UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 8 सन्देशवाहक प्रणालियाँ

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Board UP Board
Class Class 10
Subject Commerce
Chapter Chapter 8
Chapter Name सन्देशवाहक प्रणालियाँ
Number of Questions Solved 20
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 8 सन्देशवाहक प्रणालियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न ( 1 अंक)

प्रश्न 1.
आधुनिक संचार सुविधा का शीघ्रगामी साधन है।
(a) पीसीओ
(b) फैक्स
(c) इण्टरनेट
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 2.
निम्न में से टेलीफोन से सम्बन्धित सुविधाएँ हैं।
(a) स्थानीय कॉल
(b) ट्रंक कॉल
(c) एस टी डी
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 3.
भारत में ई-मेल का प्रारम्भ कब हुआ?
(a) फरवरी, 1992
(b) फरवरी, 1993
(C) फरवरी, 1994
(d) फरवरी, 1995
उत्तर:
(c) फरवरी, 1994

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निश्चित उत्तरीय प्रश्न ( 1 अंक)

प्रश्न 1.
स्पीड पोस्ट की सेवा कब प्रारम्भ की गई?
उत्तर:
सन् 1986 में

प्रश्न 2.
तुरन्त तार कौन भेज सकता है?
उत्तर:
राजाज्ञा प्राप्त सरकारी अधिकारी व मन्त्री

प्रश्न 3.
कॅजी-शब्द की सहायता से कौन-सा तार भेजा जाता है?
उत्तर:
गुप्त भाषा का तार

प्रश्न 4.
कोइ की सहायता से भेजे गए तार को क्या कहते हैं?
उत्तर:
सांकेतिक तार

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प्रश्न 5.
टेलीफोन द्वारा दिए गए तार को क्या कहते हैं?
उत्तर:
फोनोग्राम

प्रश्न 6.
टेलीफोन का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर:
एलेक्जेण्डर ग्राहम (UPBoardSolutions.com) बेल ने

प्रश्न 7.
फैक्स से सन्देश जल्दी पहुँच जाता है/नहीं पहुँचता है। (2014)
उत्तर:
जल्दी पहुँच जाता है।

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प्रश्न 8.
ई-मेल का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic Mail)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1.
शीघ्र सन्देशवाहक के कोई दो साधन लिखिए। (2012)
उत्तर:
शीघ्र सन्देशवाहक के दो साधन निम्न प्रकार हैं-

1. ई-मेल इसका पूरा नाम ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’ है। भारत में ई-मेल का प्रारम्भ फरवरी, 1994 में हुआ था। यह सन्देशवाहन का सशक्त और सस्ता साधन बन गया है। यह प्रणाली कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए विकसित की गई है, (UPBoardSolutions.com) जिससे कम्प्यूटर से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति को कोई सन्देश, दस्तावेज या सूचना इलेक्ट्रॉनिक द्वारा दी जा सकती है।

2. टेलीफोन इसे हिन्दी भाषा में ‘दूरभाष’ कहते हैं। इसका आविष्कार सन्  1876 में एलेक्जेण्डर ग्राहम बेल नामक वैज्ञानिक ने किया था। इसके द्वारा  हम अपने घर अथवा दुकान पर बैठे हुए सिर्फ अपने देश के व्यक्तियों से ही नहीं, वरन् विदेशों में रहने वाले व्यक्तियों से भी आसानी से बातचीत कर सकते हैं।

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प्रश्न 2.
फोनोग्राम क्या है?
उत्तर:
घर या दुकान पर लगे टेलीफोन की सहायता से जो तार भेजा जाता है, उसे फोनोग्राम कहा जाता है। इसमें बोलने वाला अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी बोल सकता है। इसमें लिपिक द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार लिखा जा सकता है। इसमें टाइपराइटर के कारण भाषण स्वत: ही लिखा जा सकता है।

प्रश्न 3.
ई-मेल के कोई दो लाभ लिखिए।
उत्तर:
ई-मेल के दो लाभ निम्नलिखित हैं

  1. इसके द्वारा सन्देश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शीघ्रता से भेजा जा सकता है।
  2. यह सन्देश भेजने का सस्ता साधन है। (2015)

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1.
सन्देशवाहक के विभिन्न साधन क्या-क्या हैं? इनमें से किन्हीं दो साधनों का वर्णन कीजिए। (2015)
उत्तर:
पत्रों के आदान-प्रदान करने के लिए शीघ्र सन्देशवाहक के साधनों का प्रयोग किया जाता है। सन्देशवाहक के विभिन्न साधन तार, टेलीफोन, फैक्स मशीन, टेलीप्रिण्टर, कार्डलैस (तार-रहित) फोन, ई-मेल, ई-पोस्ट, आदि हैं। इनके द्वारा व्यवसाय से सम्बन्धित (UPBoardSolutions.com) सभी सन्देशों को दूर-दूर तक आसानी से भेजा जा सकता है। इन साधनों से व्यापारियों से आपस में शीघ्र सम्पर्क किया जा सकता है। सन्देशवाहक के साधन इसके लिए अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 1 देखें।

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प्रश्न 2.
विदेशी तार व गुप्त तारे को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विदेशी तार ऐसे तार, जो एक देश से दूसरे देश में भेजे जाते हैं, विदेशी तार कहलाते हैं। इन्हें केबिल द्वारा भेजा जाता है, इसलिए इन्हें केबिलग्राम भी कहते हैं। इन तारों को भेजने के लिए एक विशेष प्रकार का फॉर्म प्रयोग में लाया जाता है। यह फॉर्म डाकघर में मिलता है, जिसे भरकर डाकघरों में जमा कराना पड़ता है। इन तारों को भेजने का शुल्क अलग-अलग देशों में अलग-अलग होता है। ये तार साधारण, आवश्यक, विलम्बित, समाचार-पत्र तार, बधाई तार, सामाजिक तार वे रेडियो तार के रूप में होते हैं। ये तार निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं

  1. उद्गम देश की भाषा में (Language of the Country of the Origin)
  2. गन्तव्य देश की भाषा में (Language of the Country of the Destination)
  3. फ्रेंच भाषा में (French Language)

गुप्ते तार यदि सन्देश को पूर्णतया गुप्त रखना हो, तो गुप्त भाषा के तार का प्रयोग किया जाता है। गुप्त तारों के लिए एक ‘कुंजी शब्द’ की सहायता ली जाती है। कुंजी शब्द में केवल दस अक्षर होने चाहिए तथा यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी अक्षर दोबारा नहीं आना चाहिए। माना, हिन्दी कुंजी शब्द अ र ह प स घ त न ग क’ तथा अंग्रेजी का शब्द A E, S, R, IN K TO P कुँजी शब्द हैं, तो गुप्त तार नम्बर 4328, 5209 और 7213 होने पर निम्न प्रकार से तार भेजा जाएगा
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 8 सन्देशवाहक प्रणालियाँ 1
4328 के स्थान पर प हार न अंग्रेजी में R S E T
5209 के स्थान पर स र क ग अंग्रेजी में I E P 0
7213 के स्थान पर त र अ ह अंग्रेजी में K E A S
तार पाने वाले को हिन्दी में अ र ह प स घ त न ग क तथा अंग्रेजी में R S E T, I E P 0, K E A S तार भेजा जाएगा, जिसे गुप्त भाषा का तार कहेंगे।

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प्रश्न 3.
फोनोग्राम से आप क्या समझते हैं? एक आधुनिक कार्यालय में इसकी उपयोगिता का वर्णन कीजिए। (2007)
उत्तर:
फोनोग्राम (टेलीफोन द्वारा तार) जिन लोगों के घर पर या दुकान पर टेलीफोन लगे होते हैं, वे अपना तार टेलीफोन द्वारा भी भेज सकते हैं। इस प्रकार टेलीफोन द्वारा भेजे गए तारों को ‘फोनोग्राम’ कहते हैं। ऐसे तार पर साधारण तार शुल्क के अलावा ₹ 2 अतिरिक्त शुल्क वसूल किया जाता है। तार भेजने का शुल्क टेलीफोन के बिल के साथ अदा किया जाता है। ऐसे तार की एक प्रति भेजने वाले को दी जाती है। इससे समय की काफी बचत होती है। (UPBoardSolutions.com) इस यन्त्र का प्रयोग पत्रों का उत्तर बोलने तथा बाद में इस यन्त्र की सहायता से सुनने के लिए किया जाता है। बड़े-बड़े व्यापारिक कार्यालयों में प्रतिदिन हजारों पत्र आते हैं। उन सभी पत्रों का ग्राहकों के पास सन्तोषजनके जवाब भेजना आवश्यक होता है। व्यापार का स्वामी अपनी सुविधा के अनुसार इस मशीन पर पत्रों के उत्तर बोल देता है। टाइप करने वाला लिपिक इसे सुनकर टाईप कर लेता है। इसके मुख्य भाग निम्नलिखित हैं

  1. मुख खण्ड
  2. घूमने वाला सिलेण्डर
  3. बोलने वाला यन्त्र
  4. श्रवण यन्त्र अथवा ईयरफोन

फोनोग्राम की उपयोगिता फोनोग्राम की उपयोगिता निम्नलिखित है

  1. फोनोग्राम में बोलने वाला अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी बोल सकता है।
  2. इसमें लिखने वाला या लिपिक अपनी सुविधा से लिख सकता है।
  3. फोनोग्राम का उपयोग करने पर आशुलिपिक को नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं रहती है।
  4. इसमें टाइपराइटर होने के कारण भाषण स्वतः ही टाइप हो जाता है।
  5. फोनोग्राम की सुविधा उपलब्ध होने से समय, श्रम व धन की बचत होती है।
  6. इसमें भाषण की गति को इच्छानुसार नियन्त्रित किया जा सकता है।

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प्रश्न 4.
एसटीडी एवं आईएसडी पर टिप्पणी लिखिए। (2008)
उत्तर:
एसटीडी इसे सब्सक्राईबर ट्रंक डाईलिंग (Subscriber Trunk Dialling) कहा जाता है। जब एक ही देश के दो विभिन्न स्थानों या शहरों के व्यक्तियों के मध्य टेलीफोन पर बातचीत की जाती है, तो इसे ‘एसटीडी कॉल कहा जाता है; जैसे-दिल्ली-मेरठ, जयपुर-लखनऊ, आदि। इस प्रकार की कॉल का शुल्क समय के अनुसार लगाया जाता है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक नगर या शहर का एक निश्चित कोड नम्बर होता है। कोड नम्बर डायल करने के बाद इच्छित टेलीफोन नम्बर डायल करना पड़ता है।

आईएसडी इसका पूरा नाम इण्टरनेशनल सब्सक्राईबर डाईलिंग (International Subscriber Dialling) है। जब किसी एक देश के व्यक्ति द्वारा किसी अन्य देश में रह रहे व्यक्ति से टेलीफोन पर सीधे बातचीत की जाती है, तो ऐसी कॉल को आईएसडी कहते हैं। वर्तमान समय में यह सुविधा सार्वजनिक टेलीफोन बूथों पर उपलब्ध है। इसके लिए भी टेलीफोन नम्बर डायल करने से पहले उस देश के लिए निश्चित कोड नम्बर लगाना होता है। प्रश्न 5. ई-मेल क्या है? उत्तर ‘ई-मेल’ का पूरा नाम ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’ है।

भारत में ई-मेल का प्रारम्भ फरवरी, 1994 में हुआ था। यह सन्देशवाहक का सशक्त और सस्ता साधन है। यह प्रणाली कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए विकसित की गई है, जिससे कम्प्यूटर से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति को कोई सन्देश, (UPBoardSolutions.com) दस्तावेज या सूचना इलेक्ट्रॉनिक द्वारा दी जा सकती है। ई-मेल के अन्तर्गत, एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को सन्देश भेजने में बहुत ही कम समय लगता है। इसके लिए इण्टरनेट की सुविधा का होना आवश्यक है। ई-मेल के द्वारा सूचना या सन्देशों को कम्प्यूटर-से-कम्प्यूटर पर तथा मोबाइल फोन-से-मोबाइल फोन पर आदान-प्रदान की जा सकती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक)

प्रश्न 1.
आधुनिक सन्देशवाहक साधनों का संक्षेप में वर्णन कीजिए। (2008)
अथवा
आधुनिक संचार माध्यम के किन्हीं पाँच साधनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए। (2007, 06)
अथवा
सन्देशवाहन के कौन-कौन से साधन हैं? किन्हीं दो प्रमुख साधनों का वर्णन कीजिए। (2018)
उत्तर:
शीघ्र आधुनिक सन्देशवाहक के साधन व्यापारी अपने व्यवसाय से सम्बन्धित सन्देशों को पत्रों द्वारा दूर-दूर तक भेज सकता है, किन्तु पत्रों द्वारा सन्देश पहुँचने में अधिक समय लगता है। व्यापार में कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब दूर के व्यापारियों से शीघ्र ही सम्पर्क करने की आवश्यकता होती हैं। इसमें थोड़ी-सी भी देर होने पर महत्त्वपूर्ण अवसर हाथ से निकल सकता है। अतः शीघ्र सन्देश भेजने के लिए भारतीय डाक व तार विभाग द्वारा टेलीफोन, फैक्स व टैलेक्स, आदि की सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। सन्देशवाहक के साधन शीघ्र सन्देश भेजने के लिए सन्देशवाहक के साधन निम्नलिखित हैं-

1. टेलीफोन टेलीफोन को हिन्दी में ‘दूरभाष’ कहते हैं। टेलीफोन सन्देश को शीघ्रता से भेजने का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन है। इसका आविष्कार सन् 1876 में ‘एलेक्जेण्डर ग्राहम बेल’ ने किया था। इसकी सहायता से हम अपने घर या दुकान पर बैठे हुए सिर्फ देश में ही नहीं, वरन् विदेश में भी आसानी से बातचीत कर सकते हैं। इसके द्वारा सन्देश को शीघ्र भेजा जा सकता है। टेलीफोन यन्त्र यह एक छोटा-सा यन्त्र होता है, जो ध्वनि तरंगों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर संवाद पहुँचाता है।

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इसके निम्नलिखित चार भाग होते हैं-

  1. रिसीवर इसे हम कान पर लगाकर दूसरों की बात सुनते हैं।
  2. ट्रांसमीटर इसे मुँह के सामने रखकर दूसरे से बात करते हैं।
  3. मुख्य भाग यह एक छोटी-सी चौकी के रूप में होता है, जिसमें एक घण्टी लगी रहती है तथा इसमें नम्बर मिलाने का डायल होता है, जिस पर 0 से 9 तक अंक लिखे होते हैं।
  4. विद्युत तार इसकी सहायता से बाहर के टेलीफोन से सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है। टेलीफोन द्वारा सन्देश पहुँचाने में दो पक्ष, वक्ता एवं श्रोता उपस्थित रहते हैं।

2. फैक्स मशीन ‘फैक्स’ लिखित सन्देश को किसी दूसरे स्थान पर हू-ब-हू भेजने का एक नवीनतम तरीका है। आजकल फैक्स द्वारा सन्देश भेजने का भी काफी प्रचलन है। यह टेलीफोन के साथ लगी हुई एक अत्याधुनिक मशीन होती है, जिसके द्वारा किसी लिखित सन्देश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर अतिशीघ्र भेजा जा सकता है। सन्देश भेजने के लिए फैक्स कोड निश्चित होते हैं। इस मशीन की सहायता से मुद्रित, हस्तलिखित, चित्र, रेखाचित्र, (UPBoardSolutions.com) चार्ट, आदि को कुछ ही पलों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है। इसका मूल्य एसटीडी कॉल के अनुसार लगता है तथा इसे टेलीफोन के बिल के साथ चुकाया जाता है। इसका बिल, समय व दूरी के अनुसार चार्ज किया जाता है।

3. सेल्युलर फोन (मोबाइल) यह आधुनिक तार-रहित संचार उपकरण है। छोटा उपकरण होने के कारण इसे सरलता से अपने पास जेब में रखा जा सकता है। देश में सेल्युलर फोन व्यवस्था का संचालन आजकल विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न कम्पनियों द्वारा किया जा रहा है। सेल्युलर फोन संचालन हेतु एक बैटरी लगी होती है, जिसको डिस्चार्ज होने पर चार्जर की सहायता से बिजली द्वारा चार्ज करके प्रयोग कर सकते हैं। सम्बन्धित कम्पनी उपभोक्ता को एक विशेष प्रकार का कार्ड (सिम कार्ड) देती है, जो फोन को दस अंकों का एक नम्बर प्रदान करता है। सेल्युलर फोन के द्वारा सन्देश, फोटो, गीत, आदि प्राप्त किए व भेजे जा सकते हैं। मोबाइल में इण्टरनेट की सुविधा होने पर ऑनलाइन मुद्रा का लेन-देन, रेलवे, हवाई यात्रा के टिकट की बकिंग कराई जा सकती है।

4. टेलीप्रिण्टर या टैलेक्स टैलेक्स एक स्थान से दूसरे स्थान पर सन्देश को शीघ्रता से भेजने की आधुनिक प्रणाली है। देश में भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) द्वारा जनता को टैलेक्स की सुविधा प्रदान की गई है। टैलेक्स एक्सचेंजों द्वारा अनेक नगरों का एक-दूसरे से सीधा सम्पर्क स्थापित कर दिया गया है। इस सुविधा का उपयोग करने के लिए स्टेशन-विशेष के लिए निर्धारित कोड का ज्ञान होना आवश्यक है; जैसे यह कोड कानपुर के लिए 032 एवं जयपुर के लिए 036 है। टेलीप्रिण्टर बिजली से चलने वाला टाइपराइटरं है, जिसमें एक टेलीफोन संलग्न रहता है।

5. ई-मेल ई-मेल’ का पूरा नाम ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’ है। भारत में ई-मेल का प्रारम्भ फरवरी, 1994 में हुआ था। यह सन्देशवाहक को सशक्त और सस्ता साधन बन गया है। यह प्रणाली कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए विकसित की गई है, जिससे कम्प्यूटर से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति को कोई सन्देश, दस्तावेज या सूचना इलेक्ट्रॉनिक द्वारा दी जा सकती है। ई-मेल के अन्तर्गत, एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को सन्देश भेजने में बहुत ही कम समय लगता है। इसके लिए इण्टरनेट की सुविधा का होना आवश्यक है। ई-मेल के द्वारा सूचना या सन्देशों को कम्प्यूटर-से-कम्प्यूटर या मोबाइल फोन पर तथा मोबाइल फोन-से-कम्प्यूटर या मोबाइल फोन पर आदान-प्रदान किया जा सकता है।

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प्रश्न 2.
टेलीफोन की सुविधाएँ कौन-कौन सी हैं? गत वर्षों में इस क्षेत्र में कौन-से परिवर्तन हुए हैं? (2014)
उत्तर:
टेलीफोन टेलीफोन को हिन्दी में ‘दूरभाष’ कहते हैं। टेलीफोन सन्देश को शीघ्रता से भेजने का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन है। इसका आविष्कार सन् 1876 में ‘एलेक्जैण्डर ग्राहम बेल ने किया था। टेलीफोन एक छोटी-सी मशीन के रूप में होता है। इसकी सहायता से हम अपने घर या दुकान पर बैठे हुए सिर्फ देश में ही नहीं वरन् विदेश में भी आसानी से बातचीत कर सकते हैं। इसके द्वारा सन्देश को शीघ्र भेजा जा सकता है। टेलीफोन सम्बन्धी नवीनतम यन्त्रों का आविष्कार पिछले कुछ वर्षों में टेलीफोन से सम्बन्धित नए यन्त्रों का आविष्कार हुआ है, जिससे वर्तमान में टेलीफोन की उपयोगिता बढ़ गई है।

टेलीफोन से सम्बन्धित कुछ नवीनतम यन्त्रों का विवरण निम्नलिखित है-

1. फैक्स मशीन फैक्स’ किसी लिखित सन्देश को दूसरे स्थान पर हू-ब-हू भेजने की तकनीक है। आजकल सन्देश भेजने में फैक्स मशीन का काफी प्रचलन है। यह टेलीफोन के साथ जुड़ी हुई एक आधुनिक मशीन होती है, जिसके द्वारा लिखित सन्देश को अतिशीघ्र दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है। इसमें सन्देश भेजने के लिए कोड निश्चित होते हैं। इससे सन्देश अपने गन्तव्य स्थान पर शीघ्र पहुँच जाता है।

2. टेलीप्रिण्टर या टैलेक्स यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर शीघ्र सन्देश भेजने की एक आधुनिक प्रणाली है। इसकी सुविधा भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) द्वारा दी गई है। टैलेक्स एक्सचेंजों द्वारा अनेक शहरों का एक-दूसरे से सीधा सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।

3. सेल्युलर फोन (मोबाइल) यह आधुनिक तार-रहित संचार उपकरण है। यह उपग्रह या सैटेलाइट की सहायता से कार्य करता है। इसके द्वारा हम कहीं भी बात कर सकते हैं। इसके द्वारा एसएमएस (SMS), इण्टरनेट, आदि सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाती हैं। आजकल (UPBoardSolutions.com) विभिन्न कम्पनियों द्वारा सेल्युलर फोन संचालन की व्यवस्था सुचारु रूप से की जा रही है।

4. कार्डलैस फोन यह Landline Phone का एक आधुनिक स्वरूप है। यह दिखने में लैंडलाईन फोन की तरह ही होता है, परन्तु वर्तमान में इस फोन को आधुनिक रूप प्रदान करने के लिए इसमें ऐसी तकनीक का प्रयोग किया गया है जिससे यह बिना तार के कार्य करता है। वर्तमान में इसमें वॉईस कॉल के साथ-साथ एसएमएस की सुविधा भी प्रदान की गई है। इसका एक उपयुक्त उदाहरण वॉकी-टॉकी है।

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5. इनमार सैट-पी 21 टेलीफोन इंग्लैण्ड की इनमार कम्पनी द्वारा निर्मित यह ऐसा टेलीफोन होता है, जो चल उपग्रह दूरसंचार पर आधारित है। इसके द्वारा — शीघ्र ही विश्व के किसी भी टेलीफोन से सम्पर्क कर सकते हैं।

6. ई-पोस्ट यह सेवा डाकघर के माध्यम से सन् 1994 में प्रारम्भ की गई थी। इसके द्वारा कहीं भी बैठा हुआ व्यक्ति ए-4 साइज के कागज पर (डाकघर में) सन्देश को भेज सकता है। यह ई-मेल और फैक्स का समन्वय है।

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