UP Board Class 10 Maths Model Papers Paper 2

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Board UP Board
Textbook NCERT Based
Class Class 10
Subject Maths
Model Paper Paper 2
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 10 Maths Model Papers Paper 2

समय : 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक : 70

निर्देश

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल सात प्रश्न हैं।
  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के प्रारम्भ में स्पष्ट उल्लेख है, कि उसके कितने खण्ड करने हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सम्मुख अंकित हैं।
  • प्रथम प्रश्न से प्रारम्भ कीजिए और अन्त तक करते जाइए। जो प्रश्न न आता हो, उस पर समय नष्ट न करें।
  • यदि रफ कार्य के लिए स्थान अपेक्षित है, तो उत्तर-पुस्तिका के बाएँ पृष्ठ पर कीजिए और फिर काट (x) दीजिए। उस पृष्ठ पर कोई हल न कीजिए।
  • रचना के प्रश्नों के हल में रचना रेखाएँ न मिटाइए। यदि पूछा गया हो तो रचना के पद अवश्य लिखिए।
  • प्रश्न संख्या 1 के अतिरिक्त सभी प्रश्नों के हल के क्रियापद स्पष्ट रूप से लिखिए। प्रश्नों के हल को उत्तर-पुस्तिका के दोनों ओर लिखिए।
  • जिन प्रश्नों के हल में चित्र खींचना आवश्यक है, उनमें स्वच्छ एवं स्पष्ट चित्र अवश्य खींचिए। चित्र के बिना हल अशुद्ध तथा अपूर्ण माना जाएगा।

प्रश्न 1.
सभी खंड कीजिए। प्रत्येक खंड में उत्तर के लिए चार विकल्प दिए गए हैं। जिनमें से केवल एक सही है। सही विकल्प छाँटकर उसे अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए।
(क) यूक्लिड की विभाजन उपप्रमेय के अनुसार किंहीं दो धनात्मक संख्याओं a तथा b के संगत दो अद्वितीय पूर्णांक q तथा । इस प्रकार होते हैं कि a = bq + r, जहाँ r निम्न में से किसको संतुष्ट करता है? [1]
(a) 1 < r < 5
(b) 0 < r < b
(c) 0 < r < b
(d) 0 < r

(ख) दिए गए चित्र में, यदि DE || BC है, तो x का मान होगा। [1]
UP Board Class 10 Maths Model Papers Paper 2 image 1
(a) 6 सेमी
(b) 8 सेमी
(c) 10 सेमी
(d) 12.5 सेमी

(ग) समरूप ΔABC तथा ΔPQR इस प्रकार हैं कि ∠A = 32° तथा ∠R = 65° हो, तो ∠B का मान होगा। [1]
(a) 83°
(b) 32°
(c) 65°
(d) 97°

(घ) दिए गए चित्र में, AD = 4 सेमी, BD = 3 सेमी तथा CB = 12 सेमी हो, तो cotθ का मान होगा
UP Board Class 10 Maths Model Papers Paper 2 image 2
(a) [latex]\frac { 3 }{ 4 } [/latex]
(b) [latex]\frac { 5 }{ 12 } [/latex]
(c) [latex]\frac { 4 }{ 3 } [/latex]
(d) [latex]\frac { 12 }{ 5 } [/latex]

(ङ) यदि tanA = [latex]\frac { 5 }{ 12 } [/latex] है, तो (tanA + cosA) × sec A का मान है।
(a) [latex]\frac { 6 }{ 13 } [/latex]
(b) [latex]\frac { 7 }{ 12 } [/latex]
(c) [latex]\frac { 209 }{ 144 } [/latex]
(d) [latex]\frac { 12 }{ 17 } [/latex]

(च) संख्याओं 11, 31, 2, 5, 8, 59, 35 तथा 55 की माध्यिका होगी [1]
(a) 8
(b) 11
(c) 21
(d) 31

प्रश्न 2.
सभी खंड कीजिए।
(क) परिमेय संख्या [latex]\frac { 43 }{ { 2 }^{ 4 }\times { 5 }^{ 3 } } [/latex] का दशमलव प्रसार कितने दशमलव स्थानों के पश्चात सांत होगा? [1]
(ख) यदि tanA = [latex]\frac { 6 }{ 13 } [/latex] तथा A + B = 90° है, तो cot B का मान क्या है?
(ग) यदि एक समांतर श्रेणी के प्रथम p पदों का योग ap2 + bp है, तो उसका सावतर ज्ञात कीजिए।
(घ) एक शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई 5 सेमी है। यदि इसके दो वृत्तीय सिरों की त्रिज्याओं का अंतर 4 सेमी है, तो छिन्नक की ऊँचाई लिखिए। [1]

प्रश्न 3.
सभी खंड कीजिए।
(क) चित्र में, एक वृत्त ΔABC की भुजा BC को P पर स्पर्श करता है तथा बढ़ाई गई भुजाओं AB तथा AC को क्रमशः Q तथा R पर स्पर्श करता है। दर्शाइए कि AQ = 1/2 (ΔABC का परिमाप) [2]
UP Board Class 10 Maths Model Papers Paper 2 image 3
(ख) चित्र में, ∠CAB = 90° तथा AD ⊥ BC है। यदि AC = 75 सेमी, AB = 1.25 मी और BD =1 मी हो, तो AD की लंबाई ज्ञात करो। [2]
UP Board Class 10 Maths Model Papers Paper 2 image 4
(ग) समांतर श्रेणी 6, 13, 20, 27, …का कौन-सा पद, 24वें पद से 98 अधिक हैं?
(घ) एक खिलौना अर्धगोले पर अध्यारोपित शंकु के आकार का है जिनकी उभयनिष्ठ त्रिज्या 7 सेमी है। खिलौने की कुल ऊँचाई 31 सेमी हैं। खिलौने का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। [2]

प्रश्न 4.
सभी खंड कीजिए।
(क) यदि sinθ + cosθ = p तथा secθ + cosecθ = q है, तब सिद्ध कीजिए कि q(p2 – 1) = 2p
(ख) एक समांतर श्रेणी के लिए दशाईए कि ap + ap+2q = 2ap+q हैं। [2]
(ग) चित्र में, DE || AC तथा DF || AE है, तो सिद्ध कीजिए कि
[latex]\frac { EF }{ BF } [/latex] = [latex]\frac { EC }{ BE } [/latex] [2]
UP Board Class 10 Maths Model Papers Paper 2 image 5
(घ) चित्र में, ABCD एक आयत है। x तथा y के मान ज्ञात कीजिए। [2]
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प्रश्न 5.
सभी खंड कीजिए।
(क) कुछ विद्यार्थियों ने एक पिकनिक का आयोजन किया। खाने के लिए कुल ₹240 का बजट रखा गया। क्योकि 4 विद्यार्थी पिकनिक पर नहीं जा सके इसलिए प्रत्येक विद्यार्थी के लिए खाने का मूल्य  ₹5 बढ़ गया। पिकनिक पर कितने विद्यार्थी गए? [4]

(ख) एक 8 सेमी लंबाई का रेखाखंड़ AB खींचिए। A को केंद्र मानकर 4 सेमी त्रिज्या का एक वृत्त खींचिए तथा B को केंद्र मानकर 3 सेमी त्रिज्या का दूसरा वृत्त खींचिए। दूसरे वृत्त के केंद्र से प्रत्येक वृत्त की स्पर्श रेखाओं की रचना कीजिए। [4]

(ग) कार्ड, जिन पर 3, 4, 5,…,50 संख्याएँ अंकित हैं, एक बक्से में रखकर अच्छी प्रकार से मिलाए गए हैं। फिर बक्से से एक कार्ड यादृच्छया निकाला गया है। प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि निकाले गए कार्ड पर जो संख्या है वह [4]
(i) 7 से विभाजित है।
(ii) एक पूर्ण वर्ग है।

(घ) एक समद्विबाहु त्रिभुज की रचना करो, जिसका आधार 8 सेमी तथा ऊँचाई 4 सेमी हैं। फिर एक अन्य त्रिभुज की रचना करो, जिसकी भुजाएँ समद्विबाहु त्रिभुज की संगत भुजा की 3/2 गुना हो।

प्रश्न 6.
सभी खंड कीजिए।
(क) यदि एक दो अंकों की संख्या अपने अंकों के योग की चार गुनी है तथा अपने अंकों के गुणनफल की तीन गुनी है, तो संख्या ज्ञात कीजिए। [4]

(ख) एक 10 सेमी ऊँचाई तथा 6 सेमी आधार की त्रिज्या वाले ठोस बेलन से समान ऊँचाई तथा समान आधार वाला लंबवृत्तीय शंकु हटा लिया जाता है। इस प्रकार शेष ठोस का आयतन तथा संपूर्ण पृष्ठ भी ज्ञात कीजिए। [4]

(ग) समुद्र तल से 100 मी ऊँचे प्रकाश-स्तंभ के शिखर से देखने पर एक समुद्री जहाज, जो सीधे उसकी तरफ आ रहा है, का अवनमन कोण 30″ से बदल कर 45° हो जाता है, तो देखे जाने वाले समय अंतराल में समुद्री जहाज द्वारा तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए। [4]

(घ) यदि cotθ + tanθ = x तथा secθ – cosθ = y, तो सिद्ध कीजिए कि
(x2y)2/3 – (xy2)2/3 = 1 [4]

प्रश्न 7.
सभी खंड कीजिए।
(क) निम्न सारणी किसी स्थान के 100 व्यक्तियों की आयु को दर्शाती है
UP Board Class 10 Maths Model Papers Paper 2 image 7
उपर्युक्त बारंबारता बंटन को ‘से कम विधि द्वारा संचयी बारंबारता बंटन में बदलिए तथा इसका तोरण बनाइए
अथवा
एक ΔABC में ∠C समकोण है और ∠A = ∠B है।
(i) क्या cos.A =c0s B?
(ii) क्या tanA = tan B?
∠A तथा ∠B के अन्य त्रिकोणमितीय अनुपात क्या है? क्या वे समान है। [6]

(ख) यदि ∠A तथा ∠P ऐसे न्यून कोण है कि tanA = tanP, है तो सिद्ध कीजिए कि ∠A = ∠P [6]
अथवा
यदि x = r sin A cos C, y = r sin A sin C तथा z = r cos A है तो सिद्ध कीजिए कि x2 + y2 + z2 = r

Solutions

उत्तर 1.
(क) (c)
(ख) (c)
(ग) (a)
(घ) (d)
(ङ) (c)
(च) (c)

उत्तर 2.
(क) 4 दशमलव स्थान
(ख) [latex]\frac { 3 }{ 4 } [/latex]
(ग) 2a
(घ) 3 सेमी

उत्तर 3.
(ख) 75 सेमी
(ग) 38
(घ) 858 सेमी2

उत्तर 4.
(घ) x = 10, y = 2

उत्तर 5.
(क) 16
(ग) (i) [latex]\frac { 3 }{ 4 } [/latex]
(ii) [latex]\frac { 3 }{ 4 } [/latex]

उत्तर 6.
(क) 24
(ख) (156 + 12√34)π सेमी2
(ग) 73.2 मी

उत्तर 7.
(क) अथवा (i) हाँ
(ii) cosec A = cosec B, sinA = sin B, cot A = cot B, sec A = sec B; हाँ वे समान हैं।

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UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 26 Classification, Tabulation and Frequency Distribution of Data

UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 26 Classification, Tabulation and Frequency Distribution of Data (आँकड़ों का वर्गीकरण, सारणीकरण तथा बारम्बारता बंटन) are part of UP Board Solutions for Class 12 Economics. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 26 Classification, Tabulation and Frequency Distribution of Data (आँकड़ों का वर्गीकरण, सारणीकरण तथा बारम्बारता बंटन).

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Economics
Chapter Chapter 26
Chapter Name Classification, Tabulation and Frequency Distribution of Data (आँकड़ों का वर्गीकरण, सारणीकरण तथा बारम्बारता बंटन)
Number of Questions Solved 18
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 26 Classification, Tabulation and Frequency Distribution of Data (आँकड़ों का वर्गीकरण, सारणीकरण तथा बारम्बारता बंटन)

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (6 अंक)

प्रश्न 1
सांख्यिकीय विधि के विभिन्न प्रकारों को बताइए।
उत्तर:
सांख्यिकीय विधि के विभिन्न प्रकार

1. आँकड़ों का संग्रह (Collection of Data) – किसी समस्या के अध्ययन के लिए अध्ययनकर्ता का सबसे पहला कार्य आँकड़ों का संग्रह करना है। इन्हीं आँकड़ों का वह विश्लेषण करता है तथा निष्कर्ष निकालता है; अतः यह अधिक महत्त्वपूर्ण है कि आँकड़े विश्वसनीय तथा सुसंगत हों। समंकों के संग्रहण के लिए पहले से ही सुनिश्चित योजना बना ली जानी चाहिए।

2. वर्गीकरण (Classification) – संगृहीत आँकड़ों को सरल बनाने के लिए उन्हें भिन्न-भिन्न समूहों या वर्गों में बाँटा जाता है।

3. सारणीकरण (Tabulation) – विभिन्न वर्गों के आँकड़ों को एक उपयुक्त क्रम में पंक्तियों एवं स्तम्भों में सारणी के रूप में प्रकट किया जाता है।

4. आँकड़ों का चित्रण या आलेखीय निरूपण (Diagrammatic or Graphical Representation of Data) – आँकड़ों की स्थिति को शीघ्र स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने के लिए समंकों का चित्रण अथवा आलेखन किया जाता है।

5. ऑकड़ों का विश्लेषण (Analysis of Data) – वर्गीकृत आँकड़ों से सांख्यिकीय मापें; यथा – समान्तर माध्य, माध्यिका, बहुलक, विचलन आदि ज्ञात किये जाते हैं।

6. निर्वचन या व्याख्या (Interpretation) – उपर्युक्त गणनाओं के आधार पर समस्या के हल की व्याख्या की जाती है तथा निष्कर्ष निकाले जाते हैं।

7. पूर्वकथन या अनुमान (Predication) – निष्कर्षों के आधार पर आगे आने वाली परिस्थितियों के सम्बन्ध में अनुमान लगाया जाता है।

उपर्युक्त आधार पर ही यह कहा जाता है कि सांख्यिकी वह विज्ञान है जो जिज्ञासा के किसी क्षेत्र में परिवर्तनशील संख्यात्मक, आँकड़ों के संग्रहण, प्रस्तुतीकरण, विश्लेषण, निर्वचन एवं पूर्वकथन की विधियों का वर्णन करता है।

प्रश्न 2
वर्गान्तर बनाने की दोनों विधियों का वर्णन कीजिए। दोनों में अन्तर भी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वर्ग के अन्तराल के अनुसार वर्गान्तर बनाने की दो विधियाँ हैं, जो निम्नलिखित हैं
(1) अपवर्जी विधि तथा
(2) समावेशी विधि।

1. अपवजी विधि (Exclusive Method) – इस विधि में प्रत्येक वर्ग-अन्तराल की उच्च सीमा आगे आने वाले वर्ग–अन्तराल की निम्न सीमा होती है। जैसे किसी कक्षा के छात्रों ने गणित में 0 से 30 अंक प्राप्त किये हैं, तो गणित में प्राप्तांकों को 5-5 के अन्तर से 6 वर्गों में बाँट सकते हैं-0-5, 5-10, 10-15, 15-20, 20-25, 25-30 अर्थात् पहला वर्ग उन छात्रों का है जिनको 0 से 4 अंक तक मिले इसी प्रकार छठा वर्ग उन छात्रों का है जिन्हें 25 से 30 अंक मिले। इससे स्पष्ट होता है कि यदि किसी छात्र ने 5 अंक प्राप्त किये हैं, तो उसे दूसरे अर्थात् 5-10 वाले वर्ग में तथा यदि 10 प्राप्तांक हैं तो उसे तीसरे अर्थात् 10-15 वाले वर्ग में रखा जाएगा।

2. समावेशी विधि (Inclusive Method) – इस विधि में किसी वर्ग की उच्च सीमा अगले वर्ग की निम्न सीमा नहीं होती, जैसे इस विधि में उपर्युक्त उदाहरण के वर्ग इस प्रकार बनेगे – 0-4, 5-9, 10-14, 15-19, 20-24, 25-29 अर्थात् पहला वर्ग उन छात्रों का है जिनको 0 से 4 अंक तक मिले। इसी प्रकार पाँचवें वर्ग में 20 से 24 तक अंक मिले।

अपवर्जी व समावेशी विधियों में अन्तर
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 26 Classification, Tabulation and Frequency Distribution of Data 1

प्रश्न 3
सारणीकरण (Tabulation) किसे कहते हैं तथा यह कितने प्रकार की होती है? सोदाहरण समझाइए।
उत्तर:
सारणीकरण-सारणीकरण वह रीति है जिसमें वर्गीकृत आँकड़ों को पंक्तियों एवं स्तम्भों में व्यवस्थित रूप में रखा जाता है।

सारणियों के प्रकार
सारणियाँ मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं

1. सरल सारणियाँ (Simple Tables) – ये सारणियाँ सबसे साधारण होती हैं तथा इनमें आँकड़ों का केवल एक गुण ही प्रदर्शित किया जाता है। इसमें स्तम्भों के उपविभाग नहीं होते। उदाहरणार्थ- निम्नलिखित सारणी विभिन्न वर्षों में भारत की जनसंख्या दर्शाती है
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 26 Classification, Tabulation and Frequency Distribution of Data 2

2. द्विगुणी सारणियाँ (Double Tables) – इस प्रकार की सारणियों में एक ही प्रकार के आँकड़ों के दो गुणों को प्रदर्शित किया जाता है। उदाहरण के लिए-नीचे दी गयी सारणी में विभिन्न वर्षों की जनसंख्या में स्त्रियों तथा पुरुषों की संख्या (करोड़ों में अलग-अलग अंकित है
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 26 Classification, Tabulation and Frequency Distribution of Data 3

3. बहुगुण सारणियाँ (Manifold Tables) – इस प्रकार की सारणियों में दो से अधिक गुणों को प्रदर्शित किया जाता है। निम्नलिखित सारणी में पुरुष व स्त्रियों में शिक्षित/अशिक्षितों की संख्या (करोड़ों में) अलग-अलग प्रदर्शित की गयी है
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 26 Classification, Tabulation and Frequency Distribution of Data 4

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1
सारणी बनाते समय किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:
एक अच्छी सारणी बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है

  1. सारणी का शीर्षक अवश्य दिया जाना चाहिए। शीर्षक सरल, स्पष्ट और सूक्ष्म होना चाहिए। इसे सारणी के शीर्ष पर लिखना चाहिए।
  2. प्रत्येक स्तम्भ का भी अलग-अलग उपशीर्षक लिखना चाहिए।
  3. सारणी का आकार न तो बहुत बड़ा और न बहुत छोटा होना चाहिए।
  4. शीर्षक के साथ-साथ आँकड़ों की इकाइयाँ आदि अवश्य लिखनी चाहिए।
  5. सारणी का मुख्य उद्देश्य आँकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन होता है; अत: वर्गों को इस प्रकार रखा जाना चाहिए कि तुलना करने में सुविधा रहे।
  6. आँकड़ों के सम्बन्ध में कुछ विशेष सहायक सूचना, यदि हो, तो उसे टिप्पणी के रूप में नीचे दे देना चाहिए।
  7. सारणी पूर्णतया स्वच्छ हो तथा उसका रूप आकर्षक हो।

प्रश्न 2
बारम्बारता व बारम्बारता बंटन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किन्हीं आँकड़ों में कोई पद जितनी बार आता है, वह उसकी बारम्बारता कहलाता है और आँकड़ों को व्यवस्थित करके बारम्बारताओं में बाँटना ही इसका बारम्बारता बंटन कहलाता है। इस प्रकार प्राप्त सारणी बारम्बारता बंटन सारणी कहलाती है।

मान लीजिए एक विद्यालय के कक्षा 12 के 30 विद्यार्थियों ने कुल 50 अंकों में से इस प्रकार अंक प्राप्त किये – 25, 20, 16, 18, 30, 35, 40, 16, 20, 18, 25, 30, 46, 40, 30, 5, 10, 25, 18, 20, 30, 25, 44, 28, 35, 30, 25, 25, 20, 30.

उपर्युक्त आँकड़ों को आरोही या अवरोही क्रम में रखते हैं, आरोही क्रम में आँकड़े इस प्रकार दिखाई देंगे – 5, 10, 16, 16, 18, 18, 18, 20, 20, 20, 20, 25, 25, 25, 25, 25, 25, 28, 30, 30, 30, 30, 30, 30, 35, 35, 40, 40, 44, 46. इन आँकड़ों को ‘सारणी बद्ध आँकड़े’ कहते हैं। आँकड़ों को इस प्रकार सारणी रूप में रख सकते हैं
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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1
निम्नलिखित आँकड़ों को आरोही क्रम में लिखकर 5 की बारम्बारता बताइए
5, 2, 3, 5, 6, 8, 5, 2, 7, 5, 4, 7, 5
हल:
आँकड़ों का आरोही क्रम
2, 2, 3, 4, 5, 5, 5, 5, 5, 6, 7, 7, 8
5, पाँच बार आया है। अत: 5 की बारम्बारता = 5

प्रश्न 2
एक परीक्षा में पूर्णाक 100 है। दस छात्रों के प्राप्तांक निम्नलिखित हैं
15, 25, 22, 38, 55, 59, 80, 87, 45, 18
आँकड़ों का परिसर बताइए।
हल:
अधिकतम प्राप्तांक = 87
न्यूनतम प्राप्तांक = 15
परिसर = 87 – 15 = 72

प्रश्न 3
एक बंटन के वर्ग चिह्न निम्नलिखित हैं – 104, 114, 124, 134, 144, 154, 164 वर्ग माप तथा वर्ग सीमाएँ ज्ञात करो।
हल:
दिये गये वर्ग चिह्न क्रमशः 104, 114, 124, 134, 144, 154, 164
दो क्रमागत वर्ग चिह्नों का अन्तरे = 10
वर्ग – अन्तराल या वर्ग माप = 10
अतः वर्ग-अन्तराल का आधा = [latex]\frac { 10 }{ 2 }[/latex] = 5
प्रत्येक वर्ग चिह्न में से 5 घटाने तथा 5 जोड़ने पर वर्ग सीमाएँ प्राप्त होती हैं।
अतः वर्ग सीमाएँ – 99-109, 109-119, 119-129, 129-139, 139-149, 149-159, 159-169

प्रश्न 4
कक्षा 12 के 50 विद्यार्थियों ने अर्थशास्त्र की परीक्षा में पूर्णाक 50 में से निम्नलिखित अंक प्राप्त किये। 10 का वर्ग- अन्तराल लेकर अपवर्जी विधि से बारम्बारता सारणी बनाइए
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हल:
उपर्युक्त प्राप्तांकों में न्यूनतम अंक = शून्य तथा अधिकतम अंक = 49
अत: परिसर = 49 – 0 = 49
अत: उपर्युक्त आँकड़ों के लिए वर्ग-अन्तराल 10 के पाँच वर्ग बनाये।
0-10, 10-20, 20-30, 30-40, 40-50
अपवर्जी विधि से बारम्बारता सारणी
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प्रश्न 5
एक विद्यालय के 32 अध्यापकों की आयु (वर्षो में) दर्शाने वाली बारम्बारता सारणी नीचे दी गयी है
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(i) इसमें प्रत्येक वर्ग का मध्यमान बताइए।
(ii) वर्ग-अन्तराल का निर्धारण कीजिए।
(iii) चतुर्थ वर्ग की उच्च सीमा तथा निम्न सीमा क्या है?
(iv) उन वर्गों का निर्धारण और निर्वचन कीजिए जिनमें 8 और 1 अध्यापक हैं।
हल:
(i) वर्ग 20-25 का मध्यमान [latex]\frac { 20+25 }{ 2 }[/latex] = 22.5, इसी प्रकार अन्य वर्गों के मध्यमान क्रमानुसार 27.5, 32.5, 37.5, 42.5, 47.5, 52.5 तथा 57.5 है।
(ii) वर्ग – अन्तराल = 5 (25 – 20 = 5)
(iii) चतुर्थ वर्ग की उच्च सीमा = 40 तथा निम्न सीमा = 35
(iv) विद्यालय में (32 में से) 8 अध्यापक 25-30 वर्ग समूह में हैं तथा 32 में से मात्र एक अध्यापक 55-60 वर्ग समूह में है।

निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
अपवर्जी विधि क्या है?
उत्तर:
इस विधि में प्रत्येक वर्ग की उच्च सीमा अगले वर्ग की निम्न सीमा बन जाती है; जैसे – 0-5, 5-10 आदि।

प्रश्न 2
समावेशी विधि क्या है?
उत्तर:
इस विधि में एक ही सीमा दो वर्गों में नहीं आती; जैसे-0 – 4, 5 – 9 आदि।

प्रश्न 3
सारणीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
सारणीकरण वह रीति है जिसमें वर्गीकृत आँकड़ों को पंक्तियों एवं स्तम्भों में व्यवस्थित रूप में रखा जाता है।

प्रश्न 4
सारणियाँ कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
सारणियाँ तीन प्रकार की होती हैं

(1) सरल सारणी,
(2) द्विगुण सारणी तथा
(3) बहुगुण सारणी।।

प्रश्न 5
आँकड़ों के सारणीकरण के किन्हीं दो उद्देश्यों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
(1) सारणीकरण का मुख्य उद्देश्य आकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन करना होता है।
(2) सारणीकरण से आँकड़े व्यवस्थित और सरल हो जाते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
आँकड़ों 5, 2, 3, 5, 6, 8, 5, 2, 2, 7, 5, 4, 7 में 5 की बारम्बारता है
(क) 4
(ख) 3
(ग) 5
(घ) 2
उत्तर:
(क) 4

प्रश्न 2
यदि किसी बंटन के एक वर्ग का मध्यमान 37 है तथा वर्ग- अन्तराल 5 हो तो वर्ग की उच्च सीमा होगी
(क) 33.5
(ख) 34.5
(ग) 35.5
(घ) 39.5
उत्तर:
(घ) 39.5

प्रश्न 3
यदि किसी बंटन के एक वर्ग का मध्यमान 47 तथा वर्ग- अन्तराल 5 हो तो वर्ग की निम्न सीमा होगी
(क) 45
(ख) 44
(ग) 44.5
(घ) 40
उत्तर:
(ग) 44.5

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UP Board Solutions for Class 12 Civics Chapter 22 India and the World

UP Board Solutions for Class 12 Civics Chapter 22 India and the World (भारत और विश्व) are part of UP Board Solutions for Class 12 Civics. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Civics Chapter 22 India and the World (भारत और विश्व).

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Class Class 12
Subject Civics
Chapter Chapter 22
Chapter Name India and the World
(भारत और विश्व)
Number of Questions Solved 14
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Civics Chapter 22 India and the World (भारत और विश्व)

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (6 अंक)

प्रश्न 1.
1971 ई० के उपरान्त भारत-पाक सम्बन्धों का विवेचन कीजिए। या भारत और पाकिस्तान के सम्बन्धों का वर्तमान सन्दर्भ में परीक्षण कीजिए। [2016]
उत्तर :
15 अगस्त, 1947 को भारत को अंग्रेजी दासता से मुक्ति प्राप्त हुई तथा दो स्वतन्त्र राष्ट्र ‘भारत व पाकिस्तान’ अस्तित्व में आये। पाकिस्तान का निर्माण साम्प्रदायिकता की पृष्ठभूमि पर आधारित था तथा अपने शैशवकाल से ही यह भारत व भारतीयों के प्रति घृणा व द्वेष की भावना रखने लगा। इस अमित्रतापूर्ण वातावरण के कारण भारत-पाक सम्बन्ध मधुर न रहे।

पाकिस्तान द्वारा 1947 ई० में कश्मीर पर आक्रमण के बाद कश्मीर को भारत में विलय हो गया, परन्तु पाकिस्तान ने इस विलय को पूर्ण अवैधानिक बताते हुए अपना वैमनस्य सन् 1965 व सन् 1971 में भारत पर आक्रमण करके प्रदर्शित किया। 1971 ई० के युद्ध के बाद दोनों देशों ने सम्बन्ध सुधारने पर बल दिया तथा इसी कड़ी में 1972 ई० का शिमला समझौता और 1973 ई० का दिल्ली समझौता सम्पन्न हुआ। सन् 1974 ई० में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को मान्यता प्रदान की। सन् 1974 व 1976 में भारत-पाक सम्बन्ध मधुर न रह सके। 1976 ई० में टूटे सम्बन्धों को फिर से जोड़ने का प्रयास किया गया। 1978 ई० में भारतीय विदेश मन्त्री की पाकिस्तान यात्रा तथा इसी कड़ी में पाकिस्तानी विदेश सलाहकार श्री आगाशाही को भारत-यात्रा ने सम्बन्धों को मधुर बनाने की दिशा में योगदान दिया। अप्रैल, 1978 में भारत-पाक सलाह जल सन्धि सम्पन्न हुई। यह एक प्रगतिशील व सराहनीय कदम बताया गया।

भारत ने पाकिस्तान के प्रति सदैव सहयोगपूर्ण रवैया अपनाया, परन्तु पाकिस्तान की नीति अनुकूल नहीं रही। पाकिस्तान अपनी सैन्य-शक्ति मात्र भारत के विरुद्ध प्रयोग करने का प्रयास करता रहा है। चीन व अमेरिका इस कार्य में पाकिस्तान की खुले हृदय से सहायता करते रहे। यद्यपि भारत व पाकिस्तान के मध्य वार्ताओं व यात्राओं को क्रम चला आ रहा है, परन्तु मतभेद पूर्णतया दूर नहीं हो सके हैं। सियाचीन विवाद अभी तक समाप्त नहीं हो पाया है।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक के समय तक भारत-पाक सम्बन्ध तनावपूर्ण ही रहे। बार-बार कश्मीर विषय को उठाया जाता रहा। साथ ही पाकिस्तान ने प्रत्येक सम्भव तरीके से पंजाब में आतंकवाद को प्रोत्साहित किया। यद्यपि कई स्तरों पर राजनीतिक सम्बन्धों में सुधार हुआ। जिया उल हक कई बार भारत यात्रा पर आये। राजीव गाँधी ने भी उनसे कई बार भेंट की तथा सम्बन्ध सुधारे जाने पर बल दिया।

जिया उल हक की मृत्यु के बाद नवम्बर, 1988 में श्रीमती बेनजीर भुट्टो के नेतृत्व में पाकिस्तान में लोकतन्त्रीय शासन-प्रणाली स्थापित हुई। परिवर्तित राजनीतिक परिस्थितियों में आशी बनी कि भारत-पाक सम्बन्ध सुधरेंगे और आपसी द्वेषभाव व वैमनस्य का वातावरण दूर होगा। दिसम्बर, 1988 के अन्तिम सप्ताह में इस्लामाबाद में हुए ‘दक्षेस (सार्क) सम्मेलन के समय दोनों देशों के प्रधानमन्त्रियों के बीच वार्ता हुई और 1 जनवरी, 1989 को दोनों देशों में तीन समझौते हुए पहले समझौते के अनुसार, भारत-पाक एक-दूसरे के परमाणु संयन्त्रों पर हमला नहीं करेंगे; दूसरा समझौता सांस्कृतिक आदान-प्रदान से सम्बन्धित है तथा तीसरे समझौते के द्वारा दोहरी कर-नीति को समाप्त करने की बात कही गयी। भारत के तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी की पाकिस्तानयात्रा इस दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी, ऐसी आशा थी; किन्तु यह आशा निराधार सिद्ध हुई। पाकिस्तान भारत में उग्रवादी गतिविधियों को प्रोत्साहन देता रहा है। पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को भारी मात्रा में अस्त्र-शस्त्र दिये गये, उन्हें प्रशिक्षित किया गया तथा शरण भी दी गयी। इन सबसे भारत-पाक सम्बन्ध प्रभावित हुए।

भारत में सत्ता परिवर्तन हुआ। प्रधानमन्त्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने दोनों देशों के सम्बन्ध मधुर बनाये रखने की इच्छा व्यक्त की, किन्तु पाकिस्तान द्वारा भारत की एकता व अखण्डता को आघात पहुंचाने के प्रयत्नों ने भारत-पाक सम्बन्धों में कटुता पैदा कर दी। पंजाब और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान खुलेआम बढ़ावा दे रहा है। सन् 1990 के मध्य मार्च तक पंजाब से लगी सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात थे, जिन्हें धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर मोर्चे पर फैला दिया गया। (उल्लेखनीय है कि 1971 ई० में इसी क्षेत्र में भयंकर टैंक युद्ध हुआ था।) पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो की सरकार परास्त हुई और नवाज शरीफ पाकिस्तान के नये प्रधानमन्त्री बने। उन्होंने भी वही पुरानी नीति अपनायी। 1990 ई० में गठित चन्द्रशेखर सरकार के काल में भी दोनों देशों के सम्बन्धों में कोई परिवर्तन नहीं आया। जून, 1991 में सत्ता में आयी श्री नरसिम्हाराव सरकार के काल में पाकिस्तान के साथ भारत के सम्बन्ध बद से बदतर हो गये। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर समस्या का अन्तर्राष्ट्रीयकरण करना, कश्मीर के आतंकवादियों को सशस्त्र समर्थन देना तो जारी था ही, किन्तु जब 1993 ई० में हुए मुम्बई बम-काण्ड में उसका हाथ होने का पता चला तब पूरे विश्व के आगे उसका असली चेहरा सामने आ गया, यहाँ तक कि पाकिस्तान को आतंकवादी राज्य घोषित करने की माँग भी उठने लगी।

1999 ई० का वर्ष भारत-पाक सम्बन्धों की दृष्टि से बड़ा घटनापूर्ण रहा। प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 20-21 फरवरी को बस द्वारा दिल्ली से लाहौर तक शान्ति-यात्रा कर इस बसमार्ग का शुभारम्भ किया, किन्तु मई में कारगिल क्षेत्र में घुसपैठियों की आड़ में पाकिस्तानी फौज ने भारतीय क्षेत्र में कुछ जगह अनाधिकृत कब्जा कर लिया। भारतीय फौज ने अप्रतिम धैर्य, शौर्य और बलिदान द्वारा युद्ध कर कारगिल क्षेत्र मुक्त करा लिया। यह भारत की विजय और पाक की पराजय थी। पाकिस्तान में घटना-चक्र तेजी से बदल गया, वहाँ निर्वाचित सरकार का तख्ता पलटकर तथा प्रधानमन्त्री नवाज शरीफ को गिरफ्तार कर जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैनिक तानाशाह के रूप में सत्ता सँभाल ली। उनके भारत विरोधी विचार सर्वविदित हैं।

भारत चाहता था तथा अमेरिका सहित अनेक देश प्रयत्नशील थे कि भारत और पाकिस्तान के बीच शिखर वार्ता हो। अतः जुलाई, 2001 में आगरा में ‘वाजपेयी-मुशर्रफ शिखर सम्मेलन’ आयोजित हुआ। सम्मेलन में भारतीय प्रधानमन्त्री ने भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद के सभी विषयों पर समग्र बातचीत के प्रयत्न किये, लेकिन मुशर्रफ कश्मीर को केन्द्रीय मुद्दा बतलाते हुए कश्मीर का ही राग अलापते रहे। भारत ने इस बात पर बल दिया कि ‘सीमा पार का आतंकवाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की जड़ है, लेकिन मुशर्रफ ने कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकवाद को स्वतन्त्रता संग्राम की संज्ञा दी। ऐसी स्थिति में 36 घण्टे की ‘कूटनीतिक बाजीगरी’ को असफल होना ही था। अन्त में मुशर्रफ को बिना किसी औपचारिक विदाई के भारत से लौटना पड़ा।

इस असफल शिखर वार्ता के बाद पाक-प्रायोजित आतंकवाद ने उग्र रूप ग्रहण कर लिया। पहले तो श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला हुआ तथा इसके बाद 13 दिसम्बर, 2001 को लोकतन्त्र का हृदयस्थल संसद आतंकवादियों के हमले का निशाना बनी। इस हमले में संलग्न पाँचों आतंकवादी मारे गये। अब यह बात पूर्णतया स्पष्ट और प्रमाणित हो चुकी है कि ये पाँचों व्यक्ति पाकिस्तान के नागरिक और पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के निवासी थे। इस प्रकार हमले का पूरा दायित्व पाकिस्तान पर आता है। यह दुस्साहस की पराकाष्ठा थी। ऐसी स्थिति में भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कूटनीतिक कार्यवाही करते हुए पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने का फैसला कर लिया। 1 जनवरी, 2002 से समझौता एक्सप्रेस ट्रेन व दिल्ली-लाहौर बस सेवा रद्द कर दी गयी तथा भारतीय वायुमण्डल पर पाक विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी। इसके साथ ही भारत ने 20 आतंकवादियों की सूची पाकिस्तान को देते हुए माँग की कि पाकिस्तान द्वारा इन्हें भारत को सौंप दिया जाना चाहिए। ये ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी भारत में आतंकवादी कार्यवाही में प्रमुख भूमिका रही और अभी पाकिस्तान में रह रहे हैं। पाकिस्तान ने अमेरिकी दबाव के कारण आतंकवाद का मौखिक विरोध और कुछ आतंकवादी संगठनों को अवैध घोषित करने जैसी कुछ सतही कार्यवाहियाँ तो कीं, लेकिन वह इन आतंकवादियों को भारत को सौंपने के लिए तैयार नहीं है।

जनवरी, 2002 से मार्च, 2003 तक का 15 महीने का समय भारत और पाक के बीच अत्यधिक तनावपूर्ण सम्बन्धों का रहा, दोनों देश युद्ध के कगार तक पहुँच गये। सितम्बर-अक्टूबर, 2003 में जम्मू-कश्मीर राज्य की विधानसभा के स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न हुए और अन्ततोगत्वा अप्रैल, 2003 में भारतीय नेतृत्व ने दोनों देशों के आपसी सम्बन्धों में गतिरोध को तोड़ने की पहल की। परन्तु इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। 18 फरवरी, 2007 को आतंकवादियों ने समझौता एक्सप्रेस रेलगाड़ी में बम विस्फोट किया जिसमें लगभग 68 लोग मारे गए। इस कारण इस रेलगाड़ी का संचालन कुछ समय तक के लिए बन्द कर दिया गया। पुनः सन् 2008 में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुम्बई पर हमला किया जिसमें लगभग 173 लोग मारे गए तथा लगभग 308 लोग घायल हुए। अनेक इमारतें तहस-नहस हो गयीं। विश्वप्रसिद्ध ताज होटल भी उनमें से एक है। इसी प्रकार की घटनाएँ समय-समय पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी करते रहते हैं जिस कारण से दोनों देशों के सम्बन्ध मधुर नहीं बन पाते हैं।

अमेरिका और अन्य कुछ देश भी इस बात के लिए निरन्तर चेष्टा करते रहे हैं कि भारत और पाक के बीच वार्ता प्रारम्भ हो। पाकिस्तान सरकार ने अगस्त, 2011 में भारत को व्यापार में सबसे पसंदीदा देश (एम०एफ०एन०) का दर्जा देने पर सहमति जताकर कुछ सकारात्मक रुख दिखाया था। वर्तमान में नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं। भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 27 मई, 2014 को उनसे मुलाकात करके पाकिस्तान के साथ शान्तिपूर्ण, मित्रवत् एवं सहयोगपूर्ण द्विपक्षीय सम्बन्ध बनाने की नीति के रूख को दोहराते हुए कहा कि भारतवर्ष पाकिस्तान के सभी लम्बित मुद्दों को सन् 1972 के शिमला समझौते के दायरे में सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सन्दर्भ में श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर शान्ति एवं सौहार्द तथा नियन्त्रण रेखा को सुनिश्चित करने के लिए आतंकवाद एवं हिंसा से मुक्त माहौल बनाने पर जोर दिया। हालाँकि पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने हुर्रियत के नेताओं को बुलाकर भारत के समस्त कूटनीतिक प्रयासों पर पानी फेर दिया और 25 अगस्त, 2014 को इस्लामाबाद में होने वाली बातचीत के लिए भारत को विदेश सचिव की यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया।

आज भी भारत अपनी शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व की घोषित नीति के कारण पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध सुधारने को तैयार है, लेकिन यह सम्बन्ध कश्मीर तथा देश की एकता व अखण्डता की कीमत पर सुधारने के लिए भारत का कोई विचार नहीं है। दोनों देशों के बीच सम्बन्ध सामान्य रखने के लिए पहले पाकिस्तान को भारत के अन्दरूनी मामलों में दखल देना बन्द करना होगा तथा भारत की एकता व अखण्डता के विरुद्ध साजिशें रचना बन्द करना होगा तब ही जाकर भारत के पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध सामान्य हो सकते हैं।

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प्रश्न 2.
भारत के श्रीलंका के साथ सम्बन्धों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
भारत और श्रीलंका परम्परागत रूप से मित्र रहे हैं। समस्त मित्रता के बावजूद इन दोनों देशों के बीच 1963-72 के वर्षों में कच्चा तीवू विवाद’ था। भारत इस विवाद को शान्तिपूर्ण तरीके से हल करना चाहता था। अत: अप्रैल, 1973 ई० में तत्कालीन भारतीय प्रधानमन्त्री ने श्रीलंका की यात्रा की और सद्भावना का परिचय देते हुए ‘कच्चा तीवू समझौता किया।

श्रीलंका में जातीय तनाव और भारत तथा लंका के बीच विवाद वर्ष 1982 के प्रारम्भ से श्रीलंका में बहुसंख्यक सिंहली जाति और अल्प-संख्यक तमिल जाति के बीच विवाद और कटुता ने उग्र रूप ले लिया। भारत पर इस विवाद के प्रभाव और कुछ परिस्थितियों में भारी प्रभाव होते हैं, ऐसी स्थिति में दोनों देशों के बीच तीव्र और चिन्ताजनक विवाद ने जन्म ले लिया। श्रीलंका सरकार द्वारा बातचीत के आधार पर इस विवाद को हल करने के बजाय, पूरी शक्ति के साथ तमिल उग्रवादियों को कुचलने के प्रयत्न किए गए, जिसमें वह अब तक भी सफल नहीं हो पाई है। भारत ने इस बात से कभी भी इंकार नहीं किया कि तमिल समस्या श्रीलंका का घरेलू मामला है, लेकिन यह श्रीलंका का ऐसा घरेलू मामला है जिसका असर भारत की आन्तरिक स्थिति पर भी पड़ता है।

भारत श्रीलंका को इस समस्या के हल हेतु सहयोग देने की इच्छा रखता है। इसी भावना से 29 जुलाई, 1987 को ‘राजीव जयवर्द्धन समझौता सम्पन्न हुआ तथा श्रीलंका सरकार के आग्रह पर भारत ने श्रीलंका में 1987 में भारतीय शान्ति रक्षक दल’ भेजा। इस दल ने जन और धन की हानि उठाते हुए साहस के साथ शान्ति स्थापना के प्रयास किए। 1988 में नव निर्वाचित राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा ने जब ‘भारतीय शान्ति रक्षक दल’ की भारत-वापसी की माँग की, तब इसे भारत वापस बुला लिया गया।

दोनों पक्षों के बीच ‘स्वतन्त्र व्यापार समझौता’ और तदुपरान्त 27 दिसम्बर, 1988 को श्रीलंका की प्रधानमन्त्री भारत यात्रा पर आईं और महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में दोनों देशों के बीच ‘स्वतन्त्र व्यापार समझौता सम्पन्न हुआ। कुछ बाधाओं को पार करने के बाद यह समझौता मार्च 2000 ई० से लागू हो गया तथा इस समझौते से दोनों देशों के विदेश व्यापार में स्फूर्ति आई। इस प्रकार दोनों देशों के सम्बन्ध मित्रता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

श्रीलंकी सरकार वर्ष 2000 से ही तमिल समस्या के समाधान हेतु पूरी गम्भीरता के साथ प्रयत्नशील है तथा मई, 2009 में श्रीलंका सरकार और सेना ने तमिले उग्रवादियों का सफाया कर दिया है; लेकिन स्थिति का दूसरा पक्ष यह है कि सारे क्रम में श्रीलंका के तमिल शान्तिप्रिय नागरिकों को भी भारी तबाही का सामना करना पड़ा है। ऐसी स्थिति में तमिल समस्या का समाधाने अभी दूर है। भारतीय हितों की दृष्टि से इस समस्या को संतोषजनक हल आवश्यक है। भारत चाहता है। कि श्रीलंका की एकता और अखण्द्वता बनी रहे, लेकिन साथ ही तमिलों की सुरक्षा के लिए भी कोई भरोसेमन्द व्यवस्था हो जाए। आवश्यकता इस बात की है कि श्रीलंका इस सम्बन्ध में भारतीय दृष्टिकोण को समझे और उसे उचित महत्त्व दे।

मई, 2009 में लिट्टे की समाप्ति के बाद भी श्रीलंका की तमिल समस्या का स्थायी समाधान दूर है। इस समय भारत व श्रीलंका के मध्य दो प्रमुख मुद्दे हैं। प्रथम, श्रीलंका में आन्तरिक रूप से विस्थापित तमिलों का पुनस्र्थापन, जिसके बारे में भारत समय-समय पर मानवीय सहायता के राहत सामग्री उपलब्ध कराता रहा है। जनवरी, 2009 में भारत के विदेश मन्त्री ने श्रीलंका की यात्रा की जिसका प्रमुख उद्देश्य श्रीलंका के तमिलों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराना था। दूसरा मुद्दा तमिल समस्या के समाधान का है। भारतीय प्रधानमन्त्री राजीव गांधी की 1991 में तमिल आतंकवादियों द्वारा की गई हत्या के बाद भारत ने तमिल आतंकवादी संगठन का विरोध करना आरम्भ कर दिया था। यद्यपि इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार को भारत के तमिल समूहों का विरोध भी सहना पड़ता है। भारत, श्रीलंका के संविधान व राष्ट्रीय एकता के अन्तर्गत तमिल समस्या का राजनीतिक समाधान चाहता है जिसमें तमिलों को स्वायत्तता दिए जाने का मुद्दा भी शामिल है। अगस्त, 2008 में कोलम्बो में सम्पन्न सार्क सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमन्त्री ने श्रीलंका की यात्रा की।

वर्ष 2009 में दोनों देशों के मध्य 3.27 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार सम्पन्न हुआ। वर्तमान में भारत श्रीलंका का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक देश है। सम्बन्धों को प्रगाढ़ बनाने की दृष्टि से 8-11 जून, 2010 में की गई श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इस यात्रा के दौरान भारत द्वारा जहाँ तमिल विस्थापितों के लिए 50,000 मकान बनाने का वचन दिया गया वहीं दोनों देशों में सांस्कृतिक क्षेत्र में व्यापक सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता किया। भारत इस समय श्रीलंका के कनकनसेनथुराई बन्दरगाह पर पुनर्निर्माण का कार्य कर रहा है। इस सम्बन्ध में वर्ष 2010 में भारत के नौसेना प्रमुख ने श्रीलंका की यात्रा की। इसके बाद दोनों देशों के प्रमुख नेता और उच्च अधिकारीगण एक-दूसरे देशों की निरन्तर यात्रा कर रहे हैं तथा आपसी बातचीत के जरिए अपनी समस्याओं का हल खोजने व आपसी सहयोग को प्रयासरत हैं। कुल मिलाकर लिट्टे की समाप्ति के बाद दोनों देशों में नए सिरे से सम्बन्धों का आरम्भ हो रहा है। भारत, तमिलों के लिए श्रीलंका में अधिक राजनीतिक स्वायत्तता देने का पक्षधर है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (शब्द सीमा : 50 शब्द) (2 अंक)

प्रश्न 1.
भारत-पाक सम्बन्धों को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख मुद्दों को स्पष्ट कीजिए। [2015, 16]
या
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए। [2014]
उत्तर :
भारत-पाक सम्बन्ध सामान्य नहीं हैं, बल्कि वे चिरकाल से तनावपूर्ण चले आ रहे हैं। भारत- पाक सम्बन्धों को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख मुद्दे निम्नवत् हैं –

1. जम्मू-कश्मीर समस्या – पाकिस्तान के द्वारा अक्टूबर, 1947 ई० में कश्मीर पर असफल आक्रमण किया गया। इसके बाद कश्मीर का भारत में विलय हो गया, लेकिन पाकिस्तान के द्वारा इस पूर्णतया वैधानिक और राजनीतिक तथ्य को कभी स्वीकार नहीं किया गया। पाकिस्तान के इसी रवैये के कारण 1965 और 1971 ई० में भारत-पाक युद्ध हुए। कश्मीर का मुद्दा आज भी भारत-पाक सम्बन्धों को प्रभावित कर रहा है।

2. पाकिस्तान का आतंकवाद के रूप में अघोषित युद्ध – पाकिस्तान समर्थक उग्रवादी दस्ते भारत में आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं। आये दिन आगजनी, विस्फोट तथा हत्याएँ की जा रही हैं। सामूहिक हत्याकाण्ड, सैनिक बलों पर लुक-छिप आक्रमण तथा तोड़-फोड़, साधारण घटनाएँ हो गई हैं। ये आतंकवादी गतिविधियाँ भी दोनों देशों के सम्बन्धों को प्रभावित कर रही हैं।

प्रश्न 2.
शिमला समझौते के चार उपबन्ध बताइए।
उत्तर :
जुलाई, 1972 ई० को सम्पन्न हुए शिमला समझौते के निम्नलिखित चार मुख्य उपबन्ध थे –

  1. दोनों देशों की सरकारों ने यह निश्चय किया कि दोनों देश परस्पर उन संघर्षों को समाप्त करते हैं, जिससे दोनों देशों के सम्बन्धों में बिगाड़ उत्पन्न हुआ था।
  2. दोनों ही सरकारें अपनी सामर्थ्य के अनुसार एक-दूसरे के प्रति घृणित प्रचार नहीं करेंगी।
  3. दोनों देशों के आपसी सम्बन्धों में समानता लाने के लिए दोनों देशों के मध्य डाक, तार सेवा, जल, थल, वायुमार्गों द्वारा पुनः संचार व्यवस्था स्थापित की जाएगी। दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरे के और निकट आयें, इसलिए नागरिकों को आने-जाने की सुविधाएँ दी जाएँगी।
  4. जहाँ तक सम्भव हो सके, व्यापारिक तथा आर्थिक मामलों में सहयोग का सिलसिला शीघ्र| से-शीघ्र प्रारम्भ हो।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
भारत और श्रीलंका में तनाव का मुख्य कारण क्या रहा?
उत्तर :
तमिल समस्या भारत और श्रीलंका के बीच तनाव का मुख्य कारण रहा है।

प्रश्न 2.
भारत और पाकिस्तान में तनावपूर्ण सम्बन्धों के दो कारण बताइए।
उत्तर :

  1. कश्मीर की समस्या तथा
  2. सिक्ख उग्रवादियों को पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षण और सहायता देना।

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प्रश्न 3.
1987 ई० तक भारत और चीन में सीमा विवाद हल करने के लिए कई बार बातचीत हुई। क्या बातचीत की कोई ठोस परिणाम निकला?
उत्तर :
सात बार बातचीत हुई, किन्तु कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।

प्रश्न 4.
बाँग्लादेश का निर्माण कब हुआ?
उत्तर :
1971 ई० में बाँग्लादेश का निर्माण हुआ।

प्रश्न 5.
ताशकन्द समझौता कब हुआ था?
उत्तर :
ताशकन्द समझौता 1966 ई० में हुआ था।

प्रश्न 6.
भारत के चार पड़ोसी देशों के नाम लिखिए। [2013, 15]
उत्तर :
भारत के चार पड़ोसी देशों के नाम निम्नवत् हैं –

  1. नेपाल
  2. भूटान
  3. पाकिस्तान
  4. चीन।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत-चीन युद्ध कब हुआ था?
(क) 1956 ई० में
(ख) 1962 ई० में
(ग) 1965 ई० में
(घ) 1971 ई० में

प्रश्न 2.
प्रथम भारत-पाकिस्तान युद्ध कब हुआ था?
(क) 1962 ई० में
(ख) 1965 ई० में
(ग) 1971 ई० में
(घ) 1948-49 ई० में

प्रश्न 3.
ताशकन्द समझौता कब हुआ था ?
(क) 1950 ई० में
(ख) 1962 ई० में
(ग) 1966 ई० में
(घ) 1972 ई० में

प्रश्न 4.
शिमला समझौता कब सम्पन्न हुआ था?
(क) 1962 ई० में
(ख) 1965 ई० में
(ग) 1971 ई० में
(घ) 1972 ई० में

उत्तर :

  1. (ख) 1962 ई० में
  2. (घ) 1948-49 ई० में
  3. (ग) 1966 ई० में
  4. (घ) 1972 ई० में।

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UP Board Class 10 Commerce Model Papers Paper 1

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 10
Subject Commerce
Model Paper Paper 1
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 10 Commerce Model Papers Paper 1

समय : 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक : 70

निर्देश :

  • प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
  • सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • सभी प्रश्न हेतु निर्धारित अंक उनके सम्मुख अंकित हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प चुनकर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए।
(i) चालू सम्पत्तियों में सम्मिलित नहीं किया जाता है।
(a) व्यापारिक रहतिया
(b) रोकड़
(C) फर्नीचर
(d) अग्रिम भुगतान

(ii) तलपट के नीचे जो सूचनाएँ दी होती हैं, उन्हें किस नाम से जानते हैं? [1]
(a) जर्नल
(b) समायोजन
(C) खाताबही
(d) इनमें से कोई नहीं

(iii) प्राप्य बिल एक ………… खाता है।
(a) वास्तविक
(b) व्यक्तिगत
(c) नाममात्र।
(d) इनमें से कोई नहीं

(iv) अनुग्रह दिवस के रूप में कितने दिन स्वीकार किए जाते हैं? [1]
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार

(v) बैंक समाधान विवरण तैयार किया जाता है। [1]
(a) लाभ ज्ञात करने के लिए
(b) लाभ-हानि ज्ञात करने के लिए
(c) रोकड़ पुस्तक के शेष का पास बुक के शेष से मिलान करने के लिए
(d) रोकड़ पुस्तक का शेष ज्ञात करने के लिए

प्रश्न 2.
(i) अन्तर्राष्ट्रीय कॉल क्या है?
(ii) संकेत कार्ड क्या है?[1]
(iii) अनुक्रमणिका का एक लाभ लिखिए।
(iv) चैक पर किसके हस्ताक्षर होते हैं?

प्रश्न 3.
(i) चैक का रेखांकन किसे कहते हैं? रेखांकन के दो उद्देश्य बताइए। [1+1]
(ii) विनिमय-विपत्र का नमूना दीजिए। [2]
UP Board Class 10 Commerce Model Papers Paper 1 image 1
(iii) लाभ-हानि खाते के डेबिट पक्ष में लिखी जाने वाली दो मदों को लिखिए। [1+1]
(iv) हुण्डी से क्या आशय है? इसकी दो विशेषताएँ बताइए। [1+1]
(v) चीन और जापान के मध्य होने वाले व्यापार का नाम बताइए तथा इसे | परिभाषित कीजिए। [1+1]
(vi) समाशोधन-गृह की परिभाषा दीजिए। [2]

प्रश्न 4.
निम्न विवरण से 31 मार्च, 2015 को बैंक समाधान विवरण-पत्र बनाइए।  [4]
(i) रोकड़ बही के बैंक खाते का क्रेडिट शेष (अधिविकर्ष) ₹ 14,400 है।
(ii)₹ 6,160 के चैक बैंक में जमा कराए गए, परन्तु राशि जमा नहीं हुई।
(iii) देनदारों को ₹ 2,880 के चैक जारी किए गए, किन्तु भुगतान के लिए प्रस्तुत नहीं किए गए।
(iv) बैंक ने ₹ 200 अपना बैंक व्यय लगाया।
(v) ₹ 4,000 एक ग्राहक ने व्यापारी के बैंक खाते में सीधे जमा करवाए।

प्रश्न 5.
तार से क्या तात्पर्य है? तार के कोई चार भेदों का वर्णन कीजिए। [2+2]

प्रश्न 6.
(अ) (i) साधारण कमीशन व परिशोध कमीशन से क्या आशय है? [1+1]
(ii) थोक व्यापारी के कोई चार कार्य बताइए। [2]

(ब) (i) देशी व्यापार और विदेशी व्यापार में कोई दो अन्तर लिखिए।[1+1]
(ii) भारतीय स्टेट बैंक के वर्जित कार्य बताइए। [2]

प्रश्न 7.
समायोजनाओं से आप क्या समझते हैं? अन्तिम खाते तैयार करते समय की जाने वाली छः प्रकार की समायोजनाओं की विवेचना कीजिए व उनसे सम्बन्धित जर्नल प्रविष्टियाँ भी कीजिए। [2+6]
अथवा
श्री नारायण के निम्नलिखित तलपट से 31 मार्च, 2014 को समाप्त होने
वाले वर्ष के लिए व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा इसी तिथि का आर्थिक चिट्ठा तैयार कीजिए। [2+3+3]
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अन्तिम खाते बनाने से पूर्व निम्नलिखित समायोजनाएँ करना आवश्यक है|
(i) अन्तिम रहतिया को मूल्य ₹ 50,000 था।
(ii) बीमा व कर के हैं  100 अदत्त हैं।
(iii) विज्ञापन के ₹ 50 पूर्वदत्त हैं।
(iv) भवन, फिक्चर्स व फिटिंग्स पर 5% की दर से ह्रास लगाना है।
(v) देनदारों पर 5% की दर से अशोध्य ऋण संचिति कीजिए।
(vi) पूँजी पर 5% वार्षिक ब्याज लगाइए।

प्रश्न 8.
उत्पादन से आप क्या समझते हैं? उत्पादन के प्रकार या उपयोगिता वृद्धि की रीतियों का विस्तार से वर्णन कीजिए। [2+6]
अथवा
निम्नलिखित सूचनाओं के आधार पर आवश्यक कल्पनाएँ करते हुए बीजके बनाइए। [8]
(i) विक्रेता जोधपुर में कपड़े का एक थोक व्यापारी है।
(ii) क्रेता जयपुर में कपड़े का एक खुदरा व्यापारी है।
(iii) चालू वर्ष में 20 मार्च को निम्नलिखित माल बेचा और भेजा गया
UP Board Class 10 Commerce Model Papers Paper 1 image 3
(iv) विक्रेता द्वारा निम्नलिखित व्यय किए गए
(a) पैकिंग बेचे गए माल के कुल मूल्य का एक प्रतिशत
(b) ढुलाई पैकिंग व्यय का 20%
(c) बीमा पैकिंग व्यय का 100%
(d) रेलभाड़ा उपरोक्त तीनों व्ययों के योग का 1/4 भाग व्यापारिक एवं नकदी छूट की दरें क्रमशः 10% एवं 5% हैं। माल नकद बेचा गया। रेलवे रसीद इलाहाबाद बैंक के माध्यम से भेजी जाती है।
बीजक पर साझेदार हस्ताक्षर करता है।
बीजक का नम्बर OP-7579 है।
यह माल आदेश संख्या 105 के अनुसार बेचा गया था।

प्रश्न 9.
केन्द्रीय बैंक से क्या आशय है? इसके द्वारा किए जाने वाले साख नियन्त्रण के उपायों को लिखिए। [2+6]
अथवा
हमारे देश में सहकारी बैंक की असफलता के क्या कारण हैं? इन्हें उपयोगी बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? [4+4]

प्रश्न 10.
बैंकों द्वारा खोले जाने वाले बचत खाते व चालू खाते का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए। [4+4]
अथवा
बचत से आशय बताइए। इसके महत्त्व को भी स्पष्ट कीजिए। [3+5]

Solutions

उत्तर 1.
(i) (c) फर्नीचर
(ii) (a) समायोजन
(iii) (d) वास्तविक
(iv) (c) तीन
(v) (c) रोकड़ पुस्तक के शेष का पास बुक के शेष से मिलान करने के लिए।

उत्तर 2.
(i) जब एक देश में रहने वाला व्यक्ति दूसरे देश में रहने वाले व्यक्ति से टेलीफोन पर सीधे बातचीत करता है, तो इसे अन्तर्राष्ट्रीय कॉल कहा जाता है।

(ii) ये कार्ड मोटे व सख्त कागज के बने होते हैं। इन पर संख्या, अक्षर, विषय या नगर का नाम अंकित होता है। इनको दराज में फोल्डर हूँढने या दराजों को कई भागों में बाँटने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

(iii) अनुक्रमणिका के द्वारा पत्रों को शीघ्रता व सुगमतापूर्वक फाइल किया जा सकता है।

(iv) चैक पर लेखक के हस्ताक्षर होते हैं।

(v) रिज़र्व बैंक का राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी, 1949 को किया गया।

उत्तर 3.
(i) चैक का रेखांकन जब चेक को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से इसके मुख्य पृष्ठ पर दो समानान्तर तिरछी रेखाएँ खींच दी जाती हैं, तो इसे चैक का रेखांकन करना कहा जाता है। चैक के रेखांकन के उद्देश्य चैक के दो उद्देश्य निम्नलिखित हैं

1. रेखांकन से भुगतान सुरक्षित रूप से किया जा सकता है।
2. रेखांकित चैक को भुगतान का पक्का प्रमाण माना जाता है।

(ii) विनिमय-विपत्र का नमूना
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(iii) लाभ-हानि खाते के डेबिट पक्ष में लिखी जाने वाली दो मदें निम्नलिखित हैं1. वेतन कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन का लेखा लाभ-हानि खाते के डेबिट (ऋणी) पक्ष में लिखा जाता है। 2. विज्ञापन व्यय व्यापार के विक्रय की वृद्धि करने व व्यवसाय के विस्तार | हेतु किए गए विज्ञापन व्ययों को लाभ-हानि खाते के डेबिट (ऋणी) पक्ष में लिखा जाता है।

(iv) डॉ. गणतन्त्र कुमार गुप्ता के अनुसार, “हुण्डी भारतीय भाषा में लिखा गया एक साख-पत्र होता है, जिसमें लिखने वाला किसी निश्चित व्यक्ति को आदेश देता है कि वह उसमें लिखित धनराशि का भुगतान स्वयं को या किसी आदेशित व्यक्ति को या उनके आदेशानुसार धारक को कर दे।” हुण्डी की दो विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

1. निश्चित संख्या प्रत्येक हुण्डी में एक निश्चित संख्या अंकित की जाती | है, जो इसके ऊपर बाईं ओर लिखी जाती है।
2. लेखक के हस्ताक्षर इसके अन्त में दाईं ओर लेखक के हस्ताक्षर होते हैं।

(v) चीन और जापान के मध्य किए जाने वाले व्यापार को विदेशी व्यापार के नाम से जाना जाता है। परिभाषा दो अलग-अलग देशों के मध्य किया जाने वाला व्यापार विदेशी व्यापार कहलाता है।

(vi) प्रो. टॉजिंग के अनुसार, “समाशोधन-गृह (Clearing House) किसी एक स्थान के बैंकों का ऐसा सामान्य संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य बैंकों द्वारा निर्मित परस्पर दायित्व का चैकों द्वारा निपटारा या भुगतान करना होता है।”

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UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 3 प्रायश्चित

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 11
Subject Samanya Hindi
Chapter Chapter 3
Chapter Name प्रायश्चित (भगवतीचरण वर्मा)
Number of Questions 2
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 3 प्रायश्चित (भगवतीचरण वर्मा)

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प्रश्न 2.
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(3) उद्देश्य–वेर्मा जी की इस कहानी का उद्देश्य इस सत्य को अभिव्यंजित करना है कि वर्तमान में मनुष्य का लगाव मात्र धेन में केन्द्रित है, शेष सभी रिश्ते-नाते नगण्य होते जा रहे हैं। कहानी में धर्मान्धता पर भी प्रहार किये गये हैं तथा समाज में व्याप्त रिश्वतखोरी, बेईमानी और मतलबपरस्ती पर भी यथार्थवादी व्यंग्यों का प्रहार करते हुए धर्मान्धता के वशीभूत हुए लोगों को इस पाश से निकालने का प्रयास किया गया है। लेखक को कहानी लिखने के उद्देश्य में पूर्ण सफलता मिली है।

इस प्रकार ‘प्रायश्चित कहानी लेखक की सफल यथार्थवादी रचना है। कहानी का आरम्भ, मध्य और समापन रोचक व औचित्यपूर्ण है। कहानी में अन्त तक यह कौतूहल बना रहता है कि प्रायश्चित में पण्डित परमसुख को क्या मिलेगा ? अन्त अप्रत्याशित और कलात्मक है। कहानी-कला की कसौटी पर ‘प्रायश्चित एक सफल, व्यंग्यात्मक तथा यथार्थवादी सामाजिक कहानी के रूप में खरी उतरती है।

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