UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 4 (Section 2)

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 4 सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय (अनुभाग – दो)

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विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सर्वोच्च न्यायालय के संगठन तथा कार्यों का वर्णन कीजिए। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को अपदस्थ करने की क्या प्रक्रिया है ? [2015]
या

सर्वोच्च न्यायालय प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत किन-किन मुकदमों की सुनवाई कर सकता है? किन्हीं दो प्रकार के मुकदमों का वर्णन कीजिए। [2014]
              या
भारत के उच्चतम न्यायालय की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए। [2012, 14]
              या
सर्वोच्च न्यायालय को संविधान का रक्षक क्यों कहा जाता है ? [2010]
              या
सर्वोच्च न्यायालय किस प्रकार के मुकदमों की सीधी सुनवाई कर सकता है? इसे संविधान का संरक्षक क्यों कहा जाता है? [2015]
              या
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के संगठन पर प्रकाश डालिए। [2015]
              या
सर्वोच्च न्यायालय के संगठन पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए। [2010, 11]
              या
सर्वोच्च न्यायालय क्षेत्राधिकार में आने वाले किन्हीं दो बिन्दुओं का वर्णन कीजिए। [2009]
              या
सर्वोच्च न्यायालय नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा किस प्रकार करता है? [2010]
              या
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य कार्य क्या हैं? [2010]
              या
अभिलेख न्यायालय के रूप में उच्चतम न्यायालय के क्या अधिकार हैं? स्पष्ट कीजिए। [2009]
              या
अभिलेख न्यायालय पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। [2009]
              या
सर्वोच्च न्यायालय के प्रारम्भिक एवं अपीलीय क्षेत्राधिकार का वर्णन कीजिए। [2017]
              या
भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है? उसकी दो अर्हताएँ लिखिए। [2018]
उत्तर :
संरचना अथवा संगठन- संविधान की धारा 224 के अनुसार, भारतीय संघ में एक सर्वोच्च न्यायालय होगा। सर्वोच्च न्यायालय का संगठन इन सन्दर्भो में समझा जा सकता है। मूल संविधान में सर्वोच्च न्यायालय के लिए एक मुख्य न्यायाधीश तथा 7 अन्य न्यायाधीशों की व्यवस्था की गयी थी। सन् 2008 से संसद ने न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाकर 31 कर दी है। अब सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और 30 अन्य न्यायाधीश  हैं। मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के उन न्यायाधीशों से (UPBoardSolutions.com) परामर्श करता है, जिन्हें वह आवश्यक समझे। सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के समय राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश से मन्त्रणा कर लेता है। संवैधानिक अध्यक्ष होने के कारण राष्ट्रपति मन्त्रिपरिषद् के परामर्श से ही नियुक्तियाँ करता है। तदर्थ न्यायाधीश की नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति की स्वीकृति से करता है। सर्वोच्च न्यायालय भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री दीपक मिश्रा हैं।

न्यायाधीशों की योग्यताएँ– संविधान द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की निम्नलिखित योग्यताएँ (अर्हताएँ) निश्चित की गयी हैं

  • वह भारत का नागरिक हो।
  • उसकी आयु 65 वर्ष से कम हो।
  • वह किसी उच्च न्यायालय में या ऐसे दो अथवा दो से अधिक न्यायालयों में लगातार 5 वर्ष तक । न्यायाधीश रह चुका हो।
  • वह किसी उच्च न्यायालय में अथवा अन्य न्यायालयों में लगातार 10 वर्ष तक अधिवक्ता (एडवोकेट) रह चुका हो।
  • राष्ट्रपति के मत से वह कोई पारंगत एवं प्रतिष्ठित विधिवेत्ता रहा हो।

शपथ-ग्रहण- न्यायाधीश को पद पर आसीन होने से पहले राष्ट्रपति के समक्ष संविधान के प्रति निष्ठा एवं निष्पक्ष रूप से कार्य करने की शपथ लेनी पड़ती है।

वेतन और भत्ते- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को १ 2,80,000 मासिक वेतन तथा अन्य न्यायाधीशों को १ 2,50,000 मासिक वेतन मिलता है। इसके अतिरिक्त उन्हें नि:शुल्क आवास तथा यात्रा-भत्ता मिलता है। इनके वेतन-भत्ते भारत की संचित निधि से दिये जाते हैं। ये वेतन-भत्ते संसद द्वारा निश्चित किये जाते हैं। इनके कार्यकाल में ये घटाये नहीं जा सकते। सेवानिवृत्त होने पर मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को वार्षिक पेंशन प्राप्त होती है। इन सभी सुविधाओं के उपरान्त उन पर एक प्रतिबन्ध यह है। कि वे सेवानिवृत्त होने के पश्चात् किसी न्यायालय में वकालत नहीं कर सकते। यदि राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को न्याय से सम्बन्धित कोई विशेष कार्य सौंपता है तो उस कार्य के लिए न्यायाधीश को पारिश्रमिक प्रदान किया जाता है।

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कार्यकाल तथा महाभियोग- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की अवधि तक अपने पद पर कार्य करते हैं। पैंसठ वर्ष की आयु पूर्ण होने पर उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। इस अवधि से पूर्व वे स्वेच्छा से त्याग-पत्र दे सकते हैं अथवा संसद महाभियोग लगाकर उन्हें पदच्युत कर सकती है। न्यायाधीशों को अयोग्यता तथा कदाचार के आधार पर भी पदच्युत किया जा सकता है। इसके लिए व्यवस्था की गयी है। कि संसद के दोनों सदनों के उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत और समस्त संख्या के बहुमत से उक्त न्यायाधीश पर कदाचार अथवा असमर्थता का आरोप लगाकर (UPBoardSolutions.com) राष्ट्रपति के पास विचारार्थ भेजें और राष्ट्रपति उस प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर कर दे। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि महाभियोग का प्रस्ताव संसद के एक ही सत्र में स्वीकृत हो जाना चाहिए। सम्बन्धित न्यायाधीश को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पूर्ण अवसर दिया जाता है।

अभिलेख न्यायालय- उच्चतम न्यायालय को अभिलेख न्यायालय इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय अभिलेख (रिकॉर्ड) न्यायालय के रूप में भी कार्य करता है। अभिलेख न्यायालय का अर्थ यह है कि न्यायालय के समस्त निर्णयों को अभिलेख के रूप में सुरक्षित रखा जाता है। इन अभिलेखों को भविष्य में किसी भी न्यायालय के निर्णय, अन्य अधीनस्थ न्यायालयों में आवश्यकता पड़ने पर नजीर (केस लॉ) के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।

भारत के उच्चतम या सर्वोच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार/कार्य

भारत के सर्वोच्च या उच्चतम न्यायालय को व्यापक क्षेत्राधिकार प्राप्त हैं। इसके क्षेत्राधिकार का अध्ययन चार रूपों में किया जा सकता है–

  1. प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार,
  2. अपीलीय क्षेत्राधिकार,
  3. परामर्शदात्री क्षेत्राधिकार तथा
  4. अन्य अधिकार।

1. प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार- कुछ विवाद ऐसे होते हैं जिन्हें केवल उच्चतम न्यायालय को ही सुनने तथा सुलझाने का अधिकार होता है। ये विवाद निम्नलिखित प्रकार के होते हैं

  • जब कोई विवाद भारत सरकार और एक या एक से अधिक राज्यों के बीच हो।
  • जब किसी विवाद में एक ओर भारत सरकार और एक या एक से अधिक राज्य सरकारें हों तथा दूसरी ओर एक अथवा अधिक राज्य सरकारें हों।
  • जब विवाद दो या दो से अधिक राज्यों के मध्य हो।
  • जब विवाद राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से सम्बन्धित हो।

2. अपीलीय क्षेत्राधिकार- सर्वोच्च न्यायालय को राज्यों के उच्च न्यायालयों के निर्णय के विरुद्ध अपील सुनने का अधिकार प्राप्त है। सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार को अग्रलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है

  1. संवैधानिक अपीलें- संविधान के अनुच्छेद 132 के अनुसार, जब कोई उच्च न्यायालय किसी मुकदमे के सम्बन्ध में यह प्रमाण-पत्र दे देता है कि उसमें संविधान की किसी धारा की व्याख्या का प्रश्न निहित है तो उस मुकदमे की अपील उच्चतम न्यायालय में होती है। यदि उच्च न्यायालय प्रमाण-पत्र नहीं देता है तो उच्चतम न्यायालय स्वयं भी ऐसे मामलों में अपील की आज्ञा दे सकता
  2. दीवानी अपीलें- उच्च न्यायालय के प्रमाण-पत्र देने पर किसी भी दीवानी मुकदमे की अपील सर्वोच्च न्यायालय में की जा सकती है।
  3. फौजदारी की अपीलें- निम्नलिखित स्थितियों में फौजदारी मुकदमों की अपीलें उच्चतम न्यायालय में की जा सकती हैं
  • जब उच्च न्यायालय ने किसी मुकदमे को अपने अधीन न्यायालय से मँगवाकर अपराधी को मृत्यु-दण्ड दे दिया हो।
  • यदि किसी अपराधी को उच्च न्यायालय ने अपने (UPBoardSolutions.com) अधीन न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध मृत्यु दण्ड दे दिया हो।
  • ऐसे मुकदमों की अपील उच्चतम न्यायालय में की जा सकती है जिनके सम्बन्ध में उच्च न्यायालय इस आशय का प्रमाण-पत्र दे दे कि वह उच्चतम न्यायालय में सुनने योग्य है।
  • यदि सर्वोच्च न्यायालय किसी मुकदमे में यह अनुभव करता है कि किसी व्यक्ति के साथ वास्तव में अन्याय हुआ है तो वह सैनिक न्यायालयों के अतिरिक्त किसी भी न्यायाधिकरण के विरुद्ध अपील करने की आज्ञा प्रदान कर सकता है।

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सर्वोच्च न्यायालय भारत के किसी भी उच्च न्यायालय या न्यायाधिकरण के निर्णय, दण्ड या आदेश के विरुद्ध संरक्षण प्रदान कर सकता है, चाहे भले ही उच्च न्यायालय ने अपील की आज्ञा से इन्कार ही क्यों न किया हो।

3. परामर्शदात्री क्षेत्राधिकार-अनुच्छेद 143 –
के अन्तर्गत, राष्ट्रपति द्वारा किसी कानूनी प्रश्न या विषय पर परामर्श माँगने पर सर्वोच्च न्यायालय उसे परामर्श देता है, किन्तु राष्ट्रपति ऐसे किसी भी परामर्श को मानने के लिए बाध्य नहीं है।

4. अन्य अधिकार :

  • मूल अधिकारों की रक्षा- अनुच्छेद 32 के अन्तर्गत संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किये गये मौलिक अधिकारों की रक्षा का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को सौंपा गया है। इसके लिए वह आदेश, निर्देश तथा लेख (Writs) जारी करता है।
  • संविधान की रक्षा एवं व्याख्या- सर्वोच्च न्यायालय संसद द्वारा पारित ऐसे कानूनों को अवैध घोषित कर सकता है, जो संविधान की किसी व्यवस्था के विरुद्ध हैं। संविधान की व्याख्या करने | का अन्तिम अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को ही प्राप्त है।
  • अधीनस्थ न्यायालयों पर नियन्त्रण- सर्वोच्च न्यायालय को अधीनस्थ न्यायालयों के कार्यों की देखभाल करने तथा उन पर नियन्त्रण रखने का अधिकार होता है। यह अधीनस्थ न्यायालय से किसी मुकदमे को मॅगाकर उस पर विचार कर सकता है। यह अधीनस्थ न्यायालयों के नियमों का निर्माण भी करता है।
  • पुनर्विचार का अधिकार– भारत के सर्वोच्च न्यायालय को अपने निर्णय के पुनरावलोकन करने का भी अधिकार प्राप्त है। यदि ऐसा अनुभव हो कि उच्चतम न्यायालय निर्णय में कोई भूल कर बैठा है या उसके निर्णय में कोई कमी रह गयी है तो उस विवाद पर फिर से विचार करने की प्रार्थना की जा सकती है। इस अधिकार के अन्तर्गत सर्वोच्च न्यायालय ने अपने पहले निर्णयों को बदलकर अनेक बार निर्णय दिये हैं।

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प्रश्न 2.
उच्च न्यायालय के संगठन और शक्तियों का वर्णन कीजिए। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की योग्यता, वेतन, भत्ते तथा सेवा शर्त पर प्रकाश डालिए। [2011, 18]
              या
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यताएँ क्या हैं? उनके अधिकार-क्षेत्रों का वर्णन कीजिए। [2012]
              या
उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए निर्धारित योग्यताओं का उल्लेख कीजिए। [2013]
              या
राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है? इन न्यायालयों के न्यायाधीशों का कार्यकाल कितना होता है? [2010, 11]
              या
उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए निर्धारित कोई तीन योग्यताएँ लिखिए। [2015]
              या
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए निर्धारित अर्हताएँ क्या हैं? उनका कार्यकाल कितना |
              या
होता है? उनका प्रारम्भिक और अपीलीय कार्य क्षेत्र क्या है? [2016]
उत्तर :

उच्च न्यायालय का संगठन

न्यायाधीशों की संख्या– संविधान के अनुसार न्यायाधीशों की संख्या निश्चित नहीं है। यह समय-समय पर बदलती रहती है। राष्ट्रपति इनकी संख्या राज्य के क्षेत्रफल, जनसंख्या तथा कार्यभार के आधार पर निश्चित करता है। उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश है तथा 160 पद न्यायाधीशों के लिए सृजित हैं। वर्तमान समय में 81 न्यायाधीश कार्यरत हैं। अन्य न्यायाधीश हैं, जिनमें 67 स्थायी तथा 14 अस्थायी हैं। राष्ट्रपति अतिरिक्त व अवकाश-प्राप्त न्यायाधीशों की भी नियुक्ति कर सकता है।

न्यायाधीशों की योग्यताएँ– राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए आवश्यक है कि वह भारत का नागरिक हो। वह भारत के किसी भी न्यायालय में कम-से-कम 10 वर्षों तक न्यायाधीश के पद पर कार्य कर चुका हो अथवा भारत के किसी एक या अधिक उच्च न्यायालयों में 10 वर्षों तक लगातार अधिवक्ता रह चुका हो अथवा राष्ट्रपति की दृष्टि में विधिशास्त्र का उच्चकोटि का विद्वान हो तथा उसकी आयु 62 वर्ष से कम हो।

न्यायाधीशों की नियुक्ति– उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। ऊपर उल्लिखित योग्यता वाले किसी व्यक्ति की नियुक्ति उस प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा (UPBoardSolutions.com) न्यायाधीश के पद पर की जा सकती है, परन्तु उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में राष्ट्रपति भारत के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं उस राज्य के राज्यपाल से परामर्श लेता है।

न्यायाधीशों की शपथ- नियुक्ति के उपरान्त न्यायाधीशों को अपने पद पर निष्ठापूर्वक कार्य करने की शपथ लेनी पड़ती है। कर्तव्यों के परिपालन में योग्यता, निष्पक्षता एवं न्यायप्रियता के प्रति उनको सत्यव्रती एवं निष्ठावान् होना पड़ता है।

वेतन एवं भत्ते- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को 2,50,000 मासिक वेतन तथा अन्य न्यायाधीशों को १ 2,25,000 मासिक वेतन मिलता है। इसके अतिरिक्त इन्हें मासिक भत्ते तथा प्रत्येक न्यायाधीश को नि:शुल्क निवासस्थान, यात्रा सम्बन्धी सुविधाएँ, सवेतन छुट्टियाँ और अवकाश ग्रहण करने पर पेंशन प्राप्त होती है। किसी न्यायाधीश के कार्यकाल में उसके वेतन, भत्तों आदि की कटौती नहीं की जा सकती है। कार्यकाल-साधारणत: प्रत्येक न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर कार्य करता रहता है। यदि वह चाहे तो समय से पूर्व भी अपने पद से त्याग-पत्र दे सकता है। इसके अतिरिक्त यदि किसी न्यायाधीश पर भ्रष्टाचार अथवा अयोग्यता का आरोप लगाया जाए तो वह संसद द्वारा पारित एवं राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव द्वारा पदच्युत किया जा सकता है। राष्ट्रपति उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का स्थानान्तरण भारत के किसी भी उच्च न्यायालय में कर सकता है। यह कार्य वह उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से करता है।

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उच्च न्यायालय की शक्तियाँ/कार्य

उच्च न्यायालय को अग्रलिखित शक्तियाँ प्राप्त हैं–
1. न्याय-सम्बन्धी अधिकार- इस अधिकार क्षेत्र के अन्तर्गत उच्च न्यायालय को अग्रलिखित शक्तियाँ प्राप्त हैं

  • प्रारम्भिक अधिकार-उच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों की रक्षा, वसीयत, विवाह| विच्छेद, विवाह-विधि, कम्पनी कानून, उच्च न्यायालय की अवमानना आदि के मुकदमे सुनने का अधिकार प्राप्त है।
  • अपील-सम्बन्धी अधिकार-उच्च न्यायालय अपने अधीनस्थ न्यायालयों के निर्णयों के विरुद्ध दीवानी, फौजदारी तथा माल के मुकदमों की अपीलें सुनता है। आयकर, बिक्रीकर तथा अन्य करों से सम्बन्धित अपीलें भी इसी न्यायालय में की जाती हैं।
  • मौलिक अधिकारों की रक्षा-उच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। इस उद्देश्य के लिए वह बन्दी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार-पृच्छा तथा उत्प्रेक्षण लेख जारी कर सकता है।
  • संविधान की रक्षा एवं व्याख्या-उच्च न्यायालय को संविधान की रक्षा तथा व्यवस्था करने का भी अधिकार प्राप्त है। यदि विधानमण्डल संविधान की किसी धारा के विरुद्ध कोई कानून पारित करता है तो उच्च न्यायालय उसे अवैध घोषित (UPBoardSolutions.com) कर सकता है।
  • मृत्यु-दण्ड की स्वीकृति-सत्र न्यायाधीश किसी व्यक्ति को तब तक मृत्यु-दण्ड नहीं दे सकता, जब तक वह उच्च न्यायालय से इसकी पूर्व स्वीकृति प्राप्त नहीं कर लेता है।
  • अभिलेख न्यायालय का कार्य-उच्च न्यायालय अपने निर्णयों को प्रकाशित करवाता है, जो अधीनस्थ न्यायालयों में मान्य होते हैं। न्यायालय अपनी मान-हानि के लिए भी दण्ड दे सकता है।

2. प्रबन्ध-सम्बन्धी अधिकार- उच्च न्यायालय को अधीनस्थ न्यायालयों के प्रबन्ध एवं देखभाल करने का भी अधिकार प्राप्त है। वह अपने अधीन किसी भी न्यायालय के किसी भी मुकदमे के कागजात मँगवाकर देख सकता है। न्यायालयों की कार्य-पद्धति एवं रिकॉर्ड रखने सम्बन्धी नियम बना सकता है। उच्च न्यायालय मुकदमे को एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय में स्थानान्तरित कर सकता है। उच्च न्यायालय अधीनस्थ न्यायालयों के अधिकारियों की सेवा-शर्तों को निर्धारित करता है।

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प्रश्न 3.
उत्तर प्रदेश की न्याय-व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
उत्तर प्रदेश की न्याय-व्यवस्था उत्तर प्रदेश में भी अन्य राज्यों की भाँति ही स्वतन्त्र न्यायपालिका की व्यवस्था की गयी है। यहाँ के जिला न्यायालय उच्च न्यायालय की अधीनता एवं संरक्षणता में कार्य करते हैं। उत्तर प्रदेश की न्याय व्यवस्था का स्वरूप निम्नलिखित है

1. उच्च न्यायालये- 
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद नगर में उच्च न्यायालय की स्थापना की गयी है। यह राज्य का सबसे बड़ा न्यायालय है। संविधान के अनुसार न्यायाधीशों की संख्या निश्चित नहीं है। यह समय-समय पर बदलती रहती है। राष्ट्रपति इनकी संख्या राज्य के क्षेत्रफल, जनसंख्या तथा कार्यभार के आधार पर निश्चित करता है। उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश है तथा 160 पद न्यायाधीशों के लिए सृजित हैं। वर्तमान समय में 81 न्यायाधीश कार्यरत हैं। अन्य न्यायाधीश हैं, जिनमें 67 स्थायी तथा 14 अस्थायी हैं। राष्ट्रपति अतिरिक्त व अवकाश-प्राप्त न्यायाधीशों की भी नियुक्ति कर सकता है। (UPBoardSolutions.com) यह न्यायालय न्याय की व्यवस्था करता है; अतः राज्य में न्याय के क्षेत्र में इसे महत्त्वपूर्ण अधिकार प्राप्त हैं। संविधान की व्याख्या, मूल अधिकारों की रक्षा, अभिलेख आदि के साथ-साथ यह प्रशासन का भी कार्य करता है। उच्च न्यायालय के अधीन प्रत्येक जिले में तीन प्रकार के न्यायालय-दीवानी, फौजदारी, राजस्व कार्यरत हैं।

2. जनपदीय न्यायालय– 
जिले की न्याय-व्यवस्था के लिए उच्च न्यायालय के संरक्षण में निम्नलिखित न्यायालयों की व्यवस्था की गयी है

  • दीवानी न्यायालय-धनराशि, चल तथा अचल सम्पत्ति से सम्बन्धित मुकदमों के निपटारों के
    लिए दीवानी न्यायालयों की व्यवस्था प्रत्येक जिले में की गयी है। यह न्यायालय नीचे के दीवानी न्यायालयों के निर्णय के विरुद्ध अपीलें भी सुनता है। जिले में दीवानी का सबसे बड़ा न्यायालय जिला न्यायाधीश का न्यायालय होता है। इसके पश्चात् एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश होता है। इसके निर्णयों की अपील उच्च न्यायालय में ही की जा सकती है। सिविल जज दीवानी के मामलों में जिला न्यायाधीश के नीचे का न्यायाधीश होता है। सिविल जज न्यायाधीश) के नीचे मुन्सिफ का न्यायालय होता है। मुन्सिफ के न्यायालय के नीचे खफीफा का न्यायालय होता है। दीवानी न्यायालयों में सबसे निचले स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय पंचायतें होती हैं। इनके (न्याय पंचायत) निर्णय के विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती है।
  • फौजदारी न्यायालय-लड़ाई-झगड़े, हत्या, मारपीट आदि के मुकदमों की सुनवाई के लिए प्रत्येक जिले में एक फौजदारी न्यायालय होता है। जिले में फौजदारी का सबसे बड़ा न्यायालय सत्र न्यायाधीश का न्यायालय होता है। ये मृत्यु-दण्ड या आजीवन कारावास का दण्ड देने का अधिकार रखते हैं। ये न्यायालय निचले स्तर के न्यायालयों के निर्णयों की अपील सुनते हैं। सत्र न्यायालय तथा अतिरिक्त सत्र न्यायालय के निर्णयों के विरुद्ध उच्च न्यायालय में ही अपील की जा सकती है। सत्र न्यायाधीश या सेशन जज जब दीवानी के मुकदमे सुनता है तब उसे जिला जज कहते हैं। इसके अतिरिक्त जिले में सहायक सत्र न्यायाधीश, चीफ जुडीशियल मजिस्ट्रेट प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के भी न्यायालय होते हैं। जिले में न्याय की सबसे छोटी इकाई न्याय पंचायत होती है। ये जुर्माना तो कर सकती हैं, लेकिन कारावास का दण्ड नहीं दे सकतीं। |
  • राजस्व न्यायालय–जिले में राजस्व का सबसे बड़ा न्यायालय जिलाधीश का न्यायालय होता है। (UPBoardSolutions.com) इसके नीचे उपजिलाधीश, तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार के न्यायालय होते हैं। ये न्यायालय भूमि तथा लगान से सम्बन्धित मुकदमों की सुनवाई करते हैं।

उपर्युक्त न्यायालयों के अतिरिक्त कुछ विशेष मुकदमों का फैसला विशेष न्यायालयों में होता है; जैसे-आयकर सम्बन्धी मुकदमों का फैसला आयकर अधिकारी ही कर सकता है। उसके निर्णय के विरुद्ध आयकर आयुक्त और आयकर अधिकरण में अपील की जा सकती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सर्वोच्च न्यायालय के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
सर्वोच्च न्यायालय की स्थिति निम्नलिखित कारणों से बहुत ही महत्त्वपूर्ण है– ..

  • इस न्यायालय के कारण कार्यपालिका की तानाशाही नहीं चल सकती।
  • यह न्यायालय संविधान का रक्षक है।
  • इस न्यायालय द्वारा नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा होती है।
  • यह न्यायालय संसद तथा कार्यपालिका से स्वतन्त्र रहने के कारण दोनों पर नियन्त्रण रखता है।

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प्रश्न 2.
न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) से क्या तात्पर्य है ? यह शक्ति किसे प्रदान की गयी है ? [2010]
उत्तर :
संविधान के अनुच्छेद 137 के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय को यह अधिकार प्राप्त है कि वह स्वयं द्वारा दिये गये आदेश या निर्णय पर पुनर्विचार कर उचित समझे तो उसमें आवश्यक परिवर्तन कर सके। ऐसा उस समय किया जाता है जब सर्वोच्च न्यायालय को यह सन्देह हो कि उसके द्वारा दिये गये निर्णय में किसी पक्ष के प्रति न्याय नहीं हो सका है। यदि उसके सम्बन्ध में कोई नवीन तथ्य प्रकाश में आये हों, तब भी ऐसा किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान में सर्वोच्च न्यायालय की स्वतन्त्रता सुनिश्चित करने हेतु अपनाये गये किन्हीं तीन उपायों का उल्लेख कीजिए। (2015)
उत्तर : सर्वोच्च न्यायालय की स्वतन्त्रता के लिए निम्न प्रावधान किये गये हैं|

  • न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक् रखा गया है। इसके लिए न्यायाधीशों की नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति को दिया गया है, लेकिन पदच्युति का अधिकार अकेले राष्ट्रपति को नहीं संसद को भी दिया गया है। संसद द्वारा प्रस्ताव पास करने के बाद ही राष्ट्रपति न्यायाधीश को हटा सकता है।
  • पर्याप्त वेतन की व्यवस्था की गयी है। उनके कार्यकाल में उनके वेतन कम नहीं किये जा सकते हैं।
  • उनके पद की सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है। न्यायाधीश (UPBoardSolutions.com) अवकाश ग्रहण करने की आयु तक अपने पद पर कार्य कर सकते हैं। केवल महाभियोग की कठिन प्रक्रिया द्वारा उन्हें हटाया जा सकता है।
  • सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीश किसी न्यायालय में वकालत नहीं कर सकते।
  • सर्वोच्च न्यायालय को अपने तथा अपने अधीनस्थ न्यायालयों की कार्य प्रणाली को निर्धारित करने के | लिए नियम बनाने का अधिकार है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति की आयु क्या है ? [2011]
उत्तर :
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है।

प्रश्न 2.
सर्वोच्च न्यायालय कहाँ स्थित है ?
उत्तर :
भारत का सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में स्थित है।

प्रश्न 3.
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों का वेतन लिखिए।
उतर :
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का वेतन १ 2,80,000 प्रतिमाह तथा अन्य न्यायाधीशों का वेतन १ 2,50,000 प्रतिमाह है।

प्रश्न 4.
सर्वोच्च न्यायालय के कोई दो कार्य अथवा अधिकार लिखिए।
उत्तर :
सर्वोच्च न्यायालय के दो कार्य अथवा अधिकार हैं

  • मूल अधिकारों की रक्षा करना तथा
  • संविधान की व्याख्या करना।

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प्रश्न 5.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर :
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की (UPBoardSolutions.com) नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश से मन्त्रणा लेकर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

प्रश्न 6.
उत्तराखण्ड की राजधानी एवं उच्च न्यायालय कहाँ पर स्थित हैं ?
उत्तर :
उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून तथा उच्च न्यायालय नैनीताल में स्थित है।

प्रश्न 7.
राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति किस प्रकार होती है ?
उत्तर :
राष्ट्रपति उसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह से अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है।

प्रश्न 8.
इलाहाबाद के उच्च न्यायालय की खण्डपीठ कहाँ पर स्थित हैं ?
              या
उत्तर प्रदेश का उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है ?
उत्तर :
उत्तर प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद में स्थित है तथा इलाहाबाद के उच्च न्यायालय की खण्डपीठ (शाखा) लखनऊ में स्थित है।

प्रश्न 9.
उच्च न्यायालय के दो प्रमुख कार्य कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :
उच्च न्यायालय के दो प्रमुख कार्य हैं

  • अपील-सम्बन्धी अधिकार (कार्य) तथा
  • अधीनस्थ न्यायालयों पर नियन्त्रण।

प्रश्न 10.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को कौन नियुक्त करता है ?
उत्तर :
भारत के मुख्य न्यायाधीश को राष्ट्रपति नियुक्त करता है।

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प्रश्न 11.
भारत के किस उच्च न्यायालय की खण्डपीठ पोर्ट ब्लेयर में है ?
उत्तर :
भारत के कोलकाता उच्च न्यायालय की खण्डपीठ पोर्ट ब्लेयर में है।

प्रश्न 12.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की अवकाश ग्रहण करने की आयु क्या है ? [2011]
उत्तर : उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की अवकाश ग्रहण करने की आयु 62 वर्ष है।

प्रश्न 13.
लक्षद्वीप समूह किस सागर में स्थित है? यह किस प्रदेश के उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है? [2014]
उत्तर : लक्षद्वीप समूह अरब सागर में स्थित है। यह केरल उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है।

बहुविकल्पीय प्रण का

1. भारत का सर्वोच्च न्यायालय स्थित है
(क) मुम्बई में
(ख) कोलकाता में
(ग) नयी दिल्ली में
(घ) चेन्नई में

2. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद से हटाये जा सकते हैं [2011]
(क) राष्ट्रपति द्वारा
(ख) लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा
(ग) संसद द्वारा महाभियोग लगाकर
(घ) कार्यकाल में हटाये नहीं जा सकते हैं

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3. यदि कोई व्यक्ति उच्चतम न्यायालय में 58 वर्ष की आयु में न्यायाधीश नियुक्त हो जाता है तो वह अधिक-से-अधिक कितने वर्ष तक उस पद पर रह सकता है ? [2011]
(क) चार वर्ष
(ख) पाँच वर्ष
(ग) छ: वर्ष
(घ) सात वर्ष

4. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है- (2012, 13]
(क) राष्ट्रपति द्वारा
(ख) प्रधानमन्त्री द्वारा
(ग) कानून मन्त्री द्वारा
(घ) इनमें से कोई नहीं

5. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति किसकी सलाह पर की जाती है? [2011]
(क) केन्द्रीय वित्त मन्त्री
(ख) प्रधानमन्त्री
(ग) महान्यायवादी
(घ) भारत के मुख्य न्यायाधीश

6. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खण्डपीठ कहाँ स्थापित है? [2013]
(क) मेरठ में
(ख) इलाहाबाद में
(ग) कानपुर में
(घ) लखनऊ में

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7. राज्य का सबसे बड़ा न्यायालय होता है [2011]
(क) उच्च न्यायालय
(ख) उच्चतम न्यायालय
(ग) राजस्व परिषद्
(घ) जिला न्यायालय

8. उत्तर प्रदेश का उच्च न्यायालय स्थित है [2011]
(क) लखनऊ में
(ख) कानपुर में
(ग) इलाहाबाद में
(घ) वाराणसी में

9. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के सेवानिवृत्त होने की अधिकतम आयु कितनी निर्धारित है? [2014, 17, 18]
(क) 62 वर्ष
(ख) 63 वर्ष
(ग) 64 वर्ष
(घ) 65 वर्ष

10. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की सेवानिवृत्त होने की अधिकतम आयु क्या है? [2014]
(क) 60 वर्ष
(ख) 61 वर्ष
(ग) 62 वर्ष
(घ) 65 वर्ष

11. भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है- [2015, 17, 18]
(क) उपराष्ट्रपति
(ख) प्रधानमन्त्री
(ग) राष्ट्रपति
(घ) मुख्य चुनाव आयुक्त

12. भारत संघ के राज्यों में सबसे बड़ा न्यायालय है (2015, 16]
(क) उच्च न्यायालय
(ख) सर्वोच्च न्यायालय
(ग) जिला न्यायालय
(घ) राजस्व परिषद्

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13. मौलिक अधिकार सम्बन्धी मुकदमे सुनने का अधिकार किसको है? (2017)
(क) केवल उच्चतम न्यायालय को
(ख) केवल उच्च न्यायालय को
(ग) केवल उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों को
(घ) उच्चतम तथा उच्च न्यायालय दोनों को

14. उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश अधिकतम कितनी आयु तक अपने पद पर कार्य । कर सकता है? [2018]
(क) 60 वर्ष
(ख) 62 वर्ष
(ग) 65 वर्ष
(घ) 67 वर्ष

15. सर्वोच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है? [2018]
(क) प्रधान न्यायाधीश
(ख) प्रधान मन्त्री
(ग) न्यायिक आयोग
(घ) राष्ट्रपति

उत्तरमाला

1. (ग), 2. (ग), 3. (घ), 4. (क), 5. (घ), 6. (घ), 7. (क), 8. (ग), 9. (घ), 10. (ग), 11. (ग), 12. (क), 13. (घ), 14. (ग), 15. (घ)

Hope given UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 4 are helpful to complete your homework.

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UP Board Solutions for Class 10 English Supplementary Reader Chapter 1 The Inventor Who Kept His Promise

UP Board Solutions for Class 10 English Supplementary Reader Chapter 1 The Inventor Who Kept His Promise.

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 10 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 English Supplementary Reader Chapter 1 The Inventor Who Kept His Promise.

SHORT ANSWER TYPE QUESTIONS

Answer the following questions in about 25 words :
Question 1.
who was Edison ? Describe the invention that made him famous all over America.
(एडीसन कौन था ? उस आविष्कार का वर्णन कीजिए जिसने उसे पूरे अमेरिका में प्रसिद्ध कर दिया।)
[2009, 17]
                                     Or
who was Edison? How did he become famous all over America ? [2013]
(एडीसन कौन था ? वह पूरे अमेरिका में कैसे प्रसिद्ध हुआ ?)
Answer:
Edison was a famous American scientist who invented the electric light and gramophone that made him famous all over America. (एडीसनं एक प्रसिद्ध अमेरिकी वैज्ञानिक था जिसने विद्युत-प्रकाश (UPBoardSolutions.com) और ग्रामोफोन का आविष्कार किया और पूरे अमेरिका में प्रसिद्ध हो गया।)

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Question 2.
who invented electric light ?
(विद्युत-प्रकाश का आविष्कार किसने किया ?)
Answer:
Edison invented electric light. (एडीसन ने विद्युत-प्रकाश का आविष्कार किया।)

Question 3.
what did Edison love in his childhood ?
(अपने बचपन में एडीसन किस वस्तु से प्रेम करता था ?)
Answer:
Edison loved to do experiments in his childhood.
(अपने बचपन में एडीसन (UPBoardSolutions.com) प्रयोग करने से प्रेम करता था।)

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Question 4.
why was Edison taken out of school ? [2009, 11, 12]
(एडीसन को स्कूल से क्यों निकाल दिया गया ?)
Answer:
Edison was taken out of school because his teacher thought that he was naughty and stupid.
(एडीसन को स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया, क्योंकि उसकी अध्यापिका उसे शरारती तथा मूर्ख समझती थी।)

Question 5.
How did Edison find his mother the best teacher for him ?
(एडीसन ने अपनी माँ को किस प्रकार सबसे अच्छी अध्यापिका पाया ?) [2010, 13, 14,.17]
Answer:
Edison found his mother as his best teacher because she always gave a satisfactory answer to his questions and helped him in all his experiments.
(एडीसन ने अपनी माँ को सबसे अच्छी अध्यापिका इसलिए पाया, क्योंकि वह सदैव उसके प्रश्नों का सन्तोषजनक उत्तर देती थीं और उसके परीक्षणों में उसकी सहायता करती थीं।)

Question 6.
What did Edison think when he saw the bird flying?
(जब एडीसन ने पक्षी को उड़ते हुए देखा तब उसने क्या सोचा ?)
Answer:
When Edison saw the bird flying, he thought, “Man can also fly if he eats worms.
(जब एडीसन ने पक्षी को उड़ते हुए देखा तब उसने सोचा, “मनुष्य भी उड़ सकता है यदि वह कीड़े खाये।”)

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Question 7.
what did Edison see at the poultry farm one day ?
(एक दिन मुर्गी फार्म पर एडीसन ने क्या देखा ?)
Answer:
One day at the poultry farm Edison saw a hen sitting on its eggs.
(एक दिन मुर्गी फार्म पर एडीसन ने एक मुर्गी को अपने अण्डों पर बैठा हुआ देखा।)

Question 8.
why did the poor girl fall ill?what did Edison’s motherwarn him?
(गरीब लड़की बीमार क्यों पड़ गयी ? एडीसन की माँ ने उसे क्या चेतावनी दी ?)
Answer:
Edison gave the poor girl a mixture of worms to drink. So she fell ill. Edison’s mother warned him not to do such silly experiments.
(एडीसन ने गरीब लड़की को कीड़ों का (UPBoardSolutions.com) मिश्रण पीने के लिए दिया। इसलिए वह बीमार पड़ गयी। एडीसन की माँ ने उसे ऐसे मूर्खतापूर्ण प्रयोग न करने की चेतावनी दी।)

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Question 9.
what was the funny experiment for which Edison was punished?
(एडीसन ने कौन-सा प्रयोग किया जिसके कारण उसे दण्डित किया गया ?)
                   Or
why did Edison get a beating from his mother ? [2013] 
(एडीसन अपनी माता के द्वारा क्यों पिटा ?)
Answer:
Once Edison saw a hen sitting on its eggs. His other told him that the hen was hatching its eggs so that chickens may come out of the eggs. The next morning he got a dozen of eggs and sat on them. He had only smashed the eggs and spoil his shorts. He got a good beating as punishment by his mother for his experiment.
(एक दिन एडीसन ने एक मुर्गी को अण्डों के ऊपर बैठे देखा। उसकी माँ ने उसे बताया कि मुर्गी अपने अण्डों को ‘से रही है जिससे कि चूजे अण्डों से बाहर आ सकें। अगले दिन एडीसन एक दर्जन अण्डे लाया और उन्हें सेने लगा। अण्डे टूट गये (UPBoardSolutions.com) और उसकी निक्कर खराब हो गयी। इस पर उसे उसकी माता के द्वारा भली प्रकार पीटकर दण्डित किया गया।)

Question 10.
why did Edison join the railways ? How much did he earn on the first day ? [2011, 14, 17]
(एडीसन ने रेलवे-सेवा क्यों की ? पहले दिन उसने कितना पैसा कमाया ?)
Answer:
Edison joined the railways to earn some money to meet the expenses on his experiments. He earned two dollars on the first day.
(एडीसन ने रेलवे-सेवा इसलिए की, क्योंकि उसे अपने परीक्षणों पर होने वाले खर्च के लिए धन की आवश्यकता थी। उसने पहले दिन दो डॉलर कमाये।)

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Question 11.
why was Edison dismissed from his job ?
(एडीसन को नौकरी से क्यों निकाल दिया गया ?)
Answer:
Edison was dismissed from his job because during a journey there was fire in the compartment of the train on account of his carelessness. (उसे नौकरी से इसलिए निकाल दिया, क्योंकि यात्रा के दौरान उसकी लापरवाही के कारण एक डिब्बे में आग लग गयी थी।)

Question 12.
what did Edison need more money for ?
(एडीसन को और अधिक धन की आवश्यकता क्यों थी ?)
Answer:
Edison needed more money to carry on his experiments.
(अपने प्रयोगों को आगे जारी रखने के लिए एडीसन (UPBoardSolutions.com) को और अधिक धन की आवश्यकता थी।)

Question 13.
Describe the important inventions made by Edison.
(एडीसन के द्वारा किए हुए मुख्य आविष्कारों का वर्णन कीजिए।) [2011, 12, 15, 16]
                       Or
What inventions were made by Edison? [2017]
(एडीसन द्वारा कौन-से आविष्कार किए गए थे?)
Answer:
Edison invented the gramophone and electric light besides many other inventions.
(एडीसन ने बहुत-से अन्य आविष्कारों के साथ-साथ विद्युत-प्रकाश और ग्रामोफोन का भी आविष्कार किया।

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Question 14.
How did Edison become famous in America ?
(एडीसन अमेरिका में कैसे प्रसिद्ध हुआ ?)
Answer:
Edison became famous in America by inventing the gramophone and electric light.
(ग्रामोफोन और विद्युत-प्रकाश के आविष्कार से एडीसन (UPBoardSolutions.com) अमेरिका में प्रसिद्ध हो गया।)

Question 15.
After how many experiments did Edison succeed in inventing electric light ?
(कितने प्रयोगों के पश्चात् एडीसन ने विद्युत-प्रकाश के आविष्कार में सफलता पायी ?)
Answer:
Edison succeeded in inventing the electric light after about twelve hundred experiments.
(एडीसन ने लगभग 1200 प्रयोगों के पश्चात् विद्युत-प्रकाश के आविष्कार में सफलता पायी।)

Question 16.
What did Edison promise to the people of America ?
(एडीसन ने अमेरिकावासियों को क्या वचन दिया था ?)  [2011, 14, 16, 17]
Answer:
Edison promised to the people of America that he would give them electric light in two years.
(एडीसन ने अमेरिकावासियों को यह वचन दिया था कि वह दो वर्ष में उन्हें विद्युत प्रकाश दे देगा।)

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Question 17.
when did the company manager give Edison a good job ?
(कम्पनी मैनेजर ने एडीसन को अच्छी नौकरी कब दी ?)
Answer:
When Edison repaired a machine within a short time, the company manager gave him a good job.
(जब एडीसन ने मशीन को थोड़े ही समय में ठीक कर दिया तब कम्पनी मैनेजर ने उसे एक अच्छी नौकरी दे दी।)

Question 18.
In what way did Edison make the world happy ? [2009, 11, 12, 17, 18]
(एडीसन ने संसार को किस प्रकार खुशहाल बनाया ?)
Answer:
Edison made the world happy by inventing the gramophone and electric light.
(एडीसन ने ग्रामोफोन और विद्युत-प्रकाश का (UPBoardSolutions.com) आविष्कार करके संसार को खुशहाल बनाया।)

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Question 19.
Why did his teacher think that Edison was stupid and naughty ?
(उसकी अध्यापिका ने यह क्यों सोचा कि एडीसन मूर्ख और शैतान है ?) [2012, 15, 16]
                                         Or
What made the teacher think that Edison was stupid and naughty ?
(अध्यापिका ने ऐसा कैसे सोचा कि एडीसन मूर्ख तथा शैतान है ?) [2009]
Answer:
Edison asked his teacher different types of questions. So his teacher thought that Edison was stupid and naughty. (एडीसन अपनी अध्यापिका से अनेक प्रकार के प्रश्न पूछता था। इसलिए उसकी अध्यापिका ने सोचा कि एडीसन मूर्ख और शैतान है।)

Question 20.
How did Edison serve his country during the First World War ?
(प्रथम विश्व युद्ध के समय एडीसन ने अपने देश की किस प्रकार सेवा की ?) [2015, 17]
                                  Or
Why was Edison awarded a medal ? [2014, 15, 16]
(एडीसन को पदक क्यों प्रदान किया गया ?)
Answer:
Edison served his country during the First World War by making forty war-time inventions. For this service he was awarded a medal. (एडीसन ने चालीस युद्धकालीन आविष्कार करके प्रथम विश्व युद्ध के समय (UPBoardSolutions.com) अपने देश की सेवा की। इस सेवा के लिए उसे पदक प्रदान किया गया।)

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Question 21.
How did Edison keep his promise to his countrymen ?
(एडीसन ने अपने देशवासियों को दिया अपना वायदा कैसे पूरा किया ?) [2011]
                        Or
What promise did Edison keep ? [2013]
(एडीसन ने कौन-सा वायदा निभाया ?)
                      Or
What was the promise that Edison kept ?
(वह कौन-सा वायदा था जो एडीसन ने निभाया ?)
Answer:
Edison promised his countrymen to give them electric light. He did 1200 experiments and gave electric light to his countrymen. Thus he kept his promise.
(एडीसन ने अपने देशवासियों को विद्युत-प्रकाश देने (UPBoardSolutions.com) का वचन दिया था। उसने 1200 प्रयोग किये और अपने देशवासियों को विद्युत-प्रकाश प्रदान किया। इस प्रकार उसने अपना वायदा पूरा किया।)

Question 22.
Edison said, “I would like to give to the world laughter and more light. Did he keep his word? How ? .
(एडीसन ने कहा था, “मैं संसार को अधिक खुशी और अधिक प्रकाश देना चाहता हूँ।’ क्या उसने अपने वचन को निभाया ? कैसे ?)
Answer:
Yes, Edison kept his word by the invention of gramophone and gave more laughter while the invention of electric light gave more light and happiness to the world,
(हाँ, एडीसन ने अपने वचन को निभाया। उसने ग्रामोफोन के आविष्कार से अधिक खुशी प्रदान की, जबकि विद्युत प्रकाश के आविष्कार से संसार को और अधिक प्रकाश और खुशी प्रदान की।)

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Question 23.
what happened on the Silver Jubilee of electric light ?
(विद्युत-प्रकाश की रजत जयन्ती पर क्या घटना घटित हुई ?)
Answer:
At the Silver Jubilee of electric light the President of U.S.A. honoured Edison, and when Edison stood to thank the President he suddenly fell ill.
(विद्युत-प्रकाश की रजत जयन्ती पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने उसका अभिनन्दन किया, परन्तु जब वह राष्ट्रपति को धन्यवाद देने को खड़ा हुआ तो वह अकस्मात् बीमार पड़ गया।)

Question 24.
How did the great and eventful life of Edison end ? [2012, 15]
(एडीसन के महान और गौरवशाली जीवन का अन्त कैसे हुआ ?)
Answer:
In the Silver Jubilee function when Edison got up to thank the President, he suddenly fell ill and died on the morning of 18th October, 1931. Thus the great and eventful life of Socrates ended.
(रजत जयन्ती समारोह में जब एडीसन राष्ट्रपति को धन्यवाद देने के लिए उठे तभी वे अचानक बीमार पड़ गए और 18 अक्टूबर, 1931 की प्रात:काल उनका सवर्गवास हो गया। इस प्रकार एडीसन के महान् और गौरवशाली जीवन का (UPBoardSolutions.com) अन्त हो गया।)

Question 25.
What did the other scientists say when Edison started work on an electric bulb ?
(जब एडीसन ने बिजली के बल्बे पर काम करना आरम्भ किया तब अन्य वैज्ञानिकों ने क्या कहा ?)
                                      Or
Why did all the scientists laugh at Edison ? [2014, 18]
(सभी वैज्ञानिक एडीसन पर क्यों हँसे ?)
Ans.
When Edison started work on an electric bulb, other scientists laughed and said that it was impossible.
(जब एडीसन ने बिजली के बल्ब पर काम करना आरम्भ किया तब अन्य वैज्ञानिक हँसे और कहा कि यह असम्भव है।)

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Question 26.
what did Edison promise to his mother ? How did he keep it ?
(एडीसन ने अपनी माँ से क्या वायदा किया? उसने इसे कैसे पूरा किया?) [2013]
Answer:
Edison promised his mother to give him a dollar every night from what he earned. He gave him the money and kept his promise.
(एडीसन ने अपनी माँ से वायदा किया कि हर रात को जो कुछ वह कमाएगा उसमें से एक डॉलर उसे देगा। उसने अपनी माँ को धन दिया और वायदा निभाया।)

Question 27.
How did the fire accident occur ?
(आग की दुर्घटना कैसे घटी ?)
Answer:
One day he was doing an experiment in his laboratory, the train turned round a corner. A bit of phosphorus fell on the floor of his carriage and it caught fire.
(एक दिन वह अपनी प्रयोगशाला में प्रयोग कर रहा था कि ट्रेन एके कोने पर मुड़ी, थोड़ा-सा फॉस्फोरस डिब्बे के फर्श पर गिर गया और आग लग गई।)

Question 28.
How did Edison’s father encourage him to read more books ?
(एडीसन के पिता ने उसे अधिक पुस्तकें पढ़ने के लिए कैसे प्रोत्साहित किया ?) [2015]
                                      Or
Why did Edison’s father give him twenty-five cents for every book ?
(एडीसन के पिता उसे प्रत्येक पुस्तक के लिए 25 सेण्ट क्यों देते थे ?)
Answer:
Edison was fond of reading books. His father encouraged him by giving him 25 cents for reading a book.
(एडीसन पुस्तकें पढ़ने का बहुत शौकीन था। उसके (UPBoardSolutions.com) पिता ने उसे एक पुस्तक, पढ़ने के लिए 25 सेण्ट देकर प्रोत्साहित किया।)

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Question 29.
Which of the Edison’s inventions do you think is the most important and why ? [2010, 15]
(एडीसन कौन था ? उसके आविष्कारों में आप किसे महत्त्वपूर्ण समझते हैं और क्यों ?)
                                        Or
Describe the important invention made by Edison. [2015]
(एडीसन द्वारा बनाए गये महत्त्वपूर्ण आविष्कार का वर्णन कीजिए।)
Answer:
Edison was brilliant scientist of his age. He is known for many useful inventions. But he is famous for the invention of electric bulb. Invention of electric bulb is boon for humankind. If he did not invent the electric bulb, then we live in darkness today.
(एडीसने अपने समय का प्रतिभाशाली वैज्ञानिक था। वह (UPBoardSolutions.com) अपने बहुत-से महत्त्वपूर्ण आविष्कारों के लिए जाना जाता है। लेकिन वह विद्युत बल्ब के आविष्कार के लिए प्रसिद्ध है। विद्युत बल्ब मानव सभ्यता के लिए एक वरदान है। यदि वह विद्युत बल्ब का आविष्कार नहीं करता, तो हम आज भी अँधेरे में रहते।)

Question 30.
why has the life of Edison been called great and eventful ? [2016]
(एडीसन के जीवन को महान् और गौरवशाली क्यों कहा जाता है ?)
Answer:
The life of Edison has been called great and eventful because he gave the world more laughter and more light by inventing gramophone and electric bulb.
(एडीसन के जीवन को महान् और गौरवशाली कहा गया है क्योंकि उसने ग्रामोफोन और विद्युत बल्ब का आविष्कार करके संसार को अधिक प्रसन्नता और अधिक प्रकाश दिया।)

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MULTIPLE CHOICE TYPE QUESTIONS

Select the most suitable alternative to complete each of the following statements:

1. Edison told his teacher, “But the kites have no wings and still we can fly them in the sky. It was ……….. [2011, 14, 17]
(a) a silly statement.
(b) an intelligent statement.
(c) a doubtful statement.
(d) a wrong statement.

2. Edison gave his teacher ……….
(a) a silly answer.
(b) an intelligent answer.
(c) a doubtful answer.

3. When Edison went on asking questions in the class, the teacher thought that …………..
[2011, 12, 13, 14, 15, 16,17]
(a) he was trying to befool her.
(b) he was stupid and naughty. “
(c) he was very intelligent.
(d) arrogant

4. Edison was fond of …….. [2011, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18]
(a) telling stories.
(b) playing games.
(c) doing experiments.
(d) flying kites.

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5. when Edison tried his experiment on his servant girl, …. [2013, 15, 16, 17, 18]
(a) she began to fly.
(b) she fell down on the ground.
(c) she fell ill.
(d) she started running.

6. Edison got a beating from his mother because ………. [2012, 14, 15, 16]
(a) he had smashed the eggs and spoilt his shorts.
(b) he had hatched the eggs.
(c) he had eaten up all the eggs.

7. Edison’s father gave him twenty-five cents for every book he read because ……… [2012, 15, 18]
(a) he had failed in all his experiments.
(b) he wanted Edison to read more.
(c) Edison’s ideas were wrong.
(d) he was a funny boy.

8. Electric light shone for the first time in America in …….. [2011, 13, 14, 15, 16, 17, 18]
(a) 1878.
(b) 1880.
(c) 1882.
(d) 1872

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9. The scientist who invented electric light was …….
(a) an Indian.
(b) an American.
(c) a German.
(d) an Austrian.

10. Edison was taken out of the school because …………… [2011, 15, 17]
(a) his teacher was dissatisfied with him and wanted him to be withdrawn from school.
(b) he was dissatisfied with the teacher.
(c) the teacher did not permit Edison to ask questions.

11. Edison’s parents took him out of the school because ……..
(a) they lacked money.
(b) the teacher asked them to do so.
(C) the teacher was mad.
(d) he was a dull boy.

12. Edison used his pocket money …..
(a) to buy sweets and chocolates.
(b) to buy books.
(c) to set up a small laboratory.
(d) to go out and see new places.

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13. He invented gramophone in …
(a) 1882.
(b) 1878.
(c) 1898.
(d) 1888.

14. Edison became famous with the discovery of …………
(a) television.
(b) railway wagon.
(c) radio.
(d) gramophone.

15. Edison died on ……. [2014, 16, 17]
(a) 18th Oct. 1931.
(b) 13th Sept. 1929.
(c) 14th Sept. 1886.
(d) 2nd Nov. 1930.

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16. Edison succeeded in making an electric bulb after nearly …….. [2012, 15, 18]
(a) one thousand experiments.
(b) two thousand experiments.
(c) one thousand and two hundred experiments.
(d) one thousand and five hundred experiments.

17. The teacher thought that Edison was :…………. [2013]
(a) stubborn and haughty
(b) a genius
(c) stupid and naughty
(d) very mischievous

18. The silver jubilee of the invention of electric bulb was celebrated in : [2016]
(a) 1878
(b) 1880
(c) 1882
(d) 1929

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TRUE/FALSE STATEMENTS

State whether the following statements are ‘True’ or ‘False’:

1. Thomas Alva Edison was a German. [2011, 16, 17]
2. The teacher thought that Edison was stupid and naughty.
3. For Edison his mother was the best teacher. [2011, 12, 14, 16]
4. Young Edison found in his mother his tolerable teacher.
5. Edison bought toys and sweets with the pocket money his father gave him. [2012, 14, 16]
6. When Edison offered a wonderful mixture made from pulped worms to the servant girl, she refused to drink it.
7. Edison was born in Canada. [2009, 11, 14]
8. The Silver Jubilee of the invention of electric light was celebrated in 1929. [2014]
9. Edison was a dull boy during his student days. [2012, 15, 18]
10. Edison promised to give Americans electric light in one year.
11. Edison took up a job in the railways when he was just twelve years old.
12. Electric lights shone for the first time in America in 1880.
13. Edison did not serve his (UPBoardSolutions.com) country during the First World War.
14. Edison died on 4th September, 1882.
15. Edison did not thank the President for the award. [2008]
16. Edison succeeded in inventing the electric light after performing a thousand experiments.
17. Edison served his country during the First World War. 18. Edison showed his talking machine to the President of the United States of America at the White House in Washington.
19. As a child, Edison was fond of asking questions. [2013, 17]
20. As a child, Edison was not fond of asking questions. [2012, 14]
21. Edison was taken out of school because he was a stupid boy.
22. Edison was fond of books and read a lot of them.
23. Edison was never satisfied till he got the right answer. [2009, 14, 15, 18]
24. Edison was a German scientist. [2009, 11, 16]
25. Some of Edison’s experiments were silly but he learnt a lot from them. [2009, 17]
26. Edison was born in India. [2012]
27. Edison got a beating from his mother because he had eaten all the eggs. .
28. Edison invented the gramophone in 1877.
29. Thomas Alva Edison was a great inventor of England. [2012, 15, 18]
30. Edison made the world happier and brighter.
31. Edison said, “I shall never invent anything which will destroy life. I want to make people happy.” [2010, 11, 12 16, 17]
32. The President of America invited Edison to the White House. [2010, 11]
33. On 4th Sept, 1882, for the first time, New York shone in the brightness of electric light. [2011, 13, 17]
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34. Even in his childhood Edison loved to do experiments. [2012, 14, 15, 16, 17]
35. Parents of Edison did not encourage him in his experiment. [2013, 18]
36. Edison was a great American sailor. [2013, 16]
37. The President of the USA received (UPBoardSolutions.com) Edison and honoured him in a big function. [2013, 16]
38. Edison did not join the railways. [2013]
39. Edison made forty war-time inventions. [2014, 15]
40. Edison promised his mother to give her a dollar every night from what he earned. [2015]
41. Edison served his country during the World War II. [2015, 18]
42. Edison succeeded in making an electric bulb. [2015]
43. Edison joined the railways because he needed more money for his experiments. [2015]
44. Edison invented many things which can destroy life. [2015]
45. Edison was a great inventor but he was never awarded a medal for his inventions. [2016]
46. Thomas Alva Edison was a great singer. [2016]
47. Edison was born in England. [2016]
48. Edison made more than one thousand experiments. [2016, 17]
49. The invention of his talking machine (UPBoardSolutions.com) made Edison famous all over America. [2017]
50. Edison was an Australian scientist. [2017]
Answer:
1. F. 2. T. 3. T. 4. F. 5. F. 6. F. 7. F. 8. T. 9. T. 10. F. 11. T. 12. T. 13. F. 14. F. 15. T. 16. F. 17. T, 18. T, 19. T, 20. F, 21. T, 22. T, 23. T, 24. F, 25. T. 26. F, 27. F, 28. F, 29. F, 30. T, 31. T, 32. T, 33. T, 34. T, 35. T, 36. F, 37. T, 38. F. 39. T, 40. T, 41. F. 42. T. 43. T. 44. F, 45. F, 46. F, 47. F, 48. T. 49. T, 50. F.

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UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 5 (Section 2)

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 5 जनपदीय न्यायालय एवं लोक अदालत (अनुभाग – दो)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 10 Social Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 5 जनपदीय न्यायालय एवं लोक अदालत (अनुभाग – दो).

विस्तृत उत्तरीय प्रशा

प्रश्न 1.
जिले के दीवानी न्यायालय का सविस्तार वर्णन कीजिए।
            या
जिला स्तर की अदालतों के गठन पर प्रकाश डालिए और उनके किन्हीं दो कार्यों का उल्लेख कीजिए। [2010]
उत्तर :
दीवानी न्यायालय जनपद में दीवानी या व्यवहार के मामलों से सम्बन्धित निम्नलिखित न्यायाधीशों के न्यायालय होते हैं

1. जिला न्यायाधीश का न्यायालय –
जिला न्यायाधीश दीवानी के मामले में सबसे बड़ा न्यायाधीश होता है। जिला न्यायाधीश सभी प्रकार के दीवानी के मामलों की प्रारम्भिक सुनवाई करता है तथा पाँच लाख रुपये मूल्य तक के विवादों की (UPBoardSolutions.com) अपील सुनता है। इस प्रकार इस न्यायालय में मुकदमों का निर्णय भी होता है और निचली अदालतों के निर्णय के विरुद्ध अपील भी सुनी जाती है। यह जिले के न्यायालयों पर नियन्त्रण रखती है।

2. सिविल जज का न्यायालय- 
सिविल जज दीवानी के मामलों में जिला न्यायाधीश के नीचे का न्यायाधीश होता है। सिविल जज को एक लाख रुपये मूल्य तक के विवादों की प्रारम्भिक सुनवाई का अधिकार प्राप्त है। आवश्यकता पड़ने पर उच्च न्यायालय के निर्देशों पर यह राशि पाँच लाख रुपये तक बढ़ाई जा सकती है। सिविल जज मुन्सिफ के निर्णयों के विरुद्ध उन अपीलों को भी सुनता है, जिन्हें जिला जज सुनवाई हेतु हस्तान्तरित करके उसके पास भिजवाता है।

3. मुन्सिफ का न्यायालय- 
सिविल जज के नीचे मुन्सिफ की अदालत होती है। इन अदालतों में साधारणतः दस हजार रुपये तक के तथा विशेष अधिकार मिलने पर 25,000 की मिल्कियते तक के मामले सुने जाते हैं एवं उन पर निर्णय सुनाये जाते हैं। इनके फैसले के विरुद्ध जिला न्यायाधीश की अदालत में अपील की जा सकती है।

4. खफीफा जज का न्यायालय- 
कहीं-कहीं छोटे मामलों में जल्दी तथा कम खर्च में निर्णय सुनाने के लिए खफीफा जज के न्यायालय होते हैं। मुन्सिफ के न्यायालय के नीचे खफीफा का न्यायालय होता है। इस न्यायालय में पाँच हजार रुपये तक के धन वसूली मामलों तथा १ 25,000 तक के मकानों व दुकानों के बेदखली विवादों की सुनवाई होती है। इनके निर्णयों के विरुद्ध अपील नहीं होती है। जिला न्यायाधीश के न्यायालय में पुनर्विचार (Revision) हो सकता है। इन न्यायालयों की स्थापना इसलिए की गयी है, जिससे बड़े-बड़े नगरों में छोटे-छोटे मुकदमों का शीघ्रतापूर्वक निर्णय किया जा सके।

UP Board Solutions

5. न्याय पंचायत- 
दीवानी विवादों में सबसे निचले स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय पंचायतें हैं। इन्हें 500 तक के धन-विवादों को सुनने को अधिकार है। इनके निर्णय के विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती। इसकी एक विशेषता यह भी है कि कोई भी वकील (UPBoardSolutions.com) इसमें मुकदमे की पैरवी नहीं कर सकता। ऐसा इसलिए किया गया है, जिससे ग्रामीण जनता को निष्पक्ष और सस्ता न्याय मिल सके।

प्रश्न 2.
जिले के राजस्व न्यायालय पर प्रकाश डालिए।
उत्तर :

राजस्व न्यायालय

राजस्व न्यायालय लगान (मालगुजारी) सम्बन्धी मुकदमों की सुनवाई करते हैं। प्रदेश स्तर पर उच्च न्यायालय के अधीन इनकी निम्न व्यबस्था है
UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 5 जनपदीय न्यायालय एवं लोक अदालत 1
राजस्व परिषद्- प्रत्येक राज्य में मालगुजारी सम्बन्धी मुकदमों के निस्तारण हेतु उच्च न्यायालय के बाद एक राजस्व परिषद् होती है। मालगुजारी से सम्बन्धित मुकदमों की यह राज्य स्तरीय सबसे बड़ी अदालत है। इसके निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।

आयुक्त- प्रशासन की सुविधा के लिए राज्य को कई कमिश्नरियों (मण्डलों) में विभक्त कर दिया जाता है और प्रत्येक कमिश्नरी का प्रधान अधिकारी कमिश्नर या आयुक्त कहलाता है। आयुक्त मालगुजारी सम्बन्धी मामलों में जिलाधीश के फैसले के विरुद्ध (UPBoardSolutions.com) अपीलें सुनता है। आयुक्त के फैसले के विरुद्ध अपीलें राजस्व परिषद् में सुनी जाती हैं।

जिलाधिकारी- यह जिले में सबसे बड़ा अधिकारी होता है, जो उपजिलाधिकारी (S.D.M.) व तहसीलदार के निर्णयों के विरुद्ध अपीलें सुनता है। इसके नीचे अपर जिलाधिकारी होता है। उपजिलाधिकारी जिला कई सब-डिवीजनों में विभक्त होता है। प्रत्येक सब-डिवीजन में एक उपजिलाधिकारी की नियुक्ति होती है जो राजस्व के साथ-साथ अपने क्षेत्र में कानून और व्यवस्था को बनाये रखती है।

तहसीलदार– प्रत्येक तहसील में एक तहसीलदार होता है, जो अपने क्षेत्र में राजस्व की वसूली की व्यवस्था करता है तथा इससे सम्बन्धित वादों की सुनवाई भी करता है। नायब तहसीलदार-तहसीलदार की सहायता के लिए नायब तहसीलदारों को नियुक्त किया जाता है। ये तहसीलदार के कार्यों में सहयोग प्रदान करते हैं।

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प्रश्न 3.
लोक अदालतं पर एक लेख लिखिए। [2013]
या

लोक अदालत की विशेषताओं का वर्णन कीजिए। [2015, 16, 18]
या

लोक अदालत का क्या अभिप्राय है ? इसके किन्हीं दो कार्यों का उल्लेख कीजिए। [2012]
या

लोक अदालत क्या है? लोक अदालतों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। क्या इसके निर्णय के विरुद्ध अपील हो सकती है ? [2010, 11]
या

लोक अदालतों की स्थापना क्यों की गई थी ? [2007]
या

लोक अदालत गठित करने का उद्देश्य क्या है ? इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। [2015]
            या
लोक अदालतों की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2015]
या
लोक अदालतों के गठन एवं उसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालिए। [2016]
या

भारतीय न्याय-व्यवस्था में लोक अदालतों के महत्व का वर्णन कीजिए। [2015]
या

भारतीय न्याय-व्यवस्था में लोक अदालतों की भूमिका का परीक्षण कीजिए। [2015]
उत्तर :

लोक अदालत

आज न्यायालयों में लाखों की संख्या में विचाराधीन मुकदमे पड़े हैं। कार्य-भार के कारण दीवानी, फौजदारी और राजस्व न्यायालयों से न्याय पाने में बहुत अधिक समय लगता है तथा इस प्रक्रिया में धन भी अधिक व्यय होता है और अनेक अन्य परेशानियाँ भी उठानी पड़ती हैं। (UPBoardSolutions.com) ऐसी स्थिति में न्याय-प्रक्रिया को और सरल बनाने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव द्वारा भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री पी० एन० भगवती की अध्यक्षता में कानूनी सहायता योजना कार्यान्वयन समिति’ की नियुक्ति की। इस समिति द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश राज्य के विभिन्न भागों और देश के अन्य राज्यों के विभिन्न भागों में शिविर’ (Camp) के रूप में लोक अदालतें लगायी जा रही हैं। इन लोक अदालतों की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • इन अदालतों में मुकदमों का निपटारा आपसी समझौतों के आधार पर किया जाता है और | समझौता ‘कोर्ट फाइल’ में दर्ज कर लिया जाता है।
  • इनमें वादी और प्रतिवादी अपना वकील नहीं कर सकते वरन् दोनों पक्ष न्यायाधीश के सामने
    आपस में बातचीत करते हैं।
  • इनमें वैवाहिक, पारिवारिक व सामाजिक झगड़े, किराया, बेदखली, वाहनों का चालान, बीमा आदि के सामान्य मुकदमों पर दोनों पक्षों को समझाकर समझौता करा दिया जाता है।
  • इन अदालतों में सेवानिवृत्त जज, राजपत्रित अधिकारी तथा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति परामर्शदाता के रूप में बैठते हैं।
  • ये अदालतें ऐसे किसी व्यक्ति को रिहा नहीं कर सकतीं, जिसे शासन ने बन्दी बनाया है। ये अदालतें केवल समझौता करा सकती हैं, जुर्माना कर सकती हैं या चेतावनी देकर छोड़ सकती हैं।
  • लोक अदालत को सिविल कोर्ट के समकक्ष मान्यता प्राप्त है। इसके द्वारा दिया गया फैसला अन्तिम होता है, जिसे सभी पक्षों को मानना पड़ता है। इस फैसले के विरुद्ध किसी भी अदालत में अपील नहीं की जा सकती।

भारत में सर्वप्रथम लोक अदालतें 1982 ई० में गुजरात राज्य में लगायी गयीं। तब से लेकर दिसम्बर, 1999 ई० तक देश के विभिन्न भागों में 40,000 से अधिक लोक अदालतें लगायी गयीं, जिनमें 92 लाख से अधिक मामले निबटाये गये। इससे लोक अदालतों की लोकप्रियता का पता चलता है। अब केन्द्र तथा राज्य सरकारें स्थायी एवं निरन्तर लोक अदालतें स्थापित करने का विचार कर रही हैं। सरकार के विभिन्न विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों के (UPBoardSolutions.com) लिए अलग-अलग लोक अदालतें स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। लोक अदालतों को कानूनी रूप देने के लिए केन्द्र सरकार शीघ्र ही संसद में एक विधेयक पास करने जा रही है।

जनपदीय स्तर पर सरकार ने परिवार न्यायालयों, उपभोक्ता संरक्षण न्यायालयों तथा विशेष महिला अदालतों की भी स्थापना की है। उत्तर प्रदेश में 2 अक्टूबर, 1986 ई० से परिवार न्यायालय कानून लागू किया गया है। अब तक 10 परिवार न्यायालय उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्यों में कार्यरत हैं। इन न्यायालयों का उद्देश्य पारिवारिक विवादों (विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, भरण-पोषण, सम्पत्ति आदि) को शीघ्रता के साथ हल करना है। विशेष महिला अदालत महिलाओं से सम्बन्धित विवादों की सुनवाई करती है। 10 फरवरी, 1996 ई० से इलाहाबाद में पहली विशेष महिला अदालत ने कार्य आरम्भ किया है। अब तक मथुरा, सहारनपुर आदि जनपदों में विशेष महिला अदालतें स्थापित हो चुकी हैं। इसी प्रकार जनपदों में उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय भी उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षण देने के लिए सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं।

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प्रश्न 4.
परिवार न्यायालय पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। [2011]
            या
परिवार न्यायालय के पक्ष में अपने तर्क दीजिए। [2015, 17]
उत्तर :
जनपदीय स्तर पर सरकार द्वारा परिवार न्यायालयों की स्थापना की गयी है। उत्तर प्रदेश में 2 अक्टूबर, 1986 ई० से परिवार न्यायालय कानून लागू किया गया है। अब तक दस परिवार न्यायालय उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्य में कार्य कर रहे हैं। इन न्यायालयों का उद्देश्य पारिवारिक विवादों (विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, भरण-पोषण, सम्पत्ति आदि) को शीघ्रता के साथ हल करना है। इस न्यायालय में मुकदमों का निपटारा आपसी समझौतों के (UPBoardSolutions.com) आधार पर किया जाता है तथा दोनों पक्ष न्यायाधीश के सम्मुख आपस में बातचीत करते हैं। इन न्यायालयों की आज भारत में अत्यधिक आवश्यकता है। क्योंकि आज सामान्य न्यायालयों में करोड़ों की संख्या में वर्षों से लम्बित मुकदमे पड़े हैं। इसलिए अनेक पारिवारिक विवाद; जिन्हें शीघ्रातिशीघ्र हल हो जाना चाहिए था; वे भी वर्षों से लम्बित हैं। यही कारण है कि ऐसे न्यायालयों की हमारे देश में आवश्यकता है।

लघु उत्तरीय प्रा

प्रश्न 1.
जिले के फौजदारी न्यायालय की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर :

फौजदारी न्यायालय

सत्र (सेशन) न्यायालय- उच्च न्यायालय की अधीनता में फौजदारी न्यायालय का कार्य करने वाले सबसे बड़े न्यायालय को ‘सत्र न्यायालय’ कहते हैं। इसके मुख्य न्यायाधीश को सत्र न्यायाधीश कहते हैं। इसे फौजदारी के साथ ही दीवानी के मुकदमों के निर्णय का भी अधिकार प्राप्त है। जब यह फौजदारी के मुकदमे सुनता है तो सेशन जज कहलाता है और जब दीवानी के मुकदमे सुनता है तो जिला जज कहलाता है। इसकी नियुक्ति (UPBoardSolutions.com) उच्च न्यायालय की सम्मति से राज्यपाल द्वारा की जाती है। इस पद पर प्रायः दो भिन्न कोटि के व्यक्ति नियुक्त किये जा सकते हैं-प्रथम तो वे जो राजकीय जुडीशियल सर्विस के सदस्य हों, इसके अलावा सात वर्ष तक अधिवक्ता (वकील) का कार्य करने वाला व्यक्ति भी न्यायाधीश बनाया जा सकता है। न्यायिक पदों के लिए लोक सेवा आयोग द्वारा खुली प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। इन प्रतियोगिताओं में पास होने वाले योग्य व्यक्ति सर्वप्रथम मुन्सिफ के पद पर नियुक्त किये जाते हैं। कुछ समय बाद अपनी योग्यता, कार्यक्षमता एवं निष्पक्षता के बल पर आगे उन्नति करते हुए वे सत्र न्यायाधीश के पद पर पहुँच जाते हैं।

सत्र न्यायाधीश को अपने अधीनस्थ मजिस्ट्रेटों द्वारा दिये गये निर्णय के विरुद्ध अपील भी सुनने का अधिकार है। ये न्यायालय मृत्यु-दण्ड दे सकते हैं, परन्तु मृत्युदण्ड पर उच्च न्यायालय की पुष्टि होनी आवश्यक है। यह जिले के अन्य न्यायाधीशों के कार्यों की देखभाल भी करता है। बड़े जिलों में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं सहायक सत्र न्यायाधीश होते हैं।

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प्रश्न 2.
जिला न्यायालय पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। [2013]
उत्तर :

जनपदीय (जिला) न्यायालय

जनपदीय (जिला) न्यायालय राज्य के उच्च न्यायालय के अधीन होते हैं। प्रत्येक जनपद (जिले) में निम्नलिखित प्रकार के न्यायालय होते हैं

  1. दीवानी न्यायालय–विस्तृत उत्तरीय प्रश्न 1 के अन्तर्गत देखें।
  2. फौजदारी न्यायालये-लघु उत्तरीय प्रश्न 1 का उत्तर देखें।
  3. न्याय पंचायत–फौजदारी क्षेत्र में सबसे निम्न स्तर पर न्याय पंचायतें होती हैं। न्याय पंचायतें है 250 तक जुर्माना कर सकती हैं, परन्तु वे कारावास का दण्ड नहीं दे सकतीं। 73वें संविधान संशोधन के बाद बनाए गए पंचायती राज अधिनियम में न्याय पंचायत की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
  4. राजस्व न्यायालय–वर्तमान में उच्च न्यायालय के अधीन राजस्व परिषद्, कमिश्नर, जिलाधीश, परगनाधिकारी (S.D.M.), तहसीलदार और नायब तहसीलदार की अदालतें होती हैं। इन अदालतों में लगान, मालगुजारी आदि के मुकदमों की (UPBoardSolutions.com) सुनवाई की जाती है।
  5. अन्य न्यायालय-उपर्युक्त न्यायालयों के अतिरिक्त कुछ विशेष मुकदमों का फैसला विशेष न्यायालयों में होता है; जैसे—आयकर सम्बन्धी मुकदमों का फैसला आयकर अधिकारी ही कर सकता है। उसके निर्णय के विरुद्ध आयकर आयुक्त और आयकर अधिकरण (Income Tax Tribunal) में अपील की जाती है।

प्रश्न 3.
लोक अदालतें क्यों महत्त्वपूर्ण हैं ? दो कारण बताइए। [2013]
            या
लोक अदालतों की स्थापना के दो कारण बताइट। [2016]
उत्तर :
भारत की वर्तमान न्याय-व्यवस्था इस प्रकार की है कि उसमें न्याय प्राप्त करने में अधिक समय लगता है तथा धन की अधिक आवश्यकता होती है। वर्तमान में भारत के समस्त न्यायालयों में लाखों की संख्या में मुकदमे विचाराधीन पड़े हैं। इस (UPBoardSolutions.com) समस्या का समाधान करने तथा शीघ्र न्याय प्राप्त करने के लिए लोक अदालतें महत्त्वपूर्ण हैं। ये अदालतें देश के विभिन्न भागों में शिविर के रूप में लगाई जाती हैं। इनकी महत्त्वता के दो कारण निम्नलिखित हैं

  • न्यायिक व्यवस्था को सरल तथा सुविधाजनक बनाए जाने की आवश्यकता है। इसमें वकील करने की आवश्यकता नहीं है।
  • मुकदमे का निर्णय उसी दिन हो जाता है जिस दिन यह अदालत लगाई जाती है। इसके निर्णय । सामान्यतया आर्थिक दण्ड के रूप में होते हैं।

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जिले का सबसे बड़ा न्यायालय कौन-सा है ?
उत्तर :
जिले का सबसे बड़ा न्यायालय जनपद न्यायालय है।

प्रश्न 2.
न्याय पंचायत कितने रुपये तक का विवाद सुन सकती है ?
उत्तर :
न्याय पंचायत १ 500 तक के धन-विवाद को सुन सकती है।

प्रश्न 3.
सिविल जज (जूनियर डिवीजन) कितने रुपये तक का विवाद सुन सकता है ?
उत्तर : सिविल जज एक लाख रुपये मूल्य तक के मुकदमे सुन सकता है।

प्रश्न 4.
भारतीय जनता को सरल तथा सुविधाजनक न्याय प्रदान करने के लिए किस अदालत की स्थापना की गयी है ? [2009]
उत्तर :
भारतीय जनता को सरल तथा सुविधाजनक न्याय प्रदान करने के लिए लोक अदालत की स्थापना की गयी है।

प्रश्न 5.
लोक अदालत का एक लाभ एवं एक हानि लिखिए। [2009]
उत्तर :
लाभ-इन अदालतों में मुकदमों का निपटारा आपसी समझौते द्वारा किया जाता है। इन अदालतों में वकीलों की आवश्यकता नहीं होती, जिससे खर्चा बचता है और मुकदमे की सुनवाई शीघ्रतापूर्वक हो जाती है। हानि-इन अदालतों के द्वारा दिये गये (UPBoardSolutions.com) फैसले के विरुद्ध किसी और अदालत में याचिका दायर नहीं की जा सकती।

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प्रश्न 6.
जिले में राजस्व न्यायालय के रूप में सर्वोच्च अधिकारी कौन होता है ? उसके निर्णय के विरुद्ध अपील कहाँ की जा सकती है ? [2010]
उत्तर :
जिले में राजस्व न्यायालय का प्रमुख जिलाधिकारी होता है, जो जमीन, लगान आदि से सम्बन्धित मुकदमों की सुनवाई करता है। इसके नीचे परगनाधीश, तहसीलदार, नायब तहसीलदार होते हैं, जिनकी अलग-अलग अदालतें होती हैं। उसके निर्णय के विरुद्ध आयकर आयुक्त और आयकर (अधिकरण) ट्रिब्यूनल में अपील की जा सकती है।

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1. जिले का सबसे बड़ा दीवानी न्यायालय कौन-सा है?

(क) जिला जज का न्यायालय
(ख) सिविल जज का न्यायालय
(ग) मुन्सिफ का न्यायालय
(घ) न्याय पंचायत

2. जिले का सबसे बड़ा फौजदारी न्यायालय है

(क) सेशन जज का न्यायालय
(ख) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट
(ग) मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ।
(घ) न्याय पंचायत

3. उत्तर प्रदेश में परिवार न्यायालय लागू किया गया

(क) 2 अक्टूबर, 1986 ई० को
(ख) 1988 ई० को
(ग) 1999 ई० को
(घ) 5 जनवरी, 2006 ई० को

4. जनपद न्यायालय का सर्वोच्च न्यायिक अधिकारी कौन होता है?

(क) जिला न्यायाधीश
(ख) जिलाधिकारी
(ग) सिविल जज
(घ) मुन्सिफ मजिस्ट्रेट

5. लोक अदालतों के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन-सा तथ्य सही नहीं है?

(क) निर्णय आपसी सहमति के आधार पर होते हैं।
(ख) इसमें वकील मुदकमें की पैरवी कर सकते हैं।
(ग) इसमें निर्णय शीघ्र होते हैं।
(घ) ये अदालतें जन-कल्याण हेतु कार्य करती हैं।

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6. दिल्ली में पहली लोक अदालत किस वर्ष गठित की गई थी?

(क) 1985
(ख) 1986
(ग) 1985
(घ) 1988

उत्तरमाला

1. (क), 2. (क), 3. (क), 4. (क), 5. (ख), 6. (ख)

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UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 6 (Section 1)

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 6 रूसी क्रान्ति–कारण तथा परिणाम (अनुभाग – एक)

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विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रूस की क्रान्ति के पूर्व रूस की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक परिस्थितियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर

क्रान्ति से पूर्व रूस की दशा

क्रान्ति से पूर्व रूस की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दशा बड़ी शोचनीय थी, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है-.

1. रूस की सामाजिक दशा – सन् 1861 ई० से पूर्व रूस में सामन्तवाद का बोलबाला था। सामन्त लोग किसानों (भूमि-दास या अर्द्ध-दास) द्वारा बेगार लेकर अपनी जमीनों पर खेती करवाते थे। इन भूमि-दासों को सामन्तों के अनेक अत्याचारों का सामना करना पड़ता था। रूस में कुछ छोटे किसान भी थे, जिनकी आर्थिक दशा इतनी खराब थी कि उन्हें भरपेट भोजन भी कठिनाई से मिल पाता था। पीटर महान् (UPBoardSolutions.com) के प्रयासों से रूस में औद्योगीकरण का आरम्भ होने से रूसी समाज के कल-कारखानों में काम करने वाला एक नया वर्ग भी उत्पन्न हो गया था।

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इस प्रकार क्रान्ति से पूर्व रूसी समाज में तीन वर्ग थे–पहला वर्ग सामन्तों व कुलीनों का था, जिसमें बड़े-बड़े सामन्त, जारशाही के सदस्य, उच्च पदाधिकारी आदि आते थे। मध्यम वर्ग का उदय औद्योगीकरण के फलस्वरूप हुआ था, जिसमें लेखक, विचारक, डॉक्टर, वकील तथा व्यापारी लोग सम्मिलित थे। तीसरा वर्ग किसानों तथा मजदूरों का था। इस वर्ग के सदस्यों की दशा बहुत खराब थी। समाज में इस वर्ग को कोई स्थान प्राप्त नहीं था। कुलीन और मध्यम वर्ग के लोग इन्हें हीन और घृणा की नज़र से देखते थे। रूस की अधिकांश जनता अशिक्षित और अन्धविश्वासी थी। चर्च की प्रधानता होने के कारण रूसी समाज में पादरियों को महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त था तथा यह वर्ग भी जनसाधारण का अनेक प्रकार से शोषण करता था।

2. रूस की आर्थिक दशा – औद्योगीकरण से पूर्व रूसी लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। रूस में किसानों की दशा बहुत दयनीय थी। अत्यधिक निर्धन होने के कारण उन्हें दरिद्रता और भुखमरी का जीवन व्यतीत करना पड़ता था। उनके खेत बहुत छोटे-छोटे थे और उन्हें कृषि की नवीन तकनीकों का ज्ञान भी नहीं था। धन के अभाव के कारण वे आधुनिक यन्त्रों को खरीद पाने में असमर्थ थे। कठोर परिश्रम करने पर भी उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिल पाता था, क्योंकि उनकी उपज का अधिकांश भाग सामन्त और राजकीय कर्मचारी हड़प जाते थे।

पीटर महान् के काल में रूस में औद्योगीकरण का आरम्भ हुआ। यूरोपीय राष्ट्रों के सम्पर्क में आने से रूस में कल-कारखानों की स्थापना होने लगी। लेकिन इन कारखानों और उद्योगों में विदेशी पूँजी लगी हुई थी तथा विदेशी पूँजीपतियों का एकमात्र लक्ष्य अधिकाधिक लाभ कमाना था। उन्हें गरीब रूसी जनता के प्रति कोई सहानुभूति नहीं थी और न ही वे रूसी श्रमिकों और मजदूरों को सुविधाएँ देते थे। इन परिस्थितियों में रूस में अनाज, वस्त्रे तथा अन्य जीवनोपयोगी वस्तुओं की कमी होने लगी और श्रमिक तथा मजदूरों की दशा पशुओं से भी खराब होने लगी। जारशाही निरंकुश सरकार ने श्रमिकों, मजदूरों तथा किसानों (UPBoardSolutions.com) की आर्थिक दशा सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया। सरकारी पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार और सैनिकों के अत्याचारों ने स्थिति को दिन-प्रतिदिन गम्भीर बनाना आरम्भ कर दिया।

3. रूस की राजनीतिक दशा – जार निकोलस द्वितीय एक प्रतिक्रियावादी और स्वेच्छाचारी शासक था। उसने संसद के निम्न सदनों (ड्यूमाओं) तक को अपनी स्वेच्छाचारिता का शिकार बनाया। जार के मनमाने आदेश से ड्यूमाओं को स्थगित तथा निलम्बित किया जाता था, उनके सदस्यों को बन्दी बनाया जाता था तथा निर्वासित कर दिया जाता था। इस कारण ड्यूमाएँ मात्र सलाहकार संस्थाएँ बनकर रह गयी थीं।

निकोलस द्वितीय की सैन्य अकुशलता पहले ही क्रीमिया तथा रूस-जापान युद्ध (1905 ई०) में उजागर हो चुकी थी। इसके बावजूद 1915 ई० में विश्व युद्ध में सैनिक पराजयों के पश्चात् उसने सेना की कमान अपने हाथों में ले ली। रूस भले ही युद्ध में जीत गया, पर युद्ध से उसे जो अपूरणीय क्षति हुई, उसका दोष भी जार के सर चढ़ गया।

इस प्रकार क्रान्ति से पूर्व रूस में राजतन्त्र के विघटन के लिए पर्याप्त परिस्थितियाँ तैयार हो चुकी थीं। इसलिए जब रोमानोव शासक ने गद्दी त्यागी तब सामन्तीय तत्त्वों ने कोई प्रतिक्रिया प्रस्तुत नहीं की। रूस की क्रान्ति फ्रांस की क्रान्ति की तरह पूर्णतः स्वत:-स्फूर्त नहीं थी। इसके पास एक कुशल नेतृत्व तथा एक निश्चित कार्यक्रम था।

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प्रश्न 2.
1917 ई० की रूस की क्रान्ति के कारणों का विश्लेषण कीजिए। (2017)
या
अक्टूबर क्रान्ति के पूर्व रूस की जनता में असन्तोष क्यों था ? इस क्रान्ति के बाद राज्यसत्ता किसके हाथ आयी ?
या
रूस में अक्टूबर क्रान्ति क्यों हुई ? दो कारण लिखिए।
या
रूसी क्रान्ति पर अकाल की घटना का क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर
रूस की क्रान्ति के कारण रूस की अक्टूबर क्रान्ति (1917 ई०) के पूर्व रूस की जनता में भारी असन्तोष था जिसके फलस्वरूप क्रान्ति हुई। इसके निम्नलिखित कारण थे –

1. व्यावसायिक क्रान्ति का प्रभाव – व्यावसायिक क्रान्ति के फलस्वरूप रूस में भी बड़े-बड़े कल-कारखानों की स्थापना हो चुकी थी। इनमें काम करने वाले हजारों श्रमिक गाँवों तथा कस्बों से आकर कारखानों के निकट नगरों में निवास करने लगे थे। नगर के आधुनिक वातावरण ने उनकी अज्ञानता का अन्त कर दिया था और वे राजनीतिक मामलों में रुचि लेने लगे थे। उन्होंने अपने क्लब बना लिये थे, जिनमें एकत्र (UPBoardSolutions.com) होकर वे विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श तथा वाद-विवाद किया करते थे। उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में इन क्लबों में कार्ल माक्र्स के समाजवादी सिद्धान्तों का प्रचार करने के लिए क्रान्तिकारी नेता भी आने लगे और उनके विचारों में रूसी श्रमिकों ने रुचि भी लेनी शुरू कर दी। इस समाजवादी प्रचार ने देश के श्रमिकों में जारशाही के प्रति घोर असन्तोष तथा घृणा उत्पन्न कर दी।

2. राजनीतिक चेतना का उदय – समाजवादी प्रचार के फलस्वरूप रूस में 1883 ई० में रूसी समाजवादी लोकतन्त्र की स्थापना हुई। सन् 1903 ई० में यह दल दो दलों में बँट गया। पहला दल मेनशेविक तथा दूसरा बोल्शेविक कहलाया। मेनशेविक दल; जिसका प्रमुख नेता करेन्स्की था; वैधानिक तरीके से शासन-सत्ता पलटकर देश में समाजवादी शासन स्थापित करना चाहता था, जबकि बोल्शेविक दल; जिसका प्रमुख नेता लेनिन था; खूनी क्रान्ति के द्वारा जारशाही का समूल नाश करके देश में सर्वहारा वर्ग की तानाशाही कायम करना चाहता था।

3. किसानों की हीनदशा – 1861 ई० में सामन्तवादी प्रथा समाप्त होने पर भी किसानों की दशा में कोई सुधार नहीं हुआ। उनके छोटे-छोटे खेत थे जिन पर वे पुराने ढंग से खेती करते थे। करों का उन पर भारी बोझ था तथा वे सदा कर्ज में डूबे रहते थे। उन्हें दो समय का भोजन भी नहीं मिलता था। उनकी उपज का अधिकांश भाग सामन्त तथा जार हड़प जाते थे।

4. श्रमिकों की दयनीय दशा – 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में औद्योगिक क्रान्ति का प्रारम्भ हुआ। उसके बाद इसकी बड़ी तेजी से विकास हुआ, किन्तु निवेश के लिए पूँजी विदेशों से आई। विदेशी पूँजीपति अधिक लाभ कमाना चाहते थे। उन्होंने मजदूरों की दशा की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। पूँजीपति लोग मजदूरों को कम-से-कम वेतन देकर अधिक-से-अधिक काम लेते थे तथा उनसे बुरा व्यवहार करते थे। उन्हें कोई राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं थे, जिससे उनमें असन्तोष बढ़ता जा रहा था।

5. जारों की निरंकुशता – रूस के जार (शासक) बहुत अधिक निरंकुश थे। वे जनता पर अत्याचार करके उनका दमन करते रहते थे। निरंकुशता तथा अत्याचारों के कारण जनसाधारण के हृदय में क्रान्ति की ज्वाला भड़क उठी। 1905 ई० की क्रान्ति के बाद भी (UPBoardSolutions.com) जार अपनी दमनकारी नीति में कोई परिवर्तन नहीं कर सके। वे अपने गुप्तचरों की सहायता से जनता का मुंह बन्द करने का प्रयास करते रहे।

6. रूसी विचारकों का योगदान – अनेक रूसी विचारक यूरोप में हो रहे परिवर्तनों से बहुत प्रभावित थे। कार्ल मार्क्स, टॉल्सटॉय, तुर्गनेव दाँस्तोवेस्की आदि विद्वानों ने अपने विचारों से लोगों को बहुत प्रभावित किया। उन्होंने किसानों और मजदूरों में जागृति लाने और संगठित होने की विचारधारा का प्रसार किया।

7. जार निकोलस द्वितीय की अयोग्यता – रूस का अन्तिम जार निकोलस द्वितीय था। वह तथा उसकी पत्नी एलिक्स दोनों विलासी व बुद्धिहीन थे। उन्होंने अपने दरबार में पाखण्डी लोग भरे हुए थे। रासपुटिन नामक साधु का रानी पर बहुत अधिक प्रभाव था। वह बड़ा भ्रष्टाचारी था, किन्तु राजा का विश्वासपात्र बना हुआ था। जार उसके परामर्श पर चलता था। रासपुटिन, राजा को कठोरता तथा दमन से शासन करने की राय देता रहता था। राजा की दमनकारी नीतियों के कारण जनता में असन्तोष बढ़ता गया।

8. सरकार व सेना में भ्रष्टाचार – जार द्वारा नियुक्त उच्च अधिकारी भी अयोग्य, भ्रष्ट तथा विलासी थे। सैनिक भी भ्रष्ट और विलासी हो गये थे। जनता में विद्रोह की आग भड़कने पर ऐसी सरकार और सेना उसे दबा नहीं सकी।

9. प्रथम विश्व युद्ध में भाग लेना – प्रथम विश्व युद्ध सन् 1914 ई० में प्रारम्भ हुआ था। उन दिनों इटली, ऑस्ट्रिया तथा जर्मनी एक गुट में थे, जबकि इंग्लैण्ड, फ्रांस और रूस दूसरे गुट में। रूस के पास इस युद्ध के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं थी, किन्तु उसे विवश होकर इसमें कूदना पड़ा। इस युद्ध में रूस को भारी हानि उठानी पड़ी। उसके 6 लाख सैनिक मारे गये और 20 लाख सैनिक बन्दी बना लिये गये। इससे (UPBoardSolutions.com) सैनिकों में असन्तोष फैल गया। जनता तथा सैनिक दोनों तत्कालीन रूसी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए कटिबद्ध हो गये।

10. जापान से रूस की पराजय – 1904-05 ई० में रूस तथा जापान में युद्ध हुआ। जापान जैसे छोटे देश से भी रूस हार गया। इससे जनता को जारों की अयोग्यता का पता चल गया और वह उनके विरुद्ध हो गयी।

11. अकाल – 1916-17 ई० में रूस में भारी अकाल पड़ा। लोग भूखों मरने लगे। देश में महामारी फैल
गयी। दूसरी ओर जार तथा दरबारी दावतें उड़ा रहे थे तथा देश के धन को पानी की तरह बहा रहे थे। पूँजीपति किसानों और श्रमिकों का शोषण करने में लगे हुए थे। इस अकाल ने आग में घी का काम किया। इसने जनता के असन्तोष तथा आक्रोश को चरम सीमा पर पहुँचा दिया।

इस क्रान्ति के बाद रूस में लेनिन की अध्यक्षता में नयी साम्यवादी सरकार ने देश की बागडोर सँभाली। वही क्रान्ति का नेता भी था।

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प्रश्न 3.
रूस की क्रान्ति के परिणामों का वर्णन कीजिए। [2012, 17]
          या
रूस की क्रान्ति का देश और विदेशों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
          या
रूस की क्रान्ति के परिणाम किस प्रकार दूरगामी एवं युगान्तरकारी सिद्ध हुए ? [2010]
          या
रूस की क्रान्ति के किन्हीं चार परिणामों का वर्णन कीजिए। इसे विश्व की महान् घटना क्यों कहते हैं ? [2012]
          या
सन् 1917 ई० की रूसी क्रान्ति के दो परिणाम बताइए। [2009, 14]
          या
रूसी क्रान्ति का विश्व पर क्या प्रभाव पड़ा? किन्हीं दो प्रभावों का उल्लेख कीजिए। (2018)
उत्तर
सन् 1917 ई० की रूसी क्रान्ति विश्व इतिहास की एक अति महत्त्वपूर्ण घटना मानी जाती है। इसने न केवल रूस में निरंकुश रोमानोव वंश के शासन को समाप्त किया, अपितु पूरे विश्व की सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था को प्रभावित (UPBoardSolutions.com) किया। इसीलिए इसे विश्व की महान् घटना कहते हैं।

रूसी क्रान्ति के रूस पर प्रभाव (परिणाम)

रूसी क्रान्ति के रूस पर अग्रलिखित प्रभाव थे –

1. निरंकुश जारशाही का अन्त – रूसी क्रान्ति की पहली उपलब्धि निरंकुश शासन की समाप्ति थी। इसने अभिजात वर्ग तथा चर्च की शक्ति को भी समाप्त कर दिया।

2. प्रथम समाजवादी समाज का निर्माण – रूस में जार के साम्राज्य को एक नये राज्य ‘सोवियत समाजवादी गणराज्यों के संघ’ का रूप दे दिया गया। इस क्रान्ति के बाद सत्ता में आयी नयी सरकार ने कार्ल मार्क्स के शिद्धान्तों को कार्यरूप में परिणत किया। इस नये राज्य की नीतियों का उद्देश्य था–‘प्रत्येक व्यक्ति से उसकी क्षमता के अनुसार काम लिया जाए और प्रत्येक को उसके काम के अनुसार मजदूरी दी जाए। इस उद्देश्य से उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व समाप्त कर दिया गया; अर्थात् निजी लाभ की भावना को उत्पादन व्यवस्था से निकाल देना ही समाज का उद्देश्य था।

3. आर्थिक नियोजन – नयी सरकार के सामने पहला कार्य तकनीकी दृष्टि से एक उच्च अर्थव्यवस्था का निर्माण करना था। इसके लिए आर्थिक नियोजन की विधि अपनायी गयी। उन्नीसवीं शताब्दी में यूरोप का आर्थिक विकास पूँजीपतियों की पहल का परिणाम था, परन्तु सोवियत संघ में पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा औद्योगीकरण किया गया। इन योजनाओं के अन्तर्गत तीव्र गति से आर्थिक विकास के लिए अर्थव्यवस्था (UPBoardSolutions.com) के सभी साधन जुटाये गये और आर्थिक विकास का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक समानता प्राप्त करना निश्चित किया गया।

4. सामाजिक असमानता की समाप्ति – क्रान्ति के फलस्वरूप संघ में एक नये प्रकार की सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था का विकास हुआ। निजी स्वामित्व और मुनाफे की भावना की समाप्ति से समाज में परस्पर विरोधी हितों वाले वर्गों का अस्तित्व भी समाप्त हो गया। इस प्रकार समाज में व्याप्त बड़ी असमानताओं का अन्त हो गया। काम करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक हो गया तथा प्रत्येक व्यक्ति को काम देना समाज और राज्य का कर्तव्य बन गया।

5. शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में विकास – सामाजिक और आर्थिक असमानताओं के उन्मूलन के साथ-साथ शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में भी विकास हुए। शिक्षा प्रसार द्वारा आर्थिक विकास, अन्धविश्वासों के निराकरण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास में सहायता मिली। विज्ञान और कला के इस विकास ने आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को तेज किया।

6. गैर-रूसी जातियों को लाभ – जार के अधीन रूस में रहने वाली गैर-रूसी जातियों का बुरी तरह दमन किया गया था, परन्तु क्रान्ति के बाद ये जातियाँ गणराज्यों के रूप में सोवियत संघ का अंग बन गयीं। सोवियत संघ में सम्मिलित सभी जातियों की समानता को 1924 ई० और 1936 ई० में बनाये गये संविधान में कानूनी रूप दिया गया। इन जातियों द्वारा स्थापित गणराज्यों को भी पर्याप्त स्वायत्तता दी गयी जिससे उनकी भाषाओं और (UPBoardSolutions.com) संस्कृतियों का विकास हो सके।

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रूस की क्रान्ति के विश्व पर प्रभाव

रूसी क्रान्ति के विश्व पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े –

1. राष्ट्रवाद का उदय – सन् 1917 ई० की रूसी क्रान्ति ने अफ्रीका तथा एशिया के लोगों में जागृति पैदा की। ये लोग साम्राज्यवादी यूरोपीय देशों के शोषण का शिकार हो रहे थे। रूसी क्रान्ति ने उनमें राष्ट्रीयता की भावना जाग्रत की, जिससे उन्होंने स्वतन्त्रता आन्दोलन आरम्भ किये।

2. समाजवाद का उदय – रूसी क्रान्ति ने यूरोप के अनेक देशों; जैसे-पोलैण्ड, पूर्वी जर्मनी, यूगोस्लाविया, चेकोस्लोवाकिया, बल्गारिया तथा एशियाई देश चीन में समाजवाद की नींव डाली।

3. वर्ग-संघर्ष – रूसी क्रान्ति ने साम्यवादी सिद्धान्तों के आधार पर एक नये समाज को जन्म दिया तथा एक नया सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया।

4. लोकतन्त्र की नयी परिभाषा – रूसी क्रान्ति की सफलता ने लोकतन्त्र की एक नयी परिभाषा दी। पूँजीवादी देश भी यह सोचने को विवश हुए कि वास्तविक लोकतन्त्र की स्थापना के लिए सम्पत्ति, जाति, रंग तथा लिंग के आधार (UPBoardSolutions.com) पर भेदभाव अनुचित है।

5. अन्तर्राष्ट्रीयता की भावना का प्रसार – रूसी क्रान्ति ने समाजवाद को जन्म दिया। समाजवाद प्रगति के लिए राष्ट्रों में आपसी सहयोग पर बल देता था। इस प्रकार रूसी क्रान्ति ने विश्व के सभी राष्ट्रों के बीच आपसी भाईचारे तथा अन्तर्राष्ट्रीयता की भावना को विकसित किया।

6. लोक-कल्याणकारी भावनाओं तथा मानव-अधिकारों को सिद्धान्त – रूसी सरकार की देखा-देखी विश्व की अन्य सरकारों ने भी लोक-कल्याणकारी योजनाएँ शुरू कर दीं, जिनमें शिक्षा, चिकित्सा आदि प्रमुख थीं। मानव-अधिकारों के सिद्धान्त की रक्षा के लिए रूस ने अपने अधीन सभी उपनिवेशों को मुक्त कर दिया तथा विश्व में चल रहे स्वतन्त्रता आन्दोलनों को नैतिक समर्थन दिया।

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प्रश्न 4.
रूसी क्रान्तिकारियों के मुख्य उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर
सन् 1917 ई० में रूस में सफल क्रान्ति हुई, जो रूसी जनता तथा क्रान्तिकारियों की माँगों का परिणाम थी। क्रान्तिकारियों के प्रमुख उद्देश्य (माँगे) निम्नलिखित थीं

1. शान्ति की इच्छा – जार ने रूस को प्रथम महायुद्ध में झोंका था। रूसी फौज को भारी पराजय को सामना करना पड़ रहा था। फरवरी, 1917 ई० तक 6 लाख सैनिक युद्ध में मारे जा चुके थे। क्रान्तिकारी रूस को युद्ध से अलग रखना चाहते थे। इसलिए देश में शान्ति स्थापित करना उनका मुख्य उद्देश्य था।

2. जोतने वालों की जमीन – क्रान्तिकारी, सामन्तवाद से प्रभावित थे। रूस में भूमि जमींदारों, चर्च तथा जार के पास थी। किसान भूमि पर काम करते थे, परन्तु उनके पास बहुत थोड़ी भूमि थी। वे भूमि से लगभग वंचित ही थे। क्रान्तिकारियों (UPBoardSolutions.com) का नारा था, ‘भूमि पर काम करने वाले भूमि के स्वामी होने चाहिए।’

3. उद्योगों पर मजदूरों का नियन्त्रण – रूस के क्रान्तिकारी, सामन्तवादी व्यवस्था से दु:खी होकर एक ही नारा लगा रहे थे-कारखानों पर मजदूरों का स्वामित्व स्वीकार किया जाए। वे सोचते थे कि कपड़ा बनाने वाले चीथड़े क्यों पहनें, पूँजी अर्जित करने वाला पूँजीपतियों का दास बनकर क्यों रहे।

4. गैर-रूसी राष्ट्रों को समानता का स्तर – रूस में पड़ोसी देशों के ऐसे अनेक भाग थे, जिन्हें जारों ने विजय किया था। इन राष्ट्रों के लोगों को रूसी लोगों के समान अधिकार प्राप्त नहीं थे। इनका दमन किया जाता था। क्रान्तिकारियों का उद्देश्य इन गैर-रूसी राष्ट्रों को भी समानता का दर्जा दिलाना था। वे चाहते थे कि गैर-रूसी राष्ट्रों की जनता, रूसी जनता के समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त करे।

5. कार्ल मार्क्स के विचारों को लागू करना – रूस की क्रान्ति के पीछे मुख्य विचार कार्ल मार्क्स के थे। उसकी कृति ‘दास कैपिटल’ नामक पुस्तक उसके क्रान्तिकारी विचारों का लेखा-जोखा है। वह पूँजीवाद का विरोधी और समाजवाद का प्रबल समर्थक था। उसका कहना था कि उत्पादन के सभी साधनों पर समाज या सरकार का अधिकार होना चाहिए तथा मजदूर स्वयं ही क्रान्ति के द्वारा पूँजीवाद को समाप्त कर समाजवाद की स्थापना कर सकते हैं। मजदूरों को मार्क्स के इन विचारों में आशा की झलक दिखाई देती थी; अत: क्रान्तिकारियों का एक मुख्य उद्देश्य कार्ल मार्क्स के विचारों का समाज बनाना भी था।

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प्रश्न 5.
‘खूनी रविवार की घटना के विषय में आप क्या जानते हैं? क्या यह घटना रूस की क्रान्ति का कारण थी ? अपने विचार लिखिए।
या
रूस में 1905 ई० की घटना ‘खूनी रविवार’ क्यों कही जाती है ?
या
रूस में ‘खूनी रविवार की घटना क्यों हुई? इसका क्या परिणाम हुआ? [2015, 16]
उत्तर
जब किसी देश के शासन, अधिकारी, पूँजीपति आदि (UPBoardSolutions.com) उच्च वर्ग के लोग निरंकुश हो जाते हैं। और गरीब तथा निरीह जनता पर कहर बरपाते हैं तो क्रान्ति का जन्म होता है। रूस की क्रान्ति में भी ऐसे ही कुछ कारणों में से एक प्रमुख कारण ‘खूनी रविवार’ था।

रूस में जारशाही निरंकुशता का बोलबाला था। जार-सम्राट के अधिकारी जनसाधारण वर्ग पर भीषण अत्याचार किया करते थे। वर्ष 1904-05 ई० में रूस, जापान जैसे छोटे देश से ही पराजित हो गया था। इन सभी बातों से क्षुब्ध होकर 22 जनवरी, 1905 ई० को अनेक श्रमिकों ने अपनी माँगें रखीं। माँगें प्रस्तुत करने के लिए ये सभी श्रमिक सेण्ट पीटर्सबर्ग के दुर्ग में एकत्रित हुए। उन्होंने जार के समक्ष अपनी माँगें रखीं, लेकिन जार के आदेश से शाही सैनिकों ने उन पर गोली चला दी, जिसके फलस्वरूप बहुत-से निहत्थे श्रमिकों का खून बह गया। यह घटना रविवार को घटी थी; अत: रूस के इतिहास में इसे ‘खूनी रविवार के नाम से जाना जाता है। यह घटना भारत के अमृतसर नामक नगर में हुए जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड की याद दिलाती है, क्योंकि इस काण्ड में ब्रिटिश सैनिकों द्वारा निहत्थे भारतीयों पर गोलियाँ बरसाकर उनकी सामूहिक हत्या कर दी गयी थी।

22 जनवरी, 1905 ई० का यह दिन रूसी इतिहास में लाल रविवार’ या ‘खुनी रविवार’ के नाम से कुख्यात है। इस घटना से सारे देश में क्रान्ति की लहर दौड़ गयी। सेना तथा नौसेना के एक भाग ने भी क्रान्ति कर दी, लेकिन शीघ्र ही इस क्रान्ति को दबा दिया गया। फिर भी क्रान्ति की चिनगारियाँ अन्दर-ही-अन्दर सुलगती रहीं, जो आगे चलकर 1917 ई० में महान् क्रान्ति के रूप में उभरकर आयीं। इसीलिए 1905 ई० की क्रान्ति को 1917 ई० की क्रान्ति की जननी कहा जाता है।

सन् 1905 ई० की घटना 1917 ई० की रूसी क्रान्ति का पूर्वाभ्यास थी। 7 मार्च, 1917 ई० को भूख, प्यास और सर्दी से काँपते हुए श्रमिकों की भीड़ ने पेट्रोग्राड नगर में जुलूस निकाला। उस समय वहाँ के होटलों और रोटी वालों की दुकान पर गर्मागर्म रोटियों से थाल भरे हुए थे। उन्हें देखकर भूख से तड़पती जनता से न रहा गया और उसने गर्मागर्म रोटियों की लूट मची दी। उच्च अधिकारियों ने सेना को बुलाकर गोली चलाने का आदेश दिया, परन्तु सैनिकों ने भूखी-नंगी जनता पर गोली नहीं चलायी। इस प्रकार सेना के अनुशासन भंग करने से रूस में उस क्रान्ति का आरम्भ हुआ, जिसने जार, उसके (UPBoardSolutions.com) सम्बन्धियों, बड़े-बड़े पदाधिकारियों और अमीर सामन्तों का अन्त कर डाला।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रूस में क्रान्तिकारी आन्दोलन के विकास में लेनिन की क्या देन थी?
या
रूस की क्रान्ति कब हुई ? उसके नायक कौन थे ?
या
रूसी क्रान्ति लेनिन के नाम के साथ क्यों जुड़ी है ? व्याख्या कीजिए।
या
लेनिन के कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
या
लेनिन कौन था ? उसका सम्बन्ध किस क्रान्ति से था ? [2012]
या
रूसी क्रान्ति में लेनिन के योगदान का वर्णन कीजिए। [2015]
उत्तर
लेनिन (1870-1924 ई०) का वास्तविक नाम ब्लादिमीर इलिच यूलियनाव था। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद 1895 ई० में लेनिन रूस से बाहर चला गया और वहाँ से चोरी-छिपे क्रान्तिकारी साहित्य रूस में भेजने लगा। इस अपराध में पहले उसे 14 माह का कारावास मिला, फिर तीन वर्ष के लिए उसे साइबेरिया में भेज दिया गया। सन् 1898 ई० में लेनिन ने रूसी समाजवादी प्रजातान्त्रिक दल’ की स्थापना की। इसके बाद लगभग 20 वर्षों तक उसने यूरोप के विभिन्न देशों में निर्वासित जीवन व्यतीत किया। सन् 1917 ई० में वह वापस आया और करेन्स्की की सरकार को भंग कर अक्टूबर की (UPBoardSolutions.com) क्रान्ति को सफल बनाया। सन् 1924 ई० तक लेनिन रूस का निर्माता और भाग्य-विधाता बना रहा। उसने एक सक्रिय मार्क्सवादी और जन्मजात क्रान्तिकारी के रूप में अमर ख्याति प्राप्त की।

लेनिन ने रूसी क्रान्ति (1917 ई०) में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। क्रान्ति के पूर्व ही रूस के निरंकुश जार (शासक) का पतन हो चुका था। रूस में करेन्स्की की सरकार जनता की माँगें पूरी करने में असफल रही। थी। ऐसे समय में लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी ने युद्ध को समाप्त करने और ‘सारी सत्ता सोवियतों को सौंपने का नारा दिया। लेनिन ने यह घोषणा की कि गैर-रूसी जनगणों को समान अधिकार दिये बिना सच्चा जनतन्त्र स्थापित नहीं हो सकता। यही रूसी क्रान्ति के वास्तविक उद्देश्य थे, जिन्हें लेनिन ने पूरा कर दिखाया। इसीलिए रूसी क्रान्ति लेनिन के नाम के साथ जुड़ी हुई है।

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प्रश्न 2.
कार्ल मार्क्स कौन था ? उसने कौन-सी पुस्तक लिखी ?
या
कार्ल मार्क्स तथा अन्य विचारकों का 1917 ई० में रूसी क्रान्ति लाने में क्या योगदान था ?
या
उन दार्शनिकों व विचारकों के नाम लिखिए जिनके विचारों से प्रभावित होकर जनता ने रूस में क्रान्ति की। [2009]
उत्तर
कार्ल मार्क्स जर्मनी का निवासी और वैज्ञानिक समाजवाद का जनक था। रूसी क्रान्ति लाने में शायद ही किसी और विचारक का इतना हाथ रहा हो जितना कार्ल मार्क्स का। कार्ल मार्क्स की पुस्तक दास कैपिटल सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक है। इस पुस्तक में उसने अपने विचारों को सारांश में दिया है। उसने लिखा है

  1. पूँजीवाद मजदूरों और किसानों के लिए शोषण करने का एक ढंग है।
  2. पूँजीवाद को हटाने के लिए मजदूरों को क्रान्तियाँ लानी पड़ेगी।
  3. सभी उत्पादन के साधनों पर मजदूरों तथा किसानों का अधिकार आवश्यक है। यह अधिकार उन्हें छीनना पड़ेगा।
  4. मजदूरों एवं किसानों को अपना अधिनायकवाद (UPBoardSolutions.com) स्थापित करना पड़ेगा, चाहे इसके लिए उन्हें हथियार ही क्यों न उठाने पड़ जाएँ।

कार्ल मार्क्स के अतिरिक्त कई दार्शनिकों ने भी तार्किक विधि से जनसाधारण को प्रभावित किया। इनमें फ्रेडरिक एंजिल्स के विचार माक्र्स से मिलते-जुलते थे। टॉल्सटॉय के विचारों का प्रभाव बुद्धिजीवी वर्ग पर पड़ा। बाकुनिन, क्रोपॉटकिन, दाँस्तोवेस्की और तुर्गनेव ऐसे विचारक थे जो कि जनसाधारण के आदर्श बने।

प्रश्न 3.
रूस की क्रान्ति के सामाजिक एवं आर्थिक कारण क्या थे ? (2018)
उत्तर
रूस की क्रान्ति के सामाजिक एवं आर्थिक कारण निम्नलिखित थे

  1. सामाजिक कारण – क्रान्ति से पूर्व रूसी समाज मुख्यत: तीन वर्गों में विभाजित था। ये वर्ग थे–किसान, मध्यम तथा कुलीन। किसान वर्ग के लोगों की दशा बहुत खराब थी। समाज में इस वर्ग को कोई स्थान प्राप्त नहीं था। कुलीन और मध्यम वर्ग के लोग इन्हें हीन और घृणा की दृष्टि से देखते थे। पादरी वर्ग भी अनेक प्रकार से जनसाधारण वर्ग का शोषण करता था। आगे चलकर यही वर्ग-संघर्ष रूसी क्रान्ति का प्रमुख कारण बना।
  2. आर्थिक कारण – औद्योगीकरण से पूर्व रूसी लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। रूस में किसानों की दशा बहुत दयनीय थी। अत्यधिक निर्धन होने के कारण उन्हें दरिद्रता और भुखमरी का जीवन व्यतीत करना पड़ता था। वे सामाजिक (UPBoardSolutions.com) और आर्थिक परिवर्तन की ओर टकटकी लगाये हुए थे। दूसरी ओर रूसी कारखानों और उद्योगों में विदेशी पूँजी लगी हुई थी तथा विदेशी पूँजीपतियों का एकमात्र लक्ष्य अधिकाधिक लाभ कमाना था। इन परिस्थितियों में रूस में अनाज, वस्त्र तथा अन्य जीवनोपयोगी वस्तुओं की कमी होने लगी। जारशाही ने भी श्रमिकों और किसानों की आर्थिक दशा सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया। अन्ततः यह आर्थिक दशा भी रूसी क्रान्ति का कारण बनी।

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प्रश्न 4.
रूस के समाज के दो वर्ग कौन-कौन से थे ? उनका उल्लेख कीजिए।
उत्तर
क्रान्ति से पूर्व रूस के समाज के दो वर्ग निम्नलिखित थे –

  1. उच्च वर्ग – उच्च वर्ग में जारशाही के सदस्य, उच्च सामन्त तथा अत्यधिक धनी लोग थे। ये लोग वैभवपूर्ण तथा ऐश्वर्यमय जीवन व्यतीत करते थे। उनका जीवन विलासिता से परिपूर्ण था। वे अपनी जमीनों पर अर्द्ध-दासों से कृषि करवाते थे तथा शिकार आदि करके मनोरंजन करते थे।
  2. मध्यम वर्ग – इस वर्ग में लेखक, विचारक, छोटे व्यापारी तथा छोटे सामन्त आदि सम्मिलित थे। इनकी स्थिति उच्च वर्ग के लोगों से निम्न थी। इन्हें किसी प्रकार के विशेषाधिकार प्राप्त न होने के कारण इनकी स्थिति बहुत ही दयनीय रहती थी।

अतिलघु उत्तरीय प्रत

प्रश्न 1.
रूस की क्रान्ति कब प्रारम्भ हुई? इसके नायक कौन थे? [2012, 18]
या
रूस में क्रान्ति कब हुई थी? [2016]
उत्तर
रूसी क्रान्ति सन् 1917 ई० में प्रारम्भ हुई। इसके नायक लेनिन थे।

प्रश्न 2.
रूस की संसद का क्या नाम था ?
उत्तर
रूस की संसद का नाम ड्यूमा था।

प्रश्न 3.
1917 ई० की रूसी क्रान्ति सबसे अधिक किस विचारधारा से प्रभावित थी ?
उत्तर
1917 ई० की रूसी क्रान्ति सबसे अधिक (UPBoardSolutions.com) लेनिन की विचारधारा से प्रभावित थी।

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प्रश्न 4.
क्रान्ति के पूर्व रूस में किस प्रकार की शासन व्यवस्था थी ?
उत्तर
क्रान्ति के पूर्व रूस में जारशाही शासन व्यवस्था थी।

प्रश्न 5.
क्रान्ति के पूर्व रूस का समाज कितने वर्गों में बँटा था ?
उत्तर
क्रान्ति के पूर्व रूस को समाज तीन वर्गों में बँटा था।

प्रश्न 6.
इयूमा किसे कहते थे ?
उत्तर
रूस की संसद का नाम ड्यूमा था।

प्रश्न 7.
लेनिन कौन था ? उसका सम्बन्ध किस क्रान्ति से था ? [2012]
उत्तर
लेनिन रूस में बोल्शेविक दल का प्रमुख नेता था। उसका सम्बन्ध रूसी क्रान्ति से था।

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प्रश्न 8.
रूस का अन्तिम जार कौन था ?
उत्तर
रूस को अन्तिम जार (सम्राट) निकोलस द्वितीय था।

प्रश्न 9.
रूस के बोल्शेविक दल के सर्वप्रथम नेता कौन थे ?
उत्तर
रूस के बोल्शेविक दल के सर्वप्रथम नेता लेनिन (UPBoardSolutions.com) थे, जिनका वास्तविक नाम ब्लादिमीर इलिच यूलियनाव था।

प्रश्न 10.
रूसी क्रान्ति को प्रभावित करने वालों के नाम लिखिए।
उत्तर
रूसी क्रान्ति को प्रभावित करने वालों में लेनिन, कार्ल मार्क्स, टॉल्सटॉय, मैक्सिम गोर्की, बाकुनिन, तुर्गनेव, दॉस्तोवेस्की आदि प्रमुख थे।

प्रश्न 11.
रूस में बौद्धिक क्रान्ति लाने वाले दो प्रमुख लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर
रूस में बौद्धिक क्रान्ति लाने वाले दो प्रमुख लेखक थे-टॉल्सटॉय तथा दॉस्तोवेस्की।

प्रश्न 12.
फरवरी क्रान्ति का क्या अभिप्राय है ? [2011]
उत्तर
7 मार्च, 1917 ई० की भीषण दुर्घटना ने रूस में क्रान्ति का विस्फोट कर दिया। इस क्रान्ति को ‘फरवरी क्रान्ति’ कहा गया।

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प्रश्न 13.
‘प्रत्येक क्रान्ति में महान विचारकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। (UPBoardSolutions.com) ” इस कथन की पुष्टि में फ्रांस और रूस की क्रान्ति से सम्बन्धित एक-एक विचारक का नाम लिखिए। [2013]
उत्तर
फ्रांस-रूसो, रूस-कार्ल मार्क्स।

प्रश्न 14.
यूरोप की दो महान राज्य क्रान्तियों के नाम लिखिए। [2014]
उत्तर 

  1. इंग्लैण्ड की क्रान्ति।
  2. फ्रांस की क्रान्ति।

बहुविकल्पीय प्रशन

1. रूस की क्रान्ति के समय रूस के सम्राट को कहा जाता था

(क) एम्परर
(ख) प्रिन्स
(ग) जार।
(घ) ड्यूक

2. 1917 ई० की रूसी क्रान्ति के समय रूस का जार था

(क) निकोलस प्रथम
(ख) निकोलस द्वितीय
(ग) पीटर महान
(घ) लेनिन

3. रूसी क्रान्ति के समय लेनिन किस दल का नेता था?

(क) जिरोदिस्त
(ख) बोल्शेविक
(ग) जैकोबिन
(घ) मेनशेविक

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4. रूसी क्रान्ति के समय रूस में भीषण अकाल कब पड़ा?

(क) 1904-05 ई० में
(ख) 1910-11 ई० में
(ग) 1916-17 ई० में
(घ) 1918-19 ई० में

5. रूसे की क्रान्ति का प्रमुख कारण क्या था?

(क) सैनिक दुर्बलता
(ख) रूस की पराजय
(ग) जार की निरंकुशता
(घ) देश का पिछड़ापन

6. रूस की क्रान्ति कब प्रारम्भ हुई थी? [2012]
या
लस में क्रान्ति किस सन में हुई थी? [2014]

(क) 1927 ई० में
(ख) 1917 ई० में
(ग) 1907 ई० में
(घ) 1911 ई० में

7. ‘खूनी रविवार की घटना कहाँ हुई?

(क) पेरिस में
(ख) मास्को में
(ग) लन्दन में
(घ) सेण्ट पीटर्सबर्ग में

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8. समाजवाद का जन्मदाता कौन था?

(क) लेनिन
(ख) कार्ल मार्क्स
(ग) रूसो
(घ) स्टालिन

9. क्रान्ति की सफलता के बाद रूस में कौन-सी व्यवस्था लागू की गई?

(क) पूँजीवादी
(ख) जनतन्त्र
(ग) साम्यवादी
(घ) तानाशाही

10. जार साम्राज्य का पतन कब हुआ?

(क) 15 मार्च, 1917 ई० में
(ख) 27 फरवरी, 1930 ई० में
(ग) 2 अप्रैल, 1930 ई० में।
(घ) 5 जनवरी, 1922 ई० में

11. निम्नलिखित में से कौन रूस की क्रान्ति से सम्बन्धित था? [2011)

(क) लेनिन
(ख) अब्राहम लिंकन
(ग) रूसो
(घ) बिस्मार्क

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12. मेनशेविक दल का प्रमुख नेता था

(क) लेनिन
(ख) करेन्स्की
(ग) रूसो
(घ) कार्ल मार्क्स

उत्तर माला

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 6 रूसी क्रान्ति–कारण तथा परिणाम 1

Hope given UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 1 are helpful to complete your homework.

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UP Board Solutions for Class 10 English Poetry Chapter 4 The Nation Builders (Ralph Waldo Emerson)

UP Board Solutions for Class 10 English Poetry Chapter 4 The Nation Builders (Ralph Waldo Emerson).

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 10 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 English Poetry Chapter 4 The Nation Builders (Ralph Waldo Emerson).

Comprehension Questions 

In the examination paper, there are asked only two questions from each paragraph. Given below are some more questions for extra practice.

Read the following stanzas and answer the questions put there upon :

(1) Not gold, but on by …………….. fast and suffer long. [2009, 18]

Question .
1. Write the title of the poem from which the above lines have been taken. Who is the author of the poem? |
(उपर्युक्त पंक्तियाँ जिस कविता से ली गई हैं उसका नाम लिखिए। कविता के रचयिता कौन हैं?)
2. What type of people do we need to make a nation great and strong ?
(हमें किसी राष्ट्र को महान् और शक्तिशाली बनाने के लिए कैसे व्यक्तियों की आवश्यकता है ?)

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                                     Or
Who can make a nation great and strong ?
(राष्ट्र को महान् तथा शक्तिशाली कौन बना सकता है ?)
3. Why can’t gold make a nation great ? | (धन राष्ट्र को महान् क्यों नहीं बना सकता ?)
                                    Or
Explain the expressions given below :
(निम्नलिखित अभिव्यक्तियों की व्याख्या कीजिए )
Stand fast’, ‘suffer long.
4. What is the meaning of a people’ in the second line ?
(दूसरी पंक्ति में ‘a people’ का क्या अर्थ है ?)
5. What does gold mean in the poem ?
(कविता में ‘gold” शब्द का क्या अर्थ है?)
6. What do brave men do for truth and honour’s sake ?
(वीर पुरुष सच्चाई और सम्मान की रक्षा के लिए क्या करते हैं ?)
Answer:
1. The title of the poem from which (UPBoardSolutions.com) the above lines have been taken is ‘The Nation Builders. The author of this poem is Ralph Waldo Emerson.
(उपर्युक्त पंक्तियाँ जिस कविता से ली गई हैं उसका नाम ‘The Nation Builders’ है। इस कविता के रचयिता Ralph Waldo Emerson हैं।)
2. To make a nation great and strong we need men who can stand to fight and suffer for a long time for the sake of truth and honour.
(एक्ल राष्ट्र को महान् और शक्तिशाली बनाने के लिए हमें ऐसे व्यक्तियों की आवश्यकता है, जो सत्य और सम्मान की रक्षा के लिए लम्बी लड़ाई लड़ सकें और कष्ट भी सहन कर सकें।)
3. Gold can’t make a nation great because it has no life.
(धन राष्ट्र को महान् नहीं बना सकता क्योंकि इसमें जीवन नहीं होता।)

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                                       Or
The given expression means the people who are firm and can suffer for their country.
(दिये हुए कथन का तात्पर्य है कि वे व्यक्ति जो दृढ़ हैं और अपने देश के लिए कष्ट सहन कर सकते हैं।)
4. A people’ means a nation’.
(A people’ का अर्थ है-एक राष्ट्र।)
5. In the poem gold means material wealth or money.
(कविता में ‘gold’ का अर्थ है भौतिक सम्पत्ति या धन।)
6. Brave men stand fast and suffer long for truth and honour’s sake.
(वीर पुरुष सच्चाई तथा सम्मान की रक्षा के लिए दृढ़तापूर्वक डटे रहते हैं तथा यातनाएँ उठाते हैं।)

(2) Brave men who……. lift them to the sky. [2010, 11, 13, 16, 17]

Question .
1. What does this line mean here : ‘who work while others sleep.
(“who work while others sleep.’ इस पंक्ति का क्या अर्थ है ? )
2. What is the gist of the above noted stanza ? How can nation be built strong?
(उपर्युक्त पद्यांश का क्या सारांश है ? एक राष्ट्र को शक्तिशाली कैसे बनाया जा सकता है ?)
3. What type of men help to build a strong foundation of a nation ?
(किस प्रकार के व्यक्ति एक राष्ट्र की नींव दृढ़ बनाने में सहायता करते हैं ?)
                                   Or
How can a nation be built strong ?
(एक राष्ट्र को शक्तिशाली कैसे बनाया जा सकता है?)
                                  Or
who build a nation’s pillars deep?
(राष्ट्र की नींव को गहरा कौन बनाते हैं ?).
4. What does the poet mean by ‘And lift them to the sky’ ?
(And lift them to the sky पंक्ति से कवि का क्या तात्पर्य है ?)
5. What are the qualities of brave men given in this stanza?
(इस पद्यांश में वीर व्यक्तियों के कौन-कौन से गुण दिये गये हैं ?)
6. What do brave men do while others sleep?
(वीर व्यक्ति क्या करते हैं जबकि अन्य सो जाते हैं ?)

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Answer:
1. This line means that the brave (UPBoardSolutions.com) people work hard while others pass their time
in idleness. (इस पंक्ति का अर्थ है कि वीर व्यक्ति परिश्रम करते हैं, जबकि अन्य व्यक्ति सुस्ती में अपना समय बिताते हैं।)
2. The gist of the stanza is that nation needs brave, courageous and hard working people. The nation can be built strong by our bravery, courage and hard work.
(पद्यांश का सारांश है कि राष्ट्र को वीर, साहसी और परिश्रमी व्यक्तियों की आवश्यकता है। अपनी | बहादुरी, साहस और परिश्रम से ही राष्ट्र को शक्तिशाली बनाया जा सकता है।)
3. The people who are hard-working and courageous help to build a strong foundation of a nation.
(जो व्यक्ति साहसी तथा परिश्रमी होते हैं, वे ही अपने राष्ट्र की नींव दृढ़ बनाने में सहायता करते हैं।)
                                   Or
A nation can be made strong by hard work and courage.
(किसी राष्ट्र को साहस के साथ कठिन परिश्रम से शक्तिशाली बनाया जा सकता है।)
4. The poet means by this line that those people raise the nation to a great height.
(इस पंक्ति से कवि का तात्पर्य यह है कि वे लोग राष्ट्र को बुलन्दी पर पहुँचा देते हैं।)

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5. The qualities of brave men are that

  1. they work while others sleep and
  2. they hold courage when others run away.

(बहादुर व्यक्तियों के गुण हैं कि

  1. वे उस समय भी कार्य करते हैं जब अन्य व्यक्ति सो जाते हैं तथा
  2. वे उस समय भी साहस से डटे रहते हैं जब दूसरे मैदान छोड़कर भाग जाते हैं।)

6. Brave men work hard while others sleep.
(वीर व्यक्ति कठिन परिश्रम करते हैं जबकि अन्य सो जाते हैं।).

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APPRECIATION OF THE POEM

Question 1.
who can make a nation great and strong ?
(एक राष्ट्र को महान् और शक्तिशाली कौन बना सकता है? )
Answer:
Only people can make a nation great and strong.
(केवल जनता ही एक राष्ट्र (UPBoardSolutions.com) को महान् और शक्तिशाली बना सकती है।)

Question 2.
What type of men are needed to make a nation great and powerful ?
(किसी राष्ट्र को महान् और शक्तिशाली बनाने के लिए कैसी जनता की आवश्यकता है?)
Answer:
Brave, hard working and courageous men can make a nation strong.
(वीर, परिश्रमी और साहसी जनता ही किसी राष्ट्र को महान् और शक्तिशाली बना सकती है।)

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CENTRAL IDEA OF THE POEM

[2009, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18]
The poet R. W. Emerson says that not wealth but only men can make a nation great. If we want our nation to be great, we have to be brave, courageous and hard-working. These qualities would provide a strong base on which a great, strong and glorious building of a nation can stand.
(कवि R.W. Emerson कहता है कि धन नहीं, केवल व्यक्ति ही किसी राष्ट्र को (UPBoardSolutions.com) महान् बना सकते हैं। यदि हम अपने राष्ट्र को महान् बनाना चाहते हैं तब हमें वीर, साहसी और परिश्रमी बनना होगा। ये गुण एक ऐसी शक्तिशाली नींव प्रदान करेंगे जिस पर एक राष्ट्र की महान्, शक्तिशाली तथा भव्य इमारत खड़ी हो सकेगी।)

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ADVICE OF THE POET

The poet advises us to work for the nation sincerely and laboriously. We should face all the challenges bravely for making our nation great. We should sacrifice all our pleasures for the sake of our nation.
(कवि हमें शिक्षा देता है कि हम देश के लिए ईमानदारी और (UPBoardSolutions.com) मेहनत से कार्य करें। हम अपने देश को महान् बनाने के लिए सभी चुनौतियों का मुकाबला बहादुरी से करें। हमें अपने देश के लिए अपने सभी सुखों का बलिदान कर देना चाहिए।)

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