UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 महाराजा सुहेलदेव (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 महाराजा सुहेलदेव (महान व्यक्तिव)

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पाठ का सारांश

बहराइच महर्षि अष्टावक्र और भगवान बुद्ध की तपस्थली रहा है। इस जनपद में बाबागंज रेलवे स्टेशन से तीन किमी दूर चरदा नामक स्थान है। यहाँ सुहेलदेव नामक राजा राज करते थे। इन्हें सुहिरिध्वज भी कहा जाता है। ‘चरदा का डीह’ इनका किला माना जाता है। वीर राजा सुहेलदेव ने पहाड़ी राजाओं की संयुक्त सेना गठित करके चितौरा झील नामक स्थान पर महमूद गजनवी के नवासे सैयद सालार मसूद गाजी को परास्त कर मार डाला था। इन्होंने अन्य विदेशी आक्रमणकारियों से भी (UPBoardSolutions.com) लोहा लिया था और प्रजा की सुरक्षा की थी। चितौरा झील के किनारे एक मन्दिर बनाया गया है। यहीं राजा सुहेलदेव की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है। इनकी स्मृति में इस स्थान का नाम सुहेलनगर रखा गया है। प्रतिवर्ष वसन्तपंचमी को यहाँ मेला लगता है।

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अभ्यास

प्रश्न 1.
महाराजा सुहेलदेव कहाँ के राजा थे, और वे क्यों प्रसिद्ध हैं?
उत्तर :
महाराजा सुहेलदेव चरदा के राजा थे। इन्होंने सैयद सालार मसूद गाजी को हराया था और विदेशी आक्रमणकारियों से लोहा लेकर जनता की रक्षा की थी। वे अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 2.
बहराइच जनपद किन-किन विभूतियों की तपस्थली रही है?
उत्तर :
बहराइच जनपद महर्षि अष्टावक्र और भगवान बुद्ध की तपस्थली रही है।

प्रश्न 3.
भगवान बुद्ध बहुत वर्षों तक जेतवन क्यों जाते थे ?
उत्तर :
भगवान बुद्ध कई वर्षों तक वर्षा ऋतु के चौमासे व्यतीत करने जेतवन जाते थे।

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प्रश्न 4.
नीचे कथनों पर सही (✓) या गलत (✗) का चिह्न लगाइए –
उत्तर :

(क) महाराजा सुहेलदेव को मकरिध्वज नाम से भी जाना जाता है। (✗)
(ख) चरदा की डीह राजा सुहेलदेव का किला माना जाता है। (✓)
(ग) सुहेलनगर में प्रतिवर्ष वसंत पंचमी को मेला लगता है। (✓)
(घ) सैयद सालार मसूद गाजी टेढ़ी नदी के किनारे युद्धा में विजयी हुआ। (✗)

योग्यता विस्तार –

अपने जनपद की उन महान विभूतियों के बारे में पता कीजिए जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रे में भारत का नाम रोशन किया है।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 राजधर्म (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 राजधर्म (मंजरी)

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महत्त्वपूर्ण गद्याश की व्याख्या

“बोधिसत्व से ………………………………. व्रत है।”
संदर्भ:
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के (UPBoardSolutions.com) ‘‘राजधर्म” नामक पाठ से लिया गया है। यह जातक कथा (कहानी) से उद्धृत है।

प्रसंग:
राजा ने बोधिसत्व द्वारा दिए गए कड़वे गोदे थूक दिए। बोधिसत्व ने बताया कि राजा के अधार्मिक होने से जंगल के कन्दमूल और फल नीरस हो जाते हैं।

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व्याख्या:
राजा ने स्वयं बोधिसत्व को विनयपूर्वक यह सच्चाई बताई कि उसने ही पहले गोदों । (फलों) को मीठा किया था और बाद में उन्हें कड़वा कर दिया। पहले वह धार्मिक और न्यायपूर्ण ढंग से राज्य करता था परन्तु बाद में अन्याय करना शुरू कर दिया। बोधिसत्व ने जो राजधर्म बताया, वह सत्य सिद्ध हो गया। अतः राजा ने राजधर्म अपनाकर कड़वे फलों को मीठा करने का इरादा किया। उसने अपने इस संकल्प (UPBoardSolutions.com) और व्रत का पालन करना शुरू कर दिया। उसका राज्य फिर खुशहाली से भर गया।

पाठ का सर (सारांश)

प्राचीनकाल में वाराणसी में ब्रह्मदत्त नामक धर्म और न्यायपरायण राजा राज्य करता था। उसके राज्य में बोधिसत्व (बुद्ध) एक ब्राह्मण कुल में पैदा हुए। वह हिमालय प्रदेश में तपस्या में लीन रहते थे।
राजा ब्रह्मदत्त विवेकशील था। राज्य में कोई ऐसा व्यक्ति न था, जो उसके दोष बताए। एक दिन राजा घूमता हुआ हिमालय प्रदेश में बोधिसत्व के आश्रम में पहुँचा। उसने बोधिसत्व को प्रणाम किया और चुपचाप बैठ गया। बोधिसत्व द्वारा दिए गए मीठे और स्वादिष्ट गोदे खाकर, राजा ने उनके मीठे और स्वादिष्ट होने का कारण पूछा। बोधिसत्व ने बताया कि राजा के धार्मिक और न्यायप्रिय होने से सब वस्तुएँ मधुर होती हैं। इस बात की सच्चाई जानने को राजा ने अधर्म और अन्याय से राज्य करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद राजा फिर आश्रम में पहुँचा। इस बार जो गोदे उसने खाए, वह कड़वे थे। बोधिसत्व ने (UPBoardSolutions.com) इसका कारण राजा का अधार्मिक और अन्यायी होना बताया। राजा के कुमार्ग पर चलने से प्रजा भी वैसा ही करती है। इसके प्रतिकूल धर्म का अनुसरण करने वाले राजा की प्रजा भी धर्म का मार्ग अपनाती है। राजा ने बोधिसत्व के सामने प्रत्यक्ष होकर सारी बात बता दी। उसने निश्चय किया कि वह गोदों को कभी कड़वा नहीं होने देगी। उसने धर्मपूर्वक न्याय से राज्य करना शुरु कर दिया। राज्य में फिर से सम्पन्नता आ गई।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1:
अपने आस-पास क्षेत्र में पाये जाने वाले बरगद, पीपल, पाकड़ या अन्य वृक्षों को निकट से देखिए और उन पर बैठे पक्षियों के क्रियाकलापों को अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
बरगद के वृक्ष का चित्र बनाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 3:
इस पाठ के आधार पर आप भी दो सवाल बनाइए।
उत्तर:
प्र०1. ब्रह्मदत्त अपने विषय में क्या जानना चाहता था?
प्र०2. क्या ऐसा सच में हो सकता है कि राजा (UPBoardSolutions.com) के अन्यायी होने पर राज्य में उगने वाले फल भी कडवे हो जाएँगे।

प्रश्न 4:
लिखिए-इस कहानी को पढ़ने के बाद आप क्या करेंगे ? क्या नहीं करेंगे ?
उत्तर:
क्या करेंगे: अधर्म, अन्याय और पार का रास्ता छोड़ दूंगा।
क्या नहीं करेंगे: कभी किसी को परेशान नहीं करूंगा, किसी को तकलीफ नहीं पहुँचा

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विचार और कल्पना

प्रश्न 1:
इस पाठ में एक अच्छे राजा के आवश्यक गुण बताये गये हैं। आपके विचार में किसी राजा/श्रेष्ठ व्यक्ति/नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए? उन्हें लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें। (UPBoardSolutions.com)

प्रश्न 2:
जब राजा ने अन्याय और अधर्म के साथ राज्य किया होगा, तब उसकी प्रजा को क्या-क्या कष्ट भोगने पड़े होंगे ?
उत्तर:
चारों तरफ अशान्ति और अराजकता का साम्राज्य बन गया होगा। लूट-पाट, चोरी, राहजनी एवं हत्याएँ बढ़ गई होंगी जिससे प्रजा परेशान हो गई होगी।

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प्रश्न 3:
बोधिसत्व जंगल के पके गोदे खाते थे जो शक्कर के समान मीठे थे। (UPBoardSolutions.com) आप अपने द्वारा खाए हुए उन फलों के नाम लिखिए जो एक बीज वाले हों, अनेक बीज वाले हों।
उत्तर:
(क) एक बीज वाले फल             –             आम, लीची, आड़, जामुन
(ख) अनेक बीज वाले फल          –             सेब, तरबूज, खरबूजा, संतरा
(ग) बिना बीज वाले फल             –             केला, अंगूर
(घ) कड़े छिलके वाले फल          –            अखरोट, नारियल, बेल

कहानी से

प्रश्न 1:
ब्रह्मदत्त नामक राजा क्यों प्रसिद्ध था?
उत्तर:
राजा ब्रह्मदत्त अपनी धर्मप्रियता और न्यायपरायण शासन के लिए प्रसिद्ध था।

प्रश्न 2:
राजा ब्रह्मदत्त वेश बदलकर क्यों घूमता था?
उत्तर:
राजा ब्रह्मदत्त वेश बदलकर यह जानने के लिए घूमते थे कि उसका दोष बताने वाला भी है या नहीं।

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प्रश्न 3:
बोधिसत्व ने राजा को गोदों के मीठे और स्वादिष्ट होने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
बोधिसत्व ने गोदों के मीठे और स्वादिष्ट होने का कारण राजा का धार्मिक और न्यायपरायण होना बताया।

प्रश्न 4:
राजा ने अधर्म और अन्याय से राज्य करना क्यों शुरु किया?
उत्तर:
राजा ने तपस्वी बोधिसत्व के कथन की परीक्षा लेने के लिए (UPBoardSolutions.com) अधर्म और अन्याय से राज्य करना शुरू किया।

प्रश्न 5:
‘राजा के धर्म विमुख होने पर सारा राज्य दुख को प्राप्त होता है’ कथन का आशय बताइए।
उत्तर:
राजा के धर्म विमुख होने से सारा राज्य दुख को प्राप्त होता है। इसका अर्थ है यथा राजा । तथा प्रजा। बुरे नेताओं से देश में अराजकता और दुख उत्पन्न होता है।

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भाषा की बातप्रश्न

प्रश्न 1:
नीचे लिखे हुए …………………. वाक्य बने हैं।
नीचे लिखे मिश्रित वाक्यों से मुख्य और अधीन वाक्य अलग-अलग लिखिए (वाक्य लिखकर)

(क) वह ऐसे व्यक्ति को ढूँढता था।                     –             मुख्य वाक्य
जो उसके दोषों को बता सके।                             –            अधीन वाक्य

(ख) अधर्म और अन्याय से राज करूगा और देगा।        –            मुख्य वाक्य
कि बोधिसत्त्व की बात में कितनी सच्चाई है?                   –          अधीन वाक्य

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प्रश्न 2:
तुलना की दृष्टि से ………………….का अर्थ ‘सबसे श्रेष्ठ’ है। (UPBoardSolutions.com) इसी प्रकार नीचे दिये गये शब्दों के तीनों रूप लिखिए ( रूप लिखकर )
उत्तर:
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प्रश्न 3:
नीचे कुछ शब्द और उनके विलोम शब्द दिये गये हैं। उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़कर शब्द और उनके विलोम शब्दों के जोड़े बनाकर लिखिए (जोड़े बनाकर)
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 राजधर्म (मंजरी) image - 3

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प्रश्न 4:
शब्द अन्त्याक्षरी को आगे बढ़ाइए- प्रबन्ध-धनवान-नदी ……..
उत्तर:
प्रबन्ध – धनवान – नदी – दीवाली – लीची – चीनी – नीला – लाल – लड़की – कील

यह भी करें:
एक बार की बात है। भारत के एक प्रसिद्ध संत जापान की यात्रा पर गए थे। एक दिन वे ट्रेन से जापान के भीतर उन भागों में घूम रहे थे। उस दिन वे फलाहार पर थे। फल खरीदने के लिए वे एक स्टेशन पर उतरे। लेकिन उन्हें कहीं कोई फलवाला नहीं दिखाई दिया। (UPBoardSolutions.com) फलवाले को ढूंढते-ढूंढते जब वे थक गए तो अपने-आप में बड़बड़ाए कि कैसा देश है यह? यहाँ फल भी नहीं मिलता। उनकी बात वहाँ बैठा एक युवक सुन रहा था। वह झट से उठा और दौड़कर कहीं गया। 15-20 मिनट बाद वह अपने हाथ में फलों की टोकरी लेकर लौटा और संत को आदरपूर्वक दे दिया। संत ने कृतज्ञता व्यक्त की और फलों की कीमत देने की बात की। युवक ने विनम्रतापूर्वक फलों की कीमत लेने से इनकार दिया और बड़ी ही मधुर वाणी में उसने संत से कहा- महामना! यदि आप मुझे कुछ देना ही चाहते हैं तो कृपया यह वचन दीजिए कि आप अपने देश में जाकर ये नहीं कहेंगे कि जापान में फल नहीं मिलता। इससे मेरे देश की बदनामी होगी। वे महान भारतीय संत उस युवक का अपने देश के प्रति प्रेम देखकर आश्चर्यचकित और आत्मविभोर हो गए।

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UP Board Solutions for Class 6 English Essays (निबन्ध )

UP Board Solutions for Class 6 English Essays (निबन्ध )

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Essays (निबन्ध)

THE Cow (गाय)

The cow is a pet animal. It is a gentle animal. Its colour is white. It has four legs. It has two horms. It has two eyes. It has two ears. It has a long tail. It eats grass. It gives us milk. We call it mother.

हिन्दी अनुवाद- गाय एक पालतू जानवर है। वह एक सीधा पशु है। उसका रंग सफेद है। उसकी चार टाँगें होती हैं। उसके दो सींग होते हैं। उसकी दो आँखें होती हैं। उसके (UPBoardSolutions.com) दो काम होते हैं। उसकी एक लम्बी पूँछ होती है। वह घास खाती है। वह हमें दूध देती है। हम उसे माँ कहकर पुकारते हैं।

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THE DOG (कुत्ता)

The dog is a faithful animal. I have a black dog. Some dogs are brown. Some are white. It has four legs. It has two eyes. It has two ears. It has one tail. It eats bread and meat. It runs very fast.

हिन्दी अनुवाद- कुत्ता एक वफादार पशु है। मेरे पास काला कुत्ता है। कुछ कुत्ते भूरे होते हैं। कुछ सफेद होते हैं। उसकी चार टाँगें होती हैं। उसकी दो आँखें होती हैं। उसके दो कान होते हैं। उसकी एक पूँछ होती हैं। वह रोटी और मांस खाता है। वह बहुत तेज दौड़ता है।

THE ELEPHANT ( हाथी)

The elephant is a big animal. It has four legs. It has two eyes. Its eyes are very small. It has two ears. Its ears are like fans. It eats grass, leaves and bread. It is very fond of sugarcane.

हिन्दी अनुवाद- हाथी एक बड़ा पशु है। उसकी चार टाँगें होती हैं। उसकी दो आँख होती हैं। उसकी आँखें बहुत छोटी होती हैं। उसके दो कान होते हैं। उसके कान पंखे के (UPBoardSolutions.com) समान होते हैं। वह घास, पत्तियाँ और रोटी खाता है। वह गन्ने का बहुत शौकीन होता है।

MY FRIEND ( मेरा मित्र)

He is Anil. He is my friend. He is my class fellow. He lives near my house. His father is a teacher. He is very wise. He plays with me. He works hard. His teachers love him. He always helps me.

हिन्दी अनुवाद- वह अनिल है। वह मेरा मित्र है। वह मैरी सहपाठी है। वह मेरे घर के पास रहता है। उसके पिता जी एक अध्यापक हैं। वह बुद्धिमान है। वह मेरे साथ खेलता है। वह कठिन परिश्रम करता है। उसके अध्यापक उसे प्रेम करते हैं। वह सदा मेरी सहायता करता है।

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MY SCHOOL( मेरा विद्यालय)

I read in Gove. Inter School. The building of my school is very big. There are fifty.. rooms. There are vast fields. There is a beautiful garden. There (UPBoardSolutions.com) are sixty teachers in my school. There are nine hundred fifty students. It shows good results every year. Sh. Gyan Chand is the Principal of our school. All teachers love the students.

हिन्दी अनुवाद- मैं राजकीय इन्टर विद्यालय में पढ़ता हूँ। मेरे विद्यालय की इमारत बहुत बड़ी है। इसमें 50 कमरे हैं। इसमें विस्तृत मैदान हैं। इसमें एक सुन्दर बाग है। इसमें 60 अध्यापक हैं। इसमें 950 विद्यार्थी हैं। प्रतिवर्ष इसका परीक्षाफल अच्छा होता है। श्री ज्ञानचन्द हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य हैं। सभी अध्यापक विद्यार्थियों से प्रेम करते हैं।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 व्यवसायेषु संस्कृतम् (अनिवार्य संस्कृत)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 व्यवसायेषु संस्कृतम् (अनिवार्य संस्कृत)

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संस्कृतज्ञाः …………………………………………………….. भवति

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत के ज्ञाता ज्योतिषी रूप से और चिकित्सक रूप से संसार के उपकार में लगे होते हैं। कर्मकाण्ड करने वाला और यज्ञ करने वाले हवि रूप से और औषधि वनस्पतियाँ रूप से परिवर्तन करके बादलों की रचना में साधक होते हैं। मेघों से वर्षा होती है। वर्षा से अन्न आदि होते हैं। उनसे प्राणियों को पोषण होता है।

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गणक ज्यौतिषं वेदानां …………………………………………………….. सम्मानयन्ति।

हिन्दी अनुवाद – ज्योतिष में वेदों का नेत्रों से वर्णन होता है। उसके विद्वान को ज्योतिषी कहा जाता है। वह ग्रह नक्षत्रों का अध्ययन करता है। वह ग्रहों के लोगों पर प्रभाव को भी विचार करता है। हिन्दू लोगों के प्रत्येक नामकरण आदि संस्कार करने के लिए तथा नए कार्य का प्रारम्भ करने के लिए वह शुभ-अशुभ मुहूर्त बताता है। अतः वह नम्रता व्यक्त (UPBoardSolutions.com) करने वाले वेश से युक्त, सत्य बोलने वाला और पवित्र देशकाल का ज्ञाता होता है। इस प्रकार के बहुत ज्ञानी, देवज्ञानी को लोग सम्मान करते हैं।

चिकित्सक ऋग्वेदादयः …………………………………………………….. उपयोगिता अस्ति।

हिन्दी अनुवाद – ऋग्वेद आदि वेद चार हैं। आयुर्वेद आदि उनके उपवेद होते हैं। आयुर्वेद का विद्वान चिकित्सक होता है। वह औषध विधान में (दवा का निर्माण करने में) और उनके प्रयोग में निपुण होता है। योगतन्त्र और शल्य क्रिया आदि के प्रयोग से वह प्राणियों का हित करता है। भारतीय विद्या में लोगों की तरह ही हाथी, घोड़ों, पशुओं और वृक्षों आदि के भी रोगों की शान्ति के लिए भी विचार किया जाता है। धनवन्तरि, अश्विनी, आत्रेय, चरक, सुश्रुत, त्र्यम्बक शास्त्री, सत्यनाराण शास्त्री और अन्य अनेक चिकित्सक श्रेष्ठ थे। वे शारीरिक मानसिक रोगों को दूर करने में समर्थ थे। चिकित्सकों द्वारा लोगों का धन लूट लेना भी अशोभनीय और (UPBoardSolutions.com) अपकीर्ति करने वाला कर्म है। इस प्रकार के और अनेक व्यवसाय हैं, जिनमें संस्कृत भाषा की और संस्कृत के ज्ञान की सर्वाधिक उपयोगिता है।

अभ्यास 

प्रश्न 1.
उच्चारण करें
नोट – विद्वार्थी स्वयं उच्चारण करें।

प्रश्न 2.
एक पद में उत्तर दें
(क) वेदानां नेत्रं किमस्ति?
उत्तर : ज्योतिषं।

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(ख)
वेदाः कति सन्ति?
उत्तर :चत्वारः

(ग)
गणकः कीदृशो भवेत्?
उत्तर : विनीतवेशः सत्यवक्ता।

(घ)
कम् उपवेद ज्ञात्वा जनः चिकित्सकः भवति?
उत्तर : आयुर्वेदस्य।

प्रश्न 3.
मजूषा से उचित पदों को चुनकर रिक्त-स्थानों की पूर्ति करें ( पूर्ति करके)
(क) याज्ञिकोः यज्ञे हव्यरूपेणं आहुति द्वारा मेघान् उत्पादयन्ति।
(ख) ज्योतिषं वेदानां नेत्रम् वर्णितमस्ति।
(ग) बहुषु व्यवसायेषु संस्कृतज्ञानां महती उपयोगिता अस्ति।
(घ) आयुर्वेदस्य विद्वान् चिकित्सकः भवति।।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए
(क) आयुर्वेद एक उपवेद है।
संस्कृत अनुवाद – आयुर्वेदः एकः उपवेदः अस्ति।

(ख)
ज्योतिषशास्त्र से ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव का ज्ञान होता है।
संस्कृत अनुवाद – ज्योतिषशास्त्रेण ग्रहनक्षत्राणाम् प्रभावस्य ज्ञानं भवति।

(ग)
चिकित्सक को विनीत और कुशल होना चाहिए।
संस्कृत अनुवाद – चिकित्सकः विनीत कुशलः च भवेत्।।

(घ)
चिकित्सक व्याधियों को दूर करता है।
संस्कृत अनुवाद – चिकित्सकः रोगान् हरेणं करोति।

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प्रश्न 5.
नीचे दिए गए पदों से संस्कृत वाक्य बनाएँ (वाक्य बनाकर )
मेधैः               –         मेधैः वृष्टिपातः भवति।
कन्दुकेन        –         बालकाः कन्दुकेन क्रीडन्ति।
पुष्पेण            –         पुष्पेण सुगन्धं लभति।।
वायुयानेन       –         वायुयानेन आकाशमार्गे यात्रा भवति।
जलयानेन       –         सः जलयानेन आगच्छत्।
जलेन             –         जलेन अन्नामि भवन्ति।

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UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 3 नदी घाटी की सभ्यता – हड़प्पा सभ्यता

UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 3 नदी घाटी की सभ्यता – हड़प्पा सभ्यता

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अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में सही विकल्प पर सही का निशान (✓) लगाइए :

(अ) सिन्धु घाटी की सभ्यता थी –
(क) ग्रामीण सभ्यता
(ख) नगरीय सभ्यता (✓)
(ग) अर्द्धनगरीय सभ्यता

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(ब) मोहनजोदड़ो के नगर बसे थे –
(क) आजकल के गाँवों की तरह
(ख) टेढ़ी-मेढ़ी गलियों में
(ग) एक निश्चित योजना के अनुसार (✓)

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरिए –

(क) मोहनजोदड़ो का अर्थ मृतकों का टीला है।
(ख) रोपड़ भारत के पंजाब राज्य में, कालीबंगा राजस्थान राज्य में है।
(ग) व्यापार इराक और सिन्धु घाटी के शहरों के बीच होता था।

प्रश्न 3.
सही जोड़े बनाइए (मिलाकर) –
UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 3 नदी घाटी की सभ्यता - हड़प्पा सभ्यता 1

प्रश्न 4.
प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

(क) कांसे की बनी नर्तकी की मूर्ति कहाँ से प्राप्त हुई है?
उत्तर :
कांसे की बनी नर्तकी की मूर्ति हड़प्पाकालीन नगर मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुई है।

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(ख) हड़प्पा के लोगों का विदेश व्यापार किस देश के साथ होता था?
उत्तर :
हड़प्पा के लोगों का विदेश व्यापार मेसोपोटामिया इराक) के साथ होता था।

(ग) मगज का अविष्कार सर्वप्रथम कहाँ हुआ?
उत्तर :
कागज का आविष्कार सर्वप्रथम चीन में हुआ।

(घ) कौन सी सभ्यता नील नदी का वरदान’ नाम से प्रसिद्ध है?
उत्तर :
मिस्र सभ्यता नील नदी का वरदान’ नाम से प्रसिद्ध है।

प्रश्न 5.
मानचित्र देखकर हड़प्पा कालीन पुरास्थलों की सूची बनाइए।
उत्तर :
स्वयं करें। संकेत- मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल आदि

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प्रश्न 6.
टिप्पणी लिखिए –
उत्तर :
हड़प्पा कालीन नगर निर्माण योजना – हड़प्पा कालीन नगरों का निर्माण एक निश्चित योजना के आधार पर किया गया था। सड़कें चौड़ी थीं तथा वे छोटी-छोटी सड़कों एवं गलियों से जुड़ी थीं। सड़कें पूर्व से पश्चिम की ओर तथा उत्तर से दक्षिण की ओर जाती थीं। सड़कों के किनारे पक्की नालियाँ बनी थीं। हर घर (UPBoardSolutions.com) की नाली बड़े नालों से मिल जाती थी। हर नाली में हल्की सी ढाल होती थी। ताकि पानी आसानी से बह सके। इससे पता चलता है कि इस सभ्यता के लोग सफाई और स्वच्छता के प्रति जागरूक थे।

हड़प्पा कालीन व्यापार – हड़प्पा के नगरों से पत्थर, हाथी दाँत, धातु एवं मिट्टी की बनी वस्तुएँ मिली हैं। कुछ विद्वान सोचते हैं कि ये वास्तव में व्यापारियों की मुहरें थीं। ये विभिन्न आकार की हैं। इन मुहरों पर आदमी की आकृतियाँ, कुछ पर जानवरों की, पौधों की और कुछ पर बर्तनों की आकृतियाँ बनी हुई हैं। व्यापारी जब एक जगह से दूसरी जगह सामान भेजते थे तो सामान बाँधकर उस पर गीली मिट्टी छापते होंगे और गीली मिट्टी पर अपनी मुहर से छाप बना देते होंगे ताकि उनके सामान की पहचान बनी रह सके। तौल और नाप के लिए बटखरे और पैमाने का प्रयोग करते थे। ऐसी मुहरें दूसरे देशों में भी पाई गई हैं- खासकर मेसोपोटामिया (इराक) में लगता है कि उन दिनों इराक और हड़प्पा के नगरों के बीच व्यापार होता था।

हड़प्पा कालीन रहन-सहन – चावल, गेहूँ और जौ हड़प्पा वासियो के मुख्य भोज्य पदार्थ थे। ये लोग सूती एवं ऊनी दोनों प्रकार के वस्त्र पहनते थे। यहाँ के निवासी गेहूँ, जौ, कपास, मटर, तिल और चावल की खेती करते थे। ऊँचे कंधों वाले बैल, गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सुअर, हाथी और ऊँटे इनके पालतू (UPBoardSolutions.com) पशु थे। हार, कंगन, पाजेब (पायल), बाली, अंगूठी उनके प्रिय आभूषण थे। मनका बनाने का कारखाना चन्हूदड़ों से प्राप्त हुआ है।

हड़प्पा कालीन देवी-देवता – हड़प्पावासी मिट्टी से देवी-देवता की मूर्तियाँ बनाते थे। इस प्रकार की एक मातृदेवी की मूर्ति खुदाई में प्राप्त भी हुई है। इसके अलावा पत्थर के चौकोर पट्टे पर एक आकृति के सिर पर भैंसे के सींग का चित्र भी मिला है। उसके चारों तरफ कई जानवर बने हैं। संभवतः सिंधुवासी इन्हें पशुओं का देवता मानकर पूजते थे। कुछ मुहरों पर पीपल की पत्तियाँ और साँप की आकृतियाँ भी। बनी मिली हैं। शायद वे इनकी भी पूजा करते थे। इतिहासकार मानते हैं कि हड़प्पावासी मातृशक्ति की उपासना, शिव की पूजा, वृक्ष पूजा और पशु-पूजा करते थे।

प्रश्न 7.
सिन्धु घाटी के नगरों के बारे में लोगों को कैसे पता चला? हड़प्पा सभ्यता के नष्ट होने के क्या कारण हो सकते थे?
उत्तर :
सन् 1921 में पुरातत्व विदों ने पंजाब प्रांत में हड़प्पी नामक स्थल की खोज की जिसके अध्ययन से ज्ञात हुआ कि यह एक नगरीय सभ्यता के अवशेष हैं। इसी प्रकार सिंध प्रांत में मोहनजोदड़ो की खोज हुई। जब इन स्थलों की विस्तृत खुदाई हुई तो नीचे दबा हुआ पूरा का पूरा शहर निकल आया। (UPBoardSolutions.com) धीरे-धीरे खोज आगे बढ़ी और पता चला कि उस समय कई नगर थे। ये सभी नगर सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों की घाटी में बसे हुए थे। हड़प्पा सभ्यता के नष्ट होने के कई कारण हो सकते हैंबाढ़ या भूकंप, महामारी, आक्रमण, आग या फिर आर्यों का आगमन।

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प्रश्न 8.
किस कारण सभी प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ? (नदियों से विशेष लाभ क्या थे?)
उत्तर :
खेती के लिए पानी की उपलब्धता ने अधिक अन्न उत्पादन में मदद की। इससे व्यापार को बढ़ावा मिला जिससे नगरों का विकास संभव से सका। व्यापार के लिए जलमार्ग सुलभ था। साथ ही नदी मार्ग से व्यापार सस्ता, आसान तथा सुरक्षित था। नगरीय जीवन में कृषि की अपेक्षा अन्य काम-धंधों – को अधिक महत्व मिला। इन काम-धंधों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता तथा उससे निर्मित वस्तुओं ने (UPBoardSolutions.com) नगरीय जीवन को और उन्नत बनाया। यही कारण है कि सभी प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे ही हुआ।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित तालिका पूरी करिए –
UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 3 नदी घाटी की सभ्यता - हड़प्पा सभ्यता 2

प्रश्न 10.
सिन्धु घाटी के नगरों से मिलने वाली मुहरों के बारे में चार मुख्य बातें बताइए।
उत्तर :
सिन्धु घाटी के शहरों से प्राप्त मुहरों पर आदमी, जानवरों, पौधों और बर्तनों की आकृतियाँ बनी हुई हैं। एक मिट्टी की मूर्ति मिली है जो शायद उन लोगों की देवी की मूर्ति थी। एक आकृति के सिर पर भैंस का चित्र है। शायद यह पशुओं का देवता था जो पूजा जाता था। एक मुहर पर पीपल की पत्तियाँ (UPBoardSolutions.com) और साँप बने हैं। शायद इनकी भी पूजा होती थी।

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प्रोजेक्ट वर्क –

  • नदियों से क्या-क्या लाभ होते हैं? अपने प्रदेश की मुख्य नदियों के किनारे बसे नगरों की सूची बनाइए।
  • आपके घर में मिट्टी से बनी भिन्न-भिन्न वस्तुओं का प्रयोग होता होगा। उन वस्तुओं की सूची बनाएँ। यह भी पता करें कि इन वस्तुओं को कौन बनाता है?

नोट – विद्यार्थी अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

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