UP Board Solutions for Class 9 Hindi Chapter 10 हरिवंशराय बच्चन (काव्य-खण्ड)

UP Board Solutions for Class 9 Hindi Chapter 10 हरिवंशराय बच्चन (काव्य-खण्ड)

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विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पद्यांशों की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए तथा काव्यगत सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए :

(पथ की पहचान)

1. पुस्तकों में है नहीं ……………………………………………………………. पहचान कर ले।
अथवा पुस्तकों में ……………………………………………………………. की जबानी।

शब्दार्थ-बटोही = राहगीर। बाट = रास्ता । पंथी = पथिक। पंथ = मार्ग। सन्दर्भ-यह पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी काव्य’ में हरिवंशराय बच्चन की कविता ‘पथ की पहचान’ से उद्धृत है।

प्रसंग – 
इसमें कवि चाहता है कि हमें कोई भी कार्य सोच-विचारकर करना चाहिए। लक्ष्य चुन लेने के बाद उस काम की कठिनाइयों से नहीं घबराना चाहिए।

व्याख्या – 
कवि कहता है कि हमारे जीवन-पथ की कहानी पुस्तकों में नहीं लिखी होती है, वह तो हमें स्वयं ही बनानी पड़ती है, दूसरे लोगों के कथन के अनुसार भी हम अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित नहीं कर सकते। इसका निर्धारण हमें स्वयं ही करना पड़ेगा। इस संसार में अनेक लोग पैदा हुए और मर गये। उन सबकी गणना नहीं की जा सकती, परन्तु कुछ ऐसे कर्मवीर भी यहाँ जन्मे हैं जिनके पदचिह्न मौन भाषा में उनके (UPBoardSolutions.com) महान् कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हैं। उन सभी कर्मठ महापुरुषों ने काम करने से पहले खूब सोच-विचार किया और फिर जी-जान से अपने कार्य में जुटकर सफलता प्राप्त की। अतः हे राहगीर, उनसे प्रेरणा ग्रहण कर अपना मार्ग निश्चित कर ले और तब उस पर चलना शुरू कर।

काव्यगत सौन्दर्य

  • कार्य करने से पहले सोच-विचार करने की प्रेरणा दी गयी है।
  • सच्चे कर्मवीर बनने को उत्साहित किया गया है।
  • भाषा-सरल तथा खड़ीबोली।
  • शैली-गीत शैली।
  • रस-शान्त।
  • अलंकार-विरोधाभास

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2. यह बुरा है या कि ……………………………………………………………. पहचान कर ले।

सन्दर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी काव्य’ में हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित ‘पथ की पहचान’ शीर्षक कविता से उद्धृत हैं।

प्रसंग – कवि बताता है कि विवेकपूर्वक किसी कार्य को चुन लेने पर उसके मार्ग में आनेवाली कठिनाइयों या अन्य कारणों से उसे अधूरा छोड़ देना ठीक नहीं है।

व्याख्या – कवि कहता है कि विवेकपूर्ण कार्य का चुनाव करने के पश्चात् उसकी अच्छाई-बुराई पर सोचना व्यर्थ है-क्योंकि उस पथ को छोड़कर दूसरे पर चलना भी सम्भव नहीं हो सकेगा। कठिनाइयाँ तो हर मार्ग में होती हैं। इसलिए हे पंथी, अपने निश्चित कार्य को श्रेष्ठ समझकर उसे तुरन्त शुरू कर दे। यह कार्य करते समय तुझे आनन्द की अनुभूति होती रहेगी। ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि कठिनाइयाँ तुझे ही उठानी पड़ रही हैं। (UPBoardSolutions.com) वास्तविकता यह है कि जीवन में जिसे भी सफलता मिली है, वह अपने कार्य को श्रेष्ठ समझता रहा है। इसलिए तुम भी अपने कार्य को श्रेष्ठ समझो। सोच-विचार करना है तो कार्य का चुनाव करने से पहले किया करो।

काव्यगत सौन्दर्य

  • कवि व्यक्ति को चुने हुए कार्य में तन-मन से जुट जाने की प्रेरणा देता है।
  • भाषा-सरल- सुबोध खड़ीबोली।
  • शैली-प्रवाहपूर्ण गीत शैली।
  • रस-शान्त
  • शब्द-शक्ति-लक्षणा।
  • अलंकार-अनुप्रास।

3. है अनिश्चित किस ……………………………………………………………. पहचान कर ले।
अथवा है अनिश्चित ……………………………………………………………. सुन्दर मिलेंगे।

शब्दार्थ-सरिता = नदी गह्वर = गुफा। शर = बाण आन = प्रतिज्ञा। बाट = मार्ग।

सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी काव्य’ में हरिवंशराय बच्चन’ द्वारा रचित ‘पथ की पहचान’ शीर्षक कविता से उद्धृत है।

प्रसंग – इसमें कवि जीवन-पथ में आनेवाले सुख-दु:खों के प्रति सचेत करता हुआ मनुष्य को निरन्तर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दे रहा है।

व्याख्या – कवि कहता है कि हे जीवन-पथ के मुसाफिर ! यह नहीं बताया जा सकता है कि तेरे मार्ग में किस स्थान पर नदी, पर्वत और गुफाएँ मिलेंगी । तेरे मार्ग में कब कठिनाइयाँ और बाधाएँ आयेंगी, यह नहीं कहा जा सकता। यह भी नहीं कहा जा सकता कि तेरे जीवन के मार्ग में किस स्थान पर सुन्दर वन और उपवन मिलेंगे। तेरे जीवन में कब सुख-सुविधाएँ प्राप्त होंगी। यह भी निश्चित नहीं कहा जा सकता कि कब तेरी जीवन-यात्रा समाप्त होगी और कब तेरी मृत्यु होगी।

कवि आगे कहता है कि यह बात भी अनिश्चित है कि मार्ग में कब तुझे फूल मिलेंगे और कब काँटे तुझे घायल करेंगे। तेरे जीवन में कब सुख प्राप्त होगा और कब दु:ख-यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। यह भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि तेरे जीवन-मार्ग में कौन परिचित व्यक्ति (UPBoardSolutions.com) मिलेंगे और कौन प्रियजन अचानक तुझे छोड़ जायेंगे। हे पथिक! तू अपने मन में प्रण कर ले कि जीवन की कठिनाइयों की परवाह न करके तुझे आगे बढ़ते जाना है।
हे जीवन-पथ के यात्री! तू पथ पर चलने से पूर्व जीवन में आनेवाले सुख-दुःख को भली-भाँति जानकर अपने मार्ग की पहचान कर ले।

काव्यगत सौन्दर्य

  • कवि ने जीवन में आने वाली कठिनाइयों के प्रति मानव को सचेत किया है।
  • भाषा-सरल खड़ीबोली।
  • शैली–प्रतीकात्मक, वर्णनात्मक।
  • रस-शान्त
  • शब्दशक्ति-लक्षणा।
  • अलंकार-अनुप्रास, रूपक।

4. कौन कहता है ……………………………………………………………. कर ले।

शब्दार्थ-यत्न = प्रयत्न, कोशिश। ध्येय = लक्ष्य निलय = घर, नीड़, घोंसला । मुग्ध होना = रीझना।

सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी काव्य’ में हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित ‘पथ की पहचान’ शीर्षक कविता से उद्धृत है।

प्रसंग – यथास्थिति और मनुष्य की महत्त्वाकांक्षा में क्या तालमेल होना चाहिए-इन पंक्तियों में इस समस्या का समाधान प्रस्तुत किया गया है।

व्याख्या – हे पथिक! तुमसे ऐसा किसी ने नहीं कहा है कि तुम अपने मन में स्वप्नों अर्थात् मधुर कल्पनाओं को न लगाओ। सब लोगों की अपनी-अपनी स्वप्निल कल्पनाएँ होती हैं। अपनी-अपनी उम्र और अपने-अपने समय में सभी ने इन्हें देखा है और अपने मन में उन्हें जगह दी है। हे पथिक! तू प्रयत्न करने पर भी इसमें सफल नहीं हो सकता कि तेरी कल्पनाएँ। मन में न उठे। ये स्वप्न, ये कल्पनाएँ व्यर्थ नहीं होतीं, इनका भी अपना लक्ष्य या ध्येय होता है। ये स्वप्न जबे आँखों के नीड़ में उपजते हैं, तब उनका अपना ध्येय होता है, ये व्यर्थ नहीं जाते, (UPBoardSolutions.com) किन्तु स्वप्नों से यथार्थ को झुठलाया नहीं जा सकता। कारण यह है कि स्वप्न या कल्पनाएँ जीवन में बहुत कम हैं, उनके सामने यथार्थ सत्य अनगिनत हैं। सत्य का मुकाबला कल्पनाओं से मत करो। संसार के रास्ते में यदि स्वप्न दो हैं, तो सत्य दो-सौ अर्थात् कल्पनाएँ बहुत कम हैं, यथार्थ बहुत अधिक हैं। अतः यह आवश्यक हो जाता है कि तुम कल्पनाओं पर ही मत रीझते रहो वरन् सत्य क्या है-इसका भी निर्धारण कर लो। हे पथिक! चलने से पहले अपने रास्ते की पहचान कर लो।

काव्यगत सौन्दर्य ।

  • कवि यहाँ कहना चाहता है कि महत्त्वाकांक्षा यथार्थ के सत्य और उपलब्ध साधनों पर ही आधारित होनी चाहिए और उसके लिए कठिन श्रम के साथ-साथ कर्तव्य का पालन करना भी आवश्यक है।
  • भाषा-साहित्यिक हिन्दी।
  • रस-शान्त।
  • गुण-प्रसाद
  • अलंकार-रूपक तथा अनुप्रास

5. स्वप्न आता स्वर्ग का ……………………………………………………………. पहचान कर ले।
अथवा स्वप्न आता ……………………………………………………………. चीर देता।

शब्दार्थ-ललकती = लालायित होती है उन्मुक्त = स्वच्छन्द। दृग कोरकों = आँख के कोने ।

सन्दर्भ – प्रस्तुत काव्यांश डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित ‘पथ की पहचान’ नामक शीर्षक कविता से लिया गया है जो उनकी ‘सतरंगिणी’ नामक काव्य पुस्तक से उद्धृत है।

प्रसंग – इस पद में कवि पथिक को सम्बोधित करते हुए किसी भी मार्ग पर अग्रसर होने से पूर्व उसमें आनेवाली कठिनाइयों के प्रति आगाह कर देना चाहता है। कोरी भावुकता के प्रवाह में आकर किसी मार्ग पर चल पड़नी उचित नहीं है। कवि कहता है|

व्याख्या – हे पथिक ! भावुकता के आवेश में आकर किसी मार्ग पर अग्रसर होने से पूर्व हम स्वर्ग का सपना देखने लगते हैं। प्रसन्नता के कारण हमारी आँखें चमक उठती हैं। उस समय कल्पना लोक की उड़ान भरने के लिए हमारे पैरों में पंख लग जाते हैं। छाती उन्मुक्त हो उत्साह से भर जाती है। किन्तु ठीक उसी प्रकार राह का एक मामूली-सा काँटा पाँवों में चुभ जाता है और खुन की दो बूंदों के बहने से ही सारी कल्पना की दुनिया ही उसमें डूब जाती है अर्थात् मार्ग में मामूली अवरोध उत्पन्न हो जाने मात्र से ही सारी मजा किरकिरा हो (UPBoardSolutions.com) जाता है। अत: पाँवों के काँटे चुंभकर ये शिक्षा देते हैं कि भले ही तुम्हारी आँखों में स्वर्ण के सजीले सपने क्यों न हों किन्तु तुम्हें अपने पैरों को पृथ्वी पर सुरक्षित टिकाना चाहिए अर्थात् मस्तिष्क में भले ही कल्पना की ऊँची उड़ाने क्यों न हों, किन्तु व्यावहारिक जगत् की उपयोगिता कदापि भूलनी नहीं चाहिए। हमें पथ के चुभे काँटों की इस शिक्षा का सदैव सम्मान करना चाहिए। किसी मार्ग पर अग्रसर होने से पूर्व उस मार्ग की पूरी जानकारी अवश्य कर लेनी चाहिए।

काव्यगत सौन्दर्य

  • इस पद में कवि ने एक जीता-जागता जीवन-दर्शन प्रस्तुत किया है।
  • लाक्षणिक प्रयोगों के कारण काव्य की भाषा ओजपूर्ण एवं प्रभावशाली बन गयी है।

प्रश्न 2.
हरिवंशराय बच्चन का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।

प्रश्न 3.
बच्चन जी की साहित्यिक विशेषताओं एवं भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।

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प्रश्न 4.
हरिवंशराय बच्चन का जीवन-परिचय लिखिए तथा उनकी काव्यगत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

प्रश्न 5.
हरिवंशराय बच्चन का जीवन-वृत्त लिखकर उनके साहित्यिक योगदान का उल्लेख कीजिए।

हरिवंशराय बच्चन
(स्मरणीय तथ्य)

जन्म – सन् 1907 ई०, प्रयाग।
मृत्यु – सन् 2003 ई०।
शिक्षा – एम० ए०, पी-एच० डी०
पिता का नाम – प्रताप नारायण।
रचनाएँ – मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, निशा निमन्त्रण, एकान्त संगीत, सतरंगिणी, हलाहल, बंगाल का काल, मिलनयामिनी, प्रणय-पत्रिका, बुद्ध और नाचघर (काव्य), क्या भूलें क्या याद करूँ, नीड़ का निर्माण फिर (आत्मकथा), दो चट्टानें।
काव्यगत विशेषताएँ
वर्य-विषय – प्रेम के संयोग-वियोग जन्य भावों का चित्रण, विषाद और निराशा का चित्रण, विद्रोह को स्वर, युग जीवन का व्यापक चित्रण।
भाषा – सहज व सरल खड़ीबोली।
शैली – गीतात्मक। छन्द-मुक्तक।
जीवन – परिचय – श्री हरिवंशराय बच्चन का जन्म प्रयाग में सन् 1907 ई० में हुआ। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा उर्दू भाषा के माध्यम से हुई थी। आपने सन् 1925 ई० में कायस्थ पाठशाला, इलाहाबाद से हाईस्कूल, सन् 1927 ई० में गवर्नमेण्ट इन्टर कालेज से इण्टर तथा सन् 1929 ई० में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की। असहयोग आन्दोलन में भाग लेने के कारण आपने विश्वविद्यालय छोड़ दिया। बाद में सन् 1938 ई० में उसी विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की। सन् 1954 ई० में आपने कैम्ब्रिज (UPBoardSolutions.com) विश्वविद्यालय से पी-एच० डी० की उपाधि प्राप्त की। आरम्भ में आपने प्रयाग विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के रूप में कार्य किया। कुछ समय तक आपने आकाशवाणी में काम किया। तत्पश्चात् आपकी नियुक्ति भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ के पद पर हुई और वहीं से अवकाश ग्रहण किया। आप सन् 1965 ई० में राज्यसभा के सदस्य मनोनीत हुए।

साहित्य और कविता के प्रति आपकी रुचि बचपन से ही थी। सन् 1923 ई० में आपकी रचना ‘मधुशाला’ के प्रकाशन ने आपको कीर्ति के शिखर पर पहुँचा दिया। आपकी साहित्यिक सेवाओं के लिए सन् 1976 ई० में भारत सरकार द्वारा उन्हें ‘पद्म भूषण’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। आपका शरीरान्त सन् 2003 ई० में हो गया।

रचनाएँ – बच्चन जी की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, प्रणय-पत्रिका, एकांत संगीत, मिलन यामिनी, सतरंगिणी, दो चट्टानें आदि। ‘दो चट्टानें’ काव्य-ग्रन्थ के लिए आपको साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया है।

काव्यगत विशेषताएँ

बच्चन जी उत्तर छायावादी काल के आस्थावादी कवि हैं। आपकी कविताओं में भावनाओं की स्वाभाविक अभिव्यक्ति हुई है। आपकी कविता में प्रेम के संयोग-वियोग जन्य भावपूर्ण चित्र अंकित हैं। प्रेम के अतिरिक्त जीवन के अन्य सन्दर्भो में निराशा की भाषा देखने को मिलती है। विद्रोह का स्वर भी कहीं-कहीं आपकी कविताओं में मिलता है। आपकी पूर्ववर्ती रचनाओं में वैयक्तिकता है तो परवर्ती रचनाओं में (UPBoardSolutions.com) जन-जीवन का व्यापक चित्रण है। वैचारिक क्रान्ति, मानवीय संवेदना और व्यंग्य-दंश से पूर्ण आपके काव्य ने हिन्दी कविता को नयी दिशा प्रदान की है।

बच्चन जी की भाषा साहित्यिक होते हुए भी बोलचाल की भाषा के अधिक निकट है। आपकी भाषा सरल व सरस है। आपने लोकगीतों और मुक्तक छन्दों की रचना की है। अपनी गेयता, सरलता, सरसता और खुलेपन के कारण आपके गीत बहुत ही पसन्द किये जाते हैं।

साहित्य में स्थान – नि:सन्देह लोकगीतों की धुन में गीतों की रचना करके बच्चन जी ने अत्यधिक लोकप्रियता प्राप्त की है। हिन्दी साहित्य में हालावाद के स्थापक के रूप में आपका मान्य स्थान है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बटोही को चलने के पूर्व बाट की पहचान करने की सलाह कवि किस अभिप्राय से देता है?
उत्तर :
प्रस्तुत कविता में कवि बच्चन ने पथिक के माध्यम से यह प्रेरणा दी है कि मनुष्य को अपने पथ की पहचान स्वयं करनी चाहिए, क्योंकि जीवन के मार्ग में अपने ही अनुभव सबसे श्रेष्ठ होते हैं। इस मार्ग का निर्धारण किसी दूसरे उपदेश या पुस्तकों को पढ़कर नहीं किया जा सकता है। (UPBoardSolutions.com) कुछ मनुष्य ऐसे अवश्य रहे हैं, जो अपने पथ पर अपने कदमों के निशान छोड़ गये। हैं। हमें उनसे अवश्य कुछ सहायता प्राप्त हो सकती है।

प्रश्न 2.
यात्रा सुगम और सफल होने के लिए कवि क्या सुझाव देता है?
उत्तर :
कवि कहते हैं कि जीवन के मार्ग का निर्धारण करके उस पर दृढ़ निश्चय के साथ चल पड़ना ही श्रेयस्कर है। अनिश्चय की स्थिति में बार-बार मार्ग बदलने से लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पाती। कवि कहते हैं कि किसी भी मनुष्य का यह सोचना कि पथ के निर्धारण से उसे ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, गलत है। पूर्व के सभी मनुष्यों को भी अपने पथ का निर्धारण करना पड़ा था और बाधाएँ उनके सामने भी आयी थीं।

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प्रश्न 3.
यात्रा में विघ्न-बाधाओं को किन प्रतीकों से बतलाया गया है?
उत्तर :
बाधाओं और कठिनाइयों के लिए कवि ने नदी, पर्वत, गुफाओं और काँटों आदि को प्रतीक के रूप में प्रयोग किया है।

प्रश्न 4.
‘स्वप्न पर ही मुग्ध मत हो, सत्य का भी ज्ञान कर ले’ कहने का क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
कवि के कहने का भाव यह है कि सुख के स्वप्नों में न डूबकर जीवन की वास्तविकताओं का भी ज्ञान होना आवश्यक है, तभी उन्नति का पथ प्रशस्त हो सकता है जीवन के मार्ग पर आगे बढ़ने से पूर्व उचित लक्ष्य या मार्ग का भी निर्धारण कर लेना चाहिए।

प्रश्न 5.
कवि’आदर्श और यथार्थ’ के समन्वय पर किन पंक्तियों पर बल देता है और उसके लिए किस वस्तु का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है?
उत्तर :
रास्ते का एक काँटा। पाँव का दिल चीर देता। राह के काँटे चुभकर बताते हैं कि सपने तो बुनें, लेकिन सच्चाई से इंकार नहीं करें, तभी जीवन में सफलता मिल सकती है। और आनन्द के फूल खिल सकते हैं। कवि की यही शिक्षा है।

प्रश्न 6.
‘पथ की पहचान’ कविता के द्वारा कवि क्या सन्देश देना चाहता है? अथवा ‘पथ की पहचान’ शीर्षक कविता के द्वारा कवि ने हमें क्या सन्देश देने का प्रयास किया है?
उत्तर :
कवि इस कविता के माध्यम से यह सन्देश देना चाहता है कि व्यक्ति को विवेकपूर्वक किसी कार्य को चुनना चाहिए, फिर आनेवाली किसी भी बाधा से घबराये बिना साहसपूर्वक निरन्तर आगे बढ़ते रहना चाहिए। आगे बढ़ते हुए आदर्श और यथार्थ को उचित समन्वय होना चाहिए।

प्रश्न 7.
‘पथ की पहचान’ शीर्षक कविता का सारांश लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत कविता में कवि ‘बच्चन’ ने पथिक के माध्यम से यह प्रेरणा दी है कि मनुष्य को अपने पथ की पहचान स्वयं करनी चाहिए, क्योंकि जीवन के मार्ग में अपने ही अनुभव सबसे श्रेष्ठ होते हैं। इस मार्ग का निर्धारण किसी दूसरे के उपदेश से या पुस्तकों को पढ़कर नहीं किया जा सकता है। कुछ (UPBoardSolutions.com) मनुष्य ऐसे अवश्य रहे हैं, जो अपने पथ पर अपने कदमों के निशान छोड़ गये हैं। हमें उनसे अवश्य कुछ सहायता प्राप्त हो सकती है।

कवि कहते हैं कि जीवन के मार्ग का निर्धारण करके उस पर दृढ़ निश्चय के साथ चल पड़ना ही श्रेयस्कर है। अनिश्चय की स्थिति में बार-बार मार्ग बदलने से लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पाती । कवि कहते हैं कि किसी भी मनुष्य का यह सोचना कि पथ के निर्धारण में उसे ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, गलत है। पूर्व के सभी मनुष्यों को भी अपने पथ का निर्धारण करना पड़ा था और बाधाएँ उनके सामने भी आयी थीं।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हरिवंशराय बच्चन किस युग के कवि हैं?
उत्तर :
आधुनिक युग (काल) के।।

प्रश्न 2.
बच्चन जी की किन्हीं दो रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर :
मधुशाला एवं मधु कलश।

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प्रश्न 3.
मधुशाला किसकी रचना है?
उत्तर :
हरिवंशराय बच्चन की।

प्रश्न 4.
बच्चन जी की भाषा पर प्रकाश डालिए।
उत्तर :
खड़ीबोली।

प्रश्न 5.
बच्चन जी ने अपनी भाषा में किस शैली का प्रयोग किया है?
उत्तर :
भावात्मक गीत शैली।

प्रश्न 6.
मधुशाला की विषय-वस्तु क्या है?
उत्तर :
उल्लास एवं आनन्द।

प्रश्न 7.
बच्चन जी ने मधुशाला, मधुबाला, होला और प्याला को किस रूप में स्वीकार किया है?
उत्तर :
प्रतीकों के रूप में।।

प्रश्न 8.
‘पथ की पहचान’ शीर्षक कविता का केन्द्रीय भाव लिखिए।
उत्तर :
मनुष्य को अपने पथ की पहचान स्वयं करनी चाहिए, क्योंकि जीवन के मार्ग में अपने ही अनुभव सबसे श्रेष्ठ होते हैं।

प्रश्न 9.
‘पथ की पहचान’ कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर :
व्यक्ति को विवेकपूर्वक किसी कार्य का चयन करना चाहिए और निरन्तर अपने पथ पर अग्रसर रहना चाहिए। सफलता निश्चित रूप से मिलेगी।

काव्य-सौन्दर्य एवं व्याकरण-बोध
1.
निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए
(अ) पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले।
(ब) रास्ते का एक काँटा, पाँव का दिल चीर देता।
उत्तर :
(अ) काव्य-सौन्दर्य-

  • किसी पथिक या राही को मार्ग पर चलने के पूर्व उसके विषय में भली-भाँति अवगत हो जाना चाहिए।
  • भाषा-खड़ीबोली।
  • शैली- भावात्मक गीत शैली।।

(ब) काव्य-सौन्दर्य-

  • रास्ते का एक काँटा पाँव को चोटिल कर देता है अर्थात् रास्ते का एक काँटा अनेक मुसीबतें खड़ी कर देता है।
  • भाषा – खड़ीबोली। (स) शैली- भावात्मक गीत शैली।

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2. निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार का नाम लिखिए
(अ) रक्त की दो बूंद गिरती एक दुनिया डूब जाती।
(ब) है अनिश्चित, किस जगह पर बाज, बन सुन्दर मिलेंगे।
उत्तर :
(अ) अतिशयोक्ति।
(ब) सम्भावना।

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UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 1 गृह विज्ञान के तत्त्व और क्षेत्र

UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 1 गृह विज्ञान के तत्त्व और क्षेत्र

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विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
‘गृह विज्ञान’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा परिभाषा निर्धारित कीजिए।
या
‘गृह विज्ञान’ से आप क्या समझती हैं? गृह विज्ञान के तत्वों का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
20वीं शताब्दी के प्रारम्भ में हई औद्योगिक क्रान्ति के परिणामस्वरूप जीवन-मूल्यों में भारी परिवर्तन आए, जिससे स्त्रियों को पुरुषों के समान घर से बाहर निकलकर काम करना पड़ा। इससे स्त्रियों के कार्यक्षेत्र और उत्तरदायित्वों में वृद्धि हुई। घर एवं घर से बाहर के उनके द्विमुखी उत्तरदायित्व को कुशलतापूर्वक निभाने के लिए एक ऐसे विषय की आवश्यकता अनुभव की जाने लगी जो सामान्य घरेलू जीवन को उत्तम, (UPBoardSolutions.com) सरल, कम श्रम-साध्य तथा समय की बचत कराने में सहायक हो। इसी सन्दर्भ में क्रमश: एक विषय का विकास हुआ, जिसे आज गृह विज्ञान के रूप में जाना जाता है। घर-परिवार को सुविधाजनक व आर्थिक रूप से निर्भर बनाने के लिए सर्वप्रथम स्त्रियों की रुचि गृह-अर्थशास्त्र की ओर उत्पन्न करने का प्रयास किया गया। समय के साथ-साथ इस विषय का क्षेत्र विस्तृत होता गया तथा इसने अन्त में आज के गृह विज्ञान का रूप ले लिया।

गृह विज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा

गृह विज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है-‘गृह’ तथा ‘विज्ञान’। गृह का अर्थ है ‘घर’ और विज्ञान का अर्थ है ‘व्यवस्थित ज्ञान’। इस प्रकार, गृह विज्ञान का अर्थ गृह से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं; जैसे आवास, भोजन, वेशभूषा आदि का व्यवस्थित अध्ययन करना है। सर्वप्रथम गृह विज्ञान; अर्थशास्त्र की शाखा के रूप में अमेरिका में विकसित हुआ। अमेरिकन होम इकोनोमिक्स एसोसिएशन के अनुसार, “गृह-अर्थशास्त्र शिक्षा का विशिष्ट विषय है, जिसके अन्तर्गत आय-व्यय, भोजन की स्वच्छता एवं रुचिपूर्णता, वेशभूषा और आवास आदि के रुचिपूर्ण एवं उपयुक्त चुनाव तथा तैयारी और परिवार एवं अन्य मानव समुदायों द्वारा उनके उपयोग का अध्ययन किया जाता है।” समय के साथ-साथ इस विषय ने अधिक व्यापक रूप धारण कर (UPBoardSolutions.com) लिया तथा इसमें शरीर विज्ञान, स्वास्थ्य एवं रोगाणु विज्ञान, आहार एवं पोषण तथा पर्यावरण सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण विषय भी सम्मिलित किए गए हैं।

जापान में इस विषय को गृह-प्रशासन के नाम से जाना जाता है। गुड जॉनसन के अनुसार, “गृह व्यवस्था सामान्य देशों में अत्यधिक सामान्य व्यवस्था है जिसमें अधिकांश व्यक्ति कार्यरत होते हैं तथा अधिकतर धन का उपयोग किया जाता है और यह व्यक्तियों के स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।”

‘गृह विज्ञान’ नामक विषय को कुछ अन्य नामों से भी जाना जाता है; जैसे कि ‘गृह विज्ञान तथा गृह-कला’ (Home Science and Household Art), ‘घरेलू विज्ञान एवं गृह-कला’ (Domestic Science and Home Craft) गृह विज्ञान के विस्तृत विषय-क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए इस विषय की एक ब्यवस्थित परिभाषा इन शब्दों में प्रस्तुत की जा सकती है

“गृह विज्ञान वह सामाजिक विज्ञान है जो घर-परिवार से सम्बन्धित समस्त आवश्यकताओं एवं योजनाओं का व्यवस्थित अध्ययन करता है तथा पारिवारिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है।”

गृह विज्ञान की एक परिभाषा दिल्ली के लेडी इरविन कॉलेज के “गृह विज्ञान संस्थान’ ने इन शब्दों में प्रस्तुत की है, ”गृह विज्ञान वह व्यावहारिक विज्ञान है जो अपने अध्ययनकर्ताओं को सफल पारिवारिक जीवन व्यतीत करने, सामाजिक तथा आर्थिक समस्याओं को हल करने और सुखमय जीवन-यापन करने की दशाओं का ज्ञान कराता है।”

उपर्युक्त विवरण द्वारा गृह विज्ञान का अर्थ स्पष्ट हो जाता है। संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि गृह विज्ञान एक उपयोगी तथा व्यावहारिक महत्त्व का विषय है। इस विषय के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य सुखी एवं आदर्श पारिवारिक जीवन-यापन करने के उपाय जानना है। इस विषय के अन्तर्गत उन समस्त (UPBoardSolutions.com) उपायों को व्यवस्थित अध्ययन किया जाता है जो पारिवारिक जीवन की दैनिक समस्याओं का उत्तम समाधान प्राप्त करने में सहायक होते हैं।

गृह विज्ञान के तत्त्व

गृह विज्ञान का अध्ययन गृह एवं परिवार के उत्तम जीवन–स्तर का मूल आधार है। गृह विज्ञान में वे सभी तत्त्व सम्मिलित हैं जो परिवार की आवश्यकताओं व उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। गृह विज्ञान के मूल तत्त्व निम्नलिखित हैं

(1) परिवार के सदस्यों की बहुमुखी विकास:
परिवार के रूप में मनुष्य ने एक ऐसी संस्था का विकास किया है जहाँ उसका शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सभी प्रकार का विकास होता है। परिवार में ही परिवार के प्रत्येक सदस्य को सुरक्षा प्राप्त होती है, प्रत्येक सदस्य का अपना उत्तरदायित्व होता है तथा प्रत्येक सदस्य के अधिकार (UPBoardSolutions.com) और कर्तव्य होते हैं। अतः परिवार के सभी सदस्यों के स्वस्थ विकास और अभिवृद्धि के लिए सहायक पर्यावरण की व्यवस्था करना गृह विज्ञान का मूल तत्त्व है अर्थात् बालकों का समुचित पालन-पोषण हो, जिससे वे समाज की उन्नति में अपना योगदान दे सकें, यह गृह विज्ञान का मुख्य उद्देश्य है।

(2) नियोजन:
किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए नियोजन आवश्यक है। पारिवारिक जीवन में आर्थिक सन्तुलन के लिए आय को नियोजित रूप से व्यय करने तथा नियमित बचत करने की आवश्यकता होती है। गृह विज्ञान से क्रय-विक्रय, बजट व बचत आदि से सम्बन्धित जानकारी मिलती है, जिससे व्यय एवं बचत का नियोजन करना सम्भव हो पाता है। गृह प्रबन्ध के लिए भी नियोजन अति महत्त्वपूर्ण है। गृह के सन्दर्भ में परिवार नियोजन, बजट बनाने तथा बचत नियोजन का महत्त्व आधुनिक युग की बढ़ती हुई आवश्यकताओं में प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

(3) नियन्त्रण:
नियोजन योजना के निर्माण में सहायक होता है, तो नियन्त्रण योजना के अनुसार कार्य करने के लिए उत्तरदायी है। नियन्त्रण चालू योजना को कार्यक्रम अथवा परिस्थितियों के अनुकूल परिवर्तित भी करता है। उदाहरण के लिए-गृहिणी अपने दैनिक कार्यक्रम की योजना स्वयं बनाती है। तथा (UPBoardSolutions.com) आवश्यकता पड़ने पर इसमें इच्छित परिवर्तन भी कर लेती है, परन्तु जीवन में अनेक घटनाएँ इस प्रकार की होती हैं कि जिन पर नियन्त्रण सम्भव नहीं हो पाता। गृह विज्ञान हमें ऐसी घटनाओं से निपटने की शिक्षा देता है; जैसे कि जल जाना, हाथ कट जाना आदि दुर्घटनाओं के लिए गृह विज्ञान प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी देता है।

(4) मूल्यांकन:
गृह विज्ञान एक जीवन दर्शन है, जिसका लक्ष्य सदैव परिवार के सभी सदस्यों का सर्वांगीण कल्याण करना रहता है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मूल्यांकन एक महत्त्वपूर्ण कसौटी है। विभिन्न कार्यों के नियोजन का मूल्यांकन किया जानी चाहिए। नियोजन के मूल्यांकन पर नियोजन की सफलता अथवा असफलता निर्भर करती है। इसी प्रकार नियन्त्रण की सफलता भी मूल्यांकन पर निर्भर होती है। उदाहरण के लिए कोई (UPBoardSolutions.com) गृहिणी अपने दिनभर के कार्यों का मूल्यांकन जब रात्रि में करती हैं, तो उसे पता चलता है कि कुछ कम आवश्यक कार्यों में अधिक समय लगने के कारण उसे ललित कलाओं अथवा सामाजिक गतिविधियों के लिए समय नहीं मिल पाया। अत: दूसरे दिन वह कार्यों की योजना में यथेष्ट परिवर्तन कर समय की बचत कर सकती है। इस प्रकारे, मूल्यांकन भावी योजनाओं के लिए ठोस आधार प्रस्तुत करता है तथा भविष्य में होने वाली हानियों से बचाता है।

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प्रश्न 2:
”गृह विज्ञान कला और विज्ञान दोनों ही है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
या
‘गृह विज्ञान की प्रकृति को स्पष्ट कीजिए। या गृह विज्ञान की प्रकृति का विवेचन करते हुए स्पष्ट कीजिए कि इस विषय में कलात्मक एवं वैज्ञानिक दोनों ही पक्ष विद्यमान हैं।
उत्तर:
किसी भी विषय के व्यवस्थित अध्ययन के लिए उस विषय की प्रकृति को निर्धारित करना आवश्यक होता है। विषय की प्रकृति को निर्धारित करने के लिए सर्वप्रथम यह निश्चित (UPBoardSolutions.com) करना आवश्यक होता है कि अमुक विषय विज्ञान’ है अथवा ‘कला’। गृह विज्ञान की प्रकृति का विश्लेषण करने से ज्ञात होता है कि इसमें ‘विज्ञान’ तथा ‘कला’ दोनों के ही लक्षण विद्यमान हैं। इस तथ्य की पुष्टि अग्रवर्णित विवरण द्वारा हो जाएगी

(अ) गृह विज्ञान : एक विज्ञान के रूप में
विज्ञान शब्द का अर्थ एक विशिष्ट क्रमबद्ध ज्ञान से है। यह कार्य तथा कारण में सम्बन्ध स्थापित करता है। नियमों का निर्माण, सुनिश्चित अध्ययन प्रणाली एवं भावी घटनाओं का अनुमान इत्यादि विज्ञान की प्रमुख विशेषताएँ हैं। ये लगभग सभी गृह विज्ञान की भी विशेषताएँ हैं, जिन्हें निम्नलिखित विवरण द्वारा स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है

(1) यह तथ्यात्मक है:
गृह विज्ञान के अन्तर्गत हम शरीर विज्ञान, स्वास्थ्य विज्ञान, गृह परि चर्या, वस्त्र विज्ञान तथा अर्थव्यवस्था आदि से सम्बन्धित तथ्यों को एकत्रित कर उनका तथ्यात्मक अध्ययन करते हैं।

(2) वैज्ञानिक पद्धति द्वारा अध्ययन:
गृह विज्ञान में आहार एवं पोषण विज्ञान, स्वास्थ्य विज्ञान, प्राथमिक चिकित्सा एवं औषधि विज्ञान के वैज्ञानिक नियमों की जानकारी प्राप्त करके स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं सुरक्षा आदि से सम्बन्धित नियम बनाये जाते हैं अर्थात् गृह विज्ञान के अध्ययन में वैज्ञानिक पद्धति को अपनाया जाता है।

(3) गृह विज्ञान में सर्वमान्य सिद्धान्त हैं:
इसमें गृह-सज्जा, स्वास्थ्य, आहार और पोषण, चिकित्सा, बाल विकास, वस्त्रों की देख-रेख आदि के सर्वमान्य सिद्धान्त हैं। ये परिस्थितियों के अनुसार केवल कुछ संशोधनों के साथ विश्व के सभी भागों में स्वीकार किए जाते हैं।

(4) गृह विज्ञान में भविष्यवाणी सम्भव है:
गृह विज्ञान से सम्बन्धित अनेक विषयों पर तो निश्चित भविष्यवाणी की जा सकती है तथा अनेक विषयों पर सम्भावनाएँ व्यक्त की जा सकती हैं।

(5) गृह विज्ञान के तथ्य प्रामाणिक होते हैं:
गृह विज्ञान के सिद्धान्त एवं तथ्य सभी परिस्थितियों में प्रामाणिक होते हैं। । उपर्युक्त विवरण द्वारा स्पष्ट है कि ‘गृह विज्ञान’ में विज्ञान की विभिन्न विशेषताएँ विद्यमान हैं।

(ब) गृह विज्ञान : एक कला के रूप में
कला का अर्थ व्यावहारिक जीवन में ज्ञान के प्रयोग से हैं। यह एक मानवीय प्रयत्न है जिसके द्वारा वस्तुओं को पहले से श्रेष्ठ व सुन्दर बनाने का प्रयास किया जाता है। कल्पना एवं सृजनात्मकता कला की मुख्य विशेषताएँ हैं। गृह विज्ञान में भी कला के कुछ तत्त्व विद्यमान हैं। गृह विज्ञान का ज्ञान गृहिणी (UPBoardSolutions.com) में मानवीय गुणों का विकास करता है जिसमें गृह, परिवार व समाज का सर्वांगीण उत्थान निहित है। निम्नलिखित विवरण इस तथ्य की पुष्टि करते हैं—

(1) सौन्दर्य बोध:
कला सौन्दर्य बोध की प्रतीक है। गृह विज्ञान में घर की सज्जा की शिक्षा दी जाती है। इसमें पाक-कला एवं आहार-नियोजन के व्यावहारिक वे कलात्मक दोनों पक्षों का अध्ययन किया जाता है।

(2) परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं का अध्ययन:
परिवार के आर्थिक पक्ष अर्थात् आय-व्यय और बचत के विषय में जानकारी तथा नियोजन, नियन्त्रण एवं मूल्यांकन द्वारा जीवन को सुखमय एवं सुविधाओं से परिपूर्ण बनाने की शिक्षा मिलती है।

(3) व्यक्तिगत सज्जा, वस्त्र-निर्माण एवं देख-रेख आदि:
ये सब जीवन के कलात्मक पक्ष को दिशा प्रदान करते हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि गृह विज्ञान में यदि एक ओर विज्ञान के अनेक विषयों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया जाता है, तो दूसरी ओर गृह-व्यवस्था एवं गृह-सज्जा, अर्थव्यवस्था, व्यक्तिगत सज्जा आदि के कलात्मक सिद्धान्तों को भी व्यावहारिक रूप दिया जाता है। अतः यह कथन कि ”गृह विज्ञान कला और विज्ञान दोनों ही है” पूर्णरूप से तर्कसंगत है।

प्रश्न 3:
गृह विज्ञान के अध्ययन-क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
या
“गृह विज्ञान एक व्यापक विषय है।” सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
गृह विज्ञान का सम्बन्ध घर-परिवार के सामान्य जीवन के प्रायः सभी पक्षों से हैं। इसीलिए गृह विज्ञान का अध्ययन-क्षेत्र अत्यधिक व्यापक एवं बहुपक्षीय है। जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण तथा पहले से अच्छा बनाने में गृह विज्ञान महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। यह उचित (UPBoardSolutions.com) रहन-सहन, स्वास्थ्य, आर्थिक व्यवस्था, गृह प्रबन्ध, कर्तव्यपरायणता एवं नैतिक मूल्यों की शिक्षा देता है। इसमें व्यक्ति, परिवार, समाज एवं राष्ट्र सभी को सम्मिलित किया जाता है। अध्ययन की सुविधा के लिए गृह विज्ञान के अध्ययन क्षेत्र को अग्रलिखित भागों में बाँटा जा सकता है

गृह विज्ञान के प्रमुख क्षेत्र

(1) गृह-प्रबन्ध:
गृह कार्यों की व्यवस्था, पारिवारिक कर्तव्यों का बोध, पारस्परिक सम्बन्ध इत्यादि गृह-प्रबन्ध के अन्तर्गत आते हैं। इसके अतिरिक्त उचित व्यवहार एवं नैतिक मूल्यों को ज्ञान भी सफल गृह-प्रबन्ध के लिए अत्यन्त आवश्यक है।

(2) अर्थव्यवस्था:
परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं के अनुसार परिवार की आय से उचित बजट का बनाना तथा मितव्ययिता व बचत आदि के माध्यम से आय एवं व्यय में सन्तुलन बनाए रखना
अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत आते हैं।

(3) सफाई, सजावट आदि से सम्बन्धित जानकारी:
सफाई और सजावट आदि से सम्बन्धित जानकारी होना गृह विज्ञान का सबसे प्रमुख क्षेत्र है। सफाई हमारे रहने के वातावरण को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सुरक्षित बनाती है तथा सजावट से घर की सुन्दरता बढ़ती है।

(4) स्वास्थ्य रक्षा:
स्वास्थ्य रक्षा से आशय है-व्यक्तिगत व परिवार के अन्य सदस्यों के स्वास्थ्य की देख-रेख और रक्षा करना। इस विषय में सामान्य एवं संक्रामक रोगों के उपचार एवं बचाव के (UPBoardSolutions.com) उपायों की जानकारी के साथ-साथ पेय जल की शुद्धता का ज्ञान भी आवश्यक है। इसके अन्तर्गत जन-स्वास्थ्य के नियमों की समुचित जानकारी प्रदान की जाती है तथा पर्यावरण के प्रदूषण को नियन्त्रित रखने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

(5) आहार एवं पोषण विज्ञान:
गृह विज्ञान के अन्तर्गत ‘आहार तथा पोषण विज्ञान का भी अध्ययन किया जाता है। इसके अन्तर्गत मुख्य रूप से आहार के कार्यों, आहार के तत्त्वों, सन्तुलित आहार, आहार-आयोजन, पाक-क्रिया की प्रणालियों, खाद्य पदार्थों के संरक्षण, पोषण-प्रक्रिया तथा आहार द्वारा रोगों के उपचार का अध्ययन किया जाता है।

(6) बैक्टीरिया विज्ञान:
समस्त प्राणियों के आहार एवं स्वास्थ्य तथा अनेक बैक्टीरिया (जीवाणुओं) का घनिष्ठ सम्बन्ध है। विभिन्न बैक्टीरियाँ हमारे आहार एवं स्वास्थ्य पर अनुकूल अथवा प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। कुछ बैक्टीरिया हमारे भोज्य-पदार्थों की पोषकता तथा उपयोगिता में वृद्धि करते हैं जबकि कुछ अन्य बैक्टीरिया हमारे भोज्य पदार्थों को न केवल दूषित करते हैं बल्कि उन्हें नष्ट भी कर सकते हैं। कुछ बैक्टीरिया तथा विषाणु विभिन्न संक्रामक रोगों को भी जन्म देते हैं। अतः इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए गृह विज्ञान के अन्तर्गत बैक्टीरिया विज्ञान का भी व्यवस्थित अध्ययन किया
जाता है।

(7) प्राथमिक चिकित्सा एवं परिचर्या:
दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों और आकस्मिक रोगियों को तुरन्त आवश्यक एवं सम्भव उपचार उपलब्ध कराना प्राथमिक चिकित्सा कहलाता है। रोगी की उचित देख-रेख, औषधि का समय पर सेवन कराना, आवश्यक बिस्तर का प्रबन्ध करना, नाड़ी, श्वास-गति, ताप आदि का चार्ट बनाना इत्यादि गृह-परिचर्या के अन्तर्गत आते हैं। इन सभी विषयों का व्यवस्थित अध्ययन गृह विज्ञान के अध्ययन-क्षेत्र में सम्मिलित है।

(8) मातृ-कला तथा शिशु-कल्याण:
पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए मातृ-कला तथा शिशु-कल्याण को सभ्य समाज में महत्त्वपूर्ण एवं अति आवश्यक माना जाता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए गृह विज्ञान (UPBoardSolutions.com) के अध्ययन-क्षेत्र में मातृ-कला एवं शिशु-कल्याण को भी सम्मिलित किया गया है। इसके अन्तर्गत गर्भावस्था की देखरेख का व्यापक अध्ययन किया जाता है तथा शिशु-कल्याण सम्बन्धी समस्त गतिविधियों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है।

(9) बाल-विकास तथा पारिवारिक सम्बन्ध:
गृह विज्ञान बाल-विकास एवं पारिवारिक सम्बन्धों का भी व्यवस्थित अध्ययन करता है। इसमें शिशु के जन्म से लेकर उसके आगे के क्रमिक विकास का अध्ययन निहित होता है। गृह विज्ञान में बालकों के शारीरिक, भावात्मक, भाषागत तथा सामाजिक विकास के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी अध्ययन किया जाता है। पारिवारिक सम्बन्धों के अन्तर्गत परिवार के संगठन, विशेषताओं, महत्त्व, कार्यों एवं दायित्वों तथा बदलते सामाजिक प्रतिमानों आदि का अध्ययन किया जाता है।

(10) वस्त्र-विज्ञान एवं परिधान:
वस्त्र-विज्ञान के अन्तर्गत वस्त्र बनाने वाले प्राकृतिक एवं कृत्रिम तन्तुओं का, वस्त्र-निर्माण की विभिन्न विधियों का, वस्त्रों की परिष्कृति तथा प्ररिसज्जा का, वस्त्रों के रख-रखाव एवं संग्रह का, उचित प्रकार से धुलाई आदि का व्यवस्थित एवं वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। ‘परिधान विज्ञान के अन्तर्गत (UPBoardSolutions.com) परिवार के सदस्यों के लिए वस्त्रों के चुनाव, वस्त्रों की कटाई-सिलाई तथा उनकी सज्जा आदि का भी अध्ययन किया जाता है। ये समस्त विषय गृह विज्ञान के अध्ययन-क्षेत्र में सम्मिलित हैं।

(11) गृह-गणित:
वर्तमान प्रणालियों के आधार पर सामान्य गणित का ज्ञोर्न गृह-गणित कहलाता है। इसके द्वारा क्रय-विक्रय में लाभ-हानि, प्रतिशत एवं साधारण ब्याज सम्बन्धी सरल गणनाओं का ज्ञान प्राप्त होता है। गृह-गणित को सामान्य ज्ञान परिवार की अर्थव्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में भी सहायक होता है।

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प्रश्न 4:
गृह विज्ञान शिक्षण क्षेत्र में कौन-कौन से प्रमुख विषय सम्मिलित किए जाते हैं और क्यों? समझाइए।
या
“गृह विज्ञान में विभिन्न विषयों का समावेश है।”इस कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
साधारण रूप से गृह विज्ञान को गृह-प्रबन्ध समझा जाता है, जिसके अन्तर्गत घर की व्यवस्था, आर्थिक सन्तुलन तथा रहन-सहन का स्तर आदि सम्मिलित हैं। परन्तु वास्तविकता यह है कि गृह-प्रबन्ध, गृह विज्ञान का एक पक्ष है, जबकि गृह विज्ञान के अन्तर्गत गृह से सम्बन्धित सम्पूर्ण पक्षों का (UPBoardSolutions.com) समावेश होता है। गृह विज्ञान वास्तव में कोई एक स्वतन्त्र विषय नहीं है, वरन् यह विषय विभिन्न सामाजिक एवं वैज्ञानिक विषयों के ऐसे अंशों का समन्वित रूप है जिनका ज्ञान घर एवं सामाजिक परिवेश के सामान्य क्रिया-कलापों में भाग लेने एवं गृहस्थ-जीवन की दैनिक समस्याओं को हल करने हेतु आवश्यक है। इस प्रकार स्पष्ट है कि गृह विज्ञान का अध्ययन-क्षेत्र पर्याप्त विस्तृत है। इस विज्ञान के अन्तर्गत मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों का अध्ययन किया जाता है

(1) शरीर-रचना व स्वास्थ्य विज्ञान:
इसके अन्तर्गत सुखी, सन्तुष्ट एवं स्वस्थ रहने के लिए हमें शरीर-रचना एवं स्वास्थ्य विज्ञान का आवश्यक ज्ञान दिया जाता है।

(2) चिकित्सा एवं परिचर्या:
गृह विज्ञान द्वारा महत्त्वपूर्ण रोगों के निदान अथवा प्राथमिक चिकित्सा के लिए चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन तथा रोगी की देखभाल के लिए गृह-परिचर्या का आवश्यक ज्ञान प्राप्त किया जाता है।

(3) आहार व पोषणविज्ञान:
इनके अध्ययन से भोजन व इसके पोषक तत्वों को आवश्यक ज्ञान प्राप्त किया जाता है। प्रत्येक परिवार में प्रतिदिन आहार की अनिवार्य रूप से व्यवस्था की जाती है (UPBoardSolutions.com) तथा इस व्यवस्था का दायित्व मुख्य रूप से गृहिणी का ही होता है। अतः गृह विज्ञान में बालिकाओं को आहार एवं पोषण विज्ञान की समुचित जानकारी प्रदान की जाती है।

(4) मातृकला और बाल-कल्याण:
आज की बालिकाएँ ही भावी माताएँ हैं; अतः उनके भावी जीवन को सरल एवं सफल बनाने के लिए गृह विज्ञान के अन्तर्गत मातृकला एवं बाल-कल्याण का
आवश्यक ज्ञान प्रदान किया जाता है।

(5) जीव विज्ञान:
यह हमें लाभदायक पौधों एवं प्राणियों से सम्बन्धित ज्ञान उपलब्ध कराता है। इस ज्ञान का भी व्यावहारिक जीवन में महत्त्व है। अतः गृह विज्ञान में जीव विज्ञान का प्रारम्भिक ज्ञान प्रदान किया जाता है।

(6) भौतिक व रसायन विज्ञान:
ये हमें आधुनिक यन्त्रों एवं ऊर्जा के स्रोतों का व्यावहारिक ज्ञान एवं पर्यावरण सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराते हैं। यह ज्ञान प्रत्येक व्यक्ति एवं परिवार के लिए अति आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण है; अतः इस क्षेत्र के प्रारम्भिक ज्ञान को गृह विज्ञान में अनिवार्य रूपसे सम्मिलित किया जाता है

(7) अर्थशास्त्र व गृह-गणित:
इनके अध्ययन से हमें आय-व्यय, बचत, बजट अर्थात् परिवार के लिए आवश्यक एवं उपयोगी आर्थिक जानकारी एवं सम्बन्धित गणित का ज्ञान होता है। गृहिणियों के लिए दैनिक जीवन में इस ज्ञान की अत्यधिक आवश्यकता होती है; अतः इस विषय को भी गृह विज्ञान में
सम्मिलित किया गया है।

(8) मनोविज्ञान, दर्शन व नीतिशास्त्र:
इनको अध्ययन मानव जीवन में मनोवैज्ञानिक, दार्शनिक एवं नैतिक मूल्यों के महत्त्व पर प्रकाश डालता है।

(9) पारिवारिक समाजशास्त्र:
परिवार के संगठन, स्वरूपों, कार्यों तथा समस्याओं आदि का व्यवस्थित अध्ययन पारिवारिक समाजशास्त्र के अन्तर्गत किया जाता है। पारिवारिक जीवन को सुखी एवं व्यवस्थित बनाने के लिए यह ज्ञान अति आवश्यक होता है। इस तथ्य यह खते ? रिट में पारिवारिक समाजशास्त्र का भी अध्ययन किया जाता हैं।

(10) नागरिकशास्त्र:
नागरिकों के मूल अधिकार क्या हैं? नागरिकों के प्रमुख कर्त्तव्य क्या हैं? इन्हें जानने के लिए नागरिकशास्त्र का अध्ययन आवश्यक है। गृह विज्ञान के मूल उद्देश्यों की प्राप्ति में यह ज्ञान सहायक होता है; अतः इस विषय का भी प्रारम्भिक अध्ययन गृह विज्ञान के अन्तर्गत किया जाता है।

(11) वस्त्र विज्ञान:
वस्त्र व्यक्ति की मौलिक आवश्यकता है। वस्त्र विज्ञान के अन्तर्गत वस्त्रों के निर्माण, गुणों, परिधान के चुनाव एवं निर्माण आदि का व्यवस्थित अध्ययन किया जाता है। प्रत्येक घर-परिवार में परिवार के सदस्यों के लिए वस्त्रों की समुचित व्यवस्था की जाती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही गृह विज्ञान में वस्त्र विज्ञान का भी व्यवस्थित अध्ययन किया जाता है।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है। इस प्रकार वह अपने परिवार का सदस्य होने के साथ-साथ सम्पूर्ण देश तथा विश्व से भी जुड़ा हुआ (UPBoardSolutions.com) है। इसलिए गृह विज्ञान का विषय-क्षेत्र भी घर तक ही सीमित नहीं है, वरन् इसका क्षेत्र समाज व विश्व भी है। इसी आधार पर गृह विज्ञान अपने सिद्धान्तों और क्रियाओं द्वारा बालक व बालिका को पूर्णता प्रदान करता है। अतः स्पष्ट है कि गृह विज्ञान अपने अन्तर्गत उन सभी आवश्यक विषयों को सम्मिलित करता है जो परिवार के विभिन्न सदस्यों के सर्वांगीण विकास हेतु अत्यन्त आवश्यक है।

प्रश्न 5:
गृह विज्ञान के अध्ययन के महत्त्व को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
या
”गृह विज्ञान एक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण विषय है।” इस कथन की पुष्टि करते हुए गृह विज्ञान के महत्त्व एवं उपयोगिता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गृह विज्ञान एक उपयोगी एवं व्यावहारिक महत्त्व का विज्ञान है। इसका प्रत्यक्ष सम्बन्ध घर एवं परिवार के सामान्य जीवन के प्रायः सभी पक्षों से है। गृह विज्ञान मुख्य रूप से बालिकाओं की शिक्षा-पाठ्यचर्या का एक अनिवार्य विषय है। वास्तव में, आज की छात्राएँ ही भावी गृहिणियाँ एवं (UPBoardSolutions.com) माताएँ है, उन्हें ही धर-गृहस्थी का दायित्व सँभालना तथा बच्चों का पालन-पोषण करना होता है। इस स्थिति में बालिकाओं के लिए गृह विज्ञान का समुचित ज्ञान अर्जित करना नितान्त अनिवार्य है। गृह विज्ञान के अध्ययन के महत्त्व एवं उपयोगिता का विवरण निम्नवर्णित है

गृह विज्ञान का महत्त्व एवं उपयोगिता

(1) श्रम, समय एवं व्यय की बचत में सहायक:
गृह विज्ञान में उन समस्त उपायों एवं विधियों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अध्ययन किया जाता है जिनके उपयोग से हमारे सभी घरेलू कार्य शीघ्र, आसानी से कम खर्च करके पूरे हो जाते हैं। गृह विज्ञान में ही श्रम, समय, धन तथा ईंधन आदि की बचत करने वाले उपकरणों को उचित ढंग से प्रयोग करने का अध्ययन किया जाता है। इसके अतिरिक्त गृह विज्ञान की छात्रा को सिखाया जाता है कि वह किस प्रकार से (UPBoardSolutions.com) अपने सभी कार्य व्यवस्थित रूप से कर सकती है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हम कह सकते हैं कि गृह विज्ञान का ज्ञान श्रम, समय एवं धन को बचत में सहायक है।

(2) आर्थिक नियोजन में सहायक:
गृह विज्ञान के अन्तर्गत प्रारम्भिक आर्थिक नियमों का भी अध्ययन किया जाता है तथा प्रारम्भिक गणित भी सीखा जाता है। इससे गृहिणियों को अपने घर के खर्च व्यवस्थित करने तथा उसका ठीक-ठीक हिसाब रखने में सहायता प्राप्त होती है। गृह विज्ञान में घर का बजट तैयार करना तथा उसके (UPBoardSolutions.com) अनुसार खर्च करना भी सिखाया जाता है। बजट के अनुसार खर्च करने से व्यक्ति कभी भी आर्थिक संकट में नहीं फँसता। आर्थिक दृष्टि से नियोजित परिवार सदैव सुखी एवं समृद्ध कहता है। इस दृष्टिकोण से भी गृह विज्ञान के ज्ञान को उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

(3) आहार एवं पोषण सम्बन्धी ज्ञान अर्जित करने में सहायक:
गृह विज्ञान के अध्ययन का एक उल्लेखनीय महत्त्व यह भी है कि इससे हमें आहार एवं पोषण सम्बन्धी समुचित ज्ञान प्राप्त हो जाता है। गृह विज्ञान के अन्तर्गत हम आहार के तत्त्वों, विभिन्न भोज्य पदार्थों की उपयोगिता, सन्तुलित आहार तथा पोषण आदि के विषय में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अध्ययन करते हैं। इस प्रकार के ज्ञान को प्राप्त करके कोई भी गृहिणी अपने परिवार के सदस्यों के लिए सीमित आय में भी सन्तुलित आहार उपलब्ध करा सकती है। यही नहीं गृह विज्ञान के ज्ञान के आधार पर आहार-आयोजन के नियमों को जानकर तथा
आहार–संरक्षण एवं संग्रह की विधियों को समझकर, अनेक प्रकार से बचत की जा सकती है।

(4) क्रय-विक्रय एवं बचत का ज्ञान अर्जित करने में सहायक:
गृह विज्ञान विषय के अन्तर्गत बालिकाओं की क्रय-विक्रय एवं बाजार की गतिविधियों में ध्यान रखने योग्य बातों की भी जानकारी प्रदान की जाती है तथा उपभोक्ताओं के हितों का ज्ञान प्रदान किया जाता है। इस जानकारी से आगे चलकर गृहिणियों को अपने दैनिक जीवन में विशेष सहायता प्राप्त होती है। गृह विज्ञान के अन्तर्गत बैंक, डाकघर तथा जीवन बीमा आदि की कार्य-प्रणालियों का भी अध्ययन किया जाता है। इससे भी गृहिणियों को विशेष लाभ होता है।

(5) स्वास्थ्य एवं शरीर सम्बन्धी ज्ञान अर्जित करने में सहायक:
गृह विज्ञान में स्वास्थ्य के नियमों का विस्तृत रूप में अध्ययन किया जाता है। व्यक्तिगत स्वच्छता, व्यायाम तथा विश्राम आदि के नियमों एवं लाभों का भी अध्ययन किया जाता है। गृह विज्ञान में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक आदतों को अपनाने तथा हानिकारक आदतों को छोड़ने के लिए भी (UPBoardSolutions.com) सुझाव प्रस्तुत किए जाते हैं एवं उपाय बताए जाते हैं। इसके अतिरिक्त गृह विज्ञान में शरीर सम्बन्धी बहुपक्षीय ज्ञान भी प्रदान किया जाता है। इस ज्ञान का सम्पूर्ण परिवार के लिए विशेष महत्त्व है। इस दृष्टिकोण से भी गृह विज्ञान को उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण विषय माना जाता है।

(6) मातृ-कला एवं शिशु-कल्याण का ज्ञान अर्जित करने में सहायक:
आज की छात्राएँ ही भावी माताएँ हैं। लड़कियों के लिए मातृ-कला’ एवं ‘शिशु-कल्याण’ का समुचित ज्ञान विशेष रूप से उपयोगी होता है। गृह विज्ञान के अन्तर्गत इस विषय से सम्बन्धित व्यावहारिक एवं वैज्ञानिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। इस ज्ञान को प्राप्त करके, गृहिणियाँ गृहस्थ जीवन की समस्याओं एवं परेशानियों का विवेकपूर्ण ढंग से सामना कर लेती हैं। इस तथ्य के आधार पर कहा जा सकता है कि गृह विज्ञान का
अध्ययन लड़कियों के लिए विशेष महत्त्वपूर्ण होता है।

(7) प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान प्राप्त करने में सहायक:
गृह विज्ञान के अन्तर्गत प्राथमिक चिकित्सा तथा गृह-परिचर्या का सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। इससे घर में घटित होने वाली किसी भी आकस्मिक दुर्घटना के समय, गृहिणियाँ घबराती नहीं, बल्कि सूझ-बूझ तथा जानकारी द्वारा दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को, हर सम्भव (UPBoardSolutions.com) सहायता प्रदान करती हैं। परिवार के किसी सदस्य के बीमार हो जाने पर उसकी परिचर्या की व्यवस्था की जाती है। इस दृष्टिकोण से भी कहा जा सकता हैं कि गृह विज्ञान का अध्ययन विशेष महत्त्वपूर्ण है।

(8) वस्त्रों को तैयार करने तथा रख-रखाव के ज्ञान की प्राप्ति:
गृह विज्ञान में वस्त्रों की कटाई-सिलाई तथा मरम्मत आदि का प्रयोगात्मक रूप में अध्ययन किया जाता है। इसके साथ-साथ वस्त्रों की उचित धुलाई तथा संग्रह की विधियों को भी सिखाया जाता है। इन सबसे परिवार के सदस्यों के वस्त्र जहाँ एक ओर कम खर्चे में तैयार हो जाते हैं, वहीं वस्त्र अधिक समय तक अच्छी हालत में रहते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में भी गृह विज्ञान का अध्ययन विशेष रूप से उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण सिद्ध होता है।

(9) शारीरिक श्रम तथा सामाजिक कार्यों के प्रति रुचि जाग्रत करना:
गृह विज्ञान में ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों के सैद्धान्तिक अध्ययन के साथ-साथ प्रयोगात्मक कार्य भी किए जाते हैं। इस प्रकार के प्रयोगात्मक कार्यों को करने से छात्रों में शारीरिक श्रम तथा सामाजिक कार्यों के प्रति भी रुचि उत्पन्न होती है। इस प्रवृत्ति से पूरे समाज को ही लाभ होता है।

(10) गृह विज्ञान का व्यावसायिक महत्त्व:
गृह विज्ञान की शिक्षा ग्रहण करने वाली छात्राओं के लिए गृह विज्ञान के अध्ययन का व्यावसायिक महत्त्व भी है। गृह विज्ञान की शिक्षा प्राप्त छात्राओं के लिए विभिन्न व्यवसाय अपनाने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो सकते हैं; जैसे  बालवाड़ी एवं आँगनवाड़ी शिक्षिका, समाज-सेविका, प्राथमिक (UPBoardSolutions.com) चिकित्सा निर्देशिका, ग्राम-सेविका, परिवार नियोजन निर्देशिका, पोषण-विशेषज्ञा तथा गृह विज्ञान अध्यापिका आदि पद प्राप्त हो सकते हैं। ये समस्त व्यवसाय मानव एवं समाज-सेवा से सम्बद्ध हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि गृह विज्ञान का व्यावसायिक महत्त्व भी उल्लेखनीय है।
उपर्युक्त विवरण द्वारा स्पष्ट है कि गृह विज्ञान के अध्ययन का बहुपक्षीय महत्त्व एवं उपयोग है। यहाँ यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि गृह विज्ञान का ज्ञान केवल बालिकाओं एवं महिलाओं के लिए ही उपयोगी नहीं है बल्कि इस ज्ञान से परिवार के सभी सदस्य लाभान्वित हो सकते हैं।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
स्पष्ट कीजिए कि गृह विज्ञान परिवार के सभी सदस्यों के लिए महत्त्वपूर्ण है।
या
‘गृह विज्ञान केवल बालिकाओं के लिए ही नहीं वरन् लड़कों के लिए भी उपयोगी विषय है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पारम्परिक रूप से यह माना जाता रहा है कि गृह विज्ञान केवल बालिकाओं एवं महिलाओं के लिए ही उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण विषय है, किन्तु यह धारणा भ्रामक है। वास्तव में गृह विज्ञान का ज्ञान परिवार के सभी सदस्यों के लिए उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण है। आधुनिक पारिवारिक परिस्थितियों में गृह-व्यवस्था, गृह-सज्जा तथा परिवार की सुख-सुविधाओं में वृद्धि के लिए परिवार के सभी सदस्यों का समुचित योगदान आवश्यक होता है। इस स्थिति में परिवार के सभी सदस्यों के लिए गृह विज्ञान का समुचित ज्ञान आवश्यक है। इसी तथ्य (UPBoardSolutions.com) को ध्यान में रखते हुए अब लड़कियों के अतिरिक्त लड़कों के लिए भी गृह विज्ञान के अध्ययन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। लड़कों द्वारा अपनाए जाने वाले कुछ व्यवसाय ऐसे भी हैं, जिनमें गृह विज्ञान का अध्ययन एवं ज्ञान सहायक होता है। उदाहरण के लिए-होटल प्रबन्धन, खाद्य-संरक्षण तथा परिधान-निर्माण आदि कुछ ऐसे ही व्यवसाय हैं। इस स्थिति में हम कह सकते हैं कि गृह विज्ञान केवल बालिकाओं के लिए ही नहीं वरन् लड़कों के लिए भी समान रूप से उपयोगी विषय है।

प्रश्न 2:
स्पष्ट कीजिए कि गृह विज्ञान एक व्यापक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण विषय है।
उत्तर:
हम जानते हैं कि गृह विज्ञान वह व्यवस्थित अध्ययन है जिसके अन्तर्गत उन सभी विषयों का अध्ययन किया जाता है जो सुखी एवं आदर्श परिवार के निर्माण में सहायक होते हैं। पारिवारिक जीवन के अनेक पक्ष एवं क्षेत्र हैं; अतः गृह विज्ञान के अन्तर्गत ज्ञान के विभिन्न पक्षों एवं क्षेत्रों का अनिवार्य रूप से अध्ययन किया जाता है। गृह विज्ञान में गृह-प्रबन्ध एवं गृह-सज्जा, गृह कार्य-व्यवस्था, गृह अर्थव्यवस्था, सामान्य स्वास्थ्य एवं शरीर शास्त्र, प्राथमिक चिकित्सा एवं गृह-परिचर्या, आहार एवं पोषण विज्ञान, वस्त्र विज्ञान तथा पारिवारिक समाजशास्त्र एवं मनोविज्ञान आदि अनेक विषयों का अध्ययन किया जाता है। इस स्थिति में हम कह सकते हैं कि (UPBoardSolutions.com) गृह विज्ञान एक व्यापक विषय है।
गृह विज्ञान एक कोरा सैद्धान्तिक विषय नहीं है। इसके अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पारिवारिक जीवन को अधिक-से-अधिक सरल, सुविधाजनक एवं उत्तम बनाना है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही गृह विज्ञान को व्यावहारिक दृष्टिकोण से उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण बनाया गया है। गृह विज्ञान के अन्तर्गत विभिन्न विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान को दैनिक जीवन में उपयोग में लाया जाता है तथा उससे लाभ प्राप्त किया जाता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि गृह विज्ञान एक व्यापक तथा व्यावहारिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण विषय है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
गृह विज्ञान को इसके विकास के प्रथम चरण में किस नाम से जाना जाता था?
उत्तर:
गृह विज्ञान को इसके विकास के प्रथम चरण में ‘गृह अर्थशास्त्र’ (Home Economics) के नाम से जाना जाता था

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प्रश्न 2:
वर्तमान समय में गृह विज्ञान को अन्य किन-किन नामों से भी जाना जाता है?
उत्तर:
वर्तमान समय में गृह विज्ञान को

  1.  ‘गृह विज्ञान तथा गृह-कला’
  2.  “घरेलू विज्ञान तथा गृह-कला’ तथा
  3.  गृह शिल्प एवं सम्बन्धित कला’ आदि नामों से भी जाना जाता है।

प्रश्न 3:
गृह विज्ञान के मुख्य तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
गृह विज्ञान के मुख्य तत्त्वे चार हैं अर्थात् ‘परिवार के सदस्यों का बहुमुखी विकास, नियोजन, नियन्त्रण तथा मूल्यांकन’।

प्रश्न 4:
गृह विज्ञान के अध्ययन का मुख्यतम उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
गृह विज्ञान के अध्ययन का मुख्यतम उद्देश्य सुखी एवं आदर्श पारिवारिक जीवन व्यतीत करने के उपाय जानना है।

प्रश्न 5:
गृह विज्ञान की एक व्यवस्थित परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
“गृह विज्ञान वह व्यावहारिक विज्ञान है, जो अपने अध्ययनकर्ताओं को सफल पारिवारिक जीवन व्यतीत करने, सामाजिक तथा आर्थिक समस्याओं को हल करने और सुखमय जीवन-यापन करने की दशाओं का ज्ञान कराता है।

प्रश्न 6:
गृह विज्ञान के अध्ययन के किन्हीं चार केन्द्रों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. आगरा (उ० प्र०),
  2. पन्तनगर (उ० प्र०),
  3.  लेडी इरविन कॉलेज (दिल्ली ), तथा
  4. बंगलुरू (कर्नाटक)

प्रश्न 7:
गृह विज्ञान किस प्रकार का विज्ञान है?
उत्तर:
गृह विज्ञान एक सामान्य तथा व्यावहारिक महत्त्व का विज्ञान है।

प्रश्न 8:
परिवार में गृह विज्ञान के अध्ययन का सर्वाधिक महत्त्व किसके लिए है?
उत्तर:
परिवार में गृह विज्ञान के अध्ययन का सर्वाधिक महत्त्व गृहिणी के लिए है।

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प्रश्न 9:
पारिवारिक जीवन में गृह विज्ञान के ज्ञान के दो मुख्य लाभ बताइए।
उत्तर:
पारिवारिकजीवन में गृह विज्ञान के ज्ञान के दो मुख्य लाभ हैं

  1. श्रम, समय एवं व्यय की बचत में सहायक तथा
  2. आर्थिक-नियोजन में सहायक।

प्रश्न 10:
क्या गृह विज्ञान का अध्ययन गृहिणी के अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
गृह विज्ञान का अध्ययन एवं सम्बन्धित जानकारी परिवार के सभी सदस्यों के लिए समान रूप से महत्त्वपूर्ण है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न:
प्रत्येक प्रश्न में चार वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। इनमें से सही विकल्प चुनकर लिखिए

(1) ‘गृह विज्ञान’ से आशय है
(क) गृह-निर्माण,
(ख) घर-परिवार सम्बन्धी व्यवस्थित ज्ञान,
(ग) गृहिणियों का अध्ययन विषय,
(घ) घर को सजाने सँवारने का ज्ञान।

(2) गृह विज्ञान है
(क) शुद्ध विज्ञान,
(ख) शुद्ध कला,
(ग) विज्ञान एवं कला दोनों,
(घ) इनमें में से कोई नहीं।

(3) गृह विज्ञान के अन्तर्गत अध्ययन किया जाता है
(क) आहार एवं पोषण विज्ञान का,
(ख) आय एवं व्यय के नियोजन का,
(ग) वस्त्र एवं परिधान शास्त्र का,
(घ) सम्पूर्ण गृह-व्यवस्था का

(4) गृह विज्ञान का क्षेत्र होता है
(क) सीमित,
(ख) व्यापक,
(ग) व्यावहारिक,
(घ) अव्यावहारिक

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(5) गृह विज्ञान के अन्तर्गत अध्ययन किया जाता है
(क) गृह-प्रबन्ध का,
(ख) गृह अर्थव्यवस्था का,
(ग) आहार एवं पोषण का,
(घ) इन सभी का।

(6) गृह विज्ञान किस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है?
(क) केवल सैद्धान्तिक,
(ख) केवल व्यावहारिक,
(ग) सैद्धान्तिक तथा व्यावहारिक दोनों,
(घ) इनमें से कोई नहीं।

(7) गृह विज्ञान उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण है
(क) गृह विज्ञान की छात्राओं के लिए,
(ख) केवल गृहिणियों के लिए,
(ग) परिवार के सभी सदस्यों के लिए,
(घ) किसी के लिए भी नहीं।

उत्तर:
(1) (ख) घर-परिवार सम्बन्धी व्यवस्थित ज्ञान,
(2) (ग) विज्ञान एवं कला दोनों,
(3) (घ) सम्पूर्ण गृह-व्यवस्था को,
(4) (ख) व्यापक,
(5) (घ) इन सभी का,
(6) (ग) सैद्धान्तिक तथा व्यावहारिक दोनों,
(7) (ग) परिवार के सभी सदस्यों के लिए।

We hope the UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 1 गृह विज्ञान के तत्त्व और क्षेत्र help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 1 गृह विज्ञान के तत्त्व और क्षेत्र, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

 

UP Board Solutions for Class 9 English Suplementary Reader Chapter 3 Letter to the Children of India (Chacha Nehru)

UP Board Solutions for Class 9 English Suplementary Reader Chapter 3 Letter to the Children of India (Chacha Nehru)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 English Suplementary Reader Chapter 3 Letter to the Children of India (Chacha Nehru)

(A) SHORT ANSWER TYPE QUESTIONS AND THEIR ANSWERS
Answer the following questions in not more than 25 words each :

Question 1.
What does Pandit Nehru like to do with children?
पं० नेहरू बच्चों के साथ क्या करना पसन्द करते हैं?
Answer:
Pandit Nehru likes being with children and talking to them and even more playing with them.
पं० नेहरू बच्चों के साथ रहना, उनसे बातें करना तथा इससे भी अधिक उनके साथ खेलना पसन्द करते हैं।

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Question 2.
Why does Pandit Nehru like being with children?
पं० नेहरू बच्चों के साथ रहना क्यों पसन्द करते हैं?
Answer:
Pandit Nehru likes being with children because for a moment he forgets that he is terribly old among them.
पं० नेहरू बच्चों के साथ रहना इसलिए पसन्द करते हैं (UPBoardSolutions.com) क्योंकि क्षण भर के लिए वे भूल जाते हैं कि वे उनके बीच में अत्यधिक बूढ़े है।

Question 3.
“The world itself is the greatest fairy tale.” What does the word ‘fairy tale’ mean here?
विश्व स्वयं ही सबसे अधिक सुन्दर परियों की कहानी है।’ यहाँ पर परियों की कहानी शब्द का क्या तात्पर्य है?
Answer:
The word ‘fairy tale’ means on account of strange incidents and stories about fairies here.
परियों की कहानी का तात्पर्य परियों के बारे में विचित्र घटनाओं और कहानियों से है।।

Question 4.
How can we make friends with the objects of nature?
हम प्रकृति की वस्तुओं के साथ किस प्रकार मित्रता कर सकते हैं?
Answer:
If we go to the objects of nature affectionately and with friendship, we can make them friends.
यदि हम प्रकृति की वस्तुओं के पास प्रेमपूर्वक एवं मित्रतापूर्वक जायें तो हम उनसे मित्रता कर सकते हैं।

Question 5.
That was much more interesting than many of my talks with the grown ups. What does the word ‘that here refer to?
व्यस्क व्यक्तियों के साथ मेरी बातों की अपेक्षा वह कहीं अधिक रुचिकर था। यहाँ पर वह शब्द क्या सन्दर्भित करता हैं?
Answer:
Pandit Nehru found the children in America, Canada and England very like the children of India. So he made friends and played with them a little. The word ‘that’ refers to the playing with the children of those countries.
पं० नेहरू ने अमेरिका, कनाडा और इंग्लैण्ड में बच्चों को भारत के बच्चों की ही तरह पाया। इसलिए उन्होंने उनके साथ मित्रता की और थोड़ा सा खेले भी। वह शब्द उन (UPBoardSolutions.com) देशों के बच्चों के साथ खेल को सन्दर्भित करता है।

Question 6.
In the sentence ‘I found the children there very like the children here’. Which place do there’ and ‘here’ refer to?
मैंने वहाँ पर बच्चों को यहाँ के बच्चों जैसा पाया।” वाक्य में वहाँ और यहाँ किस स्थान को सन्दर्भित करते हैं?
Answer:
The word ‘there’ refers to the countries of United States of America, Canada and England and ‘here’ stands for India.
‘वहाँ’ शब्द संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और इंग्लैण्ड देशों को सन्दर्भित करता है तथा यहाँ’ शब्द भारत के लिए

Question 7.
What do the grown ups imagine about themselves? What is its result?
व्यस्क लोग अपने विषय में क्या कल्पना करते हैं? इसका परिणाम क्या होता है?
Answer:
The grown ups imagine about themselves that they are different from the people of other countries. Its result is that they deliberately make themselves different from others.
वयस्क लोग अपने विषय में कल्पना करते है कि वे दूसरे देशों के लोगों से भिन्न है। इसका परिणाम यह है कि वे जान-बूझकर अपने को दूसरों से भिन्न बना लेते हैं।

Question 8.
What did the children of Japan ask Pandit Nehru to send them?
जापान के बच्चों ने पं० नेहरू से अपने लिए क्या भेजने को कहा?
Answer:
The children of Japan asked Pandit Nehru to send them an elephant.
जापान के बच्चों ने पं० नेहरू से अपने लिए एक हाथी भेजने को कहा।

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Question 9.
Where did the elephant come from? How was the elephant sent to Japan?
हाथी कहाँ से आया था? हाथी को जापान किस प्रकार भेजा गया?
Answer:
The elephant came from Mysore and it was sent to Japan by sea.
हाथी मैसूर से आया था तथा इसे समुद्री मार्ग से जापान भेजा गया।

Question 10.
How are children all over the world outwardly different and yet so very like one another?
पूरे विश्व में बच्चे बाह्य रूप से भिन्न तथा फिर भी एक दूसरे से बहुत समान किस प्रकार हैं?
Answer:
Children all over the world outwardly are different as they speak different languages andwear different kinds of clothes. But they are very like one another as they play and quarrel like.
सम्पूर्ण विश्व में बच्चे बाह्य रूप से भिन्न हैं क्योंकि वे भिन्न-भिन्न भाषाएँ बोलते हैं और विभिन्न प्रकार के वस्त्र पहनते हैं किन्तु वे एक दूसरे के बहुत समान हैं क्योंकि वे समान (UPBoardSolutions.com) रूप से खेलते और झगड़ा करते हैं।

Question 11.
Where does Pandit Nehru wish to go with young children?
पं० नेहरू छोटे बच्चों के साथ कहाँ जाना चाहते हैं?
Answer:
Pandit Nehru likes to go to all the nooks and corners of India with young children.
पं० नेहरू छोटे बच्चों के साथ भारत के कोने-कोने में जाना चाहते हैं।

Question 12.
What are the two simple truths that Pandit Nehru talks about in the letter?
वे दो साधारण सत्य क्या हैं जिनके विषय में पं० नेहरू अपने पत्र में बताते हैं?

Answer:
According to Pandit Nehru, there are two suple truths that Nehru talks about in the letter :
(i) If we meet other people in friendly way, they also become friendly.
(ii) If we show our dislike to them, they behave in the same manner.
पं० नेहरू के अनुसार दो साधारण (UPBoardSolutions.com) सत्य जिनके विषय में वे अपने पत्र में बताते हैं, हैं—
(i) यदि हम दूसरे लोगों से मित्रवत् मिलें तो वे भी मित्रवत् हो जाते हैं।
(ii) यदि हम उनके प्रति घृणा प्रदर्शित करते हैं तो वे भी उसी ढंग से व्यवहार करते हैं।

Question 13.
What is sometimes the attitude of the people of one country towards the people of other countries?
कभी-कभी एक देश के लोगों की दृष्टिकोण दूसरे देशों के लोगों के प्रति किस प्रकार का होता है?
Answer:
Sometimes the attitude of the people of one country towards people of other countries is hateful and learful.
कभी-कभी एक देश के लोगों का दृष्टिकोण दूसरे देशों के लोगों के प्रति घृणा एवं भययुक्त होता है।

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(B) MULTIPLE CHOICE QUESTIONS
Select the most suitable alternative to complete each of the following statements :
निम्नलिखित कथनों में से प्रत्येक को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुनिये—-

(i) Pandit Nehru found the children of U.S.A., Canada and England :
(a) better than the children of India
(b) quite different from the children of India
(c) very like the children of India
(d) worse than the children of India
(ii) Pandit Nehru wanted to go with young children to :
(a) big factories of India
(b) mountains, forests and big rivers of India
(c) great cities of India
(d) big towns of India
Answers:
(i) (c) very like the children of India
(ii) (b) mountains, forests and big rivers of India

(C) Say whether each of the following statements is ‘true’ or ‘false’:
बताइये कि निम्नलिखित कथनों में से प्रत्येक ‘सत्य’ है अथवा ‘असत्य’—
(i) Pandit Nehru loved to talk to children and play with them.
(ii) The children of Japan wrote to Pandit Nehru to send a Bengal tiger.
(iii)Children of different countries are quite different.
(iv) People of one country hate the people of another country because they are afraid of them.
(v) Children should be wiser.
Answers:
(i) T, (ii) F, (iii) F, (iv) T, (v)T.

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(D)Look up each of the following words in the dictionary and pick out the meaning in which it is used in the text :
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्येक को शब्दकोश में खोजिए और उनका अर्थ उस प्रसंग में बताइये जिसमें उनका प्रयोग इस पाठ में  हुआ हैं—
moment; surround; deliberately, visit; vast; discover
Answers:
moment                                             a very brief period of time
surround                                            shut in on all sides (चारों ओर से घिरा हुआ)
deliberately                                       intentionally (जानबूझकर)
visit                                                     see (देखना)
visit                                                     huge (विशाल)
discover                                             search (खोजना)

UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics

UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (सांख्यिकी)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 Maths. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (सांख्यिकी).

प्रश्नावली 14.1

प्रश्न 1. उन आँकड़ों के पाँच उदाहरण दीजिए जिन्हें आप दैनिक जीवन में एकत्रित कर सकते हैं।
हल :
दैनिक जीवन में संग्रह योग्य आँकड़े :

  1. अपनी कक्षा के 25 सहपाठियों द्वारा एक क्लास टेस्ट में प्राप्त अंकों का संग्रह।
  2. अपने परिवार के सदस्यों की आयु और उनकी लम्बाई सम्बन्धी आँकड़ों का संग्रह।
  3. कक्षा के छात्रों के परिवार के सदस्यों की संख्या का संग्रह।
  4. उद्यान में लगे 20 पौधों की लम्बाइयों का संग्रह।
  5. N.C.C. ऑफिसर से ऐसे छात्रों की सूची का संग्रह जिन्होंने N.C.C. कोर्स लिया है। ऐसे और भी अनेक उदाहरण सम्भव हैं।

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प्रश्न 2. ऊपर दिए गए प्रश्न 1 के आँकड़ों को प्राथमिक आँकड़ों या गौण आँकड़ों में वर्गीकृत कीजिए।
हल :
प्रश्न 1 में दिए गए प्रथम चार उदाहरण प्राथमिक आँकड़ों के हैं क्योकि इनका संग्रह स्वयं किया गया है। पाँचवाँ उदाहरण गौण आँकड़ों का है क्योकि उनका संग्रह स्वयं न करके एक कार्यालय की सूची से किया गया है।

प्रश्नावली 14.2

प्रश्न 1. आठवीं कक्षा के 30 विद्यार्थियों के रक्त समूह ये हैं :
A, B, O, O, AB, O, A, O, B, A, O, B, A, O, O, A, AB, O, A, A, O, O, AB, B, A, O, B, A, B, O
इन आँकड़ों को एक बारम्बारता बण्टन सारणी के रूप में प्रस्तुत कीजिए। बताइए कि इन विद्यार्थियों में कौन-सा रक्त समूह अधिक सामान्य है और कौन-सा रक्त समूह विरलतम रक्त समूह है।
हल :
यहाँ A, B, O, AB चार रक्त समूह हैं जिनकी उपस्थिति का 30 विद्यार्थियों के रक्त में परीक्षण किया गया है।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-1
स्पष्ट है कि अधिकतम बारम्बारता वाला रक्त समूह अर्थात रक्त समूह 0 अधिक सामान्य है और न्यूनतम बारम्बारता वाला रक्त समूह अर्थात रक्त समूह AB विरलतम है।

प्रश्न 2. 40 इंजीनियरों की उनके आवास से कार्य-स्थल की ( किलोमीटर में) दूरियाँ ये हैं :
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-2
0 – 5 को (जिसमें 5 सम्मिलित नहीं है) पहला अन्तराल लेकर ऊपर दिए हुए आँकड़ों से वर्ग-माप 6 वाली एक वर्गीकृत बारम्बारता बण्टन सारणी बनाइए। इस सारणीबद्ध निरूपण में आपको कौन-से मुख्य लक्षण देखने को मिलते हैं?
हल : इंजीनियरों के आवास से उनके कार्यालय की न्यूनतम दूरी = 2 किमी
अधिकतम दूरी = 32 किमी
दूरी का परिसर = 32 – 2 = 30 किमी
वर्गों की संख्या = [latex]\frac { 30 }{ 5 }[/latex] + 1 = 6 + 1 = 7
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-3
मुख्य लक्षण : यहाँ हम देखते हैं कि उक्त सारणी में वर्ग अनतिव्यापी (non-overlapping) हैं तथा चार इंजीनियरों के कार्यालय उनके आवास से सामान्यतः अधिक दूर हैं।

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प्रश्न 3. 30 दिन वाले महीने में एक नगर की सापेक्ष आर्द्रता (% में) यह रही है।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-4
(i) वर्ग 84-86, 86-88 आदि लेकर एक वर्गीकृत बारम्बारता बण्टन बनाइए।
(ii) क्या आप बता सकते हैं कि ये आँकड़े किस महीने या ऋतु से सम्बन्धित हैं?
(iii) इन आँकड़ों का परिसर क्या है?
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-5
(ii) इन आँकड़ों में उल्लिखित आर्द्रता सामान्य से अधिक है। अत: ये आँकड़े वर्षा ऋतु के किसी महीने में संकलित किए गए हैं।
(iii) परिसर = आँकड़ों का अधिकतम मान – आँकड़ों का न्यूनतम मान = 99.2 – 84.9 = 14.3.

प्रश्न 4. निकटतम सेन्टीमीटरों में मापी गई 50 विद्यार्थियों की लम्बाइयाँ ये हैं :
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-6
(i) 160 – 165, 165 – 170 आदि का वर्ग अन्तराल लेकर ऊपर दिए गए आँकड़ों को एक वर्गीकृत बारम्बारता बण्टन सारणी के रूप में निरूपित कीजिए।
(ii) इस सारणी की सहायता से आप विद्यार्थियों की लम्बाइयों के सम्बन्ध में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
हल :
(i) सबसे कम लम्बाई = 150 सेमी
सबसे अधिक लम्बाई = 173 सेमी
लम्बाई का परिसर = 173 – 150 = 23 सेमी
वर्ग का आमाप = 5 सेमी
वर्गों की संख्या = [latex]\frac { 23 }{ 5 }[/latex] = 5 और प्रथम वर्ग (150-155)
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-7
(ii) निष्कर्ष : (a) अधिकांश छात्रों की लम्बाई 165 सेमी से कम है।
(b) 50% से अधिक विद्यार्थी (अर्थात 12 + 9 + 14 = 35) 165 सेमी से छोटे हैं तथा 5 छात्रों की लम्बाई 170 सेमी से अधिक है।

प्रश्न 5. एक नगर में वायु में सल्फर डाइऑक्साइड का सान्द्रण भाग प्रति मिलियन [parts per million (ppm)] में ज्ञात करने के लिए एक अध्ययन किया गया। 30 दिनों के प्राप्त किए गए आँकड़े ये हैं :
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-8
(i) 0.00 – 0.04, 0.04 – 0.08 आदि का वर्ग-अन्तराल लेकर इन आँकड़ों की एक वर्गीकृत बारम्बारता बण्टन सारणी बनाइए।
(ii) सल्फर डाइऑक्साइड की सान्द्रता कितने दिन 0.11 भाग प्रति मिलियन से अधिक रही?
हल :
(i) अधिकतम सान्द्रण = 0.22 ppm
निम्नतम सान्द्रण = 0.01 ppm
सान्द्रण का परिसर = 0.22 – 0.01 = 0.21 ppm
वर्ग का आमाप = 0.04 ppm
वर्गों की संख्या = [latex]\frac { 0.21 }{ 0.04 }[/latex] = 5 और प्रथम वर्ग (0.00 – 0.04)
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-9
(ii) सल्फर डाइऑक्साइड का सान्द्रण 0.11 भाग प्रति मिलियन से अधिक सीमा वाले वर्ग और उनकी बारम्बारता
वर्ग 0.12 – 0.16 बारम्बारता 02
वर्ग 0.16 – 0.20 बारम्बारता 04
वर्ग 0.20 – 0.24 बारम्बारता 02
अतः सल्फर डाइऑक्साइड को वायु में सान्द्रण 0.11 भाग प्रति मिलियन से अधिक 8 दिनों तक रहा।

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प्रश्न 6. तीन सिक्कों को एक साथ 30 बार उछला गया। प्रत्येक बार चित (Head) आने की संख्या निम्न प्रकार है :
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-10
उपर्युक्त आँकड़ों के लिए एक बारम्बारता बण्टन सारणी बनाइए।
हल : चित आने की न्यूनतम संख्या = 0 और अधिकतम संख्या = 3
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-11

प्रश्न 7. 50 दशमलव स्थान तक शुद्ध का मान नीचे दिया गया है।
3.14159265358979323846264338327950288419716939937510
(i) दशमलव बिन्दु के बाद आने वाले 0 से 9 तक के अंकों का एक बारम्बारता बण्टन बनाइए।
(ii) सबसे अधिक बार और सबसे कम बार आने वाले अंक कौन-कौन से हैं?
हल :
(i) 0 से 9 तक के अंकों की बारम्बारता बण्टन सारणी
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-12
(ii) सारणी से स्पष्ट है कि सबसे कम अर्थात 2 बार शून्य (0) का अंक और सबसे अधिक अर्थात 8 बोर 3 व 9 अंक आए हैं।

प्रश्न 8. तीस बच्चों से यह पूछा गया कि पिछले सप्ताह उन्होंने कितने घण्टों तक टी०वी० के प्रोग्राम देखे। प्राप्त परिणाम ये रहे हैं :
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-13
(i) वर्ग चौड़ाई 5 लेकर और एक वर्ग अन्तराल को 5 -10 लेकर इन आँकड़ों की एक वर्गीकृत बारम्बारता बण्टन सारणी बनाइए।
(ii) कितने बच्चों ने सप्ताह में 15 या अधिक घण्टों तक टेलीविजन देखा?
हल :
(i) न्यूनतम घण्टे = 1, अधिकतम घण्टे = 17
घण्टों का परिसर = 17 – 1 = 16
वर्ग का आमाप = 5
वर्गों की संख्या = [latex]\frac { 16 }{ 5 }[/latex] + 1 = 3 + 1 = 4
वर्ग 0 – 5, 5 – 10, 10 – 15 व 15 – 20 होंगे।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-14
(ii) सारणी से स्पष्ट है कि 2 बच्चों ने 15 या अधिक घण्टों से अधिक टी०वी० देखी।

प्रश्न 9. एक कम्पनी एक विशेष प्रकार की कार-बैट्री बनाती है। इस प्रकार की 40 बैट्रियों के जीवन-काल (वर्षों में) ये रहे हैं :
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-15
0.5 माप के वर्ग अन्तराल लेकर तथा अन्तराल 2 – 2.5 से प्रारम्भ करके इन आँकड़ों की एक वर्गीकृत बारम्बारता बण्टन सारणी बनाइए।
हल : अधिकतम जीवन-काल = 4.6 वर्ष
न्यूनतम जीवन-काल = 2.2 वर्ष
जीवन-काल का परिसर = 4.6 – 2.2 = 2.4 वर्ष
वर्ग का आमाप = 0.5
वर्गों की संख्या = [latex]\frac { 2.4 }{ 0.5 }[/latex] + 2 = 4 + 2 = 6
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-16

प्रश्नावली 14.3

प्रश्न 1. एक संगठन ने पूरे विश्व में 15-44(वर्षों में) की आयु वाली महिलाओं में बीमारी और मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए किए गए सर्वेक्षण से निम्नलिखित आँकड़े (% में) प्राप्त किए।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-17
(i) ऊपर दी गई सूचनाओं को आलेखीय रूप में निरूपित कीजिए।
(ii) कौन-सी अवस्था पूरे विश्व की महिलाओं के खराब स्वास्थ्य और मृत्यु का बड़ा कारण है?
(iii) अपनी अध्यापिका की सहायता से ऐसे दो कारणों का पता लगाने का प्रयास कीजिए जिनकी ऊपर (ii) में मुख्य भूमिका रही हो।
हल :
(i) दी गई सूचनाओं का आलेखीय निरूपण
बनाने की विधि :

  1. X – अक्ष व Y – अक्ष खींचिए।
  2. X – अक्ष पर उचित रिक्त स्थानों के बीच समान चौड़ाई रखते हुए महिलाओं में बीमारी और मृत्यु के कारण प्रदर्शित कीजिए।
    UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-18
  3. Y – अक्ष पर बीमारियों के प्रतिशत को उचित पैमाना लेकर अंकित कीजिए। चित्र में 1 सेमी = 2% पैमाने से बीमारियों का प्रतिशत अंकित किया गया है।
  4. प्रत्येक कारण के सापेक्ष उसके प्रतिशत को एक ऐसे आयत द्वारा प्रदर्शित कीजिए जिसकी ऊँचाई बीमारी के प्रतिशत को और समान चौड़ाइयाँ बीमारी को व्यक्त करें।
  5. आयतों की ऊपरी चौड़ाइयों पर उनके द्वारा व्यक्त बीमारी के प्रतिशत लिख दीजिए।
    (ii) जनन स्वास्थ्य अवस्था का प्रतिशत (31.8) सर्वाधिक है।
    अत: यह पूरे विश्व की महिलाओं के खराब स्वास्थ्य । और मृत्यु का बड़ा कारण है।
    (iii) (a) पुनरुत्पादी स्वास्थ्य अवस्था, (b) अपरिपक्व आयु में प्रजनन।

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प्रश्न 2. भारतीय समाज के विभिन्न क्षेत्रों में प्रति हजार लड़कों पर लड़कियों की (निकटतम दस तक की) संख्या के आँकड़े अग्रलिखित दिए गए हैं:
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-19
(i) ऊपर दी गई सूचनाओं को एक दण्ड आलेख द्वारा निरूपित कीजिए।
(ii) कक्षा में चर्चा करके, बताइए कि आप इस आलेख से कौन-कौन से निष्कर्ष निकाल सकते हैं।
हल :
(i) दण्ड चित्र (आलेख) बनाने की विधि

  1. पहले X – अक्ष व Y – अक्ष खींचिए।
  2. X – अक्ष पर समान रिक्त स्थानों के बीच किसी समान चौड़ाई के भारतीय समाज के विभिन्न क्षेत्र प्रदर्शित कीजिए।
    UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-20
  3. Y – अक्ष पर प्रति हजार लड़कों के सापेक्ष लड़कियों की स्थिति प्रदर्शित करना है। इसके लिए उचित पैमाना लेकर Y – अक्ष पर मापन के (मानक) विभिन्न स्तर अंकित कर दीजिए। चित्र में 900 तक की संख्या को स्थिर ऊँचाई लिया गया है।
    और अगले 100 के लिए 10 (की संख्या) को 1 सेमी से प्रदर्शित किया गया है।
  4. समान चौड़ाई के भिन्न क्षेत्रों के प्रत्येक 1000 पर लड़कियों की संख्या को आयतों द्वारा प्रदर्शित कीजिए। प्रति हजार पर लड़कियों की संख्या आयतों की ऊँचाइयों को व्यक्त करती है।
  5. प्रत्येक आयत की चौड़ाई के ऊपरी भाग पर सम्बन्धित लड़कियों की संख्या अंकित कीजिए और आयतों को उचित शेड या रंग भरकर सुस्पष्ट कीजिए।

(ii) आलेख के निष्कर्ष

  1. अन्य जातियों की अपेक्षा अनुसूचित जनजाति में (प्रति हजार लड़कों पर) लड़कियों की संख्या अधिक है।
  2. गैर-पिछड़े जिलों के सापेक्ष पिछड़े जिलों में (प्रति हजार लड़कों पर) लड़कियों की संख्या अधिक है।
  3. शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में (प्रति हजार लड़कों पर) लड़कियों की संख्या अधिक है।

प्रश्न 3. एक राज्य के विधान सभा के चुनाव में विभिन्न राजनैतिक पार्टियों द्वारा जीती गई सीटों के परिणाम नीचे दिए गए हैं :
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-21
(i) मतदान के परिणामों को निरूपित करने वाला एक दण्ड आलेख खींचिए।
(ii) किस राजनैतिक पार्टी ने अधिकतम सीटें जीती हैं?
हल :
(i) बनाने की विधि

  1. X – अक्ष ब Y – अक्ष खींचिए।
  2. एक-दूसरे के बीच समान और उचित रिक्त स्थान छोड़कर समान चौड़ाई के आधारों द्वारा X – अक्ष पर राजनैतिक पार्टियों को प्रदर्शित कीजिए।
    UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-22
  3. Y-अक्ष पर राजनैतिक पार्टियों द्वारा जीती गई सीटें प्रदर्शित करना है। पैमाना : 1 सेमी = 10 सीटें लेकर सीटों के लिए मापन स्केल अंकित कीजिए।
  4. विभिन्न पार्टियों के लिए निर्धारित एवं प्रदर्शित आधारों पर उनमें से प्रत्येक के लिए जीती गई सीटों की संख्या के सापेक्ष ऊँचाई के आयत बनाइए।
  5. आयतों की ऊपरी चौड़ाई पर जीती गई सीटों की संख्या अंकित कीजिए। दण्ड आलेख पूर्ण हो गया।
    (ii) चूँकि जीती गई सीटों की संख्या आयतों की ऊँचाई के अनुक्रमानुपाती है और पार्टी A के लिए प्रदर्शित आयत की ऊँचाई सबसे अधिक है। अतः पार्टी A ने सबसे अधिक सीटें जीती हैं।

प्रश्न 4. एक पौधे की 40 पत्तियों की लम्बाइयाँ एक मिलीमीटर तक शुद्ध मापी गई हैं और प्राप्त आँकड़ों को निम्नलिखित सारणी में निरूपित किया गया है।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-23
(i) दिए हुए आँकड़ों को निरूपित करने वाला एक आयतचित्र खींचिए।
(ii) क्या इन्हीं आँकड़ों को निरूपित करने वाला कोई अन्य उपयुक्त आलेख है?
(iii) क्या यह सही निष्कर्ष है कि 153 मिलीमीटर लम्बाई वाली पत्तियों की संख्या सबसे अधिक है? क्यों?
हल :
(i) आयत चित्र बनाने की विधि

  1. दिए गए आँकड़ों के वर्ग असतत हैं। इन्हें सतत बनाइए।
    किसी वर्ग की ऊपरी सीमा तथा इसके क्रमागत वर्ग की निम्न सीमा का अन्तर = 127 – 126 = 1
    इस अन्तर का आधा = [latex]\frac { 1 }{ 2 }[/latex] = 0.5
    अब, प्रत्येक वर्ग की निम्न सीमा में से 0.5 घटाते हैं तथा ऊपरी सीमा में 0.5 जोड़ते हैं। इस प्रकार हमें निम्न वर्ग–अन्तराल प्राप्त होते हैं।
    UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-24
  2. X – अक्ष व Y – अक्ष खींचिए।
  3. X – अक्ष पर (सतत) वर्ग प्रदर्शित कीजिए। दो क्रमागत वर्गों के बीच रिक्त स्थान न छोड़िए।
  4. Y – अक्ष पर उचित पैमाना लेकर (पत्तियों की लम्बाई) बारम्बारताओं के लिए मापन स्केल अंकित कीजिए। वर्गों पर पत्तियों की संख्या के अनुपात में ऊँचाई व्यक्त करने वाले आयत प्रदर्शित कीजिए। उचित पैमाने का प्रयोग कीजिए। आवश्यक गणना अग्रवत् कीजिए :
    UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-25
  5. आयतों के ऊपरी सिरों पर सम्बन्धित वर्गों की बारम्बारताएँ अंकित कीजिए।

(ii) हाँ, इन आँकड़ों को बारम्बारता बहुभुज द्वारा भी निरूपित किया जा सकता है।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-26
(iii) वर्ग (144.5 – 153.5) मिमी के अन्तर्गत 153 मिमी आता है;
अत: इस वर्ग की बारम्बारता सबसे अधिक है परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि 153 मिमी लम्बाई की पत्तियों की संख्या सबसे अधिक हो। क्योंकि यह अधिकतम बारम्बारता 144.5 मिमी से 153.5 मिमी तक के पूरे वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है न कि मात्र 153 मिमी का।

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प्रश्न 5. नीचे की सारणी में 400 निऑन लैम्पों के जीवन-काल दिए गए हैं :
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-27
(i) एक आयतचित्र की सहायता से दी हुई सूचनाओं को निरूपित कीजिए।
(ii) कितने लैम्पों के जीवन-काल 700 घण्टों से अधिक हैं?
हल :
(i) बनाने की विधि

  1. X-अक्ष पर जीवन-काल वर्गों को प्रदर्शित कीजिए जिनमें प्रत्येक की चौड़ाई 100 है।
  2. Y-अक्ष पर लैम्पों की संख्या को प्रदर्शित कीजिए।
  3. वर्गों की चौड़ाई को आधार मानकर और लैम्पों की संख्या को ऊँचाई मानकर लिए गए पैमानों के सापेक्ष आयत बनाइए और आयतचित्र आलेख को पूरा कीजिए।
    UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-28

(ii) वर्ग (700-800), (800-900) व (900-1000), 700 से अधिक घण्टों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
700 घण्टों से अधिक जीवन-काल वाले लैम्पों की संख्या = सम्बन्धित वर्षों की बारम्बारताओं को योग = 74 + 62 + 48 = 184 लैम्प।

प्रश्न 6. नीचे की दो सारणियों में प्राप्त किए गए अंकों के अनुसार दो सेक्शनों के विद्यार्थियों का बण्टन दिया गया है।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-29
दो बारम्बारता बहुभुजों की सहायता से एक ही आलेख पर दोनों सेक्शनों के विद्यार्थियों के प्राप्तांक निरूपित कीजिए। दोनों बहुभुजों का अध्ययन करके दोनों सेक्शनों के निष्पादनों की तुलना कीजिए।
हल :
बारम्बारता बहुभुज बनाने की विधि
(1) X-अक्ष व Y-अक्ष खींचे।
(2) X-अक्ष पर दिए हुए अंक वर्ग प्रदर्शित किए।
(3) Y-अक्ष पर पैमाना : 1 सेन्टीमीटर = 2 विद्यार्थी के अनुरूप मापन स्केल अंकित किया।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-30
(4) प्रथम वर्ग के ठीक पूर्व और अन्तिम वर्ग के ठीक पश्चात् एक-एक वर्ग की कल्पना की और इनके मध्य-बिन्दु A तथा G अंकित किए।
(5) दिए गए वर्गों के सापेक्ष उनके मध्य-बिन्दु क्रमशः ज्ञात किए।
(6) प्रत्येक वर्ग के मध्य-बिन्दु को भुज और बारम्बारता को कोटि मान कर वर्ग के सापेक्ष एक-एक बिन्दु ज्ञात किया जैसा कि नीचे दिखाया गया है।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-31
(7) दोनों सेक्शनों A और B के लिए बिन्दुओं B, C, D, E, F वे B’, C’, D’, E’, F’ को आलेखित किया।
(8) इन्हें क्रम से मिलाकर सेक्शन A के लिए बारम्बारता बहुभुज आलेख A B C D E F G A खींचा और सेक्शन B के लिए बारम्बारता बहुभुज आलेख A B C’ D’ E’ F’ G A खींचा। आलेखों के अध्ययन से निष्कर्ष
दोनों आलेखों में सेक्शन A के उच्च स्तर के बिन्दु D, E, F सेक्शन B के समान स्तरीय बिन्दुओं D’, E’, F’ से अधिक ऊँचाई पर हैं।
अतः सेक्शन A का सेक्शन B के सापेक्ष परिणाम उन्नत है।

प्रश्न 7. एक क्रिकेट मैच में दो टीमों A और B द्वारा प्रथम 60 गेंदों में बनाए गए रन नीचे दिए गए हैं :
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बारम्बारता बहुभुजों की सहायता से एक ही आलेख पर दोनों टीमों के आँकड़े निरूपित कीजिए।
हल :
बारम्बारता बहुभुज आलेख बनाने की विधि

  1. X-अक्ष व Y-अक्ष खींचे।
  2. दिए हुए वर्ग असतत हैं। प्रत्येक वर्ग की निम्न सीमा में 0.5 घटाकर और उपरि सीमा में 0.5 जोड़कर इन्हें सतत बनाया।
    किसी वर्ग की ऊपरी सीमा तथा उसके क्रमागते वर्ग की निम्न सीमा का अन्तर = 7 – 6 = 1
    इस अन्तर का आधा = [latex]\frac { 1 }{ 2 }[/latex] = 0.5 है।
    UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-33
  3. X-अक्ष पर वर्गों की सीमाओं को प्रदर्शित किया।
  4. Y-अक्ष पर टीमों द्वारा बनाए गए रनों को प्रदर्शित करना है। मापन स्केल अंकित किया।
  5. प्रथम वर्ग (0.5-6.5) के ठीक पूर्व एक कल्पित वर्ग लेकर उसका मध्य-बिन्दु A ज्ञात किया।
  6. अन्तिम वर्ग (54.5- 60.5) के ठीक पश्चात् एक कल्पित वर्ग लेकर उसका मध्य-बिन्दु L ज्ञात किया।
  7. प्रत्येक वर्ग के मध्य-बिन्दु क्रमशः 3.5, 9.5, 15.5, 21.5, 27.5, 33.5, 39.5, 45.5, 51.5 व 57.5 ज्ञात किए।
    UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-34
  8. टीम A व टीम B के लिए अलग-अलग प्रत्येक वर्ग के मध्य बिन्दु और उसकी बारम्बारता के सापेक्ष एक-एक बिन्दु ज्ञात किया जैसा कि सारणी में दिखाया गया है।
    UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-35
  9. टीम A के लिए बिन्दुओं B, C, D, E, F, G, H, I, J, K का आलेखन किया।
  10. इन्हें क्रम से मिलाकर टीम A के लिए बारम्बारता बहुभुज आलेख A B C D E F G H I J K L A प्राप्त किया।
  11. टीम B के लिए बिन्दुओं B, C, D, E, F, G’, H’, I’, J, K’ का आलेखन किया।
  12. इन्हें क्रम से मिलाकर टीम B के लिए बारम्बारता बहुभुज A B C D E F G H I J K L A प्राप्त किया।

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प्रश्न 8. एक पार्क में खेल रहे विभिन्न आयु वर्गों के बच्चों की संख्या का एक यादृच्छिक सर्वेक्षण (random survey) करने पर निम्नलिखित आँकड़े प्राप्त हुए है।
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उपर्युक्त आँकड़ों को निरूपित करने वाला एक आयतचित्र खींचिए।
हल :
बनाने की विधि

  1. X-अक्ष तथा Y-अक्ष खींचा।
  2. X-अक्ष पर आयु-वर्ग (1-2), (2-3), (3-5), (5-7), (7-10), (10-15) तथा (15-17) प्रदर्शित किया।
  3. यहाँ वर्गों की चौड़ाइयाँ क्रमशः 1,1, 2, 2, 3, 5 व 2 अर्थात असमान हैं जिसमें न्यूनतम चौड़ाई 1 है।
  4. वर्गों की चौड़ाई के सापेक्ष आयतों की लम्बाई के लिए एक सारणी निम्नवत् बनाई।
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  5. प्रत्येक वर्ग की चौड़ाई पर उसके लिए आगणित लम्बाई का आयत बनाकर अभीष्ट आयतचित्र प्राप्त किया।
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प्रश्न 9. एक स्थानीय टेलीफोन निर्देशिका से 100 कुलनाम (surname) यदृच्छया लिए गए और उनसे अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षरों की संख्या का निम्न बारम्बारता बण्टन प्राप्त किया गया।
UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics img-39
(i) दी हुई सूचनाओं को निरूपित करने वाला एक आयतचित्र खींचिए।
(ii) वह वर्ग अन्तराल बताइए जिसमें अधिकतम संख्या में कुलनाम हैं।
हल :
(i) बनाने की विधि

  1. X-अक्ष तथा Y-अक्ष खींचे।
  2. X-अक्ष पर दिए हुए वर्ग (1 – 4), (4 – 6), (6 – 8), (8 – 12) व (12 – 20) प्रदर्शित किए।
  3. यहाँ वर्गों की चौड़ाई परिवर्ती अर्थात 3, 2, 2, 4 व 8 है। न्यूनतम चौड़ाई वाला वर्ग 4-6 अथवा 6-8 है जिसकी चौड़ाई 2 है।
  4. वर्गों की दी गई बारम्बारता के सापेक्ष आयतों की लम्बाई के लिए सारणी निम्नवत् बनाई।
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  5. प्रत्येक वर्ग चौड़ाई पर उसके आगणित लम्बाई के आयत बनाए। इस प्रकार अभीष्ट आयतचित्र प्राप्त हुआ।
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(ii) सारणी से स्पष्ट है कि वर्ग अन्तराल (6 – 8) में अधिकतम अर्थात 44 कुलनाम हैं।

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प्रश्नावली 14.4

प्रश्न 1. एक टीम ने फुटबॉल के 10 मैचों में निम्नलिखित गोल किए :
2, 3, 4, 5, 0, 1, 3, 3, 4, 3
इन गोलों के माध्य, माध्यक और बहुलक ज्ञात कीजिए।
हल : टीम द्वारा फुटबॉल के 10 मैचों में किए गए गोल :
2, 3, 4, 5, 0, 1, 3, 3, 4, 3
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यहाँ 0,1, 2 व 5 की बारम्बारता = 1 है;
4 की बारम्बारता = 2 है;
3 की बारम्बारता = 4 है।
स्पष्ट है कि 3 की बारम्बारता सर्वाधिक है।
बहुलक = 3
अतः माध्य = 2: 8; माध्यक = 3 और बहुलक = 3

प्रश्न 2. गणित की परीक्षा में 15 विद्यार्थियों ने (100 में से ) निम्नलिखित अंक प्राप्त किए।
41, 39, 48, 52, 46, 62, 64, 40, 96, 52, 98, 40, 42, 52, 60
इन आँकड़ों के माध्य, माध्यक और बहुलक ज्ञात कीजिए।
हल : 15 विद्यार्थियों के प्राप्तांक :
41, 39, 48, 52, 46, 62, 64, 40, 96, 52, 98, 40, 42, 52, 60
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प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रेक्षणों को आरोही क्रम में व्यवस्थित किया गया है। यदि आँकड़ों का माध्यक 63 हो तो का मान ज्ञात कीजिए।
29, 32, 48, 50, x, x + 2, 72, 78, 84, 95
हल : दिए गए प्रेक्षण आरोही क्रम में व्यवस्थित हैं।
प्रेक्षणों की संख्या N = 10 (सम)
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प्रश्न 4. आँकड़ों 14, 25, 14, 28, 18, 17, 18, 14, 23, 22, 14, 18 का बहुलक ज्ञात कीजिए।
हल :
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यहाँ पद 14 की बारम्बारता सर्वाधिक है; अत: बहुलक= 14

प्रश्न 5. निम्नलिखित सारणी से एक फैक्ट्री में काम कर रहे 60 कर्मचारियों का माध्य वेतन ज्ञात कीजिए :
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अत: फैक्टरी के 60 कर्मचारियों का माध्य वेतन = 5083.33

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प्रश्न 6. निम्न स्थिति पर आधारित एक उदाहरण दीजिए :
(i) माध्य ही केन्द्रीय प्रवृत्ति का उपयुक्त माप है।
(ii) माध्य केन्द्रीय प्रवृत्ति का उपयुक्त माप नहीं है, जबकि माध्यक एक उपयुक्त माप है।
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We hope the UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (सांख्यिकी) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (सांख्यिकी), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 20 Project Work and Internal Evaluation Test

UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 20 Project Work and Internal Evaluation Test

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter  20  Project Work and Internal Evaluation Test

PROJECT WORK
INTERNAL EVALUATION TEST

Question 1.
Make a table to ten Verbs selecting from the lesson. “Tom Sawyer’ and changing these Verbs into Nouns.
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Question 2.
Make a poster in which Ben is whitewashing the fence and Tom is eating an apple on the ground. Give a suitable title to the poster after discussing with your classmates.
Answer:
एक पोस्टर का चित्र बनाना है।
एक अंग्रेज लड़का बगीचे की चहारदीवारी रंग रहा है। वह सीढ़ी पर है। नीचे जमीन पर एक दूसरा लड़का एक सेब खा रहा है। दोनों अंग्रेज लड़के हैं।

Title : Painting-An Interesting Task

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Question 3.
Make an Inland and write a letter to your sister telling her how Marco Polo travelled from Venice to Asia minor, use the following words in your letter : dangerous, overland, caravans, route, undertake, beyond dreams, probably, princess, recognise.
Answer:

26, Zero Road,
Allahabad.
Dated : 15th July, 20

Dear Sister, Anita,
In this letter I would like to tell you how Marco Polo travelled from Venice to China via Asia Minor. Six or seven centuries ago, it was very difficult and dangerous to travel on foot. So people had to travel with large parties or Caravans. Band of robbers knew those routes. They attacked and looted them, only persons of great courage could dare undertake long journeys. In those days India and China were believed to be rich beyond dreams. People probably thought themselves lucky if they performed their journey. Marco Polo, a boy (UPBoardSolutions.com) of seventeen travelled from Venice to China with his father and uncle. They reached Asia Minor and crossed the Black Sea. They crossed the great Gobi Desert and reached Peking. Emperor Kublai Khan received them warmly. When they came back, they were with the princess of Kublai’s family. When they landed in Venice; no one recognise them, but they had to do so when they showed them the rich gems and diamonds they had. Then they believed the wonders of the Polos journey. Thus Marco Polo is supposed to have been first European to have travelled right across Asia.

Yours sincerely,
Mr. X.

UP Board Solutions

Question 4.
Marco Polo was the first man who wrote a book in the prison. Make a list of some other books which have been written in prisons. Give the names of their authors in a table form.
Answer:
The name of those persons who wrote books in prisons.
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Question 5.
Write an e-mail to your mother who is a domestic lady. Tell her how Alan was praised by every one inspite of his failure of taking part in the game.
Answer:
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Question 6.
Arrange a list of ten words from the lesson, “Playing The Game” and name their ‘Parts of Speech’ in a table form. If you have selected some Verbs, write their forms too.
Answer:
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Question 7.
On the basis of your reading of the lesson, “A Golden Bowl”complete the table given below after a group discussion.
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Answer:
Table
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Question 8.
Make a list of reasons why you hate the greedy seller on the basis of the facts given in the lesson ‘A Golden Bowl’. Have you seen such a main in your locality? If yes, mention his name and nature.
Answer:
Reasons why I hate the greedy seller
There are so many reasons due to which I hate the greedy seller. These are the following:
(i) Greedy seller was cunning and believed in cheating, when the old woman and her daughter wanted to exchange their old bowl for a plate, he scratched a line on the bottom of the bowl and knew that it was made of gold. He was so cunning that he wanted to take the bowl for nothing. So he pretented that it was useless and scornfully threw it on the ground and went away.
(ii) He was not only cunning but also dishonest as he wanted to take the bowl for nothing.
(iii) He was selfish. He only wanted to fulfil his own motive. He never thought of others.
(iv) He was ill tempered too, when he knew that the bowl was sold by Serivan, he got so angry that
his heart burst and he dropped down dead.
(v) The greedy seller was full of revenge. Regretting his loss, he cried, “He has cheated me of the profit, would have made! I hade lost the bowl.” Now he was inable to control himself. He beat his chest and threw away his money. On account of the above reasons, I hate the greedy seller.

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Question 9.
Read the biographical details of the great scientist J.C. Bose from the text and write his bio-sketch on the basis of your findings you may use the following words : born, physics, further, Cambridge, victorious, temporary interested, recognised.
Answer:
Biographical details of J.C. Bose
Sir J.C. Bose was born in a village in Bengal in 1855. He studied Physics at Calcutta (Kolkata) University. Then he went to England for further studies. He graduated from Cambridge. Then he returned to India and was appointed Professor of Physics in Presidency College at Calcutta (Kolkata). A three year struggle began between Bose and the government in which he was victorious. Bose was appointed there temporary, (UPBoardSolutions.com) so he was given two-thirds of the salary paid to a European. He refused to take it. At last after three years victory was his. From his boyhood, Bose was interested in animal and plant life. He worked on it and searched out a wonderful machine ‘Crescograph’ which recorded the growth of plants. Now we recognise him a great scientist.

Question 10.
Make a model of J.C. Bose and his wonderful machine, ‘Crescograph’ or make a life sketch of J.C. Bose and his wonderful machine.
Answer:
Students should themselves make models of ‘Jagdish Chandra Bose’ and ‘Crescograph’. They use clay or any other material which is available to them. They take help from the pictures of ‘J.C. Bose’ and ‘Crescograph’. They may also take help from the teachers or any other person who knows the art of making models.

Question 11.
“It was a dark night. A truck driver was driving the vehicle very fast. A motor cycle was coming from the opposite direction. Two young men were on the motor cycle. The truck driver could not see the motor cycle due to darkness of the night. So the truck collided against the motor cycle.”
Answer:

41, Civil Lines,
Allahabad.
Dated : 4th July, 20 –

The Editor,
The Hindustan Times,
New Delhi.
Dear Sir,
Please allow me to use the columns of your esteemed daily paper to draw the attention of an accident that took place today at late night. The night was foggy. Nothing could be seen. I saw that a motor cycle was coming from the east and a truck was coming from the west. The truck driver could not see the motor cycle due to the fog. He did not apply the brakes. The truck collided against the motor cycle. There were two young man on the (UPBoardSolutions.com) motor cycle. Both of them fell off the motor cycle. One of them got head injury and became senseless. The other was also badly hurt. Both were taken to the hospital. The young man who got head injury, could not survive. The police reached there. The whole atmosphere was full of grief. Neither of the young men had helmet. Kindly, publish the accident and draw the attention of the users of the motor cycles to use a helmet while driving on bikes.

Yours faithfully,
Mr. X.

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Question 12.
Some words are given below in a table in Section ‘A’. Read the words one by one and investigate their meanings from the lesson that you have just finished. Discuss the name of the Parts of Speech of the words written by you in Section ‘B’ and name them in the space provided : Words ‘A’ Meanings ‘B’ Name of the Parts of Speech
discussed
comfort
relay
compelled
conduct
strike
down all of sudden
moving
Answer:
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Question 13.
Select any four pairs of rhyming words from the poem “The Mountain And The Squirrel and then add two words more to each pair, having the same sound. Make a table to show these words and read out them together in a group of four or five students.
Answer:
A Table of RhymingsUP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 20 Project Work and Internal Evaluation Test image 10

(A) Students should practise these above words in a groups of students.

Question 14.
Make an Inland and write a letter to your younger sister who studies in class VIII. Suggest her that small things are as important as big things. Therefore small things should not be neglected by us. You may take examples from the poem.
Answer:
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UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 20 Project Work and Internal Evaluation Test image 12

Question 15.
‘Sympathy is greater than money’ on the basis of this title, make a poster and suggest another title similar to the title given here, you may discuss it with
your friends.
Answer:
Title : Sympathy – Greater Than Gold
एक मकान के बरान्डे में एक रोगी बिस्तर पर पड़ा कराह रहा हो एक दूसरा आदमी उसके सिर पर पट्टी रख रहा हो। एक पोस्टर का चित्र देना है। चित्रकार स्वयं कल्पना कर चित्र में घटा-बढ़ा सकता है।
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Question 16.
Some words are given below. They have been selected from the poem “Sympathy’. Now find out two rhyming words for each one of these words. Words may be taken from outside the peom :

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Answer:
UP Board Solutions for Class 9 English Grammar Chapter 20 Project Work and Internal Evaluation Test image 15

Question 17.
Make a List of Plays (dramas) written by William Shakespeare with the names of their heroes and heroines, paste the picture of William Shakespeare in the list.
Answer:
List of some drams written by William Shekespeare :
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Question 18.
Differentiate between faithful and false friends on the basis of the poem ‘Faithful Friends’ written by William Shakespeare. Make a list of differences and discuss it in a group.
Answer:
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Question 19.
Investigate some unique occasions from the life of Sarojini Naidu and give her biosketch collect her picture to paste it there.
Answer:
Sarojini Naidu-Bio-Sketch
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Question 20.
Make a chart to show the different stages of a man with their traits on the basis of the poem “Indian Weavers’.
Answer:
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Question 21.
‘I Vow To Thee, My Country’ is a poem which expresses deep love for the country. Find out any other patriotic poem and compare both of them with their feelings poetic form and styles.
Answer:
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Question 22.
Write a letter to your younger brother and advise him to form such a conduct and personality that might blp him in building of the country. You may take the ideas of the poem.
Answer:

15, Agra Fort,
Agra.
Dated : 10th July, 20 ……..

My Dear Ankit,
Believe me, I miss you badly here, I wish we were together. English teacher taught us an inspiring poem, ‘I Vow To Thee, My Country’ yesterday. This poem is full of patriotic feelings, whatever the poet, suggests us to be, I want to tell you through (UPBoardSolutions.com) this letter. The country is above all things. Therefore, it is our duty to form such a conduct and character that may help in building of the country. May God shower his blessings on you!

Yours
Mr. X

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Question 23.
Make a poster in which M.K. Gandhi is serving a cup of tea to the South Indian Lad in then Ashram. Give a suitable title to the poster after discussing in the group.
Answer:
[Title-Gandhiji And His Social Service]
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Question 24.
Some sentences are taken from the lesson, “Gandhiji And A Coffee Drinker” and written in the Table in Section ‘A’. Investigate the speaker and write it in Section ‘B’ then change these sentences into Indirect Speech.
Section ‘A’                       Section ‘B’
1. What would you like to eat?
2. Could I have a cup of coffee please?
3. Oh, you old sinner, that is what you want?
4. Now here is your coffee and toast.
5. But, why did you not ask someone else to bring this for me?
6. Cold coffee is bad coffee.
Answer:
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1. Gandhiji asked the South Indian Lad what he would like to eat.
2. The South Indian Lad asked politely if he could have a cup of coffee.
3. Gandhiji addressed as old sinner and asked the South Indian Lad that he wanted that (a cup of coffee).
4. Gandhiji told him that then there was his coffee and toast.
5. The Lad whispered objecting Gandhiji why he had not asked someone else to bring that for him.
6. Gandhiji insisted the Lad to drink the coffee saying that cold coffee was bad coffee.

Question 25.
Students should be instructed to play “The Swan And The Princes : A Play’ on the occasion of Independence Day or the Republic Day.
Answer:
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Question 26.
Some Verbs are given below. They have been selected from the text you have just finished. Now, use these words in your own sentences in the same context. shot, picked up, agree, puzzled, listen, saved, tremble, decided.
Answer:
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Question 27.
Every year the birth day of Pt. Nehru is celebrated on 14th November. Prepare a news report showing how the Children’s Day was celebrated in your  school or college this year.
Answer:

25, Mall Road,
Kanpur.
Dated : 15th July, 20 —

To
The Editor
The Times of India,
New Delhi.
Sir,
I shall deem it a great favour if you publish ‘The Children’s Day’ celebrated by our college in the columns of your daily paper. Our college celebrates ‘The Children’s Day’ every year on 14th November. It is the birthday of Pt. Jawahar Lal Nehru. On this very day, children take out a procession early in the morning. This year ‘The Children’s Day’ function started at 3 P.M. A beautiful Shamiana was arranged. A small programme (UPBoardSolutions.com) was organised by some children. They were enjoying it much. A very short but attractive cultural programme was displayed. Some girls students presented a very good song. A play on the life of Pt. Nehru was staged. After cultural programme sweets were distributed among the students. After that we left the college and returned to our houses. Then we were very happy.

Yours faithfully,
Mr. X

Question 28.
Trace out the names of some great leaders who were fighting against British rule with Pt. Nehru. Make a list of such leaders with their pictures.
Answer:
Some Great Leaders-(Freedom Fighters)
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Question 29.
The following words are selected from the lesson ‘On A Winter’s Night’. Use them in your own sentences in the same context as it is used in the story. harvest, comfort, quilt, shiver, stretch, pile, numb, orchard, to get rid of, suffer.
Answer:
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Question 30.
Prepare a list showing names of the books written by Munshi Prem Chand. The list should be divided into two parts. In the first part, names of the stories be included and in the second part, it should contain the names of novels.
Answer:
Books and Stories written by Munshi Prem Chand

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Question 31.
Road Safety and Transport
Answer:

Important of the Rules of The Road

The rules of the road are most important. They ought to be obeyed in human life. The purpose of these rules is to make the road safe for everybody. Now-a-days the traffic has increased very much. All kinds of vehicles, fill the roads during the greater part of the day. Hence it is the duty of all the road users to obey the rules of the road. If people disobey traffic rules, accidents may happen sooner or later. So the rules of the road are most important.

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Traffic Rules & Regulations

KEEP LEFT to allow the traffic to pass on a two-lane road coming from an opposite direction on the right side and allow the vehicles on one-lane road behind you for overtaking from the right.

WHEN TURNING LEFT
 be on the road’s left side from where you leave as well as from where you enter. When turning towards right, move (UPBoardSolutions.com) towards the road centre when you leave and when you enter, arrive near road’s left side.

SLOW DOWN
your speed at pedestrian crossings, road corners, intersections and road junctions and wait there till the passage ahead gets cleared. If you enter the main road then give way of passage to the vehicles passing by on the right side as the traffic on the main roads is not regulated.

HAND SIGNALS
becomes necessary to give at times. Extend and pull out your right hand’s palm down when slowing the vehicles and swing the hand in the down and up direction. While stopping, your forearm should be raised outside vertically the (UPBoardSolutions.com) vehicle, while changing the road lane or turning right towards left side, extend and rotate the right arm in a direction of anti-clockwise. To let the vehicle overtake behind you, swing the right arm forwards and bach ward in a motion of semi-circular.

DIRECTION INDICATORS instead of giving hand signals make use of direction indications and in case of emergency, use both.

WEARING A HELMET FOR TWO WHEELER DRIVERS
is compulsory. The helmet should bear and conform to ISI mark and ISI standards. It works like a shield or a cover for the head during any mishap that occurs. It is so designed that it provides individual safety. It is not for covering any legal prosecution. Tie the helmet strap properly for the safety otherwise the strap of the helmet may get slipped from the head during any head injury in an accident. (Sikhs wearing Turbans are exempted from wearing a helmet).

USE THE HORN when it is essential only and not in any silence zone area. Do not use or fit any multi-toned, loud or shrill and harsh sounding alarms or horns in the vehicles that causes disturbance. It is also prohibited to have vehicles having altered silencers on road.

DIRECTIONS GIVEN TO DRIVERS
which are either through the regulating traffic police officers or through traffic signals or road signals should always be followed. It is an offense if such directions are violated.

MAINTAIN ADEQUATE DISTANCE
from any vehicle driving ahead of your vehicle in order to avoid any collusion taking place in case if the vehicle stops of slows down suddenly, it might cause accidents. On page number 33, a chart is given (UPBoardSolutions.com) for any further information to guide on the required time for applying minimum brakes at various speeds.

DO NOT BRAKE SUDDENLY
other than any safety reason is there.

WHEN ROAD REP APR WORK
is in progress, slow down the speed of the vehicle and drive at a maximum of 25 km/hours speed.

DRIVERS OF TRACTORS AND GOODS VEHICLES
are not allowed to carry passengers for reward or hire. The driver in tractors should not have any person and he should not have more other required person permitted to have in the cabin of the drive in a vehicle of goods.

CARRY ONLY ONE PILLON RIDER
on a two wheeler. A rider can sit only on vehicles back seat. A rider should not be allowed to stand or sit (even a children) in the front seat. It is illegal and dangerous as well as w’hen applying sudden brakes, (UPBoardSolutions.com) the person sitting infront gets thrown out hitting the front vehicle. It is law’s violation to carry any goods on a two wheeler due to imbalance caused to the rider that leads to accidents.

DO NOT DRIVE BACKWARDS much longer than it is necessary and ensure that no inconvenience or danger is causedlo any vehicle or any person while driving backwards.

DO NOT DRIVE
if you have any sickness or not well or taking any medications that impairs your abilities of driving including tonics containing some alcohol content.

WHILE OVERTAKING, overtake from the right direction of the motor vehicle being passing by. If there is Tan indication from the front vehicle (UPBoardSolutions.com) driver indicating his turning towards right then you should pass from the left side. Remember to not overtake heavy vehicles or cut their way as they need much space to stop or slow down.

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Safety Guidelines

Pedestrian
(i) Walk on footpath – 50% of people killed in road accidents are Pedestrians only.

Always Remain Alert While On Road

  1. It is effectual to walk on road sides, if it is having footpaths.
  2. In case, if it is not having the footpaths and then walk on right side.
  3.  It is highly recommended to make use of zebra crossing, subways and foot- over bridge.
  4. People are recommended that they should be crossing the roads only when vehicles are at a distance.

A Little Carelessness Can Be Dangerous

  1.  People should ensure that they are not crossing roads in hurry.
  2.  You should avoid crossing the roads within or in front of the parked vehicles.
  3. Never jump on the cross road railings.
  4. It is very hazardous to cross the road where nothing is visible to the drivers.

Cyclists
(i) Cyclists : 10% of cyclists are killed everyday in the road accidents.
Do’s

  1. It is highly recommended that cycle should be fitted through gadgets and it should have rear view mirror, reflective tapes and black painted mirrors at its back as well as in front.
  2.  It is recommended to make use of cycle and road track and they should be present on extreme left.
  3.  It is advisable to avoid cycling on busy roads.
  4. You should be at a safe distance from motorized vehicles.
  5. It is recommended to make use of proper indication and then only stop.

Dont’s

  1. You should avoid doing stunts.
  2. You should not keep heavy goods on cycle.
  3.  You should avoid holding rides on fast vehicles.
  4. You should never be riding parallel with another cycle.
  5. These are some of the rules and regulations that should be followed effectively.

Motor Cyclists

Motor Cyclists
(i) More than 20% people meeting with the accidents are motorbike riders

Do’s

  1.  BIS approved head gear should be worn while driving the bike.
  2. Pillion riders must also be equipped with the similar quality helmet.
  3.  The headgear must be worn tightly.
  4. Air pressure must be verified in the front as well as rear tires.
  5. Lights of the motorbike must be normal and should not malfunction.
  6. Indicators must be turned on while turning.
  7.  Alter the turn the indicators must be deactivated.
  8.  Brakes must be used in a proper manner.
  9.  A middle lane journey is suggested.
  10.  Vehicle should move at a certain distance from other bikes.

Dont’s

  1. Rising in a zigzag fashion is prohibited.
  2. One must not overtake while driving on the left side of any vehicle plying on the road.
  3.  Brakes should not be applied suddenly because they might malfunction.
  4. A bike is made to accommodate only 2 people and more than that.
  5. Talking over cell phone is a crime while riding.
  6.  Bus lane are used for heavy vehicles.
  7. Minors are not allowed to ride Car Drivers

Do’s

  1.  The passenger who is sitting in the front seat must be equipped with the seat belts. T
  2.  he speed limit must not be more than 50km/hour.
  3.  One should drive in its own lane.
  4.  Vehicle should move at a certain distance from other cars.
  5. A driver should always carry important documents which could be produced on demand to the users.
  6.  Indicators are required to switch over the lanes.
  7. It is important to wear seat belts.
  8. Gear is important to drive the car.
  9.  Acceleration along with sudden barking must be avoided.
  10.  Clutch must not the used while driving
  11. Loading the car with more than permissible load could create lots ol problems for thepeople.

Dont’s

  1. Mobile phone must be avoided while driving.
  2. Children who are not above 12 years of age should not be allowed to sit in the front seat.
  3. Minors are not allowed.
  4. Drugs must be avoided.
  5. Drinking is a crime while driving.

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Traffic Light Signals

(i)People need to follow these Traffic Light Signals.
Red – To Stop the Traffic
(i)This means that you should stop your vehicle immediately and you would be required to wait until there is green light.

Yellow – Caution:

(i)There are many of you who would be entering into the intersection area and they need to wait until the light switches to amber and then only move carefully. Stop, as you see the amber light.

Green – Go on:

(i)You need to pass through the crossing in a careful manner and whenever view the arrow and then proceed forward through the help of indicator.

Flashing Signals:

(i) Whenever you see the flashing signals, it means complete halt and then move according to the intersection safely.

Pedestrian Signals:

(i) These signals are meant for the people who cross the intersections in safest manner. In case, you see the red figure of human on the traffic (UPBoardSolutions.com) signal post, then never enter the road. When the signal would start flashing and then only cross the road. You should immediately stop yourself, if you were to cross the road.
(ii) Moreover, these traffic rules and regulations are meant for your safety and you need to follow them in the best possible way.

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Traffic Marking
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