UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 19 हमारा संविधान

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 19 हमारा संविधान

हमारा संविधान अभ्यास

प्रश्न १.
उत्तर दें –
(क) हमारा संविधान क्यों बनाया गया?
उत्तर:
देश की शासन व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए हमारा संविधान बनाया गया।

(ख) संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर:
संविधान सभा के अध्यक्ष डा० राजेन्द्र प्रसाद थे।

(ग) संविधान बनाने के लिए गठित उपसमिति के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर:
संविधान बनाने के लिए गठित उपसमिति के अध्यक्ष डा० भीमराव अम्बेडकर थे।

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प्रश्न २.
निम्नलिखित वाक्यों की पूर्ति करो (पूर्ति करके) –
(क) हमारा भारतीय संविधान २६ जनवरी, १६५० को लागू किया गया।
(ख) प्रतिवर्ष २६ जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

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UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 18 स्वतंत्र भारत में बदलता समाज

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 18 स्वतंत्र भारत में बदलता समाज

स्वतंत्र भारत में बदलता समाज अभ्यास।

प्रश्न १.
यदि तुम ग्राम प्रधान बन जाओ तो विकास के क्या-क्या काम कराओगे? लिखो और उनका चित्र भी बनाओ।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें और चित्र बनाएँ।

प्रश्न २.
जनसंख्या वृद्धि से क्या समस्याएँ पैदा होती हैं?
उत्तर:
नोट – जनसंख्या वृद्धि से आवास, शिक्षा, खाद्य, बिजली, प्रदूषण आदि समस्याएँ पैदा होती हैं।

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 18 स्वतंत्र भारत में बदलता समाज

प्रश्न ३.
निम्नलिखित वाक्यों में सही बात पर (✓) का चिह्न तथा गलत बात पर (✗) का चिह्न लगाओ (सही-गलत का चिह्न लगाकर) –
(क) जनसंख्या वृद्धि से समस्याएँ बढ़ रही हैं।
(ख) नहरों से सिंचाई का काम आसान नहीं हुआ है।
(ग) सड़कें न होतीं तो भी हमारा आना-जाना आसान था।
(घ) जनसंख्या का देश के विकास पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
(ङ) देश के विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाएँ बनी हैं।

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प्रश्न ४.
दो परिवारों के पास जाओ और उनसे पूछकर निम्नलिखित चीजें नोट करो जैसे-
(क) परिवार में सदस्य
(ख) परिवार की आय
(ग) परिवार के व्यवसाय
(घ) मकान कच्चा/पक्का नोट – विद्यार्थी स्वयं नोट करें।

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UP Board Solutions for Class 4 English Rainbow Chapter 9 In The Garden

UP Board Solutions for Class 4 English Rainbow Chapter 9 In The Garden (बगीच में)

In The Garden Word Meanings (शब्दार्थ)

garden – बगीचा, sweet smell – सुगंध, jasmine – चमेली, sunflower – सूरजमुखी, marigold – गेंदा, national flower – राष्ट्रीय पुष्प, lotus – कमल

In The Garden Summary Of The Lesson (पाठ का सार)

Aamir, Ruchi ……………………………………………………………. National Flower.

अनुवाद – आमिर, रुचि, जॉन और गुरमीत बगीचे में गए।
जॉन – कितनी अच्छी सुगंध है!
आमिर – हाँ, गुलाब के फूलों की सुगंध बहुत अच्छी होती है। मैं इन्हें बहुत पसंद करता हूँ। तुम्हें कौन-सा फूल सबसे ज्यादा पसंद है?
जॉन – मुझे चमेली के फूल पसंद हैं। उनकी खुशबू भी बहुत अच्छी होती है।
रुचि – अरे! इन बड़े पीले फूलों को क्या कहते हैं?
गुरमीत – वे सूरजमुखी के फूल हैं।
रुचि – और वे दूसरे पीले फूल क्या कहलाते हैं?
गुरमीत – वे गेंदे के फूल हैं। क्या तुम जानते हो हमारा राष्ट्रीय फूल कौन-सा है?
आमिर – हाँ, कमल हमारा राष्ट्रीय पुष्प है।

In The Garden Exercise (अभ्यास)

Answer the following questions : निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो

Question 1.
Who went to the garden? बगीचे में कौन गए?
Answer:
Aamir, Ruchi, John and Gurmeet went to the garden.
आमिर, रुचि, जॉन और गुरमीत बगीचे में गए।

Question 2.
Which is our national flower? हमारा राष्ट्रीय पुष्प कौन-सा है?
Answer:
Lotus is our national flower. कमल हमारा राष्ट्रीय पुष्प है।

Question 3.
Which is your favourite flower? तुम्हारा मनपसंद फूल कौन-सा है?
Answer:
Do it yourself. विद्यार्थी स्वयं करें।

See the pictures of the flowers and write their names :
फूलों के चित्र देखो तथा उनके नाम लिखो (नाम लिखकर)
UP Board Solutions for Class 4 English Rainbow Chapter 9 In The Garden 1

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UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज

UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज

अभ्यास

प्रश्न 1.
ब्याज की गणना करो-
(क) मूलधन रु. 700, दर 5% , समय 2 वर्ष।
हल:
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 1

(ख) मूलधन रु. 450, दर 7% , समय 3 वर्ष
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 2

(ग) मूलधन रु. 1000, दर 6% , समय 1 वर्ष
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 3

प्रश्न 2.
दिनेश ने घर बनवाने के लिए 15000 रुपए, 15% वार्षिक ब्याज की दर से बैंक से ऋण लिया। 3 वर्ष बीतने पर दिनेश को कितने रुपए वापस करने होंगे?
हल:
मूलधन = 15000 रु०, दर = 15 % वार्षिक, समय = 3 वर्ष
ब्याज = [latex]\frac{15000 \times 15 \times 3}{100}[/latex] = 6750 रु०
अतः 3 वर्ष बाद दिनेश को धन वापस करना होगा = 15000 + 6750 = 21750 रु.

प्रश्न 3.
मथुरा ने दुकान खोलने के लिए 16000 रु० बैंक से 10% वार्षिक ब्याज पर ऋण लिया। 2 वर्ष बाद उसे कितने रुपए वापस करने होंगे। मथुरा के पास इस समय 15000 रुपए हैं। ऋण चुकाने के लिए उसे कितने रुपए और चाहिए?
हल:
मूलधन = 16000 रु०, दर = 10% , समय = 2 वर्ष
ब्याज = [latex]\frac{16000 \times 10 \times 2}{100}[/latex] = 3200 रु.
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 4
अतः मथुरा को ऋण चुकाने के लिए 4200 रु. और चाहिए।

प्रश्न 4.
जुबैदा ने सिलाई मशीन खरीदने के लिए 4000 रुपए 12% वार्षिक ब्याज की दर से उधार लिए। 3 वर्ष बाद उसे कितने रुपए लौटाने होंगे?
हल:
मूलधन = 4000रु०, दर = 12% वार्षिक, समय = 3 वर्ष
ब्याज = [latex]\frac{4000 \times 12 \times 3}{100}[/latex] = 1440 रु०
अत: 3 वर्ष बाद जुबैदा को रुपए लौटाने होंगे = 4000 + 1440 = 5440 रु.

कितना सीखा-3

प्रश्न 1.
8, 0, 6, 0, 1 से बनने वाली पाँच अंकों की सबसे बड़ी और सबसे छोटी संख्याएँ लिखो। जबकि शून्य के अतिरिक्त कोई अंक दोहराया नहीं जाता है।
हल:
सबसे बड़ी संख्या = 86100
सबसे छोटी संख्या = 10068

प्रश्न 2.
दी गई संख्याओं का मस. निकालो।
(क) 32,48.
हल:
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 5

(ख) 21,35
हल:
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 6

प्रश्न 3.
वह बड़ी से बड़ी संख्या बताओ, जिससे 15, 30 और 45 को पूरा-पूरा विभाजित किया जा सके।
हल:
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 7
अतः बड़ी से बड़ी संख्या = 15

प्रश्न 4.
एक टोकरी के फूलों से 18, 48 और 40 फूलों की मालाएँ बन सकती हैं। टोकरी में कम से कम कितने फूल हैं?
हल:
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 8

प्रश्न 5.
मान बताओ (मान बताकर)-
हल:
(क)
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 9

(ख)
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 10

(ग)
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प्रश्न 6.
निम्नलिखित भिन्नों को दशमलव में बदलो (बदलकर)
हन:
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प्रश्न 7.
निम्नलिखित दशमलव संख्याओं को भिन्नों में बदलो (बदलकर)
हल:
(क)
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(ख)
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(ग)
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(घ)
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 16

प्रश्न 8.
मान बताओ (मान बताकर)-
हल:
(क) 0.023 × 100 = 2.3
(ख)1.541 × 1000 = 1541

प्रश्न 9.
एक दुकानदार को 500 रुपए की लागत पर 8% का लाभ हुआ। उसे कुल कितने रुपए का लाभ हुआ?
हल:
दुकानदार को लाभ हुआ = 500 रुपए का 8% = [latex]\frac{500 \times 8}{100}[/latex] = 40 रुपए

प्रश्न 10.
[latex]\frac{3}{4}[/latex] को प्रतिशत में लिखो।
हल:
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प्रश्न 11.
निम्नांकित सारिणी में रिक्त स्थान की पूर्ति करके (पाठ्यपुस्तक के अनुसार)-
हल:
(क) लाभ = 90 रु०
(ख) विक्रय मूल्य = 580 रु०
(ग) क्रय मूल्य = 13000 रु०

प्रश्न 12.
रु. 750 का 3 वर्ष में 5% वार्षिक ब्याज की दर से साधारण ब्याज ज्ञात कीजिए।
हल:
मूलधन = 750 रु०, समय = 3 वर्ष, दर = 5 % वार्षिक
साधायान ब्याज = [latex]\frac{750 \times 3 \times 5}{100}=\frac{225}{2}[/latex] = 112.50 रुपए

प्रश्न 13.
सरल करोहल:
(क)
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(ख)
UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 12 साधारण ब्याज 19
(ग) 526880 ÷ 32 = 16465
(घ) 598292 × 267 = 159743964

प्रश्न 14.
15 पुस्तकों का मूल्य 85.50 हैं। ऐसी ही 37 पुस्तकों का मूल्य कितना होगा?
(क) 555 रुपए
(ख) 210.90 रुपए
(ग) 2843.50 रुपए
(घ) 2109 रुपए
हल:
∵ 15 पुस्तकों का मूल्य = 85.50 रु०
∴ 1 पुस्तक का मूल्य [latex]\frac{85.50}{15}[/latex]
∴ 37 पुस्तकों का मूल्य = 8[latex]\frac{85.50}{15}[/latex] × 37 = 210.90 रु० (ख) सही है।

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UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi गद्य Chapter 3 राबर्ट नर्सिंग होम में

UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi गद्य Chapter 3 राबर्ट नर्सिंग होम में part of UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi गद्य Chapter 3 राबर्ट नर्सिंग होम में.

Board UP Board
Textbook SCERT, UP
Class Class 12
Subject Sahityik Hindi
Chapter Chapter 3
Chapter Name राबर्ट नर्सिंग होम में
Number of Questions Solved 2
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi गद्य Chapter 3 राबर्ट नर्सिंग होम में

राबर्ट नर्सिंग होम में – जीवन/साहित्यिक परिचय

(2018, 14, 13, 12, 11, 10)

प्रश्न-पत्र में पाठ्य-पुस्तक में संकलित पाठों में से लेखकों के जीवन परिचय, कृतियाँ तथा भाषा-शैली से सम्बन्धित एक प्रश्न पूछा जाता है। इस प्रश्न में किन्हीं 4 लेखकों के नाम दिए जाएँगे, जिनमें से किसी एक लेखक के बारे में लिखना होगा। इस प्रश्न के लिए 4 अंक निर्धारित हैं।

जीवन परिचय एवं साहित्यिक उपलब्धियाँ
कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ का जन्म वर्ष 1906 में देवबन्द (सहारनपुर) के एक । साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम पं. मादत्त मिश्र था। वे कर्मकाण्डी ब्राह्मण थे। प्रभाकर जी की आरम्भिक शिक्षा ठीक प्रकार से नहीं हो पाई, क्योंकि इनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इन्होंने कुछ समय तक खुर्जा की संस्कृत पाठशाला में शिक्षा प्राप्त की। वहाँ पर राष्ट्रीय नेता आसफ अली का व्याख्यान सुनकर ये इतने अधिक प्रभावित हुए कि परीक्षा बीच में ही छोड़कर राष्ट्रीय आन्दोलन में कूद पड़े। तत्पश्चात् इन्होंने अपना शेष जीवन राष्ट्रसेवा के लिए अर्पित कर दिया। भारत के स्वतन्त्र होने के बाद इन्होंने स्वयं को पत्रकारिता में लगा दिया।

लेखन के अतिरिक्त अपने वैयक्तिक स्नेह और सम्पर्क से भी इन्होंने हिन्दी के अनेक नए लेखकों को प्रेरित और प्रोत्साहित किया। 9 मई, 1995 को इस महान् साहित्यकार का निधन हो गया।

साहित्यिक सेवाएँ
हिन्दी के श्रेष्ठ रेखाचित्रकारों, संस्मरणकारों और निबन्धकारों में प्रभाकर जी का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान है। इनकी रचनाओं में कलागत आत्मपरकता, चित्रात्मकता और संस्मरणात्मकता को ही प्रमुखता प्राप्त हुई है। स्वतन्त्रता आन्दोलन के दिनों में इन्होंने स्वतन्त्रता सेनानियों के अनेक मार्मिक संस्मरण लिखे। इस प्रकार संस्मरण, रिपोर्ताज और पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रभाकर जी की सेवाएँ चिरस्मरणीय हैं।

कृतियाँ
प्रभाकर जी के कुल 9 ग्रन्थ प्रकाशित हुए हैं-

  1. रेखाचित्र नई पीढी के विचार, ज़िन्दगी मुस्कराई, माटी हो गई सोना, भूले-बिसरे चेहरे।
  2. लघु कथा आकाश के तारे, धरती के फूल
  3. संस्मरण दीप जले शंख बजे।।
  4. ललित निबन्ध क्षण बोले कण मुस्काए, बाजे पायलिया के धुंघरू।।
  5. सम्पादन प्रभाकर जी ने ‘नया जीवन’ और ‘विकास’ नामक दो समाचार-पत्रों का सम्पादन किया। इनमें इनके सामाजिक, राजनैतिक और शैक्षिक समस्याओं पर आशावादी और निर्भीक विचारों का परिचय मिलता है। इनके अतिरिक्त, ‘महके आँगन चहके द्वार’ इनकी अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कृति है।

भाषा-शैली
प्रभाकर जी की भाषा सामान्य रूप से तत्सम प्रधान, शुद्ध और साहित्यिक खड़ी बोली है। उसमें सरलता, सुबोधता और स्पष्टता दिखाई देती हैं। इनकी भाषा भावों और विचारों को प्रकट करने में पूर्ण रूप से समर्थ है। मुहावरों और लोकोक्तियों के प्रयोग ने इनकी भाषा को और अधिक सजीव तथा व्यावहारिक बना दिया है। इनका शब्द संगठन तथा वाक्य-विन्यास अत्यन्त सुगठित हैं। इन्होंने प्रायः छोटे-छोटे व सरल वाक्यों की प्रयोग किया है। इनकी भाषा में स्वाभाविकता, व्यावहारिकता और भावाभिव्यक्ति की क्षमता है। प्रभाकर जी ने भावात्मक, वर्णनात्मक, चित्रात्मक तथा नाटकीय शैली का प्रयोग मुख्य रूप से किया है। इनके साहित्य में स्थान स्थान पर व्यंग्यात्मक शैली के भी दर्शन होते हैं।

हिन्दी-साहित्य में स्थान
कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ मौलिक प्रतिभा सम्पन्न गद्यकार थे। इन्होंने हिन्दी ग की अनेक नई विधाओं पर अपनी लेखनी चलाकर उसे अमृद्ध किया है। हिन्दी भाषा के साहित्यकारों में अग्रणी और अनेक दृष्टियों से एक समर्थ गद्यकार के रूप में प्रतिष्ठित इस महान् साहित्यकार को मानव मूल्यों के सजग प्रहरी के रूप में भी सदैव स्मरण किया जाएगा।

राबर्ट नर्सिंग होम में – पाठ का सार

परीक्षा में ‘पाठ का सार’ से सम्बन्धित कोई प्रश्न नहीं पूछा जाता है। यह केवल विद्यार्थियों को पाठ समझाने के उद्देश्य से दिया गया है।

प्रस्तुत लेख में लेखक ने इन्दौर के रॉबर्ट नर्सिंग होम की एक साधारण घटना को इतने मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है कि वह घटना हमारे लिए सच्चे धर्म अर्थात् मानव सेवा और समता का पाठ पढ़ाने वाली घटना बन गई है।

लेखक का अतिथि से परिचारक बनना
लेखक कल तक जिनका अतिथि था, आज उनका परिचारक बन गया था, क्योंकि उसकी आतिथैया अचानक बीमार हो गईं और लेखक को उन्हें इन्दौर के रॉबर्ट नर्सिंग होम में भर्ती कराना पड़ा। नर्सिंग होम में लेखक की मुलाकात महिला नस से होती है, जो माँ के समान भावनाओं को अपने चेहरे एवं गतिविधियों में समाहित किए हुए हैं। माँ समान दिखने वाली एक नर्स ने लेखक के मरीज के होठों पर हँसी ला दी।

मदर टेरेसा और क्रिस्ट हैल्ड के मधुर सम्बन्ध
फ्रांस की रहने वाली मदर टेरेसा और जर्मनी की रहने वाली क्रिस्ट हैल्ड, दोनों के रूप, रस, ध्येय सब एक जैसे लग रहे थे। दोनों में कहीं से भी असमानता नजर नहीं आ रही थी। लेखक को यह जानने की अत्यधिक उत्सुकता हुई कि जर्मनी के हिटलर ने फ्रांस को तबाह कर दिया था। दोनों एक-दूसरे के शत्रु देश बन गए थे, लेकिन यहाँ तो शत्रु देश की नस के बीच मित्रता का अद्भुत संगम दिख रहा था। इसी दौरान लेखक को यह अहसास हुआ कि ये दोनों महिला नर्से विरोधी देशों की होने के बावजूद एक हैं। उन्हें एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।

भेदभाव की दीवारें मनुष्य द्वारा निर्मित
लेखक को मदर टेरेसा एवं क्रिस्ट हैल्ड के अनुभव से अनुभूत हुआ कि वास्तव में धर्म, जाति, राष्ट्र, वर्ग आदि को आधार बनाकर मनुष्य मनुष्य के बीच भेदभाव करने वाले वास्तव में मनुष्य ही हैं। मनुष्य ही अपने संकीर्ण स्वार्थों की पूर्ति के लिए भेदभाव की भिन्न-भिन्न दीवारें खड़ी करता है।

परोपकार एवं मानवीयता की भावना को चरितार्थ करना
लेखक कहना चाहता है कि रॉबर्ट नर्सिंग होम की महिला नसें जिस आत्मीयता, ममता, स्नेह, सहानुभूति की भावना से रोगियों की सेवा कर रही हैं, वह सचमुच सभी के लिए अनुकरणीय हैं। हम भारतीय तो गीता को पढ़ते हैं, समझते हैं और याद रखते हैं। इतना करके ही हम अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेते हैं, लेकिन ये महिला नसें तो उस गीता के सार को अपने जीवन में उतारती हैं। सच में ये धन्य हैं, ये मानव जाति के उज्ज्वल पक्ष हैं।

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्नोत्तर

प्रश्न-पत्र में गद्य भाग से दो गद्यांश दिए जाएँगे, जिनमें से किसी एक पर आधारित 5 प्रश्नों (प्रत्येक 2 अंक) के उत्तर:: देने होंगे।

प्रश्न 1.
नश्तर तेज था, चुभन गहरी पर मदर का कलेजा उससे अछूता रहा। बोलीं, “हिटलर बुरा था, उसने लड़ाई छेड़ी, पर उससे इस लड़की का भी घर ढह गया और मेरा भी; हम दोनों एक।’ ‘हम दोनों एक’ मदर । टेरेजा ने झूम में इतने गहरे डूब कर कहा कि जैसे मैं उनसे उनकी लड़की को छीन रहा था और उन्होंने पहले ही दाँव में मुझे चारों खाने दे मारा। मदर चली गई, मैं सोचता रहा, मनुष्य-मनुष्य के बीच मनुष्य ने ही कितनी दीवारें खड़ी की हैं-ऊँची दीवारे, मजबूत फौलादी दीवारें, भूगोल की दीवारें, जाति-वर्ग की दीवारें, कितनी मनहूस, कितनी नगण्य, पर कितनी अजेय। मैंने रूप से पाते देखा था, बहुतों को धन से और गुणों से भी पाते देखा था, पर मानवता के आँगन में समर्पण और प्राप्ति का यह अद्भुत सौम्य स्वरूप आज अपनी ही आँखों देखा कि कोई अपनी पीड़ा से किसी को पाए और किसी का उत्सर्ग । सदा किसी की पीड़ा के लिए ही सुरक्षित रहे।

उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: दीजिए।

(i) प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है तथा इसके लेखक कौन हैं?
उत्तर:
प्रस्तुत गद्यांश ‘रॉबर्ट नर्सिंग होम में’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ हैं।

(ii) मनुष्य ने मनुष्य के बीच किस प्रकार की दीवारें खड़ी की हैं?
उत्तर:
मनुष्य ने मनुष्य को लड़ाने के लिए जाति, धर्म, वर्ग तथा भौगोलिक सीमा आदि की दीवारें खड़ी की हैं। ये दीवारें इतनी विशाल हैं कि इन पर विजय पाना अब मनुष्य की सामर्थ्य में भी नहीं है।

(iii) लेखक ने व्यक्तियों को किन कारणों से प्रसिद्धि प्राप्त करते हुए देखा है?
उत्तर:
लेखक ने अनेक व्यक्तियों को अपने रूप-सौन्दर्य, आर्थिक सम्पन्नता तथा सद्गुणों एवं सद्व्यवहार के कारण प्रसिद्धि प्राप्त करते हुए देखा है।

(iv) प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से हमें क्या सन्देश मिलता हैं?
उत्तर:
प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से लेखक ने मदर टेरेसा के मानवतावादी दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए हमें सन्देश दिया है कि हमें उदार मन, सद्भावना एवं नि:स्वार्थ भाव से मानव सेवा करनी चाहिए।

(v) ‘जिसे जीता न जा सके’ वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखिए।
उत्तर:
‘जिसे जीता न जा सके’ वाक्यांश के लिए एक शब्द ‘अजेय’ है।

प्रश्न 2.
आदमियों को मक्खी बनाने वाला कामरूप का जादू नहीं, मक्खियों को आदमी बनाने वाला जीवन का जादू होम की सबसे बुढ़िया मदर मार्गरेट। कद इतना नाटा कि उन्हें गुड़िया कहा जा सके, पर उनकी चाल में गजब की चुस्ती, कदम में फुर्ती और व्यवहार में मस्ती, हँसी उनकी यों कि मोतियों की बोरी खुल पड़ी और काम यों कि मशीन मात माने। भारत में चालीस वर्षों से सेवा में रसलीन, जैसे और कुछ उन्हें जीवन में अब जानना भी तो नहीं।

उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: दीजिए।

(i) मदर मार्गरेट कौन थीं? लेखक ने उनके व्यक्तित्व का वर्णन किस रूप में किया?
उत्तर:
मदर मार्गरेट रॉबर्ट नर्सिंग होम की सबसे वृद्ध नर्स थीं। उनका कद एक गुडिया की भाँति छोटा था। वे व्यवहार में खुशमिजाज एवं फुर्तीली स्वभाव की थीं।

(ii) लेखक ने नर्सिंग होम की मदर मार्गरेट को जादूगरनी क्यों कहा है?
उत्तर:
मदर मार्गरेट अपनी ममता, सेवा भावना से एक दीन-हीन निराश रोगी के जीवन में आशा का संचार करके उन्हें स्वस्थ, हँसत-खेलता व्यक्ति बना । देती थीं, इसलिए लेखक ने मदर मार्गरेट को जादूगरनी कहा है।

(iii) “जैसे और कुछ उन्हें जीवन में अब जानना भी तो नहीं।” से लेखक को क्या आशय है?
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों से लेखक का आशय यह है कि मदर मार्गरेट अपना कार्य इतना एकाग्रचित एवं मग्न होकर करती थीं कि उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होता था कि जीवन में वह अब किसी और वस्तु को प्राप्त करना ही नहीं चाहतीं। वे इस सेवा के अतिरिक्त किसी अन्य विषय में सोचना व जानना भी नहीं चाहतीं।

(iv) प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से लेखक ने क्या अभिव्यक्त किया हैं?
उत्तर:
प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से लेखक ने मदर मार्गरेट की सेवा-भावना तथा उनके चामत्कारिक व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए उनके परोपकारी चरित्र की अभिव्यक्ति की है। लेखक ने इसी के साथ उनके निःस्वार्थ भाव से मानव-सेवा के गुण को भी प्रकट करने का सफल प्रयास किया है।

(v) ‘जीवन’, व ‘फुर्ती शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
उत्तर:
जीवन – मृत्युः
फुर्ती – सुस्ती।।

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