इस कविता में कवि ने मेहनती जुझारू और लगनशील व्यक्ति की प्रशंसा की है।

प्रश्न 2.
कर्मवीर देख मिलने पर भी क्यों नहीं पछताते ?
उत्तर :
क्योंकि कर्मवीर इसके बारे में सोचता ही नहीं, न ही इन बातों के बारे में सोचने के लिए उसके पास समय होता है। उसका पूरा ध्यान अपने काम पर और उसकी नजर अपनी मंजिल पर होती है।

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प्रश्न 3.
“सब जगह सब काल में फूलने-फलने से” कवि का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
कवि का तात्पर्य यह है कि कर्मवीर या कर्मठ व्यक्ति हर संमय और हर स्थान पर सफलता प्राप्त करता है।

प्रश्न 4.
कर्मवीर दूसरों के लिए किस प्रकार नमूना बन जाते हैं ?
उत्तर:
कर्मवीर व्यक्ति अपनी मेहनत, लगन और सफलता से औरों के लिए उदाहरण बन जाती है। और सभी उसकी मिशाल देते हैं।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए
(क) रह भरोसे भाग्य के दुख भोग पछताते नहीं।।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति में कवि का आशय यह है कि कर्मवीर व्यक्ति भाग्य के भरोसे कभी नहीं बैठते और न ही कभी उन्हें दुख होता है और न ही वे कभी असफल होते हैं और न ही भी पछताते हैं।

(ख)
काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति का आशय यह है कि कर्मवीर या कर्मठ व्यक्ति काम के समय कभी गप्पे नहीं करता अर्थात वे अपने कीमती समय को कभी व्यर्थ में नहीं आँवाता उसके लिए हर क्षण (UPBoardSolutions.com) कीमती होता है और वह समय के हर क्षण का सदुपयोग करता है।

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भाषा की बात

प्रश्न 1.
दिए गए शब्द स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग? लिखिए
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 कर्मवीर (मंजरी) 1
प्रश्न 2.
कुछ शब्द उपसर्ग और प्रत्यय दोनों के योग से बनते हैं।
जैसे क् + अधीन + ता = पराधीनता
आप भी इस प्रकार के शब्द बनाइए
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 कर्मवीर (मंजरी) 2

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UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 11 स्वतन्त्र भारत की चुनौतियाँ एवं विकास

UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 11 स्वतन्त्र भारत की चुनौतियाँ एवं विकास

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स्वतन्त्र भारत की चुनौतियाँ एवं विकास

अभ्यास

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न
(1) भारत स्वतंत्र हुआ
(क) 14 अगस्त, 1947 ई० को
(ख) 15 अगस्त, 1947 ई० को
(ग) 26 जनवरी, 1947 ई० को
(घ) 26 जनवरी, 1950 ई० को

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(2) प्रथम पंचवर्षीय योजना लागू की गई|
(क) 1 अप्रैल, 1951 ई० में
(ख) 11 अप्रैल, 1952 ई० में
(ग) 11 अप्रैल, 1951 ई० में
(घ) 15 दिसम्बर 1952 ई० में

प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(1) जब हम आजाद हुए तो देश में कुल रियासतें कितनी थीं?
उत्तर
जब हम आजाद हुए तो देश में कुल 562 रियासतें थीं?

(2) लौह पुरुष किसे कहा जाता है?
उत्तर
लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल को कहा जाता है?

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(1) स्वतंत्र भारत का प्रधानमंत्री किसे बनाया गया तथा उनको शपथ किसने दिलाई?
उत्तर
स्वतंत्र भारंत का प्रधानमंत्री पं० जवाहर लाल नेहरू को बनाया गया तथा उनको शपथ गवर्नर । जनरल लार्ड माउन्ट बेटेन ने दिलाई।

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(2) शरणार्थियों को समस्या क्या थी? ।
उत्तर
देश के विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान में हुए साम्प्रदायिक (UPBoardSolutions.com) दंगों के कारण पाकिस्तान से भारत आए लगभग 75 हजार हिन्दू, सिख और मुसलमान शरणार्थी भाइयों को बसाना एवं उनको रोजगार देना एक गंभीर समस्या थी।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में कौन-कौन सी तत्कालीन समस्याएं थीं? इनका समाधान किस प्रकार से किया गया?
उत्तर
स्वतन्त्रता मिलने के बाद भारत को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ा-
(क) शरणार्थियों की समस्या- शरणार्थी लाखों की संख्या में पाकिस्तान के भिन्न-भिन्न इलाकों से आए। उनकी सहायता तथा रोजगार देने की कठिन समस्या भारत के सामने थी।

(ख) औद्योगिक समस्या- देश के विभाजन से पहले भारत का जूट तथा वस्त्र उद्योग बहुत उन्नत था परन्तु विभाजन के बाद जूट और कपास पैदा करने वाले क्षेत्र पाकिस्तान चले गए और अर्थव्यवस्था असन्तुलित हो गई थी। उद्योगों के लिए कच्चे माल का अभाव हो गया। कपास और पटसन के कारखाने तो भारत में थे परन्तु कच्चे माल का उत्पादन करने वाले अधिकांश (UPBoardSolutions.com) क्षेत्र पाकिस्तान में थे। अत: बहुत से कारखाने बन्द हो गए।

(ग) देशी राज्यों की समस्या- भारत की स्वतन्त्रता के साथ 500 से अधिक देशी रियासतें भी स्वतन्त्र हो गईं। इन रियासतों को भारतीय संघ में शामिल किए बिना भारत की स्वतन्त्रता अधूरी थी।

(घ) खाद्यान्न की समस्या- देश के विभाजन से गेहूँ और चावल पैदा करने वाला काफी सारा उपजाऊ क्षेत्र पाकिस्तान में चला गया। इसी प्रकार भारत में नहरी सिंचाई वाले क्षेत्र भी कम रह गए। अतः भारत में खाद्यान्न की समस्या पैदा हो गई।

(ङ) परिवहन व्यवस्था का तहस-नहस होना- परिवहन व्यवस्था तहस-नहस हो गई, जरूरी चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने में कठिनाई आई।

समाधान- सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च करके शरणार्थियों को बसाया। पंचवर्षीय योजनाओं के द्वारा खाद्यान्न, औद्योगिक तथा रोजगार समस्याओं को हल किया गया। सरदार पटेल के प्रयत्नों (UPBoardSolutions.com) से देश को एकीकरण हुआ। सितम्बर 1961 ई० में सैनिक कार्यवाही करने पर पुर्तगालियों ने गोआ, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली भारत को सौंप दिए।

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प्रोजेक्ट वर्क-
विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 10 अंग्रेज भारत छोड़ने को विवश

UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 10 अंग्रेज भारत छोड़ने को विवश

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अंग्रेज भारत छोड़ने को विवश

अभ्यास

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न
(1) भारतीय स्वाधीनता अधिनियम पारित हुआ
(क) 1945 ई० में
(ख) 1947 ई० में
(ग) 1946 ई० में
(घ) 1942 ई० में

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(2) फारवर्ड ब्लॉक का संबंध है-
(क) राम मनोहर लोहिया
(ख) जय प्रकाश नारायण
(ग) अरूणा आरू अली
(घ) सुभाष चन्द्र बोस

प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(1) सत्याग्रह करने वाले पहले व्यक्ति कौन थे?
उत्तर
सत्याग्रह करने वाले पहले व्यक्ति विनोबा भावे थे।

(2) ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा, यह कथन किसका है?
उत्तर
यह कथन सुभाष चन्द्र बोस का है?

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(1) अंग्रेज भारत छोड़ने के लिए क्यों विवश हुए? किन्हीं तीन कारणों को लिखिए।
उत्तर
अंग्रेजों के भारत छोड़ने के तीन मुख्य कारण निम्न हैं

  1. अमेरिका और रूस यह दोहराते रहे कि द्वितीय विश्व युद्ध स्वतन्त्रता और लोकतन्त्र की रक्षा के लिए लड़ा जा रहा था। वे नैतिक रूप से भारत की स्वतन्त्रता का समर्थन करने को बाध्य थे।
  2. इंग्लैण्ड में लेबर पार्टी सत्ता में आई। उसने भारत और विश्व की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर भारत को स्वतन्त्र करने की घोषणा की।
  3. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अँग्रेजों की सैन्यशक्ति घट गई थी। उनके उपनिवेशों में स्वतन्त्रता की निरन्तर माँग बढ़ रही थी। आजाद हिन्द फौज ने सैनिक विद्रोह को प्रेरणा दी। मुम्बई में नौसैनिक (UPBoardSolutions.com) विद्रोह हुआ। विश्व जनमत भारत के साथ था। संयुक्त राष्ट्र संघ, जिसके संस्थापकों में भारत भी था, भारतीय स्वतन्त्रता की उपेक्षा नहीं कर सकता था।

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(2) कैबिनेट मिशन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
जुलाई 1945 में ब्रिटेन में संसद के चुनाव में सरकार बदल गई। वहाँ मजदूर दल के नेता एटली ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने। मजदूर दल के नेता भारत की स्वतंत्रता के पक्षधर थे। इन परिस्थितियों में इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री क्लीमेन्ट एटली ने भारतीय नेताओं से विचार-विमर्श करने के लिये अपने मंत्रि मण्डल की ओर से कुछ सदस्यों की एक समिति 1946 ई० में भारत भेजी। इस समिति को कैबिनेट मिशन’ कहते हैं।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) 1935 ई० के अधिनियम के अंतर्गत प्रांतों की सरकार क्यों गठित की गई?
उत्तर
सन् 1935 ई० में अंग्रेजों ने भारतीयों को प्रसन्न करने के लिए सन् 1935 ई० का अधिनियम पारित किया। इसके अंतर्गत प्रांतों को कुछ सीमा तक स्वायत्ता प्रदान की गई थी। प्रांतों में प्रांतीय स्वायत्ता की व्यवस्था की गई। केंद्र में अखिल भारतीय संघ की स्थापना की गई। इस संघ में भारत के प्रांतों तथा देशी रियासतों (रजवाड़ों) को शामिल किया गया। यह भी (UPBoardSolutions.com) व्यवस्था की गई कि केंद्र की विधायिका में देशी राजाओं द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि भी रहेंगे। अतः इस अधिनियम के अंतर्गत प्रांतों की सरकार गठित की गई।

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UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 9 स्वाधीनता आन्दोलन-स्वतन्त्रता प्राप्ति एवं विभाजन

UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 9 स्वाधीनता आन्दोलन-स्वतन्त्रता प्राप्ति एवं विभाजन

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स्वाधीनता आन्दोलन-स्वतन्त्रता प्राप्ति एवं विभाजन

अभ्यास

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न
(1) रोलेट एक्ट पास किया-
(क) सन् 1917 ई० में
(ख) सन् 1918 ई० में
(ग) सन् 1919 ई० में
(घ) सन् 1920 ई० में

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(2) प्रथम गोलमेज सम्मेलन हुआ-
(क) सन् 1931 ई० में।
(ख) सन् 1930 ई० में
(ग) सन् 1934 ई० में
(घ) सन् 1929 ई० में।

प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(1) गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन किस सन् में शुरू किया?
उत्तर
गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन सन् 1919 में शुरू किया।

(2) 13 अप्रैल, 1919 को कौन सी घटना घटी थी?
उत्तर
13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला बाग हत्याकांड की घटना घटी थी।

(3) 5 मार्च, 1931 ई० को सरकार और कांग्रेस में कौन-सा समझौता हुआ?
उत्तर
5 मार्च, 1931 ई० को सरकार और कांग्रेस में एक समझौता हुआ जिसे गांधी-इरविन समझौता कहते हैं।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(1) डाँडी यात्रा किसने और क्यों की थी?
उत्तर
डाँडी यात्रा गांधी जी ने की। उन्होंने डाँडी नामक स्थान पर (UPBoardSolutions.com) नमक बनाया और ब्रिटिश सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी।

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(2) होमरूल लीग स्थापित करने का क्या उद्देश्य था?
उत्तर
सन् 1914 ई० में लोकमान्य तिलक ने होमरूल लीग की स्थापना की। इसका उद्देश्य अँग्रेजी साम्राज्य के अधीन रहते हुए भारतीयों को अपनी शासन करने की स्वतन्त्रता देना था।

(3) रवीन्द्र नाथ टैगोर ने अपनी ‘सर’ की उपाधि क्यों वापस कर दी? .
उत्तर
जलियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी ‘सर’ की उपाधि वापस कर दी।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) असहयोग आंदोलन के बारे में लिखिए?
उत्तर
असहयोग आन्दोलन- प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त होने पर अंग्रेजों द्वारा अपना वायदा पूरा न किए जाने पर महात्मा गांधी ने 1920 ई० में नया आन्दोलन छेड़ा, उसे ‘असहयोग आन्दोलन’ का नाम दिया गया। इस आन्दोलन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सरकार को सहयोग न देना था। गांधी जी ने इस आन्दोलन को देश में अँग्रेजी शासन को ठप्प करने (UPBoardSolutions.com) के उद्देश्य से चलाया था। इस आन्दोलन के कार्यक्रम को प्रस्तुत करते हुए महात्मा गांधी ने कहा था, “कांग्रेस के इस कार्यक्रम को लोग पूरा कर दें तो स्वराज्य एक ही वर्ष में पूरा हो जाएगा।”

असहयोग आन्दोलन का कार्यक्रम- गांधी जी ने असहयोग आन्दोलन का कार्यक्रम निम्न प्रकार प्रस्तुत किया था-

  1. सरकारी शिक्षा संस्थाओं का बहिष्कार किया जाए।
  2. विधान मण्डल की बैठकों का बहिष्कार किया जाए।
  3. न्यायालयों का बहिष्कार हो।
  4. विदेशी वस्तुओं को त्याग दिया जाए तथा स्वदेशी वस्तुएँ अपनाई जाएँ।
  5. सरकारी नौकरियों तथा उपाधियों का त्याग किया जाए।
  6. देश में राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान स्थापित किए जाएँ।
  7. जन-जागरण के लिए सार्वजनिक सभाएँ तथा जुलूसों की व्यवस्था की जाए।

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