UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 21 बस की यात्रा (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 21 बस की यात्रा (मंजरी)

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पाठ का सार (सारांश)

पाठ का सारांश- हरिशंकर परसाई उच्चकोटि के व्यंग्यकार हैं। इस यात्रा वर्णन पाठ में उन्होंने बताया है कि किस प्रकार वाहनों के मालिक धन के लालच मेंपुराने घिसे हुए और जर्जर अवस्था के वाहन सड़कों पर चलवाते हैं। लेखक व उनके मित्र कंपनी के काम से सतना गए थे। वापसी पर उन्होंने पन्ना के लिए जो बस पकड़ी, वह काफी पुरानी और जर्जर अवस्था में थी। लोग उस बस में यात्रा करने से हिचक रहे थे। लेखक ने भी जब बस को देखा तो वे स्वयं से पूछ बैठे कि क्या ये बस चलती भी है। बस कंपनी का एक हिस्सेदार उन्हें विश्वास दिलाने लगा कि डरने की कोई बात नहीं है। यह बस अनुभवी है, पुरानी है।

लेखक को जो लोग विदा करने आए थे, वे लोग उनकी तरफ इस तरह देख रहे थे मानो उन्हें अंतिम विदा दे रहे हों। बस जब चली तो ऐसे आवाज़ कर रही थी जैसे इंजन यात्रियों के सीट के नीचे ही लगा हो। बस का प्रत्येक हिस्सा अलग-अलग हिल रहा था। लेखक लिखते हैं कि उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा था कि वे सीट पर बैठे हैं या सीट उन पर बैठी है। एकाएक बस रुक गई तो पता चला कि पेट्रोल की टंकी में ही छेद हो गया है। काफी देर बाद बस फिर चली परंतु लेखक को अब उस पर भरोसा नहीं रहा था। सड़क के दोनों तरफ लगे हरे-भरे पेड़ लेखक को दुश्मन नज़र आ रहे थे, क्योंकि बस के कभी भी उन पेड़ों से टकरा जाने की आशंका सता रही थी। झील दिखाई देता तो सबको डर लगता कि कहीं बस झील में न गिर जाए। एकाएक बस फिर रुक गई।

ड्राइवर उसे चलाने के लिए तरह-तरह की तरकीबें अपनाने लगा लेकिन वह नहीं चली, मानो उसने सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ दिया हो। बस एक बुढ़िया की भाँति थककर बैठ गई थी। हिस्सेदार साहब ने इंजन खोला और कुछ सुधार कार्य किए तो बस आगे चली लेकिन उसकी चाल और भी धीमी हो गई। चाँदनी रात में रास्ता टटोलती वह रेंग रही थी। (UPBoardSolutions.com) आगे या पीछे से कोई गाड़ी आती तो वह किनारे लगकर उसे रास्तो दे देती। आगे चलकर बस एक पुलिया पर पहुँची ही थी कि एक टायर फट गया। बस नाले में गिरते-गिरते बची। लेखक व्यंग्य करते हैं कि कंपनी के हिस्सेदार में उत्सर्ग की दुर्लभ भावना थी। टायरों की हालत जानते हुए भी वे जान हथेली पर लेकर उसी बस में सफर कर रहे थे। उस महान व्यक्ति ने यात्रियों सहित अपनी जान खतरे में डालकर टायरों पर होने वाला व्यय बचा लिया। दूसरा घिसा टायर लगाकर बस फिर चली लेकिन लेखक ने अब पन्ना तो क्या कहीं भी पहुँचने की उम्मीद छोड़ दी थी।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को
प्रश्न 1.
अधिक धुआँ फेंकने वाले, जर्जर और बहुत पुराने वाहन वायु प्रदूषण और अन्य खतरों को बढ़ावा देते हैं। वायु प्रदूषण के अन्य घटक कौन से हैं? इसका उल्लेख करते हुए वायु प्रदूषण पर एक लेख तैयार कीजिए।
उत्तर :
आजकल, वायु प्रदूषण प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दों में से एक है। वायु प्रदूषण के निरंतर बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। सबसे अधिक वायु प्रदूषण ऑटोमोबाइल, परिवहन के साधन, औद्योगीकरण, बढ़ते शहरों आदि के कारण हो रहा है। इस तरह के स्रोतों से कई हानिकारक गैसों या खतरनाक तत्वों का रिसाव पूरे वायुमंडल को प्रदूषित कर रहा है। वायु प्रदूषण के कारण ओजोन परत भी बहुत अधिक प्रभावित हो रही है। मनुष्य की बढ़ती जनसंख्या के कारण उनकी आवश्यकता में भी वृधि हो रही है जो प्रदूषण का मुख्य कारण है। मनुष्य की दैनिक गतिविधियाँ भी वातावरण को गंदा करने का कारण होती हैं, जो जलवायु में नकारात्मक परिवर्तन के लिये मजबूर करती है।

औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया में कई हानिकारक गैसों, कणों, पेंट और बैट्रियों का आक्रामक संचालन, सिगरेट, आदि कार्बन मोनो ऑक्साइड, परिवहन के साधन कार्बन डाईऑक्साइड और अन्य जहरीले पदार्थों को वातावरण में छोड़ते हैं। सभी तरह के प्रदूषण पर्यावरण से जुड़े हुए हैं, जो आजोन परत को हानि पहुँचाकर सूर्य की हानिकारण किरणों पर पृथ्वी पर आमंत्रित करते हैं। वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिये हमें दैनिक क्रिया-कलापों में बड़े स्तर पर परिवर्तन लाने होंगे। हमें वायु (UPBoardSolutions.com) प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिये पेड़ों को नहीं काटना चाहिये और उन गतिविधियों को करना चाहिए जो वातारण को प्रदूषित करने वाले तत्वों को रोकने में सहायक हों।

प्रश्न 2.
नोट – 
विद्यार्थी स्वयं करें।

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विचार और कल्पना

‘प्रश्न 1.
लेखक ने बस को सजीव रूप में देखा है। अनुमान लगाइए कि अगर लेखक बस से बातचीत करते तो उनके और बस के बीच में कहाँ-कहाँ और क्या-क्या बातें होती?
उत्तर :
लेखक और बस अगर आपस में बातचीत करते तो निम्न जगहों पर उनके बीच इस तरह की बातें होती; जैसे

  1. सबसे पहले लेखक और बस की बातचीत वहाँ हुई होगी जहाँ लेखक ने पहली बार बस को देखा।
    लेखक – बस माता जी आपको नमस्कार! धन्य हैं आप जो इतनी वयोवृद्धा होने पर भी यात्रियों की सेवा में तत्पर हैं। क्या आप इस उम्र में थकान महसूस नहीं करतीं?
    बस – क्या करूँ बेटा? गुलाम हूँ, अपनी मर्जी से कहाँ जी सकती मैं अपनी जिंदगी। बस कंपनी के मालिकों को मुझ बुढ़िया पर तरसे ही नहीं आता, रिटायरमेंट की उम्र में भी मुझसे काम करवाए जा रहे हैं।

  2. लेखक की बस से दूसरी बातचीत वहाँ हुई होगी जहाँ बस एकाएक रुक जाती है।
    लेखक – बस मैया, रुक क्यों जाती हो बार-बार? लगता है कुछ ज्यादा ही थक गई हो?
    बस – तुम चिंता न करो तुम सबको तुम्हारे गंतव्य तक अवश्य पहुँचा देंगी देर-सवेर। थोड़ा मुझे आराम कर लेने दो।

  3. लेखक और बस की तीसरी बार बातचीत तब हुई होगी जब बस नाले में गिरते-गिरते बचती है।
    बस – मुझे माफ करना बेटा, मेरी वजह से अभी तुम लोगों की यात्रा अंतिम यात्रा हो जाती। क्या करू, आँखों की रोशनी भी कम हो गई है रास्ता भी सूझ नहीं रहा और इस पर इतना कमजोर शरीर, अब चला नहीं जा रहा मुझसे। लेखक – कोई बात नहीं, बस मैया हम तुम्हारी मजबूरी समझ रहे हैं, लेकिन हमें अफसोस है कि हम आपके लिए कुछ नहीं कर सकते।

प्रश्न 2.
नोट – 
विद्यार्थी स्वयं करें।।

व्यंग से
प्रश्न 1.
लोगों ने शाम वाली बस से सफ़र नहीं करने की सलाह क्यों दी थी?
उत्तर :
बस बहुत ही पुरानी और जर्जर अवस्था में थी। रास्ते में कहीं भी खराब या दुर्घटना का शिकार हो सकती थी। इसलिए लोगों ने शाम वाली बस से सफर नहीं करने की सलाह दी थी।

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प्रश्न 2.
लेखक के मन में बस को देखकर श्रद्धा का भाव क्यों उमड़ पड़ा?
उत्तर :
लेखक ने यह कथन व्यंग्य स्वरूप लिखा है। हम भारतीयों को यह संस्कार है कि हम बूढे-बुजुर्ग पुरुष या महिलाओं को अत्यंत सम्मान और श्रद्धा की दृष्टि से देखते हैं। बस भी अत्यंत पुरानी और जर्जर अवस्था में थी। इसलिए लेखक ने बस का मानवीकरण करते हुए लिखा है कि वयोवृद्ध बस को देखकर मन में श्रद्धा को. भाव उमड़ पड़ा।

प्रश्न 3.
बस तक लेखक और उनके मित्रों को छोड़ने आये हुए लोगों के मन में क्या-क्या भाव हो रहे थे?
उत्तर :
लेखक और उनके मित्रों को बस तक छोड़ने आए लोगों के मन में यह भाव आ रहे थे कि जैसे वे उन्हें अंतिम बार देख रहे हों और अंतिम विदा दे रहे हों। उनकी आँखें जैसे कह रही थीं- आना-जाना तो लगा ही रहता है। आया है, तो जाएगा-राजा, रंक फकीर। आदमी को कूच करने के लिए एक निमित्त चाहिए।

प्रश्न 4.
“बस सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौर से गुजर रही थी।” इस वाक्य से लेखक को क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
“सविनय अवज्ञा आंदोलन”–के दौरान भारत के लोगों ने गांधी जी के नेतृत्व में मिल-जुल कर अंग्रेजों का विरोध विनम्रतापूर्व किया था। उन्होंने अंग्रेजी कानूनों का उल्लंघन करने का आंदोलन भी शांतिपूर्वक चलाया था। बस का भी लगभग यही हाल था। बस का प्रत्येक भाग जर्जर था, कोई भी
भाग ठीक ढंग से कार्य नहीं कर रहा था और प्रत्येक भांग एक-दूसरे से असहयोग कर रहा था। इसलिए लेखक ने ऐसा लिखा है कि बस सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौर से गुजर रहा था।

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प्रश्न 5.
“उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है।” लेखक ने यह किसके लिए, क्यों और किस . संदर्भ में कहा?
उत्तर :
“उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है।” लेखक ने यह बात बस कंपनी के हिस्सेदार के लिए कही है। हिस्सेदार बस के टायरों की हालत जानता था फिर भी उसने टायर नहीं बदलवाया और धन कमाने के चक्कर में बस को चलाता रहा। उसे यह भी पता था कि इन टायरों की वजह से बस कभी भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है फिर भी वह यात्रियों के (UPBoardSolutions.com) साथ-साथ अपनी जान की परवाह न करते हुए बस में सफर कर रहा था। धन के प्रति उसकी लोलुपता पर कटाक्ष करते हुए लेखक ने ऐसा लिखा है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
पाठ में कुछ शब्द जैसे-हाजिर, सफर उर्दू भाषा के शब्द हैं। ऐसे ही पाठ में आये अन्य भाषाओं के शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर :
संस्कृत भाषा- मित्र, श्रद्धा, वयोवृद्ध अंत्येष्टि, प्राणांत, वृद्धावस्था, उत्सर्ग, निमित्त। अंग्रेजी- इंजन, बस, कंपनी, ट्रेनिंग, बॉडी, सीट, फुल, ब्रेक, पेट्रोल, टायर।।

प्रश्न 2.
जिस वाक्य में प्रश्न पूछा जाता है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। प्रश्नवाचक वाक्य में क्या, कहाँ, क्यों, कैसे आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है। परन्तु पाठ में कुछ ऐसे वाक्य हैं जिनके उत्तर में इन शब्दों का प्रयोग किया गया है जैसे-वह बोले चलती क्यों नहीं है जी! अभी चलेगी। हाँ जी, और कैसे चलेगी?
उत्तर :
प्रश्नवाचक वाक्य-

  • क्या तुम हमारे साथ चलोगे?
  • तुम कल कहाँ गायब थे?
  • यह तो बताओ कि हमारी गलती क्या है?
  • रमा बार-बार उधर क्यों देख रही है?
  • पिताजी मुंबई से कब लौटेंगे?

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प्रश्न 3.
जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते हैं। जैसेबस-यातायात के साधन के अर्थ में और पर्याप्त के अर्थ में प्रयुक्त होता है। नीचे दिये गये अनेकार्थी शब्दों के अर्थ लिखकर उनको वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :

  • कर (हाथ) – यह पत्र दादी जी के कर-कमलों से लिखा गया था।
  • कर (टैक्स) – हमें अपना बिक्री कर समय पर जमा करना चाहिए।
  • पत्र (चिठ्ठी) – बहुत दिन से अनुज का पत्र नहीं आया है।
  • पत्र (पत्ता) – शिवजी को बेल-पत्र चढाया जाता है।
  • सोना (स्वर्ण धातु) – सोना-दिन-ब-दिन महँगा होता जा रहा है।
  • सोना (नींद) – बच्चा सोना चाहता है तो सोने दो।
  • मन (हृदय) – मेरा मन इस बात को नहीं मान रहा है।
  • मन (वजन) – किसान ने एक मन चावल बेचा।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 20 झाँसी की रानी (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 20 झाँसी की रानी (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या
सूर्य की किरणों …………………………………………. गरम हो जाएगा।

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘झाँसी की रानी’ नामक पाठ से लिया गया है। यह प्रसिद्ध उपन्यासकार वृन्दावनलाल वर्मा के नाटक ‘झाँसी की रानी’ का हिस्सा है।

प्रसंग – उपन्यासकार ने अँग्रेजों से युद्ध की बेला पर रानी लक्ष्मीबाई के रूप-सौन्दर्य, उसकी सज्जा और घोड़े के विषय में वर्णन किया है|

व्याख्या – अँग्रेजों से रानी का युद्ध होने जा रहा था। रात्रि के बाद सूर्य का उदय हुआ। रानी का सुन्दर मुख सूर्य की किरणों से और ज्यादा चमकने लगा। उसके नेत्रों में चमत्कार भरी दो गुनी चमक थी। रानी ने लाल पोशाक पहनी थी और गले में मोती-हीरों का कण्ठा शोभायमान था। इसके साथ रानी ने म्यान से तलवार निकाली हुई थी जिसकी (UPBoardSolutions.com) चमक निराली थी। रानी ने घोड़े को एड़ लगाई। थोड़ी झिझक के बाद घोड़ा तेज दौड़ने लगी। रानी को उसकी क्षमता पर सन्देह हुआ (परन्तु कोई दूसरा विकल्प नहीं था)।

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पाठ का सर (सारांश)

अँग्रेजों का बिगुल रानी के कान में सुनाई दिया। तोपों का धड़ाका हुआ। सूर्य निकल चुका था। रानी ने रामचन्द्र देशमुख को आदेश दिया- दामोदर को मेरी पीठ पर बाँधो। इसको सुरक्षित दक्षिण पहुँचा देना। ध्यान रखना अँग्रेज सैनिक मेरी देह को न छू पाएँ। रानी ने जूही को तोपखाने पर जाने के लिए कहा। फिर घोड़े को एड़ लगाई। रानी (UPBoardSolutions.com) पूरब की ओर झपटी। रानी के रण कौशल के मारे अँग्रेज जनरल थर्रा गए। रानी के पीछे पैदल सैनिक थे। रानी धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण की ओर अपनी सेना से मिलने के लिए मुड़ी। दाँतों में लगाम थामकर रानी ने दोनों हाथों से तलवार चलाकर अपना मार्ग बनाया।

दक्षिण-पश्चिम की ओर सोनरेखा नाला था। मुन्दर रानी के साथ थी। रघुनाथ सिंह, रामचन्द्र देशमुख और बीस-पच्चीस लाल कुर्ती सवार रानी को घेरे थे। अँग्रेज घेरे को कम करते जा रहे थे। उसी समय तात्या ने रूहेली और अवधी सैनिकों की मदद से अँग्रेजों के व्यूह पर प्रहार कर दिया। अँग्रेज रानी को छोड़कर तात्या की ओर मुड़ गए। सूर्यास्त होने में कुछ देर थी। रानी के साथ केवल चार सरदार और उनकी तलवारें रह गईं। रामचन्द्र देशमुख, दामोदरराव की रक्षा की चिन्ता में बचाव करके हेड रहा था। रानी ने देशमुख की सहायता के लिए मुन्दर की ओर इशारा किया और स्वयं एक संगीनबर । को मारकर आगे बढ़ी।

आठ-दस गोरे सवार रानी के पीछे थे। रानी ने कहा “मेरे शरीर को अँग्रेज न छूने पाएँ।” गुलमुहम्मद ने समझ लिया। वह और भी जोर से लड़ा। “बाई साहब, मैं मेरी” शब्दों के साथ एक अँग्रेज की पिस्तौल से मुन्दर का अन्त हो गया। रघुनाथ सिंह मुन्दर के शव को पीठ पर कसकर घोड़े पर सवार होकर आगे बढ़ा। रानी तेजी के साथ सोनरेखा नाले पर आ गई। घोड़ा अड़ गया। नाला पार न हो सकी। अँग्रेज सवार आ पहुँचे। एक गोरे की गोली रानी की बाईं जाँघ में पड़ी। रानी ने आगे बढ़ने के (UPBoardSolutions.com) लिए एक पैर से एड़ लगाई। घोड़ी अड़ा रहा और दोनों पैरों से खड़ा हो गया। रानी को पीछे खिसकना पड़ा। अँग्रेज सवार ने गुल मुहम्मद के आ पहुँचने से पहले ही रानी पर वार कर दिया, जिससे उसके सिर का हिस्सा कट गया। गुलमुहम्मद बाकी के दो-तीन सवारों पर टूट पड़ा जो मैदान छोड़कर भाग गए। रामचन्द्र देशमुख ने घोड़े से गिरती रानी को सँभाला। दामोदरराव अपनी माता को घायल अवस्था में देखकर रोने लगा। वे रानी के देह को अँग्रेजों से बचाने के लिए तेज रफ्तार से बाबा गंगादास की कुटी में पहुँच गए।

प्रश्न-अभ्यास।

कुछ करने को
प्रश्न 1.
इस पाठ में.कुछ वीरांगनाओं के नाम आये हैं। पुस्तकों से और अपने बड़े-बुजुर्गों से कुछ और वीरांगनाओं के बारे में जानकारी एकत्र करके कक्षा में या बालसभा में चर्चा कीजिए।
उत्तर :
आप इन वीरांगनाओं के विषय में कुछ और जानकरी एकत्र कर कक्षा में चर्चा पर बाल सभा कर सकते हैं|
कित्तूर की रानी चेनम्मा (जन्म 1778, मृत्यु 1929) – रानी लक्ष्मीबाई से भी पहले कित्तूर की रानी चेनम्मा ने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया था। रानी चेनम्मा कर्नाटक के कित्तूर की रानी थी, जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ बिगुल बजाया।

कनकलता बरुआ (जन्म 1924, मृत्यु 1942) – कनकलता बरुआ असम की रहने वाली थी। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। भारत छोडो आंदोलन के समय उन्होंने कोर्ट परिसर और पुलिस स्टेशन के भवन पर भारत का तिरंगा फहराया, जिसकी वजह से वो अंग्रेजों के लिए बड़ा खतरा बनकर सामने आई। कनकलता बरुआ (UPBoardSolutions.com) ने महज 17 साल की उम्र में जो शहादत दी, उसको देश हमेशा ऋणी रहेगा।

बीरांगना झलकारी देवी (जन्म-अज्ञात, मृत्यु 1857) –
झलकारी झाँसी राज्य के एक बहादुर कृषक सदोवा सिंह की पुत्री थी। उनका जन्म 22 नवंबर, 1830 ई. को झाँसी के समीप भोजला नामक गाँव में हुआ था। उसकी माता का नाम जमुना देवी था। जिसका अधिकांश समय प्रायः जंगल में ही काम करने में व्यतीत होता था। जंगलों में रहने के कारण ही झलकारी के पिता ने उसे घुड़सवारी एवं अस्त्र-शस्त्र संचालन की शिक्षा दिलवाई थी। कालांतर में उनकी शादी महारानी लक्ष्मीबाई के तोपची पूरन सिंह के साथ हो गई। रानी लक्ष्मीबाई के वेश में युद्ध करते हुए झलकारी बाई ने शहादत दे दी। उन्होंने तोपों से भी अंग्रेजों को सामना किया और तोप के गोले से ही उड़ा दी गईं।

बेगम हजरत महल (जन्म 1820, मृत्यु 1879) – अवध की बेगम हजरत महल ने 1857 के पहले स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए थे। भारत सरकार ने बेगम हजरत महल के सम्मान में सन 1984 में डाक टिकट भी जारी किया।

इसके अलावा – लक्ष्मी सहगल (जन्म 24 अक्टूबर 1914, मृत्यु 23 जुलाई, 2012), सरोजिनी नायडू (जन्म 1879, मृत्यु 1949), सुचेता कृपलानी (जन्म 1908, मृत्यु 1974) आदि स्वतंत्रता सेनानी महिलाओं के विषय में भी चर्चा कर सकते है।

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प्रश्न 2.
झाँसी की रानी से सम्बन्धित कविताएँ व लेख पढ़िए।
नोट – सुभद्राकुमारी चौहान, रचित कविता ‘झाँसी की रानी’ पढ़ सकते हैं।

प्रश्न 3.
नोट – 
विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
पाठ में किस समय की घटना का वर्णन किया गया है। इससे देश की दशा के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर :
यह सन् 1857 ई० के स्वतन्त्रता संग्राम की घटना है। अँग्रेजी राज्य के अन्तर्गत भारतीय रजवाड़े बँटे थे, उनमें फूट थी और एकता का अभाव था। अधिकतर जमींदार अँग्रेजों के प्रति वफादार थे। किसान व आम जनता दयनीय स्थिति में थी।

प्रश्न 2.
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 3.
युद्ध के अन्तिम क्षणों में जब नया घोड़ा सोनरेखा नाले पर अड़ गया, उस समय रानी लक्ष्मीबाई के मन में क्या विचार आए होंगे?
उत्तर :
रानी के मन में देश पर बलिदान हो जाने की बेला पर विचार आया होगा कि वह स्वराज्य की नींव बनने जा रही थी।

प्रश्न 4.
रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों द्वारा अपने अधिकार-क्षेत्र में अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण युद्ध किया। यदि आपके दैनिक कार्यों और विद्यालयीय क्रियाकलापों में कोई अनावश्यक हस्तक्षेप करे तो (UPBoardSolutions.com) आपको कैसा लगेगा और आप उसके लिए क्या करेंगे?
उत्तर :
अनावश्यक हस्तक्षेप अच्छा नहीं लगेगा और मैं अनावश्यक हस्तक्षेप का विरोध करूंगा।

पाठ से
प्रश्न 1.
मुन्दरबाई उदास क्यों थी?
उत्तर :
मुन्दरबाई को उस दिन युद्ध में मारे जाने का आभास हो गया था इसलिए वह उदास थी।

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प्रश्न 2.
रानी ने रामचन्द्र देशमुख को क्या आदेश दिया?
उत्तर :
रानी ने रामचन्द्र देशमुख को दामोदरराव को सुरक्षित दक्षिण पहुँचाने का आदेश दिया।

प्रश्न 3.
‘यह अस्तबल को प्यार करने वाला जानवर है।’ रानी ने घोड़े के लिए यह वाक्य क्यों कहा?
उत्तर :
रानी ने घोड़े को एड़ लगाई तो वह झिझका। इससे रानी को उसकी क्षमता पर सन्देह हुआ। अतः रानी ने घोड़े के लिए यह वाक्य कहा।

प्रश्न 4.
जूही ने अंग्रेज सेना का मुकाबला कैसे किया?
उत्तर :
जूही ने अँग्रेज पर तोपों से गोले बरसाए और अन्त में तलवार से लड़ाई करती हुई शहीद हो गई।

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प्रश्न 5.
अँग्रेज जनरल ने रानी से युद्ध के लिए क्या योजना बनाई थी?
उत्तर :
अँग्रेज जनरल ने पैदल पल्टनें पूर्व और दक्षिण की बीहड़ में छिपा ली और हुजर सवारों से कई दिशाओं में आक्रमण की योजना बनाई।

प्रश्न 6.
अन्तिम समय में रानी की पराजये क्यों हुई?
उत्तर :
रानी का घोड़ा अड़ा रहा और रानी नाला पार नहीं कर पाई।

प्रश्न 7.
नीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों को कोष्ठक में दिए गए उपयुक्त शब्दों की सहायता से पूरी कीजिए
उत्तर :
(क) मेरी देह को अँग्रेज सैनिक छूने न पाएँ।
(ख) लालकुर्ती सैनिक रानी की रक्षा कर रहे थे।
(ग) दामोदर राव रानी का दत्तक पुत्र था।
(घ) अँग्रेजों से युद्ध में तात्या और राजपूत रानी का साथ दे रहे थे।

भाषा की बात
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थक लिखिए
उत्तर :
अन्तिम- प्रथम, सुरक्षित- असुरक्षित, सूर्यास्त- सूर्योदय, विलम्ब- शीघ्र

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों का अर्थ लिखकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए (वाक्य प्रयोग करके)
उत्तर :
भासमान
=प्रकाशित-रानी के गले में हीरों को हार भासमान था।
कुमुक = सेना के सहायतार्थ भेजी गई सेना-रानी ने जूही की सहायता के लिए कुमुक भेजी।
अवशिष्ट = बचा हुआ-अवशिष्ट सवार भाग गए। नगण्य = जो गणना में न आए-अँग्रेज नगण्य संख्या में थे।
प्रोत्साहन = उत्साह वृद्धि-जनरल सैनिकों के प्रोत्साहन हेतु तत्पर थे।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्यों में बदलिए –
उत्तर:
(क) रघुनाथ ने फुर्ती से घोड़े से उतरकर अपना साफा फाड़ा।।
(ख) घोड़े पर इनको होशियारी से रखकर बाबा गंगादास की कुटी पर चलो।
(ग) मुझे सन्देह था कि ग्वालियरी कुछ गड़बड़ी करेंगे।
(घ) रानी ने कहा कि मेरे मरने के बाद दामोदर को सुरक्षित दक्षिण पहुँचा देना।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में क्रम से इत, आई, मान और ई प्रत्यय लगे हैं सुरक्षित, पेशवाई, भासमान, कमजोरी। इन प्रत्ययों से युक्त अन्य शब्द इस पाठ से चुनिए।
उत्तर :
चिन्तित, चतुराई, प्रकाशमान, अवधी। (UPBoardSolutions.com)

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 सहसा विदधीत न क्रियाम् (अनिवार्य संस्कृत)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 सहसा विदधीत न क्रियाम् (अनिवार्य संस्कृत)

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ईस्वीवर्षस्य ……………………………………………………….. प्रसिद्धर्वते।

हिन्दी अनुवाद – सातवीं शताब्दी में महाराष्ट्र प्रान्त में विष्णुवर्धन राजा था। उसकी राज्यसभा में.. महाकवि भारवि राजकवि था। उसको महाकाव्य ‘किरातार्जुनीय’ प्राचीनकाल से ही अत्यन्त प्रसिद्ध है।

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भारविः भारविः ……………………………………………………….. चतुर्दिक्षु प्रासरत्।

हिन्दी अनुवाद – भारवि ने बाल्यकाल में बहुत परिश्रम से विद्या प्राप्त की। उसकी विलक्षण बुद्धि काव्य रचना में भी प्रवृत्त थी। वह हमेशा विद्वानों की सभाओं में उपस्थित होता था। वहाँ पण्डितों के साथ अनेक बार चतुराई से शास्त्रार्थ करता था। वह कवि सम्मेलनों में निरन्तर कविता सुनाता था। श्रोता लोग उसकी सुन्दर कविता सुनकर बहुत प्रशंसा करते थे। इस प्रकार काव्यकला में उसका यश अल्पकाल में ही चारों दिशाओं में फैल गया।

भारवेः पिता ……………………………………………………….. सम्पदः।

हिन्दी अनुवाद – भारवि का पिता पुत्र के काव्य यश से मन में अत्यन्त प्रसन्न और सन्तुष्ट था। तब भी वाणी से भारवि की प्रशंसा नहीं करता था। बल्कि वह कभी-कभी उसके पाण्डित्य की आलोचना करता था। इससे भारवि चिन्तित और खिन्न होता था। एक बार उसके पिता ने कविता सुनकर राज्यसभा में ही आलोचना की और तिरस्कार किया। उस अपमान से भारवि पिता से अत्यधिक नाराज और उद्विग्न हुआ। उसे चिन्ता से रात्रि भर नींद नहीं आई (अर्थात् सोया नहीं)। घर से इधर-उधर घूमते (UPBoardSolutions.com) हुए वह रात्रि में कुछ समय, तक पिता के कमरे से बाहर रहा। तब अपने विषय में माता-पिता का वार्तालाप सुना। “हमारा पुत्र महाकवि और महापण्डित है। उसका यश निरन्तर बढ़ रहा है। वह समाज में हमारा गौरव स्थापित करता है। किन्तु वह और अधिक कवित्व और यश प्राप्त करे, ऐसा विचार करके सभा में आज मेरे द्वारा उसका तिरस्कार किया गया।”

ऐसा सुनकर भारवि गुस्से से निवृत्त हुए। पिता के प्रति झूठे रोष से उसके हृदय में अत्यधिक ग्लानि उत्पन्न हुई। उसने रात्रि में पश्चात्ताप करके इस पद्य की रचना की

कोई कार्य अचानक नहीं करना चाहिए क्योंकि विचार को अभाव बड़ी आपत्ति का स्थान है। सम्पदा गुणों से मिलती है। वह विचारपूर्वक कार्य करने वालों को अपने आप वरण कर लेती है।

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अभ्यास

प्रश्न 1.
उच्चारण करें
नोट- विद्यार्थी स्वयं उच्चारण करें।

प्रश्न 2.
एक पद में उत्तर दें
(क) भारवेः महाकाव्यस्य किं नाम?
उत्तर : किरातार्जुनीय।
(ख) भारविं वचसा कः न प्राशंसत्?
उत्तर : भारवैः पिता।
(ग) से कविसम्मेलनेषु किम् अकरोत्?
उत्तर : काव्यम् अश्रावयत्।
(घ) भारविः पित्रे कथं रुष्टः?
उत्तर : अपमानेन।
(ङ) तस्यान्तःकरणे का उत्पन्ना?
उत्तर : महती ग्लानि।

प्रश्न 3.
नीचे दिए गए क्रियापदों के लकार, पुरुष एवं वचन लिखें
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 सहसा विदधीत न क्रियाम् (अनिवार्य संस्कृत) 1
प्रश्न 4.
अधोलिखित पदों में लगे उपसर्गों को लिखें
उत्तर :
पद                              उपसर्गों
परिश्रमेण                        परिः
विलक्षणा                          विः
प्रतिनिवृन्तः                      प्रतिः
नियोजितवान                    निः

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प्रश्न 5.
मजूषा से उचित पदों को चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें (पूर्ति करके)
(क) महाकविः भारविः राजकविः
आसीत्।

(ख)
स सर्वदा विद्वत्सभासु सोत्साहम्
उपतिष्ठत्।

(ग)
स्वविषये मातापित्रोः वार्तालापं
अशृणोत्।

(घ)
अपमानेन भारविः पित्रेः
अत्यधिकं रुष्टः।

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प्रश्न 6.
संस्कृत में अनुवाद करेंप्रश्न
(क) वह नियम से विद्यालय में जाता है।
अनुवाद : सः नियमेन् विद्यालयं गच्छति।।

(ख)
मैं अपने अध्यापक की प्रशंसा करता हूँ।
अनुवाद : अहं स्वः अध्यापकं प्रशंसाम् करिष्यामि।

(ग)
तुम घर के बाहर खड़े रहो।
अनुवाद : त्वं गृहात् बहिः स्थितः भवसि।

(घ)
करीम कक्षा में प्रथम है।
अनुवाद : करीम: कक्षायाम् प्रथमं अस्ति।

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प्रश्न 7.
जिसके प्रति कोप किया जाता है उसमें चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग होता है, जैसे-पित्रे रुष्टः। कोष्ठक में दिए शब्दों में विभक्ति लगाकर रिक्त स्थान भरें (रिक्त स्थान भरकर)
(क) त्वं राक्षसे क्रुध्यसि। (UPBoardSolutions.com)
(ख) अहं हरयै नैव कुप्यामि।

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UP Board Solutions for Class 8 Sports and Fitness Chapter 3 खेल एवं हमारा भोजन

UP Board Solutions for Class 8 Sports and Fitness Chapter 3 खेल एवं हमारा भोजन

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Question 1.
सन्तुलित भोजन किसे कहते हैं ?
Solution:
हमारे शरीर की वृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हमारे भोजन में वे सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में होने चाहिए जिनकी आवश्यकता हमारे शरीर को है। कोई भी पोषक तत्व न अधिक हो न कम। हमारे भोजन में पोषक तत्त्व, विटामिन्स एवं खनिज के साथ पर्याप्त मात्रा में रेशे युक्त खाद्य तणि जल भी होना चाहिए। इस प्रकार के (UPBoardSolutions.com) आहार को संतुलित आहार’ कहते हैं।

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Question 2.
भोजन के प्रमुख कार्य क्या है ?
Solution:
भोजन के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं

  1. भोजन शरीर को शक्ति प्रदान करता है।
  2. भोजन के द्वारा शरीर का निर्माण और मरम्मत का कार्य होता है। |
  3. भोजन के द्वारा रोगों से सुरक्षा होती है।
  4. भोज्य तत्वों से एन्जाइम तथा हार्मोन्स बनता है जो शरीर के लिए लाभकारी होता है।

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Question 3.
कुपोषण से आप क्या समझते हैं ? विटामिन्स की कमी से होने वाले रोगों के नाम लिखिए ?
Solution:
शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी या अधिकता कुपोषण है जिसके कारण बच्चे कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। शरीर में विभिन्न प्रकार के विटामिन्स की कमी के कारण रतौंधी, बेरी-बेरी, स्कर्वी, रिकेट्स, आदि रोग होते हैं। |

Question 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिएउत्तर-
(क) शरीर में आवश्यक ___ तत्वों की कमी या अधिकता ही कुपोषण है।
(ख) भोजने हमारे शरीर को ___ प्रदान करता है।
(ग) भोजन के द्वारा शरीर का निर्माण तथा ____ का कार्य होता. है। |
(घ) प्रोटीन की कमी से _____ एवं ____ रोग होते हैं।
Solution:
(क) शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी या अधिकता ही कुपोषण है।
(ख) भोजने हमारे शरीर (UPBoardSolutions.com) को शक्ति प्रदान करता है।
(ग) भोजन के द्वारा शरीर का निर्माण तथा मरम्मत का कार्य होता. है।
(घ) प्रोटीन की कमी से क्वॉशियोरकर एवं मेरास्मस रोग होते हैं।

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प्रोजेक्ट वर्क : नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 10 पर्यावरण असन्तुलन-मानव हस्तक्षेप का परिणाम

UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 10 पर्यावरण असन्तुलन-मानव हस्तक्षेप का परिणाम

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Environment. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 10 (पर्यावरण असन्तुलन-मानव हस्तक्षेप का परिणाम)

अभ्यास ।

Question 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) पर्यावरणीय असंतुलन के दुष्परिणाम लिखें।
(ख) पेड़-पौधे पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में किस प्रकार सहायता करते हैं?
(ग) जनसंख्या बढ़ने से कौन-कौन सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं?
(घ) ऊर्जा के कौन-कौन से स्रोत हैं ?
Solution:
(क)- आँधी, तूफान, अकाल जैसी आपदाएँ तथा प्रदूषण आदि सभी पर्यावरण असन्तुलन के दुष्परिणाम हैं।

(ख)- पेड़-पौधे पर्यावरण का सन्तुलन बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे वायु में से कार्बन डाइऑक्साइड गैस को अवशोषित कर लेते हैं तथा इसमें ऑक्सीजन गैस छोड़ते हैं। पेड़-पौधे वर्षा कराकर (UPBoardSolutions.com) पृथ्वी पर तथा वायुमण्डल में जल की उचित मात्रा को बनाए रखते हैं। इसके साथ ही वे वायुमण्डलीय ताप, को भी नियंत्रित रखते हैं। ये मिट्टी के कटाव को रोककर उसकी उर्वरा शक्ति को बनाए रखते हैं।

(ग)- जनसंख्या बढ़ने से निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न होती हैं- १. अधिक अन्न उगाने तथा मकान बनाने के लिए वनों की अन्धाधुंध कटाई की जाती है। २. अधिक मकानों के बनने तथा कारखानों के लगाए जाने के कारण कृषि कम हो रही है। ३. अधिक उद्योगों, और वाहनों से वातावरण प्रदूषित होता है। ४. इससे ऊर्जा के स्रोतों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। |

(घ)- सूर्य का प्रकाश, कोयला, लकड़ी, पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस, मिट्टी का तेल, गोबर गैस, गोबर के कंडे, बिजली आदि ऊर्जा से स्रोत हैं।

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Question 2.
मिलान कीजिए वृक्षारोपण
UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 10 पर्यावरण असन्तुलन-मानव हस्तक्षेप का परिणाम 1
Solution:
UP Board Solutions for Class 8 Environment Chapter 10 पर्यावरण असन्तुलन-मानव हस्तक्षेप का परिणाम 2

Question 3.
नीचे दिए गए प्रश्नों में उत्तर के रूप में तीन विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प चुनें।
(क) जल का मुख्य स्रोत है
1. हैण्डपम्प
2. तालाब
3. वर्षा 

(ख) प्रदूषित जल के पीने से रोग होता है
1. हैजा 
2. खसरा ।
3. कैंसर

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(ग) समुद्र से प्राप्त होता है
1. पेट्रोल
2. आयोडीन
3. जड़ी-बूटी
Solution:
(क) जल का मुख्य स्रोत है
1. हैण्डपम्प
2. तालाब
3. वर्षा ✓

(ख) प्रदूषित जल के पीने से रोग होता है
1. हैजा ✓
2. खसरा ।
3. कैंसर

(ग) समुद्र से प्राप्त होता है
1. पेट्रोल
2. आयोडीन ✓
3. जड़ी-बूटी

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Question 4.
रिक्त स्थानों को भरें
(क) कल कारखानों से निकले ___ को नदियों में बहा देने से उनका जल ___ हो रहा है।
(ख) पृथ्वीं में उपलब्ध संसाधन ___ मात्रा में हैं।
(ग) साधारण नमक ___ में पाया जाता है।
(घ) गंगा के प्रदूषण का बढ़ना ___ का संकेत है।
Solution:
(क) कल कारखानों से निकले कचरों को नदियों में बहा देने से उनका जल प्रदूषित हो रहा है।
(ख) पृथ्वीं में उपलब्ध संसाधन सीमित मात्रा में हैं।
(ग) साधारण नमक (UPBoardSolutions.com) समुद्र में पाया जाता है।
(घ) गंगा के प्रदूषण का बढ़ना खतरे का संकेत है।

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प्रोजेक्ट वर्क– विद्यार्थी स्वयं करें।

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